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हमारे यहाँ एक नौकरानी है गंगू बाई नाम की. उसकी उमर भी 20 साल की Sex Stories है. उसका रंग साँवला है और फ़ेस कटिंग एकदम अमीशा पटेल की तरह है। उसके बूब्स एकदम बड़े है और उसकी गांड है एकदम बाहर है. मैं उसको चोदने का ख्वाब बहुत पहले से देखता हूं.
मेरा ये सपना पूरा हुआ जब मेरी मम्मी औस्ट्रेलिया मेरे पापा के पास गयी।
उस दिन मैं घर में था सुबह गंगू बाई आयी तो मैंने दरवाज़ा खोल दिया.
वो अपना काम करने लगी.
मैं तभी अपने बेडरूम में जा के एकदम नंगा हो गया. उसको चोदने का ख्याल आते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। मैं रात में ही वियाग्रा की गोली लाया था, मैंने उसको खा लिया।
फिर मैंने गंगू बाई को आवाज़ मारी.
वो जब मेरे बेडरूम में आयी तो हैरान हो गयी. मुझे नंगा देख कर हँस के वो किचन में भाग गयी.
मैं उसके पीछे गया. जैसे ही मैं किचन में गया तो वो मुझसे बोली- तुम्हारा इरादा क्या है?
मैं बोला- गंगू बाई रानी, मुझे तेरी चूत को चोदना है.
यह सुनते ही वो मेरी तरफ़ आयी और बोली- इतना कहने में इतने दिन लगा दिये?
मैं उसको फिर गोद में उठा के बेडरूम में ले गया. वहाँ मैंने उसको नंगा कर दिया. उसके बूब्स एकदम पिंक और रसीले थे. मैं झट से उसके बूब्स अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और एक बूब को अपने हाथ से मसलने लगा.
वो आह्ह उह्ह कर रही थी.
मैंनेदस मिनट तक उसके दोनों बूब्स को चूस के और मसल के लाल कर दिया.
तभी मुझे मेरे लंड पे कुछ गीला लगा. मैंने देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था।
मैं झट से उसकी चूत पे मुँह डाल के चाटने लगा उसकी चूत के दाने (क्लिट) को अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो जोर जोर से चिल्लाने लगी और तड़पने लगी।
अपनी एक उंगली मैंने उसकी चूत में डाल दी। उसकी चूत एकदम टाइट थी। जैसे ही मैं उंगली अंदर बाहर कर रहा था तभी उसका पानी निकल गया.
मैंने सारा पानी चाट लिया और फिर उठ गया.
उसकी गांड के नीचे मैंने दो तकिये रख दिये और उससे कहा- देख आज़ इस लंड से तेरी चूत को चोदूँगा. तूने कभी ऐसी चुदाई करवाई है?
उसने कहा- नहीं.
तो मैंने कहा- तुझे दर्द होगा, सहन करना, फिर बहुत मज़ा आयेगा.
यह कह के मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा वो बहुत ही टाइट थी जैसे ही मैंने एक धक्का लगाया वो जोर जोर से रोने लगी।
एक और धक्का लगाया मैंने तो वो चिल्लाने लगी और कहने लगी- छोड़ दो मुझे, मुझे नहीं चुदवाना।
मैंने एक और धक्का लगाया तो मुझे लगा कोई चीज़ मेरे लंड को उसकी चूत में रोक रही है.
मैं समझ गया कि उसकी सील है.
मैंने दोनों हाथों से उसके कंधों को पकड़ा और एक जोरदार धक्का लगाया. मेरा लंड उसकी चूत की सील फाड़ते हुए ४ इंच अंदर चला गया.
उसकी चूत से खून आने लगा और पानी भी.
मैं रुक गया.
वो बहुत ही जोर से चिल्ला रही थी और रो रही थी.
मैंने उसके बूब्स को मसलना चालू किया. दस मिनट के बाद वो शांत हो गयी, मैं फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा।
दस मिनट तक मैं धीरे धीरे धक्के लगा रहा था, जब मुझे लगा उसे मज़ा आ रहा है.
तभी मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया.
उसकी चूत से पानी निकलने लगा. जैसे ही मैंने थोड़ा लंड को बाहर निकाला उसकी चूत से खून निकलने लगा.
मैं रुक गया. दस मिनट के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरु कर दिये.
मैंने उसे पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो बोली- दर्द तो कम हुआ है पर मज़ा नहीं आ रहा!
यह सुन के मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर में उसकी चूत का पानी गिर गया.
मैंने उसे और जोर से चोदना शुरू कर दिया क्योंकि मैंने वियाग्रा खाया था. तो मुझे मालूम था कि मेरा पानी लेट गिरेगा.
मैं उसको और 30 मिनट तक चोदता रहा.
वो भी बोलती रही- चोद मुझे शान … चोद मुझे … और जोर से आहह उहह शान. हह चोद रे चोद मुझे रंडी बना दे रे चोद मुझे. आह्हह मेरा पानी निकल रहा है आहह उहह!
और उसकी चूत का पानी ४ बार निकल गया।
तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे उठने को कहा.
वो उठ नहीं पा रही थी.
उसको मैंने अपनी गोद में लिया और दीवार के सहारे खड़ा कर दिया. उसकी चूत से खून और पानी टपक रहा था. उसके झांट के बाल एकदम गीले हो गये थे.
मैंने उसको खड़ा किया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रख के उसके पैर अपने हाथ में ले लिये।
अभी वो पूरी तरह से हवा में थी।
दीवार से चिपक के मैंने झट से एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था. दस मिनट में ही उसका पानी निकल गया. मेरे हाथ दुख रहे थे तो मैं उसको बेड पे लिटा के आँधी की तरह चोदने लगा.
मैंने उसको आधा घंटा वैसे ही चोदा. मैं पूरा पसीना हो गया था. वो कम से कम 8 बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी.
तभी मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है. मैंने अपने लंड निकाल के उसके मुँह में डाल दिया. वो उसे एकदम लोलीपोप की तरह चूसने लगी. तभी मेरा माल उसके मुँह में निकल गया और उसने उल्टी कर दी.
मैं उसको गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और उसके साथ नहाने लगा. मेरा लंड एकदम टाइट था वियाग्रा की वजह से।
उसके बाद मैंने उसको बाथरूम में भी चोदा पर यह अगली बार में। Sex Stories
कोठे की कुतिया में आपने Sex Stories पढ़ा कि मौसी ने किस तरह से मुझे एक रंडी बना दिया था।
अब पढ़िए कि किस तरह से मौसी ने मेरी चूत और गांड का भोंसङा बना दिया।
मैं और मोनी मौसी के साथ एक पारदर्शी मैक्सी पहन कर ऊपर की तरफ चले गए जहा मोंटी अंकल हमारा इंतजार कर रहे थे। अंकल को देखकर मौसी बोली- डार्लिंग मस्त लोंडिया तुम्हरे लिए बचाकर रखी हुई है, छूते ही मस्तिया जाओगे और तुम्हारा चेला कहाँ है? मोनी को उसके लिए बचाकर रखा है।
अंकल बोले- टीनू आ रहा है, वो जरा दारू का इंतजाम कर रहा है।
मौसी ने पहले ही मुझे काफी बातें सिखा दी थी कि ग्राहक की सेवा कैसे की जाती है। मैं अंकल के पास जाकर बेठ गई और उनके लौड़े को जींस के ऊपर से रगड़ने लगी।
अंकल मेरे चूतड़ मसलते हुए बोले- मौसी, तुम यह झबले क्यों पहना लाती हो ?
मौसी के इशारे पर मैंने अपनी मैक्सी उतार दी।
अंकल मुस्कराए और बोले- समझदार है !
उन्होंने आगे से मेरी उभरी हुई चूत पर हाथ फेर कर कहा- साली की पाव रोटी तो बड़ी चकाचक है ! ज्यादा चुदी भी नहीं लगती है !
मौसी बोली- बिलकुल ताजा माल है ! पीछे से तो पूरी कुंवारी है आगे से भी लंड छुली हुई है बस। आज तुम्हें इसकी चूत का भोंसड़ा बनाना है।
अंकल गरम हो रहे थे उन्होंने जींस में से लौड़ा निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया। थोड़ा सहलाने के बाद मैंने अंकल का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मेरी चूत चुदने को पगला रही थी। मौसी बाहर जाने लगीं और मुझसे बोली- अंकल जैसे कहें वैसा करना ! अगर अंकल खुश नहीं हुए तो तेरी चूत और गांड की भोंसड़ी तो बनाउंगी ही, साथ ही साथ चेहरा भी इतना सुंदर कर दूँगी कि कोई तुझे चोदने के दो रुपए भी नहीं देगा।
मौसी मोनी को लेकर बाहर चली गई और बोली- अंकल, मौज करो ! टीनू को दूसरे कमरे में बैठा दूँगी।
अंकल का लंड बहुत सुंदर था। आट इंच लम्बा लंड किसी भी औरत की चूत चोद चोद कर फाड़ने के लिए काफी था।
मैं अंकल का लंड मुँह में आगे पीछे करते हुए मस्ती से चूस रही थी। सच मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अंकल ने मेरे चूतड़ थपथपाते हुआ कहा- थोड़ा अपनी चूत चुसवा ! बहुत मस्त लग रही है।
उन्होंने मेरी टाँगें खींच कर अपने मुँह की तरफ कर ली अब मैं और अंकल 69 कि अवस्था में एक दूसरे के ऊपर थे, अंकल नीचे से मेरी चूत के होंठ चूस रहे थे और मेरे मुँह में उनका लौड़ा गरम हो रहा था। मेरी बुर पानी छोड़ने लगी थी, हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह चिपके हुए चूत और लंड की चुसाई का मज़ा ले रहे थे।
थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे ऊपर से हटा दिया और सीधे पलंग पर लेटा दिया और अपने तने हुए लंड को हाथ से पकड़ कर मेरी चूत पर फिराने लगे। मैं चुदने के लिए बुरी तरह से पगलाने लगी। मेरे मुँह से ऊह आह आह आह अंकल चोदो मुझे चोदो जैसी आवाजें निकलने लगी।
अंकल ने थोड़ी देर में अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी दोनों चूचियां दबाकर कर एक जोर का झटका दिया। मैं एकदम से बुरी तरह से चिल्ला उठी। अंकल का लंड मेरी चूत में अंदर तक घुस चुका था। मेरी चीख निकल गई- उईऽऽ मर गई ! मर गई ! मर गई, छोड़ो ! बहुत दुःख रही है छोड़ो !
अंकल ने मेरे दूध भोंपू की तरह दबाते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में मुझे चुदने में मजा आने लगा। अब मैं मस्त होकर चिल्ला रही थी, मेरे मुँह से ऊ ऊहं ऊहं ओह आह आह अहह बड़ा मज़ा आया और चोदो चोदो आह आह बहुत मज़ा आ रहा है जैसे आवाजें निकलने लगी।
अंकल चोदने में बहुत माहिर थे, कभी धीरे धीरे लंड अंदर-बाहर करते थे और कभी तेज कर देते थे। बराबर वो चूचियां और चुचक भी मसल रहे थे और होठों पर भी काट रहे थे। उनकी चुदाई में एक मज़ा था। मेरे होठों में अपने होंठ डालते हुए अंकल बोले- कुतिया थोड़ी गांड हिला हिला कर लंड अंदर ले ! बहुत मज़ा आयेगा।
मैं अपनी गांड धीरे धीरे हिलाने लगी। अब मेरी चुदने की मस्ती बढ़ गई थी, चुदने का मज़ा दुगना हो गया था। थोड़ा चोदने के बाद अंकल ने मुझे तिरछा कर दिया और मेरी टांग उठाकर पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और पीछे से मेरी चूत में धीरे धीरे धक्के मारने लगे।
मैं इस समय चरम सीमा का अनुभव कर रही थी, मेरी चूत बहुत तेज धार से पानी छोड़ रही थी। अंकल ने भी अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरी चूत पूरी वीर्य से भर गई थी। मुझे आज चुदाई में एक चरम सीमा का आनंद आया।
बहुत दिनों के बाद मैं चुदी थी, चुदने के बाद मैं मस्तिया कर लेट गई। अंकल उठे और उन्होंने डीवीडी पर एक नग्न मूवी लगा दी और कमरे में रखे फ़्रिज से दारू की बोतल निकाल ली और दारू का ग्लास बना लिया। मूवी में दो हब्शी एक लड़की की गांड और चूत एक साथ मार रहे थे। अंकल अपना लौड़ा सहलाने लगे, थोड़ी देर में अंकल का लंड फिर खड़ा हो गया था। उन्होंने मुझे इशारा किया, मैं उठकर अंकल के पास आ गई। अंकल ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया।
उनका लौड़ा पूरा तन गया था। उन्होंने दारू का ग्लास मुझे पकड़ा दिया और मेरी टांगें चौड़ी कर थोड़ा नीचे को फिसलते हुए अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। अब मैं अंकल के लौड़े पर बैठी हुई थी। एक हाथ से अंकल दारू का ग्लास पकड़े हुए थे और एक हाथ से कभी मेरी चूत का दाना सहला देते और कभी चुचक दबा देते। ब्लू फिल्म मैं भी बड़े प्यार से देख रही थी अंकल ने मेरी चूत में अपना लौड़ा फिट कर रखा था। बीच बीच में वो एक दो धक्के मुझे उचका के मार देते थे। मेरा बदन एक बार फिर गरम होने लगा था।
हम दोनों सोफा कुर्सी पर बैठे थे जिसके हत्थे नहीं थे। अंकल ने मेरी चुचकों पर चुटकी काटी और मेरे स्तन दबाते बोले- जरा साइड में देख !
साइड में एक बड़ा शीशा लगा हुआ था, मैं नंगी शीशे में देखकर शरमा गई। अंकल ने मुझे बैठे हुए ही कुर्सी मोड़ दी अब मैं शीशॆ के सामने थी और नंगी उनके लंड पर बैठी हुई अपने को देख रही थी। मैं पूरी रंडी बनी हुई थी अंकल ने अपनी टाँगें चौड़ी कर दी।मेरी चूत और उसमें घुसा हुआ लंड अब साफ़ दिख रहा था। अंकल मुझे कमर से पकड़ कर धीरे धीरे उछालने लगे और बोले- थोड़ा लौड़े पर कूद ले ! मौसी की रंडियां इतनी शर्माती तो नहीं हैं ! मस्ती से चुदवा, नहीं तो मौसी से शिकायत करनी पड़ेगी।
मौसी का नाम सुनकर मैं डर गई और उनके लौड़े पर उछल-उछल कर खुद चुदने लगी। आज तक मैं अपने पति से कभी रौशनी में नहीं चुदी थी। अब यहाँ चूत चौड़ी कर खुद चुद रही थी और अपनी चुदाई शीशे में देख रही थी। अंकल भी अब अपना लौड़ा गांड हिला हिला कर तेजी से पेल रहे थे, लेकिन मुझे चुदाई में जन्नत का मज़ा आ रहा था। मैं चुदाई की मस्ती में नहा रही थी। अंकल ने कुछ देर बाद मुझे सोफे के नीचे बैठा दिया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया और अपना सारा लंड रस मेरे मुँह में उतार दिया। मेरा मुँह अंकल के लंड रस से भर गया जिसे मुझे अपने अंदर लेना पड़ा इसके बाद अंकल ने मुझे छोड़ दिया। मैं पेशाब करने बाथरूम में चली गई बाथरूम में दरवाज़ा नहीं था केवल पर्दा पड़ा था।
रात के तीन बज़ रहे थे, अंकल ने दूसरी ब्लू फ़िल्म लगा ली और मुझे बगल में बैठा लिया। उन्होंने मेरे गले में हाथ डाल लिया और थोड़ी देर बाद बोले- जा जरा मेरी पैंट की जेब में एक थैली पड़ी होगी, उसे लेकर आ।
मैं थैली लेकर आ गई। उसमें एक गोली का पत्ता था और एक ट्यूब रखी थी। अंकल ने एक गोली निकाल कर खा ली और ट्यूब साइड में रख ली। ब्लू देखते हुए अंकल मेरी चूचियां दबा रहे थे और चूचक नोच रहे थे। मैं अब थक रही थी और मेरी चूत की प्यास शांत हो चुकी थी।
थोड़ा इतरा कर मैं बोली- डार्लिंग, नींद आ रही है, सोने जाने दो न !
अंकल बोले- बस अभी से? अभी तो तुम्हरी गांड भी नहीं मारी है। अच्छा एक काम करो इस ट्यूब से क्रीम निकाल कर मेरे लौड़े पर मलो, मरती क्या नहीं करती ! मैं झुककर अंकल के लौड़े पर क्रीम मलने लगी। अंकल ने क्रीम से सनी दो ऊँगली एक साथ मेरी गांड में अंदर तक घुसा दी। मैं अनमने मन से उई उई करते हुए अपनी गांड में ऊँगली घुसवा रही थी और अंकल के लौड़े और सुपाड़े पर क्रीम की मालिश कर रही थी। थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे लौड़ा चूसने के लिए बोल दिया। अब अंकल का क्रीम लगा चिकना लौड़ा मैं मुँह में चूसने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि सेक्स मस्ती की जगह मैं जैसे कोई सेक्स की मजदूरी कर रही हूँ।
अंकल अब ऊँगली की जगह अपने पैन को मेरी गांड में आगे पीछे कर रहे थे। मुझे लग रहा था कि अब मेरी गांड फाड़ी जाएगी। थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझे फिर बगल मैं बैठा लिया। अंकल का लंड तनतना रहा था। लेकिन अब मेरा चुदने का मन नहीं हो रहा था। थोड़ी देर बाद मुझे पेशाब आने लगी। मैं उठी और मुस्करा के बोली- अंकल पेशाब कर के आती हूँ !
अंकल कुटिलता से मुस्कराए और बोले- ठीक है !
मैं उठी और बाथरूम में चली गई।
जब मैं पेशाब कर के उठी तो देखा अंकल पीछे खड़े थे और उनका लंड उछाल मार रहा था। अंकल ने पीछे से कमर से मुझे पकड़ लिया और बोले पीछे का माल तो तेरा बड़ा मस्त है, चल झुक जरा तेरी गांड तो चोद दूँ ! क्या मस्त दिख रही है !
अंकल की पकड़ बड़ी मजबूत थी, मुझे कुतिया की तरह झुकना पड़ा। मैंने अपने हाथ इंग्लिश टोइलेट सीट पर लगा दिए। उन्होंने अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दी और कस कस के गोल गोल गांड के अंदर घुमा दी। मैं ऊई ऊई कर के कराह उठी। अंकल ने ढेर सारा थूक मेरी गांड पे डाल कर अपना सुपारा मेरी गांड के मुँह पर रख दिया और एक तेज झटका मारकर सुपारा मेरी गांड में घुसा दिया। मेरी चीख निकल गई और मैं चिल्ला उठी- उई उई मर गई मर गई !
लेकिन रंडी तो बजने के लिए ही बनी है, अंकल अब अपना लंड मेरी गांड में घुसा रहे थे, चिकना लंड मेरी गांड में अंदर तक घुसता जा रहा था। मेरी आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा था। अंकल ने अपना पूरा लंड मेरी गांड में ठूस दिया था मुझे ऐसा लगा कि मैं बेहोश हो जाउंगी। मैं चीख कम और रो ज्यादा रही थी। मेरे दोनों चूतड़ फाड़ दिए गए थे। अगले दो मिनट बाद ही में बहुत तेजी से चिल्ला उठी। अंकल ने पूरा लंड बाहर खींच कर फिर दुबारा एक झटके में अंदर डाल दिया था। मेरी चीख बहुत तेज थी। पूरी नीचे गली तक गई होगी क्योंकि रात के तीन बज़ रहे थे और एक शांति सी थी। लेकिन यहाँ तो रोज लड़कियां बजती थीं इसलिए मुझे उम्मीद नहीं थी कि कोई मुझे बचायेगा अब कोठे की कुतिया के दोनों छेद फट गए थे, अंकल ने मेरी गांड बजाना शुरू कर दी थी। वाकई चुदाई तो मेरी अब हो रही थी, अभी तक तो मैं चूत लौड़े की मस्ती ले रही थी जो शरीफ औरतें रोज़ अपने पति से लेती हैं। चुदाई क्या होती है यह तो बस रंडी ही जानती है।
वाकई मौसी ने मुझे कुतिया बनाकर कोठे पर चुदवा दिया था। मेरे मुँह से बार बार उई मर गई फट गई बचाओ छोड़ो मुझे छोड़ो ऊ मर गई ऊ ओई ऊ ओई ऊ ओई फट गई की आवाजें निकल रही थीं अंकल ने दस मिनट तक मेरी गांड बुरी तरह से ऐसे चोदी जैसे कि सड़क की कुतिया की कुत्ते चोदते हैं। उसके बाद उन्होंने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। मैं बाथरूम में ही लेट गई थी। अंकल ने मुझे उठाकर पलंग पर डाल दिया।
अब मेरी गांड और चूत दोनों फट गई थीं। अंकल मेरी बगल में लेट गए थे।
आधे घंटे बाद मौसी एक आदमी और एक रंडी जिसका नाम शोभा था, के साथ अंदर आई और बोली- अंकल, क्या हुआ ? ठंडे पड़ गए?
अंकल मुस्कराए और बोले- तीन राउंड निपटा चुका हूँ, तेरी कुतिया ठंडी पड़ी है।
अंकल उठकर पलंग के पास सोफा कुर्सी पर बैठ गए। मौसी ने मेरी चूत पे हाथ फिराया और बोली- तेरी मुनिया तो बड़ी चकाचक हो रही है। बड़े आराम से लेटी हुई है, लगता है जैसे कि हनीमून के मज़े ले रही हो ! चल उठ और धंधा कर साली ! जब तक तेरी मुनिया बुरी तरह से सुजेगी नहीं, तब तक चुद ! उसके बाद तुझे खुद ही नींद आ जाऐगी। चल उठ और ग्राहक के लिए ग्लास बना। मैं खड़ी हो गई। जानी पलंग पर बैठ गया।
शेष दूसरे भाग में ! Sex Stories
सभी पाठकों को मेरा प्रणाम !यह कहानी Hindi Sex Stories सच्ची है …मेरी शादी होने के बाद जब मैं ससुराल गया और मेरी साली भैरवी को देखा तो देखते ही रह गया !
क्या बदन था … क़यामत थी … बड़े लम्बे बाल … गोरा रंग .. काली आँखें… बड़े बड़े स्तन …बड़े उभरे हुए नितम्ब …. आऽऽहा … क़यामत थी ….
शुरु में तो वो भाव खा रही थी … मेरी बीवी को बच्चा होने वाला था….मैं भी वहाँ रहता था … रोज काफी मस्ती होती थी। मैं भी उसको छू लेता था तो वो कुछ नहीं बोलती थी …
बाद में उसकी शादी हुई … उसकी उसके पति से नहीं बनी और उसने तलाक ले लिया।
अब वो मेरी साथ काफी बातें करती थी और खूब घुल मिल गई थी … जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छू लेता.. वो कुछ नहीं कहती।
एक दिन रात को मैं उसके कमरे में गया …. उसके बालों में हाथ घुमाया … केले जैसी पिन्डलियों पर भी हाथ घुमाया !
उसने कोई विरोध नहीं किया … मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैं अपने होठों से उसके होंठ चूमने लगा …
उसको मजा आया, कहने लगी- मुझे तुम पहले से पसन्द थे !
फिर तो देरी किस बात की…
मैंने उसके संतरे जैसे स्तनों को हाथ में पकड़ा और मसलने लगा..
उसको भी मजा आ रहा था, कई दिनों से उसने लंड नहीं लिया था …
मैं तो उसको चाटने लगा। ऊपर का गाउन को हटा दिया, अब मेरे सामने वो सिर्फ पेंटी में थी और मैं उसले सारे बदन को चाटने लगा…
यह मेरी बहुत सालों से इच्छा थी जो आज पूरी हो रही थी….
उसके दोनों बूब्स जो मेरी जान थे, वो आज मेरे हाथों में थे …
वो कराह रही थी … काफी गरम हो रही थी….. उसकी गोरी काया ….. मुझे उत्तेजित कर रही थी… पूरा बदन जैसे किसी ने फ़ुरसत में बनाया हो ऐसा था…
मैं नसीब वाला हूँ… मेरी जीभ नीचे की ओर गई … एक भी बाल नहीं था …. मेरी जीभ ने अपना काम चालू कर दिया ….
वो भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी !
मेरा ७ इन्च का लंड उसके हाथ में था ….
वो उसको अन्दर लेने के लिए बेताब थी ….
मैंने धीरे से उसकी चूत के मुँह पर लंड को रखा और एक ही झटके में आधा अन्दर घुसेड़ दिया…
क्या टाइट चूत थी… जैसे नई ….
वो बोली …ओह …धीरे से ….
दूसरे झटके में पूरा घुसेड़ दिया…
उसकी आँखों में से पानी निकल गया …
फिर भी बोली …. मजा आया .. जल्दी करो…
मैं तो चालू हो गया
झटके पे झटके ….
उसने दोनों पैर ऊपर उठा के मेरे कंधो पे रख दिए ….
झटके लग ही रहे थे कि उसने मुझे बोला … कुछ और स्टाइल करते हैं …
मैंने बोला- कुतिया बन जाओ…
वो घूम गई और झुक गई…..
क्या गांड थी…
मैं तो पागलों की तरह चूमने लगा !
तो वो बोली … अरे ! दीदी जग जायेगी… !
मैं तो उसकी गांड का छेद देखते ही रह गया…..और उस में डालने की सोचने लगा।
लेकिन उसने मेरा पकड़ के अपनी चूत में घुसेड़ लिया…
मैंने फ़िर से झटके लगाना चालू कर दिया …
काफी समय के बाद उसका पानी निकल गया, मेरा निकलने वाला ही था कि उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी …. पूरा पानी पी गई… बोली- अच्छी चुदाई करते हो ! दीदी लकी है ! …. पहले मालूम होता तो पहले ही कर लेती….
मैं भी पूरी रात उसके साथ ही नंगा सोया रहा … पूरी रात में तीन बार उसकी चुदाई की ….. पर उसकी गांड मरने की इच्छा पूरी नहीं हुई …..
यह मेरी सच्ची कहानी है ….. Hindi Sex Stories
ये Antarvasna कहानी उस समय की है जब १२ में आया था हमारे एक नौकरानी थी उसकी २ बेटी थी छोटी बेटी की मस्त थी फ़ीगर देख कर किसी के मुंह में पानी आ जाये.
एक बार वो झाडू बैठ कर लगा रही थी में उसके पीछे से गुजरा और मैने अपना पैर उसके चूतड़ पे छुआ कर निकला वो चौंक गयी लेकिन कुछ नहीं बोली। इस तरह मैं हमेशा करने लगा, मुझे इस बात का डर नहीं लग रहा कि वो मम्मी से कुछ कह देगी।
एक बार सब लोग बाहर थे मैं अंदर रूम में, वो झाडू लगाने आयी मैने उसे पकड़ कर किस करने लगा वो हैरान हो गयी और कहने लगी मैं बता दूंगी मैने उसके मुंह में अपनी थूक डाल दी और उसके लिप चूसने लगा फिर मैने एक हाथ से उसके बूब्स छुआ और कसके दबाने लगा तभि किसी के अंदर आने की आवाज आयी मैने उसे छोड़ दिया।
फिर एक बार फिर वैसा मौका मिला उस दिन मैं उसे पीछे से पकड़ कर क्लोथ सेक्स करने लगा वो थोड़ा मुस्कुरा रही थी फिर वो ज़मीन पर बैठ कर पोंछा लगाने लगी फिर मैने एक हाथ उसके कुरते के अंदर गर्दन की साइड से डाल कर उसका एक बूब बाहर निकालने लगा वो छटपटा गयी वो उस समय समीज पहनती थी उसके निप्पल दिखने लगे फिर कोई आ गया।
एक बार मैं स्टोरी वाली मैगज़ीन लाया उसमे ज़्यादातर कहानी वर्जिन की थी मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं उसे घर में कहीं भी अकेला देखता तो उसको किस करने लगता।
एक बार मैने उससे पूछा चूत के बाल बनाती हो कि नहीं?
वो बोली- ये क्या होता है?
मैने उसकी चूत पर हाथ रख कर कहा इसको वो शरमा गयी और अंदर चली गयी।
हम लोग के यहां दो बाथरूम थे जिसमे एक बाथरूम कमरे और बाहर आंगन से जुड़ा था फिर जब वो बाथरूम में कुछ लेने जाती मैं कमरे से आकर उसको पकड़ कर किस करने लगता और अपना लंड बाहर निकाल कर उसको पकड़ने की कोशिश करता। जब मैने पूरी बुक पढ़ ली मैने सोचा अगर ये बुक इसको दे दूं तो ये बात आगे बढ़ सकती है। मैने बुक घर के दरवाजे के किनारे रखे गमले के पीछे रख दी और उसको बता दिया कि वहां बुक रखी है, ले जाना।
बाद में जब वो काम करके चली गयी तो मैने सोचा किताब ले गई कि नहीं मैने बाहर जाकर देखा तो किताब गायब थी। दो दिन बाद वो आयी तो उसकी आंखें चमक रही थी और अजीब सी नशीली थी।
मैने अकेले में उससे पूछा कैसी थी किताब उसने कहा बहुत गंदी थी.
मैने कहा- तो लाओ मेरी बुक वापस?
उसने कहा- मैने फेंक दी।
मुझे गुस्सा आया मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा और एक हाथ सो उसकी चूत दबाने लगा इस बार उसने ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया।
एक बार घर के सब लोग बाहर गये शाम से पहले कोई नहीं आना वाला था उस समय डोर बेल बजी मैने खोल के देखा दरवाजे पर सामने वो खड़ी थी, उसने कहा- मेम साहिब हैं?
मैने कहा- हां!
वो अंदर आ गयी।
मैने दरवाजा बंद कर दिया फिर मैं अंदर आ गया और जैसे वो रूम में आयी मैं उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा वो रिसपोंस कर रही ती फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मस्त हो गयी तभी वो चौंकी और बोली मेमसाहिब आ जायेंगी.
मैने कहा- घर पर कोई नहीं हैं।
वो डर गयी और बाहर जाने लगी मैने उसे पकड़ लिया वो रोने लगी- मुझे छोड़ दो।
मैने कहा इतने दिनो बाद मौका मिला है, कैसे जाने दूं।
फिर मैने अपने हाथ उसके कुरते के अंदर डाल कर उसके नंगे बूब्स कसके दबाने लगा. वो चिल्ला रही ती मगर मुझे मजा आ रहा था फिर मैने उसका कुरता उतारा वो विरोध कर रही थी मैने कहा चुपचाप करवा लो वरना जबर करना पड़ेगा और तुम्हारे कपड़े फट जायेंगे और सबको पता चल जायेगा और तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी अगर चुपचाप करवा लोगी तो किसी पता नहीं चलेगा।
उसका विरोध कम हो गया मैने उसकी सलवार उतार दी और पेंटी को चूमने लगा फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा जैसे मैं उसका बेटा हूं और उसका दूध पी रहा हूं वो बहुत गरम हो गयी स्सस्सशह्ह ह्हह्हह की आवाज़ आने लगी थी उसके मुंह से, फिर उसने कहा- मेरे निप्पल को और तेज चूसो.
मैं हैरान हो गया, मैने कहा- ये कहा सीखा वो बोली जो आपने किताब दी उसमे, उसने मुझे झूठ बोला था वो मेरे बोक्स में है मैने खुशी के मारे उसकी आंखों को चूम लिया।
फिर मैने उसकी पैंटी उतारी.
वो मुझसे कहा कि मुझे बाथरूम आ रहा है.
मैं उसे बाथरूम ले गया और मैने उसे अपने सामने मूतने के लिये विवश किया वो शरम से पानी-२ हो गयी। और मैने उसके पेशाब में अपने हाथ धोये मुझे लगा कि गरम पानी से हाथ धो रहा हूं फिर मैने उसे ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और ६९ पोसिशन में अपना लंड उसके मुंह में डाला और उसकी क्लीन शेव चूत चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी मैने उसका टेस्टी कम पी लिया. फिर मैं भी झड़ गया वो मेरा कम मुंह में लेकर गटक गयी, पर उसको थोड़ा अजीब मगर अच्छा लगा।
फिर मैने अपना लंड उसे पकड़ कर बड़ा करने को कहा वो उससे खेलने लगी। जब मेरा ६” का कड़ा हुआ तो मैने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का मारा टोपा अंदर घुसा था वो चिल्लाने लगी ईइ मार डालाअ बाहर निकालो मैने उसका मुंह बंद करके धक्के मारने लगा उसके आंसु निकलने लगे वो मेरी तरफ़ गुस्से से देख रही थी उसका मुंह बंद था। फिर मैं तेजी से उसे पेलने लगा वो चाहते हुए भी चीख नहीं पा रही थी मैने उसकी ह्य्मेन ब्रेक का सीन अपने मोबाइल पर शूट कर लिया उसकी चूत से खून बह रहा था थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई और मजे लेने लगी उसके मुंह से आवाज आने लगी फ़ाड़ दो मेरी।
यह तुम्हारी है मुझे पता नहीं था कि इसमे इतना मजा आता है, अब मैं तुमसे रोज चुदवाउंगी ओह्हह्ह यीईईईई और वो झड़ गयी मैं उसे पेलता रहा मेरा लंड भी झड़ने वाला था, मैने धक्के तेज कर दिये और उसकी चूत में झड़ गया उसकी चूत मेरे लावा और खून से सनी थी मैने उसको बैठने को कहा उसको दर्द हो रहा था बड़ी मुश्किल में बैठी तो उसकी चूत से मेरा वीर्य निकलने लगा मैने ये भी शूट किया।
दिन में उसे ३ बार पेला फिर मैने उसे पैन किलर दी और उसकी चूत की सिकाई की उसको देख कर मेरी फट रही थी कहीं उसने किसी को बता दिया या उसे देखकर किसी को पता चल गया तो। लेकिन सब ठीक रहा.
उसके बाद उसको मौका मिलने पर चोदता उसके बाद उसकी शादी हो गयी।
शादी वाले दिन से १ दिन पहले उसने खुशखबरी दी कि वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है। शादी के १ साल बाद आयी तो उसके साथ मेरा बच्चा भी था वो मेरे समने ही उसे दूध पिलाने बैठ जाती थी।
पिता जी का ट्रांसफ़र हो गया और मैं उससे अलग हो गया। मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था फिर मैने अपनी स्वीट लिटिल सिस एस (चसमिश) के ऊपर नज़र आ गयी नेक्स्ट स्टोरी में बताउंगा उसको कैसे चोदा। Antarvasna
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