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Massage Girl in West Singhbhum: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Singhbhum who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Singhbhum that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Singhbhum massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Singhbhum who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Singhbhum massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Singhbhum massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Singhbhum who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Singhbhum employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Singhbhum helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Singhbhum

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Singhbhum at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

दोस्तो ! मैं सेक्सी कहानियाँ सात महीनों Antarvasna से पढ़ रहा हूँ। मैं २५ साल का शादीशुदा मिडल परिवार का राजस्थान के एक छोटे से कसबे का सेक्सी लडका हूँ। मैं कम्प्यूटर इन्जीनियर हूं। मैं मेरी शादी को दो साल हो गये है।

आपने मेरी कहानी “कुंवारी सलहज को प्रेगनेंट किया” पढ़ी और बस एक मेल ही आया। दोसतो ये कहानी आपको लगता है पसंद नही आई। दोस्तो ! मैने वो पहली बार कहानी लिखी थी।

अब एक बार फिर हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

२००४ के दिसम्बर की छुट्टियों में मेरे मामा की लडकी हमारे घर १०-१५ दिन के लिए आई। वो २४ साल की थी. बहुत सुंदर है, उसका फिगर २८-२४-२८, ऊंचाई ५’३”, वो बहुत सेक्सी है. जब भी मैं उसके बारे मे सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नही कर पाता,वो मुझे तिरछी नजर से देखती थी।

बस तो सरदियों के दिन थे। सब लोग {परिवार वाले} रजाई ओढ़ के रात को बातें करते थे। वो मेरी वाली साईड में बैठ गयी। मैने धीरे से उसकी टांग पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। वो मेरी तरफ़ देख के मुस्करायी तो मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैने उसके बुबस दबाने शुरु किये वो मस्त हो रही थी। वो कहने लगी- मुझे कम्प्यूटर सिखाओ !

मैने कहा क्लास लगेगी, वो भी रात के ९ बजे के बाद !

वो कहने लगी ठीक है। मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊगी। वो रात को मेरे कमरे में आयी। गांव में सब ८:३० बजे तक सब सो जाते है। हमारा घर बहुत बड़ा था। मैने उसे कम्प्यूटर ओन करके दिया। उसको गाने चलाना, ओफ़ीस ,सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको बताते हुए छू रहा था। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी। उसका ध्यान मेरी ओर हो गया। धीरे से मैं सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक करके सोने का नाटक करने लगा। उसने वो फ़िल्म एक दम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो वो उठ कर मेरी ओर देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा। वो इत्मिनान से फ़िल्म देखने लगी।

फ़िल्म देखने के बाद वो गरम हो गई। वो अपने बूबस को मसलने लगी। मैने धीरे से उसको किस किया तो वो चोंक गयी। मैं उसे अपने बैड पर उठा लाया तो वो बोली- भैईया यह क्या कर रहे हो?

मैने कहा जो तुम्हें चाहिए वो दे रहा हूं। मैं उसके बूबस दबाने लगा वो मस्त होती जा रही थी। और मैं होठ किस भी करने लगा। वो बोली ये नीचे मेरे से एक डंडा सा क्या है इतने में उसने मेरे लंड पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी। मैने धीरे से उसकी सलवार को खोल दिया अब मैं सलवार को पैर से उतारने लगा वो बोली किसी को पता चल गया तो?

मैने कहा तुम बताओगी?

वो बोली- नहीं। मैने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिये। हम दोनो एकदम नंगे थे। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे ‘चूमते रहो’ कह रही थी, इतने दिन पहले क्यों नहीं मिले। मेरा ९” का लंड एकदम खडा था। वो बेसबरी से उसे देखने लगी ओर बोली- इतना बडा पहली बार देखा है।

वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी उसकी छोटी छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थी। मैने पहली बार उसे नँगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मस्त हो कर तडफ़ रही थी। मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा। बाद में हम लोग ६९ पोजीसन में आ गये। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी,मैं उसकी गोरी साफ़ चूत को जीभ से चूस रहा था।

‘चूसो मेरी चूत को……आ.आ..आआया.आआआआआअ..आआआ..उ.ऊउऊ.ऊ.ईई.ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ’ वो मस्त हो रही थी। अब मैं झड़ने वाला था वो भी इस दौरान दो बार झड़ गई थी। मैं उसका नमकीन रस पीता रहा। मेरा रस उसके मुँह में झड़ गया। वो सारा रस मस्ती से पी गई।अब मैं फ़िर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो बहुत खुश थी। मैने एक उँगली उसकी चूत में डाली। वो मेरे लँड को फ़िर चूसने लगी और मेरा ९” का लँड खडा हो गया।

अब वो बोली कि मुझे कुछ हो रहा है जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ।

मैने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? मैने कहा दर्द बहुत होगा ! झेल लोगी?

वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाये, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोडना मत, बस अब जल्दी करो, चोद डालो, फ़ाड डालो मेरी चूत, जल्दी करो।

मैने ९” के लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा उसकी चूत पर लगा के, चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो लंड २” अंदर ही गया था कि वो चिल्लाने लगी- छोड दो, बस करो, मर जाऊगी।

मैं रुक गया और फिर वो शाँत हो गयी। मैने एक जोर से झटका मारा और चूत की सील तोड़ते हुए अँदर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा। वो मस्त हो रही थी। थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरु किये। वो भी मेरा साथ देने लगी थी। वो चूतड़ उठा उठा के चुद रही थी। २००-२५० झटके लगाने के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

वो रात ३१ दिसम्बर २००४ की रात थी, मैने उसे नये साल के जश्न में पूरी रात में लगभग १५ बार चोदा। वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। उससे उठना ही मुश्किल हो गया था। सुबह के ६ बज चुके थे। वो उठ के अपने कमरे में चली गयी। ये सिलसिला १० दिन तक चलता रहा। वो पूरी पूरी रात मस्त होकर चुदवाती थी। १० दिन बाद वो अपने घर चली गयी। पर जब भी मौका मिलता था वो चुदने को तैयार रहती थी।

आपको कहानी कैसी लगी ? Antarvasna

मुझे लिखें !

दोस्तो, Sex Stories

मेरा नाम राहुल है Sex Stories और मेरी उम्र 24 साल की है।मैं मुम्बई में नौकरी करता हूँ और रहने वाला इन्दौर का हूँ।

मैंने अन्तर्वासना पर काफी कहानियाँ पढ़ीं, और मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी अन्तर्वासना को भेजनी चाहिए। अब मैं आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ।

आज से तीन साल पहले मैं मुम्बई नौकरी करने आया था।
तब मुम्बई मेरे लिए अजनबी शहर था, इसलिए मुझे मेरा अकेलापन खलता था, मुझे भी एक अच्छी दोस्त की ज़रूरत थी ताकि मेरा समय भी कट सके और मेरी काम-इच्छा भी पूरी हो सके।

मैंने बहुत प्रयास किया पर किसी भी अमीर और ख़ूबसूरत लड़की को पटा नहीं सका क्योंकि यहाँ की लड़कियों को पैसे वाले लंड पसन्द आते हैं।

तो मैंने आख़िर में एक मध्यम-वर्गीय लड़की जो दूसरों के घरों में काम करने जाती थी, उसको अपनी नौकरी और पैसे की झलक दिखलाकर पटा लिया।
मेरी उससे फोन पर बातचीत भी शुरु हो गई।

एक दिन शाम को मैंने उसे अपने घर बुलाया यह कह कर कि मेरी तबीयत ख़राब है और मेरे सभी दोस्त घर गए हैं। तुम मेरे लिए खाना बना दो, वरना मुझे भूखा ही सोना पड़ेगा।

मेरी तबीयत ख़राब है, यह सोचकर वो मेरे लिए खाना बनाने मेरे फ्लैट में आ गई।

मैं कई दिनों से इसी ताक में था कि कब मेरे दोस्त लोग फ्लैट पर ना हों और मैं उस कामवाली को चोद दूँ।

उस दिन जब वो मेरे फ्लैट में आई तो मैं खुश हो गया।

मैंने उसे किचन दिखा दिया, जब वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर थोड़ा सा चिपक कर खड़ा हो गया।

वह अचानक मुझे पीछे देखकर घबरा सी गई और बोली, “आपकी तबीयत ख़राब है, आप जाकर आराम कीजिए … मैं खाना बना दूँगी.”

मैं उसकी बात सुनकर उससे थोड़ा और चिपक गया।
इससे पहले कि वो कुछ कहती मैं उसकी दोनों चूचियों को एक बार ज़ोर से दबा दिया और फिर सहलाने लगा।

पहले तो उसे बहुत डर लगा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सहलाने से उसे मज़ा आने लगा और वो आँखें बन्द कर मज़े लेने लगी।

मैंने लोहा गरम होते देख उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया और उससे पहले कि वह कुछ विरोध करे, मैंने उसकी चूत में उँगली डाल दी, और ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा।

वो अब सब कुछ भूल कर मदहोश होने लगी।

मैं उसे किचन में ही नंगा करने लगा और वो कुछ नहीं बोली।

थोड़ी ही देर में वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसके शरीर पर एक भी तिनका कपड़ा का नहीं बचा था।

उसे इस तरह देखकर मेरा लण्ड तुरन्त खड़ा हो गया।

अब वो भी जोश में आकर मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसकी मदद करते हुए जल्दी से पूरा नंगा हो गया।

मैंने अब अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहा तो शर्म के मारे उसने मना कर दिया।

फिर मैंने दूसरा तरीका अपनाया।
मैंने अब उसे ज़मीन पर सुला कर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत को ज़ोरों से चाटने लगा।
अब उसने मस्ती और मदहोशी में चूर होकर अपनी आँखें बन्द कर लीं।

मैंने इसी बात का फ़ायदा उठा कर उसकी चूत चाटते-चाटते ही 69 की मुद्रा में आ गया और मेरा लण्ड उसके होंठों पर रख दिया।
पर इस बार भी उसने मना कर दिया।
मैं नाराज़ होने का नाटक करने लगा और कपड़े पहनने लगा।

अब तक तो वह इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझसे चुदवाने के लिए कुछ भी करना पड़े तो वो कर सकती थी।
उसने तुरन्त मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया और उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी।

मेरी योजना सफल हो गई, मैं बहुत खुश हुआ। आज तो जैसे लकी ड्रा ही निकल आया था मेरे लिए!

अब हम दोनों 69 की स्थिति में थे। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वह मेरा लंड चूस रही थी।

क़रीब आधे घंटे तक मैंने उसके मुँह की चुदाई की, इसी दौरान वह एक बार झड़ चुकी थी और मेरे लंड ने भी उसके मुँह में एक बार उल्टी कर दी थी।
वो उस सफेद गाढ़े द्रव को पूरा पी गई।

अब तक आग दोनों ओर भड़क चुकी थी।
मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अब उसकी चूत में डालने लगा लेकिन उसकी चूत काफी तंग थी, अतः मैं असफल हो गया।
उसकी सील शायद अभी तक नहीं तोड़ी गई थी।

मैंने किचन से तेल लेकर अपने लंड पर और थोड़ा तेल उसकी चूत पर भी लगा दिया और फिर से चूत में लंड डालने लगा।

इस बार मैंने उसकी चूत में एक ज़ोर का झटका दिया और लंड दो इंच तक अन्दर घुसा दिया।

इस झटके से वो तड़प उठी और ज़ोर से चिल्लाई। मैंने उसका मुँह तुरन्त बन्द कर दिया और साथ ही एक और झटका दिया तो उसकी आँखों से आँसू निकल आए।

मैं डर गया तो मैंने उसके मुँह से हाथ हटा लिया।
वो बहुत रोई, अब उसकी चूत से खून निकल रहा था।
मैंने उससे धीरे-धीरे चोदने का वादा करके फिर से राजी किया।

अब मैं अपनी कमर धीरे-धीरे चला रहा था और ऐसे ही धीरे-धीरे अपना ८ इंच लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर गाड़ ही दिया।

थोड़ी देर में दर्द कम होने की वज़ह से उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ अपनी चूत हिला-हिला कर देने लगी।
अब उसे मज़ा आने लगा था और वो ख़ुद बोल रही थी- ज़ोर से चोदो मुझे, और ज़ोर से, फाड़ दे आज मेरी चूत, बुझा दे आज इसकी प्यास … फाड़ दे साली चूत को और ज़ोर से!

मैं भी उसकी बात सुनकर जोश में आकर ज़ोरों के झटके मारने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर उसकी चुदाई की। लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और उसके 2 मिनट बाद मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में चुदाई करनी शुरु कर दी।
और अन्त में मैं भी उसके मुँह में झड़ गया।

उसने फिर मेरे लण्ड का सारा पानी पी लिया और मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

उसके बाद हम दोनों किचन से निकल करक साथ में नहाने चले गए।
नहाने के बाद मैंने उसे अपना मोबाईल देकर कहा कि अपने घर फोन करके कह दो कि आज तुम मैडम (जिसके घर वह काम करती थी) के यहाँ रुकोगी, क्योंकि उनके पति घर पर नहीं हैं, तो उन्होंने मुझे आज रात यहीं रुकने को कहा है।

उसने घर पर यही बता दिया।
उसके घर वालों को कोई आपत्ति नहीं थी।

हमने होटल से खाना मँगवा कर खाया।
उसके बाद फिर दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गए।

रात में मैंने उसकी चार बार चुदाई की और एक बार गाँड भी मारी।

पर सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे उसकी गाँड मारने में आया था.

उस रात की चुदाई के बाद वो जब भी मुझसे बात करती तो यही कहती- अब आपकी तबीयत कब ख़राब होगी?
और मैं जब भी अपने फ्लैट पर अकेला होता तो उसे किसी ना किसी बहाने बुलाकर चुदाई का खेल खेलता।

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी।
बाद में मैंने इन्दौर में भी एक शादीशुदा आन्टी की चुदाई की थी जिसका किस्सा मैं अगली कहानी में सुनाऊंगा।

यह कहानी आपको कैसी लगी।

लेखक की अगली कहानी: मेरी पहली ग्राहक Sex Stories

मैंने शादी में देखा था कि मेरी मामी बहुत सुंदर लग रही थीं.
चूंकि वे काफी सीधी-सादी हैं तो उनकी सादगी उनकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रही थी.

कहने का आशय यह कि खूबसूरत महिलाओं के नखरे आदि जैसी बात मामी में नहीं थी इसलिए उनकी सरल सी मुस्कान किसी का भी दिल मोह लेने के लिए काफी थी.
मेरे मामा का घर हमारे पास में ही था.
हम लोग उनकी शादी समारोह का मजा ले रहे थे.
शादी के बाद मामी जी घर में आ गईं और धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा.

जैसे-जैसे शादी को वक्त गुजरता गया, उन दोनों पति पत्नी के बीच झगड़े होने लगे.

चूंकि हम लोगों के घर एक ही मुहल्ले में थे तो मैं देखता था कि मेरे मामा के घर में आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर लड़ाई होती रहती थी.

मामा अक्सर मामी पर गुस्सा होते रहते थे.
मेरी मामी बहुत सीधी-सादी होने के कारण उनसे कुछ नहीं कहती थीं.

जबकि मामा जी अक्सर गुस्से में मामी को पीट दिया करते थे.
यही सब देखते-देखते मैं 20 साल का हो हो गया था.

मुझे अपनी मामी पर बहुत तरस आता था.
और मुझे अपने मामा पर बहुत गुस्सा आता था, मगर मैं कुछ नहीं कर सकता था.

फिर मैंने मामी से नजदीकियां बढ़ाने की सोची और अक्सर जब मामा बाहर जॉब पर जाते थे तो मैं मामी से बात करने चला जाया करता था.
धीरे-धीरे मैंने मामी से दोस्ती कर ली और उनके साथ उनका दुख बांट लिया करता था.

वे अक्सर बात करते करते ही मेरे सामने रो दिया करती थीं.
धीरे-धीरे मुझे अपनी मामी से प्यार होने लगा था और शायद मामी को भी मुझसे.

फिर एक दिन मैंने अपनी मामी से पूछा- आप यह सब कैसे सहन कर लेती हैं?
इस पर उन्होंने कहा- मैं कर भी क्या सकती हूं!

मैंने कहा- क्यों आप जब तक कुछ विरोध नहीं करेंगी, तब तक मामा जी को कुछ भी समझ में आने वाला नहीं है!
वे कहने लगीं- मैं क्या कर सकती हूँ, मुझे कुछ समझ में ही नहीं आता है.

मैंने उनसे बोल दिया- मैं आपको बहुत पसंद करता हूं. आप विरोध के लिए एक कदम आगे बढ़ाएंगी, तो मैं आपके साथ दो कदम आगे चलूँगा. मैं आपसे प्यार करता हूँ.

मेरी इस बात को लेकर वे बहुत नाराज हो गईं और बोलीं- आज के बाद मुझसे कोई बात नहीं करना. मैं तुम्हें अपना अच्छा दोस्त मानती थी पर तुम मेरे बारे में यह सोचते हो. मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी!
मैं चुप रहा और वहां से चला आया.

कुछ दिन बाद ही दोबारा से मामा और मामी की लड़ाई हो गई.
मामा ने मामी को बहुत मारा.

यह सब होने के बाद में 2 दिन बाद गया.
मैं जब मामी के पास गया तो मामी अचानक से मेरे सीने से लग कर रोने लगीं.

पहले तो मैं सकपका गया कि यह क्या हुआ.
फिर मैंने उन्हें तसल्ली दी और उन्हें बहुत समझाया.

मेरे मनाने पर वे चुप हो गईं और मुझसे बात करने लगीं.

मैंने मौके का फायदा उठाकर उनसे फिर से कहा कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूं, लेकिन आप हो कि मेरी तरफ देखती ही नहीं हो!
इस बात पर वे थोड़ी देर चुप रहीं, फिर बोली- पसंद तो मैं भी तुमको बहुत करती हूं, लेकिन तुम्हारे मामा से डरती हूं कि कहीं उन्हें पता लग गया तो मैं घर से भी निकाल दी जाऊंगी. मैं उस सूरत में अपने घर पर भी नहीं जा पाऊंगी, उधर क्या मुँह दिखाऊंगी सबको?

मैंने उनसे कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा. मैं आपका बहुत ध्यान रखूंगा. आपसे हमेशा प्यार करता रहूंगा. आपको कभी धोखा नहीं दूंगा.
वे चुप हो गईं.

उसके बाद मैं अपने घर आ गया.
अब धीरे-धीरे हमारी फोन पर बातें होने लगीं.

मामी की बातों से मुझे यह मालूम चला कि मामा से सेक्स सही से नहीं हो पाता है.
जब मैंने मामी से मामा जी की चुदाई को लेकर कुछ खुल कर पूछना चाहा तो मामी जी चुप हो गईं और उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वक्त आने पर तुम सब कुछ जान जाओगे.

तब मैं उनकी इस बात का मर्म समझ ही न सका.
मैं लगभग हर बार मामी जी से मामा के साथ हुई चुदाई को लेकर बात करने की कोशिश करता, पर वे हर बार उस बात का जबाव देने से बच जाती थीं.

एक दिन मैंने उनसे कहा- मुझे आपसे अकेले में मिलना है. जब आपके घर पर कोई नहीं हो, तब बता देना.
उन्होंने कहा- ठीक है.

फिर अगले दिन मामा जॉब पर गए, तब उनका मैसेज आया कि तेरे मामा जॉब पर चले गए हैं. मैं तुम्हारे लिए चाय बना रही हूं, आ जाओ.
मैं चला गया.

वहां पर जाकर बैठा, हम दोनों ने साथ में चाय पी और बातें करने लगे.
बातें करते करते मैंने उनका हाथ पकड़ लिया.

उन्होंने कुछ नहीं बोला.
कुछ पल बाद उन्होंने उठकर टीवी ऑन कर दिया.
टीवी में किसिंग वाला एक हॉट सीन आ रहा था.
उसे देखकर मैं उनकी तरफ देखने लगा.

मामी थोड़ा शर्माने लगीं.
मैं उनके थोड़ा नजदीक हो गया और उन्हें हग करने लगा और उन्हें प्यार करने लगा.

वे भी धीरे-धीरे मुझसे प्यार करने लगीं और मेरा विरोध ना करते हुए मेरा साथ देने लगीं.
मामी मेरी बांहों में एकदम से झूल सी गई थीं और वे काफी सुकून महसूस कर रही थीं.

मैंने मामी के गाल पर चुम्मी ली तो वे मदहोशी भरी नजरों से मेरी आंखों में देखने लगीं और उन्होंने अपने लरजते हुए होंठों को मेरे होंठों पर रख दिए.
हम दोनों लिप किस करने लगे.
किस करते-करते मामी गर्म होने लगीं और मुझे भी सेक्स चढ़ने लगा.

मैं उन्हें गोदी में उठा कर उनके ही रूम में ले गया और हम पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे थे.

मामी के होंठों को किस करते-करते मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
वे और ज्यादा चुदासी होने लगीं और उनकी सांसें बहुत तेज चलने लगी थीं.

मैंने अब उनके कुर्ते को उतार दिया और वे मेरे सामने ब्रा में आ गई थीं.
फिर मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए उनकी ब्रा भी खोल दी और उनके बूब्स को पीने लगा.

मामी की सांसें और तेज होने लगीं.
वे मुझे अपने दूध पिलाती हुई सर को सहलाने लगी थीं.

मैं भी उनके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा कर खींचने लगा … साथ ही दूसरे दूध को हाथ से दबाते हुए उन्हें मीठा दर्द देने लगा.

वे भी मुझे अपने मम्मों से खेलने के लिए कहे जा रही थीं- आह आह … और जोर से दबा लो मेरे दूध चूस लो.
कुछ देर बाद मैंने उनके दूध से मुँह हटाया तो उन्होंने भी मेरे कपड़े उतारने चालू कर दिए.

मैंने भी देर न करते हुए उनकी सलवार उतार दी.
अब वे मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थीं.

मैंने उनके बदन को जीभर के चूमना चालू कर दिया और मैंने उनके पूरे शरीर को चूम चाट कर गीला कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी और उनकी चुत को किस करने लगा.

वे मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चुत पर दबाने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने मामी से अपना लंड चूसने को कहा.

कुछ पल आनाकानी करने के बाद मामी मान गईं और वे मेरे लंड को चूसने लगीं.
वे लंड को बहुत अच्छी तरह से चूस रही थीं.

मैं बता नहीं सकता कि मुझे मामी से अपना लंड चुसवाने में कितना ज्यादा मजा आ रहा था.
मैंने उनकी चूचियों को दोबारा किस करना चालू कर दिया.

इस बार वे कहने लगीं- प्लीज अपने लंड को मेरी चुत में डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है.
मैंने उनकी दोनों टांगों को फैला दिया और अपने लंड को उनकी चुत पर सैट करके जैसे ही धक्का मारा, मेरा आधा लंड उनकी चुत में घुस गया.

वे चिल्ला उठीं- आह मर गई … प्लीज रहने दो … बहुत दर्द हो रहा है आह ओह!
मामी दर्द भरी सिसकारियां ले रही थीं. यह देख कर मैं थोड़ा सा रुक गया और उन्हें दोबारा किस करने लगा.

थोड़ी देर बाद में वे सामान्य हो गईं और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा का पूरा लंड उनकी चुत में उतार दिया.
इस बार वे पहले की तरह नहीं चिल्लाईं, पर उन्हें थोड़ा दर्द हुआ.
इंडियन लेडी सेक्स करती हुई आह आह कर रही थीं.

कुछ देर बाद जब वे लौड़े से मजा लेने लगीं.
तब मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ी करके पीछे से लंड पेल कर चोदा.
मैंने उन्हें बहुत देर तक चोदा.

काफी देर तक चले इस सेक्स में वे दो बार झड़ चुकी थीं.

मैं झड़ने के बाद शिथिल होकर लेट गया और अपनी सांसें नियंत्रित करने लगा.

थोड़ी देर आराम करने के बाद मामी जी उठ कर अपनी कुर्ती पहन कर मेरे लिए चाय बनाने चली गईं.

हम दोनों ने चाय पी और मैंने फिर से उनके साथ मस्ती करना शुरू कर दी.
मैंने जल्दी ही उन्हें गर्म कर दिया और दोबारा से चोदा.

वे मुझसे कहने लगीं- कहीं तुम मुझे धोखा तो नहीं दे दोगे?
मैंने उनसे कहा- मैं आपको हमेशा जिंदगी भर प्यार करूंगा, कभी धोखा नहीं दूंगा.

वे मुझसे कहने लगीं- मैं तुम पर बहुत भरोसा करती हूं और प्यार भी करती हूं. मेरा भरोसा कभी मत तोड़ना.
उसके बाद से अब हम दोनों रोजाना सेक्स करने लगे थे.

हैलो दोस्तो, Hindi Sex Stories

मैंने तो सपने में भी Hindi Sex Stories नहीं सोचा था कि मेरी वासना की संतुष्टि की कहानी ‘सीमा की मस्ती’ पढ़ कर आप सभी मुझे इतना प्यार देंगे। आपके ई मेल्स के लिए मैं तहे-चूत से आपका धन्यवाद करती हूँ। मैं अपनी उन सहेलियों का भी शुक्रिया अदा करती हूं जिन्हें मेरी कहानी पसंद आई और उनका भी जिन्होंने अपना वैसा ही अनुभव मुझे बताया।

कहाँ तो मैं एक अदद लँड के लिये तरस रही थी और आज तो करीब-करीब आप सभी ने मेरी लेने की इच्छा जतलाई है। और सबसे ज्यादा खुशी तो मुझे इस बात की है कि आप सभी बड़े-बड़े लँडों के मालिक हैं और सभी को चोदने में महारत हासिल है। आपके ईमेल पढ़ कर मेरी चूत में जबर्दस्त खुजली मचने लगती है।

सीमा के जाने के बाद तो अब फिर उंगली मारने के सिवा कोई चारा नहीं बचा था। मेरे लिये तो यह फैसला करना मुश्किल हो गया है कि मैं आप में से किसका लँड लूँ और किसका छोड़ूं।

फिर भी, लँड लेने की चाहत में आप में से जिसे भी मैंने मेल किया है, प्लीज मुझे और ज्यादा लँड का लालच मत दीजिये क्योंकि मैं एक छोटे शहर में रहती हूं और मेरे लिये आप में से किसी से भी मिलना सम्भव नहीं हो पायेगा।

चुदवाने के चक्कर में अगर बदनामी हो गई तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी। काश मैं किसी महानगर में होती तो रोजाना ही आप में से किसी न किसी से मरवाने जरूर पहुँचती।

वैसे मुझे लगता है कि हम छोटे शहरों वालियों को ही यह समस्या है, नहीं तो गांव की लड़कियाँ तो खेत खलिहानों में जा जा के अपनी चूत की जबर्दस्त रगड़ाई करवाती हैं। और बड़े शहरों की बातें तो आप जानते ही हैं।

इसके अलावा, मेरी जिंदगी में एक और घटना पिछ्ले हफ्ते घट गई है जो मैं आपके साथ बाँटना चाहती हूँ।

कहते हैं भगवान के घर देर है पर अँधेर नहीं है। मेरी प्यासी चूत के लिये सामान खुद-ब-खुद चल कर मेरे घर पहुँच गया। मेरे पति किसी काम के सिलसिले में चंडीगढ़ गये हुए थे और अभी तक नहीं लौटे हैं।

पीछे उनके मामे का लड़का पवन अचानक टूर पर आ गया, जो करीब 24 साल का है और एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है। हालांकि वो हमारे घर पहली बार ही आया था क्योंकि उसकी नई नई नौकरी लगी थी और उसे हमारे वाला क्षेत्र मिला था।

अगले दिन सुबह वह अपने स्थानीय दफ़्तर चला गया और रात करीब आठ बजे लौटा।

मैंने खाना बना रखा था और हम दोनों खाना खाकर सिटिंग रूम में आ गए।

मैंने टीवी चला दिया और पवन अपने पेपर वगैरह देखने लगा।

मैं नीचे कालीन पर बैठी हुई थी और पवन ऊपर सोफे पर।
मैं टीवी देखने में मशगूल हो गई और कुछ देर बाद मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि कमरे में मेरे अलावा कोई और भी है।

मैं यूँ ही चैनल बदल रही थी और तभी एक इंग्लिश पिक्चर का सीन दिखाई दिया जिसमें हीरो-हीरोइन चुम्बन कर रहे थे।

मैं उसी चैनल पर रुक गई और देखने लगी।
कुछ देर बाद हीरो ने हीरोइन के कपड़े उतार डाले और उसके ऊपर आ गया।

सीन में हीरो-हीरोइन के ऊपरी हिस्से को ही दिखाया था पर दोनो के हिलने डुलने से साफ पता चल रहा था कि नीचे क्या खिचड़ी पक रही है।

हीरोइन आँखे बंद कर के आँ ऊँ करे जा रही थी और कुछ ‘फक मी हार्ड’ या ऐसा ही कुछ बोल रही थी और हीरो महाशय लगातार धक्का-पेली में लगे हुए थे।
कुल मिला के काफी गर्मागरम चुदाई चल रही थी। सीन देख कर मेरी चूत पनियाने लगी और मैंने अपनी टांगे चौड़ी करके गाउन ऊपर कर लिया.

पैन्टी तो मैंने शाम को ही उतार के बाथरूम में टांग दी थी क्योंकि रोज रात को मुठ मारे बिना तो मुझे नींद ही नहीं आती है, जिसके लिए चूत को मैं पहले ही आज़ाद कर लेती थी ।

पवन का तो मुझे ध्यान ही नहीं था, इसलिए बड़े आराम से अपनी गोरी टांगों को सहलाते हुए मैंने एक हाथ से अपनी चूत को मसलना शुरू कर दिया।

चूत के रस में गीली कर के मैंने एक उंगली धीरे से अँदर कर ली और हौले हौले आगे पीछे करने लगी।

मुझे लगता है कि मेरी हरकत देखकर पवन का लँड तो तुरंत ही टन्ना गया होगा। थोड़ी देर बाद पवन ने एक गहरी साँस ली और इससे मुझे उसकी उपस्थिति का एहसास हो आया।

लेकिन मेरे दिमाग में एकदम से पवन के लौड़े की शक्ल कौंध गई, और मैंने बेशर्मी से उसकी तरफ कनखियों से देखा और उंगली चलाती रही। वह थोड़ा शरमा गया।

मैं उसे छेड़ते हुए बोली- क्या हाल है, सब ठीक तो है?

पवन बोला- क्या मतलब है आपका?

मैंने कहा- भोले मत बनो ! मुझे सब नज़र आ रहा है तुम्हारे पैंट के तंबू के नीचे ! जिससे लगता है कि तेरा लँड काफी बड़ा है। तुझे पता है, तेरे भैया ने तो आज तक मुझे छुआ तक नहीं है। मेरी कुंवारी चूत तो बरसों से लौड़े की प्यासी है। मैं जैसे तैसे मुठ मार मार के अपना काम चला रही हूँ। तुम चाहो तो आज मेरी जी भरके ले डालो, मैं भी कुछ मज़े कर लूंगी। मेरी सभी सहेलियाँ अपनी चुदाई के किस्से सुनाती रहती हैं। उनके पति उन्हें रात-रात भर कई कई बार चोदते हैं और वह भी अच्छी तरह रगड़ कर। और एक मैं हूँ जिसे आज तक सही लँड तक नहीं मिला। प्लीज़, आज तो मुझे तुम्हारा लौड़ा चाहिए और सच कह रही हूँ अब तो मैं इसे अँदर लेकर ही रहूँगी।

पवन के कोई जवाब देने से पहले ही मैंने पलट कर अपना हाथ पवन के तने हुए लँड पर रख दिया।

पवन के लौड़े को तो जैसे करेंट लग गया और वह एकदम फनफना गया।
मैंने जल्दी से उसके पैंट का हुक और ज़िप खोल दिया और फिर अँडरवियर नीचे कर के लँड को बाहर निकाल लिया। लँड क्या था, पूरा 8 इंच का बेलन था बिल्कुल टन्नाया हुआ।

उसका लाल सुपाड़ा देख कर मेरी आँखों में नशा छा गया और पूरा बदन थरथरा उठा। जिस चीज़ की मैं कल्पना ही करती रहती थी वह आज मेरे इतने पास थी। पवन के लँड की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी थी।

मैंने उसके लँड को चूमा और फिर अपनी जीभ से उसे चाटने लगी।

लँड की जड़ से शुरू कर के मैं जीभ उसके टोपे तक ले जाती और फिर सुपाड़े को चारों तरफ से चाट चाट कर मैंने लँड को पूरा गीला कर डाला। इसके बाद मैं लँड को पूरा मुँह में ले कर उसे आम की तरह चूसने लगी और साथ साथ एक हाथ से उसे मुठ भी लगा रही थी।

पवन तो जैसे स्वर्ग में था बोला- भाभी, बहुत अच्छा लग रहा है, चूस डालो … मेरे लौड़े को, निकाल डालो इसका पानी।

पर मैंने लँड मुँह से निकाल कर कहा- बस बस अभी रहने दे और अब इसे अँदर डालकर मेरी चूत की प्यास बुझा दे।

पवन बोला- भाभी, पर मैंने तो आज तक किसी को नहीं चोदा है, ये कैसे होगा।

मैं बोली- यह तो और भी अच्छी बात है, आज तो समझो हमारी सुहागरात है, कुंवारी चूत को कुंवारा लँड जो मिल रहा है। तुम्हें तो बस ऊपर आकर लँड मेरे हाथ में देना है, बाकी काम तो मेरा है।

इतना कहकर मैंने अपना गाउन खोल दिया। काली ब्रा के ऊपर से मेरे गोरे और सुडौल मम्मे झाँक रहे थे।
पवन ने हल्के से मेरे उभारों को छूकर सहलाना शुरू कर दिया। मेरी तो आँखें बंद हो गईं और दिल भी धकधक होने लगा।

पवन की हिम्मत बढ़ गई और उसने ब्रा के स्ट्रेप मेरे कंधे से हटा कर मेरी गोल और दूधिया छातियों को नंगा कर डाला। मेरे मम्मों के बीचोंबीच मेरी हल्के बादामी रंग की चूचियां तन कर खड़ी हो गईं थीं।

पवन ने अब मुझे गोद में बिठा लिया और मेरे मम्मे सहलाने लगा। फिर उसने मेरी एक चूची को दो उंगलियों के बीच लेकर हल्के से दबा दिया। मैंने एक सिसकारी भरी और पवन से लिपट गई।

पवन ने भी अपने गरम होंठ मेरे होंठों से सटा दिए और हम एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे। साथ ही पवन मेरे मम्मे दबाने और चूचियाँ मसलने में लगा हुआ था।

सच बता रही हूँ, मैं तो लगा कि हवा में उड़ने लगी थी। चूमते चूमते मैंने अपनी जीभ पवन की जीभ से सटा दी और उसका लँड जोर से पकड़ कर आगे पीछे करने लगी।

कुछ देर बाद पवन मेरे सामने आ गया और मेरी चूची पर जीभ लगा कर चाटने लगा, फिर एक एक कर के उसने दोनों चूचियों को चूस चूस के सुजा डाला।

पवन के हाथ अब मेरी जाँघों पर थे और उन्हें सहलाते हुए वह मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगा था। मैंने भी अपनी टाँगें फैला कर के उसका रास्ता साफ कर दिया और बोली- हाँऽऽऽ… करो न ।

पवन मेरा इशारा समझ कर तुरंत मेरी चूत के होंठ फैला कर अपनी उंगली मेरी गीली चूत पर फिराने लगा। पवन की उंगली मेरे बटन पर लगते ही मेरे मुँह से आह निकल गई और मैं चिल्लाई- डालो न प्लीज़ ।

पवन ने अपनी उंगली मेरी चूत में धीरे से घुसा दी और अँदर-बाहर करने लगा।

मेरी चूत की खुजली कुछ कम होने लगी, पर चुदाई की इच्छा तेज होने लगी इसलिए जल्दी ही मैं पवन का लँड पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी और अपनी टाँगें फैला कर बोली- अब देर मत करो, लँड अँदर दे दो।

पवन को लगता है विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं सचमुच उससे चुदवाना चाहती हूं और वह अब मुझे चोदने वाला है, वो बोला- भाभी, क्या आप सच में मेरा लँड लेना चाहती हैं?

मैं पवन से बोली- प्लीज़ पवन, अब तंग मत करो, मुझसे अब और नहीं रुका जाता, जल्दी से डाल दो ना ऽऽऽ…

इतना सुनते ही पवन ने मुझे गोद में उठा कर दीवान पर लेटा दिया और अपना पैंट और टीशर्ट उतार फैंके, अपना टनटनाया हुआ लँड मेरी चूत की तरफ कर के वो घुटनों के बल मेरी टाँगों के बीच आ गया।

मैंने लँड पकड़ के अपनी चूत के मुँह पर रख लिया और फिर अपनी गाँड ऊपर कर के पवन की कमर को दोनों हाथों से अपनी ओर खींचा ।
लँड थोड़ा रुक कर मेरी चूत के अँदर सटाक से जा घुसा।
मेरे मुँह से एक आह निकल गई पर तसल्ली भी हो गई कि चलो जिंदगी के 28वें साल में आखिरकार मेरी सील तो टूटी।

मेरी चूत अब भट्टी की तरह धधक रही थी और पवन का लँड भी अँदर जाते ही लाल लोहे की तरह तपने लगा था।

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद पवन ने अपना लँड धीरे-धीरे आगे पीछे करना शुरू कर दिया और मुझे चोदने लगा।
मैं भी नीचे से ताल मिला के अपनी चूत ऊपर नीचे कर रही थी।
हम दोनों इस खेल में अनाड़ी थे पर मुझे नहीं लगता है कि चुदाई सीखने सिखाने कि ज़रूरत पड़ती है। हमारा कार्यक्रम तो मस्त चलने लगा था।

पवन ने पूछा- क्यों भाभी, मज़ा आ रहा है या नहीं?

मैंने कहा- बोऽऽऽहोऽऽऽत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही करते जाओ। काश तुम्हारे जैसा बड़ा और मोटा लँड मुझे पहले मिल जाता तो मैं अपनी चूत का सही उपयोग कर लेती।

पवन ने हिलते हिलते पूछा- भाभी, क्या हर औरत मोटा लँड चाहती है?

मैंने कहा- यार, जहाँ तक मुझे लगता है, कि अगर किसी को पता न चले तो हर औरत मन ही मन किसी बड़े और मोटे लँड वाले से ज़रूर चुदवाना चाहती है, बस मौका मिलना चाहिए। ये सब छोड़ो और अब तो तुम बस मुझे जी भर के ज़ोर ज़ोर से चोदो।

यह सुन कर पवन अपना लँड मेरी रसदार चूत में अँदर-बाहर करने लगा।
मैं भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई का मज़ा लेने में लग गई।
पवन ने मेरे होंठ अपने होंठों में दबा लिए और चूसने लगा। साथ ही अपने एक हाथ से वह मेरे मम्मों और चूचियों को मसले जा रहा था। मेरे मुँह से तो ईऽऽस्स ईऽऽस्स की आवाजें निकलने लगी थीं।

मैं बोली- पवन, प्लीज़ ऐसे ही चोदो और चोदते जाओ, रुकना मत, बोऽऽऽहोऽऽऽत अच्छा लग रहा है, ओह माँ … मम्मी … ये क्या हो रहा है।

पवन मस्त होकर अपना लँड मेरी चूत में कड़छी की तरह हिलाने लगा। मैं भी नीचे से अपनी कमर हिला हिला के दनादन शॉट मारने लगी। दीवान तो झूले की तरह हिल रहा था।

मैंने अपनी टाँगें उठाकर पवन की कमर पर लपेट लीं और अपनी चूत ऊपर कर के किसी कुतिया की तरह उसके लँड को अँदर दबोच लिया। फिर मैंने मुँह की तरह ही अपनी चूत से उसके लँड को चूसना शुरू कर दिया।

पवन भी बड़बड़ाता हुआ गचागच अपना लँड मेरी चूत में पेल रहा था- ‘ले सीमा ले, आज तो तेरी फाड़ डालूंगा’।

मेरे सिर पर तो चुदाई का भूत सवार हो चुका था और अब मैं सारी लाज शरम छोड़ कर किसी रंडी के जैसे चोदने-चुदवाने में लगी हुई थी। पूरा कमरा हमारी चुदाई के संगीत से गूंजने लगा था।

काफी देर तक ऐसी ठुकाई के बाद मेरे बदन में बिजलियाँ दौड़ने लगीं और मैंने पवन को जोर से जकड़ लिया अपनी चूत जोर-जोर से ऊपर-नीचे करने लगी। पवन भांप गया कि मैं अब झड़ने वाली हूँ और उसने फटाफट मेरी एक चूची अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगा।

मैं बोली- पवन, लगता है तुम तो आज मुझे मार ही डालोगे। इतना सुख मुझे कभी नहीं मिला, लग रहा है कि चूत में आग लगी हुई है।

पवन बोला- भाभी, मेरे लँड में भी झुनझुनी हो रही है, और बदन में तो लगता है चींटियाँ रेंग रही हैं।

पवन ने चुदाई की स्पीड बहुत तेज़ कर दी।
मेरी चूत और सारा बदन उत्तेजना से अकड़ने लगा और अचानक मैं चिल्ला उठी- हाय, मैं मरी … … प्लीज़ … मेरी फाड़ दो न… अपना लँड मेरे पेट तक घुसेड़ दो। हो सके तो मेरी गाँड़ भी फाड़ दो। हे रामऽऽऽऽ, आऽऽह, मैं तो ये गईऽऽऽ मम्मी … … पवनऽऽऽ तुम भी आ जाओ नऽऽ … …

और मैं टाँगे फैला के झटके मार मार के झड़ने लगी।
पवन का बदन भी अकड़ गया था और उसने अपना लँड मेरी चूत में जड़ तक घुसा कर पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दीं और सारा माल मेरे अँदर उड़ेल दिया।
मैंने एक हाथ से उसके टट्टे पकड़ के निचोड़ डाले।
मेरी चूत तो लबालब भर गई थी और दोनों का रस मिल कर बहने लगा।
हम दोनों पसीने से तर हो चुके थे और काफी देर इसी तरह लँड-चूत का संगम किए लेटे रहे।
इतनी ज़बर्दस्त चुदाई से दोनों निढाल हो गए थे, पर ऐसा लग रहा था कि हम स्वर्ग में हैं।

मैंने पवन को प्यार से चूमा और बोली- आज मैं पूरी औरत हो गई हूँ। तुम्हारी खटियातोड़ रगड़ाई ने मेरी चूत को सही में चुदाई का मतलब सिखा दिया है। थैन्क्स ए लॉट यार ।

पवन भी प्यार से मेरे मम्मे और सारा बदन सहलाने लगा और उस रात हम यूँ ही बाहों में बाहें डाले नंगे ही सो गए।

पवन यहाँ दो दिन के लिए आया था पर मैंने उसे अभी तक रोक रखा है और हम दोनों अपनी जवानी का भरपूर मज़ा ले रहे हैं।
कामसूत्र के करीब करीब सारे आसन भी आज़मा डाले हैं।
पवन के ऊपर चढ़ कर चोदने में तो सच इतना मज़ा आया कि क्या बताऊँ।
पर कल मेरे पति आने वाले हैं और पवन उनसे मिल कर निकल जाएगा। तब क्या होगा? मैं सोचना भी नहीं चाहती … … ये तो पक्का है कि आज की रात कयामत की रात होगी … … Hindi Sex Stories

Antarvasna

सभी पाठकों और आँटियों Antarvasna को राजू के लण्ड का सलाम। अन्तर्वासना में यह मेरी पहली कहानी है। मैं बचपन से ही सेक्स के लिए उतावला रहा हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बी. कॉम प्रथम वर्ष में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक दम्पत्ति रहने आया। उनकी शादी हुए चार-पाँच साल ही हुए थे। मेरा उनसे मेल-जोल होने लगा। मैं उनको भैया और भाभी कहता था। मेरा उनके घर आना-जाना शुरू हो गया

एक बार भैया ने रात को दस बजे मुझे फोन किया कि मैं उनके घर आउँ। मैं तुरन्त उनके घर गया तो भैया ने कहा उनको बस-स्टैण्ड जाना है, उनको रात को किसी ज़रूरी काम से दिल्ली जाना था। भैया ने कहा कि तुम्हारी भाभी को डर लगता है इसलिए हो सके तो तुम रात को हमारे घर पर ही सो जाना।

मैंने कहा – ठीक है।

मैं आधे घण्टे में उनको बस-स्टैण्ड पहुँचा कर वापस भाभी के पास आ गया। भैया की माँ भी उस दिन बाहर गई हुईं थीं।

भाभी को मैंने कहा कि वो अन्दर बेडरूम में सो जाये, मैं बाहर ड्राईंगरूम में सो जाता हूँ। भाभी ने कहा कि ठीक है। भाभी ने मुझे जान-बूझकर पतली सी चादर दी ताकि मुझे ठंड लग जाए। करीब आधे घण्टे में वो पानी पीने के लिए बाहर आई तो मैं ठण्ड से सिकुड़ रहा था। भाभी ने कहा कि ठण्ड लग रही है तो अन्दर सो जाओ। मैं तैयार हो गया। अन्दर केवल एक डबल बेड पलंग था। भाभी ने कहा कि यहीं सो जाओ। मैं थोड़ा सकुचाया। फिर मैं भी वहीं सो गया। करीब आधे घण्टे बाद मैंने पाया कि भाभी की एक टाँग मेरी टाँगों पर आकर लगी। टाँग पर से साड़ी ऊपर हो गई थी और भाभी की गोरी-गोरी मादक जाँघें मुझे मखमल की तरह लग रही थीं। मैंने भी धीरे से अपनी टाँग भाभी की टाँगों पर रख दीं। मेरे आठ इंच का मूसल खड़ा होने लगा। मैंने धीरे-धीरे टाँगों को रगड़ना शुरू किया तो भाभी ने भी जवाब दिया। मुझे हरी झंडी मिल गई।

फिर धीरे-धीरे मैं भाभी के पास आता गया और मैंने भाभी की चूचियों पर अपना हाथ रख दिया तो भाभी सोने का नाटक करने लगी। अब मैंने भाभी की मादक, रसीली और भरी-भरी चूचियों को हल्के-हल्के दबाना शुरू किया। अचानक भाभी जाग गईं और कहने लगीं कि ये तुम क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे नींद में पता नहीं चला, सॉरी। मैं उठकर बाहर सोने के लिए जाने लगा तो भाभी ने कहा नहीं यहीं सोना है।

भाभी ने मुझे एक भद्दी सी गाली मादरचोद कहा और कहा कि लण्ड खड़ा करने की हिम्मत है पर डालने की नहीं। मैंने भाभी से कहा कि लण्ड तो आपने ही खड़ा किया था। भाभी हँसने लगीं। भाभी उठीं और रसोई से जाकर गरमा-गरम दूध लेकर आईं, फिर हमने दूध पिया। फिर कहा कि सर्दी बहुत है, मैंने कहा कि अभी सर्दी भगा देता हूँ।

भाभी बोली- तो देर क्यो कर रहे हो।

मैंने भाभी को पलंग पर ही पटक दिया और उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया और उनकी पैण्टी में हाथ डाल दिया। अचानक मुझे लगा कि जैसे कि मैंने कोई भट्ठी में हाथ डाल दिया है। मैंने भाभी की फूली हुई ब्रेड की माफ़िक रसीली चूत को मसलना शुरू किया। भाभी आआआआआ… आआआआ… श्श्श्श्शस्स्स्स्ससी श्सस्स्स्सी… करने लगी। फिर मैंने भाभी की ब्लाउज़ खोल दी और उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया। मैंने भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ और होठों से चूमा। फिर मैंने बाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की। भाभी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और अचानक ही उनकी चूत से कुछ रस बहने लगा।

मैंने भाभी से पूछा- ये क्या है?

भाभी ने कहा- मादरचोद, गाण्डू, चाट इसको।

मैंने रस को चाटा तो काफी गरम और टेस्टी था। भाभी ने अब मेरे मूसल को हाथ में लेकर मुट्ठ मारनी शुरू कर दी, थोड़ी देर में मुझे लगा कि अब मेरा रस निकलने वाला है तो मैंने भाभी को कहा कि मेरा निकलने वाला है तो भाभी ने उसको अपने मुँह में लिया और सारा रस पी गई।

१५ मिनट के बाद लण्ड फिर से खड़ा होने लगा क्योंकि भाभी अपनी चूत के बाल साफ कर रही थीं, और मैं उनको देख रहा था, मैंने भाभी से पूछा – कि भाभी आप तैयार हो? तो भाभी ने कहा- मेरे चोदू, आ जा ! चोद दे !

मैं सीधे ही भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपना ८ इंच का मूसल उसकी चूत में डाल दिया, मूसल जाते ही भाभी दर्द के मारे छटपटाने लगी और बोली, भड़वे, लण्ड है कि मूसल है। भाभी की चूत काफी टाईट थी, मुझे अन्दर-बाहर करने में मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी से इसका राज पूछा तो वह बोली कि जब तक किसी चीज़ को काम में नहीं लाओ तो वह नई-नई ही रहती है। मैं सारा माज़रा समझ गया।

मैंने भाभी की चूत को और तेज़ी से चोदने लगा, फिर १५ मिनट बाद में, मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया और चोदने लगा, बाभी का माँसल बदन और मेरे शरीर की टकराहट से कमरे में फच्च फच्च फच्च… की आवाज़ें आने लगीं।

भाभी लगातार शस्स्स्स्सी…. श्स्स्स्सी…. उई… उई… अह्ह्ह्हहा…. अह्ह्ह्हाहा की आवाज़ें निकाल रही थी। भाभी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लेने लगी, मैंने भी गति बढ़ा दी। भाभी बोली- साले, बहनचोद, और ज़ोर से चोद, मेरी चूत फाड़ डाल !

मैंने भाभी को कहा, हरामज़ादी, साली, कुत्ती, तेरी चूत का तो मैं औज फौलाद बना ही डालूँगा। यह कहते-कहते भाभी का रस निकल गया और थोड़ी देर बाद में मेरा भी। हमने एक दूसरे को साफ किया और सो गये। सुबह ६ बजे में मैंने भाभी को एक बार फिर से चोदा। चुदाई के बाद भाभी ने चाय बनाई, मैंने चाय पीकर भाभी को किस किया और पूछा- “रात को सर्दी तो नहीं लगी?” तो भाभी मुस्कुराने लगी।

उसके बाद से मैं भाभी को लगातार चोद रहा हूँ…. Antarvasna

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