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Massage Girl in Latehar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Latehar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Latehar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Latehar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Latehar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Latehar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Latehar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Latehar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Latehar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Latehar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Latehar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Latehar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हेलो दोस्तों क्या है आप सब आशा करते हैं आप सब ठीक होंगे! मैं आपका दोस्त सोनू हाजिर हूं एक और कहानी लेके ये कहानी नवंबर 2023 की है मेरी शादी को 5 साल हो चुके हैं और मेरी एक बेटी और एक बेटा है इसके बाद भी मेरा एक अफेयर जो कि मेरी शादी से पहले का था लगतार चल रहा था! तो चलिए आते हैं अब अपनी कहानी पर मेरी गर्लफ्रेंड या यूं कहें रखेल का नाम भावना है उसे मेरी शादी और बच्चे के बारे में बताएं जब भी मैंने गर्लफ्रेंड के साथ कहा, इस वर्ड का इस्तेमल किया ये बात 2023 की है मुझे मेरी और उसकी एक करीबी दोस्त ने बताया कि उसका कहीं चक्कर चल रहा है तो मैंने खोजा चालू की जो सच निकली तो मैंने भी थान लिया कि अब इसके साथ "जेसे को तेसा" करना है! यहाँ भावना के बारे में थोड़ा सा बता दू उसकी हाइट लगभग 5"3 बिल्कुल पतली लेकिन स्तन और गांड निकले हुए हैं जो किसी को भी पागल कर दे उसे कहा कहा तक है मैं आँखे बंद करके भी बता सकता हूँ! नवंबर में मेरी बेटी के जन्मदिन के बारे में मैंने सोचा कि अब इसको सबक सिखाया जाएगा तो मेने जान भुजकर डेली इसके साथ ऐसा बिहेव क्रना चालू क्र दिया कि मैं इसे अलग होना चाहता हूं इसने मुझे 23 नवंबर की रात को मैसेज किया है कि मुझे कल मिलना है तो मैंने सोचा चलो मिल गया मौका माई अगले दिन घर में काम का बहाना क्रके निकल गया और भावना को पीरागढ़ी से पिक क्रके रोहिणी सेक्टर 16 के ओयो में ले गया मुझे उस दिन जानबूझ कर अपनी और इसकी ओरिजिनल आईडी वाह दी! हम रूम में आ गए लग्भाग 11 बजे थे उस समय तो मैंने बात चालू की और इधर उधर की बाते होने के बाद में 12 बजे भावना को बोला कि मुझे नींद आ गई दोस्तो याहा एक बात बता दू हमारे ओयो आने के बाद हमेशा 10-15 मिनट बाद में उसे किस करना चाहिए चालू कर देता था भावना को इसलिए इस बार भावना को थोड़ा अजीब लगा तो भावना ने कहा मुझे कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे उठ कर बेथो मैं उठ कर बैठ गया तो उसने कहा कितना प्यार करते हो मुझसे मैंने कहा बहुत तो बोली कि अगर मैं कोई ऐसी गलती कर दूं जो तुमने सोची भी ना हो तो क्या तुम मुझे माफ कर दोगे मैंने कहा निर्भर करता है कि तुम्हें गलती का पछतावा है या नहीं तो उसने कहा जाओ वोदका लेके आओ हम हमेशा सेक्स करने से पहले वोदका पीते थे तो मैंने कहा मुझे नहीं पीनी तो उसने कहा मुझे पीनी है क्योंकि बिना पिये मैं वो बात नहीं बता सकती (दोस्तों हकीकत मुझे पहले से ही पता थी) तो मैं गया और वोदका का हाफ लिम्का और कुछ स्नैक्स ले आया वैपिस आके मैंने जनबूझकर अपना 30 और उसका 60+ का पेग बनाया 2-2 पेग के बाद मैं तो सामान्य था लेकिन उसे नशा हो गया और वो रोकर बोलने लगी प्लीज मुझे माफ कर दो मैंने जंबुझकर नहीं किया गलती हो गई तो मैंने कहा कि बात तो बता क्या हुआ क्यों रो रही है तो आन्हे भारत भरते जेसे ही बोलने वाली थी तो मैंने उसे रोका हुआ बोला कि सुन मैं बटाता हूं क्या हुआ है- तू पिछले 5 महीने से रिलेशनशिप में है मेरी बेटी के जन्मदिन के दिन तू उसके साथ उसके फ्लैट पर भी गई थी यही बताना चाहती है ना? दोस्तो उसका तो ये नशा ही उतर गया और चेहरा पीला पड़ गया मैंने उसकी तरफ शुद्ध गुस्से में देखा और कहा कि मुझे पिछले 2 महीने से सब पता था मैं बीएस देख रहा था कि तू किस हद तक जाती है मैंने बची हुई वोदका से वापसी के साथ वही पेग बनाया और वो अब फुल नशे में हो गई थोड़ी देर बाद मैंने टाइम देखा तो 1 बजे चुका था तो मैंने भावना को कहा कि 2 बजे मैं चला जाऊंगा तो उसने कहा ठीक है। दोस्तो इसके बुरे 2 बजते ही मैंने उसे उठाया और कहा चलो मुझे घर जाना है तेरे लिए मैंने कैब बुक कर दी है उसमें चली जाओ तो वो मुझसे लिपट कर रोने लगी और मुझसे माफ़ी मांगने लगी मुझे इस्तेमाल करने के लिए ढाका देने लगा इसी बीच हम दोनों बेड पे गिर गए मैं नीचे और वो मेरे ऊपर मुझे पगलो की तरह किस करने लगी मेरी शर्ट के बटन, उसने एक बार में खींच कर छोड़ दिया और मुझे मेरे शरीर पर हर जगह किस करने लगी तो मेरी भी अन्तर्वासना जग गई आगे जो हुआ वो आप हिंदी सेक्स कहानी पर पैड रह रहे हैं मैंने भावना को पकड़ कर अपनी जगह गिरा दी और उसकी कमीज उतार दी और उसको जीन्स के बटन खोलने लगा पैंट पे वो जींस या सलवार उतारने में ड्रामा कृति है लेकिन आज बिना कुछ बोले उतरने लगी अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके स्तन पीने लगा और वो पगलो की तरह मेरे बालों पर उंगली चलाने लगी और मुझे गालो पे किस करने लगी मैंने धीरे-धीरे आला की आते हुए उसकी नाभि पे किस क्रना चालू किआ और उसकी पैंटी भी उतार दी अब मैंने अपने लंड पर उसे भीख मांगी मैंने कोल्ड क्रीम को लगाया और लंड का टोपा उसकी चूत पे लगाया और उसकी तरफ जाने लगा और मेरा टोपा जेसे ही अंदर गया उसने अपने नाखुन मेरी पीठ में गाड़ दिए और मुझे बेरामो की तरह नोचने लगी और मुझे चूमने लगी और कहने लगी आई लव यू सॉरी प्लीज मुझे चोर कर मत जाना प्लीज मैंने मौका देखते हुए एक और करारा सा झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और भावना इतनी जोर से चिल्लाई की बगल के कमरे वाला बंदा मेरे गेट पे आ गया मैंने किसी तरह उसे भेजा और वापस ले लिया, आके फिर से भावना को चोदने लगा भावना के स्तनों पर काले तक मैं जानभुकार पीने लगा ताकि वाहा लव बाइट बन जाए और उसकी गर्दन पे 3 लव बाइट डोनो जगह बना दिए मुख्य उपयोग तबरतोड़ चोद रहा था और उसकी मुहं से आअहह उफ्फ्फ मम्मी अइइइइइइइ की आवाज, मेरा जोश और बड़ा रही थी अब मैंने झटके तेज किये एई ई आ ऊही माँ शशशशश मैंने उसके निप्पलों को दबाते हुए चूस चूस कर उसे थोड़ा नार्मल कियाउर वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी और 20 मिनट की चुदाई के बाद में भी उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही गिर गया दोस्तों फिर मैंने और भावना ने खाना खाया और जब टीके 3 बजे थे तो मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा एक राउंड और प्लीज तो उसने थोड़ा सा ड्रामा किया मैं और फिर वो हुए मन गई में फिर से उसके ऊपर आ गया और उसकी गर्दन पे किस करने लगा क्यूकी उसकी गरदन और उसकी नाभि के नीचे वाला हिस्सा बहुत संवेदनशील है जिसका बुरा वो बहुत गरम हो जाती है मैंने उसके होठों पर किस करते हुए प्यार काट लिया (लव बाइट्स देना और लिप्स पर काटना सब योजना का हिस्सा ) और उसके मुंह आह की आवाज आई मैंने उसकी चूत पर वापस लंड तो टिकाया और हल्का सा दबाया और मेरा टोपा हल्का सा अंदर जाते ही उसकी कामुक आवाज और सिस्कारियां फिर से चालू हो गई मैंने 2-4 झटके के बाद एक झटके से पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो भावना के मुँह से आहह सोनू, प्लीज स्लो स्लो … उहह उम्मह ओहह सोनू … दर्द हो रहा है. एक दो झटकों में ही लंड ने रफ्तार पकड़ ली और मैं पूरे जोश के साथ धक्का लगा कर भावना की चुत चुदाई करने लगा. भावना जोरों से सीत्कार कर रही थी और कमरे में फच फच फच की आवाज़ सुनाई दे रही थी. भावना- आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओहह सोनू सो हार्ड … आहह ओह यस यह. मैं- ओह भावना आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो … आज तो मैं तेरी चूत की धज्जियां उड़ा डालूंगा. भावना- आंह … चोद कमीने … उहह ओहह चोद यस फक फक मी. कुछ देर बाद मैंने कुछ देर बाद मैंने भावना की चुत से लंड निकाल कर उसे घोड़ी बना दिया और भावना गांड हिलाते हुए लंड का इन्तजार करने लगी. इस समय उसने कुछ बोला नहीं था कि गांड में लंड मत डालना. मैंने भी बिना देर किए उसकी चिकनी गांड पर चपत मारकर कमर को पकड़कर लंड घुसा दिया. गांड में लंड घुसते ही भावना जोरों से आवाज़ निकालने लगी- ओहह उहह sonu … धीमे चोद … मैं तेरी रांड नहीं हूँ और ना ही तेरी बीवी हूँ. कमीने धीमे चोद न … मैं कहीं भागे नहीं जा रही हूँ. मैंने भावना की गांड पर चपत लगाकर लंड अन्दर ठेला और कहा- चुप रह साली … वरना तेरी गांड फाड़ दूंगा … आज तो तुम पूरी तरह से रांड लग रही हो. 5मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर आकर चोदने को बोला उसने आसन बनाया और टप से मेरे लंड को पकड़ के चूत पे रख कर बैठ गई. लंड लीलते ही वो तेज़ तेज़ गांड हिलाने लगी. मैं उसके मम्मों के साथ खेलने का मज़ा ले रहा था. दोस्तों मेरा अपना अनुभव है, जो मज़ा एक नई लड़की नहीं देती, वहीं चुदी चुदाई चूत देती है. उसके जैसा सुख कोई चुत नहीं दे सकती. तभी मैंने अपना लंड भावना के हाथ में पकड़ा दिया और बोला- भावना, इसको शांत कर दो तो मैं जाऊं! और भावना ना चाहते हुए भी बोलने लगी- कर लो जो करना है और बक्श दो मुझे! मैंने भावना को घोड़ी बनाया और पूरा लंड भाभी की चुत में घुसा दिया. भावना की चीख निकल गयी और भावना चिल्लाने लगी- धीरे धीरे … रुक जाओ. आह प्लीज … आह अहो हई … दर्द हो रहा है. धीरे आह आह! और मैंने धके तेज़ कर दिए 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया और भावना भी पानी पानी हो गयी। भावना के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी. वह बोली- आज जीवन में पहली बार चुदाई में इतना मजा आया है. लव यू. तो मैंने भी कहा, तो मैंने भी कहा, लव यू टू.. दोस्तो इसके बाद में हम युही पड़े रहे 5 बजे मैंने उसे कहा कि अब निकलते हैं प्लीज तू यहीं से निकल जा मुझे देर हो रही है इसके बाद मैंने घर जाते ही भावना को हर जगह से ब्लॉक किआ और सीधा उसके यार अभी को कॉल किया कि अपनी मैडम से पूछ ले कोन सी ड्यूटी करके आ रही है या 7 बजे इसकी छुट्टी के टाइम पीरागढ़ी चला जाइयो और गर्दन पर ड्यूटी का निसान देख लिओ। अगले दिन भावना के 10 कॉल आये लेकिन मैंने ब्लॉक कर दिया था तो सिर्फ नोटिफिकेशन आया था एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया अब खुश हो गया ना धन्यवाद। दोस्तो ये थी मेरी कहानी "जेसे को तेसा" आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं Rahuluid391@gmail.com

प्रेषिका : दिव्या Antarvasna

रात आने को थी… मेरा Antarvasna दिल धड़कने लगा था। मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था कि मेरी मां मेरे सामने ही चुदेगी ! कैसे चुदेगी … आह्ह्ह चाचा का कड़क लण्ड भला अन्दर कैसे घुसेगा ? यह सोच कर तो मेरी चूत में भी पानी उतरने लगा था।

रात का भोजन मैं और मम्मी साथ साथ कर रहे थे।

“मम्मी, एलू अंकल अच्छे है ना… “

“हूं, बहुत अच्छे है … प्यारे भी हैं !”

“प्यारे भी हैं … क्या मतलब … यानि आपको प्यारे हैं ?”

“अरे चुप भी रह ना, वो हमारा कितना ख्याल रखते हैं … घर को अपना ही समझते हैं ना !”

“मम्मी ! उन्हें यहीं रख लो ना … देखो ना उनका अपने अलावा और कौन है ? उनके तो कोई बच्चा भी नहीं है, बिल्कुल अकेले हैं… वो तो मुझे भी बहुत प्यार करते हैं।”

“हां, जानती हूँ… ” फिर मुझे वो मुस्करा कर देखने लगी। खाना खाकर मैं अपने कमरे में चली आई। कुछ ही देर में चाचा आ गये। मम्मी ने मुझे कमरे में झांक कर देखा, उन्हें लगा कि मैं सो गई हूँ। वो चुपचाप अपने कमरे में चली गई और कमरा भीतर से बन्द कर लिया। मैंने अपने लिये लाईव शो का इन्तज़ाम पहले से ही कर रखा था। उनके दरवाजा बन्द करते ही मैं चुपके से कमरे से बाहर आ गई और खिड़की को ठीक से देखा। अन्दर का दृश्य साफ़ नजर आ रहा था। मेरा दिल धड़क रहा था कि मां की चुदाई होगी।

मां धीरे धीरे शरमाते हुए अंकल की तरफ़ बढ़ रही थी। उनके पास आ कर वो रुक गई और अपनी बड़ी बड़ी आंखों से उन्हें निहारने लगी।

“माया, तुम कितनी सुन्दर हो … “

मां ने नजर नीची कर ली। अंकल ने आगे बढ़ कर मम्मी को प्यार से गले लगा लिया। मां तो जैसे उनसे चिपट सी गई। दोनों के लब एक दूसरे से मिल गये।

गहरे चुम्बनों का आदान प्रदान होने लगा। मां की लम्बाई चाचा के बराबर ही थी, मां के भारी भारी चूतड़ों को अंकल ने दबा दिया। मां के मुख से एक प्यारी सी आह निकल पड़ी। पजामे में से अंकल का लण्ड उभर कर बाहर निकलने हो हो रहा था। मम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपना पेटीकोट उनके लण्ड से टकरा दिया। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थी।

अंकल ने अपने दोनों हाथों से मम्मी की चूचियों को सहला कर दबा दिया। मम्मी सिमट सी गई।

“माया, मेरे लण्ड को प्यार करोगी… ?”

मम्मी धीरे से नीचे बैठ गई और उनके पजामे का नाड़ा खोल दिया। उसे धीरे से नीचे उतार दिया। अंकल का लण्ड बाहर आ गया। सुपाड़ा पहले से ही खुला हुआ था। मां ने मुस्करा कर ऊपर देखा और लण्ड को अपने मुख में डाल दिया। अंकल ने मस्ती में अपनी आंखें बन्द कर ली। अंकल के हाथ मां के ब्लाऊज को खोलने में लगे थे। मम्मी ने उनका लण्ड चूसना छोड़ कर पहले अपना ब्लाऊज उतार दिया।

हाय रे ! मम्मी के उरोज तो सच में बहुत सधे हुये थे। हल्का सा झुकाव लिये, चिकने और अति सुन्दर।

मम्मी ने फिर से उनका लण्ड अपने मुख में ले लिया और चूसने लगी। अंकल के हाथ मम्मी के बालों में चल रहे थे, उनके बाल खुल गये थे। उन्होने मां को अब उठा कर अब खड़ा कर लिया और उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उसे नीचे गिरा दिया।

“माया, मुझे भी आप अपनी चूत को प्यार करने की इजाजत देंगी?”

पहले तो मां शरमा गई। फिर वो बिस्तर पर लेट गई और अपनी दोनों टांगें ऊपर खोल ली।

“हाय … माया … इतनी चिकनी, इतनी प्यारी … लण्ड लगते ही भीतर फ़िसल जाये !”

“ऐसे मत बोलो, बस इसे चूम लो, फिर चाहे जो करो। भले ही उसे अन्दर उतार दो !”

मां को चुदने की बहुत लग रही थी, पर अंकल ने अपना मुख मम्मी की चूत पर लगा दिया। उनके दाने को उनके होंठों ने मसल दिया। मम्मी अपनी चूत उछालने लगी। मेरी चूत में भी यह देख कर पानी उतर आया। मैं अपने कमरे में से जा कर अंकल का दिया हुआ डिल्डो उठा लाई। पहले तो मैं अपनी चूत को दबाने लगी।

मां तो खुशी के मारे जैसे उछल रही थी। पर अंकल चूत से चिपके हुये उसका रस चूसने में लगे थे।

“अब तड़पाओ मत … जैसा मैं कहूँ वैसा करो !”

“पीछे घूम जाओ, तुम्हारी चिकनी गाण्ड पहले मारूंगा !”

“ओह, तुम्हें गाण्ड मारना अच्छा लगता है… कोई बात नहीं … दोनों तरफ़ छेद है, किसी को भी चोद दो ! पर पहले मुझे मुठ मार कर दिखाओ ना !”

“ओह, जैसी माया जी की इच्छा… “

चाचा नीचे बैठ गए और मुठ मारने लगे। मां बहुत ध्यान से मुठ मारते हुये देखने लगी। मां के मुख से बीच बीच में सिसकी भी निकल जाती थी। वो अपने कठोर लण्ड को मुठ मारते रहे और मां ने अपनी चूत घिसना चालू कर दिया।

जैसे ही अंकल का वीर्य छलक पड़ा। मां के मुख से भी सीत्कार निकल पड़ी।

“इसमें आपको बहुत मजा आता है ना… ?” उनके लण्ड को मां ने हिलाया, मां ने अंकल को अपने चिकने बोबे से लगा दिया और उसे उनकी छाती पर घिसने लगी।

“माया, अब तुम्हारी बारी है … चलो शुरू हो जाओ !”

मां भी जमीन पर बैठ गई और अपनी चिकनी चूत को पहले तो सहलाने लगी। फिर चूत की धार को मसलने सी लगी। फिर मां ने अपना दाना उभार कर देखा और उसे मसलने लगी। फिर उन्होंने अपनी गीली चूत में अपनी अंगुली घुसा ली और आह भरते हुये हस्तमैथुन करने लगी। मां जल्दी ही झड़ गई, वो शायद पहले ही उत्तेजित थी।

मां के झड़ते ही अंकल मां की चूत का रस चूसने लगे। मां ने उन्हें अपनी जांघों के बीच दबा लिया।

“अब देखो, मैं तैयार हूँ, अब मैं तुम्हारी जम कर गाण्ड चोदूंगा… मजा आ जायेगा !”

मां ने घोड़ी बन कर अपनी सुडौल गाण्ड पीछे की ओर उभार दी। अंकल तो गाण्ड मारने में उस्ताद थे ही। उन्होंने धीरे से लण्ड गाण्ड में डाल दिया और मां मस्त हो गई। मुझे देखने में बहुत आनन्द आ रहा था। मम्मी की गाण्ड अंकल ने बहुत देर तक बजाया। मम्मी भी अंकल के स्खलित होने तक गाण्ड चुदाती रही।

मम्मी की गाण्ड मार कर अंकल सुस्ताने लगे।

“जूस पियोगे या दूध लाऊँ?”

“अभी तो दूध ही पियूंगा, फिर जूस… “

मां जैसे ही उठी दूध लाने के लिये, चाचा ने उन्हें फिर से गोदी में खींच लिया और उनकी चूचियों को अपने मुख से दबा लिया।

“कहां जा रही हो, दूध नहीं पिलाओगी क्या ?”

और मां को गुदगुदाते हुये दूध पीने लगे।

हुंह … मां के खूब चूस चूस के पी रहा है … मेरे तो चूसता ही नहीं है !

मां गुदगुदी के मारे सिसकियाँ भरने लगी।

“बहुत प्यारे हो एलू तुम तो … कैसी कैसी शरारते करते हो… “

दोनों नंगे ही एक दूसरे के साथ खेल रहे थे… खेलते हुये उन दोनों में फिर से आग भरने लगी थी। अंकल का लण्ड फिर से फ़ुफ़कारने लगा था।

“अब देरी किस बात की है?” मां ने अनुरोध किया।

“बस हो गया ना … अब कल के लिये तो कुछ छोड़ो !”

“बस एक बार, मेरे ऊपर चढ़ जाओ … मुझे शांत कर दो !”

“कहीं कुछ हो गया तो … ?”

“कुछ नहीं होगा, मेरा ऑप्रेशन हो चुका है … अब तो आ जाओ !”

अंकल का चेहरा खिल गया। मां ने अपनी दोनों खूबसूरत सी टांगें उठा ली। अंकल उन टांगों के बीच में समा गये। कुछ ही पलों में अंकल का मोटा लण्ड मां की चूत को चूम रहा था। चाचा का लण्ड मां की चूत में घुसता चला गया। मां खुशी से झूम उठी। मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया, मैंने डिल्डो को धीरे से अपनी चूत में घुसा लिया, मुझे भी एक मीठी सी गुदगुदी हुई।

मेरी मां अपनी टांगें ऊपर उठा कर उछल उछल कर चुदवा रही थी। मेरा हाल इधर खराब होता जा रहा था। मां की मधुर चीखें मेरे कानों में रस घोल रही थी। दोनों गुत्थम-गुत्था हो गये थे। कभी अंकल ऊपर तो कभी मम्मी ऊपर ! खूब जम कर चुदाई हो रही थी। मां को इस रूप में मैंने पहली बार देखा था। वो एक काम की देवी लग रही थी। लगता था जिन्दगी भर की चुदाई वो दोनों आज ही कर डालेंगे।

तभी दोनों का जोश ठण्डा पड़ता दिखाई देने लगा। अरे ! क्या दोनों झड़ चुके थे? सफ़र की इति हो चुकी थी। वो दोनों झड़ चुके थे।

मैं अपने कमरे में आ गई और चूत में डिल्डो को फ़ंसा कर अन्दर बाहर करने लगी। साथ में अंकल को गालियाँ भी देती जा रही थी- साला, बेईमान, झूठा ! मम्मी को तो बुरी तरह चोद दिया और मुझे… हरामी घास भी नहीं डालता है।

अब किसे क्या बताऊं, मैं भी तो जवान हूँ, मुझे भी तो एक मोटा, लम्बा, कड़क … हाय, हां … बस आपके जैसा ही… ऐसा ही तो लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ना है। प्लीज आईये ना !!! Antarvasna

मैं एक शानदार शरीर का मालिक हूँ. बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग और जुडो कराटे में रूचि होने के कारण हमेशा से ही बहुत सी लड़कियों की नज़रों में चढ़ा रहा हूँ. आज कल इंजीनियरिंग कोचिंग का मालिक होने के कारण तो मेरे आस पास बहार छाई रहती है. यदि आपको नहीं पता तो बता दूं कि 52 इंजीनियरिंग कॉलेज होने के कारण भोपाल बहुत ही हॉट है. आप फैशन देख देख कर के पागल हो जायेंगे और इंजीनियरिंग हॉस्टल की लड़कियों का तो कहना ही क्या. जवानी, आजादी, पैसा और कांफिडेंस तो इनमें कूट कूट कर भरा है.

ऐसे ही तीन लड़कियों का ग्रुप मेरी कोचिंग में आया, और इंजीनियरिंग कोर्सेस के बारे में जानकारी लेने लगा. अपने चैंबर से मैंने उन्हें देखा तो एक शक्ल कुछ जानी पहचानी लगी. अपनी रिसेप्शनिस्ट (वो भी बड़ी सेक्सी है, उसकी कहानी फिर कभी) को इंटरकॉम पर बोला तो उसने उन्हें मेरे पास भेज दिया.

एक लड़की मुझे देखते ही चौंक गयी- अरे सर आप !

3 दिन पहले ही मैंने उसे स्कूटी से गिर पड़ने के कारण अपनी कार से उसके हॉस्टल छोड़ा था, और उसकी स्कूटी मेरा ड्राईवर लेकर आया था. उस वक़्त उसने मेरा कार्ड ले लिया था.

मैंने उन्हें बैठने को कहा और उससे उसकी तबियत पूछी, उसने कहा कुछ नहीं हुआ, आपकी वजह से मैं उस दिन बच गयी नहीं तो मैं तो शायद बेहोश ही हो गयी थी,

उसने अपना नाम बताया, नताशा और उसकी दोनों सहेलियां थी सिमरन, और पल्लवी.
तीनो इंजीनियरिंग की स्टूडेंट्स थी, और कोर्स करना चाहती थी.

नए बैच में तीनो ने एडमिशन ले लिया. (डिटेल मैं जानबूझ कर छुपा रहा हूँ, और नाम भी दूसरे बता रहा हूँ, क्योंकि डिग्निटी भी कोई चीज़ है, और मैं अपने किसी दोस्त का नुकसान नहीं चाहता.)

पढाते पढाते मैं कई दिनों तक देखता रहा कि नताशा एकटक मुझे देखती रहती है, अच्छे और अंग-प्रदर्शित कराने वाले कपडे पहनना, हंस कर बात करना, सट कर सवाल पूछना तो सभी लड़कियों की आदत है पर इसमें कुछ बात तो थी, मैं भी पुराना खिलाड़ी हूँ।

कुछ दिन बाद जब वो अकेले कुछ पूछने मेरे चैंबर में आई तो मैंने कहा कि कुछ पढाई पर भी ध्यान देती हो या मेरी शकल ही देखती रहती हो?

उसने छूटते ही जवाब दिया सर आपकी शकल ही।
मैंने मुस्कुरा कर कहा- क्यों?
बोली- आप ऊपर से नीचे तक हो ही देखने लायक !
मैंने कहा- तुम्हे कैसे पता?

वो बोली- मुझे जिस दिन आपने मुझे गोद में उठा कर अपनी कार मैं बिठाया था, उसी दिन मैं आपके एक एक मस्सल को नाप चुकी हूँ।

उसकी बेबाकी से मैं तो खिल उठा, मैंने कहा- दुबारा नापने के लिए फिर मत स्कूटी से गिर पड़ना !

वो बोली- नहीं ! अब सीधे आप पर ही गिरूंगी !

मै कुछ कहता, इसके पहले ही बाकी स्टुडेंट आ गए और वो कुछ खुश कुछ प्यासी सी बाय कर के चली गयी।

दो दिन तक आँखों ही आँखों में नैन-मटक्का और कुछ शिकायत, कुछ प्यार वो छलकाती रही, और शुक्रवार को अचानक वो बोली- सर पचमढ़ी का कुछ आईडिया है आपको?

मैंने पूछा- क्यों?
बोली हम तीनों शनिवार, रविवार को पचमढ़ी घूमना चाहते हैं, सुना है बहुत सुंदर जगह है !
मैंने कहा- है तो, पहले नहीं घूमा क्या?

बोली नहीं- हम तो सब यहाँ के है ही नहीं! मैं पुणे की हूँ, सिमरन अमृतसर की और पल्लवी लखनऊ की, आप बताइए कैसी जगह है?

मैंने कहा है- तो अच्छी लेकिन हनीमून के लिए !
वो बोली- तो फिर आप भी चलिए!
मेरी तो निकल पड़ी, मैंने कहा- चलूँगा तो लेकिन फिर हनीमून मनाना पड़ेगा सोच लो !
बोली- आप चलिए तो सही !

प्रोग्राम तय हुआ, मैं और मेरा पार्टनर सनी दोनों और वो तीनों मेरी कार से निकल पड़े शनिवार की सुबह।

सनी को तो मैंने कार चलने पर लगा दिया और पल्लवी भी आगे बैठ गयी वो सबसे शर्मीली लड़की थी। मैं नताशा और सिमरन पीछे बैठ गए, नताशा ने जिद करके मुझे बीच में बिठा दिया।

दोनों ही मस्त 5 फीट 5 इंच के ऊपर लम्बाई की थी और तीनों के बूब्स बिल्कुल तने हुए थे, ऊपर से स्किन टाइट जींस पहन रखी थी। नताशा और पल्लवी ने। जबकि सिमरन स्कर्ट पहने थी पिंक रंग का।

सिमरन और कैटरिना कैफ में शायद 18-20 का फर्क होगा और सिमरन कैटरिना से दो कदम आगे ही थी, फिगर रंग और बूब्स में। घुटनों तक लम्बे बाल और चिकनी चमकती स्किन, प्राकृतिक गुलाबी होंठ और गाल।

नताशा जो कि एक आर्मी ऑफिसर की बेटी थी, सांवली लम्बी और बिल्कुल तराशे हुए बदन की मालकिन, लेकिन उसके बूब्स और रोम रोम बिल्कुल अलग से खिले हुए थे साथ ही उसकी बेबाक बातचीत किसी तो भी गरमाने के लिए काफी थी।

जबकि पल्लवी एक बिल्कुल मासूम सी शक्ल की कश्मीरी टाइप की लड़की थी, लम्बाई करीब पांच फ़ीट 3 इन्च, जबकि शरीर भरा हुआ लेकिन कमर तो शायद थी ही नहीं, उसके गाल इतने गुलाबी थे जैसे शरमाने पर गोरी लड़कियों के हो जाते हैं, लेकिन उसकी आँखें बताती थी कि उसने दुनिया में कुछ देखा ही नहीं है।

जबकि नताशा की आँखें और बातें साफ़ बता देती थी की उसने दुनिया का पूरा मजा लूटा है और आगे भी लूटना चाहती है।

मैं दोनों के बीच मैं बैठा उनसे बातें शुरू कर चुका था, दोनों की जांघें मेरी जाँघों से सटी हुई थी और सिमरन और नताशा दोनों के बाल उड़ उड़ कर मेरे चेहरे पर आ रहे थे, धीरे धीरे मैंने नताशा की जाँघों पर अपनी जांघें रगड़ना शुरू किया और वो भी मुस्कुराने लगी। माहौल तो मैं समझ ही चुका था, तीन जवान लड़कियां 2 दिन एक रात वो भी दो जवान अंजान लड़कों के साथ बिना किसी जान पहचान के, नताशा का खेल तो पक्का था, अब मेरा ध्यान सिमरन और पल्लवी पर भी था, साथ ही मुझे अपने दोस्त सनी को भी ऐश करवानी थी।

इसलिए मैं संभल कर खेलना चाहता था।

अब तक नताशा मेरी जांघ पर हाथ रख चुकी थी और धीरे धीरे हाथ फेर रही थी। मैंने अपना कोट उतार कर गोद में रख लिया, कोट उतारते वक़्त सिमरन के बूब पर ज़रूर कोहनी फेर दी। सिमरन ने अपना मुँह खिड़की की तरफ घुमा लिया और मैं उसकी प्रतिक्रिया नहीं देख पाया.

अब कोट के नीचे में और नताशा एक दूसरे को खुल कर सहला रहे थे, अचानक नताशा ने मेरी पैन्ट की ज़िप पर हाथ रख दिया और वो ज़िप खोलने की कोशिश करने लगी। मैंने उसका चेहरा देखा- उसके होंठ गीले और मुँह खुला हुआ था। साफ़ था कि वो गरम हो चुकी थी। मैंने धीरे से अपने आप ही अपनी ज़िप खोल दी, नताशा ने अपना हाथ अन्दर डाल कर मेरा 9 इंच लम्बा 3 इंच मोटा सूमो अपने हाथ में ले लिया।

अचानक मेरा पूरा बदन थरथरा गया पता ही नहीं चला कि कब मेरे हाथ उसके बूब्स पर और उसके टी-शर्ट के अन्दर पहुँच गए। उसके बूब्स बिल्कुल गोल और उसके निप्प्ल बिल्कुल खड़े थे, साइज़ क्रिकेट बाल से भी 1 1/2 गुना था. हम दोनों के ही बदन तने जा रहे थे और दोनों ही सातवें आसमान पर थे।

क्या नज़ारा था मेरा सूमो नर्म उँगलियों के बीच खेल रहा था, नताशा मेरे कंधे पर सर टिकाये हुए थी और मेरा हाथ उसकी टी शर्ट के अन्दर सहलाने में लगा था।

अचानक नताशा मेरे कान में फुसफुसाई,’ मुझे लोलीपोप खाना है !’
मेरे तो दिल की बात कर दी उसने, पर मैंने कहा,’ सिमरन देख लेगी तो?’

उसने सड़ा सा मुँह बनाया और बोली,’ इन बहनजी लोगों को सुधारना पड़ेगा, न खुद ऐश करती हैं न करने देती हैं !’

मैंने कहा,’ जो तुम्हें पीने से रोके उसे भी शराबी बना दो, हम तो यही करते हैं।’

वो बोली,’ सही कह रहे हो, इन्हें इस बार ऐश करना सिखाना ही है।’ और फिर हम दोनों अपने काम में लग गए।

अब मैंने सिमरन पर ध्यान देना शुरू किया, वो बिल्कुल ऐसे दिखा रही थी जैसे कि उसे कुछ पता ही नहीं था, इसलिए मैंने नताशा के निप्प्ल जोर जोर से दबाना और बूब्स को मसलना शुरू कर दिया तो उसकी सिसकारियां हल्के हल्के मुँह से बाहर आने लगी।

उधर सिमरन और सामान्य दिखने की कोशिश कर रही थी। अब मैंने उसकी जाँघों पर भी अपनी जांघ का दबाव हल्का सा बढ़ाया लेकिन वो चुप रही। अब तो मैं खुल कर नताशा के होठों को चूमने लगा।

1 घण्टा यही सब चलता रहा, फिर अचानक सिमरन बोली ‘कहीं थोड़ी देर गाड़ी रोक लें?’

हमने कहा- ठीक है कहीं चाय वगैरह पीते हैं !

इस चक्कर में करीब 1/2 घंटा और निकल गया इस बीच वो 3 बार बोल चुकी थी गाड़ी रोकने को !
अचानक वो चिल्ला पड़ी,’ गाड़ी रोकते क्यों नहीं?’
हमने तुंरत गाड़ी रुकवा दी. गाड़ी रुकते ही वो तुंरत उतरी और सड़क किनारे झाड़ियों की ओर दौड़ गई।
मैंने नताशा से पुछा,’ इसे क्या हुआ?’

सिमरन लौट कर आई और शरमाते हुए चुपचाप आकर बैठ गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ था?

वो और शरमा कर लाल हो गई और सर हिलाया कि कुछ नहीं !

नताशा ने उसका चेहरा उठाया और बोली- कहती क्यों नहीं कि जोर की सु-सु आई थी !’

मारे शर्म के सिमरन और लाल हो गई।

और हम सब खिलखिला कर हंस दिए, अब सिमरन भी शर्माती हुई हंस दी।

पहली बार मैंने देखा कि शर्म की लाली कैसी होती हैं, उसके कान, नाक, गाल सब लाल हो चुके थे, और हंसने की वजह से उसकी आँखों में अजीब सा पानी चमक रहा था।
मैंने कहा,’मेरी ओर देखो !’

उसने एक नज़र मेरी तरफ देखा और फिर नज़रें चुरा कर मुस्कुरा दी।
मैंने कहा- 1/2 घंटे से तुम परेशान हो तो बोला क्यों नहीं?’
वो चुप रही।

मैंने फिर कहा- यदि हम दोस्त हैं, तो तुम अब किसी भी चीज़ के लिए परेशान नहीं होंगी हमसे नहीं तो कम से कम नताशा से तो कह सकती हैं’ वो चुप रही।
इस सब से माहौल और हल्का हो गया।

हाँ ! जितनी देर सिमरन कार से बाहर थी, इतनी देर में नताशा की जींस की ज़िप और बटन भी खुल चुकी थी, और वो मेरा सूमो भी मुँह में लेकर जीभ फिरा चुकी थी। साथ ही एक बार मैं भी उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी पिंकी को किस कर चुका था। अब सिमरन के आने के बाद मेरा एक हाथ उसकी पिंकी और उसकी कड़ी कड़ी फेंसिंग से और कभी उसके बूब्स से खेल रहा था. और उसकी सिसकारियां फिर गूंजने लगी थीं। सिमरन फिर खिड़की के बाहर देख रही थी और पल्लवी और सनी के लिए हमारे पास टाइम ही नहीं था।

अब तक खाते पीते ऊँगली करते, बूब्स मसलते हम लोग पिपरिया पहुँच चुके थे। इसके आगे पचमढ़ी की घाटियाँ शुरू हो जाती हैं। सनी की ड्राइविंग बहुत अच्छी है। ऐसी जगह पर भी वो 50 की स्पीड पर गाड़ी चला रहा था. अब घुमाव पर गाड़ी में हम पूरे के पूरे दायें या बाएँ झुक जाते थे, मेरी तो ऐश थी, नताशा के साथ साथ अब मुझे सिमरन के बूब्स भी कोहनी से सहलाने का मौका मिल रहा था। अक्सर मैं उसकी तरफ गाड़ी मुड़ने पर उसकी जाँघों पर हाथ रख देता था और कोहनी खड़ी करके उसके बूब्स पर टिका देता था कभी वो संभलने के लिए मेरी जांघ पर।

अब नताशा तो पूरी तरह से तैयार थी अब मैं सिमरन पर पूरा ध्यान दे रहा था। उसके गालों की रंगत लाल होती जा रही थी, उसके होंठों पर एक अजीब सी नमी छाने लगी थी, अब मैंने नींद आने का बहाना कर के उसकी जाँघों पर हाथ रख दिया था, उसके चेहरे के पास अपना चेहरा टिका कर अपनी सांसें उसके कान के पीछे और गर्दन पर छोड़ रहा था।

मैंने नींद का बहाना करके अपनी हथेली को उसकी पिंकी के ऊपर रख दिया, और अचानक उसकी ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे रह गयी। मुझे अचानक उसकी स्किन लाल और गरम महसूस होने लगी. उसका पूरा बदन थरथरा रहा था। पक्का था कि यह पहली बार थी जो किसी लड़के ने उसे छुआ भी था।

मैंने अचानक नींद से उठने का बहाना किया और सीधा उससे पूछा,’क्या हुआ?’

उसने आँखें उठाकर देखा उसकी हालत ऐसी कार की तरह हो रही थी जिसका ब्रेक और एक्सीलेटर एक साथ दबा कर रखा गया हो. उसका चेहरा तमतमाया हुआ था, उसके होंठ नम हो रहे थे, उसके बूब्स साँसों की वजह से ऊपर नीचे हो रहे थे, उसकी आँखें साफ़ कह रही थी कि वो अपने होशोहवास खो चुकी थी, और उसकी आँखें एकटक मुझे देख रही थी।

मैंने धीरे से उसके सर के पीछे हाथ रख कर उसके होंठों से होंठ सटा दिए, कैसे मुझे भी नहीं पता? दो मिनट बाद जब हम अलग हुए तो उसकी आंखों में आंसू थे, मैंने उसके कंधे से हाथ डाल कर उसे अपने सीने पर टिका लिया।

ऐसा लगा काश दुनिया ख़त्म हो जाए। बीच में मैं एक शानदार शरीर का मालिक, मेरे दायें हाथ में एक सांवली सलोनी लड़की जो ख़ुद मेरे सूमो को सहला रही थी और मेरा दायाँ हाथ उसकी टी शर्ट के अन्दर एप्पल जूस निकलने में लगा था। बाएँ हाथ में मेरे एक सरदारनी थी, अनछुई, कच्ची, गुलाबी और नाज़ुक लेकिन तैयार जो कैटरिना कैफ से भी शानदार थी। अचानक मैंने झुक कर सिमरन के गाल पर अपने होंठ सटा दिए. मेरे होंठ और आँखें दोनों भीग गयी, खुशी और किस्मत की देन पर।

धीरे से मैंने अपना हाथ सिमरन के एक बूब पर टी शर्ट के ऊपर ही टिका दिया। वो फिर थरथरा उठी और कस कर मेरे सीने से चिपक गई, मैंने हाथ फेरना शुरू कर दिया। उसके बूब्स तो बिल्कुल कड़क थे और नताशा के बूब्स से दोगुने थे. फेरते फेरते मैंने हाथ टी शर्ट के अन्दर डाल दिया।

मैंने उसके निप्प्ल को उँगलियों से दबाया तो उसके मुँह से सिसकारी निकल गई, और उसने अपने होंठ मेरे गाल पर सटा कर फुसफुसाई,’ प्लीज़ ! मत करो !’

अचानक मुझे अपने सूमो पर एक चिकोटी का एहसास हुआ, नताशा जिसे मैं भूल चुका था, चहक रही थी,’ सिमरन तू भी?’ ज़माने भर की खुशी और शरारत उसके चेहरे पर थी।

वो कोट उठा कर अलग कर चुकी थी और मेरा सूमो खुली हवा में साँस ले रहा था। नताशा की जींस खुली हुई थी और उसकी पिंकी के ऊपर की सुनहरी फेंसिंग (बाल) साफ़ दिख रहे थे, यह सब देख कर सिमरन का मुँह खुला रह गया वो सन्न रह गई, मानो काटो तो खून नहीं।
अचानक मैंने उसके निप्प्ल ज़ोर से उमेठ दिए, वो कराह उठी फिर शरमा गई और मेरे सीने में घुस गई. मेरा ध्यान आगे गया तो पल्लवी मुँह खोले आँखें फाड़े मेरे सूमो और नताशा की पिंकी को देख रही थी, उसके चेहरे पर ऐसे भाव थे जैसे भूत देख लिया हो। नताशा ने उससे पूछ ही लिया ‘पल्लवी क्या देख रही हो?’ वो बेचारी चुपचाप सामने मुड गई।

अब तो खुल कर खेल रहे थे हम सब, सिमरन की स्कर्ट घुटनों के ऊपर आ चुकी थी, मेरा हाथ कभी उसके शानदार कड़क बूब्स को मसलता कभी चूचुकों को उमेठता, कभी उसकी जाँघों पर सहलाता, वो भी मदमस्त हो चुकी थी, इतना गरम हो चुकी थी कि वो अपनी गर्दन मेरे होंठों पर रगड़ रही थी, उधर नताशा मेरे सूमो को झुक कर मुँह में ले चुकी थी और दूसरे हाथ से भी मैंने सिमरन के दूसरे बूब को भी थाम लिया था।

अब सिर्फ़ पूरी कार में हम तीनों की सिसकारियां गूँज रही थी। नताशा ने सिमरन का हाथ खींच कर उसे भी मेरा सूमो थमा दिया था, सिमरन अब होश में नहीं थी और मुझ पर पूरी तरह टिक कर मेरे सूमो को ज़बरदस्त तरीके से ऊपर नीचे कर रही थी। यह सब करते करते कब सनी ने गाड़ी रोक दी पता ही नहीं चला। अब गाड़ी खड़ी थी और सनी आराम से पलट कर हम तीनो को देख रहा था।अचानक मैंने आँखें खोली तो पाया कि सनी एकटक मुझे देख रहा है और गाड़ी जंगल के अन्दर सुनसान में खड़ी है।

अब मैंने आजू बाजू देखा तो नताशा की जींस और काली पैंटी उसके घुटनों के नीचे थी और उसकी टी-शर्ट ऊपर चढ़ी हुई थी घुटनों से लेकर सीने तक वो पूरी नग्न थी, और वो पूरी तरह से मेरे सूमो पर झुकी हुई थी।

उधर सिमरन तो मेरे सीने पर पूरी तरह टिकी हुई थी पीठ के बल और मेरा एक हाथ उसकी स्कर्ट के अन्दर और पैंटी के अन्दर डाला था और दूसरा हाथ उसके टी शर्ट के अन्दर बूब्स मसल रहा था। उसकी चिकनी मार्बल की तरह चमकती सुडौल जांघें ट्यूब लाइट की तरह दमक रही थी और उसकी स्कर्ट जाँघों के ऊपर चढ़ी हुई थी।

सनी का बस चलता तो जलन के मारे मेरा खून पी जाता।

मैंने उसे आँख मारी और पल्लवी कि तरफ़ इशारा किया। उसने पल्लवी की बाहँ पकड़ कर पीछे देखने को कहा, पल्लवी ने पीछे देखा तो मैंने उसे आँख मार दी।

वो बेचारी बैठे बैठे काँप रही थी, इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वो कुछ देखे।

हाय मेरा नाम अरबाज है, मेरी उम्र 27 साल है में एक इंजिनियर हु मेरे लन्ड का साइज औसत 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है , ये मेरी ओर मेरे कजिन सिस्टर जस्मीन दीदी की चूत चुदाई की सच्ची कहानी है कैसे मैने उसको चोदा इस कहानी को पढ़के जानिए मे antarwasna. story.com का पुराना रीडर हु, मुझे जादा तर फैमिली सेक्स स्टोरी पसंद है, कहानी पड़ते हुवे में हमेशा सोचता था काश मुझे भी मौका मिले , एकदिन मेरी ये तमन्ना पुरी हो गई मैने अपनी फैमिली में सेक्स का मजा लिया अपने कजिन सिस्टर जस्मीन दीदी को चोदकर, कैसे मैने मेरी रण्डी जस्मीन दीदी को चोदा और उसको अपने लन्ड की गुलाम बनाया इस कहानी में डिटेल में बताया हु , मेरी एक सबको सजेशन हे अपने घर की बहनों को बाहर का कोई चोदे उसके पहले ही चोदो बहुत मजा आता हे जब अपनी बहने अपने भाई का लन्ड लेती हे चूत में तब , चलिए कहानी शुरू करने से पहले सब लड़के अपने लन्ड को बाहर निकाल के मूठ मारने ओर सब लड़कियां चूत में उंगलियों करने तैयार हो जाए आपको सबमें पहले मेरी रण्डी जस्मीन के बारे में बताता हु, ओ मेरी कजिन सिस्टर हे जस्मीन जो मुझसे काफी बड़ी हे उसकी शादी हो गई हे ,उसकी उम्र 36 साल की हे वह दो बच्चों की मां हैं ,वह जादा गोरी नहीं ना जादा काली हे दिखने में ठीक हे उसका फिगर साइज बहुत सेक्सी हे, 34 के सेक्सी बूब्स 32 की कमर ओर गान्ड तो 36 की इतनी मस्त हे कि देखते ही बुड्ढे का भी लन्ड खड़ा करदे , तो चलिए अब जादा बोर ना करते हुवे कहानी शुरू करते हे, कैसे मैने अपनी सेक्सी रण्डी जस्मीन दीदी की चूत चोदी ओ भी पूरे रात भर जैसे कि मैने बताया मेरी अभी अभी शादी होई शादी की अब तैयारी चालू थी ,सब रिश्तेदार को इनवाइट किया गया किस्मतसे सबमें पहले मेरी रण्डी जस्मीन ही सबसे पहले आ गई घर, शादी को अभी एक हफ्ता था ओ आई पहले दिन सब नॉर्मल था सब तैयारी ही चालू थी, आपको बताना भूल गया में बचपन से जस्मीन के साथ रहा था, तो मुझे उससे लगाव था, बढ़ती उम्र में सेक्स कहानियां पढ़ते हुवे में जादा तर जस्मीन को ही याद करके अपना लन्ड हिलाता था जबसे ओ आई थी तबसे में बस मौका ढूंढता था कब इसको नंगी देखने मिलेगा कब चोदने मिलेगा कब मेरे नीचे आएगी चूत चोदने बट डरता था तो कुछ किया नहीं बस उसको ताड़ने का मौका नहीं छोड़ता था, जब ओ झाड़ू लगाती थी उसके बूब्स जब ओ झुककर कोई काम करती थी तो उसकी गोल मटर गान्ड देखता था तो मेरा लन्ड अपने आप खड़ा होता था, में किसी न किसी बहानेसे उसकी गान्ड को टच करता उसको लन्ड रगड़ा करता ओ भी कुछ बोलती नहीं थी, में रोज दिन में कई बार उसको सोचकर हिलाता ओर पानी गिरता था जस्मीन दीदी ने भी नोटिस किया में उसकी गान्ड बूब्स को घूरता था ,उसको छुता लन्ड रगड़ता था, ऐसे ही दो तीन दिन निकल गए फिर ओर मेहमान आए तब भी में मौका नहीं छोड़ता था उसको देखने का छूने का फिर उसी रात सब मेहमान आने की वजहसे सोने की जगह कम गिरी में अकेला बेडरुम में सोता था, तो मेरी अम्मी ने जस्मीन दीदी को ओर उसके बच्चों को मेरे बेडरुम में सुलाया मेरी तो बिन मांगे मुराद पूरी हुई उस दिन सब सोए पहले जस्मीन दी उसके बाद उसके बच्चे उसके बाद में बट मुझे नींद ही नहीं आरी थी पास जस्मीन दी को देखे मेरी हालत खराब थी , उस रात उसने सलवार कमीज पहनी थी जो उसके जिस्म से पूरी चिपक गई थी ऐसे देखे मेरे लन्ड ने हलचल मची में जस्मीन दी को देखे बेकाबू हुआ और अपना लन्ड पजामे से निकल कर हिलाने लगा बट डर के मारे में ओर कुछ करने की नहीं सोची उस रात मैने उसको पास में देखे खूब जोर जोर से मूठ मारी मेरा बहुत पानी निकला मेरी कब आंख लग गई पता ही नहीं चला, दूसरे दिन सुबह में उठा जब जस्मीन दीदी किचन में काम कर रही थी, में उधर गया तो ओ बस सेक्सी स्माइल की तो में पूछा रात में नींद कैसे आई आपको तो मुझे बोली मुझे तो आई तुझे रात भर नींद नहीं आई होगी मेरे होते हुवे ,में बोला नहीं ऐसे कुछ भी नहीं तो बोली में जानती हु तू रातभर सोया नहीं मुझे ही देखते बैठा था और अपना लन्ड हिलारा था दो बार पानी निकाला ऐसे मत हिलाते जा कमजोर हो जाएगा शादी के पहले ही ओर हंसने लगी, मैने भी मौका देखकर जस्मीन दीदी को कहा तो क्या करु तुमको देखकर काबू नहीं रहा लन्ड पे ,तो ओ मुस्कान के साथ बोली इतना बेकाबू हुआ था तो डाल ही देता अंदर ओर भर देता अपने पनिसे मेरी चूत को, में बोला आप सबको बता ना दे इसलिए हिम्मत नहीं होई तो ओ पास आकर मेरे लन्ड को पैन्ट के ऊपर से मसलते हुवे बोली बेचारा हिम्मत करता तो जन्नत का सुख मिलता, ओर बाहर जाने लगी तो मैने उसको पीछे से पकड़ा और लन्ड गान्ड पे रगड़ते हुवे बूब्स को दबाया और कहा आज रेड्डी रहना आज हिम्मत करके दिखाऊंगा आपकी ये चूत में मेरा लन्ड डालकर आपको मेरी रण्डी बनाऊंगा, तो मेरी जस्मीन दी बोली में तो कबसे तैयार हु चुदाने बहुत आग लगी हे चूत में आज देखती हु कितना चोदता है तू ओर तेरा ये लन्ड, ओर पीछे मुड़के मेरे पेंट में अंदर हाथ डाल दिया और जोरसे मेरे लन्ड को पकड़ा मेरे मुझे आह आह की आवाज निकली तो वैसे ही पकड़े हुवे मुझे बोली तेरा लन्ड तो बहुत दमदार हे आज तो मजा आयेगा ओर मुझे एक होटों पे चुम्मी देते हुवे दूसरे रूम में गई , मेरा तो दिन भर बुरा हालता लन्ड बैठनेका नाम नहीं लेरा था, फिर रात में जस्मीन दीदी सोने आई उसके बच्चे आज एक कोने में सुलाई ओर मेरे पास आई में कम्बल में लेता था ,ओ आके मुझे किस करने लगी आह अरबाज आज पूरी रात तेरी रण्डी बनके चुदाऊंगी फिर में भी जोर जोर से उसके होंठ चूसने शुरू किया जस्मीन दीदी पागलों की तरह मुझे किस करने लगी , उसके बाद मैने उसके कपड़ो के ऊपरी हिस्से से बूब्स को जोर जोर से दबाना शुरू किया जस्मीन की सिसकारियां बढ़ती गई ओ बोलने लगी आह आह ऐसे ही रगड़ आह अरबाज आह ऐसे ही जोर जोर से दबा आज रण्डी दीदी का दूध निकाल आह अह्ह्हं करके सिस्कारिया निकालने लगी , उसके बाद मैने उसका कुर्ता उतारा अह्ह्हं पिंक ब्रा में जस्मिन के दूध एकदम मस्त लगरे थे, में ब्रा के उपरसे दुध चुसने लगा जस्मिन दीदी सिस्कारिया लेने लगी मेरा मु को पकडके अपने बुब्स पे जोर से दबाने लगी फिर में उसके बुब्स को दबाते हुवे उसे किस्स करने लगा उसके बाद गर्दन पे किस्स किया जस्मिन दीदी पुरी रान्ड के तरह मुझसे लिपट गई मुझे नीचे किया और मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी उसके बाद मेरे सिने पे गर्दन पे अपने होठों से चूमने लगी गर्दन सीने से होते हुवे ओ नीचे गई मेरी पेंट के ऊपरसे लन्ड पे जीभ चलाने लगी फिर एकदम से मेरी पेंट नीचे की उसके बाद अंडरवीयर को अपने होठों में पकड़ा और नीचे खींचा जैसे ही अंडरवीयर नीचे आई लन्ड एकदम से उसके मु पे लगा आह क्या नजारा था मेरा लन्ड एकदम टाइट हुआ था उसके नीचे जस्मीन दीदी का चेहरा,,, जस्मीन दीदी ने मेरा लन्ड को होठों से अपने मु में पकड़ा और गप्प से मु में लिया ओर जोर जोर से चूसना चालू किया मेरा लन्ड उसके मु में पूरा नहीं जारा था फिर भी ओ पूरा गले तक ले लेकर चूस रही थी फिर मु से बाहर निकालकर जस्मीन दीदी मेरे पास देखते हुवे बोली आह अरबाज पहले पता होता इतना कड़क ओर मोटा लन्ड हे तेरा अबतक में कितने बार तेरे से चूद गई होती में बोला जस्मीन दीदी आज तेरी चूत को इतना चोदूंगा कि रण्डी की सुबह तुझे चलने दिक्कत होगी मेरी रण्डी दीदी तुझे तो चोद चोद के मेरी रण्डी बनाऊंगा और तेरी ये मोटी गांड़ को इतने बेहरमनीसे मारूंगा कि तुझे सुबह हांगने टाइम भी मेरी याद आयेगी इतना चोदूंगा आज मेरी प्यारी रण्डी जस्मीन दीदी इसके बाद कैसे मैने पूरी रात अपने रण्डी जस्मीन दीदी को चोदा उसकी गान्ड मारी ये आपको अगले कहानी में बताऊंगा जबतक सब इंतजार करो आपका अपना अरबाज कहानी कैसी लगी comment करके जरूर बताना

ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मुझे दिया मेरी एक नयी आई सहकर्मी ने! उससे मेरी दोस्ती हो गयी थी तो उसने मुझे अपने जन्मदिन पर घर बुलाया.

मेरा नाम राजवीर है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.
मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरी बॉडी भी ठीक-ठाक ही है. मेरे लंड का साइज सामान्य से बड़ा है जो किसी भी औरत के बच्चेदानी तक आराम से पहुंच जाता है.

मैं एक होटल में काम करता हूँ और वहीं की एक लड़की को मैंने चोदा था.
वह सब कैसे हुआ, उसी Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई कहानी को आज मैं आप सभी से साझा कर रहा हूँ.

उस लड़की का नाम मनीषा था.
वह मेरी होटल में जॉब के लिए आई और मेरे बॉस ने उसको काम पर रख लिया.

अब वह मेरे साथ काम करने लगी.
जब वह आई, तो मैं उसके पास नहीं बैठता था, उससे दूर ही रहता था.

धीरे धीरे मनीषा मुझे बात करने लगी.
फिर ऑफिस के काम की वजह से उसने मेरा नंबर भी ले लिया और हमारी बात होने लगी.

मैं अब भी मनीषा के पास नहीं बैठता था तो वह मुझे व्हाट्सैप पर मैसेज करती कि क्या हुआ, मेरे पास क्यों नहीं बैठ रहे हो, मुझसे दूर क्यों बैठे हो!

तो मैं उससे कह देता- मुझे अच्छा नहीं लगता, इसलिए दूर रहता हूँ.
मनीषा- अच्छा, मैं आपको अच्छी नहीं लगती?
मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है.
मनीषा- फिर कैसी बात है?
मैं- बस ऐसे ही.

वह मुझसे देर तक बात करना चाहती थी.
लेकिन मैं ही न जाने क्यों उससे अपने आपको दूर रखने की कोशिश करता था.

तब भी उसकी लगातार कोशिशों से धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं और मुझे वह काफी अच्छी लगने लगी.

उसकी आत्मीयता भरी बातें मुझे उसके करीब खींचती ले गईं और हम दोनों काफी अंतरंग होने लगे.
अब हमारा रोज मिलना भी होने लगा.

हालांकि अब तक हम दोनों के बीच प्यार जैसा कुछ भी इजहार नहीं हुआ था.
तब भी हमारे बीच दोस्ती कुछ ऐसी हो गई थी कि देखने वाला यही समझे कि हम दोनों लव कपल हैं.

कभी मनीषा मुझसे कहती कि चाय पिलाओ तो मैं उससे हंस कर कह देता कि नहीं आज तुम पिलाओ.

हम दोनों हंसी मजाक करते हुए एकदम बचपन के दोस्तों की तरह लड़ने लगते.

कभी वह मुझसे कहती कि आज यहां जाना है … आप मेरे साथ चलो.
मैं पहले मना कर देता कि मैं नहीं जा रहा हूँ. मेरे पास टाइम नहीं है.
तो वह मुझसे लड़ कर हक से चलने की कहने लगती.
फिर बस मैं उसको लेकर निकल जाता था.

इसी तरह वह मेरी जरूरत जैसी बन गई थी.

एक दिन उसने कहा- मेरा जन्मदिन है और मैंने पार्टी रखी है. आपको जरूर आना है.

मैं शाम को तैयार होकर उसकी पार्टी में गया.
लेकिन उधर पार्टी में कोई था ही नहीं!

मैंने उससे पूछा- बाकी सब लोग कहां हैं?
उसने कहा- कोई भी नहीं है, बस मैंने आपको ही बुलाया है.

मैंने उससे पूछा- केवल मुझे क्यों?
तो उसने कहा- मेरा यहां कोई नहीं है. मेरी फैमिली वाले सभी बाहर रहते हैं.
मैंने कहा- चलो, कोई बात नहीं. पार्टी करते हैं.

उसने केक के अलावा खाने में और भी बहुत कुछ बनाया था.

हम दोनों ने केक कटिंग की और मैंने उसको गिफ्ट दिया.
उसके बाद खाना खाया और मैं जाने की सोचने लगा.

मैंने उससे कहा- बहुत समय हो गया है, अब मैं चलता हूँ.
उसने कहा- आज यहीं रुक जाओ न!

मैंने कहा- नहीं, कल ऑफिस भी जाना है … और काम भी है.

फिर पता नहीं क्या हुआ, उसने मुझसे कहा- राजवीर, मैं आपसे आज कुछ मांग सकती हूँ … मेरा जन्मदिन है!
मैंने कहा- हां मांगो. मेरे बस में हुआ तो जरूर दूंगा.

उसने कहा- मैं आपको पसंद करती हूँ. इसलिए आज आप मेरे पास यहीं रुक जाओ!

मैंने उसकी आंखों में झाँकते हुए कहा- ठीक है, लेकिन अब से तुम मुझे आप नहीं कहोगी.
वह मेरे गले से लग गई और उसने मुझे किस किया.

मैं भी जवान लड़का हूँ, मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ और मैंने भी उसको किस कर लिया.

वह मेरे चुंबन के जवाब में चुंबन देने लगी.
हम दोनों एक दूसरे के साथ दो बिछुड़े प्रेमियों की तरह से प्यार करने लगे.

उस दिन उसने मुझसे कहा- तुम कुछ कहना भूल नहीं रहे हो?
मैंने कहा- क्या?
वह हंस दी और बोली- मैं क्यों बताऊं?

मैं उसकी आंखों में झाँकने लगा और वह भी मेरी आंखों में कुछ खोजने लगी.

कुछ ही देर तक उसकी आंखों में झाँकने से मैं एकदम से सिहर सा उठा और मुझे मानो उसकी आंखों ने ही वह बता दिया था कि मैंने अब तक मनीषा से अपने प्यार का इजहार नहीं किया है.
अगले ही पल मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके हाथ को अपने होंठों से लगा कर चूमते हुए उससे पूछा- मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ मनीषा, क्या तुम मेरे प्यार को कुबूल करोगी!

उसने मुझे खींच कर उठाया और मेरे सीने से लिपट गई.
हम दोनों एक दूसरे में खोने लगे थे.

धीरे धीरे मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
उसका बदन देखने लायक था.
तने हुए 34 इंच के दूध और 28 इंच की पतली कमर और 36 इंच की उठी हुई गांड देख कर मेरा दिल खुश हो गया था.

मैंने मन में सोचा कि आज यहां रुकना सफल हो गया. Xxx ऑफिस गर्ल चुदाई का मजा मिलेगा.

हम दोनों ने खूब चूमाचाटी की और बहुत देर देर तक एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डालकर स्मूच किया.
मैं एक हाथ से उसके मम्मों को धीरे धीरे दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी चूत पर चल रहा था.

उसका भी एक हाथ मेरे बालों में था, जिससे वह मुझे अपनी ओर खींचे हुई थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड की मालिश कर रही थी.

हम दोनों बिस्तर पर आ गए और हम दोनों ने 69 की पोजीशन ले ली.
वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था.

दस मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी उसके मुँह में गिर गया और उसका पानी मैंने चाट कर साफ कर दिया.
हम दोनों ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहे.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया और उसने मेरे लंड को उपर नीचे, जिससे मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.

मैंने उसको नीचे लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रख कर अन्दर डालने लगा.
लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में गया ही नहीं.
उसकी चूत एकदम कसी हुई थी.

मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगाया और अब लंड लगा कर दबाव डाला तो इस बार मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
वह आह आह करती हुई दर्द से कराहने लगी.
पर मैं लगा रहा और उसके मुँह से ज्यादा तेज आवाज न निकले इसलिए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए थे.

अब मैंने पोजीशन सैट करते हुए एक और जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में धँसता चला गया और सीधा बच्चेदानी के मुँह पर जा लगा.
अब चुदाई का खेल शुरू हो गया था.

पहले तो मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा और उसके मम्मों को सहलाता रहा, उसके मुँह में जीभ डाल कर उसकी लार को पीता रहा.

इससे उसकी पीड़ा खत्म हो गई और उसकी चूत ने लंड से हार मान कर उसे अपनी गहराई में समा लिया.

लंड ने अपनी जगह हासिल कर ली थी तो मेरी कमर ने हिल कर लौड़े को सही से चूत में स्थापित कर दिया था.

कुछ पल बाद मैंने फिर से धक्के देना शुरू किये और उसको ताबड़तोड़ चोदने लगा.
कुछ ही देर में मैं पूरी ताकत से जोर जोर धक्के लगाना लगा.
अब उसको भी मजा आने लगा था और वह भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी थी.

कुछ बीस मिनट की घमासान चुदाई के बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा.
वह बन भी गई.

मैं उसकी सवारी करने लगा.

पूरे आधा घंटा की चुदाई के बाद मेरा लंड फूलने लगा और उसकी चूत में टाइट चलने लगा.
वह भी समझ गई थी कि मेरे लंड से लावा फूटने वाला है, तो वह भी जोर जोर से धक्के खाने लगी थी.

कुछ ही पल बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया.
बाद में उसने बताया कि वह पूरी चुदाई के दौरान तीन बार झड़ चुकी थी.

फिर मैंने टाइम देखा, तो रात के 12 बज गए थे.
कुछ देर आराम करने के बाद मैंने उसको एक बार और चोदा.

फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

सुबह मेरी आंख 5 बजे खुली, तो वह मेरी बांहों में दबी हुई नंगी सो रही थी.
मैंने उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत में एक बार फिर से लंड पेल दिया.

वह भी जाग गई और लंड से लोहा लेने लगी.
मैंने उसको बहुत देर तक खूब तेज तेज चोदा और उसकी चूत में ही अपना वीर्य टपका दिया.

उसके बाद मैं तैयार होकर ऑफिस चला गया और कुछ देर बाद वह भी ऑफिस आ गई.
हम दोनों का ऑफिस का काम पूरे दिन चला.

शाम को 6 बजे बॉस को जानकारी हुई कि मनीषा का जन्मदिन कल निकल गया है तो उन्होंने उसके लिए केक मंगवाया और उसने केक कटिंग की और सबको खिलाया.
फिर सब अपने अपने घर चले गए.

वह वहीं थी.

मैंने उससे कहा- अब तुम भी जाओ और मैं भी निकलता हूँ.
उसने कहा- नहीं अभी रुको.

वह मुझे अपने साथ कमरे में ले गई और बोली- मैंने आपको सही से केक नहीं खिलाया है.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, कल पार्टी दी थी न तुमने, तो बस हो गया.
लेकिन वह नहीं मानी.

उसने रूम का दरवाजा बंद करके अपने कपड़े उतार दिए और उसने अपने हाथों से अपने होंठों पर, अपने बूब्स पर और अपनी चूत पर केक लगा कर कहा- मैं तुमको ऐसे केक खिलाना चाहती थी.
मैंने उसको किस किया और उसके होंठों को चाटते हुए केक को खाया.

उसके बाद उसके बूब्स का केक खाया, फिर उसकी चूत का केक खाया.
अब मैंने उससे कहा कि मैं भी तुमको केक खिलाना चाहता हूँ.

वह भी समझ गई थी.
मैंने भी अपने लौड़े पर केक लगा कर उसके मुँह में दे दिया और उसके मुँह को चोदने लगा.

कुछ मिनट की लंड चुसाई के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया.
वापस कुछ मिनट की चुसाई के बाद मैंने उसको होटल के कमरे में चोदा और हमारी यह चुदाई 25 मिनट तक चली.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाए और मैंने उसको वहां पुनः चोदा.
उसके बाद हम दोनों कपड़े पहन कर बाहर आ गए.

इसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा. कभी होटल में, तो कभी उसके रूम पर.

एक दिन मुझे पता चला कि वह अपने मामा से चुदाई करवाती है.
इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया.

उसके बाद से मैंने अभी किसी को चोदा नहीं, मेरा लंड आज भी चूत के लिए प्यासा है.

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