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Massage Girl in Pakur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Pakur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Pakur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Pakur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Pakur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Pakur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Pakur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Pakur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Pakur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Pakur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Pakur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Pakur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna Stories

मेरा नाम अजय है मैं Antarvasna Stories दिल्ली का रहने वाला हूँ, उम्र 24 साल है और दिखने में भी अच्छा हूँ। लंबाई 5 फुट 8 इंच है, मेरा लंड 6 इंच लम्बा है और 2.5 इंच मोटा है, कसरती बदन है, रंग साफ और इंजीनियरिंग का छात्र हूँ।

मैं आज आपके सामने अपनी पहली कहानी पेश करने जा रहा हूँ।

बात उस समय की है जब मेरे बड़े भाई की नई-नई शादी हुई थी। जब मैंने भाभी को पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। मेरी भाभी का फिगर 34-30-36 है। वो बहुत अधिक सेक्सी लगती हैं। मगर कभी कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई.

सभी मेहमान शादी के एक दो दिन बाद तक जा चुके थे लेकिन मेरी चचेरी बहन नहीं गई थी। भाभी और मैं आपस में बात करने लगे।

ऐसे ही एक महीना निकल गया। मुझे नहीं पता था कि भाभी भी मुझे पहले दिन से ही पसंद करती हैं। उन्होंने बाद में मुझे बताई।

सर्दी का मौसम था, उन दिनों काफ़ी ठंड थी। एक दिन वो बीमार पड़ गईं। करीब एक हफ्ते तक मैं ही उन्हें दवाई दिलाने ले जाता रहा और एक दिन घर पर कुछ मेहमान आ गए। जगह कम होने की वजह से मैं, मेरा छोटा भाई और भाभी एक साथ सो गए।

रात को एक बजे मेरी आँख खुली तो देखा भाभी को ठंड लग रही है, तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
उन्होंने कहा- ठंड लग रही है।
तो मैंने अपनी रज़ाई भी उन्हें ही ओढ़ा दी और खुद भी उनके साथ सो गया।

अचानक उन्होंने अपना सिर मेरे बाजू पर रख दिया, तो मुझे तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई हो, लेकिन कुछ नहीं कर पाया ऐसे ही दो हफ्ते निकल गए। अब मेरी चचेरी बहन भी चली गई और हम घर पर अकेले रह गए।

एक दिन घर पर कोई नहीं था। मैं और मेरी भाभी बात कर रहे थे, मैंने भाभी से पूछा- भाभी शादी से पहले आपकी कोई फ्रेंडशिप थी..?
तो उन्होंने कहा- नहीं..!
तभी भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
तो मैंने कहा- है तो भाभी!

तो उन्होंने पूछा- तुम उससे मिले भी हो या सिर्फ़ फोन पर ही बात करते हो?
तो मैंने कहा- भाभी मिल ही नहीं चुका, उसके साथ कर भी चुका हूँ.

तभी भाभी बोली- क्या कर चुके हो?
मैं थोड़ा शरमा गया, तो भाभी बोली- बोलिए ना..!
तो मैंने कहा- भाभी मैं सेक्स की बात कर रहा हूँ.

‘तुम तो बहुत शैतान हो.. मैं तो तुम्हें बहुत शरीफ समझती थी!’
भाभी के ऐसा कहने से मुझे बहुत शरम महसूस हुई और भाभी नहाने चली गई.

तो कुछ देर बाद मुझे भाभी की चीख सुनाई दी, मैंने बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर पूछा- क्या हुआ भाभी?
तो भाभी ने कहा- मैं गिर गई हूँ… मुझसे तो हिला भी नहीं जा रहा है।

तब मैंने कहा- मैं अन्दर आता हूँ.

जब मैं अन्दर गया तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। भाभी उस समय सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में ही थीं और ज़मीन पर पड़ी हुई थीं।

मैं भाभी के पास गया और उन्हें सहारा देकर उठाने लगा, तो उनसे तो उठा भी नहीं जा रहा था। मैंने उन्हें अपनी गोद में उठा कर उनके बेडरूम में ले गया।

मेरे शरीर से चिपकने के कारण उन्हें मेरे शरीर की तपिश भड़काने लगी थी। वासना के कारण उनकी आँखें लाल होने लगी थीं, यह मैंने देख लिया था, तो मैंने मौके को समझते हुए बिना देर करे हुए उनसे कहा- मैं तेल लेकर आता हूँ और आपके पूरे शरीर की मालिश कर देता हूँ..!
भाभी ने कहा- मैं खुद कर लूँगी।
मैंने कहा- मैं एक बार कर देता हूँ, फिर खुद कर लेना।
तो भाभी ने कहा- ठीक है।

मैं भी तेल ले आया और उनकी टाँग पर तेल लगा कर मालिश करने लगा। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।

मैं उनकी जांघों तक उन्हें मसलने लगा। उनकी आँखें अब बंद हो गई थीं.. कुछ देर में मैं भी उत्तेजित होने लगा था और मेरा लंड भी अब पजामे में खड़ा हुआ साफ दिखने लगा था।

मैं अपने काम में लगा हुआ था कि मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ। मैंने देखा भाभी मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही सहला रही थीं। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मुझे लगा मेरे हाथों के अपने जाँघों पर घर्षण की वजह से गरम हो गई हैं।

मैंने भी मौका न गँवाते हुए उनके ऊपर चढ़ गया और फ्रेंच किस करने लगा.. और इसमें वो भी मेरा साथ देने लगीं।
इसी बीच उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उनकी पैन्टी और ब्रा उतार दी और मैं उनके चूचों को बड़ी ही बेरहमी से चूस और दबा रहा था।

भाभी बिना कुछ बोले सिसकारियाँ लेती रहीं। फिर मैंने बिना कुछ कहे अपना लंड उनके मुँह के पास कर दिया और उन्होंने भी झट से मुँह में ले लिया और मुझे मुँह से चोदने लगीं।

कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और फिर से उनके ऊपर चढ़ कर उनकी योनि के मुँह पर अपना लंड रख दिया। उनकी चूत ऐसे दहक रही थी जैसे कि आग की भट्टी हो।

मैंने पहला झटका मारा तो 4 इंच अन्दर चला गया। मीना भाभी को बहुत दर्द हो रहा था क्यूंकि वो एक महीने से चुदी नहीं थी। मैं कुछ देर ऐसे ही रहा और उनके होंठों को अपने होठों से लगा कर चूसता रहा।

अब उनका दर्द खत्म हो रहा था। मैंने भी मौका पाकर एक धक्का मारा और जड़ तक अपना 6 इंची लंड ठोक दिया। उनकी चीख मेरे मुँह मे ही दब कर रह गई। उनकी आँखों में आँसू आ गए थे.

मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा.. उनकी चूचियों को चूमता रहा और उनके चूचुक उमेठता रहा और पीता रहा।

जब लगा कि उनका दर्द कम हो गया है और उन्होंने नीचे से कूल्हे उठाना शुरू कर दिए थे..मतलब वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं।

तो मैंने भी एक बार में पूरा लंड बाहर खींच कर वापस एक ही झटके मे पूरा ठोक दिया।

30 मिनट की ज़ोरदार चुदाई में भाभी 4 बार झड़ीं।

अब जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ.. बाहर निकालूं…?
भाभी ने कहा- नहीं अन्दर ही निकाल दो…

तो फिर 2-4 जोरदार धक्कों के बाद मैं और भाभी फिर से साथ में झड़ने लगे… और मैं उनके अन्दर ही झड़ गया, उनकी योनि को पूरा भर दिया..

इसके चुदाई के बाद मैं मौका देख कर रोज़ भाभी की चुदाई करता हूँ और हम दोनों बहुत खुश हैं.. भाई को अभी भी कुछ नहीं पता है।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी आपबीती। मैंने पहली बार लिखने की कोशिश की है। अगर मुझसे कुछ भूल हो जाए तो प्लीज माफ़ कर देना.. मुझे आपकी ई-मेल का इंतज़ार रहेगा… Antarvasna Stories

छटे भाग से आगे : Antarvasna

सुबह Antarvasna मम्मी ने हम लोगों को करीब नौ बजे जगाया।

हम लोग हड़बड़ा कर उठे और अपने अपने कपड़े को खोजने लगे। हम लोगों की हालत देख कर मम्मी बड़ी प्रसन्ता से बोली- मैं तुम लोगों के लिए चाय नाश्ता बना रही हूँ, फ्रेश हो कर डाइनिंग टेबल पर आ जाना।

यह कहते हुए मम्मी रसोई की तरफ चली गई। हम सभी लोग थोड़ी ही देर में डाइनिंग टेबल पर आ गए। चाय नाश्ता मेज़ पर लगा था।

मम्मी रसोई से आते हुए मुस्कराते हुए बोली- लगता है तुम लोगों ने रश्मि को रात भर कस कर चोदा है।

इस बात पर प्रदीप और विशाल बगैर कुछ बोले मुस्कराने लगे। नाश्ता करने के बाद प्रदीप और विशाल एक साथ कॉलेज के लिए निकल गए।

पाँच दिनों तक विशाल और प्रदीप मुझे सुबह और रात में दो दो बार चोदते रहे। उसके बाद विशाल दिल्ली चला गया और प्रदीप अपने घर चला गया। लेकिन रोज शाम को आकर मुझे चोदता था और वीर्य पिलाता था। कभी कभी प्रदीप के दोस्त भी मुझे चोदते और वीर्य पिलाते थे।

एक दिन प्रदीप के साथ उसका दोस्त मोहन त्रिपाठी आया। मैं समझ गई कि आज यह भी मुझे चोदेगा और वीर्य पिलाएगा।

खैर प्रदीप ने मोहन त्रिपाठी का परिचय मेरी मम्मी से कराया ये मेरे बड़े भाई के और मेरे भी दोस्त हैं ये ज्योतिष और हस्त रेखा के विशेषज्ञ है ये जो भी बात बताते हैं वो बिल्कुल सही निकलती है।

यह सुन कर मेरी मम्मी तुरन्त मेरे बारे में पूछने लगीं- मेरी बेटी रश्मि का बदन एक जवान लड़की की तरह होगा या नहीं और इसकी शादी कब होगी?

इस पर मोहन त्रिपाठी ने मेरी कुन्डली मांगी। मम्मी ने मोहन त्रिपाठी को कुन्डली ला कर दे दी। उन्होंने बड़े ध्यान से कुन्डली को पाँच मिनट तक देखा फिर मुझसे बोले- अपना बायाँ हाथ दिखाओ।

मेरा हाथ उलट पलट कर देखते रहे, फिर मम्मी से बोले- आपकी बेटी का हार्मोनल सिस्टम बिगड़ा है अगर एक चीज आपकी बेटी के शरीर में होगी तो वो बिलकुल ठीक हो जायेगी।

वोह क्या… मम्मी बोलीं।

इस पर पंडित जी ने प्रदीप के कान में कुछ कहा। फिर प्रदीप ने मम्मी को इशारे से अन्दर आने को कहा। प्रदीप और मम्मी अन्दर चले गए। प्रदीप ने मम्मी से कहा कि पंडित जी रश्मि की बुर का निरीक्षण करना चाहते हैं।

मम्मी ने अनुमति दे दी।

फिर प्रदीप ने आकर पंडित जी से कहा कि आप देख सकते हैं !

और मुझसे कहा कि सलवार उतार कर तुम अपनी बुर पंडित जी को दिखाओ।

मैंने वैसा ही किया जैसे प्रदीप ने कहा। मुझे अब किसी के सामने कपड़े उतारने में कोई संकोच नही होता था।

पंडित जी ने मेरी चूत को बारीकी से देखा और मुस्कराकर मम्मी से बोले- आपकी लड़की बिल्कुल सही हो जायेगी क्योंकि इसकी योनि पर काला तिल है, आपकी लड़की इतनी सेक्सी है कि कोई साधारण लड़का इसको संतुष्ट नहीं कर पायेगा, वही लड़का इसको संतुष्ट कर सकता है, जिसके लिंग पर काला तिल होगा। आप इसकी शादी उसी लड़के से करियेगा। और जहाँ तक इसकी शादी की बात है वह 28-29 वर्ष में हो जायेगी। आप की लड़की तो सुन्दरता का प्रयाय बनेगी। आप देखती जाइये। क्योंकि इसकी कुन्डली में पिछले तीन महीने से शुक्र की महादशा चल रही है आप बिलकुल निश्चिंत रहिए। फिर प्रदीप और पंडित बाहर चले गए। मैं और मम्मी, पंडित जी की भविष्यवाणी सुन कर बहुत प्रसन्न हुए।

इसके बाद यह थैरेपी करीब तीन महीने तक चली लेकिन कोई खास परिवर्तन मेरे बदन में नही दिखा। लेकिन मेरी मम्मी ने कहा- तुम लगातार वीर्य पान करती रहो।

चौथे महीने के एक दिन जब सुबह उठी, तो मुझे लगा कि मेरी बुर के पास की सलवार गीली है। मैंने हाथ लगा कर देखा कि मेरी बुर से खून रिस रहा था।

मैंने भाग कर मम्मी को बताया। मम्मी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और सलवार उतार कर मेरी बुर के होठों को फैला कर देखते ही बोली- चलो, तुम्हारे पीरियड शुरू हो गये हैं अब सब ठीक हो जायेगा। इसके बाद तो चुदाई में मुझे और मजा आने लगा। मेरी चुदाई से अब मेरे शरीर में परिवर्तन आने लगा था। पांचवे महीने मेरी चूचियाँ सन्तरे के बराबर हो चुकी थी और मेरा रंग भी पहले से ज्यादा साफ हो रहा था।

एक साल के बाद तो कोई मुझे पहचान ही नही सकता था। मैं एक सम्पूर्ण खूबसूरत लड़की हो चुकी थी। जहाँ भी जाती, लोग मुझे देखते ही रहते। अब तो मैं महफ़िलों की शान थी। जो भी लड़का मुझे देखता, वो चोदने के फिराक में आ जाता था। लेकिन मैं सबसे तो चुदवा नहीं सकती थी।

समय बीतता गया, बीच बीच में मेरे रिश्ते के मामा ने भी मेरी खूब चुदाई की। मुझे उनकी चुदाई में मजा भी आता था।

मम्मी अक्सर कहती थी कि तुम्हारी शादी इन्हीं से करवा दे ! लेकिन वो कभी भी मुझे पूर्ण संतिष्टि नहीं दे पाये। इसलिए मैंने उनसे शादी के लिए मना कर दिया। इसीलिए मैंने अपने कई ब्वाय फ्रेन्ड्स के साथ सेक्स किया लेकिन सर… ! मैंने किसी के लण्ड पर काला तिल नहीं देखा। मेरी उम्र बढ़ती जा रही थी। फिर मेरे पापा के जानने वाले ने मेरी शादी एक सी ए से तय करा दी। वो सी ए साधारण लड़का था। मैंने भी सोचा कि चलो इसी से कर लेते हैं। शादी हमारे समाज में आवश्यक है। जब कोई आदमी, जिसके लन्ड पर काला तिल होगा, मिलेगा, तो उससे अपनी चूत की आग बुझवा लिया करूगीं।

फिर कुछ दिनों के बाद मेरी शादी हो गई। दो महीने के बाद मैंने आप के यहाँ जॉब कर ली। और आज जब मैंने आप के लन्ड पर काला तिल देखा तो मुझसे रहा नहीं गया, मैंने तुरन्त आपके ऑफर को मान लिया। पंडित जी के अनुसार आप ही मुझे संतुष्ट कर सकते हैं !

यह सुनते ही मैंने कहा- ओह.. तो यह बात है… रश्मि। यही तो मैं सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी बला की खूबसूरत लड़की इतनी आसानी से कैसे तैयार हो गई।

खैर मैंने रश्मि से कहा- चलो, आज मैं तुम्हारी अतृप्त वासना की इच्छा पूरी करता हूँ।

अगली कड़ी में समाप्य ! Antarvasna

Antarvasna Stories

मेरे प्यारे Antarvasna Stories दोस्तो, मैं एक बार फिर हाजिर हूँ अपना 7 इंच का लंड लेकर छवि की चुदाई करने!

जैसा कि आप सभी मेरी पिछली कहानी
आंटी और उनकी छवि
से जानते हैं कि मैं छवि की माँ चंदा की चुदाई पहले ही कर चुका हूँ और चंदा भी मुझसे हर दूसरे या तीसरे दिन चुदवाती रहती है, साथ में मेरी जेब भी गरम करती है तो मुझे और क्या चाहिए! एक नियमित ग्राहक का ध्यान रखते हुए मुझे भी उसके फोन का इंतजार रहता है कि कब चंदा डार्लिंग का फोन आये और मैं उसका चूत-मर्दन कर सकूँ।

एक रोज मुझे कोई काम नहीं था था और घर पर बैठ कर चाय पी रहा था कि चंदा का फोन आया- आज चुदवाने का दिल कर रहा है! लेकिन आज बेटी छवि हॉस्टल से आने वाली है!
मैं मन ही मन खुश हुआ कि आज चंदा के साथ छवि की चूत के भी दर्शन होंगे।
लेकिन चंदा ने बताया कि वो मुझसे चुदवाती है, यह बात छवि को पता नहीं चलना चाहिए।

मैं अपना दिमाग चलाने लगा कि किस तरह टांका फिट करूँ कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे!
मैं चंदा को नाराज कर अपना एक पार्टी भी नहीं तोड़ना चाहता था और छवि को भी चोदना था।

एकदम से मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न चंदा को रात में दस बजे के बाद चुदाई करूँ जिससे छवि को भी चोदने का मौका मिल जायेगा। मैंने चंदा को कहा कि मैं रात को आ सकता हूँ तो वो थोड़ा सकपका गई लेकिन तुंरत मान गई। अब मैं मन ही मन खुश था कि छवि की चुदाई भी करूँगा।

रात साढ़े नौ बजे मैं उसके घर पर गया तो पता चला कि छवि आ गई है और अपने कमरे में आराम कर रही है। छवि का कमरा ऊपर वाली मंजिल पर था और हम चुदाई का कार्य क्रम नीचे ही करते थे। चंदा अब आराम से चुदवाने के मूड में थी जबकि मैं छवि को चोदने के बारे में ही सोच रहा था कि चंदा ने व्हिस्की का पैग बना कर मेरे आगे रख दिया। उसे पता था कि मेरा चुदाई का प्रोग्राम कैसे होता है।

हम दारू की चुस्की लेते हुए एक दूसरे के होंठ पी रहे थे और मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था और वो मेरे लंड को पी रही थी। एक एक कर हमारे कपड़े हमसे अलग हो चुके थे और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में चूमा-चाटी कर रहे थे। काफी देर तक हमारा यही प्रोग्राम चलता रहा। अब चुदाई करने का समय था और मैं इसे जल्दी जल्दी पूरा करना चाहता था लेकिन चंदा अपनी ही चाल से चल रही थी, उसे कोई जल्दी नहीं थी। उसे क्या पता कि मैं आज उसकी बेटी को भी चोदने का मूड बना चुका हूँ।

खैर काफी देर तक चंदा मेरे साथ 69 पोज में मेरे लंड को चूसती रही। कभी मेरे लंड का सुपारा होठों से दबा कर तो कभी जीभ से सहला कर मजे ले रही थी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैं भी उसकी चूत की भगनासा को तो कभी चूत के दोनों होंठ चाट रहा था जिससे उसे भी मजा आ रहा था और उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी- ओह… ओह… अह… अह…
यही हाल मेरा भी था- ओह… ओह… अह… अह…

एक घंटे के बाद मैंने उसकी जांघों को चौड़ा कर अपना 7 इंच का लंड उसमें डाल दिया जिसे उसने बड़े मजे से पेलवा लिया। अब हम ताबड़-तोड़ चुदाई का मजा ले रहे थे। जोश में हमें पता ही नहीं चला कि हमारे मुँह से निकलने वाली आवाज़ पूरे घर में गूंज रही है। सारा काम मेरी मन के मुताबिक ही हो रहा था, मैं यही तो चाहता था कि हमारी चुदाई की सेक्सी आवाजें किसी तरह छवि के कानों में पहुंचे और ऐसा ही हुआ।

मैं और चंदा दोनों एक साथ ही अपनी मंजिल पर पहुँच गए, मेरे वीर्य से उसकी चूत भर गई। काफी देर तक हम एक दूसरे से चिपके हुए रहे। फिर अलग हुए तो मन में एक डर सा आ गया कि लग रहा है कि अब छवि मैं नहीं चोद पाउँगा।

भारी मन से वापिस घर के लिए निकला मेरे साथ चंदा भी मुझे गाड़ी तक छोड़ने आई। गाड़ी की हालत देखी तो मैं चौंक गया- मेरे गाड़ी के दो चक्के की हवा निकल गई थी। और रात के एक बजे कंहीं पर भी ठीक नहीं हो सकती थी। अब चंदा न चाहते हुए बोली- तुम यहीं पर रुक जाओ! कल सुबह गाड़ी ठीक करवा कर जाना।

हम सोने चल दिए, चंदा अपने कमरे में चली गई। वो भी ऊपरी मंजिल पर ही था।

मै नीचे ही सो गया, यह सोच कर कि छवि तो अपने कमरे को बंद कर सो रही होगी और मैं उसके घर में जबरदस्ती उसे चोद भी नहीं सकता।

अभी आँख लगने ही वाली थी कि मुझे लगा कि कोई मेरा लंड चूस रहा है। फिर दिमाग में आया कि यह सपना हो सकता है क्योंकि इस वक्त कौन मेरा लंड चूसेगा।

लेकिन थोड़ी देर में ही पता चल गया कि छवि मेरा लंड पी रही थी। मैं एकदम घबराकर उठ बैठा। तभी छवि ने मुझे चुप रहने का इशारा किया और उठ कर अपने कमरे में चल दी, मैं भी उसके पीछे पीछे…

वहाँ जाकर छवि ने बताया कि उसने मेरी और चंदा की चुदाई का लाइव मैच देखा है, तब से उसे भी चुदवाने का मन कर रहा है।

मैं भी यही चाहता था। मैंने चंदा के बारे में पूछा तो वो बोली- मम्मी तो दारू पीने के बाद गहरी नींद में सो रही है और उसे सुबह से पहले होश नहीं आयेगा।

मैं अब निश्चिंत हुआ कि अब आराम से छवि की चुदाई करूँगा।

बातों-बातों में छवि ने बताया कि वो कालेज में कई बार ब्लू फिल्म देख चुकी है लेकिन किसी चुदाई नहीं कराई है। फिल्म देखने के बाद जब गरम होती है तो लड़कियाँ आपस में ही चूमा-चाटी कर लेती हैं लेकिन लंड का स्वाद आज तक उसे नहीं मिला है। हाँ वो जब गरम होती है तो ऊँगली से चूत को जरुर ठंडा कर लेती है।

फिर मैं बोला- तब तो और मजा आयेगा! काफी दिनों के बाद कुवांरी चूत की सील तोड़ने का मौका मिलेगा। मैं बिना किसी तरह समय बिताये सीधे अपने मुद्दे पर आ गया, उसे पकड़ कर अपनी जान्घों पर बैठा लिया। वो निकर और ढीला सा टॉप पहने थी। अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को दबाने लगा तो छवि बोली- आराम से करो! मैं कहाँ भागी जा रही हूँ!

जिसे सुन कर मेरा जोश दुगुना हो गया। अब मैंने धीरे धीरे उसके टॉप को निकाल बाहर किया। उसकी चूचियों को तो मैं देखता ही रह गया क्योंकि आज तक इतनी गोरी और कसी हुई चूचियाँ मैंने नहीं देखी थी। मैं समझ गया कि माल एक दम ताज़ा है। अब मेरे होंठ उसके स्तनाग्र चूस रहे थे, वो मजे से अपनी आँख बंद कर अपना दूध पिला रही थी। एक के बाद एक दोनों चूचियों को काफी देर तक पीता रहा। उसकी निकर को निकाल कर अलग कर दिया, अब वो केवल चड्डी में थी। मेरा लंड तो कब से खड़ा था। मैंने ऊँगली फंसा कर उसकी चड्डी को भी अलग कर दिया। उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था। एकदम संगमरमर सा उसका बदन देख मेरा मन में तो आग लग गई।

अब उसे झुका कर अपना 7 इंच का लंड उसके मुँह में पेल दिया जिसे वो लॉलीपाप की तरह चूसने लगी। लेकिन मैं 15 मिनट में ही उसके मुँह में झड़ गया और उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया। जिसे वो चटकारे लेकर पी गई। लेकिन उसके हुस्न को सामने पाकर मैं 5 मिनट में ही दोबारा तैयार हो गया। अब हम 69 पोज में आकर वो मेरे लंड को और मैं उसकी चूत को चूसने-पीने लगे। बीच-बीच में मैं अपनी उंगली से चूत के छेद का जायजा लेता रहा।

अब उसे लिटा कर मैं उसकी जांघों के बीच में आ गया।

चूंकि छवि पहली बार चुदा रही थी तो थोड़ा आराम से ही चोदना था, वरना वो चुदवाने से तौबा कर लेती।

अब उसकी बुर के छेद पर ढेर सारा थूक लगा कर धीरे धीरे पेलना चालू किया। जैसे ही लंड का मुंड अंदर गया, छवि को दर्द होने लगा, वो चिल्लाने लगी, साथ कुछ गाली भी दे रही थी। मैंने तुरंत अपने लंड को बाहर निकाल लिया। उसे ग्लास में पानी पिलाया तो थोड़ा रिलेक्स हुई। अब वो फिर हिम्मत करके तैयार थी चुदवाने के लिए!

इस बार और ज्यादा थूक लगा पर मैंने पेलना शुरु किया। एक झटके में आधा लण्ड उसकी बुर में था और वो दर्द से अपने पांव पटक रही थी। मैं आधे लंड को ही आगे पीछे करने लगा और छवि सामान्य हो गई। अब आगे की बारी थी, अगले एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में था। वो चिल्लाना चाह रही थी लेकिन मैंने उसका मुँह अपने होठों से बंद कर दिया था। थोड़ी देर रुकने के बाद मैं धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा जिसे वो भी मजे लेने लगी और मेरा साथ देने लगी।

अब छवि के मुख से सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी …वोह…आह…और जोर से… मेरी चूत को फाड़ डालो… आह… आऽऽऽ.. जोर से पेलो…वोह… आह… मेरे राजा और जोर से पेलो…
बहुत देर तक चुदाई चली… हम दोनों अपनी मंजिल पर एक साथ पहुँच गए.

छवि का शरीर अकड़ने लगा, मैं समझ गया कि ये साली अब झड़ने वाली है, मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में जोर से जकड़ लिया। इसके साथ ही छवि की चूत मेरे वीर्य से लबालब हो गई। हम दोनों एक दूसरे से चिपके रहे। जब अलग हुए तो मैंने घड़ी पर नजर डाली, उस समय सुबह के पाँच बज रहे थे। इसका मतलब मैं आज पूरी रात माँ बेटी को चोदने में निकाल गया था, लेकिन दिल में शांति थी कि आज छवि की चुदाई की थी।जल्दी-जल्दी मैं निकल कर अपने जगह पर आ कर सो गया लेकिन छवि का मोबाइल नम्बर लेकर!
कब आँख लगी पता नहीं चला!

जब उठा तो देखा कि चंदा मुझे जगा रही थी और सामने चाय का कप रखा था। उसी समय छवि ऊपर से उतर कर चंदा से पूछ रही थी- मम्मा! ये कौन हैं?
मैं भी मुस्कुराये बिने न रह सका।

दोस्तो, यह थी छवि की चुदाई!
मेरी अगली कहानी पढ़िये- अब मैंने छवि की गांड मारी
आप अपनी राय और सुझाव जरूर भेजें। Antarvasna Stories

Sex Stories

प्यारे दोस्तो, मेरा नाम Sex Stories वीरू, बीस साल का हूँ। मैं कॉलेज के प्रथम वर्ष में हूँ। मैं एक मध्यवर्गीय परिवार से हूँ। मैं शर्मीले स्वभाव का सीधा सा दिखने वाला लड़का हूँ, राजस्थान के श्री गंगानगर में रहता हूँ।

मैं आपको अपनी पड़ोसन किशोर लड़की जिया के साथ हुए पहला अनुभव बताने जा रहा हूँ। वह 18 साल की एक ख़ूबसूरत और गोरी-चिट्टी लड़की है, उसकी चूचियाँ इतनी मदमस्त कर देने वाली हैं कि किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए। मेरा और उसका घर एक दम साथ-साथ था। मेरे को वो बहुत अच्छी लगती थी। पर मैं उससे कभी बात नहीं कर पाया, मेरा मन बहुत करता था उससे बात करने का और उसको पटाने का, पर यह कैसे होगा समझ नहीं आता था।

मेरे को एक आईडिया आया, उसका एक छोटा भाई था राहुल। मैंने उसको पटाने की सोची, अगर इसको पटा लिया तो जिया को पटाना आसान हो जायेगा। इसलिए मैं जिया के भाई को पटाने लगा और उसके साथ खेल खेलने लगा। उसको अपने घर पर बुला कर पीसी पर गेम भी खिलाता, इस तरह वो मेरे साथ रहने लग गया और कभी कभी मैं भी उसके घर भी चला जाता। कुछ समय बाद जिया से भी मेरी थोड़ी-थोड़ी बातें होने लग गई और हम एक साथ मिल कर खेलने लग गए।

पर मैं तो जिया को पटा कर चोदना चाहता था, पर कैसे हो सकता था। मैं नए-नए आईडिया सोचने लग गया कि किस तरह जिया को चोदूँ, मेरे मन में फ़िर एक आईडिया आया।

मैं एक ब्लू फिल्म की सीडी लेकर आया, उस दिन उसके घर वाले बाहर गए हुए थे। मैंने अपनी छत से उसकी छत पर पर उस सीडी को फेंक दिया और अपनी छत पर घूमने लग गया। उसने मुझे देखा और वो भी छत पर आ गई और आते ही उसको वो सीडी मिल गई। वो मेरे पास उस सीडी को ले कर आई और बोली- यह सीडी छत पर मिली है।

मैंने पूछा- क्या है इसमें ?
तो उसने बोला- मुझे नहीं पता, मुझे तो छत पर पड़ी मिली है।
मैं उससे कहा- चलो देखते हैं कि क्या है इसमें!

तो वो राजी हो गई और मैं अपनी छत से उसकी छत पर आकर उसके घर पर चला गया।

वो जाते ही सीडी प्लेयर में उस सीडी को लगाने लगी। मेरा दिल बहुत जोर जोर से धक-धक कर रहा था, पता नहीं क्या होगा। कहीं उसने अपने घर वालों को इसके बारे में बता दिया तो?

मैं बहुत डर गया था।

उसने सीडी लगा कर टीवी ऑन किया। मैं अभी भी डर रहा था और टीवी चालू होते ही एक लड़का और एक लड़की आपस बातें कर रहे थे।
उसने मुझ से कहा- यह कोई हॉलीवुड फिल्म लगती है!
थोड़ी देर में उस लड़के ने उस लड़की के सारे कपड़े उतार दिए।
उसने एक दम अनजान की तरह कहा- ये क्या कर रहे हैं?
तो मैंने उससे कहा- यह एक ब्लू फिल्म है। पहले नहीं देखी क्या कभी?
उसने कहा- नहीं तो।

फिर धीरे धीरे वो लड़का उस लड़की की चूचियाँ दबाने और चूसने लग गया। उस लड़की ने उस लड़के के भी सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसका लण्ड चूसने लग गई।
उसने कहा- मुझे तो शर्म आ रही है, कितने गंदे है ये।
मैंने उससे कहा- ऐसे तो सब लोग ही करते हैं, इसको ही तो सेक्स बोलते हैं।
मैंने उससे पूछा- तूने कभी सेक्स किया है?
उसने कहा- नहीं किया।
मैंने उससे कहा- इसमें बहुत मजा आता है।

तभी मैंने उसके पास जाकर बैठ गया और अपना हाथ धीरे उसकी चूचियों पर रखा, तो उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली- यह क्या कर रहे हो तुम?

मैंने कुछ न बोलते हुए फिर से अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और उसके टॉप के ऊपर से चूचियाँ दबाने लगा। उस समय उसकी शक्ल देख कर ऐसा लग रहा था कि उसको मजा आ रहा था। फिर मैं दोनों चूचियों को एक साथ मसल मसल कर दबाने से ऐसा लगा और फिर मैं उसके टॉप मैं हाथ डाल कर चूचियों दबाने लगा और वो सिसकियाँ लेने गई। अब मुझे पता चल गया कि उसको मजे आ रहे हैं।

मैंने उसको पूछा- मज़ा आ रहा है क्या?
तो उसने कहा- हाँ, आ रहा है। क्या इसको ही सेक्स कहते हैं?
मैंने कहा- अभी तो कुछ भी नहीं हुआ है, अभी तो और बहुत मजे आयेंगे।
उसने- कहा कैसे?
तो मैं कहा- तुझे मेरा साथ देना होगा!
तो उसने हामी भर दी।

मैंने उसका टॉप और जींस उतार दी। उसने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। वो बहुत ही गोरी थी और गोरे रंग पर लाल रंग बहुत सुन्दर लग रहा था। फिर मैंने दोनों को उतार फेंका। मैं पहली बार किसी लड़की की नंगी चूत के दर्शन कर रहा था, उसकी चूत में हल्के भूरे रंग के बाल थे।

उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है!
और उसने अपने दोनों हाथ अपनी चूत और मोमो पर लगा लिए।

मैंने कहा- इसमें शर्माने की क्या बात है? सेक्स तो नंगे होकर ही किया जाता है।

मैंने प्यार से उसके दोनों हाथ हटा दिए और उसकी दोनों चूचियों को चूमने लगा तो वह पागल होने लगी। मैंने दूसरा हाथ उसकी चूत पर रखा, उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी। अब मैं समझ गया कि ज़िया एक दम चुदने को तैयार है।

पर मैं उस को इतनी जल्दी नहीं चोदना चाहता था। इसलिए मैं उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा और थोड़ी सी उंगली अन्दर जाते ही वह चिहुँक उठी,”दर्द हो रहा है।”
तो मैंने कहा,”जान पहली बार ज़रा दर्द होता है, आज तो इस दर्द सहन करना ही पड़ेगा।”
उसने कहा,” ठीक है।”
फिर मैं उसको ऊँगली से चोदने लगा और उसके मुँह से सी सी की आवाज आ रही थी।

फिर मैंने उसको मेरी शर्ट-पैंट उतारने के लिए बोला।
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है।
मैंने कहा- अब काहे की शर्म!

और मेरे कपड़े उतारने के लिए बोला तो उसने मेरी शर्ट-पैंट उतार दी और लगे हाथ अण्डरवियर भी उतारने को बोला। ना ना करते हुए उसने उसको भी उतार ही दिया। उसने मेरा लण्ड देखा और अपनी आँखें बंद कर ली।

मैंने उससे कहा- यह प्यार करने की चीज है इससे मुँह नहीं मोड़ा करते।

फिर मैंने उसके दोनों हाथ आँखों से हटा दिए और उसको अपना लण्ड दिखाते हुए कहा- इसको लण्ड बोलते हैं और इसको ही चूत में डाल कर चुदाई करते हैं जिससे चूत और लण्ड का मिलन होता है। इस को अन्दर डालने से दोनों को बहुत मजा आता है!

तो उसने कहा- इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जायेगा? यहाँ तो उंगली भी ठीक से अन्दर नहीं जा रही है।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, सब कुछ हो जायेगा। पर इसको चूत में डालने से पहले चूसना पड़ता है।
मैंने अपना लण्ड पकड़ कर उसके मुँह में डाल दिया। पहले तो उसने मुँह में लेते ही निकाल दिया।

मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लण्ड डाल दिया तो इस बार वो धीरे धीरे मेरे लण्ड का सुपारा चूसने लग गई और धीरे धीरे अपना सारा लण्ड उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लग गया।
फिर मैंने उस को बेड पर लिटाया और 69 की अवस्था में आकर उसकी चूत को उंगली और जीभ से चोदने लगा।
वो सिसकारियाँ लेने लगी और बोली- वीरू! थोड़ा धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- दर्द तो हो रहा है पर मज़ा आ रहा है या नहीं?
वो बोली- हाँ! मज़ा तो आ रहा है पर दर्द भी हो रहा है।
मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द खत्म हो जाएगा।

उसके मुँह से कामुक सिसकियाँ निकल रही थी। उसके मुँह से आवाजें आने लगी- सी… सी… स्… आ… अच्छा लग रहा … और चूसो और!
उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी और उसकी चूत ने अंदर से सफ़ेद सफ़ेद सा पानी छोड़ दिया जिसे मैंने अपने मुँह पर महसूस किया और मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और मैं उसके मुँह में झड़ गया।
उसने कहा- यह क्या है?
मैंने कहा- प्यार की निशानी है।
उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया।

इसके बाद मैंने उसे सोफे पर बैठा दिया और अंदर से तेल की शीशी ले आया और उसकी चूत और अपने लण्ड पर तेल लगा लिया फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया। इससे उसकी चूत मेरे लण्ड के करीब आ गई और मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। ज़िया सिसकारियाँ भरने लगी।

फ़िर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और अंदर करने लगा। जिया की चूत कुंवारी होने के कारण काफी कसी थी। मैंने जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में ठेल दिया। लण्ड का सुपारा ही अंदर गया था कि जिया जोर जोर से चीखने लगी। अपने हाथ-पाँव मारने लगी और बोलने लगी- मुझे छोड़ दो! मुझे कुछ नहीं करना।

मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बंद कर दिया और जोर-जोर से धक्के लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा। अभी आधा ही अंदर गया था कि उसकी आँखों से आंसू आने लगे और उसका मुँह बंद था। मैंने धक्के लगाने चालू रखे। मेरे हाथ से बंद होने के कारण उसके मुँह से गूँ-गूँ की आवाजें आने लगी। मैं समझ गया कि उसको मजे आ रहे हैं, मैंने अपना हाथ उसके मुँह से हटा लिया, उसके मुँह से सी सी की आवाज आ रही थी।

मुझे उस किशोर लड़की की चूत से कुछ बहने का अहसास हुआ, नीचे देखा तो उसकी चूत पूरी खून से भरी हुई थी। मैंने इस पर ध्यान ना देते हुए एक और जोर का झटका दिया जिससे मेरा तीन चौथाई लण्ड उसकी चूत में समा गया। इस झटके के लिए वो तैयार नहीं थी। और इस झटके के साथ ही जिया अपना सर जोर जोर से इधर उधर पटकने लगी। अब मैं थोड़ी देर के लिए रुका और उसके मम्मे मसलने लगा। उसके होठों को चूमने लगा, अपने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा। अब उसका सर पटकना कुछ कम हुआ और वो भी धीरे धीरे अपने चूतड़ उछालने लगी।

वो बोली- तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी, एक बार लगा कि मैं जिन्दा बच पाउंगी।
मैं बोला- मेरी जान! दर्द तो एक बार हुआ होगा, लेकिन अब मज़ा आ रहा है या नहीं?
जिया ने कहा- हाँ, मज़ा तो बहुत आ रहा है, बस ऐसे ही अपने लण्ड को मेरी चूत में डालते रहो। सच में आज ज़न्नत जैसा अहसास हो रहा है।
मैंने कहा- मेरी जानू! अभी तुमने ज़न्नत देखी ही नहीं है, आगे आगे देखो, मैं तुम्हें क्या क्या और दिखाता हूँ।

इतना कहते ही मैंने एक जोरदार धक्का लगा कर अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। जिया इस अचानक हुए हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी, इस कारण उसकी जोर की चीख निकल गई और बोली- प्लीज़! तुम अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी, प्लीज़ निकाल लो अपना लण्ड! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ।

मैं उसकी बातों पर ध्यान ना देकर उसके मम्मे चूसने लगा और अपने लण्ड को उसकी चूत धीरे धीरे आगे पीछे पेलने लगा। थोड़ी देर में उसको पूरा मज़ा आने लगा। उसकी सील टूट चुकी थी और वो अब मेरा लण्ड अपनी चूत में आराम से अंदर ले रही थी। वो अपनी गाण्ड ऊपर नीचे उछालने लगी और बोलने लगी- यस यस्स्स और जोर से चोदो वीरू , मेरी चूत फ़ाड़ दोओअओ, चोदो और जोर से चोदते जाओ, मेरी चूत को फ़ाड़ दो और मेरी चूत की प्यास को मिटा दो।
इस पर मैं उसको और जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया।
मैंने अपनी गति बढ़ाई, फिर भी वह ज़ोर से करो! की रट लगा रही थी।
मैंने कहा- हाँ जान और ज़ोर से करूँगा।

फिर मैंने उसके दोनों पाँव उठाए और काफी तेज़ी से लण्ड को उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। और थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो भी मेरे साथ ही झड़ गई, फिर हम दोनों एक साथ ले लेट गए।

फिर तो मैंने और जिया ने एक बार और सेक्स किया! उसको घोड़ी स्टाईल में खड़ा कर उसकी गांड में लण्ड घुसाने लगा। उसकी गांड भी बहुत कसी थी। मैंने पूरा दम लगा कर पूरा का पूरा लण्ड उसकी गांड में पेल दिया और धक्के मारने लगा। एक बार तो उसको दर्द हुआ फिर उसको और मज़ा आने लगा। उसके चूतड़ मुझे बहुत ही आनंद दे रहे थे। दो-तीन मिनट में ही वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और लण्ड को गांड से निकाल कर फिर से उसकी चूत में डाल दिया। कुछ ही देर में उसकी चूत से पानी निकलने लगा।
उसने कहा- खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ।
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।
वो बोली- आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ

उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लण्ड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग बीस मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो भी तीन बार झड़ चुकी थी। लण्ड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।

अब मुझे दर लगने लगा कि वो कहीं गर्भवती न हो जाये इसलिए मैंने उसको ई-पिल लाकर खिला दी।
अब जब कभी वो अकेली होती तो हम सेक्स करते और आज तक मैं उसके साथ सेक्स कर रहा हूँ।

दोस्तो यह मेरी पहली कहानी है किशोर लड़की की चुदाई की … कृपया अपने विचार मुझे जरूर भेजें … धन्यवाद। Sex Stories

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मैं अन्तरवासना की कहानियों को कई दिनो से पढ़ Sex Stories रहा हूं, मुझे पता नहीं ये कहानियां सच्ची हैं या नहीं, फ़िर भी मैं अपने बारे में लिख रहा हूं, मैं रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला हूं, मेरा नाम राहुल है, मैं एक मैकेनिकल इंजीनियर हूं।

मेरी उमर 23 साल है, ये आज से 2 साल पहले की बात है कि मैं एक लड़की को रोज़ देखता था उस लड़की का नाम आरती था, वो रोहतक की रहने वाली थी, वो गर्ल्स कोलेज में पढ़ती थी, देखने में उसका फ़ीगर इतना मस्त नहीं लगता था।

एक दिन की बात है वो मुझे देखकर मुस्करा कर चली गई, कई दिन ऐसे ही चलता रहा। हम धीरे धीरे मिलने लगे

एक दिन उसने कहा कि मेरे घर पर कोई नहीं है आप आज आ जाओ, मुझ अकेली को डर लगता है।

रात 11 बजे मैं उसके घर गया और उसने अपना दरवाजा खोला, कुछ देर हम दोनो एकदम चुपचाप बाते रनहे, इधर उधर की बात करते – २ हम दोनो नजदीक आ गई थे।

मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था, मैं जल्दी से उसको किस की और कपड़े उतारने लग गया।

वो मना नहीं कर रही थी, मैने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिये और हम दोनो बेड पर लेट गये, मैने अपनी १ उंगली उसकी चूत में डाल दी, धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, थोड़ी देर में उसको सेक्स चढ़ गया उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बार बार कहने लगी मेरे अंदर अपना डालो, मैं उसको और तड़पाना चाहता था।

थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया, फ़िर मैने उसको अपना लंड चूसने को कहा, वो मना करती रही बाद में मान गई।

मेरा कुछ देर में पानी निकल गया और वो सारा पानी पी गई, थोड़ी देर हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, कुछ देर बाद मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया, मैने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा धक्का लगाया वो चिल्लाने लगी, मैं थोड़ी देर उसकी चूचियों को दबाता रहा और वो शांत हो गई।

मुझसे रुका नहीं जा रहा था मैने दोबारा जोर लगाया लंड थोड़ा और अंदर चला गया, वो फ़िर से चिल्लाने लगी, मैं अब उसके मुँह पर हाथ रख कर २–३ झटकों में सारा लंड अंदर कर दिया और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया और चूचियों को मसलता रहा।

मैने उसकी आंखों की तरफ़ देखा तो उसकी आंखों से आँसू आ रहे थे, थोड़ी देर ऐसे ही रहने से उसका दर्द कम हो गया और मैं थोड़ा-२ हिलना शुरु कर दिया कुछ देर बाद उसको मज़ा आने लगा, उसके मुँह से स्सस की आवाज आ रही थी और बार – २ आई लव यू कह रही थी, १० – १५ मिनट बाद मैं झड़ गया।

उस दौरान वो भी मेरे साथ ही झड़ गई, उसके बाद हम दोनो बात करते रहे, बाद में वो बोली की मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूं, मेरा सारा बदन दुख रहा है, कुछ देर बाद हम सो गये।

सुबह ३ बजे का टाइम हुआ था कि मैं सो रहा था कि मुझे लगा कि मेरा लंड कोई चूस रहा है, मैने आंख खोल कर देखा तो वो बड़ी जल्दी मुँह के अंदर बाहर कर रही थी।

वो बोली कि मुझे दोबारा चुदाई करवानी है प्लीज़ करो, मैने दोबारा पोज़िशन बदल कर के उसकी चूत में लंड डाल दिया और दोबारा चुदाई करने लगे, २५ मिनट बाद मैं झड़ गया उस दौरान वो २ बार ड़ चुकी थी, मैने पूरी रात इसी तरह ४ बार चुदाई की और एक बार उसकी गांड भी मारी. Sex Stories

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