Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Hazaribagh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Hazaribagh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Hazaribagh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Hazaribagh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Hazaribagh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Hazaribagh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Hazaribagh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Hazaribagh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Hazaribagh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Hazaribagh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Hazaribagh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Hazaribagh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मैं मुंबई का रहने वाला Antarvasna हूँ, मेरा कद 5 फ़ुट 9 इन्च है। मेरे शरीर का रंग गोरा है और 7″ का लंड है. मेरी उमर 26 साल है। मैं अपनी एक कहानी आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ जो मेरे साथ एक हफ्ते पहले हुई थी। मेरे घर में सब शादी की तैयारी के लिए बाहर गए थे और मैं अकेला घर पर था।

उसी समय लड़के वालों के घर से एक लड़की आई। उसने दरवाजे की घण्टी बजाई तो मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वो मिठाई लेकर आई थी। मैंने उसे अन्दर बुलाया और बैठने को कहा। वो बैठ गई। मैं उसके लिए एक ग्लास पानी लेकर आया। लड़की का नाम रीफा था, वो देखने में तो बहुत सुंदर थी और उसकी उम्र लगभग बीस साल की लग रही थी। मैं उसे देखते ही बेचैन हो गया। वो बहुत शरमा रही थी पर वो मुझे लाइन भी मार रही थी, इतना मैं दावे के साथ कह सकता हूँ।

फिर मैं भी उसके साथ बैठकर बातें करने लगा। मैंने कुछ देर बाद उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है क्या?

उसने ना में जवाब दिया। फिर वो जाने के लिए खड़ी हो गई। मैंने जल्दी से उसका फ़ोन नंबर पूछ लिया। फ़ोन नम्बर बोलकर वो चली गई। मैं तो उसे देखकर बेताब हो गया था।

हमारे घर की नौकरानी का आने का समय हो रहा था और मुझे काफी नींद आ रही थी। मैं फिर अपने कमरे में जाकर सो गया। मैं अपने कमरे का दरवाजा बंद करने भूल गया था और मैं बनियान- चड्डी में सो गया(बिना पैंट और शर्ट के)। हमारी नौकरानी को पूरे घर का झाड़ू-पोचा करना था। वो मेरे कमरे में आ गई, मुझे तब तक नींद नहीं आई थी। मैं सिर्फ लेटा था। नौकरानी सिर्फ एक साड़ी पहने थी। वो मेरे बेड के पास आकर खड़ी हो गई और मेरी चड्डी उतारने लगी पर मैं उठा नहीं, मैं सोने का नाटक कर रहा था। वो मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे हाथ को पकड़कर अपनी बुर में लगाने लगी। उसकी बुर और साड़ी पूरी तरह गीली हो गई थी।

फिर मैंने अपना नाटक ख़त्म किया और उठ गया। नौकरानी डर गई थी। मैंने उठते ही उसे ब्लाऊज़ उतारने को कहा, उसने उतार दिया।

बाप रे बाप ! इतनी बड़ी उसकी चूचियाँ थी कि पूछो मत ! भले ही वो सुंदर न थी पर उसकी काली चूची मुझे बहुत पसंद आई और चूची पर बड़े बड़े चुचूक थे। मैं उन्हें बहुत देर तक चूसता रहा।

फिर मैंने नौकरानी को बोला- चलो, अब बस करते हैं।

वो एक विधवा औरत थी और कहने लगी- मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो ना !

मैंने कहा- हाँ, बुझा दूंगा ! पर आज नहीं कल !

फिर मैं सो गया और शाम को मैंने उस लड़की रीफ़ा दो फ़ोन किया जो आई थी और अपने घर बुलाया। पहले तो वो मना कर रही थी पर कुछ देर में मान गई।

शाम सात बजे वो घर पर आई। मैं इस बार उसे अपने बेडरूम में ले गया और उसे लेटने को कहा। वो लेट गई।

मैंने फिर हिम्मत करके उसे पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है ?

वो बोली- नहीं !

मैंने फिर पूछा- तुम फिर अपने पति के साथ सुहागरात कैसे करोगी? कुछ तो एक्सपेरिएंस रहना चाहिए ना?

वो भी प्यासी थी, उसने मेरे इस सवाल का जवाब नहीं दिया और अचानक मुझसे चिपक गई और होठों को चूमने लगी। मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था। यह सब 5 मिनट चलता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। उसकी ब्रा बहुत कसी थी। जैसे मैंने उसकी ब्रा उतारी तो मैं पागल हो गया। उसकी चूची बहुत बड़ी थी, हमारी नौकरानी से भी बड़ी ! और दूध के से जैसे सफ़ेद रंग की थी। चुचूक गुलाबी रंग के थे।

फिर मैं उन्हें दस मिनट तक चूसता रहा। फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था। मैंने फिर उसकी सलवार उतार दी और पैंटी दोनों भी। मैं फिर उसकी चूत चाटने लगा।

वह बोली- अब बस करो और मेरी इच्छा पूरी करो !

फिर मैने उसकी चूत में अपना लंड रखा और एक जोर का धक्का मारा। उसकी सील टूटी नहीं थी इसके कारण उसे बहुत दर्द हो रहा था।

वह चिल्लाई- बस बस ! निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, अहहहहहहहहहहह !!!!!!!! निकालो जल्दी।

दर्द के कारण उसकी आँखों में आंसू आ गए। मैंने फिर एक जोर का धक्का मारा और वो फिर चिल्लाई। उसका गोरा रंग होने के कारण उसकी चूत पूरी गुलाब के जैसी लाल हो गई थी और उसमें से खून आ रहा था।

जब मैंने तीसरा धक्का मारा तो उससे रहा ना गया और उसने अपनी चूत टाईट कर ली और मेरा लंड बुरी तरह अटक गया था, अब मुझे भी दर्द होने लगा।

फिर मैंने धीरे-धीरे करके लंड निकला और लगातार पाँच-छः धक्के मारे। वो चिल्ला-चिल्ला कर पागल हो गई थी। फिर कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा और मुझे भी।

कुछ देर बाद वो झड़ गई और मेरा लंड पूरा गीला हो गया पर हम दोनों अभी भी कर रहे थे। फिर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। वो टेंशन में आ गई और कहने लगी- कहीं मैं प्रेग्नंट हो गई तो ? मैं बोला- तुम फिकर मत करो, मैं तुम्हें दवाई ला दूँगा।

हम दोनों फिर एक साथ बाथरूम में गए और लंड और चूत को साफ़ करके अपने कपड़े पहन लिए।

अगले दिन सुबह हमारी नौकरानी आ गई अपनी प्यास बुझवाने !

उसके साथ भी बहुत मज़ा किया !

और जानने के लिए मुझे मेल करो दोस्तो ! Antarvasna

Antarvasna

हाय मैं राजेश आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी Antarvasna उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था.

मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, सेक्सी और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी गांड के पीछे दुम हिलाता फिरता था।

मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।

एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने राजेश कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।

वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सेक्सी सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।

यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने लन्ड पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का लंड न कहने लगे पर वह मेरे लंड को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा लंड है यह सुनकर मुझे मेरे लंड पर अब गर्व महसूस होने लगा।

तभी मैंने उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी चूत देखकर लग रहा था कि वह अनेको लंडो की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी चूत और उसने मेरा लंड चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता अब इस चूत की प्यास बुझाओ। यह सुनते ही मैंने उसकी चूत पर जोर से दो झटके मारे और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मैं उसे चोद रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से चोदने के बाद अब वह मुझसे रोज़ चुदवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।

अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा। Antarvasna

वासना की आग में झुलसता परिवार - (भाग 1) नमस्कार दोस्तों। आप सभी पाठकों का अंतर्वासना वेबसाइट पर स्वागत है । ये सीरीज का पहला भाग है जिसमें में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरे और मेरी को एक दूसरे के प्रति वासना की आग भड़की । मेरा नाम सूरज है और यू.पी से हूं , में 21 वर्ष का बी.ए का छात्र हूं । मेरा कद 6 फीट 2 इंच और त्वचा सांवली है । मेरे परिवार बस पापा , मम्मी और एक बड़ी बहन है । दीदी का नाम चंदा है और वे 24 वर्ष की बी.एस.सी छात्र है ( फिगर 28-26-30 ) और मेरे से थोड़ी गोरी है , पापा का आयु 46 है जो कि खुद का डेयरी शॉप संभालते है , मम्मी का आयु 44 हैं ( फिगर 32-30-34) और उनका दिन गृहस्थी में गुजरता है । घर में 3 रूम है जिनमें से एक में मम्मी पापा सोते है , दूसरे में हम दोनों जमीन पर सोते है , एक किचेन है और उसमें डेयरी के कुछ बर्तन भी रखे रहते हैं । कहने को तो हम भाई बहन हैं पर रहते दोस्त जैसे रहते हैं , कॉलेज साथ जाते , साथ आते और हमेशा साथ रहने के वजह से दोनों को एक दूसरे की सब बात पता रहता और दीदी इतने खुले विचार की जब भी उसे पीरियड्स होते तो वो मेरे से पैड मंगवाती और वही इस्तमाल किया हुआ पैड मुझे ही देती बाहर फेकने के लिए या फिर कभी नहाते वक़्त अपना पैंटी और ब्रा ले जाना भूल जाती तो मुझसे मांग लेती है । वैसे तो में पोर्न में सिर्फ भाई बहन के सेक्स वीडियो देखता था पर कभी अपनी दीदी के बारे में गलत नहीं सोचा न ही कभी उसे हवस की नजर से देखा । एक रात जब में टॉयलेट जाने के लिए उठा तो देखा दीदी का फोन चालू था पर दीदी सो रही थी , मुझे लगा की वो फोन चलते-चलते सो गई किंतु जब में फोन बंद करने के लिए लिया तो देखा कि व्हाट्सएप पे किसी का चैट चालू था वो नंबर काजल नाम से सेव था पर जब में वो पढ़ा तो जैसे मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई , में सोच भी नहीं सकता था दीदी की कोई ऐसी बात होगी जो मुझे नहीं पता होगी , उस समय मुझे गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर मैंने खुद को संत करते हुए पहले के चैट पढ़ने लगा जिसमें मैने पाया कि वो उसका ब्वॉयफ्रेंड था और वो उससे न्यूड मांगा रहा था और दीदी के माना करने पर वो और जिद करने लगा जिसके बाद दीदी अपने ब्रा और चूची का फोटो भेजती है । मैने सब स्क्रीनशॉट लेके अपने व्हाट्सएप पर भेज दिया लेकिन जल्दबाजी में मैने अपना चैट डिलीट करना भूल गया और टॉयलेट करके सो गया । अगले दिन जब दोनों कॉलेज जा रहे थे तब दीदी का हाव-भाव बदला लग रहा था , वो मेरे से नजर भी नहीं मिला रही थी और में भी उससे गुस्सा था इसलिए में भी कुछ नहीं पूछा । कैसे-तैसे दिन बीता फिर हम दोनों घर आ गए , हाथ मुंह धोए और खाना खा के अपने रूम में पढ़ने चले गए । रूम में घुसते ही दीदी मेरे पांव पकड़ के विनती करने लगी स्क्रीनशॉट डिलीट करदो , मम्मी पापा को कुछ मत बताना । मुझे उससे बात नहीं करना था जिस वजह से मैने अपना फोन उसके पास फेक दिया और वो फोन उठा कर डिलीट करदी । फिर वो उठ कर मुझे गले लगाने जा रही थी पर में उसे बिना कुछ बोले दूर हट गया और उसका मुंह रोने जैसा बन गया । उस रात मुझे काफी देर तक नींद नहीं आई तो में पानी पीने के लिए उठा तब दीदी जग रही थी और उसी से चैट कर रही थी , वो भी मुझे देख ली और तुरंत फोन बंद करने लगी तो में उसको शर्मिंदा करने के लिए बोला " लगी रहो , बंद क्यों कर रही हो " और किचेन में पानी पीने चला गया , आया तो देखा वो दूसरी तरफ मुंह करके सो गई । मुझे काफी बुरा लग क्योंकि दीदी ने कभी मेरे से कोई बात नहीं छुपाया और मुझे कही न कही जलन भी हो रहा था तभी मुझे खयाल आया क्यों न में दोनों का ब्रेक अप करवा दूं । अगले दिन रविवार था तो कॉलेज की छुट्टी थी , मैने एक नया नंबर खरीदा और दीदी को उसके ब्वॉयफ्रेंड का दोस्त बनकर मैसेज किया और उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में झूठी बातें बता कर उसको भड़काने लगा की वो तुमपे चीट कर रहा और तुम्हारे न्यूड अपने दोस्तों को भी दिखाता है । ये सब सुनकर दीदी का दिल टूट गया उसने तुरंत उसको ब्लॉक कर दिया । 1 हफ्ते तक हम दोनों के बीच कुछ बात नहीं हुई , ऐसा हमारे बीच कभी नहीं हुआ जिस वजह से मम्मी को शक होने लगा और वो एक दिन जब हम नाश्ता कर रहे थे तब वो पूछती है तुम दोनों का झगड़ा हुआ है क्या ? दीदी को अब भी डर था कि कही में सब बात न दूं तो वो फट से जवाब देती हैं "नहीं तो आपको ऐसा क्यों लग रहा ?" फिर मम्मी बोली "तो तुम दोनों बात क्यों नहीं कर रहे ?" इसपर में बोलता हूं "कुछ नहीं मम्मी कॉलेज के एग्जाम आने वाले है इसलिए मन लगा कर पढ़ाई पर ध्यान दे रहे दोनों।" मेरे मुंह से ये बात सुनकर दीदी थोड़ा खुश हो गई कि भले ही में बात नहीं कर रहा पर अब भी मुझे उसकी चिंता है । मेरे जवाब से मम्मी को भी तसल्ली हो गई और दोनों के सर पे हाथ रख कर आशीर्वाद देती हैं तब तक हमारा नाश्ता भी हो गया और हम कॉलेज के लिए निकल गए । घर पे आते ही में मुंह हाथ धोया , खाना खाया फिर अपने रूम में चला गया ,दीदी कुछ देर मम्मी के पास बैठी रही थोड़ा बात की फिर वो भी रूम में आ गई और दरवाजा बंद की ली फिर मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही वो मुझसे लिपट कर रोते हुए कहती है "जिस वजह से तुम मुझसे नाराज हो अब तो उसको भी मैने निकल दिया आपने जिंदगी से , अब तो मुझे माफ करदो और बात करो मुझसे" में बोला "जब बात करती थी तब नहीं बताई तो अब तुम्हारे बात का कैसे विश्वास करूं में"। उसने तुरंत फोन निकला और ब्लॉक लिस्ट में उसका नंबर दिखाया , मैने वजह पूछा तो वो बोलती है "तुमसे ज्यादा मुझे कोई प्यार नहीं है और शायद ही तुमरे सिवा कोई मेरा बेवजह ध्यान रखेगा।" इतना सुनते ही मैने उसको कस के अपने सीने से लगा लिया और बोला "मुझे भी माफ कर देना दीदी , मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लग था कि आप मेरे से इतना सब बात छुपाई" तो वो कहती है "अब कोई बात नहीं छिपाऊंगी , बस कभी नाराज मत होना मुझसे।" तो में बोला "अपनी जान से नाराज होके किसके पास जाऊंगा" इसपर वो कहती है "तभी अपनी जान की जान निकल रखे थे इतने दिन से" फिर में उसके सर पे किस करके "लव यू जान" कहता हु और इसके जवाब में वो भी "लव यू तो सूरज" कहके कस के पकड़ लेती है और उसके कोमल चूची मेरे सिने से जब लगा तब में इतना मदहोश हो गया कि मेरे हाथ कब उसके पीठ से गांड़ पर चला गया पता नहीं चला और जब एहसास हुआ तब में उसको सॉरी बोला , लेकिन उसको एहसास नहीं हुआ मेरा हाथ उसके गांड़ पे है तो वो पूछी "किस लिए " फिर में उसका गांड़ दबाते हुए बोला "इसलिए"। तब जाकर उसे एहसास हुआ और फिर वो आंख मर कर बोलती है "कोई बात नहीं सूरज तुम्हारा ही है सब" बस उसी वक्त मेरे और दीदी के बीच में वासना की चिंगारी लगी । तभी अचानक से मम्मी आवाज लगाई "चंदा! पापा आ गए , खाना निकल दो उनको" सुनते ही दीदी दौड़ कर गई , पापा को खाना दी और 40 मिनिट बाद बर्तन धो कर आई । संयोग से उस दिन मम्मी दीदी का बिस्तर धोई थी जो कि सुख नहीं था , तो हम दोनों को एक ही बिस्तर पे सोना था । दीदी सोने से पहले मिनी स्कर्ट और टीशर्ट पहन कर कमरे में आती है जिसे देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह जाती है , उसके लेटने के कुछ देर बाद वो मेरी तरफ पीठ कर लेती हैं और में उसके कमर पर हाथ रख देता हूं , दीदी को जब एहसास होता है तो वो मेरा हाथ अपने पेट पे खींच कर ले आती हैं और में उसको पूरा अपने तरफ खींच लिया जिससे मेरा लंड उसकी गांड़ के दरार में लगा , आपके जानकारी के लिए बता दूं मेरा लंड 6 इंच का है। जो अब में दीदी के गांड़ की दरार में घिसने लगा ,दीदी को जब लंड महसूस हुआ तो वो हल्की सी सिसकी ली और जोर जोर से गांड़ मेरे लंड पे रगड़ने लगी , कुछ ही देर में हम दोनों इतने गरम हो गए कि चलते पंखे के नीचे भी दोनों को पसीना हो रहा था। में तुरंत दीदी का स्कर्ट उठा कर पैंटी पर हाथ रखता हु तो पता चलता है कि दीदी की चूत इतनी गीली हो गई थी कि पैंटी भी भीग चुका था फिर में अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल देता हूं जिससे उसकी रेशम जैसे चूत के बाल महसूस हुए फिर में दीदी का चूत सहलाने लगता हूं और दीदी आहे भरने लगती है। कुछ ही देर में दीदी झड़ जाती हैं और उनके गरम पानी मेरे सारे उंगलियों पे लग गया जिसे में सुंघा तो फूलों से भी सुगंधित पाया , अब दीदी मेरे तरफ मुंह कर लेती है और हम दोनों पहले एक दूसरे से नजर मिलाए फिर लिप किस करने लगे। में अपने हवस के चरम सीमा पे पहुंच गया और अब मुझे दीदी का चूत चाटना था , जैसे ही में उठा और दीदी के टांगे फैलाया तो दीदी कहती है "आज नहीं" , में पूछा "तो फिर कब?" दीदी कहती हैं "कल" , में पूछा "आज क्यों नहीं ?" , दीदी कहती हैं "कल पता चल जाएगा" इतना कहते ही दीदी ने मुझे ऊपर खींच लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर सो गए । सुबह उठते ही मैने दीदी के माथे पर किस करते हुए "गुड मॉर्निंग जान" कहा और नहाने चला गया फिर आकर नाश्ता किया और दोनों तैयार होकर कॉलेज चले गए । घर आते ही दीदी पैसे दी और विट और वी-वॉश लाने को कहती है जो में कुछ देर में लाकर दे देता हूं , लेते वक्त दीदी थोड़ा मुस्कुराती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं । कुछ देर बाद वो निकलती है हम दोनों साथ में बैठ कर खाना खाते हैं फिर अपने रूम में चले जाते हैं , पापा भी कुछ देर बाद घर आ गए , दीदी पापा मम्मी के लिए खाना निकली और बर्तन धो कर वापस कमरे में आई फिर दरवाजा बंद कर लिया । सोने से पहले उसने शॉर्ट और टीशर्ट पहन ली ,उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और में उसके पास जाके सीने से लगा दिया । मेरा लंड खड़ा होने के वजह से दीदी के चूत से टकरा रहा था , दीदी को लंड महसूस हुआ तो वो एक नजर देखी और बोलती है "कुछ सरप्राइज़ है तुमरे लिए" मैने पूछा "क्या" फिर दीदी कहती है "खुद ही ढूंढ लो" । मुझे समझ आ गया कि दीदी चूत का बाल साफ की हैं उसी की बात कर रही । अब में दीदी को लिप किस करने करता हूं और हम दोनों एक दूसरे के जीभ को लॉलीपॉप के तरह चूसने लगते है , कुछ देर बाद दोनों अलग होते है और में दीदी को कहता हूं उल्टा लेट जाओ । दीदी उल्टा लेट गई फिर में दीदी के टांगे के बीच में बैठ के उनका गांड़ ऊपर से सहलाने लगता हूं , कुछ देर बाद में उसका शॉर्ट उतारा तो देखा दीदी नीले रंग का पैंटी पहनी है । पैंटी के ऊपर से ही में दीदी का गांड़ का छेद सूंघता हूं और पैंटी उतर के गांड़ के छेद को चाटने लगता हूं। मेरा जीभ जब दीदी को अपने गेंद के छेद में महसूस हुआ तो वो आहे भरने लगती है और दीदी अपने हाथों से गांड़ चौड़ा कर लेती है जिसके वजह से उसकी गांड़ का छेद थोड़ा खुल जाता है और में अपना जीभ दीदी गांड़ के छेद में डालकर चाटने लगा , कुछ देर चाटने के बाद दीदी का चूत बहने लगा और फिर में उसे सीधा होने बोला । दीदी सीधा हुई और अपने टांगे फैला ली फिर में पूरा पैंटी उतर दिया और जैसे ही में दीदी के चूत पे जीभ रखा , दीदी अपने हाथों से मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी और में उसका चूत ऐसा चाटने लगा जैसे जन्मों का भूखा हूं , दीदी भी धीरे-धीरे आहे भरती हैं । कुछ देर चाटने के बाद उसके चूत से गरम पानी निकलने लगा और में सब चाट लिया , अब दीदी भी हवस की चरम सीमा पर दी और चुदाना चाहती थी । तो दीदी कहती है "अब मेरी बारी" में समझ गया दीदी क्या चाहती है और में अपना 6 इंच का लंड निकल लिया , दीदी इतना बड़ा लंड देख के कहती है "बाप रे ये अजगर इतने छोटे बिल में कैसे जाएगा" में हस्ते हुए कहता हूं "बिल फाड़ के जाएगा"। दीदी मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ी और में ले ली , मेरा लंड बड़ा और मोटा होने के वजह से बस आधा ही ले पाई लेकिन मैने उसका सर पकड़ के पूरा लंड दे दिया जो उसके गले तक चला गया , कुछ देर चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल जो में दीदी के मुंह में ही गिरा दिया और दीदी वीर्य पी ली । फिर में दीदी के ऊपर आ गया और उनके टांगे उठा के चूत पे लंड घिसने लगा , और अचानक से आधा लंड दीदी के चूत में डाल दिया जिससे उनको काफी दर्द हुआ और वो चीखती है तो में उनको लिप किस कर लेता हु जिससे उनकी आवाज जोर से नहीं निकला । में उनका चेहरा देखा तो पाया कि उनके आंखों से आशु निकल रहे थे जिस वजह से में थोड़ी तक लंड न अंदर डाला न बाहर निकला और उनको आराम देने के लिए उनके चूची चूसने लगा , कुछ देर बाद दीदी को आराम हुआ और में पूरा लंड दीदी के चूत में दे दिया जिससे उनके सील टूट गया फिर चूत से खून बहने लगा , उनको इतना दर्द हुआ कि वो छटपटाने लगी और में उनको सहला के आराम देने लगा थोड़ी देर बाद वो संत हो गई और में उनकी चूची चूसते हुए चूदाई शुरू कर दिया । अब दीदी को भी मजा आने लगा तो वो कहती है "आह सूरज आज तो तूने मेरी जान ही लेली" और सिसकियां लेते हुए अपनी चूत सहलाने लगी । मेंने अपनी चोदने की रफ्तार बढ़ाई जिससे दीदी और तेज सिसकियां लेने लगी , काफी देर चोदने के बाद अब में झड़ने वाला था और दीदी भी , झड़ते वक्त में दीदी के चूत में ही सारा वीर्य निकल दिया और दोनों निढाल होके पड़े रहे । थोड़ी देर बाद देखा तो दीदी के चूत से खून और वीर्य दोनों निकल रहा था और उनकी चूत में काफी जलन हो रहा था , में कपड़े से उनका चूत साफ किया और उनको आराम देने के लिए उनका चूत वापस चाटने लगा । उस रात में 3 बार दीदी का गांड़ और चूत चटा फिर दोनों लिपट कर सो गए । पिछली रात की चोदाई के वजह से अगले दिन दीदी चल नहीं पा रही थी , मम्मी ने वजह पूछा तो दीदी ने बताया पैर में मोच आ गया और उस दिन में अकेले कॉलेज गया । हम दोनों रोज देर रात तक सेक्स करते और दीदी को मेरे से अपना चूत और गांड़ चटवाने में बहुत मजा आता था । मुझे भी दीदी के चूत का पानी किसी चासनी से कम नहीं लगता है । एक रात सेक्स करते वक्त दोनों इतना मदहोश हो गए कि कब सुबह के 5 बज गए पता नहीं चल और पापा 5 बजे सुबह उठते है डेयरी जाने के लिए , तो उन्होंने हमें चूदाई करते हुए देख लिया । इसके आगे में आपको अगले भाग में बताऊंगा कि कैसे हम दोनों की वासना की आग में पूरा परिवार झुलस गया । कहानी का पहला भाग आपको कैसा लगा आप मुझे मेल करके जरूर बताना । मेरा ईमेल आईडी:- sabbybhaiya@gmail.com

Antarvasna

जब से मेरी बीवी को पीएसी Antarvasna के जवानों और उसके जीजा ने पेला था उसकी चुदवाने की भूख और बढ़ गई थी। इसी दौरान मेरी बदली प्रतापगढ़ हो गई थी। नीलू की बुर की आग एकदम चरम पर थी। अब चुदवाते वक़्त वो खुल के गालियों का प्रयोग करती। वो अब पूरी रंडी हो चुकी थी। उस रंडी की चुदाई जितनी भी हो, कम ही थी

मेरी ड्यूटी एक प्राइवेट कंपनी में थी। एक दिन मुझे कुछ काम से पटना जाना था। हम दोनों की ट्रेन रात के साढ़े ग्यारह बजे थी। खाना खाकर हम ऑटो से स्टेशन पर पहुंचे। स्टेशन पर बिल्कुल सन्नाटा था। बहुत कम लोग या यूँ कहें कि इक्का दुक्का लोग दिखाई दे रहे थे। ट्रेन थोड़ी लेट थी। हम वहीं बैठ कर बातें कर रहे थे।

तभी न जाने कहाँ से कुछ पुलिस वाले आ गए। वो हमसे पूछताछ करने लगे। मैंने उन्हें अपना कार्ड दिखाया पर वो नहीं माने और हमें एक केस में फरार पति-पत्नी साबित करने लगे। मैं उनको समझाता रहा पर वो नहीं माने।

दरोगा बोला- साले, मादरचोद ! हमें समझाओगे? पहले तो अपने माँ-बाप का खून करते हो और भागने की प्लानिंग करते हो ! ले चलो इनको थाने फिर बात करते हैं !

इतना कहकर वो सब हम दोनों को ले जाने लगे। एक सिपाही नीलू से बोला- साली चल अपना सामान उठा ! तुझसे तो लगता है साहब ही बात करेंगे ! साली की जवानी तो देखो ! अगर साहब बोल दें तो यहीं पटक कर चोद दूं !

नीलू बोली- क्या बदतमीजी कर रहे हो? एक औरत से इस तरह बात करते हैं?

दूसरा सिपाही बोला- तब कैसे बात करते हैं बुरचोदी रंडी? ज्यादा बोल मत ! नहीं अभी तेरे मर्द के सामने साहब त्तुम्हें अपने लंड पर नचवाएंगे ! समझी?

यह सब सुनकर नीलू चुप हो गई पर उन सब की बुरी नज़र उस पर पड़ चुकी थी। वो सब हमें लेकर ड्यूटी-रूम में गए। वहाँ पर उस दरोगा ने पता नहीं किसे फ़ोन लगाया। बात करने के बाद वो मुस्कुराने लगा। उसने अपने तीनों सिपाहियों से कुछ बात की और उसके बाद वो सब हमें गाडी में स्टेशन के दूसरी ओर ले जाने लगे। तो मैंने पूछा- हमें कहाँ ले जा रहे हैं?

तो बोला- अभी पता चल जायेगा !

थोड़ी देर बाद हम एक मकाननुमा ऑफिस में पहुंचे। उन्होंने हमें उतारा और अन्दर ले गए। वहां कोई नहीं था। दरअसल यह वीआईपी गेस्ट-रूम था। वहां पहुँच कर दरोगा बोला- अब बोल साले ! छुटना चाहता है या दफा ३०२ लगवाना चाहता है? अब हम चाहें तो तुम्हें छोड़ भी सकते हैं पर इसके लिए तुझे कुछ देना होगा ! देगा?

मैं बोला- क्या?

वो बड़ी बेशर्मी से बोला- तेरी माल ! यानि तेरी बीवी !

मैं गुस्से में उससे बोला- जबान सम्हाल कर बात कर साले ! तू मुझे नहीं जानता, मैं तुम्हें जेल भिजवा सकता हूँ !

वो बोला- भिजवा दे ! पर वो तो तू तब करेगा जब तू यहाँ से बच कर जायेगा?

इतना कहकर उसने नीलू को दबोच लिया। बाकी के सिपाहियों ने मुझे दबोच कर मेरे मुँह में कपड़ा ठूंस कर मेरा मुँह बंद कर दिया और फिर मुझे रस्सी से खूब मजबूती से बांध कर एक कमरे में छोड़ दिया।

अब आगे की कहानी नीलू के शब्दों में-

उस दरोगा ने पीछे से मुझे कसकर पकड़ लिया, फिर बोला- रानी, आज तो तुझे हमारे लौड़ों पर नाचना होगा !

मैंने चिल्लाते हुए कहा- छोड़ो मुझे ! मैं तुम लोगो की बात नहीं मानूंगी किसी भी कीमत पर !

तब दरोगा बोला- फिर ठीक है, हम तेरे पति का एनकाउंटर कर देंगे, उसके बाद तुझे भी चोद कर रंडीखाने भेज देंगे। जहाँ तेरी जवानी का भुरता बन जायेगा। मान जाओ !

मैं बोली- ठीक है ! मुझे सोचने दो !

मैंने सोचा कि अगर मैं इन सब की बात मान लेती हूँ तो ज्यादा से ज्यादा ये मेरी चुदाई ही करेंगे और अगर नहीं मानी तो ये मेरे पति को जान से तो मारेंगे ही साथ में मुझे भी बर्बाद कर देंगे। यह सोचकर मैंने कहा- ठीक है, मुझे मंजूर है ! पर सुबह तुम लोगों को हमें इज्जत के साथ वापस छोड़ना होगा !

दरोगा बोला- जो तुम बोलो रानी, सब मंजूर !

अब मेरा दिमाग चुदाई की बात सोचते ही धुकधुकाने लगा।

एक सिपाही बोला- साहब क्या मस्त प्लान बनाया है, कई दिनों से किसी की मारी नहीं थी, आज सारी कसर निकालूँगा !

दूसरा बोला- अबे अब इस हरामजादी को चुदाई वाले कमरे में तो ले के चल !

यह कह कर उसने मेरी गांड सहला दिया। वो सब अब मुझे ऊपर लेकर जाने लगे। रास्ते में कोई मेरी चुचियों को सहलाता, कोई गांड पर, तो कोई गाल पर !

हाय ! मैं तो इतने लोगों से चुदने की बात सुनकर ही मस्त हो गई थी। आज फिर मुझे अपने पीएसी वाले जीजा की टक्कर का लौड़ा जो मिलने वाला था।

अन्दर पहुंचते ही दरोगा बोला- चल री मादरचोद, अपने कपड़े उतार ! कसम से साली एकदम कंटीली है ! आज तो तुझे जमकर चोदूंगा ! खोल बुरचोदी ! आज तुझे पुलिस का डंडा दिखाऊंगा। अरे तुम लोग देख क्या रहे हो? गरम करो रंडी को ! आज इसे दिखायेंगे कि पुलिस का लौड़ा जब घुसता है तो क्या होता है ! साली का गांड भी पेलूँगा !

हाय …….. आह! ऐसे मत करो ! छोड़ो मेरी चुचियों को ! आह सी… दर्द हो रहा है ! कभी चूचियां नहीं दबाई क्या? जब मैं चुदने को तैयार हूँ तब मेरे साथ जबरदस्ती क्यों कर रहे हो?

साली रंडी ! तू ऐसी माल है कि बिना ऐसे किए चोदने का मज़ा ही नहीं आएगा ! खोल स्साली पहले अपना जलवा तो दिखा ! यह कहकर दरोगा ने साड़ी के ऊपर से ही मेरी बुर को मींज़ दिया।

हाय, क्या कर रहे हो। छोड़ो ना! मैं बोली।

तब उसने मुझे कपड़े उतारने का इशारा किया। अब मेरी समझ में आ गया था कि चाहे मेरी चूची हो या बुर या गांड सबकी बैंड बजेगी। मैं अन्दर ही अन्दर खुश भी थी। काफी दिनों के बाद मेरी जवानी की बैंड फिर से बजने वाली थी। हाय जीजू ! क्या बना दिया तूने मुझे ?

अब मैंने एक-एक करके अपने कपड़े उतार के एक तरफ रख दिए क्योंकि मैं जानती थी कि ये सब मेरी मां-बहन सब चोद सकते हैं तो मैं अपने कपड़े क्यों ख़राब करूँ !

उन सबने भी अपने कपड़े मुझसे पहले ही उतार दिए। उनके लौड़ों को दख कर तो मन किया कि उनका मुँह चूम लूँ ! सब एक से बढ़ कर एक ! दरोगा का सबसे मस्त ! मेरी बुर तो पानी देने लगी, साली कुछ देर का इन्तज़ार भी नहीं करवा सकती।

दरोगा ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और लण्ड मेरी गांड से सटाते हुए बोले- रानी तैयार हो ना ! अगर नहीं तो तेरे पति को तैयार करूँ !

मैं तो मस्त थी पर कुछ नहीं बोली। सब मेरे ऊपर टूट पड़े, मेरे दोनों 32 साइज़ की चुचियों को दबा-दबा कर लाल कर दिया।. दरोगा मेरे होंठों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। एक मेरी बाईं और एक मेरी दांई चूची के चुचूक चूसने लगे। एक मेरे गांड के दरारों को अपने जीभ से चाटने लगा। सब तरफ से मैं फँसी थी। मेरी बुर तो रिसने लगी। करीब ५ मिनट तक ऐसा करने के बाद एक उंगली मेरी बुर को सहलाते-सहलाते अन्दर घुस गई। हाय मेरा तो बुरा हाल था।

वो उंगली दरोगा की थी। वो चीखा- सालों ! इस रंडी मादरचोद को भी मज़ा आ रहा है ! यह देखो इसकी बुर का रस !

कहकर वो अपनी उंगली चाटने लगा। सब मेरे ऊपर हंसने लगे और एक बोला- हरामजादी, तुझे तो सारी पुलिस-फ़ोर्स भी चोदे तब भी आग न बुझे !

मैं भी बेशर्मी से बोली- साले रंडी हूँ रंडी की तरह चोदोगे तभी मज़ा दूंगी ! मेरी बुर सस्ती रंडी वाली बुर नहीं है ! समझे ? पीएसी के लौड़ों पर दौड़ चुकी हूँ। देखती हूँ तुम्हारे में कितने दम है !

दरोगा ने मेरे कान के लौ को चूसते हुए धीरे से फुसफुसाते हुए कहा- रानी, सही कहूँ तो एकदम मस्त माल हो ! ये सब तो परम पेलू हैं पर सही में अगर तुम मज़ा लेकर यहाँ से जाना चाहती हो तब हम जैसा कहें वैसा करना होगा !

मैं भी नशीली आवाज में बोली- मेरे राजा, आज बुर का दरवाज़ा खोल तो अपने डंडे से ! मैं तो बिल्कुल तैयार हूँ ! जैसे चाहो वैसे पेलो ! तुम लोगो की रंडी हूँ ना, सब तरफ से फाड़ डालो मेरी ! मेरी बुर तुम्हारे लौड़े का स्वागत ही करेगी, इतना जीभर के पेलवाउंगी कि तुम भी क्या याद करोगे।

दरोगा बोला- क्या नाम है तुम्हारा रानी?

मैं बोली- नीलू !

हाय बड़ा मस्त और रंगीन नाम है। चल रानी अब हमारे लौड़ों को अपने बुर के लिए तैयार कर ! दरोगा बोला।

मैं अब उनके मस्त खड़े लौड़ों को चाटने लगी। एक बोला,” साली मस्त है ! सब आता है इसे ! लगता है इसका पति इसे सब सिखा कर रखता है। लंड को चाट रंडी साली ! ले पी मादरचोद !

उधर मैं उनके लौड़े चूसने में मस्त थी, इधर दरोगा ने मेरी प्यारी सी चोट्टी बुर पर हाथ लगाया और फिर मुँह भी लगा दिया। फिर तो एक ने मेरी गांड में उंगली कर दी। मैं और मेरी जवानी पूरी उफ़ान पर आ चुके थे और थोड़ी देर में मेरी जवानी के रस का फव्वारा निकल गया। दरोगा पूरा का पूरा माल चाट गया और बोला- रानी तेरी बुर भी तेरी मुंह की तरह नमकीन है ! मज़ा आ गया, अब तो तुम्हारी असली तीसरी डिग्री शुरु होगी।

इतना कहकर उसने मुझे कुतिया की तरह उल्टा कर दिया। उसके बाद थूक लगा लगा कर जो उनके 9-9 इंच के लौड़ों ने मेरी पेलाई की पूरे आधे घंटे तक बिना रुके !

पेल-पेल के उन्होंने मेरी बुर में ही अपना सारा का सारा माल डाल दिया। मेरी बुर से उनका पानी टपकते हुए नीचे फर्श पर गिर रहा था। हाय मैं तो पूरी तरह मस्त हो गई थी, सभी मुझको एक-एक बार चोद चुके थे।

अब मैं दरोगा की गोद में थी। वो मेरी चुचियों से खेल रहा था। उसने मुझसे पूछा- रानी मज़ा आया?

मैं उसके लंड को सहलाते हुए बोली- पूरा राजा ! तुम लोगों ने तो मेरी बुर को एकदम मस्त कर दिया ! इस समय तो दो चार लंड और भी होते तो मैं आराम से चुदवा लेती। कसम से पहली बार पीएसी ने और इस बार पुलिस ने पेल-पेल कर मुझे पूरा रंडी बना दिया। हाय ! अगला राउंड कब शुरू करोगे राजा?

दरोगा ने पीएसी वाली चुदाई के बारे में पूछा तो मैंने सारा किस्सा बता दिया शोर्ट में। उसने मेरे जीजा का नाम पूछा तो मैंने बता दिया। जीजा का नाम सुनते ही वो हंसने लगा। दरअसल मेरे उस जीजा की ड्यूटी वहीं प्रतापगढ़ में ही लगी थी। उसने मुझसे पूछा- तू कहे तो तेरे जिज्जू को यहीं बुला दूं?

मैंने कुछ नहीं कहा। तब उसने अपने सेलफोन पर बात करके मेरे जीजा को आने को कहा- यार आओ यहाँ एक मस्त रंडी तुम्हारा इन्तज़ार कर रही है।

मैं तो जीजा के आने की बात सोच कर सिहर गई। अब उन लोगों के लंड फिर से मेरी कहानी सुनकर तैयार हो गए थे।

एक बार फिर मेरे बुर में लौड़े घुसने लगे। अबकी बार एक सिपाही ने मेरी गांड को निशाना बनाया और मेरी दोनों तरफ से जबरदस्त कुटाई हुई। मैं तो पूरा निहाल हो गई ! मेरी गांड लंड ले-ले के पूरी लाल हो गई। चारों ने जगह बदल-बदल के मुझे चोदा। हाय मेरा रंडीपन मेरे ऊपर हावी हो गया था। मैं तो मदहोश हो गई थी। याद भी न रहा कि मेरे पतिदेव बगल वाले कमरे में बंद हैं। सबने मुझे चोद-चोद कर मेरी बुर को एकदम खोल दिया। इस बार सबने एक साथ मेरे मुंह में अपना पानी दिया। मुझे न चाहते हुए भी उसे पीना पड़ा।

तभी नीचे गाड़ी रुकने की आवाज़ आई, मैं समझ गई कि जिज्जू आ गया है ! मेरी बुर जो आठ-दस बार झड़ चुकी थी, एक बार फिर पानी देने लगी।

तभी दरवाज़े पे जीजा आया, वो मुझे देखकर सन्न हो गया। मैं दौड़ कर उससे लिपट गई। वो सब समझ गया। तुंरत उसने अपने कपरे उताड़े और दरोगा से बोला- अरे यार ! इस हरामजादी रंडी को कहाँ से पकड़ लिया।

अरे नीलू रानी कैसे यहाँ?

तब मैंने उसे सारी बात बताई तो वो हंसने लगा और बोला- साली कोई मर्डर नहीं हुआ है शहर में ! ये तो तू इनको भा गई होगी और ये तेरे को फंसा के यहाँ अपने लौड़ों पर नचवा रहे हैं ! चलो ठीक भी है ! तेरी जैसी मादरचोद रंडी की इसी तरह गांड मारी जानी चाहिए। अरे यार ! नीचे मेरा अर्दली होगा, उसे भी बुला ले, वो भी इसे देखेगा तो मस्त हो जायेगा। चल साली, पहले मेरा लौड़ा तो चाट !

कसम से मैं इस समय खुद को एक रंडी ही समझ रही थी और खुल कर अपनी खुजली शांत करना चाहती थी। मैं भी खुल के उनके लौड़े चाटने लगी। जीजा का अर्दली भी मुझे देख कर मस्त हो गया।

अब कमरे में केवल मैं जीजा, दरोगा और वो अर्दली थे। तीनों मुझे फिर से नोचने लगे और गन्दी गन्दी गालियां देने लगे। मुझे भी मज़ा आ रहा था।

उन तीनों के लंड चूसने के बाद मैं बोली- जीजा, राजा, मेरा मन कर रहा है कि एक साथ तुम सब के लौड़े मेरे तीनों छेद को भर दें ! कसम से पिछला चोदन याद दिला दो !

जीजा बोला- अरे हरामजादी, तू चिंता मत कर ! सुबह तक तू अपने पैरों पर नहीं जा सकेगी ! साली मैं तो तेरा गांड मरूँगा !

दरोगा बोला- मैं तो इसके मुंह को चोदूँगा !

अर्दली बोला- साहब लोग थैंक्यू ! इस साली की बुर तो एकदम ताजी लौंडिया की तरह फूली है ! मैं तो इसी में अपना डंडा डालूँगा ! आज इसे मालूम होगा कि पुलिस और पीएसी जब मिल के मारते हैं तो क्या होता है।

फिर क्या, उनके मूसल मेरी गांड, बूर और मुँह में घुस कर उधम मचाने लगे। मैं तो एकदम से मस्ता गई। हाय, क्या चुदाई थी !

जगह बदल बदल कर तीनों ने सारी रात मेरी पति की जमानत का पूरा इस्तेमाल किया। हाय रे जीजा का काला लंड ! उफ्फ ये दरोगा मुआ तो सारी रात मुझे पेलता ही रहा, कभी मुंह में, कभी बुर में तो कभी गांड में ! सारी रात सब मेरी जवानी को रौंदते रहे और मै रंडियों की तरह चुदती रही। हाय रे जवानी- उफ्फ्फ ये उफनती जवानी केवल दस इंच के लौड़ों से ही मस्त रहती है, वैसे तो मेरे पति का भी नौ इंच का है, पर वो जब भी पेलते हैं तो अकेले ! हाय, यहाँ तो कई सारे मिल के मेरी बच्चेदानी को फाड़ डालते हैं।

किसी तरह पेलवाते- पेलवाते सुबह हुई। रात भर मैं आह,उच्च, आउक्च,उफ्फ, आई, हाय,सीईईईई. उई मां और न जाने कौन सी मस्ती वाली सिस्कारें मारती रही।

मैंने अपने पूरे कपड़े पहने। जीजा जल्दी चला गया, दरोगा ने मेरे पति को सख्त ताकीद देकर कहा- अगर किसी से कहा तो जान से तो जाओगे ! तेरी बीवी की बुर में डंडा भी पेलेंगे ! Antarvasna

हेल्लो दोस्तो, मैं संजू फ़िर कोलकाता से। Antarvasna

आप लोगों ने मेरी कई कहानियाँ, जो कि Antarvasna सच्चे अनुभवों पर आधारित थी, आप लोगों ने पढ़ा। मेरी आखिरी कहानी ग्रुप सेक्स-2 थी। अब मरे पास कोई मुझसे सम्बंधित सच्ची कहानी नहीं है। और मैं काल्पनिक कहानियाँ लिखता नहीं। मैं बहुत चैट करता हूँ। जिसमे अनेक लड़कियां/ औरतें भी होती है। पिछले दिनों एक अमेरिकन लड़की से दोस्ती हुई थी।

उसका नाम शैली है। उसी ने अपनी एक कहानी मुझे बताई। उसी कहानी को मैं प्रस्तुत करूंगा उसी के शब्दों में। यह मुझे पता नहीं कि यह कहानी सच है या झूठ लेकिन रोचक जरूर है। अब आप उसी के शब्दों में उसका एक अनुभव सुनिए :~

मेरा नाम शैली है। मेरी उम्र 29 साल है। मैं अमेरिका के एक बड़े शहर में अपने पति के साथ रहती हूँ। अभी हम लोगों को कोई बच्चा नहीं है। मैं दिखने में खूबसूरत हूँ। वैसे तो मेरा फिगर स्लिम है लेकिन मेरे बूब्स बड़े हैं। मेरा पति रोजर, और मैं दोनों ही काम करते हैं, लेकिन अलग-अलग जगहों पर।

मेरी एक सहेली है लेस्ली, मेरी ही उम्र की, जो मेरे साथ ही काम करती है। उसका पति टॉम मेरी पति के साथ काम करता है। लेस्ली भी दिखने में बहुत खूबसूरत है। उसके हिप्स मुझसे बड़े हैं। हम चरों अक्सर सप्ताहांत पर कैम्पिंग करते हैं। महानगर की भीड़-भाड़ से दूर, शांत माहौल में किसी जंगल के किनारे या किसी बड़े पार्क में अपना कैंप डालकर हम अपना सप्ताहांत मनाते हैं।

हमने इस वीकएंड में भी कैम्पिंग का प्रोग्राम बनाया था। मर्द यानि रोजर और टॉम आमने ऑफिस से सीधे वहीं चले गए थे। मैं और लेस्ली 3-4 घंटे के बाद वहां के लिए निकलीं। हम दोनों एक ही कार में थे। बियर पीते हुए हम तेजी से कैम्पिंग वाली जगह की ओर जा रहे थे। हम आपस में अपने पतियों के बारे में बातें कर रहे थे कि वे कितने मेहनती हैं। फ़िर हम लोगों की चर्चा सेक्स की होने लगी।

लेस्ली ने अकस्मात् कहा कि मेरे पति को तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां बहुत पसंद हैं। और मैं और टॉम कभी-कभी तुम लोगों की कल्पना कर सेक्स करते हैं। मैं सन्न रह गई क्योंकि रोजर भी लेस्ली की गांड की तारीफ रोज करता है। मैंने बोला कि यार ! ऐसा तो हम लोग भी करते हैं, रोजर को तुम्हारी गांड बहुत पसंद है। और मुझे टॉम की बालों भरी छाती आकर्षित करती है।

लेस्ली ने ये सुनकर कहा कि आज क्यों न हम दोनों मर्दों की इच्छा को पूरी कर दें। मैं ये सुनकर रोमांचित हो गई। क्योंकि मैं कितने दिनों से टॉम की बालों भरी छाती पर हाथ फिराते हुए उसके साथ सेक्स के सपने देख रही थी। और रोजर लेस्ली की भारी गांड में लण्ड डालना चाहता था।

फ़िर मैंने कहा कि मैं अगर किसी के साथ अपने पति को बाँटने के बारे में सोच सकती हूँ वो तुम हो।

लेस्ली ने यह सुनकर कहा कि मेरा भी यही ख्याल है। हम रास्ते भर इसी के बारे में बात करते कैंप ग्राउंड पर पहुँच गए। हमने रास्ते में ही ठीक कर लिया था कि टॉम और रोजर को इसके बारे कुछ नहीं बताएँगे। तब तक रात हो गई थी। वहां पहुँच कर हमने देखा कि दोनों ने खाना बना लिया था। और कैंप फायर जला लिया था। हम दोनों ने मिलकर काफ़ी बनाई और हम चारों मिलकर काफ़ी पीने लगे। एक बड़े पार्क में, खुले में, आग के चारों ओर बैठ कर, रात के समय काफ़ी पीने का एक अलग ही रोमांच था।

फ़िर जो रात को होने वाला था उसे सोचकर ही मेरी चूत में खुजली हो रही थी। फ़िर हमने खाना खाया। दोनों मर्दों ने कहा कि अब सोने चलो। दो अलग-अलग कैंप दोनों के लिए लगे थे। उसके बगल में बाथरूम था।

इस पर हमने कहा कि तुम लोग चलो हम थोड़ा नहा कर आते हैं। दोनों अपने-अपने कैंप में चले गए। थोड़ी देर तक बात करने के बाद हम नहाने के लिए बाथरूम में घुसे। एक साथ हम नहा रहे थे। नहाकर कपड़े पहन कर हम बाहर निकले। मैंने नहाने के बाद एक पायजामा और टी-शर्ट पहना था, उसके नीचे मैं पूरी तरह से नंगी थी। फ़िर हम दोनों गले मिली। मैं टॉम यानि लेस्ली के पति के टेंट की ओर बढ़ी और लेस्ली मेरे पति की ओर।

मैंने टॉम के टेंट के पास पहुँच कर लेस्ली की ओर देखा। लेस्ली रोजर के टेंट की जिप खोल रही थी। जिप खोल कर वो भीतर घुस गई और जिप को भीतर से बंद कर लिया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैं अपने कांपते हाथों से टेंट का जिप खोलकर भीतर घुसी। टॉम की पीठ मेरी और थी। मैंने भीतर घुसकर जिप को लगा दिया। टेंट में एक फ्लैश लाइट जल रही थी। मैंने लाइट को बुझा दिया। अब एकदम घुप्प अंधकार था।

टॉम ने मुझे लेस्ली समझकर कहा,’ कितनी देर लगा दी। मैं तुम्हारा कब से इंतजार कर रहा हूँ।’

मैं कुछ नहीं बोली और उसके पास जाकर उसके कम्बल में घुस गई और अपना एक हाथ उसके लण्ड की और बढा दिया।

हठात टॉम ने पूछा ‘ लेस्ली तुमने शैली का परफ्यूम यूज किया है क्या?”

मैंने कहा,’ तुमको शैली पसंद है?’

टॉम,’ शैली !!!! तुम यहाँ? लेस्ली कहाँ है?’

मैंने कहा,’ अगर मैं यहाँ हूँ तो लेस्ली कहाँ होगी? सोचो।’

टॉम चिल्ला उठा,’ ओ माय गाड ! किसका प्लान था ये?’

मैंने कहा,’ हम दोनों का ! हमने सुना है कि कुछ युगल आपस में बदल कर सेक्स करते हैं। और तुम मेरी बड़ी चुचियों को हसरत से देखते थे और रोजर लेस्ली की बड़ी गांड को निहारता था। तुम दोनों हम दोनों को खुश रखने के लिए कितनी मेहनत करते हो तो हमारा भी तुम्हारी इच्छा पूरी करने का फर्ज बनता है टॉम ! मैं आज पूरी रात तुम्हारे साथ हूँ !’

फ़िर मैंने एक हाथ से टॉम का लण्ड पकड़ लिया। टॉम ने अपने दोनों हाथ से मेरा चेहरा पकड़ कर गहरा चुम्मा लिया। उसने एक हाथ से मेरा टी-शर्ट एक ही झटके में उतार दिया। उसने एक हाथ से मेरी एक चूची पकड़ी और दबाने लगा और मुंह से दूसरे का निप्पल पकड़ कर चूसने लगा। मेरी आँखें उत्तेजना से बंद होने लगी। फ़िर उसने मेरे पायजामे को घुटने तक उतार दिया और अंगुली से मेरे चूत को सहलाने लगा। मैंने अपने पायजामे को पूरी तरह उतार कर कम्बल से बाहर फेंक दिया अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।

टॉम ने भी अपने कपड़े उतार दिए। मैंने टॉम से कहा कि मैं तुम्हारा लण्ड चुसना चाहती हूँ। फ़िर मैं नीचे सरक कर लण्ड को मुंह में भर लिया। उसका लंड रोजर से थोड़ा बड़ा ही था। टॉम का एक हाथ मेरी चुचियों पर था और एक हाथ मेरी बुर पर। एक अंगुली से वो मेरी शिश्निका सहला रहा था।

मैंने टॉम का लण्ड पूरी तरह से मुंह में घुसा लिया था। और चूस रही थी। टेंट में घुप्प अंधकार था। फ़िर टॉम मेरे कान में कहा कि मैं अब तुम्हारे बुर का स्वाद लेना चाहूँगा और वह नीचे सरक गया। पहले उसने अपने मुंह को मेरी चिकनी बुर पर फिराया। फ़िर जीभ से सहलाया। हम उस समय 69 पोजीसन में थे। उसने जीभ को बुर के मुहाने पर रगड़ना शुरू किया।

मैंने उसकी सुविधा के लिए अपनी टांगो को फैला दिया और उसके लण्ड को पूर्ववत चूसती रही। बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को अब पूरी तरह से मेरी बुर के भीतर घुसा दिया था। और जीभ से ही चोद रहा था। अंगुली से बुर की चोंच को रगड़ रहा था। मेरी बुर में जैसे आग लग गई थी। मैं उसी समय झड़ गई। ठीक उसी समय वो भी मेरे मुंह में झड़ गया। मैंने उसे कुछ बोला नहीं और वीर्य को बाहर फेंक दिया।

फ़िर टॉम ने कहा,’ अच्छा ! इस समय लेस्ली और रोजर क्या कर रहे होंगे?’

मैंने कहा,’ एक ही काम ! चुदाई ! चुदाई और सिर्फ़ चुदाई ! अब मेरी बुर लण्ड से चुदाई मांग रही है, चोद डालो अब मुझे।’

टॉम ने कुछ कहा नहीं और कम्बल में ही मुझको पलट दिया और जीभ को मेरी पीठ पर, हिप्स पर और जांघों पर फिराने लगा।मेरी उत्तेजना भड़कने लगी। वैसे रोजर तो मेरे साथ एनल सेक्स भी करता था कभी-कभी। रोजर को एनल सेक्स बहुत पसंद था।

तभी बगल वाले टेंट से लेस्ली की चीख सुनाई दी।

टॉम ने कहा कि क्या हुआ रोजर ने लेस्ली की बुर फाड़ दी क्या?

मैंने कहा कि नहीं ! रोजर को गांड मारना बहुत पसंद है। उसने लेस्ली की गांड में लण्ड डाला होगा इसीलिए चिल्लाई होगी। फ़िर टॉम ने मुझे पलट दिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा कर मेरी बुर को ऊँचा कर लिया। फ़िर एक झटके में ही अपना लण्ड को घुसा दिया।

मेरी चीख निकल गई। टॉम ने कहा,’ तुम तो ऐसा कर रही जैसे पहली बार तुम्हारी चुदाई हो रही है? उधर लेस्ली की गांड को तुम्हारा रोजर फाड़ रहा है।’

मैंने कहा कि दर्द हुआ इसीलिए चिल्लाई। अब तुम जोर से चोद सकते हो।

वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरी पतली कमर को दोनों हाथों से थोड़ा ऊपर उठाकर जोर से धक्का मर रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने कहा कि मेरी चुचियों को भी दबाओ।

वो चूचियां भी दबाने लगा।

थोडी देर इस स्टाइल में चुदवाने के बाद मैंने कहा कि मुझे अब कुतिया बनाकर चोदो।

फ़िर मैं नीचे उतर कर कुतिया स्टाइल में हो गई और वो मुझे पीछे से चोदने लगा। मेरी मुंह से उत्तेजना में आवाज़ें निकल रही थीं आहऽऽऽऽ आऽऽऽ ऊऽऽऽऽ उओऽऽऽ औरऽऽऽऽ जोरऽऽऽ सेऽऽऽ मैंऽऽऽऽ स्वर्गऽऽ मेंऽऽ पहुँचऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽऽऽ।

अंधेरे में केवल एक ही आवाज आ रही थी- फच्च ऽऽऽऽ फच्चऽऽऽ मेरी सिस्कारियां ऽऽऽ और टॉम की हांफने की आवाजें।

माहौल में पूरी तरह से चुदास भरी थी। बगल के टेंट से भी सिसकारियों की आवाजें आ रही थी। टॉम की स्पीड बढती जा रही थी। अब वो झड़ने वाला था। मैं भी झड़ने वाली थी। टॉम ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और मेरे हिप्स पर झड़ गया। बहुत मजा आया था।

यह कहानी मुझे शैली ने बताई थी और कहा था कि ये उसका सच्चा अनुभव है।
दोस्तो, यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताईगा। Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆