Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Alappuzha: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Alappuzha who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Alappuzha that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Alappuzha massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Alappuzha who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Alappuzha massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Alappuzha massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Alappuzha who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Alappuzha employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Alappuzha helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Alappuzha

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Alappuzha at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Looking for live nude fun, cam model guides, or ways to make money from the webcam industry? ?? Visit **littlecocktease com** and get access to: ?? Free cam site hacks ?? How to watch more and spend less ?? Best webcam affiliate programs ?? Tips on becoming a webcam model ?? Psychology of why cams are so addictive Real advice from real users. Perfect if you’re watching, earning, or thinking about joining the adult cam world. Check full articles here: ?? Don’t just watch — learn how to get the most out of every show. Watch Cams Without Paying Much

Antarvasna

मैं अन्तर्वासना का Antarvasna बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। आज मैं आप लोगों को अपनी पहली सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मुझे यकीन है कि आप सबको यह बहुत पसंद आएगी। कृपया अपने विचार मुझे मेल करें। अब आपका ज्यादा वक्त न लेते हुए मैं अपनी कहानी पर सीधे ही आ जाता हूँ।

मेरी उम्र बत्तीस साल है और मैं शादीशुदा हूँ। फ़िर भी मेरी यह अभी की घटना है जो आप लोगो को लंड और चूत को खुजलाने के लिए मजबूर कर देगी।

मैंने अहमदाबाद में नया रेस्तराँ खोला था जहाँ पर वो आया करती थी।
उसकी उम्र करीब 19 साल के रही होगी और वो एक छरहरे बदन वाली पतली और लम्बी सी लड़की थी।
वो हमेशा बहुत उदास लगती थी और बड़ी मुश्किल से उसके चेहरे पर हंसी देखने मिलती थी।

एक दिन वो अकेली ही आई और रोने लगी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके पास गया।

मैंने उससे उसका नाम पूछा और उसके रोने की वजह भी।

तब तक मेरे मन में उसके लिए कोई सेक्स के विचार नहीं थे, मैं तो बस इंसानियत के नाते ही उसकी मायूसी की वजह पूछने यूं ही उसके पास चला गया था।

मेरे पूछने पर उसने अपना नाम झलक बताया और वो मुझसे लिपट कर रोने लगी।

मैंने उसे तब तो दूर हटा दिया लेकिन फ़िर उसे बाहर बुलाकर अपनी गाड़ी में बिठाकर उसके रोने की वजह पूछी तो उसने बताया कि किसी जॉनी नाम के लड़के ने उसका दिल दुखाया था जिससे वो कभी बहुत प्यार करती थी।
जबकि वो लड़का अब दूसरी लड़की के साथ घूम रहा है, जो उससे बर्दास्त नहीं हुआ और वो उस दिन से उदास रहने लगी थी।

मुझसे उसका रोना नहीं देखा गया तो मैंने ऐसे ही उसे कह दिया कि वो दुखी न हो और जो हुआ उसे भूल जाए क्योंकि आगे भी बहुत लम्बी जिंदगी पड़ी है, उसकी किस्मत में कोई और अच्छा लड़का लिखा होगा।

मैंने गाड़ी में ही उसका बदन सहलाया और उसे सांत्वना देने लगा।

अनजाने में ही मेरा हाथ उसकी पीठ पर चला गया जहां पर उसके ब्रा की पट्टी मेरे हाथों को छू रही थी।

वो मुझे कहने लगी- आप बहुत अच्छे हैं ! मुझे आपकी कंपनी बहुत अच्छी लगती है।

तो मैंने उसे कहा- जब भी मायूसी महसूस हो तो मुझसे फ़ोन पर कर लिया करना।

और हम दोनों ने अपने फ़ोन नंबर का आदान प्रदान किया।

अब वो मुझे अक्सर फ़ोन करने लगी और मैं भी उसे बच्ची समझ कर उसे खुश रखने के चक्कर में उससे बातें करने लगा।

एक दिन मैं उसे फ़िल्म दिखने ले गया जिसका नाम था किलर।

इमरान हाशमी के चुम्बन दृश्य देखकर मैं पलभर के लिए भूल गया कि वो मेरे सामने एक छोटी बच्ची है और मुझे उस नजर से नहीं देखती।

पर मुझसे नहीं रहा गया और मैंने उसे बाहों में लेकर उसके होठों का गहरा सा चुम्बन ले डाला।

तो वो मुझसे नाराज हो गई और कहने लगी- आप मुझसे उम्र में बहुत बड़े है और मैं आपकी बहुत इज्जत करती हूँ, ऐसी गिरी हुई हरकत की मैंने आपसे उम्मीद नहीं की थी।

तो मैं सकते में आ गया और पूरी मूवी उससे एक निश्चित अन्तर बनाकर बैठा रहा और उससे कोई बात नहीं की।

फ़िल्म ख़त्म होते ही मैंने उसे गाड़ी में बिठाया और एक बार सॉरी बोलकर फ़िर उसके साथ कोई बातचीत नहीं की।
पूरे रास्ते हम चुप ही रहे।

मैंने उसे उसके घर उतरने के समय पर फ़िर एक बार सॉरी कहा और सोचने लगा कि मुझसे ऐसी छोटी हरकत कैसे हो गई।
मुझे उसका चुम्बन याद आने लगा।

दो दिन तक उसका फ़ोन नहीं आया तो मैं समझा कि झलक मुझसे उस दिन की बात को लेकर नाराज़ हो गई है और मुझसे रिश्ता तोड़ दिया है, लेकिन फ़िर एक दिन वो मेरे रेस्तराँ पर आई और मेरे पास बैठ गई।

मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ लेकिन बहुत ही सावधानी बरतने लगा कि कहीं फ़िर से कोई गलती ना हो जाए ताकि वो मुझसे फ़िर से नाराज ना हो जाए।

अचानक वो बोली- क्या मुझे अपनी कार में लॉन्ग ड्राइव पर नहीं ले जाओगे?

मैंने हाल ही में एक नई इम्पोर्टेड कार ली थी सो उसे ले गया।

बारिश का मौसम था और वो मेरी ड्राइविंग सीट के बाजू में बैठी थी, उसने मुझसे कहा- उस दिन की घटना के बारे में मैंने बहुत सोचा और फ़िर मुझे लगा कि तुमने कोई गलती नहीं की थी और काफ़ी सोचने के बाद मुझे सिर्फ़ आपका मेरे लिए प्यार ही दिखाई दिया।

मैं यह भूल गई हूँ कि तुम मुझ से उम्र में इतने बड़े हो, मैं भी अब तुमसे प्यार करने लगी हूँ।

बातों बातों में ही वो आप से तुम पर उतर आई थी, यह मुझे अच्छा लगा और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और जोर से उसे चूमने लगा।

इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया बल्कि मेरा साथ देने लगी।

मैंने बहुत ही लड़कियाँ चोदी थी लेकिन उसके जैसा चुम्बन का मज़ा मुझे कभी भी नहीं आया था सो मैं उसे करीब बीस मिनट तक चूमता रहा।

कार एक साइड पर रुकी हुई थी और बारिश की वजह से हाइवे पर भी कोई नजर नहीं आ रहा था तो मैंने उसे कार की पिछली सीट पर जाने को कहा और मैं भी पीछे चला गया।

इम्पोर्टेड कार की पिछली सीट एक बड़ा सा बेड बन जाती है सो मैंने उसे बड़ा करके उसे अपनी बाँहों में ले लिया और फ़िर उसके होंठ चूसने लगा।

इस बार उसने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे बेसब्री से चूमने लगी।
मेरे हाथ धीरे-धीरे उसके बदन पर रेंगने लगे थे।
मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर उठा दी और उसके स्तन एक हाथ से दबाने लगा तो वो मेरे और भी करीब आ गई, उसके मुँह से अब आहें निकलने लगी थी, उसका मुँह लाल हो गया था, उसकी आंखें बंद हो गई थी और वो मुझसे ऐसे लिपट गई थी जैसे कि कोई बेल पेड़ से लिपटी हो।

आखिर मैंने उसकी टी-शर्ट और ब्रा दोनों निकाल दिए। ओह माय गोड ! उसके स्तन क्या खूबसूरत थे ! छोटे से लेकिन बहुत ही ठोस !

अब उससे भी सब्र नहीं हो रहा था तो वो मुझे कहने लगी कि उसे कुछ हो रहा है।

उसका यह पहली बार था तो उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या हो रहा है।

मेरा भी वैसे तो इतनी कम उम्र की लड़की के साथ यह पहली बार ही तो था।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो फ़ूल कर एक सख्त लोहे की छड़ जैसा हो गया था।

पहले तो उसने उसे पकड़ने से मना किया लेकिन बाद में वो मान गई और उस पर हाथ लगाया।
लेकिन वो अभी भी शरमा रही थी और हाथों को कोई हरकत नहीं दे रही थी।

सो उसकी शर्म दूर करने के लिए मैंने आखिर में अपनी पैंट और अन्डरवीयर खोल कर पूरा लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया जो कि अब तन कर करीब साढ़े सात इंच का हो गया था और फ़ूल कर तीन इंच के लोहे के पाइप जैसे सख्त भी हो गया था।

वो अभी भी हिचकिचा रही थी सो मेरे लंड पर हाथ रखकर बैठी रही।

अब मैंने देर न करते हुए उसकी जींस उतार दी।

उसने थोड़ी सी ना-नुकुर की, बाद में सहमत हो गई तो मैंने उसकी अन्डरवीयर भी निकाल दी।

अब हम दोनों नंगे थे।
मैंने उसके ठोस स्तनों को चूसना शुरू किया।

अचानक मैंने अपने लंड पर उसके हाथ का दबाव महसूस किया तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए।

मैंने उसकी चूत के दर्शन करने के लिए अपना सर नीचे किया- क्या चूत थी उसकी ! हल्के से सुनहरे रोएँ ही आए थे उसके ऊपर ! और इतनी कसी हुई थी की मुश्किल से मेरी एक उंगली भी उसमें न जा सके।

मैंने उसकी चूत को एक हाथ से रगड़ना शुरु किया तो दूसरे हाथ से उसके स्तन दबाने लगा और मेरे होंठ अभी भी उसके होठों को चूस रहे थे।

वो भी मुझे बराबर का साथ दे रही थी।
उसकी आंखें नशे में बंद हो गई थी और वो बेसब्री से मेरे लंड को हाथों मे लिए अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

मैंने लंड को चूत से छूने दिया तो मुझे वहाँ पर गीलापन महसूस हुआ।

मैंने उंगली से देखा तो उसकी चूत पानी छोड़ कर एक दम चिकनी और मस्त हो गई थी।

मैंने अब देर न करते हुए उसे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।

मैंने उसे पूछा- कभी सेक्स किया है?

तो उसने मुझे ना कहा।
मैंने अब हल्के से अपने लंड का सुपारा उसकी चूत में घुसेड़ा तो वो दर्द के मारे तिलमिला उठी और मुझे अपने ऊपर से धकेलने लगी।

लेकिन मैंने उसे ठीक से पकड़ रखा था इसलिए वो हिल नहीं सकी।
अब मैं ज्यादा लंड अन्दर करने की बजाये उतना ही डाले हुए उसके स्तन दबाने लगा, साथ में उसे चूमने लगा।

थोड़ी देर में ही उसकी चूत के पानी की वजह से लंड के सुपारे ने उसकी चूत में जगह बना दी तो वो नीचे से अपने कूल्हे ऊपर नीचे करने लगी। अब मेरे तर्जुबे ने मुझे कहा कि चूत तैयार है, पेल दो।

तो मैंने हल्का सा धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी पनियाई चूत में घुस गया और वो जोर से चिल्लाई।

मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत की ज़िल्ली फट गई थी और उसमें से खून की दो बूंदे छलक आई थी।

पर मैंने उसका मुँह अपने होठों से फ़िर एक बार बंद किया और आधा ही लंड उसकी चूत में डाले फ़िर से अपने मोटे लंड के लिए जगह बनाने लगा।

उफ़ क्या कसाव था उसकी चूत में ! ऐसा लगता था कि मेरा लंड छिल जाएगा। एकदम कस के उसकी चूत की दोनों फ़ांकों ने उसे जकड़ रखा था।

उसकी चूत बुरी तरह से चौड़ी होकर फ़ैल गई थी और वो मेरे बाहों में से निकलने के लिए छटपटा रही थी लेकिन मैं कहाँ उसे छोड़ने वाला था अब।

आहिस्ता से उसके प्यारे और मासूम से चेहरे पर से दर्द की लकीरें कम होने लगी और वो अपनी गांड उछाल बैठी तो मैंने कस के जो एक धक्का मारा कि मेरा पूरा लंड उसकी चिकनी चूत में समां गया और उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।

उसने फ़िर एक बार चिल्लाने की कोशिश की लेकिन मेरे होठों ने उसे रोक दिया।

अब मैं उसके ऊपर बिना कोई हरकत किए पड़ा रहा।

थोड़ी देर के बाद जब वो सामान्य हुई तो मैंने धक्के मारने चालू किए।

वो भी अब अपने दांतों को अपने होठों से भींच कर होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने लगी।

फ़िर उसे दर्द का एहसास कम हुआ तो उसने अपना मुँह खोल दिया और अपनी आंखें बंद कर ली और प्यार से अपनी गांड उचकने लगी।

अब मैंने भी धक्के थोड़े से तेज कर दिए थे।

थोड़ी देर में ही उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और गहरी सांसें लेने लगी तो मुझे पता चला कि उसका पानी निकल गया है।

उसे उसकी चूत मे बुरी तरह से फंसे मेरे मोटे लंड का एहसास फ़िर एक बार होने लगा और वो मुझसे अपना लंड निकालने को कहने लगी।

मैंने उसे ढांढस बंधाया कि थोड़ा सा दर्द होगा, पहली बार है इसलिए, लेकिन फ़िर मज़ा आएगा।वो बहुत छटपटा रही थी लेकिन मैंने उसे कस के रखा हुआ था जिससे वो निकल नहीं सकती थी।

मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में बहुत कस के आ-जा रहा था।

इतनी टाइट चूत मुझे बहुत अरसे के बाद मिली थी और इधर मेरा लंड था कि पानी छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

इधर झलक की हालत बहुत ही ख़राब हो रही थी। मैंने अब जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए।

मेरे धक्कों से वो और मेरी कार दोनों बुरी तरह से हिल रहे थे।

60 से 70 धक्कों के बाद आखिर में मेरे लंड ने पानी उगलना शुरू किया तो जैसे कि उसकी चूत में सैलाब ही आ गया।

मेरे लंड ने इतना सारा पानी छोड़ा कि उसकी टाइट चूत से भी रिस कर बाहर आकर उसकी गांड के ऊपर से बहने लगा।
मेरा लंड अभी भी टाइट था और सिकुड़ने का नाम नहीं ले रहा था…

आगे की कहानी दूसरे भाग में,

आपको मेरी और झलक की कहानी कैसी लगी, जरुर बताइयेगा। Antarvasna

दोस्तो, Antarvasna

मैंने आपको बताया था कि Antarvasna मेरी शादी के बाद अपनी पत्नी के अलावा मेरा सबसे पहला सैक्स अनुभव मेरी साली रजनी “बेबो” के साथ हुआ, जिसके बारे में मैं अपनी पिछली कहानी
मैं नहाने जा रही हूँ
में बता ही चुका हूँ। आपने मेरी कहानी पढ़ी और उसे पसंद किया उसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ।

खैर अब आगे…

उस सैक्स अनुभव के बाद मैं और बेबो बहुत खुल गये थे। अब दिन में या रात को जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद कर देता ताकि मेरी पत्नी और बच्चे को नींद में बाधा ना हो। ऐसा मैं अकसर ही करता था क्योंकि दिन में जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो लूडो या कैरम खेलते और रात को फिर जब मेरी पत्नी छोटे बच्चे को दूध पिलाते-पिलाते सो जाती तो मैं और बेबो देर रात तक बाते करते।
यह बात मेरी पत्नी जानती थी। चूंकि वो ये बात जानती और समझती थी इसलिये हम पर बिल्कुल शक नहीं करती थी और वो आराम से सोती थी। लेकिन उस सैक्स अनुभव के बाद लूडो या कैरम खेलना छोड़ कर हम दूसरा खेल खेलने लगे थे।

हम कमरे का दरवाजा सावधानी से बंद करके दोनो एक दूसरे से लिपट जाते और लिपट-चिपट कर किस करते। फिर एक दूसरे को बाँहों में भर कर किस करने से बात आगे बढ़ कर एक दूसरे के अंगों को छूना शुरु हो जाता। बेबो ज़्यादातर सलवार सूट पहनती थी। इसलिये मैं बेबो के कुरते के ऊपर से उसके स्तन दबाने और फिर उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत को दबाने और फिर सलवार के अन्दर हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फिराने तक पहुँच जाता।

मैं ज़्यादातर टी-शर्ट और लोअर पहनता था। मैं अपने लोअर की जिप खोलकर उसे जरा सा नीचे सरका कर अपना लण्ड निकाल कर बेबो के हाथ में थमा देता। बेबो भी मेरे लण्ड को बिना झिझक के अपने हाथ में थाम लेती और हल्के-हल्के दबाती या मुठ्ठी में भर कर आगे-पीछे करती और जोर-जोर से हिलाती।
एक-दो दिन बाद तो वो खुद ही मेरे लोअर की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड निकालने और दबाने तक पहुँच गई। यह सारा कार्यक्रम लगभग 10 से 15 मिनट तक चलता। हम दोनों बेहद गर्म हो जाते और मेरे लण्ड से और बेबो की चूत से कुछ चिकना सा द्रव्य निकलने लगता।
उसके बाद हमारा चुदाई कार्यक्रम शुरु हो जाता।

मैं और बेबो सोफे पर बैठ जाते। फिर मैं बेबो की सलवार और उसकी पैंटी को उतार कर नीचे उसके पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। फिर कुछ देर मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता। फिर बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में बैठ जाता और बेबो की चूत के बाल अपने मुँह में भर लेता। फिर अपनी जीभ से बेबो की चूत के जी-पॉइंट को रगड़ने और ऊपर-नीचे फिराने लगता।

बेबो गर्म होकर पागल हो जाती और मेरे बाल पकड़ लेती। हाँ, कहीं उसकी दीदी को ना सुन जाये इसलिये वो कोई आवाज़ तो नहीं करती, मगर फिर भी उसके मुँह से बहुत हल्की सी सिसकियाँ जरूर निकलने लगती। फिर वो मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत में घुसाने की नाकाम कोशिश करने लगती। मैं अपनी जीभ तेज-तेज उसकी चूत के जी-पॉइंट पर फिराने लगाता। जब उसकी चूत से कुछ चिकना-चिकना सा नमकीन पानी निकलने लगता तो मैं थोड़ा सा उसे टेस्ट करके बेबो से अलग हो जाता।

फिर मैं बेबो के सामने खड़ा होकर अपना लोअर और जॉकी को उतार कर नीचे अपने पैरों में गिरा देता, मगर पैरों से अलग नहीं करता। बेबो सोफे पर ही बैठी होती। फिर मैं खड़े-खड़े अपना लण्ड बेबो के मुँह की तरफ करता। बेबो समझ जाती और मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में भर लेती। फिर मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगती। बेबो के ऐसा करने से ना चाहते हुऐ भी मेरे मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगती। मेरी सिसकियाँ सुनकर बेबो जोर-जोर से और तेज-तेज मेरे लण्ड को चूसने लगती। बेबो लगभग 5 मिनट तक मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसती रहती।

मेरे मुंह धीमे-धीमे से ‘ओह बेबो! आह्…ओह! अह! सीईईईईइ, सीस्सईईइ!’ की आवाजें निकलने लगती। थोड़ी देर बाद जब मुझे ऐसा लगता कि अगर बेबो इसी तरह से मेरे लण्ड को चूसती रही तो मैं इसके मुँह में ही डिस्चार्ज हो जाऊँगा, तब मैं अपना लण्ड बेबो के मुँह से बाहर खींच लेता। फिर मैं लोअर और जौकी को ऊपर उठा कर, हाथ से पकड़ कर, धीरे-धीरे अपनी पत्नी के कमरे के दरवाजे के पास जाता और दरवाज़े पे कान लगा कर अपनी पत्नी के हल्के खर्राटों को सुनने की कोशिश करता और जब ये इतमिनान हो जाता कि वो सो रही है, तब मैं वापस बेबो के पास आ जाता।

बेबो धीरे से पूछती “दीदी सो रही है क्या?”
मैं हाँ में सर हिला देता।

फिर मैं बेबो के पैर ऊपर करके उसे सोफा पर लिटा देता। मैं अपनी टी-शर्ट और बेबो अपना कुर्ता कभी नहीं उतारते थे। सेंटर टेबल पर लूडो बिछा होता था। फिर मैं उसकी सलवार और उसकी पैंटी को उसके एक पैर मे से उतार कर उसके दूसरे पैर में कर देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता। फिर मैं भी अपना लोअर और जौकी अपने एक पैर से निकाल कर दूसरे पैर में फंसा देता, मगर दूसरे पैर से अलग नहीं करता, ताकि अगर मेरी पत्नी अचानक उठ भी जाये और दरवाजा खोलने के लिये कहे तो मैं और बेबो जल्दी से अलग होकर अपने-अपने लोअर और अन्डरवियर पहन सके और सेंटर टेबल पर लूडो बिछा देखकर उसे कोई शक ना हो।

फिर मैं बेबो की बगल में लेट कर उसे अपने साथ सटा कर लिटा लेता। हम दोनो सोफ़े पर चिपक कर लेट जाते। फिर कुछ देर तक मैं उसकी चूत के घने बालों पर हाथ फिराता। फिर मैं उसके नर्म-नर्म स्तनों को कुरते के ऊपर से दबाने लगता। फिर कुछ देर बाद मैं उसके कुरते के गले में हाथ डाल कर उसके सख़्त हो चुके दोनों बूब्स को एक-एक करके दबाने लगता। मेरा लण्ड तन कर बेबो की चिकनी टांगों से टकरा रहा होता था।

फिर मैं बेबो की चिकनी टांगों पर हाथ फिराने लगता। फिर उसकी पाव रोटी की तरह उभरी हुई उसकी चूत पर हाथ फेरने लगता। फिर मैं मौके की नज़ाकत को समझते हुए अपनी उँगलियॉ बेबो की चूत के अन्दर डाल देता। फिर अपनी उंगलियों से बेबो की चूत के फाँको को खोलने और बन्द करने लगता। फिर मैं बेबो की चूत के दाने को रगड़ने लगता।

बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती; बेबो मस्त हो जाती। वो बहुत गरम हो जाती और जोर-जोर से, आवाज़ रोक कर सिसकारियाँ लेने लगती और अपने होंठ चूसने लगती। फिर वो मेरे बालों पर हाथ फेरने लगती। यह सिगनल होता कि वो चुदवाने के लिये तैयार है। फिर मैं उसे धीरे से सौफे पर सीधा लिटा देता और मैं बेबो के ऊपर आकर लेट जाता। बेबो का जिस्म मेरे जिस्म के नीचे दब जाता। मेरा लण्ड बेबो की जांघों के बीच में रगड़ खा रहा होता। बेबो बिना झिझके मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लेती। फिर वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाने लगती। मेरा लण्ड तन कर और भी सख्त हो जाता।

बेबो मेरे लण्ड को मुट्ठी में भर कर आगे-पीछे करने लगती। फिर वो मेरा तन कर लम्बे हो चुके लण्ड को पकड़ कर जोर-जोर से हिलाने लगती। तब तक मैं बेबो की चूत मारने को बेताब हो चुका होता। फिर मैं साली बेबो की टांगें खोल कर उसकी टांगों के बीच में अधलेटा होकर मैं अपने लण्ड को मुठ्ठी में भर कर बेबो की चूत के दाने के उपर-नीचे करके रगड़ने लगता। बेबो के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगती। कुछ देर बाद बेबो की चूत से फिर से कुछ चिकना-चिकना सा निकलने लगता था।

अब वो मदहोश होने लगती और उसकी आंखें बंद होने लगती। फिर साली मेरे कान के पास फुसफसा कर बोलती “ओह जीजू, प्लीज डालो ना। मेरे तो तन-बदन में आग सी लग रही हैं।”

यह सुन कर मैं अपने लण्ड का सुपाड़ा उसके चूत के गुलाबी छेद पर टिका कर एक जोरदार धक्का मारता जिससे मेरा पूरा का पूरा लण्ड एक ही झटके में बेबो की कुंवारी और चिकनी चूत में पूरा अन्दर चला जाता। मेरे लण्ड के अन्दर जाते ही बेबो के मुँह से हल्की सी सिसकी निकलती और वो मुझे अपनी बाँहों में कस लेती। मैं भी उसे कस कर पकड़ लेता और हम एक दूसरे में पूरे तरीके से समा जाते। फिर मैं अपने लण्ड को बेबो की चिकनी चूत के अन्दर पूरा डाले हुऐ रुक जाता और बेबो के होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगता।

कुछ देर तक हम दोनो ऐसे ही एक-दूसरे से चिपके रहते और एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहते। मेरा पूरा लण्ड बेबो की चूत के अन्दर तक समाया होता। फिर कुछ देर बाद उसके होंठों को चूसते हुए मैं उसे चोदना शुरु कर देता। पहले मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगता।
कुछ देर बाद बेबो भी जोश में आ जाती और अपनी कमर को धीरे-धीरे हिलाने लगती। मैं बेबो को अपनी बाँहों में भर लेता। बेबो भी मुझे अपनी बाँहों मे पूरी ताकत से कस लेती। शुरु-शुरु में कुछ देर तक मैं अपने लण्ड को धीरे-धीरे से ही बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता रहता। फिर कुछ देर बाद जब बेबो अपनी टांगें ऊपर की तरफ मोड़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट लेती तो मेरी रफ़्तार बढ़ने लगती। फिर मैं अपने लण्ड को तेज-तेज बेबो की चूत के अन्दर-बाहर करता।

धीरे-धीरे मेरी रफ़्तार और भी बढ़ने लगती। अब मेरा लण्ड बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता और मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारने लगता। जब मैं फुल स्पीड में बेबो को चोदता तो सोफे की वजह से चुदाई का मजा दुगना हो जाता। सोफे की फोम और फोम के नीचे स्प्रिन्गों की वजह से जब मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड का धक्का लगाता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग दब जाते और जैसे ही मैं अपना लण्ड बेबो की चूत से बाहर खींचता तो सोफे के फोम और स्प्रिन्ग बेबो के हिप्स को ऊपर धकेल देते। सच इस वजह से सोफे पर तो बेबो को चोदने में दुगना मजा आता।

थोड़ी देर बाद बेबो भी नीचे से अपनी कमर को उचका कर मेरे धक्कों का ज़वाब देने लगती और मज़े में धीरे-धीरे बोलने लगती “सी… सी… और जोर.. से जीजूजुजु… …येसस्स्स्स अरररऽऽ बहुत मज़ा आ रहा है और अन्दर डालो और जीजू और अन्दर येस्स्स्स जोर से करो। प्लीज जीजू तेज-तेज करो ना। बहुत अच्छा लग रहा है। बडा मज़ा आ रहा है।”

बेबो को सचमुच में मजा आने लगता था और वो अपने हाथ सोफे पर टिका कर जोर जोर से अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करने लगती थी और मैं तेज़-तेज़ धक्के मारने लगता था। वो मेरे हर धक्के का स्वागत अपने हिप्स को ऊपर-नीचे करके करती। फिर वो मेरे हिप्स को अपने हाथों में थाम लेती। अब वो भी नीचे से मेरे धक्कों के साथ-साथ अपने हिप्स को तेज-तेज ऊपर-नीचे कर रही होती थी। जब मैं लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसाता तो वो अपने हिप्स को पीछे खींच लेती। जब मैं लण्ड उसकी चूत में से बाहर खींचता तो वो अपने हिप्स ऊपर उठा देती। इससे मैं तेज-तेज धक्के मार कर बेबो को चोदने लगता। फिर मैं सोफे पर हाथ रख कर बेबो के ऊपर झुक कर तेजी से उसकी चूत मारने लगता।

अब मेरा लण्ड बेबो की चिकनी चूत में आसानी और तेजी से आ-जा रहा होता था। बेबो भी अब चुदाई का भरपूर मजा ले रही होती थी। वो मदहोश हो रही होती थी। मैं रुक कर धीरे से बेबो के कान में कहता- बेबो अच्छा लग रहा है क्या?

बेबो धीरे से बोलती- हाँ जीजू, बहुत अच्छा लग रहा है। प्लीज जीजू रुकें मत। तेज-तेज करते रहो। ओह आहा… ह… प्लीज तेज-तेज करो। मैं डिस्चार्ज होने वाली हूँ। अब रुको मत। प्लीज तेज-तेज करते रहो।

बेबो के मुँह से ये सुन कर मैं फिर से बेबो को चोदना शुरु कर देता और अपनी रफ्तार को और भी बढ़ा देता। फिर मैं बेबो के पैर अपने कंधे पर रख कर उसके बडे-बडे हिप्स को अपने हाथों से जकड़ लेता और छोटे-छोटे मगर तेज-तेज शॉट मार कर बेबो को चोदने लगता। बेबो के मुँह से मस्ती में बहुत धीरे से “ओह्ह्ह होहहोह सिस्स्स स्सहह्ह हाहा ह्ह्हआ आआआ हा-हा करो-करो ऽअआह हाहअआ प्लीज जीजू तेज-तेज करो। ओह जीजू!” निकलने लगता।

मैं बेबो के होंठों को अपने होंठों से चूसते हुऐ उसे तेजी से चोदने लगता। मेरा लण्ड सटासट बेबो की चूत में तेजी से अन्दर-बाहर होने लगता था। मैं बेबो की चूत में अपने लण्ड के तेज-तेज धक्के मारता। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ने वाले होते तो हम दोनों एक साथ अकड़ से जाते और एक साथ जोर-जोर से धक्के मारने लगते।

फिर अचानक बेबो ने मुझे कस कर अपनी बाँहो में भर लेती और बोलती,”जीजू, मेरा तो काम होने वाला है। प्लीज जीजू! अब खूब जोर-जोर से करो। येस-येस अररर् और जोर से य…य…यस यससस… औह जीजू मैं तो हो गईईईईई! इसके साथ ही बेबो की चूत अपना पानी छोड़ देती। फिर वो एक धीमी सी आह भरती और फिर वो ढीली पड़ जाती।

मैं समझ जाता कि बेबो डिस्चार्ज हो गई है। मैं भी डिस्चार्ज होने वाला होता था, इसलिये मैं तेज-तेज धक्के मारने लगता और जोर-जोर से अपने लण्ड को बेबो की चूत में पेलने लगता। बेबो मुझे जल्दी से होने को और मेरे लण्ड को अपनी चूत में से बाहर निकालने के लिए बोलने लगती। लेकिन मैं उसकी बातों को अनसुना कर तेज-तेज धक्के लगाना जारी रखता। करीब 2-3 मिनट तक बेबो को तेज-तेज चोदने के बाद जब मैं डिस्चार्ज होने लगता तो मैंने अपना लण्ड साली की चूत से बाहर खींच लेता और अपने लण्ड के सुपाड़े को अपनी मुठ्ठी में भर लेता और अपनी मुठ्ठी में ही डिस्चार्ज हो जाता।

फिर मैं तुरन्त उठ कर, अपना लोअर और जौकी एक पैर में फँसाए हुए धीरे-धीरे चलता हुआ वाश-बेसिन के पास जा कर अपना लण्ड और हाथ धोता। फिर अपना लोअर पहन कर सोफे के पास आता और बेबो के ऊपर गिर जाता। बेबो अपनी सलवार पहन चुकी होती थी। फिर मैं कुछ देर उसके ऊपर लेट कर अपनी तेज-तेज चलती हुई सांसों को नार्मल होने का इन्तज़ार करता। फिर मैं बेबो की बगल में लेट जाता। बेबो भी मेरे साथ लेटी हुई अपनी सांसों को काबू में आने का इंतजार करती थी। कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद हम दोनों उठकर अपने कपड़े ठीक करते और फिर सोफे पर बैठकर आराम से नार्मल बातें करनी शुरु कर देते जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

मैं धीरे से बेबो से पूछता कि कैसा लगा तो वो बोलती- जीजू! बहुत अच्छा लगा। बहुत मजा आया। सचमुच मैं तो आपकी दीवानी बन गई हूँ।
मैं उससे कहता कि चलो कल फिर करेंगे।
तो बेबो बोलती-अब आप जब चाहें ये सब कर सकते हैं। मुझे कोई एतराज नहीं होगा।

यह सुन कर मैं खींच कर उसे अपनी गोद में लिटा लेता। मैं सोफे के एक कोने पर बैठा होता और बेबो मेरी गोद में लेटी होती। फिर मैं अपने जलते हुऐ होंठ बेबो के होंठों पर रख देता। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों मे भर कर चूसने लगता। बेबो भी मुझ से लिपट सी जाती। फिर मैं बेबो को किस करते-करते उसके बालों में हाथ फिराने लगता। फिर मैं उसके गालों पर हाथ फिराने लगता। फिर मैं अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसके कुरते के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगता। फिर मैं मजाक में उसके कान में कहता कि बेबो चलो एक बार फिर करते हैं।

यह सुनते ही वो एकदम छटक कर अलग हो जाती और बोलती- क्या जीजू! बड़े गन्दे हो आप। इतना सब कुछ हो गया। फिर भी चैन नहीं पड़ा है। अब सब्र रखो। दीदी उठने वाली होंगी। मैं चाय बना के लाती हूँ। फिर चलो लूडो खेलेंगे।

ये कह कर वो शरारत से अपना हाथ हिला कर बाय किया करती और फिर वो तेजी से किचन की ओर बढ़ जाती।

मैं सोफे पर बैठा-बैठा उसे जाते हुए देखता रहता। फिर मैं अपनी आँखें बंद करके मन ही मन यह सोच कर बहुत खुश होता था कि कैसे मैंने बेबो को अभी-अभी सोफे पर जम कर चोदा है। कुछ देर बाद बेबो चाय लाकर मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ जाती और हम चाय की चुस्की लेते-लेते बातें करना और लूडो खेलना शुरु कर देते।
इस तरह मैंने अलग-अलग दिन कुल 5 बार मैंने बेबो के साथ सोफे पर सैक्सपिरियंस किया। इसके बाद मौका मिलने पर लगभग दो साल में मैंने कुल 9 बार अपने घर में, 3 बार बेबो के घर में और एक ही रात में 3 बार होटल के कमरे में बेबो के साथ खुलकर सैक्स किया।

दो साल बाद बेबो की शादी हो गई और आज वो दो बच्चों की माँ हैं। बेबो और उसके परिवार से हर साल दो या तीन बार मुलाकात जरुर होती है। फोन पर तो अकसर बात होती रहती है। लेकिन हम भूल कर भी अपने पुराने सैक्स के बारे में बात नहीं करते है। बेबो की शादी के बाद हमने मौका मिलने पर भी कभी सैक्स नहीं किया और शायद यही वजह है कि हमारे दिल में एक दूसरे के लिये प्यार आज भी है। सच्चा प्यार मरता नहीं है!

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी साली की चूत चुदाई कहानी! मुझे मेल करना मत भूलना! Antarvasna

हेल्लो दोस्तों, मैं रिचा । मैं एक शादी शुदा औरत हूँ। मैं खाली समय में सेक्स विडियो देखन और नई नई चुदाई कहानियां पढना पसंद करती हूँ। हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी में घटी एक घटना है।

मैं कोटा की रहने वाली हूँ और यहाँ की कोटा यनिवर्सिटी में मैं प्रोफेसर हूँ। मैं मेकैनिकल इंजीनियरिंग पढाती हूँ। मैं बहुत सुंदर और जवान औरत हूँ। सेक्स के मामले में मैं बहुत गर्म औरत हूँ और हमेशा नये नये लंड की तलाश में मैं रहती हूँ। मेरी इसी छिनरपन वाली आदत के कारण मेरे पति ने मुझे तलाक दे दिया और अब अकेले ही रहती हूँ। मैं हर साल अपने क्लास के लड़को को डरा धमका कर उन्हें अपने घर पर बुला लेती हूँ और उसने कसकर चुदवाती हूँ। मैं इसी तरह लंड का इंतजाम करती हूँ। मेरी किस्मत तेज है की हर साल मेरी युनिवर्सिटी में नये नये गबरू जवान लड़के पढने के लिए आते रहते है और मुझे लंड की कोई कमी नही होती है। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही हूँ। सन 2016 के बीटेक बैच में मेरी क्लास में एक बहुत ही हैंडसम लड़का पढ़ने आया। उसका नाम राहुल था।

उसके पापा अमेरिका के रहने वाले थे। उसकी माँ से उसके पापा से लव मैरिज की थी जब वो अमेरिका पढने गयी थी। इसलिए राहुल भी बिलकुल गोरा गोरा लगता था और हिन्दुस्तानी भी लगता था, क्यूंकि उसकी माँ तो एक हिन्दुस्तानी ही थी। राहुल मेरी क्लास में आकर पढने लगा। धीरे धीरे मुझे वो बहुत अच्छा लगने लगा। वो बिलकुल अंग्रेज लगता था और कोई राजकुमार जैसा लगता था। 6 फुट का इकदम गोरा गोरा। धीरे धीरे वो मुझे अच्छा लगने लगा और मैं उससे प्यार करने लगी। एक दिन मैंने उसे अपने चैम्बर में बुलाया। मैं बाकी स्टूडेंट से बहुत सख्ती से पेश आती थी, पर राहुल से मुझे प्यार हो गया था।

“कहे मैडम…..मुझे क्यों बुलाया??” राहुल मेरे चैम्बर में आया और पूछने लगा। मेरे समझ नही आ रहा था की उससे कैसे कहूँ की मैं उससे प्यार करने लगी हूँ और उससे कसकर चुदवाना चाहती हूँ।
“आओ आओ देव…प्लीस सिट!!” मैंने उसे बैठने को कहा

“देखो अगर कोई चैप्टर समझ ना आए तो तुम मेरे घर पर चले आना। मैं चाहती हूँ की तुम्हारे एक्साम में अच्छे मार्क्स आये। ये लो मेरा फोन नॉ..!” मैंने उस हैंडसम लड़के को अपना कार्ड दे दिया। उसमे मेरे घर का पता और फोन नॉ लिखा हुआ था। मैं रात भर सोचती रही की काश वो राहुल मुझसे पट जाए और मैं उससे कस के चुदवाऊ। वो कितना हॉट और हैंडसम लड़का था। बार बार मुझे उसी का ख्याल आ रहा था। रात में मैंने 3 बार अपने स्टूडेंट राहुल को सोच सोचकर अपनी चूत में उंगली डाल कर मुठ मारी। हर बार मुझे खूब मजा आया। मैं अपने स्टूडेंट से प्यार करने लगी थी। पर 1 महिना तो वो मेरे पास नही आया। फिर कुछ दिन बाद वो रविवार को मेरे घर पर आ गया। उसने मेरे दरवाजे की बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोला। सापने राहुल खड़ा हुआ था। बाप रे….वो कितना हैंडसम लग रहा था बिलकुल जॉन अब्राहम लग रहा था। मेरा तो दिल कर रहा था की उसे गले लगा हूँ और ऊसके होठो से अपने होठ जोड़कर किस करने लगूं। मैंने किसी तरह खुद को समहाला।

“गुड मोर्निंग…..रिचा मैम। मुझे मेकैनिकल में कुछ क्वेश्चन पूछने है क्या आप बता देंगी??” राहुल ने पूछा
“हा हा …क्यों नही। मैं तो कबसे तुम्हारा इंतजार कर रहा थी!!” मैंने कहा और उसे मैंने लॉबी में ले गयी। वो मेरा आशिक था, वो मेरे लिए बहुत मायने रखता था, इसलिए उसे देखकर मैं बहुत खुश थी। मैंने उसे 4 घंटे बैठकर अच्छे से सारे सवाल बता दिए। वो बहुत खुश हो गया। धीरे धीरे ये सिलसिला चल निकला और राहुल अक्सर मेरे घर पर आने लगा। एक दिन मैंने उसे एक गुलाब का फूल दे दिया।
“ये फूल किसलिए मैडम??” राहुल बोला
!” मैं कहा
राहुल ब्लश करने लगा। मैंने उससे पूछा की उसकी कोई गर्लफ्रेंड तो नही है। तो उसने कहा की ये प्यार व्यार फ़ालतू की चीज है और वो इन सब चीजो में अभी वक़्त नही खराब करना चाहता। एक दिन जब राहुल मेरे घर में स्टडी टेबल पर पढ़ रहा हा तो मैंने झूठ मूठ फिसल के गिरने का नाटक किया। राहुल मुझे बचाने आ गया और मैं उससे लिपट गयी। मैंने गुलाबी रंग की साडी पहन रखी थी और आगे से डीप नेक और पीछे से बैकलेस ब्लाउस पहन रखा था। जैसे ही राहुल ने मुझे उठाने की कोशिश की मैं उससे लिपट गयी और झूठ मुठ दर्द का बहाना करने लगी।

“राहुल ……प्लीस मुझे गोदी में उठाकर बेडरूम तक ले चलो..मैं चल नही पाउंगी!!” मैंने बहाना बनाया

उसने एक आज्ञाकारी चेले की तरह मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में लेकर जाने लगा। उफफ्फ्फ्फ़ कितना हसीन पल था वो की मेरा आशिक मेरा जानम ही आज मुझे गोद में उठाये हुए था। जब बेडरूम आ गया और वो मुझे बेड पर उतारने लगा तो मैं अचानक उससे चिपक गयी और उसके गाल और होठो पर किस करने लगी। मेरा स्टूडेंट हैरान था।

“मैडम……??? ये सब…??”

“देव…ये सच है की मैं तुमसे प्यार करती हूँ। प्लीस मना मत करना। वरना मेरा दिल टूट जाएगा!!” मैंने कहा। उसके बाद वो भी मान गया और मेरे साथ ही बेड पर लेट गया और हम दोनों किस करने लगे। हर नए लड़के को मैं इसी तरह इमोशनल डाईलोग मारके पटा लेती थी और उनका मोटा और रसीला लंड खाती थी। कुछ देर में राहुल की नजर मेरे डीप नेक वाले ब्लाउस पर पड़ गयी। मेरे हसीन, बड़े बड़े और चिकने चिकने दूध तो पूरे पूरे दिख ही रहे थे और बस नाम मात्र को छिपे हुए थे। मैं गदराई 30 साल की जवान औरत थी और आज मैं अपने चेले का मोटा लंड खाने वाली थी। मैंने राहुल को अपने उपर लिटा लिया और उसके लबो से मैंने अपने लब जोड़ दिए और हम दोनों एक दूसरे के ओंठ पीने लगे। मैं बहुत खुश थी की राहुल ने मेरा ऑफर ले लिया था वरना मुझे बहुत दुःख होता।

हम दोनों होठ से होठ जोडकर किस करने लगे।

दोस्तों, मेरे होठ बहुत सुंदर थे। बिलकुल किसी ताजे गुलाब की पंखुड़ियों की तरह मेरे होठ थे। कुछ देर में राहुल भी मुझसे प्यार करने लगा और उसे भी चुदाई का जूनून चढ़ गया था। उसकी उँगलियाँ मेरे होठ पर थी और उसे छू रही थी। बड़ी देर तक आज वो मेरी जैसी सुंदर चुदासी औरत को पास से देखकर मजा लेता रहा।
“मैडम….कभी आपको चोदने को मिलेगा मैं कभी नही सोचा था!!” राहुल बोला
“जान….अब तुम मेरे स्टूडेंट नही मेरे यार और मेरे जानम हो। मेरे सारी सुन्दरता सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए है। आज तुम मुझे जी भरकर पेल खा लो!!” मैंने अपने स्टूडेंट से कहा। उसके बाद वो और जादा चुदासा हो गया और मेरे रसीले होठो को अपनी उँगलियों से दबाने लगा। फिर वो मेरे लबो पर अपने लब रखकर मेरे होठ मजे से पीने लगा। आज मैं अपने स्टूडेंट से अपने ही घर में कसकर चुदने वाली थी। हम दोनों धीरे धीरे जोश में आ रहे थे। बड़ी देर तक हमारा गरमा गर्म चुम्बन चला। मैंने अपनी जीभ निकालकर राहुल के मुंह में डाल दी। वो मेरी जीभ चूसने लगा। मुझे एक विशेष प्रकार का सुख मिलने लगा, चुदाई का नशा धीरे धीरे चढ़ता जा रहा था। फिर राहुल ने ही अपनी लम्बी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे।
मैं चुदासी और मदमस्त हो गयी। उफ्फ्फफ्फ्फ़….ये मुझे क्या हो रहा है। इससे पहले मैंने कई स्टूडेंट से चुदवाया था और होठो पर किस किया था पर कभी इतना मजा नही आया था। पर आज तो मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। आज मैं अपने आशिक से कसके चुदवाना चाहती थी। आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे के होठ और जीभ चूसते रहे। इसी बीच मैंने अपना ब्लाउस खुद ही खोल दिया और निकाल दिया। फिर गुलाबी ब्रा भी मैंने खोल कर निकाल दी। मेरा स्टूडेंट राहुल मेरे हुस्न को देखकर पागल था। राहुल मेरे दूध पीने लगा।
बिना देर किये राहुल ने मेरे मम्मे को हाथ में ले लिया और उसका साइज पता करने लगा। मेरे दूध बहुत सुंदर थे, छातियाँ भरी हुई, सुडौल और गोल गोल थी, जैसे उपर वाले ने कितनी फुर्सत से बैठकर मेरी जैसी माल और मस्त चोदने लायक औरत बनाई थी। मेरी उजली छातियाँ पुरे गर्म से तनी हुई थी। छातियों के सिखर पर अनार जैसे लाल लाल बड़े बड़े घेरे मेरी निपल्स के चारो ओर बने थे, जिसमे मैं बहुत सेक्सी माल लग रही थी। राहुल की नजर मुझ पर जम गयी। तेजी से उसने मेरी रसीली बलखाती चुचियों को अपने वश में कर लिया और दोनों मम्मो को दोनों हाथ से दबोच लिया और तेज तेज दबाने और मसलने लगा।
““उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….” मैं तेज तेज चिल्लाने लगी। मेरा स्टूडेंट मेरे दूध को किसी हॉर्न की तरह दबाने लगा। मुझे भी काफी मजा आ रहा था। फिर वो लेटकर मेरे दूध मुंह में लेकर पीने लगा। मैं तडप गयी। मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी थी।
‘मैडम!!.. आप इतनी कड़क माल हो की जो मर्द आपको एक बार देख ले उसका लौड़ा तुरंत खड़ा हो जाएगा और वो आपको चोदकर ही मानेगा’ राहुल बोला। मुझे उसकी बात अच्छी लगी। वो फिर से मुझ पर लेट गया और हपर हपर करके लपर लपर करके मेरी नुकीली बेहद कमसिन चूचियों को मुँह में भरके पीने लगा। वो तो बहुत शरारती निकला। वो मेरी नुकीली छातियों को दांत से काट रहा था और पी रहा था। मुझे दर्द भी हो रहा था, उतेज्जना भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था. ‘देव…..प्लीस आराम से मेरे नारियल चूसो!! आराम से चूसो!!’ मैंने कहा। पर उस पर कोई असर नही पड़ा। वो अपनी धुन में था। जोर जोर से मेरी सफ़ेद कदली समान चुचियाँ दांत से जोर जोर से काट कर पी रहे था। वो बहुत जादा चुदासा हो गया था। उसका बस चलता तो मेरी छातियाँ खा ही लेता। मेरी रसीली छातियों को वो जोर जोर से दबा रहा था और निपल्स पर अपनी जीभ फेरते थे और पी रहा था। दोस्तों, बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा।
अब मेरा प्रिय स्टूडेंट मुझसे कसकर चोदने वाला था। उसने मेरी साड़ी निकाल दी, फिर मेरे पेटीकोट के उपर से ही मेरे जिस्म को इधर उधर हाथ लगाने लगा। मेरी चूत मेरे पेटीकोट के पर्दे में और फिर अंदर पेंटी में छुपी हुई थी। मेरा स्टूडेंट राहुल मेरे पेटीकोट के उपर से ही मेरी चूत को छूने लगा और हाथ लगाने लगा। मैं उत्तेजित हो रही थी।
“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” मैं जोर से सिसकी। राहुल पेटीकोट के उपर से मेरी चूत में ऊँगली करने लगा। मैं डरकर अपनी आँखे बंद कर ली। मुझे डर लग रहा था। ना जाने वो मुझे किस तरह से चोदे। काश आज वो मुझ पर इतना सितम ढाये की चोद चोदकर आज वो मेरा बुरा हाल कर दे। मैं यही कामना कर रही थी। ये साफ़ था की आज मैं उस हैंडसम जॉन अब्राहम जैसे दिखने वाले लड़के का रसीला लंड खाना चाहती थी। आज मैं दिल खोलकर चुदवाना चाहती थी। राहुल के हाथ बराबर और बिना रुके पेटीकोट के उपर से ही मेरी चूत में बड़ी देर तक मेरी चूत में ऊँगली करता रहा। मुझे ये बड़ा अच्छा लग रहा था।
राहुल ने मेरे गुलाबी पेटीकोट का किनारा पकड़ लिया और उपर जांघो तक उठा दिया। मेरी नंगे टाँगे अब उसे दिखने लगी। मेरी नंगी टाँगे बहुत ही खूबसूरत थी, चिकनी और दूधिया। मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी। राहुल की आँखों में सिर्फ और सिर्फ वासना थी। मुझे रगड़कर चोदने की अपार इक्षा उनके मन में किसी जहरीले सांप की तरह कुंडली मारकर बैठी थी। इसी बीच उसके हाथ मेरी नंगी चिकनी टांगो पर यहाँ वहां दौड़ते रहे और सहलाते रहे। गजब तो तब हो गया जब मेरे स्टूडेंट ने मेरा पेटीकोट घुटनों के उपर तक उठा दिया। मेरी सुंदर बर्फी जैसे नायाब जांघो के उसे दर्शन हो गये। मेरे घुटनों बहुत सुंदर थे। राहुल ने हाथ मेरी टांगो और घुटनों से होता हुआ उपर बढ़ गया और मेरी नंगी जांघो पर पहुच गया। मैं सिसक गयी और कसमसाने लगी।“……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बस इतना ही मेरे मुंह से निकला। उसके हाथ मेरी चिकनी उजली जांघो को सहला रहे थे। मैं काम और वासना की अग्नि में जल रही थी।
राहुल ने मेरे पेटीकोट का सिरा उठाकर इकदम उपर कर दिया और अपने होठ से मेरी चिकनी जांघे चूमने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरी सफ़ेद जांघो को वो इधर उधर सब जगह चूमने लगा और हजारो चुम्बन उसने मेरी दोनों जांघो पर जड़ दिए। मैं सिहर गयी। ये लौंडा तो आज मेरी जान ही ले लेगा, मैंने सोचा। बड़ी देर तक मेरा स्टूडेंट राहुल मेरी दोनों खूबसूरत जांघो को चूमता, चूसता और पीता रहा। मैं उससे चुदने को बेताब थी। मैं उसके मोटा रसीला लंड खाने को पागल थी। आज मैं कसकर चुदने वाली थी। राहुल ने नारा खोल दिया और पेटीकोट भी निकाल दिया। मैंने गुलाबी रंग की पेंटी पहन रखी थी। मेरी बड़ी सी चूत किसी बड़ी मोहर की तरह मेरी पेंटी के उपर से ही साफ़ साफ़ दिख रही थी। पेंटी का सूती कपड़ा मेरी चूत की बीच वाली दरार (घाटी) में दबा हुआ था जिससे मेरी रसीली चूत का आकार किसी ट्रेस पेपर की तरह उपर से ही साफ़ साफ़ झलक गया था। राहुल ने एक बार मेरी चूत को पेंटी के उपर से ही चाटा, फिर वो भी निकाल दी। हाय, अब मैं अपने स्टूडेंट के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। शर्म से मैं अपनी चूत छुपाने लगी, पर राहुल ने मेरे हाथ पकड़ लिए और चूत से हटा दिए।
आखिर राहुल ने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसके जल्दी जल्दी चोदने से मेरी बुर के दोनों होठ बार बार खुलते थे और बार बार बंद हो जाते थे। वो मुझे जोर जोर से पेल रहा था। सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत मजा मिल रहा था। बड़ी नशीली रगड़ थी मेरे स्टूडेंट के लौड़े की। बहुत सुख मुझे मिल रहा था दोस्तों। 24 साल का राहुल हचर हचर करके मेरे जैसी 30 साल की औरत को चोद रहा था। उसके मोटे से लम्बे लौड़े पर मेरा पूरा शरीर थिरक रहा था और डांस कर रहा था। जैसे लग रहा था वो कोई इंजन मेरी चूत में डाल के चला रहा हो। वो मेरी बुर पर बड़ी मेहनत कर रहा था। वो हच हच करके मुझे चोद रहा था। जैसे वो अपना लौड़ा मेरी बुर में डालता था, लौड़ा हच्च से देता था मैं 2-4 इंच आगे सरक जाती थी। फिर जैसे वो लौड़ा निकलता था मैं 2-4 इंच वापिस पीछे आ जाती थी। वो जोर जोर से हच हच करके मेरी बुर में लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था। घंटों यही सिलसिला चला। उसने मुझे 3 घंटे चोदा और माल मेरी चूत में ही गिरा दिया। उसके बाद हम लेटकर प्यार करने लगे।

हेलो दोस्तों ! Indian Sex Stories

सेक्स की दुनिया में आपका Indian Sex Stories स्वागत है। मैं आज आपको अपनी सेक्सी और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

तो मेरी ये कहानी पढ़ने वाले और वाली सभी लौड़ों और चूतों को मेरा बार बार सलाम !

मैं अलवर में रहता हूँ। जब मैं १८ साल का लड़का था तब मेरे घर पे टीवी नही था तो मैं शुक्र और शनिवार को मेरी पड़ोसन के घर पे टीवी देखने जाता था। मेरी पड़ोसन एक २३ साल की कुंवारी लड़की थी।

एक दिन की बात है जब मैं उसके घर सोफ़े पे बैठ के टीवी देख रहा था तब वो मेरी पड़ोसन आ कर मेरे पास में सोफे पे लेट गई।

हमने साथ बैठ के काफी सारी पिक्चर देखी होंगी, पर उस दिन वो नाइटगाऊन में काफी खूबसूरत लग रही थी. मैंने उसकी ओर देखा तो उसने मेरी ओर ताका। फिर उसके हाथ से अपने कपड़े को सही करके बैठ गई। मैं उसकी और ताकता ही रहा गया क्योंकि उसके कपड़े में से उसका आधा शरीर दिख रहा था और उसकी चूची काफी सुंदर से लग रही थी।

तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया- काश ! इसकी चूची मुझे दबाने मिल जाए !

तभी मैंने देखा कि उसने मेरी ओर देख के मुझे एक सेक्सी स्माइल दी। तो मैं उसकी और देखता ही रह गया क्योकि उसने अपने हाथ से अपना कपड़ा थोड़ा हटाया ताकि मैं उसकी चूची देख सकूँ।फिर वापिस हम दोनों पिक्चर देखने लगे तभी पिक्चर में एक ऐसा सीन आया कि उसमें हिरोइन अपनी जांघ हीरो को दिखाती है।

बस उसी तरह वो मुझे अपनी जांघ दिखाने लगी. मैं भी उसकी जांघ को देखता रहा।

फिर पिक्चर में एक किस का सीन आया तो उसने मेरे सामने देख के वापिस सेक्सी स्माइल दी। फिर मैं अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पा रहा था क्योकि उसका मुंह मेरे लंड के काफी करीब था और वो बार बार मेरे लंड के साथ अपना सर टकरा रही थी. इतने में ही टीवी में फ़िर किस का सीन आया तो उसने मुझे देख के मुझे बोला- पिक्चर काफी अच्छी है।

तो मैंने बोला- क्यों ऐसे सीन बहुत अच्छे लगते हैं?

तो वो बोली- तुम तो कैसी गन्दी बाते कर रहे हो !

मैंने बोला- सॉरी ! बस अब ऐसी बात नही करूँगा।

फिर वो पिक्चर देख रही थी। अब उसकी चूची मुझे काफी साफ दिख रई थी और अब मैं उसको दबाने का ही सोच रहा था कि उसको ऐसा लगा कि उसकी ब्रा में कुछ घुस गया है।

उसने मुझे कहा- देखो तो ! तुम्हें कुछ दिख रहा है?

मैंने देखा कि उसके एकदम सफ़ेद से बुबले मुझे दिख रहे थे और उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी।

वो मैंने देखी और मैं बोला- हाँ दिख तो रहा है पर ख्याल नहीँ आता कि क्या है !

वो बोली- तो क्या करूँ?

फिर मैं बोला- तुम अपनी ड्रेस निकाल दो तो मैं देख पाऊँ !

वो बोली- कोई देख लेगा !

तो मैं बोला- कोई नहीं देख पायेगा क्योंकि हम लाइट बंद कर देंगे।

फिर वो बोली- तो दिखाई कैसे देगा?

मैं बोला- मेरे को देखना है कि तेरे को?

तो वो मुझे बोली- तेरे को !

तो मैंने कहा- वैसे करो ! मज़ा आयेगा !

फिर उसने पहले लाइट बंद कर दी और बाद में अपना ड्रेस निकाल कर बोली- कहाँ है? ज़रा ज़ल्दी देख लो !

मैं अपने दोनों हाथ उसकी ब्रा में डाल के उसके चुचे दबा रहा था। तो वो बोली- ज़ल्दी करो वरना कोई आ जायेगा !

मैं बोला- मिलने तो दो !

फिर हम दोनों एक सोफे पे लेट गए। वो बोली मुझे एक मर्द जैसे भी लड़की को खुश कर सकता हो, वैसा करो ! मैं तुम्हारे लिए तुम जो कहोंगे वो करुँगी पर एक शर्त पर कि तुम हर शुक्र और शनि को हमारे घर पे टीवी देखने ज़रूर आओगे।

मैंने बोला- अच्छा! फ़िर मैंने उसको किस किया, वो भी उसके लिप्स पे ! तो उसको थोड़ा सा मज़ा आया और मुझे भी अच्छा महसूस हो रहा था तभी मैंने उसको उसके मुँह पे और उसके पूरे बदन को मेरी किसो से नहला दिया। उससे उसको काफी मज़ा आया और वो बोली- तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने बोला- तुम सोच नही सकोगी कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ !

और मैं उसको काफी सारी किस करने के बाद में उसके पायजामा का नाड़ा खोलने लगा तो वो शरमा कर मेरे सामने देखने की बजाए अपनी चूची पे देखने लगी क्योंकि उसकी चूची को मैं काफी देर से दबा रहा था और उसकी चुचियाँ काफी कड़क हो गई थी।

मैंने उसका पायजामा निकाल दिया था तब मैंने देखा तो उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी थी। फ़िर मैंने काफी देर तक उसकी चुचियाँ दबाई। फ़िर मैंने देखा तो उसकी पैन्टी थोड़ी सी भीगी लग रही थी तब मुझे पता चला कि वो झड़ गई थी।

फिर मैं उसको उठा के उसके बेडरूम में ले गया और वहाँ पे जा के उसको उसके बेड पे लेटा दिया और उसकी पैन्टी निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा।

तब वो भी थोड़ी सी गरम हो रही थी और वो मेरा लण्ड मेरे पैंट के बाहर से ही पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी तब गरम होकर अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और हमने करीब १५ मिनट तक एक दूसरे की चुसाई की। फ़िर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मैं केवल अंडरवियर में आ गया और उसने अपने हाथ से मुझे इशारा किया कि अब और मत तड़पाओ ! ज़ल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड डालो !

मैं समझ गया। तब मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी चूत के ऊपरी हिस्से में रख दी और अहिस्ते से उसे रगड़ने लगा। फिर उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत का रास्ता बताते हुए कहा कि यहाँ डालो !

तब मैंने उसको एक जोरदार झटका दिया, वो चिल्ला उठी और बोली- अहिस्ते से करो !

पर मेरा लण्ड उसकी चुत में समाने के लिए काफी उतावला हो रहा था। मैंने उसके मुँह पे अपना मुँह रख कर उसको किस करता रहा और बढ़िया से झटके देता रहा्। तब मैंने देखा तो उसकी आँखों से आंसू निकाल गए थे।

फिर मैंने मेरी स्पीड थोड़ी सी कम कर दी। पर बाद में मैंने देखा कि वो भी मेरे झटके के साथ में अपने चूतड़ उठा कर साथ दे रही थी। फिर मैं भी उसकी जम कर चुदाई करने लगा। पर तब मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। मैं समझ गया और मैंने उसको बोला कि पहली बार थी तो बोलना चाहिये ना ! मैं थोड़ा आराम से करता !

वो बोली- मुझे अहिस्ते से नहीं चाहिए, इसलिए नहीं बताया।

तो मैंने बोला- फ़िर आंख से आंसू क्यों निकल रहे थे?

वो बोली- तुम्हारा इतना बड़ा लंड लेकर मेरी बुर फट गई थी इस लिए ! और वो बोली- अब थोड़ा और ज़ोर से चोदो ! मैं बस अब झड़ने वाली हूँ !

फ़िर मैंने उसको झटका देना चालू किया उसको काफी सारा मज़ा आया और वो बोली- और ज़ोर से बस ऐसे ही चोदो ! आज मेरी चूत को फाड़ डालो और डाल दो अपना लंड मेरी चूत में !

फ़िर मैंने उसकी जम कर चुदाई की।

वो बोली- मैं झड़ने वाली हूँ !

मैं बोला- रुको !

फिर मैंने उसका पूरा चूत-रस अपने मुँह में भर लिया।

वो बोली- तुम कब झड़ने वाले हो?

मैं बोला- एक बढ़िया सा झटका मार लेने दो !

फ़िर मैंने उसको कुतिया की स्टाइल में दस मिनट तक चोदा, उसे काफी अच्छा महसूस हुआ।

बस अब मैं झड़ने वाला हूँ !

वो बोली- तुम आज तुम्हारे लावा से मेरा मुँह भर दो !

तब मैंने मेरे वीर्य से उसका मुँह भर दिया। उसके बाद हम दोनों करीबन आधा घंटा साथ में नंगे सोते रहे।

फ़िर वो बोली- एक बार और !

मैं बोला- हर शुक्र और शनि तो करेंगे !

तो वो बोली- मज़ा आयेगा !

और तबसे लेके हमने एक भी शुक्र और शनि नही छोड़ा।

आज उसकी शादी हो गई है पर आज भी मैं ज़ब भी सूरत जाता हूँ या वो अलवर आती है, तब हम दोनों मिलते है और मैं उसकी जमकर चुदाई करता हूँ !

तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी ?

आप अपने मेल मुझे इस पर दो

एक बार फ़िर मिलेंगे यहाँ पर ही मेरी नई स्टोरी के साथ !

तब तक सभी लौड़ों और चूतो को मेरा सलाम ! Indian Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆