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Massage Girl in Kozhikode: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kozhikode who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kozhikode that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kozhikode massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kozhikode who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kozhikode massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kozhikode massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kozhikode who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kozhikode employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kozhikode helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kozhikode

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kozhikode at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

मैं मुम्बई में रहता हूँ। मेरा नाम मोहन है, उमर 20 साल। Antarvasna

मेरे पापा आस्ट्रेलिया में कस्टम ओफ़िसर Antarvasna हैं और मम्मी स्कूल में अध्यापिका हैं। हमारे यहाँ एक नौकरानी है सुरुति नाम की, उसकी उमर बीस साल और रंग साँवला नयन नक्श एकदम अमिशा पटेल की तरह हैं। उसके बूब्स बड़े बड़े और उसकी गाण्ड बाहर को उठी है।

मैं उसको चोदने का ख्वाब बहुत पहले से देखता था। मेरा यह सपना तब पूरा हुआ जब मेरी मम्मी आस्ट्रेलिया मेरे पापा के पास गई।

उस दिन मैं घर में था। सुबह सुरुति आई तो मैंने दरवाज़ा खोल दिया। वो अपने काम करने लगी। मैं तभी अपने बेडरूम में जाकर एकदम नंगा हो गया।

उसको चोदने का ख्याल आते ही मेरा लण्ड एकदम खड़ा हो गया। मेरे लण्ड का आकार दस इन्च लम्बा और तीन इन्च मोटा है। मैं रात में ही वियाग्रा की गोली लाया था, मैंने उसको खा लिया।

फ़िर मैंने सुरुति को आवाज़ दी। वो जब मेरे बेडरूम में आई तो हैरान रह गई। वो मुझे नंगा देख कर हँस कर रसोई में भाग गई। मैं उसके पीछे गया। जैसे ही मैं रसोई में गया तो वो मुझसे बोली- तुम्हारा इरादा क्या है?

मैं बोला- सुरुति रानी ! मुझे तेरी चूत को चोदना है !

यह सुनते ही वो मेरी तरफ़ आई और बोली- इतना कहने में इतने दिन लगा दिए।

मैं उसको गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया। वहाँ मैंने उसे नंगा कर दिया। उसके बूब एकदम गुलाबी और रसीले थे।

मैं झट से उसके बूब अपने मुँह में ले कर चूसने लगा और एक को अपने हाथ से मसलने लगा। वो आह आह कर रही थी।

मैंने दस मिनट तक उसके स्तनों को चूस चूस कर और मसल मसल कर लाल कर दिया।

तभी मुझे अपने लण्ड पर कुछ गीला लगा। मैंने देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था। उसकी चूत पर झाँट के बाल थे पर थोड़े ही।

मैं उसकी चूत में मुँह डाल के चाटने लगा। उसकी चूत का दाना (क्लिट) को अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो जोर से चिल्लाने लगी और तड़पने लगी।

मैंने अपनी एक उँगली उसकी चूत में डाल दी। उसकी चूत एकदम कसी थी। जैसे ही मैं उँगली अन्दर बाहर कर रहा था, तभी उसका पानी निकल गया। मैंने सारा पानी चाट लिया और फ़िर उठ गया।

उसकी गाण्ड के नीचे मैंने दो तकिये रख दिए और उसको अपना लण्ड दिखा के कहा- देख ! आज इससे तेरी चूत को चोदूंगा। तूने कभी चुदाई है?

उसने कहा- नहीं !

तो मैंने कहा- तुझे दर्द होगा ! सहन करना, फ़िर बहुत मज़ा आएगा।

यह कह कर मैं अपने लण्ड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा। वो बहुत ही टाईट थी। जैसे ही मैंने एक धक्का लगाया, वो जोर जोर से रोने लगी।

मैंने एक और धक्का लगाया तो वो चिल्लाने लगी और कहने लगी कि छोड़ दो मुझे नहीं चुदवानी !

मैं एक और धक्का लगाने लगा तो मुझे लगा कोई चीज़ मेरे लण्ड को उसकी चूत में रोक रही है, मैं समझ गया कि यह उसकी सील है।

मैंने दोनो हाथों से उसके कंधों को पकड़ा और एक जोरदार धक्का लगाया, मेरा लण्ड उसकी चूत की सील फ़ाड़ते हुए चार इन्च अन्दर चला गया।

उसकी चूत से खून आने लगा और पानी भी। मैं रुक गया। वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी और रो रही थी। मैंने उसके चूचों को मसलना चालू किया। दस मिनट बाद वो शान्त हो गई।

मैं फ़िर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। जब मुझे लगा कि उसको मज़ा आ रहा है तभी मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरी गहराई तक चला गया और वो फ़िर जोर से चिल्लाई और मुझे पकड़ लिया और आहें भरने लगी।

फ़िर मैं उसे रोज़ चोदने लगा। Antarvasna

Antarvasna

मेरा नाम राकेश है, मेरी Antarvasna उम्र 23 साल है. मुझे कंप्यूटर पर अच्छी तरह लिखना नहीं आता फ़िर भी कोशिश कर रहा हूँ. आपको लगे या ना लगे, यह मेरी सच्ची कहानी है.

बंटी हमारे घर के बगल में रहती है. वो दिखने में बहुत सुंदर ओर सेक्सी है. उसका कद करीब 5’5′ है. रंग गोरा है. उसके मम्मे छोटे हैं. मुझे छोटे मम्मे वाली लड़कियाँ ही पसंद हैं. मैं उसके बारे में सोच कर बहुत बार मुठ मार चुका था. मैं उसे चोदने का मौका ढूँढ रह था. जब भी मौका मिलता मैं उसे और वो मुझे देखकर मुस्कुराती थी. मैंने उससे आगे बढ़ने की सोची.

एक दिन जब वो कपड़े सुखाने आई तो मैंने सेक्सी तसवीरों वाली किताब उसके बगल में फेंकी और मैं दीवार के पीछे छिप गया. उसने वो किताब नहीं उठाई. मैं घबरा गया कि अगर उसने घरवालों को बताया तो मैं मर ही गया समझो.

लेकिन कुछ देर बाद वो फ़िर आई और उसने वो किताब उठाई और चली गई. दो दिन बाद जब वो दिखी तो शरमा के किताब मेरी तरफ फेंकी और धीमी आवाज में बोली- और किताबें हैं क्या?
मैं बोला- यह पसंद आई क्या?
उसने शरमा के हाँ में सिर हिलाया तो मैंने उसे हमारे घर के पिछवाड़े बुलाया.
उसने कहा- कल शाम को आऊँगी.

दूसरे दिन शाम को जब वो आई, मैंने किताब देने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया. वो घबराकर छुड़ाने लगी, बोली- कोई आ जायेगा!
मैंने कहा- कोई नहीं आयेगा!
शाम का समय था, इसलिये वहाँ कोई नहीं आता था.
मैंने उसे कहा- सिर्फ किताबों में ही पढ़ेगी या असल में भी कुछ करोगी?
उसने कहा- ना बाबा! बच्चा हो गया तो?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होगा.

ऐसा कहते ही मैंने उसे अपनी बाहों में कस लिया और उसके गालों को चूम लिया. वो मुस्कुराई. फ़िर मैंने उसके होठों को चूसा, मुझे पता चल गया कि यह उसका पहला ही चुम्बन है.

उसके बाद मैं धीरे धीरे उसका स्कर्ट ऊपर उठाने लगा. उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था. मैं धीरे धीरे उसकी जांघ सहलाने लगा. उसे मजा आने लगा था, मेरे हाथ उसकी पेंटी पर लग रहे थे. मैं पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा. उसके बाद मैं उसके टॉप के बटन खोलने लगा. जब मैंने देखा तो मैं दंग रह गया, उसके मम्मे बहुत गोरे और बिल्कुल छोटी नाशपाती की तरह थे. मैं उसकी एक चूची अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. बंटी कसमसाई उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी, मेरा भी ख्वाब पूरा हो रहा था. मैं एक हाथ से उसका एक मम्मा दबा रहा था.

फ़िर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. मेरे हाथ को उसकी चूत के नये छोटे छोटे बाल लगे. फ़िर मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाली तो वो एकदम से चीखी- आऊच और बोली जरा धीरे! मैंने पहले ऐसा कभी किया नहीं!

मैं धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. फ़िर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. इतना बड़ा लंड उसके छोटे हाथों में बैठ भी नहीं रहा था. उसे मेरा लंड गरम लगा तो वो बोली- तुम्हारा लंड गर्म है, तुम्हें बुखार है क्या?

मैं हंसने लगा और बोला- जब आदमी का लंड खड़ा होता है तब वो गर्म भी होता है.

मैंने उसे हाथ से लंड को हिलाने को कहा. उसके कोमल हाथ मेरे लंड को मसलने लगे. मैं मानो जैसे जन्नत में सैर कर रहा था. फ़िर मैंने उसे दीवार से टिकाकर खड़ा कर दिया. उसके बाद मैंने उसकी एक टांग उठाई, अब मुझे उसकी चूत पूरी तरह दिख रही थी. मैं अपना लौड़ा उसकी चूत पर रख कर अंदर डालने की कोशिश करने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत कसी थी, इसलिये अंदर नहीं जा रहा था. मैंने उसे लंड चूसने को कहा पर वो नहीं मानी.

मैंने भी सोचा कि अच्छा खासा मौका हाथ से निकल जायेगा इसलिये उसे सिर्फ सुपारे पर चाटने को कहा. उसने मेरे सुपारे पर अपनी जीभ फ़िराई.

मैं नीचे बैठकर उसकी चूत चाटने लगा. वो आँख बंद करके मजा लेने लगी. जब मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी है तो मैंने फ़िर से अपना सुपारा उसकी चूत पर रख कर अंदर डालने की कोशिश की. इस बार मेरा लंड आधा उसकी चूत में घुस गया, वो दर्द से चिल्लाने लगी. मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया और आधा ही लंड अंदर-बाहर करने लगा. फ़िर धीरे धीरे अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाला, वो दर्द से और भी चिल्लाने लगी. मैं फ़िर कुछ देर वैसे ही रुका. फ़िर अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा. वो सिसकारियाँ भरने लगी.

मैं धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा. मैं उसे खड़े-खड़े ही चोदने लगा. कुछ देर बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है, इसलिये मैंने अपनी गति बढ़ा दी.

उसके मुँह से अअऽऽ आआ शशससउ ऐसी आवाजें निकलने लगी और वो मुझे कसकर पकड़ कर झड़ गई. उसकी चूत में से पानी और कुछ खून निकलने लगा. यह देख कर मुझे भी जोश आने लगा और अब हम दोनों सातवें आसमान पर थे. इस बीच वो दूसरी बार झड़ गई. करीब छः सात मिनट बाद मैं भी झड़ने के करीब पहुँचा, बंटी आय लव यू! कहकर उसे जोर जोर से चोदने लगा. अब मैं झड़ने ही वाला था कि झट से मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और मेरा सारा वीर्य बंटी के पेट और चूत के ऊपर गिर गया और मैं ढीला होकर उसके ऊपर गिर गया. कुछ देर बाद हमने अपने अपने कपड़े पहन लिये, जाते वक्त फ़िर से उसके चूचे दबाये और उसे चूमा.

बंटी से दोबारा मिलने का वादा करके उसे मैंने लाई हुई किताब दी और वो शरमा के बोली- माँ तो नहीं बनूंगी ना?
मैंने कहा- इसी लिये तो मैंने अपना वीर्य तुम्हारी चूत में गिरने नहीं दिया.
उसने कहा- आज बहुत मजा आया.

मेरी भी बरसों की तमन्ना पूरी हो गई थी.

दोस्तो, कहानी अच्छी लगी या बुरी जरूर बताना. Antarvasna

Sex stories

मैं रीना Sex stories, मैं ३९ साल की हूं। शादी शुदा हूं। किस्मत अच्छी है कि मैं आज भी बहुत सुन्दर, सेक्सी हूं, मुझे पता है कि कई लंड वाले मेरी स्टोरी पढ़कर मुझे चोदना चाहेंगे

लेकिन मैं लिस्बो हूं मुझे लड़कियों से सेक्स की बाते करना और फ़ोरप्ले करना अच्छा लगता है इसलिये लड़कों, मेरी कहानी पढ़कर अपना लंड हिलाकर शांत हो जाना लेकिन गर्ल्स मुझे रेप्लय करना। १० साल पुरानी घटना है मैं आपसे अपना एक एक्सपेरिएंस बताती हूँ बात ११ साल पहले की है मेरी ननद का लड़का (विज्जु) जिसकी उमर १७-१८ साल थी एक्साम देने के लिये हमारे घर आया मेरे पति न दिनो टूर पर ज्यादा रहते थे इसलिये मैं सेक्स के लिये परेशान रहती थी। घर में सिर्फ़ दो रूम थे जिस कारण विज्जु से मुझे चिड़ हो रही थी कि इसकी बजह से मेरे जीवन का आनंद जा रहा है, उस दिन पति रात की ट्रेन से ७ दिन के लिये बाहर जाने वाले थे पति ने बोला वह दोपहर को आ जायेंगे जब विज्जु कोलेज में रहेगा और बच्चों को सुला देंगे फिर प्यार से सेक्स करेंगे क्योंकि ७ दिन नहीं मिलेगा।

मैं बहुत खुश थी मैं ने नहाने से पहले शेव की बहुत सुन्दर सेक्सी अंडर गारमेंट्स और साड़ी पहनी लेकिन मेरी किस्मत खराब, पहले तो पति लेट हो गये और जैसे ही वह आये पीछे से विज्जु भी आ गया मेरा दिमाग खराब हो गया मैं फालतू में विज्जु को डाटने लगी, पति भी मुझ पर नाराज़ हो गये कहने लगे जीवन पड़ा है, क्यों परेशान हूं फिर मैं मन मार कर उनके जाने की तैयारी करने लगी बारिश के दिन थे पानी गिरने लगा पति की ट्रेन १० बजे रात की थी मैने जल्दी खाना सब को खिला दिया ९ बजे करीब पति अंदर किचन में आये मुझे पीछे से पकड़कर चूमा-चाटी करने लगे, उनका हथियार अपने नितम्बों पर महसूस करके बहुत उत्तेजित हो गयी मैं ने पति को बताया आज की तैयारी में मैं ने क्या-क्या किया पति ने साड़ी के अंदर मेरी पैंटी में हाथ डालकर मेरी चिकनी चूत सहलायी।

मैं ने उनके हथियार को हाथों से सहलाया मेरी चूत चुदाई के लिये तैयार हो गयी थी गीली होने लगी, इतने में विज्जु ने आवाज़ दी “मामा, ट्रेन का समय हो गया चलो” फिर विज्जु उन्हे स्कूटर से छोड़ने स्टेशन चला गया, मैं हाल में लेटकर टीवी देखने लगी मैं बहुत गरम महसूस कर रही थी और मुझे अपनी किस्मत पर भी रोना आ रहा था मे उत्तेजना से भरकर अपनी साड़ी में हाथ डालकर अपनी बुर को सहलाने लगी, इतने में स्कूटर की आवाज आयी मैं ने अपने कपड़े सही किये दरवाज़ा खोला विज्जु भीग कर आया था मैने उसे गुस्से से “बोला जल्दी पोंछ कर कपड़े बदल ले वरना तबियत खराब हो गयी तो हमारी ही मुसीबत होगी”

वो सहम गया मैं अंदर रूम में चली गयी रूम का दरवाज़ा बंद करने आयी तो देखा विज्जु अपनी गीली बनियान उतार रहा था उसकी नंगी पीठ देखकर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और मैं हाल में आ गयी और कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए तिरछी नज़र से उसे देखने लगी फिर उसने अपनी पैंट उतारी उसकी अंडरवेअर सफेद थी जो गीली होने से विज्जु के शरीर से चिपक गयी थी मैने देखा विज्जु का काला लंड मुड़ा हुआ साफ़ दिख रहा था वह भरपूर मोटा था जबकि खड़ा नहीं था, काले-काले बाल भी नज़र आ रहे थे और उसके लंड का गुलाबी सुपाड़ा तो एकदम चमक रहा था, वह मुझे भरपूर मर्द का जवान लंड दिख रहा था जिसे हर कोई औरत अपनी चूत में डलवाना चाहेगी चाहे वह सती सावित्री क्यो न हो, मेरी हालत जवान लड़के को अपने इतने करीब नंगा देखकर बहुत खराब हो गयी और मैं सपने में भी नहीं सोच सकी कि विज्जु इतना जवान है उसके शरीर को देखकर मैं रिश्ते को भूल गयी मैं ने सोचा रात को इसका मज़ा लेना है जो होगा देखा जायेगा फिर विज्जु ने कपड़े पहन लिये, फिर विज्जु बिस्तर पर लेट गया मैं अपने रूम में आ गयी और मैने अपनी साड़ी, ब्लाउज़ ब्रा और पेटीकोट उतार कर नाइटी पहन ली।

हमारा बाथरूम पीछे आंगन में था रात के करीब ११ बज रहे थे, मैने विज्जु को आवाज़ दी वह बोला जी मामी मैने कहा मुझे पीछे पेशाब जाना है डर लग रहा है, तू साथ चल मैने पीछे की लाइट जलायी और बाथरूम के बाहर नाली के पास जाकर अपनी नाइटी उठाई कमर के ऊपर और धीरे से अपनी पैंटी सरकाई ताकि विज्जु मेरी चिकनी टांग और गांड आराम से देख सके और बैठ गयी, विज्जु मेरे पीछे ही खड़ा था मैने पीछे देखते हुआ बोला जाना मत, वह बोला जी मामी फिर मैं विज्जु की मुंह की तरफ़ होकर खड़ी हुई फिर मैं ने अपनी नाइटी कमर से ऊपर उठा कर पैंटी पहनी ताकि विज्जु को मेरी साफ़ चूत दिख जाये और वह भी बहक जाये विज्जु की आंखों में शरम थी लेकिन वह मेरी चूत और नंगी जांघों को देख रहा था लेकिन वह वापस जाकर सो गया मैं अपने रूम में आयी और सोचा विज्जु को आवाज देकर अपने पास बुलाऊं लेकिन डर लग रहा था कही कुछ गलत तो नहीं हो रहा है लेकिन मेरी सांस तेज़-तेज़ चल रही थी और मेरी चूत चिल्ला कर कह रही थी कि उसे लंड चाहिये मेरी हालत पागलों जैसी हो गयी मैं उठ कर बैठ गयी, विज्जु के कमरे की लाइट जल रही थी मैने धीरे से उठ कर विज्जु के रूम में झांका वह उल्टा होकर सो रहा था फ़िर मेरा हाथ अपने आप अपनी चूत पर जा रहा था, समझ नहीं आ रहा था कि कैसे शुरुआत करूं।

तभी मैने महसूस किया कि विज्जु कुछ हिल रहा है (जैसे आदमी औरत के ऊपर होकर हिलता है वैसे) मुझे समझते देर नहीं लगी कि वह मेरी नंगी जांघों को और चिकनी चूत को देखकर उत्तेजित हो गया है और अपना पनी निकालने की तैयारी में है मैने समय गंवाये बिना विज्जु के रूम में चली गयी मैं ने देखा विज्जु ने धीरे से अपनी आंख खोल कर मुझे देखा और सोने का नाटक करने लगा मैं कुरसी पर बैठ गयी मैने सोचा देखूं अब विज्जु हिलता है या नहीं यदि हिलेगा तो उससे खुल कर चुदवाने का बोल दूंगी लेकिन १०-१२ मिनट में साला बिल्कुल नहीं हिला और मेरी हालत खराब हुये जा रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं रात के करीब १ बज गये थे फ़िर मैं ने टीवी ओन कर दिया और देखने लगी तभी विज्जु आंख घिसते हुए उठ कर बैठ गया कहने लगा, क्या हुआ मामी, सो क्यों नहीं रही हो? मैने बोला नींद नहीं आ रही। दुख रहा है विज्जु ने कहा क्या सर दुख रहा है? मैने कहा नहीं पूरा शरीर दुख रहा है, विज्जु ने कहा तबियत तो ठीक है, मैने कहा हां विज्जु बोला मैं कुछ मदद करूं, मैं ने कहा, प्लीज मेरे पैर दबा दे, विज्जु ने कहा ठीक है, फ़िर विज्जु के बिस्तर पर मैं लेट गयी विज्जु मेरे पैर दबाने लगा मैने कहा प्लीज थोड़ा ऊपर और ऊपर विज्जु बिस्तर पर बैठकर मेरी जांघें दबा रहा था मेरी चूत से रस निकल रहा था मुझे अपनी पैंटी गीली-गीली महसूस हो रही थी।

तभी मुझे महसूस हुआ विज्जु मेरी चूत को नाइटी के ऊपर से विज्जु टच कर रहा था और चूत के ऊपर अपनी उंगलियां चला रहा था मेरी सांस बहुत तेज़-तेज़ चलने लगी। मैने अपना एक हाथ विज्जु के लंड पर रख दिया उसका लंड ८” का पूरी तरह खड़ा था बहुत मोटा महसूस हो रहा था। तभी विज्जु बोला “मेरा लंड कैसा लगा” फ़िर मैं ने कहा मुझे आज यह चाहिये है तभी विज्जु मेरे बाजु में आ गया और मेरे सीने को सहला रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेने अपने एक हाथ से उसका लंड सहलाना चलू रखा और उसकी गांड भी सहला रही थी। उसकी हिम्मत और बढ़हई और वो मेरे ब्रेअस्ट को जोर-जोर से दबाने लगा। मुझे सिंहरन होने लगी और मैं ने करवट बदल कर सीधी सो गई तो उसने हाथ हटा लिया और थोड़ी देर बाद वो फ़िर से मेरा बूब्स सहलाने लगा। फ़िर वो मेरी नाइटी उतारने लगा और वो मेरे नेकेड बूब्स को चूसने लगा। मैं बहुत ही गरम हो रही थी मैं उठ गयी और मैने उसे कपड़े निकालने को कहा, उसने तुरंत अपने सारे कपड़े निकाल दिये और पूरा नंगा हो गया। मैने उसके लंड को देखा वो बहुत ही बड़ा था।

फ़िर उसने मेरी पैंटी को निकाल दी। फ़िर वो मुझे किस करने लगा और मैं भी उसे बहुत किस करने लगी फ़िर उसने मुझे बेली पर किस किया। आआआअह्ह ह्हह्ह ऊओह्हह् मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी। फ़िर वो मेरे चूत को चाटने लगा। और मैं अंगड़ाई लेने लगी ऊफ़्फ़फ़ मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। फ़िर मैने उसे कहा प्लीज और मत तड़पाओ प्लीज मुझे चोदो। फ़िर वो मेरे ऊपर आ गया और उसने उसके लंड को मेरे चूत पे रखा और फ़िर धक्का मरा तो उसका पुरा लंड एक ही झटके में अंदर चला गया। और मैं जोर से चीख उठी आआआअह्ह आआआह फ़िर वो जोर जोर से मुझे चोदते गया और मैं भी अपने हिप्स उठा उठा के उसे साथ देने लगी। और आआआअह आआआह्ह् ह्ह उह्हह्हू ऊऊउह्हह्ह वो जोर जोर से चोदने लगा।

फ़िर थोड़ि देर बाद उसने मेरी चूत में गरमा गरम लावा छोड़ दिया फ़िर सारी रात हम दोनो एक दूसरे साथ नंगे चिपके सो गये

इसके बाद उसका जब भी मन होता तो वो मेरे ब्लाउज़ को हटा के मेरे निप्पल चूसता रहता लेकिन मुझे पूछे बिना मेरी चूत को नहीं छूता था। एक दिन मैं नहा रही थी तो वो भी बाथरूम में आ गया और मुझसे बाथरूम में ही प्यार की भीख मांगने लगा तो मैं उसे मना नहीं कर पायी। फ़िर उसने सारे कपड़े निकाल दिये और हम शोवर साथ लेने लगे। फ़िर मैं दीवर का सहारा लेके खड़ी रही और उसने मुझे बहुत टाइट पकड़ा और मेरे होंठों का जूस पीने लगा और उसने मेरी एक टांग को उठा के फ़िर मुझे चोदने लगा। उसने मुझे एक नये अनुभव का सुख दिया। मे बहुत भी खुश हो गयी, मैं विज्जु को बहुत चाहती हूं। और वो भी मुझे बहुत चाहता है। फ़िर हमने कई बार सेक्स किया। मैं मेरे पति को भी चाहती हू. Sex stories

Sex Stories

हेलो दोस्तो, मैं आपका Sex Stories दोस्त रोहित जयपुर से फिर अपनी कहानी लेकर आ गया। मुझे आप लोगों के बहुत सारे मेल मिले इसके लिए धन्यवाद। कई लड़कियों ने मेरे साथ चुदाई का ऑफर भी दिया, मैंने तीन लड़कियों की मस्त चुदाई भी की पर उन सबने इस पर कहानी लिखने को मना किया है इसलिए मैं उनका विश्वास नहीं तोड़ूंगा।

चलो अब कहानी की शुरुआत करते हैं…

मैं भाभी को हर रोज़ चोदता ! भैया को भी यह बात पता चल गई जब भाभी को गर्भ हुआ। पहले तो बहुत गुस्सा आया पर वो जल्दी समझ गए कि मुस्कान को भी तो लंड की जरुरत है, जो वो नहीं दे सकते थे।

जब भाभी को बच्चा होने वाला था तब मैं उनके साथ सेक्स नहीं कर पाता तो मुझे बहुत बुरा लगता।

कुछ समय के लिए मीनाक्षी (भाभी की बहन) आई, वो तो भाभी से भी मस्त फिगर वाली थी, देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा …

मैंने भाभी से कहा- मैं मीनाक्षी की चोदना चाहता हूँ।

तो गुस्सा होती हुई बोली- कमीने पहले मुझे ! फिर मेरी बहन को ? बहुत मस्ती आ रही है? उसकी तो अभी सील भी नहीं खुली होगी और तू उसे चोदना चाहता है? मैं नहीं चोदने दूँगी ! तुम सिर्फ मुझे ही चोदोगे ! समझ गए…?

मुझे इतना गुस्सा आया कि मैं यह कहता हुआ घर आ गया कि अब मैं तुझे भी नहीं चोदूंगा…. देखता हूँ कि कौन तुझे चोदता है…

फिर मैंने भाभी से बातचीत बंद कर दी और मीनाक्षी से दोस्ती कर ली। अब हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वो जींस-टॉप में क्या माल लगती थी ! हम दोनों खूब मस्ती करते …

एक दिन हम मार्केट गये, वहाँ वो लेडीज कपड़ो की शॉप पर चली गई। मैं भी उसके साथ गया। वहाँ उसे पैंटी और ब्रा पसंद आ गई, वो पहन कर देखना चाहती थी, ट्राई-रूम में चली गई और कुछ देर बाद मुझे अन्दर आने को आवाज लगाने लगी।

मैं अन्दर गया तो देखता ही रह गया। वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में खड़ी थी, पूछने लगी- कैसी लग रही हूँ?

मैंने उसे पीछे से पकड़ते हुए कहा- बहुत मस्त ! इसी में घर चलो न !

वो हँसती हुई बोली- चल बदमाश ! इसमें तो सिर्फ तुम्हारे लिए आऊँगी ! और मुझे किस करते हुए बोली- आई लव यू !

हम दोनों ने दो मिनट तक चूमा, फिर मैंने कहा- यही पैंटी-ब्रा पहन कर चलना !( मतलब नई पैंटी-ब्रा के ऊपर कपड़े पहन कर चलना)

फिर हमने बहुत सारी शोपिंग की और शॉपिंग के बीच-बीच में मैं उसके स्तन दबा देता, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। हमें बड़ा मजा आया।

वहाँ से हम सीधे मेरे घर गए जहाँ ताला लगा था। चाबी भाभी के पास थी, मैं चाबी मांगने गया तो बोली- मीनाक्षी कहाँ है?

तो मैं बोला- पहले चाबी ! फिर बताऊँगा !

चाबी लेने के बाद मैं बोला- आज तो हम लोग चुदाई करेंगे ! रोक सको तो रोक लो !

उन्हें बहुत गुस्सा आया पर वो तो कमरे से बाहर भी नहीं निकल सकती थी।

मैंने ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए। दरवाज़ा बंद करते ही मैं उसे गोदी में उठाकर अपने कमरे में ले गया और बेड पर लिटा कर चूमने लगा। वो भी साथ दे रही थी, हमें बड़ा मजा आ रहा था।

मैंने उसका गुलाबी टॉप उतारा और नई ब्रा में से ही उसके स्तन दबाने लगा, वो आहें भरने लगी- ह्य्य्य्य रोहित ! बड़ा मजा आ रहा है !

मैंने उसकी ब्रा उतारी और एक चुचूक को मुँह में चूसने लगा !

बहुत मजा रहा था दोस्तो !

फिर मैं उसकी ब्लू जींस उतारने लगा। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, मैं पैंटी में से ही उसकी बालों वाली चूत को सहलाने लगा। सहलाते हुए ही मुझे पता चल गया कि उसकी चूत अभी कुंवारी है, तो मेरा लण्ड और फूलने लगा… और सोचने लगा- यार मैं तो बड़ा किस्मत वाला हूँ ! दो चूत मिली वो भी सील पैक !

अब वो बोली- यार तुम भी तो अपना लौड़ा मेरे मुँह में डालो ! मैं कितनी देर से इन्तज़ार कर रही हूँ !

मैं बोला- जानेमन, अभी आता है मेरा लंड !

और उसे खड़ा करके बोला- चल जान, खोल दे मेरे कपड़े और बुझा अपनी प्यास ….

फिर वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतारने लगी। तीन मिनट में मुझे नंगा कर दिया … मेरा ७.५ इंच लम्बा लौड़ा बाहर आ गया …

मीनाक्षी ने आव न देखा ताव ! मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी …

क्या तो चूस रही थी ! कसम से बड़ा मजा आ रहा था..

कुछ देर बाद बोली- यार, अब चूत की प्यास बुझाओ !

मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लौड़ा डाला, क्योंकि उसकी सील खोलनी थी, जिसमें बड़ा दर्द होता है… इसलिए मैं पहली बार आराम से ही चुदाई करना चाहता था।

मैंने धीरे-धीरे चोदते हुए पूछा- दर्द हो रहा है?

बोली- ज्यादा नहीं ! जितना सुना था उससे काफी कम ….

कुछ देर में उसकी चूत की सील टूट गई …वो एक बार जोर से चिल्लाई- उई माँ ! मर गई..

फिर बोली- रोहित, अब मजा आ रहा है…स्पीड में चोदो यार !

फिर मैं बहुत तेज़ स्पीड में चोदने लगा। कभी घोड़ी बना कर चोदता तो कभी दोनों हाथों से गोदी में उठा कर चोदता …

हम दोनों को काफी मजा आया। हमने शर्त लगाई- देखते हैं पहले कौन पहले झड़ता है…

25 मिनट हो गए, कोई नहीं झड़ा… कुछ देर बाद मीनाक्षी की चूत गीली हो गई।

मैं बोला- तुम हार गई…

उसे गुस्सा आया और बोली- मैं तुम्हारा पानी नहीं निकलने दूंगी !

और चूत से मेरे लण्ड को निकालती हुई पीछे हट गई…

मैं बोला- यार जब तक मेरा पानी नहीं निकलेगा, सेक्स का मजा कैसे आएगा?

तो बोली- मैं क्या जानूँ ? हाथ से निकाल लो…

मैंने काफी मनाया फिर बोली- पानी मेरे मुँह में डालोगे ?

मैं बोला- ठीक है…

थोड़ी देर चोदने के बाद में झड़ गया … मैंने सारा पानी उसी के मुँह में डाल दिया …

कुछ देर आराम करने के बाद फिर से उसे चोदना शुरू किया कि बेल बज गई।

मैंने जल्दी से कपड़े पहने और मीनाक्षी को को पैंटी ब्रा में ही बेड के नीचे छुपने को कहा, साथ कपड़े भी ले जाने को …

मम्मी आई थी, बोली- क्या कर रहे हो?

मैं बोला- नींद आ रही थी !

शॉपिंग का सामान देख कर बोली- ये सब कौन लाया?

मैं बोला- फ्रेंड का है ! मुझे नींद आ रही थी इसलिए अन्दर नहीं रखा ..

मम्मी थकी हुई थी इसलिए अन्दर चली गई। मैं अन्दर गया और जल्दी से मीनाक्षी को जाकर कपड़े पहनाये और उसके घर भेज दिया।

फिर हमने खूब सेक्स किया … भाभी के बच्चा होने के बाद वो चली गई ..

फिर मुझे भाभी को ही चोदना पड़ा …

एक बार भाभी और मीनाक्षी को एक साथ चोदा !

वो कहानी बाद में !

और … मेरी गर्ल-फ़्रेन्ड के साथ चुदाई भी बताऊँगा…

मेल करते रहना Sex Stories

Antarvasna

बुआ जैसे ही Antarvasna नहाकर बाथरूम से आई तो उसने केवल लाल रंग ब्रा और काली स्कर्ट पहन रखी थी। बुआ लाल ब्रा में बहुत सुन्दर लग रही थी। उसका गोरा और गीला बदन बिजली की तरह चमक रहा था।

मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा था। मैं खड़ा हो कर बुआ को देखने लगा। बुआ भी मुझको देख रही थी पर वो बोली कुछ नहीं। बुआ तैयार होने लगी, उसने अपने बाल खोले और उन्हें संवारने लगी। मैं बुआ को देखता रहा। मेरा लण्ड अब पूरे जोश में आ चुका था। बुआ ने अपनी एक लंबी वाली ज़ुराब उठाई और बेड पर पैर रखकर पहनने लगी। बुआ की एक ज़ुराब बेड के नीचे गिर गई। बुआ जैसे ही उसे उठाने की लिए बेड के नीचे घुसी तो उसकी स्कर्ट ऊपर हो गई। बुआ ने नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था। मेरा मन डोल गया। इससे पहले बुआ बेड से निकलती मैंने अपना लण्ड निकाला और बुआ को कमर से पकड़ कर उसकी ग़ांड के छेद पर रख दिया। बुआ को एक दम झटका लगा और बुआ बाहर निकलने के लिए कोशिश कर रही थी कि मैंने लण्ड पर दबाब बनाया तो बुआ बोली- यह क्या कर रहा है? तू तो मना कर रहा था !

मैंने कहा- बुआ, तू ही तो कह रही थी कि तू मेरे लण्ड की दीवानी हो गई है।

तो बुआ बोली- ठीक है, पर मेरी गांड क्यों मार रहा है इसमें तो बहुत दर्द होगा। यह तो आज तक मैंने तेरे फूफा से भी नहीं मरवाई ! वो भी ज़िद करता है पर मैं दर्द के कारण मना कर देती हूं।

मैं बोला- बुआ अब मैं आज तेरी गांड को खूब मारूँगा।

और मैंने एक हाथ से लण्ड को पकड़ के सही से बुआ की गांड के छेद पर रखा और ज़ोर लगाने लगा पर बुआ की गांड बहुत टाइट थी, बस थोड़ा सा ही लण्ड आगे का टोपा बुआ की गांड में गया। बुआ को दर्द हुआ और बोली- मान जा ! लण्ड बाहर निकाल ! मुझे दर्द हो रहा है !

मैं ऐसे ही धक्के मारता रहा और बुआ के बदन को चूमता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने बुआ को कमर से पकड़ा और एक ज़ोर से धक्का लगाया, अब की बार मेरा लण्ड बुआ की गांड को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। बुआ को बहुत दर्द हुआ और बुआ चिल्लाने लगी- मार दिया रे ! कम से कम इस पर तेल या क्रीम लगा ली होती या थूक ही लगा लिया होता।

मैंने कहा- बुआ, सूखी चूत मरवाने से तो बहुत मज़ा आता है ! अब देख तेरा लंडबाज़ तेरी सूखी गांड भी मार रहा है।

और फिर बुआ की कमर पकड़ कर मैने एक झटका और दिया, मेरा लण्ड पूरा अंदर चला गया बुआ और ज़ोर से चिल्लाने लगी, बुआ बोली- बहनचोद, निकाल इसे ! मुझे दर्द हो रहा है।

पर मैं नहीं माना।

बुआ बोली- मैं तेरे लण्ड को चूसूंगी और हाथ से कर दूंगी।

पर मै बुआ की ज़ोर से गांड मारता रहा। बुआ भी गांड मरवाने को मजबूर थी क्योंकि वो बेड के नीचे फंसी हुई थी। मैं अब अपना लण्ड पूरा बाहर निकाल कर बुआ की गांड में डाल रहा था। फिर मैं एक हाथ बुआ की चूची दबाने लगा और एक हाथ उसकी चूत पर ले गया। वहाँ पर मैंने बुआ की चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दी। जिससे बुआ का दर्द कम हुआ अब बुआ तीन जगह से मज़ा ले रही थी। दस मिनट बाद बुआ झड़ गई। उसकी चूत का पानी नीचे ज़मीन पर गिर रहा था। फिर बुआ बोली- जल्दी कर ! मुझे क्लिनिक जाना है।

फिर मैं ज़ोर से धक्के मारने लगा, पाँच मिनट के बाद बुआ की गांड में ही झड़ गया और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। बुआ एकदम बाहर निकली और खड़ी हो गई पर उससे सही से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। बुआ ने मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा लिया और बोली- तू तो बड़ा ही ज़ालिम है रे ! पर तेरे इस दर्द में बहुत मज़ा आया। तेरे फूफा से तो मैं एक ही बार मना करती हूं तो वो मान जाता है पर मुझे भी इसी दर्द की तलाश थी।

फिर बुआ मेरे लण्ड को ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी और दो तीन मिनट बाद उसने मेरे लण्ड को छोड़ दिया। और अपनी ज़ुराब और गाऊन पहनकर क्लिनिक चल दी। पर बुआ पर चला नहीं जा रहा था, उसे दर्द हो रहा था। बुआ के क्लिनिक जाने के बाद मैंने वही ब्लू फिल्म देखी जो बुआ ने देखी थी। उस में अलग अलग स्टाइल से चूत और गांड मारी गई थी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया मैं बुआ का इंतज़ार करता रहा। मैंने घड़ी पर देखा तो दस बजे थे और बुआ एक बजे आती है। तो मैं कभी अपने लण्ड को हाथ में लेता तो कभी बुआ को याद करके उसकी ब्रा और पैंटी पर मल देता।खैर बुआ एक बजे आई तो मैं बुआ के अंदर आते ही बुआ से चिपट गया और ब्लू फिल्म को चला दिया।

बुआ बोली- रुक तो ! तूने सुबह ही तो मेरी गांड मारी है। अब फिर से करेगा?

मैंने कहा- बोल मत बुआ ! आज अपनी जवानी का सारा मज़ा लूटने दे मुझे।

बुआ भी गरम हो रही थी, मैंने बुआ का वो नर्स वाला गाऊन कस के पकड़ लिया और गाऊन के ऊपर से ही बुआ की चूची चूसने लगा। बुआ और मैं ब्लू फिल्म देख रहे थे। अब बुआ भी मुझे अपनी तरफ खींच रही थी।

फिर क्या था, मैंने नीचे हाथ डालकर बुआ चूत को सहलाना शुरू कर दिया। अब बुआ की चूत गीली हो चुकी थी। बुआ ने एकदम मेरे अंडरवीयर से लण्ड निकाला और चूत पर मलने लगी। फिर मैंने बुआ के गाऊन के बटन खोल दिए और बुआ की ब्रा हटा कर चूची चूसने लगा। बीच बीच में बुआ की चूची के दाने को काट भी लेता था। फिर बुआ का गाऊन ऊपर किया । और मैं एक कुर्सी पर बैठ गया। बुआ भी मेरे लण्ड पर अपनी चूत का छेद रखकर मेरी गोदी में बैठ गई। मैंने बुआ को नीचे किया और अपने को ऊपर झटका दिया। मेरा लण्ड बिना किसी के रोके बुआ की चूत को चीरता हुआ बुआ की चूत में समा गया। बुआ ज़ोर से झटके देने लगी। बुआ मेरा पूरा लण्ड बाहर निकाल कर अपनी चूत में पेल रही थी।बुआ ने एकदम मुझे कसकर पकड़ लिया। मैं समझ गया कि बुआ का काम हो गया है। बुआ खड़ी हो गई। मैंने बुआ को पकड़ा और बेड पर धक्का दे दिया। फिर मैं बुआ का दूध पीने लगा। बुआ की चूची एक दम कड़क हो रही थी।

फिर बुआ बोली- चल, अब मेरी गांड मार !

मैंने बुआ को कुतिया बना दिया और अपना लण्ड बुआ की गांड के छेद पर रख दिया। बुआ ने भी पीछे धक्का लगाया और मैंने आगे धक्का लगाया। मेरा लण्ड आसानी से अंदर चला गया। अबकी बार बुआ को दर्द कम हुआ क्योंकि उसके मुँह से बस सी-सी की आवाज़ ही आई थी। फिर मैं और बुआ ज़ोर से धक्के लगाते रहे। करीब दस मिनट बाद मैंने अपना सारा पानी बुआ की गांड में ही छोड़ दिया। फिर मैंने बुआ की गांड से लण्ड निकाला तो बुआ बैठ कर मेरे लण्ड को चूसती रही। फिर उठी और रसोई में गई और दूध से मलाई लाई और कुछ मेरे लण्ड डाली और कुछ अपनी चूची पर और बोली ले चाट इसे !

मैंने बुआ को बेड पर बैठाया और उसकी एक करके चूची चूसने लगा बुआ को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर बुआ ने मुझे पीछे किया और मेरे लण्ड की मलाई चूसने लगी। बुआ अब मेरे लण्ड को जड़ तक चूस रही थी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया, बुआ देखकर बोली- ले यह तो फिर चूत और गांड माँग रहा है।

अबकी बार मैं ब्लू फिल्म देखकर करना चाहता था। बुआ को मैंने करवट से लिटाया और खुद उसके पीछे लेट गया। बुआ की मैंने एक हाथ से टांग को ऊपर उठाया और अपने लण्ड को बुआ के गांड के छेद पर रख दिया और एक धक्का दिया । बुआ की गांड में मेरा लण्ड चला गया पर बुआ को इस स्टाइल में दर्द हो रहा था। क्योंकि उसकी टांग धक्कों से ऊपर उठती जा रही थी।

बुआ बोली- इस स्टाइल में दर्द हो रहा है, मैं सहन नहीं कर पा रही हूं।

पर मैं पूरे जोश में धक्के लगाता रहा। फिर ब्लू फिल्म में स्टाइल बदला, करीब पाँच मिनट बाद मैंने भी वही स्टाइल करा। अब मैंने बुआ को खड़ा किया और बुआ का एक पैर बेड पर रखा और दूसरा ज़मीन रखा। फिर अपने लण्ड पर बुआ के पर्स से क्रीम निकाल कर लगाई और कुछ बुआ की गांड पर। फिर मैंने लण्ड बुआ की गांड पर रखा और आगे पीछे करने लगा, लण्ड अभी बाहर ही था। फिर मैंने एक दम ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लण्ड बुआ की गांड में। क्योंकि अबकी बार गांड भी चिकनी और लण्ड भी चिकना था। इससे बुआ को दर्द भी नहीं हुआ। मैंने बुआ की चूची भी दबाई और बुआ की चूत में उंगली भी कर रहा था।

बुआ बोल रही थी- मार अपनी बुआ की गांड मार ! फाड़ दे बेटा आज इसे। मेरे बेटा आज अपनी बुआ की सारी प्यास बुझा दे ! देख तेरी बुआ कितनी जवान लग रही है आज तुझ से गांड मरवाकर ! फिर मैं बुआ की गांड में ही झड़ गया। मै और बुआ बिस्तर पर लेट गये। मैंने घड़ी देखी तो तीन बज गये थे। फिर मैं खड़ा हुआ और ऊपर के बाथरूम मे नहाने चला गया। जब मैं नहाकर आया तो बुआ भी नहा चुकी थी और चाय बना रही थी। मैंने चाय पी और मैं बाहर वाले कमरे में लेट गया। बुआ भी अब आराम करना चाहती थी। मैं सो गया। मेरी आँख करीब सात बजे खुली और मैं बाथरूम में जाकर हाथ- मुँह धोकर आया। मैंने अपने कपड़े पहने और घर आने लगा।

मैं बुआ को कहने के लिए गया, बुआ ने लाल साडी और कट स्लीव का ब्लाऊज़ पहन रखा था। वो अब एक दम नई-नवेली लग रही थी। ब्लाऊज से झांकती हुई उसकी चूची जैसे वो मुझको बुला रही हों। मैंने बुआ का हाथ पकड़ा और बुआ को उल्टा यानी पेट के बल नीचे ज़मीन पर लिटा दिया। बुआ कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे पता था कि मैं जा रहा हूं। मैंने बुआ का पेटीकोट साड़ी सहित ऊपर कर दिया और उसकी गांड देखने लगा।

बुआ ऊपर हुई और हाथ टेक कर घोड़ी सी बन गई और बोली- जल्दी जल्दी कर वरना तेरा फूफा आ जायेगा।

इतना सुनते ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और लण्ड निकाला और बुआ की गांड में पेल दिया और पूरे ज़ोर से धक्के लगाने लगा। बुआ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी ताकि दोनों को जल्दी मज़ा आ जाये। करीब बीस मिनट के बाद मैं बुआ से बोला- मुझे मज़ा आ रहा है।

बुआ बोली- ज़ोर से मार ! मुझे भी अब मज़ा आने वाला है।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और झड़ गया। बुआ भी झड़ गई। फिर मैंने बुआ की गांड से अपना लण्ड निकाला और पैंट के अंदर कर लिया। बुआ भी खड़ी हो गई और साड़ी ठीक करके बोली- गेप, वादा करती हूँ कि तुझसे ही गांड मरवाऊँगी, किसी और से नहीं।

और मैं अपने घर आ गया।

इसके बाद मैंने अपनी चाची को चोदा। यह अगले भाग में !

अगर आपको कहानी अच्छी लगी हो तो आगे लिखूंगा। Antarvasna

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