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Massage Girl in Thiruvananthapuram: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Thiruvananthapuram who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Thiruvananthapuram that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Thiruvananthapuram massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Thiruvananthapuram who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Thiruvananthapuram massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Thiruvananthapuram massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Thiruvananthapuram who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Thiruvananthapuram employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Thiruvananthapuram helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Thiruvananthapuram

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Thiruvananthapuram at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

स्टेप मॉम सेक्स कहानी मेरे पापा की दूसरी बीवी की चुदाई की है. एक दिन मैंने उन्हें नंगी होकर किसी लड़के संग वीडियो सेक्स करते देखा. तो मैंने भी फ़ायदा उठाया.

दोस्तो, ये चुदाई कहानी मेरी और मेरी स्टेप मॉम रश्मि की है. अगर आपको ये रिश्ता ग़लत लगता हो तो प्लीज़ इस कहानी को आगे मत पढ़ें, इसे नजरअंदाज कर दीजिए.

अगर अपने लंड का पानी निकालना है और चूत में उंगली करनी है, तो पूरी कहानी पढ़ कर मजा लें.
इसस्टेप मॉम सेक्स कहानी में सब कुछ रियल है.

मेरा नाम आर्यन है. मैं यूपी से हूँ. मेरी सगी मॉम की डेथ के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी.

मेरे डैड का अपना बिजनेस है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं, मॉम को ज़्यादा टाइम नहीं देते हैं.
डैड अपने व्यापार के लिए सुबह से ही निकल जाते हैं और वापस आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.

मेरी मॉम का नाम रश्मि है, उनकी उम्र 44 साल की है और फिगर 36-32-38 का है.
मॉम के मस्त सेक्सी बूब्स और उठी हुई गांड एकदम हॉट लुक वाली लगती है. उनका रंग भी गोरा है.

मेरी मॉम इतनी ज्यादा कामुक दिखती हैं कि उनको देखकर किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए.

यह चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरी उम्र 23 साल की थी.

एक बार की बात है, मैं घर पर था और अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख रहा था.
उस वक्त मेरा लंड पूरे जोश में था और मैं मुठ मार रहा था.
कान में हेडफोन लगे होने की वजह से मुझे पता नहीं चला कि मॉम मेरे रूम में कब आ गईं.

मॉम ने मुझे पॉर्न देखने के साथ साथ मुठ मारते हुए भी देख लिया.
फिर जैसे ही मेरी नज़र मॉम पर पड़ी, मेरी तो गांड फट गई कि ये क्या हुआ.
मैं एकदम से डर गया था.

लेकिन अब तक जो होना था, वो तो हो ही चुका था.

मॉम ने गुस्से में मुझसे कहा- शर्म नहीं आती, ये सब करते हो!
मैंने सॉरी बोला लेकिन वो गुस्सा होकर रूम से चली गईं.

अब मुझे बहुत डर लग रहा था.
ये सोचकर मेरी फट रही थी कि मॉम इस बात को पक्का डैड को बोलेंगी और मेरी क्लास लगने वाली है.

ऐसे ही सारा दिन निकल गया … मैं अपनी फटी हुई गांड लिए मॉम से बचता रहा.

शाम को डैड आए, उन्होंने फ्रेश होकर खाना खाया और अपने रूम में सोने चले गए.
मैं देख रहा था कि डैड ने मुझसे कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे समझ में आया कि मॉम ने अभी तक डैड को कुछ बताया नहीं होगा.

अगले दिन मैं दोस्त के घर चला गया और जब वापस आया तो आवाज से अंदाजा लगा कि मॉम अपने रूम में हैं और मोबाइल पर किसी से बात कर रही हैं.
मैं कान लगाकर ध्यान से सुनने लगा तो ऐसा लगा कि मॉम अपनी चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि उनकी आवाजों में कुछ कामुक स्वर शामिल थे.

मैं धीरे से रूम के अन्दर घुस गया क्योंकि रूम लॉक नहीं था.
मम्मी एकदम नंगी थीं.
मेरी खोपड़ी सनक गई कि ये क्या माजरा है.

मैं चुपचाप अन्दर आ गया. मॉम अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में इतनी मगन थीं कि वो मुझे नहीं देख पाईं.

मैंने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा.
वो किसी सनी नाम के लड़के से बात कर रही थीं.

मैंने पूरी वीडियो ढंग से बना लीं और चुपचाप वहां से बाहर निकल कर अपने रूम में जाकर लेट गया.
अब मैं मॉम को सोचकर मुठ मारने लगा.

पहली बार मैंने मॉम को पूरी नंगी देखा था.
क्या मस्त गोरा बदन और बड़े बड़े मिल्की एकदम टाइट मम्मे थे. एकदम चिकनी चूत, जैसे आज ही शेव की हो

मेरा तो लंड फटा जा रहा था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मन कर रहा था कि अभी जाकर मॉम को चोद दूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं थी.
आज के इस सीन से एक बात तो साफ़ हो गई थी कि डैड, मॉम की प्यास सही से नहीं बुझा पाते हैं.

अब मैं अपनी मॉम को चोदने के सपने देखने लगा.
मैं चाहता था कि मॉम खुद ही मुझसे चुदवाने को बोलें इसलिए मैं प्लान करने लगा.

शाम को डैड आ गए, फिर वही रूटीन, खाना खाकर सोने चले गए.

अगले दिन मॉम किचन में काम कर रही थीं.

मैं गया और पीछे से उनसे चिपक कर उस दिन के लिए सॉरी बोलने लगा क्योंकि उस दिन के बाद मॉम मुझसे बता नहीं कर रही थीं.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.

उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और मैं खाने के बाद दोस्त के पास चला गया.

अब मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना मॉम को वो वीडियो भेजूं, जो मेरे पास थी.
कुछ देर तक हर बिंदु पर सोचने के बाद मैंने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए मॉम को अब चोद कर ही रहूँगा.

फिर मैं ज़रूरी काम से कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर चला गया.
मैं मॉम को मिस कर रहा था.

रात को मैंने मॉम की वीडियो देखी और लंड हिलाते हुए मॉम के नंबर पर कॉल की.
मॉम ने हैलो बोला.
मैंने हालचाल पूछे और पूछा- डैड क्या कर रहे हैं?

मॉम बोलीं- डैड सो गए हैं.
मैंने कहा- मॉम नेट खोलो, मैंने आपको कुछ भेजा है.

उन्होंने कहा- क्या भेजा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और कॉल कट कर दी.

फिर मैंने मॉम की न्यूड वाली वीडियो उन्हें भेज दी और थोड़ी देर के लिए अपना मोबाइल ऑफ कर दिया.

शायद मॉम का मूड खराब हुआ होगा इसलिए वो कॉलबैक कर रही होंगी.
लेकिन मेरा नंबर लगा ही नहीं.

इसलिए दस मिनट बाद मॉम ने मौसी के मोबाइल पर कॉल कर दी और उनसे बोलीं- आर्यन से बात करा दो.

मौसी का मोबाइल लेकर मैंने हैलो बोला.
मॉम बोलीं- ये कहां से मिली?

मैंने जानबूझ कर बोला- क्या?
मॉम बोलीं- पहले अपना मोबाइल ऑन करो और मुझसे बात करो. मैं उसी पर बात करूंगी.

मैंने तुरंत अपने मोबाइल से कॉल लगाई.
मॉम बोलीं- बेटा प्लीज़ बताओ, ये वीडियो कहां से मिला?
मैंने कहा- आप परेशान न हों.

तब मॉम मुझसे फोर्स करके पूछने लगीं.
मैंने कहा- डैड को भी भेज दूँ क्या?

वो रोने लगीं और बोलीं- नहीं, प्लीज़ ऐसा मत करना.
मैंने कहा- मैं तो आपको बहुत सती सावित्री समझता था और आप एक ब्वॉयफ्रेंड से बात करती हो!
मॉम बस सॉरी सॉरी बोल रही थीं.

मैंने कहा- मेरी बात सुनो और बताओ. सन्नी के साथ आप कितनी बार चुदी हो?
मॉम ने मेरे मुँह से ‘कितनी बार चुदी हो …’ शब्द सुने, तो मॉम हिल गईं और बोलीं- ये क्या बकवास कर रहे हो?

मैंने कहा- ठीक है, मत बताओ. फिर खुद ही समझना.
मॉम धीमे से बोलीं- बस अब तक 3 बार … उससे मिले ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- डैड क्या अच्छे से चोदते नहीं हैं?

मॉम बोलीं- बहुत सालों से मेरे साथ तेरे डैड ने सेक्स नहीं किया इसलिए ग़लती हो गयी. अब आगे से किसी के साथ कभी नहीं करूंगी. लेकिन प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने कहा- एक ही शर्त पर. जब आप मुझे खुश करोगी.

तो मॉम गुस्सा हो गईं और उन्होंने फोन कट कर दिया.
मैंने मैसेज किया- अगर मुझे भी चोदने दोगी, तो डैड को नहीं बताऊंगा … और हां सोच लो आराम से. आपके पास अभी दो दिन का टाइम है.

अब अगले दिन सुबह 10 बजे मॉम ने कॉल किया.
शायद डैड के जाने के बाद फोन किया था.

मैंने पूछा- बोलो जान क्या सोचा!
मॉम बोलीं- लेकिन ये सब एक बार होगा … और वीडियो डिलीट करनी पड़ेगी.

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं घर पर नहीं करूंगा, कहीं बाहर चलो.
मॉम फिर डरने लगीं और बोलीं- घर पर क्या दिक्कत है?

मैंने कहा- मैं अच्छे से एंजाय करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है, सब कुछ खुद ही मैनेज करो.

अब मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क रही थी.
मैं उसी दिन मौसी के घर से वापस निकल आया और शाम को घर आ गया.

मॉम अभी भी मुझसे डर रही थीं.
हम दोनों ने बात नहीं की.

डैड के आने बाद मैं डैड से कहा- मैं मॉम के साथ 4 दिन के लिए मसूरी जा रहा हूँ.
मॉम एकदम से बोलीं- अरे 4 दिन क्यों?

मगर तब तक डैड ने हां कर दी- हां चार दिन से कम में मसूरी का क्या मजा आएगा.
मॉम कसमसा कर रह गईं और मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.

फिर अगले दिन हम दोनों अपनी कार से मसूरी निकल गए.
सफ़र में हम दोनों ने कुछ ज्यादा बात नहीं की और वहां पहुंचकर होटल में चैकइन कर लिया.

मैं इस होटल में अपनी बुकिंग पहले से ही कर ली थी.
ये एक अच्छा होटल था और हिल्स पर था.

कमरे में आकर मैं फ्रेश होने चला गया.
मॉम को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या होगा.

मेरे फ्रेश हो कर आने के बाद मॉम बाथरूम में चली गईं और थोड़ी देर बाद मॉम एक काले रंग के मस्त गाउन में बाहर आ गईं.
उनको देखकर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैंने मॉम को ज़ोर से अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. मॉम के गले पर किस करने लगा.

मॉम कुछ उदास थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, आप घर से इतनी दूर आई हो, एंजाय करो न मेरी जानू मॉम!

मॉम बोलीं- वीडियो डिलीट करो, मुझसे ग़लती हो गयी.
लेकिन मैंने कहा- आप खुद को किसी दूसरे से संतुष्ट करवाओ, ये मुझे मंजूर नहीं है.

वो मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उन्हें चुप देखकर नहीं रुका और उनको किस करने लगा.
अब मैं मॉम के बूब्स भी दबा रहा था.

मॉम धीरे धीरे गर्म हो रही थीं और उनका विरोध भी ना के बराबर हो गया था.

अब मॉम ने धीरे से कहा- ये सब तो घर पर भी हो सकता था, यहां क्यों लाए हो. मेरी तुमसे रिक्वेस्ट है, प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.

मैंने उनकी एक नहीं सुनी. मैं अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा.
पहले तो काफ़ी देर तक मॉम ने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे हाथ उनकी चूत में चलने की वजह से अब मॉम की चूत का रस निकलने लगा था.

मतलब उनका मूड बन चुका था.
तभी मॉम ने मेरे होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.

अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ. मैंने मॉम को बेड पर पटक दिया और उनके गाउन को हटा दिया.
मॉम ने कुछ नहीं बोला.

मैं उनके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में मॉम मस्ती में आ गई थीं और आहें भरने लगी थीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में एकदम से घुसा दीं.
मॉम एकदम से उछल गईं ‘आह मर गई …. ऊऊह …’
कुछ देर में मॉम ने मेरी उंगलियों से अपनी में मजा लेना शुरू कर दिया.

फिर मॉम ने मेरा लंड ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबाने लगीं.

अब मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और मॉम के नंगे जिस्म पर चढ़ गया.
मैंने मॉम की ब्रा को भी फाड़ डाला.
मॉम ने कुछ नहीं कहा. मॉम ने अपनी पैंटी पहले ही उतार दी थी इसलिए अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थीं और मस्त माल लग रही थीं.

मैं मॉम के दूध चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
मैंने मॉम के मम्मे इतने अधिक दबाए कि चूचे एकदम लाल हो गए.

मैं मॉम के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और उनके दूध चूसते हुए नीचे आ गया.

मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसा दी और फिर सीधा चूत पर आ गया. मैंने अपना मुँह मॉम की चूत पर रख दिया और जीभ डालकर चूत का स्वाद लेने लगा.

एकदम रसदार नमकीन पानी बह रहा रहा था.
मेरी मॉम भी पूरे जोश में आ गई थीं. वो बोलीं- अब जल्दी से पेल दो.

मैंने दस मिनट तक मॉम की चूत को जीभ डालकर चूसा.
कुछ ही देर में मेरी मॉम ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था.

कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं उठा और मॉम से लंड चूसने के लिए बोला.
पहले तो मॉम ने मना किया लेकिन फिर मुँह में लंड ले लिया.

मुझे मजा आने लगा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड मॉम के मुँह में घुसेड़ दिया.

मेरा लंड उनके गले में जाकर फंस गया था.
मॉम बुरी तरह से छटपटा रही थीं लेकिन मैं जोरदार तरीके से लंड पेलता रहा.
कुछ ही पलों में मॉम का मुखड़ा एकदम लाल हो गया.

पूरा मुझे इतना जोश चढ़ गया था कि मैंने मॉम के मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
लंड उनके गले में था तो लंड का सारा माल मॉम के मुँह के अन्दर चला गया.

मॉम हौ हौ करने लगीं और तुरंत उठ कर थूकने के लिए जाने लगीं.
उनके मुँह में बचा हुआ माल जो उन्हें थूकने के लिए मजबूर कर रहा था.

मैंने उनके बाल पकड़े और अपना मुँह मॉम के होंठों पर रख दिया, उन्हें किस करने लगा.
मैं पहली बार अपने लंड का माल अपने मॉम के मुँह से लेकर स्वाद ले रहा था. मैं मॉम के मुँह में जीभ डालकर उन्हें किस करने लगा.

मुझे इतना मज़ा आया कि मेरा लंड फिर से फनफ़ना गया.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने मॉम को बेड पर लिटाया और मैंने नीचे खड़े होकर अपना मोटा लंड मॉम की टाइट चूत में लगा दिया.

एक बार मैंने मॉम की तरफ देखा और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मॉम की चूत गीली होने की वजह से सट से पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया.

उनके मुँह से चीख निकल गई.
वो सीत्कार करने लगी- आआहह उआहह बेटा ऊऊओह आहह ऊऊउ अया बेटा आराम से कर ना … प्लीज़ दर्द हो रहा है.

तभी मैंने मॉम के होंठों को अपने मुँह में लॉक किया और ज़ोर के झटकों के साथ उनकी चूत चुदाई करने लगा.

दो मिनट बाद बाद मॉम को भी चूत चुदवाने में मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगीं.

अब मैंने मॉम से कहा- मजा आ रहा है.
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- मैं चुदाई के लिए कबसे तरस रही थी … इसी वजह से मुझे सनी से अपनी चूत चुदवानी पड़ी. मगर अब मैं खुश हूँ.

मैंने कहा- अब आप लंड की सवारी करो,
मैंने लंड चूत से खींचा और बेड पर लेट गया. मॉम को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया. मॉम भी अपनी चूत फंसा कर लौड़े पर बैठ गईं और अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थीं.

मॉम की चूचियां मस्त हिल रही थीं और उनकी मादक सिसकारियां मुझमें जोश भर रही थीं.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चुदाई होने के बाद मॉम अकड़ने लगीं और मेरे ऊपर गिर गईं.
वो मेरे सीने पर गिर कर निढाल हो गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
मेरा लंड अभी भी कड़क था और मॉम की चूत में घुसा हुआ था.

कुछ देर बाद मैंने मॉम को उल्टा किया और मॉम के ऊपर चढ़ गया.
एक बार फिर से मैं लंड पेल कर पूरे जोश के साथ मॉम की चूत को चोदने लगा.

मॉम बोलीं- आंह जल्दी जल्दी से चोद दे बेटा … आअह हहह बहुत मज़ा आ रहा है.

मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए कहा- मॉम, अब आपको लंड की कमी कभी महसूस नहीं होगी. मेरे लंड से आप जब चाहे मजा ले सकती हैं.
मॉम मुझसे चुदवा कर खुश थीं.

अब मॉम ने मुझे अपनी दोनों टांगों में दबा लिया और एकदम से मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया.

मॉम ने जब तक मुझे दबाए रखा जब तक पूरा माल उनकी चूत में नहीं गिर गया.
उनकी गर्म चूत से निकल रहे लावा का अहसास भी मेरे लंड को हो रहा था.

अब मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैं भी ऐसे ही मॉम के ऊपर लेटा रहा.
हम दोनों मां बेटा इस मधुर चुदाई से इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला, कब नींद आ गई.

देर शाम को करीब 9 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा मॉम नंगी ही सो रही थीं.
मेरे बगल में नंगी मॉम मुझे बहुत हॉट लग रही थीं.

तभी मैंने मोबाइल की रोशनी जलने लगी. मोबाइल साइलेंट मोड पर था. मैंने फोन उठाया और देखा कि डैड की कॉल आ रही है.

मैंने डैड से हैलो बोला.
डैड ने हालचाल पूछे और मॉम के बारे में पूछा.

मैंने मॉम को जगाया और उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया.
मॉम अब भी शर्मा रही थीं.
वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुईं लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया.

मैं उनके बूब्स दबाने लगा.

मॉम डैड से फोन पर बता कर रही थीं और अपने बेटे के साथ नंगी पड़ी थी.

मेरे ज़ोर से बूब्स दबाने की वजह से मॉम की आह निकल गई.

पापा ने पूछा- क्या हुआ?
मॉम- कुछ नहीं.

फिर मॉम ने कॉल कट कर दी.
उसके बाद मैं उठकर फ्रेश होने चला गया.
मॉम भी अन्दर नंगी ही आ गईं.

मैंने मुस्कुरा कर उनकी तरफ देखा.
वो बोलीं- मुझे सुसु करना है.
मैंने कहा- हां कर लो.

तभी मुझे मस्ती सूझी. मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.
मैंने इशारे कहा- अब मूतो.

मुझे मॉम ने बहुत रोका लेकिन मैं नहीं माना.

मॉम की चूत पानी टपकाने लगी. मॉम खुद से मेरे मुँह में झटके मारने लगीं और एकदम से बोलीं- अब हटो … सुसु आ रही है.

लेकिन मैंने पीछे से उनकी गांड को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था और जीभ अन्दर चूत में डालकर चूस रहा था कि मॉम कुछ कर ही ना सकीं और उनका मूत निकलने लगा.

मॉम की चूत से पूरी पेशाब मेरे मुँह में चली गई; कुछ बाहर भी टपक गई.

मुझे अपनी मॉम की पेशाब पीकर इतना मज़ा आया दोस्तो कि क्या बताऊं.

उधर मेरी मॉम शर्म से लाल हो गयी थीं और शरारती मुस्कान देती हुई बोलीं- पागल, ऐसे कौन करता है.
मैंने कहा- मॉम, तेरा बेटा करता है.

फिर मैं उठा और तभी मॉम ने शॉवर ऑन कर दिया.
हम दोनों पानी के नीचे नंगे खड़े थे पानी से नहाने लगे और मस्ती करने लगे.

हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और चुदास भड़क गई तो फिर से एक राउंड चुदाई की.

अब मॉम मुझसे खुलने लगी थीं.
मॉम ने मुझसे कहा- इतना मज़ा मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं आया.

मैंने मॉम को आई लव यू बोला.
मॉम ने भी मुझे लव यू टू आर्यन बोला.

ऐसे ही 4 दिन तक हम दोनों ने बहुत मस्ती की.
मैंने मॉम को बहुत सारी हॉट सेक्सी ड्रेस भी दिलाईं.

मॉम ने मुझसे एक प्रॉमिस लिया कि ये बात डैड को पता नहीं चलना चाहिए और अकेले में मैं मॉम को उनके नाम से बुलाऊं.
मेरी मॉम मुझसे बोली- अब से तू मुझे मॉम समझ कर नहीं, बीवी बनाकर चोदेगा.

इस तरह से मॉम ने अपने बेटे के लंड को चूत की मस्ती देना शुरू कर दी थी.
आज भी डैडी को स्टेप मॉम सेक्स की बात नहीं मालूम है कि मेरी मॉम मुझसे चुदवाती हैं.

दोस्तो, आपको अगली चुदाई कहानी में लिखूँगा कि घर वापस आने के बाद मॉम ने मुझे किस किस तरह से चूत और गांड चुदाई का मजा दिया और उनकी एक ख़ास सहेली को भी बिना अपनी चुदाई की जानकारी दिए मुझसे चुदवा दिया.

एक पुरानी कहानी Hindi Porn Stories

एक बहुत पुराने गाने कि तलाश थी मुझे। इसे मुकेश Hindi Porn Storiesऔर लता ने गाया था। फ़िल्म का नाम मुझे याद नहीं था। सिर्फ़ गाने के बोल ही याद थे। कुछ इस तरह था वो गाना—छोड़ गये बालम, मिझे हय अकेला छोड़ गये। सीडी, कैसेटों की दुकानों मे काफ़ी ढूंढा, पर नहीं मिला। किसी ने कहा कि शायद लैमिन्ग्टन रोड पर मिल जाये।

मैं लैमिन्ग्टन रोड गया। इत्त्फ़ाक से पहली ही दुकान से यह गाना मिल गया, पर वहाँ क्या हुआ, ये बताता हूं।

मैंने दुकान मे देखा कि कैश काउन्टर पर एक आदमी को छोड़ कर बाकी सब लड़कियां हैं। मैं सीडी के काउन्टर पर गया तो लड़की ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया और बोली-यस सर ! वट कैन आई डू फ़ोर यू?

ये मेरी बुरी आदत है कि जब भी मैं किसी लड़की को देखता हूं तो न चाहते हुए भी मेरी नज़र सबसे पहले उसकी छाती पर पड़ती है। यहाँ भी ऐसा ही हुआ, मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी पर मैं सम्भल गया। उसने भी मेरी इस हरकत को भाम्प लिया और अपने दुपटटे से दिलकश कबूतरों को ढकते हुए फ़िर बोली-कैन आई हेल्प यू?

जी तो चाहा कि कह दूं- इन कबूतरों को पालना चाहता हूं, लेकिन कहा- जी, मैं एक बहुत पुराना गाना तलाश रहा हूं, अगर यहाँ मिल जाये?

वो झट से बोली- गाने के बोल बताइये।

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये,

कुछ सोचते हुए वो बोली- मुझे तो ऐसा कोइ गाना याद नहीं आ रहा है- ठहरिये, मैं सर से पूछती हूं।

यह कह कर वो उस अधेर आदमी के पास गई जो कैश काउंटर पर बैठा था। थोड़ी देर बाद वो वापस आकर बोली- है हमारे पास- ये फ़िल्म बरसात का गाना है- आप रुकिये, मैं यह सीडी लाती हूं। वो उपर गई और एक सीडी लाई, बोली- पर आपको इस गाने के लिये पूरी सीडी खरीदनी पड़ेगी-इसमें कुछ और पुरा्नी फ़िल्मों के गाने भी हैं।

कोइ बात नहीं लेकिन देखिये इसमें वो गाना है य नहीं

जरूर होगा– इस सीडी में बरसात फ़िल्म के गाने भी हैं

हाँ, लेकिन देखो वो पर्टिकुलर गाना है भी या नहीं

वो सीडी के कवर पर लिखे गानो कि लिस्ट देखने लगी और बोली- क्या बोल बताये थे आपने?

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये–

वो एक एक गाना पढने लगी–दुम– नही–दम भर जो इधर मुंह फ़ेरे–बरसात में हमसे मिले… हवा मे उड़ता जाये– चोद गये–ओह सारी– छोड़–

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये– ये लीजिये। वो जल्दी से सीडी मेरे हाथ मे देते हुए बोली और फ़िर दूसरी और देखने लगी।

मैं अपनी हंसी रोक ना सका–वो शर्म से लाल हो गई और बोली- सारी।

मैंने कहा- कोइ बात नही- मुझे दोबारा हंसी आ गई।

वो नर्वस होते हुए बोली- देखो ना छोड़ की स्पेलिन्ग ऐसी होती है क्या-? सी डबल एच लिखना चाहिये ना- यहाँ सिन्गल एच ही है

हाँ सच कहा आपने– आपने तो चोद पढा– कई लोग तो इसे चोद– मैं कहते कहते रुक गया।

वो कैश काउंटर की तरफ़ और फ़िर अपनी साथी लड़कियों की ओर देखते हुए बोली- और कुछ?

जी बस — इतना काफ़ी है– अच्छा लगा।

व्हाट?

अच्छा लगा कि इतना ढूंढने के बाद आखिर यह गाना मिल ही गया।

और कुछ?

नहीं बस-कितने पैसे हुए?

मैं बिल बना देती हूं आप काउंटर पे पेमेंट कर दें।

जब मैं घर आया तो सोचने लगा-उसके बूब्स तो ईरानी होटल की डबल रोटियों जैसे थे- होंठ भी कम सेक्सी ना थे॥ अगर ये होंठ मेरे लन्ड को कोमलता से दबा लें तो क्या हो? मेरे शरीर में झुरझुरी सी आ गई।

रात को सपने में मैं उसे लेकर किसी हिल स्टेशन चला गया। मैंने देखा-हम दोनों नंगे ही पहाड़ियों की सैर कर रहे है। मैं कभी उसके कन्धे पर हाथ रख कर चलता तो कभी उसकी कमर मे बाहें डाल कर्। मेरा हाथ फ़िसल कर उसकी गान्ड पर रुक जाता। उसकी छातियां तजमहल के गुम्बद लग रहे थी पीछे से उसके गोल गोल कोमल चूतड़ यूं उपर नीचे हो रहे थे जैसे कोइ सी-सा ऊपर नीचे झूल रहा हो। मैं अपना लन्ड उसकी गांड की दरार में घुसाना चाहता था लेकिन घुस नहीं पा रहा था मैंने खूब जोर लगाया तो वो चिल्लाई- पागल हो गये हो क्या? मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी और एक बार फ़िर जोर से झटका दिया, ताकि लन्ड अपनी मन्जिल तक पहुंच जाये। झटके से वो गिर पड़ी और मैं भी उसी के साथ चारों खाने चित्त हो गया। लन्ड पथरीली जमीन से टकराया और मैं चीख पड़ा– बहनचोद !!!

आंख खुली तो मैं पलंग से गिर कर जमीन पर पड़ा था। घरी मे टाइम देखा तो सुबह के साढे छह बजे थे। लन्ड जबरदस्त अंदाज में खड़ा था और किसी चूत की फ़िराक मे धीरे धीरे हाँफ़ रहा था। मुझे हाथ से ही लन्ड को शांत करना पड़ा। नहा धो कर कमरे से निकला तो घर वालों को काफ़ी हैरानी हुई कि नौ बजे उठने वाला लड़का आज इतनी जल्दी कैसे उठ गया।

” क्या आज कालेज जल्दी जाना है?” बड़े भाई ने पुछा।

” हाँ आज एक्स्टरा क्लास है-” और मैं क्या कहता। जब कह दिया तो घर से बाहर निकलना भी था। मेरे कदम फ़िर लैमिन्ग्टन रोड की तरफ़ उठ गये।

दुकान बंद थी। बाजू के पान वाले से पूछा तो वो बोला-‘दस बजे खुलती है दुकान” मैंने घड़ी देखी। अभी साढे नौ ही बजे थे। मैं दूर जाकर खड़ा हो गया। जैसे तैसे दस बजे। दुकान खुली, वो लगभग सवा दस आई। जब वो दुकान मे घुस रही थी तो मैंने देखा कि उसकी गान्ड के उभार बिलकुल सपने मे देखी हुई गान्ड कि तरह ही थे। मैं सोचने लगा कि सुबह का सपना वाकैई सच होता है !

थोड़ी देर में मैं दुकान के अन्दर गया। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी औए उसके भाव देख कर मुझे यह अंदाजा हुआ कि उसने मुझे पहचान लिया है।

मैं सीधे उसके पास गया। वो जबरन मुस्करा के बोली- यस सर?

”मुझे एक और सीडी चाहिये”

कौन सी?

एक पुरानी फ़िल्म की॰॰॰अगर आपके पास हो तो॰॰॰

फ़िल्म का नाम?

राजा हरिशचंद्र

उसने सिर हिलाया और बोली- सर को पूछती हूं।

आज वो मुझे कुछ खूबसूरत भी नज़र आयी। बड़े बूब्स तो मेरी कमजोरी हैं ही।

जल्दी ही वो वापिस आयी और बोली-ईतनी पुरानी फ़िल्म के गाने नहीं हैं

ओह ! बैड लक, मैं निराश हो कर बोला।

और कुछ?

नहीं॰॰॰यही चाहिये था॰॰॰खैर थोड़ी देर बाद आउंगा।

क्यों? उसने पूछा।

क्यों मतलब? आपकी दुकान में कोइ क्यों आता है?

अच्छा, सोरी सर ! यू आर मोस्ट वेलकम!

कालेज के बाद फ़िर उसी दुकान में पहुंचा। अबकी बार वो दूर से ही मुस्काई। जब मैं उसके पास पहुंचा तो वो खुद बोली- कोइ और पुरानी फ़िल्म?

हाँ॰॰॰फ़िल्म चुदाई की सीडी चहिये।

व्हाट???॰॰॰ वो ऐसे बोली जैसे बिजली का करंट लग गया हो।

क्या हुआ? मैंने भी हैरानी जताई।

क्या कह रहे हैं?

कोइ अजीब बात कह दी मैंने?

किस फ़िल्म की सीडी चाहिये आपको?

जुदाई फ़िल्म की !

जुदाई ?

हाँ ! ॰॰॰आपने क्या सुना?

नहीं नहीं ठीक है॰॰॰जुदाई की सीडी होगी ही॰॰॰

लेकिन मुझे पुरानी चुदाई की सीडी चाहिये॰॰॰

वो फ़िर चौंक गई और मुझे शक भरी नज़रों से देखने लगी॰॰॰

मैंने पूछा- अब क्या हुआ?

कुछ नहीं॰॰॰पुरानी मतलब्॰॰॰? उसमे एक्टर कौन थे?

जितेन्द्र और शयद रेखा॰॰॰ मैंने युं ही कह दिया।

वो उपर की मन्जिल पर गई, थोड़ी देर बाद नीचे आयी, कैश काउंटर पर गई, दो तीन मिनट बाद आयी और बोली-सोरी सर्॰॰॰नई जुदाई कि सीडी है॰॰॰ पुरानी नहीं।

मैं फ़िर अपने को निराश जताने लगा॰॰॰वो मुझे धयान से देखने लगी।

फ़िर मैंने अपने दोस्त करण का नम्बर मिलाया और बोला॰॰॰

हाँ भैया॰॰॰जुदाई कि सीडी तो नहीं मिली॰॰॰क्या करूं?

उधर से करण बोला- अबे क्या बोल रहा है तू?

अच्छा दूसरी दुकान में देखूं ओके ओके जी जी॰॰॰

करण फ़िर हैरानी से बोला- कहाँ है तू॰॰॰क्या बोल रहा है?

कौन सी? ॰॰॰लन्ड्॰॰॰लन्डन्॰॰॰ कौन सा लन्दन?

मैंने चोर नज़रो से देखा, उसका चेहरा लाल हो गया था

जी ॰॰॰ नाईट इन लन्डन्॰॰॰ अच्छा॰॰॰पुछता हूं भैया॰॰॰

मैंने फ़ोन काटा और लड़की से पूछा- नाईट इन लन्डन् की सीडी या कैसेट होगी आपके पास?

उसने सीडी तलाश कर मुझे दे दी और आदत के अनुसार बोली- और कुछ?

नहीं बस्॰॰ बिल बना दीजिये।

वो सर झुका कर बिल बनाने लगी।

अगले दिन मैं फ़िर उसकी दुकान में पहुंच गया। आज उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी। होठों पर हल्के रंग की लिप्स्टिक भी थी। वो उम्र में मुझ से कुछ बड़ी शायद तीस बत्तीस की लग रही थी। ब्लाउज का गला सामान्य से कुछ बड़ा ही था, जिसमे से उसकी बड़ी बड़ी छातियां गजब ढा रही थी।

यस सर ! उसने मुस्कुराते हुए पुछा- सीडी?

हाँ पुरानि फ़िल्म की सीडी या कैस्सेट जो भी हो!

फ़िल्म का नाम ?

गांड है तो जहान है॰॰॰ मैंने जानबूझ कर गांड शब्द का इस्तेमाल किया।

वो घूर कर मुझे देखने लगी।

है तो दे दीजिये।

क्या नाम बताया आपने?

जान है तो जहान है॰॰॰

इस नाम की तो कोई फ़िल्म नहीं आई।

आप सर से पूछिये।

ठीक है॰॰ वो कैश काउंटर तक गई। थोरी देर बाद आ कर बोली- सर आपसे बात करना चाह्ते हैं

मैं थोड़ा घबरा गया कि कहीं साले को शक तो नहीं हो गया। मैं उस तक गया तो उसने पूछा- इतना पुराना पुराना गाना कयको मांगता तुमको?

मेरेको नाइ मेरा भाई को मांगता॰॰॰ वो कोइ रिसर्च कर रहा है।

आप एच एम वी में जाके पूछो ना॰॰॰

फ़िर मैंने पूछा- अच्छा आपके पास वो गाना है॰॰॰चूतक चूतक चूतिया॰॰॰?

वो हंसने लगा॰॰॰अरे! ये क्या बोलता॰॰चूतक चूतक नही तूतक तूतक्॰॰॰

लेकिन ये तो नया गाना है तुम्हारा भाई क्या करेगा इसका?

भाई को नही॰॰ ये तो मुझे चाहिये।

अच्छा उधर सोना से पूछ लो।

सोना कौन?

अरे वही सेल गर्ल्॰॰॰

अच्छा तो उसका नाम सोना है॰॰

मैं उसके पास पहुंचा- सोना॰॰वो पोप भन्ग्ड़ा है आपके पास्॰॰॰तूतक तूतक तूतिया॰॰॰

वो मेरी तरफ़ देख कर बोली- मेरा नाम किसने बताया आपको?

चन्दू साब ने॰॰॰

कौन चंदू साब?

वो जो काउंटर पे बैठे हैं

अरे वो तो मेहता साब हैं

अच्छा मुझे मालूम नही था।

चूतक चूतक चूतिया है आपके पास?

वो सपाट नज़रों से मुझे देखते हुए बोली॰॰ अब मैं समझ गई॰॰तुम जानबूझ कर गलत बोल रहे थे अब तक

नही है ये गाना॰॰॰ वो नाक फ़ुला कर बोली और दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया।

उस दिन मैंने सोच लिया कि आज इसे रास्ते मे पकड़ूंगा।

शाम को सात बजे दुकान बंद हो गई और वो बाहर निकली।

मैं उसके पीछे हो लिया।

थोड़ी देर पीछा करने के बाद ग्रांट रोड स्टेशन आने से पहले ही उसके पास पहुंच कर धीरे से कहा॰॰॰हाय !

वो चौंक कर मुझे देखने लगी। थोड़ी घबरा भी गई।

मैंने फ़िर हाय कहा।

वो बोली-क्या बात है, क्या काम है?

सोरी, मैं जरा लेट हो गया, आपकी दुकान तो बंद हो गई।

हाँ, अब उसके कदम तेज़ हो गये थे।

अरे ! आप दौड़ क्यों लगा रही हैं?

मुझे जल्दी है। सात बीस की टरेन पकड़नी हैकहाँ रहती हैं आप ?

कहाँ रहती हैं आप ?

उसने जवाब नही दिया

दरअसल मुझे एक और पुरानी फ़िल्म की सीडी चाहिए थी अर्जेंट

अब कल आइये

हाँ वो तो अब कल ही

यहाँ दूसरी दुकाने भी हैं वहाँ ट्राई कीजिये

हाँ, मगर वहाँ आप तो नही मिलेंगी ना

व्हाट? क्या मतलब ?

मैंने हिम्मत करके कहा…देखिये सच कहता हूँ… अब तक जितनी भी शोपिंग मैंने आपकी दुकान से की है सिर्फ़ आपसे मिलने के लिए…

वो रुक गई और मेरी आँखों में देख कर बोली…तुम्हारे इरादे अच्छे नही लगते.

हाँ वो तो है…

क्या मतलब ?

अब मतलब तो आप समझ ही गई होंगी .. मैं आपको डिनर मतलब लंच पर ले जाना चाहता हूँ


…काफी पापड़ बेलने पड़े उसे पटाने के लिए। आख़िर वो रास्ते पर आ ही गई. .. पता चला कि उसका तलाक हो चुका है.
ससुराल वालों ने निकल दिया है घर से. मायका दिल्ली में है और वो अपने माँ बाप के पास रहना नही चाहती। यहाँ बोरिविली में एक चल में किराये पर रहती है.

काफी कोशिशों के बाद मैंने उसे अपने साथ सोने के लिए राजी कर लिया. अब वो काफी खुल चुकी थी. बोली-कहाँ ले जाओगे?..अपने घर ?

नही वहाँ तो मेरी फॅमिली रहती है.

फ़िर?

किसी होटल में.

मैंने एक अच्छे होटल में कमरा बुक कर लिया. उस दिन उसने काम से छुटी ले ली थी। मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था की मैं सारा दिन उसे चोदूंगा। उसकी चूत चाटुन्गा, वो मेरा लंड अपने कोमल होठों से मसलेगी.

तयशुदा दिन हम होटल में पहुंचे। कमरा पहले से ही बुक था. दोपहर के दो बज रहे थे. हमने बियर पी और खाना खाया .फ़िर मेरे सब्र का पैमाना भर गया.मैंने उसे कहा…सोना, हर रात को मैं तुम्हे सपने में चोदता हूँ आज वो दिन आ ही गया जब सचमुच…

वो बोली..मैं भी बिना मर्द के कई दिनों से प्यासी हूँ अभी तक बैंगन ,लोकी से काम चला रही थी, आज मर्द का लंड मिलेगा.. पर

पर क्या?

अभी तो तुम इतने मर्द नही लगते। कितना बड़ा है तुम्हारा?

देखोगी?

हाँ दिखाओ…

मैंने झट से कपडे उतारे लंड तमतमा कर फडफडा रहा था वो बड़े गोर से मेरे लंड को देखने लगी और फ़िर कहा…चलेगा !

अरे 6 इन्च के लोडे को देख कर कह रही हो… चलेगा… दोडेगा बोलो ना…

6 इंच का लोडा क्या खाक दोडेगा ? दोड़ने के लिए तो कम से कम 8 इंच का घोड़ा चाहिए!

मुझे गुस्सा आ गया और मैं बोला-पहले आजमा तो लो,इस 6 इंच के टट्टू को क्या सरपट दोड़ता है.

अच्छा?

ये कह कर वो आगे झुक गई और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ किया, उसका पकड़ना था की मेरा फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लंड आधा इंच और लम्बा हो गया. वो धीरे धीरे लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी। मुझे हल्का हल्का नशा आने लगा था।

उसने मुझे बेड पे लिटा लिया और मेरि दोनों टांगो के बीच बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मैं उसके मुलायम होठों को अच्छी तरह महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी और दुनिया मे हूं। मेरे जिस्म मे चींटियां रेंगने लगी। उसने अपनी गति बढा दी और जल्दी जल्दी लन्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर मे लन्ड से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा जिसे उसने गड़प से पी लिया। लन्ड कुछ देर शान्त बना रहा। मैं भी बेड पर निढाल सा पड़ा था। वो उठ कर बोली- क्यो मर्द?… बस क्या?… और कुछ करना है?

जानेमन्… अभी तो पूरा दिन बाकी है… बस एक मिनट्… अभी तैयार हो जाता हूं… ये कह कर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैं उसे घूम घूम के चारों ओर से देखने लगा। वो हन्स कर बोली… ऐसे क्या देख रहे हो ?

देख रहा हूं, सपने मे जो हसीना देखी थी, वही अब सामने है… वही रंग रूप, वही उतार चढाव, वही चूत्… वही गांड वही चूची वही जांघ…
तुम सचमुच माल हो यार !

कमाल है यार माल देख के भी धमाल नही कर रहे हो… वो हंसने लगी। मैं उससे लिपट गया। कमरे मे म्युजिक बज रहा था हम अपने आप धीरे धीरे नाचने लगे। मैं उससे यूं लिपटा हुआ था जैसे उसके अन्दर ही समा जाउंगा। वो बहुत भावुक हो रही थी।

मैंने उसे बेद पे लिटा दिया। उसने खुद अपनी टांगे ऊपर कर ली, जिससे उसकी चूत खुल गई। उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसके पति ने उसे ज्यादा नहीं चोदा था। गुलाबी रस भरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी। मेरे मुंह मे पानी आ गया। मैं उसकी चूत पर झुक गया। मादक सी गंध आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के होठों पर रख दी। वो सिसक पड़ी। होले होले मैं उसकी चूत कि पूरी दरार चाटने लगा। वो तिलमिलाने लगी। तड़फ़ने लगी। मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के छेद मे डाली और अन्दर तक ले गया। वो तड़फ़ती रही। मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगा। उसकी सिसकियां चीखों मे बदल गई।

मैंने उसे उल्टा किया। पीछे का नज़ारा और भी मज़ेदार था। पतली कमर के नीचे सुंदर सी गोल गान्ड्। मैंने उसकी चूत से बहुत सारा रस निकाला और उसकी गान्ड मे मल दिया। गान्ड चिकनी हो गई और चमकने लगी। मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड की मसाज करने लगा। कभी मेरी उन्गलियां उसकी गान्ड मे तो कभी उसकी चूत में।

चूत का रस था कि निकला ही जा रहा था और मैं उसी के रस से उसके सारे शरीर की मालिश कर रहा था। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मैं उसकी गांड मे अपनी बीच की उंगली घुसाने लगा। दो तीन मिनट में पूरी उन्गली अन्दर घुस गई और मैं बड़े आराम से अपनी उंगली से उसकी गांड की चुदाई करने लगा।

उसकी सिसकारी बद नही हो रही थी। गांड मे उंगली का मज़ा शायद वो पहली बार ले रही थी। आखिर उससे रहा नही गया और वो बोली… अपना लन्ड डाल दो मेरी गांड मे… पेल दो… खूब जोर जोर से… रुको नही एक भी पल्…

मैं तुरन्त पीछे से उसके उपर चढ गया। उसकी कमर के नीचे हाथ डाल कर थोड़ा उपर उठाया। उसकी गांड ऊँट की पीठ की तरह ऊपर हो गई। गांड का छेद साफ़ दिखाई दे रहा था। धीरे सेमैंने अपना लन्ड उसकी गांड के छेद पर रखा तो अपने आप ही अन्दर जाने लगा। मैंने बस थोड़ी ही मेहनत की और हल्का सा धक्का दिया, लन्ड गांड के अन्दर यूं गया जैसे सांप बिल मे फ़ुर्र से घुस जाता है। मुझे अपना सपना याद आ गया जिसमे मैंने लाख कोशिश की थी गांड मे लन्ड घुसाने की, मगर सफ़ल ना हो सका था। वो हल्के से चीखी भी… मगर फ़िर चुप हो गई। मैं अपना लन्ड उसकी गांड मे अन्दर बाहर करने लगा। वो सी सी की आवाज़ निकालने लगी। फ़िर ये आवाज कुछ ऊँची हो गई। मेरी नस नस को मज़ा मिल रहा था और शायद उसे भी, क्योंकि वि भी हाय्… उफ़्… मर गई कहती जा रही थी।

मक्खन की तरह कोमल गांड मे मेरा लोहे का सा लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था। जब वो अपनी गांड के दोनों पाटों से दबाती तो मैं अन्दर बाहर नही कर पाता। जब वो अपनी पकड़ ढीली कर देती तो मैं तुरन्त अपने लन्ड को उसकी गांड से बाहर निकालता और फ़िर फ़चाक से अन्दर डाल देता। ये खेल उसे बहुत अच्छा लग रहा था। वो अपनी गांड उचका उचका कर मेरी हिम्मत बढा रही थी

यह खेल 10 -15 मिनट ही चला। तब मेरे लन्द ने अपना सारा रस उसकी गांड मे उतार दिया। पूरा रस निकलने तक मैं उसकी गांड मे धक्के मारता रहा। जब अन्तिम बूंद भी निकल गई तो मैंने अपना लन्ड उसकी गांड से बाहर निकाला, जो उस वक्त भी लाल लाल और तमतमाया हुआ था।

वो सीधे लेट कर जोर जोर से सांस लेने लगी। यही मेरी हालत थी। कुछ देर हम यूं ही पड़े रहे। अचानक दरवाजे की घंटी बजी। सोना नंगी ही बाथरूम भागी। मैंने जल्दी से कपड़े पहने, बलों को सीधा किया और दरवाजा खोला। दरवाजे पर रूम बोय कम वेटर खड़ा था।

क्या बात है? मैंने पूछा।

साहब, कुछ नाश्ता वाश्ता…॥

यार कुछ चाहिये होगा तो इन्टरकोम से बोल देन्गे।

सोरी सर ! मगर आपकी तरफ़ से कोइ मैसेज नही आया तो मैंनेजर ने भेजा कि… शायद आपको कुछ चाहिये हो ?

मैंने घड़ी देखी… शाम के 5 बज रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि इतनी जल्दी 5 कैसे बज गये। खैर मैंने उसे बीयर और चिकन पकौड़ा लाने को कहा। वो आधे घंटे बाद नाश्ता लाया। तब तक हमने इन्तजार करना ही मुनासिब समझा।

भरपेट नाश्ता करने के बाद मैंने वेटर से खाली डिशेज ले जाने को कहा और उसके जाते ही मैंने फ़िर दरवाजा बंद कर लिया।सोना भी उसी इन्तजार मे थी। उसने फ़टाफ़ट कपड़े उतारे और मैंने भी।

एक बार फ़िर उसने मेरे लन्ड को अपने भीगे मुंह मे ले लिया। बीयर और पकौड़े से तरबतर जीभ ने मेरे लन्ड मे आग सी लगा दी।

वो अपनी जीभ से मेरे लन्ड को सराबोर करने लगी। छह इन्च के लन्ड का यही फ़ायदा है कि वो किसी से भी मुंह मे पूरी तरह समा जाता है। अपने मुंह के अन्तिम सिरे तक वो मेरे लन्ड को लीलती रही और बाहर निकालती रही। मेरे लन्ड को यह वरदान पहले नही मिला था। वैसे तो तीन चार लड़कियों ने सकिन्ग की थी मेरी… पर आज जो अनुभव मिल रहा था वो किसी अनुभवी नारी का ही काम था। लड़कियों ने तो मेरे लन्द को ऐसे चूसा था जैसे लोलीपोप चूस कर फ़ेंक देती हैं। उन्हें तो पानी निकालना भी नही आता था। कई बार उन्होने अपने हाथों से ही मेरे लन्ड को तृप्ति दी थी।
सोना अपने हलक तक मेरा लन्ड ले रही थी।

मैंने उसे दोबारा उल्टा लिटाया और कमर के नीचे से हाथ डाल कर घोड़ी बनने पर मजबूर किया। मैंने उसे ऐसे ऐडजस्ट किया कि चूत बिल्कुल सीध मे आ जाये। उसकी टांगो को और फ़ैलाया। गुलाबी चूत दिखाई देने लगी हल्की हल्की झांटे चूत के आस पास ऐसे खड़ी थी जैसे किसी खजाने की रखवाली के लिये सुरक्षा कर्मी खड़े हों। घुटनों के बल खड़े हो कर उसकी गोरी जांघों पर हाथ फ़ेर कर मैंने उसकी चूत मे अपने लन्द को लगाया और धक्का दिया। आशा के विपरीत मेरा लन्ड उसकी चूत मे फ़ंसने लगा। चूत काफ़ी टाईट थी। ये सोच कर मुझे बहुत मज़ा आया। मैं धीरे धीरे धक्के मार कर अपने लन्ड को उसकी चूत मे पूरी तरह घुसाने की कोशिश करने लगा। इसके लिये मुझे उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे भी करना पड़ा। थोड़ी कोशिश मे ही मेर लोड़ा टाईट चूत मे अन्दर बाहर होने लगा। दोगी स्टाईल मेरा फ़ेवरेट आसन है। इसमे जो मज़ा आता है वो करने वाले को ही मालूम है। तना हुआ लन्ड चिकनी चूत मे जा रहा था, आ रहा था। चूत के अन्दर की नर्म हडडी मेरे लन्ड के निचले भाग की मालिश कर रही थी। मेरे मुंह से लगातार आह आह की आवाजें आ रही थी। सोना का भी यही हाल था। मैं उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। लन्ड को ऐसी सेवा कभी कभी ही मिलती है… और शायद चूत को भी।

अब मैंने वैसे ही उसे डोगी स्टाईल में थामा। उसकी गान्ड को मजबूती से पकड़ कर मैं धीरे से पीठ के बल लेट गया। लन्ड उसकी चूत में ही था। वो मेरा लन्ड लिये उसी तरह धीरे से मेरी जांघों पर बैठ गई। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी जांघों के आसपास रख दीं और सम्भल कर बैठ गई। अपने आप को एडजस्ट किया और फ़िर उपर नीचे होने लगी। मेरा लन्ड उसकी चूत में जाकर बाहर निकल रहा था। वो बराबर उपर नीचे हो रही थी। उसका स्टेमिना अच्छा था। यह आसन उसके लिये शायद काफ़ी मज़ेदार साबित हुआ। उसकी चूत से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा और मेरी जांघों और लन्ड को तर करने लगा। उसने अपनी रफ़्तार बढा दी। अब वो चीखने लगी थी।

चकाचक धकाधक छकाछक्… लन्ड चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और वो उसी गति से चीख रही थी। अचानक वो धम्म से मेरी लांघों पे बैठ गई और उसके मुंह से बड़ी जोर से आ…ह निकला। वो पूरी तरह झड़ चुकी थी मगर मैं बाकी था।

उसने अपनी चूत से मेरे लन्ड को निकालने की कोशिश की, मगर मैंने ऐसा नही होने दिया। मैंने मजबूती से उसकी गान्ड को पकड़ा और आगे पीछे करके उसे हिलाने लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में ही था। मुझे उसका सहयोग नहीं मिल रहा था। इसलिये मेरा लन्ड उसकी चूत से बाहर आ गया और वो झट से बेड पे उलटी लेट गई। मेरा पानी निकलना अभी बाकी था। मैं भला उसे ऐसे कैसे छोड़ देता।

मैं फ़ौरन पीछे से उसके उपर चढ गया। पहले तो वो कसमसाई, मगर फ़िर ढीली पड़ गई। मैंने अपने तने हुए चिकने लन्ड को उसकी गान्ड में उतारना चाहा। इसके लिये मुझे उसकी गान्ड को ऊपर उठाना था, मगर वो उठने के लिये राज़ी नहीं हो रही थी। मैं उसकी मजबूरी समझ रहा था। आखिर मैंने दोनों तकिये उठाये और उसके पेट के नीचेए रख दिये। इससे उसकी गान्ड कुछ ऊपर हो गई।

मैंने उसकी गान्ड के दोनों पाटों को अपने अंगूठों से हटाया तो भूरे रंग का छेद नज़र आने लगा।

बस यही थी मेरी- मेरी लन्ड की मन्जिल्…॥

अपने तमतमाए लन्ड को मैंने उसकी गान्ड के संकरे छेद पर रखा। अंगूठे से दोनों फ़ांकों को फ़ैलाए रखा, ताकि छेद छुप ना जाये।
लन्ड बिल्कुल गान्द के छेद पर था। गीला और चिकना तो वो था ही। धीरे से थोड़ा सा लन्ड अन्दर को किया। हल्के हल्के धक्के मार के मैंने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड में उतार ही दिया। पूरा लन्ड कभी कभी ही गान्ड में समाता है, वरना आधे लन्ड की चुदाई से ही काम चलाना पड़ता है। उसे तकलीफ़ जरूर हुई पर उसने प्रोटेस्ट नहीं किया। बीस पच्चीस धक्कों से ही मेरा काम बन गया। उसकी पूरी गान्ड मार कर मैं निहाल हो गया। सारा बचा खुचा पानी निकल गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

रात को लगभग दस बजे घर आकर मैंने हिसाब लगाया तो पता चला कि पांच हज़ार खर्च हो गये हैं। ये पैसे मैंनें अपने जेब खर्च से बचा कर रखे थे।

सोना से दोबारा मिलने का वादा तो कर लिया था, पर दोबारा पांच हज़ार जमा करने के लिये मुझे क्य क्य पापड़ बेलने पड़ेंगे, वो मुझे ही मालूम है… सोना को नहीं Hindi Porn Stories

Antarvasna

मेरे पापा बहुत ही स्वार्थी हैं Antarvasna और हम तीन बहिने और एक भाई हैं। रिटायर होने के बाद वो हमारे दो कमरों के मकान के एक कमरे में ख़ुद रहने लगे और अपना सारा पैसा एक बक्से में चार चार ताले लगा के रखते थे यहाँ तक के मम्मी को घर घर जाकर काम करके खर्चा चलाना पड़ता था। मैं बहुत चुस्त थी, मासूम थी खेल कूद में तेज थी.

नागपुर में हुई हाफ़ मेराथन में मैंने भाग लिया और 42वें स्थान पर रही, लड़कियों में 10वें स्थान पर रही। इसी वजह से मुझे जवाहर नवोदय विद्यालय में शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका की नौकरी मिल गई। मेरी पोस्टिंग मणिपुर में हुई।
उसके एक-डेढ़ साल के बाद मुझे केंद्रीय विद्यालय से शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका की नौकरी का प्रस्ताव मिला और पोस्टिंग मिली उदयपुर, राजस्थान।
मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं थी। मैंने सोचा था कि अब पहले अपनी छोटो बहिन की शादी करूंगी, फ़िर भाई बहिन को पढ़ाते हुए कोई अच्छा सा लड़का मिल गया तो शादी कर लूंगी।

मेरे ही स्कूल के प्राईमरी विभाग में एक अध्यापिका थी, उसका लड़का अतुल शादी शुदा था और दो बच्चों का बाप भी। लेकिन किसी प्राइवेट स्कूल में पार्ट टाइम नौकरी करता था। मैंने भावुकता में अपनी कहानी उस अध्यापिका को बता दी थी मुझे मालूम नहीं था कि वो उसका फायदा उठाने के लिए अपनी लड़के को मेरे पीछे लगा चुकी थी। धीरे धीरे अतुल ने मुझसे दोस्ती करनी शुरू कर दी। वो मेरे घर आता था और बाज़ार से अच्छी अच्छी चीजें लाता था खाने की।

क्योंकि मैं उदयपुर में अकेली ही मकान किराये पर लेकर रहती थी तो भी वो जब भी आता था बड़े अच्छे से पेश आता था। जिससे मुझे उसमें एक अच्छे दोस्त के गुण दिखने लगे। मुझे सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं था।

एक दिन मैं मकान में अन्दर से कुन्डी लगाना भूल गई और स्कूल से आते ही नहाने चली गई, नहा कर तौलिया लपेट कर ही बाहर आ गई, बाहर आते ही अतुल को देख कर चौंक गई और वापिस बाथरूम में चली गई।
वहीं से अतुल से कहा की कमरे में बिस्तर पर रखे मेरे कपड़े मुझे दे दो। वो कपड़े लेकर आया और जैसे ही मैंने कपड़े लेने के लिए बाथरूम से हाथ बाहर निकाला उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कपड़ों के साथ बाथरूम में आ गया। मैं रो पड़ी मेरा रोना देख के वो दोनों हाथों से मेरे आँसू पौंछने लगा और फ़िर मुझे चुप करा के बाहर चला गया।

मैं कपड़े पहन कर बाहर आई। शर्म के मारे मैं अतुल से आँखें नहीं मिला पा रही थी। उसने प्यार से मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे गालों पर चूम लिया। मैं शरमा के रसोई में चली गई और दो कप चाय बना के ले आई। अतुल गरम गरम पकौड़े लेकर आया था हमने चाय पकौड़े खाए और फ़िर फ़िल्म देखने गए।

फ़िल्म देखते देखते अतुल के हाथ मेरे मम्मों पे फिसलने लगे मैंने झटके से उसके हाथ हटा दिए। लेकिन वह बार बार जब मेरे मम्मों परहाथ लगाने लगा तो मुझे भी मजा आने लगा। फ़िर उसने मेरी पैन्ट के ऊपर से मेरी जांघें भी सहलाई, मुझे बड़ा मजा आने लगा था मैं समझ नहीं पा रही थी।

रास्ते में वापिस घर जाते हुए मैं उसके स्कूटर पे उससे चिपक के बैठी थी। वो मुझे घर छोड़ के चला गया और बोला कल मैं एक कैसेट लेकर आऊंगा तब तुम सब समझ जोगी। असली मजा क्या होता है।

उसके बाद अगले दिन वह ब्लू फ़िल्म की कैसेट लेकर आया और मुझे बोला- आओ इसका मजा लें।

मैं स्कूल से आकर नहा कर केवल स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहने हुई थी। मैंने कहा- क्या पियोगे?

उसने कहा- आज तो मैं बियर लाया हूँ और साथ में गर्म गर्म पकौड़े और उबले हुए अंडे भी।

मैंने थोड़ा शरमाते हुए पूछा- ये ब्लू फ़िल्म क्या होती है?

उसने कहा- तुम प्लेयर में लगाओ तो ख़ुद ही समझ जाओगी।

मैंने कहा- तुम इसे लगाओ, मैं अंडे और पकौड़े प्लेट में डाल के लाती हूँ।

हम दोनों सोफे पे बैठ के फ़िल्म देखते हुए बियर के सिप लेने लगे। एक ग्लास ख़त्म हुआ तब तक फ़िल्म में एक लड़का और एक लड़की नंगे होकर एक दूसरे का भरपूर मजा लेने लगे थे मैंने पहली बार किसी लड़के के लण्ड को देखा था वो भी खड़ा और तना हुआ। लड़की उसे मुंह में लेकर चूस रही थी। मैंने शर्म से आँखे बंद करली अचानक अतुल को शरारत सूझी, उसने बियर से भरा एक गिलास मेरे टॉप पे डाल दिया।

मैंने घबरा कर टॉप उतार दिया और बाँहों से मेरे ब्रा में कसे हुए बूब्स को ढकने का प्रयास किया। अतुल ने मेरे दोनों हाथ खोल दिए और मेरे होठों पे अपने होठ रख दिए मेरे होठों पे किसी मर्द का पहला चुम्बन पा कर मैं सिहर गई। लेकिन मुझे अच्छा लगा था।

मैंने अतुल को धक्का दिया तभी देखा सामने टीवी पर लड़का अपना लण्ड लड़की की चूत में डाल कर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा था और लड़की ऊ उउ हा अआः या… या.. फक मी फक मी फास्टर ..ऊऊ ओह्ह ऊ ओह्ह आवाजें निकाल रही थी।

अतुल ने बियर का एक एक गिलास और बनाया और हमने झटपट बियर ख़त्म की और स्नैक्स भी। अब तक मुझमें भी नारी सुलभ उत्तेजना भर चुकी थी। फ़िर भी मैं अतुल को ही पहल करने देना चाहती थी। उसने देर नहीं की, पहले उसने अपने पैंट और शर्ट उतारी और मात्र अंडरवियर में मेरे पास आ कर मुझे सोफे पर लेटा दिया और मेरे पूरे बदन पे चुम्बनों की बौछार कर दी।

मैं मस्ती से भर उठी…टीवी पे भी चुदाई तेज हो गई थी उस लड़की की आवाजें सुन कर मैंने भी अतुल से कहा ऊ ऊऊ ओह्ह डीयर अतुल मुझे जी भर के चोद दो आज।

अतुल तो तैयार था उसने मेरी ब्रा हटाई और कस के दायें हाथ से मेरे बाएं बोबे को मसलने लगा और अपनी होठों से मेरे दायें बोबे को चूसने लगा मेरा मजा बढ़ता ही ज़ा रहा था।

टीवी में चुदाई का एक सीन ख़त्म हो चुका था और लड़की ने लड़के के लण्ड का सारा रस अपने मुहँ में ले लिया था।

मेरे बदन को चूमता हुआ अतुल मेरी जांघों के बीच पहुँच गया था उसने मेरी पैंटी भी हटा दी थी और मेरी चूत को चाटने लगा था, कभी मेरे दाने को मुँह में लेकर जोर से चूस लेता था और मैं चूतड़ उठा उठा के उसके भीतर के मर्द को उकसा रही थी- हाँ हाँ यूँ ही राजा बहुत मजा आ रहा है !हीई ईइ ऊ ओह ऊऊऊ उह्ह् आ आआ आअ..

तभी उसने मुझा खड़ा किया और मेरे मुँह में अपना लण्ड देकर बोला इसे चूसो मेरे ज़ान! इतनी होट केंडी तुमने आज तक नहीं चूसी होगी।

सच उसके लण्ड का सुपाड़ा बहुत मोटा था। एक बार तो मुझे थोड़ा ख़राब लगा, फ़िर देखा टीवी में लड़की ने फ़िर से लड़के के लण्ड को चूसना शुरू कर दिया था। उसे देखकर मैं भी फ़िर से हिम्मत जुटा कर उसका लण्ड थोड़ा थोड़ा मुँह में लेने लगी। उसने मेरे बाल पकड़ कर एक जोर का धक्का दिया और उसके पूरा लण्ड मेरे मुँह में गले तक चला गया। मैं चीखना चाहती थी पर आवाज मुँह में ही दब गई।

थोड़ी देर मुँह में लण्ड आगे पीछे करने के बाद उसने मुझे सीधा लेटाया और अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी गर्मागर्म चूत पे रख के बोला- अब आँखे बंद कर लो रानी अब जो मजा आएगा वो तुम्हे स्वर्ग का आनंद देगा। मैंने सचमुच आँखे बंद कर ली उसने धीरे से मेरे दोनों चूतड़ों को पकड़ा और धीरे धीरे दो तीन धक्के दिए तब तक पूरा लण्ड अन्दर चला गया था, थोड़ा खून भी निकला था। मैं दर्द से छटपटा रही थी उसने मुझे कस के पकड़ रखा था और मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए थे।

कुछ देर टीवी में ध्यान लगाया। उन दोनों की दूसरी चुदाई देखकर और लड़की को हँसते हुए मजा लेते देख कर मेरे दर्द भी कम हो गया और फ़िर अतुल ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी। साथ ही बीच में वह मेरे बोबे दबा रहा था, चूस रहा था और जोर जोर से धक्के लगा रहा था।

मेरे मुँह से आह ..ऊउह् से हम… ह्ह्हह्ह्ह ह्हूऊम्म् म्माआआअ नुऊंनंह य्य्याआआ धीईईईरे चोदो ! आवाजें निकल रही थी
थोड़ी देर और धक्के लगाने के बाद अतुल ने मुझे घोड़ी बना लिया और फ़िर अपना लण्ड मेरी चूत में पीछे से डाल के धक्के लगाने लगा। मुझे अब ज्यादा मजा आ रहा था मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी- ठीक है! हाँ यार! इसी तरह चोदो ! फाड़ डालो मेरी चूत को।

वह बोला तुम तो शरमा रही थी अब बोलो बहन की लौड़ी कितना मजा आ रहा है ! अतुल के धक्के तेज हो गए थे औए वह लगभग हांफ रहा थे और फ़िर उसने अपना लण्ड चूत से निकाल के मेरे मुँह में डाल दिया। उसके साथ ही उसके लण्ड से पिचकारी छूट गई। मैं पहले तो घबराई, फ़िर उसके वीर्य का स्वाद अच्छा लगने लगा था मैं सारा रस पी गई…!

तो दोस्तों इस तरह उसने डेढ़ घंटे में एक चुदाई पूरी की पर मेरी प्यास तो बढ़ गई थी अगली किश्त में मैं आपको बताउंगी कि कैसे उसने मजे देते हुए 3 घंटे तक चोदा और उसने क्या क्या किया। Antarvasna

प्रेषक : देव Hindi Sex Stories

मैं दिल्ली का रहने Hindi Sex Stories वाला हूँ ! मैं मैंट्रिक तक शिमला में पढ़ा हूँ ! शिमला में मेरा नानी घर है !

बात उन दिनों की है जब मैं अपने ननिहाल शिमला, कॉलेज की छुट्टियों में गया था। मेरी उम्र बीस वर्ष की थी। उन दिनों मेरे कॉलेज में तो छुट्टियाँ थी पर शिमला कॉलेज में नहीं थी। इसलिए मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ शिमला कॉलेज की लड़कियाँ देखने जाया करता था ! मेरे दोस्तों ने मेरी इंट्रो अपनी क्लास की कुछ लड़कियों से करवा दी थी जिनके साथ मैं कॉलेज में सारा दिन बिताया करता था। उनमें से एक लड़की मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान देती थी। उसका नाम अनीता था, उसके पापा आर्मी ऑफिसर थे। उसका पारिवारिक माहौल आर्मी वालों की तरह बोल्ड था।

एक दिन उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर दिया और कहा कि मैं उसे शाम को फ़ोन करूँ। पर मैंने उसे चिढ़ाने के लिय शाम को ना तो उसे फ़ोन किया और ना ही उसकी कॉल का जवाब दिया।

जब अगले दिन हम कॉलेज में मिले तब उसके पूछने पर कि कल तुमने फ़ोन क्यों नहीं किया, मैंने बहुत रूखे ढंग से कहा- मैं किसी और काम में व्यस्त था, सो मुझे तुम्हें फ़ोन करने का ध्यान नहीं रहा !

इस तरह के जवाब से वो बहुत नाराज हो गई और सारा दिन मुझसे बात नहीं की !

उस शाम हमारी एक और फ्रेंड चन्द्रिका के घर पर मैं चाये पीने गया, वहां पर अनीता भी थी। फिर हम तीनों चाय पीते हुए बातें करने लगे ! बातों बातों में चन्द्रिका अनीता को कहने लगी कि देव पर बहुत लड़कियाँ मरती है और हमारे कॉलेज की बहुत सी लड़कियाँ इसकी एक्स-गर्ल-फ्रेंड रह चुकी हैं !

मुझे लगा कि अब मेरे बारे में ये सब कुछ जान कर कम से कम अनीता तो कभी मेरे साथ नहीं फंसेगी ! पर इस बात का असर बिलकुल उल्टा हुआ ! अनीता मेरे बारे में मुझसे और चन्द्रिका से सब कुछ जानना चाहती थी !

मौका देख कर मैंने भी “दिल चाहता है” फिल्म का डायलोग मार दिया- मेरे बारे में इतना सब कुछ पूछ रही हो ! क्या मेरे साथ शादी करने का इरादा है ?

इस बात पर हम सभी हंसे और अपने अपने घर चले गए !

अगले दिन रविवार था, शनिवार रात को मैंने फ़ोन कर के अनीता को अकेले पहाड़ी वाले मंदिर में मिलने के लिए बुलाया, तब उसने जवाब दिया कि वो सोचेगी !

मैंने भी सोचा कि वो कहाँ आयेगी इतनी दूर, वो भी अकेली !!!

मैं अपने मामा के लड़कों के साथ स्विमिंग करने चला गया। मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि रात को मैंने अनीता को मिलने के लिए बुलाया है ! मेरी किस्मत खराब कि स्विमिंग पूल पर मेरा मोबाइल पानी में गिर कर खराब हो गया और उधर अनीता अकेले मंदिर में आ कर मेरा इंतजार करने लगी ! चार घंटों तक वीरान इलाके के मंदिर में वो लड़की मेरा इंतजार करती रही और मैं फ़ुद्दू स्विमिंग पूल में तैरता रहा !

मेरी इस हरकत से अनीता गुस्से से पागल हो कर चन्द्रिका के घर चली गई !

शाम को जब मैं चन्द्रिका के घर गया तो मुझे सारी बात का पता चला ! मैंने उसी समय अनीता को फ़ोन किया पर उसने काट दिया ! मैंने फिर फ़ोन किया तो उसने कहा कि वो मुझसे बात नहीं करना चाहती।

मुझे लगा कि वो मेरे हाथो से निकल गई !

अगले दिन हम कॉलेज मिले तो मैंने अनीता को क्लास बंक कर के मेरे साथ बैठे रहने को कहा, तब वो मान तो गई पर मुझसे कोई बात नहीं कर रही थी ! मैंने कल वाली बात के लिए माफ़ी मांगी तब वो रोनी आवाज में कहने लगी कि उसने कल चार घंटे मेरा इंतजार किया !

तब मैंने उसका हाथ पकड़ कर प्रोपोज किया, और वो कुछ ना बोल पाई!

कुछ दिन यूँ ही निकल गए।

फिर एक दिन वो कॉलेज के बाद मुझे अपने पापा से मिलाने उनके कमांड हेड क्वाटर ले गई ! फिर हमारा मिलना जुलना बढ़ गया और मैं अपने दोस्तों से मोटर साइकिल लेकर कॉलेज टाइम में उसे घुमाने ले जाया करता था !

एक दिन वो कॉलेज नहीं आई तब मैंने उसके घर पर यह पूछने के लिए फ़ोन किया कि वो कब तक आयेगी ! अनीता ने बताया की पापा को टूर पर जाना पड़ा है जिसके कारण आज जीप उसे छोड़ने नहीं आ सकती ! मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैं फ्रेंड की कार ले कर उसके घर उसे लेने चला गया !

उसके घर पर दो बन्दूकधारी सुरक्षाकर्मियों ने जो अनीता की सुरक्षा के लिए थे, मुझे अंदर नहीं जाने दिया ! मैंने फ़ोन कर के अनीता को बताया तो वो जल्दी से बाहर आई ! उसने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि जब भी मैं आऊँ तो मुझे ना रोकें !

मैं उसके घर पर गया और वो फटाफट तैयार होने चली गई ! रास्ते में मैंने पूछा कि उसने मेरे प्रोपोज़ल का कोई जवाब क्यों नहीं दिया तो वो कहने लगी कि लड़की के चुप रहने का मतलब उसकी हाँ होता है!

क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था तो हम शाम सात बजे तक बाजार में घूमते रहे ! जब हम वापिस जाने लगे तो उसने कहा कि वो लोकल बस से चली जाएगी पर मैं जिद कर रहा था कि मैं उसे घर छोड़ कर आऊँगा !

इस बात पर उसने कहा- तुम इतनी दूर से अकेले कैसे आओगे?

तो मैंने कहा- किसी भी तरह आऊँगा पर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूंगा !

उसने कहा कि वो एक बात पर मुझे घर छोड़ने की इजाज़त दे सकती है यदि रात को मैं उसके घर पर ही रुक जाऊँ !

तब मैंने पूछा कि उसके सुरक्षा कर्मी यह बात उसके पापा को बता सकते है !

उसने कहा- मैं उनको छुट्टी दे दूंगी और कहूंगी कि रात मैं अपनी फ्रेंड के घर पर रुकूँगी !

रात मैं उसके घर पर रुका और अपने मामा जी को फ़ोन कर के बोल दिया कि मैं आज अपने दोस्त वरुण के यहाँ हूँ !

रात को हमने इकट्ठे खाना खाया फिर उसने मेरे सोने का इंतजाम अलग कमरे में कर दिया ! रात को हम काफी देर तक बातें करते रहे ! मैंने उसका हाथ पकड़ कर पूछा कि क्या मैं उसके हाथ को चूम सकता हूँ?

तो वो कुछ ना बोली और मैंने किस कर दिया ! उसके बाद तो चुम्बनों की बौछार कर दी उसके हाथों और मुँह पर ! फिर मैंने स्मूच किया ! यह मेरा और उसकी लाइफ का पहला स्मूच था ! पर मैं उस वक्त चोद नहीं पाया क्योंकि वो रोने लगी कि हम यह सब ठीक नहीं कर रहे !

ख़ैर मैंने जोर नहीं दिया क्योंकि मैं चाहता था कि सेक्स से पहले वो सामान्य हो जाए ! हम बाँहों में बाहें डाले सो गए ! थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि अनीता कि सांसें तेज हो रही हैं। मैं समझ गया और धीरे धीरे उसे सहलाने लगा। उसकी सांसें और तेज़ हो गई ! फिर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला ! उसके स्तन ब्रा के साथ दबाए ! वो सिसकारियां भरने लगी ! फिर मैंने उसके और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और हमने अपनी जिंदगी का पहला सम्भोग किया !

इसके बाद हमने कई बार सम्भोग किया ! अब तो उसके सुरक्षा कर्मी भी मुझे पहचानते हैं और जब भी मैं उसके घर जाता हूँ तो सैल्यूट मारते हैं !

यह हमारी कहानी का पहला भाग है ! इसके आगे भी लिखूँगा यदि आप चाहें तो !!!!!!! Hindi Sex Stories

Antarvasna Sex Stories

मेरा नाम राहुल है। मैं Antarvasna Sex Stories अपनी बहन radha के साथ एक किराये के घर में रहता था। हम दोनों कॉलेज में पढ़ते थे। हमारे बहुत से दोस्त हो गये थे, अधिकतर दोस्त तो radha के कारण थे। वह बहुत ही मस्त लड़की थी, लड़कों और लड़कियों से एक सी दोस्ती रखती थी। खास कर वो लड़कों से सेक्स की बातें अधिक करती थी।

हम दोनों भी अक्सर घर में radha के दोस्तों की बातें करते थे। बातें करते समय मुझ में उत्तेजना भर जाती थी। कभी कभी वो लड़कों के बारे ऐसा कुछ कह जाती थी कि मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। यह उसे भी पता था कि सेक्स की बातों से मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है, तब वो मेरा भी मजा देखा करती थी।

उसका ज्यादा झुकाव विनोद की तरफ़ था। विनोद की नजरें भी उस पर थी। radha इस बात को जानती थी। वह नजरें पहचानती थी पर ऐसा भी नहीं था कि मेरी बहन मेरी गंदी नजरों को नहीं पहचानती थी। वो मेरी हर हरकत को देखती थी और मुसकराती थी। पर मैं ही इस मामले पीछे था, बस उसके नाम का मुठ मार लेता था और अपना वीर्य टपका देता था।

सवेरे सवेरे यह बहुत होता था कि मेरी नींद मेरे खड़े लण्ड की वजह से खुल जाती थी और मैं उल्टे लेट कर लण्ड पर चूतड़ों का जोर लगा कर बिस्तर से दबा दबा कर माल निकाल देता था। एक बार दीदी ने मुझे ऐसा करते हुये पकड़ भी लिया था।

वो सो कर उठी ही थी और मैं अपना चेहरा दूसरी ओर किये हुये लण्ड को चूतड़ों से दबा रहा था। बड़ी मीठी मीठी सी गुदगुदी भरा अहसास हो रहा था। मेरा लण्ड मेरी जांघ के जोइन्ट पर बिस्तर पर दबा पड़ा था और दबाने पर एक साईड से बाहर आता था और एक मिठास भर देता था। दीदी मेरे पास खड़ी यह सब देख रही थी।

मेरे चूतड़ों का दबना उसे बहुत भा रहा था शायद। उसने मेरे चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा, पर मैं उस समय चरम सीमा पर था, झड़ने ही वाला था, उसका हाथ मुझे बहुत ही सुहाना लग रहा था। मेरे चूतड़ के उभरे हुये गोल गोल भाग को वो

सहला रही थी। तभी मेरा वीर्य छूट पड़ा। मैं चूतड़ो से लण्ड को दबा दबा कर वीर्य निकालता रहा। तभी मैंने radha के होने के अहसास का नाटक किया।

‘अरे दीदी आप… !’
‘बहुत मजा आ रहा था क्या…’
‘आ…आप क्या कह रही हैं…?’

‘ये पजामे पर इतना सारा माल… सारा पाजामा गीला कर दिया है…तुम बहुत गन्दे हो भैया !’

‘सॉरी दीदी… ‘ मैं शरमा गया और जल्दी से बाथ रूम में भागा। radha खिलखिला कर हंस पड़ी। शायद मेरे चूतड़ को छूने का अहसास उसे हो रहा होगा… क्योंकि मुझे भी उसके हाथों का स्पर्श जिस्म में अभी भी सनसनी पैदा कर रहा था। शरम के मारे ना तो मैंने कुछ कहा और ना ही radha ने कुछ कहा। पर हम दोनों के मन में एक दूसरे लिये एक कसक सी मन में रह गई।

एक दिन विनोद ने मुझसे radha के बारे में कह ही दिया,’यार राहुल… radha से मेरी दोस्ती करा दे ना…!’
‘क्यों… ऐसा क्या है? वैसे भी तुम उसके दोस्त तो हो ना…!’
‘नहीं यार… वैसी दोस्ती नहीं… तुम्हारी अनुमति से मैं उसे चोदना चाहता हूँ, वो भी ऐसा चाहती है !’

‘जब मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा भैया जी !’ मैंने उसे कहा कि अब वो मेरे घर आना जाना शुरू कर दे… रोज मिलोगे तो जरूर बात बन जायेगी।

मेरी बात मान कर उसने अब मेरे घर पर आना जाना आरम्भ कर दिया। पहले तो मैंने उनकी दोस्ती और गहरी कर दी। जब दोनों आंखों ही आंखों में इशारा करने लगे तब मैंने उन्हें अकेला छोड़ दिया। विनोद के आने का समय होता तो मैं उस समय बाहर चला जाता था।
आगे क्या हुआ… अब सुनिये मुझे जैसा विनोद ने बताया।

आज विनोद अपने साथ व्हिस्की की एक बोतल लाया था। उस समय क्रिकेट के किसी मैच का री-प्ले आ रहा था। विनोद और radha दोनों ही उस मैच का मज़ा ले रहे थे। पर radha की निगाहें तो विनोद पर ही जमी थी। यह विनोद को भी पता था। वो उसके समीप ही बैठी थी। तभी धोनी का छक्का पड़ा… विनोद खुशी के मारे radha से लिपट गया। radha भी उसकी बाहों में सिमटती चली गई। अब विनोद ने कोई विरोध नहीं देख कर उसे चूम लिया। radha बस विनोद की तरफ़ टकटकी लगाये देखती रही।

‘ओह माफ़ करना… बुरा मत मानना…’ विनोद ने यूं ही झेंपने का नाटक किया।
radha खिलखिला कर हंस पड़ी,’बड़ी मस्ती आ रही है…?’
‘ये दारू का कसूर है… मेरा नहीं !’
‘अच्छा तो मुझे भी इसका अनुभव कराओ… देखें तो दारू पीने से कितनी मस्ती आती है !’

उसने radha को एक पेग बना कर दिया। जिसे वो धीरे धीरे पूरा पी गई। फिर उसने दूसरा पेग भी धीरे धीरे करके पूरा पी लिया। इतनी देर में radha को अच्छा नशा चढ़ गया था।

‘दारू कड़वी जरूर होती है पर देखो कितना मजा आ रहा है…!’ विनोद ने radha को अपनी ओर खींचा और radha जान करके उसकी गोदी में बैठ गई। विनोद radha की नरम गाण्ड में अपना कड़क लण्ड दबाता हुआ उसे प्यार करने लगा। उसके कड़क लण्ड का अह्सास पा कर उसने अपनी गाण्ड को उसके लण्ड पर ठीक से सेट कर लिया। दोनों ही अब कुछ करने के मूड में थे। टीवी कोई नहीं देख रहा था। विनोद के हाथ radha की चूंचियों पर मचल उठे। radha के मुख से आह निकल पड़ी।

उसने radha का टॉप उतारना आरम्भ कर दिया। radha ने दबा हुआ सा विरोध किया पर ज्यादा समय तक अपने आप को नहीं सम्भाल पाई। उसके मन भी वासना का तूफ़ान उठा हुआ था। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। नशे में भला कितना विरोध करती।

विनोद ने उसके दुबले पतले शरीर को हाथों में ले लिया। radha ने भी अपनी बाहें उसके गले में डाल दी। दोनों एक दूसरे को चूमते हुये अन्दर बेड रूम मे आ गये। विनोद radha का टॉप तो पहले उतार चुका था। ब्रा का हुक खोल कर उसकी चूंचियों को आज़ाद कर दिया। विनोद ने अपने कपड़े उतारे और अब radha का तंग पजामा भी उतार दिया।

radha तो बिस्तर पर पड़ी अपनी दोनों टांगें खोले हुये नशे में पड़ी हुई थी। विनोद ने अपना लण्ड सहलाया और उसके ऊपर जाकर लेट गया। उसकी चूंचिया दबा कर मसलने लगा। उसकी चूत के पट खोल कर अपने लण्ड को बीच में रख दिया औए लण्ड को दबाते हुये अन्दर घुसेड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया। radha के मुख से एक सिसकारी निकली और और विनोद को कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया। लण्ड चूत की गहराई में उतर चुका था।

radha के मुख से स्वर की मालाये निकल उठी,’आह्ह्ह्… विनोऽऽऽद चोद दो मुझे… हा रे…’
‘कुछ मत कहो radha… मेरा लण्ड भी बेताब हो रहा है…’ उसने चूत में लण्ड दबाते हुये कहा।
‘हाय रे इतना मस्त… मोटा लण्ड… कहा छुपा रखा था रे…’

‘हं… हं… बस ना बोलो… लण्ड का मजा लो…’ उसने धक्के लगाने शुरू कर दिये थे। दोनों ही नशे में चूर चुदाई कर रहे थे। उनके शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी। दूसरे कमरे में क्रिकेट की कमेन्ट्री चल रही थी और यहां चुदाई लाईव चल रही थी। कुछ ही देर में दोनों ने पल्टा मारा और अब radha विनोद को चोद रही थी। उसके लण्ड पर बैठ कर अपनी चूत में पूरा ठोक रही थी और चीखती भी जा रही थी। उसकी बच्चेदानी पर विनोद का मुलायम टोपा बार बार रगड़ मार रहा था… और radha की मस्ती बढ़ती जा रही थी।

उसके उछलते हुये बोबे के निपल विनोद दोनों अंगुलियों से मसक रहा था। जो उसे दुगना मजा दे रहा था। अब वो विनोद के ऊपर धीरे से लेट गई और अपनी चूत लण्ड पर पटकने लगी। तभी विनोद ने उसे दबा कर एक पल्टी और मारी और एक बार फिर से radha पर चढ़ गया। इस बार विनोद के धक्के कहर बरपा रहे थे, कस कस जोरदार धक्के मार रहा था। शायद चरम सीमा पर पहुँच गया थ वो।

‘मेरी जान… तेरी भोसड़ी… हाय रे… मर गया… ले ले और चुद जा साली… हारामी… खा मेरा लण्ड !’

‘मार दे मेरी चूत… राजा मैं तो गई… चोद इस रण्डी चूत को… मां मेरी… विनोऽऽऽद… गई मैं तो… आआईईईऽऽऽ… ओह्ह्ह विनोऽऽऽद’ और radha हांफ़ती हुई झड़ने लगी। तभी विनोद का लण्ड भी छूटने लगा… उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया उसने और एक तेज लहर लण्ड में से निकल पड़ी।

फ़ुहारें radha के जिस्म पर फ़ैलने लगी। रुक रुक कर फ़ुहारों से समापन समारोह होने लगा। दोनों पूरी तरह से झड़ चुके थे। विनोद उसके ऊपर से उठ गया और बिस्तर से नीचे आ गया। तौलिये से radha का बदन साफ़ किया और अपने कपड़े पहने लगा। नशे में radha ने उसे और चोदने के लिये बुलाना चाहा पर उसने एक चादर मुझे ओढ़ दी और बाहर चला गया।

मेरे दरवाजे पर औटोमेटिक लॉक लगा था। सो उसके जाते ही दरवाजा बन्द हो गया। अभी मुझे आने में घण्टे भर की देर थी… सो radha ने सोचा अभी थोड़ी देर में उठ कर फ़्रेश हो लूंगी पर नशे में आंखे बंद होती गई और वो सो गई।

मैं अपने निर्धारित समय पर घर आ गया था। दरवाजा खोल कर मैं अन्दर आया तो देखा टीवी चल रहा था और कमरे में कोई नहीं था। मैं अन्दर बेडरूम में गया तो देखा कि radha बिस्तर पर एक करवट पर पड़ी मदमस्त नंगी सो रही थी। पास मे ही चादर ढुलकी हुई पड़ी थी। उसके मस्ताने चूतड़ देख कर मैं तो पगला गया।

चाहे वो मेरी बहन थी पर अभी तो जवानी से भरी पूरी एक नवयौवना थी। मेरा लण्ड ठनक उठा… फ़ड़फ़ड़ा गया… सुपाड़े में से गीलापन बाहर आ गया। पास जाकर देखा तो उसके मुख से दारू की खुशबू आ रही थी। मैंने भी बची हुई दारू पी और काजू चबाने लगा। मैंने अपने कपड़े भी आराम से धीरे धीरे उतार दिये। पूरी दारू समाप्त करके मैंने अपने शरीर को निहारा। मेरा लण्ड कड़क हो रहा था।

मैंने उसकी चादर पूरी हटा दी और नंगा हो कर उसकी पीठ से चिपक गया। उसके नंगे शरीर का स्पर्श पा कर मेरा जिस्म एक बारगी झनझना गया। वो नशे मे थोड़ा सा हिली। मैंने पास पड़ी क्रीम अपने लण्ड पर लपेट ली और उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दिया। अब मैंने उसके बोबे पकड़ लिये और उसे प्यार से दबाना चालू कर दिया। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में दबा दिया।

उसने नशे में मुड़ कर पीछे मुझे देखा और मुसकराई…’भैया… आह्ह्ह… आप हो… क्या करोगे… जरा धीरे मसलो…’ उसे मालूम हो गया कि उसे अब और मस्ती मिलने वाली है।
‘दीदी… विनोद ने आपको चोद दिया ना… मजा आया…’ मैंने उसे उकसाने की कोशिश की।

‘तेरा दोस्त बड़ा प्यारा है… मस्त है… देखो ना ! चोद कर कैसा बेहाल कर गया है… अरे हाय रे नीचे तू बड़ी गुदगुदी कर रहा है… देख तो घुसा जा रहा है !’ नशे में कराहती सी बोली।

‘अब दीदी… गाण्ड चुदा ले… मेरा लण्ड भी देख कितना फ़ड़क रहा है… मैंने तेरे नाम के जाने कितने मुठ मारे होंगे !’
‘जानती हूँ ना रे भैया… पर मुठ मत मारा कर, मैं तो हू ना तेरे ही पास… दोनों प्यास बुझा लिया करेंगे… देख तो तेरा प्यारा लण्ड पाने को मैं कितनी आतुर थी… पर तू तो बुद्धू है।’

‘ओह… मेरी प्यारी दीदी…’ और मेरे लण्ड का जोर उसकी गाण्ड की छेद पर बढ़ गया। और एक मिठास भरी गुदगुदी के साथ छेद में घुस गया।

‘तेरी प्यारी सी, मोटी सी गाण्ड मार कर तो मुझे मजा आ जायेगा, दीदी फिर चूत का मजा भी देगी ना?’
‘चल गाण्ड तो मार ना… चूत का तो तेरे पास देखना ढेर लगा दूंगी, मेरी सारी सहेलियाँ तुझ से ही चुदने आयेंगी, देखना तो !… हाय… मार दी रे मेरी प्यारी सी गाण्ड…’ मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की गहराइयों में घुसता चला गया।
‘सच मेरी दीदी… मुझे तेरी सहेलियों की चूत मिलेगी ना…’ उसकी बातें मेरे दिल में गड़ी जा रही थी। मुझे चूतें ही चूतें नजर आने लगी और मेरा लण्ड भी उफ़ान पर आ गया।
‘तेरी गाण्ड है कि चूत… लण्ड को लपक लपक कर ले रही है !’ मैंने आह भरते हुये कहा।

‘क्या करूं रे… मोमबत्ती से मेरी गाण्ड का छेद बहुत बड़ा हो गया है… साली कठोर पत्थर जैसी थी… लण्ड जैसी कोमलता उसमें कहां… चल पेल दे लण्ड… चोद दे मेरी गाण्ड…’ उसने अपनी गाण्ड के नीचे अब उसने तकिया भी घुसा लिया था।
radha की मस्त गाण्ड मारने का मजा आ रहा था।

‘मैंने पहली बार किसी लड़की की गाण्ड मारी है दीदी !’ मैंने गाण्ड चुदाई के नशे में कहा।
‘इसके लिये तुझे दीदी ही मिली थी क्या? अच्छा चूत कितनों की मारी है?’ दीदी ने हंस कर पूछा।
‘वो भी पहली बार आपकी ही मारनी है… ‘ मैंने कुछ चुलबुलेपन से कहा।
‘अच्छा चल निकाल और चूत भी मार ले मेरी…’ radha ने प्यार से कहा।

मैंने लण्ड गाण्ड से निकाल दिया और और उसे सीधा लेटा दिया और तकिया एक तरफ़ कर दिया। हम दोनों फिर से लिपट गये और चूत लण्ड को और लण्ड चूत को टटोलने लगी। जल्दी ही रास्ता ढूंढ कर एक दूसरे में समा गये। हमारे अधर आपस में जुड़ गये और मनोहर चुदाई चालू हो गई। दोनों के मुख से दारू की महक के भभके निकल रहे थे… पर वासना में सब कुछ चलता है।

दोनों की कमर मटकने लग़ी और radha बड़े ही सरल तरीके से सौम्यता से चुदने लगी। radha ने अपने दोनों पांव मेरी कमर से लपेट लिये और चूत पूरी खोल दी। अब सब कुछ प्यार से हो रहा था। नशे में दोनों ने आंखे मूंद रखी थी और चूतड़ ऊपर नीचे एक लय मे चल रहे थे। अचानक radha की चूत का कसाव बढ़ गया और उह… उह… मुख से बोल फ़ूटने लगे… और फिर उसने मुझे ऐसा जोर से जकड़ा कि मेरा वीर्य भी चूत की कसावट के मारे छूट पड़ा।

हम दोनों ही चूतड़ों का जोर लगा कर अपना अपना माल निकालने में लगे हुये थे।

चूत के आस पास दोनों का यौवन रस एकत्र हो गया था और चिकनापन और चिपचिपापन हो गया था। चादर गीली हो गई थी। radha नशे में थी सो झड़ने के बाद वह गहरी नींद मे सो गई थी। मैं भी उठा और अपने बिस्तर पर जा कर लेट गया। मेरे मन में अनेक लड़कियों को चोदने का प्लान बना रहा था, पर दारू के नशे ने मुझे अधिक नहीं सोचने दिया… और गहरी और सन्तुष्टि की नींद में खोने लगा… और जाने कब निंदिया रानी ने मुझे दबोच लिया… Antarvasna Sex Stories

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