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Massage Girl in Kollam: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kollam who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kollam that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kollam massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kollam who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kollam massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kollam massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kollam who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kollam employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kollam helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kollam

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kollam at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Indian Sex Stories

दोस्तो, मैं मोहन एक Indian Sex Stories बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मुझे बहुत खुशी हुई कि आप सबने मेरी पहली कहानी किराएदार और उसकी बेटी की काफी सराहना की और इसी के कारण मैं आप के सामने एक बार हाज़िर हूँ एक नई कहानी लेकर। आशा करता हूँ कि आप सब इसे काफी पसन्द करेंगे।

मेरे बड़े भाई की शादी को 3 साल हो गए हैं। मेरी भाभी उत्तर प्रदेश की हैं, और काफ़ी सुन्दर हैं। उनकी फिगर किसी हिरोइन से कम नहीं है और जब से वो मेरे घर में आई, तभी से मेरा लण्ड उनकी चूत में घुसने के लिए काफ़ी परेशान रहने लगा। मैं कभी-कभी उनकी चूत की कल्पना करके मुट्ठ भी मारने लगा। यह सिलसिला काफ़ी दिनों तक चला। पर एक दिन ऐसा आया जिसके कारण मेरी दिली तमन्ना पूरी हो गई।

हुआ यूँ कि एक बार भाभी अपने मायके गई हुईं थीं और काफ़ी दिनों तक वहाँ रहीं। भैया की नौकरी दूसरे जिले में होने के कारण वो भी बाहर ही थे और भाभी को वापस लाने के लिए पापा ने मुझे ही कहा। मैं भाभी को लेने के लिए उनके मायके गया। वहाँ मेरा काफ़ी स्वागत-सत्कार हुआ।

जब मैं उनके घर पहुँचा तो भाभी नहा रहीं थीं। बाथरूम घर के अन्दर ही था। बाथरूम के ठीक बाहर मैं कुर्सी पर बैठा था। कुछ ही देर में बाथरूम का द्वार खुला। मैंने उन्हें देखा तो मेरी नज़रें उन्हें देखती ही रह गईं। क्योंकि वो उस वक्त केवल पेटीकोट में थीं। उन्हें पता नहीं था कि बाहर कोई बैठा है। उन्होंने मुझे देखते ही दरवाजा बन्द कर लिया, फिर कुछ देर में पूरे कपड़े पहन कर बाहर निकलीं।

मुस्कुरा कर मुझसे पूछा- अरे देवरजी, आप कब आए?

‘अभी आधा घण्टा पहले’- मैंने उत्तर दिया।

फिर उन्होंने मुझे खाना खिलाया और आराम करने के लिए मेरा बिस्तर छत पर लगा दिया। मैं छत पर सोने के लिए चला गया। बिस्तर पर पड़ते ही मुझे वह क्षण याद आया जब भाभी नहाकर निकलीं थीं। उसी क्षण को याद करके मैंने मुट्ठ मारी और कुछ ही देर में सो गया।

शाम को करीब चार बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि भाभी मेरे सामने खड़ी हैं और मुस्कुरा कर कहती हैं- अरे देवरजी, उठो शाम हो गई है।’ मैं तुरंत उठकर खड़ा हो गया, और तैयार होने लगा। इतने में भाभी ने कहा- अरे देवरजी, यह चादर में अकड़न कैसी है?’ मैं घबरा गया, पर वह मुस्कुरा कर नीचे चली गईं।

मैं समझ गया कि भाभी को सब पता चल गया है। कुछ देर बाद मैं भी नीचे चला आया। भाभी ने नाश्ता दिया। कुछ देर बाद भाभी ने कहा- चलिए मैं आपको गाँव का मेला दिखा लाती हूँ।’

मैं तैयार हो गया। भाभी और मैं मेले की ओर चल पड़े। रास्ते में भाभी के खेत पड़ते थे जो कि काफ़ी दूर तक फैले हुए थे। वहीं पर एक झोपड़ी भी थी। मैंने पूछा कि ये झोपड़ी किसकी है, तो भाभी बोलीं कि मेरे पिताजी की। वो कभी-कभी यहाँ रात में सोते हैं। हम झोपड़ी की ओर बढ़ गए क्योंकि हम कुछ थक गए थे।

वहाँ पड़ी चारपाई पर मैं लेट गया और भाभी मेरे पास बैठ गईं। कुछ ही देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि वो रो रही हैं। मैंने उठकर देखा तो उनकी आँखों से आँसू गिर रहे थे। मैंने चौंक कर उनसे पूछा तो उन्होंने कहा- क्या बताऊँ देवरजी, जबसे मेरी शादी आपके भैया से हुई है, ऐसा लगता है कि जैसे मेरी क़िस्मत ही फूट गई है।’

‘कैसे?’- मैंने कारण जानना चाहा।

‘एक औरत अपने पति से क्या चाहती है… प्यार। लेकिन मेरी किस्मत में तो प्यार है ही नहीं। आपके भैया हमेशा बाहर ही रहते हैं जिस कारण से मेरे प्यार करने की चाह पूरी नहीं हो पाती है। अब आप ही बताइए कि मैं क्या करूँ?’

‘ये आप कैसी बातें कर रहीं हैं?’
‘क्यों, अपने भाई की बुराई सुनी नहीं जाती। अगर ऐसा है तो तुम ही मेरी इच्छा पूरी क्यों नहीं कर देते!’
‘ये आप क्या कह रहीं हैं? कैसी इच्छा पूरी करूँ मैं? मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा।’

भाभी ने तब मुस्कुराते हुए कहा- अच्छा, अभी तो अंजान बन रहे हो, पर चादर में जो अकड़न थी, वो मुझे पता है कि वह कैसे हुआ था। अरे देवरजी अपने लंड का पानी बेकार में क्यों बहा रहे हो? उसे उसकी सही जगह में बहाओ।’

‘अभी तो सही जगह मिली ही नहीं, तो मैं क्या करूँ?’- मैंने तपाक से कहा।

‘चलो, अब मैं आपको सही जगह बता देती हूँ। आप अपना पानी इस चूत में बहाओ’ यह कहते हुए उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत के ऊपर रख दिया। उसमें से पहले से ही गरम पानी निकल रहा था, जिससे मेरा हाथ गीला हो गया। भाभी ने अन्दर कुछ भी नहीं पहन रखा था।

अब भाभी ने मेरे पैंट की ज़िप खोल दी और मेरे तन्नाए हुए लंड को पकड़ कर बाहर निकाल लिया जो कि साँप की तरह फुँफकार रहा था। उसे उन्होंने तुरन्त अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। मुझे मजा आने लगा। कुछ ही देर में मेरे लंड ने अपना पानी गिराना चाहा तो मैंने भाभी को कहा कि अपने मुँह से मेरा लंड निकाल दे। लेकिन उन्होंने चूसने की गति और बढ़ा दी, जिससे मेरा पानी उनके मुँह में ही गिर गया, जिसे भाभी ने बड़े चाव से गटक लिया।

उन्होंने अब भी मेरा लंड मुँह से बाहर नहीं निकाला, और चूसती रहीं। कुछ देर में मेरा लंड वापस तैयार हो गया। फिर भाभी ने मुझे खड़ा किया और ख़ुद चारपाई पर चित्त लेट गईं और कहा- अब चोद दो देवरजी। अब मैं पूरी तरह से तैयार हूँ। मेरी चूत की खुजली मिटा दो।’

मैंने अपने लंड को भाभी की चूत की छेद पर रखकर एक क़रारा झटका मारा जिससे मेरा आधा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। भाभी चिल्लाई- अअअअआआआआआ… मरी… मेरे… रा…जाआआआ…

मैंने पूछा- ‘क्या हुआ भाभी?’
तो उन्होंने कहा- आज पहली बार, इतना मोटा लंड मेरी चूत में घुसा है, दर्द हो रहा है।’
‘अब क्या करूँ, बाहर निकाल लूँ?’
‘नहीं… मेरी चूचियों को चूसो।’

मैंने ऐसा ही किया। कुछ ही देर में भाभी ने अपनी गांड उछालनी शुरू कर दी। मेरी समझ में आ गया कि अब भाभी तैयार हैं। मैंने अपनी गति बढ़ा दी और तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई करने लगा। वह भी नीचे से अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी। मुझे काफ़ी मजा आ रहा था और भाभी भी बड़े मज़े से अपनी चुदाई करवा रहीं थीं।

कुछ देर के बाद भाभी ने अपनी गांड उछालने की रफ़्तार को और बढ़ाया और कहा- ‘अब मैं झड़ने वाली हूँ। और तेज़ देवरजी, और तेज़। आज तो मैं निहाल हो जाना चाहती हूँ… चोदो मेरे मोहना… चोदो… फाड़ दो मेरी चूत को… भुर्त्ता बना दो इस मादरचोद का।’

मैंने अपनी गति और भी बढ़ा दी और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मेरे लंड को भाभी ने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं तो मैंने पूछा- अब क्यों चूस हो रही हो मेरा लंड?’

‘अभी चुदाई पूरी कहाँ हुई है, अभी तो मेरी गांड भी प्यासी है, उसे कौन मारेगा?’- भाभी ने समझाया।
‘ठीक है, चलो, अब कुतिया बन जाओ, मैं तुम्हारी गांड मारने के लिए तैयार हूँ।’

वह तुरंत कुतिया बन गई और मैं उसके पीछे आ गया और उसकी गांड में पहले थूक लगाई, फिर गांड को फैलाकर अपना लंड उसकी गांड की छेद पर रखकर एक धक्का मारा तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया। वह चीख पड़ी, पर मैंने कोई रहम नहीं किया और एक और ज़ोरदार धक्का मार दिया। मेरा लंड पूरा का पूरा जड़ तक उसकी गांड में घुस गया। फिर मैंने तेज़ी के साथ उसकी गांड मारनी शुरु कर दी।

कुछ देर के बाद उसने भी अपनी गांड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया। मैंने करीब 10 मिनट तक उसकी गांड मारी और अपना पानी उसकी गांड के अन्दर ही गिरा दिया, फिर हम एक-दूसरे से लिपटकर सो गए। करीब एक घण्टे के बाद हमारी नींद खुली तो हम तैयार होकर घर की ओर वापस चले आए।

उस दिन के बाद जब भी मुझे मौक़ा मिलता मैं भाभी की ख़ूब चुदाई करता।

आपको यह कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर मेल कीजिए। Indian Sex Stories

Antarvasna stories

लेखक: जतीन, हाय Antarvasna, अपनी पहली कहानी में मैंने बताया की मेरा दोस्त नवीन रसोई में मेरी भाभी के मम्मे दबा रहा था, किस भी कर रहा था लेकिन उन्होंने ज्यादा कुछ नही किया मै घर में था। मुझे पता था कि वो भाभी को खूब दबा के चोदेगा। मैं देखना चाहता था कि वो यह सब कैसे करता है, मैने एक योजना बनाई और उन दोनों को मूवी देखने जाने के लिये कहा। पहले तो वो मना करने लगी पर जब मैने बताया कि नवीन भी है तो मान गयी।

भाभी ने गहरे गुलाबी रंग का स्लीव्लैस सूट पहना। उनके बूब्स उस तंग सूट में काफ़ी उभर आये थे और वो बहुत प्यारी और सेक्सी लग रही थी। नवीन अपनी बाइक पर आया तो मैने भाभी से कहा कि मेरे स्कूटर में हवा कम है इसलिये वो सनी के बाइक पर बैठ जायें। वो मान गयी औरतके पीछे बैठ गयी। मैं आराम से पीछे आ रहा था, तो मैने देखा कि वो बार बार ब्रेक मार रहा था और भाभी उसके ऊपर झुकी हुई थी और उसके मोटे मम्मे उसकी पीठ पर गड़े जा रहे थे। वूऊऊओ, साले को कितने मजे आ रहे होंगे मैं सोच कर ही एक्साइट हो रहा था। दोनो पता नहीं क्या बात कर रहे थे पर भाभी हंस रही थी। प्लान बना कर मैं ने ऐसी मूवी का टिकट लिया जिसमे कम भीड़ थी। हम मूवी देखने लगे। थोड़ी देर बाद मैं ने महसूस किआ कि भाभी जो हम दोनो के बीच में बैठी हुई थी थोड़ी बेचैन हो रही है।

मैं ने अंधेरे में नजर घुमाई तो देखा उसने एक हाथ भाभी के मम्मे पे रखा हुआ है और दबा रहा था। ऊऊऊऊऊओ। यहां भी वो कोई मौका नहीं छोड़ रहा था धीरे धीरे वो अपने हाथ नीचे ले गया और सूट के अंदर डाल दिआ, उसका हाथ उनकी टांगो के बीच था। वो उसका हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी पर शायद उन्हे मजा भी आ रहा था। मैं समझ गया कि मेरे रहते कुछ नहीं होगा सो मैं ने फोन आने का बहाना बनाया। उनहे बताया कि मुझे अर्जेन्ट काम से जाना पड़ रहा है और वो मूवी देख के घर चले जायें मैं बाद में आ जाउंगा।

मैं हाल के बाहर पहुंचा और एक कोने से उन्हे देखने लगा थोड़ी देर मैं दोनो के बाहर आते देखा। दोनो बाइक पर बैठ कर निकल गये। मैं ने पीछा किया तो देखा कि वो एक होटल में चले गये। मैं ने सोचा था कि शायद वो घर ले जायेगा पर होटल में नहीं सोचा था। मैं अंदर गया और रिसेप्शन पे थोड़ी पूछ ताछ करने की कोशिश करी पर कुछ हाथ नहीं आया मैं मायूस हो रहा था उन्हे करीब २० मिनट हो गये थे और मैं सोच कर परेशान हो रहा था कि वहां क्या चल रहा होगा। जब मुझसे नहीं रुका गया तो मैं ने नवीन का फोन लगाया। बेल जाती रही पर उसने नहीं उठाया। वो ऐसी कंडीशन में थे कि उस समय फोन नहीं उठा सकता हो। मै बहुत बेचैन हो उठा।

मैं काल पे काल करता रहा आखिर उसने उठाया तो मैं ने बोला कहां हो यार।

पूछने लगा क्या हुआ, उसकी आवाज़ मेँ गुस्सा था। मैं ने बोला मेरा प्रोग्राम केन्सल हो गया है और मैं हाल के बाहर उनका इंतजार कर रहा हूं।वो कुछ देर चुप रहा मैं ने पूछा क्या हुआ? तो बोला यार मूवी अच्छी नहीं थी इसलिये हम बाहर आ गये और अब मार्केट में हैं, भाभी को शोपिंग करनी थी मेरी भाभी को किस चीज़ की शोपिंग करा रहा था मैं सब समझ रहा था। मैं ने कहा मुझे शोप बताओ मैं वहीं आता हूं, गुस्से में उसने भाभी को फोन दिया और बोला भाभी बतायेंगी।

जब मैं भाभी से बात कर रहा था उनकी सांसे फ़ूली हुई लग रही थी। बीच बीच में रुक रही थी, शायद मेरे से बात करते वक्त वो उनके साथ कुछ कर रहा था, अंतत: उन्होने मुझे एक शोप पे बुला लिया। थोड़ी देर में दोनो तेजी से होटल के बाहर आये जब वो घर से गयी थी उनके बाल बंधे हुए थे और अब बाल खुल गये थे मुझे वो एक शोप में मिले तो नवीन नाराज सा दिख रहा था और भाभी बहुत बेचैन और परेशान थी पर मुझे उनके चेहरे के भाव देख कर मजा आ रहा था लेकिन और मजा आता अगर दोनो को एक्शन में देखता। इसके लिये मैं ने एक और प्लान सोचा है जो जल्दी ही पूरा होगा, जब दोनो को एक होता हुआ देखुंगा। Antarvasna

Sex stories

मैं रीना Sex stories, मैं ३९ साल की हूं। शादी शुदा हूं। किस्मत अच्छी है कि मैं आज भी बहुत सुन्दर, सेक्सी हूं, मुझे पता है कि कई लंड वाले मेरी स्टोरी पढ़कर मुझे चोदना चाहेंगे

लेकिन मैं लिस्बो हूं मुझे लड़कियों से सेक्स की बाते करना और फ़ोरप्ले करना अच्छा लगता है इसलिये लड़कों, मेरी कहानी पढ़कर अपना लंड हिलाकर शांत हो जाना लेकिन गर्ल्स मुझे रेप्लय करना। १० साल पुरानी घटना है मैं आपसे अपना एक एक्सपेरिएंस बताती हूँ बात ११ साल पहले की है मेरी ननद का लड़का (विज्जु) जिसकी उमर १७-१८ साल थी एक्साम देने के लिये हमारे घर आया मेरे पति न दिनो टूर पर ज्यादा रहते थे इसलिये मैं सेक्स के लिये परेशान रहती थी। घर में सिर्फ़ दो रूम थे जिस कारण विज्जु से मुझे चिड़ हो रही थी कि इसकी बजह से मेरे जीवन का आनंद जा रहा है, उस दिन पति रात की ट्रेन से ७ दिन के लिये बाहर जाने वाले थे पति ने बोला वह दोपहर को आ जायेंगे जब विज्जु कोलेज में रहेगा और बच्चों को सुला देंगे फिर प्यार से सेक्स करेंगे क्योंकि ७ दिन नहीं मिलेगा।

मैं बहुत खुश थी मैं ने नहाने से पहले शेव की बहुत सुन्दर सेक्सी अंडर गारमेंट्स और साड़ी पहनी लेकिन मेरी किस्मत खराब, पहले तो पति लेट हो गये और जैसे ही वह आये पीछे से विज्जु भी आ गया मेरा दिमाग खराब हो गया मैं फालतू में विज्जु को डाटने लगी, पति भी मुझ पर नाराज़ हो गये कहने लगे जीवन पड़ा है, क्यों परेशान हूं फिर मैं मन मार कर उनके जाने की तैयारी करने लगी बारिश के दिन थे पानी गिरने लगा पति की ट्रेन १० बजे रात की थी मैने जल्दी खाना सब को खिला दिया ९ बजे करीब पति अंदर किचन में आये मुझे पीछे से पकड़कर चूमा-चाटी करने लगे, उनका हथियार अपने नितम्बों पर महसूस करके बहुत उत्तेजित हो गयी मैं ने पति को बताया आज की तैयारी में मैं ने क्या-क्या किया पति ने साड़ी के अंदर मेरी पैंटी में हाथ डालकर मेरी चिकनी चूत सहलायी।

मैं ने उनके हथियार को हाथों से सहलाया मेरी चूत चुदाई के लिये तैयार हो गयी थी गीली होने लगी, इतने में विज्जु ने आवाज़ दी “मामा, ट्रेन का समय हो गया चलो” फिर विज्जु उन्हे स्कूटर से छोड़ने स्टेशन चला गया, मैं हाल में लेटकर टीवी देखने लगी मैं बहुत गरम महसूस कर रही थी और मुझे अपनी किस्मत पर भी रोना आ रहा था मे उत्तेजना से भरकर अपनी साड़ी में हाथ डालकर अपनी बुर को सहलाने लगी, इतने में स्कूटर की आवाज आयी मैं ने अपने कपड़े सही किये दरवाज़ा खोला विज्जु भीग कर आया था मैने उसे गुस्से से “बोला जल्दी पोंछ कर कपड़े बदल ले वरना तबियत खराब हो गयी तो हमारी ही मुसीबत होगी”

वो सहम गया मैं अंदर रूम में चली गयी रूम का दरवाज़ा बंद करने आयी तो देखा विज्जु अपनी गीली बनियान उतार रहा था उसकी नंगी पीठ देखकर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और मैं हाल में आ गयी और कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए तिरछी नज़र से उसे देखने लगी फिर उसने अपनी पैंट उतारी उसकी अंडरवेअर सफेद थी जो गीली होने से विज्जु के शरीर से चिपक गयी थी मैने देखा विज्जु का काला लंड मुड़ा हुआ साफ़ दिख रहा था वह भरपूर मोटा था जबकि खड़ा नहीं था, काले-काले बाल भी नज़र आ रहे थे और उसके लंड का गुलाबी सुपाड़ा तो एकदम चमक रहा था, वह मुझे भरपूर मर्द का जवान लंड दिख रहा था जिसे हर कोई औरत अपनी चूत में डलवाना चाहेगी चाहे वह सती सावित्री क्यो न हो, मेरी हालत जवान लड़के को अपने इतने करीब नंगा देखकर बहुत खराब हो गयी और मैं सपने में भी नहीं सोच सकी कि विज्जु इतना जवान है उसके शरीर को देखकर मैं रिश्ते को भूल गयी मैं ने सोचा रात को इसका मज़ा लेना है जो होगा देखा जायेगा फिर विज्जु ने कपड़े पहन लिये, फिर विज्जु बिस्तर पर लेट गया मैं अपने रूम में आ गयी और मैने अपनी साड़ी, ब्लाउज़ ब्रा और पेटीकोट उतार कर नाइटी पहन ली।

हमारा बाथरूम पीछे आंगन में था रात के करीब ११ बज रहे थे, मैने विज्जु को आवाज़ दी वह बोला जी मामी मैने कहा मुझे पीछे पेशाब जाना है डर लग रहा है, तू साथ चल मैने पीछे की लाइट जलायी और बाथरूम के बाहर नाली के पास जाकर अपनी नाइटी उठाई कमर के ऊपर और धीरे से अपनी पैंटी सरकाई ताकि विज्जु मेरी चिकनी टांग और गांड आराम से देख सके और बैठ गयी, विज्जु मेरे पीछे ही खड़ा था मैने पीछे देखते हुआ बोला जाना मत, वह बोला जी मामी फिर मैं विज्जु की मुंह की तरफ़ होकर खड़ी हुई फिर मैं ने अपनी नाइटी कमर से ऊपर उठा कर पैंटी पहनी ताकि विज्जु को मेरी साफ़ चूत दिख जाये और वह भी बहक जाये विज्जु की आंखों में शरम थी लेकिन वह मेरी चूत और नंगी जांघों को देख रहा था लेकिन वह वापस जाकर सो गया मैं अपने रूम में आयी और सोचा विज्जु को आवाज देकर अपने पास बुलाऊं लेकिन डर लग रहा था कही कुछ गलत तो नहीं हो रहा है लेकिन मेरी सांस तेज़-तेज़ चल रही थी और मेरी चूत चिल्ला कर कह रही थी कि उसे लंड चाहिये मेरी हालत पागलों जैसी हो गयी मैं उठ कर बैठ गयी, विज्जु के कमरे की लाइट जल रही थी मैने धीरे से उठ कर विज्जु के रूम में झांका वह उल्टा होकर सो रहा था फ़िर मेरा हाथ अपने आप अपनी चूत पर जा रहा था, समझ नहीं आ रहा था कि कैसे शुरुआत करूं।

तभी मैने महसूस किया कि विज्जु कुछ हिल रहा है (जैसे आदमी औरत के ऊपर होकर हिलता है वैसे) मुझे समझते देर नहीं लगी कि वह मेरी नंगी जांघों को और चिकनी चूत को देखकर उत्तेजित हो गया है और अपना पनी निकालने की तैयारी में है मैने समय गंवाये बिना विज्जु के रूम में चली गयी मैं ने देखा विज्जु ने धीरे से अपनी आंख खोल कर मुझे देखा और सोने का नाटक करने लगा मैं कुरसी पर बैठ गयी मैने सोचा देखूं अब विज्जु हिलता है या नहीं यदि हिलेगा तो उससे खुल कर चुदवाने का बोल दूंगी लेकिन १०-१२ मिनट में साला बिल्कुल नहीं हिला और मेरी हालत खराब हुये जा रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं रात के करीब १ बज गये थे फ़िर मैं ने टीवी ओन कर दिया और देखने लगी तभी विज्जु आंख घिसते हुए उठ कर बैठ गया कहने लगा, क्या हुआ मामी, सो क्यों नहीं रही हो? मैने बोला नींद नहीं आ रही। दुख रहा है विज्जु ने कहा क्या सर दुख रहा है? मैने कहा नहीं पूरा शरीर दुख रहा है, विज्जु ने कहा तबियत तो ठीक है, मैने कहा हां विज्जु बोला मैं कुछ मदद करूं, मैं ने कहा, प्लीज मेरे पैर दबा दे, विज्जु ने कहा ठीक है, फ़िर विज्जु के बिस्तर पर मैं लेट गयी विज्जु मेरे पैर दबाने लगा मैने कहा प्लीज थोड़ा ऊपर और ऊपर विज्जु बिस्तर पर बैठकर मेरी जांघें दबा रहा था मेरी चूत से रस निकल रहा था मुझे अपनी पैंटी गीली-गीली महसूस हो रही थी।

तभी मुझे महसूस हुआ विज्जु मेरी चूत को नाइटी के ऊपर से विज्जु टच कर रहा था और चूत के ऊपर अपनी उंगलियां चला रहा था मेरी सांस बहुत तेज़-तेज़ चलने लगी। मैने अपना एक हाथ विज्जु के लंड पर रख दिया उसका लंड ८” का पूरी तरह खड़ा था बहुत मोटा महसूस हो रहा था। तभी विज्जु बोला “मेरा लंड कैसा लगा” फ़िर मैं ने कहा मुझे आज यह चाहिये है तभी विज्जु मेरे बाजु में आ गया और मेरे सीने को सहला रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेने अपने एक हाथ से उसका लंड सहलाना चलू रखा और उसकी गांड भी सहला रही थी। उसकी हिम्मत और बढ़हई और वो मेरे ब्रेअस्ट को जोर-जोर से दबाने लगा। मुझे सिंहरन होने लगी और मैं ने करवट बदल कर सीधी सो गई तो उसने हाथ हटा लिया और थोड़ी देर बाद वो फ़िर से मेरा बूब्स सहलाने लगा। फ़िर वो मेरी नाइटी उतारने लगा और वो मेरे नेकेड बूब्स को चूसने लगा। मैं बहुत ही गरम हो रही थी मैं उठ गयी और मैने उसे कपड़े निकालने को कहा, उसने तुरंत अपने सारे कपड़े निकाल दिये और पूरा नंगा हो गया। मैने उसके लंड को देखा वो बहुत ही बड़ा था।

फ़िर उसने मेरी पैंटी को निकाल दी। फ़िर वो मुझे किस करने लगा और मैं भी उसे बहुत किस करने लगी फ़िर उसने मुझे बेली पर किस किया। आआआअह्ह ह्हह्ह ऊओह्हह् मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी। फ़िर वो मेरे चूत को चाटने लगा। और मैं अंगड़ाई लेने लगी ऊफ़्फ़फ़ मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। फ़िर मैने उसे कहा प्लीज और मत तड़पाओ प्लीज मुझे चोदो। फ़िर वो मेरे ऊपर आ गया और उसने उसके लंड को मेरे चूत पे रखा और फ़िर धक्का मरा तो उसका पुरा लंड एक ही झटके में अंदर चला गया। और मैं जोर से चीख उठी आआआअह्ह आआआह फ़िर वो जोर जोर से मुझे चोदते गया और मैं भी अपने हिप्स उठा उठा के उसे साथ देने लगी। और आआआअह आआआह्ह् ह्ह उह्हह्हू ऊऊउह्हह्ह वो जोर जोर से चोदने लगा।

फ़िर थोड़ि देर बाद उसने मेरी चूत में गरमा गरम लावा छोड़ दिया फ़िर सारी रात हम दोनो एक दूसरे साथ नंगे चिपके सो गये

इसके बाद उसका जब भी मन होता तो वो मेरे ब्लाउज़ को हटा के मेरे निप्पल चूसता रहता लेकिन मुझे पूछे बिना मेरी चूत को नहीं छूता था। एक दिन मैं नहा रही थी तो वो भी बाथरूम में आ गया और मुझसे बाथरूम में ही प्यार की भीख मांगने लगा तो मैं उसे मना नहीं कर पायी। फ़िर उसने सारे कपड़े निकाल दिये और हम शोवर साथ लेने लगे। फ़िर मैं दीवर का सहारा लेके खड़ी रही और उसने मुझे बहुत टाइट पकड़ा और मेरे होंठों का जूस पीने लगा और उसने मेरी एक टांग को उठा के फ़िर मुझे चोदने लगा। उसने मुझे एक नये अनुभव का सुख दिया। मे बहुत भी खुश हो गयी, मैं विज्जु को बहुत चाहती हूं। और वो भी मुझे बहुत चाहता है। फ़िर हमने कई बार सेक्स किया। मैं मेरे पति को भी चाहती हू. Sex stories

Hindi sex stories Antarvasna

कुछ दिन बाद मेरा जन्मदिन था। Hindi sex stories Antarvasna कोमल ने पूछा- क्या उपहार चाहिए? मैंने कहा- मैं तुम्हें बिना कपड़ों के देखना चाहता हूँ।

वो उपहार को कैसे मना करती, उसने कहा- ठीक है, पर देखोगे कहाँ? मैंने कहा- तुम्हारी किसी सहेली के घर पर !

उसने बोला- मेरी एक सहेली अकेली रहती है कमरा लेकर, मैं उससे बात करुँगी। पर तुम सिर्फ देखोगे।

मैंने कहा- सेक्स नहीं करूँगा, यह वादा करता हूँ!

उसकी सहेली मान गई। फिर तो मैं उस दिन का इन्तजार करने लगा और वो दिन भी आ गया। उसने सफेद स्कर्ट और काले रंग का टॉप पहना था। वो उस दिन बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर हमने केक ख़रीदा और चले गए उसके घर !

कोमल की सहेली का नाम दीप्ति था। दीप्ति बहुत खुश हुई हमें देख कर !

हमने मिल कर केक काटा, लंच किया, फिर कुछ दीप्ति ने कहा- मुझे कुछ काम है, तुम दोनों बैठो। मैं 1-2 घण्टे में वापिस आउंगी।

और वो चली गई। अब हम दोनों अकेले रह गए थे। मैंने अब कोमल को बाँहों में लिया ले लिया और जोर से कस लिया। वो भी मुझसे चिपक गई। पहली बार हमें यह मौका मिला था। हम एक दूसरे की सांसें महसूस कर सकते थे। मैंने उसके होंठ चूमने शुरू कर दिए। वो भी आँखें बंद करके मेरे होठों को चूसने लगी। हम कोई दस मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे। उसकी सांसें तेज चले लगी थी।

मैंने कहा- कोमल मेरा उपहार कहाँ है?

उसने कहा- क्या?

मैंने कहा- जो वादा किया था ! मुझे बिना कपड़ों के अपना बदन दिखाओ !

वो शरमा गई और अपना सर मेरी छाती छुपा लिया।

हम बिस्तर पर बैठे थे, मैंने कहा- प्लीज़ जान !

वो बोली- मैं नहीं कर सकती। मुझे शर्म आती है।

मैंने कहा- क्या मैं खुद उतार लूं !

वो कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।

मैं समझ गया, मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और उतार दिया। अब वो ब्रा में थी। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी। उसके चूचे अब दिखने लगे थे। उनका आकार कोई 32 होगा। वो बिलकुल गोरी थी। मैं तो पागल हो गया। किसी लड़की को पहली बार इस तरह तरह देख रहा था। वो शरमा गई और अपने चुचों को अपने हाथों से छुपा लिया!

मैंने उसके हाथ हटाये और चूम लिया। उसके चूचे बहुत मुलायम थे, जैसे ही मैंने उसके स्तन पर अपने होंठ रखे, उसके मुँह से आह-आह्ह निकल गई !

अब मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसे उतार दिया। मेरी तो आँखें ही मानो फट गई- क्या चूचे थे उसके गोल गोल।

मैंने जैसे ही उनको छुआ तो उसकी तो आँखें ही बंद हो गई। मैं उसके वक्ष को चूमने लगा। वो अह्ह्ह अआः ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हम मम मम्ममम करने लगी। मैं चूचियों को हाथ में लेकर दबाने लगा और एक चुचूक मुँह में ले लिया और उस पर जीभ फिराने लगा। कोमल की तो हालत ही खराब हो गई। वो एकदम गर्म हो गई थी। मैंने जोर से चूसना शुरू कर दिया। उसने मेरे सर को अपने वक्ष पर दबा दिया। मैं और तेज चूसने लगा और उन्हें दबाने लगा।

मैंने कहा- अब अपनी छोटी जान को दिखाओ।

(मैं उसकी चूत को छोटी जान बोलता था)

वो कुछ कहने की हालत मे नहीं थी। मैंने उसकी स्कर्ट को नीचे किया और उतार दिया। वो लेट गई। अब उसकी बदन पर सिर्फ गुलाबी रंग की पैन्टी रह गई थी। मैं उसे चूमने लगा। मैं उसकी टांगों को चूमता हुआ ऊपर आने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। मैंने उसकी पैन्टी नीचे खिसका दी, उसकी चूत दिखने लगी, बिल्कुल साफ चूत थी, बाल साफ किये थे। उसने अपनी टांगें एक के ऊपर एक चढ़ा कर चूत को छुपा लिया। मैंने उसकी टांगें खोल दी और हाथ उसकी चूत पर रख दिया। उसकी चूत एक दम गर्म थी और चूत का रंग हल्का गुलाबी था। मैं उसे मलने लगा।

कोमल तड़पने लगी, उसके मुँह से कई आवाजें निकल रही थी- मम्म मम …..अआः ह्ह्ह ऊऊऊ जांण ऊऊईईईइ ऊऊओ ऊऊ य्य्यय्य।

उसकी चूत गीली हो गई थी।

मैंने कहा- मैं छोटी जान को चूमना चाहता हूँ।

उसने कुछ नहीं कहा। वो तो जैसे नींद में थी ……वो तो सिर्फ यही बोल रही थी- म्मम्म आआ ह्ह्ह्ह ऊऊओ जाआअन्न्न म्मम्मम मम्म आअ आआआ ऊऊउ ऊउऊओ ऊऊऊ।

मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए और उसे चूमने लगा, जीभ फ़िराने लगा। उसकी हालत और खरब हो गई, आवाजें और तेज हो गई …म्मम्मम आआह्ह्ह्ह आआह्हू ऊऊईइ ईईइ मम्म मम्म ।

उसने मेरा सर अपनी चूत पर दबा लिया। मैंने एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा।

वो पैर पटकने लगी। उसकी चूत का रस मेरी जीभ पर आ रहा था। मैंने पीना शुरू कर दिया। उस वक़्त तो वो भी अमृत लग रहा था। मैंने सारा रस चाट लिया। मेरी ऊँगली पर खून लगा था। शायद उसकी सील टूट गई थी। वो सेक्स के लिए तयार थी। पर मेरे पास कंडोम नहीं था और मैं रिस्क नहीं लेना चाहता था । मैंने उसे चौपाये स्टाइल में खड़ा किया और उन्गली से ही उसकी प्यास बुझाने लगा। वो मम्म मम्म मु ऊऊऊऊ ऊउईई ईई जांण कर रही थी। वो एकदम पागल हो गई थी …..वो बोल रही थी- तेज करो न और तेज करो . ऊऊयाआआ म्मम्म म्मम्म !

फिर वो गिर गई मेरी बाँहों में। उसकी आग ठंडी हो गई थी। लेकिन मेरी हालत खराब थी। वैसे भी फ़ोन सेक्स पर हम सब कुछ कर चुके थे और उसे अब सेक्स की हर बात का पता था। मैंने कहा- क्या लंड देखोगी?

उसने कहा- हाँ, मुझे देखना है।

मैंने जिप खोल दी और अपना लिंग निकाला।

वो उसे देखते ही बोली- ओह गॉड ! यह तो बहुत बड़ा है। मैंने तो सोचा ही नहीं था।

मैंने कहा- तो क्या सोचा था?

बोली- मैंने तो बच्चों के देखे हैं, वो तो छोटे होते हैं।

मैंने कहा- बच्चे बड़े होते हैं तो यह भी तो बड़ा होगा। इसे छू कर देखो।

उसने लंड को हाथ में ले लिया और मालिश करने लगी। फिर उसने एकदम से उसे चूम लिया।

मैंने कहा- यह कैसे कर लिया?

तो उसने कहा- जब तुम मेरी चूत को चूम सकते हो तो मैं क्यों नहीं !

मैंने कहा- आई लव यू सो मच जान।

वो मुस्कुराई और मेरे लंड को चूमने लगी। फिर उसे मुँह में लेकर आगे पीछे करने लगी। उसे भी मजा आ रहा था। मेरी तो हालत खरब हो रही थी, मैंने उसका सर पकड लिया और मुँह में ही सेक्स करने लगा। वो मम मम्म म्मम्म मम मम्म कर ही थी। मेरा सारा रस उसके मुँह में ही निकल गया। मैंने उसका सर पकड़ रखा था तो सारा उसके अंदर चला गया। उसे पता नहीं था कि कुछ निकलता भी है लंड से।

उसने पूछा- वो क्या था जो मेरे पेट में गया?

मैंने कहा- वही तो असली चीज़ थी।

उसे वो रस पसंद आया था।

फिर हमने एक दूसरे को गले लगा लिया। तभी दीप्ति आ गई। आज कोमल खुश थी कि मैंने अपना वादा निभाया था और उससे सेक्स नहीं किया।

कुछ दिनों बाद हमारी शादी की तिथि निश्चित हो गई। उसके मम्मी-पापा कुछ दिन के लिए घर से बाहर गए थे। अब उसके घर पर उसकी बहन पूजा और कोमल ही थी। हमने योजना बनाई कि हम घर पर ही मिलेंगे। पूजा तो जॉब पर चली जाती थी दिन को।

कोमल ने कहा- मुझे सेक्स का पूरा एहसास करना है।

मैंने कहा- ओके ! इस बार हम सेक्स करेंगे।

उसे दिन पूजा का ऑफिस था। मैंने कंडोम ले लिए और शनिवार शाम को दिल्ली से निकल गया. रात को कोई 12 बजे चंडीगढ़ कोमल के घर पहुँच गया। वो दोनों जाग रही थी। हमने खाना खाया और बातें करने लगे।

थोड़ी देर बाद पूजा सोने चली गई उसका तो ऑफिस था अगले दिन। जाते हुए बोली- कुछ् गलत मत करना ! ओके?

हम हंसने लग पड़े। एक घंटे तक हम बातें करते रहे। फिर कोमल उठी और मेरी गोद में आकर बैठ गई। मैंने उसे बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगा। वो भी मेरे होंठ चूसने लगी। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैंने उसे चूसने लगा। वो भी मेरी जीभ चूसने लगी। हम दोनों ही गर्म हो गए थे। हम दोनों अन्दर चले गए जहाँ मेरा बिस्तर था। हम रजाई में थे। मैंने उसकी कमीज ऊपर कर दी और उसके चूचों को चूमने लगा। वो भी मेरे कंधों, मेरी छाती पर चूम रही थी और काट रही थी।

मैंने उसकी सलवार को नीचे किया और रजाई के अन्दर ही उसकी चूत को चाटने लगा।

वो धीरे-2 सिसकारियाँ भर रही थी- म्मम्मम आआ आआः ह्ह्हह ह्हहह ऊऊ ऊऊओईई ईईई ईऊऊऊम मम मम्म।

उसने कहा- मुझे चोद दो अब जान ! फाड़ दो मेरी चूत को !

मैंने कहा- कंडोम मेरी पैंट में है।

पैन्ट दूसरे कमरे में थी जहाँ पूजा सो रही थी।

कोमल ने कहा- रहने दो ! वो जाग जाएगी।

मैंने ऊँगली उसकी चूत में दाल दी और अंदर-बाहर करने लगा। उसने भी मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। ऊँगली से ही मैंने उसकी प्यास बुझाई और उसने मेरा रस पिया। फिर हम सो गए। फिर वो पता नहीं कब पूजा के पास चली गई सोने के लिए !

सुबह जब उठा तो पूजा ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी। हमने नाश्ता किया और वो चली गई। अब हम दो ही थे घर पर। मैं तीन कंडोम लाया था। वो रसोई कुछ काम कर रही थी और मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया। मैं उसे गर्दन पर चूमने लगा। वो मुड़ी और मुझसे लिपट गई। आज हम दोनों सेक्स के लिए तैयार थे।

मैंने उसे गोद में उठाया और लेजाकर बिस्तर पर लेटाया और ऊपर चढ़ कर हर जगह चूमने लगा। उसकी कमीज निकाल दी, उसके चूचों को चूमने लगा और हाथों से दबाने लगा। वो जोर जोर से सिसकियाँ भर रही थी …मम्म म्मम्म म्मम्म ऊऊ ऊऊम्म्म म्मम्म मम्मी ईईई ईईइऊईईई।

उसने मेरी शर्ट निकाल दी और मुझे हर जगह चूमने लगी। उसने मुझे अपने मम्मों पर कस लिया और कहा- इन्हें जोर से दबाओ……।

मैंने उसकी सलवार निकाल दी और पैंटी भी निकाल कर उसकी चूत को चूमना शुरु कर दिया। उसने टांगें पूरी फ़ैला दी थी। मैंने जीभ अन्दर डाल दी। वो जोर जोर से सिसकार रही थी- आआअ अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह हूऊ ऊऊऊओ ओऊ स्स्स् म्म्मम्मम्म म्माआआअम मम्मम्म !

उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे बुरी तरह चूमने लगी। मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे खा जाएगी ………

मैं उसके चूचों को चूस रहा था।

फिर वो बोली- अब मुझे चोद डालो ! मेरी चूत को फाड़ दो ! अपना लंड डालो और फाड़ दो इसे।

मैंने कंडोम लगाया, कोमल को नीचे लिटाया और ऊपर आ गया। फिर लंड को चूत पर रखा और धक्का लगाया। लंड का सर थोड़ा सा अन्दर गया। एक और धक्का दिया, लंड और अन्दर गया तो उसके मुँह से चीख निकल गई।

वो बोली- धीरे करो ! दर्द हो रहा है।

मैंने थोड़ा सा बाहर निकाल लिया फिर धक्का दिया। इस बार पूरा लंड अन्दर था, कोमल जोर से चिल्लाई, उसकी आँखों में पानी आ गया था, मैं रुक गया और उसके होंठ और स्तन चूमने लगा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। अब उसका दर्द कम हो गया था और उसे मजा भी आ रहा था। वो भी नीचे से गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी- य्य्य्याआ आआआआअ आया तेज और तेज करो बेबी. मुझे चोदते रहो ….आआआ आआऊऊऊऊ मम्म म्मनन्न न्न्न्न स्स्सस्स्सम्मम्म म्मम् म्मम्म !

मैंने भी तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा। जो भी सेक्स मुद्राएँ मैं जानता था, सब की …दीवार के साथ खड़ा करके, उसे गोद मैं लेकर चोदा। फिर वो मेरे ऊपर आ गई। वो सेक्स को पूरा मजा ले रही थी, जैसे इंग्लिश मूवी में करते हैं! उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, उसकी सील पूरी टूट गई थी। अब उसकी चूत से पच पच की आवाज आ रही थी। हम एक हो गए थे।

उसके बाद हम साथ साथ नहाये। हमारा मूड फिर बन गया। तो हमने एक ट्रिप बाथरूम में और फिर लंच में किचन में भी एक ट्रिप लगाया। उस दिन जो तीन कंडोम ले के गया था वो सारे लगा दिए !

उसके बाद कोमल बोली- मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं शादी से पहले सेक्स करुँगी। आपके प्यार में यह एक ऐसा उपहार है जो कभी नहीं भूलूंगी। आई लव यू सो मच। और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में समां गए।

आज हमारी शादी को दो साल हो गए हैं। हम खूब सेक्स करते हैं पर आज भी हमें बरसात का पहला किस और पहला सेक्स नहीं भूला है। हम उस पल को हमेशा याद करते हैं। Hindi sex stories Antarvasna

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जीजाजी मेरे गांड़ पर अपना लंड रख Antarvasna लिया। अपने लंड में थोडा सरसों का तेल लगाया और मेरे बुर में भी थोड़ा डाला। वे गांड़ को एकदम लूज छोड़ देने को बोले। ऐसा लग रहा था कि वे बड़े चुदक्कड हैं। मैं तो आज सब कुछ सहने को तैयार थी। वे कहने लगे कि मैं धीरे से अंदर करूँगा, अधिक दुखे तो बोल देना। मैंने भी हाँ कह दी। दीदी फिर रूम में आ गई। वे मेरे गांड़ के उपर कुछ उनको देख कर कहने लगी, अरे तुम बहुत शैतान हो। उनको पहले गांड़ ही चाहिए। ये मेरे साथ भी ऐसा ही करते हैं। पहली बार तो थोडा दुखा था मगर उसके बाद तो मजा आने लगा है। आज तो तुम्हें सब कुछ सहना पड़ेगा। दीदी कह रही थी कि प्यार में तो सब कुछ चलता है। दीदी जीजाजी को कुछ इशारा करके रूम से फिर बाहर निकल गई। इस बार वह दरवाज़ा बाहर से बंद कर दी।

मैं तो थोडा डर गई। जीजाजी ने दीदी के जाते ही एकदम ज़ोर से धक्का लगा दिया। मैंने एक हाथ से उनका लंड पकड़ना चाहा मगर वे तो अपना पूरा लंड डाल चुके थे। मैं ज़ोर से चिल्लाई, दीदी बचा। जीजाजी ने मुझे मार दिया । मुझे अब नहीं चाहिए। मैं चिल्लाती रही मगर उन्होंने एक भी नही सुनी। वे और ज़ोर से ठेलते गाये। मेरी आँख से आँसू आते देख उन्होंने अपना लंड निकाल लिया तब जाकर मुझे राहत हुई। अब उन्होंने मुझे चित कर दिया। अपने लंड के सुपाड़ा उघार कर मेरे बुर पर रख दिया। मेरी दोनो चूचियां पकड़ कर चूसने लगे। अपने लंड के सुपाड़े से मेरे टिट को रगड़ रहे थे।

वे पक्के खिलाड़ी लग रहे थे मैंने उनकी कमर पकड़ ली। मुझे उनका पूरा लंड चाहिए था। मैं जीजाजी को अंदर ठेलने का ज़िद करने लगी मगर उन्हें अब कोई जल्दी नहीं लग रही थी। वे उठ कर फिर बाथरूम में चले गए, इस बार मुझे भी लेते गए। जीजाजी मेरी बुर में साबुन लगा कर अपने से धो दिए। तब मैंने भी उनका लंड धो दिया। अब हम दोनो फिर बेड पर आ गए। इस बार वे मेरे दोनो टांगो के बीच में बैठ गये। मेरे दोनो टाँगो को उठाकर अपने कंधो पर रखे। मुझे से अपना लड पकड़वाया ऑर अपने बुर के छेद पर रखने को बोले। मैंने भी वैसे ही किया। जीजाजी कह रहे थे कि अब मत रोना गांड़ इतना नहीं दुखेगा।

तब भी मुझे डर लग रहा था। उन्होंने पहले आधा ही अंदर किया और कुछ देर तक उतना डाल कर ही बाहर भीतर करते रहे। जीजाजी पुछने लगे बोलो मजा आ रहा है कि नहीं। मैं कुछ नहीं बोली और जीजाजी की कमर पकड़ कर अपने तरफ़ दबाने लगी। जीजाजी कहने लगे अच्छा तो अब लो मेरा पूरा लंड का मजा इतना कहकर जीजाजी ने कसकर धकका मारा और उनका पूरा लंड मेरे अंदर चला गया। ऐसा लगा कि उनका लंड छाती तक आ गया है। मैं ज़ोर से चिल्ला उठी। मैं जीजाजी को गाली देने लगी। कहने लगी तुम बहुत शैतान हो तुमने तो आज मुझे फाड़ ही डाला। मेरी गांड़ और बुर एक ही दिन में बरबाद करके रख दी। जीजा जी मुस्क़ुरा रहे थे।/

अब वे मेरे चूची को दबाने लगे और धक्के लगा कर चोदने लगे। अब मेरी टाँगो को नीचे रख दिया और एक चूची को मुख में डाल कर चूसने लगे। ज्यों ज्यों धक्का मार रहे थे मुझे अपना स्तन चुसवाने में और मजा आ रहा था। अब मेरे सब दर्द ग़ायब हो चुके थे। मैं बोल रही थी और ज़ोर से धक्के मारो मेरे अच्छे जीजाजी। आप सचमुच में मर्द हो। आज पहली बार ज़िंदगी का मजा आ रहा है फिर दीदी आ गई। उस समए हम दोनो मस्ती में थे। दीदी कहने लगी, अरे मुझे भूल गये क्या उसे अब थोड़ी जलन होने लगी थी। दीदी कहने लगी अब तो मुझे भी नहीं रहा जाता।

इतना सुनते ही जीजा जी मुझ पर से उतर गये और दीदी को मेरे साथ में ही पेट के बल लेटा दिए। जीजाजी दीदी को नंगे कर दिए। जीजाजी ने दीदी के गांड़ में थोड़ा थूक लगाया । दीदी ने अपने दोनो हाथों से अपनी गांड़ फैलाई। जीजाजी ने एक ही बार में अपना समूचा लंड दीदी के गांड़ में डाल दिया। दीदी को कोई दर्द होते नहीं दिखा। वह नीचे से कमर चला रही थी। जीजाजी कहने लगे देखो तुम्हारी दीदी कैसे चुदवा रही है मगर तुम चिंता मत करो, कुछ ही दिनों में तुम भी पक्की हो जाओगी। उसके बाद जीजाजी हम दोनो बहनो को बारी बारी से चोदने लगे। अंत में जीजाजी मेरे उपर चढ़ गये और कहने लगे कि आज अपना माल तुम्हारे ही अंदर डालुंगा। वे मेरे स्तन को फिर चूसने लगे और कच से पूरा लंड अंदर कर के ज़ोर से धक्का लगाने लगे।

मैं अब गिरने लगी थी। वे समझ गए और अपने दोनो हाथों से मेरी कमर कस कर पकड़ ली। मेरा चूची कस कर चूसने लगे। मैंने भी अपनी कमर चलानी शुरू कर दी। मैं कह रही थी अरे मेरे राजा और ज़ोर से धक्के मारो और अंदर धकेलो, मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोदो। बीच बीच में दीदी जीजाजी को और धक्का मरने को उकसा रही थी। दीदी जीजाजी से कह रही थी आज मेरी बहन की प्यास बुझा दो। आज अपनी साली के जवानी को मसल दो। जीजाजी लास्ट बार धक्का मारे और मैं चिल्ला उठी। अरे बाप रे अब छोड़ दो। कुछ देर तक हम बिस्तर पर ही पड़े रहे। मैं दीदी और जीजाजी का शुक्रिया अदा कर रही थी। बेड पर देखा तो काफ़ी ख़ून के धब्बे थे। मेरे स्तन पर दाँतों के निशान बन गये थे।

दीदी जीजा जी के तरफ़ देख कर मुस्कुराने लगी। दीदी कह रही थी तुम्हारा सील भी आज तुम्हारे जीजाजी ने ही तोड़ी। मैं अपने जीजाजी का लंड पकड़ कर कहने लगी दीदी ये बहुत मजे का है। पहले दर्द देता है और फिर मजा। जीजाजी कह रहे थे साली तो आधी घर वाली होती है, इसलिए इसमें तुम्हारा अब बराबर का हक है। जब चाहो आ जाना, मेरा लंड तुम्हारी गांड और बुर के लिए हमेशा तैयार रहेगा। वे दीदी से कह रहे थे कि तुम्हारी बहन तो कमाल की चीज़ है। आज तो मुझे मजा आ गया। क्या मस्त जवानी है। सील तोड़ने में तो बहुत ज़ोर लगाना पड़ा। साली का माल तो बहुत ही टाईट है इसको लूज करने में बहुत दिन लगेगा। अभी मेरे दो बच्चे हैं। बच्चे पाकर मेरे पति भी काफ़ी ख़ुश रहते है। मैं अब उनको कोई शिकायत नहीं करती। मेरे पास काफ़ी संपत्ति है। मेरे दीदी के पास एक अच्छा मर्द। हम दोनो बहने एक दूसरे का ज़रूरत पूरा करते है और आनंद से रहते है। Antarvasna

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