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Massage Girl in Malappuram: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Malappuram who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Malappuram that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Malappuram massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Malappuram who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Malappuram massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Malappuram massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Malappuram who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Malappuram employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Malappuram helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Malappuram

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Malappuram at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna stories

मैं पंजाब से हूं Antarvasna और मैं सेक्स का हर वक्त प्यासा रहता हूं, मैं २४ साल का हूं, ये बात तब कि है जब मैं १९ का था और मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं हमारे घर पर एक काम वाली नयी आयी, क्या चीज़े थी, मैं तो पहले दिन जब उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी, उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर ३६-३२-३६ थी। वो शादी-शुदा थी और ६ फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी, और मोटी मोटी आंखें थी। एक दिन जब वो मेरे रूम में सफ़ाई कर रही थी तो मैने उसके बड़े २ बूब्स देखे और उसके चले जाने के बाद, मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।

एक दिन मोम और डैड दोनो बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के ५ बजे थे मैंने ब्लू मूवी देखनी स्टार्ट की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गयी न जाने वो कब आ गयी, मुझे पता नहीं चला कि कब मैन गेट खुला और वो अंदर आ गयी मैने उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गयी और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंध कर रसोई में चला गया और मैने धीरे से कहा कि आंटी चाय पेयोगी वो गुस्से में बोली नहीं। मैं और डर गया। मैने कहा आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा। वो कुछ नहीं बोली। मैने फिर कहा प्लीज़ मोम को मत बताना। उसने कहा तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए। मेरे पसीने छूट गये। मैने हाथ जोड़े प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गयी और मैं गरम था, उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली तुम सारा दिन ये ही करते हो क्या, चल अपने रूम में जा। मुझसे बात मत कर मैं तेरी मां को बोल दूंगी की इसकी शादी कर दे। मैने बहुत रेकुएस्ट की।

लेकिन वो नहीं मानी। मैं रूम में आ गया वो १५ मिनट बाद मेरे रूम में आयी और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी मैने फिर कहा आप जो कहोगी करूंगा अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो, वो और गरम हो गयी और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा मैं बिकाऊ नहीं हूं। मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है। मैने कहा प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आंटी अब नहीं करूंगा, वो बोली क्या नहीं करेगा, मैने कहा मुठ नहीं मारूंगा, बोली पक्का। मैने कहा प्रोमिस। उसने अपनी टांगे बेड पर रखी उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली मत रो, मेरे राजा मैं तो तुमको डरा रही थी।

तू तो सच में डर गया, चल अब शुरु हो जा मस्ती कर, ये ही तो उमर है ये सब करने की, मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सकून मिला। और उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा, अरे मेरे राजा तुम्हारा लंड तो सो रहा है। मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया और उसने कहा चल अपनी पैंट उतार। मैने कहा क्या आंटी बोली सुनाई नहीं देता क्या, चल। मैने अपनी पैंट उतार दी और उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे ३ इंच के लंड को हाथ लगाया और मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया ,अब मैं मस्त हो गया और वो बोली तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा ८ इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी, मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूं

मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गयी उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी, मैने भी हिम्मत कर अब उसके बूब्स दबा दिये और उसका काली ब्रा उतार फ़ेंका वो उसके मोटे २ गोरे २ बूब्स को दबाने लगा, उसकी चूचियां कड़ी हो गयी और बोली समीर बाबु दबा ज़ोर से, आआआआह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह, मैं भी बहुत दिनो की प्यासी हूं। मैने उसके मम्में जमकर चूसे वो सिसकियां ले रही थी और ऐसे में मैने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी और अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये, मैने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियां ले रही थी आअह्हह्हह्हह्हह समीर बाबु मर गयी। आज मेरी प्यास बुझा दो हम अब ६९ पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैने अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।

उसने अब अजीब अंदाज़ में कहा साले कुत्ते अब मत तड़पा चोद दे मुझको फाड़ दे मेरी चूत, मरी जा रही हूं मैं ऐसा सुनकर मैने भी बोला चल साली रांड आजा आज तेरी चूत फाड़ दूंगा और मैने उसे कुतिया बना लिया और लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया और हल्का सा धक्का लगाया और वो बोली आअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊह्ह ह्हह्हह्हह्हह साले पूरा डाल अपनी रंडी आंटी के अंदर और मैने ज़ोर से झटका दिया और बोला ले साली रंडी आंटी अब पूरा ८ इंच का लंड उसकी चूत में प्रवेश कर चुका था। वो बोल रही थी आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह आआऊऊऊऔऊऊउस्सछह्हह मार डाला रे, इतना दर्द तो सुहागरात को नहीं हुआ, हरामी तेरा लौड़ा ही इतना बड़ा है, ऐसे गालियां सुन मुझे गुस्सा आया और मैं ज़ोर २ से उसको चोदता गया और वो मुझे गालियां दिये जा रही थी साले कुत्ते आअह्हह्हह्ह फाड़ दे आह्हह समीर बाबु आआह्हह्हह्हह ऊऊऊह्हह्हह आज लगा दे सारा ज़ोर।

कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ से भर गयी। और वो पागल हो गयी मैं भी वो सीधी लेट गयी और मैने उसकी टांगे खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून सहलाने लगी उसने मेरी चेस्ट पर कात लिया और वो अब दूसरी बार झड़ गयी और बोली साले आज फाड़ देगा क्या चल ज़ोर लग आआआअह्हह्हह्हह्ह मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनो शान्त हो गयी। उसने मेरे माथे पे किस किया और बोली तू मुझे रोज़ चोदा कर मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुईमैं पंजाब से हूं और मैं सेक्स का हर वक्त प्यासा रहता हूं, मैं २४ साल का हूं, ये बात तब कि है जब मैं १९ का था और मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं हमारे घर पर एक काम वाली नयी आयी, क्या चीज़े थी, मैं तो पहले दिन जब उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी, उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर ३६-३२-३६ थी। वो शादी-शुदा थी और ६ फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी, और मोटी मोटी आंखें थी। एक दिन जब वो मेरे रूम में सफ़ाई कर रही थी तो मैने उसके बड़े २ बूब्स देखे और उसके चले जाने के बाद, मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।

एक दिन मोम और डैड दोनो बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के ५ बजे थे मैंने ब्लू मूवी देखनी स्टार्ट की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गयी न जाने वो कब आ गयी, मुझे पता नहीं चला कि कब मैन गेट खुला और वो अंदर आ गयी मैने उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गयी और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंध कर रसोई में चला गया और मैने धीरे से कहा कि आंटी चाय पेयोगी वो गुस्से में बोली नहीं। मैं और डर गया। मैने कहा आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा। वो कुछ नहीं बोली। मैने फिर कहा प्लीज़ मोम को मत बताना। उसने कहा तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए। मेरे पसीने छूट गये। मैने हाथ जोड़े प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गयी और मैं गरम था, उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली तुम सारा दिन ये ही करते हो क्या, चल अपने रूम में जा। मुझसे बात मत कर मैं तेरी मां को बोल दूंगी की इसकी शादी कर दे। मैने बहुत रेकुएस्ट की।

लेकिन वो नहीं मानी। मैं रूम में आ गया वो १५ मिनट बाद मेरे रूम में आयी और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी मैने फिर कहा आप जो कहोगी करूंगा अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो, वो और गरम हो गयी और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा मैं बिकाऊ नहीं हूं। मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है। मैने कहा प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आंटी अब नहीं करूंगा, वो बोली क्या नहीं करेगा, मैने कहा मुठ नहीं मारूंगा, बोली पक्का। मैने कहा प्रोमिस। उसने अपनी टांगे बेड पर रखी उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली मत रो, मेरे राजा मैं तो तुमको डरा रही थी।

तू तो सच में डर गया, चल अब शुरु हो जा मस्ती कर, ये ही तो उमर है ये सब करने की, मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सकून मिला। और उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा, अरे मेरे राजा तुम्हारा लंड तो सो रहा है। मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया और उसने कहा चल अपनी पैंट उतार। मैने कहा क्या आंटी बोली सुनाई नहीं देता क्या, चल। मैने अपनी पैंट उतार दी और उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे ३ इंच के लंड को हाथ लगाया और मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया ,अब मैं मस्त हो गया और वो बोली तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा ८ इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी, मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूं

मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गयी उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी, मैने भी हिम्मत कर अब उसके बूब्स दबा दिये और उसका काली ब्रा उतार फ़ेंका वो उसके मोटे २ गोरे २ बूब्स को दबाने लगा, उसकी चूचियां कड़ी हो गयी और बोली समीर बाबु दबा ज़ोर से, आआआआह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह, मैं भी बहुत दिनो की प्यासी हूं। मैने उसके मम्में जमकर चूसे वो सिसकियां ले रही थी और ऐसे में मैने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी और अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये, मैने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियां ले रही थी आअह्हह्हह्हह्हह समीर बाबु मर गयी। आज मेरी प्यास बुझा दो हम अब ६९ पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैने अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।

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कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ से भर गयी। और वो पागल हो गयी मैं भी वो सीधी लेट गयी और मैने उसकी टांगे खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून सहलाने लगी उसने मेरी चेस्ट पर कात लिया और वो अब दूसरी बार झड़ गयी और बोली साले आज फाड़ देगा क्या चल ज़ोर लग आआआअह्हह्हह्हह्ह मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनो शान्त हो गयी। उसने मेरे माथे पे किस किया और बोली तू मुझे रोज़ चोदा कर मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुई Antarvasna

Sex Stories

रात के ११ बज़ रहे Sex Stories थे। मौसी के कमरे में ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहां एक नेकर पहन कर बैठ गई। मौसी आई और वहां लेट गई और हमें अगल बगल में चिपका कर लिटा मेरे चूतड़ों पर हाथ लगा कर बोली,”अब चुदने को तैयार हो जा !”

मौसी ने फ़ोन उठाया और बोली,”मोंटी साहब कैसे हो ? कब आ रहे हो? नई रंडी आई है इसकी चूत का उदघाटन करवाना है। मोनी कुतिया भी तुम्हारा लौड़ा खाने को बेताब हो रही है !”

कुछ देर बात हुई फिर मौसी ने फ़ोन रख दिया और बोली,”मोंटी साहब आधे घंटे में आ रहे हैं, चोद चोद कर तुझे मस्त कर देंगे। चल ! तब तक तू मेरी चूत में यह मोटा केला कर और मोनी मेरी चूचियाँ सहलाएगी !”

मौसी ने मेरे हाथ में एक १० इंच लम्बा और ४ इंच मोटा केला पकड़ा दिया। मौसी की चूत भोंसड़ा हो रही थी। उनकी चूत में केला बिलकुल फिट बैठ रहा था। मैंने मौसी की चूत में केला आगे पीछे करना शुरू कर दिया। मोनी उनकी चूचियाँ दबा रही थी। मौसी हल्की हल्की सिस्कारियाँ लेने लगी थी।

मौसी के कमरे में कुछ हल्ले की आवाज़ सी सुनाई दी। मौसी ने राजू को बुलाया और पूछा,”क्या बात है? हल्ला क्यों हो रहा है?”

राजू बोला,”ये सीमा है, साली बिकी तो १००० में है, ग्राहक गांड मारना चाह रहा है तो लड़ रही है।”

मौसी बोली,”कुतिया, एक तो सही रेट पर बिक नहीं रही, ऊपर से आज साली के रेट ठीक लगे हैं तो कोठे का माहौल ख़राब करती है। तू ऐसा कर पहले ग्राहक को बुला, फिर कुतिया को नंगी करके भेज और सामने सीमा बाई के कोठे से हब्शी को बुला ले। आज साली की गांड हब्शी से फड़वाती हूँ !”

राजू ने ग्राहक को अंदर भेज दिया। मैं और मोनी मौसी की चूत में केला कर रहे थे। सामने मौसी चूत चोड़ी कर के लेटी हुई थीं ग्राहक को देख कर मैं रूक गई। मौसी बोली,,”कुतिया रुक क्यों गई अपना काम जारी रख।”

मौसी ग्राहक से बोली,”अरे साहब क्यों नाराज हो रहे हो ? मेरे कोठे पर चुदाई का मज़ा न मिले ऐसा हो ही नहीं सकता। टॉप की रंडी दूँगी, बिलकुल फ्री। दोनों छेद फाड़ दियो कुतिया के।”

मौसी ने राजू से पूछा,”कोई लोंडिया खाली हुई या नहीं?”

राजू बोला,”शोभा खाली है इस समय !”

मौसी ने कहा,”शोभा को इसे सौंप और उससे कहना कि मौसी के स्पेशल ग्राहक हैं, पूरे मजे देना है, जैसे ये चाहें। चल राजा जा मजे कर और राजू तू सीमा को नंगी कर के मेरे पास भेज इस को मजा मैं चखाती हूँ।”

राजू और पिंटू सीमा को ले आया। सीमा पूरी नंगी थी। मौसी ने हम दोनों को हटाया। मौसी उठी और उन्होंने सीमा के गाल पर तीन चार थप्पड़ जड़ दिए और उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया उसके चूतड़ों पर ४-५ लातें मारी। मौसी चिल्ला रही थी,”हरामिन रंडी है तू, सारे छेदों में लंड खाना पड़ेगा तुझे कुतिया ! गांड मरवाने में नखरे करती है। आज तेरी इतनी गांड फड़वाती हूँ कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी !”

सीमा रो रही थी। मौसी मेरी और मोनी की तरफ देखकर बोली,”तुम दोनों राजू और पिंटू के लौड़े चूस कर खड़े करो इस की गांड में घुसवाउंगी। साली हिरोइन बनती है !”

मौसी लकड़ी के डंडे से सीमा को पीट रही थी। मौसी ने उसके बाल खींचे और बोली,”चल घोड़ी बन। तेरी गांड में लंड डलवाती हूँ !”

सीमा डर के घोड़ी बन गई। मौसी ने उसकी गांड पर ढेर सारा थूक डाल दिया। मौसी के भयानक रूप से मैं भी डरी हुई थी और राजू का डर कर लपालप लौड़ा चूसे जा रही थी। मौसी ने राजू को इशारा किया और बोली इसकी गांड का छेद चोड़ा कर फिर हब्शी आ रहा है उससे फड़वाती हूँ। राजू ने मेरे मुँह से लौड़ा निकला और घोड़ी बनी हुई सीमा की गांड पर लगा दिया और उसकी गांड में अपना मोटा नंगा लंड लगाकर जोर से झटका दिया। आधा लंड गांड में घुस गया। सीमा जोर से चिल्ला उठी,”मर गई ! उई मर गई ! छोड़ कुत्ते छोड़ ! मुझे मत चोद !” लेकिन राजू ने जोर से लंड उसमें पूरा ठोंक दिया और अपने लंड को तेजी से उसकी गांड में आगे पीछे करने लग रहा था।

थोड़ा चिल्लाने के बाद सीमा सिसकारी लेती हुई गांड मरवाने लगी । सीमा की सिस्कारियाँ निकल रही थीं। मौसी ने राजू से कहा तू अब लंड निकाल और इसकी गांड वाला लंड इसके मुँह में डाल। सीमा के मुँह पर ले जाकर राजू ने अपना लंड रख दिया लेकिन सीमा मुँह नहीं खोल रही थी। मौसी ने पिंटू के मुँह से सिगरेट ले कर सीमा की गांड में छुला दी बोली,”कुतिया तेरी जैसे हजारों मैंने रंडी बना दीं और तू हिरोइन बन रही? चुपचाप लंड चूस ! वरना तेजाब से मुँह और जला दूँगी !”

सीमा के चीखने की आवाज़ नीचे गली तक गई होगी। उसने मुँह खोल के राजू का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। इस बीच मौसी ने पिंटू को सीमा की गांड मारने का आदेश दे दिया। पिंटू एक वफादर कुत्ते की तरह सीमा की गांड मारने लगा।

सीमा की गांड का ठुकना जारी था तभी एक अफ्रीकन हब्शी कमरे में आया। मौसी ने हब्शी को अपनी बाँहों में ले लिया और बोली,” राजा मेरे कोबरा ! आज तू इस कुतिया सीमा को बजा ! साली रंडी मेरा कहना नहीं मानती।”

मेरी तरफ देखकर मौसी मुझसे बोली,” कुतिया, जरा मेरे कोबरा का लौड़ा चूस !”

हब्शी का नाम कोबरा था। उसने अपनी पैन्ट उतार दी। नीचे कुछ पहन नहीं रखा था। उसका ठंडा लौड़ा भी ६ इंच लम्बा होगा पूरा काला लंड था। मैं मौसी का भयानक रूप देखकर बहुत डरी हुई थी। मैंने झुककर कोबरा का लौड़ा अपने मुँह में डाल लिया और उसे आगे पीछे मुँह कर के चूसने लगी। थोड़ी देर में ही लंड ने बड़ा विकराल रूप ले लिया वो बहुत लम्बा हो गया था और ४ इंच से जयादा मोटा हो रहा था। मेरा मुँह लंड से बुरी तरह भर गया था। लंड १० इंच से ऊपर लम्बा हो रहा था। पूरा मेरे मुँह में नहीं आ रहा था। कोबरा मेरे चूतड़ दबा रहा था। मुझसे बोला- ऊपर ऊपर चूस तू कुतिया बहुत चिकनी है, तेरा माल बिलकुल ताजा है। कोबरा का लंड ११ इंच लम्बा और ५ इंच मोटा होगा। मैं यह सोच कर काँप रही थी कि अगर इस हब्शी का लंड मेरी चूत में घुस गया तो मैं तो मर ही जाउंगी ।

मौसी ने कोबरा को बुला लिया और बोली इस सीमा की चूत और गांड बजा ! साली को बताती हूँ रंडी क्या होती है। मौसी ने पिंटू को हटा दिया और सीमा को सीधा खड़ा कर दिया। सीमा की आँखों के आगे हब्शी का प्रचंड लंड लहरा रहा था।

मौसी मुस्कराते हुए बोली,”घुसवाने के लिए तैयार हो जा ! पूरे २० दिन में तूने २०००० भी कमा के नहीं दिए। सोच रही होगी २-३ दिन में दूसरे कोठे पर भाग जायेगी। कुतिया मौसी के कोठे पर धंधा न करने और ग्राहकों को तंग करने का मज़ा चखाती हूँ।”

सीमा मौसी के पैरों पर गिर गई,” मौसी मुझे माफ़ करो, मुझे छोड़ दो ! जैसा तुम कहोगी वैसा करूंगी।”

मौसी कुटिलता से मुस्करा रही थी। हब्शी ने पीछे आकर सीमा की चूत में लौड़ा लगा दिया और एक झटके में लौड़ा ३-४ इंच घुसा दिया। सीमा जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई… मर गई… मर गई।

लेकिन हब्शी और मौसी मुस्करा रहे थे। हब्शी ने जोर से झटका मारा और लंड ८-९ इंच अंदर पेल दिया सीमा के चीखने की आवाजें तेज हो गई, वो चिल्ला रही थी,” मर गई, मर गई, उई मत चोदो राजा ! लौड़ा निकालो ! फट गई फट गई उई उई !!!! बहुत दर्द हो रहा है छोड़ो ! मुझे छोड़ो! मुझे मत चोदो मर गई मर गई बहुत दर्द हो रहा है।”

मौसी ने मेरे चूतड़ों पर हाथ मारा और बोली,”साली की जब गांड फटेगी तब देखियो कैसे रोती है अभी तो चुद रही है तब इतना चिल्ला रही है !”

हब्शी ने कस कर सीमा की कमर पकड़ रखी थी और उसको बुरी तरह से ठोंके जा रहा था। मौसी बोली,”कोबरा, कुतिया की गांड़ मार ! आज इस हरामिन की चूत और गांड दोनों का भोंसड़ा करवा के ही छोडूंगी।”

हब्शी ने लंड बाहर खींच लिया और उसकी गांड पर लंड रख दिया सीमा चिल्ला उठी- नहीं मौसी ! मुझे छोड़ दो नहीं… नहीं। लेकिन रंडी कब तक खैर मनाएगी और आज साली का दिन ख़राब था। हब्शी ने ३ इंच लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी चूचियाँ कस कस कर मसल दीं। कोबरा पूरा गरम हो रहा था उसने गांड पर कस कर झटका मारा और अपना लंड और अंदर उसकी गांड में घुसा दिया। सीमा चिल्ला रही थी, अभी कोबरा अपना आधा लंड अंदर डाल कर ही सीमा की गांड मार रहा था। सीमा की दर्द भरी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मुझे पता चल गया था कि औरत के लिए रंडी सबसे बड़ी गाली क्यों होती है.. मुझे सीमा पर दया आ रही थी लेकिन डर के मारे मैं कुछ नहीं कह पा रही थी।

कुछ देर बाद मौसी ने हब्शी से कहा,”अब इसे छोड़ दे ! अब ये कभी ग्राहक से बद्तमीजी नहीं करेगी।”

सीमा दर्द से जमीन पर लेट गई। मौसी पिंटू से बोली,”साली को बाहर खटिया पर डाल दे और हकीम को बुलाकर इसकी गांड पर लेप लगवा दियो ! कुतिया साली हिरोइन बन रही थी।”

हब्शी का लंड लोहे की रॉड की तरह ११ इंच लम्बा खड़ा हुआ था। मौसी हब्शी से बोली- थोड़ा हमारी इस नई कुतिया की चूत और गांड पर अपना लंड फिरा दे। मैं डर गई मैं बोली,”नहीं मौसी नहीं ! मेरी चूत में इस राक्षस का लंड मत डलवाओ ! मैं मर जाउंगी !”

मौसी मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरती हुई बोली,”तुझे मरने थोड़ी दूँगी ! तू तो दूध देने वाली गाय है, अभी तो तुझे चुदने के लिए भी बैठाना है ! चल जरा झुक तो, बड़ा मजा आएगा !”

मैं डर के मारे झुक नहीं पा रही थी। मौसी ने वहां पड़ी एक लकड़ी उठाई और जोरों से मेरे चुत्तड़ों पर मारी और गुर्राकर बोली,”कुतिया घोड़ी बनती है या नहीं?”

हब्शी मुस्करा रहा था। मैं मौसी के डर से झुक गई। मेरा बदन पूरा पसीने पसीने हो रहा था। हब्शी ने पीछे से आकर मेरी चूचियाँ अपने हाथों मैं पकड़ लीं और धीरे धीरे मसलने लगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत पर फिर रहा था। उसने आधा इंच लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी आँखों के आगे तारे घूम गए। मैं जोर से चिल्ला उठी,”उई उई…. उई मर गई…. मर गई…..”

मौसी ने हब्शी को उठा दिया और बोली- साली की फट गई तो रेट अच्छे नहीं मिलेंगे ! तू ऐसा कर, इसकी गांड पर लंड फिरा। हब्शी अपने हाथ से लंड पकड़ कर मेरी गांड में फिराने लगा अचानक से मेरी गांड में कुछ घुसा, मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मेरी फट गई। सब लोग जोरों से हंस पड़े, मौसी बोली,”कुतिया चल उठ !”

मैंने उठकर देखा तो मौसी एक पतली मोमबत्ती लिए खड़ी थीं जिसे उन्होंने मेरी गांड में डाल दिया था। मौसी बोली,”अब असली धंधे के लिए तैयार हो जा रंडी। तुझे मैं खास ग्राहकों से चुदवाऊँगी ! अगर नखरे किये तो हब्शी का लंड सीमा की तरह तेरी गांड और चूत में घुसेगा !”

मैं समझ गई कि मौसी ने यह नाटक इसलिए किया था ताकि मैं अब चुदते समय नखरे न करुँ।

मौसी बोली- कोबरा मेरे राजा ! थोड़ा मुझे चोद दे ! अब तो बस तेरे लौड़े से ही चुदवाने में मजा आता है। मौसी पलंग पर लेट गई और अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दीं। मौसी की चूत अंदर तक खुली दिख रही थी। हब्शी ने आगे बढ़कर अपना लौड़ा मौसी की चूत में पेल दिया और मौसी को चोदना शरू कर दिया। कोबरा का लंड इतना तगड़ा था कि मौसी भी हलके हलके सिसकारी ले रही थीं और चिल्ला रही थी,” राजा मजा आ गया ! और चोद जोरों से चोद मेरे शेर ! तेरे से ही चुदने में मजा आता है अब ! चोद ! मादर चोद चोद ! बहुत मजा आ रहा है।”

मैं और मोनी मौसी की साइड में लेटकर मौसी के बूब्स दबा रहे थे। कोबरा १५ मिनट तक मौसी की चूत चोदता रहा। मौसी बोली,”राजा, अपने लंड का रस मेरे मुँह में पिलायियो ! क्या मस्त लौड़ा है तेरा कुत्ते !”

हब्शी मौसी को जोर जोर से धक्के मार रहा था कुछ देर बाद हब्शी ने अपना लौड़ा निकाल लिया और मौसी के मुँह पर जाकर दो झटके मारे, मौसी ने पूरा मुँह खोल दिया, हब्शी के गाढ़े वीर्य ने मौसी के मुँह को पूरा भर दिया। मौसी ने इशारे से कोबरा को मेरे और मोनी के मुँह में भी लंड रस डालने को कहा।

हम दोनों मौसी की कुतिया थी ही। मैंने और मोनी ने अपने मुँह खोल दिए। कोबरा ने मेरे और मोनी के मुँह भी अपने वीर्य से भर दिए। मौसी लपालप उसका पूरा रस पी गई। मैंने और मोनी ने लंड रस मिल्क शेक की तरह मुँह में ले लिया। मुझे हब्शी के लौड़े का रस बहुत स्वादिष्ट लगा। इसके बाद मौसी ने अपने चेहरे पर गिरा हुआ रस भी हम दोनों से चटवाया।

मौसी उठी और हब्शी को गले से लगा कर बोली- राजा तूने मस्त कर दिया ! और उन्होंने अपने पलंग के नीचे से निकाल कर १००० रु हब्शी को पकड़ा दिए और बोली- ले राजा तेरा इनाम !

हब्शी बोला- मौसी गांड तो नहीं मरवानी?

तो मौसी बोली,”कुत्ते, मौसी से मजाक मत करा कर ! वर्ना साले चरस जेब में डाले घूमता रहता है, अभी जेल में डलवा दूँगी !”

कोबरा मौसी के पैरों में गिर पड़ा और बोला,”मौसी मुझे माफ़ करना, तू तो मेरी माँ जैसी है।”

मौसी कुटिल मुस्कराहट से बोली,”मादरचोद ! अब तू चुपचाप यहाँ से चला जा !”

थोड़ी देर बाद राजू अंदर आया और बोला- मौसी मोंटी साहब आ गए हैं, ऊपर कमरे में बैठे हैं।

मौसी बोली,”चल अब चुदने को तैयार हो जा ! अभी १२ बजने को हैं अब पूरी रात चुदवाईयो। बहुत अच्छी चूत बजाते हैं मोंटी साहब।”

मौसी ने एक ट्यूब निकल कर मेरी चूत में डालकर पिचका दी और बोली,”चल उलटी हो एक तेरी गांड में पिचका देती हूँ, चुदने में दर्द कम होगा।”

मौसी ने मुझे उल्टा किया और दूसरी ट्यूब मेरी गांड के अंदर डालकर पिचका दी और अपनी उँगलियों से मेरे दोनों छेदों की मालिश कर दी। मुझे और मोनी को एक एक पतली मैक्सी पहना दीं और बोली,”चलो अब अपने सेठों के पास जैसा मैंने बताया है वैसा करोगी तो मज़े करोगी नहीं तो दोनों के चूतड़ मार मार कर लाल कर दूँगी और हब्शी का लंड तुम दोनों की गांड और चूत में डलवाऊँगी !”

साथियों ! मौसी ने मुझे कोठे की रंडी बना दिया। अब इस सीरीज़ की आखरी कहानी,” चुद गई कुतिया कोठे पर” में शीघ्र ही पढ़िये कि आपकी प्यारी कुतिया की कैसे मौसी ने चूत और गांड फ़डवा कर भोसड़ी बना दी।

हालांकि यह कहानी काल्पनिक है पर मुझे यकीन है आपको जरुर पसंद आई होगी। आपको यह कहानी कैसी लगी मेल करें।

आपकी उषा मस्तानी Sex Stories

हाय दोस्तो ! Sex Stories

मेरा नाम सुनील है, मेरी उम्र १८ साल Sex Stories है।मैं रामपुर का रहने वाला हूँ। मेरे पिताजी एक अध्यापक हैं जो कि दूसरे शहर में रहते हैं। मेरी माँ का नाम नेहा है और उसकी उम्र ३८ साल है परन्तु उसकी जवानी २२ साल की लड़की से कम नहीं है। चूँकि मेरे पिताजी महीने में एक बार आते हैं इसलिए मैं और मेरी माँ ही घर में रहते हैं।

एक रात जब मैं खाना खाकर सो रहा था परन्तु मुझे नींद नहीं आ रही थे, मैंने रात के एक बजे दरवाजे में हल्की सी दस्तक सुनी। मैंने माँ के कमरे की ओर देखा तो मेरी माँ चुपके से धीरे-२ दरवाजे पर गई और दरवाजा धीरे से खोला। रात के उन्धेरे में केवल जीरो पॉवर का बल्ब जल रहा था हाल में और गुलाबी रंग की मैक्सी में नेहा का आधा शरीर चमक रहा था।

दरवाजा खुलते ही नारायण ने अन्दर प्रवेश किया। नारायण की उम्र ३३ साल की होगी और वो हमारे मुहल्ले में बदमाश के नाम से जाना जाता था। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन मैं चुपचाप सब देखता रहा। अंदर आते ही नेहा ने दरवाजा बंद कर दिया था और इस बीच नारायण ने मेरे माँ की मस्त गाण्ड पर हाथ फेर दिया।

नारायण ने, जो कि नशे में था, अपनी जेब से दारू के एक बोतल निकाली और मेरी माँ ने हाल में ही रखे दो गिलास ले आई। दोनों दारू का रसपान करने लगे। बीच बीच में नारायण मेरी माँ के बड़े बड़े दूधों को दबा देता था और मेरी माँ को किस कर रहा था। नशे में तो वो बड़े प्यासी लग रही थी।

मैं चुपचाप सब देख रहा था।

पीने के बाद नारायण मेरी माँ को माँ के बेड-रूम में लेकर गया और मेरी माँ को बिस्तर में बैठा दिया और अपना पैंट की चेन खोलने लगा। इतने में नारायण का मोबाइल बजा और वो मेरे कमरे के पास आकर बात करने लगा। मेरी माँ बिस्तर पर नंगी बैठी अपनी बुर को सहला रही थी जैसे उसे लण्ड चाहिए।

नारायण फ़ोन पर कह रहा था- माल तैयार है, बस आ जाओ !

मेरी माँ ने नारायण से पूछा- किसका फ़ोन है?

उसने कहा- ऐसे ही दोस्त का ! और मेरे माँ के दूधों को दबाने लगा।

कुछ देर बाद दरवाजे में फिर दस्तक हुई। इस पर मेरी माँ ने नारायण की तरफ देखा, नारायण ने उससे बोला- मेरा दोस्त है शायद !

और दरवाजे की तरफ लपका। दरवाजा खुलते ही कल्लू भाई अन्दर आ गया, कालू भाई वहाँ का डॉन था, उसकी ऊंचाई ६’४” होगी और उसे अंदर आते हुए देख मेरी माँ ने कपड़े पहनना शुरू कर दिए। नारायण ने मेरी माँ को बोला- ये कालू भाई हैं ! ये सिर्फ़ आज ही के लिए आए हैं, तुम वही सब करो जो मेरे साथ करती हो।

मेरे माँ की तो जैसे दिल के मुराद पूरी हो गई हो- दो मर्द मिल गये थे उसे।

कालू भाई तो कहाँ रुकने वाले थे, वो झट से मेरे माँ को पकड़ कर उसका दूध दबाने लगा।

नारायण भी सब देख रहा था।

अब कल्लू भाई ने अपना लण्ड निकाल लिया और मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। लण्ड देख कर मेरी माँ नेहा मुस्कुरा रही थी। उसका लण्ड ९ इंच का होगा काला और बहुत मोटा।

अब वो उसके लण्ड को चूसे जा रही थी और कालू भाई उसकी चूची मसल रहा था। नेहा बड़ी प्यासी लग रही थी, मैं चुपचाप सब देख रहा था।

पास में ही नारायण सिगरेट पी रहा था, मेरी माँ के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी- हूह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ. हाह !

मैं सब देख रह था।

अब वो बिलकुल गरम हो गई थी और बोल रही थी- अब बस नारायण इस चूत की आग बुझा दे आज तू !

और नारायण ने इशारा जान कर अपना ८ इंच का लण्ड मेरी माँ की चूत पर रख दिया। वो अपने हाथों से मेरे माँ का दूध दबा रहा था और मेरे माँ को किस कर रहा था।

दोनों माहिर खिलाड़ी लग रहे थे।

अब नारायण ने अपना लण्ड मेरे माँ की बुर में डाल दिया और वो सित्कारियाँ ले रही थी। अब नारायण ने अपनी स्पीड तेज कर दी और लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा। मेरी माँ उसका पूरा साथ दे रही थी। मेरी माँ भी अपना गाण्ड को उछाल रही थे, कुछ देर के बाद नारायण ने अपना पानी मेरे माँ की बुर में छोड़ दिया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया।

वो मेरी माँ के बड़े बड़े दूधों के दबा रहा था उसका पानी मेरे माँ की बुर से टपक रहा था। कुछ देर के बाद नारायण अलग हो गया।

मेरी माँ ने कालू का लण्ड मुँह में डाल लिया वो उसे चूसे रही थी। अब कालू भाई का लण्ड खड़ा हो गया था, उसने मेरी माँ को लेटाया और उसकी बुर पे अपना लण्ड रख दिया, नेहा के मुँह से आवाज़ आ रही थी- ओह्ह.. कालू चोद दो आज…. !

कालू ने अपना लण्ड पूरा का पूरा उसकी बुर में डाल दिया और धाप मारने लगा। अब नारायण ने भी अपना लण्ड मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। अब वो दो दो लण्ड खा रही थी।

कुछ देर बाद नारायण का लण्ड फिर से तैयार हो गया।

अब नारायण ने मेरी माँ को ऊपर आने को बोला। अब मेरी माँ कालू के ऊपर आ गई। उसने कालू का लण्ड अपनी बुर में रखा और ऊपर हिलने लगी, कालू उसके दूध को दाबने लगा।

नारायण अपना लण्ड मेरे माँ की गाण्ड में रगड़ने लगा। मेरी माँ की गाण्ड बड़ी टाईट थी इसलिए नारायण का लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। मेरी माँ ने नारायण को वहीं रखा बोरोप्लस लाने को कहा। नारायण बोरोप्लस मेरे माँ की गाण्ड पर लगाने लगा। वो अपनी मस्त गाण्ड को हिला हिला कर उसका साथ दे रही थी।

अब नारायण ने थोड़ा बोरोप्लस अपने लण्ड पर भी लगाया और फिर से डालने की कोशिश की। अब उसका आधा लण्ड मेरी माँ की गाण्ड के अंदर चला गया था।

मेरी माँ सिसकियाँ ले लेकर बोल रही थी- ह्म्म्म्म्म्म. हाआह्ह्ह्ह्छ !

अब नारायण अपने लण्ड से उसकी गाण्ड मार रहा था, उसे भी मज़ा आ रहा था, मस्त गाण्ड जो मिली थी उसे !

अब दोनों जवानी का आनन्द ले रहे थे।

कुछ देर बाद नारायण का पानी छूटने लगा तो उसने अपना लण्ड निकाल कर मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। वो उसके पानी को ऐसे पी रही थी जैसे शरबत।

कुछ ही देर में कालू ने अपना लण्ड बाहर निकाला और अपना पानी मेरे माँ के मुँह में डाल दिया।

थोड़ी देर के बाद कालू ने फिर अपना कार्यक्रम चालू किया। कालू ने अपना लण्ड मेरे माँ की गाण्ड पर रख दिया और उसकी चिकनी गाण्ड मारने लगा।

और वो हांऽऽहंऽऽ की आवाज निकाल रहे थे। अब कालू ने अपना पानी उसकी गाण्ड में छोड़ दिया था।

कुछ देर बाद कालू और नारायण ने कल फ़िर आने का वादा करके मेरी माँ की गाण्ड को सहलाया और उनके जाते ही मेरी माँ ने दरवाज़ा बंद करके अपनी बुर सहलाई। वो बड़ी खुश लग रही थी और हो भी क्यों नहीं- उसे दो लण्ड जो मिले थे आज ! Sex Stories

‘हेलो. 1 Hindi Porn Stories

पायल!’ मेरे सम्पादक की आवाज सुनते Hindi Porn Stories ही मैं सम्भल गई।‘हाँ बोलिए!’ मैंने अपनी जुबान में मिठास घोलते हुए कहा। मेरे सम्पादक रजनीश से मेरा वैसे भी छत्तीस का आंकड़ा है। वो बुरी तरह चीखता है मुझपर।

‘तुम्हें किशनपुरा जाना है, अभी इसी वक़्त!’ उसके आदेश करने वाले लहजे को सुन कर दिल में आया कि सामने हो तो दो चार गालियाँ जरूर सुनाती।

क्यों?’ उसे शायद मुझसे इस तरह के सवाल की ही उम्मीद थी।

‘तुम्हें किशनपुरा के गुरू अचलानन्द का सम्पूर्ण-साक्षात्कार लेना है!’

‘क्या?’ मैं ख़ुशी से उछल पडी। काफ़ी दिनों से गुरूजी का साक्षात्कार लेना चाहती थी। बहुत सुन रखा था उनके बारे में। बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व के आदमी थे। किशनपुरा जो कि हमारे यहाँ से कोई बीस-बाईस किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है। वहाँ काफी लम्बी-चौड़ी जगह में उनका आश्रम था। काफी भक्त भी थे उनके। बीच बीच में दबी जुबान में कभी कभी उनके रंगीले स्वभाव के बारे में भी अफवाह फ़ैल जाती थी।

‘उनके बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करनी है तुम्हें!’ रजनीश ने आगे कहा- कम से कम चार-पाँच सप्ताह की सामग्री हो जिसे हम हर रविवार विशेष बुलेटिन में जगह देंगे. इसके लिये तुम्हें कई दिन मन लगा कर काम करना होगा। यह तुम्हारी इच्छा है कि तुम वहीं रहो या प्रतिदिन वहाँ जाओ, लेकिन हमें सम्पूर्ण सूचनाएँ चाहिएँ, सुबह से शाम तक, गुरूजी के बारे में हर तरह की बातें, कुछ प्रवचन में भी ध्यान करना। सुन रही हो ना मेरी बातें?’

‘हाँ… हाँ सर! मैं आज से ही काम पर लग जाती हूँ!’

‘आज से ही नहीं अभी से!’ कह कर उसने फ़ोन रख दिया।

जरूर बुड्ढा गाली निकाल रहा होगा! लेकिन मैं तो काफ़ी दिनों से किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए तरस रही थी। मुझे ख़ुशी से चहकते देख मेरे पति जीवन ने मुझे बाँहों में भर कर चूम लिया। मैंने उन्हें सारी बात बताई, वो भी मेरी ख़ुशी में शरीक हो गए।

मैं अपने बारे में बताना तो भूल ही गई. मैं पायल, पायल लाल, 26 साल की एक सेक्सी महिला हूँ। मेरी शादी जीवन लाल से आज से चार साल पहले हुई थी। हम दोनों यहाँ लखनऊ स्टेशन के पास ही रहते हैं। मैं एक समाचारपत्र में वरिष्ठ सम्वाददाता के पद पर हूँ. हमारे समाचारपत्र की बहुत अच्छी प्रसार-संख्या है. मैं वैसे तो किसी विशेष केस को ही अपने हाथ में लेती हूँ. वरना आजकल सम्पादन का काम ही देख रही हूँ जो कि बड़ा ही बोरिंग काम है. घूमना-फिरना और नए-नए लोगों से मिलना मेरा शुरू से ही मनभावन कार्य रहा है।

हम दोनों के अलावा हमारे साथ मेरी सास रहती हैं, मेरे एक बच्चा है जो अभी एक साल का ही हुआ है। कामकाजी महिला होने के बावजूद मैं अपने बच्चे को जब भी मैं घर पर होती हूँ तो बच्चे को स्तनपान ही कराती हूँ लेकिन इससे मैं बहुत उत्तेज़ित हो जाती हूँ और फ़िर तो आप समझ ही गए होंगे कि जीवन साहब का क्या हाल होता होगा!

मेरे स्तन 38 आकार के हैं और दूध भरे होने के कारण एकदम तने रहते हैं। मेरे पति जीवन शादी के बाद से ही मुझे अंग-प्रदर्शन के लिए जोर देते थे। उन्हें किसी को मेरे बदन को घूरना बहुत अच्छा लगता है। इसके लिए मुझे हमेशा कसे हुए, बदन से चिपके हुए कपडे पहनने के लिए कहते हैं और ब्लाऊज़ का गला और पीठ तो इतनी गहरे होते हैं कि आधे वक्ष बाहर दिखें!. कभी कभी तो उनके कहने पर अर्ध-पारदर्शी कपडे पहन कर या बिना ब्रा के ब्लाऊज़ पहन कर भी बाहर जाती हूँ।

खैर अब उस बात पर लौटते हैं।

मैंने एक काफ़ी लो-कट कसी हुई टी-शर्ट पहनी और एक टांगों से चिपकी हुई जींस। गरमी का मौसम था इसलिए नीचे मैंने ब्रा नहीं पहनी थी। मेरे चूचुक बाहर से साफ दिख रहे थे।

‘कैसी लग रही हूँ?’ मैंने पूछा।
‘ह्म्म्म! हमेशा की तरह सेक्सी!’
‘अनीष का ख्याल रखना! हो सकता है लौटने में देर हो जाये, मैं कार ले जा रही हूँ।’

मैं अपनी कार पर किशनपुरा के लिए निकल गई। गरमी का मौसम था, कुछ ही देर में गर्म हवाएँ चलने लगी। मैं दस बजे तक किशनपुरा पहुंच गई।

गुरूजी का आश्रम बहुत ही विशाल था। अन्दर की सजावट देख कर मेरा मुँह तो खुला का खुला रह गया। मैं वहाँ गुरूजी से मिली। गुरूजी बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व के आदमी थे। उनके चेहरे में एक चमक थी, घनी दाढ़ी में चेहरा और भरा-भरा लग रहा था। कोई 6’2′ या 3′ कद होगा, चौड़ा बालों से भरा सीना किसी भी महिला को पागल करने के लिए काफ़ी था। उसने नंगे बदन पर एक लाल तहमद बाँध रखी थी और एक लाल दुपट्टा कंधे पर रख रखा था।

उन्होंने बिना कुछ बोले मुझे ऊपर से नीचे तक देखा। मेरे स्तनों को देखते हुये मुझे लगा कि उनकी आँखों में क्षण भर के लिए एक चमक सी आई फ़िर ओझल हो गई। मुझे हाथ से बैठने का इशारा किया। वो तब किसी पत्रिका के पन्ने पलट रहे थे। मैंने उनको अपने आने का मकसद बताया। उन्होंने मुझे बैठने को इशारा किया। मैंने अपना पहचान-पत्र उनके सामने कर दिया। उनके चहरे पर एक बहुत ही प्यारी सी मुस्कान सदा ही बनी रही थी. मेरे बारे में औपचारिक पूछताछ के बाद उन्होंने अपने एक शिष्य को बुलाया- इनको मेरे बगल वाला कमरा दिखा दो। कुछ सामान हो तो वो भी पहुँचा देना, ये हमारी खास अतिथि हैं, इनका पूरा ध्यान रखा जाए। मोनिका जी को इनके साथ रहने को कह देना, वो हमारे बारे में इनकी सारी जिज्ञासा शांत कर देंगी।’

धीरे-धीरे और मृदु स्वर में उन्होंने कहा, स्वर बहुत धीर और गम्भीर था।
‘गुरूजी अपके पाठ का समय हो गया है!’ उस आदमी ने उनसे कहा।

गुरूजी उठते हुये मेरे सिर पर हाथ फेरा तो लगा मानो एक चुम्बकीय शक्ति उनके हाथों से मेरे बदन में प्रवेश कर गई।

‘तुम आराम करो और चाहो तो आश्रम में घूम फ़िर कर देख भी सकती हो, मोनी तुम्हें सब जगह दिखा देगी।’ कह कर वो चले गए।

मोनी नाम की लड़की कुछ ही देर में आ गई। उसने लाल रंग का एक किमोनो जैसा वस्त्र पहन रखा था, जैसा पहाड़ी इलाके में लडकियाँ पहनती हैं, वो बहुत ही ख़ूबसूरत थी और बदन भी सेक्सी था। उसने मुझे एक कमरा दिखाया, कमरा काफ़ी खूबसूरती से सजा हुआ था, मानो कोई फाइव स्टार होटल का कमरा हो।

तभी एक युवती कोई शरबत लेकर आई. उसका स्वाद थोड़ा अजीब था, मगर उसे पीने के बाद तन-बदन में एक स्फूर्ति सी छा गई। मोनी ने पूरा आश्रम घुमाया, बहुत ही शानदार बना हुआ था। उसने फ़िर सबसे मेरी मुलाक़ात कराई। वहाँ 12 आदमी और 5 महिलाएं रहती थी। महिलाएं सारी की सारी खूबसूरत और सेक्सी थी। सबने एक जैसा ही गाऊन पहन रखा था, जो क़मर पर डोरी से बंधा था। उन्होंने शायद अन्दर कुछ नहीं पहन रखा था क्योंकि चलने फिरने से उनकी बड़ी-बड़ी छातियाँ हिलती डुलती थी। आदमी सब क़मर पर एक लाल लुंगी बाँधे थे।

दोपहर को खाना खाने के बाद गुरूजी कुछ देर विश्राम करने चले गए। शाम को उनका हॉल में प्रवचन था। मैं उनके संग रहने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही थी, बहुत ही अच्छा बोलते थे, मैं तो मंत्रमुग्ध हो गई।

शाम की आरती के बाद आठ बजे मुझे उन्होंने वार्तालाप के लिए बुलाया। मैं उनसे तरह तरह के सवाल पूछने लगी। वो बिना झिझक उनके जवाब दे रहे थे। उनके जवाब मैं वॉकमैन में रेकॉर्ड कर रही थी मैं उनके जवाब रेकॉर्ड करने के लिए उनकी तरफ झुक कर बैठी थी जिसके कारण मेरे टी-शर्ट के गले से बिना ब्रा के मेरे स्तन और चूचुक साफ दिख रहे थे। गुरूजी की नजरें उनको सहला रही थी। अचानक मेरी नजरें उनके ऊपर पड़ी, उनकी आँखों का पीछा किया तो पता चला कि वो कहाँ घूम रही हैं, मैं शरमा गई लेकिन मैंने अपने दूध की बोतलें छिपाने की कोई कोशिश नहीं की। मैंने अपने बातों की दिशा थोड़ी बदली- गुरूजी अपके बारे में तरह तरह की अफवाह भी सुनने को मिलती हैं?’ मैंने पूछा लेकिन उनके चेहरे पर खिली मुस्कराहट में कोई बदलाव नज़र नहीं आया।

‘जब भी कोई लोगों की भलाई के लिए अपना सब कुछ लगा देता है तो कुछ आदमी उस से जलने लगते हैं, अच्छे मनुष्य का काम होता है की बगुले की तरह सिर्फ मोती चुन ले और कंकड़ को वहीँ पडे रहने दे!’ उन्होंने बड़ी ही मधुर आवाज में मेरे प्रश्न का जवाब दिया। इसी तरह काफ़ी देर तक बातें होती रही।

उन्होंने बातों-बातों में मुझे कई बार उनके आश्रम से जुड़ने के लिए कहा।
रात के साढ़े नौ बजे मैंने उनसे अब घर जाने की इजाजत मांगी।

लेकिन तभी उनके एक शिष्य ने आकर बताया कि बाहर काफ़ी तेज़ बरसात शुरू हो गई है। मैं बाहर आई तो देखा बरसात काफ़ी तेज हो रही है। मैं अकेली और बाईस किलोमीटर का सुनसान रास्ता! कुछ देर तक मैं बरसात के रुकने का इंतज़ार करती रही मगर बरसात रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। मैं अन्दर आ गई। अचलानन्द जी मुझे वापस आता देख खिल उठे। उन्होंने फौरन मोनी को बुलाया- इनके भोजन और ठहरने की व्यवस्था कर दो!’

मोनी ने मुझे अपने साथ आने का इशारा किया। मैं उसके साथ अपने कमरे में आ गई। उसने एक किमोनो मुझे लाकर दिया। वो मुझे लेकर बाथरूम में आ गई। बाथरूम की एक दीवार पर लम्बा चौड़ा आइना लगा हुआ था। वो तो बाद में पता चला कि वो एक एक-तरफ़ा शीशा था जिसके दूसरी तरफ से बाथरूम के अन्दर का सारा दृश्य साफ दिखता था।

‘अपने कपडे उतार कर इसे पहन लो!’ मेरा चेहरा उसकी ओर था और आइना मेरे पीछे की ओर था. मैंने अपने टी-शर्ट को पकड़ कर अपने बदन से अलग कर दिया। मेरे गोरे बदन पर तने हुये 38 आकार के स्तन देख कर उसकी आँखों में एक चमक आ गई- तुम बहुत ख़ूबसूरत हो’ उसने मेरे स्तन को हल्के से छूते हुये कहा।

मैंने अपनी जींस को खोल कर अपने पैरों के नीचे सरका दी, उसे अपने बदन से अलग कर के मोनी को थमा दिया। फ़िर मैंने उसके हाथ में थामे किमोनो को लेने की कोशिश की तो उसने अपने हाथ को दूर कर लिया- नहीं मैंने कहा था कि सारे वस्त्र खोल दीजिये, इसे पहनते समय शरीर पर और कोई अपवित्र वस्त्र नहीं होना चाहिए’ उसने मेरे बदन पर मौजूद एक मात्र पैन्टी के इलास्टिक की तरफ हाथ बढाया- अपनी पैन्टी को धीरे धीरे नीच करते हुये पीछे घूमो!’ कह कर वो आइने वाली दीवार की तरफ चली गई। मुझे तो समझ में नहीं आया कि वो ऐसा करने को क्यों कह रही है। लेकिन मुझे क्या पता था कि इस तरह से दीवार के उस तरफ मौजूद लोगों के लिए मैं अनावृत होकर गर्मागर्म अंग-प्रदर्शन कर रही थी। मैंने आइने की तरफ घूम कर नीचे झुकते हुये अपने पैरों से अपनी पैन्टी को निकाल दिया।

‘अब सीधी खड़ी हो जाओ!’
मैं सीधी हो गई, बिल्कुल नग्न!
‘वाह! क्या शानदार बदन है आपका!’ कह कर उसने मेरी योनि के ऊपर अपना हाथ फेरा।

मैं उसकी हरकतों से मुस्कुरा उठी, फ़िर मैंने उसके हाथों से वो किमोनो लेकर बदन पर पहन लिया।
फ़िर हम बाहर आ गए।

रात का भोजन करके मैंने जीवन को फ़ोन किया कि मुझे रात को यहाँ रुकना पड़ रहा है इसलिए बच्चे का ख्याल रखे।

फ़िर मैं अपने कमरे में आ गई। कमरा बहुत शानदार था, नर्म बिस्तर पर सफ़ेद रेशमी चादर माहौल को और अनुपम बना रही थी। एक दरवाज़ा बगल में भी था जो दूसरी तरफ से बंद था और उसमें मेरे कमरे की तरफ से बंद करने के लिए कोई कुण्डी नहीं थी। मैं बिस्तर पर लेट गई। भोजन के बाद मुझे एक ग्लास भर कर कोई जूस दिया था, पता नहीं उसकी वजह से या वहाँ के माहौल से मेरा बदन गर्म होने लगा।

मैं उठी और उस किमोनो को अपने बदन से अलग कर पूरी तरह नग्न बिस्तर पर लेट गई और एक रेशमी चादर अपने बदन पर ओढ़ ली। कुछ देर में मेरा बदन कसमसाने लगा, मेरी अन्तर्वासना जागृत होने लगी, कान-पिपासा से वशीभूत हो मैंने अपने हाथ अपनी योनि पर रख दिया और उसे ऊपर से दबाने लगी। मन कर रहा था कि कोई आ कर मुझे मसल कर रख दे। मेरे स्तनाग्र विराट रूप धारण करने लगे थे, मैं अपनी उँगलियों के पौरों से उन्हें मसलने लगी। मैं अपनी दो उँगलियाँ अपनी योनि के अन्दर-बाहर करने लगी।

मगर मेरी भूख थी कि बढ़ती ही जा रही थी। कोई आधे घंटे बाद हल्की सी आवाज आई। मैंने देखा- बिना आवाज के बगल वाला दरवाजा खुल रहा है। मैं चुपचाप चित्त हो कर लेट गई। हल्की सी आँखें खोल कर देखा कि कोई कमरे में आ रहा है, वो धीरे धीरे चलता हुआ मेरे बिस्तर के पास आया, उसने अपना हाथ उठा कर मेरे एक उभार पर रखा, उसे मेरी एक छाती पर रख कर दबाया बहुत धीरे से। फ़िर उसने चादर के किनारे को पकड़ कर मेरे बदन से हटाना शुरू किया, रेशमी चादर मेरे नाज़ुक चिकने बदन से सरकती रही और मैं पूर्ण अनावृत हो गई।

अब एक हाथ ने मेरे नग्न हो चुके चूचुक को धीरे से छुआ। उसने मुझे सोया हुआ जान कर अपना हाथ मेरे सिर पर रख कर धीरे धीरे नीचे सरकाना शुरू किया, इतना हल्का स्पर्श था मानो बदन पर कोई मोर-पंख फिरा रहा हो। हाथ धीरे धीरे सरकता हुआ जब योनि के ऊपर पहुँचा तो मेरा चुपचाप पड़े रहना मुश्किल हो गया, मेरे होंठों से एक दबी सी सिसकारी निकल गई, उसने अपना हाथ चौंक कर हटा लिया।

मैंने मानो नींद से जागते हुये कहा- कौन… कौन है?
मैं बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गई।

‘मैं!’ एक हलकी सी आवाज आई और उसने मुझे खींच कर अपनी बाँहों में भर लिया। मैं भी किसी बेल की तरह उसके बदन से लिपट गई। मैं समझ गई कि आगंतुक गुरूजी ही हैं। उनका बदन भी पूरी तरह नग्न था, वे मेरे चहरे को अपने हथेलियों के बीच लेकर चूमने लगे। मेरा शरीर तो पहले से ही कामाग्नि में तप था, मैं भी उसके चुम्बनो का जवाब देने लगी। मैं उसके चहरे को बेतहाशा चूमने लगी। मैं एक शादीशुदा महिला, अपने पति, बच्चे सब भूल गई थी। याद रही तो एक आदिम भूख जो मेरे पूरे अस्तित्व पर हावी हो चुकी थी।

उसके होंठ मेरे होंठों को मथ रहे थे, मेरे निचले होंठ को उसने अपने दांतों के बीच दबा कर धीरे धीरे काटना शुरू किया। फ़िर उसने अपनी जीभ मेरे होंठों से बीच से सरका कर मेरे मुँह में डाल दी। मैं उनकी जीभ को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई रसीला फल हो। कुछ देर तक हम यूँही एक दूसरे को चूमते रहे।

उसके बाद उनके होंठ फिसलते हुये मेरे एक चूचुक पर आकर रुके और अपने मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगे। मेरे सारे बदन में एक सिहरन सी दौड़ने लगी और मेरे स्तनों से निकल कर उन फलों का रस गुरूजी के मुँह में जाने लगा। वो एक स्तन को अपने मुँह में लेकर उससे दूध पी रहे थे और दूसरे को अपनी उँगलियों में लेकर खेल रहे थे। मैं अपने सिर को उत्तेजना में झटकने लगी और उनके सिर को अपनी छाती पर जोर से दबाने लगी। एक स्तन का सारा रस पीने के बाद उन्होंने दूसरे स्तनाग्र को अपने मुँह में ले लिया और उसे भी चूसने लगे। मैंने देखा कि पहला चूचुक काफ़ी देर तक चूसने के कारण काफ़ी फूल गया है।

मैंने उत्तेजनावश अपना हाथ बढ़ा कर उनके लिंग को अपनी मुट्ठी में ले लिया। उनका लिंग तना हुआ था. काफ़ी बड़ा लिंग था. इतना बड़ा लिंग मैंने तो कभी किसी का नहीं देखा था, कोई 7-8″ लम्बा होगा।

गुरूजी ने दूसरे वक्ष का भी सारा दूध पीने के बाद मुझे अपने से अलग किया और एक हाथ बढ़ाकर बिस्तर के पास लगे बेड लैंप को रोशन कर दिया। हल्की सी रौशनी कमरे में फ़ैल गई। सारे कमरे में अँधेरा था सिर्फ़ हम दोनों के नग्न बदन चमक रहे थे। उस रौशनी मुझे अपने से अलग कर गुरूजी ने मेरे नग्न बदन को निहारा, मैंने भी उनके गठीले बदन को भूखी नजरों से देखा।

‘बहुत खूबसूरत हो!’ गुरूजी ने मेरे बदन की तारीफ़ की तो मैं एक दम किसी कमसिन लड़की की तरह शरमा गई. फ़िर उन्होंने मुझे कन्धों से पकड़ कर नीचे की ओर झुकाया। मैं उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई। मैंने लैंप की रौशनी में पहली बार उनके लिंग को देखा। उसे देख कर मेरे मुँह से हाय निकल गई।

‘काफ़ी बड़ा है गुरुजी! मैं इसे नहीं ले पाऊँगी! फट जायेगी मेरी!!!’

‘अभी से घबरा गई! इसीलिए तो मैं कह रह था कि हमारे आश्रम की सदस्य हो जाओ। जो भी एक बार मेरे सम्पर्क में आती है वो मुझे छोड़ कर नहीं जा सकती और किसी लिंग से योनि नहीं फटती, योनि होती ही ऐसी है कि लिंग के हिसाब से अपना आकार बदल ले!’

मैं घुटनों के बल बैठ कर कुछ देर तक अपने चेहरे के सामने उनके लिंग को पकड़ कर आगे पीछे करती रही। जब हाथ को पीछे करती तो लिंग का मोटा सुपाड़ा अपने बिल से बाहर निकाल आता। उनके लिंग के छेद पर एक बूँद प्री-कम चमक रही थी. मैंने अपनी जीभ निकाल कर लिंगाग्र पर चमकते हुये उस प्री-कम को अपनी जिव्हाग्र पर ले लिया और मुख में लेकर उसका स्वाद लिया जो मुझे बहुत भाया। फ़िर मैंने अपनी जीभ उनके लिंग के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी।

वो आ आआ अह ऊ ओ ह्ह्ह करते हुये मेरे सिर को दोनों हाथों से थाम कर अपने लिंग पर दबाने लगे।

‘इसे पूरा मुँह में ले लो!!’ गुरूजी ने कहा।

मैंने अपने होंठों को हल्के से अलग किया तो उसका लिंग सरसराता हुआ मेरी जीभ को रगड़ता हुआ अन्दर चला गया। मैंने उनके लिंग को हाथों से पकड़ कर और अन्दर तक जाने से रोका मगर उन्होंने मेरे हाथों को अपने लिंग पर से हटा कर मेरे मुँह में एक जोर का धक्का दिया, मुझे लगा आज यह एक फ़ुट लम्बा लिंग मेरे गले को फाड़ता हुआ पेट तक जा कर मानेगा। मैं दर्द से छटपटा उठी, मेरा दम घुटने लगा था। तभी उन्होंने अपने लिंग को कुछ बाहर निकाला और फ़िर वापस उसे गले तक धकेल दिया. वो मेरे मुँह में अपने लिंग से धक्के लगाने लगे।

कुछ ही देर में मैं उनकी हरकतों की अभ्यस्त हो गई और अब मुझे यह अच्छा लगने लगा। कुछ ही देर में मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरे चूचुक एकदम तन गए, गुरूजी ने मेरी हालत को समझ कर अपने लिंग की रफ़्तार बढ़ा दी।

इधर मेरा रस योनि से बाहर निकलता हुआ जांघों को भिगोता हुआ घुटनों तक जा बहा, उधर उसका ढ़ेर सारा गाढ़ा रस मेरे मुँह में भर गया। मैं इतने वीर्य को एक बार में सम्भाल नहीं पाई और मुँह खोलते ही कुछ वीर्य मेरे होंठों से मेरी छातियों पर और नीचे जमीन पर गिर पड़ा। जितना मुँह में था उतना मैं पी गई।

तभी कहीं से एक मधुर आवाज आई- नहीं लड़की! इनके प्रसाद का इस तरह अपमान मत करो!’

मैंने चौंक कर सिर घुमाया तो देखा कि मोनी अँधेरे से निकल कर आ रही थी। उसने वही लबादा ओढ़ रखा था। उसने मेरे पास आकर मेरे होंठों पर लगे वीर्य को अपनी जीभ से साफ किया, अपनी उँगलियों से मेरे स्तनों पर लगे वीर्य को उठा कर मुझे ही चटा दिया। फ़िर उसने मुझे झुका कर जमीन पर गिरी वीर्य की बूंदों को चटवा कर साफ कराया। Hindi Porn Stories

Antarvasna

मेरा नाम कुसुम है। मैं मुम्बई में नौकरी करती हूं। मैं Antarvasna और मेरा भाई सुमित दोनों जुड़वां हैं. मैं बचपन से ही पढने में तेज थी तो इस वजह से घर में मेरे भाई को हमेशा डांट पड़ती थी कि देख तेरी बहन कितनी तेज है और तू नालायक …

मैं मुंबई में अकेली रहती थी एक बी एच के हाउस में मलाड में, एक साल बाद मेरे भाई का भी मुंबई में जॉब लग गया ..मम्मी पापा ने उसे मेरे पास ही रहने को कहा, हम दोनों साथ रहते थे मगर हमारे अंदर कोई ग़लत फीलिंग नहीं थी …

मैं कभी कभी जब ज्यादा चुदाने के लिए भूखी हो जाती थी तो शायद होश नहीं रहते थे और भाई का अंडरवियर लेकर उसे अपने चूत में ऊँगली से डालती थी … मुझे पता नहीं था कि मेरा भाई मेरे बारे में क्या सोचता है। कुछ दिनों बाद मैंने नोटिस किया कि मेरी ब्रा और पैंटी कभी भी मेरे रखे हुई जगह पे नहीं मिलती थी और उन पे सिलवटें भी बहुत होती थी. मुझे शक हो गया था कि मेरा भाई भी मेरी ब्रा पैंटी प्रयोग करता है मुठ मारने के लिए … फ़िर भी हम चुप रहते …अब असली कहानी …

मैं अपने बॉस से पहले चुदवा चुकी थी और वही था मेरे एक साल में दो प्रमोशन का राज … मेरे बॉस की उमर ४० की थी और उसका बॉस ५० का था … मैं २६ की थी …

क्यूँकि अभी मेरा भाई मेरे घर पे रहता था तो बॉस को बहुत दिनों से मौका नहीं मिला था मुझे चोदने का .. तो वो मुझसे काफी नाराज रहता था और मुझे कभी कभी डांटता भी था ऑफिस में …

मेरा भाई अपने दफ्तर के काम से पुणे जा रहा था दो दिन के लिए ..

मौके का फायदा उठाते हुए मैंने अपने बॉस को कहा कि आज कुसुम आपकी है, मेरा भाई दोपहर को ही घर से निकलने वाला था, मैं शाम को जब घर आई तो मुझे लगा मेरा भाई जा चुका है .. मैंने अपने बॉस को फ़ोन लगाया और बातें करने लगी … मेरा भाई उस वक्त बाथरूम में था .. उसे मेरे बॉस की आवाज़ तो नहीं पर मेरी आवाज़ साफ साफ सुने दे रही थी … मैंने अपने बॉस से कहा .. आज कुसुम को चुदवाना है अपने डार्लिंग से.. कुसुम की चूत बहुत दिनों से प्यासी है…मैं थक गई हूं अपने भाई का अंडरवीयर अपनी चूत में डाल डाल कर.. मुझे लण्ड चाहिएप्लीज़ जल्दी से आ जाओ और मुझे जम कर चोदो…

उधर मेरा भाई मेरी बातें सुनकर गरम हो गया था.. वो नहा कर बाहर निकला तो उसका लण्ड तन कर खड़ा था टॉवेल के ऊपर से ही दिख रहा था … मैं समझ गई कि इसने सब सुन लिया फ़िर भी नाटक कर के बोली- तुम गए नही अब तक … तो उसने कहा नही मेरे पेट में दर्द है, मैंने कहा कुछ दवा ले लो, उसने कहा नही मम्मी ने जो तेल दिया है उस से मालिश कर के सो जाऊँगा … फ़िर मैं समझ गई कि आज भी मेरी चूत भूखी रह जायेगी क्यूँकि मेरा भाई नहीं जाने वाला …

मेरा भाई नाटक कर रहा था .. उसके दिमाग में सिर्फ़ मेरी बातें घूम रही थी … वो भी अपनी प्यास मेरी चूत से मिटाना चाह रहा था … उसने मुझसे कहा , कुसुम प्लीज़ इस तेल से मेरे पेट पर मालिश कर दो ना … मैंने कहा ठीक है .. वो अपना बनियान उतर कर बेड पर लेट गया .. मैंने उस वक्त बस नाईटी पहनी थी मैंने ना ही पैंटी ना ब्रा पहनी थी क्यूँ कि मुझे लगा था थोडी ही देर में मेरे बॉस आयेंगे और मुझे सब उतरना पड़ेगा …

मैं उसके पेट पे तेल मालिश कर रही थी, उसके नाभि के नीचे बहुत सरे बाल थे जो जैसे जैसे नीचे जाते थे और ज्यादा थे … मेरे थोड़ी देर मालिश करने पे वो बहुत गरम हो चुका था क्यूँकि उसके पायजामे के ऊपर से उसका तना हुआ लंड दिखाई देने लगा था फ़िर भी मैं चुप चाप मालिश करती रही …
थोडी देर बाद उसने कहा- पायजामा थोड़ा नीचे सरका कर थोड़ा नीचे तक मालिश करो न …

मैंने वैसा ही किया … अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था … मैं भी सोच रही थी कि कब अपनी प्यास मिटाऊँ अपने सगे भाई के लंड से … इतने में वो बोल पड़ा हाथ अंदर डाल न … मैंने कहा कहाँ अंदर .. उसने कहा पायजामे के अंदर .. मैंने मना कर दिया .. . मन तो बहुत कर रहा था मगर वो मेरा भाई था इसलिए मैंने ना कह दिया … उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती अपने लंड पे ले गया, मैंने एक झटके से उसका हाथ दूर कर दिया …फ़िर वो बेड से उठ गया और मुझे जकड लिया और बोला सिर्फ़ अपने बॉस से चुदवाओगी … कब तक तेरे ब्रा और पैंटी से मुठ मारता रहूँगा … मेरे लंड ने क्या पाप किए हैं?.. मैं ये सब सुन कर दंग रह गई … उसने कहा मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा .. बस तू वो कर जो मैं कहता हूँ …

फ़िर …

अगले भाग में पढिये…

कि कैसे पहले मेरे भाई ने फ़िर मेरे बॉस ने फ़िर मेरे बॉस के बॉस ने मुझे चोदा, उसके बाद मेरे भाईसुमित ने अपने बॉस से भी मुझे चुदवा कर अपना प्रमोशन लिया ! Antarvasna

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