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मेरा नाम राहुल अरोरा है। मूल-रूप से Sex Stories मैं लखनऊ से हूँ। मैं २२ साल का हूँ, रोज़ाना जिम करता हूँ इसलिए मेरा ज़िस्म बहुत मज़बूत है। सेक्स के मामले में भी मैं काफ़ी मज़बूत हूँ। अभी करीब १५ दिन पहले की घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं पंजाब से बी-टेक कर रहा हूँ। शुरूआत से हॉस्टल में रहता था, लेकिन दो सत्रों के बाद मैंने शहर में एक कमरा किराए पर ले लिया था।
उस मकान की मकान मालकिन का नाम मुस्कान कौर था। उसकी फ़िगर क्या बात थी! उसकी चूचियों का तो कोई जवाब ही नहीं था और जब वो चलती तो उसकी पिछाड़ी भी बड़ी सेक्सी लगती थी। उसके चूतड़ दाएँ-बाएँ हिलते थे। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसकी उम्र लगभग ३५-३६ साल की होगी। उसकी एक लड़की थी, वो भी अपनी माँ पर गई थी।
मकान मालकिन का पति आर्मी में कर्नल था जो कि बहुत कम आया करता था, इसलिए वो प्यासी लगती थी, और जब भी मुझसे मिलती थी या बात करती थी तो वो बड़ी प्यासी नज़रों से देखती थी। मैं उसका इशारा समझता था, लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। एक दिन उसकी लड़की स्कूल गई थी, और मैं उस दिन कॉलेज नहीं गया था तो उसने मुझे आवाज़ दी कि ज़रा यहाँ आना।
मैं जब उसके कमरे में गया तो वो वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी। पंजाब में सभी सलवार-सूट पहनते हैं तो उसने भी नीली रंग की सेक्सी सलवार-सूट पहन रखी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रहीं थीं। एक बार मैंने उसे देखकर सोचा कि काश मैं इसे चोद पाता। तभी उसने कहा कि जाओ ज़रा बाज़ार से सामान ले आओ, घर में कोई नहीं है इसलिए तुम्हें कह रही हूँ, मैं भी गीली हूँ। जब भी वह झुकती तो मैं उसकी चूचियाँ देखता रहता और वो भी यह जानती थी।
मैं सामान लेने चला गया, जब सामान लेकर उसे देने गया तो वह नहाने जा रही थी। वह यह कहकर गई कि बैठो, मैं अभी आती हूँ। वो काले रंग की नाईटी में आई, और माँ क़सम, क्या गज़ब ढा रही थी। उसकी चूचियाँ साफ-साफ दिख रहीं थीं, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। सामान देकर मैं चला गया।
उसी रात को मैंने अपने कमरे में आहट सुनी, उसने खटखटाया। मैंने दरवाज़ा खोला, उस समय रात के करीब २ बज रहे थे।
वह बोली, “मुझे नींद नहीं आ रही।”
मैंने पूछा – “क्यों?”
तो बोली – “ऐसे ही।” अचानक वह मेरे पास आकर बैठ गई,
फिर पूछती है, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या?”
मैंने उत्तर दिया – नहीं।”
उसने फिर पूछा, “आज तक किसी लड़की को नहीं छुआ।”
मैंने कहा, “मन तो करता है, लेकिन अभी तक नहीं।
उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और किस किया। फिर वो मेरे होठों को अपने होठों से भींचने लगी। मैंने भी अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया, उसने मुझे बढ़ावा दिया, “दबाओ, ज़ोरों से दबाओ।”
दूसरा हाथ मैंने उसकी नाइटी में डाल दिया और ऊपर ले जाने लगा, उसने पैन्टी नहीं पहन रखी थी। उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा ८ इन्च का लण्ड चूसने लगी। उसने भी अपनी नाईटी उतार दी। उस समय क्या लग रही थी वो!
फिर उसने अपनी चूत चाटने को कहा, मैंने उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी, वो गर्म हो चुकी थी। उसने कहा कि राहुल अब मुझसे सहा नहीं जाता, चोद दे मुझे, प्लीज़ मुझे चोद दो। फिर मैंने अपना लण्ड उठाकर उसको चोदा। वो चीखती रही… हाय!!!!!! और चोद मेरे राजा…!!!! मैं उसकी चूचियों को खूब दबाता… तो वो और चीखती अ्अअअअ्अअअअआआआआहह्ह्ह्ह्हह्हहहह आआआआआहहहहह… और फिर करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसने मुझे प्यार से गले लगाया और स्मूच्च किया। इसके बाद तो मुझे गिनती भी याद नहीं कि मैंने उसे कितनी बार चोदा।
आगे मैं उसकी लड़की की कहानी बताऊँगा। पहले आप मुझे अपने विचारों के साथ मेल करें Sex Stories
मेरी पत्नी और मेरा एक दोस्त एक ही ऑफिस में काम करते हैं।
कई बार ऑफिस से वापस आते वक्त मेरा दोस्त मेरी पत्नी को घर ड्रॉप करता है।
जिस दिन पत्नी को ऑफिस से आने में देर हो जाती है तो मैं उससे कहता हूँ कि मैं उसे पिक कर लूंगा तो वह कहती है कि आप परेशान मत होइए मैं उसके (मेरे दोस्त) साथ आ जाऊँगी।
मैं अपनी पत्नी पर शक नहीं कर रहा हूँ लेकिन आजकल मुझे यह बात खटकने लगी है।
उन दोनों का ऑफिस से साथ आना मुझे पसन्द नहीं आता, या यों कहूँ कि मैं उन दोनों के साथ साथ होने पर भरोसा नहीं कर पा रहा हूँ।
क्या मेरा इस तरह से सोचना सही है कि उन दोनों के बीच कुछ चल रहा है।
या मुझे इस बात को ज्यादा गम्भीरता से न लेते हुए भूल जाना चाहिए।
क्या यह मेरा वहम है?
क्या मैं अपनी बीवी को लेकर कुछ ज्यादा पोजैसिव हो रहा हूँ?
मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूँ?
अगर आपके पास कोई सुझाव, कोई सलाह हो तो जरूर बतायें।
हो सकता है, आपकी एक छोटी-सी राय हमारी जिंदगी की दिशा बदल दे।
मेरा नाम कुसुम है, मैं पंजाब की Indian Sex Stories रहने वाली हूँ। मैं एक बहुत धनी परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मेरे पापा एक नामी बिज़नेस-मैन हैं और उनका एक दोस्त है जिनको मैं बड़े काका कहती हूँ। वैसे तो अमरीका में ही उनका सारा बिज़नेस है, उनका परिवार भी वहीं है, वो बिज़नस के सिलसिले में ही भारत आते।
इस बार वो आए तो वो पापा को चौंका देना चाहते थे तो वो बिना पापा को बताये ही भारत आ गए। मुंबई में अपनी मीटिंग में होकर कर के वो सीधा अमृतसर चले आए। हवाई अड्डे से बाहर निकल वहां से टैक्सी कर वो सीधा हमारे घर आ गए। पापा और माँ दोनों मेरी मासी की बेटी की शादी में पठानकोट गए हुए थे।
नौकर ने दरवाज़ा खोला और वो उनको अन्दर ले आया। मेरे पेपर चल रहे थे इसीलिए मैं और दादी घर रुक गए। दादी से मिलने के बाद उन्होंने जब पूछा- मां जी ! पुरुषोत्तम कहाँ है?
दादी ने बताया कि वो शादी में गए हैं। इतने में मैं भी बाहर आ गई, उनको देख मैं बहुत खुश हुई। मैंने उन्हें कमरा दिखाया और फ्रेश होने के बाद चाय वगैरा पिलाई।
बातों में समय क्या हो गया, पता ही नहीं चला। मां जी उनको बचपन से जानती थी। मुझे भी मालूम था कि वो विह्स्की के शौकीन हैं, आज पापा नहीं थे तो मैंने नेपाली को विह्स्की सर्व करने के लिए कह दिया।
काका बोले- तू कितनी बड़ी हो गई है !
दादी हंसने लगी और बोली- मैं बाथरूम जा कर आई !
तभी अंकल ने पैग पीते हुए कहा- तू भी बड़ी हो गई है और ऊपर से नीचे तक हर चीज़ में परफेक्ट निकली है !
उनकी यह बातें सुन मेरी चूत में कुछ होने लगा, मैं थोड़ा शरमा गई।
दादी बोली- भाई, में खाना लगवा रही हूँ!
मुझे तो खाना खा कर सोना है, तुम बातें करो !
अंकल की नज़रें बार बार मेरी चूचियों पे अटक जाती थी।
तीन पैग पीने के बाद अंकल ने कहा- कम्पनी नहीं दोगी?
नहीं अंकल ! मैं नहीं पीती !
आज पी लो थोडी !
नहीं अंकल ! मुझे पढ़ना है !
तभी उनका सेल बजा, वो फ़ोन पे बातें करने लगे। इस बीच दादी बोली- बेटा मुझे सुबह उठना है, मैं सोने चली ! तू खाना खा ले !
अंकल ने अपना पाँचवां पैग बनाया और इस बार मेरे साथ सोफ़े पे बैठते हुए बोले- लो ना एक पैग ! प्लीज़ ! कम ओन ! तुम जवान हो चुकी हो !
उनके ज़ोर देने पे मैंने ग्लास पकड़ा और एक दम सारा ख़त्म कर दिया। उन्होंने पास में पड़े चिप्स का टुकड़ा मेरे मुँह में डाल दिया।
कैसा लगा?
वो उठे और अब दो पेग बना लाये। मेरे मना करने पे अब वो बिल्कुल मेरे साथ सट कर बैठ गए, अपना हाथ मेरी जांघ पे रख दिया और अपने हाथ से पैग पिला डाला।
मुझे नशा होने लगा ! फ़िर अपना पैग भी मुझे पिला डाला !
मुझे नशे में करना उनका मकसद था। अब हाथ मेरी कमर से लिपट लिया दूसरे हाथ से मेरी छाती को दबा दिया। मैं गरम हो गई वहां से उठी, जल्दी से मेज़ पे बैठ थोड़ा खाना खाया और अपने कमरे में भाग आई। मैंने किताबें बंद कर साइड पे रख बत्ती बुझा कर चादर ले सोने की कोशिश करने लगी। अंकल की कामुक हरक़तें मुझे नींद नहीं आने दे रहीं थी।
१० मिनट बाद दरवाज़ा खुला अंकल अन्दर आए, बिजली का बटन ढूंढने लगे, तभी ट्यूब-लाईट जला कर उन्होंने कुण्डी लगा ली। मैं सोने की एक्टिंग कर रही थी। बेडलाइट जला कर, ट्यूब बुझा कर वो मेरे बिस्तर पर आए, मेरे ऊपर से चादर हटा कर बोले- जग जाओ कुसुम ! मुझे मालूम है कि तुम सो नहीं रही हो !
जब मैं कुछ न बोली तो उन्होंने अपने हाथ से मेरा पजामा खींच उतार डाला, फ़िर मैं पासा पलट के सो गई। वो मेरी पैन्टी के ऊपर से मेरे दोनों नितम्ब मसलने लगे। मुझे नितम्ब मसलवाने में बहुत मजा आ रहा था। अंकल ने मेरी पैंटी खींच के उतारी तो मैं उठ गई और उनके साथ लिपट गई।
उन्होंने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। दूसरे हाथ से मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगे।
ओह्ह्ह यसऽऽ ! अंकल ! छोड़ो ! कुछ कुछ होता है ! प्लीज़ ! आप मुझसे कितने बड़े हो ! छोड़ दो मुझे ! मेरा दिल घबरा रहा है !
साली जवान हो गई है तू ! कह कर अंकल ने मेरी ब्रा ऊपर सरका दी और वो मेरे चूचुक चूसने लगे।
हाय ! क्या कर रहे हो अंकल !
अंकल बोले- मजा आया?
मैंने उनकी छाती में मुँह छुपा लिया, मैं शरमा गई।
अब मेरी ब्रा खोल फेंकी और खुले मैदान पर आराम से हाथ फेरते, सहलाते मेरा पूरा मम्मा अपने मुंह में डाल लिया।
तू अपनी माँ पे गई है ! वो बहुत सॉलिड माल है ! अभी पिछले दिनों जब अमरीका आई थी तो जम के चोदा था !
हाय अंकल ! मुझे छोड़ दो !
वो दबा दबा के मम्मे चूसते हुए मेरे निप्पल को काट देते।
अंकल बोले- रुक !
बाहर पड़ी बोतल में बची दारू ग्लास में डाल लाये और बोले- यह लवली-लवली होगा !
आधे से ज्यादा मुझे पिला दिया और ६९ की हालत में आ कर मेरी चूत चाटने लगे। मैंने भी अब शर्म छोड़ दी, खुलके उनका लौड़ा अपने मुंह में डाल लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।
हाय अंकल ! बहुत सॉलिड लण्ड पाल रखा है ! कितना बड़ा है !
बेटा, यह ९ इंच का होगा ! तू चूसती जा !
तेरी मां बहुत मजे देती है साली ! मुझे क्या पता था माँ की जगह बेटी मिलेगी ! हाय और चूस ! जुबान से चाट इसके सर को ! जुबान से चाट कमीनी ! कुतिया बन ! हाय !
मैं अब नशे में थी और कौन सा मैं पहली बार चूस रही थी। मेरा अंदाज़ देख कर अंकल बोले- लगता है तू माहिर है ! साली तेरी चूत भी बजी हुई है।
मुझे गरम करने के लिए ऐसी बातें करते हए बोले- कितनों से चुदी हो ?
अंकल ! तीन लड़कों से !
गाजर, मूली कितनी लेती हो?
कभी कभी !
अब उन्होंने मुझे सीधा लिटा कर मेरी जांघों के बीच में बैठ अपने लण्ड का अग्र भाग मेरी चूत के मुँह पे रख कर धक्का मारा, लेकिन उनका लण्ड इतना मोटा था कि अन्दर नहीं गया। वैसे भी मैंने साँस थोड़ी अन्दर खींच कर चूत को कस डाला ताकि उनको जोर लगाना पड़े।
वो बोले- चल साली साँस छोड़ ! तेरा बाप हूँ मैं ! मुझे बनाएगी !
फ़िर उन्होंने एक ज़ोर का झटका मार पूरा लण्ड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया और तेजी से चुदाई करने लगे। इतनी तेज चुदाई इतनी उमर में !
लगता था सेक्स के मास्टर हों !
ओह ! ओह ! कर वो मेरे दोनों मम्मे दबा दबा के मेरी चूत मारने लगे। मैं नीचे से अपने कूल्हे उठा-उठा के उनका साथ दे रही थी। अंकल ! तेज ! बहुत अच्छा है आपका लण्ड ! आज तक मेरी ऐसे चुदाई नहीं हुई !
बोले- आ गई न रांड जुबान पे ! ले खा !
हाय ! खा जाउंगी !
फ़िर एकदम से लण्ड बाहर निकाल, मुझे उल्टा कर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और तेजी से चोदने लगे। साथ में अपनी ऊँगली मेरी गाण्ड में डाल गोल गोल घुमाने लगे। मैं चुदाई में इतनी दीवानी हो चुकी थी कि कब अंकल ने दो ऊँगलियाँ अन्दर डाल दी।
फ़िर अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लिया, मुझे उठाया, लण्ड सीधा खड़ा था, अंकल बोले- गोदी में आजा बेटे ! हमारी गोदी में खेल कर ही तू बड़ी हुई है !
उन्होंने मुझे अपनी जाँघों पर बैठाया और पदाच की आवाज़ के साथ लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया, मेरे दोनों कूल्हों को नीचे से पकड़ के गोल गोल घुमाते हुए उछालने लगे। मेरे दोनों मम्मे बिल्कुल उन्के चेहरे पर के घिस रहे थे। उनके हाथ नीचे थे।
मैंने एक हाथ उनकी गर्दन मे डाल रखा था, दूसरे हाथ से ख़ुद अपना मम्मा पकड़ उनके होंठो से लगाते हुए उनके मुँह में डाल दिया। वो पूरा मम्मा चूसते, मैं ख़ुद बारी बारी दोनों मम्मों को चुसवा रही थी।
बहुत एक्सपर्ट है बेटी !
अंकल अब तेजी से उठा उठा के मारने लगे मेरी चूत। मम्मे मुँह में ले कर निप्पल पर काट देते !
अह ऽऽआह ! मैंने अब दूसरी बार पानी छोड़ दिया।
अंकल ने बिना लण्ड निकाले एक दम से ऐसी करवट ली कि मैं नीचे आ गई और वो फ़िर ऊपर !
फ़िर अंकल ज़ोर ज़ोर से हांफने लगे ! उनकी तेजी बढ़ गई ! तेज तेज धक्कों में एक दम स्टाप लग गया और उनका गरम माल मेरी कोख में छुटने लगा, जैसे कोई नहर बह रही हो ! पूरी चूत गीली करके भर दी ! अंकल मेरे ऊपर लुढ़क गए। मैंने जल्दी से लण्ड निकाला और घुटनों के पास बैठ कर मुँह में ले लिया, मुझे लण्ड का पानी पीना, चाटना पसंद है।
अंकल बोले- पहले कहती तो सारा मुँह में झाड़ देता !
मैंने चाट चाट के लण्ड साफ़ कर दिया और अंकल मेरे अंगों से खेलने लगे, बोले- कुसुम ! कहीं दारू पड़ी हो तो ला !
मैंने चादर लपेटी और लॉबी में बार से बोतल निकाल ली। हम दोनों ने दो दो मोटे पैग लगाये, मैं फ़िर से उनका लण्ड चूसने लगी। ६९ में आकर अबकी बार वो मेरी गांड चाटने लगे थूक डाल डाल के मेरी गाण्ड के छेद को ढीला करते हुए। उनका लण्ड तन के खड़ा मेरे मुँह में मस्ती कर रहा था। मैं ख़ुद उठ कर अंकल की जाँघों पर बैठ गई। पहले तो अपनी चिकनी गोरी जांघें उनकी जांघों से रगड़ने लगी, तभी ख़ुद ही उनके लण्ड को गांड के छेद पे रखते हुए उस पर बैठ गई और पूरा लण्ड अन्दर ले गई।
वो हैरानी से देख रहे थे, बोले- माल है तू ! घोड़ी बन जा !
इतना कह वो मेरे ऊपर छा गए, ताबड़तोड़ वार से मेरी गांड फाड़नी चालू की। मैंने रोका मगर वो नहीं रुके और फाड़ डाली मेरी गांड !
इस तरह झटकों से इस बार झड़ने के करीब आए तो मुंह में डाल दिया। मैंने मुठ मारते हुए उनका सारा माल अपने मुँह में ले लिया। उसके बाद उन्होंने पूरी रात मुझे ४ बार चोदा।
मैंने कहा- माँजी पॉँच बजे उठ जायेंगी !
ठीक साढ़े चार बजे वो अपने कपड़े पकड़ चादर लपेट गेस्ट रूम में चले गए। आंख खुली तो दोपहर के १२ बजे थे अंकल भी अभी तक सोये हुए थे। माँजी बोली- चाय दे आ अपने अंकल को !
मैं चाय देने गई, अंकल को उठाया, चाय साइड पे रख वो मुझे अपनी ओर खींचने लगे और गरम करने लगे।
दादी बाहर है !
अंकल बोले- चूस दे थोड़ा बस ! कपड़े नहीं उतारना ! नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक सरका के डाल लूँगा। देखना डर की चुदाई में अलग ही मजा आता है ! रानी जब डर सा लगा हो तब !
उनकी बात सही थी, कपड़े पहने ही मुझे अलग फीलिंग आ रही थी। मैंने नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक उतार दी। उन्होंने लोअर की जिप खोल लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं सहलाने लगी, दो चार चूपे मारे और मुझे बेड के कोने पे ला उन्होंने डाल दिया और १० मिनट चोदने के बाद सारा माल निकाल दिया और एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।
बाद में अंकल माँ जी से बोले- माँ जी ! अब मैं होटल रह लूँगा !
माँ जी बोली- बिल्कुल नहीं ! अगर पुरुषोत्तम को मालूम हुआ न तो वो हम दोनों की वाट लगा देगा ! तू अपना काम कर ! तू रात को घर आयेगा।
रात को अंकल ने ८ बजे मां जी को कहा कि वो आज लेट हो जायेंगे, खाना बाहर से ही खा के आएंगे, आप सो जाना, मैं ख़ुद दरवाज़ा खोल लूँगा।
मैं अंकल के कमरे में लेट गई और सिप कर कर के दारू पी रही थी। इंतजार में मैंने ३ पेग डाल लिए। तभी अंकल को कोई कार से छोड़ने आया, दोनों बातें करते हुए गेट बंद कर अन्दर आ गए। मैंने सोचा कि अंकल अकेले आयेंगे इसलिए मैं सिर्फ़ पैंटी टी-शर्ट में थी। अंकल बोले- यह मेरा पार्टनर है, बहुत बढ़िया चोदेगा।
वो दोनों मेरी तरफ़ बढ़े, बेड पे एक एक ओर से, दूसरा दूसरी ओर से।
अंकल मेरी जांघें सहलाते हुए बोले- इतनी खूबसूरत हसीन लड़की क्या चीज़ है यार गुप्ता ! अपनी माँ से ज्यादा आग लिए घूमती है।
ओह वो मेरे होंठ चूसने लगा। पास में बोतल देख अंकल बोले- पी ली?
चल एक एक पैग लगायें !
नशे मे मैंने कब उनका लण्ड निकाल चूसना शुरू कर दिया.
उसके बाद क्या क्या हुआ, जरूर बताऊंगी, अगर मेरी यह चुदाई अन्तर्वासना वाले छापते हो तब !
दोस्तों ! चुदाई का किस्सा जारी रहेगा।
उम्मीद है इस बार अन्तर्वासना अपनी इस नियमित पाठक को नजरअंदाज़ नहीं करेगी !
बाय बाय ! Indian Sex Stories
मैं पंजाब से हूं Antarvasna और मैं सेक्स का हर वक्त प्यासा रहता हूं, मैं २४ साल का हूं, ये बात तब कि है जब मैं १९ का था और मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं हमारे घर पर एक काम वाली नयी आयी, क्या चीज़े थी, मैं तो पहले दिन जब उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी, उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर ३६-३२-३६ थी। वो शादी-शुदा थी और ६ फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी, और मोटी मोटी आंखें थी। एक दिन जब वो मेरे रूम में सफ़ाई कर रही थी तो मैने उसके बड़े २ बूब्स देखे और उसके चले जाने के बाद, मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।
एक दिन मोम और डैड दोनो बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के ५ बजे थे मैंने ब्लू मूवी देखनी स्टार्ट की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गयी न जाने वो कब आ गयी, मुझे पता नहीं चला कि कब मैन गेट खुला और वो अंदर आ गयी मैने उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गयी और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंध कर रसोई में चला गया और मैने धीरे से कहा कि आंटी चाय पेयोगी वो गुस्से में बोली नहीं। मैं और डर गया। मैने कहा आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा। वो कुछ नहीं बोली। मैने फिर कहा प्लीज़ मोम को मत बताना। उसने कहा तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए। मेरे पसीने छूट गये। मैने हाथ जोड़े प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गयी और मैं गरम था, उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली तुम सारा दिन ये ही करते हो क्या, चल अपने रूम में जा। मुझसे बात मत कर मैं तेरी मां को बोल दूंगी की इसकी शादी कर दे। मैने बहुत रेकुएस्ट की।
लेकिन वो नहीं मानी। मैं रूम में आ गया वो १५ मिनट बाद मेरे रूम में आयी और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी मैने फिर कहा आप जो कहोगी करूंगा अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो, वो और गरम हो गयी और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा मैं बिकाऊ नहीं हूं। मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है। मैने कहा प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आंटी अब नहीं करूंगा, वो बोली क्या नहीं करेगा, मैने कहा मुठ नहीं मारूंगा, बोली पक्का। मैने कहा प्रोमिस। उसने अपनी टांगे बेड पर रखी उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली मत रो, मेरे राजा मैं तो तुमको डरा रही थी।
तू तो सच में डर गया, चल अब शुरु हो जा मस्ती कर, ये ही तो उमर है ये सब करने की, मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सकून मिला। और उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा, अरे मेरे राजा तुम्हारा लंड तो सो रहा है। मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया और उसने कहा चल अपनी पैंट उतार। मैने कहा क्या आंटी बोली सुनाई नहीं देता क्या, चल। मैने अपनी पैंट उतार दी और उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे ३ इंच के लंड को हाथ लगाया और मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया ,अब मैं मस्त हो गया और वो बोली तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा ८ इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी, मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूं
मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गयी उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी, मैने भी हिम्मत कर अब उसके बूब्स दबा दिये और उसका काली ब्रा उतार फ़ेंका वो उसके मोटे २ गोरे २ बूब्स को दबाने लगा, उसकी चूचियां कड़ी हो गयी और बोली समीर बाबु दबा ज़ोर से, आआआआह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह, मैं भी बहुत दिनो की प्यासी हूं। मैने उसके मम्में जमकर चूसे वो सिसकियां ले रही थी और ऐसे में मैने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी और अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये, मैने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियां ले रही थी आअह्हह्हह्हह्हह समीर बाबु मर गयी। आज मेरी प्यास बुझा दो हम अब ६९ पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैने अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।
उसने अब अजीब अंदाज़ में कहा साले कुत्ते अब मत तड़पा चोद दे मुझको फाड़ दे मेरी चूत, मरी जा रही हूं मैं ऐसा सुनकर मैने भी बोला चल साली रांड आजा आज तेरी चूत फाड़ दूंगा और मैने उसे कुतिया बना लिया और लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया और हल्का सा धक्का लगाया और वो बोली आअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊह्ह ह्हह्हह्हह्हह साले पूरा डाल अपनी रंडी आंटी के अंदर और मैने ज़ोर से झटका दिया और बोला ले साली रंडी आंटी अब पूरा ८ इंच का लंड उसकी चूत में प्रवेश कर चुका था। वो बोल रही थी आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह आआऊऊऊऔऊऊउस्सछह्हह मार डाला रे, इतना दर्द तो सुहागरात को नहीं हुआ, हरामी तेरा लौड़ा ही इतना बड़ा है, ऐसे गालियां सुन मुझे गुस्सा आया और मैं ज़ोर २ से उसको चोदता गया और वो मुझे गालियां दिये जा रही थी साले कुत्ते आअह्हह्हह्ह फाड़ दे आह्हह समीर बाबु आआह्हह्हह्हह ऊऊऊह्हह्हह आज लगा दे सारा ज़ोर।
कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ से भर गयी। और वो पागल हो गयी मैं भी वो सीधी लेट गयी और मैने उसकी टांगे खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून सहलाने लगी उसने मेरी चेस्ट पर कात लिया और वो अब दूसरी बार झड़ गयी और बोली साले आज फाड़ देगा क्या चल ज़ोर लग आआआअह्हह्हह्हह्ह मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनो शान्त हो गयी। उसने मेरे माथे पे किस किया और बोली तू मुझे रोज़ चोदा कर मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुईमैं पंजाब से हूं और मैं सेक्स का हर वक्त प्यासा रहता हूं, मैं २४ साल का हूं, ये बात तब कि है जब मैं १९ का था और मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं हमारे घर पर एक काम वाली नयी आयी, क्या चीज़े थी, मैं तो पहले दिन जब उसको देखा तो बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी, उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर ३६-३२-३६ थी। वो शादी-शुदा थी और ६ फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी, और मोटी मोटी आंखें थी। एक दिन जब वो मेरे रूम में सफ़ाई कर रही थी तो मैने उसके बड़े २ बूब्स देखे और उसके चले जाने के बाद, मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।
एक दिन मोम और डैड दोनो बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के ५ बजे थे मैंने ब्लू मूवी देखनी स्टार्ट की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गयी न जाने वो कब आ गयी, मुझे पता नहीं चला कि कब मैन गेट खुला और वो अंदर आ गयी मैने उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गयी और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंध कर रसोई में चला गया और मैने धीरे से कहा कि आंटी चाय पेयोगी वो गुस्से में बोली नहीं। मैं और डर गया। मैने कहा आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा। वो कुछ नहीं बोली। मैने फिर कहा प्लीज़ मोम को मत बताना। उसने कहा तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए। मेरे पसीने छूट गये। मैने हाथ जोड़े प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गयी और मैं गरम था, उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली तुम सारा दिन ये ही करते हो क्या, चल अपने रूम में जा। मुझसे बात मत कर मैं तेरी मां को बोल दूंगी की इसकी शादी कर दे। मैने बहुत रेकुएस्ट की।
लेकिन वो नहीं मानी। मैं रूम में आ गया वो १५ मिनट बाद मेरे रूम में आयी और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी मैने फिर कहा आप जो कहोगी करूंगा अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो, वो और गरम हो गयी और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा मैं बिकाऊ नहीं हूं। मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है। मैने कहा प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आंटी अब नहीं करूंगा, वो बोली क्या नहीं करेगा, मैने कहा मुठ नहीं मारूंगा, बोली पक्का। मैने कहा प्रोमिस। उसने अपनी टांगे बेड पर रखी उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली मत रो, मेरे राजा मैं तो तुमको डरा रही थी।
तू तो सच में डर गया, चल अब शुरु हो जा मस्ती कर, ये ही तो उमर है ये सब करने की, मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सकून मिला। और उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा, अरे मेरे राजा तुम्हारा लंड तो सो रहा है। मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया और उसने कहा चल अपनी पैंट उतार। मैने कहा क्या आंटी बोली सुनाई नहीं देता क्या, चल। मैने अपनी पैंट उतार दी और उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे ३ इंच के लंड को हाथ लगाया और मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया ,अब मैं मस्त हो गया और वो बोली तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा ८ इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी, मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूं
मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गयी उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी, मैने भी हिम्मत कर अब उसके बूब्स दबा दिये और उसका काली ब्रा उतार फ़ेंका वो उसके मोटे २ गोरे २ बूब्स को दबाने लगा, उसकी चूचियां कड़ी हो गयी और बोली समीर बाबु दबा ज़ोर से, आआआआह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह, मैं भी बहुत दिनो की प्यासी हूं। मैने उसके मम्में जमकर चूसे वो सिसकियां ले रही थी और ऐसे में मैने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी और अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये, मैने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियां ले रही थी आअह्हह्हह्हह्हह समीर बाबु मर गयी। आज मेरी प्यास बुझा दो हम अब ६९ पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैने अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।
उसने अब अजीब अंदाज़ में कहा साले कुत्ते अब मत तड़पा चोद दे मुझको फाड़ दे मेरी चूत, मरी जा रही हूं मैं ऐसा सुनकर मैने भी बोला चल साली रांड आजा आज तेरी चूत फाड़ दूंगा और मैने उसे कुतिया बना लिया और लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया और हल्का सा धक्का लगाया और वो बोली आअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊह्ह ह्हह्हह्हह्हह साले पूरा डाल अपनी रंडी आंटी के अंदर और मैने ज़ोर से झटका दिया और बोला ले साली रंडी आंटी अब पूरा ८ इंच का लंड उसकी चूत में प्रवेश कर चुका था। वो बोल रही थी आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह आआऊऊऊऔऊऊउस्सछह्हह मार डाला रे, इतना दर्द तो सुहागरात को नहीं हुआ, हरामी तेरा लौड़ा ही इतना बड़ा है, ऐसे गालियां सुन मुझे गुस्सा आया और मैं ज़ोर २ से उसको चोदता गया और वो मुझे गालियां दिये जा रही थी साले कुत्ते आअह्हह्हह्ह फाड़ दे आह्हह समीर बाबु आआह्हह्हह्हह ऊऊऊह्हह्हह आज लगा दे सारा ज़ोर।
कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ से भर गयी। और वो पागल हो गयी मैं भी वो सीधी लेट गयी और मैने उसकी टांगे खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून सहलाने लगी उसने मेरी चेस्ट पर कात लिया और वो अब दूसरी बार झड़ गयी और बोली साले आज फाड़ देगा क्या चल ज़ोर लग आआआअह्हह्हह्हह्ह मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनो शान्त हो गयी। उसने मेरे माथे पे किस किया और बोली तू मुझे रोज़ चोदा कर मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुई Antarvasna
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