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Massage Girl in Solan: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Solan who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Solan that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Solan massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Solan who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Solan massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Solan massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Solan who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Solan employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Solan helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Solan

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Solan at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

ये कहानी मेरी और रिया की है। हम दोनो के नाम इसमें Antarvasna बदले हुए हैं। दरसल, रिया मेरी मौसी की लड़की है।
मेरी मौसी की लड़की यानी मेरी मम्मी की मौसी की लड़की की लड़की। रिया मुझसे दो साल बड़ी है। रिया के परिवार से हमारे बहुत अच्‍छे रिश्तें है।
रिया को मैं बहन ही मानता था। परन्तु, मुझे रिया की बड़ी बहन रानी और उसके बड़े भाई ने ही बिगाड़ा था।

रिया की नानी मेरी नानी के घर के पास ही रहती थी क्योंकि वो बहुत छोटी उम्र में ही विधवा हो गई थी और उनके केवल दो लड़की ही थी। इसीलिए मेरे नाना उनको अपने पास ही लियाऐं थे। और उनको अपना एक घर भी दे दिया था।
रिया की नानी अकेली रहती थी इसीलिए रिया की मम्मी ने गाँव में नानी के पास अपनी बड़ी लड़की रानी को छोड़ दिया था।

हुआ यूँ कि एक बार मैं अपनी मम्मी के साथ नानी के घर गया। शाम को मैं नानी के घर से रिया की नानी के घर चला गया। वहाँ पर मुझे रिया की बड़ी बहन रानी मिली।

रानी ने दरवाज़ा खोला और मुझको अंदर बुला लिया। मैं अंदर पहुँचा और एक खाट पर बैठ गया। वहीँ पर रानी भी मेरे पास बैठ गई। कुछ देर तो उसने मुझसे बात की। फिर थोड़ी देर बाद वो लेट गई और अपनी सलवार में हाथ डालकर हिलाने लगी।

कुछ देर तो मैं भी यूँ ही देखता रहा और फिर मैंने पूछा के ये क्या कर रही हो। उसने कहा के मेरी चूत में खुजली हो रही है। मैं इसको खुज़ा रही हूँ।

मैंने कहा- ये चूत क्या होती है तो वो बोली अभी तू बच्‍चा है बड़ा हो कर जब चूत मारेगा तो सब समझ जाएगा।

मैंने कहा- मारेगा?
तो वो बोली- हाँ तभी तो बच्‍चे पैदा होते हैं।
मैंने कहा- इसे कैसे मारते हैं?
वो बोली- किसी से तू कुछ कहेगा तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं।
तो बोली- वादा कर !
मैंने कहा- वादा रहा।

फिर उसने झट से अपनी सलवार उतार दी और मुझसे बिल्कुल चिपक गयी। मुझे कुछ पता ही नही था मेरी समझ में नही आ रहा था कि हो क्या रहा है। फिर मैं बोला- ये क्या कर रही हो?

वो बोली- चूत मारना सीखना है या नहीं?

मैं चुप रहा।

फिर वो बोली- तू मुझको आज खुश कर दे फिर तुझको मैं रिया की चूत भी दिलवा दूँगी.
मैंने कहा- रिया की?

वो बोली- हाँ। रिया को कुछ दिन बाद एक लंड की जररूत होगी और तुझको एक चूत की। इसीलिए, तुम दोनो आपस में कर लेना।
मैंने कहा- अभी क्यों नही तो बोली अभी रिया छोटी है।

मैंने कहा- कितने दिन और लगेंगे उसको वो बोली जब वो बडी होगी जब मैं तेरे से ही उसकी सील तुडवाऊंगी। अब तू चुप हो जा मुझको मज़ा आने लगा है।

फिर मैं चुप हो गया और उसे बस करते हुए देखता रहा उसने धीरे से मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को निकालकर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और बीच-बीच में बोल रही थी कि खड़ा कर मुझे पता नही था कि खड़ा कैसे होता है।
फिर उसने मेरे छोटे से लंड को अपनी चूत पर रखकर ज़ोर से झटका मारा पर मेरा लंड हल्का सा ही अंदर गया था वो बोली इसे अंदर डाल ना मैं भी कोशिश करने लगा तो मेरा लंड उसने हाथ से पकड़कर अंदर कर दिया और धीरे धीरे हिलने लगी अब उसका पानी निकलने लगा था।

वो बोली मुझको मज़ा आ रहा है थोड़ी देर और अंदर की तरफ ज़ोर लगा और ऊपर-नीचे हो।

मैंने ऐसे ही किया थोड़ी देर बाद फिर वो बोली अब हट जा मुझको तूने मज़ा दे दिया। और उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया। फिर वो मेरे लंड को पकड़ कर बोली ये अभी छोटा है इसे बड़ा करना पड़ेगा। क्योंकि लंड जितना बडा और मोटा होता है उतना ही लडकी और औरत को मज़ा आता है औरत और लडकी को बार-बार चुदने के ‍लिए कहीं ओर नही जाना पडता और तुझको भी तो बहुत मज़ा आएगा। क्योंकि तेरा लंड भी तो टाईट और सही जायेंगा। जब लंड, चूत और गाँड में टाईट और सही जाता है तो फिर दोनो को खुब मज़ा आता है।

फिर उसने मेरे गीले लंड को अपने मुंह में ङाल लिया और उसे चाटने लगी और उसे आइस्क्रीम की तरह चूस भी रही थी।
फिर दरवाज़े पर कोई आ गया। उसने मेरे लंड को मुंह से निकाला और पैंट के अंदर कर दिया और मुझ से बोली अपनी पैंट बंद कर ले।

फिर वो उठी और सलवार का नाडा बाँधते हुए दरवाज़ा खोलने चली गयी। वहाँ पर एक पड़ोस का आदमी था। उन दोनो में कुछ बात हुई और वो चला गया फिर रानी अंदर आई।

मैं बोला- अब रिया की सील कब तुड़वाओंगी फिर वो बोली अभी तेरा बहुत छोटा है इसे बड़ा कर।
मैंने पूछा- ये बड़ा कैसे होगा।
वो बोली- इसे चुसवाना !
मैंने कहा- तो तुम्ही बड़ा कर दो !

वो बोली- ठीक है। लेकिन जब तू मुझे मिलेगा तो मैं तेरा ये बड़ा करूंगी और तू मुझे खुश कर देना।
मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैं अपनी नानी के घर आया और रात को खाना खाकर सो गया। सुबह हम जल्दी उठे और अपने घर पर आ गये।

अब मेरा रानी से कोई कॉन्टेक्ट नही था। दो साल बाद मैं एक दिन रिया के घर गया वहाँ पर मुझे रिया का बड़ा भाई मिला। वो दिन राखी का दिन था।

रिया की गली की एक लड़की आ‍ई हुयी थी जो रिया की सहेली थी। उसका नाम अंजू था। अंजू का रंग एक दम गोरा बिलोरी आँखें चूची छोटी छोटी बाल लंबे उसने एक महरुन फ्राँक पहन रखा था। फिर कुछ देर बाद रिया के घर पर हम छुपा छुपी का गेम खेलने लगे।

रिया, मैं, रिया का बड़ा भाई, अंजू और गली के कुछ बच्चे। मैं, अंजू और रिया बड़ा भाई एक स्टोर रूम में छुप गये।

वहाँ पर मैंने देखा के रिया का बड़ा भाई अपना लंड निकल कर खड़ा था। उसका लंड बहुत बड़ा था। और वो अंजू को अपनी तरफ खींच रहा था। अंजू मना कर रही थी। और कह रही थी की गॅप सब को बता देगा। फिर रिया के बड़े भाई ने मुझसे पूछा के तू बताऐंगा तो नही।

मैंने कहा- एक शर्त पर, अगर मुझे भी सिख़ाओगे तो !
वो बोला ठीक है। रात को सब कुछ बता दुंगा।

फिर उसने अंजू की फ्राक ऊपर की और उसकी कच्‍छी उतार दी। वो संदूक पर बैठा और अंजू को अपने ऊपर बैठा लिया और अंजू को ऊपर-नीचे करने लगा। कुछ देर बाद मुझे रानी की लंड बड़ा करने की बात याद आ गई।

मैं भी अंजू के मुहूँ में लंड देना चाहता था पर दरवाज़े पर खट खट की आवाज़ हुई अंजू एक दम खड़ी हो गई और अपनी कच्‍छी ऊपर की और हम सब बाहर आ गये।

अब रिया के बड़े भाई की ढूंढने की बारी थी। अब की बार मैं और अंजू उस ही स्टोर में छुप गये। मैंने धीरे से अंजू का हाथ पकड़ लिया।

वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी। मैंने उससे पूछा की तुम क्या कर रहे थे। वो बोली तेरा भाई मेरी चूत मार रहा था।

मैंने कहा अच्‍छा तो ये बात है। फिर वो बोली तू भी मेरी चूत मारेगा क्या। मैंने कहा नही मुझे तो अपने लंड को बड़ा कराना है।

वो बोली- अच्‍छा तो लंड चूसवाना चाहता है। चल ठीक है, वो बोली निकाल अपना लंड देखो कितना बड़ा है।
मैं बोला- खुद ही निकाल ले।

उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड निकाल लिया।

जैसे ही उसने मेरे लंड को छुआ तो मेरा लंड बड़ा हो गया और एक रोड के समान सखत हो गया।

फिर मुझे अच्छा भी लगने लगा तो बोली तेरा लंड तो बड़ा हो गया मैंने कहा इसे और बड़ा कर। तो वो बोली, किसी को मारेगा क्या फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। करीब पाँच मिनट बाद वो बोली क्या पहली बार कर रहा है। तो मैंने उससे रानी के बारे में बता दिया।

तो वो बोली- रानी ने अपने भाई के साथ ही कर लिया।

तो मैंने कहा- तू भी तो भाई को राखी बाँधती है। वो बोली हम सगे तो नही है। मैंने कहा हम भी सगे नही है। फिर वो बोली चल बाहर चल वरना सब को शक हो जाऐगा।

फिर हम बाहर आ गयें और अंजू अपने घर जाने लगी।
अंजू बोली- गॅप घर आ जाना !
मैंने कहा- ठीक है।

रात को मैं और रिया का बड़ा भाई अंजू के घर चले गये। अंजू के घर पर केवल वो और उसकी छोटी बहन ही थी। फिर मैंने भाई से कहा मुझे भी सीखना है।

वो बोला अभी रूक जा उसकी छोटी बहन को सो जाने दे। रात को करीब एक बजे अंजू हुमारे पास आ गई।

अब भाई मुझसे बोला तूने कभी चूत देखी मैंने कहा नही तो अंजू हँस पड़ी। मैं उसकी हँसी का मतलब समझ गया था। क्योंकि मैंने शाम को उसे रानी के बारे में बताया था। फिर भाई ने उसकी फ्राक ऊपर की और मैंने देखा कि अंजू ने फ्राक के नीचे कुछ भी नही पहन रखा था। फिर भाई ने उसे लिटाया और उसकी टांग ऊपर कर के चौडा दी। फिर वो बोला देख ये होती है चूत।

मैने देखा कि अंजू की चूत एक दम गुलाबी थी और उस पर घूघंराले बाल थे। फिर भाई बोला बहन की लोड़ी ! मैंने तुझसे कहा थे के बाल साफ कर लेना।

वो बोली- बहन के लंड ! तूने मुझको टाइम ही कहाँ दिया।
फिर भाई बोला- बहनचोद आज तेरी चूत ना फाडी तो मैं भी मर्द नही।

इतने में अंजू ने मुझे अपनी तरफ खींचा और बोली तेरा लंड बड़ा करूं और उसने मेरी पैंट उतार दी। और अंडर‍वियर के बीच में हाथ डालकर लंड निकाल लिया।

फिर भाई से बोली ओऐं बहन के लौड़े ! जल्दी से चोद। मुझे वापिस अपनी बहन के पास जाना है।
वो बोला- ठीक है।

भाई ने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे चूत मारने का तरीका बताने लगा। भाई ने अंजू की चूत की दोनो तरफ की खाल अलग कर दी।

अब उसकी चूत साफ दिख रही थी। भाई ने अपना लंड उसकी गुलाबी चूत के लाल दाने पर रखा और एक ज़ोर से झटका दिया। अंजू को बहुत दर्द हुआ।

उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपना सर इधर उधर हिलाने लगी। और उसकी चूत से खून भी निकल रहा था। फिर भा‍ई थोड़ी देर रुका। अंजू भी मुझे देख रही थी और मुझे भी मज़ा देना चाहती थी पर दर्द के कारण कुछ कर नही पा रही थी।

फिर कुछ देर बाद उसका दर्द बंद हुआ। फिर वो बोली कर ना ! जल्दी मुझे जाना है। और वो मेरा लंड पीने लगी अब मुझे और भी अच्छा लग रहा था। फिर भाई उसे चोदने लगा।

कुछ देर बाद अंजू के मुँह से निकाला के ज़ोर से चोद मेरी चूत फाड़ और वो मेरे लंड को जोर से और पागल की तरह चूस रही थी। फिर वो भाई से बोली लंड निकाल मैं झडने वाली हूँ। भाई ने अपना लंड निकाला तो भाई के लंड से सफेद पानी निकला।

मैं बोला- ये क्या है?
तो भाई बोला- इसी से बच्‍चे बनते हैं। इसी तरह का पानी इसकी चूत छोड़ रही है।
फिर मैंने कहा- मुझे देखना है !

तो भाई ने अंजू की टांग ऊपर की और उसकी चूत फाड़कर दिखाने लगा। तो अंजू की चूत से खून और सफेद पानी निकल रहा था। वो बोला आज इसकी सील टूटी है। इसी लिए इसकी चूत से खून निकल रहा है।

फिर मैं अंजू के पास गया और अंजू अपने आप ही मेरे लंड पकड़ कर चूसने लगी कुछ देर बाद मुझे अंदर कुछ अच्छा महसूस हुआ और मेरा सारा पानी अंजू के मुँह में निकल गया।

वो बोली ये क्या किया गंदा ना हो तो। मैंने कहा मुझे पता ही नही चला। फिर वो उठी और अपने आप को साफ करके और अपने कपडे सही करके चली गई।

अब मुझे रिया के बारे में ख्याल आने लगा कि मैं भी उसकी सील तोड़ूंगा। क्योंकि मुझे रिया की बड़ी बहन ने वादा किया था।

फिर उस रात मैंने भाई से सारा गुप्त ज्ञान ले लिया। और उसके बाद उसकी बहन रिया को और रानी को, अपनी बुआ को, पडोस की तीनो बहुओं को, अपनी सग़ी चाची को, अपने मामा की लड़की को, अपनी दो मेडम को, अंजू को, अपने गुरु की तीसरे नंबर की लडकी को चोदा और इनके अलावा भी कईयों को चोदा है। Antarvasna

Antarvasna

मैं अपना परिचय Antarvasna दे दूँ, मेरा नाम सुरेश खुराना है, उम्र ५२ साल, कद ५’-१०”, रंग गोरा और बदन गठीला है। मैं स्टेट बैंक में मैनेजर हूँ, मेरे घर में मेरी पत्नी और दो बेटे हैं, जो कक्षा ८ और १० में पढ़ते हैं।

बात लगभग एक साल पहले की है जब मेरा तबादला आगरा से जयपुर हुआ तो पत्नी और बच्चों को आगरा में ही छोड़कर मैं अकेले जयपुर आ गया। जयपुर में मैंने जो मकान किराये पर लिया उसके मालिक का नाम था मूल चंद मनवानी, उसकी उम्र लगभग ५४ साल, कद ५’-६”, रंग गोरा और बदन ढीला ढाला, पेशा जूते की दुकान। उसके घर में उसकी पत्नी सीमा, उम्र लगभग ५० साल, कद ५’-५”, रंग गोरा और बदन भरा-पूरा। खंडहर बताते थे इमारत कभी बुलंद थी। इनकी एक लड़की पायल थी जिसकी उम्र करीब अट्ठारह-उन्नीस साल, कद ५’-५”, रंग गुलाबी और बदन अपनी मां की तरह भरापूरा था, एक नज़र में फिल्म स्टार ममता कुलकर्णी लगती थी।

मैं सुबह नहा धोकर निकलता, रेस्तरां में नाश्ता करता और बैंक चला जाता, दोपहर का खाना टिफन वाला बैंक में दे जाता और रात को होटल में खाता था।

इस तरह दिन कट रहे थे कि एक दिन मूल चंद जी बोले- खुराना साब, क्यूँ होटल बाज़ी करते हैं, यहीं घर में खाया कीजिये।

मेरे मना करने पर बोले- जो मुनासिब हो, पैसे दे दिया करिए, यानी आप किरायेदार से पेइंग गेस्ट बन जाइए। मुझे भी ठीक लगा और मैं उनके घर मैं खाने लगा। उनके घर खाना खाने से हुआ यह कि मैं सीमा की तरफ आकर्षित होने लगा और उसको चोदने की सोचने लगा।

एक दिन मैंने बैंक से छुट्टी ली और सिरदर्द का बहाना बनाकर घर मैं लेटा रहा।

जब नाश्ता करने उनके घर नहीं गया तो मूल चंद और पायल के जाने के बाद सीमा आई और पूछा- आज आप नाश्ता नहीं करेंगे क्या?

मैंने बताया- तबियत खराब है !

तो बोली- मैं चाय बनाकर लाती हूँ !

मैंने कहा- चाय ना लाइये, कोई बाम हो तो ले आइये !

वो गई और बाम ले आई तथा मेरे कहने पर मेरे माथे पर मलने लगी। दोनों के शरीर करीब आये साँसे मिलने लगीं तो मैंने पहल की और उसने भी विरोध नहीं किया, हम दोनों नंगे हो गए और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। उस दिन से लगभग रोज़ हमारा प्रोग्राम बन जाता।

एक दिन मैं उसको चोद रहा था, कमरे का दरवाजा बंद था, खिड़की का पर्दा लगा था, मुझे एहसास हो गया कि पायल आ गई है और खिड़की के बाहर से अन्दर के माहौल का अंदाज़ लगा रही है।

उसको सुनाने के उद्देश्य से मैंने सीमा से पूछा- सीमा जब मेरा लंड तुम्हारी चूत के अन्दर बाहर होता है तो मज़ा आता है?

तो बहुत सेक्सी आवाज में सीमा ने कहा- राजा इतना मज़ा इससे पहले कभी नहीं आया !

सीमा को चोदते हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि उसकी बेटी पायल यह जान गई थी कि मैं उसकी माँ सीमा को चोदता हूँ। हालाँकि सीमा को यह नहीं मालूम था कि पायल यह सब जानती है। मेरा ध्यान अब कच्ची कली को फूल बनाने पर लगा हुआ था। जल्दी ही भगवान ने मेरी सुन ली, सीमा का मायका अलवर में था और उसकी माँ की तबियत खराब होने की खबर आई तो वह एक हफ्ते के लिए अलवर चली गई, जाते समय मुझसे बोली- तुम्हें बहुत मिस करूंगी !

मैंने मुस्कुरा कर कहा- मैं भी !

उसके जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो पायल से इधर उधर की बातें होने लगीं। मैं उसकी झिझक दूर करना चाहता था। बातों बातों में उसने बताया कि परसों मेरा जन्मदिन है और मैं १८ साल की हो जाऊंगी।

मैंने पूछा- तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें क्या तोहफ़ा दूं ?

बोली- कुछ नहीं !

मैं जानता था कि मूल चंद बहुत कंजूस टाइप का आदमी है और परिवार पर ज्यादा खर्च नहीं करता है। मैंने कहा- रात को जब तुम्हारे पापा आ जायेंगे तो उनसे बात करूंगा और कल तुमको मार्केट ले जाऊंगा, एक सुन्दर सा सूट दिलाऊँगा।

मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो गई। मैं नाश्ता कर चुका था इसलिए उठा और बैंक चला गया। रात को खाने के समय मैंने मूल चंद से कहा- परसों पायल का जन्मदिन है और मैं इसे एक सूट उपहार में देना चाहता हूँ, अगर आपकी इजाज़त हो तो कल इसको मार्केट से दिलवा दूं?

मूल चंद लालची तो था ही, हल्की सी मनाही के बाद बोला- जो आपकी मर्ज़ी !

खाना खाकर मैं अपने कमरे में आ गया और आगे की योजना बनाने लगा। सुबह मूल चंद के जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो मैंने पायल से कहा- ११ बजे तक तैयार हो जाना, मार्केट चलेंगे, पिक्चर देखेंगे और वहीं खाना खायेंगे ! पायल के चेहरे और मेरे लंड की रौनक देखने लायक हो रही थी।

मैं बैंक गया और बहाना बनाकर ११ बजे वापस आ गया, पायल तैयार थी, गज़ब ढा रही थी। हम लोगों ने पहले सूट ख़रीदा, फिर उसकी झिझक खोलते हुए उसको ब्रा और पैंटी भी दिलवा दी। इसके बाद हम लोग पिक्चर देखने लगे। इंटरवल तक हम लोग आराम से बैठे रहे, इंटरवल में पोपकोर्न लिए, खाते खाते पिक्चर शुरू हो गई। अब पोपकोर्न लेने के चक्कर में हमारे हाथ छुए तो शुरुआत हो गई। पोपकोर्न खत्म होने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ा, कुछ नहीं बोली तो मैंने उसका हाथ सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मेरा लंड एकदम टाइट हो गया तो मैंने पायल का हाथ अपने लंड पर रख दिया और अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा तथा सहलाने लगा।

मैंने उससे कहा- तुम भी सहलाओ ! तो वह मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी। मैंने अपना दूसरा हाथ उसके मम्मे पर रखा और हल्के-हल्के दबाने लगा। इसी समय पिक्चर खत्म हो गई और हम खाते पीते घर आ गए। आज पहला दिन था और उसे खाना भी बनाना था, इसलिए घर आकर हमने कुछ नहीं किया। वह अपने घर चली गई और मैं अपने कमरे में ! मैंने बाथरूम जाकर मुठ मारी, अपने लंड को ठंडा किया और सो गया।

रात को करीब १० बजे मूल चंद की आवाज से नींद खुली, सबने एक साथ खाना खाया। खाने के दौरान पायल की भूखी प्यासी आँखें मुझे और मेरी आँखें उसे देखती रहीं। मूल चंद तो १५००/- का सूट देखकर गीला हो गया था।

अगले दिन सुबह सोकर उठा तो पहला काम पायल को फ़ोन करके हैप्पी बर्थडे कहा।

बोली- थैंक्यू !

तो मैंने कहा- पायल, आई लव यू !

शर्माते हुए बोली- आई लव यू टू !

रास्ता साफ़ था, बस मूल चंद के दुकान जाने की देर थी, मुझे मालूम था कि आज १८ साल की नई नवेली चूत मिलने वाली है, मैं भी डाबर शिलाजीत गोल्ड के २ कैप्सूल खाकर अपनी जवानी में चार चाँद लगा चुका था। मूल चंद को दुकान गए १० मिनट हो गए तो मैं पायल के कमरे की तरफ गया, कमरा अन्दर से बंद था, आवाज़ देने के २ मिनट बाद दरवाज़ा खुला तो मैं गश खाकर गिरने वाला था, मेरी दुल्हन पायल मनवानी गुलाबी रंग के नए सूट में बिजली गिरा रही थी। मैं कमरे के अन्दर गया तो उसने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने अपनी बाहें फैलाईं तो चली आई।

मैंने कहा- पायल आज तुम १८ साल की हो गई हो और १८ साल की लड़की को सरकार इजाज़त देती है वह जो चाहे कर सकती है, वह चाहे तो नया सूट पहन सकती है और चाहे तो सूट दिलाने वाले को सूट उतारने का मौका दे सकती है, क्या तुम मुझे ये मौका दोगी कि मैं देख सकूं कि तुम नई ब्रा और पैंटी में कैसी लगती हो ?

कुछ नहीं बोली, बस सीने से लग गई, मैंने उसका सूट उतारा फिर थोड़ी देर तक चूमने चाटने के बाद ब्रा और पैंटी भी उतार दी, उसे गोद में उठाया और बेड पर ले आया। बेड पर लिटाते ही अपने होंठ उसकी चूत पर रखे तो उसे करंट सा लगा, मुझे लगा लोहा गरम है, अपने कपड़े उतारे, जेब से कंडोम निकालकर अपने तन्नाये हुए लंड पर चढ़ाया और लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखते हुए कहा- पायल डार्लिंग ! यह रहा तुम्हारा असली बर्थडे गिफ्ट !

पहले झटके में आधा और दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी चूत में समा गया, थोड़ा सा कसमसाई लेकिन झेल गई।

अब मेरा लंड उसकी चूत में था और उसका एक मम्मा मेरे मुंह में तथा दूसरा मेरे हाथ में था। आधे घंटे से ज्यादा देर तक चोदने के बाद जब मेरे लंड से पिचकारी छूटी तो भूचाल आ गया। अपना लंड जब उसकी चूत से निकाला तो चादर पर फैला खून देखकर एक बार तो मैं घबरा गया लेकिन पायल का सुकून भरा चेहरा देखकर राहत की सांस ली। हम दोनों बाथरूम गए मिलकर नहाए और बेड पर आ गए।

कुछ देर बाद मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके होठों को चूसना शुरू किया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसे वह सहलाने लगी। थोड़ी देर में लंड खडा हो गया तो मैंने पोजीशन बनाकर लंड उसके मुंह में दे दिया. कुछ देर बाद उसने मुंह से मेरा लंड निकाला और मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख दिया, मैं समझ गया चुदासी है !

मैंने जेब से दूसरा कंडोम निकाला, लंड पर चढ़ा कर लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने लंड को अपनी चूत पर रखा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। उस दिन मैंने उसको चार बार चोदा और सीमा के आने तक यह कार्यक्रम चलता रहा।

सीमा के आने के बाद कहानी में कहाँ मोड़ आया, यह अगले भाग में…. Antarvasna

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 25 साल है और ये कहानी है मेरी बहन और मेरे मुस्लिम दोस्त के बीच हुई चुदाई की। मेरी बहन का नाम हिमानी है और उसकी उम्र 21 साल है। उसका फिगर 32 28 34 है। उसको देखते ही अच्छे अच्छों के लन्ड टाइट हो जाते है। हिमानी और में हम दोनों जयपुर में अलग अलग PG में रहते हैं, वो गर्ल्स PG ओर में बॉयज PG में रहता हूं। हिमानी अपनी CA की पढ़ाई कर रही हैं और में अपनी नौकरी। मेरे साथ मेरा रूम मैट रहता है, जिसका नाम फैजान है। उसकी उम्र 28 साल की है और वो बहुत स्मार्ट और हैंडसम दिखता हैं। उसकी सावले कलर की सिक्स पैक बॉडी देख कर कोई भी लड़की पिघल जाएगी। तो दोस्तो कहानी शुरू करते हैं, एक दिन मैने अपनी बहन के साथ इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर की जिसमें उसने लहंगा पहना हुआ था। वो फोटो देख कर फैजान पागल हो गया। हम दोनों वैसे भी आपस मे सेक्सी बाते आराम से कर लिया करते थे और वो हमेशा मुझे चिढ़ाता था, क्योंकि में दुबला पतला हु। वो मुझे छोटी लुल्ली वाला बोलता था और पता नहीं क्यों अन्दर से मुझे भी अच्छा लगता था। उसे पता था में उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता हु। वो फोटो देख कर फैजान ने बोला कि तेरी बहन तो बहुत सुंदर है। मैने हा बोला तो फैजान बोला कि उसका कोई बॉयफ्रेंड है क्या। मैने बोला नहीं है तो वो बोला कि तेरी बहन कहा रहती हैं, मैने बोला कि इसी शहर में हॉस्टल में रहती है। ये सुन के वो बोला हॉस्टल में रहती है फिर तो पक्का बॉयफ्रेंड होगा और वो बहुत मज़े करती होगी। मुझे बुरा लगा पर मैं उसका कुछ नहीं कर सकता। फैजान बोला नाराज मत हो, हर लड़की की चुदाई होती है, तेरी बहन की भी हुई होगी। मैने बोला वो ऐसी नहीं है। इस पर फैजान बोला कि शर्त लगा ले मुझसे तेरी बहन को सेट करके में उसकी चुदाई कर दुगा। मैने भी गुस्से में बोला ठीक है लगी शर्त, ओर दोस्तो यही मेरी गलती थी। फैजान ने बोला बस तु थोड़ी मदद कर फिर देख तेरी बहन कैसे एक मुस्लिम मर्द की रण्डी बनती है और रोज रोज चुदाई करती हैं। मैने बोला कैसी मदद चाहिए, क्योंकि दोस्तो इस प्वाइंट तक मेरे मन में भी हवस चढ़ गई थी। फैजान बोला उसकी ID दे ओर एक बार उससे मिलवा दें बस। मैने फैजान को ID दी और बोला कि में शाम को उससे कैफे में मिलने जा रहा हु, वहां पर तुम भी अचानक आ जाना और हमसे मिल लेना। उसे भी यह ठीक लगा। दोस्तो मुझे अपनी बहन पर पूरा भरोसा था लेकिन फैजान का कॉन्फिडेंस देख कर मुझे डर लग रहा था और में शाम का इंतेज़ार करने लगा। शाम को जब में हिमानी से मिलने गया तो उसने छोटी सी शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहना था और वो बहुत सेक्सी लग रही थी, सब लोग उसको ही देख रहे थे। उसको भी यह सब अच्छा लगता है। हम लोग बात कर रहे थे तभी वहा प्लान के मुताबिक फैजान आ गया और वो भी बहुत स्मार्ट लग रहा था। उसने मुझे ओर मेरी बहन को हेलो बोला, हिमानी भी उसको देखे जा रही थी। वो हिमानी के पास खड़ा था और उससे मजाक मस्ती कर रहा था। दोस्तो फैजान काफी एक्स्ट्रोवर्ट किस्म का आदमी है तो मेरी बहन को भी वह भा रहा था। हिमानी उसके पास खड़ी छोटी सी बच्ची लग रही थी। फिर में बिल पे करने गया जहां मुझे थोड़ा टाइम लग गया तब तक वो दोनों काफी खुल गए आपस मे। फिर में ओर फैजान अपने रूम पर आ गए और हिमानी अपने हॉस्टल चली गई। रूम पर आते ही फैजान बोला ये रण्डी तो बहुत आसानी से चूद जाएगी, देखा नहीं कैसे हस हस कर बाते कर रही थी। मैने बोला उसका नेचर फ्रैंडली है। फैजान बोला की कुछ भी बोल बहुत तगड़ा माल है तेरी बहन, इसकी लेने में बहुत मजा आएगा। इसको तो ऐसा चोदूंगा कि हमेशा मेरे लन्ड के लिए भीख मांगेगी। इसकी चूत की गर्मी शांत करना तुम लुल्ली वालों के बस की बात नहीं है। में शर्म के मारे सब सुन रहा था क्योंकी कर तो कुछ सकता नहीं में। मैने उससे आगे का प्लान पूछा तो वो बोला अब वह उसको इंस्टाग्राम पर रिक्वेस्ट भेजेगा। उसने रिक्वेस्ट भेजी और 5 मिनट में हिमानी ने वो एक्सेप्ट कर ली। फैजान ने उसको मैसेज किया और हिमानी भी उसको रिप्लाई करने लगी। थोड़ी नॉर्मल बाते करने के बाद फैजान ने बोला कि आज कैफे मे तुम बहुत हॉट लग रही थी। तो हिमानी ने बोला थैंक्यू। अब तक हिमानी उससे मेरा दोस्त की वजह से बात कर रही थी। अगले दिन फिर फैजान ने उसको मैसेज किया और उसकी तारीफ करने लगा। उसने हिमानी को ये बोला कि अपने बीच की बात वो मुझसे ना बोले तो हिमानी ने भी हा बोल दिया। अब दोनों के बीच दोस्ती बढ़ गई थी, एक दिन फैजान ने अपनी शर्टलेस फोटो स्टोरी पर लगाई तो मेरी बहन ने उस पर फायर इमोजी शेयर किया। अब उसके मन में भी फैजान के लिए कुछ था। फैजान को लगा आज चांस अच्छा है इस चैट को सेक्सी मोड पर ले जाने का। उसने हिमानी को पूछा पिक कैसी लगी, तो हिमानी ने भी तारीफ की। फैजान बोला कि आपके जितना हॉट नहीं हु में, तुमको देख कर तो मन करता है कि....... और वो रुक गया और बस इतना ही मैसेज भेज दिया। हिमानी बोली बताओ क्या मन करता है, तो फैजान बोला रहने दो तुम नाराज हो जाओगी। हिमानी बोली बताओ न, में नाराज नहीं होंगी। अब हिमानी भी जानना चाहती थी, तो फैजान बोलता है कि तुमको देख कर मन करता है कि तुम्हारी पतली कमर पकड़ कर अपने पास खींच लू और जोर से तुमको किस करता रहु। हिमानी ने इस पर किस वाला इमोजी भेजा, तो फैजान खुश हो गया कि चिड़िया जाल में फंस गई है। फैजान ने पूछा मेरी पिक देख कर तुम्हारा क्या मन करता है, तो हिमानी बोली कुछ नहीं। फैजान बोला झूठ मत बोलो, कुछ तो करता होगा, मैने भी तुमको बताया अब तुम्हारी बारी। इस पर हिमानी बोली कि आपकी गर्लफ्रेंड बहुत खुशकिस्मत होगी क्योंकि उसको आप जैसा स्मार्ट बॉयफ्रेंड मिलेगा। फैजान बोला ऐसा क्यूं तो हिमानी बोली आप बिल्कुल मर्द जैसे लगते हो, आजकल के लड़कों जैसे नहीं, फैजान बोला और बताओ। हिमानी बोली आपकी आपकी चेस्ट देख कर उसको हग करने का मन करता है और उसको किस करने का मन करता है। फैजान बोला तो रोका किसने है, तुम जब चाहो मुझे हग ओर किस कर सकती हो। फैजान आगे बोला कि हिमानी मुझे तुम बहुत अच्छी लगती, क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी, में तुमको बहुत खुश रखूंगा और गुमाने ले जाऊंगा। हिमानी भी चाहती थी पर उसने बोला आप रोहित भैया के दोस्त हो, उनको पता चला तो वो नाराज होगे। फैजान बोला रोहित को पता नहीं चलेगा तुम हा तो बोलो। हिमानी तो यही चाहती थीं क्योंकि उसकी सहेलियों में किसी का बॉयफ्रेंड इतना तगड़ा नहीं था। हिमानी ने हा बोल दिया, और में शर्त हार गया। फैजान बोला अब तेरी बहन रण्डी बनेगी मेरी। उसको इतना चोदूंगा कि याद रखेगी। मैने बोला मुझे चुदाई देखनी है तो फैजान हस कर बोला बिल्कुल साले साहब, अपने दोस्त सलीम के फ्लैट पर ले जाकर उसको चोदूंगा, तू भी वहीं आ जाना और छुप कर देखना। दोस्तो सलीम फैजान का दोस्त है और उसकी उम्र 36 साल की है, उसका अपना फ्लैट है, हम लोग वहां जाकर अक्सर पार्टी करते थे। सलीम एकदम सांड की तरह दिखता हैं। उसकी बॉडी बहुत तगड़ी है और बहुत पावर है उसमें। मैने फैजान को बोला सलीम के फ्लैट पर मत जाओ उसको पता चलेगा कि तुम मेरी बहन को चोद रहे हो तो मुझ पर हंसेगा। मेरी क्या इज्जत रह जाएगी। फैजान बोला तेरी तो वैसे भी कोई इज्ज़त नहीं है, वो तो मेरा रूममेट है इसलिए तुझको साथ रखता हूं। और हा सलीम भाईजान को इस बारे मे पता है कि में तेरी बहन को चोदने वाला हु। पहले में हिमानी को चोदूंगा और थोड़े दिन बाद जब वो पूरी तरह मेरी रांड़ बन जाएगी फिर सलीम भाईजान भी उसको चोदेंगे। मैने बोला प्लीज ऐसा मत करो उसकी जान निकल जाएगी तो फैजान बोला कुछ नहीं होगा तू बस देखता जा। फैजान बोला जब तेरी बहन को चोदूंगा तो सलीम भाई भी तेरे साथ बैठकर बाजू के रूम से सब देखेंगे और तू उनका अच्छे से ख्याल रखेगा। मैने बोला मतलब क्या करना होगा मुझे, तो फैजान बोला कि तू सलीम भाईजान का लन्ड हिलाएगा ओर चूसेगा भी, जो वो बोलेंगे वो तू करेगा। मैने माना किया तो फैजान बोला नहीं करेगा तो तू अपनी बहन की चुदाई नही देख पाएगा। मुझे मन मार कर हा बोलना पड़ा। अब इंतेज़ार था जब मेरी बहन उसके साथ चुदाई के लिए मान जाए। यह पॉसिबल तो था पर इतना जल्दी नहीं। दोस्तो हिमानी और फैजान अब रोज साथ में घूमते और आपस में किस करते पर हिमानी ने अब तक उसको इससे आगे नहीं बढ़ने दिया। हालांकि हिमानी का भी पूरा मन था। एक दिन फैजान रूम में आया और बोला कि तेरी बहन साली रण्डी बहुत नाटक करती हैं, चुम्मा करने में कोई दिक्कत नहीं पर थोड़ा आगे बढ़ो तो नाराज हो जाती। मैने हस कर बोला देखा इतना आसान नहीं मेरी बहन को चोदना। फैजान गुस्से में बोला अब देख तू में क्या करता हु। संडे को फैजान हिमानी को स्विमिंग पूल ले गया। उसने पहले ही हिमानी को छोटी ड्रेस साथ लाने को कहा। हिमानी को तैरना नहीं आता, उसको पानी में जाने से डर लग रहा था साथ ही जो ड्रेस वो लाई थी वो काफी शॉर्ट थी, उसमें बस एक ब्रा साइज का टॉप और बहुत छोटा शॉर्ट बॉक्सर था। उसका क्लीवेज और गांड़ का शेप बहुत उभर कर बाहर आ रहा था। ये ड्रेस फैजान ने ही उसको दिलाई थी। में वहीं छुप कर सब देख रहा था। हिमानी को बहुत शर्म आ रही थी पूल में जाने से क्योंकि सब लोग उसको ही देख रहे थे। फिर फैजान ने अपनी टीशर्ट उतारी और हिमानी उसको देखती रह गई। फैजान बहुत हैंडसम लग रहा था। उसने हिमानी का हाथ पकड़ कर उसको पानी में गिरा दिया और खुद भी कूद गया। हिमानी उसको पकड़ कर पानी में खड़ी थी। फैजान ने उसको शांत किया, फिर हिमानी फैजान की चेस्ट पर हाथ रख कर खड़ी थी और फैजान ने हिमानी की कमर पकड़ी हुई थी, हिमानी शर्मा रही थी पर उसको भी मज़ा आ रहा था। धीरे धीरे वो हिमानी के बदन पर हाथ गुमा रहा था और हमनी मदहोश होने लगी थी। दोनो म्यूजिक पर डांस कर रहे थे और फैजान ने हिमाजी की गांड़ पर हाथ रखा। हिमानी ने उसका हाथ हटा दिया। फैजान ने फिर उसकी गांड़ पर हाथ लगाया और इस बार थोड़ा दबा दिया, हिमानी ने कुछ नहीं कहा और बस हल्की सी सिसकारी भरी। फैजान को लक्ष्य हासिल होता दिखने लगा। हिमानी भी उसकी पीठ पर नाखून गुमाने लगी। थोड़ी देर बाद फैजान बोला जान कही और चले आज में तुमको अपना बनाना चाहता हूं। हिमानी समझ गई क्या होने वाला है , वह भी यही चाहती थी। उसने पूछा कहा जाएंगे तो फैजान बोला कि एक दोस्त का फ्लैट है, वहा कोई नहीं आता और बिल्कुल सेफ जगह है। हिमानी बोली पक्का कुछ दिक्कत तो नहीं होगी, मैने पहले कभी कुछ नहीं किया, तो फैजान मन ही मन खुश हुआ और बोला बेबी डरो मत में हु न। मेरे होते हुए तुम्हे कुछ हो सकता है क्या। हिमानी मान गई और बोली, जल्दी चलो यहां से। फैजान ने मुझे फ्लैट पर जाने का इशारा किया और सलीम को कॉल करके बोल दिया कि वह उसके फ्लैट पर आ रहा है। सलीम भाईजान ने रूम खाली किया और पास वाले रूम में चले गए ताकि किसी को पता न चले। में भी फैजान से पहले पहुंच कर सलीम के साथ पास वाले रूम में चला गया। अब मेरे मन में हिमानी को चुदाते देखने की उत्सुकता भी थी और सलीम का लन्ड चूसने का डर भी। सलीम बोला तेरी को चोदने में मुझे टाइम लगेगा तब तक तू मुझे खुश करेगा साले। मैने डर के मारे हा बोल दिया। तभी गेट खुला और हिमानी और फैजान दोनों अंदर आए, दोनों ने एक दूसरे की कमर में हाथ डाला हुआ था। अंदर आए ही दोनों एक दूसरे को जम कर किस करने लगे। ये देख कर मेरा लन्ड टाइट हो गया और सलीम मुझे देख कर हंसने लगा। में शर्म के मारे झुक गया। हिमानी को देख कर लग रहा था कि चूदने के लिए तैयार हैं वो कबसे। हिमानी ने फैजान को बोला बेबी आज मुझे अपना बना लो, अब और नहीं सहा जाता। जब भी तुमको हग करती हु तो मन करता है बस खा जाऊ तुमको। फैजान बोला जानू आज तुम्हारी सारी इच्छा पूरी कर दुगा। आज तुम कली से फुल बनने वाली हो, लड़की से औरत बनने वाली हो। हिमानी उसके आगोश मे समा गई। फैजान ने गोद में उठा लिया और कमरे में लाकर बिस्तर पर पटक दिया। में ओर सलीम रूम की दीवार के छेद से सब कुछ साफ साफ देख रहे थे पर वो दोनों हमको नहीं देख सकते थे। सलीम बिस्तर पर लेट गया और अपना लन्ड निकाल कर हिलाने लगा। में उसका लन्ड देख कर पागल हो गया, कम से कम 7 इंच का लन्ड तो सोया हुआ था, जब वो खड़ा हुआ तो 9-10 इंच का हो गया बिल्कुल कटा हुआ लन्ड सलामी दे रहा था। मेरा लन्ड खड़े हुए भी उसके सोए हुए लन्ड का आधा था। वो मुझे देख कर हंसने लगा और बोल कपड़े उतार कर बिस्तर पर आजा। में बोला में कपड़े क्यों उतारू तो सलीम गुस्से से मुझे देखने लगा। मैने जल्दी से कपड़े उतारे और बिस्तर पर उसके पास लेट गया। दोस्तो फैजान ओर हिमानी रूम में जाते ही लिपट कर चूमने लगे एक दूसरे को जैसे खा जाएंगे, फिर फैजान ने हिमानी की टीशर्ट उतारी और ब्रा के ऊपर से उसके मम्मे दबाने लगा। फिर फैजान ने अपनी टीशर्ट और जींस उतारी और बस अंडर वेयर में आ गया। उसका खड़ा लन्ड चड्डी के अंदर से दिख रहा वो भी कम से कम 8 इंच का होगा। फिर वो नीचे लेट गया और मेरी फूल जैसी बहन को अपने ऊपर लिटा कर उसको चूमने लगा, मेरी बहन भी पूरे मन से उसकी चेस्ट पर काटने लगी और फैजान हल्की हल्की सिसकारी लेने लगा। फिर हिमानी ने अपनी शॉर्ट बॉक्सर को भी उतार दिया और बस ब्रा और पेंटी में आ गई। वो बहुत सेक्सी लग रही थी, एक बार तो मुर्दे का लन्ड भी खड़ा कर दे। फिर फैजान हिमानी को बिस्तर पर पटकता हैं और उसके मम्मो को ब्रा से आजाद करता है। फैजान जोर जोर से हिमानी के बूब्स दबा रहा होता है और हिमानी सिसकारियां ले रही होती है। अब बारी हिमानी की पेंटी उतारने की थी। फैजान ने बिना देर किये हिमानी की पेंटी भी खींच कर फाड़ दी और उसकी क्लीन शेव चूत देख कर फैजान खुश हो गया। इधर सलीम ने भी जब हिमानी की चूत देखी तो वो भी पागल हो गया और मेरा सर अपने लन्ड पर दबाने लगा। मुझे मजबूरन उसका लन्ड चूसना पड़ा। वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगा और बोलने लगा, एक दिन तेरी रण्डी बहन भी ऐसे ही मेरा मूसल चूसोगी ओर तू देखता रहेगा मादरचोद। अब फैजान ने अपना मुंह हिमानी की नरम चूत पर लगाया और हिमानी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी और उसका मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी। थोड़ी ही देर में एक जोरदार सिसकारी से उसने अपना सारा पानी फैजान के मुंह पर निकाल दिया, कुछ उसने पी ली और कुछ बिस्तर पर गिर गया। हिमानी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ झलक रहे थे। अब दोनों आपस मे किस करने लगे। उनको देख कर लग रहा था जैसे एक ही जिस्म हो। अब फैजान ने अपना लन्ड हिमानी के सामने किया, हिमानी ने मना किया, लेकिन थोड़ा जोर देने के बाद उसने फैजान का लन्ड मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। फैजान को बहुत मजा आ रहा था और इधर में भी सलीम का लन्ड मुंह में ले रहा था। थोड़ी देर बाद फैजान ने हिमानी को बिस्तर के कोने पर लिटाया और उसकी गांड़ के नीचे तकिया रखा ओर हिमानी को एक किस किया। उसने हिमानी को बोला अब तुम्हारी प्यारी हिन्दू चूत फटने वाली है, थोड़ा दर्द होगा फिर जन्नत का मजा लोगी तुम। हिमानी को डर लग रहा था, फैजान अपना लन्ड हिमानी की चूत पर रगड़ रहा था, हिमानी से भी अब रहा नहीं जा रहा था, फैजान ने देख लिया और एक झटके में अपने लन्ड का टोपा हिमानी की चूत में घुसा दिया। हिमानी बहुत जोर से चीखी और लन्ड बाहर निकलने के लिए बोलने लगी। लेकिन फैजान मन बना चुका था, वो 2 मिनट रुका और उसको किस करने लगा, उसके बाद फैजान ने मौका देख कर एक और अकस्मात झटके से अपना पूरा लन्ड हिमानी की चूत में घुसा दिया। हिमानी जोर जोर से रोने लगी और लन्ड बाहर निकालने की भीख मांगने लगी। फैजान बोला जान जितना दर्द होना था, वो हो गया, अब यहां से सिर्फ मज़े ही मज़े है। उसने थोड़ी देर रुकना ठीक समझा और इस दौरान वो हिमानी को सहलाने लगा। इधर सलीम मुझे बोला, बधाई हो तुम्हारी बहन की सील टूट गई। मुझे लगा नहीं था कि ये रण्डी सील पैक माल होगी। साली बहुत मक्खन है। में भी मन ही मन खुश हो रहा था। अब हिमानी का दर्द कम होने लगा और फैजान भी हल्के हल्के झटके देने लगा। अब हिमानी को भी मज़ा आ रहा था, वो भी उचक उचक कर चूदवा रही थी। ये देख कर सलीम बोला देख तेरी बहन कैसे रण्डी की तरह चूद रही है। में भी जोश में आकर सलीम का लन्ड जोर जोर से चूसने लगा, पर उसका है कि पानी निकलने का नाम ही नहीं लेता। थोड़ी देर बाद फैजान ने हिमानी को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा, दोनों चरम सुख प्राप्त करने के मोड पर आ गए थे। पहले हिमानी जड़ गई और 2-3 झटकों के बाद फैजान भी जड़ गया। दोनो एक दूसरे से लिपट कर किस करने लगे और फैजान हिमानी के बूब्स दबा रहा था। हिमानी की चूत फुल गई थी, और वो बहुत थक गई थी। फैजान ने उसको यही सोने का बोल दिया। हिमानी कंबल ओढ़ कर सो गई और फैजान हमारे कमरे में आ गया। में फैजान से नजरे नहीं मिला पा रहा था। वो मुझसे बोला, देखा तेरी रण्डी बहन को कैसे चोदा मैने। इस पर सलीम बोला पर मेरा पानी नहीं निकला अभी तक। फैजान ने मेरा मुंह पकड़ कर सलीम के लन्ड पर दबा दिया और सलीम मेरे मुंह में जोर जोर से झटके देने लगा। में चाह कर भी अपने आप को छुड़ा नहीं पाया और 2 मिनट बाद सलीम ने अपना सारा पानी मेरे मुंह में निकाल लिया। मुझे मजबूरन सब पीना पड़ा। दोनो लोग हंसने लगे। तो दोस्तो ये थी मेरी बहन की मूसल से चुदाने की सच्ची कहानी। इसके आगे क्या हुआ वो अगले पार्ट में बताऊंगा कैसे हिमानी की रेगुलर चुदाई होने लगी और कैसे सलीम ने उसको चोदा और उसके सामने मुझे लन्ड चुसाया। अपना फीडबैक मुझे जरूर मेरी मैल ID पर दे। तभी कहानी का अगला पार्ट अपलोड करुंगा। मेल ID jainhimangi306@gmail.com।

Hindi Sex Stories

मैं 35 साल का मस्त जवान हूँ Hindi Sex Stories और मेरा लण्ड चोदने के लिए तड़पता रहता है। बीवी को चोद-चोद कर ये अब कुछ नया चाहता है। हमारे घर में पार्ट-टाईम नौकरानियाँ काम करतीं हैं। लेकिन कोई भी सुन्दर नहीं थी। बीवी बड़ी होशियार थी। सब काली-कलूटी और भद्दी-भद्दी चुन-चुनकर रखती थी। जानती थी ना कि मेरे मियाँ को चूत का बड़ा शौक है।

आख़िर में जब कोई नहीं मिली तो एक को रखना ही पड़ा – जो कि 19-20 साल की मस्त जवान कुँवारी लड़की थी। साँवला रंग था और क्या यौवन! सुन्दर ऐसी की देख कर ही लण्ड खड़ा हो जाए। मम्मे ऐसे गोल-गोल और निकलते हुए कि ब्लाउज़ में समाते ही नहीं।

बस मैं मौके की तलाश में था क्योंकि चोदने के लिए एकदम मस्त चीज़ थी। सोच-सोच कर मैंने कई बार मुट्ठ भी मारी। बहुत ज़ोरों की तमन्ना थी कब मौक़ा मिले और कब मैं उसके बुर में अपना लंड घुसा दूँ। वह भी पैनी निगाहों से मुझे देखती रहती थी। और मैं उसके बदन को चोरी-चोरी नापता रहता था। मन-ही-मन उसे कई बार नंगा कर दिया। उसकी गुलाबी चूत को कई बार सोच-सोच कर मेरा लंड गीला हो जाता था और खड़ा होकर फड़फड़ा रहा होता। हाथ मचलते रहते कब उसकी गोल-गोल चूचियों को दबाऊँ।

एक बार चाय लेते समय जब मैंने उसे छुआ तो मानों करंट सा लग गया और वो शरमाती हुई खिलखिला पड़ी और भाग गई। मैंने मन-ही-मन कहा मौका आने दे, मेरी मधु रानी ! तुझे खूब चोदूँगा। लण्ड तेरी चिकनी बुर में डाल कर भूल जाऊँगा। चूची को चूस-चूस कर प्यास बुझाऊँगा और दबा-दबा कर मज़े लूँगा, होठों को तो खा ही जाऊँगा। मधु उसका प्यारा सा नाम था।

कहते हैं उसके घर में देर है पर अन्धेर नहीं। एक दिन मेरी बीवी ने कहा- मैं मायके जा रही हूँ, मधु आएगी तो घर का काम करवा लेना।

रविवार का दिन था। बच्चे भी बीवी के साथ चले गए। और मेरे लंड महाराज तो उछल पड़े। मौका चूकने वाला नहीं था। लेकिन शुरू कैसे करें। कहीं चिल्लाने लगी तो? गुस्सा हो गई तो? दोस्तों, तुम यह जान लो कि लड़कियाँ कितनी ही शर्माएँ, लेकिन दिल में उनकी इच्छा रहती है कि कोई उन्हें छेड़े या चोदे।।

मैंने मधु को बुलाया और उसे देखते हुए कहा, “मधु, तुम कपड़े इतने कम क्यों पहनती हो?”
वो बोली, “बाबूजी, इतनी पैसे कहां कि चोली ख़रीद सकूँ ! आप दिलवाएँगे?”
मैंने कहा, “दिलवा तो मैं दूँगा। लेकिन पहले बता कि क्या आज तक किसी ने तुझे छेड़ा है।”
उसने जवाब दिया, “नहीं साहब।”

मैंने कहा, “इसका मतलब तू एकदम कुँवारी है।”
“जी साहब।”
“अगर मैं कहूँ कि तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, तो तू नाराज़ तो नहीं होगी?”
“नाराज़ क्यों होऊँगी साहब। आप तो बहुत अच्छे हो।”

बस यही उसका सिग्नल था मेरे लिए। मैंने हिम्मत रख कर पूछा, “अगर मैं तुम्हे थोड़ा प्यार करूँ तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?”

अपने पैर की उँगलियों को ज़मीन पर रगड़ती हुई वह बोली, “आप तो बड़े वो हो साहब।”
मैंने आगे बढ़ते हुए कहा, “अच्छा, अपनी आँखें बन्द कर ले, और अभी खोलना नहीं।”

उसने आँखें बन्द कीं और हल्के से मुँह ऊपर की तरफ कर लिया। मैंने कहा – बेटा लोहा गरम हैं, मार दे हथौड़ा। आहिस्ता से पहले मैंने उसके गालों को अपने हाथों में लिया और फिर रख दिए अपने होंठ उसके होठों पर। हाय, क्या गज़ब की लड़की थी। क्या स्वाद था। दुनिया की कोई भी शराब उसका मुक़ाबला नहीं कर सकती थी। ऐसा नशा छाया कि सब्र के सारे बाँध टूट गए। मेरे होठों ने कस कर उसके होठों को चूसा और चूसते ही रहे। मेरे दोनों हाथों ने ज़ोर से उसके बदन को दबोच लिया। मेरी जीभ उसकी जीभ का स्वाद लेने लगी। इस दौरान उसने कुछ नहीं कहा। बस मज़ा लेती रही। अचानक उसने आँखों खोलीं और बोली, “साहबजी, बस, कोई देख लेगा।”

मैंने कहा, “मधु, अब तो मत रोको मुझे। सिर्फ एक बार।”
“एक बार, क्या साहब?”
मैंने उसके कान के पास जाकर कहा, “चुदवाएगी? एक बार बुर में लंड घुसवाएगी? देख मना मत करना। कितनी सुन्दर है तू।”

यह कहकर मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और दाहिने हाथ से उसकी बाईं चूची को दबाने लगा। मुँह से मैं उसके गालों पर, गले पर, होठों पर, और हर जगह चूमने लगा… पागलों की तरह। क्या चूची थी, मानों सख्त संतरे। दबाओ तो छिटक-छिटक जाएँ। उफ्फ, मलाई थी पूरी की पूरी।

मधु ने जवाब दिया, “साहबजी, मैंने ये सब कभी नहीं किया। मुझे शरम आ रही है।”

उखड़ी साँसों से मैंने कहा, “हाय मेरी जान मधु, बस इतना बता, अच्छा लगा या नहीं। मज़ा आ रहा है कि नहीं? मेरा तो लण्ड बेताब है जानेमन। और मत तड़पा।”

“साहबजी, जो करना है जल्दी करो, कोई आ जाएगा तो?”

बस मैंने उसके फूल जैसे बदन को उठाया और बिस्तर पर ले गया और लिटा दिया। कस कर चूमते हुए मैंने उसके कपड़ों को उतारा। फिर अपने कपड़े भी जल्दी से उतारे। ७” मेरा लण्ड फड़फड़ाते हुए बाहर निकला। देखकर उसकी आँखें बन्द हो गईं। बोली, “हाय, ये क्या है? ये तो बहुत बड़ा है।”

“पकड़ ले इसे मेरी जान।” कहते हुए मैंने उसके हाथ को अपने लंड पर रख दिया।

उसके बदन को पहली बार नंगा देखकर तो लंड ज़ोर से उछलने लगा।

चूची ऐसी मस्त थी कि पूछो मत। चूत पर बाल इतने अच्छे लग रहे थे कि मेरे हाथ उसकी तरफ बढ़ ही गए।

क्या गरम चूत थी। उँगली आहिस्ता से अन्दर घुसाई। रस बह रहा था और उसकी बुर गीली हो गई थी।

गुलाबी-गुलाबी बुर को उँगलियों से अलग किया, और मैंने अपना लंड आहिस्ता से घुसाया।

हाथ उसकी चूचियों को मसल रहे थे। मुँह से उसके होठों को मैं चूस रहा था।

“आह, साहबजी, आहिस्ता, लग रहा है।”
“मधु, मज़ा आ रहा है?”
“साहबजी, जल्दी करिए ना जो भी करना है।”

“हाँ मेरी जान, बोल क्या करूँ?”
“डालिए ना। कुछ करिए ना।”
“मधु, बोल क्या करूँ।” कहते हुए मैंने लंड को थोड़ा और घुसाया।
“अपना ये डाल दीजिए।”
“बोल ना, कहाँ डालूँ मेरी जान, क्या डालूँ।”
“आप ही बोलिए ना साहबजी, आप अच्छा बोलते हैं।”

“अच्छा, ये मेरा लंड तेरी चिकनी और प्यारी बुर में घुस गया। और अब ये तुझे चोदेगा।”
“चोदिए ना, साहबजी।”

उसके मुँह से सुनकर तो लंड और भी मस्त हो गया। “हाय मधु, क्या बुर है तेरी, क्या चूची है तेरी। कहाँ छुपा कर रखा था इतने दिन। पहले क्यों नहीं चुदवाया।”

“साहबजी, अपका भी लंड बहुत मज़ेदार है। बस चोद दीजिए जल्दी से।” और उसने अपनी चूतड़ों को ऊपर उठा लिया।

अब मैंने उसकी दाहिनी चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा। एक हाथ से दूसरी चूची को दबाते हुए, मसलते हुए, मैं उछल उछल कर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। जन्नत का मज़ा आ रहा था।

ऐसा लग रहा था बस चोदता ही रहूँ, चोदती ही रहूँ इस प्यारी-प्यारी चूत को। मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से उसकी गुलाबी गीली गरम-गरम बुर को चोद रहा था।

“हाय मधु, चोद रहा है ना। बोल मेरी जान, बोल।”

“हाँ साहब, चोद रहा है। बहुत मज़ा आ रहा है। साहब आप बहुत अच्छा चोदते हैं। साहब, ये मेरी बुर आपके लंड के लिए ही बनी है। है ना साहब। साहब, चूची ज़ोर से दबाइए। साहब, ओओओहह, मज़ा आ गया, ओओओ ओओहह हहह।”

अचानक, हम दोनों साथ-साथ ही झड़े। मैंने अपना सारा रस उसकी प्यारी-प्यारी बुर में घोल दिया।

हाय क्या बुर थी। क्या लड़की थी, गरम-गरम हलवा। नहीं उससे भी ज़्यादा स्वादिष्ट। मैंने पूछा, “मधु, तेरा महीना कब हुआ था री?”

शर्माते हुए बोली, “परसों ही खतम हुआ। आप बड़े वो हैं, यह भी कोई पूछता है?”

बाहों में भर कर होठों को चूमते हुए, चूचियों को दबाते हुए मैंने कहा, “मेरी जान, चुदवाते-चुदवाते सब सीख जाएगी।”

एकदम सुरक्षित था। गर्भवती होने का कोई मौक़ा नहीं था अभी।

दोस्तों, कह नहीं सकता, दूसरी बार जब उसे चोदा, तो पहली बार से ज्यादा मज़ा आया। क्योंकि लंड भी देर से झड़ा। चूत उसकी गीली थी।

चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदवा रही थी साली।

उसकी चूचियों को तो मसल-मसल कर और चूस-चूस कर निचोड़ ही दिया मैंने। जाने फिर कब मौक़ा मिले।

आज इसका बुर चूस ही लो।

बुर का स्वाद तो इतना मज़ेदार था कि किसी भी शराब में ऐसा नशा नहीं। चोदते समय तो मैंने उसके होठों को खा ही लिया।

“ये मज़ा ले मेरे लंड का मेरी जान। तोरी बुर में मेरा लंड – उसकी को चुदाई कहते हैं मधु। कहाँ छुपा रखा था ये चूत जानी।”कहते हुए मैं बस चोद रहा था और मज़ा लूट रहा था।

“चोद दीजिए साहबजी, चोद दीजिए। मेरी बुर को चोद दीजिए।” कह-कह कर चुदवा रही थी मेरी मधु।

दोस्तो, चुदाई तो खत्म हुई लेकिन मन नहीं भरा। उसे दबोचते हुए मैंने कहा, “मधु, मौका निकाल कर चुदवाती रहना। तेरी बुर का दीवानी है यह लंड। मालामाल कर दूँगा जानेमन।”

यह कह कर मैंने उसे 500 रूपये दिए और चूमते हुए, मसलते हुए रूख़सत किया। Hindi Sex Stories

हाय दोस्तो! कैसे हो! Sex Stories

आप लोगों ने याद किया और मैं Sex Stories हाज़िर हो गया आप लोगों के लिए फिर से एक नया अनुभव लेकर!

दोस्तो, फिर एक नया अहसास, सेक्स से भरा, मज़े से भरा और साथ ही ढेर सारी मस्ती, जो मैंने महसूस की वही मस्ती लेकार आया हूँ आप सभी के लिए!

कसम खुदा की क्या वो हसीं सूरत थी,

चढ़ती उसके हुस्न पे जवानी की मस्ती थी,

छलक गया यौवन उसकी नज़र से वो कातिल,

कि जिसमें डूब गई मेरी जवानी की कश्ती थी!

दोस्तो, अबकी बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था।
जाते वक़्त हम भरतपुर से होकर गुजरे थे तो सभी ने योजना बनाई कि भरतपुर पक्षी अभयारण्य देख कर ही आगे जायेंगे।
इसलिए हम लोगों ने टिकेट लिए और अंदर चले गए।

अभयारण्य का दायरा कई किलोमीटर में फैला हुआ था।
चलते चलते हमारा ग्रुप बिखर गया और मोबाइल से हम एक दूसरे के संपर्क में रहे।

मज़े की बात, मैं अपने ग्रुप से अकेला अलग हो गया। काफी दूर चलकर एक परिवार के कुछ लोग वहां से निकले, वो अलग साइकलों पर थे।
वहां घूमने के लिए साईकलें मिलती हैं। उन लोगों में से एक लड़की पीछे रह गई।

मैंने देखा उसकी साईकल के पैडल फ्री हो गए थे। वो थोड़ी आगे तक बढ़ी और रुक कर चेन को देखने लगी।
इतने में उसका फॅमिली परिवार आगे निकल गया।

मैं पास से गुजरा तो उसने कहा- अगर आप को बुरा न लगे तो कृपया मेरी साईकल की चेन लगा दोगे?

मैंने उसे एक नज़र भर देखा तो देखता ही रह गया! हुस्न इतना कातिल कि किसी को फनाह करने के लिए किसी और चीज़ कि जरूरत ही न पड़े!

नीली जींस उस पर लाल टॉप!

माशा अल्लाह! शरीर का हर एक अंग अलग अलग दिखाई दे रहा था। टॉप के ऊपर के खुले बटन मानो उसकी छुपती खूबसूरती को बेशर्मी से जग-जाहिर कर रहे थे। गोरे से चेहरे पर ऊपर से ढलते हुए सुनहले बाल उसके हुस्न की बिजली को मेरे अंग अंग पे गिरा रहे थे। कमर इतनी नाजुक कि अगर जोर से पकड़ लूँ तो लचक जाये, बिलकुल हल्की फुल्की! लेकिन एक उत्तम बदन की मलिका!

खैर मैंने अपनी हसरतों को काबू किया और बिना कुछ बोले उसकी चेन लगा दी हाथ चेन पर और नज़र उस हुस्न की परी पे!

और इसी गुस्ताखी में दब गई मेरी ऊँगली चेन में। ऊँगली में मामूली सी चोट लगी थी, थोड़ा सा खून निकल आया, मैंने सोचा अब फ़िल्मी स्टाइल में ये दुपट्टा फाड़ेगी और मेरी ऊँगली पर बांधेगी, लेकिन यहाँ तो सीन ही उल्टा हो गया, उंगली से खून बहता देख कर वो तो गश खाकर बेहोश हो गई। वो गिरने लगी तो मैंने सीधे ही उसे अपनी बाँहों में ले लिया।

हमने तो खुदा से माँगा कि

उसके हाथों का छूना नसीब हो जाये,

हम देख लें उसे नज़र भर के,

तेरी हम पर इतनी रहामत हो जाये,

के वो बेखौफ आ गए बाँहों में मेरी,

के न अब उनसे दूर रहा जाये!

न उनको खुद से दूर किया जाये!

वो मेरी बाँहों में बेहोश थी और मैं सर से लेकर पाँव तक उसे देखे जा रहा था। दिल में डर था कि वो होश में आते ही मुझसे दूर हो जायेगी।

लेकिन मैंने उसके गालों को छुआ और उसके चेहरे को हिला कर उसे बेहोशी से जगाया। उसने आँख खोली और मेरी बाँहों में लेटी हुई एक टक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पर सर्दी में भी पसीना छलक आया। मैंने अपने रूमाल से उसका चेहरा साफ़ किया। उसके गोरे गालों को छूकर मेरी उँगलियाँ मदमस्त हो रही थी।

खैर वो मेरी बाँहों से अब दूर हो गई और उसने सॉरी कहा।
उसने कहा- मेरी वजह से आप को चोट लग गई!

मैंने भी बिना सोचे समझे कह दिया- अगर मुझे चोट ना लगती तो आप को बाँहों में लेने का मौका कहाँ मिलता!

वो इस बात पर नाराज़ भी हो सकती थी लेकिन वो शरमा गई और मेरी हिम्मत बढ़ गई।

तभी उसकी मम्मी का फ़ोन आ गया, उसने अपने बेहोश होने की बात छोड़ कर बाकी सब अपनी मम्मी को बता दिया।
उसने मुझसे कहा- मेरे घर वाले आगे मेरा इंतज़ार कर रहे हैं और वो आपसे भी मिलना चाहते हैं।

मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मधु बताया।
उसने मेरा नाम पूछा, मैंने भी अपना नाम बता दिया।

उसने कहा- अपनी उंगली दिखाओ!
मैंने कहा- रहने दो तुम बेहोश हो जाओगी।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं तुम मुझे थाम लेना!

चलते चलते हम बात करते रहे और एक दूसरे को अपने नंबर दे दिए।

कुछ दूरी पर उसके परिवार वाले मिल गए।
उसके घर वाले बिल्कुल आजाद विचारों वाले थे। उनसे बात करके मैं अपने दोस्तों के पास जाने लगा।

जाते जाते मधु ने अपना रूमाल मेरी उंगली पे लपेट दिया।
वो रूमाल मैंने अपने दोस्तों से छुपाया, कह दिया- यार मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं यही बैठता हूँ, तुम घूम आओ!

वो लोग चले गए।
मैंने मधु को फ़ोन किया और काफी देर तक उससे बात की। वो लोग भरतपुर में ही होटल पार्क में ठहरे थे।

मैंने शाम को अपने दोस्तों से कहा- यार! मेरी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए मैं आज यहीं रुकना चाहता हूँ, तुम लोग जयपुर पहुँचो, मैं कल आकर तुमको मिलूँगा।

वो लोग वहाँ से निकल गए।

अब मैंने भी जाकर होटल पार्क रेज़िडेन्सी में एक कमरा बुक कराया।
मधु और उसका परिवार पहली मंज़िल पर थे और मैं दूसरी मंज़िल पर!

मैंने मधु को इसके बारे में बताया कि मैंने भी तुम्हारे होटल में ही कमरा ले लिया है, तो यह सुन कर मधु कुछ उत्साहित सी हो गई।
मुझे लगा शायद मधु भी यही चाहती थी।

एक बार फिर हमारी मुलाकात डिनर के समय पर हुई।
अब की बार मधु ने एक जामुनी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। कसम से क्या कयामत थी वो उस वक्त!
और उस पर बैक-लैस ब्लाऊज़ उस कयामत को और भी भड़का रहा था।

भोजन के बाद उसके घर वालों ने मुझे फ़िर अपने साथ बुला लिया और हम सभी पार्क में टहलने लगे।

अब मैंने मौका देख कर टहलते टहलते मधु की नंगी कमर पर हाथ रख दिया।

चलते चलते मधु ठहर सी गई लेकिन कुछ ही पलों में मैं मधु से दूर हो गया।
फ़िर हम लोग अपने अपने कमरों में चले गए।

मैं बिस्तर पर था लेकिन कमबख्त नींद किस की सगी थी जो आ जाती।
मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मधु की जवानी के परदे एक-एक करके मेरी आँखों पर पड़ते जा रहे थे जिन्होंने नींद को मेरी आँखों से दूर कर दिया।

रात के लगभग 11 बजे होंगे, मैंने मधु को फ़ोन किया, एक दो बार रिंग बज़ते ही उसने फ़ोन उठा लिया, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे फ़ोन का इन्तज़ार कर रही थी।

दिन में ज्यादा घूमने के कारण उसके घर वाले थक कर सो रहे थे।
मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया।

मधु ने आने में जरा भी देर नहीं की।

दो तीन मिनट में वो कयामत उसी लिबास में मेरे कमरे में आ गई।
कसम से, मानो, किसी दुल्हन की तरह शरमाई सी वो बेड के पास खड़ी हो गई।

मैंने भी पहले उसका अंग अंग जी भर कर देखा फ़िर धीरे से बाहों में भर लिया। मानो कोई फ़ूल मेरी बाहों में सिमट आया हो।

मैंने उसे बिस्तर पर बैठा लिया और उसके चेहरे को साड़ी के पल्लू से ढक दिया।
उसने भी पल्लू को दुल्हन की तरह थामे रखा फिर धीरे से मैंने उस चाँद से घूँघट के बादलों को हटाया और उसके मदमाते होटों पर एक किस कर दिया तो वो एकदम ही मुझसे लिपट गई।

मैंने उसकी सांसों की गर्मी को अपने सीने पर महसूस किया।

वो बिलकुल तैयार थी, मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी साड़ी में डालना शुरू किया, वो नीचे की तरफ झुकती सी चली गई।
मैंने एक हाथ उसकी मदमस्त कर देने वाली चूचियों पे रख दिया और उन्हें दबाने लगा।

वो टूट कर अब मेरी बाँहों में बिखरने लगी थी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना नरम नाज़ुक शरीर मुझे सौंप दिया।

मेरा एक हाथ अब उसकी नरम, गरम और गुलाबी चूत पर पहुँच कर उसके साथ शरारत कर रहा था।
शायद वो अब सहन नहीं कर पा रही थी।

मैंने एक एक करके उसके शरीर से सारे कपडे अलग कर दिए।
अब वो गुलाब की गुलाबी कली मेरे सामने अपनी सारी पंखुडियों से बाहर आ चुकी थी।

उसके पूरे नंगे बदन को देख कर तो कोई भी अपना आप खो दे!

मैंने अपने कपड़े उतार दिए। हम दोनों एक दूसरे की बाँहों की गिरफ्त में जाने के लिए बेताब थे।

मैंने बिस्तर पर जाकर मधु को कस के अपनी बाँहों में ले लिया।
उसके जिस्म का अंग अंग सेक्स की आग में जल रहा था।
अब इस सावन को मधु के जिस्म पर बरस कर उसके जिस्म की प्यास को बुझाना था।

मैंने मधु की खामोशी तोड़ी और उससे पूछा कि क्या कभी पहले सेक्स किया है तो उसने चेहरे को हाथों से ढक लिया और इन्कार में सर हिला दिया।
यानि कि मधु बिल्कुल अनछुई थी।

अब मुझे उसके साथ थोड़ी ऐहतियात बरतनी थी क्योंकि उसकी चूत बिल्कुल कोमल थी।

मैंने ऊँगली से उसकी चूत को धीरे धीरे से सहलाया तो मधु कि सिसकियाँ सी छूटने लगी।

उस कमरे का माहौल आऽऽ आहऽहऽहऽ ऊऽउऽ उफ़ऽफ अऽअऽ आ स ओऽऽऊहऽ नऽऽनाऽ सावन करोऽ हम्मऽ … ऊऽऽऊफ ओ ओह येसऽस स से और भी सेक्सी हो गया।

मैंने उसके शरीर पर हर जगह चूमा, उस कली को हर तरफ से चूमा।

अब मैंने उसकी हालत को समझते हुए धीरे से अपना लण्ड उसकी चिकनी और मुलायम चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उसके अंदर लण्ड को डालने लगा।
मधु अपने पैरों को भींचने लगी और कहा- दर्द हो रहा है!
मैंने उस से कहा- अगर टांगें भींचोगी तो दर्द होगा!

अब उसने अपने पैर खोल लिए।
मैंने एक झटके से जोर से लण्ड चूत के अंदर डाला तो मधु की चीख निकल गई और लण्ड चूत के अंदर था।

मधु बेहाल सी हो गई, मैंने उसे थोड़ा शांत किया, उसका चेहरा पसीने से भीग गया।
अब मैंने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाला तो लण्ड पर खून लगा था, उसे देख कर मधु बोली- कुछ होगा तो नहीं?

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!

मैंने धीरे धीरे लण्ड को हिलाना शुरू किया तो मधु सिसकियाँ अब सेक्स की आवाजों में बदलने लगी थी और उसका चेहरे का डर एक चमक में बदल गया था।

फिर तो उल्टा मधु सेक्स करने में मेरा साथ देने लगी।
मैंने उसे धीरे से चोदा, अपने लण्ड को उसकी गहराइयों तक उतारा, जितना गहरा लण्ड चूत में जाता, उतनी ही मधु मुझसे चिपक जाती और उतनी ही जोर से उसकी सिसकी आती थी।

उसके बाद तो पता नहीं हम दोनों इतना समय खींच गए कि इतने गरम होने के बावजूद हम लगभग 25 मिनट तक सेक्स करते रहे।
काफी देर बाद मैं मधु के ऊपर निढाल सा हो गया और साथ ही साथ मधु ने भी खुद को मुझसे जकड़ लिया।

अरे! यानि कि यारो उसका भी सेक्स पूरा हो गया था।

अब हम दोनों काफी देर एक दूजे पर निढाल लेटे रहे और आधे घंटे बाद दोबारा से एक बार फिर एक दूजे में समां गए।

और फिर मधु अपनी साड़ी पहन कर थके से कदमों से वहां से अपने कमरे में चली गई। खैर एक दूजे की कुछ मिठास दिल में लिए नींद के आगोश में समां गए।

अगली सुबह जब हम उठे और नाश्ते के लिए नीचे आए तो मैंने मधु की आँखों में एक अजीब सी चमक और चेहरे पर एक मुस्कान देखी।

सुबह 11 बजे तक मुझे होटल से चेक आउट करना था।
मैंने मधु को यह बताया तो वो बोलने लगी- हम शाम 4 बजे यहाँ से चेक आउट करेंगे!

सुबह मधु के घर वाले भरतपुर घुमने के लिए निकलने लगे तो मधु ने उनसे बहाना कर दिया कि उसके सर में बहुत दर्द है।
मधु की मम्मी उसके पास रुकने लगी लेकिन मधु ने कहा कि मैं थोड़ा सोना चाहती हूँ, फिर आप मेरे पास अकेली बैठी बोर हो जाओगी, इसलिए आप भी थोड़ी देर घूम आइये!

उसकी मम्मी मान गई।

अब मधु अकेली ही कमरे में थी।
कुछ देर बाद मैं मधु के कमरे में गया।

मेरे वहां जाते ही मधु भागकर मुझसे लिपट गई और नज़रें नीचे करके कहने लगी- सावन! क्या रात वाला अहसास तुम मुझे अभी करा सकते हो?
उसने मेरे दिल की बात कह दी।

फिर क्या था हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और बेड पर बैठ गए।
मैंने मधु के तन के हर हिस्से को किस किया। जैसे मैं उसे किस करता तो मधु उतनी ही उत्तेजित होती जाती।

फिर हमने आधे घंटे तक एक दूसरे को वो अहसास कराया, जिस अहसास को आप मेरे इस अनुभव को पढ़ने के बाद करना और पाना चाहते हो।

उसके बाद मैंने मधु को कपड़े पहनाये और उसके नरम नाज़ुक होटों पे एक प्यारा सा “गुड बाय किस” किया और मैं होटल से चेक आउट कर गया।

दोस्तो, ये थे मधु के साथ बिताये कुछ हसीं पल!

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