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मैं Hindi sex stories अपने बारे में शुरु से बताती हूं। मैं अपने घर में अपने भाई बहनों में तीसरे नंबर, २० साल की हूं। सबसे बड़े भैया हैं जो आर्मी में हैं। उनकी शादी नहीं हुई है। मुझसे छोटा एक भाई है। मैं होस्टल में रह कर पढ़ती हूं।
एक दिन मेरे भैया मुझ से मिलने होस्टल आये। मैं उन्हे देख कर बहुत खुश हुई। वो सीधे आर्मी से मेरे पास ही आये थे। और अब घर जा रहे थे। मैंने भी उनके साथ घर जाने का मन बना लिया और कोलेज से ८ दिन की छुट्टी लेकर मैं और भैया घर के लिये रवाना हो गये।
जिस ट्रेन से हम घर जा रहे थे उस ट्रेन में मेरा रिज़र्वेशन नहीं था, सिर्फ़ भैया का था। इसलिये हम लोगों को एक ही बर्थ मिली। ट्रेन में बहुत भीड़ थी। अभी रात के ११ बजे थे। हम इस ट्रेन से सुबह घर पहुंचने वाले थे।
मैं और भैया उस अकेली बर्थ पर बैठ गये। सर्दियों के दिन थे। आधी रात के बद ठंड बहुत हो जाती थी। भैया ने बेग से कम्बल निकाल कर आधा मुझे उढा दिया और आधा खुद ओढ लिया। मैं मुस्कुराती हुई उनसे सट कर बैठ गयी। सारी सवारियां सोने लगी थीं। ट्रेन अपनी रफ़्तार से भागी जा रही थी।
मुझे भी नींद आने लगी थी और भैया को भी। भैया ने मुझे अपनी गोद में सिर रख कर सो जाने के लिये कहा। भैया का इशारा मिलते ही मैं उनकी गोद में सिर टिका और पैरों को फैला लिया। मैं उनकी गोद में आराम के लिये अच्छी तरह ऊपर को हो गई। भैया ने भी पैर समेट कर अच्छी तेरह कम्बल में मुझे और खुद को ढांक लिया और मेरे ऊपर एक हाथ रख कर बैठ गये।
तब तक मैंने कभी किसी पुरूष को इतने करीब से टच नहीं किया था। भैया की मोटी मोटी जांघों ने मुझे बहुत आराम पहुंचाया। मेरा एक गाल उनकी दोनो जांघों के बीच रखा हुआ था। और एक हाथ से मैंने उनके पैरों को कौलियों में भर रखा था।
तभी मेरे सोते हुये दिमाग ने झटका सा खाया। मेरी आंखों से नींद घायब हो गई। वजह थी भैया के जांघ के बीच का स्थान फूलता जा रहा था। और जब मेरे गाल पर टच करने लगा तो मैं समझ गई कि वो क्या चीज़ है। मेरी जवानी अंगड़ाइयां लेने लगी। मैं समझ गई कि भैया का लंड मेरे बदन का स्पर्श पाकर उठ रहा है।
ये ख्याल मेरे मन में आते ही मेरे दिल की गति बढ़ गई। मैंने गाल को दबा कर उनके लंड का जायज़ा लिया जो ज़िप वाले स्थान पर तन गया था। भैया भी थोड़े कसमसाये थे। शायद वो भी मेरे बदन से गरम हो गये थे। तभी तो वो बार बार मुझे अच्छी तरह अपनी टांगों में समेटने की कोशिश कर रहे थे। अब उनकी क्या कहूं मैं खुद भी बहुत गरम होने लगी थी।
मैंने उनके लंड को अच्छी तरह से महसूस करने की गरज़ से करवट बदली। अब मेरा मुंह भैया के पेट के सामने था। मैंने करवट लेने के बहाने ही अपना एक हाथ उनकी गोद में रख दिया और सरकते हुए पैंट के उभरे हुए हिस्से पर आकर रुकी। मैंने अपने हाथ को वहां से हटाया नहीं बल्कि दबाव देकर उनके लंड को देखा। उधर भैया ने भी मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपने से चिपका लिया। मैंने बिना कुछ सोचे उनके लंड को उंगलियों से टटोलना शुरू कर दिया।
उस वक्त भैया भी शायद मेरी हरकत को जान गये। तभी तो वो मेरी पीठ को सहलाने लगे थे। हिचकोले लेती ट्रेन जितनी तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ रही थी उतना ही मेरे अंदर तूफ़ान उभरता जा रहा था। भैया की तरफ़ से कोई रिएक्शन न होते देख मेरी हिम्मत बढ़ी और अब मैंने उनकी जांघों पर से अपना सिर थोड़ा सा पीछे खींच कर उनकी ज़िप को धीरे धीरे खोल दिया। भैया इस पर भी कुछ कहने कि बजाय मेरी कमर को कस कस कर दबा रहे थे।
पैंट के नीचे उन्होने अंडरवियर पहन रखा था। मेरी सारी झिझक न जाने कहां चली गई थी। मैंने उनकी ज़िप के खुले हिस्से से हाथ अंदर डाला और अंडरवियर के अंदर हाथ डालकर उनके हैवी लंड को बाहर खींच लयी। अंधेरे के कारण मैं उसे देख तो न सकी मगर हाथ से पकड़ कर ही ऊपर नीचे कर के उसकी लम्बाई मोटाई को नापा। ७-८ इंच लम्बा ३ इंच मोटा लंड था। बजाय डर के, मेरे दिल के सारे तार झनझना गये। इधर मेरे हाथ में लंड था उधर मेरी पैंट में कसी बुर बुरी तरह फड़फड़ा उठी।
इस वक्त मेरे बदन पर टाइट जींस और टी-शर्ट थी। मेरे इतना करने पर भैया भी अपने हाथों को बे-झिझक होकर हरकत देने लगे थे। वो मेरी शर्ट को जींस से खींचने के बाद उसे मेरे बदन से हटाना चाह रहे थे। मैं उनके दिल की बात समझते हुये थोड़ा ऊपर उठ गई। अब भैया ने मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया तो मेरे बदन में करेंट दौड़ने लगा।
उधर उन्होने अपने हाथों को मेरे अनछुई चूचियों पर पहुंचाया इधर मैंने सिसकी लेकर झटके खाते लंड को गाल के साथ सटाकर ज़ोर से दबा दिया। भैया मेरी चूचियों को सहलाते सहलाते धीरे धीरे दबाने भी लगे थे। मैंने उनके लंड को गाल से सहलाया भैया ने एक बार बहुत ज़ोर से मेरी चूचियों को दबाया तो मेरे मुंह से कराह निकल गई.
हम दोनो में इस समय भले ही बात चीत नहीं हो रही थी मगर एक दूसरे के दिलों की बातें अच्छी तरह समझ रहे थे। भैया एक हाथ को सरकाकर पीछे की ओर से मेरी पैंट की बेल्ट में अपना हाथ घुसा रहे थे मगर पैंट टाइट होने की वजह से उनकी थोड़ी थोड़ी उंगलियां ही अंदर जा सकीं। मैने उनके हाथ को सुविधा अनुसार मन चाही जगह पर पहुंचने देने के लिये अपने हाथ नीचे लयी और पैंट की बेल्ट को खोल दिया। उनका हाथ अंदर पहुंचा और मेरे भारी चूतड़ों को दबोचने लगा। उन्होने मेरी गांड को भी उंगली से सहलाया। उनका हाथ जब और नीचे यानि जांघों पर पैंट टाइट होने के कारण न पहुंच सका तो वो हाथ को पीछे से खींच कर सामने की ओर लाये।
बाकी फ़िर … Hindi sex stories
Xxx मॉम चुदाई कहानी मेरी सौतेली अम्मी की चूत मारने की है. पहले मैं अपनी बहनों को चोद कर मजा कर लेता था. उनकी शादी के बाद मेरी नजर अपनी अम्मी पर पड़ी.
दोस्तो, मेरा नाम आदिल है और मैं 23 साल का हूँ.
मेरे घर मे मेरे अलावा अम्मी, अब्बू और मेरी 2 छोटी बहनें है.
यह Xxx मॉम चुदाई कहानी है, मजा लें.
मेरे अब्बू ने कई शादियाँ की हुई हैं.
मेरी सगी अम्मी पहले ही मर गयी थी.
इस वक्त जो अम्मी मेरे साथ रह रही है, वो मेरी नहीं … पर मेरी दो छोटी बहनों की अम्मी है.
अपनी दोनों बहनों की चूत की सील मैंने पहले ही तोड़ दी थी. मैं मजे से उन दोनों के चुचों के साथ खेलता था.
पिछले साल उन दोनों का निकाह हो गया और अब वो दोनों अपने शौहरों के लंड की सेवा में लगी हुई हैं.
मेरी अम्मी का नाम नगमा (43) है. वो बेहद खूबसूरत बदन की मल्लिका हैं, जिनके 36D के गोल और तने हुए बोबे, किसी भी लंड को खड़ा करने का दम रखते हैं. तीस की कमर है, जिसको मैंने कई बार ख्वाब में पकड़कर उन्हें चोदा है.
अम्मी की 38 इंच की उठी हुई गांड है, जो चलते हुए इतनी मस्त हिलती है कि बस मन करता है कि अभी के अभी साली की सलवार खोलकर गांड मार दूँ.
मेरे अब्बू का नाम नासिर है, वो 51 साल के हैं.
अब्बू छह साल पहले उस्मान चाचा के साथ कोलकाता काम करने गए और वहां जाकर अपने से 20 साल छोटी औरत 31 साल की शब्बो से शादी कर ली.
शब्बो हल्की सी सांवली पर बेहद दिलकश कटाव वाले भरे हुए बदन वाली औरत थी. उसे देखकर कई बार मैंने सोचा कि एक बार तो कम से कम शब्बो के गुलाबी होंठों से अपने लंड की सेवा करवानी चाहिए.
मैं कई बार अपने बाप की किस्मत को लेकर सोचता था कि क्या किस्मत है साले की … एक तरफ मेरी सौतेली अम्मी नगमा, जैसे साउथ फिल्मों की अभिनेत्री नयनतारा … तो दूसरी तरफ शब्बो जैसे श्रुति हसन को अपने लंड की सेवा के लिए सैट किया हुआ है.
अब अब्बू कभी कभार ही घर आते थे और घर खर्च भेज देते.
उनके घर न आने से घर पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैं इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को रिपेयर करने का काम करता हूँ, जिससे घर का खर्चा भी निकल जाता है और थोड़ी बहुत बचत हो जाती है.
मैं और मेरी अम्मी नगमा अजमेर के छोटे से इलाके में एक छोटे से घर मे रहते हैं, जो पुराने जमाने के खंडहर जैसा ही है.
एक के ऊपर एक घर बिल्कुल पैक, ना कोई आवाज सुन सकता है और ना ही कोई घर के अन्दर झांक सकता है.
मुझे कई साल से अपनी अम्मी की जवानी चखने का मन था पर मेरी बहनों ने कभी मुझे चूत की कमी नहीं होने दी.
उन दोनों ने टाइम टाइम पर मेरे लंड की खूब देखभाल की और मैंने भी उनके सारे ख़र्चे और जरूरत पूरी की.
बहनों की शादी के कुछ दिन बाद ही मुझे चुदाई की भयंकर तलब लगी तो सामने अम्मी थी.
मेरा पुराना ख्वाब फिर से जवान हो गया और मैंने सोचा क्यों ना इन्हें ही अपने बिस्तर पर खींच लूँ.
वैसे भी अम्मी कई साल से नहीं चुदी थी तो चूत टाइट होगी … और साली का फिगर तो कमाल है ही.
अपनी अम्मी के बारे में इस तरह की सोच कोई मादरचोद ही रख सकता है, जो कि मैं तभी बन गया था, जब अम्मी को दूर के मामा के आगे घोड़ी बनते देखा था.
ख़ैर ये बात 8 साल पुरानी है, पर याद अभी तक ताज़ा है कि कैसे मामू मेरी अम्मी को लुल्ली पर बैठा कर उछालने की कोशिश कर रहा था और अम्मी कह रही थी कि साले तू भी नासिर की तरह 4 इंच का ढीला हथियार लेकर आ गया है. पता नहीं कब मेरी चूत को मोटे और लंबे लौड़े मिलेगें.
अम्मी की इच्छा सुनकर अब तो बस चाहत थी कि अम्मी को अपने 8 इंच के लंड का जायका चखाया जाए और उसकी चूत का रस पिया जाए.
अम्मी को लंड पर बैठाकर गंदी गंदी गालियां देते हुए उछालने की, मेरे लंड से चुदते वक़्त अम्मी के चहरे पर कामुक भाव देखने की, जिसके लिए मैं रोज़ कुछ न कुछ नया तरीका अपनाता.
अब मैं रोज़ अम्मी की ब्रा और पैंटी पर अम्मी को याद करके मुठ मारकर माल निकालता और अम्मी को गले लगाता या उनके गाल चूमता तो पूरा ठरक से काम लेता.
पहले तो अम्मी ने इन सब चीज़ों को नज़रअंदाज़ किया और खुलकर मुझसे गले लग कर चूम लेतीं.
पर जब मैं हद से ज्यादा आगे जाकर उसके बोबे और गांड पर हाथ लगाकर ये सब करता, तो अम्मी कहतीं कि अब तुम्हारा भी निकाह करना पड़ेगा.
और मुस्कुरा कर चली जातीं.
अम्मी की इन बातों से मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गयी.
मैं अम्मी के सामने जाता तो लंड खड़ा करके ही जाता और डबल मीनिंग बात करता.
जैसे अम्मी आज तो दे दो …
अम्मी कहतीं- क्या?
तो बोल देता- चूत ओ … सॉरी सॉरी दूध.
या अम्मी के बूब्स देखते हुए बोल देता- आज तुम्हारे बहुत मोटे लग रहे हैं.
अम्मी बोलतीं- शर्म नहीं है क्या?
तो कहता- अम्मी, मैं तो आपके होंठों की बात कर रहा था.
यही सब कुछ दिनों तक चलता रहा.
फिर मैंने अम्मी की जितनी भी ब्रा और पैंटी थीं, एक बैग में भरकर फेंक दीं.
अम्मी को जब ब्रा और पैंटी नहीं मिलीं, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि तूने मेरी ब्रा पैंटी देखी हैं क्या?
मैंने अम्मी से कहा- अम्मी, तुम्हारे निप्पल्स कितने काले और मस्त हैं. तुम्हारी छाती बिना ब्रा के कितनी खूबसूरत दिखती है. तुम आज से ब्रा मत पहना करो.
अम्मी ने कहा- साले सुअर … चुप कर वर्ना थप्पड़ खाएगा.
मैंने भी जवाब दे दिया- अम्मी, तुम्हारे थप्पड़ से डर नहीं लगता, जब तुम्हारी छाती के तरबूज हिलते हैं तब डर लगता है कि कहीं ये बम मुझ पर गिरें, तो मैं मर ना जाऊं.
अम्मी अपना दुप्पटा छाती पर लेकर ये कहती हुई अन्दर चली गईं कि आने दे तेरे अब्बू को वापस … बताती हूँ कि तू कितना बेशर्म हो गया है. अगर तेरी खाल नहीं खिंचवाई तो कहना. अपनी अम्मी को छेड़ता है कमीना.
मैंने जवाब में कहा कि अब्बू तो शब्बो को घोड़ी बनाकर उसकी सवारी करते हुए बाल खींचने में बिजी होंगे.
अम्मी ने मेरी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया.
मेरे इस बदले हुए रवैये से अम्मी हैरान भी थीं और परेशान भी.
अम्मी में वैसे तो हवस की कोई कमी नहीं थी, किसी और की बात होती तो वो खुद ही चटाई की तरह बिछ जातीं और बोलतीं- लगा दे लंड, बना ले अपनी रांड … पर अपनी ही बेटे से चुदवाना कैसे हो, शायद यही बात उसे परेशान कर रही थी.
थोड़ी देर बाद मैं अम्मी के पास आया और अम्मी का नाम लेकर बोला- नगमा, तुम मेरी बात का बुरा मत मानो … मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ और खुश देखना चाहता हूँ. मैं जानता हूँ कि रात में तुम बाथरूम में इतनी देर क्यों रहती हो? तू अगर चाहे तो हम-दोनों एक दूसरे की मदद कर सकते हैं.
ये कहते हुए मैंने अम्मी के दोनों हाथों को अपने हाथ से पकड़ लिया.
अम्मी ने अपने हाथ से मेरे गाल को छुआ और बोली- बेटा, तू अभी इतना बड़ा नहीं हुआ कि ये सब बात समझ सके.
मैंने अम्मी की कमर पकड़कर अम्मी की आंखों में देखते हुए कहा- नगमा, मैं और मेरा हथियार इतना बड़ा हो गया है कि बिस्तर पर रात भर तेरी चीखें निकलवा सके.
ये सुनते ही अम्मी ने थप्पड़ मारना चाहा, पर मैंने हाथ पकड़कर उनके बाल पकड़े और अम्मी के होंठों को अपने होंठों से लगा लिया.
मेरे दिल की धड़कन इतनी बढ़ गयी कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ.
कुछ देर बाद अम्मी के होंठों को हल्का सा काटते हुए छोड़ा तो अम्मी की लिपस्टिक मेरे होंठों पर भी लग गयी थी.
अम्मी ने कहा- बेटा अम्मी हूँ तेरी … ये सब मेरे साथ करेगा … तू कहे तो तेरे लिए तेरी ममेरी बहन हिना को बुला लेती हूँ. वो अपनी जवानी की दहलीज पर है अभी, तेरा पूरा ख्याल रखेगी.
मैंने अम्मी की सलवार में हाथ डाल कर एक उंगली चूत में डाल दी और हिलाने लगा.
मैं बोला- नगमा, तेरी जवानी पर हिना जैसी कई कलियां कुर्बान कर दूँगा मैं … जान आज मना मत करना … तूने मर्द पैदा किया है, अब तेरी चूत से निकले हुए मर्द की मर्दानगी देख बस.
अम्मी- अहह ओह्ह हहह … मादरचोद … अम्मी हूँ तेरी.
मैंने अम्मी के कपड़े उतारते हुए कहा- नगमा, आज से तू मेरी अम्मी नहीं, बेगम है समझी साली छिनाल.
अम्मी- अहह … आदिल … मैं तेरी अम्मी हूँ … कोई अपनी अम्मी के साथ ऐसा नहीं करता.
मैं- नगमा जान, जब भाई के साथ कर सकती हो तो बेटे के साथ क्यों नहीं? कोई गलत बात नहीं है इसमें मेरी जान … देखो तुम कितनी मस्त बदन वाली हो और मेरे पास कितना मस्त लंड है.
मैंने अपने अपने 8 इंच के लंड को बाहर निकालते हुए अम्मी को दिखाया और कहा- क्यों न अब से हम दोनों एक-दूसरे के बदन का भी ख्याल रखें?
अम्मी मेरे लंड को देखती हुई बोलीं- हायल्ला … आदिल तुझे ज़रा भी शर्म-लिहाज़ नहीं रह गया है … मेरे सामने लंड निकल के खड़ा हो गया? वैसे तेरा लंड बहुत बड़ा है. मजा खूब देगा.
मैं- नगमा, आज तो तेरी चूत से निकले इस मर्द के लंड में आग लग चुकी है. आज तो तुझे मुझसे चुदना ही पड़ेगा.
मैंने अम्मी को दोनों हाथों से उठाया और उसी बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया, जहां अब्बू और अम्मी सोते थे.
अम्मी- बेटा, मैं तेरी अम्मी हूँ!
मैं- नगमा देख अब इतने नाटक मत कर, मैं जानता हूँ तू कितनी प्यासी है. आज तेरी सारी प्यास बुझा दूंगा बस ये फालतू की बात करने की बजाए कुछ मूड बना जान.
मैं अम्मी की चूत को फैला कर सीधा बिना कुछ कहे उसकी चूत चाटने लगा और जोर जोर से अम्मी की चूत को चूसकर गीला करने में लग गया.
कुछ देर बाद अम्मी की चूत से पानी निकला गया, तो मैंने अम्मी से पूछा- अम्मी, कुछ मज़ा आया?
अम्मी- उउममम … आह … आदिल अहह बेटा … आह …
अम्मी की चूत गीली होने पर मैंने बिना थूक लगाए ही मेरा 8 इंच का लंड अम्मी की चूत के मुँह पर सैट किया और एक जोर का झटका देते हुए कहा- लव यू अम्मी जान.
अम्मी की चूत में आज तक 4-5 इंच की लुल्ली ही गयी थी और इतने साल से वो चुदी भी नहीं थी, मेरा 8 इंच का मोटा लंबा लंड कैसे सहन कर पाती?
मेरे लंड के आधा अन्दर जाते ही वो कराह उठीं- हायल्ला मर गई!
अम्मी के मुँह से इतनी मादक आवाज से लंड में अकड़न और बदन की जकड़न दोनों और बढ़ गई.
अम्मी की चूत से हल्का सा खून भी निकला, जो अलग नशा दे रहा था.
इतना मज़ा बहनों की चुदाई में भी कभी नहीं आया, जितना आज अपनी मां चोदने में आ रहा था.
मैं बिना रुके झटके देने लगा और उसकी चूचियों से प्यासे की तरह दूध पीने लगा.
अम्मी अब मदहोश हो चुकी थीं और मुझे किसी भी तरह की कोई हरकत करने से मना नहीं कर रही थीं बल्कि अब तो सिर्फ सिसकारियां ही भर रही थीं.
मैं लगातार अम्मी की चूत का रस निकालने में लगा हुआ था.
चूत के चुदते-चुदते अम्मी की शर्म खुलने लगी थी.
वो भी अपने हाथों से मेरी पीठ को पकड़ कर अपनी तरफ खींच रही थीं और ‘आह … उफ्फ्फ … हाय … उम्म …’ जैसी आवाज निकालती हुई मुझे अपनी तरफ समेट रही थीं.
मैं- नगमा मेरी बेगम … सुहागरात मुबारक़ हो.
अम्मी अपनी आधी खुली हुई आंखों से देखती हुई बोलीं- आह … आदिल … अन्दर मत झाड़ना बेटा … मेरा ऑपरेशन नहीं हुआ है.
अम्मी से ऐसी बात सुनकर मेरे अन्दर का वहशी और हवस से भर गया.
मैंने लंड निकालकर सीधा अम्मी के मुँह में डाल दिया और रस झाड़ दिया.
आह … क्या मज़ेदार लम्हा था वो … जब मैंने अपनी अम्मी को लंड के नीचे लेकर चोद डाला था.
उस रात मैंने कंडोम लाकर Xxx मॉम के साथ रात भर 4 बार संभोग किया और उसकी गांड के छेद की सील भी तोड़ डाली.
पिछले एक साल में मैंने अम्मी की सारी शर्म उतार दी. अब वो किसी गर्ल फ्रेंड की तरह ही मेरे साथ रहती हैं.
उस रात के बाद अम्मी ने कभी मुझे मेरे नाम आदिल से नहीं बुलाया बल्कि सुनो, जान, जानू बेबी, बाबू, हनी, राजा जैसे लफ़्ज़ों से आवाज देने लगीं और मेरे लंड की जरूरत का ख्याल मेरी बहनों से भी ज्यादा अच्छे से रखने लगीं.
दोस्तो! मेरा नाम राजू है और मैं हैदराबाद में रहता Sex Stories हूँ और यह सेक्सी कहानी मेरी और मेरी भाभी की चूत चुदाई की सच्ची कहानी है।
मेरी भाभी का नाम शुभि है और वो एक मध्यम परिवार से है। घर पर सिर्फ़ हम पाँच लोग ही रहते हैं। मेरी भाभी का साइज़ 36-26-36 है और वो एक दम सेक्सी है। मेरे भाई की शादी को 3 साल हुए थे और उन की कोई औलाद नहीं थी। इसी कारण मम्मी पापा मेरी शादी करना चाहते थे और उन्होंने एक लड़की भी देखी थी पर वो लड़की पसंद नहीं आई थी।
एक बार मेरे मम्मी और पापा को उनके एक रिश्तेदार की शादी में जाना था और उन्होंने मुझे भी चलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे काम पर से छुट्टी नहीं मिल रही थी तो भाभी ने भी मना कर दिया क्योंकि घर पर मैं अकेला ही रह जाऊँगा। वो लोग चले गए और भैया को भी उन के काम से शहर से बाहर जाना पड़ा था और वो 6 महीने के लिए शहर से बाहर गए थे। उस वक्त घर पर सिर्फ़ हम दोनों ही थे।
सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक दिन मैं काम से छुट्टी ले कर घर आ गया था। जब मैं कम से घर आया तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया। मैं अन्दर घुसा तो मैंने भाभी को आवाज़ नहीं लगाई और उन के कमरे में चला गया। मैंने देखा कि भाभी एक दम नंगी हैं और वो अपनी चूत और अपने बूब्स को दबा रही हैं और कुछ अजीब सी आवाज़ें निकाल रही हैं- आआ आआ आआ आआऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊओस्श्श्श्श् श्श्श्श्श्श् ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊओ!
जब भाभी ने मुझे देखा तो एक दम हक्की बक्की रह गई और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा मैं वहाँ से चला गया और फिर कुछ देर बाद भाभी कमरे से बाहर आई और मुझे देख कर सेक्सी तरीके से मुस्कुरा दी। मैं उस समय कुछ नहीं समझा।
रात को डिनर के बाद जब मैं सोने जा रहा था तो उन्होंने मुझ से पूछा कि क्या मैं उनके साथ सो सकता हूँ क्योंकि उनको अकेले सोने की आदत नहीं है। मैं उनके कमरे में चला गया और मैंने अपना बिस्तर नीचे लगाया तो भाभी ने कहा कि तुम मेरे साथ बेड पर सो सकते हो।
मैं ये सुन कर एक दम उनके बेड पर चढ़ गया। कुछ देर बाद मैं परेशानी महसूस कर रहा था तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ तो मैंने उनसे कहा कि मैं रोज़ सिर्फ़ अपने कच्छे में ही सोता हूँ।
तो भाभी ने कहा कि तो क्या हुआ यहाँ भी वैसे ही सो जाओ।
मैं ये सुन कर एक दम हैरान हो गया और फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ कच्छे में ही सो गया। ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा।
एक दिन मैं रोज़ की तरह सोने की तैयारी कर रहा था तो भाभी ने भी अपने कपड़े उतार दिए।
मैंने पूछा तो कहने लगी कि जब तुम अपने अन्डरवीयर में सो सकते हो तो मैं अपनी ब्रा और पेंटी में क्योँ नहीं सो सकती?
और फिर भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ही बेड पर सो गई। रात के 2 बजे मैंने किसी का हाथ अपनी छाती पर महसूस किया, देखा तो वो भाभी का हाथ है। मैं उन के और करीब हो गया। फिर मैंने अपना हाथ उन के बूब्स पर रख दिया जिस से मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया। मैं उनके बूब्स को आहिस्ता से सहलाने लगा। मुझे और थोड़ा जोश आया तो मैंने अपना हाथ उनकी पेंटी पर रखा और अपनी उंगली उनकी फुद्दी पर फ़िराने लगा। वो भी मजा लेने लगी, मैंने देखा तो वो सिर्फ़ अपनी ऑंखें बंद कर के लेटी हुई थी। फिर मैंने अपनी उंगली उनकी पेंटी के अन्दर डाल दी और उनकी फुद्दी में अपनी उंगली को अन्दर बाहर करने लगा।
वो जोश के कारण आआअ ऊऊओ श्ह्श्श्श्श्श श्श्ह्स ओइ ओइओइ ऊऊ ओईइ ऊइओई ओइओइ ओओइओइ ओओइओइ ओइओइओ अहह हहछाहहछा कर रही थी। मैं समझ गया कि भाभी को अब मेरे लण्ड के दर्शन करने ही पड़ेंगे। मैंने अपना कच्छा उतार दिया और अपना लण्ड उनके हाथ में दे दिया। जैसे ही मैंने अपना लण्ड उनके हाथ में दिया, वो झट से उठ कर बैठ गई और मेरे लण्ड को देख कर बोली कि तेरा तो तेरे भैया से भी बड़ा है।
भाभी ने उसको थोडी देर मसलने के बाद उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं जैसे सातवें आसमान में था। वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे कोई बच्चा लोलीपॉप चूसता हो। कुछ देर चूसने के बाद मैंने भाभी से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ, तो उन्होंने कहा कि मुंह के अन्दर झड़ जाऊँ और मैंने उनके मुँह में एक लम्बी सी पिचकारी मारी जिस से उन का पूरा मुँह भर गया और वो मेरा सारा रस पी गई। फिर मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनकी पेंटी उतारी और उनकी फुद्दी को अपनी उंगली से चोदने लगा और फिर उनकी फुद्दी को अपनी जीभ से चाटने लगा। कुछ देर बाद वो भी झड़ गई और मैंने उनका सारा रस पी लिया।
हम दोनों ऐसे लेटे रहे और उसी दौरान मैंने उनके स्तन चूसना शुरू किया और उन्होंने मेरा लण्ड फिर चूस कर खड़ा किया, मैंने उन के पैर फैलाये और मैंने अपना लण्ड उन के फुद्दी में डालना चाहा पर नहीं घुस रहा था। फिर भाभी ने कहा कि और थोड़ा ज़ोर लगाओ!
फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में घुस गया और उनके मुँह से एक चीख निकली। फिर मैंने एक और धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लण्ड उनकी फु्द्दी में घुस गया और भाभी को दर्द होने लगा। मैंने कहा कि मैं थोडी देर रुक जाता हूँ तो भाभी ने कहा की नहीं रुको नहीं, पहले पहले ऐसा होता है। फिर मैंने अपना काम चालू किया और लण्ड अन्दर बाहर करने लगा। भाभी को भी मजा आने लगा और फिर वो जोश में आआ ऊऊओ ईई श्श्श्श्श्श हहः करने लगी और मुझसे कहने लगी कि और जोर से! और जोर से! और जोर से!
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। जैसे ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, भाभी को और ज्यादा मजा आने लगा और वो और जोर से आआ आ आआअ ऊऊ श्श्श्श्श्श श्श्श्श्श्श्श्श ऊऊओ ईईइ करने लगी। फिर आधा घंटा चुदाई के बाद मैंने भाभी को कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने कहा कि मैं तो दो बार झड़ चुकी हू और तू अब झड़ रहा है!
फिर भाभी ने कहा कि तू मेरी फुद्दी में ही झाड़ दे और मैंने ऐसा ही किया। उस रात हम देवर भाभी ने सात बार चुदाई की और मैंने भाभी की गांड भी मारी।
और क्या मजा आया उनकी गांड मार के!
आपको मेरी भाभी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! Sex Stories
मैं नवीन हूँ। मेरे परिवार में हम चार Hindi Sex Stories लोग हैं, मैं, मेरी दो बहनें बड़ी पूनम और छोटी राखी और मेरी माँ गीता। मेरे पापा की मौत आज से दो साल पहले हो चुकी थी। मेरी छोटी बहन मुझसे दस माह छोटी और बड़ी बहन एक साल बड़ी है। हम लोगों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। पिछले साल हमने सफारी गाड़ी ली थी जो हमारे गैराज में खड़ी रहती थी। गैराज का एक गेट मेन-गेट की तरफ और दूसरा घर के अन्दर खुलता है। हमारा घर चारों ओर से बंद है जिसकी वजह से कोई हमारे घर में नहीं देख सकता।
एक दिन माँ और बड़ी बहन को एक शादी में जाना था सो वो दोनों सुबह तैयार होकर शाम तक आने का कह कर चली गई। हमारे कॉलेज में भी खेल चल रहे थे इसलिए मैं भी शाम तक आने का कह कर अपने स्पोर्ट्स जूते पहन कर चला गया। कॉलेज में आते ही सबसे पहले हमारा ही मैच था और २ घंटे में ही हमारा मैच ख़त्म हो गया और मैं जूते बदलने के लिए घर आ गया।
जब मैं घर पहुंचा तो जैसे ही मैं घण्टी बजाने को था कि मुझे एक आह की आवाज़ सुनी जो गैराज में से आ रही थी। मैं बिना घण्टी बजाये अन्दर आ गया और गैराज की तरफ देखा तो अन्दर वाला गेट खुला था और गाड़ी खड़ी थी। जैसे ही मैं और आगे गया, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। राखी अपनी सलवार कमीज उतारे सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हैंड ब्रे़क के सिरे पर बैठी थी जो उसकी चूत के अन्दर था। मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था और वो भी राखी, अपनी बहन को !
मेरा लंड खड़ा हो गया। राखी उसके ऊपर नीचे हो रही थी जिससे कभी वो उसकी चूत में जाता और कभी बाहर निकलता। तभी घण्टी बजी और मैं अपने कमरे की तरफ चला गया। राखी गाड़ी में से बाहर आई, पूछने लगी- कौन है?
तभी बाहर से आवाज आई- मैं पूनम हूँ।
राखी वैसे ही ब्रा पेंटी में ही गेट खोलने चली गई। जैसे ही पूनम अन्दर आई, राखी उससे लिपट गई और उसके होठो को चूमना शुरू कर दिया तो पूनम बोली- यह क्या कर रही है तू ?
तो राखी ने कहा- वही जो रोज रात को करते हैं नवीन के सोने के बाद।
पूनम कहने लगी- वो तो रात को करते हैं दिन में तो नहीं।
राखी- क्यों दिन में क्या होता है, आज तो घर पर कोई नहीं है, माँ भी शाम को आएगी और नवीन भी अभी नहीं आएगा, आज तो अभी करेंगे।
और वो पूनम के स्तन दबाने लगी, जिससे उसे भी मस्ती चढ़ गई और वो भी उसे चूमने लगी। मुझे पता नहीं था कि वो दोनों रात एक दूसरी की प्यास बुझाती हैं मेरे सोने के बाद ! क्यूंकि हम तीनों एक ही कमरे में सोते हैं।
पूनम- यार ! काश कोई लड़का हमारे साथ होता तो कितना मजा आता !
राखी- अरे कोई लड़का क्यों ? हमारा नवीन ही क्यों नहीं?
पूनम- अरे वो तो हमारा भाई है ! वो हमें थोड़े ही चोदेगा !
राखी- क्यों नहीं चोदेगा ? क्या उसका लंड नहीं है ? मैंने कई बार देखा है उसका बाथरूम में से ! बहुत बड़ा है !
मैं उनकी बातें सुन कर धीरे से बाथरूम की तरफ चल पड़ा क्योंकि मुझ से अब रहा नहीं जा रहा था जैसे ही मैं बाथरूम में पंहुचा, राखी पूनम से बोली- चल बाथरूम में चलते हैं, साथ नहायेंगे !
यह सुनते ही मैं बाथरूम में परदे के पीछे छुप गया और वो दोनों वहाँ आ गई, दोनों नंगी थी और एकदम गोरी चिकनी !
वो दोनों टब में बैठ गई और एक दूसरे की चूत को मसलने लग गई, कभी स्तन मसलती कभी चूत में ऊँगली करती !
राखी- अगर नवीन भी हमारे साथ मिल जाये तो हमें न तो देर रात तक जागना पड़ेगा और हमारे लंड लेने की भी जरुरत पूरी हो जायेगी। मैं तो उसे पटाने के लिए आज रात से ही कोशिश शुरू कर दूंगी। कभी नींद के बहाने उसके ऊपर हाथ रखूंगी कभी टांग, कभी उसके लंड पर हाथ रखूंगी।
पूनम- तो फिर मैं भी उसे पटाने की पूरी कोशिश करुँगी पूरी रात और दिन में भी, पर ध्यान रखना कहीं माँ को पता न चल जाये। अरे यह क्या कर रही है तू? जरा जोर से उंगली डाल चूत के अन्दर पूरी डाल दे ! आह ! बहुत मजा आ रहा है ! ओ नवीन ! मैं झड़ने वाली हूँ ! आह ! जल्दी कर !
राखी- और कैसे करूँ? पूरी तो दे दी है ! अब तो नवीन ही दे सकता है आगे ! मेरी चूत में भी पूरी डाल दे ! आह मेरा भी निकलने वाला है ! आह ! आह ! ऊउऊ डाल दे पूरी ! दो डाल दे !
मेरा भी अपने आप ही निकलने वाला हो गया था उनकी मस्त चूत देख कर और बातें सुन कर !
कुछ देर में वो दोनों चली गई और टीवी देखने लग गई। मैं भी अपना माल निकाल कर अपने कमरे में आ गया और सो गया। मुझे सपने में भी उनकी बातें सुन रही थी। मैं कुछ देर बाद बाहर चला आया और उन दोनों के बीच में बैठ गया। मेरी टाँगें उन दोनों की टांगो के साथ लग गई और मैंने पूनम से रिमोट माँगा तो उसने पूछा- नवीन तुम कब आये?
मैंने उससे कहा- मुझे आये हुए एक घंटा हो गया !
तो उन दोनों का चेहरा शर्म से लाल हो गया।
पूनम- तो अब तक कहाँ थे?
मैंने कहा- अपने कमरे में सो रहा था !
मैंने उससे दुबारा रिमोट माँगा तो वो बोली- मेरा सीरियल आ रहा है !
तो मैंने उसे छूने के लिए उसके हाथ से रिमोट छीनना चाहा पर वो थोड़ा पीछे हट गई और मेरे हाथ उसके वक्ष पर लग गए। उसने मेरी तरफ तिरछी नजर से देखा तो मैंने अपने हाथ हटा लिए और ऐसे दिखाया कि जैसे मुझे कुछ पता ही न हो।और दोबारा उठ कर उसकी तरफ बढ़ा तो वो और पीछे सरक गई। जब मैंने उस पर झपटी मारी तो उसने रिमोट राखी की तरफ फ़ेंक दिया। जैसे ही में उसके ऊपर गिरा तो उसने हटने की कोई कोशिश नहीं की और मैं उसके ऊपर गिर गया। मुझे समझ में आ गया कि वो मुझे पटाना चाहती है इसलिए मैं भी उसके ऊपर से हटा नहीं तो उसने मुझे थोड़ा सा धक्का दिया जिससे मैं उसे पकड़े हुए उसके साथ ही गिर गया। वो मेरे ऊपर थी जिससे उसके स्तन मेरे सीने से टकरा रहे थे। उसने अब भी उठने की कोई कोशिश नहीं की। मैंने उसे उठाने के बहाने उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और उसे अपने ऊपर से उठा दिया।
वाह क्या नरम गरम स्तन थे !
और खुद भी उठ कर बैठ गया।
राखी ने रिमोट अपने टॉप के नीचे ब्रा में छुपा रखा था। मैंने जब राखी से रिमोट माँगा तो उसने कहा- मेरे पास रिमोट नहीं है !
तो मैंने उससे कहा- मुझे पता है कि रिमोट कहाँ है, तू मुझे अपने आप दे दे, वरना मैं छीन लूँगा।
उसने कहा- मेरे पास नहीं है ! अगर है तो तुम छीन लो !
और अपने दोनों हाथ हवा में उठा दिए, जिससे मुझे रिमोट उसके टॉप में साफ दिख गया। मैंने भी उसके स्तन छूने थे इसलिए उससे दोबारा रिमोट नहीं माँगा और सीधा उसके पास आकर उसके टॉप में हाथ डाल दिया। राखी ने मेरी तरफ देखा पर कहा कुछ नहीं ! बस थोड़ा सी पीछे हट गई। मैंने अपना हाथ उसके टॉप के और अन्दर तक डाल दिया और मेरे हाथ उसके स्तनों पर लगे। जैसे ही मेरे हाथ उसके बूब्स पर लगे, पूनम ने पीछे से मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर गिर गई जिससे राखी मेरे नीचे और पूनम मेरे ऊपर और मेरा हाथ राखी के टॉप के अन्दर था, जिसे पूनम ने रिमोट पकड़ने के बहाने ऊपर से पकड़ लिया और मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दब गया।
पूनम ने मेरा हाथ ढीला छोड़ कर दोबारा उसके बूब्स पर दबा दिया जिससे राखी के मुँह से सिसकारी निकल गई। जब मैंने दोबारा रिमोट पकड़ कर हाथ बाहर निकलना चाहा तो पूनम ने एकदम मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दबा कर और साथ ही उसके टॉप को पकड़ कर बाहर खींचा तो राखी का टॉप ऊपर से फट गया और उसके बूब्स बाहर आ गए।
वो तो आँखें बंद करके लेटी थी इसलिए उसे पता नहीं चला और न ही पूनम ने उसे बताया उसके बूब्स मेरे सामने थे।
और मैंने उन्हें देखते हुए पूनम की तरफ देखा तो उसने आँखों के इशारे से पूछा- क्या देख रहे हो?
तो मैंने राखी के बूब्स की तरफ हाथ कर दिया तो पूनम ने राखी के एक बोबे को पकड़ कर मसल दिया जिससे उसके मुँह से आह निकल गई। पूनम ने राखी के टॉप को पकड़ कर पूरा फाड़ दिया तो उसने आँखे खोली और उठ कर खड़ी हो गई जिससे उसका फटा टॉप नीचे गिर गया और बूब्स बाहर निकल आये।
उसने हमसे पूछा- टॉप किसने फाड़ा?
पूनम ने मेरा नाम ले लिया। राखी अपने नंगे बूब्स में ही मेरे पीछे भागी।
मैंने उससे कहा- मैंने नहीं, पूनम ने यह सब किया है।
राखी- बूब्स तो तुम ही मसल रहे थे, तो पूनम ने कैसे किया है? सीधे क्यों नहीं कहते कि तुम्हें मजा आने लगा था और तुमने मेरे बूब्स देखने और चूसने के लिए मेरा टॉप फाड़ दिया। मुझसे कह देते तो मैं उतार देती, पर फाड़ क्यों दिया ? मेरा नया टॉप था !
पूनम- हाँ राखी ! नवीन ने ही तुम्हारे बूब्स मसलने के लिए तुम्हारा टॉप फाड़ दिया। तुम मुझ से कह देते तो मैं अपना टॉप उतार देती ! तुम्हारे लिए क्या हम अपने कपड़े भी नहीं उतार सकते ! क्या तुमसे अपने बूब्स नहीं मसलवा सकते ! जिन्हें आज नहीं तो कल कोई और मसलेगा !
और यह कहते हुए पूनम ने भी अपना टॉप उतार दिया और अपने बूब्स मेरी तरफ कर के खड़ी हो कर बोली- लो तुम्हें मसलना है तो मसलो ! चूसना है तो चूसो ! पर मैं अपना टॉप नहीं फड़वाना चाहती !
राखी मेरे पास आकर बोली- डरो नहीं ! माँ शाम से पहले नहीं आएगी ! और अपना एक बूब मेरे हाथ से लगा दिया।
उन दोनों के बूब्स देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ लगाया जो अब पैन्ट फाड़ने के लिए तैयार था।
पूनम- नहीं उसे हाथ मत लगाओ उसे हम हाथ लगायेंगे।
मैंने राखी के बूब्स मसलते हुए कहा- हाथ लगाना है तो लगाओ ! मुझे भी अपनी पैन्ट नहीं फ़ाड़नी !
और फिर वो दोनों हंस पड़ी। राखी ने आकर मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने लगी। मैं भी अपना लंड आगे निकल के राखी के बूब्स चूस रहा था। राखी ने मेरी शर्ट उतार दी, मेरे होंठों से अपने होंठ लगा के चूसने लगी। मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। पूनम मेरा लंड छोड़ कर मुझे सोफे की तरफ खींचने लगी और हम तीनों सोफे पर आ गए। मैं राखी के होंठों और बूब्स को चूस रहा था और पूनम मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी। पर लंड उसकी नई चूत होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने राखी को हटा कर पूनम की चूत पर अपना हाथ रख के उसे सीधे लेटने के लिए कहा तो वो सीधी लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा तो लंड की टोपी उसकी चूत में चली गई और उसकी जोर से चीख निकल गई। पूनम पीछे हटने लगी तो मैंने आगे से उसे पकड़ते हुए राखी से पूनम को पकड़ने के लिए कहा तो उसने पीछे आकर उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स मसलने लगी। कुछ देर बाद मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो लंड आधा चूत में चला गया। पर इस बार पूनम की चूत में से खून निकल आया और उसके आंसू भी निकल गए।
पूनम के आंसू और खून देख कर राखी भी घबरा गई पर मैंने उसे समझाया- पहली बार ऐसा होता है !
और मैंने एक दो धक्कों में अपने पूरा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर रुक कर धक्के लगाने लगा तो पूनम भी मस्त हो गई और मेरा साथ देने के लिए नीचे से अपनी गांड उछालने लगी। जब मैंने जोर जोर से पूनम की चूत में धक्के लगाये तो वो अपने परम आनन्द पर पहुंच गई और निढाल हो गई।
फिर राखी ने मुझ से कहा- अब इसे छोड़ दो और मेरी चूत में डालो !
तो मैंने लंड पूनम की चूत में से निकल लिया और राखी को सीधा सोफे पर लिटा कर अपने खून से भरे लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया तो फ़च की आवाज के साथ उसकी चीख निकल गई। मैंने तभी दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत से खून की धार निकल के सोफे पर पड़ने लगी। कुछ देर मैं ऐसे रुक उसके बूब्स मसलने लगा तो थोड़ी देर में ही उसका दर्द ठीक हो गया और मैं धक्के लगाने लगा। वो भी जोर जोर से मेरा साथ देने लगी। उसके निप्प्ल भी बुरी तरह से कड़े हो गए थे। मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है।
तभी राखी जोर जोर से धक्के लगाने लगी और फिर कांपती हुई शांत हो गई।
मैं भी जोर जोर से धक्के मारता हुआ राखी की चूत में शांत हो गया।
फिर हम आधे घंटे तक वहीं सोफे पर पड़े रहे और जब मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चला तो मैंने देखा कि उन दोनों से उठा भी नहीं जा रहा था। Hindi Sex Stories
नमस्कार मित्रो,
सबसे पहले Antarvasna के सभी पाठकों का धन्यवाद जो सभी को मेरी कहानी पसंद आ रही है। मेरी अब तीन रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं :
पहला आनन्दमयी एहसास, सुहागरात और सपनों से हकीकत का सफर !
आप सभी के ढेरों मेल मिल रहे हैं, पढ़ कर और लिखने का मन करता है। नए पाठकों के लिए मेरा परिचय- मेरा नाम बाबा है और अभी मैं 27 साल का नौजवान हूँ। मैं जयपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ।
आज आप सभी के लिए सेक्स से होने वाले फायदे के बारे में अवगत करवा रहा हूँ और आप सभी पाठक अगर मुझसे सहमत हैं तो मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजें।
सेक्स क्या है? और कैसे होता है इसके बारे में सब के सब जानते हैं, आज छोटे बच्चों को भी इसका ज्ञान होने लगा है पर सेक्स करने से क्या फायदा हो सकता है इसका ज्ञान शायद ही हर किसी को होता है।
सेक्स के बारे में जानने की जिज्ञासा बहुत से लोगों में होती है पर हर कोई सेक्स के बारे में जान नहीं पाता। खासकर महिलाएँ, क्यूंकि वो जानने की इच्छुक तो रहती हैं पर समाज का डर और अपने परिवार की बदनामी का डर उन्हें ये सब जानने के लिए रोक देता है।
बेहतर सेक्स आत्मसम्मान से शुरू होता है और यह आत्मसम्मान को बढ़ाता भी है। जिनके अंदर आत्मसम्मान पहले से ही होता है उन्हें सेक्स के बाद अलग किस्म की खुशी महसूस होती है।
काफी लोग ऐसे हैं जो अच्छा महसूस करने के लिए सेक्स करते हैं। सेक्स शारीरिक और भावनात्माक लाभ भी देता है।
सेक्स करने से पहले खुद को भ्रमित ना करें। सेक्स न केवल आनन्ददायक हैं बल्कि रिश्तों को भी मज़बूत बनाने वाला होता है। सेक्स हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है क्यूंकि सेक्स एक तरह योगा है। अगर सेक्स को सही रूप से किया जाए तो आप शरीर निरोगी काया रहेगा। यही नहीं, सेक्स की गिनती सबसे उपयुक्त व्यायामों में भी की जाती है।
सेक्स अब एक ऐसा विषय हो गया है जिस पर लोग खुलकर बात करने लगे हैं। पहले लोग इस विषय पर बात करने से कतराते थे विशेष तौर पर महिलाएँ, लेकिन अब महिलाएँ भी इस विषय पर खुलकर बात करने लगी हैं।
सेक्स को लेकर अभी भी कई तरह की भ्रांतियाँ फैली हुई है लेकिन असल में सेक्स हर लिहाज से फायदेमंद ही साबित होता है। सेक्स के ऊपर कई तरह के शोध और अध्ययन हो चुके हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि सेक्स फायदेमंद होता है।
दोस्तो, सेक्स किस तरह से हमारे लिए फायदेमंद है यह जानना शायद आपके लिए आश्चर्य भरा हो सकता है।
क्यूंकि जो सेक्स को नहीं समझते कि यह सम्पूर्ण जीवन तथा सम्बन्धों की गुणवत्ता के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है उनके लिए सेक्स परेशानी और घृणा का विषय होता है।
इसलिए सेक्स करने से पहले खुद को सेक्स के लिए तैयार करे और कोशिश करे जानने की सेक्स करने से हमें क्या क्या फायदा हो सकता है पर एक जरूरी बात सेक्स को मजाक के रूप में ना लेकर रिश्तों को मजबूत और खुद के स्वास्थ्य को अच्छा बना सके इस तरह की सोच के साथ सेक्स करे। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना पर !
सेक्स जैसे विषय में हर कोई अपने आप ही जुड़ जाता है और ज्यादातर लोग जताना भी नहीं चाहते हैं। सेक्स को लेकर कई गलतफहमियाँ भी मौजूद हैं। लेकिन असल में सेक्स हर लिहाज से फायदेमंद ही साबित होता है। सेक्स से हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। देखते हैं कि सेक्स करने के फायदे क्या हैं !
नियमित सेक्स करने से आपका शरीर तनावपूर्ण दशाओं का बेहतर सामना करने के लिए तैयार होता है। सेक्स रक्तचाप में मस्तिष्क और शरीर का तनाव घटाने में मदद करता है। और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने नहीं देता।
तनाव का सामना करने के लिए सेक्स क्रिया का प्रवेश (योनि में लिंग का प्रवेश) होना ज़रूरी नहीं है। सेक्स के अलावा जैसे आलिंगन और अंतरंग गर्माहट के पल भी बहुत सहयोग देते हैं। सेक्स से आपको रोजमर्रा के जीवन में स्थितियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद मिलती है।
24 महिलाओं और 22 पुरुषों पर की गई स्टडी में पाया गया कि जो लोग नियमित सेक्स करते रहे, तनाव के प्रति उनका रिस्पॉन्स बेहतर रहा।
सेक्स के दौरान आपके शरीर की सभी मांसपेशियाँ खिंचती और खुलती हैं। सेक्स से मोटापा घटाने में भी मदद मिलती है। सेक्स आपकी अतिरिक्त कैलोरी घटाने में मदद करता है और यह व्यायाम करने का सबसे आनन्ददायक तरीका है।
पूरी क्षमता से की गई एक बार सेक्स क्रिया से उतनी कैलोरी घट जाती है जितनी कैलोरी पन्द्रह मिनटों तक ट्रेड मिल पर ब्रिस्क वॉक करने पर खर्च होगी। आधे घंटे के सेक्स से 85 कैलरीज बर्न होती हैं। हालांकि 85 कैलरीज ज्यादा नजर नहीं आती हैं।
प्यार करने वाले साथी की निकटता और चरमसुख की ओर बढने का आनन्द दोनों मिलकर प्यार के हॉर्मोन ‘ऑक्सीटोसिन’ का स्तर ब्ढ़ा देते हैं जिससे आपसी सम्बन्ध और रिश्ते मजबूत होते हैं।
सेक्स के सही तरीकों से आपके पार्टनर से आपके रिश्तों में मजबूती आती है, इस प्रकार से सेक्स के सही तरीकों से आप न सिर्फ अपने साथी के साथ अपने रिश्तों में मजबूती ला सकते हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रह सकते हैं।
कल्पनाशील बनिए ! शरारती बनिए ! कुछ नया करने की सोचिए ! देखिए आपकी जिंदगी किस तरह से उमंगों से भर जाती है और आपके साथी में आपके लिए कैसी दीवानगी और कैसा जुनून पैदा करती है और आपके रिश्तों में भी मजबूती प्रदान होगी। सेक्स उन्मुक्ति को बढ़ाता है और एक अलग ही आनन्द का अनुभव कराता है।
सेक्स एक योग है अगर सही रूप और सही तरीके से अगर सेक्स किया जाए तो यह एक दवा के रूप में भी असर करता है। सेक्स ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ाता है जिससे सिरदर्द, जोड़ों के दर्द और यहाँ तक कि मासिकधर्म पूर्व लक्षणों में भी राहत मिलती है।
सेक्स रक्त संचार को कन्ट्रोल करने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक करता है। सेक्स क्रिया के दौरान हृदय तेज गति से धड़कता है और ज्यादा मात्रा में रक्त को पम्प करता है जिससे रक्त संचार तेज होता है। सप्ताह में दो या तीन बार सेक्स करने से हार्टअटैक से पीड़ित होने का खतरा कम हो जाता है।
अगर आप पारिवारिक समस्या या दफ्तर के तनाव से जूझ रहे हैं तो सेक्स दवा की तरह काम करता है। न केवल यह मूड ठीक करता है बल्कि आपके सही फैसले लेने की क्षमता भी बढ़ाता है।
सेक्स करने के ढ़ेरों फायदे हैं तो आगे से सेक्स को महज़ आनन्द देने वाली क्रिया ही ना समझें बल्कि यह सेहत से सीधे तौर पर जुड़ा मसला है अगर आप जिम जाने में आलस्य महसूस कर रहे हैं और आधे घंटे की ब्रिस्क वॉकिंग से भी बचना चाहते हैं तो सेक्स से बेहतर विकल्प कुछ भी नहीं है।
यौन संबंध बनाने की क्रिया से कमर की चर्बी घटती है। रिसर्च के मुताबिक अंतरंग क्षणों में बिताए आधे घंटे से 80 कैलोरी उर्जा का निकास होता है। एक नए रिसर्च के मुताबिक रोजाना सेक्स सेहत के लिए फायदेमंद है।
हर रोज सेक्स से न केवल नींद अच्छी आती है बल्कि यह तनाव घटाता है और कैलोरी या कहें मोटापा कम करने में मददगार है। रोजाना सेक्स महिलाओं और पुरूषों दोनों की त्वचा को तरोताजा रखने में मदद करता है, झुर्रियाँ कम बनती हैं। त्वचा को प्राकृतिक चमक इससे मिल सकती है।
सेक्स एक तरफ जहाँ वैवाहिक संबंधों को दृढ़ता प्रदान करता है वहीं यह कई बीमारियों को कम करता है। इनमें संक्रमण से होने वाली बीमारियाँ शामिल हैं। निरंतर सेक्स से गठिया, सिर दर्द जैसे अनेको बीमारियों से राहत मिल सकती है।
सेक्स महिलाओं में कैंसर, सिस्टस जैसी बीमारियों के भी खतरे को भी कम करता है। सेक्स महिलाओं की पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है क्योंकि इससे पैल्विक मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे महिलाओं में असंयम का जोखिम कम हो जाता है।
खुशहाल सेक्सुल जीवन से तनाव कम होता है और व्यक्ति को खुश रखने में मदद करता है। सेक्स प्रक्रिया से रक्तचाप भी कम होता है, सेक्स से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। सेक्स हृदय को भी मजबूत बनाता है।
इससे दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम होती है। इसलिए एक सप्ताह में दो बार या दो से अधिक बार सेक्स करने से महिलाओं में घातक दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है।
वैसे तो फिट रहने के लिए मॉर्निंग एक्सरसाइज़ के अलावा अगर आप मॉर्निंग सेक्स करें तो आप फिट और फाइन रहेंगे। मॉर्निंग में सेक्स आपको एक स्वस्थ हृदय देता है। वैसे मॉर्निंग सेक्स के और भी कई फायदे हैं, जो आपके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रख सकता है। त्वचा को प्राकृतिक चमक इससे मिल सकती है।
माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिलता है। मॉर्निंग सेक्स शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। जोड़ों का दर्द, खासकर आर्थ्राइटिस जैसी समस्या को कम कर सकता है।
सेक्स आपके शरीर से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज़ करता है, जो बालों को चमकदार और सिल्की बनाता है। सुबह उठने और खुद को एनर्जी से भरपूर रखने का सबसे बढ़िया तरीका यही हैं।
और अधिक जानकारी चाहिए सेक्स के विषय पर तो आप मुझसे मेल करके पूछ सकते हैं, आपको हर तरीके के सेक्स की जानकारी में जरूर उपलब्ध करवाऊँगा।
पर उन पाठकों को मेरी तरफ से एक छोटी सी प्रार्थना है कि कृपा करके मुझे फालतू की मेल ना करें जैसे कि ‘मेरा भी जुगाड़ करवा दो या किसी की दिलवा दो’ ये सब भेज कर आप मेरा समय ना बर्बाद करें, क्यूंकि अभी में भी अपने जीवन में अकेला ही सफर कर रहा हूँ।
हाँ, आपको कुछ भी Antarvasna जानना हो तो जरूर मुझसे सम्पर्क करें, आपको हर तरह की सम्पूर्ण जानकारी देने की जरुर कोशिश रहेगी। धन्यवाद।
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