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मैं लक्ष्य हूँ दिल्ली से ! आई ऍम Sex Stories अ काल बॉय. मैं फ़िर आपको अपना नया अनुभव सुनाने आया हूं।
मेरी पिछली कहानी पढने के बाद कई लोगों ने मुझे ई-मेल भेजे, जिनमें एक दिल्ली की ही एक लड़की का था। उसने अपना फ़ोन नम्बर दिया हुआ था। मैंने उसे फ़ोन किया ओर बताया तो उसने कहा कि वो देहरादून की रहने वाली है और नोयडा में जोब करती है और लक्ष्मीनगर में रहती है।
तो मैंने उसे बताया कि मैं भी नजदीक ही मयूर विहार में रहता हूँ जब भी उसे सर्विस चाहिए तो मुझे मेल कर बुला सकती है तो उसने मुझे सन्डे को अपने फ्लैट पर आने के लिए कहा.
मैंने सन्डे को सुबह ११ बजे उसके फ्लैट के पास पहुँच कर फोन किया तो वो गेट पर मुझे लेने आ गई. फ़िर मैं उसके फ्लैट पर गया तो देखा कि वो २ रूम्स का फ्लैट था तब उसने बताया कि उसकी फ्रेंड्स भी उसके साथ रहती हैं और वो जॉब पर गई हुई हैं.
फ़िर हम दोनों बातें करने लगे तो उसने बताया कि उसने मेरी कहानी पढी, वो उसे अच्छी लगी और वो भी कोई साथी चाहती है गुप्त सेक्स के लिए. तो मैंने उसे आश्वस्त किया कि मेरा काम इसी पर निर्भर है कि बात छिपी रहे.
तभी वो उठी और बियर कि बोतल फ्रीज में से निकल लायी और बोली- मैंने कहानी में पढा था कि आपको पीने के बाद करना पसंद है. फ़िर हमने बियर पीनी शुरू की। धीरे -२ वो मेरे नजदीक आ गई और उसने मुझे गाल पर किस किया और मैंने भी कस कर गले लगा लिया और बेतहाशा किस उसके गले और लिप्स पर करने लगा. क्या रसभरे होंठ थे उसके. फ़िर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसने मेरी शर्ट. हम एक -दूसरे को किस करते रहे और नंगे होते रहे.
फ़िर मैं उसे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया. तब मैंने गौर से उसे देखा क्या सुंदर साइज़ था उसका ३४ -२८ -३२. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा उसके मुंह से आवाजें निकल रही थी- आ आ आया आ अ -औ ऊ ओऊ ओह ह्ह्ह हह जोर से —ओ ऊ ऊह ह्ह्छ हह उसके हाथ मेरे बालों और मेरी कमर पर घूम रहे थे. फ़िर वो उठ कर नीचे बैठ गई और मेरे ७ इंच के मोटे लंड को किस करने लगी, फ़िर धीरे से उसे अपने नरम होठों में दबाकर चूसने लगी। मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर कर रहा था.
तभी मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू किया तो वो बोली धीरे करो दर्द हो रहा है, यह मेरा पहली बार है. काफी देर फोरप्ले के बाद जब मैंने देखा कि वो भी उत्तेजित हो गई है तो मैंने उसकी टाँगें फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और एक झटका दिया तो वो रोने लगी कि दर्द हो रहा है तो मैंने उसे क्रीम लेन के लिए कहा वो क्रीम लेकर आई और मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई, फ़िर मैंने झटका दिया तो मेरा लंड ३ इंच अन्दर चला गया वो चिल्लाई ईई आया आ आ आह हह माँ आया आया अ आ आ मर गई ई ई
पर मैं लगातार धक्के लगाता रहा थोड़ी देर बाद दर्द कम होने पर वो कमर हिलाकर सहयोग देने लगी. फ़िर मैंने उसे कुतिया स्टाइल में चोदना शुरू किया करीब २५ मिनट उसे चोदने के बाद जिसमे वो ३ बार डिसचार्ज हो चुकी थी. मैंने उसे कहा कि मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ तो उसने कहा कि अन्दर मत करो। तो जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला तो उसने अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी तभी मेरे लंड ने बारिश शुरू की और ६ -७ तेज़ धार सीधे उसके मुंह में उडेल दी.
वो भी थक कर वहीँ बेड पर लेट गई. ½ घंटे के बाद मैंने कपड़े पहने और जाने लगा तो उसने मुझे मेरी फीस के ३००० रुपए दिए और किस करके कहा कि मैं जल्दी ही तुम्हे अपनी फ्रेंड्स की सर्विस के लिए भी बुलाऊंगी. Sex Stories
करीब एक हफ़्ते के बाद भाभी लौट कर घर आई तो हमारे Sex Stories घर मिलने चली आई, एकान्त पाते ही मैने पूछा कि कहाँ गई थी? तो उसने कहा दोपहर में घर आना वहीं पर बातें होंगी, मैं तो तुम्हें ही बताने आई थी कि मैं लौट आई हूं। दोपहर में मैं स्कूल से ही उनके घर चला गया, बेल बजाने पर भाभी ने दरवाजा खोला, मैने देखा भाभी बहुत प्रसन्न दिख रही है मैने पूछा तो उसने कहा अन्दर तो आओ मैं अन्दर सीधे बेडरूम में चला गया बेड पर छोटू सो रहा था इसलिए मैं सोफ़े पर बैठ गया।थोड़ी देर में भाभी दो कप कोफ़ी लेकर आई और मेरे से सट कर बैठ गई उसने गुलाबी रंग की सलवार कमीज पहने थी काले रंग की ब्रा ऊपर से दिख रही थी। भाभी अक्सर काली ब्रा और काली पैंटी पहनना पसन्द करती है। मैने पूछा कहा गई थी? तो उसने कहा मैं इलाहाबाद अपनी बहन के घर गई थी वो मुझसे केवल दो साल छोटी है और वो मुझसे पूरी तरह खुली हुई है मैने उसे तुम्हारे बारे में बताया तो वो कह रही थी मैं भी मिलना चाहती हूं।कोफ़ी खत्म होने के बाद मैने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा भाभी मेरी गोद मे गिर गई मैने उसकी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा तो मुझे महसूस हुअ कि साइज़ में कुछ अन्तर आ गया है, मैने पूछा तो वो हसने लगी और कहा लगता है दवा का असर हो रहा है, मैने तबतक सलवार खोल दी थी भाभी जब खड़ी हुई तो सलवार नीचे सरक गई, उसने कहा लो मैं पूरा काम किए देती हूं यह कह कर उसने अपनी कमीज भी निकाल दी फ़िर से मेरे सामने उसका भरा हुआ शरीर सामने था। मेरे लंड में तनाव भरता जा रहा था, मैने भाभी को नीचे कालीन पर लिटा कर अपने होंठों को उनके होंठों से जकड़ दिया, भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी।ऊऊह कितना मीठा स्वाद लग रहा था, मैने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया मैं अपने हाथों से उसके चेहरे को पकड़ रखा था उसकी लार मेरे अन्दर बह रही थी कुच देर के बाद मैने अपनी जीभ उसके अन्दर डाल दी और उसे पूरा अन्दर डाल कर चारों ओर घुमाता रहा काफ़ी देर तक हम एसा करते रहे फ़िर उसने कहा चलो ६९ करते हैं, मैने पूछा ये क्या होता है तो उसने कहा पहले अपने कपड़े उतारो तो बताती हूं। मैने अपनी पैंट और शर्ट निकाल दी और बेड के किनारे बैठ कर भाभी को कपड़े उतारते देखने लगा अब उसने अपनी ब्रा को उतार दिया और मेरे पास आ कहा चलो मैं तुम्हारी सफ़ाई कर दूं यह कह कर उन्होंने वही बोतल निकाली और उसे मेरे लंड के चारों ओर लगा दिया तो मैने कहा लाओ मैं भी तुम्हारी पूरी सफ़ाई कर दूं तो उसने कहा ये बहुत अच्छा रहेगा यह कह कर वो बेड पर लेट गई मैने उनकी पैंटी निकाल दी उसकी फ़ूली हुई बुर पर छोटे छोटे काले बाल थे मैने उंगली डाल कर बोतल से ढेर सारी क्रीम निकाल कर उसकी चूत पर लगा दिया और धीरे धीरे मालिश करने लगा मेरा लंड हिलोरे लेने लगा, मैने उसकी चूचियों को दबाना चाहा तो उसने कहा पहले क्रीम को पोंछ लो, तभी मेरी नजर उसके बगल के बालों पर पड़ी मैने कहा इसे भी साफ़ कर दूं तो बोली नहीं ये जब कुछ बड़े हो जायेंगे तो तुम्हें अच्छे लगेंगे इसे रहने दोमैं सोफ़े पर बैठ गया और हम बातें करने लगे तो भाभी ने बताया तुम्हारे भैया तो रात में कपड़े निकाल कर अपना लंड मेरी बुर में डालने की कोशिश में लगे रहते हैं उन्हे ये भी जानने की जरुरत नहीं महसूस होती कि मेरी चूत सूखी होने के कारण कितना दर्द कर रही होती है जब तक मेरी चूत गीली होती है तब तक वो अपना पानी छोड़ चुके होते हैं इस तरह मैं असन्तुष्ट रह जाती हूं। मैने भाभी से पूछा अच्छा बताओ तो जरा लेडीज़ को क्या करना अच्छा लगता है तो भाभी ने कहा ये कोई नियम की बात नहीं है सेक्स तो महसूस करने की बात है केवल महसूस करके भी सेक्स में संतुष्टि मिल सकती है, तुम निश्चिंत रहो मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी तो तुम शादी के बाद अपनी बीवी को पूरी तरह सन्तुष्ट कर पाओगे, मैने कहा भाभी तुम कितनी प्यारी हो और मेरा कितना ख्याल रखती हो, भाभी ने कहा देखो सेक्स तो एक भूख की तरह है इस तो सन्तुष्ट करना ही पड़ता है, कुछ लोग अपने हाथों से अपने आपको सन्तुष्ट कर लेते हैं तो कुछ लोग बाहर किसी को खोज लेते हैं इसमें तो कोई बुराई नहीं है केवल इस बात का ध्यान रखना है कि आस पास के लोगों में ये बात पता नहीं चले क्योंकि ये सब हमारे समज में अच्छा नहीं माना जाता।बातें करते काफ़ी देर हो गई तो भाभी ने कहा चलो बाथरूम में नहा लें, हम दोनो साथ ही बाथरूम में घुस गये शोवर चला कर हम एक दूसरे से लिपट कर देर तक भीगते रहे। मैं बीच बीच में भाभी के पीठ पर हाथ फ़िरा रहा था हम दोनो ने अच्छी तरह एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। भाभी की चूचियों पर साबुन वाला हाथ रगड़ने में बहुत अच्छा लग रहा था उसने भी मेरे लंड की अच्छी तरह से रगड़ाई की, हम दोनो बाहर आ कर टोवल से अपना बदन पोंछ लिए तो भाभी ने कहा चलो एक खेल खेलते हैं, हम दोनो बेड पर लेट गै भाभी ने पोंड्स का पाउडर निकाल कर उसे मेरे बदन पर पोत दिया और एसा ही करने को कहा मैने भी उनके बदन पर पाउडर डालकर पूरे शरीर पर लगा दिया तो भाभी ने कहा चलो मेरे ऊपर लेट जाओ मैं पूरी तरह उनके ऊपर लेट गया अब हम आपस में बदन रगड़ते रहे मेरा लंड भाभी की फ़ूली हुई चूत में घुसने के लिए बेताब हो रहा थाभाभी ने कहा तुम मेरी ऊपर की तरफ़ से धीरे धीरे नीचे की तरफ़ जाओ मैने भी चूत पर पहुंच कर अपनी जीभ को चूत में घुसाना चाहा तो भाभी ने कहा अभी समय नहीं हुआ है, अब मेरा मुंह भाभी के पैर की तरफ़ था और मेरा लंड भाभी के चेहरे को छू रहा था उसने मेरा लंड अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपने मुंह में डाल दिया अपने आप मेरा मुंह भाभी की चूत से सट गया अब भाभी की चूत से रस बह रहा था मैने चूत में अपनी पूरी जीभ घुसा कर चूसने लगा भाभी भी मेरे लंड को अपने मुंह से चूस रही थी कि अचानक मेरे लंड का पानी छूट गया भाभी ने उसे पूरा पी लिया अब भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थी यस और करो और करो और करो यह कहते हुए भाभी ने अपने दोनो पैरों से मेरे सिर को दबा लिया और अब भाभी ने पलटने की कोशिश शुरु कर दी अब मैं भाभी के नीचे था भाभी मेरे मुंह पर धक्के मार रही थी और उसकी चूत से गरम गरम कुछ निकल रहा था जो सीधे मेरे गले में जा रहा था
भाभी, बोले जा रही थी ओह ऊओह ओह ओह ओह अंत में भाभी मेरे ऊपर पसर गई हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे भाभी का चिकना बदन बहुत ही कोमल लग रहा था मेरा मन कह रहा था कि काश ये समय खत्म ही न हो। हम दोनो एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे, थोड़ी देर बाद हम उठ गये तो भाभी ने कहा अब समझ में आया कि ६९ क्या होता है, मैं भाभी से लिपट गया हम दोनो काफ़ी देर तक लिपटे ही रहे तब भाभी ने मेरे माथे को चूमते हुए कहा जानते हो जब दो लोग सेक्स करते हैं तो उनका आपस में रिश्ता बहुत मजबूत हो जाता है। काफ़ी देर हो गई थी हालांकि मन नहीं हो रहा लेकिन भाभी ने कहा अब घर जाओ नहीं तो तुम्हारी मम्मी खोजेंगी, अधूरी प्यास लिए मैं अपने घर आ गया। आगे की कहानी पार्ट ५ में। Sex Storiesदोस्तो ! मैं सेक्सी कहानियाँ सात महीनों Antarvasna से पढ़ रहा हूँ। मैं २५ साल का शादीशुदा मिडल परिवार का राजस्थान के एक छोटे से कसबे का सेक्सी लडका हूँ। मैं कम्प्यूटर इन्जीनियर हूं। मैं मेरी शादी को दो साल हो गये है।
आपने मेरी कहानी “कुंवारी सलहज को प्रेगनेंट किया” पढ़ी और बस एक मेल ही आया। दोसतो ये कहानी आपको लगता है पसंद नही आई। दोस्तो ! मैने वो पहली बार कहानी लिखी थी।
अब एक बार फिर हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !
२००४ के दिसम्बर की छुट्टियों में मेरे मामा की लडकी हमारे घर १०-१५ दिन के लिए आई। वो २४ साल की थी. बहुत सुंदर है, उसका फिगर २८-२४-२८, ऊंचाई ५’३”, वो बहुत सेक्सी है. जब भी मैं उसके बारे मे सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नही कर पाता,वो मुझे तिरछी नजर से देखती थी।
बस तो सरदियों के दिन थे। सब लोग {परिवार वाले} रजाई ओढ़ के रात को बातें करते थे। वो मेरी वाली साईड में बैठ गयी। मैने धीरे से उसकी टांग पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। वो मेरी तरफ़ देख के मुस्करायी तो मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैने उसके बुबस दबाने शुरु किये वो मस्त हो रही थी। वो कहने लगी- मुझे कम्प्यूटर सिखाओ !
मैने कहा क्लास लगेगी, वो भी रात के ९ बजे के बाद !
वो कहने लगी ठीक है। मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊगी। वो रात को मेरे कमरे में आयी। गांव में सब ८:३० बजे तक सब सो जाते है। हमारा घर बहुत बड़ा था। मैने उसे कम्प्यूटर ओन करके दिया। उसको गाने चलाना, ओफ़ीस ,सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको बताते हुए छू रहा था। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी। उसका ध्यान मेरी ओर हो गया। धीरे से मैं सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक करके सोने का नाटक करने लगा। उसने वो फ़िल्म एक दम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो वो उठ कर मेरी ओर देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा। वो इत्मिनान से फ़िल्म देखने लगी।
फ़िल्म देखने के बाद वो गरम हो गई। वो अपने बूबस को मसलने लगी। मैने धीरे से उसको किस किया तो वो चोंक गयी। मैं उसे अपने बैड पर उठा लाया तो वो बोली- भैईया यह क्या कर रहे हो?
मैने कहा जो तुम्हें चाहिए वो दे रहा हूं। मैं उसके बूबस दबाने लगा वो मस्त होती जा रही थी। और मैं होठ किस भी करने लगा। वो बोली ये नीचे मेरे से एक डंडा सा क्या है इतने में उसने मेरे लंड पे हाथ फ़ेरना शुरु किया। मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी। मैने धीरे से उसकी सलवार को खोल दिया अब मैं सलवार को पैर से उतारने लगा वो बोली किसी को पता चल गया तो?
मैने कहा तुम बताओगी?
वो बोली- नहीं। मैने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिये। हम दोनो एकदम नंगे थे। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे ‘चूमते रहो’ कह रही थी, इतने दिन पहले क्यों नहीं मिले। मेरा ९” का लंड एकदम खडा था। वो बेसबरी से उसे देखने लगी ओर बोली- इतना बडा पहली बार देखा है।
वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी उसकी छोटी छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थी। मैने पहली बार उसे नँगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मस्त हो कर तडफ़ रही थी। मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा। बाद में हम लोग ६९ पोजीसन में आ गये। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी,मैं उसकी गोरी साफ़ चूत को जीभ से चूस रहा था।
‘चूसो मेरी चूत को……आ.आ..आआया.आआआआआअ..आआआ..उ.ऊउऊ.ऊ.ईई.ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ’ वो मस्त हो रही थी। अब मैं झड़ने वाला था वो भी इस दौरान दो बार झड़ गई थी। मैं उसका नमकीन रस पीता रहा। मेरा रस उसके मुँह में झड़ गया। वो सारा रस मस्ती से पी गई।अब मैं फ़िर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो बहुत खुश थी। मैने एक उँगली उसकी चूत में डाली। वो मेरे लँड को फ़िर चूसने लगी और मेरा ९” का लँड खडा हो गया।
अब वो बोली कि मुझे कुछ हो रहा है जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ।
मैने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? मैने कहा दर्द बहुत होगा ! झेल लोगी?
वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाये, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोडना मत, बस अब जल्दी करो, चोद डालो, फ़ाड डालो मेरी चूत, जल्दी करो।
मैने ९” के लंड पर तेल लगाया और थोड़ा सा उसकी चूत पर लगा के, चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो लंड २” अंदर ही गया था कि वो चिल्लाने लगी- छोड दो, बस करो, मर जाऊगी।
मैं रुक गया और फिर वो शाँत हो गयी। मैने एक जोर से झटका मारा और चूत की सील तोड़ते हुए अँदर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा। वो मस्त हो रही थी। थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरु किये। वो भी मेरा साथ देने लगी थी। वो चूतड़ उठा उठा के चुद रही थी। २००-२५० झटके लगाने के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।
वो रात ३१ दिसम्बर २००४ की रात थी, मैने उसे नये साल के जश्न में पूरी रात में लगभग १५ बार चोदा। वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। उससे उठना ही मुश्किल हो गया था। सुबह के ६ बज चुके थे। वो उठ के अपने कमरे में चली गयी। ये सिलसिला १० दिन तक चलता रहा। वो पूरी पूरी रात मस्त होकर चुदवाती थी। १० दिन बाद वो अपने घर चली गयी। पर जब भी मौका मिलता था वो चुदने को तैयार रहती थी।
आपको कहानी कैसी लगी ? Antarvasna
मुझे लिखें !
मैं एक बार फिर आप लोगों के Sex Stories सामने आया हूँ अपनी नई कहानी के साथ। मेरी पहले की कहानी कुंवारी छोकरी
और
विदेशी माल
को आप लोगों ने बहुत पसंद किया, उससे मुझे बहुत ख़ुशी हुई। आशा है आप लोग मेरी यह कहानी भी पसंद करेंगे। तो सभी लड़कियों और लड़कों से कहना है कि अपने-अपने औजार संभाल लें क्योंकि मैं कहानी शुरू करता हूँ।
दो महीने पहले की बात है जब मेरे इलाके में कोई सरकारी टीचर अपने परिवार के साथ रहने आये। सब उन्हें मिश्रा जी कहते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और उनकी एक बेटी थी।
हम सब दोस्त अपने घर के बाहर बाते कर रहे थे कि अचानक मिश्राजी ने हम सभी को सामान घर के अन्दर रखने के लिए मदद मांगी। हम सबने जाकर उनकी मदद की।
जब वापस आ रहे थे तो उनकी बेटी ने मुझे कुछ अलग नजरों से देखा तो मैं समझ गया कि वह मुझ पर फिदा हो गई है। पर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया। अब जब भी मैं घर के बाहर रहता तो वह मुझे देखकर मुस्कुराती रहती, मैं अनदेखा कर देता। आप सभी लोग सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों करता था। उसकी वजह थी उसका रंग। वह बिल्कुल काली थी। उसका नाम सोनी था। ( बदला हुआ नाम )
अब मैं उसके बारे में बताता हूँ की वह कैसी थी। वह बिल्कुल काली थी पर उसकी फिगर बहुत ही सेक्सी थी। उसकी उम्र 18 साल की होगी। उसकी चूची ज्यादा बड़ी नहीं थी। यह सब कुछ दिनों तक चला तो दोस्तों ने मुझे चिड़ाना शुरू कर दिया था। मैंने उन्हें बताया कि ऐसा कुछ नहीं है तो दोस्तों ने कहा कि उससे तुझे क्या लेना है, अगर वह आती है तो आने दो! काम होने पर चलता करना!
मुझे उनकी बातें शुरू में अच्छी नहीं लगी फिर मैंने सोचा कि इसमें हर्ज़ ही क्या है। मैंने भी दाना डालना शुरू कर दिया। यह सब देख कर उसे बहुत अच्छा लग रहा था। यह सब कुछ दिनों तक चला तो मेरे दोस्तों ने मुझसे पूछना शुरू कर दिया कि कुछ किया भी या ऐसे ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ कर यार।
बातों ही बातों में एक बार सोनी ने बताया कि मैं दो बार चुदवा चुकी हूँ।
मैंने कहा- तब मुझे कब खिला रही हो?
उसने कहा- चार दिन बाद मेरी माँ अपनी किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में जा रही है, मुझे भी साथ ले जा रही थी पर मैं पढाई का बहाना बनाकर नहीं जा रही हूँ। पापा भी स्कूल चले जाते हैं। तुम मेरे घर आना, मैं तुम्हारे लिए तुम्हारी पसंद का खाना बनूंगी(बनाऊँगी)।
मैं उसका मतलब समझ चुका था। उस दिन जैसे ही उसके पापा घर से बाहर गए, वो घर से बाहर आकर मुझे घर के अन्दर आने के लिए इशारा कर गई। मैं भी मौका देख कर उसके घर के अन्दर चला गया।
घर के अन्दर जाते ही उसने मुझे बिठाया और किचन में चली गई वहाँ से उसने मुझे खीर लाकर दी। वो मुझे अपने हाथों से खीर खिलाने लगी, मैं भी खीर खा रहा था और बस उसे ही देखे जा रहा था। वह भी मेरे आँखों में देखती जा रही थी।
मैंने कहा- अब मैं तुम्हें खिलाऊंगा!
उससे चम्मच लेकर मैं उसे खिलाने लगा। खिलाते-खिलाते उसके मुंह के बजाय उसके कपड़ों के अन्दर खीर डाल दी। वह उठकर दूसरे कमरे में चली गई।
मैं समझ गया कि वह कपड़े बदलने गई है, मैं भी उसके पीछे जाकर उसे देखने लगा। मैंने देखा कि वह केवल सफेद ब्रा में ही है। मैंने कुछ हिम्मत करके उसे पीछे से पकड़ लिया। वह कुछ घबराई और कहने लगी- आज नहीं फिर कभी!
मैंने कहा- आज नहीं तो कभी नहीं।
कहते हुए मैं उसके गले पर चूमने लगा। वह नहीं-नहीं कहे जा रही थी। पर मैं कुछ और इरादा कर के आया था। मैं बस लगा रहा। मैं उसे पीछे से ही पागलों की तरह चूमने लगा। धीरे-धीरे उसकी ब्रा क हुक भी खोल दिया और पीछे से ही उसके दोनों चुचियों को पहले धीरे-धीरे फिर बाद में उसे कस-कस कर मसलने लगा। उसकी मुंह से सी… सी … की आवाजें निकलने लगी।
मैं समझ गया कि वह भी गरम हो चुकी है। मैं बस चुम्बन लिये जा रहा था और उसकी चुचियों को मसले जा रहा था।
अचानक उसने मेरे खड़े लण्ड को हाथ पीछे करके पकड़ लिया। मुझे अजीब सा लगा। मैंने उसका मुंह अपनी ओर किया और उसे किस करने लगा। उसके होंठों को अपने होंठों से जोरदार किस किये जा रहा था।
वह बिल्कुल पागल सी हो गई थी। वह अपने घुटनों पर बैठ कर मेरे लण्ड को आगे पीछे करने लगी। मैंने उसे अपने मुंह में लेने के लिए कहा तो उसने मुंह में ले लिया और चाटने लगी। जब वो अपने फ़ूल से कोमल होंठो मेरे लण्ड को चाट रही थी तो मेरे तन बदन में मानो आग सी लग रही थी।
मैंने कहा- अब मेरी बारी है!
मैंने फट से उसे नंगा कर दिया और उसे बिस्तर पर लिटा कर उसकी बुर को देखा तो एक दम चौंक गया, पूरा बदन काला था मगर उसकी बुर लाल नज़र आ रही थी। बुर पर एक भी बाल नहीं था। शायद उसे पता था कि मैं जब आऊंगा तो उसे जरुर ही चोदूंगा, इसलिए वह पूरी तरह से तैयार थी। जैसे ही उसकी बुर को करीब से देख रहा था तो मानो उसकी बुर काँप रही हो। जब मैंने उसकी बुर पर अपनी जीभ लगाई तो उसके बदन में हलचल से हो गई।
अब मैं उसकी कोमल बुर को धीरे-धीरे चाट रहा था। उसकी आवाज़ में एक कम्पन्न सी हो रही थी। बुर-रस और मेरे थूक से उसकी बुर एक दम गीली हो गई थी। मेरा लण्ड भी कब तक इंतज़ार करता, वह कह रहा था कि मुझे भी जन्नत की सैर करनी है।
जब मैंने अपना लण्ड को उसकी बुर पर रखा और अन्दर डालना चाहा तो अन्दर नहीं जा रहा था। यह देखकर मैं चौंक गया कि उसकी बुर एकदम टाइट थी। मैंने कहा- अरे तुम्हारी बुर तो एक दम टाइट है?
तो उसने कहा- हाँ, मैं पहली बार करवा रही हूँ। मैंने तुमसे झूठ इसलिए कहा क्योंकि मैं तुमसे सेक्स करना चाहती थी। अगर मैं तुमसे नहीं कहती कि मैं दो बार चुदवा चुकी हूँ तो तुम डर जाते, क्योंकि मैं जानती हूँ कि तुम मुझसे शादी नहीं करोगे। कहाँ मैं और कहाँ तुम। इसलिए तुम्हें एहसास हो जाये कि मैं एक चुदासी लड़की हूँ। जिससे तुम जल्द ही तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए राजी हो जाओ।
यह सब सुनकर मुझे लगा कि अब मैं उसे नहीं चोदूंगा पर मैं अपने आपको नहीं रोक सका।
तभी उसने कहा- क्या सोच रहे हो? जल्दी चोदो ना!
मैंने भी एक बार फिर अपना लण्ड बुर पर रखा और धीरे-धीरे करके उसे बुर के अन्दर डालने लगा। वह अपनी जीभ को दांतों तले दबाये थी। फिर एकाएक मैंने जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा पूरा लण्ड बुर में चला गया। उसकी चीख जोरदार होने के कारण मुझे उसका मुंह बंद करना पड़ा। दिन का समय था कोई भी घर में आ सकता था।
कुछ मिनट बाद मैंने असली चुदाई शुरू की। मैं धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था। फच -फच की आवाजे चारों ओर गूंजने लगी थी। उसे भी मस्ती आ रही थी। वह भी खूब मजे लेकर चुदाई का आनंद उठा रही थी। उसके दूसरी बार झड़ने के बाद मैं भी उसकी बुर में झड़ गया और उसके बगल में लेट गया।
कुछ समय बाद वह उठी और लड़खड़ाते हुए बाथरूम की ओर जाने लगी। मैंने बिस्तर पर देख तो खून ही खून था। कुछ खून उसके जाँघों पर लगा था। जब वह बाथरूम से आई तो मुस्कुरा रही थी।
मैंने पूछा- यह तुम पहली बार कर रही थी, पर तुम्हारे अंदाज़ से तो मुझे कभी भी नहीं लगा कि यह पहली बार थी?
उसने कहा- क्योंकि मैं ब्लू फिल्म कई बार देख चुकी हूँ। जिससे बहुत कुछ सीख गई थी। लेकिन यार काली लड़कियों की बुर एकदम कमाल की होती है। कभी कोशिश करके देखो। एकदम मक्खन जैसा बुर। मज़ा आ जायेगा। अगर लड़कियां पढ़ रही होगी तो माफ करना, लेकिन क्या यह झूठ है।
मैंने जाते-जाते उससे पूछ लिया- तो अगली बार कब?
वह मुस्कुराते हुए बोली- जब तुम चाहो।
पर अफसोस, दूसरी बार यह मौका नहीं मिला अब तक। दुआ करो कि यह मौका जल्द ही मिल जाये।
तो मेरी कहानी आपको कैसी लगी आप लोग जरुर मेल करें, आपके मेल से ही हम सभी लेखकों को हौंसला मिलता है।
अगली कहानी के लिए आप प्रतीक्षा कीजिये। Sex Stories
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