Our site can help you find a professional massage girl in Una who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Una that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Una massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Una who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Una massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Una massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Una who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Una employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Una helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Una
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Una at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
हाय फ़्रेंड्स कैसे हो? सब के लंड को मेरा Sex storiesसलाम और प्यारी चूतों को मेरा अतिविशेष प्रणाम। मैं अपना परिचय देता हूं।
मेरा नाम बंटी है और मैं काफ़ी हैंडसम दिखता हूं। मेरी हाइट ६” है और लंड मेरा ७ इंच का है जो किसी भी लड़की, औरत को घायल कर सकता है। मैं यहाँ अपनी पहली चुदाई की स्टोरी लिख रहा हूं।
मैं गुजरात के बड़े अच्छे शहर वडोदरा में रहता हूं। मेरे सामने एक मस्त अच्छी बड़े बूब्स वाली औंटी रहती हैं जिसको मैं भाभी कहता हूं। उसकी फ़ीगर ३८ २९ ३८ है। उनका नाम सोनू भाभी है। उनकी शादी को ८ साल हो गये लेकिन उन्हें अभी तक बच्चा नहीं है।
मैं उनके घर आता जाता रहता था। एक दिन मैं गया तो देखा कोईं नहीं था। मेरे घर पर भी कोई नहीं था। मेरी मोम ने उनके घर खाने को बोला था। मैं दोपहर के टाइम उनके घर गया। फिर हम दोनो ने साथ खाना खाया। खाते समय वो मेरी और देख कर कातिल सी मुस्कुराहट देती थी।
खाना खत्म करने के बाद हम दोनो उनके रूम में बेड पर बैठ कर बातें कर ने लगे। बातों बातों में मैने पूछ लिया कि आपको बच्चा क्यों नहीं होता? उन्होंने कहा कि मेरे पति में कुछ प्रोब्लम है। मैने कहा आपको दुख नहीं होता तो वो एक आह भरकर बोली होता है पर अब ये दुख तुम दूर कर सकते हो। मैने पूछा कैसे?
तो वो धीरे से मेरे पास आकर बोली ऐसे। मैने कहा मुझे कुछ पता नहीं चला? तो उन्होंने मेरे शर्ट के बटन खोल कर किस कर ने लगी। मैं दो मिनट के लिये दंग रह गया फ़िर धीरे से वो मेरे होंठ पर आयी मैने भी उनको किस करना स्टार्ट कर दिया। फिर धीरे धीरे मैने उनके कपड़े उतारे और ब्रा और पैंटी में ले आया। उन्होंने कहा “ये देखने के लिये ही, अब ये तुम्हारे है जो चाहो वो करो” मैने पहली ब्रा उतार कर बूब्स चूसना शुरु किया। उनके मुंह से सिस्कियां निकलने लगी। फिर धीरे धीरे किस करते करते मैं नीचे पैंटी तक पहुंच गया और उसको भी सरका दिया। फिर उनकी चूत को मैं चाटने लगा। वो तो मस्त हो कर लेट गयी थी। फिर मैने उनके मुंह पे अपना लंड रख दिया और हम ६९ पोजिशन में आ गये। हमने १५-२० मिनट तक ऐसा किया।
फिर उसने कहा कि बहुत हो गया अब तुम मुझे और मत तड़पाओ जल्दी अपना मोटा लंड घुसा दो मेरी चूत में। मैं खड़ा हो गया और मेरा लंड उनकी चूत पर रख दिया। और एक ही झटके में घुसा दिया वो तो चीख कर रो पड़ी फिर मैं रुक गया फिर धीरे धीरे स्ट्रोक लगाना शुरु किया उनको भी मज़ा आया। वो भी साथ देने लगी फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया उनसे मुंह से आवाज़ आने लगी
“हा हा यस यस हाजु चोद मने हाजु चोद आ चुत ने फाड़ी ने भोस बनाई दे भेन चोद बाउ वरसो पछि चोदवा मल्यु छे चोद तु आजे चोद मने” और ये सुनकर मेरी स्पीड डबल हो गयी फिर मेरा पानी छुटने वाला था। मैने बोला तो वो कहने लगी कि चोदो और चोदो भर दो मेरी चूत तुम्हारे पानी से और मैं ने एक आखरी झटका दिया और छूट गया मेरा पानी। अब मैं उनके ऊपर लेट गया।
उस दिन हम ने ४ बार अलग-अलग तरीके से चुदाई की। और अब भी हम महीने में ३ -४ बार ऐसा करते है। तो फ़्रेंड्स मेरी स्टोरी कैसी लगी? आशा है, आपके लंड और चूत से पानी निकला हो। Sex stories
कुछ दिनों पहले हमारी पुरानी Hindi Sex Stories कामवाली भगवान को प्यारी हो गई। तो मम्मी ने एक नई कामवाली रख ली, जिसका नाम रोहिणी है। पुरानी कामवाली तो एक बुढ़िया थी, लेकिन रोहिणी एक जवान नेपालिन थी। उसका पूरा बदन काफी छरहरा था। विशेषकर उसकी कमर बहुत ही पतली और लचीली थी। उसके चूतड़ देखकर ही उन्हें मसलने का दिल करता था। उसके होंठ काफी भरे हुए थे। उसका बदन बिना किसी हेयर-रिमूवर के ही बिना बालों के, चिकना था। हालाँकि उसकी चूचियाँ कुछ ख़ास नहीं थीं मेकिन फिर भी उनमें एक अजीब सा आकर्षण था। जब भी वह काम कर रही होती तो मैं उसकी पसीने से भींगी हुई पीठ देखा करता था।
धीरे-धीरे मुझे वह अच्छी लगने लगी (मेरा मतलब उसका जिस्म भाने लगा।)। लेकिन वह सामान्यतः बड़ा रूखा व्यवहार करती थी। वह मुझे उस नज़र से नहीं देखती थी जिस नज़र से मैं उसे देखा करता था। इसलिए मैं मन-ही-मन उसे अपने जाल में फँसाने की तरक़ीब सोचता रहा और अन्ततः एक दिन मुझे सही तरक़ीब मिल ही गई। शाम का समय था, मेरे सिवा घर के सभी लोग सो रहे थे। रोहिणी काम कर रही थी। मैंने सोचा अपनी चाल चलने का यह सही समय है। रोहिणी हमारे बाहर की गैलरी में झाड़ू लगा रही थी। मैं चुपके से गया और १०० रुपए का एक नोट फर्श पर गिराकर छिप गया। झाड़ू लगाते-लगते जब रोहिणी की नज़र १०० के नोट पर पड़ी, तो उसने आस-पास देखा और वह १०० का नोट उठाकर अपनी ब्लाऊज़ में डाल लिया।
इस पर मैं एकदम से बाहर आ गया और उससे कहा, “मैंने सब देख लिया है, तुमने मेरा १०० का नोट उठा लिया है, तुमने चोरी की है।”
इसपर वह घबरा गई, “जी? मम्म्म…मैंने… तो कुछ नहीं… उउउ?उउ?ठाया”
“झूठ मत बोलो, मैंने तुम्हें नोट उठाते हुए अपनी आँखों से देखा है, मैं अभी मम्मी को बुलाता हूँ।”
“ऐसा मत करो!… मेरी नौकरी चली जाएगी।”
“तुम्हारे साथ ऐसा ही होना चाहिए।”
“मुझे माफ़ कर दीजिए! आईंदा ऐसा फिर कभी नहीं होगा।”
“बिल्कुल नहीं, मैं मम्मी को बुलाता हूँ, तुम्हारी नौकरी जाएगी, बदनामी होगी तभी तुम्हें अक्ल आएगी।”
“देखिए, मेरी बद़नामी होगी तो मुझे कोई भी नौकरी नहीं देगा।”
“तो मैं क्या करूँ?”
“मुझे माफ़ कर दीजिए।”
“क्यों माफ़ कर दूँ?… इससे मुझे क्या मिलेगा?”
“तुम्हारा अहसान होगा! मैं ग़रीब आपको क्या दे सकती हूँ?”
“तुम्हारी नौकरी बच सकती है अगर तुम मेरे कुछ काम कर दो तो!” – मैंने पासा फेंक दिया था।
“यहाँ कोई हमारी बातें सुन लेगा, तुम काम करने के बाद छत पर आ जाओ।” – मैंने आगे कहा
“ठीक है।”
फिर रोहिणी कुछ ही देर में छत पर आ गई।
“हाँ! क्या कह रहे थे तुम?” – आते ही उसने पूछा।
“अगर तुम मेरे लिए कुछ काम कर दो तो तुम बद़नाम और बेरोज़गार होने से बच सकती हो।”
“कैसे काम?”
“मेरी ज़रूरत पूरी कर दो।”
“कैसी ज़रूरत?”
“मैं बहुत प्यासा हूँ! आज बुझा दो मेरी प्यास।”
“तुम्हारा मतलब है, मैं तुम्हारे साथ वो गन्दे काम करूँ? देखो, यह बात ठीक नहीं है।”
“हाँ, और जो तुमने १०० रुपयों की चोरी की, क्या वह बात ठीक है? देख लो… सोच लो… मुझे मम्मी को.. और मम्मी को पूरे मुहल्ले को इकट्ठा करने में समय नहीं लगेगा।”
यह कहकर मैं उसके बद़न के बहुत क़रीब आ गया, “देखो, मुझे तुम्हारी सबसे अच्छी चीज़ तुम्हारी कमर लगती है! वैसे तो तुम पूरी तरह चिकनी हो, पर तुम्हारी कमर कुछ ज्यादा ही चिकनी है।”
“एक काम करने वाली तुम्हें चिकनी लगती है?”
“हाँ… मुझे अपनी कमर चूमने दो, तो शायद मैं तुम्हारी चोरी की बात भूल जाऊँ।”
“क्या…? मेरी कमर चूमना चाहते हो?… ठीक है, लेकिन फिर १०० रुपये वाली बात किसी से नहीं कहोगे?”
“नहीं कहूँगा… तुम यहाँ लेट जाओ।”
“ठीक है… लेकिन ज़रा ज़ल्दी करना… कहीं तुम्हारे घर वालों में से कोई जाग ना जाए।”
वह फिर लेट गई और मैं उसकी कमर चूमने लगा। फिर मैंने उसकी नाभि चाटनी शुरू कर दी – “तुम ज़रा उल्टी हो जाओ, मुझे तुम्हारी पीठ बहुत अच्छी लगती है – ख़ास कर जब पसीने में भींगती हो तो…”
“हाय रब्बा…, तुम मुझे छुप कर देखते रहते हो क्या?”
“हाँ!” – मैं उसकी पीठ चाटने लगा। उसे पसीना आ रहा था और मैं उसका पसीना चाट रहा था।
“तुम्हारा पसीना बहुत स्वाद दे रहा है।”
“तुम कैसे हो? तुम्हें मेरा पसीना अच्छा लग रहा है?”
“हाँ.. अब तुम सीधी लेट जाओ।”
“लो… सीधी लेट गई! जल्दी करो>”
“अपनी साड़ी का पल्लू हटाओ।”
“नहीं। तुमने कहा था कि तुम कमर चूमोगे।”
“मम्मी को लगाऊँ आवाज़ और बताऊँ कि तुमने चोरी की है।”
“नहीं… नहीं… हटाती हूँ पल्लू।”
फिर उसने अपना पल्लू हटा दिया, मैंने उसका पूरा पेट चाटना शुरू कर दिया। मुझे लड़कियों की काँख बहुत आकर्षित करतीं हैं, बड़ी अच्छी लगतीं हैं। मैंने उसके पेट पर हाथ फेरा और कहा – “चलो, अब अपनी बाँहें ऊपर करो।”
“क्या? तुम तो बहुत अजीब हो… लो।”
मैं उसके ब्लाऊज़ के ऊपर से ही उसकी काँख चाटने लगा, उसकी ब्लाऊज़ काफ़ी गहरे गले की थी।
“तुम्हारी ब्लाऊज़ इतने गहरे गले वाली क्यों है?
“क्या है?”
“मतलब तुम्हारी ब्लाऊज़ मे इतनी गहराई क्यों है?”
“मुझे ऐसे ही अच्छे लगते हैं।”
“और मुझे तुम्हारी ब्लाऊज़ की गेन्दें अच्छी लगतीं हैं। चलो अपनी ब्लाऊज़ उतारो और मुझे उनसे खेलने दो।”
“तुम बहुत आगे बढ़ रहे हो।”
“इसे तुम अपनी चोरी की सज़ा समझ सकती हो! आज मैं जो कहता हूँ, करो तो मैं किसी से भी कुछ नहीं कहूँगा।”
“ब्लाऊज़ के हुक सामने ही लगाए हैं, खोल लो।”
फिर मैंने उसकी ब्लाऊज़ के हुक खोल दिए। उसमें से मेरा १०० रुपयों का नोट निकला – “ये रहा मेरा १०० का नोट।”
“इसे मेरे पास ही रहने दो। आख़िर इसकी वज़ह से ही तो यह सब करवा रही हूँ।”
उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी। मैं उसकी चूचियाँ अपने हाथों से मसलने लगा। अब उसको भी मज़ा आने लगा था – “मसलोगे भी, या चूसोगे भी? लेकिन जल्दी।”
मैंने उसकी घुण्डियों को मुँह में लिया और चूसने लगा – “आआआआहहह… चूसो। चूसो इन्हें.. दबाओ… मसल डालो। आहह्ह्ह्हहहह।”
कुछ देर तक तो मैं उसकी घुण्डियाँ चूसता रहा। फिर उसने ख़ुद ही मेरा सिर पकड़ कर अपनी साड़ी ऊपर कर के, मेरा सिर अपनी टाँगों के बीच रख दिया – “असली जगह तो यहाँ है। चूसो मेरी योनि को… चाटो इसे।”
“नहीं, पहले तुम अपनी साड़ी उतार दो। मैं तुम्हारे चूतड़ देखना चाहता हूँ।”
“साड़ी नहीं उतारूँगी।” मैं साड़ी पूरी ऊपर कर लेती हूँ। लेकिन तुम मेरी योनि चूसते रहो।”
“क्या सिर्फ मैं ही चूसूँगा? तुम मेरा कुछ भी नहीं चूसोगी?”
“ओफ्फ्फोह। पहले तुम मेरी योनि चूसो, फिर मैं तुम्हारा हथियार चूस दूँगी।”
“नहीं, हम दोनों एक साथ चूसेंगे।
“वो कैसे?”
फिर हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए।
“आहह… आहह्ह्ह। तुम मेरे राजा हो। मेरी योनि के राजा।”
“तेरी योनि और गाँड पर सौ-सौ के सौ नोट क़ुरबान।”
काफ़ी चूसने के बाद वो बोली – “बस राजा बस… अब डाल दो अपना हथियार मेरी चूत में, और मार लो मेरी।”
मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत काफ़ी सँकरी थी।
उईईई माँआआआआ… मर गईईईई… ओओओहहहह… ओओह। इतना मोटा लण्ड मेरी नाज़ुक चूत में डाल दिया… थोड़ा धीरे-धीरे डालो।”
“मेरी रानी की चूत कितनी टाईट है।”
“आआहहह…. आआआ.. . मेरे राजा… मेरी गाँड इससे भी अधिक टाईट है।” – उसने मुझे आँख मार कर कहा।
फ़िर बाद में मैंने उसकी गाण्ड भी मारी ! Hindi Sex Stories
मैं एक बार लिफ्ट लेने के Antarvasna लिए खड़ा था, मैंने कई लोगों से लिफ्ट माँगी, पर मिली नहीं। तो मैं एक गाना गुनगुनाते हुए आगे बढ़ चला, तभी थोड़ी देर में एक स्कूटी से एक बेहद स्मार्ट लड़के ने मुझे लिफ्ट दी। मैं बैठ गया, दोनों में बातें होने लगीं।
उसने पूछा कहाँ जाना है, मैंने कहा कि मुझे किसी शराब की दुकान तक जाना है, उसने पूछा कि आप कौन सी ब्राँड पीते हैं? और फिर ब्राँड को लेकर हमारे बीच बातें होने लगीं। तभी मैंने देखा कि वो एक हाथ से स्कूटी चला रहा है, मैंने सोचा, कि उसका एक हाथ किधर है?
कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसका दूसरा हाथ मेरे लण्ड को पकड़ने की कोशिश कर रहा था, जब वो छू नहीं पाया तो वो बोला- ठंड लग रही है, थोड़ा और आगे हो जाओ। मैं उसके इरादे समझ चुका था, मैं उसके बेहद नज़दीक सटकर बैठ गया, तभी वो मेरे पैन्ट की चेन खोलने की कोशिश करने लगा, थोड़ी ही देर में वह कामयाब भी हो गया। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उत्तेजित करने वाली बातें करने लगा।
उसने पूछा- तुमने कभी किसी को चोदा है या नहीं।
मैंने उत्तर दिया- अभी तक तो नहीं किया।
‘क्या तुम चोदना चाहोगे?’
‘क्यों नहीं!’
‘मेरी गाण्ड मारना पसन्द करोगे?’ उसने प्रश्न किया।
‘आज तक तो नहीं मारी!’ मैंने उत्तर दिया।
‘कोई बात नहीं!’ कहकर उसने मेरा लौड़ा पकड़ लिया
मैंने कहा- यहाँ बहुत से लोग आ-जा रहे हैं, कहीं दूर चलते हैं!
तो उसने एक सुनसान इलाके में ले जाकर गाड़ी रोकी, मैंने कहा- मैं पेशाब करूँगा!
और मैं गाड़ी से उतरकर ज्यों ही पेशाब करने लगा, तब तक वो भी आ गया और मेरा लौड़ा देखकर वो बोला- कितना लम्बा है!
मैं आपको बताना भूल गया कि मेरा लण्ड 9 इन्च लंबा और 3 इन्च मोटा है।
तभी उसने पूछा- क्या तुम अकेले रहते हो?
मैंने उत्तर दिया- हाँ!
‘अगर तुम चाहो तो हम वहीं चलें?’ उसने योजना बताई।
‘अच्छा विचार है!’ मैंने भी हामी भर दी.
हम दोनों दारू लेकर कमरे में चले आए, और दारू पीने लगे। उसने दारू पीते-पीते ही मेरी पैन्ट की ज़िप खोल दी और लण्ड पकड़ लिया और दारू पीना छोड़कर मेरा लौड़ा चूसने लगा।
थोड़ी देर में मैं भी जोश में आ गया। मेरे मन की बात समझते हुए उसने अपनी पैन्ट उतार दी।
उसकी गाण्ड देखकर मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में जाने के लिए बेक़रार हो गया।
मैं उसे किस करते हुए, उसकी गाण्ड में ऊँगली करने लगा। उसके बाद मैं उसकी गाण्ड मारने लगा। मैंने 20-25 मिनट तक उसकी गाण्ड मारी।
जब मैं उसकी गाण्ड मार रहा था तो वह बहुत आवाज़ें कर रहा था और आआहहहह सीसीसस्स्स्सी की आवाज़ें उसके मुँह से आ रहीं थीं। उस दिन बहुत मज़ा आया।
मैंने पूछा कि ‘चूत का इन्तज़ाम नहीं कर सकते हो?’ तो उसने कहा कि ‘इन्तज़ाम हो सकता है। मेरी बीवी है जो मुझसे खुश नहीं रहती है, मैं उसे खुश नहीं रख सकता हूँ। तुम दोनों का काम कर सकते हो। मेरी गाण्ड और बीवी की चूत चोदते रहना।’
उस दिन के बाद कई बार उसके घर गया, पहले उसे खुश करता था, तब वो मुझे उसकी बीवी के पास जाने देता था। मैंने उसकी बीवी को कई बार चोदा, उसका भी दिल खुश हो गया। तो बाद में वह भी बहुतों बार मेरे कमरे पर आई और मैंने उसकी जमकर ठुकाई की।
कुछ महीनों के बाद मैं भोपाल चला गया, वो दोनों भी कहीं चले गए, वैसे मैं कई बार पहले सेक्स कर चुका हूँ, पर गाण्ड मारने में मुझे बहुत मज़ा आता है। Antarvasna
हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है। मैं देहरादून से Hindi Sex Stories हूँ लेकिन अभी बॅंगलुर में एक सॉफ्टवेर कंपनी में काम कर रहा हूँ। ये घटना दो महीने पुरानी है। मैने एक साइट पर पॉर्न स्टोरी लिखी थी ओर साथ मैं अपनी ई-मेल आई भी लिखी थी, जिसे पढ़ कर एक लड़की ने मुझे मेल किया और पूछा कि क्या मैं उससे मिल सकता हूँ। वो मुझसे शायद सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसे अपना फोन नंबर मेल कर दिया। अगले दिन मैं ऑफीस से घर आ रहा था तो रास्ते मैं उसका फोन आया। उसने अपना नाम शिवानी बताया। वो हरिद्वार, जो कि देहरादून के पास जगह है, की रहने वाली थी। उसने बताया कि वो एक सॉफ्टवेर कंपनी में एच आर है। उसके बाद रोज रात को उसका फ़ोन आने लगा। धीरे धीरे वो मुझसे खुल गयी। उसने बताया कि वो अपनी कंपनी के एक लड़के से बहुत प्यार करती है, लेकिन कुछ दिन पहले उसे पता चला कि वो लड़का उसे धोखा दे रहा है। उसके ऑफीस की ही किसी दूसरी लड़की से संबंध है। मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स किया है तो वो बोली की नहीं उसने बस एक बार मेरे बूबस दबाए थे लेकिन मैं बुरा मान गयी तो उसने मुझे छोड़ दिया। लेकिन जब से मुझे उसके बारे में पता चला है। मैं चाहती हूँ कि मैं भी किसी और लड़के से सम्बन्ध बनाऊँ।
मैं तो बस यही चाहता था। मैंने उसे बोल दिया कि ठीक है मैं तुम्हें बहुत अच्छे से चोदूँगा। चूँकि अगले दिन दोनो का ऑफीस था तो हमने ये डिसाइड किया कि दोनो छुट्टी ले लेंगे। अगले दिन जब मेरे दोनो रूम मेट्स ऑफीस चले गये तो मैं शिवानी को अपने फ्लेट में ले आया। यकीन मानो दोस्तो मैंने उसकी आवाज़ सुन कर उसके बारे में जो सोचा था वो उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी थी। उसकी हाईट ५’५”थी और फ़ीगर ३४-२८-३५ वो बहुत शर्मा रही थी। मैं उसकी झिझक दूर करने के लिए उसे किचन में ले गया और उसके साथ मिल कर ओम्लेट और चाय बनाई। ब्रेकफ़ास्ट करने के बाद वो मुझसे काफ़ी घुल मिल गयी थी और मेरे काफ़ी करीब भी बैठ गयी। उसके शरीर से प्यारी सी खुशबू आ रही थी। मैंने उसके बालों पे धीरे से हाथ फेरा तो उसने शर्म से मुँह छुपा लिया।
मैंने उसके कान पे किस करनी शुरू किया तो उसकी आँखों में पहली बार सेक्स अपील देखी। फिर मैने उसे फ्रेंच किस की तो वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे बोला कि उसे जो कुछ भी कहना हो कह सकती है। उसने कहा कि वो मेरा लॅंड देखना चाहती है। मैंने बिना देर किए अपनी शॉर्ट उतारी और उसे अपने ८ इंच लंबे लॅंड के दर्शन कराए। उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी। वो बोली कि इतना बड़ा लॅंड उसकी चूत में कैसे फिट होगा। मैंने उसे बोला अभी घबराओ नहीं ये बहुत आराम से तुम्हारी चूत में जाएगा और ये कह कर मैंने उसे के वाय -जेल्ली की ट्यूब दिखाई। उसने पूछा कि ये क्या है तो मैंने बताया कि इसे लूब्रिकॅंट कहते हैं और इसे लॅंड पे लगाने से लॅंड आराम से तुम्हारी चूत में घुसेगा। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा। वो ये सुन कर बहुत ही एक्साइटेड हो गयी। मैंने उसकी चूत पर बाहर से हाथ रखा तो वो काफ़ी गरम हो गयी थी। उसने मेरे लॅंड पे अपना हाथ रखा और उसे प्यार से सहलाने लगी।
मैने उसकी टोप उतारी। उसने सफेद रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने जल्दी से ब्रा उतारी और उसके दोनों बूब्स के साथ खेलने लगा। वो मेरे लॅंड को सहलाने में मस्त थी। वो मस्ती में आ..ह सी…सी.. … की आवाज़ निकल रही थी। अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा था। मैंने झट से उसकी जीन्स और सफेद रंग की पेंटी भी उतार दी। उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी। उसकी चूत के रस से उसकी पेंटी गीली हो रखी थी। मैंने जल्दी से एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो सर्र से अंदर घुस गयी। मैं उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल कर ‘ कम हेयर’ स्टाइल में उंगली हिलाने लगा ताकि उसका जी – स्पॉट प्रेस कर सकूँ। वो मारे खुशी की पागल हो उठी और कहने लगी कि प्लीज़ उंगली बाहर निकालो और जल्दी से अपना मोटा सा लॅंड मेरी चूत में डाल दो। मैंने के वाय -जेल्ली की ट्यूब लॅंड के ऊपर रखी और ५-६ बूंदे उसपे टपका दी। मैंने उसे पीठ के सहारे लेटने को बोला और उसकी टांगे फैला दी। फिर अपने लॅंड उसकी चूत पे रख कर उसे क्लाइटॉरिस पे रगड़ने लगा। वो तो मानो पागल हो उठी। उसने मेरे बॉल खींच लिए और ज़ोर से बोली प्लीज़ मुझे और मत तड़पाओ, और जल्दी से अपना लॅंड अंदर कर दो। मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया तो लॅंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे जा कर अटक गया। और वो दर्द से चिल्लाने लगी. आ…ह… उ…ई… बाहर निकालो प्लीज़। उसकी आँखों में आंशु आ टपके। लेकिन मैं तो पूरे जोश में था। मैंने उसे अपने बाजुओं में कस कर पकड़ा और धीरे से प्रेशर देने लगा। फिर मैं रुक गया क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाइट थी और मुझे भी फील हो रहा था। मैं बस उतना सा ही घुसा कर उसकी बूब्स को चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वो खुद ही अपनी गांड धीरे से उचकाने लगी। मैं समझ गया कि अब उसका दर्द ख़त्म हो गया है और वो अब पूरा लॅंड अपनी चूत के अंदर चाहती है। मैंने कुछ सोचा और थोड़ा सा लॅंड बाहर निकाल कर ज़ोर से धक्का मारा। फ़च्छ … की आवाज़ के साथ पूरा का पूरा लॅंड उसकी चूत में चला गया था। और शिवानी ने ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया। मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से ज़ोर से बंद किया और कहा कि अगर वो ज़ोर से चिल्लाएगी तो पड़ोसी आ जाएँगे और सारा मज़ा किरकिरा हो जाएगा। उसकी आँखो से आंशु छलक पड़े, लेकिन उसने आवाज़ निकालनी कम कर दी।
मैंने लॅंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। वो अब मस्ती से कराहने लगी. आ…ह , उम्म…ह…, हाँ… ऐसे ही ठीक है…
मैं लॅंड की अंदर बाहर करने की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाने लगा। उसे अब मज़ा आने लगा था। वो भी अब पूरा सपोर्ट कर रही थी अपनी गांड हिला हिला कर। मैंने स्पीड और बढ़ा दी। १० मिनट के बाद उसका ऑर्गेज़्म हो गया था। मैं उसकी चूत में वाइब्रेशन्स फील कर सकता था। उसकी चूत का पानी निकल कर पूरी बेड शीट पर फैल गया था। मैंने उसकी टाँगे और फैला ली और लंबे लंबे धक्के लगाने लगा। वो आँखें बंद करके कराह रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी चूत के अंदर ही ढेर सारा वीर्य छोड़ दिया। हम दोनो इसी तरह आधे घंटे तक लेटे रहे। फिर मैंने धीरे से अपना लॅंड उसकी चूत से निकाला। वो काफ़ी टाइट से अटका था। फक्क की आवाज़ के साथ पूरा लॅंड बाहर आया तो उस पर मेरा वीर्य और थोड़ा खून भी लगा था। मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। वहां गरम शावर के नीचे थोड़ी देर दोनो बैठे रहे। मैंने उसकी चूत को ठीक से साफ किया। इस दौरान मेरा लॅंड फिर से खड़ा हो गया था। उसकी चूत भी फिर से गीली होने लगी थी। मैने बाथरूम में ही फिर से उसकी चुदाई की। इस बार उसने पूरा सपोर्ट किया और हम दोनो एक साथ आधे घंटे बाद झड़े।
फिर हमने तौलिए से एक दूसरे को अच्छे से पोंछा। फिर हम वापस बेड रूम में आ गये और थोड़ी देर बातें की। उस दिन मैंने उसे शाम ५ बजे तक ६ बार चोदा। शाम को इससे पहले कि मेरे रूम मेट्स वापस आते, मैं उसे उसके हॉस्टिल तक छोड़ आया। उसके बाद से अब तक मैं उसे ५ बार चोद चुका हूँ। Hindi Sex Stories
। Hindi Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.