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Massage Girl in Una: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Una who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Una that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Una massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Una who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Una massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Una massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Una who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Una employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Una helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Una

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Una at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Antarvasna

मैं अमृतसर से मनीष, यह Antarvasna बात तीन महीने पुरानी है जब मैं गर्मी की छुट्टी में अपने नाना नानी के घर गया था वहां मेरे मामा मामी रहते थे.

मेरी मामी मस्त माल थी हमेशा बड़े गले का कुरता पहना करती थी उनको देख कर मेरा मन डगमगाता था ऐसा लगता था जैसे वो मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी मैं बार बार उनके झुकने का इन्तज़ार करता रहता था। मेरी मामी का नाम सोनिया है।

मुझे जब भी लगता था कि वो झुकने वाली है तो मैं सामने जाकर खड़ा हो जाता था और तिरछी नज़र से उनके बड़े बड़े गोरे गोरे और चिकने चिकने बूब्स को देखा करता था मुझे उनके बूब्स बेहद पसन्द थे, मुझे उन्हे छूने का बेहद मन करता था कभी कभी जान बूझ कर मैं उनसे सामने से जाकर टकरा जाता था और बड़ी होशियारी से उनके बूब्स को छू लिया करता था।

लेकिन इतने में मेरा मन नहीं भरता था। मैं उन्हे सहलाना चाहता था वो बहुत गोरी है। उनको देख कर मुझे उनको चोदने का मन करता था।
वो बहुत गदराई हुई बदन की है मैं भी वैसा ही हूं।

एक दिन मेरे मामा को कुछ काम से 6 दिन के लिये दुबई जाना पड़ा।

मैं घर के हाल में बैठा ही था तब मेरी मामी हाल में आयी और उन्होने मुझे एक चिट्ठी दी.

उस चिट्ठी में लिखा था “मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है मैं तुम्हारे साथ अकेले में कुछ वक्त गुज़ारना चाहती हूं ये बात मैं ने चिट्ठी में इसलिये कहीं क्योंकि मुझे शरम आ रही थी अगर तुम मुझसे मिलोगे तो आज रात ११.०० बजे मेरे कमरे में आ जाना और तुम्हारी ओर से हां है तो चिट्ठी मुझे वापस लौटा देना मैं तुम्हारा इन्तज़ार करुंगी.”

ये पढ़ कर तो मेरा मन ही उछल पड़ा, मैं ने तुरन्त वो चिट्ठी उनको वापस लौटा दी और ११ बजने का इन्तज़ार करने लगा।

रात हो चुकी है ११ बज रहे है मैं कमरे में चला गया कमरे के अन्दर घुसते ही मैं ने देखा कि मेरी मामी काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी उन्हे देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्होने अंदर कुछ भी नहीं पहना है। उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे।

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरुआत कहां से करुं। तभी अचानक मेरी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया ये उस हसीन रात की शुरुआत थी।
मैने भी मामी की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच लिया और उन्हे चूमने लगा। उनके गालों को चूमते चूमते मैं उनके होंठों तक पहुंच गया।

जब मैने देखा कि मेरी मामी मेरे चुम्मो का आनंद ले रही है तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। मेरे हाथों ने जैसे ही उनकी चूचियों को छुआ वो कांप सी गयी मुझे उनके बूब्स छूने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो बहुत नरम थे तभी मैने उनकी नाइटी को उनके कंधे से नीचे उतार दिया उनके चिकने बूब्स अब पुरी तरह से मेरे हाथ में थे मैने अपनी उंगलियों से उनके गुलाबी निप्पल को रगड़ना शुरु किया तो वो काफ़ी उत्सुक हो गयी और मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया।

मैं अपना चेहरा उनके बूब्स के पास ले गया और अपने गालो और जीभ से उनके बूब्स को सहलाने लगा। मैने अपने हाथ से उनके बूब को पकड़ लिया और छूने लगा ऐसा करते ही मेरी मामी पागल सी हो गयी उन्होने मेरा लंड और कस कर पकड़ लिया और सहलाने लगी फिर मैने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अनपे छोटु को निकाल के उनके हाथ में दे दिया।

मेरी मामी बहुत अच्छी तरह से मेरे छोटु को सहला रही थी तभी मैने उन्हे पलंग पर बैठा दिया और उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वो समझ गयी कि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड को चूसे उन्होने मेरे लंड को कस कर पकड़ा और चूमने लगी।

मैने उन्हे अपने लंड को मुंह में लेने को कहा उन्होने मेरे छोटु के सामने वाले हिस्से को जिसे हम सुपाड़ा कहते हैं उसे मुंह में ले लिया मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था मैं और मज़ा लेना चाहता था मैने अपनी मामी के सिर को पकड़ा और अपना लंड को और अन्दर घुसाता चला गया देखते ही देखते मेरा पूरा का पूरा लंड उनके मुंह के अन्दर था मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था मुझे लगा कि मेरा लस कहीं उनके मुंह में ही न गिर जाये इसलिये मैने अपने छोटु को निकाल लिया।

उसके बाद पता नहीं मामी को क्या हुआ मामी ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया मेरा लंड फ़ुलसाइज़ का हो गया था फिर मैं पूरा नंगा हो गया मामी की नाइटी भी पूरी उतार दी.

उनको नंगा देखकर मेरा लौड़ा पूरा सनसना उठा अब मेरे लौड़े को कुछ चाहिये था तो वो थी मामी की चूत मैं ने मामी को बिस्तर में लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड से उनकी चूत को सहलाने लगा फ़िर थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना लंड उनकी चूत में डाला तो मेरी मामी के मुंह से आवाज़ निकली “आऊउ छह्हह” ऐसा लगा जैसे मामा ने उन्हे कभी चोदा ही नहीं।

मैंने कन्डोम भी नहीं लगाया था मैं ने अपनी मामी को कस के पकड़ लिया और अपना लंड और अन्दर घुसाता चला गया मेरी मामी दर्द से सिमट सी गयी थी।

थोड़ी देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा मैने जब चोदते हुए अपनी मामी के चेहरे की तरफ़ देखा तो वह आंखें बंद कर के मुस्करा रही थी उन्हे काफ़ी आनंद आ रहा था। फिर मैने अपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा वो दोनो घुटनो और हाथो के बल अपनी गांड मेरी तरफ़ करके लेट गयी।

मैने अपने हाथो से उनकी गांड को पकड़ कर पहला दिया मुझे उनकी गांड का छेद नजर आ रहा था। मेरा लौड़ा उसमे घुसने को बिल्कुल तैयार था मैने अपना लौड़ा जैसे उनकी गांड में टिकाया तो मेरी मामी ने मना कर दिया कहने लगी कि गांड में घुसाने में बहुत दर्द करता है।

लेकिन लौड़ा है कि मानता नहीं मैं ज़िद करने लगा तो मामी मान गयी और कहा कि धीरे धीरे घुसाना मैं अपना लौड़ा ले कर तैयार हो गया और घुसाने लगा मैं जानता था कि मामी को दर्द हो रहा है लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था उनकी गांड का छेद बहुत छोटा और टाइत था बहुत मुश्किल से अन्दर घुस रहा था मैने भी पूरा ज़ोर लगा दिया।

धीरे धीरे जगह बनती गयी और छेद फैलने लगा मेरा लंड और अन्दर घुसता चला गया। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करता गया मामी की चिकनी चिकनी गांड में मेरा लंड मज़े कर रहा था फिर मैने अपना लंड उनकी गांड से निकाल लिया और मामी को लिटा दिया और उनके पेट पर बैठ गया और अपने लंड को दोनो बूब्स के बीच सहलाने लगा मैने अपनी मामी से कहा कि क्या चिकनी चूची है तो मामी शरमाने लगी।

मैने अपनी मामी से कहा कि मेरे लंड को चूसो न तो मामी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने गालों से सहलाने लगी और मुझसे पूछा कि कैसा लग रहा है मैने कहा पहले चूसो तो। तब मामी मेरे लंड को अपनी जीभ से चूसने लगी और दातों से काटने लगी मैं तो मज़े में पागल हो रहा था मुझसे सहा नहीं गया और मैने उनके मुंह में ही गिरा दिया मामी मेरे लस को चाटने लगी।

मेरी मामी ने कहा कि ये तूने क्या किया मैं समझ गया कि मामी अभी और चुदवाना चाहती है। मैने कहा कि घबराओ नहीं अभी मैं तुम्हे और चोदुंगा। लेकिन मेरा लंड मुरझा गया था।

मैं अपनी मामी के बूब्स को पकड़ के चूसने लगा और अपनी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा मामी में अभी भी बहुत जोश बाकी था। उन्होने भी मेरे लंड को सहलाना शुरु कर दिया।

धीरे धीरे मेरा लंड फिर से तनने लगा था जैसे ही मेरा लंड थोड़ा कड़ा हुआ मेरी मामी ने उसे अपने मुंह में ले लिया और कस कस के चूसने लगी वो मुझसे किसी भी हाल में और चुदवाना चाहती थी मेरे लंड को बार बार अपने मुंह में घुसाती और निकालती।
वो मेरे लंड को इतनी जोर से चूस रही थी कि उनके चूसने की आवाज़ आने लगी मेरा लंड भी अब तैयार हो गया था मैं भी उनके चेहरे को हाथ में लेके अपने लंड को अन्दर ठेलने लगी, क्या मज़ा आ रहा था।

मामी ने कहा कि मुझे और चोदो न तभी मैने अपनी मामी को लिटा दिया और उनकी जांघ को चाटने लगा चाटते चाटते मैं उनकी कमर तक पहुंचा तो देखा कि मेरी मामी मज़े में तिलमिला उठी तभी मैने उनकी १ टांग को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उनकी चूत में टिका दिया और अन्दर घुसा दिया और फ़िर इतनी रफ़्तार से चोदा उनको मामी बोल रही थी थोड़ा धीरे धीरे करो!

मामी की चूत गीली हो गयी थी चोदने में और मज़ा आ रहा था मेरा लंड चूत में आसानी से फ़िसल रहा था मैं ने मामी की चूत ढीली कर दी थी मुझे डर था कि मामा को पता न चल जाये क्योंकि मामी की चूत बहुत टाइट थी।

और मैंने चोद चोद कर उसे ढीली कर दी थी फिर मैंने मामी को कहा कि चलो कोई और स्टेप करते है.

मामी ने मुझे पलंग में लेटने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ गयी वो अपने बूब्स के निप्पल को मेरे होंठों के पास लाने लगी मैं उनके निप्पल काटने लगा फ़िर वो मेरे लंड को पकड़ के मेरे लंड से अपने चूत को सहलाने लगी फ़िर धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगी मामी मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और हिलने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब वो मेरे ऊपर बैठ कर हिल रही थी तब उनके बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे वो नाज़ारा मैं कभी नहीं भूल सकता मामी के गोरे गोरे दूध और गुलाबी गुलाबी निप्पल मामी अपने हाथ से अपने बूब्स को सहला रही थी और अपने निप्पल को दबा रही थी

मैने फ़िर मामी की गांड को कस कर पकड़ा और निकोटने लगा फ़िर मैं ने मामी को नीचे लिटा दिया और मेंढक की तरह चढ़ गया फ़िर मैं मामी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा मामी अपने दोनो हाथो से मेरी गांड को पकड़ने और मारने लगी मैने चोदना और तेज़ कर दिया मामी की चूत से पानी छूट गया और मैं ने भी अपना लस अन्दर ही गिरा दिया मामी ने कहा कि मुझे ऐसा कभी किसी ने नहीं चोदा है मैं एकदम ही लस्त पड़ गया था कुछ करने की हालत में ही नहीं था।

घड़ी की तरफ़ देखा तो ४ बज रहा था।

ये चुदाई मैं ने पूरे 6 दिन की और जब भी मैं वहां जाता हूं तब तब मामी को किसी न किसी बहाने से होटल ले जा कर चोदता हूं। Antarvasna

Hindi Porn Stories

शहर में तीन साल की पढ़ाई Hindi Porn Stories के बाद मैं बिल्कुल ही बदल चुका था, लेकिन मेरे पड़ोसी बिरजू काका की बेटी रनिया मुझे पहले जैसा लल्लू ही समझती थी। मैंने इंटर तक पढ़ाई गांव में ही की थी। तब तक खेती और पढ़ाई के अतिरिक्त दुनियादारी को मुझे कोई समझ नहीं थी। गांव के सिवान पर हमारे और रनिया के खेत थे। मैं स्कूल से वापस आने के बाद सीधे खेत में चला जाता। वह भी स्कूल से आकर अपनी बकरियां लेकर वहीं आ जाती। मेरे पहुंचने पर बिरजू काका गांजा पीने के लिए चले जाते।

जब मैंने बारहवीं के बाद गांव छोड़ा तो वह सातवीं में थी। मैंने जब बी ए पास किया तो वह दसवीं में आ गयी। उसकी नीबू के आकार की चूचियां सेब के आकार में बदल गयीं। होस्टल के जीवन ने मेरी काया ही पलट दी थी। मुट्ठ मारना मैंने वहीं आकर सीखा। उस समय मेरे सामने रनिया का ही चेहरा होता। मैं उसी की चुदाई की कल्पना करके मुट्ठी मारता। मुट्ठी मारते मारते मेरा लन्ड थोड़ा टेढ़ा भी हो गया था। सुपाड़े की चमड़ी खुल गयी थी। कभी कभी तो हम तीन लड़के एक साथ ही मुट्ठी मारते।

हर बार मुट्ठी मारते मैं यही सोचता कि बस यह अन्तिम बार है, अब जाकर साक्षात ही उसे चोदूंगा। वह मेरे सामने ही जवान हो रही थी, लेकिन अवसर ही नहीं मिला। पहले साल के बाद मैं जब दूसरे साल मैं यह सब जान सका तो वह गरमियों की छुट्टियों में अपने ननिहाल चली गई। उसके बाद बीच में ऐसा अवसर ही नहीं मिला कि मैं कोशिश करुं।

फाइनल की परीक्षा के बाद दैवयोग से वह अवसर मिल गया। मैं जानता तो नहीं था कि उसके मन में क्या है लेकिन एक दिन बाबू जब मुकदमें के सिलसिले में बाहर चले गये तो मैं दोपहर का खाना खाने के बाद खेत में चला गया। वहां मेरे ट्यूबवेल के पास आम का घना पेड़ था।

मैंने माई से कहा कि मैं जाकर वहीं कुछ पढ़ूंगा और सो जाऊंगा।

मेरे ट्यूबवेल से बिरजू काका अपने गन्ने में पानी लगा रहे थे। चिलचिलाती दुपहरिया थी। उनका खेत निकट ही था। वह पानी खोलकर वही मेरे ट्यूबवेल के घर में रखी खटोली पर लेटे थे। मुझे देखकर उठ गये। बातें करने लगे। पता चला कि रनिया अब खाना लेकर आती ही होगी।

यह सुनकर न जाने मेरा मन क्यों खिल उठा। मेरी छठी इंद्री ने कहा अभी बिरजू काका खाना खाकर गांजा पीने जायेंगे। आज बिना चोदे छोड़ूंगा नहीं!

मेरा सोचा सही हुआ। पानी का काम बस दो-तीन घंटे में पूरा होने वाला था। वह रनिया को पानी देखने के लिए कहकर मुझसे बोले कि काम होने के बाद पंप बन्द कर दूं तब यह चली जायेगी, मुझे देर हो जायेगी।

रनिया खेत का एक चक्कर लगाकर आकर वहीं भूमि पर बिछे एक बोरे पर बैठ गई।

मैंने उसे गौर से देखा। उसने छींट की सलवार और कुरती पहने थी। उसकी चूंचियां सेब से भी बड़ी थीं। नीचे केवल शमीज थी, ब्रा नहीं। इसलिए उनका पूरा आकार मेरी आंखों में था। शरीर भरा था।

वह चुप ही बैठी थी। मैंने बात आरम्भ की, ” तुम काफी बड़ी हो गयी हो। “

वह चुप ही रही। मैंने फिर कहा, ” खूबसूरत हो गयी हो। “

” हट ” वह बोली।

” भगवान कसम!” मैंने कहा।

उसने कोई उत्तर नहीं दिया तो मेरी समझ में नहीं आया कि क्या कहूं। थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद मैंने कहा, ” आओ चारपाई पर बैठ जाओ। क्यों जमीन पर बैठी हो? “

” यहीं ठीक है। ” उसने कहा।

मैंने चारों तरफ देखा, सन्नाटा था। सूरज बिल्कुल सिर के ऊपर आ गया था। गांव की तरफ गन्ने के खेत थे। पेड़ की आड़ भी थी। मैं हिम्मत सजोकर उठा और उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा, आओ पास बैठो। अच्छा नहीं लग रहा है।”

उसने विरोध किया तो मैंने और जोर लगाया। वह खड़ी हो गयी। मैंने उसे अपनी तरफ खींचा तो वह चारपाई पर गिरते-गिरते बैठ गयी। संम्भवतः उसे मेरी नीयत का आभास हो गया था। उसकी सांसे लम्बी हो गयीं।

मै एक बार फिर इधर उधर देखकर उससे सट कर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ लिया।

रनिया बोली, ” लल्लू भैया छोड़ो, अभी कोई देखेगा तो क्या कहेगा? “

उसका यह कहना था, मैं तो निश्चिन्त हो गया। उसे अपनी भुजाओं में कसकर जकड़ लिया और कहा,” आज मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं। मेरी नीयत बहुत दिनों से तुम्हारे ऊपर है। ” फिर मैं उसकी दाहिनी चूची को शमीज के ऊपर से पकड़कर मलने लगा।

वह घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी, ” छोड़ दो! छोड़ दो! “

मैंने उसकी आवाज को बन्द करने के लिए उसके मुंह पर अपना मुंह लगाकर पहले होंठ को किस किया फिर मुँह में जीभ डालकर उसकी जीभ को चूसने लगा।

वह अभी भी छुड़ाने का हल्का सा प्रयास कर रही थी, लेकिन वह शक्ति नहीं थी जो छुड़ाने के लिए होनी चाहिए थी।

थोड़ी देर उसकी जीभ चूसने के बाद मैंने उसके मुंह से अपना मुंह हटाकर फिर उसकी चूचियों पर आ गया। इस बार उसकी कुरती को शमीज के साथ ऊपर करके दोनों चूचियों को नंगा कर दिया। उसके चूचियों की ढेंपी कड़ी हो गयी थी।

एक चूची को मलते हुए दूसरी पर जब मुंह लगाया तो वह अहक कर बोली, ” चलों किसी खेत में “

” इसका मतलब है कि तुम पहले ही करवा चुकी हो? “

” भगवान कसम नहीं ! “

” तब तुमने कैसे कहा कि चलो खेत में? “

” यहां कोई देख लेगा तो जान मार देगा “

कोई नहीं देखेगा, कहकर मैंने एक हाथ से उसकी चूची को मसलते हुए दूसरे को अपने लन्ड पर रख दिया। लुंगी के नीचे जांघिया में मेरा लंड खड़ा हो गया था।

उसने हाथ हटा लिया।

मैंने फिर खींचकर हाथ रक्खा और कहा, “सहलाओ न मजा आयेगा। यह तो जान ही लो कि आज बिना चोदे छोड़ने वाला नहीं।”

” अभी तो! “कहकर उसने मेरा लंड पकड़ लिया।

मीजते हुए मैंने देखा कि उसकी चुचियां फूलने लगीं। वह अकड़ने भी लगी थी।

उसे वहीं चारपाई पर लिटाकर सलवार का नाड़ा खोलकर देखा तो उसकी चूत झांटों से भरी थी।

मैंनें कहा, ” इसे साफ नहीं करती? “

वह बोली, ” मुझे डर लगता हैं। बालसफा साबुन भी तो कौन लाये। यहां गांव में औरतें गरम राख से बनाती हैं। “

मैंने देखा कि अब उसकी चूत पूरी तरह पनिया गयी है इधर मेरे बाबू जी अब काबू से बाहर हो रहे थे। वह मस्ती में बेसुध होने लगी तो मैंने कहा चलो ट्यूबेल वाले कमरे में।

वह उठकर सलवार पकड़े इधर उधर देखते अन्दर चली गयी। मैं भी गया और अपनी जांघिया निकालकर उसकी जांघों से एक मोहरी निकालकर उसकी टांगे चीरकर लंड को उसकी पनियाई बुर के मुहाने पर रखकर उसकी दोनों टांगों को फैलाकर उसके ऊपर छा गया। कसते ही सट से लंड उसके अन्दर चला गया।

उसने कहा, ” आह! “

फिर मैं घपाघप धक्के मारने लगा। उसने मेरी पीठ को ऊपर से कस लिया और नोचने लगी।

मैंने चोदते हुए उससे पूछा, ” रनिया तूने किसी और से तो नहीं चुदवाया क्योंकि तू तो मजे ले रही है।”

वह बोली, “तुम्हारी कसम नहीं। दर्द वाली बात झूठी होती है। मैं सायकिल चलाती हूं एक दिन मेरी झिल्ली फट गयी। अब गांव में भी लड़कियां मूठ मारती हैं।”

बातें करने में मेरा ध्यान बंट गया। तो थोड़ा समय और लग गया। मैं कमर चलाता रहा। वह नीचे से अपनी कमर हिलाती रही। मैं एकाएक फड़फड़ाकर झड़ गया और उसे छाप लिया। झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा था। उसकी बुर की पुत्ती फूल गयी थी। मेरा बीज उसकी बुर से होता हुआ जांघों तक फैला था। मैंने अपने जांघिये से उसे साफ किया।

वह उठी और सलवार बांधकर धीरे से कमरे से बाहर चली आयी थोड़ी देर बाद मैं भी निकल आया।

फिर तो मैं सारी छुट्टी उसे पत्नी की तरह चोदता रहा। हम दोनों ही प्रयत्न करते कि खेत में कोई काम रहे।

बिरजू काका की उपस्थिति में ही हम लोग चुदाई पेलाई की बात करते रहते। वह सारे गांव की कहानी बताती।

उसने अपनी एक सहेली की और बुर भी दिलावाई। उसकी कहानी फिर कभी। Hindi Porn Stories

प्रेषक : राहुल शर्मा Hindi Sex Stories

प्रिय पाठको राहुल शर्मा Hindi Sex Stories का एक बार फिर से नमस्कार ! मेरी कहानी “दूसरी से कर लेना” के दो भाग अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो चुके हैं।

पहले अंश में मैंने लिखा था कि किस तरह मैंने और भैया ने अपनी दोनों दीदियों को चोदा था और काफी मजे किये।

दूसरे अंश में बताया कि कैसे मैं बड़ी दीदी के ससुराल गया और वहाँ दीदी की ननद को चोदा !

घटना काफी लम्बी है इस लिए जरुरी है कि मैं सबका नाम बता दूँ !

भैया का नाम विजय, बड़ी दीदी का नाम बिमला, छोटी दीदी का नाम सीमा और मेरा नाम तो आप जानते ही हैं राहुल !

अब आगे की घटना इस प्रकार है !

पहले दिन रात को गुड़िया (दीदी की ननद) को तीन बार चोद कर मैं वहीं सोफे पर सो गया था ! जब सुबह उठा तो देखा दीदी के सास, ससुर और जीजू काम पर चले गए थे और गुड़िया भी अभी तक उठी नहीं थी क्योंकि मैंने रात को उसको कोलेज जाने के लिए मना कर दिया था। इसलिए वो अभी तक उठी नहीं थी।

सब जाने के बाद दीदी मेरे पास आई और मेरी लुंगी खोल कर मेरे लंड से खेलने लगी और मुँह में लेकर चूसने लगी और कहा- कल तो जल्दबाजी में कुछ ज्यादा नहीं हो सका ! पर आज मैं तुमको नहीं छोड़ूँगी ! आज सारा दिन मैं तुम से चुदवाऊँगी ! तुम आज जी भर कर मेरी इतने दिनों की चुदाई की कसर पूरी कर दो !

मैंने कहा- वो तो ठीक है पर तेरे साथ गुड़िया को भी चोदना पड़ेगा !

उसने कहा- क्या मतलब ?

मैंने कहा- कल रात को गुड़िया को लंड भी चुसा चुका हूँ और तीन बार चोद भी चुका हूँ ! बड़ी चुद्दकड़ है तेरी ननद ! बहुत मस्त भी है ! मजे ले ले कर नए नए तरह से चुदवाती है ! उसका मम्मे भी बहुत मस्त हैं !

दीदी ने कहा- तू तो बार शैतान है !

मैंने कहा- दीदी, क्या करूँ ! तुम लोगों ने जो आदत डाल दी है, अब तो एक दिन भी चुदाई के बैगर नहीं रह सकता !

तब दीदी ने कहा- अब तो कोई समस्या नहीं है ! चल कपड़े खोल जल्दी से और अपना लंड दे मुझे !

मैंने कहा- दीदी तुमने कपड़े ही कहाँ छोड़े हैं जो उतारूँ !

उसने कहा- बनियान भी उतार दो ! आज शाम तक तुमको कपड़े नहीं मिलेंगें !

मैंने कहा- दीदी, पहले बाथरूम जाकर पहले फ्रेश तो ओ लेने दो !

तो उसने कहा- एक बार लंड चूसने दो और चोद दो फिर जाना ! मैं कल शाम से तेरे लंड के लिया मरी जा रही हूँ !

खैर एक बार कुछ देर दीदी को लौड़ा चूसा कर उसको चोदा फिर फ्रेश होने को चला गया और दीदी को कहता गया कि कपड़े मत पहनना !

दीदी हंस कर रह गई ! फिर मैं बाथरूम से नंगा ही बाहर आया और सोफे पर बैठ गया !

दीदी नाश्ता लेने चली गई !

इतने में गुड़िया नंगी ही बाहर आई और मुझसे शिकायत करने लगी- मैंने तो सोचा था कि तुम आओगे और अपने लंड का प्रसाद देकर मुझे उठाओगे !

मैंने कहा- मैं अभी अभी उठा हूँ ! अगर तुम और कुछ देर नहीं आती तो मैं ही अन्दर आ जाता तुझे उठाने को !

वह तुंरत मेरी गोद में आ बैठी और मेरे मुँह से अपना मुँह लगा दिया और अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। हम दोनों एक दूसरे को बहुत बुरी तरह चूम रहे थे, साथ ही वो मेरा लंड सहला रही थी, मैं उसकी चूत में ऊँगली डाले हुए मस्ती कर रहा था।

उसने कहा- राहुल मुझे तेरी रबड़ी खानी है ! कल रात को खाकर बहुत मजा आया था !

मैंने कहा- कौन मना करता है जी भर कर खाओ !

इतने में दीदी नाश्ता लेकर आ गई और हम लोगों को देख कर बोली- तो यहाँ यह सब चल रहा है !

गुड़िया बोली- भाभी, राहुल ने मुझे रात को बहुत मस्ती से चोदा है ! सच में बहुत दिनों बाद इतना मजा आया है ! नाश्ता वाश्ता छोड़ो, जल्दी से आ जाओ ! आज राहुल का ही नाश्ता करते हैं ! चूकिं दीदी भी नंगी ही थी, वह तुंरत हमारे पास आ गई और हम दोनों से लिपट गई !

फिर दीदी ने गुड़िया से कहा- तुमने या विनय (जीजू ) ने कभी नहीं कहा कि विनय तुमको भी चोदता है ! अगर मुझे पहले पता होता तो हम दोनों एक ही साथ चुदवाते ! सच में तीन या ज्यादा मिलकर चुदाई करते हैं तो बहुत मजा आता है क्योंकि सब के पास कई विकल्प रहते हैं !

गुड़िया ने कहा- पहले राहुल से तो चुदवा लूँ ! इसका लंड बहुत मजेदार है !

और हम तीनों चुदाई में लग गए !

कभी दीदी मेरा लंड चूसती कभी गुड़िया !

फिर गुड़िया ने कहा- राहुल, अपना अमृतरस मुझे पिलाओ !

मैंने कहा- मेरी रानी घबराती क्यों हो? आज दिन भर तुम दोनों को चोद चोद कर थका दूंगा !

दोनों ने कहा- देखेंगे !! तुम कौन सा तीर मार लेते हो !

फिर सिलसिला चालू हो गया और मैंने दोनों को बुरी तरह चोदा ! गुड़िया तो जल्दी ही पस्त हो गई पर दीदी अभी फिर से तैयार थी !

मैंने दीदी से कहा- यहाँ तो दिन के अलावा मौका नहीं मिलता ! क्यूँ ना मेरे साथ चलती !

दीदी ने कहा- मैं तो तैयार हूँ ! तुम मेरे सास ससुर से बात कर लो !

तो गुड़िया ने कहा- मैं भी तुम लोगों के साथ चलूंगी !

मैंने कहा- ठीक है ! जब मैं बात करूँगा, तब तुम कह देना कि तेरे कोलेज में एक हफ्ते की छुट्टी है और तुम भाभी के बिना यहाँ अकेली बोर हो जाओगी !

इस तरह हम चुदाई में लगे रहे।

फिर कुछ देर बाद गुड़िया बोली- राहुल, मेरी गांड मारो ना ! मुझे गांड मरवाने में बहुत मजा आता है !

तो दीदी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं भी मरवा कर देखूंगी !

तब गुड़िया ने कहा- भाभी, पहली बार गांड मरवाने में बहुत तकलीफ होती है !

दीदी ने कहा- कोई बात नहीं ! मैं सह लूंगी मज़े के लिए मैं सब कुछ कर सकती हूँ !

इसके बाद गुड़िया उठ कर गई, क्रीम की ट्यूब ले आई और मेरे लंड पर लगाने लगी, मुझसे कहा- तुम भाभी की गांड चूस कर गीला कर दो तो तकलीफ कुछ कम होगी !

दीदी ने कहा- हट गांड को भी कोई चूसते हैं !

गुड़िया ने कहा- चुसवा कर तो देखो भाभी ! बहुत मजा आयेगा !

इस प्रकार गुड़िया ने दीदी की गांड में भी क्रीम लगा कर और ऊँगली डाल कर कुछ ढीला कर दिया !

फिर मुझसे कहा- आ जाओ राहुल ! अब भाभी की गांड तैयार है !

मैं दीदी को घोड़ी बना कर उसकी गांड के छेद में लंड डाल कर लंड का सुपारा अन्दर करने लगा। लेकिन छेद इतना कसा था कि अन्दर जा ही नहीं रहा था !

तब गुड़िया ने कहा- राहुल, जरा जोर लगाओ !

और दीदी के नीचे आकर उसके मुँह को अपने मुँह से दबा लिया ! इस बार मैंने जोर लगा कर अपने लौड़े का सुपारा दीदी की गांड में घुसा दिया !

सुपारा घुसते ही दीदी चिल्ला उठी- अरे मेरी माँ ! मैं तो मर गई राहुल !

और जोर जोर से चिल्लाने लगी !

मैंने कहा- दीदी जो होना था, वो हो चुका ! ज्यादा जोर से चिल्लाओगी तो आस पड़ोस वालो को शक ना हो जाये !

दीदी कहने लगी- नहीं राहुल, निकाल लो ! बहुत तकलीफ हो रही है !

गुड़िया ने कहा- मुझे भी हुई थी ! पर बाद में जब धीरे धीरे पूरा लौड़ा अन्दर बाहर होने लगा तो बहुत मजा आया !

तो दीदी ने कहा- जब इतना बर्दाश्त किया है तो थोड़ी तकलीफ और सही ! लेकिन धीरे धीरे प्यार से डालना !

मैंने कहा- ठीक है !

फिर मैंने धीरे धीरे पूरा लंड अन्दर कर दिया !

गुड़िया ने कहा- भाभी, मेरी चूत चूसो ! मैं तुम्हारी चूची दबाती हूँ !

इस तरह दीदी को बहलाकर गुड़िया ने मुझे कहा- राहुल, अब अपना लंड आगे पीछे करो।

कुछ ही देर में दीदी ने कहा- राहुल, अब मजा आ रहा है ! जरा जोर जोर से चोदो !

काफी देर चोदने के बाद गुड़िया ने कहा- अब मेरी गांड भी मारो ! मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकती !

इस तरह कहकर वह भी दीदी के बराबर घोड़ी बन गई !

अब मैं कभी दीदी की कभी गुड़िया की गांड मारने लगा। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।

मैंने कहा- अब मैं छुटने वाला हूँ !

तब दीदी और गुड़िया ने कहा- हम दोनों तो अब तक दो-दो बार छुट चुकी हैं !

दीदी और गुड़िया ने कहा- अपना अमृतरस हम दोनों को पिलाओ !

मैंने अपना कामरस दोनों के मुँह में डाल दिया। दोनों ने थोड़ा-थोड़ा अपने मुँह में लिया, फिर दोनों ने आपस में मुँह से मुँह मिला कर काफी स्वाद ले-ले कर सारा पी लिया। फिर मेरे लौड़े पर जो कुछ बचा था वह चाट चाट कर साफ कर दिया।

सच मुझे इतना मजा कभी नहीं आया !

फिर हम लोगों ने कुछ देर आराम किया। उसके बाद दोनों मेरे लौड़े पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी और मैं भी उनके चुचे दबाने लगा। इस प्रकार हम लोगों ने एक फिर जम कर चुदाई का आनंद लिया और कपड़े पहन कर शरीफों के जैसे बैठ गए !

कुछ ही देर में दीदी के सास-ससुर आ गए, विनय कुछ देर बाद में आया !

मैंने उनसे दीदी को ले जाने की इजाजत मांगी तो पहले कुछ ना नुकुर करने लगे लेकिन मेरे काफी जोर देने पर एक हफ्ते के लिए मान गए ! जैसे कि हम लोगों ने योजना बनाई थी, गुड़िया भी कहने लगी जाने को !

जैसे तैसे उसको भी मंजूरी मिल गई !

तब मैंने कहा- कल सुबह निकल चलते है दोपहर तक पहुँच जायेंगे !

इस प्रकार हम करीब आठ बजे बस से रवाना हो गए ! बस में मैं बीच में बैठा था, एक तरफ दीदी और एक तरफ गुड़िया ! थोड़ी देर बाद गुड़िया ने एक चादर निकाल कर हम तीनों पर डाल ली। क्योंकि ठण्ड का मौसम चालू हो गया था इसलिए किसी को शक भी नहीं हुआ ! मैं पीछे से हाथ डाल कर दोनों एक एक चूची दबाने लगा और वो दोनों मेरे लौड़े से खेलने लगी ! करीब चार घंटे का सफ़र था जब बस चाय पानी के लिए रुकी तो हम सबने नीचे उतर कर चाय पी ! दोनों मुस्करा रही थी। मैं समझ गया कि दोनों गरम हो रही हैं, दोनों घर पहुँचते ही चुदवाना चाहेगी !

अब दोनों ने अपनी जगह बदल ली क्योंकि दोनों अपनी एक एक चूची दबवा चुकी थी, अब दोनों की दूसरी चूची दबाने लगा और उन्होंने मेरा लंड निकाल लिया ! इस बीच गुड़िया को ना जाने क्या सूझा कि वो अपना सर चादर में डाल कर मेरी गोद में आ गई और मेरा लंड चूसने लगी।

अब दीदी को कैसे बर्दाश्त होता, कुछ देर बाद उसने गुड़िया को हटाया तो उसने कहा – पहले तुम कोने में बैठी थी, तेरे पास मौका था तुमने उसका फ़ायदा नहीं उठाया !

बात सही थी जिस तरफ दीदी बैठी थी उस तरफ से कोई मौका नहीं था !

इस प्रकार हम मजा करते हुए घर पहुँच गए ! जब मैंने घर कि घंटी बजाई तो सीमा दीदी दरवाजा खोलने आई। चूंकि किसी को कोई खबर नहीं थी तो सीमा दीदी और विजय भैया चौंक पड़े एवं स्तब्ध रह गए ! इसके बाद बिमला दीदी पहले सीमा दीदी के गले लगी फिर दौड़ कर विजय भैया के गले लग गई और उनको जोर जोर से चूमने लगी ! विजय भैया भी कहाँ चुप खड़े रहने वाले थे, वो भी दीदी चूमने लगे और उनकी चूची दबाने लगे।

इधर हम भी कहाँ चुप बैठने वाले थे, मैंने सीमा दीदी और गुड़िया को अपने से चिपका लिया और दोनों के मम्मे दबाने लगा !

कुछ देर ऐसा ही चला, फिर भैया ने कहा- तुम लोग सफ़र के थके हुए हो, कुछ देर आराम कर लो !

बिमला दीदी ने कहा- नहीं भैया, हम लोग बिल्कुल भी थके नहीं हैं ! चलो एक राउंड चुदाई चुसाई का हो जाये फिर आराम कर लेंगे ! क्योंकि आज रात तो जागना ही है तुम से चुदाये बहुत दिन हो गए है और तुमको नया स्वाद गुड़िया का भी तो लेना है ! इस तरह हम चाय पीते हुए एक दूसरे से छेड़छाड़ करते हुए एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे ! इस तरह हम सब नंगे हो गए। गुड़िया भी कम नहीं जा रही थी, वो उठ कर भैया के पास चली गई और उनका लौड़ा मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी।

अब बिमला दीदी को कैसे बर्दाश्त होता, वो गुड़िया से झगड़ा करने लगी !

मैंने कहा- दीदी, झगड़ा क्यों करती हो? हालांकि तुझे भैया का लंड काफी दिनों बाद मिला है, पर गुड़िया को नए लंड का स्वाद चखने दो !

दीदी ने कहा- सिर्फ़ एक बार ही चूसने और चुदवाने दूंगी ! आज भैया केवल मेरा है ! कल से हम लोग सब मिलकर सारे काम करेंगे क्योंकि मुझे और गुड़िया को एक हफ्ते ही रहना है ! इस पर सब राजी हो गए।फिर एक बार चुदाई के बाद हम सब कपड़े पहन कर आराम से बैठ गए ! इस के बाद पापा-मम्मी, ताउजी-ताईजी आ गए और बिमला दीदी और गुड़िया को देख कर काफी खुश हुए!

इस तरह हम पांचों ने पूरे हफ्ते बहुत मस्ती की जो मैं अगले भाग में बताऊंगा ! कृपया इंतजार करें !

अपनी राय देना ना भूलें जिससे मैं इसको और रुचिकर शब्दों में पिरोकर आपके सामने प्रस्तुत कर सकूँ ! घटना बिलकुल सच है ! अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसको कितना सच मानें !

आज के लिया बस इतना ही

आपका राहुल शर्मा Hindi Sex Stories

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मैं एक नए शहर में जब अकेले घूमने Hindi Sex Stories निकला तो मैं चलते चलते एक वेश्याओं की गली में पहुंच गया। मैंने देखा कि बहुत सी लड़कियाँ छोटे छोटे मकानों के सामने खड़ी थी। मैंने समझा कि सभी किसी त्यौहार की तैयारी करके कहीं जाने की तैयारी कर जा रहे होंगी। सभी सजे धजे थे । मुझे कुछ समझ न आया और आगे बढ़ता चला गया। गली में पहुंच कर देखा कि वहाँ सभी इशारों में बुला रहे थे। मैंने देखा कि एक आंटी मुझे बुला रही है। तो मैंने सोचा कि शायद आंटी को किसी प्रकार की मदद चाहिए।

मैं आंटी के पास पहुंचा तो आंटी ने पूछा,”लोगे?”

तब मुझे समझ में आया कि मैं किस गली में पंहुचा हूँ।

मैंने पूछा,”कितना ?”

तो उसने बोला,”१०० रुपए लड़की का और ५० रुपए मेरा !”

मैंने अपने सारे पैसे लगभग ख़त्म कर दिए थे इसलिए मैंने उस आंटी को पेलने का निश्चय किया। उसने मुझे कमरे में बुला लिया मेरा मन उस लड़की पर अटक गया था जो वहाँ थी, वो बिल्कुल जवान और पतली दुबली थी। अफसोस मुझे तो आज उस आँटी को पेलना होगा।

आंटी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा तो मैंने तुंरत ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल ही नंगा होकर खड़ा हो गया लेकिन मेरा लिंग जैसे तैयार नहीं था, बिल्कुल मायूस था। मानो जब किसी बच्चे की कोई बात न मानने पर मायूस हो कर बच्चे एक तरफ खड़े हो जाते हैं।

फिर उस आंटी ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मेरे लिंग को रगड़ना चालू किया जब बात नहीं बनी तो हस्त मैथुन पे चालू हो गई । जैसे ही लिंग में थोड़ा सा कड़कपन आया तो उस पर कंडोम पहनाने लगी। कंडोम पहनाने के बाद आंटी बिस्तर पर जा कर लेट गई और इशारे से मुझे बुलाया।

मैं पैसे वसूल करने के लिए उस पर चढ़ बैठा और पेलना शुरु करा। आंटी के स्तन काफी मोटे व बड़े थे। मैं उन्हें दबाये जा रहा था और हौले हौले पेल भी रहा था। अचानक आंटी को गुस्सा आ गया- यह क्या कर रहे हो?

मैंने सोचा आंटी न जाने किस बात से नाराज हो गई।

आंटी ने फिर कहा,”जोर लगा के पेलो !”

मैं समझ गया कि आंटी को मैं संतुष्ट नही कर पा रहा था और उनका योनि तो घाट घाट का पानी पिया हुआ है। अब मैंने जोर जोर से धक्का मारना शुरु करा तो मेरे लिंग में भी कड़कपन बढ़ गया। मैं लगातार वार पे वार किए जाने लगा अब आंटी को भी मज़ा आने लगा। बैटिंग में लगातार छक्के-सिक्सर मार के अपने-आप को धोनी या युवराज से कम नही समझ रहा था।

और फिर मैं कैच आउट हो गया। और मेरा लिंग पवेलियन लौटने लगा यानि सुकड़ने लगा जैसे कि जब कोई बैटसमैन शतक बनाकर आउट होता है तो उसे खुशी भी रहती है और आउट होने के अफ़सोस में सर नीचे कर पवेलियन जाता है।

उस आंटी ने तो मेरा ही बाज़ा ही बज़ा दिया था।

आप के जीवन में ऐसी आंटी आए तो क्या होगा। Hindi Sex Stories

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अन्तर्वासना के सभी hindi Sex Stories पाठकों को मेरा नमस्कार ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मैं भी सभी को अपनी जिन्दगी की वो बातें बताना चाहता हूँ जिनको पढ़ कर सभी को मज़ा आए !

दोस्तों यह वो घटना है जिसने पहली बार मेरा परिचय एक लड़की के जिस्म से करवाया ! सच बताऊँ तो इससे पहले मैंने सिर्फ इसके बारे में सुना था पर देखा नहीं था! मन करता था कि कब मुझे असली चूत के दर्शन होगे! यही सोच सोच कर मैं सिर्फ मुठ मार कर अपनी प्यास बुझा लेता था! यह सिलसिला बहुत समय तक चला!

बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था! एक दिन मैंने अपनी क्लास की एक लड़की की एक कॉपी में एक चित्र देखा जो किसी ने पेन्सिल से बनाया था! उस में एक लड़का मूत रहा था और एक लड़की नीचे बैठ कर उसको पी रही थी! मैं घबरा गया और मैंने जल्दी से वो कॉपी बंद कर दी, पर मेरा मन बार बार उसी चित्र पर जा रहा था और सोच रहा था कि काश मुझको भी ऐसा मौका मिलता! यही सोचते सोचते मैं घर आ गया! फिर खाना खा कर शाम को अपना होमवर्क करने लगा पर मेरा मन नहीं लग रहा था।

उस समय घर पर कोई नहीं था! तभी हमारे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की जिसका नाम मोना था, वो हमारे घर आई। हम लोग हम-उम्र थे और साथ साथ खेलते थे! वो जब मेरे पास आई और मुझसे खालेने के लिए कहने लगी पर मैंने मना कर दिया!

उसने पूछा- क्या बात है?

मेरा मन कर रहा था कि यह बात मैं किसी को बताऊँ पर उससे मुझको शर्म भी आ रही थी और डर भी लग रहा था कि कहीं उसने किसी से मेरी शिकायत कर दी तो?

पर उसने बार बार मुझसे पूछा तो मैंने उसको अपनी कसम दे कर कहा- तुम यह बात किसी को नहीं बताओगी !

उसने कहा- ठीक है !

फिर मैंने उससे वो बताया कि मैंने आज क्या देखा तो वो शरमा गई! शर्म तो मुझको भी आ रही थी पर अब तो बात खुल चुकी थी, तो मैंने उसको कहा- यह बात किसी को मत बताना !

उसने कहा- ठीक है, पर मैं भी तुमको एक बात बताऊँ?

मैंने कहा- बताओ !

वो बोली- मैं और मेरा चचेरा भाई कई बार मम्मी पापा का खेल खेलते हैं!

मैंने पूछा- कैसे?

तो उसने बोला- हम लोग स्टोर में अकेले में अपने कपड़े उतार कर सेक्स करते हैं।

मैं एक दम चौंक गया और उसकी तरफ देखने लगा। वो बोलती रही और मैं सुनता रहा। फिर उसने मुझको देखा पर मुझे उसका देखना कुछ अलग लगा। वो आज मुझको कुछ अलग लगने लगी थी। कहीं आज मेरी इच्छा तो पूरी नहीं होने वाली थी !

मैंने सोचा कि जब हम लोगों में इतनी खुल कर बातें हो गयी हैं तो एक बार कोशिश करने में क्या है ! हो सकता है आज मुझको कुछ मिल जाए !

तो मैंने हिम्मत करके उसको कहा- मेरा भी बहुत मन करता है यह सब करने का ! और अगर तुम बुरा न मानो तो हम लोग यह मज़ा ले सकते है !

उसने तुंरत बोला- किसी को पता चल गया तो क्या होगा?

मैं समझ गया कि यह तैयार तो है पर डर रही है, मैंने तुंरत उसको अपनी बाहों में लिया और उसके होठों पर चूम कर कहा- मेरी जान, पता तो तब चले न जब कोई बताएगा ! और वैसे भी हम लोग अकेले में करेगे !

तो उसने कुछ नहीं कहा!

मैंने उसको पकड़ कर भी दो चार चुम्बन जड़ दिए तो उसने भी मुझको जवाब दिया! मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि जिस चीज़ को मैं बाहर देख रहा था वो तो मेरे पास ही थी! हम लोग बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते रहे! उसको देख कर पता चल रहा था कि उसको इस बात अच्छा अनुभव है!

धीरे धीरे उसने मेरे सारे जिस्म को चूमना शुरु कर दिया तो मैं समझ गया कि वो गरम हो गई है! मेरा हाथ भी उसके टॉप में जा चुका था और मैं उसके छोटे छोटे स्तनों को सहला रहा था! मैं बता नहीं सकता कि उस वक़्त मुझको कैसा लग रहा था! पहली बार किसी लड़की के स्तन दबाने का मज़ा तो आप लोगों को पता ही होगा! फिर मैंने जल्दी से उसको टॉप उतार कर फेंक दिया! मेरे सामने रोज़ मेरे साथ खेलने वाली लड़की सिर्फ स्कर्ट और ब्रा में खड़ी थी और उसकी सफेद ब्रा में उसके छोटे वक्ष साफ़ दिख रहे थे! अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उसकी ब्रा अलग कर दी और उसके स्तन को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा! वो भी जोर जोर से आहें भरने लगी!

मैंने उससे पूछा- मज़ा आ रहा है?

तो वो बोली- जरा जल्दी जल्दी करो!

उसका हाथ मेरे लण्ड तक पहुँच गया! वो उसको सहलाने लगी और जल्दी से मुझको अलग करके नीचे बैठ गई और मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी! मेरी सालों की इच्छा पूरी हो रही थी! वो बहुत देर तक यही करती रही और मैं मज़े लेता रहा!

फिर मैंने उसका स्कर्ट और पैंटी उतार दी और उसकी चूत को अपने मुँह में ले के चूसने लगा! उसकी चूत पर थोड़े भूरे-भूरे बाल थे पर मुझको बहुत मज़ा रहा था! वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी! नीचे मेरा लण्ड भी टाइट हो गया था, उसने कहा- अब इंतजार नहीं होता ! आज मुझको चौद डालो!

यह सुनकर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया!

यह मेरा पहला अनुभव था तो मुझको पता नहीं था कि लण्ड कहाँ डालते हैं! फिर भी कोशिश करके मैंने उसकी चूत के छेद पे अपना लण्ड लगा ही दिया और जोर लगाने लगा!

पर मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। तो उसने अपनी टाँगे फ़ैला ली और बोली- अब करो!

मुझको थोड़ा जोर लगाना पड़ा और दर्द भी हो रहा था पर थोड़ी सी कोशिश से मेरा लण्ड उसकी चूत में अंदर गया!

उसको भी दर्द हो रहा था तो मैंने कहा- मैं अपना लण्ड निकालूँ?

तो वो बोली- नहीं साले ! और अंदर डाल !

मैंने पूरा जोर लगाया और मेरा पूरा लण्ड अंदर चला गया ! फिर मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और अब हम दोनों को बहुत मज़ा आने लगा था!

दस पन्दरह मिनट में ही हम दोनों झड़ गए! फिर हम एक दूसरे से चिपके रहे! थोड़ी देर बाद हम लोगों को फिर जोश आया और हम लोगो ने एक और ट्रिप ली! फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को चूमने लगे!

उस दिन के बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता, हम सेक्स के मज़े लेते! अब हम लोग साथ तो नहीं हैं।

तो यह थी मेरी कहानी !

आप लोगो को कैसी लगी, कृपया मुझे मेल करके बतायें। hindi Sex Stories

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