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मैं मोनिका शर्मा फ़िलहाल 25 साल की लड़की हूँ, Hindi sex stories जब होस्टल में रह कर पढ़ती थी तब 18 साल की थी। बात उस दिन की है
जब एक दिन खूब बारिश हो रही थी और मुझे कोलेज से निकलने में देर हो गई थी। रात के 9 बज गये थे।
घनघोर बारिश थी मैं पूरी तरह भीग गई थी। सलवार और कुरती मेरे बदन से चिपक गई थी। मुझे डर भी लग रहा था।
बारिश से बचने के लिये एक घर के नीचे रुकी थी, ठंड से ठिठुर भी रही थी।
घर में से एक औरत ने निकल कर मुझे ऊपर बुला लिया, मुझे राहत मिल गई थी, उसने मुझे कपड़े बदलने को दिये, एक कुरता दिया जिसे मैंने पहन लिया और उस औरत को धन्यवाद दिया।
बारिश रुक नहीं रही थी। औरत अपने कमरे में चली गई। मैं अकेली हो गई थी। कुछ देर बाद तीन लड़के आये, मुझे देखा और अंदर चले गये।
बाद में मुझे बुलाया तो मैंने देखा वो औरत उन तीनों के साथ नंगी लेटी थी।
पहले मैं डर गई.
मगर उसने मुझे डरने से मना किया और कहा- यदि वो इस बारिश का मज़ा लेना चाहती हो तो बोलो?
मैं कुछ बोल नहीं पाई.
तभी एक लड़के ने मुझे कहा- तुम्हारा बदन कोरा है। यदि एक बार तुम मज़ा लोगी तो बार बार यहाँ आओगी।
मैं क्या करती। मैंने हाँ कह दिया।
तब मेरे कपड़े उतार कर तीनों ने मुझे नंगा कर दिया और लेटा दिया।
मुझे डर भी लग रहा था मगर एक नये अनुभव का सोच कर चुप थी, मेरे बूब्स देख कर तीनों ने कहा कि इतने बड़े आज तक नहीं देखे।
तीनों लड़के मेरे बदन को सहलाने लगे थे। मुझे भी थोड़ा मज़ा आने लगा था। पहली बार ऐसा मिला मज़ा था।
औरत ने कहा कि तुम चुप चाप लेटी रहो.
तभी तीनों ने मेरे बदन पर शराब उड़ेल दी और चाटने लगे। मुझे पता नहीं क्यों बहुत अच्छा लगा। मुझे एक ने उठाया और मेरी चूत में उंगली डाल दी। मैं चिल्ला उठी मगर मज़ा आया।
एक ने मेरी गाँड में उंगली डाल दी।
तीसरे ने मेरे उरोजों को दबाना शुरु कर दिया।
उस औरत ने मुझे एक पलंग से बांध देने को कहा। मुझे तीनों ने बांध दिया और एक मेरे ऊपर चढ़ कर अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगा।
मैं चिल्ला उठी बहुत दर्द हो रहा था। मगर चुप रही। मेरी चूत में उसने अपने लंड को डाल कर हिलाना शुरु कर दिया।
मैं चिल्ला उठी थी। चूत से खून भी आ गया था। मगर मुझे अच्छा लग रहा था।
तभी एक ने मेरे मुँह मेँ लंड दे दिया और कहा कि इसे चूसो।
मैं चूसने लगी।
उसका वीर्य मेरे मुँह में आ गया।
मेरे हाथ बंधे थे, तीनों ने बारी बारी से मुझे पागल कर दिया।
मैं थक गई थी तब औरत ने मुझे कुछ पीने को दिया। वो शराब थी, मैं पी गई और उस रात कई बार तीनों ने मेरे साथ मज़ा लिया।
सुबह 4 बजे बारिश बंद हो गई थी तब मुझे जाने को कहा और बाद में आने को कहा।
मैं फ़िर वहाँ जाने लगी और एक बार तो 5 लोगों ने मुझे संतुष्ट किया। Hindi sex stories
मुझे ये आदत लग गई। उस रात ने मुझे सेक्सी बना दिया। 25 साल की हूं मगर एक दो से मेरा मन नहीं भरता।
मेरी शादी हो गई है मगर मैं आज भी कई लोगों के साथ एक साथ मज़ा लेती हूँ।
मैं राहुल, अन्तर्वासना के पाठक Hindi Sex Stories एवं पठिकाओं यानि लंड वालों और चूत वालियों को नमस्कार करता हूँ! मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ अक्सर पढ़ता हूँ! कुछ तो सच्ची लगती हैं, कुछ केवल मनोरंजन के लिए ही हैं!
अब मैं आपको अपनी एक सच्ची घटना बताता हूँ! आशा है आप सब को बहुत पसंद आयेगी! कृपया पढ़ कर अपनी राय लिखें और मेरा उत्साह बढायें!
काफी पुरानी घटना है!
बात उस समय की है जब मेरी उम्र 18 साल की थी! मेरी बड़ी बहन की उम्र 20 साल की थी! मेरे ताऊ जी के लड़के एवं लड़की की उम्र 21 एवं 20 साल की थी! हम चारों एक ही कमरे में सोते थे!
एक बार रात में मेरी आँख खुल गई! मैं चुपचाप पड़ा थोड़ी सी आंखें खोल कर सब देख रहा था! मुझे ताज्जुब भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था!
अब मैं पूरी बात बताता हूँ! मेरे भैया एवं दोनों बहनें एक दम नंगे थे! दोनों बहनों ने भैया का लंड पकड़ रखा था. कभी लंड को ऊपर नीचे करती, कभी मुँह में ले लेती थी और मजा लेकर चूस रही थी!
और भईया उनके बोबे बारी बारी से दबा रहे थे! यह देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया! लेकिन मैं उस समय कुछ नहीं कर सकता था!
फिर देखा कि भैया एक की चूत चूमने लगे और दूसरी उनका लंड चूसने में लगी हुई थी! तीनों आपस में बहुत मजा ले रहे थे! फिर भैया अपना लंड एक बहन की चूत में घुसा कर चोदने लगे और बहन भी मजे से चुदवा रही थी!
दूसरी ने कहा- मुझे भी चोदो ना जल्दी से!
तो भैया कभी एक की कभी दूसरी की चूत में लंड डाल देते थे! इस प्रकार काफी देर तक चुदाई चलती रही, जब तक एक दम निढाल नहीं हो गए! फिर सब नंगे ही सोने लगे एक दूसरे से चिपक कर!
जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैं भी अपने सब कपड़े उतार कर एक दम नंगा हो गया! मेरा लंड भी खड़ा हो गया था! मैं भी उनके बीच में चला गया! पहले तो भईया मुझे डांटने लगे तो मैंने कहा- मैं सब को बता दूंगा! तब जाकर शांत हो गए!
दोनों बहनें एक दम आश्चर्य चकित थी कि क्या करें!
जब मैंने कहा- मैं भी वही करना चाहता हूँ जो तुम लोग कर रहे थे!
तब तीनो कहा- ठीक है पर किसी को भी मत बताना!
मैंने कहा- ठीक है!
इस प्रकार हम लोग एक बार फिर चालू हो गए!
सबसे पहले मैंने कहा- मेरा लंड चूसो!
तो दोनों बहनों ने मिल कर मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. पर चूँकि मैं पहले से ही उत्तेजित था इसलिए मेरे लंड ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया मुझे बहुत ही मजा आया!
तब उन्होंने कहा- कोई बात नहीं! हम लोग तेरा लंड फिर से खड़ा कर देते हैं!
यह कह कर एक ने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया और दूसरी ने अपने बोबे मेरे हाथ में पकड़ा दिए और कहा- इसे चूसो और दबाओ!
फिर मैं वैसे ही करने लगा जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया! इधर भैया भी रुके हुए नहीं थे, कभी किसी के बोबे दबाते कभी किसी की चूत में उंगली कर रहे थे!
अब मैंने कहा- अब मैं तुम दोनों को चोदना चाहता हूँ!
तब वो बोली- एक साथ कैसे चोदेगो?
मैंने कहा- मैं दोनों को ही चोदूंगा!
तो उन्होंने कहा- पहले एक को चोद लो फिर दूसरी से कर लेना!
मैंने कहा- ठीक है!
तब एक को मैं चोदने लगा और दूसरी को भैया! मुझे बहुत मजा आ रहा था! इस प्रकार कुछ देर करने के बाद मैंने अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया! मुझे कितना मजा आया मैं बोल नहीं सकता!
फिर मैंने देखा कि भैया ने भी अपना पानी छोड़ दिया! फिर हम सब साफ सफाई करके एक दूसरे को जकड़ कर सोने लगे! रात बहुत हो गई थी पर मुझे चैन कहाँ!
मैंने कहा- मैं फिर से चुदाई करना चाहता हूँ!
कह कर मैंने दूसरी बहन से कहा- मेरा लंड चूसो पहले!
तो उसने कहा- मैं थक गई हूँ! अब कल करेंगे!
मैंने कहा- नहीं एक बार अभी चोदने दो! कल की बात कल करेंगे! भैया ने भी तुम दोनों को चोदा है!
उसके पास और कोई रास्ता नहीं था, कहने लगी- धीरे धीरे करना!
मैंने कहा- ठीक है!
फिर उसने मेरा लंड मुँह में लिया और मजे से चूसने लगी! उधर भैया भी चुप नहीं रह सके! वो भी कभी किसी के साथ कभी किसी के साथ कुछ न कुछ करने लगे! इस प्रकार हम सब उत्तेजित हो गए और चुदाई का काम फिर से चालू हो गया! मैं क्या बताऊँ कितना मजा आ रहा था, मैं वर्णन नहीं कर सकता!
और इसी प्रकार हम लोग मिल कर रोज चुदाई करते रहे जब तक उनकी शादी नहीं हो गई!
अगर यह पढ़ कर अच्छा लगा तो कृपया मेरा होंसला बढ़ाये!
आगे की कई घटनायें हैं जो मैं आप को बाद में बताउँगा! Hindi Sex Stories
वैसे मैं पुणे से हूँ.
मैं दिल्ली यूपीएससी की तैयारी करने गया था.
वहां गए हुए मुझे एक ही महीना हुआ था कि मैं बीमार पड़ गया था.
मुझे वहां का खाना हजम नहीं हो रहा था और बार बार पेट खराब हो रहा था.
जब डॉक्टर से चेकअप करवाया तो पता चला पेट में इन्फेक्शन हुआ है.
इसलिए मैं वापस घर चला गया.
जैसे ही घर वापस आया तो घरवालों ने कहा- अगर ऐसी तबीयत खराब करनी है तो पढ़ाई मत करो.
मेरा शरीर इतना दुबला हो गया था कि लग रहा था कि मुझे कोरोना होकर गया हो.
मैंने पापा से कहा- पापा, मुझे वहां का खाना बिल्कुल पसंद नहीं आया. खाना पच ही नहीं रहा.
वैसे बता दूँ कि हमारा परिवार संयुक्त परिवार है.
हमारा एक घर पुणे में है और एक पुणे के पास गांव में है.
मेरे चाचा-चाची, दादाजी और दादीजी गांव वाले घर में रहते हैं और पुणे वाले फ्लैट में मम्मी-पापा, भाई, मेरा चचेरा भाई और चचेरी बहन रहते हैं.
मेरे भाई और बहन पुणे में रह कर अपनी कॉलेज और स्कूल की पढ़ाई करते हैं.
मैंने पापा से जब यह कहा कि वहां का खाना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.
तब पापा ने कहा- ठीक ही और उधर किसी दूसरी जगह रह कर ट्राई करके देख ले, अगर पसंद आया तो ठीक … वरना वापस आ जाना और यहां से पढ़ाई कर लेना.
मैं जब वापस गया तब मैंने एक हफ्ते में 5 जगह जाकर उनकी मेस को ट्राई किया.
पर मुझे कोई पसंद नहीं आया.
मेरी पढ़ाई भी अच्छी तो नहीं कहूँगा, हां पर ठीक हो रही थी … तो वापस जाने का बिल्कुल मन नहीं था.
मेरे दादाजी ने पापा से कहा- अगर उसकी पढ़ाई उधर से ठीक हो रही है, तो उसकी चाची को उसके पास भेज देना. इससे उसका खाना भी अच्छा हो जाएगा और तबीयत भी ठीक रहेगी. यहां मेरा खाना उसकी दादी बना लेगी. इधर दो ही लोगों का खाना तो लगेगा.
जब ये बात पापा ने मुझे बताई, तब मैंने हामी भर दी क्योंकि वहां पढ़ाई का बहुत सही माहौल था.
मैंने एक फ्लैट देख लिया और जो जो जरूरी सामान लगने वाला था, वह सब चाँदनी चौक से खरीद लिया.
इसलिए सब कुछ बहुत सस्ते में निपट गया.
लगभग 15 दिन बाद मेरी चाची दिल्ली आ गयी थीं और दस ही दिन में हमारा सब कुछ सैट हो गया था.
मैं सुबह नाश्ता करके 9 बजे लाइब्रेरी चला जाता था.
दोपहर में एक बजे खाना खाने आता था और रात का खाना लगभग साढ़े सात बजे होता था.
अच्छे से दिन गुजर रहे थे. कभी कभार मोमोज वगैरह खाने चाची के साथ चला जाता था.
हमारे फ्लैट में मैंने वाईफ़ाई लगवाया था, तो कभी कभार रूम पर ही पढ़ाई कर लेता था.
बीच बीच में मेरा हस्तमैथुन भी हो जाता था. सब कुछ बहुत सही चल रहा था. तीन महीने तक मेरे किसी भी विचार में चाची नहीं आई थीं.
एक बार की बात है, जब मैं लंड हिला रहा था तो चाची ने मुझे देख लिया था.
मुझे तब पता नहीं लगा था, बाद में चाची ने बताया था.
एक बार ऐसे ही गूगल पर सर्फिंग करते समय मुझे अन्तर्वासना का पता चला था.
वहां एक सेक्स कहानी में मैंने मामी की चुदाई पढ़ी थी.
तब ऐसा खास कुछ ध्यान नहीं गया था पर मेरी नज़र चाची के मम्मों को देखने लगी थी.
अब मैंने ध्यान दिया था कि चाची के बूब्स बहुत बड़े है. हमारी बातें सामान्य ही होती रहती थीं.
अन्तर्वासना की कहानियों में मेरी रुचि बढ़ने लगी थी और साथ ही चाची की चूचियों को देखने का लगाव, सब इतनी तेज़ी से हुआ कि क्या बताऊं.
अब चाची को देखने का मेरा नज़रिया पूरी तरह से बदल गया था.
उसी चक्कर में मैं ज़्यादा समय फ्लैट पर बिताने लगा था.
एक बार चाची ने कहा कि मुझको कुछ कपड़े लेने हैं तो बाजार चलते हैं.
मैंने कहा- ठीक है, सरोजिनी मार्केट चलते हैं.
दो दिन बाद हम दोनों बाजार चले गए.
हम दोनों मेट्रो से गए थे.
वहां चाची ने कुछ कपड़े ले लिए.
उनको अपने लिए कुछ अन्दर पहनने वाले कपड़े खरीदने थे पर वे मेरी वजह से थोड़ा झिझक रही थीं.
मुझे समझ में आ गया क्योंकि वे बार बार मेरी तरफ देख रही थीं.
मैं- चाची आपको कुछ और लेना है क्या?
चाची ने झिझकते हुए कहा- नहीं … अभी और कुछ … नहीं लेना … बस जरा …
मैंने पहले ही फ्लैट पर देखा था कि चाची की ब्रा एक साइड से थोड़ी फट सी गयी थी.
पर मैं भी बात करने में थोड़ा डर रहा था.
लेकिन इतनी दूर आ गए थे और थोड़ी समझदारी भी आ चुकी थी, तो हिम्मत करके मैंने बात को आगे बढ़ाई- चाची, आप देख लीजिए. यहां और भी बहुत कुछ मिलता है … और बहुत सस्ता मिलता है.
चाची- नहीं राज … मुझे और कुछ नहीं लेना!
वे अभी भी थोड़ा अटक अटक कर बात कर रही थीं.
मैं- अरे कपड़ों से याद आया, मुझे अंडरवियर और बनियान लेना है. वह सब और ले लेते हैं, फिर वापस चलते हैं.
चाची- ठीक है.
जब मैंने मेरी अंडरवियर और बनियान ले लिए.
तो ऐसे ही मैंने चाची से थोड़ा खुल कर बात करने की कोशिश की और कामयाब भी हो गया- अरे चाची आपको भी अगर इनरवियर्स लेने हो, तो आप भी ले सकती हैं. यहां सब मिलता है.
चाची पहले तो एकदम से हक्की बक्की होकर देखने लगीं पर कुछ समय बाद वे भी बोलने लगीं- अरे हां, वह भी लेना है.
मैं- ठीक है, आप लेकर आओ. मैं यहीं हूँ शायद आपको मेरा वहां आना सही ना लगे.
चाची- ऐसा कुछ नहीं, तुम भी चलो. इनसे मोलभव कौन करेगा?
जब हम वहां गए तो चाची ने उस दुकानदार से कहा कि उन्हें 30 की ब्रा चाहिए.
तो दुकानदार चाची के चूचे देखता हुआ बोला- जी आपको 30 नहीं 32 साइज़ आएगा!
तभी पता नहीं मुझे क्या हो गया, मैंने बोल दिया- हां, तभी तो पहले वाली ब्रा फट गई है!
पर ये सब मैंने बहुत धीरे बोला, सिर्फ़ चाची को सुनाई दिया था.
यह सुनकर वे भी एकदम से मेरी तरफ देखने लगी थीं.
मुझे लगा अब वे गुस्सा करेंगी.
पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और 32 की ब्रा ले लीं.
चाची ने 3 पीस ले लिए थे.
फिर अब हम दोनों वापस आने लगे.
मेट्रो स्टेशन से थोड़ा पैदल चलना पड़ता है तो मैंने एक ई-रिक्शे को रोक लिया और हम दोनों उस पर बैठ गए.
जब हम दोनों रिक्शे में थे तो उधर का रास्ता थोड़ा खराब था.
रिक्शा अपना संतुलन खो रहा था और वह पूरी तरह से एक तरफ को झुकने लगा था.
चाची ने खुद को संभालने के लिए मेरी जांघ पर हाथ रखा और जोर से पकड़ लिया.
जब रिक्शा ठीक हुआ, तब मुझे लगा कि अब चाची हाथ उठा लेंगी.
पर उन्होंने अपना हाथ वहीं लगाए रखा.
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि वे अपना हाथ धीमे धीमे वहीं पर सरका रही थीं.
उनका लक्ष्य शायद मेरा लंड था.
यह सोच कर ही मेरे अन्दर तो एकदम से झटका सा लगा और अन्दर तक सनसनी सी फैल गई.
मेरा लंड खड़ा होने लगा.
धीरे धीरे उनका हाथ भी लंड के बहुत करीब आने लगा था.
अब तो उनका हाथ सिर्फ़ नाम के लिए जांघ पर था, बाकी तो मेरे लौड़े से टच होने लगा था.
शायद उनको भी लंड की तपिश महसूस हुई होगी और उसकी हलचल का भी अहसास हो गया था.
उन्होंने मुझे देखा और एकदम अलग सा भाव दिया.
उनके चेहरे पर थोड़ी अलग सी मुस्कान स्माइल आ गई थी.
पर उसके बाद चाची ने अपना हाथ हटा लिया था.
हम दोनों मेट्रो से सफर करने के बाद कुछ ही देर बाद अपने फ्लैट पर पहुंच गए.
मैंने चाची से कहा- चाची दुकान पर जो हुआ, उसके लिए सॉरी!
चाची- क्या हुआ? किस बारे में बोल रहे हो तुम?
मैं- अरे चाची, वह आपकी ब्रा फट गई है, मैंने उस बारे में बोल दिया था न!
चाची- अरे राज उसमें क्या है. सच पूछो तो मैं खास उसी की वजह से शॉपिंग के लिए गयी थी. आज पर तुम्हारे सामने कैसे कहूँ, इस वजह से मुझे शर्म आ रही थी.
मैं- अरे उसमें क्या है यार, हम दोनों इतनी बातें तो कर ही सकते हैं. वैसे भी हम लोग एक ऐसे शहर में हैं, जहां यह सब एक साधारण सी बात है. हम लोग इतनी बातें तो कर ही सकते हैं.
चाची- हां सही है राज!
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.
अब हम दोनों आपस में थोड़ा खुल कर बातें कर लेते थे.
एक दिन चाची बाहर सब्जी लेने गयी, तो मुझे लगा कि उनको आने में अभी वक्त लगेगा.
मेरा भी हिलाने का बहुत मूड था.
मैंने अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ना चालू किया और कहानी पढ़ कर एकदम से मूड बन गया.
मेरा नहाना भी रह गया था तो मैं कच्छे में ही हो गया था.
मैं अपने बेडरूम में बैठ कर अपने लंड को सहला रहा था.
मैंने अपने 6.5 इंच के लंड को बाहर निकाला और धीरे धीरे हिलाने लगा.
मुझे पता ही नहीं चला कि चाची कब अन्दर आ गई थीं.
मेरा ध्यान जैसे ही उन पर गया, मैं एकदम से बौखला गया.
चाची ने यंग बॉय मास्टरबेशन का नजारा देख लिया था.
उस वक्त मुझे कुछ नहीं सूझा और मैं तुरंत बाथरूम में भाग गया.
मैं बहुत ज्यादा डर सा गया था.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे उनको मुँह दिखाऊं.
उस वक्त हुआ यह था कि चाची पैसे लेकर जाना भूल गयी थीं, इसलिए वे वापस आ गयी थीं.
मैं नहा कर तुरंत लाइब्रेरी चला गया और उनको मैसेज कर दिया कि दोपहर का मेरा खाना मत बनाना चाची, मैं दोस्त के साथ खाना खाने बाहर जा रहा हूँ.
उन्होंने मेरा मैसेज बस देखा और बिना कुछ कहे रह गईं.
अब मेरी और ज्यादा फटी.
रात को जब मैं फ्लैट पर गया तब चाची मोबाइल चला रही थीं.
मैं जाकर चुपचाप अपने बेड पर बैठ गया.
चाची ने मेरी तरफ देखा तो मुझे लगा कि अब वे बहुत गुस्सा करेंगी.
चाची- क्या हुआ राज … सुबह के गए अब आ रहे हो?
मैं चुप रहा.
चाची- बोलो कुछ!
मैं- सॉरी चाची.
चाची- अरे यार वह तो सब नॉर्मल है … तुम इतना क्यों टेंशन ले रहे हो.
मैं- मैं बहुत डर गया था इसलिए दोपहर में भी नहीं आया.
चाची- पागल हो यार तुम … इतना डरने की क्या बात है इसमें! तुम्हीं ने तो कहा था कि हम दिल्ली में रह रहे हैं, यहां ये सब नॉर्मल है. तुम लोगों को हफ्ते में 2 से 3 बार तो हिलाना ही चाहिए. उसी वजह से तुम्हारा मूड भी फ्रेश हो जाता है और पढ़ाई में भी कोई ग़लत असर नहीं पड़ता.
ये सब बातें सुनकर तो मेरे कान बजने लगे थे और मैं एकदम से किसी और दुनिया में खो गया था.
चाची मेरे कंधे को हिलाती हुई बोलीं- राज तुम किसी भी फालतू चीज़ का टेंशन मत लो … तुम बेवजह टेंशन ले रहे हो!
मैं- फिर से सॉरी चाची!
चाची- हां चल ठीक है … कोई बात नहीं, वैसे तुम पर अगर गुस्सा करना होता तो तभी कर देती जब तुम रात को अपने चादर के अन्दर हिला रहे थे, मैं तब भी जागी हुई थी.
मैं- अरे यार मतलब आप पहले ही मुझे पकड़ चुकी हैं?
हम दोनों थोड़ा सहज होकर हल्का हल्का सा हंसने लगे.
चाची मेरे साथ थोड़ा और खुल कर बातें करने लगीं.
मैं पहली बार कोई कहानी Hindi Sex Stories लिख रहा हूँ। यह मेरी वास्तविक कहानी है। मैं ट्युशन पढ़ाने का कार्य करता हूँ। बात उस समय की है जब अंजना नाम की एक लड़की ट्युशन पढ़ने आई। पहले ही दिन से उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या होने लगा। हालांकि मैंने सैकडों लड़कियों को पढ़ाया है पर उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या-क्या उमंगें उठने लगी।
वार्षिक परीक्षा के बाद जब सभी छात्र आखरी दिन मिलने आये तब वह बहुत जोर-जोर से रोने लगी और कहने लगी- अब तो हम सभी आपसे जाने कब मिलेंगे !
तब मैंने कहा- इसमें रोने की क्या बात है तुम जब चाहो मेरे मोबाईल पर कॉल करके मुझसे बातें कर लिया करना।
यह सुनकर उसने रोना बंद कर दिया।
उसके बाद उसने अगले दिन मुझे कॉल किया। तब हमने थोड़ी बहुत बातें की और उसके बाद हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा और यह सिलसिला धीरे-धीरे कब प्यार में बदल गया दोनों को पता ही नहीं चला।
फिर एक दिन हिम्मत जुटा कर मैंने उससे अपने प्यार का इजहार भी कर दिया। इजहार करते वक्त मुझे कितनी घबराहट हो रही थी, इसको मैं बता भी नहीं सकता। लेकिन मेरी घबराहट तब खुशी में बदल गई जब उसने भी मुझसे कहा कि वह भी मुझसे प्यार करती है।
इसके बाद हम दोनों अकेले में मिलने के रास्ते ढूँढने लगे। हमारा कस्बा ज्यादा बड़ा नहीं है, लगभग सभी लोग एक दूसरे को जानते हैं, ऐसे में बाहर हमारा मिलना सम्भव नहीं था।
तब एक दिन उसने मुझसे कहा- क्या तुम रात को मेरे घर पर आ सकते हो? मैं पढ़ाई के बहाने अलग कमरे में आ जाऊँगी।
मैंने भी उसे हाँ कर दी। इसके बाद उस रात को करीब २ बजे मैं उसके घर गया। हम दोनों अकेले एक बंद कमरे में अलग थे और उसके मम्मी-पापा तथा भाई बहन अलग कमरे में थे। हम दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे से बातें करते रहे। धीरे-धीरे मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और फिर उसके गालों पर एक चुम्बन दे दिया। यह पहला मौका था जब मैंने उसे छुआ था। मेरे शरीर में एक अजीब सी सिरहन दौड़ गई। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू किया और एक दूसरे से लिपट गये। धीरे-धीरे मैंने उसके स्तन दबाने शुरू किये जो कि बहुत ही कड़े थे, तो उसने मना कर दिया।
चूमा-चाटी तथा बाहों में लेने का यह सिलसिला करीब २ घण्टे तक चला और फिर मैंने कहा- अब मुझे चलना चाहिए।
उसके बाद करीब ४ बजे मैं वापस आ गया।
इसके बाद जब भी मौका मिलता हम उसके घर मिल लेते। एक बार उसने मुझे बताया कि उसके घर के सभी सदस्य किसी रिश्तेदार की शादी में गये हैं और वो आज घर में अकेली है।
यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
मैं रात को ११ बजे ही उसके घर पहुँच गया। यह पहला मौका था जब हम बिना किसी डर के एक दूसरे से मिल रहे थे। जब मैं वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि उसने बिस्तर लगा रखा था। मैंने उसे देखते ही उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा क्योंकि आज किसी के भी आने का डर नहीं था। फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके पास ही लेट गया। हम काफी देर तक एक दूसरे से प्यार की बातें करते रहे। इस बीच मैं उसके शरीर पर हाथ भी फेरता जा रहा था। आज वह मुझसे कोई विरोध नहीं कर रही थी क्योंकि शायद वह जानती थी कि ऐसे मौके बार-बार नहीं आते हैं।
मैंने फिर उसके कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर उसके स्तन दबाने शुरू किये। उस समय तो मानो स्वर्ग का आनन्द मिल रहा था। काफी देर तक स्तन दबाने के बाद मैंने उसकी कुर्ती को उतार दिया और साथ ही उसके सलवार को भी उतार दिया। अब वह मेरे सामने ब्रा और पेंटी में लेटी थी। मैंने उसके शरीर को अच्छी तरह से सहलाना और रगड़ना शुरू कर दिया और उसे चूमने लगा।
मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिये और उसके स्तनों को जोर-जोर से दबाने लगा। इसके बाद मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया। इसके बाद हम ६९ की पोजीशन में आ गये। मैं उसकी चूत को काफी देर तक चाटता रहा और वह भी मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे और मेरा लण्ड उसको चोदने के लिये उतावला हो रहा था। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया। वह चिल्लाने लगी तथा मुझे दूर हटाने लगी। लेकिन मैं उस पर हावी हो चुका था, मैंने उसके होठों पर अपने होठ रखकर उसके मुँह को बंद कर दिया और एक जोरदार झटका दिया जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी कुंवारी चूत में घुस गया। वह बुरी तरह से छटपटाने लगी और रोने लगी। उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था।
वह रोते हुए कहने लगी- प्लीज ! मुझे छोड़ दो ! फिर कभी करेंगे !
लेकिन मैंने उसकी एक भी न सुनी और दो-तीन झटकों में पूरे लण्ड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया जिससे वह एक चीख के साथ बेहोश हो गई। मैंने बेहोशी में ही उसे चोदना जारी रखा। तेज दर्द के कारण वह फिर होश में आ गई और जोर-जोर से रोने लगी।
यह देख मैं रूक गया। मैंने कहा- अब घबराने की कोई जरूरत नहीं है, तुम्हारी सील टूट चुकी है और अब तुम्हे सिर्फ मजा आयेगा।
इसके बाद मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना चालू किया तो उसे भी मजा आने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। करीब आधा घण्टा चोदने के बाद हम दोनों ही एक साथ झड़ गये।
उसके बाद उसे मैंने कई बार चोदा। Hindi Sex Stories
मेरा नाम मोहित है ! मैं नागपुर Hindi Porn Stories में रहता हूँ ! आप लोगो को मेरी कहानी बताता हूँ ! एक दिन मैं अपने दोस्त वरुण के यहाँ गया ! उसके घर में कोई भी नहीं था ! मैंने आवाज़ लगाई पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी ! मैं अन्दर चला गया तो उसके कमरे की तरफ जाते हुए मुझे बाथरूम से आवाज़ आई ! मुझे लगा शायद वो नहा रहा होगा ! मुझे मजाक सूझा ! मैंने दरवाज़े को खोला तो अन्दर से चिल्लाने की आवाज़ आई ! मैंने देखा तो एकदम से आश्चर्य में पड़ गया ! अन्दर उसकी बहन नहा रही थी ! उसका नाम लवी था ! उसका पूरा बदन पानी से गीला था ! उसको नंगा देख के मेरा लौड़ा खड़ा हो गया ! उसने एकदम से दरवाज़ा बंद कर लिया ! फिर मैं वहां से चला गया ! पर वहां से जाने के बाद भी मुझे उसका नंगा बदन याद आ रहा था !
उस दिन मैं उसके बारे में ही सोचता रहा ! फिर दूसरे दिन जब मैं उसके घर गया तो वरुण की तबियत बहुत ख़राब थी ! वो सोया हुआ था ! उसकी बहन दूसरे कमरे में लेट कर टी-वी देख रही थी ! उसने मुझे आवाज़ दी,”मिथ्स इधर आ ! तूने नया मोबाइल लिया ?”
मैं बोला,”हाँ !”
वो बोली,”दिखा, कैसा है?”
मैं एकदम से डर गया क्यूंकि मेरे मोबाइल में ब्लू फिल्म थी ! मैंने उसको फोल्डर के बहुत अन्दर छुपा के रखा था ! फिर मैंने उसे मोबाइल दिया ! मुझे क्या पता था कि उसे मेरे मोबाइल की पूरी समझ आ जायेगी, वो बोली,”तेरे पास तो बहुत गाने हैं! मुझे भी दे !”
मैंने उसे पूरे गाने एक साथ भेज दिए और वहां से चला गया! थोड़ी देर बाद जब वापस आया तो उससे मोबाइल माँगा ! वो बोली,” दो मिनट रुक जा! बस हो ही गया है और वो मुझसे बाते करने लगी! उसने मुझे पूछा ,”क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?”
मैंने कहा,”नहीं !”
फिर वो एकदम से बोली,”तू इतना बड़ा हो गया है (उस समय मेरे उम्र १८ साल की थी) और तेरी एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है?”
मैंने भी उसे पूछा,”क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है?”
उसका भी जवाब न में ही आया ! फिर उसने कहा,”छोड़, जाने दे !”
फिर वो मोबाइल में और गाने ढूँढने लगी तो एकदम से उसे ब्लू फिल्म वाला फोल्डर दिखा ! वो एकदम से चौंक गई ! उसके मुंह से हुउऊ…….. करके आवाज़ निकली! मैं एकदम से डर गया ! उसे पूछा,” क्या हुआ ?”
तो वो बोली,”बच्चू ! १८ साल का भी नहीं हुआ और अभी से ऐसी चीज़ें देखता है? “
मैं बहुत डर गया ! उसे पूछा,”क्यूँ, क्या हुआ ?”
उसने कहा,” यह क्या हैं ?”
मैं चुप हो गया ! फिर थोड़ी देर बाद मैं बोला,” तुझे उससे क्या? तुझे जो लेना है वो ले और मोबाइल वापस दे !”
फिर मैंने एकदम से उसे पूछा,” इतनी भोली मत बन ?? जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं कि तू भी चुपके से ब्लू फिल्म देखती है!”
वो मुझे बोली,” तुझे कैसे पता?”
मैं बोला,”उस दिन जब मैंने तुझे बाथरूम में देखा था तो तू मोबाइल पर ब्लू फिल्म देख रही थी और अपनी चूत में ऊँगली डाल रही थी!”
वो एकदम से डर गई और मुझे बोली,”चुप बैठ !”
फिर वो मुझे बोली,” सॉरी! मैं तेरी बात किसी को नहीं बताउंगी तो तू भी मेरी बात मत बताना !!!”
मैंने कहा,”ठीक है !”
फिर हम नोर्मल हो के बातें करने लगे ! फिर उसने मुझे पूछा,” क्या तूने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?”
मैंने कहा,”नहीं ! अभी तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है तो किसको चोदूंगा?”
उसने कोई जवाब नहीं दिया ! फिर मैंने उसे एकदम से एक क्लिप दिखाया ! वो बोली,” क्या है और दखने लगी !” वो शरमा गई !
मैं बोला,”शरमा मत ! हमारे अलावा कोई नहीं है! देख ले ! न जाने फिर कब देखने को मिले ?”
वो देख रही थी ! अचानक मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैं उसके बाजू में जा कर बैठ गया और हम साथ-साथ उस क्लिप को देखने लगे ! वो बहुत गरम हो गई थी और मेरा लौड़ा भी तन गया था ! मैंने जान-बूझ कर उसकी टांगों पर हाथ लगाया ! उसने मेरा हाथ हटाया पर मैं मानने वाला नहीं था! मैंने उसका हाथ मेरे लौड़े पे रख दिया! उसने मुझे डांट दिया और बोली,”अच्छे से रहो !”
मैंने उसको पूछा ,” क्यूँ न हम भी पहली बार सेक्स करके देखें ?”
वो बोली,”पागल है क्या?”
मैंने कहा,” ठीक है ! तो मुझे सिर्फ एक बार तेरे स्तन ही दिखा दे !”
वो बोली,” नहीं!”
मैंने जबरदस्ती उसके टॉप पर अपना हाथ लगाया ! वो जोर से चिल्लाई ! मैंने एक हाथ से उसका मुंह दबा दिया और उसके स्तन दबाने लगा ! वो छटपटाने लगी ! मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके वक्ष जोर से दबाने लगा! वो भी शांत हो गई! मैं उसके बूब्स चूसने लगा !
वो बोली,” यह गलत है! अगर कोई आ गया तो हम फंस जायेंगे !”
मैंने कहा,”तू उसकी चिंता मत कर ! मै सारे दरवाजे बंद करके आया हूँ !”
वो बोली,”अगर वरुण आ गया तो ?”
मैंने कहा,”उसका भी दरवाज़ा बंद कर दिया है!”
फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपना लौड़ा उसके हाथ में दे दिया और कहा,” अब इसे मुंह में ले और लॉलीपोप जैसा चूस !”
वो बोली,” तू भी तो मेरी चूत चाट !”
फिर मैं उसकी चूत की तरफ लेट गया और अपना लौड़ा उसके मुंह में दे दिया ! हम दोनों ५-७ मिनट तक चूसते ही रहे ! फिर मैंने उसको सीधा किया और अपने लौड़े पर क्रीम लगाई ! मैंने उसकी चूत पर भी बहुत सारी क्रीम लगा दी !
वो बोली,”कंडोम नहीं है?”
मैंने कहा,”झड़ने से पहले ही निकाल लूँगा !”
वो बोली,”पक्का निकाल लेना !”
फिर मैंने उसकी चूत के बीच में अपना लौड़ा रखा और धीरे-धीरे अन्दर डालने लगा ! वो चिल्ला रही थी,” बहुत दर्द हो रहा है………..बाहर निकाल !!!!!!!!!!”
पर मैं कहाँ मानने वाला था !!! मैंने जोर से झटका मारा और मेरा ७ इंच का लौड़ा उसकी चूत में पूरा घुस गया ! वो जोर से चिल्लाई………………! मैंने उसका मुँह दबा दिया ! वो रो रही थी ! उसकी चूत में से खून आ रहा था ! फिर मैं धीरे-धीरे डालने लगा ! करीब १५ मिनट तक उसे चोदता रहा ! पहले वो चिल्लाती रही लेकिन फिर उसे भी मज़ा आने लगा ! वो भी नीचे से झटके देने लगी ! थोड़ी देर बाद उसकी चूत में से पानी आने लगा !
मैं उसे और जोर से चोदने लगा ! कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया ! चुदाई करते-करते मेरे ध्यान में कुछ भी नहीं रहा और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया ! उसके भी ध्यान में यह बात नहीं आई ! थोड़ी देर बाद जब हम अलग हुए तो वो बोली,”यह हमने क्या किया ? बिना प्रोटेक्शन के ही सेक्स किया ? और तुमने पूरा वीर्य मेरी चूत में ही डाल दिया ??”
वो रोने लगी और बोली ,”अगर मैं गर्भवती हो गई तो ?”
मैंने कहा,” तू डर मत ! मैं तुझे आई-पिल (गर्भ निरोधक दवा) ला दूंगा ! वो ले लेना और मैं उठ गया !”
उसने बिस्तर पर देखा तो वो डर गई ! उसका खून पड़ा हुआ था ! मैंने कहा,”डर मत ! पहली बार में सबका खून निकलता है !”
फिर मैं वहां से चला गया ! दूसरे दिन मैं फिर से उसे मिलने आया और उसे आई-पिल दी और बोला,” कल मजा आया न ? आज फिर से सेक्स करेंगे ! आज तो मंहगा वाला कंडोम भी लाया हूँ !”
उस दिन हम फिर से सेक्स करने लगे ! Hindi Porn Stories
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