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Massage Girl in Kangra: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kangra who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kangra that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kangra massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kangra who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kangra massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kangra massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kangra who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kangra employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kangra helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kangra

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kangra at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hi

प्रेषक : नवीन Hindi Sex Stories

मैं नवीन हूँ। मेरे परिवार में हम चार Hindi Sex Stories लोग हैं, मैं, मेरी दो बहनें बड़ी पूनम और छोटी राखी और मेरी माँ गीता। मेरे पापा की मौत आज से दो साल पहले हो चुकी थी। मेरी छोटी बहन मुझसे दस माह छोटी और बड़ी बहन एक साल बड़ी है। हम लोगों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। पिछले साल हमने सफारी गाड़ी ली थी जो हमारे गैराज में खड़ी रहती थी। गैराज का एक गेट मेन-गेट की तरफ और दूसरा घर के अन्दर खुलता है। हमारा घर चारों ओर से बंद है जिसकी वजह से कोई हमारे घर में नहीं देख सकता।

एक दिन माँ और बड़ी बहन को एक शादी में जाना था सो वो दोनों सुबह तैयार होकर शाम तक आने का कह कर चली गई। हमारे कॉलेज में भी खेल चल रहे थे इसलिए मैं भी शाम तक आने का कह कर अपने स्पोर्ट्स जूते पहन कर चला गया। कॉलेज में आते ही सबसे पहले हमारा ही मैच था और २ घंटे में ही हमारा मैच ख़त्म हो गया और मैं जूते बदलने के लिए घर आ गया।

जब मैं घर पहुंचा तो जैसे ही मैं घण्टी बजाने को था कि मुझे एक आह की आवाज़ सुनी जो गैराज में से आ रही थी। मैं बिना घण्टी बजाये अन्दर आ गया और गैराज की तरफ देखा तो अन्दर वाला गेट खुला था और गाड़ी खड़ी थी। जैसे ही मैं और आगे गया, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। राखी अपनी सलवार कमीज उतारे सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हैंड ब्रे़क के सिरे पर बैठी थी जो उसकी चूत के अन्दर था। मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था और वो भी राखी, अपनी बहन को !

मेरा लंड खड़ा हो गया। राखी उसके ऊपर नीचे हो रही थी जिससे कभी वो उसकी चूत में जाता और कभी बाहर निकलता। तभी घण्टी बजी और मैं अपने कमरे की तरफ चला गया। राखी गाड़ी में से बाहर आई, पूछने लगी- कौन है?

तभी बाहर से आवाज आई- मैं पूनम हूँ।

राखी वैसे ही ब्रा पेंटी में ही गेट खोलने चली गई। जैसे ही पूनम अन्दर आई, राखी उससे लिपट गई और उसके होठो को चूमना शुरू कर दिया तो पूनम बोली- यह क्या कर रही है तू ?

तो राखी ने कहा- वही जो रोज रात को करते हैं नवीन के सोने के बाद।

पूनम कहने लगी- वो तो रात को करते हैं दिन में तो नहीं।

राखी- क्यों दिन में क्या होता है, आज तो घर पर कोई नहीं है, माँ भी शाम को आएगी और नवीन भी अभी नहीं आएगा, आज तो अभी करेंगे।

और वो पूनम के स्तन दबाने लगी, जिससे उसे भी मस्ती चढ़ गई और वो भी उसे चूमने लगी। मुझे पता नहीं था कि वो दोनों रात एक दूसरी की प्यास बुझाती हैं मेरे सोने के बाद ! क्यूंकि हम तीनों एक ही कमरे में सोते हैं।

पूनम- यार ! काश कोई लड़का हमारे साथ होता तो कितना मजा आता !

राखी- अरे कोई लड़का क्यों ? हमारा नवीन ही क्यों नहीं?

पूनम- अरे वो तो हमारा भाई है ! वो हमें थोड़े ही चोदेगा !

राखी- क्यों नहीं चोदेगा ? क्या उसका लंड नहीं है ? मैंने कई बार देखा है उसका बाथरूम में से ! बहुत बड़ा है !

मैं उनकी बातें सुन कर धीरे से बाथरूम की तरफ चल पड़ा क्योंकि मुझ से अब रहा नहीं जा रहा था जैसे ही मैं बाथरूम में पंहुचा, राखी पूनम से बोली- चल बाथरूम में चलते हैं, साथ नहायेंगे !

यह सुनते ही मैं बाथरूम में परदे के पीछे छुप गया और वो दोनों वहाँ आ गई, दोनों नंगी थी और एकदम गोरी चिकनी !

वो दोनों टब में बैठ गई और एक दूसरे की चूत को मसलने लग गई, कभी स्तन मसलती कभी चूत में ऊँगली करती !

राखी- अगर नवीन भी हमारे साथ मिल जाये तो हमें न तो देर रात तक जागना पड़ेगा और हमारे लंड लेने की भी जरुरत पूरी हो जायेगी। मैं तो उसे पटाने के लिए आज रात से ही कोशिश शुरू कर दूंगी। कभी नींद के बहाने उसके ऊपर हाथ रखूंगी कभी टांग, कभी उसके लंड पर हाथ रखूंगी।

पूनम- तो फिर मैं भी उसे पटाने की पूरी कोशिश करुँगी पूरी रात और दिन में भी, पर ध्यान रखना कहीं माँ को पता न चल जाये। अरे यह क्या कर रही है तू? जरा जोर से उंगली डाल चूत के अन्दर पूरी डाल दे ! आह ! बहुत मजा आ रहा है ! ओ नवीन ! मैं झड़ने वाली हूँ ! आह ! जल्दी कर !

राखी- और कैसे करूँ? पूरी तो दे दी है ! अब तो नवीन ही दे सकता है आगे ! मेरी चूत में भी पूरी डाल दे ! आह मेरा भी निकलने वाला है ! आह ! आह ! ऊउऊ डाल दे पूरी ! दो डाल दे !

मेरा भी अपने आप ही निकलने वाला हो गया था उनकी मस्त चूत देख कर और बातें सुन कर !

कुछ देर में वो दोनों चली गई और टीवी देखने लग गई। मैं भी अपना माल निकाल कर अपने कमरे में आ गया और सो गया। मुझे सपने में भी उनकी बातें सुन रही थी। मैं कुछ देर बाद बाहर चला आया और उन दोनों के बीच में बैठ गया। मेरी टाँगें उन दोनों की टांगो के साथ लग गई और मैंने पूनम से रिमोट माँगा तो उसने पूछा- नवीन तुम कब आये?

मैंने उससे कहा- मुझे आये हुए एक घंटा हो गया !

तो उन दोनों का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

पूनम- तो अब तक कहाँ थे?

मैंने कहा- अपने कमरे में सो रहा था !

मैंने उससे दुबारा रिमोट माँगा तो वो बोली- मेरा सीरियल आ रहा है !

तो मैंने उसे छूने के लिए उसके हाथ से रिमोट छीनना चाहा पर वो थोड़ा पीछे हट गई और मेरे हाथ उसके वक्ष पर लग गए। उसने मेरी तरफ तिरछी नजर से देखा तो मैंने अपने हाथ हटा लिए और ऐसे दिखाया कि जैसे मुझे कुछ पता ही न हो।और दोबारा उठ कर उसकी तरफ बढ़ा तो वो और पीछे सरक गई। जब मैंने उस पर झपटी मारी तो उसने रिमोट राखी की तरफ फ़ेंक दिया। जैसे ही में उसके ऊपर गिरा तो उसने हटने की कोई कोशिश नहीं की और मैं उसके ऊपर गिर गया। मुझे समझ में आ गया कि वो मुझे पटाना चाहती है इसलिए मैं भी उसके ऊपर से हटा नहीं तो उसने मुझे थोड़ा सा धक्का दिया जिससे मैं उसे पकड़े हुए उसके साथ ही गिर गया। वो मेरे ऊपर थी जिससे उसके स्तन मेरे सीने से टकरा रहे थे। उसने अब भी उठने की कोई कोशिश नहीं की। मैंने उसे उठाने के बहाने उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और उसे अपने ऊपर से उठा दिया।

वाह क्या नरम गरम स्तन थे !

और खुद भी उठ कर बैठ गया।

राखी ने रिमोट अपने टॉप के नीचे ब्रा में छुपा रखा था। मैंने जब राखी से रिमोट माँगा तो उसने कहा- मेरे पास रिमोट नहीं है !

तो मैंने उससे कहा- मुझे पता है कि रिमोट कहाँ है, तू मुझे अपने आप दे दे, वरना मैं छीन लूँगा।

उसने कहा- मेरे पास नहीं है ! अगर है तो तुम छीन लो !

और अपने दोनों हाथ हवा में उठा दिए, जिससे मुझे रिमोट उसके टॉप में साफ दिख गया। मैंने भी उसके स्तन छूने थे इसलिए उससे दोबारा रिमोट नहीं माँगा और सीधा उसके पास आकर उसके टॉप में हाथ डाल दिया। राखी ने मेरी तरफ देखा पर कहा कुछ नहीं ! बस थोड़ा सी पीछे हट गई। मैंने अपना हाथ उसके टॉप के और अन्दर तक डाल दिया और मेरे हाथ उसके स्तनों पर लगे। जैसे ही मेरे हाथ उसके बूब्स पर लगे, पूनम ने पीछे से मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर गिर गई जिससे राखी मेरे नीचे और पूनम मेरे ऊपर और मेरा हाथ राखी के टॉप के अन्दर था, जिसे पूनम ने रिमोट पकड़ने के बहाने ऊपर से पकड़ लिया और मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दब गया।

पूनम ने मेरा हाथ ढीला छोड़ कर दोबारा उसके बूब्स पर दबा दिया जिससे राखी के मुँह से सिसकारी निकल गई। जब मैंने दोबारा रिमोट पकड़ कर हाथ बाहर निकलना चाहा तो पूनम ने एकदम मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दबा कर और साथ ही उसके टॉप को पकड़ कर बाहर खींचा तो राखी का टॉप ऊपर से फट गया और उसके बूब्स बाहर आ गए।

वो तो आँखें बंद करके लेटी थी इसलिए उसे पता नहीं चला और न ही पूनम ने उसे बताया उसके बूब्स मेरे सामने थे।

और मैंने उन्हें देखते हुए पूनम की तरफ देखा तो उसने आँखों के इशारे से पूछा- क्या देख रहे हो?

तो मैंने राखी के बूब्स की तरफ हाथ कर दिया तो पूनम ने राखी के एक बोबे को पकड़ कर मसल दिया जिससे उसके मुँह से आह निकल गई। पूनम ने राखी के टॉप को पकड़ कर पूरा फाड़ दिया तो उसने आँखे खोली और उठ कर खड़ी हो गई जिससे उसका फटा टॉप नीचे गिर गया और बूब्स बाहर निकल आये।

उसने हमसे पूछा- टॉप किसने फाड़ा?

पूनम ने मेरा नाम ले लिया। राखी अपने नंगे बूब्स में ही मेरे पीछे भागी।

मैंने उससे कहा- मैंने नहीं, पूनम ने यह सब किया है।

राखी- बूब्स तो तुम ही मसल रहे थे, तो पूनम ने कैसे किया है? सीधे क्यों नहीं कहते कि तुम्हें मजा आने लगा था और तुमने मेरे बूब्स देखने और चूसने के लिए मेरा टॉप फाड़ दिया। मुझसे कह देते तो मैं उतार देती, पर फाड़ क्यों दिया ? मेरा नया टॉप था !

पूनम- हाँ राखी ! नवीन ने ही तुम्हारे बूब्स मसलने के लिए तुम्हारा टॉप फाड़ दिया। तुम मुझ से कह देते तो मैं अपना टॉप उतार देती ! तुम्हारे लिए क्या हम अपने कपड़े भी नहीं उतार सकते ! क्या तुमसे अपने बूब्स नहीं मसलवा सकते ! जिन्हें आज नहीं तो कल कोई और मसलेगा !

और यह कहते हुए पूनम ने भी अपना टॉप उतार दिया और अपने बूब्स मेरी तरफ कर के खड़ी हो कर बोली- लो तुम्हें मसलना है तो मसलो ! चूसना है तो चूसो ! पर मैं अपना टॉप नहीं फड़वाना चाहती !

राखी मेरे पास आकर बोली- डरो नहीं ! माँ शाम से पहले नहीं आएगी ! और अपना एक बूब मेरे हाथ से लगा दिया।

उन दोनों के बूब्स देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ लगाया जो अब पैन्ट फाड़ने के लिए तैयार था।

पूनम- नहीं उसे हाथ मत लगाओ उसे हम हाथ लगायेंगे।

मैंने राखी के बूब्स मसलते हुए कहा- हाथ लगाना है तो लगाओ ! मुझे भी अपनी पैन्ट नहीं फ़ाड़नी !

और फिर वो दोनों हंस पड़ी। राखी ने आकर मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने लगी। मैं भी अपना लंड आगे निकल के राखी के बूब्स चूस रहा था। राखी ने मेरी शर्ट उतार दी, मेरे होंठों से अपने होंठ लगा के चूसने लगी। मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। पूनम मेरा लंड छोड़ कर मुझे सोफे की तरफ खींचने लगी और हम तीनों सोफे पर आ गए। मैं राखी के होंठों और बूब्स को चूस रहा था और पूनम मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी। पर लंड उसकी नई चूत होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था।

मैंने राखी को हटा कर पूनम की चूत पर अपना हाथ रख के उसे सीधे लेटने के लिए कहा तो वो सीधी लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा तो लंड की टोपी उसकी चूत में चली गई और उसकी जोर से चीख निकल गई। पूनम पीछे हटने लगी तो मैंने आगे से उसे पकड़ते हुए राखी से पूनम को पकड़ने के लिए कहा तो उसने पीछे आकर उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स मसलने लगी। कुछ देर बाद मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो लंड आधा चूत में चला गया। पर इस बार पूनम की चूत में से खून निकल आया और उसके आंसू भी निकल गए।

पूनम के आंसू और खून देख कर राखी भी घबरा गई पर मैंने उसे समझाया- पहली बार ऐसा होता है !

और मैंने एक दो धक्कों में अपने पूरा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर रुक कर धक्के लगाने लगा तो पूनम भी मस्त हो गई और मेरा साथ देने के लिए नीचे से अपनी गांड उछालने लगी। जब मैंने जोर जोर से पूनम की चूत में धक्के लगाये तो वो अपने परम आनन्द पर पहुंच गई और निढाल हो गई।

फिर राखी ने मुझ से कहा- अब इसे छोड़ दो और मेरी चूत में डालो !

तो मैंने लंड पूनम की चूत में से निकल लिया और राखी को सीधा सोफे पर लिटा कर अपने खून से भरे लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया तो फ़च की आवाज के साथ उसकी चीख निकल गई। मैंने तभी दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत से खून की धार निकल के सोफे पर पड़ने लगी। कुछ देर मैं ऐसे रुक उसके बूब्स मसलने लगा तो थोड़ी देर में ही उसका दर्द ठीक हो गया और मैं धक्के लगाने लगा। वो भी जोर जोर से मेरा साथ देने लगी। उसके निप्प्ल भी बुरी तरह से कड़े हो गए थे। मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है।

तभी राखी जोर जोर से धक्के लगाने लगी और फिर कांपती हुई शांत हो गई।

मैं भी जोर जोर से धक्के मारता हुआ राखी की चूत में शांत हो गया।

फिर हम आधे घंटे तक वहीं सोफे पर पड़े रहे और जब मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चला तो मैंने देखा कि उन दोनों से उठा भी नहीं जा रहा था। Hindi Sex Stories

Antarvasna

हाय! मैं हूँ मोहित, मैं धरन, नेपाल में Antarvasna रहता हूँ। ये मेरी अंतरवासना के लिये दूसरी कहानी है। ये कहानी यहां से शुरु होती है …

सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है। बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस सोनम मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट। अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ। किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।

मैं नया नया आया था। इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था। पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाओं में मेरा सारा जोश काफूर हो गया। अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले दया ऊपर वाली की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया। आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।

अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि सोनम मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”। वो बोलीं “बस ऐसे ही घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”। हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए। मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो। मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया। अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था। मुझे सोनम मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।

मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया। पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी। जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था। हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर सोनम मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो। उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंग पारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी। उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे।

अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पीछे चलता रहा। मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाओं में चल रहे थे। पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं। बडा ही गुदाज बदन था सोनम मैडम का।

लैब तक पहुंचते पहुंचते मेरी हालत खराब हो गई थी और मुझे लगने लगा कि अब और नहीं रूका जाएगा। लैब के दरवाजे पर पहुंच कर मैडम एकाएक रूक कर पलटी और मुझसे ऊपर की सेल्फ के केबल कनेक्शन जांचने को कहा। उनकी इस अचानक हरकत से मैं संभल नहीं पाया और अपने आप को संभालने के लिए अपने हाथ उनकी कमर पर रख दिए। मैडम ने एक दबी मुस्कराहट के साथ कहा “कोई शैतानी नहीं” और मेरे हाथ अपनी कमर से हटा दिए। मैंने झेंपते हुए उनसे माफी मांगी और लैब में ऊपर की सेल्फ से कम्प्यूटर हटाने लगा। मैडम भी उसी सेल्फ के पास झुककर नीचे के केबल देखने लगी। उनकी साडी का पल्लू सरक गया जिससे कि उनकी चूचियों का नजारा मेरे सामने आ गया। हाय क्या कमाल की चूचियां थीं।

एक पल को तो लगा कि दो चांद उनकी चोली में से झांक रहे हों। वो ब्रा नहीं पहने थी जिससे कि चूची दर्शन में कोई रूकावट नहीं थी। और काम करना मेरे बस में नहीं था। मैं खडे खडे उस खूबसूरत नजारे को देखने लगा। चोली के ऊपर से पूरी की पूरी चूचियां नजर आ रही थीं। यहां तक कि उनके खडे गुलाबी निप्पल भी साफ मालूम दे रहे थे। शायद उन्हें मालूम था कि मैं ऊपर से फ्री शो देख रहा हूं। इसीलिए मुझे छेडने के लिए वो और आगे को झुक गई जिससे उनकी पूरी की पूरी चूचियां नजर आने लगीं। हाय क्या नजारा था। मैं खुशी खुशी चूचियों की घाटी में डूबने को तैयार था। ऐस लगता था मानो दो बडे बडे कश्मीरी सेव साथ साथ झूल रहो हों। एकाएक मैडम ने अपना सर ऊपर उठाया और मुझे अपनी चूचियों को घूरते हुए पकड लिया। जब हमारी नजर मिली तो अपने निचले होठ को दांतों में दबा कर मुस्कराते हुए बोली “ऐ क्या देखता है”। मैं सकपका गया और कुछ भी नहीं बोल पाया। मैडम ने मेरे चूतडों पर हल्की सी चपता जमा कर कहा ” शैतान कहीं के। फ्री शो देख रहा है”।

मेरा चेहरा लाल हो गया उनके मुस्कराने के अन्दाज से मैं और भी उत्तेजित हो गया और मेरा लौंडा जीन्स के अन्दर ही तन कर बाहर निकलने को बेचैन होने लगा। मैंने अपनी जीन्स को हिला कर लन्ड को ठीक करने की कोशिश की पर मुझे इसमें कामयाबी नहीं मिली। लन्ड इतना कडा हो गया था कि पूछो मत। बस ऊपर ही ऊपर होता जा रहा था और मेरी जीन्स उठती ही जा रही थी। मैडम ने मेरी परेशानी भांप ली और शरारती मुस्कराहट के साथ बोली “ये तुमने पैन्ट में क्या छुपाया है जरा देखूं तो मैं भी” जब तक मैं कुछ बोलूं उन्होंने खडे होकर मेरे लन्ड को पकड लिया और पैन्ट के ऊपर ही से कस कर दबा दिया। “हाय बडा तगडा लगता है तुम्हारा तो। बडा बेताब भी है। बस ऐसा ही लन्ड तो मुझे पसन्द है”।

मैं तो हक्का बक्का रह गया। मैडम सोनम मेरे साथ फ्लर्ट कर रही हैं। मिस आइस मैडेन का यह गरम रूख देख कर मेरी तो बोलती ही बन्द हो गई और मैं उनकी हरकतें देखता रह गया। चूंकि मैं टेबल के ऊपर खडा था इस लिए मेरा लन्ड उनके मुंह की ठीक सीध में था। वो अपने चेहरे को और पास लाईं और पैन्ट के ऊपर ही से मेरे लन्ड को चूमते हुए बोली “इसे जरा और पास से देखूं तो क्यों इतना अकड रहा है” ऐसा कहते हुए मैडम सोनम ने मेरी जीन्स की जिप खोल दी। मैं आम तौर पर अन्डरवियर नहीं पहनता हूं। लिहाजा जिप खुलते ही मेरा लन्ड आजाद हो गया और उछलकर उनके चेहरे से जा टकराया।

“हूं ये तो बडा शैतान है। इसे तो सजा मिलनी चाहिए” मैडम ने अपने सेक्सी मुंह को खोला और मेरे सुपाडे को अपने रसीले होठों में दबा लिया। मैं तो मूक दर्शक बन कर सातवें आसमान में पहुंच गया था। जिस मैडम सोनम के पीछे सारा आफिस दीवाना था और जिनके बारे में सोच सोच कर मैंने भी औरों की तरह कई कई बार मुठ मारी थी यहां एक रंडी की तरह मेरा लौंडा चूस रही थी। मैंने मैडम का सर पकड कर अपने लौंडे पर दबाया और साथ ही साथ अपने चूतडों को आगे धक्का दिया। एक ही झटके में मेरा पूरा लन्ड मैडम के मुंह में कंठ तक घुस गया। उनका दम घुटने लगा और उन्होंने अपना सिर थोडा पीछे किया। मुझे लगा कि अब मैडम मुझे मेरे उतावलेपन के लिए डांटेगीं।

मैं बोला “सोरी मैडम मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया”। उन्होंने बोलने से पहले मेरा लन्ड अपने मुंह से निकाला और मुस्कुराई “धत पगले। मैं तुम्हारी हालत का अन्दाजा लगा सकती हूं। लेकिन ये मैडम मैडम क्या लगा रखी है। तुम मुझे सोनम कह कर बुलाओ ठीक है ना। अब मुझे अपना काम करने दो”। ऐसा कह कर मैडम ने एक हाथ में मेरा लन्ड पकडा और शुरू हो गई उसका मजा लेने में। वो लन्ड को पूरा का पूरा बाहर निकाल कर फिर दोबारा अन्दर कर लेती। मैं भी धीरे धीरे कमर हिला हिला कर उनका मुंह चोदने लगा। कुछ देर बाद वो बोली “बस इसी तरह खडे खडे कमर हिलाने में क्या मजा आएगा। थोडा आगे बढो”।

मैंने उनका इशारा भांप लिया और पहले उनके गालों को सहलाया। फिर धीरे धीरे हाथो को नीचे खिसकाते हुए उनकी गर्दन तक पहुंचा और उनकी चोली का स्ट्रैप खोल दिया। दोनों मस्त चूचियां उछल कर बाहर आ गई। मैडम ने भी मेरी जीन्स खोल दी और बिना लन्ड मुंह से बाहर किए नीचे उतार दी। फिर लन्ड चूसते हुए वो अपनी चूचियों को मेरी जांघों पर रगडने लगी। मैंने थोडा झुक कर उनकी चूचियों को पकडा और कस कस कर मसलने लगा। जल्द ही हम दोनों काफी उत्तेजित हो गए और हमारी सांसें तेज हो गई। मैं बोला “मैडम मैं पूरी तरह से आपको मजा नहीं दे पा रहा हूं। अगर इजाजत हो तो मैं भी नीचे आ जाऊं।” मैडम ने मुझे गुस्से से देखा और हौले से सुपाडे को काट लिया। वो बोली “तुम मेरी बात नहीं मान रहे हो। अगर मैं बोलती हूं कि मुझे सोनम कह कर पुकारो तो तुम मुझे सोनम ही कहोगे मैडम नहीं।”

मैं बोला “सॉरी सोनम अब तो मुझे नीचे आने दो।” सोनम ने मेरा हाथ पकड कर नीचे उतरने में मदद की। नीचे आते ही मैंने उनके चूतडों को पकडा और अपने पास खींच कर होठों को चूमने लगा। अब मैं उनके होठों को चूसते हुए एक हाथ से चूतड सहला रहा था जबकि मेरा दूसरा हाथ उनकी चूचियों से खेल रहा था। सोनम मेरे लन्ड को हाथ में पकड कर सॉफ्ट टॉय की तरह मरोड रही थी। मैंने सोनम की साडी पकड कर खींच दी और पेटीकोट का भी नाडा खोल कर उतार दिया। सोनम ने भी मेरी टी शर्ट उतार दी और हम दोनों ही पूरी तरह नंगे हो गए। एक दूसरे को पागलों की तरह चूमते हुए हम वहीं जमीन पर लेट गए। चूत की खुशबू पा कर मेरा लन्ड फनफनाने लगा। सोनम भी गर्म हो गई थी और अपनी चूत मेरे लन्ड पर रगड रही थी। हम दोनों एक दूसरे को कस कर जकडे हुए किस करते हुए कमरे के कालीन पर लोट पोट हो रहे थे। कभी मैं सोनम के ऊपर हो जाता तो कभी सोनम मेरे ऊपर। काफी देर तक यूं मजे लेने के बाद हम दोनो बैठ कर अपनी फूली हुई सांसों को काबू में करने की कोशिश करने लगे।

सोनम ने अपने बाल खोल दिए। मैं बालों को हटा कर उनकी गर्दन को चूमने लगा। फिर दोबारा उनके प्यारे प्यारे होठों को चूमते हुए उनकी चूचियों से खेलने लगा। सोनम मेरा सिर पकड कर अपनी रसीली चूचियों पर ले गई और अपने हाथ से पकड कर एक चूची मेरे मुंह में डाल दी। मैं प्यार से उनकी चूचियों को बारी बारी से चूमने लगा। वो काफी गरम हो गई थी और मुझे अपने ऊपर ६९ की पोजिशन में कर लिया। मैं उनकी रसीली चूत का अमृत पीने लगा। सोनम अपनी जीभ लपलपा कर मेरे लौंडे को चूसे जा रही थी। जब भी हम में से कोई भी झडने वाला होता तो दूसरा रूक कर उसको संभलने का मौका देता। कई बार हम दोनों ही किनारे तक पहुंच कर वापस आ गए। हमारी वासना का ज्वार बढता ही जा रहा था और बस अब एक दूसरे में समा जाने की ही बेकरारी थी।

सोनम ने मुझे अपने ऊपर से उठाया और खुद चित्त हो कर लेट गई। अपने दोनों पैर उठा कर अपने हाथों से पकड लिए और मुझे मोर्चे पर आने को कहा।मैंने भी सोनम के दोनों पैरों को अपने कन्धों पर टिकाया और लन्ड को उसकी चूत के मुंह पर रख कर धक्का लगाया। मेरा लोहे जैसा सख्त लौंडा एक ही झटके में आधा धंस गया। सोनम के मुंह से उफ की आवाज निकली पर अपने होठों को भींच कर नीचे से जवाबी धक्का दिया और मेरा लन्ड जड तक उसकी चूत में समा गया। फिर मेरी कमर पर हाथ रख कर मुझे थोडा रूकने का इशारा किया और बोली “तुम्हारा लन्ड तो बडा ही जानदार है। एक झटके में मेरी जान निकाल दी। अब थोडी देर धीरे धीरे अन्दर बाहर कर के मजा लो।”

सोनम के कहे मुताबिक मैं धीरे धीरे उसकी चूत में लन्ड अन्दर बाहर करने लगा। चूत काफी गीली हो चुकी थी इसलिए मेरे लन्ड को ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही थी। मैं धीरे धीरे चूत चोदते हुए सोनम की मस्त चूचियों को भी मसल रहा था। बडी ही गजब की चूचियां थी उसकी। एक हाथ में नहीं समा सकती थी। पर इतनी कडी मानो कन्धारी अनार। वो चित्त लेटी हुई थी पर चूचियों में जरा भी ढलकाव नहीं था और हिमालय की चोटियों की तरह तन कर ऊपर को खडी थी। उत्तेजना की वजह से उसके डेढ इन्च के निप्पल भी तने हुए थे और मुझे चूसने का आमन्त्रण दे रहे थे।

मै दोनों निप्पलों को चुटकी में भर कर कस कस कर मसल रहा था। सोनम भी सिसकारी भर भर कर मुझे बढावा दे रही थी। आखिर मुझसे नहीं रहा गया और उसके पैरों को कन्धे से उतार कर जमीन पर सीधा किया और उसके ऊपर पूरा लम्बा होकर लेट गया। सोनम ने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को पकड कर पास पास कर लिया और मैं दोनों निप्पलों को एक साथ चूसने लगा। ऐसा लग रहा था कि सारी दुनिया का अमृत उन चूचियों में ही भरा हो। मैं दोनों हाथों से चूचियों को मसल रहा था। चूचियों की मसलाई और चुसाई में मैं अपनी कमर हिलाना ही भूल गया। तब सोनम अपने हाथ नीचे करके मेरे चूतडों पर ले गई और उन्हें फैला कर एक उंगली मेरी गान्ड में पेल दी। मैं चिहुंक गया एक जोरदार धक्का सोनम की चूत में लगा दिया। सोनम खिलखिला कर हंस पडी और बोली “क्यों राज्जा मजा आया। अब चलो वापस अपनी ड्यूटी पर।”

सोनम का इशारा समझ कर मैं वापस कमर हिला हिला कर उसकी चूत चोदने लगा। सोनम भी नीचे से कमर उठाने लगी और धीरे धीरे हम दोनों पूरे जोश के साथ चुदाई करने लगे। मैं पूरा लन्ड बाहर खींच कर तेजी से उसकी चूत में पेल देता। सोनम भी मेरे हर शॉट का जवाब साथ साथ देती। पूरे कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी। जैसे जैसे जोश बढता गया हमारी रफ्तार भी तेज होती गई। आखिर उसकी चूचियों को छोड मैंने उसकी कमर को पकड कर तूफानी रफ्तार से चुदाई शुरू कर दी। सोनम भी कहां पीछे रहने वाली थी। वो भी मेरी गर्दन में हाथ डाल कर पूरे जोश से कमर उछाल रही थी। अब ऐसा लगने लगा था कि हम दोनों ही अपनी अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे पर सोनम तो एक्सपर्ट चुदक्कड थी और अभी झडने के मूड में नहीं थी। उसने अपनी कमर को मेरी कमर की दिशा में ही हिलाना शुरू दिया। इससे लन्ड अन्दर बाहर होने के बजाए चूत के अन्दर ही रह गया। मेरी पीठ पर थपकी दे कर उन्होंने रफ्तार कम करने को कहा और बोली “थोडा सांस ले ले फिर शुरू होना। इतनी जल्दी झडने से मजा पूरा नहीं आएगा।”

मैंने किसी तरह अपने को संभाल कर रफ्तार कम की। मैं अब उसके रसीले होठों को चूसते हुए हौले हौले चोदने लगा। जब हम दोनों की हालत संभली तो दोबारा सोनम ने फुल स्पीड चुदाई का इशारा किया और फिर से मैं पहले की तरह चोदने लगा। रूक रूक कर चुदाई करने में मुझे भी मजा आ रहा था। हमारी इस चुदाई का दौर आधा घन्टे से भी ज्यादा चला। कई बार मेरे लन्ड में और उसकी चूत में उफान आने को हुआ और हर बार हमने रफ्तार कम करके उसे रोक लिया। हाालांकि कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनो पसीने से नहा गए। आखिर सोनम ने मुझे झडने की इजाजत दी। मैं तूफान मेल की तरह उसकी चूत में धक्के लगाने लगा। वो भी कमर उछाल उछाल कर मेरी हर चोट का जवाब देने लगी। चरम सीमा पर पहुंच कर मैं जोर से चिल्लाया “सोनमआआआआ आआआआ मेरी जान। मैं आया” और उसकी चूत में जड तक लन्ड घुसा कर अपना सारा उफान उसके अन्दर डाल दिया। सोनम ने भी मेरी पीठ पर अपने पैर बांध कर मुझे कस कर चिपका लिया और चीखती हुई झड गई। Antarvasna

प्रेषिका : सीमा शर्मा Hindi Sex Stories

मेरा नाम सीमा है, उमर २२ साल, कद Hindi Sex Stories लम्बा, करीब ५ फ़ुट ३ इंच, रंग गोरा, बटाला और मैं अंग्रेज़ी से एम ए में पहले साल में हूँ और मेरी बहिन ऋचा उम्र २३ साल कद मुझ से थोड़ा छोटा ५ फ़ुट, मुझ से एक साल बड़ी है और वह मुंबई में कॉल सेण्टर में नौकरी करती है।

आज जो बात लिखने जा रही हूँ मुझ को बताते हुए बड़ी शर्म आ रही है।

बात आज से एक महीने पहले की है।

मेरी बहन एक महीने पहले ऑफिस से छुट्टी लेकर आई हुई थी। जब हम दोनों सो रहे थे तो दीदी के मोबाइल पर रात के करीब १०:३० बजे एक मिस्ड कॉल आई। तब दीदी ने कॉल देखी और उसी नंबर पर कॉल कर के बात करने लगी कि अभी तो मुझ को मासिक-धर्म ठीक से हुआ है अगर जरुरत पड़ी तो गोली ले लूँगी।

मैने पूछा- क्या बात है दीदी ऐसी बातें आप किस से कर रही हो?

दीदी- कुछ नहीं ! तू सो आराम से !

बस इतनी बात कर मैं भी सो गई।

अगले दिन हमारा चाचे का बेटा, नाम राहुल, उम्र २७ साल, कद ५ फुट ७ इंच, रंग सांवला अपनी नौकरी के सिलसिले में आया हुआ था। वह अब एक अच्छा डॉक्टर बन चुका था और एक सरकारी नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू देने आया था। वह हम सबसे मिलने सुबह करीब ११ बजे आया।

नमस्ते ताया जी ! नमस्ते ताई जी ! क्या हाल है ? राहुल ने मम्मी पापा को बड़े जोश से पूछा।

बिलकुल ठीक है पुत्तर – दोनों ने कहा।

सीमा और ऋचा कहाँ पर हैं ?

मेरी मम्मी ने कहा- बेटा, अपने कमरे में होंगी, जा के देख ले, अच्छा बाकी सब बता, सब ठीक है? तेरी इंटरव्यू कैसी हुई? मैन्नू तेरी माँ दा फ़ोन आया सी, ताँ तो पता चला कि तू आ रहा है।

ओह ! ओह ! इतने सारे सवाल ! पहले सीमा और ऋचा से तो मिल लूं !

यह कहता हुआ राहुल हमारे कमरे में बिना दरवाज़ा खटकाए घुस आया।

मैं आगे खड़ी थी और वह एकदम से गले लग गया और जोर से उसने मेरे बूब्स को अपनी छाती साथ लगाया। एकदम से मेरे बदन में करंट दौड़ गया, मैंने एकदम से उसको अपने से पीछे हटाया- क्या कर रहे हो राहुल ?

ओह ! सॉरी मैं भूल गया था कि तुम जवान हो गई हो !

फिर वह दीदी के पास जाने लगा तो दीदी ने आगे बढ़ कर कर उस के गालों पर चूम लिया।

दीदी बोली- अब ठीक है !

राहुल बोला- मजा आ गया !

इतनी देर मैं मम्मी राहुल के लिए दूध ले कर आ गई।

राहुल बोला- क्या ताई ! यह उम्र क्या दूध पीने की है ? सेब खिलाओ, सेब !

सेब इन दिनों मैं कहाँ से लाऊँ ? मार्केट में बस केले ही मिल रहे हैं – मम्मी बोली राहुल से।

क्या ताई घर में ६ सेब मौजूद हों तो बाहर से खाने की क्या पड़ी है ? – राहुल बोला।

क्या मतलब ? मम्मी ने राहुल से बड़ी हैरानी से पूछा।

ताई दो सेब तो ताया जी चूसते हैं ! दो सेब आपने मुंबई भेज दिये और दो सेब यहाँ पर हैं वोह मुझ को दे दो !- राहुल मम्मी से बोला।

मुझ को तेरा मतलब समझ नहीं आया ? मम्मी ने राहुल को पूछा।

क्या ताई आप भी बड़ी भोली बनती हो?- राहुल आगे बढ़ा और मम्मी के ब्लाऊज़ के अन्दर देखने लगा।

क्योंकि मम्मी ने गहरे गले वाला ब्लाऊज़ पहन रखा था और जिसके अन्दर से मम्मी की ब्रा साफ़ साफ़ दिख रही थी और मम्मी के बूब्स आधे नंगे थे, क्योंकि हमारे घर में कोई लड़का नहीं था तो मम्मी ने भी कभी ऐसा ब्लाऊज़ न पहनने का न सोचा।

तभी मम्मी ने एकदम से ब्लाऊज़ को अपनी साड़ी के पल्लू से ढाका- चल हट ! शरारती कहीं का ! मम्मी ने थोड़ा हंस के और थोड़ा शरमा कर उसको पीछे किया।

तब सारे हँस दिए और बात को ख़त्म कर दिया गया। मगर सच बात यह थी कि उस वक़्त मुझ को राहुल की बात समझ नहीं आई थी, बाकियों को हँसता हुआ देख मैं भी हँस दी, मगर मेरे मन में बात चलती रही कि बात क्या हुई।

इस तरह से एक हफ्ता बीत गया।

फिर उसी तरह से दीदी को रात को करीब १०:३० बजे कॉल आई।

अब ठीक है ! परेशानी की कोई बात नहीं – दीदी ने कहा और फ़ोन काट दिया।

मैंने फिर दीदी से पूछा- क्या बात है?

मगर दीदी ने फिर वही जवाब दिया कि तुम सो जाओ !

मगर मैं सोती कैसे ! मेरे मन में बेचैनी थी कि पता नहीं बात क्या है !

सो मैने भी ठान ली कि आज बात जान कर ही रहूंगी ! मेरे सोचते सोचते २० मिनट निकल गए।

तब मैंने देखा कि दीदी उठी, तब शायद रात के १२:१५ बजे ही थे, कमरे में अँधेरा था, अंधेरे में ही दीदी ने मुझको टटोला कि क्या मैं अच्छी तरह से सो गई हूँ। मगर मैं सोई नहीं थी, मैने तो सिर्फ अपनी आँखें बंद कर रखी थी।

मैंने ध्यान से देखा की दीदी ने तब अपनी नाईटी उतार दी और फिर अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। अब वह पूरी तरह से नंगी थी और फिर उसने हमारे कमरे को अन्दर से लॉक कर दिया, फिर वह हमारे बेड पर आ गई, फिर उसने अपना मोबाइल उठाया और कुछ देखने लग गई।

मोबाइल की रोशनी से दिख रहा था कि दीदी पूरी तरह से नंगी हुई हुई थी, यह देख मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मगर उठती कैसे, क्योंकि मैंने दीदी को इस अवस्था में पहली बार देखा था। दीदी ने अपना मुँह मेरे से उल्टी तरफ किया और अब दीदी की नंगी पीठ मेरी तरफ थी। मेरे मन में उत्तेज़ना थी कि क्या हो रहा है !

तब मैने बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटाई और देखा कि मोबाइल में क्या चल रहा है !

वह देख मैं तो दंग रह गई- मोबाइल में लड़कों और लड़कियों की नंगी तस्वीरें थी। तब दीदी की नज़र मुझ पर पड़ी और एकदम से घबरा गई। फिर हम दोनों में १ मिनट की चुप्पी छाई रही और फिर दीदी एकदम से मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे नाईट-गाऊन के सारे बटन खोल दिए। दीदी जानती थी कि मैं रात को ब्रा और पैंटी नहीं पहनती क्योंकि मुझ को रात को इससे बड़ा आराम मिलता है।

अब मैं और मेरी दीदी पूरी तरह से नंगे थे और दीदी मेरे ऊपर थी। मुझे बहुत अजीब सा और अच्छा भी लग रहा था।

फिर दीदी ने मेरे बाएँ स्तन को चूसना शुरू किया।

ओह ! मैंने कहा- दीदी यह क्या कर रही हो?

क्यों मजा नहीं आ रहा ? दीदी ने मुझ से पूछा।

अब मैं उसको ना , ना कह सकी ! असल में मजा तो आ रहा था। मैं चुप रही।

फिर क्या था, उसने अपने होंट मेरे होंटों पर रख दिए और चूसने लगी।

बहुत मजा आ रहा था। दीदी ने फिर मेरे बूब्स को चाटा, फिर उनको चूसा !

फिर मेरे पेट को अपनी जीभ से साफ़ किया, फिर वह नीचे बढ़ी और मेरी घुटनों से पकड़ कर मेरी टाँगें खोल दी।

यह क्या ? बड़े बाल हैं साफ़ नहीं करती क्या ? उफ़ ! – दीदी ने कहा।

“सारा मजा खराब कर दिया !” फिर से कहा दीदी ने !

फिर दीदी रुकी और मेरे साइड पर बैठ गई और बोली, ” यार तेरे सेब बहुत मीठे हैं, तुझको मेरे कैसे लगे ?

मैंने उसको बड़ी हरानी से देखा,” अरे ! तेरे बूब्स तेरे सेब हैं ! राहुल इन सेबों की बात कर रहा था ! अरे यार, मम्मी के सेब रोज पापा चूसते हैं। इस उम्र में तुझको पता होना चाहिये। इस लिए तो रोज उन को कमरा बंद होता है। और तू फ़ोन कॉल की बात पूछ रही थी तो सुन मेरे से एक गलती हो गई, मैं भी अपने सेब चुसवा चुकी हूँ !”

यह कह कर उस ने मेरी तरफ देखा- हां, मैं जानती हूँ कि तुझ को यह बात सुन कर अजीब लग रहा होगा, मगर मैं सच कहूं तो मैं यह करना नहीं चाहती थी, बस हो गया ! दीदी ने कहा।

मगर हुआ कैसे ? मैने पूछा।

“मेरे ऑफिस में एक मेरा दोस्त है सुमित, मुझ को काफी अच्छा लगता है, फिर हम दोनों में दोस्ती हो गई।

फिर इक दिन १४ फरवरी को उसने मुझ को काफ़ी पीने के लिए आमंत्रित किया। हम एक रेस्तरां में चले गए। वहाँ पर जा के देखा कि वह अपना पर्स घर पर भूल आया है। मैने पैसे देने के लिए कहा, मगर वह माना नहीं इसलिए वह मुझ को पर्स लाने के बहाने से अपनी घर ले गया।

मगर जब घर के अन्दर गई तो पता लगा कि वह अकेला है। यह देख मुझको घबराहट हुई, उसने कहा कि घबराओ मत ! यह कह कर वह मुझको अपने कमरे में ले गया और कहा कि वह मेरे लिए पीने के लिए पानी लाता है। वह बाहर गया तब मैं कमरे में अकेली थी।

मैंने देखा कि उसके बेड पर नंगी तस्वीरों वाली मैगजीन थी। अभी मैं उसको देख ही रही थी कि वह पीछे से आ गया !” दीदी ने कहा।

फिर क्या हुआ ? मैंने दीदी से पूछा।

फिर क्या ? फिर उसने मुँह से सीधा-सीधा पूछ लिया,”क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी? मैं वायदा करता हूँ कि यह बात मैं किसी से नहीं कहूंगा और तुमसे ही शादी करूंगा।”- दीदी ने कहा।

फिर ? उस के बाद क्या हुआ दीदी ?- मैंने पूछा।

सच कहूं तो उस वक्त तो मैं पूरी तरह से गरम थी और मैं उसके साथ सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसको कुछ ना कहा मगर वह मेरे मन की बात समझ गया। तब मैंने उसके साथ सेक्स किया… वाह ! …… कितना मज़ा था उसमें ! … क्या आग थी !”

“अब मुझको यह तो नहीं पता कि वही तेरा जीजू बनता है या नहीं ! लेकिन मुझसे गलती तो हुई है !” दीदी ने कहा।

चल छोड़ उसको हम अपना मजा करते हैं – फिर से दीदी ने कहा।

फिर वह उठी, मेरे ऊपर पहले चद्दर दी और मुझ को इन्तज़ार करने के लिए कहा। फिर दीदी ने मेरा नाईट गाऊन पहना और फ़्रिज से बर्फ ले आई और कमरा बंद कर फिर से पूरी नंगी हो गई और मेरी चद्दर भी उतार दी।

अब हम दोनों फिर से नंगे थे !

फिर दीदी ने मेरी टाँगें खोली और मेरे चूत पर बर्फ मली।

उफ़ ! मैंने कहा।

क्या हुआ ? दीदी ने पूछा।

कुछ नहीं ! अच्छा लगा ! मैंने कहा और मैं हंस पड़ी।

मेरी बहन जवान हो गई है ! अगर मन करे तो अपनी सेब राहुल से चुसवा लियो ! अच्छा लड़का है ! दीदी ने कहा।

फिर हमने काफ़ी मस्ती की और कपड़े पहन कर सो गए।

मैं आज भी उस दिन को नहीं भूल पाई जिस दिन दीदी ने मुझ को अपना राज बताया और मुझ को भी बड़ा मजा दिया।

मैं यह मजा फिर से लेना चाहती हूँ।

आजकल राहुल बहुत याद आता है।

आप ही बताओ कि उस साथ करुँ या नहीं !

और जो मजा मैंने दीदी साथ लिया किसके साथ लूँ ?

कृपया मुझे अपना सुझाव भेजें ! Hindi Sex Stories

Sex Stories

मैं एक लड़का हूं और मेरा नाम सुरेश कुमार है।अभी मैं देल्ही में रहता Sex Stories हूं। बात उन दिनों की है जब मैं इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था।मैं ट्रेन से घर जा रहा था गर्मी की छुट्टियों में। डिब्बे में काफ़ी भीड़ थी। शाम का टाइम था मैं अपनी रिज़र्व्ड सीट पर जा कर लेट गया तो देखा कि सामने वाली सीट पर एक परिवार था जिसमें एक १९-२० साल की थोड़ी मोटी सी लड़की २४-२५ साल का पतला सा लड़का और उसकी माँ थी जिसकी उमर लगभग ४७ -४८ होगी।एकदम दुबली पतली।
वो लोग अपना समान सेट करने लगे। वो औरत मेरे पास आकर बैठ गई। मैं लेटा हुआ था। फिर पूछने लगी कि तुम कहाँ तक जाओगे मैंने कहा गुवाहाटी जाना है। तो उसने बताया कि वो लोग बिहार के किसी स्टेशन तक जाने वाले थे। फिर बोली कि तुम्हारी सीट खिड़की के पास है बड़ी अच्छी हवा आ रही है। मैं यहाँ थोड़ी देर बैठ लेती हूं। मैं उसे बात करने मैं इंटेरेस्ट नहीं ले रहा था|क्योंकि मुझे डर था कि कहीं किसी को मेरी सीट पर एड्जस्ट न कर दे। आंटी ने कहा बेटा दिल्ली से आ रहे हो। मैंने कहा हां तो वो बोली कि दिल्ली में तो बड़ी बेशरम लड़कियां रहती हैं, मैं जहाँ रहती हूं वहाँ पड़ोस मैं तीन चार लड़कियाँ रहती हैं जो ब्रा और चड्डी में ही बाहर निकल आती है ऐसे थोड़े होता है मैने कहा। वो कहने लगी कि हमारा और उनका बाल्कनी पास पास है। वो चड्डियों में ही कपड़े सुखाने चली आती हैं मैं ने कहा आंटी आप भी कैसी बात करती हो। पर पैंट में मेरा लंड फड़फड़ाने लगा था।

आंटी ने अब एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया था और सहला रही थी बात करने के साथ साथ मुझे अपने लंड पे काबू रखना मुश्किल हो रहा था। फिर धीरे धीरे अपना हाथ मेरे लंड के उपर रख दिया। साथ ही साथ वो कुछ बोलती भी जा रही थी जिससे आस पास वालों को शक न हो पर वो क्या कह रही थी मेरी समझ में बिल्कुल नहीं आ रहा था क्योंकि एक तो ट्रेन की आवाज़ हो रही थी दूसरे मेरा पूरा ध्यान अपने लंड पर था कि वो झड़ न जाए।

तभी आंटी ने धीरे धीरे मेरे पैंट की जिप खोल दी और लंड को पकड़ लिया। लंड इतना सख़्त हो रहा था कि उसमें दर्द होने लगा। आंटी बड़बड़ा रही थी कि कितना प्यारा और सख़्त लंड है, लगता है और कितना सख़्त भी। कोई भी औरत इससे चुदने को तैयार हो जायेगी मैं सोचने लगा पहली बार तो इसे किसी ने सहलाया है।तभी उसकी उंगलियों ने मेरी गोलियों की मालिश शुरू कर दी। मेरा अपने लंड पर से काबू हट गया और सारा माल इतनी तेज़ी से निकलने लगा कि बता नहीं सकता। लंड झटके पर झटके ले रहा था। जब तक आंटी ने नहीं छोड़ा जब तक की पूरा रस नहीं निकल गय।फिर लंड को थपथपाते हुए पूछा- किसी की चूत मारी है कि नहीं। जब मैं ने न कहा तो वो बोली इससे जितनी लड़कियों की चूत में डालोगे उतने ही एक्सपर्ट हो जाओगे। मैं तो अपनी साँसे ठीक करने में व्यस्त था।

तभी मेरी नज़र उपर गयी तो देखा कि उसकी बेटी हमें बड़े ध्यान से देख रही है। पर जब उसने मुझे अपनी ओर देखते हुए पाया तो एकदम नॉर्मल दिखने की कोशिश करने लगी…। Sex Stories

शेष अगले भाग में………………।

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