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Massage Girl in Kasol: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kasol who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kasol that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kasol massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kasol who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kasol massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kasol massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kasol who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kasol employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kasol helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kasol

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kasol at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Sex Stories

मेरा नाम Hindi Sex Stories रेशमा है। मैं इस्लामाबाद पाकिस्तान से हूँ। मैं विवाहित हूँ। मेरी उम्र 26 वर्ष है।

यह बात तब की है जब मैं कालेज में थी।
मुझे अपने क्लास के एक लड़के मोइन से प्यार हो गया।

हम दोनों अकसर कालेज से घूमने के लिये निकल जाते थे।
फिर दोनों पिक्चर देखने के लिये भी जाने लगे।

हम दोनों धीरे धीरे बहुत करीब आते गये।
मोइन मुझे हमेशा हाथों पर और फिर धीरे धीरे गालों पर चूम लेता था।

एक दिन उसने मुझे मेरे होठों पर चूम लिया। अब वह थोड़ा निडर हो गया था।

एक दिन उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे होठों को चूम लिया, फिर उसने मेरे कन्धों पर, फिर मेरी गर्दन को चूम लिया।
उसने मेरे उरोजों को छू लिया।

पहली बार किसी ने मेरे वक्ष को छुआ था मुझे बहुत अच्छा लगा था।

धीमे धीमे वह और आगे बढ़ गया था। अब वह अपने हाथों से मेरी जांघों को, कभी कभी वह अपने हाथों से मुझे पीछे से कमर के नीचे के भाग को दबा देता था।
मुझे बहुत मजा आता था, मैंने कभी विरोध नहीं किया।

एक दिन हम दोनों पिक्चर देखने गये। हम सबसे पीछे की सीट पर बैठे थे।

हॉल में भीड़ बहुत कम थी और हमारे आस पास कोई नहीं बैठा था।

पिक्चर शुरू होने के 10 या 15 मिनट बाद मोइन ने अपना हाथ मेरे कन्धों पर रखा और अपनी तरफ खींचा।
थियेटर में काफी अन्धेरा था।

वह मेरे गालों पर चूमने लगा उसने मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिये उसकी सांसें बहुत गर्म थी।

हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत बेताबी से चूमना शुरू कर दिया।

तभी मैंने उसका हाथ अपने दुपट्टे के नीचे महसूस किया। उसका हाथ मेरे उरोजों को कमीज के ऊपर से दबाने लगा।
इस दौरान भी वह मुझे चूम रहा था।

मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली मुझे बहुत मजा आ रहा था।

अचानक मुझे महसूस हुआ कि उसका हाथ मेरी कमीज के ऊपर के दो बटनों को खोल चुका था।
उसका हाथ मेरी ब्रा के कोनों के अन्दर मेरे स्तनों को सहला रहे थे।

धीरे धीरे उसका हाथ मेरे चुचूकों को अंगुलियों से छेड़ने लगा जिससे वे एकदम कठोर हो गये।

मैं कुछ सोच नहीं पा रही थी कि मैं क्या करूँ।
मेरे पूरे शरीर में अजीब सी तरंगें दौड़ रही थी जो कि मेरी जिन्दगी में पहली बार हुआ था।

उसने अपने हाथ को मेरी कमीज से निकाला और मेरे पेट पर रखा और इधर उधर घुमाता रहा।
फिर उसका हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगा।

मेरे अन्दर अजीब सी फीलिंग हो रही थी।

उसने अपना हाथ मेरी जांघों पर रखा और धीरे धीरे ऊपर की ओर ले गया।

उसने मेरे प्राइवेट भाग को मेरी सलवार के ऊपर से ही छूआ।
मेरे मुँह से उॅहह हहह करके आवाज निकली, मेरे पैर फैल गये और उसकी हथेली ने उस जगह को भर लिया।

अपनी अंगुलियों से वह मेरे प्राइवेट अंग को रगड़ रहा था।
उसका ऐसा करना मुझे पागल बना रहा था।

मेरा बदन मेरे वश में नहीं था, मैं अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी थी।

अचानक उसने मुझसे अपनी कमीज के बटन बन्द करने और उसके साथ बाहर चलने को कहा।
मैंने वैसा ही किया।

हमने टैक्सी ली और कॉलेज की ओर चल पड़े।

शाम हो गई थी, कॉलेज बन्द हो चुका था केवल एक-दो बच्चे थे।

हम दोनों कॉलेज के पीछे की ओर से कॉलेज की छत की ओर गये।
कॉलेज बन्द हो चुका था किसी के उधर आने की उम्मीद नहीं थी।

हमने ऐसी जगह चुनी जहाँ से हमें कोई देख नहीं पाये।

हम दोनों दीवार के सहारे खड़े हो गये और बगैर वक्त बर्बाद किये एक दूसरे को बेसब्री से चूमना शुरू कर दिया।

उसने मेरे दुपट्टे को उतार दिया। मेरी कमीज के सारे बटन खोल डाले और अपना हाथ मेरी कमीज में डालकर मेरे उरोजों को हाथ में ले लिया।

उसने इतनी जल्दी में यह सब किया कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आ पाया।

उसके इस तरह से छूने से मुझे करंट सा लगा।

उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और बड़ी बेदर्दी से मेरे स्तनों को मसलने लगा।

मेरे स्तन एकदम सख्त हो गये।

वह अब मेरे उरोजों को चूमने लगा और मेरे एक चुचूक को मुँह में ले लिया और बड़ी सख्ती से उन्हें चूसने लगा।
उसका एक हाथ मेरे चूतड़ को मसल रहा था।

उसने मुझे पीछे से अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे वक्ष को दबाने लगा।

उसका सख्त हो चुका अंग मेरे पीछे चूतड़ों में चुभने लगा। उसका हाथ मेरी कमीज के नीचे मेरे पेट पर टहल रहा था।

शलवार के ऊपर से ही वह मेरे प्राइवेट भाग को रगड़ रहा था। मेरी शलवार का वह हिस्सा गीला हो गया जहाँ उसने अपना हाथ रखा था और मेरी चूत को रगड़ रहा था।

मोइन ने मेरी शलवार खोल दी और मैंने उसे नीचे गिर जाने दिया।
उसकी अंगुलियाँ सीधे मेरी पैंटी के अन्दर पहुँच गई और अगले ही पल उसकी अंगुलियाँ मेरी चूत के अन्दर पहुँच गई, वह उन्हें वह अन्दर बाहर करने लगा।

मैंने महसूस किया कि उसका सख्त लण्ड मेरी कमर में चुभ रहा है और धक्के लगा रहा था।

उसने मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया।

मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने पलट कर उसकी पैंट खोल डाली और उसके अन्डरवियर में हाथ डालकर मैंने उसके अंग को हाथों में ले लिया।

उसने अपना पैंट नीचे गिरा दिया और मेरी पैंटी को उतार दिया। उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया।

मैंने अपनी टांगों को उसकी कमर में लपेट लिया।
उसका कठोर अंग मेरी चूत के मुँह को ढूंढने लगा।

मैंने उसे अपने हाथ से पकड़ा और अपनी चूत का रास्ता दिखाया और एक झटके से उसका मोटा और कठोर लण्ड मेरे अन्दर प्रवेश कर चुका था।
मुझे लगा कि कोई जलती हुई चीज मेरे अन्दर घुस गई।
मैं दर्द से तड़प उठी।

उसने मेरे मुँह को एक हाथ से दबाया और मेरी कमर को एक हाथ से थाम लिया।

अगले ही पल मेरे चुचूक उसके मुँह में थे। वह उन्हें जोर से चूसने लगा।

उसका लण्ड अभी भी मेरे अन्दर ही था। उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ रखा था जिससे मैं ऊपर ही नहीं उठ पा रही थी।

धीरे धीरे मुझे मजा आने लगा मेरा दर्द जाने कहाँ चला गया। मैं अपने आप को ऊपर नीचे करने लगी।
फ़िर उसने वहीं जमीन पर मुझे लिटाया और मेरे पैरों को फैलाया और उसका लण्ड अगले ही पल मेरी चूत में था।

उसका पूरा लण्ड मेरे अन्दर तक समा रहा था।
उसने मेरी कमर को हाथों से पकड़ा और जोरों से धक्के देने लगा।

इस बीच मेरी चूत से पानी निकल गया।

उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके लण्ड का ऊपर का सिरा मेरे अन्दर तक पहुँच रहा था। उसका लण्ड मेरे अन्दर और कठोर और सख्त होता जा रहा था।

हम दोनों एक दूसरे को बहुत जबरदस्त धक्के दे रहे थे।

अचानक हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया, उसने अपनी स्पीड चालू रखी और अगले ही पल उसका वीर्य मेरी चूत में भर गया, तभी मैं भी एक बार फिर झर गई।
वह मेरे ऊपर ही निढाल हो कर गिर गया।

हम दोनों बुरी तरह से हांफ रहे थे।

हम दोनों ने कपड़े पहने एक दूसरे को देख कर मुस्कुराये। हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह से सन्तुष्ट थे। Hindi Sex Stories

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ट्रेन अपनी गति पकड़ चुकी थी। मैं खिड़की Hindi Sex Stories के पास बैठा हुआ बाहर के सीन देख रहा था। इतने मे कम्पार्ट्मेन्ट मे एक सुन्दर सी लड़की अन्दर आयी। मैंने उसे देखा तो चौंक गया। सामने आ कर वो बैठ गयी। मैं उसे एकटक देखता रह गया। तभी मेरा दिमाग ठनका। और

वो मुझे जानी पहचानी सी लगी। मैंने उसे थोड़ा झिझकते हुए कहा,’ क्या आप रेखा डिकोस्टा हैं…’

‘ह… आ… हां… आप मुझे जानते हैं…?’
‘आप पन्जिम में मेरे साथ पढ़ती थी… पांच साल पहले…’
‘अरे… तुम जो हो क्या…’

‘थैंक्स गोड… पहचान लिया… वर्ना कह्ती… फिर कोई मजनूं मिल गया…’
‘जो…तुम वैसे कि वैसे ही हो…मजाक करने की आदत गई नहीं… कहां जा रहे हो…?’

‘मडगांव… फिर पन्जिम..मेरा घर वहीं तो है ना…’
‘अरे वाह्… मैं भी पण जी ही जा रही हूं…’

पण जी का पुराना नाम पंजिम है… रास्ते भर स्कूल की बातें करते रहे… कुछ ही देर में मडगांव आ गया। हम दोनो ही वहां उतर गये। वहां से मेरे चाचा के घर गये और कार ले कर पंजिम निकल गये। वहां पहुंच कर मैंने पूछा -‘कहां छोड़ दूं…?’

‘होटल वास्को में रुक जाउंगी… वहीं उतार देना…’

‘अरे कल तक ही रुकना है ना…तो मेरे घर रूक जाओ…’

‘पर जो…तुम्हारे घर वाले…’

अरे यार… घर में मम्मी के सिवा है ही कौन…’ वो कुछ नहीं बोली। हम सीधे घर आ गये।

मैंने अपना कमरा खोल दिया-‘रेखा तुम रेस्ट करो…चाहे तो नहा धो कर फ़्रेश हो लो… अन्दर सारी सहुलियत है…’ मैं मम्मी के पास चला गया। शाम ढल चुकी थी। खाने के पहले मैंने जिंजर वाईन निकाली और उसे दी… मैंने भी थोड़ी ले ली। बातों में रेखा ने बताया कि उसके पापा के मरने के बाद उसकी प्रोपर्टी पर बदमाशों ने कब्जा कर लिया था… फिर वहां उसके भाई को मार डाला था। उसे बस वो मकान एक बार देखना था।

‘मुझे अभी ले चलोगे क्या अभी… नौ बजे तक तो आ भी जाएँगे…’ कुछ जिद सी लगी…

‘क्या करोगी उसे देख कर… अब अपना तो रहा नही है…’

‘मन की शान्ति के लिये… सुना है आज वहां जोन मार्को आ रहा है…’

‘अच्छा चलो… भाड़ में गया तुम्हरा मार्को…’

मैंने उसका कहा मान कर वापिस कार निकाली और उसके साथ चल दिया। मात्र दस मिनट का रास्ता था। उस मकान में एक कमरे में लाईट जल रही थी। हम दोनो अन्दर गये…

‘वो देखो… वो जो बैठा है ना… दारू पी रहा है… उसने मेरे भाई को मारा है…’ मैंने खिड़की में से झांक कर देखा… पर मुझे उस से कोई वास्ता नहीं था…

‘मैं कार में बैठा हूं जल्दी आ जाना…’

मैं वापस कार में आकर उसका इन्तज़ार करने लगा। कुछ ही देर बाद रेखा आ गयी। बड़ा संतोष झलक रहा था उसके चेहरे पर। मैंने गाड़ी मोड़ी और और घर वापस आ गये… हां रास्ते से उसने भुना हुआ मुर्गा और ले लिया…

‘चलो जो… आज मुर्गा खायेंगे… मै आज बहुत खुश हूं…’

घर पहुंचते ही जैसे वो नाचने लगी। मेरा हाथ पकड़ कर मेरे साथ नाच कर एक दो चक्कर लगाये। मुझे उसकी खुशी की वजह समझ में नहीं आ रही थी। उसने भी मेरे साथ फ़ेनी ड्रिंक ली… और फिर मुर्गा एन्जोय किया। रात हो चुकी थी…

‘रेखा तुम यहां सो जाओ… मैं मम्मी के पास सोने जा रहा हूं… गुड्नाईट्…’

‘क्या अभी तक मम्मी के साथ सोते हो… आज तो मेरे साथ सो जाओ यार…’

‘अरे क्या कह्ती हो… चुप रहो… ज्यादा पी ली है क्या…’

‘चलो ना… आज मेरे साथ सो जाओ ना जो… देखो मैं कितनी खुश हूं आज… आओ खुशियां बांट ले अपन… दुख तो कोई नहीं बांटता है ना… मेरे साथ सेलेब्रेट करो आज…’

उसने मेरा हाथ थाम लिया… मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि रेखा क्या बोले जा रही है… रेखा ने पीछे मुड़ कर दरवाजा बन्द कर लिया। मेरे चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी… मैंने मजाक में कहा-‘देखो रेखा… मैं तो रात को कपड़े उतार कर सोता हूं…’

‘अच्छा… तो आप क्या समझते है… मै कपड़ों के साथ सोती हूं…’ उसने अपनी एक आंख दबा दी। उसी समय लाईट चली गयी। उसने मौका देखा या मैंने मौका समझा…हम दोनो एक साथ, एक दूसरे से लिपट गये। उसके उन्नत उरोज मेरी छाती से टकरा गये। शायद खुशी से या उत्तेजना से उसकी चूंचियां कठोर हो चुकी थी। मेरे हाथ स्वत: ही उसके स्तनों पर आ गये… मैंने उसके स्तन दबाने शुरु कर दिये… उसके कांपते होंठ मेरे होठों से मिल गये… तभी फ़िल्मी स्टाईल में लाईट आ गयी… पर हम दोनो की आंखे बन्द थी… मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था और उसके कूल्हों पर टकरा रहा था। उसे भी इसका अह्सास हो रहा था।

‘आओ जो… बिस्तर पर चलते है… वहां पर मेरी बोबे… चूत…सब मसल देना… अपना लन्ड मुझे चुसाना… आओ…’

मैंने उसके मुंह से खुली भाषा सुनी तो मेरी वासना भड़क उठी। मैंने भी सोचा कि मैं भी वैसा ही बोलूं -‘फिर तो तुम कही… चुद गयी तो…’

‘अरे हटो… तुम बोलते हो तो गाली जैसी लगती है…’ उसने मेरा मजाक उड़ाया फिर धीरे से बोली…’और बोलो ना जो…’

मैंने रेखा को गोदी में उठा लिया… मुझे आश्चर्य हुआ वो बहुत ही हल्की थी… फ़ूलों जैसी… उसे बिस्तर पर प्यार से लेटा दिया। उसका पजामा और कुर्ता उतार दिया। रेखा बेशर्मी से अपने पांव खोल कर लेट गयी… उसकी चूत पाव जैसी फ़ूली हुयी प्यारी सी सामने नजर आ रही थी। उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां पर्वत की तरह अटल खड़ी थी… मैंने भी अपने कपड़े उतार डाले।

”बोलो… कहां से शुरु करें…’

‘अपना प्यारा सा लन्ड मेरे मुँह में आने दो…देखो मेरे ऊपर आ जाओ पर ऐसे कि मेरे कड़े निप्पल तुम्हारी गान्ड में घुस जाये’

मैं रोमन्चित हो उठा… रेखा ज्यादा ही बेशर्मी की हदें पार करने लगी। लेकिन मुझे इसमे अलग ही तेज मजा आने लगा था। मैं बिस्तर पर आ गया और उसके ऊपर आ गया… अपनी चूतड़ों को खोल कर उसके तने हुए उरोज पर कड़े निपल पर अपनी गान्ड का छेद रख दिया और अपने खड़े लन्ड को उसके मुँह में डाल दिया। उसके निप्पल की नोकों ने मेरी गान्ड के छेद पर रगड़ रगड़ कर गुदगुदी करनी चालू कर दी… और मेरे लन्ड को उसने मुँह में चूसना शुरू कर दिया। मुझे दोनों ओर से मजा आने लगा था। वो लन्ड चूसती भी जा रही थी और हाथ से मुठ भी मार रही थी। मेरा हाथ अब उसकी चूत ओर बढ़ चला। उसकी चूत गीली हो चुकी थी… मेरी उंगली उसकी चूत को आस पास से मलने लगी। उसे मस्ती चढ़ती जा रही थी… मैंनें अपनी उंगली अब उसकी चूत में डाल दी… वो चिहुंक उठी। उसने बड़े ही प्यार से मेरी तरफ़ देखा। मेरा लन्ड मस्ती मे तन्नाता जा रहा था… उसका चूसना और मुठ मारना तेज हो गया था। मैंनें आहें भरते हुए कहा- ‘रेखा अब बस करो… वर्ना मेरा तो निकल ही जायेगा…’

‘क्या यार जो… शरीर से तो दमदार लगते हो और पानी निकालने की बात कहते हो…’

‘हाय… तुम हो ही इतनी जालिम… लन्ड को ऐसे निचोड़ दोगी… छोड़ो ना…’

मैंने अपना लन्ड उसके मुंह से निकाल लिया… वो बल खा कर उल्टी लेट गयी…

‘जो मेरी प्यारी गान्ड को भी तो अपना लन्ड चखा दो…’

‘अजी आपका हुकम… सर आंखो पर…’

मैंने उसकी गान्ड की दोनो गोलाईयों के बीच पर अपना लन्ड फंसाते हुये उस पर लेट गया। और जोर लगा दिया। उसके मुंह से हल्की चीख निकल गयी… मुझे भी ताज्जुब हुआ लन्ड इतनी आसानी से गान्ड में घुस गया… दूसरे ही धक्के में पूरा लन्ड अन्दर आ गया।

मुझे लगा कि कहीं लन्ड चूत में तो नहीं चला गया। पर नहीं…उसकी गान्ड ही इतनी चिकनी और अभ्यस्त थी यानि वो गान्ड चुदाने की शौकीन थी। मुझे मजा आने लगा था। मैंने अब उसके बोबे भींच लिये और बोबे दबा दबा कर उसकी गान्ड चोदने लगा। वो भी नीचे से गान्ड हिला हिला कर सहायता कर रही थी।

‘जोऽऽऽऽ चोद यार मेरी गान्ड… क्या सोलिड लन्ड है… हाय मैं पहले क्यो नहीं चुदी तेरे से…’

‘मेरी रेखा… मस्त गान्ड है तेरी… मक्खन मलाई जैसी है… हाय।…ये ले… और चुदा…’

‘लगा… जोर से लगा… जो रे… मां चोद दे इसकी… हरामी है साली… ठोक दे इसे…’

पर मेरी तो उत्तेजना बहुत बढ़ चुकी थी मुझे लगा कि जल्दी ही झड़ जाउंगा… मैंने उसकी गान्ड मे से लन्ड निकाल लिया… रेखा को सीधा कर लिया… और उसके ऊपर लेट गया… रेखा की आंखे बन्द थी… उसने मेरे शरीर को अपनी बाहों में कस लिया।

हम दोनो एक दूसरे से ऐसे लिपट गये जैसे कि एक हों… मेरा लन्ड अपना ठिकाना ढूंढ चुका था। उसकी चूत को चीरता हुआ गहराईयों में बैठता चला गया। रेखा के मुँह से सिस्कारियाँ फ़ूटने लगी… वो वासना की मस्ती में डूबने लगी…

मेरे लन्ड मे भी वासना की मिठास भरती जा रही थी… ऊपर से तो हम दोनो बुरी तरह से चिपटे हुए थे…पर नीचे से… दोनो के लन्ड और चूत बिल्कुल फ़्री थे… दोनो धका धक चल रहे थे नीचे से चूत उछल उछल कर लन्ड को जवाब दे रही थी… और लन्ड के धक्के… फ़चा फ़च की मधुर आवाजें कर रहे थे।

‘हाय जो… चुद गयी रे…लगा जोर से… फ़ाड़ दे मेरे भोसड़े को…’

‘ले मेरी जान… अभी बहन चोद देता हू तेरी चूत की… ले खा लन्ड… लेले…पूरा ले ले… मां की लौड़ी…’

रेखा के चूतड़ बहुत जोश में ऊपर नीचे हो रहे थे। चूत का पानी भी नीचे फ़ैलता जा रहा था… चिकनाई आस पास फ़ैल गयी थी। लगा कि रेखा अब झड़ने वाली है… उसके बोबे जोर से मसलने लगा। लन्ड भी इंजन के पिस्टन के भांति अन्दर बाहर चल रहा था।

‘जोऽऽऽ जाने वाली हूं… जोर से… और जोर्… हाय… निकला…’

‘मेरी जान… मै भी गया… निकला… हाय…’

‘जोऽऽऽ… मर गयी… मांऽऽरीऽऽऽ जोऽऽऽऽ… हाऽऽऽऽऽय…’

रेखा झड़ने लग गयी… मुझे कस के लपेट लिया… उसकी चूत की लहर मुझे महसूस होने लगी… मेरी चरमसीमा भी आ चुकी थी… मैंने भी नीचे लन्ड का जोर लगाया और पिचकारी छोड़ दी… दोनों ही झड़ने लगे थे। एक दूसरे को कस के दबाये हुये थे। कुछ देर में हम दोनो सुस्ताने लगे और मैं एक तरफ़ लुढ़क गया… रेखा जैसे एक दम फ़्रेश थी…बिस्तर से उतर कर अपने कपड़े पहनने लगी। मैंने भी अपनी नाईट ड्रेस पहन ली । इतने मे घर की बेल बज उठी…

मैं सुस्ताते हुए उठा और दरवाजा खोला… मैं कुछ समझता उसके पहले हथकड़ी मेरे हाथों मे लग चुकी थी… मैं हक्का बक्का रह गया। पुलिस की पूरी टीम थी। दो पुलिस वाले रेखा की और लपके… मैं लगभग चीख उठा…

‘क्या है ये सब… ये सब क्यों…’

इन्सपेक्टर का एक हाथ मेरे मुँह पर आ पड़ा… मेरा सर झन्ना गया। मुझे समझ में कुछ नहीं आया।

‘दोनो हरामजादों को पकड़ लेना… सालों को अभी मालूम पड़ जायेगा’ पुलिस जैसे जैसे रेखा के पास आ रही थी… रेखा की हंसी बढ़ती जा रही थी…

‘जान प्यारी हो तो वहीं रूक जाना… जो का कोई कसूर नहीं है… मार्को मेरा दुशमन था…’

‘अरे पकड़ लो हरामजादी को…’

‘रूक जाओ… उसे मैंने मारा है मार्को को… उसने मेरे भाई का खून किया था…मेरी इज्जत लूटी थी… फिर मुझे चाकुओं से गोद गोद कर मार था… उसे मैं कैसे छोड़ देती… मैंने उसे मारा है…’

‘क्याऽऽऽ… तुम्हे मारा… पर तुम तो…’

‘बहुत दिनों से तलाश थी मुझे उसकी… आज मिल ही गया… मैंने जशन भी मनाया… जो ने मुझे खुश कर दिया…’

रेखा का शरीर हवा मे विलीन होता जा रहा था…

‘जो ने कुछ नहीं किया… उसे तो कुछ भी मालूम नहीं है… अगर जो को किसी ने तकलीफ़ पहुंचायी तो… अन्जाम सोच लेना…’

उसकी भयानक हंसी कमरे में गूंज उठी… उसका चेहरा धीरे धीरे कुरूप होता जा रहा था… उसका आधा हिस्सा हवा मे लीन हो चुका था… कमरे मे अचानक ठन्डी हवा का झोंका आया… उसका बाकी शरीर भी धुआं बन कर झोंके साथ खिड़की में से निकल कर हवा में विलीन हो गया… सभी वहां पर स्तब्ध खड़े रह गये। इंस्पेक्टर के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी… वो कांप रहा था…

‘ये…ये क्या भूत था… आप के दोस्त क्या भूत होते है…’ उसने मेरे हाथ से हथकड़ी खोलते हुए कहा…

‘नहीं इन्स्पेक्टर साब मेरे दोस्त भूत नही… चुड़ैल होती है…’ मैं चिढ़ कर बोला।

सभी पुलिस वालों ने वहां खिसक जाने में ही अपनी भलाई समझी… मै अपना सर थाम कर बैठ गया… ये रास्ते से क्या बला उठा लाया था… मम्मी घबरायी हुयी सी कमरे में आयी…’जो बेटा… क्या हुआ… ये पुलिस क्यो आयी थी…’

‘कुछ नहीं मम्मी… पुलिस नही… मेरा दोस्त था… मेरे साथ पढ़ता था… अब पुलिस में है… यू ही यहां से पास हो रहा था सो मिलने आ गया…’ Hindi Sex Stories

(Maa aur Tau Ji Ki Khet Me Chudai) Sex stories

मैं इस साईट की लगभग सारी Sex stories पढ़़ता हूँ। मुझे सारी कहानियाँ बेहद ही अच्छी लगी। उनको पढ़ने के बाद मैं आपके लिये एक ऐसी कहानी लाया हूँ जिसे मैंने अपनी आँखों के सामने होते हुये देखा था। इससे पहले कि मैं अपनी कहानी को शुरु करूँ, सबसे पहले मैं उन दोनों लोगों का परिचय आपसे करा दूँ।

इस कहानी में दो लोग- कोई और नहीं एक मेरी माँ और दूसरा एक इन्सान मेरे ताऊ जी जिसकी उमर साठ साल की है। यह कहानी वैसे तो कुछ पुरानी है लेकिन मेरे सामने जब भी वो दिन याद आता है तो मुझे ऐसा लगता है कि यह कल की ही बात है। मेरा नाम मनीष है हमांरे परिवार में मैं, माँ और पापा हैं। मेरे पापा सेल्समैन हैं, वो कई कई दिनो तक बाहर रहते हैं…।

वैसे भी हमांरे सारे सम्बन्धी गांव में रहते हैं, हम साल में दो या तीन बार जाते हैं। वहाँ हमांरे ताऊ जी रहते हैं, उनकि पत्नी की मौत के बाद वो अकेले ही रहते हैं। हम नवरात्रि में गाँव जाने वाले थे। पापा भी आने वाले थे लेकिन उनको कुछ काम आ गया तब उन्होंने हम दोनों को गांव जाने के लिये कहा।

माँ ने कहा- ठीक है।

तब मैंने देखा कि माँ खुश थी और पैकिंग करने लगी। हम लोग सुबह की ट्रेन से गाँव पहुँच गये। वहाँ ताऊ जी हमें लेने के लिये आये हुये थे। माँ उनको देख कर खुश हो गई और ताऊ जी भी खुश हुए, उन्होंने पूछा- प्रवीण नहीं आया?

माँ ने कहा- उनको कुछ काम आ पड़ा है, वो दो तीन दिन बाद आयेंगे।

और ताऊ जी माँ को देखते रहे और माँ भी उनको देखते रही। मुझे कुछ दाल में काला नजर आया…

हम लोग बैलगाड़ी में बैठे और ताऊ जी ने मुझे कहा- तुम चलाओ।
मैंने कहा- ठीक है।

माँ और ताऊ जी पीछे बैठ गये। थोड़ी दूर चलने के बाद मैंने माँ की आवाज़ सुनी, पीछे देखा तो ताऊ जी का पैर माँ के साये में था और माँ ने मुझ से कहा कि सामने देख कर चलो।

हमें लोग घर पहुंचे तब माँ बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद बाहर आई…

ताऊ जी ने कहा- चलो, तुमको खेत में ले चलता हूँ।
माँ मुस्कुराते हुए बोली- हाँ चलिये।

मैं भी साथ था। हम लोग खेत में पहुँचे तो मैंने ताऊ को जी माँ की गाण्ड पर हाथ फिराते हुए देखा।

तब माँ ने कहा- लड़का इधर है, वो देख लेगा।
उनको पता नहीं था कि मैंने देख लिया था।

तब ताऊ जी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम दूर जा कर खेलो। मुझे तुम्हारी माँ से बातें करनी हैं।

तो मैंने माँ को देखा तो माँ ताऊ जी के सामने देख कर मुस्कुरा रही थी और मुझे कहा कि तुम यहाँ से जाओ…

मैं वहाँ से चलने लगा और माँ-ताऊ जी भी खेत के अन्दर दूर जाने लगे। मुझे दाल में काला नज़र आया। मैं भी उनके पीछे पीछे गया तो देखा कि ताऊ जी माँ की दोनों एक पेड़ की आड़ में चले गये और माँ पेड़ से लग कर खड़ी हो गई। अब ताऊ जी अपना हाथ माँ के साये में डालने लगे और माँ भी अपना साया उठा कर उनका साथ देने लगी। लेकिन मुझे उनकी कोई भी बातें सुनाई नहीं दे रही थी, इसलिये मैं और नज़दीक गया और सुनने लगा। तब वो दोनों पापा की बातें कर रहे थे।

माँ कह रही थी- कितने दिन बाद मुझे यह तगड़ा लौड़ा मिल रहा है, वरना प्रवीण का लौड़ा तो बेकार है।

अब माँ के बुर को दोनों हाथ से फैलाया। माँ थोड़ा सा विरोध कर रही थी लेकिन उनके विरोध में उनकी हामी साफ दिख रहा थी। इसके बाद ताऊ जी माँ के बुर पर लण्ड सटा कर हलका सा कमर को धक्का लगाया। माँ के मुँह से अह्हहह की आवाज निकल गई।

मैं समझ गया कि माँ के बुर में ताऊ जी का लण्ड चला गया है। ताऊ जी ने कमर को झटका देना शुरू किया। ताऊ जी जब जब जोर से झटका लगाते थे माँ के मुँह से आआअहह की आवाज सुनाई पड़ती थी। कुछ देर के बाद जब ताऊ जी ने माँ की चूचियों को मसलना शुरु किया तो उनका जोश और भी बढ़ गया। एक तरफ़ ताऊ जी बुर में जोर से झटके लगाने लगे तो दूसरी तरफ़ माँ के चूचियों को जोर जोर से मसलने लगे।

अब माँ की बुर में लण्ड जब आधे से ज्यादा चला गया तो माँ के मुंह से आआहह्ह नहीं आआ आह्हह की आवाज आने लगी। ताऊ जी ने माँ के होठों को चूसना शुरु कर दिया। लगभग आधे घण्टे चोदने के बाद ताऊ जी का बीज माँ की चूत में गिरा। माँ भी बहुत ही खुश थी। कुछ देर के बाद ताऊ जी ने लण्ड निकल लिया। माँ पांच मिनट तक लेटी रही।

माँ तब उठ कर जाना चाहती थी। ताऊ जी ने उनको रोक लिया, उन्होंने माँ से कहा- कहाँ जा रही हो?
तब माँ ने कहा- आज के लिये इतना बस!
ताऊ जी ने कहा- अभी तो और चुदाई बाकी है, रुक जाओ तुम।

तब ताऊ जी ने माँ के पीछे जा कर माँ की गाण्ड पर लण्ड रखा और कमर को पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा। माँ के मुँह से आआ आअह्हह हह्ह की आवाज निकलते ही मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में लण्ड चला गया। अब ताऊ जी ने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और कुछ ही देर में पूरा लण्ड को माँ के गाण्ड में घुसा दिया। ताऊ जी माँ के गाण्ड को लगभद दस मिनट तक मारने के बाद जब धीरे धीरे शान्त पड़ गये तो मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में बीज गिर गया है।

ताऊ जी ने लण्ड को निकाल लिया तब माँ के पैर को थोड़ा सा फैला दिया क्योंकि माँ ने दोनों पैरों को पूरा सटा रखा था। ताऊ जी ने माँ की बुर को देखा, माँ से पूछा- पेशाब नहीं करोगी?

माँ ने गरदन हिला कर कहा- नहीं।

अब ताऊ जी ने जैसे ही लण्ड को माँ की बुर के ऊपर सटाया माँ ने अपने दोनों हाथों से अपनी बुर को फैला दिया। ताऊ जी ने लण्ड के अगले भाग को माँ की बुर में डाल दिया और माँ की चूचियों को पकड़ कर एक जोरदार झटके के साथ अपने लण्ड को अन्दर घुसा दिया।

माँ मुँह से आआह्ह फ़्फ़फ़ईई रीईई धीईई आआह्हह्स इस्सस्स स्सस्हह्हह कर रही थी। ताऊ जी पर उनके इस बात का कोई असर नहीं हो रहा था। वो हर चार पांच छोटे झटके के बाद एक जोर का झटका दे रहे थे। उनका लण्ड जब आधे से ज्यादा अन्दर चला गया तो माँ ने ताऊ जी से कहा- अब और अन्दर नहीं डालियेगा वरना मेरी बुर फट जायेगी।

ताऊ जी ने कहा- अभी तो आधा बाहर ही है।

माँ ने यह समझ लिया कि आज उनकी गोरी चूत फटने वाली है। माँ की हर कोशिश को नाकाम करते हुए ताऊ जी माँ के चूत में अपने लण्ड को अन्दर ले जा रहे थे। माँ ने जब देखा कि अब बरदाश्त से बाहर हो रहा है तो उन्होंने ताऊ जी से कहा- मैं आपसे बहुत छोटी हूँ आआह पल्लीईज़ आआह्हह… नहीईई उई आआअह्ह्ह ह्हह…

ताऊ जी ने लगातार कई जोरदार झटके मार कर पूरे लण्ड को माँ के बुर में घुसा दिया तथा माँ की चूचियों को मसला। अब माँ को भी मजा आने लगा था। शायद माँ को इसी का इन्तजार था। ताऊ जी ने अपने झांट को माँ की झाँट में पूरी तरह से सटा दिया और इस तरह से उन्होंने पूरे बीस मिनट तक माँ की चुदाई की। इसके बाद माँ और ताऊ जी शान्त पड़ गये तब मैं समझ गया कि माँ की बुर में ताऊ जी का बीज गिर गया है। वो दोनों पूरी तरह से थक चुके थे। अब ताऊ जी ने लण्ड को निकाल दिया और माँ की बगल में लेट गये। फ़िर दोनों ने कपड़े पहने और वहाँ से चलने लगे। तब मैं भी वहाँ से हट गया ताकि उनको पता ना चले कि मैंने सब कुछ देख लिया है। हम तीनों घर वापस आ गये।

ताऊ जी माँ को देख कर मुस्कुराने लगे कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं पता चला। लेकिन मैंने भी उनको ऐसा ही दिखाया कि मुझे कुछ नहीं पता है। Sex stories

सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म का होना या नहीं होना व्यक्ति की व्यक्तिगत अनुभव, स्वास्थ्य, और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, और यह नॉर्मल हो सकता है।

कुछ लोग सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म अनुभव करने में सामान्य होते हैं, जबकि दूसरे यह अनुभव नहीं कर सकते हैं। यह निर्भर करता है कि किस प्रकार की स्टिमुलेशन और सेक्स के प्रारंभ में किस प्रकार की मनोबल की आवश्यकता होती है, जिससे एक व्यक्ति ऑर्गैज्म कर सकता है।

कुछ लोग सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म के प्राप्ति में समय लगा सकते हैं, जबकि दूसरे लोग इसे तेजी से प्राप्त कर सकते हैं। यह भी निर्भर करता है कि कितनी सारी सेक्स के प्रारंभ में स्टिमुलेशन और आनंद की दर्जीकरण हो रही है।

ऑर्गैज्म की अभाव किसी भी व्यक्ति के लिए एक स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, खासकर अगर यह बार-बार हो रहा है और यह व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ डाल रहा है। इस स्थिति में बेहतर होता है कि व्यक्ति एक सेक्स थेरपिस्ट या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें, जो उनकी समस्या को समझने और समाधान करने में मदद कर सकते हैं।

सार्वजनिक रूप से यह जरूरी है कि सेक्स को सुरक्षित और सहमति आधारित तरीके से किया जाए, और जब भी सेक्स के बारे में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, तो सहायता और सलाह ली जानी चाहिए।

कैम गर्ल सेक्स स्टोरी में मैंने अपनी एचआर मेनेजर लड़की को डेल्ही सेक्स चैट वाली लड़की के सामने चोदा. वह मुझसे एक बार पहले भी चुदाई करवा चुकी थी।

दोस्तो, मैं सलमान अपनी सेक्स स्टोरी
ऑफिस में एचआर की चूत चोदी
का अगला भाग लेकर आया हूं।

पिछले भाग में मैंने आपको बताया था कि कैसे मैंने अपने ऑफिस में एचआर जैनब को चूत में उंगली करते देख लिया था।
मैंने उसको ओवरटाइम बंद करवाने के लिए ब्लैकमेल भी किया लेकिन वो नहीं मानी।

मगर फिर बदले में मुझे उसके साथ सेक्स करने का मौका मिला।

अब मैं आगे की कैम गर्ल सेक्स स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं।

उसके कुछ दिन बाद, मैं अपने डेस्क पर बैठा हुआ काम कर रहा था।
मुझे हमेशा की तरह देर तक काम करना था।

लेकिन अब इसमें एक चीज और भी जुड़ गई थी जिसमें मुझे बड़ा मजा आता था।

मैंने तुरंत अपनी एचआर के पास मैसेज किया- मैं आज फिर देर रात तक रुकने वाला हूं!

उसके कुछ मिनट बाद उसका रिप्लाई आ गया।
उसने एक GIF बनाकर भेजी थी।
इसमें उसने शर्ट के बटन खोलकर चूचियों को हाथों से ऊपर उठाते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली हुई थी।
इसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

लेकिन ऑफिस में अभी कई लोग मौजूद थे।
मैं चुपचाप अपना काम करता रहा और सबके जाने का इंतजार करने लगा।

जब सब लोग चले गए तो मैं एचआर जैनब के केबिन की तरफ चला।

पहुंचा तो जैनब मुझे देखते ही मुस्करा दी और उसने अपनी शर्ट के बाकी बटन भी खोल दिए।

जैनब- काफी देर लग गई तुम्हें?
मैं- मुझे तुम्हें इंतजार करवाने में मजा आता है।

जैनब- और ऐसा क्यों?
मैं- क्योंकि अब भी मुझसे ज्यादा काम करवाया जाता है।
जैनब- श्श्श … लाओ मैं तुम्हें रिलेक्स करती हूं।

वो उठी और मुझे किस करने लगी।
मैंने उसके बाल खींच कर पीछे कर दिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। मैंने उसकी गर्दन पर काट लिया जिससे उसकी आहह … करके सिसकारी निकल गई।

फिर मैंने उसको घुमा लिया।
वो अपने डेस्क पर झुक गई और मैं उसके पीछे झुक गया।

हम दोनों के हाथों की उंगलियां आपस में फंसने लगीं और इसी दौरान मेरा लंड उसकी गांड पर फिरने लगा।

मैं- इस डेस्क की लकड़ी बहुत सख्त है, है ना?
जैनब- हम्म, लेकिन अभी तो मैं किसी और लकड़ी के बारे में सोच रही हूं!
कहकर उसने आंख मार दी.

जैनब घूमी और उसने मेरी पैंट को नीचे खींच दिया।

घुटनों पर आते हुए उसने मेरे तन चुके लौड़े के टोपे पर एक किस कर दी।
अगले ही पल हल्के झटके के साथ मेरा लंड उसके मुंह में था।

उम्म … करते हुए उसने पूरा लंड मुंह में समा लिया और अपना प्यार और लार उस पर लुटाने लगी।
मेरा लंड बड़े मजे से चूसते हुए उसने पूरा गीला कर दिया।

मैंने उसके बाल खींचे और पूरा लंड गले में धकेल दिया।
वो गूं-गूं करने लगी।

मैं- मुझे रूमी (कैम गर्ल) को भी कॉल करना चाहिए, इससे पहले कि मैं तुम्हारे चेहरे को अपने माल से नहला दूं।
जैनब लंड निकालकर हांफते हुए- हम्म … अच्छा रहेगा शायद, बाद में फिर मैं रुक भी नहीं पाऊंगी।

कहकर वो जोर जोर से लंड को चूसने लगी।
मैं उसके डेस्क पर बैठ गया और मैंने dscgirls.live वेबसाइट को खोल लिया।

किस्मत से उस वक्त रूमी भी फ्री थी।
वह भी हम दोनों को जॉइन करने के लिए उत्साहित लग रही थी।

इंडियन सेक्स कैम मॉडल रूमी
जैनब मेरी टांगों के बीच में लंड को चूसने में लगी हुई थी.
इसी बीच उसने अपने पर्स में से मुझे अपना डेबिट कार्ड निकाल कर दे दिया।
मैंने कार्ड के माध्यम से क्रेडिट खरीद लिए।

फिर मैंने रूमी को नंगी होने के लिए कह दिया।

मैंने अब फिर से जैनब के बालों को कस कर पकड़ लिया।
अब मेरे लंड से उसकी लार बहकर नीचे जाने लगी थी।

मेरे लंड के टोपे पर उसके गले का निचला भाग महसूस हो जाता था।
लेकिन मैं धक्का देकर लंड को उससे भी नीचे तक धकेल देता था जिससे उसका गला बिल्कुल रुक जाता था।
वो उल्काते हुए मेरी तरफ हैरानी से देखने लगती थी और उसके मुंह से लार नीचे बहती दिख रही थी।

जैनब- तुमने तो मुझे पागल कर दिया, मजा आया!

उसने फिर से अपना मुंह खोल लिया।
मैंने फिर से उसका सिर पकड़ा और लंड को मुंह में देकर धकेलने लगा।
उसको बार बार मैंने उल्काई के लिए मजबूर किया।

इस दौरान रूमी की वीडियो कॉल कनेक्ट हो चुकी थी।

वह अपनी चूत में धीरे-धीरे उंगली चला रही थी।
लेकिन उसने जैनब को इस तरह से लंड से बेहाल होते देख लिया था।

इसलिए रूमी भी अब तेजी से चूत को रगड़ने लगी।
रूमी ने मुझसे नजरें मिलाईं और इतने में ही जैनब के मुंह की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ गई और मैं आनंद में गर्रा … उठा।

मेरा अब छूटने ही वाला था।
मैंने जैनब के मुंह को पकड़ लिया और लंड को जोर से अंदर धकेलने लगा।
जैनब की आंखें बाहर आने लगीं, जैसे वो लंड को बाहर निकालने की मिन्नत कर रही हो।

लेकिन एक्सएक्सएक्स कैम गर्ल रूमी को जोर से चूत रगड़ते देख मैंने उसके मुंह में वीर्य की पिचकारी मारना शुरू कर दिया जो उसके गले में गिरने लगी।

रूमी भी मेरी तरफ देखते हुए सिसकारने लगी।
मैंने अपने लंड को फिर बाहर निकाल लिया।

बाहर निकाला तो मेरे लंड के टोपे और जैनब के होंठों के बीच चिपचिपे वीर्य की एक लाइन बंध गई। उधर रूमी का बदन अकड़ने लगा था।

मैंने जैनब को लंड के और पास कर लिया।
वो मेरे आंड चाटने लगी।
यह देख रूमी की भी आह्ह निकल गई।

वह बोली- आह्ह फक! तुम तो सच में बड़े कमीने हो! बहुत हॉट! आह्ह … मेरा छूट रहा है … आह्ह!

इतने में ही रूमी का बदन जोर से कांपने लगा।
वह पीछे की ओर लेट गई और जैनब उसे देखते हुए मेरे आंडों को चाटती रही।

उसकी सिसकारियां सुन सुनकर जैनब और जोर से मेरे आंड चूसती जा रही थी।
मुझे भी जैनब की जीभ का मेरे आंडों पर पूरा मजा मिल रहा था।

रूमी हम दोनों को देख रही थी।
वह मेरी तरफ रंडी की तरह देख रही थी और अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी।

उसकी दो उंगलियां उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थीं।

अब मैं धीरे से उठा और जैनब को फर्श से उठा लिया।
मैं उसे किस करने लगा।

जैनब को मैंने अब डेस्क पर बैठा लिया।
उसकी टांगें खोलकर मैंने उसकी जांघों को थाम लिया और फिर लैपटॉप में देखा।

उधर रूमी ने भी अपनी टांगें खोल लीं और इतने में ही जोर से मैंने धक्का दे दिया।
लंड अंदर घुसते ही जैनब की जोर की आह्ह निकली जो बहुत गहरी थी।

उसके चेहरे को देख कर लग रहा था कि वो अपने ही डेस्क पर ऐसे बेरहमी से चुदने का कितना मजा ले रही है।

मैं धक्के लगाते हुए- कल जब तुम यहां काम कर रही होगी … तुम इस डेस्क पर बैठोगी … (धक्के लगाते हुए) अपनी गीली चूत के बारे में सोचोगी … कि कैसे ये मेरे मोटे और गीले लंड से चुदी थी।
रूमी- ओह फक! आह्ह … हां, ऐसे ही चोदते रहो उसे!

मैं- मुझसे चुदना अच्छा लग रहा है तुम्हें? तुम चाहती हो कि मैं यहां ओवरटाइम करता रहूं ताकि ऐसे ही तुम्हें पेल सकूं?
मैं जोर से धक्के लगाते जा रहा था.

जैनब- ओ माय गॉड! प्लीज रुको नहीं, करते रहो … आह्ह आहह।
अब उसकी चूत से पच-पच की आवाज होने लगी थी।
उसकी चूत से सफेद पानी निकलने लगा था।

वह मेरे लंड की कठोर, लेकिन आनंद देने वाली अनुभूति का मजा ले रही थी।

उधर रूमी कैम गर्ल सेक्स का पूरा आनंद ले रही थी।

मेरा लंड जैनब की चूत में अंदर तक पहुंच रहा था और वह अपने होंठों को काट रही थी।
उसकी चूत का गीलापन बढ़ने से अब मैं भी गुर्राते हुए चोदने लगा था।

मैंने उसे घुमा लिया और उसके कंधों को पकड़ लिया।
अब उसने डेस्क को कस कर पकड़ लिया और गहरी सांसें भरने लगी।

वह कैमरा में देख रही थी और उसकी टांगें चौड़ी खुली थीं।
रूमी हम दोनों को देखते हुए तेजी से अपनी चूत को रगड़ रही थी।

मैं- तुम्हें मजा आ रहा है रूमी?
रूमी- ओह फक! फक!

उसकी टांगें उसके हाथ पर लिपटी हुई थीं और उसकी आँखें कसकर बंद थीं और वो जोर से सिसकार रही थी।

तभी जैनब बोली- फक … चोदो मुझे … कसकर!
मैं पूरे जोश में जैनब को चोदने लगा।
अब उसकी सिसकारियां और तेज हो गईं।

वह खुद को कैमरा में चुदते देख रही थी और लगातार आहें भर रही थी।
उसका मुंह खुल गया था और बदन दोहरा होने लगा था।

मैं रुक नहीं रहा था।
मैंने उसके चूतड़ों को थाम लिया और लंड को पूरा जड़ तक घुसाने लगा।
उसकी कमर को दोनों ओर से थामकर मैं जोर से लंड को पेल रहा था।

जैनब जोर से चिल्लाते हुए अपने होंठों को काट रही थी।
अब उसकी आंखें पलटने लगीं।
देखते ही देखते वो टेबल पर ढेर हो गई।

फिर उसने अपनी टांगें पूरी खोलकर ढीली फैला दीं।
वह लेट गई और मैंने लंड को बाहर खींच लिया।

जैनब- नहीं, इसे मेरे अंदर ही रखो, प्लीज!
फिर मैं उस पर लेट गया।
मैंने उसको पलटाया और उसके होंठों पर किस करने लगा।

मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक पहुंच रहा था।
वह मुझे डीप किस कर रही थी।

जैनब- मुझे ऐसे ही अंदर तक खोदते रहो!
मैं भी अब लंड को पूरा अंदर तक धकेल रहा था।
मेरा पसीना उसके बदन को भिगो रहा था।

मैं तेजी से धक्के देने लगा और जैनब की चूत की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ने लगी।

उसकी टांगें मेरे चारों ओर आकर कस गईं।
मैंने रूमी की तरफ देखा तो वह हम दोनों को देखकर अपने होंठ काटते हुए अपने बदन को सहला रही थी।

मैं भी आहें भरने लगा।
मेरा बदन अकड़ने लगा लेकिन मैं लंड को अपनी एचआर की गर्म और टाइट चूत से बाहर नहीं निकालना चाह रहा था।

मैं इसे अंदर ही रखना चाह रहा था।
जैनब- मत निकालो बेबी, मुझे भर दो!

इतने में ही मेरा माल जैनब की टपकती चूत में गिरने लगा।
वह जोर से सिसकारी और पीछे की ओर झुक गई।

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा।

कैम गर्ल रूमी हंसी और अपनी चूत को कैमरा के पास ले आई।
हमने देखा कि उसकी चूत किस कदर गीली हो गई थी।

मैंने जैनब को किस किया और हम दोनों रूमी की तरफ देखकर मुस्करा दिए।

मैं जैनब की चूत में कुछ देर उंगली करता रहा तब तक रूमी ने भी सेशन बंद कर दिया।

दोस्तो, अभी भी हम रूमी के साथ खूब सारी मस्ती करते हैं।
वह हमारी पसंदीदा मॉडल है और हमें चुदाई करते हुए देखकर खूब मजा लेती है।

अगर आप लोगों को मेरी कैम गर्ल सेक्स स्टोरी पसंद आ रही है तो मैं इस कहानी का तीसरा भाग भी आपके लिए लिखूंगा।
और अगर आप जानना चाहते हैं कि जैनब, मेरे और रूमी के बीच आगे किस तरह गर्म डर्टी सेक्स हुआ, तो मुझे जरूर लिखें।

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