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Massage Girl in Lahul & Spiti: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Lahul & Spiti who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Lahul & Spiti that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Lahul & Spiti massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Lahul & Spiti who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Lahul & Spiti massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Lahul & Spiti massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Lahul & Spiti who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Lahul & Spiti employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Lahul & Spiti helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Lahul & Spiti

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Lahul & Spiti at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हाय दोस्तों Antarvasna

कैसे हैं आप सब? मेरी पहली कहानी ‘ मेरा बॉय Antarvasna फ्रेंड ब्लू फ़िल्म देखते देखते चोदता रहा’ सब लोगों को काफी पसंद आई। मुझे ढेर सारे ईमेल मिले। इसके लिए आप सबका धन्यवाद !

इस बार पहले तो मैं अपनी और राहुल की शेष कहानी भेजना चाहती थी लेकिन मुझे एक शरारत सूझ रही है और इस बार मैं आपको हिन्दी गानों पर मेरी बनाई हुई कुछ पैरोडी भेज रही हूँ।

मुझे पूरी उम्मीद है इनको पढ़कर आप गर्म हो जायेंगे।

हाँ ! मुझे कई दोस्तों ने पूछा है कि मैं लड़की हूँ या नहीं?

भाई यह मैं आप पर छोड़ती हूँ आप माने या ना माने, मैं तो लड़की हूँ और मनोज तो मुझे इमेल आई डी बनाने के लिए जोड़ना पड़ा।

तो अब कुछ पैरोडियाँ आपकी नज़र हैं !

१. गाना: जादूगर सैंया छोड़ो मेरी बैयाँ हो गई आधी रात अब घर जाने दो…………

पेरोडी: (ये राजस्थानी भाषा है जो मुझे राहुल ने सिखाई।)

जादूगर सैंयाँ चोदो म्हाने ऐयाँ (इनका मतलब है मुझे इस तरह चोदो) ऊंची कर द्यो टांग पूरो अन्दर जाबा दयो

चोदो जी थे चोदो म्हारा बोबा भी तो दबाओ.. बोबा भी दबाओ म्हारा कुल्हा भी सहलाओ

और ये सब करतां करतां म्हाने मस्त बनाओ …

जादूगर सैयां चोदो म्हाने ऐयाँ……

२. गाना: तू प्यार का सागर है तेरी इक बूँद के प्यासे हम …..

पेरोडी:

तू मॉल बड़ा मस्त है तेरी इस चूत के प्यासे हमऽऽऽऽऽ..

चोदेंगे तुम्हें हम कि भूल नहीं पाओगे तुमऽऽऽऽ…..

३. गाना: चाहा है तुझको चाहूँगा हरदम….

पेरोडी:

चोदा है तुझको चोदेंगे हरदम

चोद चोद के चूत चाहे भोसड़ा बन जाए सनम…

तेरी चूत में मेरा लंड यूँ मस्ती से जाता है

और इसमे तुमको भी बड़ा मजा आता है..

चोदा है तुझको चोदेंगे हरदम

चोद चोद के चूत चाहे भोसड़ा बन जाए सनम

४. गाना: इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा के मैं इक बादल आवारा….

पेरोडी:

इतना न मुझसे तू चूत चुदा के थक के मेरा लंड सुस्ताये

बार बार तुझे चोदता रहूँ के

मस्त होके तू चुदवाये

तेरी चूत के बिना रह पाए ऐसा तो लंड का काम नहीं

पर हर दम चोदता ही रहे ये भी कोई अच्छा काम नहीं…

समय समय पर तू मुझसे चुदा

तो तुझे भी आएगा बड़ा मजा….

इतना न मुझसे तू चूत चुदा के थक के मेरा लंड सुस्ताये

बार बार तुझे चोदता रहूँ के

मस्त होके तू चुदवाये

Antarvasna

पड़ोसन आंटी से पहला सेक्स-Antarvasnaअगर ये पैरोडियां आपको पसंद आई हो तो मुझे ईमेल करें मैं आपको और भेजूंगी…Antarvasna

हेलो दोस्तों मैं प्रथा(बदला हुआ नाम) वापस हाजिर हो एक कहानी लेकर लेकिन यह कहानी इस बार मेरी है जो कि मेरे आशिक के द्वारा सुनाई जा रही है। इस कहानी को सुनिए और आनंद लीजिए। तो दोस्तों मैं हूं सोहन(बदला हुआ नाम)और आज मैं अपनी प्रेमिका प्रथा के साथ हुए अनुभव को साझा कर रहा हूं। मैं और मेरी प्रेमिका प्रथम दोनों ही मध्य प्रदेश से संबंध रखते हैं और जहां एक और मैं छत्तीसगढ़ अंचल का निवासी हूं (जैसा कि आपको पता है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पहले एक ही हुआ करता था इसलिए मैं भी खुद को मध्यप्रदेश का मानता हूं और मेरी प्रेमिका प्रथा को छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी बहुत पसंद हैं)वही दूसरी ओर प्रथा मूल रूप से मध्य प्रदेश के मध्य में ही है। गोपनीयता के लिए मैंने स्थान का नाम नहीं बताया। यह बात है जनवरी 2025 कि जब मैं अपने आंचल छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश जा रहा था और प्रथम और मेरी मुलाकात सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से हुई थी जहां पर हम तीन-चार महीने बात किया और एक दूसरे के नजदीक आ गए। धीरे-धीरे प्रेम उपजा और हम दोनों को जैसे एक दूसरे का सच्चा प्यार मिल चुका था बस अब हमारा मिलन बाकी था क्योंकि हमने एक दूसरे को सिर्फ वीडियो कॉल ऑडियो कॉल और सोशल मीडिया अकाउंट में ही देखा था और आमने-सामने नहीं देखे थे। हालांकि हम दोनों के बीच में प्राइवेट चार्ट और प्राइवेट कॉल होते थे लेकिन अब बस मिलने की बेताबी थी तो जैसे तैसे मैं अपना काम निपटाकर जनवरी 2025 में मध्य प्रदेश की धरती में कदम रखा और फिर एक दिन 11 जनवरी 2025 को मैं उस स्थान की बस पर बैठ गया जहां पर मेरी प्रेमिका प्रथम रहती थी। वो बस का सफर धीरे-धीरे बेचैनी बढ़ा रहा था मेरी क्योंकि हम पहली बार मिलने वाले थे और फिर शाम को 5:00 बजे बस वहां रुक जहां पर मेरी प्रेमिका रहती थी। प्रथा कोचिंग करती थी और साथ में रूम से रहती थी वह मुझे लेने आई बस स्टैंड और फिर हम दोनों साथ में उसके रूम चल दिए बातों बातों में मैंने उसकी तारीफ किया कि तुम फोटो से तो अधिक सुंदर हो रियल दिखने में और ऐसे ही हम उसके कमरे पर पहुंच गए कमरे पर जाते ही मैं उसके बेड पर बैठ गया और वह मेरे लिए मक्के की रोटी और अंडे की सब्जी बनाने की तैयारी करने लगी। जैसे ही वह मक्के की रोटी बना रही थी एक दो तीन चार रोटी बन गई लेकिन पांचवी रोटी नहीं बन रही थी तो मैंने शरारत करते हुए उसके कमर से हाथ डालकर उसकी हाथों में अपने दोनों हाथ लेकर आटा गुथना चाहा और उसे छेड़ता रहा। मेरी हरकत से वह शर्मा गई और फिर मुझे प्यार से धक्का देकर वापस अपने काम पर जुड़ गई मैं फिर एक बार वापस आता गुठने आया और प्यार से उसके कानों को सुनते हुए आता गुठने लगा और रोटी बनाने की कोशिश करने लगे। इस बार उसने मजाक से बेलन हाथ में लिया और बोले तुम चुपचाप बैठो मैं बना रही हूं और हंसते हुए मुझे छुड़ा लिया। मेरे से उठने के बाद ही उसे मक्के की रोटी बन गई। रोटी बनाने के बाद उसने बोली थोड़ी देर बात करते हैं और सब्जी बाद में बना लूंगी। वह और रोटी बनाने के बाद उसने एकाएक मुझे जोर से आलिंगन कर लिया। प्रथम के इस अनमोल स्पर्श को पकड़ मेरा रोम रोम रोमांचित हो चुका था जैसे मेरी रूह में मेरी प्रेमिका बस गई हो। उसके बाद मैं भी उसे ज़ोर से गले लगा लिया और हम दोनों प्यार के इस समंदर में डूबते चले गए उसके बाद उसने प्यार से मेरा माथा चूमा और फिर देखते ही देखते हमारे लब एक - दूसरे के आगोश में हो गए और हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे। सच्चे प्रेम का सच्चा स्पर्श पाकर हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे के होठों को कस रहे थे फिर करीबन 10 मिनट किसिंग करने के बाद हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे की आंखों में प्यार से देखने लगे और फिर एकाएक हमने एक दूसरे को गले लगा लिया। उसके बाद मैंने कहा कि मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं और प्रथा ने कहा तुम मेरी जान हो,मेरा बच्चा हो। मैंने उसकी मेहंदी अच्छी जो उसने मेरे लिए लगाई थी उसने एक दिन पहले पैरों में और 2 दिन पहले हाथों में मेहंदी लगाई थी जिसका रंग काफी निखार गया था और जिसमें मेरे नाम का प्रथम अक्षर S लिखा हुआ था। मैंने उसके हाथों और पैरों दोनों की मेहंदी को अपने होठों से चूम लिया और उसे आई लव यू कहा बदले में उसने भी मुझे आई लव यू मेरी जान कहा। उसके बाद वहां अंडे बनाने में व्यस्त हो गई और मैं भी मोबाइल चलाने में बिजी हो गया। जब खाना बन गया तो हमने एक दूसरे को अपने हाथों से खाना खिलाया उसने अपने कोमल उंगलियों से मुझे खाना खिलाया और मैं अपने हाथों से प्रथा को खाना खिलाया या हमारे लिए एक बेहद अनोखा अहसास था।खाना खाने के बाद मैंने जो गिफ्ट उसके लिए लाया था वह दिया जिसमें दो डेरी मिल्क चॉकलेट्स,दो चिप्स पैकेट,सेव का पैकेट और भुने हुए चने भी थे। इसके अलावा मैंने उसे हाथों का ब्रेसलेट दिया। मेरे पास एक अनोखा गिफ्ट था लेकिन उसे कैसे दूं यह सोच रहा था। जब उसने सब खा लिया और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मेरे द्वारा लाई गई चॉकलेट और ब्रेसलेट को अपलोड किया उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को गले लगा कर लेट गए। मैंने उसे कहा कि मेरे पास और एक गिफ्ट है लेकिन उसे कैसे दूं प्रथा ने कहा दे दो। मैंने कहा ठीक है तुम आंखें बंद करो और हाथ ऊपर करो धीरे से मैं उसकी टी शर्ट उतार दिया और उसके ऊपरी अंडर गारमेंट्स को उतार कर मैंने उसे एक जालीदार एवं ट्रांसपेरेंट ब्रा अपने हाथों से पहना और उसके बाद मैंने उसे टी शर्ट भी पहना दिया। मेरे मन में उसे समय तक वासना ने स्थान नहीं दे रहा था क्योंकि मैं प्रथा से सच्चा प्यार करता था इसीलिए उसे बिना कपड़ों के देखकर भी मैंने कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। इसके बाद हम पुनः वापस एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर लेट गए। इसके बाद प्रथा ने कहा मुझे लगा तुम कुछ करोगे लेकिन तुमने तो कुछ किया ही नहीं और हंसने लगी तो मैंने कहा यदि तुम्हारा मन हो तब ही मैं करूंगा तुम्हारी अनुमति के बिना मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा। तभी उसने शरारती अंदाज में कहा कि मेरा बच्चा जो तुमने पहनाया हो उसे उतरना भी पड़ेगा और उसकी इस बात पर मैं शर्मा गया। अब मैं उसे किस करने लगा और इसके बाद हम दोनों धीरे-धीरे वस्त्रहीन होने लगे मैं उसके शरीर के एक-एक अंग को चूमने लगा जिससे वह काफी सिहर उठती उसके बाद मैंने उसके स्तन को ऐसे चूस रहा था जैसे एक बच्चा अपने मां के स्तन को चुस्त है इस चूसने में वात्सल्य का भाव था ना ही कोई भारीपन या वहशीपन था,मैं बड़े प्यार से ही प्रथा के कोमल स्तनों का रस ले रहा था। प्रथा उम्मममम ahhhhhhh करने लगी।उसके बाद मैं नीचे बड़ा और उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसा दी जिससे मेरी प्रेमिका सिहर उठी और इश्श इश्श आह्ह्ह्हा कहने लगी। इसके बाद मैं अपनी प्रेमिका प्रथा की शेव की हुई कोमल टांगों को चूमने लगा जिससे वो रोमांचित हो उठी और मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ने लगी और आह्ह्ह्हा आह्ह्ह्हा उफ्फ उफ्फ मेरी जान कहने लगीं। उसके बदन के हर एक-एक अंगों को चूमने के बाद मैंने उसकी ग्राम योनि में अपनी उंगली को डाला जिससे वह काफी रोमांचित हो उठी उसके बाद मैंने दो उंगली डाल और अंदर बाहर करने लगा। इसके बाद मैंने अपना लिंग योनि की दीवार पर रगड़ने लगा और क्लिटोरिस को हाथों से छेड़ने लगा जिससे प्रथा आह्ह्ह्हा आह्ह्ह्हा आह्ह्ह्हा उफ्फ उफ्फ उफ्फ करने लगी। धीरे से मैंने अपना लिंग उसकी योनि में डाला और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा जिससे प्रथा को अनोखे आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह आह्ह्ह्हा आह्ह्ह्हा उफ्फ उफ्फ कहने लगी। तकरीबन 10 15 मिनट करने के पश्चात ही प्रथा ने कहा आज के लिए इतना ही और फिर मैं भी अपनी काम क्रीड़ा को रोक दिया और हम दोनों ऐसे ही निर्वस्त्र होकर नींद की गहराइयों में डूब गया जब हम सुबह उठ तो सूर्य की करने में अपनी प्रेमिका प्रथा को ऐसे निर्वस्त्र देखकर मुझे उसके भोले चेहरे पर बड़ा ही प्रेम आ रहा था क्योंकि वहां सोते हुए बहुत ही प्यारी दिख रही थी। कहानी लंबी चलेगी क्योंकि यहां तीन दिन तीन रातों की कहानी है तो इंतजार कीजिए अगले भाग का और जानिए कि आगे हमने क्या-क्या किया और कैसे इस सच्चे प्रेम के पहला अनुभव में हम एक दूसरे में खो गए। कहानी कैसी लगी अपने प्रतिक्रिया व्यक्त करें मेरे मेल पर medicallovergirl@gmail.com

Hindi Sex Stories

मेरा नाम विकास वर्मा है, मैं Hindi Sex Stories दिल्ली से हूँ. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं इसलिये मैं भी अपनी एक कहानी लिखने जा रहा हूँ जो कि सच्ची है.

बात उन दिनों की है जब मैंने बारहवीं के इम्तिहान दिए थे. मेरे भाई-भाभी मुम्बई में रहते हैं, मैं रिजल्ट निकलने तक मुम्बई चला गया. मैं दिल्ली से कभी बाहर नहीं गया था, यह मेरा पहला मौका था पर मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि पहला मौका हमेशा के लिये यादगार रहेगा.

मैं मुम्बई स्टेशन पर पहुंचा, मेरा भाई मुझे लेने के लिए वहाँ पर आया था. मैं उनके साथ घर चला गया. जब घर पहुंचा तो भाभी से मिला और फिर मैंने फ़्रेश होकर खाना खाया, मेरी भाभी और भाई बहुत अच्छे हैं.

पड़ोस में एक सेक्सी भाभी रहती हैं, उनके पति मेरे भाई के साथ ही काम करते हैं. मेरी उनसे भी जान पहचान हो गई और मैं उनके घर भी जाने लगा और सुजाता भाभी (पड़ोस वाली भाभी) को भी अपनी भाभी की तरह इज़्ज़त देता था. सात-आठ दिनों में मैं उससे घुल-मिल गया जैसे वहीं पर सालों से रहा हूँ और उन्हें जानता हूँ.

मेरा भाई और पड़ोस के भाई एक ही पोस्ट पर काम करते हैं सो उनको काम से मुम्बई से 15 दिनों के लिए बाहर जाना था. वो चले गये. मेरी भाभी को भी एक सहेली की शादी में पुणे जाना था, वो उनकी सबसे अच्छी सहेलियों में से एक थी, उनको 1 सप्ताह के लिये जाना था, सो वह अपने कपड़े सम्भाल रही थी.

भाभी ने मुझसे कहा- तुम भी मेरे साथ पुणे चलो!
पर मुझे न जाने क्यों पुणे जाने का मन नहीं था, मैंने भाभी से कहा- मुझे वहाँ कोई नहीं जानता, आप जाओ.
उन्होंने कहा- नहीं! चलो!
और मुझे पर जोर देने लगी.
फिर मैंने बहुत मना किया तो वो मान गई.

फिर उन्होंने मुझसे सुजाता भाभी को बुलाने के लिये कहा. मैंने भाभी को बुलाया और भाभी ने सुजाता से कहा- मैं शादी में जा रही हूँ, तुम विकास के लिये खाना बना देना.

सुजाता भाभी ने कहा- कोई बात नहीं! अगर आप नहीं कहती तो भी मैं विकास के लिये खाना बना देती.

और फिर भाभी अगले दिन चली गई. मैं घर में अकेला था सुजाता भाभी ने मुझे नाश्ता करने के लिये कहा और मैं उनके घर चला गया. नाश्ता करने के बाद मैं अपने फ़्लैट में जाने के लिये हुआ तभी सुजाता भाभी ने मुझे कहा- विकास, वहाँ अकेले क्या करोगे? यहीं पर रहो!

और मैं भी सोच रहा था कि वहाँ क्या करुंगा और फिर हम दोनों बात करने लगे. बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है?

मैंने कहा- भाभी, अभी तो मैं बच्चा हूँ, मेरी कोई गर्लफ़्रेंड कैसे हो सकती है?
वो हंसने लगी.

पता नहीं क्यों अब मुझे उनमें रुचि होने लगी थी. मैंने उनके वक्ष की तरफ़ देखा. उनके स्तन काफ़ी बड़े हैं उनकी फ़ीगर 38-29-38 होगी. वो हमेशा घर में रहती हैं तो हल्के कपड़े पहनती हैं, उनकी ब्रा साफ़ नज़र आती है.

जब वो हंस रही थी, मैंने भी पूछा- भाभी, तुम्हारा कोई ब्वोयफ़्रेंड है या शादी से पहले कोई था?
तो वो चुप हो गई और कहने लगी- नहीं विकास.

हमने बाते की और दोपहर और रात का खाना खाया. रात को मैं अपने फ़्लैट में सोने के लिये जा रहा था तो भाभी ने एक बार फिर मुझसे कहा- यहीं सो जाओ! मैं अकेली हूँ. मुझे डर लगता है. उन्होंने मुझे सोने के लिये कमरा दिखाया और कहा- अगर रात कोई प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना, क्योंकि वहीं पर फ़्रिज है.

मैंने कहा- ओके.
फिर मैं सो गया.

यारो, मुझे रात कभी प्यास नहीं लगती पर न जाने क्यों उस रात मुझे प्यास लगी और मैं भाभी के कमरे में चला गया. कमरे में अंधेरा था, मैंने मोबाइल की लाइट ऑन की और मुझे फ़्रिज़ मिल गया. मैंने फ़्रिज़ से बोतल निकाली, पानी पिया और फिर बोतल रखी. जैसे ही फ़्रिज़ बंद कर रहा था कि मुझे बेड पर भाभी सो रही थी, फ़्रिज़ की लाइट से वो दिख रही थी, अचानक मेरी नज़र उनके बदन पर गई. मैंने देखा कि वो नाइटी पहन कर सो रही है. नाइटी से उनकी नंगी टाँगें दिख रही थी. ओह माय गॉड! उनकी टाँगें कितनी चिकनी थी. फिर मेरी नज़र ऊपर गई तो देखा कि उनकी छाती से नाइटी खुली है और उनकी ब्रा दिख रही है.

मुझसे रहा नहीं गया और मैं फ़्रिज बंद करके अपने कमरे में चला गया. उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं उनको चोदने की सोच कर अपने कमरे से निकला पर उनके कमरे पर जाते ही मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि मैं उन्हें भी भाभी की तरह मानता था और मेरे कदम रुक गये.

रात भर सपने में वो ही नज़र आई. रात को देर से सोया इसलिये सुबह नींद नहीं खुली 10 बज रहे थे भाभी ने मेरे कमरे में आ कर मुझे उठने को कहा. उन्होंने पूछा- तबीयत तो ठीक है?

मैंने कहा- हाँ सही है.
देर से क्यों उठे?
मैंने कहा- पता नहीं भाभी, आज नींद कुछ ज्यादा ही आ गई.
उन्होंने कहा- ओके! और कहा कि अपने फ़्लैट में फ़्रेश होकर आ जाओ फिर हम नाश्ता करेंगे.
मैंने कहा- सही है!

फिर मैं चला गया और नहा-धोकर मैं भाभी के फ़्लैट में आया. फिर वहीं रात हो गई. भाभी ने वही कहा- प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना! और चली गई.

मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी और पानी लेने के लिये फिर उनके कमरे में चला गया. फिर वही सीन, यार, मुझे भाभी को चोदने को मन कर करने लगा पर हिम्मत नहीं कर पाया.

अगले दिन वही रात में फिर मैं पानी के लिये गया. इस बार सीन कुछ और था भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनका एक स्तन साफ़ दिख रहा था. मेरे लंड में तनाव आ गया. पहली बार मेरे लंड में इतना तनाव आया था. मैं अपने कमरे में आ गया और मुझसे से रहा नहीं गया और मैंने पहली बार ज़िंदगी में मुठ मारा.

अगले दिन फिर वही रात! फिर भाभी ने कहा- प्यास लगे तो मेरे कमरे में आ जाना!
और स्माइल दे गई.

मुझे इस बार स्माइल सीधा दिल पर चुभ गई. आधे घंटे के बाद मैं उनके रूम में गया, मैंने देखे आज नज़ारा कुछ और है! भाभी पेंटी और ब्रा में हैं बस अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने नाइट लाइट ऑन की. अब उनका शरीर लाल लाइट में पूरा लाल लग रहा था. मुझसे रहा नहीं गया, मैंने भाभी के पैर को छुआ, फिर स्तन! और स्तनों को धीरे धीरे दबाने लगा. फिर पेंटी में हाथ डाला और चूत पर हाथ फेरा, मैं बहुत गरम हो गया था पर अब भी भाभी को चोदने की हिम्मत नहीं कर पर रहा था. मुझे लगा कि अब बहुत हो गया, ज्यादा डर भी रहा था कि भाभी को पता चल जायेगा. फिर मैं बेड से अपने कमरे की तरफ़ जाने के लिये उठा तो अचानक भाभी ने मेरे हाथ पकड़ लिया और बहुत ही धीरे आवाज़ में कहने लगी- मुझे गरम करके कहाँ जा रहे हो? मुझे ठंडा तो करो.

अब तो मुझसे रुका नहीं जा रहा था, सीधे ही भाभी के होंठों को चूसने लगा. एक हाथ वक्ष पर और एक हाथ चूत पर!

भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और उन्होंने मेरी पैंट के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि पूरी तरह से चूत में जाने के लिये बेचैन था. मैंने भाभी की ब्रा और पेंटी और अपने कपड़े भी उतार दिए. मैं और भाभी पूरी तरह से नंगे थे.

अब मैं उनके स्तनों को चूसने लगा, फिर उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प उठी. उन्होंने मेरे लंड को मुंह में ले लिया, चूसने लगी.

फिर उन्होंने मुझसे लंड चूत में डालने का इशारा किया. मैंने उनकी चूत में लंड डाल दिया. फिर क्या! मेरा लंड छः इन्च का है. मैंने धक्का मार-मार कर पूरा लंड चूत में डाल दिया. भाभी आवाज़ निकाल रही थी- अह्ह उह मर गई अहह ए ए जोर से!

फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी! निकलने वाला है! क्या करुं?
उन्होंने कहा- मेरे मुंह में दे दो!

मैंने उनके मुंह में दे दिया और उन्होंने पूरा माल निगल लिया. हमने भाभी के आने तक रोज़ सेक्स का मजा लिया. फिर भाभी आ गई और हमरा चूत मारने का सिलसला खत्म हो गया.और फिर भाई और उसके पति भी आ गये लेकिन अब हम सब बन्द कर चुके थे ताकि किसी को कोई शक न हो.

फिर मैं दिल्ली आ गया लेकिन आने से पहले मैं सुजाता भाभी से मिला और उनको अपना कोन्टक्ट नम्बर दिया.

वो मुझे अपना दोस्त मानती हैं और हम दोनों कोन्टक्ट में रहते हैं. Hindi Sex Stories

औरत की गांड की चुदाई की कहानी में मेरी छोटी बहन के पति ने मेरी गांड पहली बार मारी तो दर्द से मैं बेहाल हो गयी. पर बाद में मुझ मजा भी बहुत आया.

प्रिय पाठको,
आपने मेरी पिछली कहानी
जीजू ने किया मेरा अल्ट्रा साउंड
बहुत पसंद की.
धन्यवाद.

अब आगे औरत की गांड की चुदाई की कहानी:

अस्पताल में चुदाई के कुछ दिन बाद मेरे पति विकास को अमेरिका जाने का आदेश मिला और उन्हें इस बार करीब एक महीने तक अमेरिका में रहना था।
इस दौरान करवा चौथ का त्यौहार भी आ रहा था लेकिन मेरे पति इस समय मेरे साथ नहीं रह सकते थे।

उनके जाने के बाद मेरी आनन्द के साथ बातचीत चालू हो गई।
मैंने उन्हें बताया कि विकास अमेरिका गए हैं और मैं महीने भर चारु के साथ ही रहूंगी।

यह सुनकर आनन्द की खुशी का ठिकाना न रहा।
उन्होंने कहा- साली साहिबा, इस बार करवाचौथ हम आपके साथ मनाएंगे और आपको हमारे हाथों ही अपना व्रत खोलना पड़ेगा।

मैंने कहा- लेकिन रागिनी भी तो है, उसका क्या?
आनन्द- चिंता मत करो साली साहिबा, मैंने सारा प्लान बना लिया है।
मैंने उनके इरादे के लिए हामी भर दी।

हमारे यहां रस्म है कि लड़की शादी के बाद अपना पहला करवाचौथ अपने मायके में ही मानती है।
रागिनी करवाचौथ के दो दिन पहले ही मायके पहुंच गई थी।

आनन्द के कहे अनुसार मैंने चारु को भी अपने मायके भेज दिया।

करवाचौथ के एक दिन पहले मेरे घर पर एक पार्सल आया।
मैंने भेजने वाले का नाम देखा तो डॉक्टर आनन्द लिखा था।

मैंने पार्सल रिसीव किया और फिर बेडरूम आकर देखा कि उसमे क्या क्या है?
उस पार्सल में एक लाल रंग की साड़ी, कंगन, एक सोने का नेकलेस, झुमके, करधनी, पायल थी।

मैंने आनन्द को कॉल किया।
मैं- हेलो जीजू, आपके गिफ्ट के लिए शुक्रिया।
आनन्द- शुक्रिया मत बोलो, बस कल इसे पहनकर तैयार रहना. लेकिन एक बात का ध्यान रखना, इस पार्सल में जो है सिर्फ वही पहनना है, उसके सिवा कुछ भी नहीं।

मैं हैरान रह गई क्यूंकि उसमें पेटीकोट, ब्लाउज और ब्रा पैंटी तो थे ही नहीं।
मैंने कहा- लेकिन इसे पहनूंगी कैसे क्यूंकि बाकी कपड़े तो हैं ही नहीं?
आनन्द- मुझे नहीं पता, तुम जानो कि क्या करना है, मैं जो कह रहा हूं उतना काम होना चाहिए बस!

मैंने बेमन से हामी भर दी।

अगले दिन करवाचौथ का व्रत था।
मैं सुबह से भूखी प्यासी थी और अपने बदन को निखारने में जुटी हुई थी, मैंने सुहागन स्त्रियों की तरह मेंहदी लगाई और फिर अपने प्राइवेट पार्ट के बाल साफ़ किए।

जैसे तैसे दिन बीत गया।

रात हुई तो आनन्द मेरे मायके गए और चांद निकलने पर उन्होंने रागिनी का व्रत खुलवाया।

फिर कुछ देर बाद वो अस्पताल जाने के बहाने से निकल गए और मेरे घर पर आ गए।
इधर मैंने अपनी कमर पर एक मोटी डोरी लपेटी और उसी के सहारे साड़ी पहन ली।
मेरे बदन पर कपड़े के नाम पर सिर्फ यही लाल साड़ी थी।

मैंने अपने वक्ष को ढका और फिर अपना शृंगार किया।

मैंने गजरा, काजल, ज्वैलरी सब कुछ पहना हुआ था और खासकर के आनन्द की दी हुई करधनी!

मैं छत पर गई और पूजा की।
मेरा गोरा बदन चांदनी में चमक रहा था, मैं अपनी साड़ी संभाल रही थी कि कहीं सरक न जाए।
पड़ोस की औरतें मुझे ही देख रही थी क्योंकि 

मैंने ब्लाउज नहीं पहना था और मेरे मोटे स्तन लटके हुए थे।

खैर किसी तरह बचते बचाते मैंने पूजा की और नीचे आ गई।
अब मैं आनन्द के आने का इंतजार करने लगी ताकि वे आकर मेरा व्रत खुलवा सकें।

दरवाजे पर घंटी बजी तो मैंने दरवाजा खोला, सामने आनन्द खड़े थे।
मैंने उन्हें अंदर बुलाया और झट से दरवाजा बंद कर दिया।

फिर मैं उनसे चिपट गई और बोली- कितनी देर लगा दी, कब से मैं प्यासी हूं, कहां थे अब तक आप?
आनन्द- आपकी बहन की प्यास बुझा रहा था, आखिर उनका पहला करवा चौथ था ना!

मैंने पानी का लोटा उठाया और कहा- लीजिए और मेरी प्यास बुझाइए।
आनन्द ने लोटा टेबल पर रख दिया और कहा- आपकी प्यास पानी से नहीं, प्रोटीन शेक से बुझाएंगे हम!
यह कहकर उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।

हमारे होंठ एक दूसरे के साथ चिपक गए और अब हमारे बीच मुख रस का आदान प्रदान होने लगा।
हम दोनों एक दूसरे की जीभ के साथ खेलते हुए एक दूसरे को चूमते जा रहे थे।

उन्होंने मेरा पल्लू मेरी छाती से हटा दिया तो मेरा बदन अर्ध नग्न हो गया।
मेरे लटकते हुए स्तन अब उनकी छाती पर दबाव डाल रहे थे और मेरी कमर उनके मजबूत हाथों के कब्जे में थी।

मैं उनका इरादा भांप गई थी इसलिए मैं जमीन पर बैठ गई और फिर उनकी पैंट को सहलाने लगी।

आनन्द तो जैसे मुझे तरसाने के इरादे से आए थे इसलिए वो चुपचाप खड़े होकर मेरी हरकत का मजा ले रहे थे।
मैंने उनकी बेल्ट उतारी और फिर उनकी जिप खोल कर उनकी पैंट उतार दी।

उनके अंडरवियर को अपने दांतों से हल्के हल्के कुरेदने लगी और फिर उसे भी नीचे कर दिया।
उनका लिंग अब मेरे सामने था लेकिन आज उसका तनाव कुछ अलग ही था शायद आनन्द ने गोली ली थी।

मुझे तो ये सोचकर और खुशी हुई और मैंने उनके लिंग के सुपारे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।

आनन्द चुपचाप सावधान मुद्रा में खड़े थे और मैं अपने एक हाथ से उनके लिंग को रगड़ती जा रही थी और अपने होंठ उनके सुपारे पर टिकाए हुए थी।
पांच मिनट बाद मेरी मेहनत रंग लाई और आनन्द का लावा फूट पड़ा।
मेरा मुंह उनके वीर्य से लबालब भर गया और मैं उनके वीर्य की हर बूंद गटक गई।

उसके बाद आनन्द ने मुझे पानी पिलाया और बेडरूम में ले गए।
फिर वो किचन आए और मेरे खाने के लिए कुछ फल और दूध लेकर बेडरूम में आ गए।

आनन्द बड़े ही प्यार से मुझे फल खिला रहे थे और मैं दिनभर की भूखी बिना संकोच के उनके दिए फलों का सेवन कर रही थी।

खाने के बाद अब मेरे हलाल होने की बारी थी।
आनन्द ने कहा- साली साहिबा, आज हम आपका नाच देखना चाहते हैं, सुना है कि आप बहुत अच्छा नाचती हैं।
मैं- ठीक है जीजू, जैसा आप कहो।

मैं उठी तो आनन्द ने मेरी साड़ी का पल्लू थाम लिया और कहा- बिना साड़ी के नाचिए साली साहिबा!

मेरे जिस्म पर कपड़े के नाम पर एक यही वस्त्र था।
मैंने साड़ी उतार दी तो मैं पूर्ण नग्न अवस्था में आ गई।

मेरे गले में हार, बालों में गजरा, कमर मे करधनी, हाथों में कंगन, पैरों में पायल जरूर थे लेकिन बदन पर कपड़े के नाम पर चीथड़ा तक न था।

खैर जब इज्जत नीलाम ही हो चुकी हो तो शर्माना कैसा?
मैंने गाना लगाया
‘मुन्नी बदनाम हुई’
और उस पर थिरकना शुरू कर दिया।

मेरे लटके झटके देखकर आंनद भी जोश में आ गए और अपने कपड़े उतार कर नग्न होकर अपना लिंग सहलाने लगे।

गाना खत्म होते होते उनका लिंग पूरी तरह तन्नाया हुआ था।
मेरा मटकना अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि आनन्द मेरे पास आए और उन्होंने मेरी पीठ पर हाथ रख कर मुझे अपने निकट किया और खड़े खड़े ही अपना लिंग मेरी चूत में डाल दिया।

अब हम दोनों की कमर लय में एक दूसरे के साथ थिरकती जा रही थी और मेरे मुंह से काम वासना की आहें निकल रही थी।

मैंने अपनी एक टांग उठा कर उनकी कमर पर लपेट ली तो आनन्द ने सहारा देकर मेरी टांग को धर लिया।
अब मैंने अपनी बाहों को आनन्द के गले में डाल कर सहारा लिया और खुद को संतुलित किया।

आनन्द ने मेरे होंठों को अपने कब्जे में लेकर उन्हें चूसना शुरू कर दिया।
नीचे उनका औजार मेरी मुनिया की खुदाई करता जा रहा था।

आज आनन्द का लिंग अलग ही तरह का तनाव और आकार लिए हुए था।
गोली की वजह से उनका सुपारा टमाटर जैसा फूला हुआ था और उसकी नसें खुरदरापन लिए फूली हुई थी जिसकी वजह से मेरी योनि में रगड़ बढ़ गई थी.
उनका सुपारा जब मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मारता तो मुझे मीठा मीठा दर्द होता।

मेरी योनि तो अब झरना बन चुकी थी जिससे लगातार योनि रस बहता जा रहा था.

उनके लिंग की रगड़ और धक्के की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि मैं ज्यादा समय तक इस आनन्द को झेल नहीं पाई और मेरी योनि से फव्वारा फूट पड़ा।

झड़ने के बाद मेरी योनि ढीली पड़ गई लेकिन आनन्द अभी भी धक्के बखूबी तरीके से लगाते जा रहे थे।
मैंने अपनी दोनों टांगे कैंची की तरह उनकी कमर पर लपेट ली और फिर खुद को उनको हवाले कर दिया।

आनन्द ने मेरे नितम्बों पर हाथ लगाया और उनके सहारे मुझे उठा उठा कर धक्के लगाने लगे।
उनके हर धक्के से मेरे बदन में कम्पन पैदा हो जाता और मेरे कंगन और पायल आवाज करने लगते।

आनन्द मुझे उठाकर बेडरूम में ले आए और मेरे बेड के पास बने ड्रेसिंग टेबल पर बिठा दिया।
उन्होंने मुझे शीशे से सटा दिया और फिर मेरी चुदाई करने लगे।

मेरी आंखें आनन्द के मारे बंद हो गई थी और मुंह से जोर जोर की आवाजें आ रही थी।

करीब आधा घंटा चोदने और मुझे दो बार स्खलित करने के बाद आनन्द की जवानी अपने चरम पर पहुंच गई और उन्होंने मेरी चूत को अपने वीर्य से सराबोर कर दिया।

वे किसी जोंक की तरह मुझसे चिपक गए और अपने लिंग का एक एक हिस्सा मेरी योनि की गहराई में उतार दिया।
मेरी योनि उनके लिंग का गर्मागर्म वीर्य पाकर सिकुड़ गई.

जब उन्होंने अपना लिंग बाहर निकाल लिया तो उनका वीर्य मेरे कामरस के साथ मिक्स होकर चूत के दरवाजे से बहता जा रहा था।
मैंने उंगली से उनके गाढ़े वीर्य को उठाया और मजे से चाट गई, फिर टिशू पेपर से खुद को साफ किया।

अब तक मैं दो बार झड़ी थी इसीलिए मेरी भी सांसें आनन्द की तरह ही तेज हो गई थी।
मैं बेड पे लेट गई और खुद को संभालने लगी।
मेरे बदन से पसीना बहा जा रहा था और दिनभर से भूखी होने की वजह से मुझे कमजोरी सी लग रही थी।

आनन्द आकर मेरे बगल में लेट गए और मेरे स्तनों और योनि को सहलाने लगे।
मैं सिसकी भरती हुई उनके साथ इस खेल का मजा ले रही थी।

आनन्द ने एक एक कर के मेरे जिस्म से जेवर उतार दिए और अब मैं पूर्ण रूप से नग्न अवस्था को प्राप्त कर चुकी थी।

10 मिनट बाद जब मेरा जिस्म जरा संभल गया तब मैं उठकर बाथरूम की तरफ चल दी तो आनन्द भी मेरे साथ आ गए।
मैं कमोड पर बैठ गई और मुत्ती करने लगी।

उधर आनन्द ने शॉवर चालू कर दिया।
मैं उठकर आनन्द के पास आई तो उन्होंने मेरे हाथ दुपट्टे से बांध दिए और एक पाइप में फंसा दिया।
उन्होंने मुझे चूमना शुरू कर दिया और फिर मुझे घुमाकर मेरी पीठ अपनी और और मेरा मुंह दीवार की ओर कर दिया।

इस दौरान शॉवर खुला हुआ था और उसकी बूंदें मेरे बदन को भीगा रही थी।

आनन्द ने मेरे बाल पकड़ कर उनको पोनीटेल की तरह से बांध दिया और फिर मेरे नितम्बों पर चपत लगाई।
मैं मदहोशी में इस दर्द का मजा लेने लगी।

आनन्द ने अपने हाथ मेरे नितम्ब पर फेरने शुरू कर दिए और फिर मेरे नितम्बों की दरार से अपनी उंगलियां गुजारने लगे।
उनका यह अहसास मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था।

उनकी उंगली मेरी गांड पर हलचल मचाने लगी, इसका अहसास मुझे बहुत उत्तेजक लगा और मैं तनिक तनिक देर में अपनी गांड को अंदर की तरफ भींचने लगी।

अचानक वो हुआ जिसकी मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी।

आनन्द की उंगली मेरी गांड में घुसने लगी तो मैं चीखी- आआह आनन्द … ये क्या कर रहे हो, दर्द होता है मुझे, प्लीज ये मत करो!

लेकिन आनन्द ने मेरी एक नहीं सुनी और अपनी बीच की पूरी उंगली मेरी गांड में घुसा दी।

मैं दर्द और जलन से सिसकी लेने लगी- आनन्द, प्लीज निकाल लो इसे, बहुत दर्द हो रहा है! जीजू प्लीज मान जाइए, मैं ये नहीं कर पाऊंगी।
आनन्द- डरो मत साली साहिबा, मैं इतनी आराम से करूंगा की दर्द नहीं बल्कि मजा आयेगा।

आनन्द आज मेरी गांड मारने के इरादे से आए थे।
उन्होंने कंडीशनर की शीशी उठाई और उससे कंडीशनर निकालकर मेरी गांड पर मलने लगे और फिर अपने लिंग पर भी लेपन लिया।

अब उनका लिंग इतना चिकना हो गया था जैसे मोबिल आयल डालने के बाद इंजन का पिस्टन।
उन्होंने मुझे 60 डिग्री पर झुका दिया और मेरी कमर को बाहर की तरफ निकाला।
फिर वो अपना लिंग मेरी कुंवारी गांड में डालने लगे।

पहले तो वो कुछ फिसला लेकिन किसी तरह वो अपना सुपाड़ा मेरी गांड के छल्ले में उतारने में सफल हो गए।
मेरे चेहरे पर दर्द के भाव थे।
मैं होंठों को भींचे किसी तरह अपनी सिसकी रोक कर खड़ी थी।

आनन्द ने एक हाथ से मेरी चोटी पकड़ी और फिर धीरे धीरे मेरी पीठ पर किस करने लगे।
उनके चुम्बन ने मेरा दर्द कम कर दिया और फिर मैं भी तैयार हो गई, अपनी आबरू लुटवाने के लिए।
आनन्द ने अचानक से एक धक्का लगाया और उनका आधा लिंग मेरी आंत में जा घुसा- हाय दईया … मर गई मैं!

मेरे मुंह से यही आह निकली तो आनन्द ने मेरी चोटी अपनी तरफ खींच ली और फिर से एक धक्का लगाया.
इस बार मैं दर्द से चीख उठी और इसी के साथ उनका लिंग पूरा मेरी आंत में उतर गया।

मेरी आंखें दर्द के मारे भर आई और मेरे होंठ कांपने लगे।
मेरे मुंह से एक घुटी हुई आह निकली- जीजू….. दर्द हो रहा है।

लेकिन मर्द अपनी हवस मिटाने के लिए औरत को हमेशा दर्द देता आया है।
आनन्द पर मेरी सिसकी का कोई असर नहीं पड़ा।

मेरी गांड अंदर की तरफ सिकुड़ गई और आनन्द के लिंग को पूरी ताकत से भींच लिया।
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मोटा गर्म लोहे का रॉड मेरी आंत में घुसा हुआ हो।

आनन्द को मेरी गांड की कसावट की वजह से धक्के लगाने में दिक्कत पेश आ रही थी- साली साहिबा, अपनी गांड को ढीला करो वरना धक्के कैसे लगाऊंगा।
मैं सुबकती हुई बोली- मुझसे नहीं हो पाएगा जीजू, प्लीज बाहर निकाल लीजिए।
आनन्द- ठीक है निकाल लूंगा लेकिन इसे ढीला करो तभी तो निकलेगा।

मैंने उनकी बात सुनकर अपनी गांड को ढीला छोड़ दिया।

आनन्द ने अपना लिंग बाहर खींचना शुरू किया और जैसे ही उनका सुपारा मेरी गांड के छल्ले के पास पहुंचा, उन्होंने पूरे जोर से मेरी गांड में अपना लिंग दोबारा उतार दिया।

मेरे मुंह से दर्द भरी चीख निकल पड़ी।

अब आनन्द को मेरी गांड मारने का तरीका पता चल गया था।
वो धीरे धीरे कर के मेरी गांड को चोदने लगे और अपना एक अंगूठा मेरे मुंह में और अपनी उंगली से मेरी योनि को सहलाने लगे।

अब मुझे दर्द में कुछ कमी जान पड़ी तो मैं भी आनन्द के साथ अपनी चुदाई का मजा लेने लगी।
आनन्द का हर धक्का अब मेरे जिस्म में दर्द के साथ साथ मजे की लहर भी उत्पन्न करने लगा।

मेरी गांड को पहली बार लंड का स्वाद मिला था।
आनन्द मेरी कसी कुंवारी गांड को चौड़ा करने की भरपूर कोशिश कर रहे थे और हर धक्के के साथ ही बाथरूम में थप थप का संगीत गूंज उठता।

मेरी गांड का दबाव इतना ज्यादा था कि आनन्द ज्यादा देर तक कायम न रह सके और करीब 15 मिनट बाद ही उनका वीर्य फूट पड़ा।
मुझे मेरी गांड में बहा उनका गर्मागर्म वीर्य एक अनोखा अहसास दे रहा था।

यह पहला मौका था जब किसी ने मेरी गांड मारी थी.
लेकिन आखिरी नहीं … इसके बाद तो जैसे एक सिलसिला ही शुरू हो गया।
औरत की गांड की चुदाई के बारे में मैं आपको आगे की कहानियों में बताऊंगी।

खैर झड़ने के बाद आनन्द ने मुझे आजाद किया और फिर शॉवर तले नहला धुला कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।
मेरे बदन में बहुत तेज दर्द हो रहा था इसलिए आनन्द ने मुझे पेन किलर दी और फिर हम दोनों एक दूसरे के साथ नग्नावस्था में ही सो गए।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको ये औरत की गांड की चुदाई की कहानी?
अपने विचार कॉमेंट बॉक्स में जरूर दीजिए।
आपके प्यारे प्यारे कमेंट्स का इंतजार रहेगा।
पढ़ने के लिए शुक्रिया।

Sex Stories

मेरा नाम सुरेश है, मैं Sex Stories ग्वालियर में रहता हूँ। मुझे पहली बार सेक्स का अनुभव करने का मौका तब मिला जब मैं २१ वर्ष का था, आज मैं वह अनुभव आप सब से बाँटने जा रहा हूँ। इस समय मेरी उम्र २३ साल की है और मेरा शरीर तंदुरुस्त है और मेरी लम्बाई ५’९” है।

मैंने अपना कुँवारापन अपनी पड़ोस में रहने वाली भाभी के साथ खोया। उनकी सुन्दरता के बारे में क्या बताऊँ आप लोगों को ! फिगर ३५-३०-३६ की होगी। उनके मनमोहक शरीर को देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। उनके साथ सेक्स करकने की तमन्ना दिल में कब से थी। उनकी उम्र ३० साल की होगी।

एक दिन ऐसा आया जब मुझे उनके बदन को चूमने का मौक़ा मिला। भैया एक बिज़नेसमैन हैं और वो सुबह ही निकल जाते हैं। उनके २ बच्चे भी स्कूल चले जाते हैं। सुबह जब वह कपड़े सुखाने आती है, तब मैं हमेशा उनकी चूचियों और पेट को देखा करता हूँ। उन्होंने कई बार शायद मुझे देखा भी है कि मैं उन्हें छुप कर उन्हें देखता हूँ, पर उन्होंने कभी किसी से कुछ कहा नहीं। उनके मम्मों को देख कर उनका दूध पीने की इच्छा जाग जाती है। तो दोस्तों आपको अधिक बोर नहीं करते हुए मैं आपको अपना अनुभव सुनाता हूँ।

एक दिन की बात है, मुझे शहर में किसी काम से बाहर जाना था। घर में माँ और पिताजी दोनों ही नहीं थे, और घर में हेलमेट भी नहीं था और कविता भाभी के घर में सिर्फ कविता भाभी ही थी। मुझे अचानक याद आया कि भाभी के घर हेलमेट हो सकता है। तो मैं घर पर ताला लगा कर भाभी के घर हेलमेट लेने चला गया। भाभी कपड़े धो रही थी। जब वह कपड़े धोते हुए उठी तो उनकी साड़ी एक ओर हटी हुई थी और मुझे उनकी दोनों चूचियाँ ब्लाऊज़ में से दिखाई दे रहे थे। मन हो रहा था कि दूध पी लूँ। मैं उन्हें टकटकी लगा कर देखता जा रहा था, भाभी ने भी यह ग़ौर किया और अपनी साड़ी ठीक करते हुए मुझसे काम पूछा।

मैंने बताया कि हेलमेट चाहिए। भाभी ने कहा कि हेलमेट तो कमरे के ऊपर स्टोर में रखा है, चढ़कर उतारना पड़ेगा। भाभी और मैं कमरे में आ गए। मैं एक कुर्सी लेकर आ गया। भाभी ने मुझसे पूछा,”तुम रोज़ मुझे छुप-छुप कर क्यों देखते हो?”

मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि आख़िर भाभी से क्या कहूँ,”आप बहुत सुन्दर हैं और आपका शरीर ऐसा है कि देखने वाला बस देखता ही रह जाए। भैया बहुत भाग्यशाली हैं जो उन्हें आप जैसी पत्नी मिलीं।”

भाभी ने एक शरारत भरी मुस्कान से मुझे देखा. मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें एक बार चूमना चाहता हूँ। उन्होंने थोड़ा झिझकते हुए हामी भर दी। मैंने उनके गालों पर चूम लिया और उसके साथ ही अपना एक हाथ उनकी कमर पर रख दिया और सहलाने लगा।

भाभी ने हँस कर कहा, “अब ठीक है, या कुछ और भी करना है?”

मन तो कर रहा था कि कह दूँ, पर हिम्मत नहीं हो रही थी। तो मैंने भी हँस कर कह दिया, “अनुमति मिल जाए तो सब कुछ कर दूँगा।”

वह मुझे शैतान कह कर कुर्सी पर चढ़ गई। अब भाभी अपने दोनों हाथ ऊपर कर के हेलमेट तलाश कर रही थी। उसे इस अवस्था में खड़ा देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मैं उनके मम्मों और पेट को ही देखे जा रहा था। पहली बार मैंने उन्हें इतने नज़दीक से देखा था। अब मेरा नियंत्रण छूट रहा था। तभी भाभी ने मुझसे कहा कि कुर्सी हिल रही है, मुझे आकर पकड़ लो, नहीं तो मैं गिर जाऊँगी।

अब क्या था, मैंने भाभी की गाँड के नीचे से इस तरह पकड़ा कि मेरा चेहरा उनके पेट के सामने रहे। मेरे और उसके पेट के बीच कुछ ही सेन्टीमीटर का फ़ासला था। अब मेरा नियंत्रण छूट गया और मैंने भाभी के पेट पर चूम लिया।

भाभी सहम गई पर कुछ कहा नहीं। इससे मेरी हिम्मत और बढ़ी और मैंने उसके पेट पर किस करना शुरु कर दिया। मैं उन्हें पेट पर चूम रहा था और उनकी नाभि को खा रहा था। अब वो मेरा सिर पकड़ कर अपने पेट से चिपकाने लगी और लम्बी-लम्बी साँसों के साथ हल्की सिसकियाँ लेने लगी।

उन्हें भी बड़ा मज़ा आ रहा था। १५ मिनटों तक उनके पेट को खाने के बाद वह कुर्सी पर बैट गई और मुझसे लिपट गई। अब मुझे हरी झंडी मिल गई थी। मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उसकी साड़ी भी। वह सच में कितनी सेक्सी लग रही थी – काम की देवी। मैं उसके होंठों को चूसने लगा। वो भी प्रत्युत्तर देने लगी। फिर मैं धीरे-धीरे उसके गले से होते हुए उसकी चूचियों तक पहुँचा।

उसकी चूचियों को चूसता और दबारा रहा और वह सिसकियाँ निकालती रही। अब मैंने उसकी ब्लाउज़ उतार दी और पेटीकोट में घुस कर उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगा। अब मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। उसकी चूत में अपनी ऊँगलियाँ प्रविष्ट कर दीं और लगभग १५ मिनट तक उसे उँगली से ही चोदा। उसकी चूत को खूब चाटा।

वह उउम्म्म्म्म…. आहहहहहहह ओओओह्ह्ह्हहहह, और चाटो! की आवाज़ निकाल रही थी। उसका पानी एक बार निकल गया। मैंने वो पूरा पी लिया। अब उसे भी मेरा लंड चूसने था। मेरा लंड साढ़े छः इंच का है। हम 69 की मुद्रा में आ गए। मैं उसकी चूत खा रहा था और वह मेरा लंड। इसी तरह २० मिनट के बाद वो मुझसे कहने लगी कि और मत तड़पाओ, मुझे जल्दी से चोट दो।

मैंने अपने लंड का सिरा उसकी चूत पर रखा, उसके पाँवों को पैला दिया और ज़ोर के धक्के के साथ लौड़ा अन्दर पेल दिया। वह चिल्लाई और तड़पने लगी। कहने लगी कि धीरे-धीरे करो, दर्द हो रहा है।

पर मैं कहाँ रुकने वाला था, मैं उसे चोदता चला गया। थोड़ी देर के बाद वह भी मस्त हो गई और गाँड हिला-हिला कर साथ देने लगी। उसके मुँह से ओओहहहह… आआआआहहहह… और ज़ोर से… हाएएएएए…. म्म्म्म्महह्हहहहह… आआआआआहहहहह की आवाज़ें निकलना रुक ही नहीं रहीं थीं। और अब मैं उसकी एक चूची को मसल रहा था और दूसरे को चूस रहा था। उसकी घुँडियों को काट रहा था। उसे चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही बह गया और मैं उसके ऊपर लेट गया।

वह मुझसे खुश थी। उस दिन के बाद जब भी मुझे मौक़ा मिलता है, मैं जाकर उसका दूध ज़रूर पीता हूँ और उसे चोदता भी हूँ।

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