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Massage Girl in Samastipur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Samastipur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Samastipur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Samastipur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Samastipur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Samastipur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Samastipur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Samastipur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Samastipur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Samastipur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Samastipur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Samastipur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Hindi Sex

वह मेरे दूसरे चुचूक Hindi Sex को अपने हाथ के नाखून से जोर जोर से कुरेद रही थी। एक तो चुचूक चूसे जाने की मस्ती दूसरा चुचूक कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ! इससे मैं तो स्वर्ग में पहुँच गया था। इस बेइंताह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह ओह की आवाज निकल रही थी। मैंने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था।

वो करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही। फिर रीमा बायाँ चुचूक छोड़ कर दायाँ चुचूक चूसने लगी और बाएँ चुचूक को नाखून से कुरेदने लगी।

दूसरे चुचूक को अच्छी तरह से चूसने के बाद ही उसने मेरे को छोड़ा। फिर मेरी ओर देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा- कैसा लगा बेटा माँ का तुम्हारा चुचूक चूसना?

मैं बोला- क्या बताँऊ माँ ! बस इतना कह सकता हूँ कि तुम्हारे इस बेटे को तुमसे बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी ना माँ अपने इस अनाड़ी बेटे को?

रीमा बोली- जरूर बेटा, आखिर माँ होती किस लिये है। माँ का तो यह कर्तव्य है कि उसके बेटे की शादी से पहले उसे सेक्स की पूरी शिक्षा दे, प्रेक्टिकल के साथ जिससे कि उसकी पत्नी सुहागरात को यह ना कह सके कि उसकी माँ ने उसको कुछ भी नहीं सिखाया।

उसके मुँह से यह बात सुन कर मैं बोला- माँ, तुम्हारे विचार कितने उत्तम हैं। अगर तुम जैसी सबकी माँ हो तो किसी भी बेटे को रंडी के पास जाने की जरूरत ही नहीं।

सुन कर उसने मेरे होंठों को चूम लिया और बोली- तुम बिल्कुल मेरे बेटे कहलाने के लायक हो। चलो मैं अब तुम्हारा लंड पैन्ट से बाहर निकाल देती हूँ। यह भी मुझको गाली दे रहा होगा कि बात तो लंड को बाहर निकालने की कर रही थी और चुचूक को मजा देने लगी। कह रहा होगा कितनी निर्दयी है तुम्हारी माँ।

नहीं माँ, मेरा लंड तो बहुत खुश है कि मेरी माँ तुम हो। वह तो कह रहा है कि जिस तरह से तुम मेरी माँ हो, तुम्हारी चूत उसकी माँ हुई और जब तुम इतनी मस्त हो तो उसकी माँ और भी मस्त होगी । वो भी अपनी माँ से मिलने और उसकी बाँहों में जाने के लिये बेचैन है।

रीमा बोली- उसके लिये तो उसको थोडा इंतजार करना पड़ेगा। पहले मैं अपने बेटे को और उसके लंड को तो जी भर के प्यार कर लूँ और अपने बेटे से अपने आप को और लंड की माँ को प्यार करा लूँ, तब कहीं जाकर वो अपनी माँ से मिल सकता है ! समझे?

मैंने कहा- हाँ माँ, तुम ठीक कह रही हो।

इतना कह कर रीमा ने मेरी पैन्ट खोलनी शुरु कर दी। जब रीम मेरी पैन्ट खोल रही थी तो उसकी नजर मेरी तरफ थी। वह मेरी तरफ देख कर मन्द मन्द मुस्कुरा रही थी। सबसे पहले उसने मेरी बेल्ट को निकाल कर फेंक दिया, फ़िर मेरी पैन्ट का बटन खोलने लगी। बटन ओर चैन खोल कर उसने कमर से पकड़ कर एक ही झटके में मेरी पैन्ट नीचे कर दी और साथ में खुद भी नीचे बैठ गई। मैंने भी अपने पैर उठा कर पैन्ट निकालने में उसकी मदद की।

उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने में फेंक दिया। मैंने अन्डरवीयर पहन रखा था। रीमा का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था जो कि मेरे अन्डरवीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो।

और फिर एक दम से आगे बढ़ कर मेरे लंड को अन्डरवीयर के ऊपर से चूमने लगी। अन्डरवीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड़ तक।

फिर रीमा ने मेरे अन्डरवीयर की को कमर से पकड़ कर एक ही झटके में खींच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से खड़ा हो गया था। जैसे ही रीमा ने मेरा अन्डरवीयर उतारा, मेरा लंड उसके मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँफ़कार मारते हुए नाचने लगा। मेरा लंड देख कर रीमा बोली- हाय रे ! इतना बडा लंड है मेरे बेटे का ?

फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो में पकड़ा, मुझे ऐसा लगा 440 वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का यह हाल तब था जबकि उसने अभी तक एक भी कपड़ा अपने बदन से नहीं उतारा था।

मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखूंगा तो मेरा क्या हाल होगा।

रीमा मेरे लंड को अपनी एक हथेली में रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोड़ी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद रीमा उठ कर खड़ी हो गई और बोली- लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोड़ी प्यार भरी बातें करते हैं।

फिर मैं सोफे पर बैठ गया और रीमा से बोला- आओ माँ, मेरी गोदी में बैठ जाओ।

हम लोग जब चैट किया करते थे तब भी सबसे पहले मैं रीमा को अपनी गोदी में बिठा लेता था। रीमा थोड़ी सी मुस्कुराई और आकर मेरी गोदी में बैठ गई।

रीमा इस तरह से मेरी गोदी में बैठी थी कि मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में फंसा था, जैसा कि मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाईं बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दूसरे हाथ से पकड़ ली और मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर में डाल कर उसके नंगे पेट को पकड़ लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी भारी भरकम चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गई। साथ ही साथ उसके मस्ताने चूतड़ों का दवाब मेरे लंड पर पड़ रहा था। मैं अपने आपको बडा ही खुशकिस्मत समझ रहा था कि इतनी मस्तानी औरत मेरी गोद में बैठी थी।

मेरी नजर उसकी बड़ी-बड़ी गोलाइयों की तरफ़ थी। चूचियों के बीच की दरार ऐसी थी जैसे कि निमंत्रण दे रही हो कि आओ और घुसा दो अपना मुँह इस खाई के अन्दर।

फिर रीमा ने पूछा- अब बताओ बेटा, कैसी लगी तुमको अपनी यह बेशर्म माँ?

मैंने कहा- बहुत ही मस्तानी, सेक्सी, महा-चुदक्कड़ चुदासी और रस से भरपूर !

इस पर रीमा मुस्कुरा दी और बोली- ऐसे शब्द कोई भी औरत किसी मर्द से अपने बारे में सुने तो बस निहाल हो जाये और तुमने तो ये सब मेरे लिये कहा, अपनी माँ के लिये, सुनकर मेरा दिल गदगद हो गया। इसका मतलब है की मैं तुमको रिझाने में सफ़ल रही।

तुमने मुझको बताया था कि तुम्हारी उम्र 48 साल है पर देखने से तुम उससे दस साल छोटी दिखती हो।

यह तो तुम्हारी मुझे देखने की नजर है बेटा ! नहीं तो उम्र तो मेरी 48 ही है। लेकिन तुम्हारे मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे बड़ा अच्छा लगा।

फिर मैं बोला- माँ, तुमसे एक बात पूछना चाहता हूँ।

रीमा बोली- पूछो !

मैं जब से आया हूँ, मैंने गौर किया है कि तुम्हारा ब्लाउज़ काफी तंग है, जिसकी वजह से तुम्हारी चूचियाँ ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने को तैयार हैं। लगता है कि एक हफ़्ते मुम्बई में रह कर चूचियाँ मसलवाने से बड़ी हो गई हैं जिसकी वजह से तुम्हारा ब्लाउज़ छोटा हो गया है।

मेरी बात सुनकर रीमा खिलखिला कर हँस पड़ी और बोली- नहीं बेटा ! ब्लाउज़ तो मेरा एक दम नया है। मुम्बई आने से पहले सिलवाया है। मैंने जानबूझ कर एक इन्च छोटा बनवाया था जिससे मैं इसे तुमको रिझाने के लिये इस्तमाल कर सकूँ। जिससे मेरी चूचियाँ और भी बड़ी-बड़ी लगें। मुझे पता है कि तुमको ब्लाउज़ में से झाँकती चूचियाँ कितनी पंसन्द हैं। इसीलिये गले का कट भी थोड़ा ज्यादा रखा है। इस ब्लाउज़ को पहन कर मैं बाहर तो जा ही नहीं सकती, नहीं तो लोग मेरा सड़क पर ही देह शोषण कर देंगे। यह तो खास ब्लाउज़ है जो मैंने अपने बेटे के मस्ती बढ़ाने के लिये बनवाया है।

ओह माँ ! तुम अपने बेटे का कितना ख्याल रखती हो !

रीमा ने कहा- अगर माँ अपने बेटे का ख्याल नही रखेगी तो कौन रखेगा।

फिर मैंने कहा- कि तुम ठीक कह रही हो माँ। मैंने तुम्हारे काँख के बाल भी देखे, ऐसा लग रहा है कि जैसा तुम एक महीने पहले छोटे कराने को कह रही थी पर तुमने छोटे किये नहीं।

रीमा बोली- बेटा, मैं छोटे करना तो चाहती थी पर 2-3 दिन मेरे बॉस के कुछ कलाइन्ट आ रहे थे, तो मुझे उनको खुश करना था। इसलिये काट नहीं पाई, फिर मेरे बॉस ने बोला कि मुम्बई जाने का प्रोगाम बन सकता है, तो मैंने सोचा कि फिर तुमसे भी मिलना हो सकता है तो क्यों ना और बढ़ा लूँ। वैसे भी तुमको मेरे काँख के बाल बहुत पसन्द हैं और इतने बड़े बाल देख कर तो तुम बहुत खुश होगे।

हाँ माँ ! मैं बहुत ही खुश हूँ कि तुमने बाल नहीं काटे। माँ तुम्हारे होंठ भी बडे सुन्दर हैं, तुमने कभी बताया नहीं कि तुम्हारे होंठ बड़े-बड़े और इतने उभारदार हैं। मुझको इस तरह के होंठ बहुत पसन्द हैं। रीमा बोली- मैं सोचती थी कि सब मर्दों को पतले होंठ पसन्द होते हैं। अगर मैं तुम को बता दूंगी तो शायद तुम मुझसे बात करना पंसन्द करो या नहीं। तुम जैसे बेटे कहाँ मिलते हैं। मैं तुमको खोना नहीं चाहती थी इसलिये नहीं बताया।

मैंने पूछा- यह भी तो हो सकता था कि मैं यहाँ आकर तुम्हारे होंठ पसन्द नहीं करता और चला जाता।

रीमा ने कहा- मुझे उसका थोड़ा सा डर था इसलिये ही मैंने तुमको लुभाने के लिये कसा हुआ ब्लाउज़ बनवाया था। तुमको बुरा लगा क्या बेटा ? आई एम सॉरी बेटा।

ऐसा कह कर उसने अपनी आँखे नीची कर ली और उसका चेहरा उदास हो गया।

मैंने कहा- माँ, इसमें इतना उदास होने की बात क्या है। तुमको तो खुश होना चाहिये कि मुझे तुम्हारे होंठ पसन्द आये।

उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा दी और मुझको गले से लगा लिया और बोली- बेटा, तुम्हारी माँ अपनी असली जिन्दगी में चाहे जितनी भी बड़ी रंडी हो, पर तुमको बहुत प्यार करती है। मेरे अपना तो कोई बेटा है नहीं, लेकिन मैंने तुमको ही अपना बेटा माना है। अपनी माँ से कभी भी नफ़रत मत करना बेटा।

नहीं माँ ! कभी नहीं !

कह कर मैंने भी रीमा को अपनी बाँहो में जकड़ लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा।

अब तक मैं यही सोच रहा था कि हम दोनों के बीच सिर्फ वासना का रिश्ता पनप रहा है। लेकिन मुझे आज पता चला कि चाहे हम दोनों एक दूसरे के पास वासना कि वजह से आये हों पर रीमा सच में मुझे एक बेटे की तरह प्यार करने लगी थी और असली जिन्दगी में वह बहुत ही अकेली थी। अकेली होने की वजह से ही शायद इस समाज से लड़ने के लिये वो अपने बॉस की रंडी बनी हुई थी। मैंने भी सोच लिया था कि इन चार दिन में उसको इतना प्यार दूंगा कि वो इन दिनों को कभी भी नहीं भूल पायेगी।

फिर रीमा पहले की तरह बैठ गई और बोली- मैं भी क्या बात ले कर बैठ गई ! तुमको मेरे होंठ पसन्द आये, मैं बहुत खुश हूँ। और बताओ मेरे शरीर में और क्या क्या तुमको अच्छा लगता है।

मैंने कहा- माँ, मुझे तुम ऊपर बालों से लेकर पैरों तक पूरी की पूरी अच्छी लगती हो।

रीमा बोली- तो फिर बताओ हर अंग के बारे में ! तुम्हारे मुँह से मुझको अपनी तारीफ अच्छी लग रही है।

तुम्हारी ये गोरी गोरी माँसल बाँहे मुझे अच्छी लगती हैं ! इतना कह कर मैंने उसकी बाँहो हो कोहनी के ऊपर से चूम लिया। ऐसा ही मैंने दूसरी बाँह के साथ भी किया।

मुझे तुम्हारी ये बड़ी-बड़ी आँखें अच्छी लगती है, कितनी गहरी हैं और इन आँखो में मेरे लिये प्यार और वासना झलकती है। माँ के प्यार के साथ छुपी हुई एक अधेड़ उम्र की औरत की वासना इनको और भी रहस्यमयी बना देती है और मेरा मन करता है कि इनको प्यार करूँ।

रीमा ने कहा- तो कर लो प्यार ! कौन मना कर रहा है।

यह कह उसने अपनी आँखें बंद कर ली। फिर मैंने पहले दाईं आँख पर चूमा फिर बाईं आँख पर।

और फिर रीमा ने अपनी आँखें खोली और मेरे गाल पर चूम लिया और बोली- तुम बहुत ही प्यार बेटे हो।

फिर मैंने कहा- मुझे तुम्हारा यह नंगा पेट भी अच्छा लगा क्योंकि तुमने साड़ी नाभि के नीचे पहनी है और तुम्हारी बड़ी गहरी नाभि दिखाई दे रही है जो मेरी मस्ती को और भी बढ़ा रही है और मेरा लंड तुम्हारी गाँड के बीच में फंसा तड़प रहा है जैसे मछली पानी के बाहर तड़पती है।

इस पर रीमा ने कहा- ओह मेरे प्यारे बेटे, मैं तुम्हारे लंड को इस तरह से तड़पाना तो नहीं चाहती पर क्या करूँ अभी उसके मजा लेने का वक्त आया नहीं है। उसे तो अभी तड़पना होगा मेरे लिये क्योंकि मेरे को तो अभी अभी ही थोड़ा-थोड़ा मजा आना शुरू हुआ है। लेकिन अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे लंड को तड़पाउँगी नहीं। लेकिन अगर तुम मेरे कहे अनुसार चलोगे तो मैं तुमसे वादा करती हूँ कि तुमको बहुत मजा आयेगा।

मैंने कहा- माँ तुमको वादा करने की जरुरत ही नहीं है, मुझको पता है कि तुम मुझको बहुत मजा दोगी और मुझे उस में कोई शक नहीं है।

मेरी बात सुनकर वो बहुत खुश हुई और बोली- मुझे खुशी है कि तुम इस बात को समझते हो कि जल्दबाजी से ज्यादा मजा देर तक धीरे धीरे प्यार करने में आता है। चलो शुरू हो जाओ फिर से।

मैं धीरे से मुस्कुराया और बोला- मुझे तुम्हारा इस तरह बेशर्मी से गंदी गंदी बातें करना भी अच्छा लगता है।

इस पर रीमा ने कहा- मेरे बेटे, ये बातें गंदी कहाँ हैं, ये तो दुनिया की सबसे अच्छी बातें हैं। अगर दुनिया में सब लोग सबकुछ भूल कर सिर्फ सेक्स की बात करें तो यह दुनिया कितनी सुखी हो जाये।

पर बेटा तुम चिन्ता मत करो, तुम्हारी यह माँ तुमको बेशर्म बनना सिखा देगी। तब तुम भी ऐसी ही गंदी गंदी बातें कर सकते हो।

माँ, मुझे चुदाई करते वक्त गलियाँ देना और सुनना पंसन्द है।

रीमा बोली- बेटा, यह तो बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि गालियाँ तो मस्ती में हम उसी को देते हैं जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। जितनी बड़ी और गंदी गाली, उतना ही ज्यादा प्यार झलकता है। समझ गया रंडी की औलाद?

उसके मुँह से गाली सुन कर मेरे लंड को एक झटका सा लगा जोकि उसकी चूतड़ों की दरार के बीच फंसा हुआ था।

क्रमशः… Hindi Sex

Antarvasna

मेरा नाम राहुल है, मैं Antarvasna जयपुर में रहता हूँ। मैं दिखने में सामान्य हूँ। हर लड़की को देख कर उसे चोदने का मन करता है मेरा।

मुझे एक लड़की पसंद थी लेकिन मैं कभी उसे कह नहीं पाया।

अब काम की बात हो जाए !

मुझे अपने पड़ोस में एक लड़की पसंद है। अक्सर वो मुझे देख कर मुस्करा जाती थी, मैं भी मुस्कुरा देता था, लेकिन कभी बात नहीं हो पाई थी। बस उसका नाम शेफाली है यही जान पाया था। करीब ४ महीने पहले वो मुझे बाज़ार में दिखी। मैंने उसे हाय किया और बात करनी शुरु कर दी।

मैंने उसी मित्रता का निमन्त्रण दिया और उसने स्वीकार कर लिया। हम दोनों एक दूसरे का मोबाइल नम्बर लेकर घर चले गए। मैं रात को भी सपनों में उसी को ही देखता था। अब हम फ़ोन पर बातें करने लगे, उसे भी ये सब अच्छा लगने लगा। हम लोग हर रोज़ घंटों फ़ोन पर बातें करने लगे।

एक दिन उसने मुझे अपने घर में बुलाया। मैं उसके घर गया तब वो घर में अकेली थी और जींस-टॉप में थी। क्या सेक्सी लग रही थी- उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने अपने आप को सँभालने की कोशिश की। शेफ (शेफाली) ने मेरा लंड देख कर अनदेखा कर दिया। हम इधर उधर की बातें करने लगे।

तभी मैंने उससे उसके बॉयफ़्रेन्ड के बारे में पूछा तो बोली- उसका कोई बॉयफ़्रेन्ड नहीं है। मुझे लगा अब तो कुंवारी चूत मिल जाएगी। लेकिन मैंने सम्हालते हुए बात जारी रखी। उसके बाद हम दोनों बाइक पर घूमने चले गए। वो मेरे पीछे बैठी थी तब उसके स्तन मेरी पीठ को लगते तो बड़ा मजा आता। मेरा लंड बार बार खड़ा होने लगा। मुझे सहन नहीं हो रहा था तब मैंने तय किया शेफ को आज तो जरुर करुँगा, उसकी चुदाई के मजे लूँगा।

पहले हम एक रेस्तराँ में गए। वहाँ खाने का आर्डर देने के बाद मैंने उससे कहा- मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ !

तो बोली- बोलो !

मैंने कहा- बुरा मत मानना !

वो बोली- ठीक है ! मैं बहुत कोशिश करके बोला- शेफ ! मैं तुमसे प्यार करता हूँ ! आय लव यू !

तो वो एक बार तो मुझे घूरती रही, मैं डर गया तो अचानक मुझे गले लगा कर बोली- आय लव यू ठू !

मैं बहुत खुश हुआ। उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर चले गए।

अगले दिन भी उसके घर कोई नहीं था, मैंने उससे कहा कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ !

वो खुश होकर बोली- मैं भी तो यही चाहती हूँ !

मैं उसे उसके कमरे में ले जाकर उसके स्तन चूमने लगा। फिर उसके वक्ष को पहले उसके टॉप फिर उसके ब्रा से आजाद किया।

क्या तो मस्त माल लग रही थी वो !

मैं उसके स्तन बहुत तेज़ दबाने लगा। वो चिल्लाने लगी- आआऽऽ आअह्ह्ह्ह्हऽऽ

मुझे भी मजा आ रहा था। वो मेरा लंड पकड़ कर दबाने लगी। मैं बोला- जान पहले जींस तो खोलने दो !

तो उसने एक बार में ही मेरी जींस खोल दी फ़िर मेरा बनियान उतारने लगी। अब मैं केवल अंडरवियर में था। मैंने भी उसकी जींस उतार कर फेंक दी और उसकी चूत को नंगा करने के लिए पैंटी भी उतार दी। अब वो पूर्ण-नग्न थी। उसकी चूत तो क्या मस्त थी, बाल से भरी हुई बिल्कुल नंगी चूत ! कुंवारी चूत ! जो अब चुदवाने वाली थी !

फिर उसने मेरी अंडरवियर खोल दी और मेरा ७ इंच का लौड़ा बाहर आ गया जो सिर्फ चूत को चोदना चाहता था।

मैं उसकी चूत को हाथ से चोदने लगा, वो आवाजें निकालने लगी- आऽऽ आहऽऽऽ मऽरऽ गऽऽऽऽईऽऽऽऽ रोहीईईईईईईत चोदू ऊओ !

मैं डर गया कि कहीं कोई आ न जाये तो मैंने उसको चुप कराया और चूत से हाथ निकाल लिया। थोड़ी देर बाद वो उठी और मेरा लंड पकड़ कर मुँह में लेने लगी।

मैंने कहा- अब चोदें?

तो बोली- जानू, चोदो, मगर धीरे से ! पहली बार कर रही हूँ…..

मैं बोला- अब दर्द नहीं होगा ! मैं ऐसा चोदूंगा कि कुछ पता ही नहीं चलेगा…

फिर मैं उसकी चूत में धीरे धीरे आराम से लण्ड डालने लगा, धीरे धीरे उसकी चूत फटने लगी……..

वो धीरे धीरे आवाजें निकाल रही थी….अहऽऽ ओहऽऽअ

लेकिन ज्यादा तेज़ नहीं…

कुछ देर बाद वो सामान्य होकर मेरा साथ देने लगी। अब मैंने स्पीड बढ़ा दी………….

वो बोली- राहुल फास्ट करो ! मुझे चोदो……… प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज तेज्ज करओ ऊऽऽ

मैं बोला- अभी करता हूँ मेरी जानेमन !

फिर मैं तेज़ तेज़ उसे चोदने लगा

१५ मिनट बाद वो झड़ गई लेकिन मैं तेजी से चोद रहा था ….

वो बोली- रुको !

पर मैं मानने वाला कहाँ था, मैं तेजी से करता रहा…. करीब १० मिनट बाद मैं भी झड़ गया …. फिर २० मिनट बाद हम फिर शुरू हो गए…. उस दिन ६ बार उसको चोदा !

मज़ा आ गया दोस्तो….

आप सब बतायें कि मेरी कहानी कैसी लगी आपको…… Antarvasna

Antarvasna sex stories

हाय Antarvasna ! आइ एम संगीता डूइंग सीए फ़्रोम जोधपुर।आज मैं आपको अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रही हूं जो लास्ट वीक मेरे साथ हुई मेरी होबीज़ चैट करने की है

मैं रोज चैट करती हूं। पर एक दिन मेरी मुलाकात एसकुमार से हुई। बातों बातों मैं ना जाने हम दोनो कब दोस्त बन गये। हम रोज घंटो बातें करने लगे। उसके साथ बात करना मुझे भी अच्छा लगने लगा। फ़िर वो सेक्स की बातें करने लगा। पहले तो मुझे बुरा लगता पर धीरे धीरे अच्छी लगने लगी। जब वो सेक्सी बातें करता तो मुझे कुछ कुछ होने लगता। फ़िर हम रोल प्लेयिंग करने लगे और नेट पर ही सेक्स करते।

फिर एक दिन मुझसे रहा नहीं गया तो मैने उसको अपने घर बुला लिया देखने में तो वो ऐवरेज था। पहले तो मैने सोचा कि क्या ये वही लड़का है जो नेट पर सेक्सी बातें कर कर के ही मुझे फ़्री कर देता है।

फ़िर वो मेरे करीब आया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। एक पल के लिये मेरी सांसे थम गयी कि अब क्या होने वाला है मेरे साथ पर दूसरे ही पल मुझे अच्छा लगने लगा जब उसके लिप्स मेरे लिप से जा मिले उसके हाथ जब मेरे बूब्स को दबाने लगे तो मुझ पर नशा छाने लगा। और मैं उसकी भाहों में सिमटने लगी। उसके हाथों में जादू सा लगने लगा जो मुझे पागल करने लगा। तब मुझे लगा कि सिम्पल सा दिखने वाला ये लड़का कमाल का काम करेगा। फिर मैं भी उसका साथ देने लगी। उसको अपनी बाहों में कसने लगी उसके जादू भरे हाथ मेरे बदन पर फ़िरने लगे और मुझको बेहाल करने लगे।

पता नहीं उसमें क्या जादू था कि मैं बस बिखरती जा रही थी ।।मेरा मन कर रहा था कि बस मुझे फ़क कर दे जब वो अपने हाथ मेरे बदन के ऊपर से लेकर नीचे तक ले जता तो बस मेरे मुंह से आह्हह्हह्ह आअह्हह्हह्ह ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ की आवाज़ ही निकलती। फ़िर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरु किये तो मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब मैं उसके सामने नंगी हो गयी।। क्योंकि उसके हाथों और उसके लिप्स के जादू में मानो मैं खो गयी थोड़ी देर तक मुझे पता ही नहीं चला कि वो मेरे बदन से अलग होकर मुझे नंगा देख रहा है। जब मैं होश में आयी तो मुझे पता चला तो मुझे बहुत शरम आने लगी। मैने उसको पास आने को कहा तो वो नहीं आया।

मैं पागल तो हो चुकी थी उसकी सो मैं ही नंगी उठकर उसको पकड़ने लगी। वो रूम में इधर उधर भागने लगा। पर उसने मुझे पागल कर दिया था सो मैं भी नंगी ही उसको पकड़ने लगी। जब उसने फ़िर मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने लगा तो मैं फ़िरसे मदहोश होने लगी फ़िर थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो मैने पाया कि अब वो भी नंगा है। मुझे तब पता चला जब प्यार करते करते उसने मेरा एक हाथ पकड़ कर नीचे ले जा कर अपना पेनिस मेरे हाथ में दे दिया। तब एक दम मुझे होश आया कि ये क्या है उसको देख कर मुझे थोड़ा डर लगने लगा कि मैं कैसे लूंगी इसको। पर मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है।

उसने मुझे फ़िर बेड पर लिटा कर मेरे पूरे बदन पर अपने लिप्स का जादू डाल दिया मैं उसके प्यार से पागल हो गयी थी। कब मैने उसके लिये अपनी लेग्स खोल दी मुझे पता ही नहीं चला। उसका गरम पेनिस जब मेरी चूत पर लगा तो एक पल के लिये मुझे होश आया पर थोड़ी देर बाद जब उसने अपने लिप्स मेरे लिप्स से मिला कर।

मुझे फ़क करने लगा तो बस मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका गरम लंड मेरी चूत में समा गया। जब वो मुझे फ़क करने लगा तो मुझे पता चला कि अब मेरा कुवारापन टूट गया है।।मैं तो ये सोचने लगी कि मुझे दरद क्युं नहीं हुअ। कब उसका मेरे अंदर चला गया पर मुझे पता ही नहीं चला। सच मियां ही इज़ ए नाइस प्ले इन सेक्स। उसके सेक्स स्टाइल ने मुझे इतना मस्त कर दिया कि मुझे दर्द का भी अहसास नहीं हुअ। उसके लिप्स और हैंडस में अच्छा जादू था सच में अगर कोइ लड़की सेक्स करने से डरती हो तो एस कुमार से मिलना चाहिये उसको सच में ऐसा पार्टनर मिल जाये तो सेक्स का डर भी छू हो जाये।

उस दिन से मेरा सेक्स से डर बिल्कुल भी दूर हो गया थोड़ि देर बाद वो फ़्री हो गया। मैं हैरान थी कि इश बीच मैं चार बार फ़्री हो चुकी हूं पर ये सिर्फ़ एक बार फ़्री हुआ है जब वो मुझसे अलग हुआ तो मैने देखा कि उसका लंड मेरे चूत के खून में नहाया हुआ है। देख कर मैं डर गयी पर मुझे अच्छा लगा कि मुझे दर्द का एहसास नहीं हुआ मैने उसको अपनी बाहों में लेकर प्यार करना शुरु किया।

सच में पता नहीं क्या जादुगर है वो फ़िर उसने ३ बार और फ़क किया मुझे। वो सिर्फ़ ३ बार ही फ़्री हुआ पर मैं ना जाने कितनी बार फ़्री हो चुकी थी। फ़िर थोड़ी देर बाद हम दोनो नहा धो कर बैठ गये और थोड़ी देर बाद वो चला गया। आज भी जब भी मुझे मौका मिलता है तो मैं उसको बुला लेती हूं और सेक्स का मज़ा लूटती हूं।।सच में वो इतने प्यार से करता है कि मुझे पता ही नहीं चलता। बस मैं खुद को हेवेन में पाती हूं। उसके चले जाने के बाद भी उसके हाथों और उसके लिप्स का जादू मेरे बदन पर छाया रहता है। हम दोनो रोज फोन पर सेक्स करते हैं। उसकी बातें सुन सुन कर ही मैं फ़्री हो जाती हूं और उसको रियल में करने के लिये बेताब। जब मौका मिलता है तो रियल करने में खूब मज़ा आता है। उसके कारण आज मैं हर पल खुश रहती हूं। मैं आपसे ये नहीं कहूंगी कि आप भी एस कुमार से सेक्स करवायें, क्योंकि मैं खुद उनके साथ सेक्स करके बहुत खुश होती हूं, फिर भी अगर एस कुमार चाहे तो आप भी उनके साथ एक बार Antarvasna सेक्स करके देखो खुद पता चल जायेगा कि वो कितने अच्छे फ़कर हैं.

Antarvasna stories

लेखक: जतीन, हाय Antarvasna, अपनी पहली कहानी में मैंने बताया की मेरा दोस्त नवीन रसोई में मेरी भाभी के मम्मे दबा रहा था, किस भी कर रहा था लेकिन उन्होंने ज्यादा कुछ नही किया मै घर में था। मुझे पता था कि वो भाभी को खूब दबा के चोदेगा। मैं देखना चाहता था कि वो यह सब कैसे करता है, मैने एक योजना बनाई और उन दोनों को मूवी देखने जाने के लिये कहा। पहले तो वो मना करने लगी पर जब मैने बताया कि नवीन भी है तो मान गयी।

भाभी ने गहरे गुलाबी रंग का स्लीव्लैस सूट पहना। उनके बूब्स उस तंग सूट में काफ़ी उभर आये थे और वो बहुत प्यारी और सेक्सी लग रही थी। नवीन अपनी बाइक पर आया तो मैने भाभी से कहा कि मेरे स्कूटर में हवा कम है इसलिये वो सनी के बाइक पर बैठ जायें। वो मान गयी औरतके पीछे बैठ गयी। मैं आराम से पीछे आ रहा था, तो मैने देखा कि वो बार बार ब्रेक मार रहा था और भाभी उसके ऊपर झुकी हुई थी और उसके मोटे मम्मे उसकी पीठ पर गड़े जा रहे थे। वूऊऊओ, साले को कितने मजे आ रहे होंगे मैं सोच कर ही एक्साइट हो रहा था। दोनो पता नहीं क्या बात कर रहे थे पर भाभी हंस रही थी। प्लान बना कर मैं ने ऐसी मूवी का टिकट लिया जिसमे कम भीड़ थी। हम मूवी देखने लगे। थोड़ी देर बाद मैं ने महसूस किआ कि भाभी जो हम दोनो के बीच में बैठी हुई थी थोड़ी बेचैन हो रही है।

मैं ने अंधेरे में नजर घुमाई तो देखा उसने एक हाथ भाभी के मम्मे पे रखा हुआ है और दबा रहा था। ऊऊऊऊऊओ। यहां भी वो कोई मौका नहीं छोड़ रहा था धीरे धीरे वो अपने हाथ नीचे ले गया और सूट के अंदर डाल दिआ, उसका हाथ उनकी टांगो के बीच था। वो उसका हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी पर शायद उन्हे मजा भी आ रहा था। मैं समझ गया कि मेरे रहते कुछ नहीं होगा सो मैं ने फोन आने का बहाना बनाया। उनहे बताया कि मुझे अर्जेन्ट काम से जाना पड़ रहा है और वो मूवी देख के घर चले जायें मैं बाद में आ जाउंगा।

मैं हाल के बाहर पहुंचा और एक कोने से उन्हे देखने लगा थोड़ी देर मैं दोनो के बाहर आते देखा। दोनो बाइक पर बैठ कर निकल गये। मैं ने पीछा किया तो देखा कि वो एक होटल में चले गये। मैं ने सोचा था कि शायद वो घर ले जायेगा पर होटल में नहीं सोचा था। मैं अंदर गया और रिसेप्शन पे थोड़ी पूछ ताछ करने की कोशिश करी पर कुछ हाथ नहीं आया मैं मायूस हो रहा था उन्हे करीब २० मिनट हो गये थे और मैं सोच कर परेशान हो रहा था कि वहां क्या चल रहा होगा। जब मुझसे नहीं रुका गया तो मैं ने नवीन का फोन लगाया। बेल जाती रही पर उसने नहीं उठाया। वो ऐसी कंडीशन में थे कि उस समय फोन नहीं उठा सकता हो। मै बहुत बेचैन हो उठा।

मैं काल पे काल करता रहा आखिर उसने उठाया तो मैं ने बोला कहां हो यार।

पूछने लगा क्या हुआ, उसकी आवाज़ मेँ गुस्सा था। मैं ने बोला मेरा प्रोग्राम केन्सल हो गया है और मैं हाल के बाहर उनका इंतजार कर रहा हूं।वो कुछ देर चुप रहा मैं ने पूछा क्या हुआ? तो बोला यार मूवी अच्छी नहीं थी इसलिये हम बाहर आ गये और अब मार्केट में हैं, भाभी को शोपिंग करनी थी मेरी भाभी को किस चीज़ की शोपिंग करा रहा था मैं सब समझ रहा था। मैं ने कहा मुझे शोप बताओ मैं वहीं आता हूं, गुस्से में उसने भाभी को फोन दिया और बोला भाभी बतायेंगी।

जब मैं भाभी से बात कर रहा था उनकी सांसे फ़ूली हुई लग रही थी। बीच बीच में रुक रही थी, शायद मेरे से बात करते वक्त वो उनके साथ कुछ कर रहा था, अंतत: उन्होने मुझे एक शोप पे बुला लिया। थोड़ी देर में दोनो तेजी से होटल के बाहर आये जब वो घर से गयी थी उनके बाल बंधे हुए थे और अब बाल खुल गये थे मुझे वो एक शोप में मिले तो नवीन नाराज सा दिख रहा था और भाभी बहुत बेचैन और परेशान थी पर मुझे उनके चेहरे के भाव देख कर मजा आ रहा था लेकिन और मजा आता अगर दोनो को एक्शन में देखता। इसके लिये मैं ने एक और प्लान सोचा है जो जल्दी ही पूरा होगा, जब दोनो को एक होता हुआ देखुंगा। Antarvasna

(Mai Aur Mausi)- Hindi sex stories

मैं विकाश गुजरात से अपको एक सच्ची Hindi sex stories बताने जा रहा हूं, जो मेरे साथ हुई थी, मेरी एक मौसी बहुत ही सेक्सी और मस्त लेकिन मैंने उनको कभी इस नज़रों से देखा नहीं था, लेकिन एक दिन की बात, मैं गर्मियों की छुट्टियों में उनके घर गया था अकेला, उनके परिवार में वो, मेरी मौसाजी और एक छोटी लड़की थी, मौसी देखने में गोरी, चिट्टी और बहुत सेक्सी थी, उनका फ़ीगर 38-32-38 था थोड़ी मोटी थी लेकिन अच्छी थी उनकी उमर 45 साल थी।

एक दिन मौसाजी किसी काम से बाहर गये थे घर में मैं और मौसी और उनकी लड़की जो 4 साल की थी इतने ही लोग थे, मैं बाहर खेल के लौटा तकरीबन 9 बजे थे उनकी बेटी सो गयी थी तब, मौसी बोली बेटा आज बहुत गर्मी है जाओ नहा लो!

मैंने कहा नहीं मैं बहुत थक चुका हूं.
वो बोली- नहीं चलो, मैं तुम्हे नहलाती हूं चलो!
और वो आ गयी बाथरूम में, उन्होंने मेरी शर्ट निकाल दी, और पैंट भी, अब मैं सिर्फ़ अपनी निक्कर में था, मौसी उसे भी निकालने जा रही थी मैंने कहा नहीं मौसी मुझे शर्म आती है, वो बोली ऐसे नहीं चलेगा ठीक से नहाना तो पड़ेगा, और एक ही झटके में मेरी निक्कर निकाल दी अब मैं बिल्कुल नंगा खड़ा था, और वो मुझे सेक्सी निगाहों से देख रही थी, उस टाइम मेरा लंड छोटा सा था 4′ का और वो नहलाते नहलाते उससे खेलने लगी, उसके बाद से उनकी निगाहें मेरी तरफ़ अलग नज़र से देखने लगी।

थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये, एक दिन हम दोनो रात को अकेले थे, वो बोली आज रात तुम मेरे कमरे में ही सोना, मुझे अकेले डर लग रहा है मैंने कहा ठीक है, मैं रात को उनके कमरे में गया सोने के लिये, वो बोली बहुत गर्मी है, मैंने कहा हां मौसी,
वो बोली इन कपड़ो मे बहुत गर्मी लगेगी निकाल दे, और वो भी अपने कपड़े निकालने लगी, उन्होंने ब्लु साड़ी पहन रखी थी बहुत सेक्सी लग रही थी, वो निकाल दी, और ब्लाउज़ भी, अब वो सिर्फ़ पेटीकोट में ही थी, और मैं सिर्फ़ अपनी निक्कर में था,

उन्होंने लाइट बुझा दी और हम सो गये, थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि कोई मुझे छू रहा है और लंड को सहला रहा है, मैं जग गया, देखा तो मौसी प्यासी निगाहों से देख रही थी मुझे।

मैंने कहा मौसी ये क्या कर रही हैं आप, वो बोली कि तुम मुझे अच्छे लगते हो, तेरे मौसा को तो काम से फ़ुरसत ही नहीं है, और वो मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी, और अपना पेटीकोट निकाल दिया वो अब सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी बहुत ही सेक्सी दिख रही थी, मैं भी उत्तेजित हो चुका था, मैंने अब तक किसी को छुआ भी नहीं था, और वो बहुत एक्सपर्ट थी, उनके बड़े बड़े मम्मे और बड़े चूतड़ उफ़्फ़ क्या सीन था, मैं उनके मम्मो को चूसने लगा ब्रा के ऊपर से ही, उन्होंने अपनी ब्रा भी निकाल दी और बहुत पागलों की तरह मुझे किस करने लगी, और निक्कर के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी, उन्होंने मुझे नंगा कर दिया और लंड चूसने लगी, जैसे कोई लोलीपोप हो, वो बोली बहुत मस्त लंड है

उस टाइम मेरा लंड छोटा था पर उनको अच्छा लगा, अब मेरी घबराहट थोड़ी दूर हो चुकी थी, और मैं भी रिस्पोंस दे रहा था, उनके निप्पल को चूस रहा था, वो बोली बेटे ऊपर आ जाओ!

मैं उन्हे किस कर रहा था पूरी बोडी पर, अब मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी, क्या मस्त चूत थी, एक भी बाल नहीं था, वो बोली चूसो इसे, मैं चूसने लगा वो आह, आह की आवाज़ें निकाल रही थी, फ़िर उन्होंने मेरा लंड पकड़ के चूत में डाल दिया और धक्के लगाने लगी और मैं भी धक्के लगा रहा था धीरे से एक दम फ़ास्ट चोद रहा था उन्हे, मुझे बहुत मज़ा आने लगा था

फ़िर उन्होंने मुझे लिटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और धक्के लगाने लगी, फ़िर हमने डौगी स्टाइल में भी किया उनके चूतड़ बहुत ही मस्त थे, मैं उनको पकड़ कर चोद रहा था, फ़िर हम दोनो 1 घंटे के बाद झड़ गये, और उसी रात को हमने दो बार और किया, फिर नंगे ही सो गये,

फिर सुबह वो जल्दी उठ गयी थी, मुझको उठाया और हम दोनो साथ में ही नंगे नहाये, मेरा तो ये पहला एक्सपेरिएंस ही था लेकिन खूब एन्जॉय किया फिर तो हमने कई और बार सेक्स किया जब भी मौका मिलता।
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