Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Purnia: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Purnia who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Purnia that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Purnia massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Purnia who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Purnia massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Purnia massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Purnia who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Purnia employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Purnia helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Purnia

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Purnia at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

हाय दोस्तो! कैसे हो! Sex Stories

आप लोगों ने याद किया और मैं Sex Stories हाज़िर हो गया आप लोगों के लिए फिर से एक नया अनुभव लेकर!

दोस्तो, फिर एक नया अहसास, सेक्स से भरा, मज़े से भरा और साथ ही ढेर सारी मस्ती, जो मैंने महसूस की वही मस्ती लेकार आया हूँ आप सभी के लिए!

कसम खुदा की क्या वो हसीं सूरत थी,

चढ़ती उसके हुस्न पे जवानी की मस्ती थी,

छलक गया यौवन उसकी नज़र से वो कातिल,

कि जिसमें डूब गई मेरी जवानी की कश्ती थी!

दोस्तो, अबकी बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था।
जाते वक़्त हम भरतपुर से होकर गुजरे थे तो सभी ने योजना बनाई कि भरतपुर पक्षी अभयारण्य देख कर ही आगे जायेंगे।
इसलिए हम लोगों ने टिकेट लिए और अंदर चले गए।

अभयारण्य का दायरा कई किलोमीटर में फैला हुआ था।
चलते चलते हमारा ग्रुप बिखर गया और मोबाइल से हम एक दूसरे के संपर्क में रहे।

मज़े की बात, मैं अपने ग्रुप से अकेला अलग हो गया। काफी दूर चलकर एक परिवार के कुछ लोग वहां से निकले, वो अलग साइकलों पर थे।
वहां घूमने के लिए साईकलें मिलती हैं। उन लोगों में से एक लड़की पीछे रह गई।

मैंने देखा उसकी साईकल के पैडल फ्री हो गए थे। वो थोड़ी आगे तक बढ़ी और रुक कर चेन को देखने लगी।
इतने में उसका फॅमिली परिवार आगे निकल गया।

मैं पास से गुजरा तो उसने कहा- अगर आप को बुरा न लगे तो कृपया मेरी साईकल की चेन लगा दोगे?

मैंने उसे एक नज़र भर देखा तो देखता ही रह गया! हुस्न इतना कातिल कि किसी को फनाह करने के लिए किसी और चीज़ कि जरूरत ही न पड़े!

नीली जींस उस पर लाल टॉप!

माशा अल्लाह! शरीर का हर एक अंग अलग अलग दिखाई दे रहा था। टॉप के ऊपर के खुले बटन मानो उसकी छुपती खूबसूरती को बेशर्मी से जग-जाहिर कर रहे थे। गोरे से चेहरे पर ऊपर से ढलते हुए सुनहले बाल उसके हुस्न की बिजली को मेरे अंग अंग पे गिरा रहे थे। कमर इतनी नाजुक कि अगर जोर से पकड़ लूँ तो लचक जाये, बिलकुल हल्की फुल्की! लेकिन एक उत्तम बदन की मलिका!

खैर मैंने अपनी हसरतों को काबू किया और बिना कुछ बोले उसकी चेन लगा दी हाथ चेन पर और नज़र उस हुस्न की परी पे!

और इसी गुस्ताखी में दब गई मेरी ऊँगली चेन में। ऊँगली में मामूली सी चोट लगी थी, थोड़ा सा खून निकल आया, मैंने सोचा अब फ़िल्मी स्टाइल में ये दुपट्टा फाड़ेगी और मेरी ऊँगली पर बांधेगी, लेकिन यहाँ तो सीन ही उल्टा हो गया, उंगली से खून बहता देख कर वो तो गश खाकर बेहोश हो गई। वो गिरने लगी तो मैंने सीधे ही उसे अपनी बाँहों में ले लिया।

हमने तो खुदा से माँगा कि

उसके हाथों का छूना नसीब हो जाये,

हम देख लें उसे नज़र भर के,

तेरी हम पर इतनी रहामत हो जाये,

के वो बेखौफ आ गए बाँहों में मेरी,

के न अब उनसे दूर रहा जाये!

न उनको खुद से दूर किया जाये!

वो मेरी बाँहों में बेहोश थी और मैं सर से लेकर पाँव तक उसे देखे जा रहा था। दिल में डर था कि वो होश में आते ही मुझसे दूर हो जायेगी।

लेकिन मैंने उसके गालों को छुआ और उसके चेहरे को हिला कर उसे बेहोशी से जगाया। उसने आँख खोली और मेरी बाँहों में लेटी हुई एक टक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पर सर्दी में भी पसीना छलक आया। मैंने अपने रूमाल से उसका चेहरा साफ़ किया। उसके गोरे गालों को छूकर मेरी उँगलियाँ मदमस्त हो रही थी।

खैर वो मेरी बाँहों से अब दूर हो गई और उसने सॉरी कहा।
उसने कहा- मेरी वजह से आप को चोट लग गई!

मैंने भी बिना सोचे समझे कह दिया- अगर मुझे चोट ना लगती तो आप को बाँहों में लेने का मौका कहाँ मिलता!

वो इस बात पर नाराज़ भी हो सकती थी लेकिन वो शरमा गई और मेरी हिम्मत बढ़ गई।

तभी उसकी मम्मी का फ़ोन आ गया, उसने अपने बेहोश होने की बात छोड़ कर बाकी सब अपनी मम्मी को बता दिया।
उसने मुझसे कहा- मेरे घर वाले आगे मेरा इंतज़ार कर रहे हैं और वो आपसे भी मिलना चाहते हैं।

मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मधु बताया।
उसने मेरा नाम पूछा, मैंने भी अपना नाम बता दिया।

उसने कहा- अपनी उंगली दिखाओ!
मैंने कहा- रहने दो तुम बेहोश हो जाओगी।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं तुम मुझे थाम लेना!

चलते चलते हम बात करते रहे और एक दूसरे को अपने नंबर दे दिए।

कुछ दूरी पर उसके परिवार वाले मिल गए।
उसके घर वाले बिल्कुल आजाद विचारों वाले थे। उनसे बात करके मैं अपने दोस्तों के पास जाने लगा।

जाते जाते मधु ने अपना रूमाल मेरी उंगली पे लपेट दिया।
वो रूमाल मैंने अपने दोस्तों से छुपाया, कह दिया- यार मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं यही बैठता हूँ, तुम घूम आओ!

वो लोग चले गए।
मैंने मधु को फ़ोन किया और काफी देर तक उससे बात की। वो लोग भरतपुर में ही होटल पार्क में ठहरे थे।

मैंने शाम को अपने दोस्तों से कहा- यार! मेरी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए मैं आज यहीं रुकना चाहता हूँ, तुम लोग जयपुर पहुँचो, मैं कल आकर तुमको मिलूँगा।

वो लोग वहाँ से निकल गए।

अब मैंने भी जाकर होटल पार्क रेज़िडेन्सी में एक कमरा बुक कराया।
मधु और उसका परिवार पहली मंज़िल पर थे और मैं दूसरी मंज़िल पर!

मैंने मधु को इसके बारे में बताया कि मैंने भी तुम्हारे होटल में ही कमरा ले लिया है, तो यह सुन कर मधु कुछ उत्साहित सी हो गई।
मुझे लगा शायद मधु भी यही चाहती थी।

एक बार फिर हमारी मुलाकात डिनर के समय पर हुई।
अब की बार मधु ने एक जामुनी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। कसम से क्या कयामत थी वो उस वक्त!
और उस पर बैक-लैस ब्लाऊज़ उस कयामत को और भी भड़का रहा था।

भोजन के बाद उसके घर वालों ने मुझे फ़िर अपने साथ बुला लिया और हम सभी पार्क में टहलने लगे।

अब मैंने मौका देख कर टहलते टहलते मधु की नंगी कमर पर हाथ रख दिया।

चलते चलते मधु ठहर सी गई लेकिन कुछ ही पलों में मैं मधु से दूर हो गया।
फ़िर हम लोग अपने अपने कमरों में चले गए।

मैं बिस्तर पर था लेकिन कमबख्त नींद किस की सगी थी जो आ जाती।
मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मधु की जवानी के परदे एक-एक करके मेरी आँखों पर पड़ते जा रहे थे जिन्होंने नींद को मेरी आँखों से दूर कर दिया।

रात के लगभग 11 बजे होंगे, मैंने मधु को फ़ोन किया, एक दो बार रिंग बज़ते ही उसने फ़ोन उठा लिया, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे फ़ोन का इन्तज़ार कर रही थी।

दिन में ज्यादा घूमने के कारण उसके घर वाले थक कर सो रहे थे।
मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया।

मधु ने आने में जरा भी देर नहीं की।

दो तीन मिनट में वो कयामत उसी लिबास में मेरे कमरे में आ गई।
कसम से, मानो, किसी दुल्हन की तरह शरमाई सी वो बेड के पास खड़ी हो गई।

मैंने भी पहले उसका अंग अंग जी भर कर देखा फ़िर धीरे से बाहों में भर लिया। मानो कोई फ़ूल मेरी बाहों में सिमट आया हो।

मैंने उसे बिस्तर पर बैठा लिया और उसके चेहरे को साड़ी के पल्लू से ढक दिया।
उसने भी पल्लू को दुल्हन की तरह थामे रखा फिर धीरे से मैंने उस चाँद से घूँघट के बादलों को हटाया और उसके मदमाते होटों पर एक किस कर दिया तो वो एकदम ही मुझसे लिपट गई।

मैंने उसकी सांसों की गर्मी को अपने सीने पर महसूस किया।

वो बिलकुल तैयार थी, मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी साड़ी में डालना शुरू किया, वो नीचे की तरफ झुकती सी चली गई।
मैंने एक हाथ उसकी मदमस्त कर देने वाली चूचियों पे रख दिया और उन्हें दबाने लगा।

वो टूट कर अब मेरी बाँहों में बिखरने लगी थी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना नरम नाज़ुक शरीर मुझे सौंप दिया।

मेरा एक हाथ अब उसकी नरम, गरम और गुलाबी चूत पर पहुँच कर उसके साथ शरारत कर रहा था।
शायद वो अब सहन नहीं कर पा रही थी।

मैंने एक एक करके उसके शरीर से सारे कपडे अलग कर दिए।
अब वो गुलाब की गुलाबी कली मेरे सामने अपनी सारी पंखुडियों से बाहर आ चुकी थी।

उसके पूरे नंगे बदन को देख कर तो कोई भी अपना आप खो दे!

मैंने अपने कपड़े उतार दिए। हम दोनों एक दूसरे की बाँहों की गिरफ्त में जाने के लिए बेताब थे।

मैंने बिस्तर पर जाकर मधु को कस के अपनी बाँहों में ले लिया।
उसके जिस्म का अंग अंग सेक्स की आग में जल रहा था।
अब इस सावन को मधु के जिस्म पर बरस कर उसके जिस्म की प्यास को बुझाना था।

मैंने मधु की खामोशी तोड़ी और उससे पूछा कि क्या कभी पहले सेक्स किया है तो उसने चेहरे को हाथों से ढक लिया और इन्कार में सर हिला दिया।
यानि कि मधु बिल्कुल अनछुई थी।

अब मुझे उसके साथ थोड़ी ऐहतियात बरतनी थी क्योंकि उसकी चूत बिल्कुल कोमल थी।

मैंने ऊँगली से उसकी चूत को धीरे धीरे से सहलाया तो मधु कि सिसकियाँ सी छूटने लगी।

उस कमरे का माहौल आऽऽ आहऽहऽहऽ ऊऽउऽ उफ़ऽफ अऽअऽ आ स ओऽऽऊहऽ नऽऽनाऽ सावन करोऽ हम्मऽ … ऊऽऽऊफ ओ ओह येसऽस स से और भी सेक्सी हो गया।

मैंने उसके शरीर पर हर जगह चूमा, उस कली को हर तरफ से चूमा।

अब मैंने उसकी हालत को समझते हुए धीरे से अपना लण्ड उसकी चिकनी और मुलायम चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उसके अंदर लण्ड को डालने लगा।
मधु अपने पैरों को भींचने लगी और कहा- दर्द हो रहा है!
मैंने उस से कहा- अगर टांगें भींचोगी तो दर्द होगा!

अब उसने अपने पैर खोल लिए।
मैंने एक झटके से जोर से लण्ड चूत के अंदर डाला तो मधु की चीख निकल गई और लण्ड चूत के अंदर था।

मधु बेहाल सी हो गई, मैंने उसे थोड़ा शांत किया, उसका चेहरा पसीने से भीग गया।
अब मैंने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाला तो लण्ड पर खून लगा था, उसे देख कर मधु बोली- कुछ होगा तो नहीं?

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!

मैंने धीरे धीरे लण्ड को हिलाना शुरू किया तो मधु सिसकियाँ अब सेक्स की आवाजों में बदलने लगी थी और उसका चेहरे का डर एक चमक में बदल गया था।

फिर तो उल्टा मधु सेक्स करने में मेरा साथ देने लगी।
मैंने उसे धीरे से चोदा, अपने लण्ड को उसकी गहराइयों तक उतारा, जितना गहरा लण्ड चूत में जाता, उतनी ही मधु मुझसे चिपक जाती और उतनी ही जोर से उसकी सिसकी आती थी।

उसके बाद तो पता नहीं हम दोनों इतना समय खींच गए कि इतने गरम होने के बावजूद हम लगभग 25 मिनट तक सेक्स करते रहे।
काफी देर बाद मैं मधु के ऊपर निढाल सा हो गया और साथ ही साथ मधु ने भी खुद को मुझसे जकड़ लिया।

अरे! यानि कि यारो उसका भी सेक्स पूरा हो गया था।

अब हम दोनों काफी देर एक दूजे पर निढाल लेटे रहे और आधे घंटे बाद दोबारा से एक बार फिर एक दूजे में समां गए।

और फिर मधु अपनी साड़ी पहन कर थके से कदमों से वहां से अपने कमरे में चली गई। खैर एक दूजे की कुछ मिठास दिल में लिए नींद के आगोश में समां गए।

अगली सुबह जब हम उठे और नाश्ते के लिए नीचे आए तो मैंने मधु की आँखों में एक अजीब सी चमक और चेहरे पर एक मुस्कान देखी।

सुबह 11 बजे तक मुझे होटल से चेक आउट करना था।
मैंने मधु को यह बताया तो वो बोलने लगी- हम शाम 4 बजे यहाँ से चेक आउट करेंगे!

सुबह मधु के घर वाले भरतपुर घुमने के लिए निकलने लगे तो मधु ने उनसे बहाना कर दिया कि उसके सर में बहुत दर्द है।
मधु की मम्मी उसके पास रुकने लगी लेकिन मधु ने कहा कि मैं थोड़ा सोना चाहती हूँ, फिर आप मेरे पास अकेली बैठी बोर हो जाओगी, इसलिए आप भी थोड़ी देर घूम आइये!

उसकी मम्मी मान गई।

अब मधु अकेली ही कमरे में थी।
कुछ देर बाद मैं मधु के कमरे में गया।

मेरे वहां जाते ही मधु भागकर मुझसे लिपट गई और नज़रें नीचे करके कहने लगी- सावन! क्या रात वाला अहसास तुम मुझे अभी करा सकते हो?
उसने मेरे दिल की बात कह दी।

फिर क्या था हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और बेड पर बैठ गए।
मैंने मधु के तन के हर हिस्से को किस किया। जैसे मैं उसे किस करता तो मधु उतनी ही उत्तेजित होती जाती।

फिर हमने आधे घंटे तक एक दूसरे को वो अहसास कराया, जिस अहसास को आप मेरे इस अनुभव को पढ़ने के बाद करना और पाना चाहते हो।

उसके बाद मैंने मधु को कपड़े पहनाये और उसके नरम नाज़ुक होटों पे एक प्यारा सा “गुड बाय किस” किया और मैं होटल से चेक आउट कर गया।

दोस्तो, ये थे मधु के साथ बिताये कुछ हसीं पल!

आपको मेरा ये अनुभव कैसा लगा?
मुझे मेल कर के जरूर बताना! Sex Stories

Hindi Porn Stories

एक बेहद खूबसूरत लड़की ….जिसे Hindi Porn Stories देख कर ही लण्ड पानी छोड़ दे, इतना कमसिन बदन था उसका !

मगर बहुत ही तेज मिजाज होने के कारण किसी की हिम्मत नहीं होती थी उस के नजदीक जाने की …..

कई लड़के उसके नाम से मुठ ही मार पाते थे, मैं भी उसी मुठ-मार दल का सदस्य था ….

रहती मेरे पड़ोस में थी, मगर दूर की खुशी थी …

एक दिन उसके पाँव में चोट आई ….अकेले चल फ़िर नहीं सकती थी, और उसी दौरान उसके परिवार को किसी नजदीकी रिश्तेदार की शादी में जाना था …तो दो दिन उसको मेरी मॉम की निगरानी में छोड़ के मजबूरन उनको जाना पड़ा ….

अनजाने में वो आग का गोला मेरे हाथ भी लग गया ….

मॉम ने कहा कि उस को कंपनी देना तुम्हारा काम है और ये भी ध्यान रहे कि उसका ख्याल रखने में कोई कमी नहीं आनी चाहिए क्यूंकि उसके परिवार ने हमारे भरोसे उसे अकेला छोड़ा है …

मॉम से इज़ाज़त मिलते ही में उसके घर चला गया ….

मैंने पूछा- कैसी हो मधु ?

वो बोली- ठीक हूँ पैर में दर्द है और बुखार भी है शायद !

मैंने कहा- कोई बात नहीं ! जब मैं आ गया हूँ बुखार भी गायब हो जाएगा ….मैं उस से बात करते हुए बातों में खुल रहा था और उसे भी मेरी बातों से दर्द कम होता महसूस हो रहा था …इतनी बातों में वो भी तल्लीन हो गई थी …

अचानक उसने कहा- यार मुझे पता नहीं था तुम इतने अच्छे दिल वाले हो ! मैं तुम्हें भी आम लड़कों की तरह चालू समझती थी, मगर तुम तो बड़े प्रतिभाशाली और अच्छे दिल वाले इंसान हो !

मैंने कहा- शुक्रिया मधु ….!

हमारी बाते चल रही थी कि उसने कहा- मेरे सर में दर्द हो रहा है।

मैंने कहा- अगर तू इजाजत दे तो तेरे सर का ही नहीं, तेरे पाँव का दर्द भी मैं गायब कर दूँ …

उसने कहा- कैसे ?

मैंने कहा- तू सिर्फ़ इजाजत दे, फ़िर बताता हूँ ….

उसने हामी भर दी और मैं शुरू हो गया अपनी किस्मत के दरवाजे खोलने की कोशिश में …

मैंने धीरे से उसके सर पर किस की और उसके बालों को सहलाने लगा धीरे धीरे …उसको किस कर रहा था। फ़िर भी उसके चेहरे पर नाराजगी नहीं दिख रही थी तो मैं हिम्मत करके आगे बढ़ा और उसकी आँखों को चूमा बड़े प्यार से उसकी ओर देखा और अब हिम्मत भी आ गई यह देख के कि वो प्यार से पिंघल रही है …..मैंने उसके नाक पर किस की …उसके गालों पर किस की …

इस समय भी उसके बालों को सहला रहा था मैं और किस करते हुए आगे बढ़ रहा था …

अपने गरम होठों से उसके पूरे बदन को चूमने का तय कर लिया था अब मैंने ….

अब मैं उसके गले पर किस कर रहा था और गले के आसपास भी बहुत ही प्यार से किस कर रहा था और वो भी शायद उस प्यार में डूब रही थी.. आँखें मूँद के मेरे अस्तित्व को महसूस कर रही थी …

मैंने हिम्मत करके उसके स्तन पर किस की और उसी दौरान उसने मेरे मुँह को दोनों हाथो से पकड़ कर अपने स्तनों पर दबा दिया ..

मैं उसके बदन की खुशबू लेता हुआ वहीं पड़ा रहा ….

उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो …

फ़िर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से उसके कपड़े उतार रहा था और उसे चूमे जा रहा था ..

अब उसके बदन पर सिर्फ़ ब्रा पैंटी ही थी ….

मैंने उसके बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था ! इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि मुझे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगड़ना सा लगता था ….

तो मैं फ़िर से उसे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, उसके समतल पेट को चूमा और अब उसकी नाभि की ओर बढ़ा।

अपनी जीभ को घुमाया उसकी नाभि में और चाटना शुरू किया हौले हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था …उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ….वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही थी और उसका गोरा सा बदन मचल रहा था। मगर अब भी वो चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ….

मैं चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब मेरा मुँह उसकी पैंटी के ऊपर था …पैंटी से ही उसकी चूत को चूमा और मुँह को दबाया उसकी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ….

मैंने धीरे से उसकी पैंटी को नीचे सरकाया …वाह क्या पिंकिश चूत थी उसकी …

बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है उसकी चूत जो उसकी गोरी सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है …

मैंने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए उसकी चूत को चूमने लगा …बहुत ही मीठी खुशबू उसकी चूत से आ रही थी और मैं पागल हुए जा रहा था …उसकी चूत के बीच के हिस्से में मैं चूम रहा था …चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी …बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ….

मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने मेरे लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और मैं जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा। …मेरा लण्ड मेरी पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी, मेरी जान पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को !

मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गया और अपने लण्ड को उसके मुँह के पास कर दिया … लण्ड को इतना करीब देख के उससे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया …ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ….अब मैं अपनी पूरी रवानी में था, मेरा लण्ड उसके मुँह में चुदाई कर रहा था और मैं उसकी चूत को जीभ से चाट रहा था ….मैंने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रह। साथ साथ एक ऊँगली उसकी गांड में भी घुसेड़ दी।

मैं मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था …मानो में जन्नत की सैर कर रहा था ….उसको चोदने की मुझे कोई जल्दी नहीं थी क्यूंकि एक दो बार ऊँगली से चोद के उसकी कंवारी चूत को मस्त बना के फ़िर चोदना था मुझे …. बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और वो भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ….ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए …..

अब मैं उसकी बगल में आ गया और उसके साथ ही लेट गया। चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगा ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा था। अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे …. हम प्यार में डूबे जा रहे थे !

तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़ तेरी हूँ ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है कर !! मैं तेरे हवाले हूँ ….!!!

मैंने उसके बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और उसकी ब्रा को अब निकाल दिया उसके मशरूम से बदन पर उसके स्तन क़यामत ढा रहे थे। मैं धीरे धीरे उसे सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए उसके स्तनों को मसल रहा था।

अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगा, स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था, वो भी मस्ती से साथ निभा रही थी !

हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहे थे और उसके स्तनों को निचोड़ रहा था मैं ! वो भी मेरी गाण्ड को सहला रही थी। मैं उसके बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया मेरा और अब मैंने उसके चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा था, उसके बूब्स मेरे हाथो में मचल रहे थे और मैं चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ….उसी दौरान मेरा लण्ड उसकी चूत पर रगड़ रहा था …उसकी चूत का गीलापन मेरे लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था … बूब्स गोरे से लाल होने चले थे ….

अब लण्ड को चूत पर पटकते हुए मैंने उसके बाएँ स्तन को मुँह में ले लिया चूसने लगा और दूसरे हाथ से दायाँ स्तन मसलने लगा …बारी बारी ये क्रम चलाते हुए उसकी चूत को मस्त कर रहा था मैं ……

उससे रहा नहीं गया और पहली बार वो बोली- मेरी जान ! अब मैं सहन नहीं कर पा रही हूँ ! कुछ हो रहा है मेरी चूत में !! अपने लौड़े को उसमें डाल दो …. !!!

मेरे बहुत कहने पर भी वो चूत और लण्ड नहीं बोल रही थी। मैंने सोचा- कोई बात नहीं ! काम वही है प्यार से चोदने का ! चूत हो या पस्सी…..

उसके बूब्स को छोड़ के मैंने उसके पैरो को दोनों हाथो से फैला दिए ….उसकी चूत में उसकी शिश्निका मोती सी चमक रही थी जो इस वक्त सख्त हो गई थी …

चूत से पानी निकल रहा था, मैंने इस मस्त चूत पर अपने लौड़े को रख दिया और उसको गांड से ऊपर करके धक्का दे दिया, चूत में लण्ड थोड़ा सा घुसा और रुक गया। चूत इतनी कसी हुई और रसीली थी कि मेरा लण्ड चूत की गहराई नापने के लिए उतावला हो रहा था।

मगर मुझे पता था कि कुंवारी चूत को हौले से चोदना है …मैंने लण्ड को गहराई में ना ले जाते हुए धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया ….

लण्ड का मजा लेते हुए वो इतनी मस्त हो गई कि बोली- अब कोक को घुसेड़ ! दो मेरे दर्द की परवाह मत करो …… !!

मैंने तुंरत लण्ड को जोर का धक्का दिया और चूत में घुसेड़ दिया ….उसका योनि-पटल फट चुका था और खून निकल रहा था।

कुछ देर मैं उसकी चूत को लण्ड से सहलाता रहा और जब लगा कि अब कोई खतरा नहीं, मैंने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी …

गांड से चूत को लण्ड पर दबाये रखे चूत चोदने लगा ….

बूब्स को मुँह में ले के चूसने लगा और चूत की चुदाई करता रहा …..

वो चिल्लाने लगी- फ़क मी फ़ास्ट !

और मेरा लण्ड बरस पड़ा उसकी चूत पर !

घमासान जंग शुरू हो गया ! चूत और लण्ड के बीच जैसे होड़ लगी थी कि कौन ज्यादा मस्ती देगा लण्ड या चूत …

पहली बार चुदाने के बावजूद इतनी मस्ती से चुदाई करा रही थी कि मजा दुगना हो रहा था … गांड को उछाल रही थी वो !

और लण्ड तेज रफ्तार से चूत फाड़ रहा था ….

हाथ अपना कमाल दिखाते हुए बूब्स को मसल रहे थे और मुँह उसके मशरूम से बदन को चाट रहा था …..

हम दोनों मंजिल की ओर बढ़ रहे थे तब मैंने लण्ड को चूत में से बाहर निकल दिया।

वो चिल्लाने लगी- चोऽऽऽऽदोऽऽऽ मुझे ! मैं मर जाउँगी बिना लण्ड के …. !!

जैसे ही उसने लण्ड बोला, मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रख दिया और लोड़े को जोर का धक्का देते हुए उसकी चूत में घुसेड़ दिया ….

क्या चूत थी उसकी ! मेरा लोहे सा गरम लण्ड उसकी चूत की गर्मी को ठंडा करने को मचल पड़ा ….

लौड़े ने चूत की गहराई नाप ली थी और जोर जोर से चूत को फाड़े जा रहा था !

बूब्स हाथो में खेल रहे थे और चूत चुदाई हो रही थी ….

मंजिल करीब आ रही थी और लोड़े की रफ्तार तेज हो गई थी ….

वो उछल उछल के चुदाई करा रही थी … और लौड़ा पूरी रवानी से चूत चोद रहा था ….

आख़िर हम दोनों ने मंजिल पा ली …निढाल सा मैं उसके बदन पर पड़ा था और वो भी निढाल सी पड़ी हुई लम्बी साँसे ले रही थी …….

हमने एक ही दिन में प्यार के साथ चुदाई का मजा लिया ……

हम दोनों एक दूसरे को सहलाते हुए चुदाई के उस स्वर्गीय आनंद को महसूस कर रहे थे …..

दोस्तों यह मेरे पहला प्यार आज मेरे घर की रानी बनकर मेरे आँगन को महका रहा है और मेरे लौड़े का हर तरह की गालियों से स्वागत करते हुए उसकी चूत चुदवा रहा है …..

जो चूत तक नहीं बोलती थी वो मेरी रानी आज मादरचोद ! चोदो मेरी चूत को ! फाड़ दो ! तक बोलने लगी है ….शादी के बाद की चुदाई का किस्सा फ़िर कभी ….

आपको मेरी ये प्यार की कहानी कैसी लगी मुझे लिखियेगा जरूर …. Hindi Porn Stories

Sex Stories

मैं राकेश, राजस्थान से, एक Sex Stories अच्छे व्यक्तित्व वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ। मैं आप को एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की 3 साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?
तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई- आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽ ऊऊऊमम्म म्मम्म!

मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि 8 इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- राकेश तुम कब आये?
मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।

मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।

लेकिन एक दिन अचानक मेरे सेल पे भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे घर आने को कहा। मुझे लगा कि शायद भाभी को कोई काम होगा इसलिये बुलाया है, मैं घर पहुँचा, मैंने दरवाज़े पर घण्टी बजाई, भाभी ने गेट खोला और मुझे अंदर आने को कहा। मैंने भाभी से पूछा कि श्वेता कहाँ है?
तो वो बोली- अपनी सहेली के घर गई है।
उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने को कहा और मैं उनके पीछे चला गया।

मैंने वहाँ एक 18-19 साल की लड़की को देखा। मैंने भाभी से पूछा- यह कौन है?
तो भाभी बोली- ये मेरे मामा की लड़की है, कल ही शिमला से आई है। उसका नाम रानी है।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी! कुछ काम था जो आपने मुझे याद किया?
तो भाभी बोली- क्या काम होगा, तभी बुला सकती हूँ क्या?

मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि भाभी क्या चाहती हैं मुझसे। फिर मैं रानी से बातें करने लगा और धीरे धीरे वहो मेरे करीब आने लगी । उसने मेरे लण्ड पे हाथ रखा मेरा, लण्ड खड़ा हो गया। मैं बेकाबू हो गया, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। मुझे कुछ ख्याल नहीं था कि मैं कहाँ और किसके घर में हूँ।

मुझमें और जोश आने लगा, मैं उसके स्तन जो कि काफ़ी छोटे और नरम थे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। वो मुझसे कहने लगी- धीरे करो राकेश!

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लण्ड बहुत तड़प रहा था। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किए और सारे कपड़े उतार दिये। उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये, बस अण्डरवीयर उतरना बाकी था।

उसमें भी काफ़ी जोश आ चु्का था, उसने मेरा अण्डरवीयर फ़ाड़ दिया और कहने लगी- जल्दी डालो राकेश जल्दी डालो! मुझसे रहा नहीं जा रहा!

मैंने उसकी छोटी सी चूत में अपना लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्लाई- राकेश! आऽऽऽऽ आआ आअह्ह ह्हह बाहर निकालो!

इतने मैं भाभी आ गई और उन्होंने हम दोनों को नंगा देखा तो उनमें भी जोश आ गया और वो भी अपने कपड़े उतारने लगी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है।

फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पे धकेल दिया और मेरे ऊपर रानी को बैठाया और कहने लगी- अपना लण्ड इसकी चूत में डालो! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। वो फिर ज़ोर से चिल्लाई- आआऽऽऽ ह्हह्ह ह्हह…! राकेश धीरे!

मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत मारना शुरु कर दिया।

वो चिल्लाने लगी- आआआअ… ह्हह् ह्ह…ई… ऊउ… हाय रे…!
मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। 10-12 शॉट के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा, वो डर गई मगर भाभी ने कहा- कुछ नहीं पहली बार ऐसा ही होता है।

उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि भाभी मुझसे कहने लगी- नहीं राकेश! रुको! अभी मैं बाकी हूँ!
मैं उस दिन काफ़ी जोश में था। अब भाभी मेरे ऊपर थी और मैं उनके होंठों पे किस कर रहा था। मुझमें काफ़ी जोश आ रहा था। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।

आआआआ… ह्हह्ह ह्हह… ओ… ह… ह्ह्हह्ह हह्हह्ह… प…पप्पप्पु… स्सस स्सस्स… ह्हह्ह ह्हह।
मुझे काफ़ी मजा आ रहा था। उन्होंने मुझमें और जोश ला दिया। फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया।
वो कहने लगी- राकेश तुम में काफ़ी जोश है! मेरी प्यास बुझा दो।

मेरे दिलो-दिमाग पे भाभी छा रही थी, मैं भी बेकाबू हो गया था। मैं शॉट मारने लगा।
भाभी आआआआ आआअ…न… इ…स…ए… जी…तु… कहने लगी।

मैं और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा। उन्हें काफ़ी मजा आ रहा था। वो कम ओन राकेश…कम ओन राकेश…डू इट! कह रहि थी और मैं पूरे जोश से शॉट मार रहा था, लेकिन इस बार मेरा माल बाहर नहीं आ रहा था। मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।
भाभी आआ…ह… ह्हह्ह… ऊऊऊओ… स…सओ… म…ए… राकेश! कहे जा रही थी।

15 बार शॉट मारने के बाद मेरा माल निकल गया और फिर कुछ देर के लिये मैं उनसे लिपट गया। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और भाभी से कहा- मैं अब घर जा रहा हूँ!
भाभी कहने लगी- राकेश आते रहना!
और उसके बाद हमारा सिलसिला ऐसा ही चलता रहा।

लेकिन एक दिन राहुल का तबादला दिल्ली हो गया और हम दोनों जुदा हो गये।
मुझे आज भी भाभी की याद सताती रहती है और साथ साथ रानी कि भी जो शिमला वापिस चली गई।
मुझे आज भी किसी भाभी का या किसी रानी का इन्तज़ार है!

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
आपका यह दोस्त राकेश फिर एक कहानी लेकर आपके सामने जल्द ही हाज़िर होगा! Sex Stories

Antarvasna

मैं रीता हूँ मेरे पति का नाम Antarvasna अतुल है। मेरे पति चाहते हैं कि मैं उनका लौड़ा चुसूं और पूरी नंगी होकर सेक्स में तरह तरह के खेल करूँ। इस बात को लेकर अक्सर मेरी उनसे लड़ाई हो जाती थी। मुझे लौड़ा चूसने से बड़ी चिढ़ थी मुझे लौड़ा चूसना बहुत गन्दा काम लगता था।

एक बार लड़ाई तेज हो गई, अतुल बोले- कुतिया, तू लौड़ा नहीं चूस सकती तो यहाँ से भाग जा!

मैं भी लड़ कर अपने घर आ गई। मैंने अपनी माँ को बता दिया कि अब मैं घर नहीं जाऊँगी। मेरी माँ ने मुझसे कुछ नहीं कहा। मेरे भैया 3-4 दिन के लिए घर से बाहर थे इसलिए रात में मैं भाभी के कमरे में सोने चली गई।

मैं और भाभी रात को दस बजे बिस्तर पर आ गई। भाभी ने साड़ी उतार दी। वो अब पेटीकोट और ब्लाउज़ में थीं। उन्होंने पेटीकोट उठा कर अपनी चड्डी भी उतार दी। ब्रा वो पहने नहीं थीं। मैं एक मैक्सी और चड्डी पहने थी।

भाभी ने मुझसे पूछा- ब्लू फिल्म देखोगी क्या?
मैं पिछले दस दिन से नहीं चुदी थी, मेरी चूत में खुजली हो रही थी।
मैं बोली- देख लूंगी!

भाभी ने एक सेक्सी हिंदी ब्लू फिल्म लगा दी। फिल्म में कुछ देर बाद लड़कियों ने लड़कों के लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिए।

मैं बोली- भाभी यह काम तो केवल रंडियाँ ही कर सकती हैं!

भाभी मुस्करा कर बोली- शुरू शुरू में तो गन्दा लगता है लेकिन एक बार चूस लो तो फिर बार बार लंड चूसने का मन करता है! तेरे भैया तो दिन में एक बार लंड चुसवाते ही हैं।

मैं बोली- ऊहं! मैं तो कभी नहीं चूस सकती!

कुछ देर बाद लड़की की चूत में लौड़ा घुसा कर लड़के चोदने लगे। कमरे में फिल्म की सेक्सी आवाज़ गूँज रही थी। भाभी पेटीकोट उठा कर अपनी चूत सहलाने लगीं। मेरा हाथ बार बार मेरी चूत पर जा रहा था लेकिन मैं हटा लेती थी।

भाभी मुस्करा कर मेरी तरफ देखती हुई बोलीं- शरमा क्यों रही है? खुजली हो रही है तो खुजा ले! ला, मैं तेरी खुजा देती हूँ और तू मेरी खुजा दे!

भाभी ने मेरी मैक्सी खोल कर मेरी चड्डी में उंगली डाल दी और मेरी चूत खुजानी शुरू कर दी। मेरा हाथ उन्होंने अपनी चूत पर रख दिया। मैं भी उनकी चूत खुजलाने लगी। ब्लू फिल्म अपनी चरम सीमा पर थी। अब दो लड़कियों की चूत उन्हें सीधा लेटाकर 2 लड़के मार रहे थे और एक लड़का उनमें से एक लड़की को अपना लंड चुसवा रहा था। उनकी उहं उहं ओह ओह की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

मैं और भाभी बहुत गरम हो रहे थे, भाभी ने अपना पेटीकोट, ब्लाउज़ उतार दिया था। मैं भी सेक्स की गर्मी में नहा रही थी और पूरी नंगी हो गई थी। भाभी की चूत पूरी चिकनी थी। मेरी चूत पर झांटों का जंगल उग रहा था।

भाभी बोली- ननदजी, लगता है रमेश जी को जंगल में घुस कर चोदना अच्छा लगता है!

उन्होंने मेरी चूत में उंगली घुसा दी। मैंने भी उनके चूत के होटों को रगड़ना जारी रखा।

फिल्म ख़त्म हो गई थी। हम दोनों पूरी नंगी एक दूसरे से बुरी तरह से चिपकी हुई थी। मेरी चूत भाभी की चूत से पूरी छुल रही थी और चूचियाँ रगड़ खा रही थीं। हम दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसे और चूचुक उमेठे। थोड़ी देर बाद भाभी और मैंने एक साथ पानी छोड़ दिया उसके बाद हम दोनों सो गए।

अगली रात को हम लोग फिर साथ सोये। आज भाभी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थीं, बोली- तेरे भैया के साथ तो मैं पूरी नंगी ही सोती हूँ! अब कल तो हम लोगों ने मौज की ही थी, आज और मौज करते हैं!

और उन्होंने मुझे भी पूरा नंगा करा दिया। मेरी झांटों के जंगल पर हाथ फिरा कर भाभी बोलीं- चल, इसे साफ कर ले! फिर मजा चखाती हूँ!

और उन्होंने क्रीम लगाकर मेरी चूत पूरी चिकनी कर दी। भाभी बोलीं- आज मैं तुझे असली लंड जैसा मजा देती हूँ!

भाभी अपनी अलमारी की तरफ गईं, उन्होंने एक नकली लंड अपनी अलमारी से निकाला और बोली- यह नकली लंड है! बिल्कुल असली जैसा मजा देता है! तेरे भैया ने अमेरिका से लाकर दिया है। इसे चूत में फिट करके लड़कों की तरह औरतों को चोदा जा सकता है और अपने हाथ से भी चूत में डाल कर मजा ले सकते हैं। अब बता मैं तुझे चोदूँ या तू मुझे चोदेगी?

मैं बुरी तरह शरमा रही थी, भाभी बोली- बहुत शर्माती है? चल लेट! पहले मैं ही तुझे चोदती हूँ!

और उन्होंने अपनी चूत में लंड फिक्स कर लिया। भाभी नकली लंड लगा कर ऐसी लग रहीं थीं जैसे कोई गोरे लंड वाला चिकना लौंडा मुझे चोदने को खड़ा है। मुझे गिरा कर भाभी मेरे ऊपर लेट गईं और मेरी चूत में अपना नकली लौड़ा हाथ से पकड़ कर घुसा दिया। नकली लंड मेरे पति से मोटा था, मेरे मुँह से ऊहऽऽ मर गई! मर गई! की आवाज़ निकल गई, लेकिन मुझे साथ ही साथ मजा भी आया था।

भाभी ने मेरी चूचियाँ मलते हुए करीब दस मिनट तक नकली लंड से मुझे चोदा। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत में लंड फिक्स कर दिया और बोली- चल अब तू मुझे चोद!

मैं चोदने में शरमा रही थी, भाभी बोली- साली शरमाती बहुत है!

और वो मेरे ऊपर उछ्ल कर बैठ गईं और ऊपर उछ्ल उछ्ल कर चुदने लगीं। उन्होंने मेरे हाथ अपने बड़े बड़े संतरों पर रख लिए और बोलीं- कुतिया, इन्हें तो दबा दे!

मुझे उनके मोटे मोटे चूचे मसलने में बड़ा मजा आने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गई। उसके बाद हम दोनों पहले की तरह चिपक कर सो गई।

रात के 3-4 बजे घर में घंटी बजी, भैया बाहर से आ गए थे। मैं भी जाग गई। भाभी, मैं और भैया बातें करने लगे। थोड़ी देर में मैं सोने लगी। तभी मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी उठकर बाथरूम में गई हों। कुछ देर बाद मैंने बाथरूम में झाँककर देखा तो मैं दंग रह गई- भाभी भैया का लंड पैंट से निकाल कर लपालप चूसे जा रही थीं। उसके बाद इंग्लिश टॉयलेट पर बैठकर भैया ने अपने लौड़े पर भाभी को बिठा लिया और कस कस कर उनकी चूचियों को मसलने लगे। भाभी धीरे धीरे चिल्ला रही थी- कुत्ते! चूत में डाल इस लौड़े को! 15 दिन से बिना चुदे पड़ी हूँ! कोई और होती तो रंडी बन गई होती! भैया ने एक झटके में लंड भाभी की चूत में घुसा दिया और भाभी चिल्ला उठीं- उईऽऽ! मर गई! फट गई! मजा आ गया! क्या घुसाया है!

भैया भाभी की घुन्डियाँ मसलते हुए बोले- रंडी, नकली लंड नहीं डाला अपनी चूत में? तुझे अमेरिका से लाकर दिया था!

लौड़े पर उछ्लती हुई भाभी बोली- अरे कुत्ते! तेरे जैसे लंड का मजा नकली में कहाँ! साले को जब तक नहीं चखा था तब तक तो कोई बात नहीं लेकिन अब तो तीन दिन नहीं चुदुं तो मन करने लगता है कि सब्जी वाले को बुलाकर चुदवा लूँ! मेरे कुत्ते, ज्यादा दिन को मत जाया कर! अगर रंडी बन गई तो तू जिम्मेदार होगा..

भाभी उनके लौड़े पर धीरे धीरे उछ्ल रहीं थीं, भैया उनकी चूचियों की घुन्डियाँ मसल रहे थे। भैया बोले- चल जरा हट थोड़ा! तेरे को पीछे से ठोकता हूँ!

भैया ने भाभी को उठा दिया। भैया उठते, इससे पहले ही भाभी ने उन्हें रोका और बोलीं- तेरा शेर बहुत सुंदर लग रहा है! इसको थोड़ा चूस लूं!

यह कह कर उन्होंने भैया का लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और तेजी से आगे पीछे करके चूसने लगी। मैं हैरान थी कि मेरी भाभी इतना मस्त होकर लौड़ा चूसती हैं। भाभी इस समय ब्लू फिल्म की हिरोइन लग रही थीं। भैया का सुपाड़ा ऐसे चाट रही थीं जैसे कोई आइसक्रीम चाट रहा हो। भैया भाभी की गांड में उंगली कर रहे थे।

भैया बोले- चल कुतिया लौड़ा छोड़ और अब जरा चूत बजाने दे।

भाभी टॉयलेट की सीट पर हाथ रखकर घोड़ी बन गईं। भैया ने पीछे से उनकी चूत में लंड छुला दिया और धीरे धीरे से उनके संतरे मसलते हुऐ लंड उनकी चूत में घुसा दिया और भाभी को चोदने लगे। भाभी की ऊहं ऊह की आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थीं। भैया बीच बीच में जोर से हाथ उनके चूतड़ों पर मार देते थे। कुछ देर बाद भैया ने अपना लंड बाहर निकाल लिया। लंड झड़ चुका था। भाभी खड़ी होकर भैया से चिपक गईं और उन्हें चूमती हुई बोलीं- सच, आज बहुत मजा आया!

इसके बाद मैं बिस्तर पर आकर लेट गई थोड़ी देर में भाभी भी मेरे पास आकर सो गईं। मैं सोच रही थी कि भाभी तो बहुत बदमाश हैं, लंड लपालप ऐसे चूसती हैं जैसे आइसक्रीम खा रही हों! छीः छीः कितना गन्दा काम है लंड चूसना! चुदने में तो मजा आता है लेकिन लंड चूसना? छीः छीः. मैं तो कभी नहीं चूस सकती..

शेष कहानी अगले भाग में!
आपकी उषा रांड
साथियो, कहानी कैसी लगी? Antarvasna

प्रेषक : राहुल Antarvasna

प्यारे दोस्तो, मैं राहुल कोटा Antarvasna से एक बार फिर से आया हूँ एक मजेदार सच्ची कहानी लेकर। आशा है कि कोटा की सभी लड़कियों को पसंद आएगी ! तो इसी आशा के साथ मैं अपनी सच्ची कहानी शुरू करता हूँ।

यह घटना है पिंकी की जिसका एक और नाम पूजा भी है। पूजा हमारी ही जाति की है। आज से करीब चार साल पहले उसकी शादी हो चुकी है और अभी उसके दो बच्चे भी हैं। देखने में थोडी सांवली है पर नाक नक्श तो ऐसे तराशे हुए है जैसे पूरे जिस्म को सोच समझकर बनाया गया हो।

उसकी शादी से पहले मेरी और उसके रिश्ते की बात चली थी पर हम दोनों की कुंडली नहीं मिल पाने के कारण हमारी शादी नहीं हो पाई थी। उसकी शादी के बाद हम दोनों का बात करना और मिलना सब बंद हो गया था।

अभी लगभग पंद्रह दिन पहले की बात है, हमारे समाज में एक शादी थी, वो भी हमारे घर से कुछ ही दूरी पर। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ, शाम को छ: बजे मैं घर पर आया तो मेरी मम्मी ने कहा कि मैं उनको शादी में छोड़ आऊं।

मम्मी को शादी में छोड़कर मैं सीधा घर पर आ गया। इस समय मेरे सिवा घर पर कोई भी नहीं था। मैं टीवी देखने लग गया। कुछ देर बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने पूजा और मेरे मामा का लड़का खड़ा था। मैं उसको देखकर चौंक गया कि यह कैसे आ गई।

मैंने उनको बिठाया और पानी पिलाया। उसने मुझसे कहा कि उस शादी में वो भी आई है। उसने मम्मी से मेरे बारे में पूछा होगा तो मम्मी ने बताया कि वो घर पर ही है, और वो मुझसे मिलने घर पर आ गई। वो केवल पांच मिनट ही बैठी और जाने लगी। वो बाहर निकली ही थी कि वापस अन्दर आई और मुझसे मेरे मोबाइल नंबर देने को कहा तो मैंने दे दिया। तब उसने मुझे कॉल करने को कहा। उस दिन की वो बात ख़त्म हो गई।

दो तीन दिन बाद मेरे मोबाइल पर किसी नंबर से मिस कॉल आया। मैंने दुबारा उसी नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि वो नंबर पूजा का है। बस उस दिन से हमारे बीच बातचीत फिर से शुरू हो गई। उस दिन से मेरे अन्दर का सेक्स भी उसके लिए जाग गया था।

कुछ दिन बाद उसका जन्मदिन था तो मैंने उसे कॉल करके विश किया और उससे पूछा कि बताइए आपको क्या चाहिए।

तो उसने कहा- जो आपका दिल हो दे देना !

तो मैंने कह दिया- फिर जो भी मैं देना चाहूँ, वो आपको लेना पड़ेगा !

तो उसने हाँ बोल दिया।

मैंने कहा- फिर मैं कब आ सकता हूँ आपके यहाँ?

पूजा ने कहा- सुबह आठ से लेकर शाम को सात बजे तक कोई भी नहीं होता है घर पर ! तो आप इस बीच किसी भी समय पर आ जाना। उसके इस तरह से कहने का मतलब शायद मैं समझ चुका था इसलिए एक दिन शनिवार को मैं घर से दस बजे निकलकर उसके घर पर चला गया।

उसने मुझे बिठाया और चाय पिलाई। वो थोड़े गरीब लोग थे और घर में छोटे छोटे केवल दो ही कमरे थे। एक कमरे में उसके बच्चे सोये हुए थे। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि मुझे दूसरा कमरा भी देखना है तो वो मेरे साथ दूसरे कमरे में आ गई। वहाँ पर लाइट नहीं थी इसलिए अँधेरा था। उसने आगे होकर मुझसे पूछ लिया कि बताओ आप क्या देना चाहते थे मुझे !

तो मैंने बिना शर्म किये सीधे बोल दिया- मैं तुमको किस करना चाहता हूँ और मैं तुमको बहुत पसंद भी करता हूँ !

पहले तो उसने मना किया और जाने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। उसने दूर होने की कोशिश नहीं की। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी। तब मुझे लगा कि वो भी यही चाहती है। मैं उसे करीब दस मिनट तक किस करता रहा।

उसने साड़ी पहन रखी थी पर मैंने पहले उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा को भी उतार दिया। इसका उसने थोड़ा विरोध तो किया पर उसमें उसकी मर्जी भी शामिल थी। फिर मौका देखकर मैंने अपनी जींस खुद ही उतार दी और अंडरवियर भी। बहुत देर तक मैं उसके स्तनों को चूसता रहा। सही में दोस्तो, इतना दूध भरा था उनमें कि मैं तो मस्त हो गया। फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया।

मैंने कहा- लंड तो तुमको चूसना ही पड़ेगा !

उसने मुझे कहा कि लंड तो उसने आज तक उसके पति का भी नहीं चूसा। तो मैंने कहा कि मैं तुम्हारा पति नहीं हूँ ! लंड तो तुमको मुंह में लेना ही पड़ेगा !

बहुत देर के बाद वो केवल कुछ सेकंड के लिए मेरे लंड को मुंह में लेने को तैयार हुई। मैंने उसको अपने पैरों पर बिठाया और लंड को उसके होंठों से लगा दिया। जैसे ही उसने लंड को मुंह में लिया, मैंने पीछे से उसके सर को पकड़कर आगे के तरफ धक्का दिया जिससे पूरा लंड उसके मुंह में चला गया और लंड को कस कर उसके मुंह में डालकर रखा। उसने दूर हटने की बहुत कोशिश की पर मैंने उसके सर को कसकर पकड़ रखा था और उसके मुंह को चोद रहा था।

मैं करीब दस मिनट तक उसके मुंह को चोदता रहा और उसके मुंह में ही झड़ गया। मैंने उसका सर अभी भी अपने लंड से अलग नहीं होने दिया। इस कारण से उसको मेरा सारा वीर्य पीना पड़ा। उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे। फिर मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद जब मैं फिर से सेक्स के लिए तैयार हो चुका था तो मैंने उसे जमीन पर पटक कर चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उसको उसकी साड़ी से आजाद कर दिया और पेंटी भी उतार दी।

पहले तो मैंने उससे ऐसे ही पूछा- नीचे तो डाल सकता हूँ न लंड को?

तो उसने तपाक से जवाब दिया कि उन्होंने (उसके पति ने) पहले ही इसको चौड़ा कर रखा है, अगर तुम डाल भी लोगे तो क्या हो जाएगा ! अब डाल भी दो, बहुत बेचैनी हो रही है।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक धक्का मारा तो वो सीधा चूत की गहराइयों में चला गया। सच में लंड के अन्दर जाने का तो मुझे एहसास ही नहीं हुआ। तब मुझे पता लगा कि साला उसका पति उसे कितना चोदता होगा। पर मुझे क्या ! मुझे तो केवल हल्का होना था। मैंने उसकी चूत में लंड के धक्के मारना शुरू कर दिया. करीब आधे घंटे तक मैं उसे चोदता रहा। फिर लंड को निकाल कर उसके वक्ष के बीच की दरार में रगड़ने लगा। दोस्तो, इसका भी एक अलग ही आनंद है। और फिर कुछ देर बाद मैंने अपना वीर्य उसके वक्ष पर छोड़ दिया। इस सारे प्रोग्राम के बाद वो कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी, पर जाने क्यूँ मुझे अच्छा नहीं लगा और वहां केवल पांच मिनट रुक कर वापस घर आ गया।

अब वो मुझे रोज कॉल करती है, पर मैं सोचता हूँ कि हमारे बीच जो भी हुआ वो हम दोनों की गलती थी। पर मैं अब क्यूँ उसकी शादीशुदा जिन्दगी को बर्बाद करूँ। इसलिए मैं उसका फ़ोन रिसीव नहीं करता हूँ। हांलांकि मेरे ऑफिस और उसके घर के बीच में ज्यादा से ज्यादा दो किलोमीटर की दूरी होगी पर फिर भी मैं वहां नही जाना चाहता हूँ।

कई बार वो मुझे मैसेज भी करती है कि वो मुझसे लाइफ टाइम सेक्स चाहती है पर वो मेरी ही जाति की होने के कारण मुझे डर सा लगता है। इससे पहले मैं नहीं जानता था कि किसी लड़की में सेक्स को लेकर इतना क्रेज भी होता है।

तो दोस्तो, यह थी मेरी और पूजा की कहानी। इस कहानी में जैसा कि सब बताते है कि चोदते वक़्त लड़की के मुंह से जोर जोर से सिसकारियां निकलती रही, मैंने ऐसा कुछ नहीं बताया है। क्यूंकि उस समय ऐसा कुछ हुआ ही नहीं ! हाँ थोड़ा उसको दर्द जरुर हो रहा था पर इतना नहीं कि वो चिल्लाती रहे। मैंने उसको न तो घोड़ी बनाकर चोदा और ना ही कुतिया बनाकर !

ये कह सकते है कि वो केवल एक सधारण सेक्स था।

आपके संदेशों के इन्तजार में आतुर ! Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆