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Massage Girl in Darbhanga: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Darbhanga who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Darbhanga that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Darbhanga massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Darbhanga who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Darbhanga massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Darbhanga massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Darbhanga who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Darbhanga employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Darbhanga helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Darbhanga

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Darbhanga at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्रेषक : सेक्सी बोय Sex Stories

दोस्तो ! मेरा नाम सन्नी है, मैं दिल्ली में Sex Stories रहता हूं। कुछ साल पहले की बात है मैं करोल बाग मार्केट में कुछ खरीददारी कर रहा था, किसी ने मुझे पीछे से आवाज़ दी। देखा तो अन्नु खड़ी थी। बहुत खूबसूरत एक नवविवाहिता जैसी लग रही थी – हाथों में चूड़ा, गले में मंगलसूत्र और माथे पर सिन्दूर लगाया हुआ था।

अन्नु मेरी गर्लफ़्रेन्ड थी। कुछ महीने पहले हमारा अलगाव हो गया था, अलगाव क्या बस उसकी शादी कहीं और हो गई थी। वो 24 साल की एक स्मार्ट और बोल्ड लड़की थी। करीब एक साल हमारा अफ़ेयर खूब चला… इस बीच किस तो आम सी बात हो गयी थी। हम लोग घंटो नेहरू पार्क मैं बैठे एक दूसरे को चूमते रहते। मैं उसकी शर्ट मैं हाथ डालकर उसके बूब्स दबाता रहता और वो मेरी पैंट की जिप खोलकर मेरे लंड से खेलती रहती।

हम लोग कभी पिक्चर भी देखने जाते तो यही होता था। कार्नर की सीट पर वो मुझसे सट कर बैठती और मैं उसके गले में से हाथ डालता हुआ उसकी शर्ट में हाथ डालकर पूरे तीन घंटे उसके बूब्स मसलता रहता और वो मेरी जैकेट को मेरी गोद में रखकर उसके नीचे से हाथ डालकर मेरी जिप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लेती और पूरे तीन घंटे उससे खेलती रहती .. मूवी तो हम नही देख पाते थे लेकिन इस सेक्स का खूब मज़ा लेते थे। मैं उसके बूब्स सहलाता और मसलता था तो उसे बहुत मज़ा आता था और मैं तो कई बार उसके हाथ में ही झड़ जाया करता था।

तो हमारे अलगाव तक हमने सिर्फ़ इतना ही सेक्स किया था चुदाई नहीं। फ़िर अचानक पता चला कि उसने कहीं और शादी कर ली है, बस वो कभी मेरा सामना नहीं कर पाई जो मेरे घर से करीब १ किलोमीटर की दूरी पर ही रहती थी….खैर तो ये थी हमारी छोटी सी कहानी …अब असली बात पर आते हैं

अन्नु को अपने सामने देखकर एक बार को तो काफ़ी गुस्सा आया मन करा कि खूब लडाई करूँ उससे कि उसने ऐसा क्यों किया। पर फ़िर मैंने अपने पर कंट्रोल रखते हुए उसका हाल चाल पूछा और उसने मेरा …बातों बातों में पता चला कि शादी के बाद वो यहीं पास में आनंद पर्वत में जॉब कर रही है और उसने मुझे अपना सेल नम्बर दिया और मेरा नम्बर भी ले लिया।

दो दिन बाद सोमवार को मुझे अन्नु का फोन आया कि बबलू क्या तुम मुझे आज मिल सकते हो तो मैंने हाँ कर दी. ११ बजे हम लोग एक रेस्तौरेंट में मिले तो उसने बताया कि वैसे तो उसकी सोमवार की छुटी होती है पर आज वो घर पर झूट बोलकर सिर्फ़ मुझे मिलने आयी है। मैंने कहा – ऐसी क्या जरूरी बात है?

तो उसने कहा कि यहाँ काफी शोर गुल है, कहीं अकेले में आराम से बैठकर बात करना चाहती हूँ। तो मैंने कहा कि ठीक है नेहरू पार्क चलकर बैठते हैं अपनी पुरानी जगह।

तो वो बोली – नहीं वहां कोई भी मुझे देख कर पहचान सकता है, तुम मुझे अपने घर ले चलो …वहां से हम दोनों घर आए … घर का ताला खोल कर हम अंदर आए और मैंने दरवाजा बंद कर लिया। …सर्दियों के दिन थे इसलिए मैंने रूम हीटर चला दिया। हम बाईक पर घर आए थे और उसे ठण्ड लग रही थी। रूम हीटर से उसे कुछ गर्माहट सी आई और वो अपनी शॉल उतार कर आराम से बैठ गयी।

काफी देर तक हम दोनों के बीच खामोशी रही और मैं तो सिर्फ़ उसे देखे ही जा रहा था, पंजाबी सुइट मैं काफी सेक्सी लग रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने ही खामोशी तोड़ी और बोला – बोलो क्या बात करनी है मुझसे?

वो अचानक उठी और मेरे गले लगकर रोने लगी और कहने लगी – सैंडी मुझे माफ़ कर दो, मैंने हम दोनों की लाइफ ख़राब कर दी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था …करीब १५ मिनट तक खूब रोने के बाद मैंने उसे पानी पिलाया तो वो कुछ नोर्मल सी हुई। लेकिन इस बीच वो मुझसे लिपटी रही। काफी दिनों बाद उसका स्पर्श पाकर मुझे भी अच्छा लग रहा था।

फ़िर वो बोली- सैंडी मेरे एक ग़लत फैसले की वजह से तुमने काफी कुछ सहा होगा, मैं उसका हर्जाना भरना चाहती हूँ, मैं तुम्हे कुछ देना चाहती हूँ।

मैंने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए तो वो अपना शॉल उठाकर बाथरूम चली गयी…और जब बाहर आयी तो उसने शॉल अपने शरीर पर लपेटा हुआ था … उसने कमरे मैं आकर लाईट बंद कर दी। यूँ तो दिन का समय था इसलिए थोड़ा थोड़ा नज़र तो आ ही रहा था।

मैंने उससे पूछा क्या हुआ तो उसने मेरे पास आकर शॉल हटा दी ……. मैं ये देखकर दंग रह गया कि उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और सिर्फ़
शॉल औढ कर आई थी। वो फ़िर मुझसे लिपट गई। आप लोग मेरी हालत का अन्दाज़ा लगा सकते होंगे कि एक पूर्ण नग्न लड़की मेरी बाहों में है तो मेरी हालत क्या रही होगी। उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था कि सही क्या है और गलत क्या ?

इस तरह से तो वो मुझसे तब भी नहीं लिपटी थी जब हमारा अफ़ेयर चल रहा था।

उसने अपना चेहरा थोड़ा उठाया और मेरे चेहरे के पास आकर बोली – बबलू ! मैं आज पूरी तरह से वो करना चाहती हूं जो कभी हमारे बीच नहीं हुआ, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूं और चाहती हूं कि तुम मुझे प्रेग्नेन्ट कर दो और मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म दूं, यही मेरा हर्ज़ाना होगा, तभी मुझे सुकून मिल पाएगा।

बाकी सब कुछ मैं सम्भाल लूंगी, बस तुम मुझे चोद डालो। वो पूरी तरह से लिपटी हुई थी। मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करूं। फ़िर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया। अभी भी उसके होंठ वैसे ही नर्म थे और उसका अन्दाज़ तो मेरे लिए पुराना ही था। मुझे अच्छी तरह से पता था उसे क्या पसन्द है। मैंने भी अपना मन बना लिया कि जब उसे कोई आपत्ति नहीं है तो मुझे क्यों हो, मैं भी उसका साथ देने लगा। किस करते करते उस्ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनो पूरे नंगे हो गए थे और पहली बार ही एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे।

वो मेरा हाथ पकड़ कर बेड की तरफ़ ले गई, बेड पर लेट कर उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। काफ़ी देर हम किस करते रहे और साथ में मैं उसके बूब्स दबाता रहा। वो पूरी तरह से गरम हो गई थी। फ़िर उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और बेड से साथ पीठ लगाकर बैठने को कहा। मैंने पूछा तो उसने कहा कि यह सब तो हम कर चुके हैं पहले, मैं आज वो करना चाहती हूं तुम्हारे साथ जो पहले कभी नहीं किया। फ़िर मैं बैठ गया और वो मेरी टांगों के बीच आकर पेट के बल उल्टी लेट गई और मेरे लण्ड को सहलाने लगी।

उसके सहलाने से मेरा लण्ड तन कर डण्डे की तरह हो चुका था। थोड़ी देर सहलाने के बाद उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया। कसम से क्या मज़ा आ रहा था। पहली बार किसी ने मेरा लण्ड मुंह में लिया था। मैं ज़न्नत के मज़े ले रहा था। पहले तो उसने मेरा लण्ड खूब चूसा फ़िर लोलीपोप की तरह अन्दर बाहर करने लगी। मेरे मुंह से भी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी- आह अन्नु मज़ा दिला दिया तुमने तो आज कसम से यह कहां से सीखा तुमने ! शऽऽऽ मैं …मेरा तो हो गया…और मैं उसके मुंह में ही झड़ गया।

फ़िर उसने मुंह से ही चूस चूस कर मेरा लण्ड साफ़ किया और बोली – सेक्स तो मेरा पति भी रोज़ ही करता है पर वो ये सब नहीं करता जो मैं चाहती हूं। मुझे लण्ड चूसना अच्छा लगता है और तुम्हारा मोटा लंड चूसकर आज मुझे शान्ति मिली है तुम वादा करो जब जब मेरा मन करेगा तुम मुझे अपना लंड चूसने दोगे प्लीज़

मैंने कहा ठीक है ….

फ़िर वो बोली मुझे एक और चीज़ पसंद है और वो बेड पर पीठ के बल लेट गयी और मुझे अपनी टांगों के बीच आने को कहा मेरे वहां आते ही उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूती को थोड़ा फैला दिया और बोली सैंडी असली मज़े लेने हैं सेक्स का तो इसे चाटो ….मैं भी शुरू हो गया और जीभ से खूब अच्छी तरह उसकी चूत की चटाई की वो तो सातवें आसमान मैं उड़ रही थी और आवाजें निकाल रही थी आह हह हह हा बबलू मुझे चोद डालो फाड़ डालो मेरी चूत को प्लीज़ मुझे प्रेग्नंट बना दो मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ प्लीज़ ओ ऊह हह चोदो.

२० मिनट अच्छी तरह चाटने के बाद वो झड़ गयी फ़िर हमने ५ मिनट का रेस्ट लिया उसके बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गयी चुदने के लिए मैंने कहा अन्नु तुम नीचे आओ मैं तुम्हे चोदुंगा अच्छी तरह. वो बोली नहीं नीचे तो मैं रोज़ ही चुदती हूँ आज मैं चोदना चाहती हूँ प्लीज़ मुझे घुड़सवारी करने दो प्लीज़ यार ..

मैंने कहा ठीक है जो तुम्हारा मन करे और वो मेरे लंड के ठीक उप्पर आयी और मेरे लंड को हाथ मैं लेकर सहलाने लगी ..जब लंड फ़िर रोड की तरह तन गया तो अपने ही हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत का दरवाजा दिखाया और जैसे ही लंड चूत की दिवार से टकराया वो झटके से पूरी बैठ गयी और मैंने भी नीचे से धक्का लगाया …….एक ही झटके से लंड पूरा का पूरा उसकी चूत मैं जा घुसा वो थोडी देर शान्ति से बैठ गई। मैंने पूछा तो बोली रोज़ मेरा पति एक ही तरीके से चोदता है तो मज़ा नहीं आता था आज आया है असली मज़ा …फ़िर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसे घुड़सवारी शुरू की ….कसम से क्या सीन था वो ज़न्नत का मज़ा आ रहा था

वो मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से कूद रही थी और मैंने उसे उसके हिलते हुए बूब्स से पकड़ा हुआ था वो आँखें बंद किए मस्ती से चुदवा रही थी करीब २० मिनट चोदने के बाद उसकी स्पीड फुल हो गयी वो कह रही थी आ आह सैंडी मैं झड़ने वाली हूँ उई इ ई इ माँ मैं भी झड़ने वाला था उसने कहा सैंडी मेरे अन्दर ही झाड़ना लंड बाहर मत निकलना प्लीज़ मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ .हम दोनों की रफ्तार बढती जा रही थी शताब्दी एक्सप्रेस की तरह फ़िर हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया और दोनों एक साथ ही झड़ गए …कसम से क्या आनंद था वो मेरी ये फीलिंग हर कोई चोदने वाला और चुदवाने वाली समझ सकती है

एक अजीब सी मस्ती होती है उस फीलिंग में …खैर

मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और लंड उसकी चूत में ही डाले १५ मिनट ।तक हम लम्बी लम्बी साँसे लेते रहे। कहने को तो सर्दियाँ थी पर हम दोनों ही पसीने पसीने हो गए थे।

जब वो मिली थी तो कुछ परेशान दिख रही थी अब उसका चेहरा एक दम शांत था, एक तरह की संतुष्टि थी उसके चेहरे पर और वो मुस्कुरा रही थी

….कुछ देर मेरे ऊपर लेटे रहने के बाद वो बोली सैंडी मैंने तुम्हारे साथ वो किया है जो मैं अपने पति के साथ नहीं कर सकती। बस एक प्रोमिस करो तुम हमेशा ऐसे ही मेरी ज़रूरत पूरी करते रहोगे …मैंने उससे प्रोमिस किया फ़िर वो बोली सैंडी मैं तुम्हारे साथ नहाना चाहती हूँ एकदम नंगे।

मैंने कहा- तुम्हारे लिए मैं सब कर सकता हूँ मेरी गुड़िया। फ़िर हम नहाये और नहाने के बाद मैंने २ बार और उसे चोदा एक बार डोग्गी स्टाइल में और एक बार खड़ा करके हाय दोस्तों क्या दिन बीता था वो मेरी लाइफ का मज़ा आ गया था … फ़िर वो अपने घर चली गयी . Sex Stories

डियर रीडर्स! Sex Stories

मैं अपना परिचय देना चाहता हूँ मैं अमन उर्फ विक्की हूँ मेरी Sex Stories उम्र 26 साल है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हू. मेरा बॉडी फिगर अट्रॅक्टिव तो नहीं कह सकते पर स्मार्ट फिगर कह सकते है और मैं स्मार्ट भी हूँ और लकी भी हूँ मेरे लक (भाग्य) ने हमेशा मेरा साथ दिया. अब ज्यादा बोर ना करते हुए मैं आपसे अपनी लाइफ के कुछ एक्सपीरियेन्स आप से शेयर करूँगा. जिन्हें सच मानना है वो वैसे् पढ़ें और जिन्हें झूट लगे वो सिर्फ़ स्टोरी का लुत्फ़ ले.

बात उन दिनो की है जब मैंने हाई स्कूल पास किया और इंटर मैं एडमिशन लेने के लिए कोशिश कर रहा था हालाकि मेरे मार्क्स अच्छे थे पर मैं जिस कॉलेज मे एडमिशन लेना चाहता था उसके हिसाब से कुछ कम थे. मेरे सब दोस्त एडमिशन ले चुके थे पर मैं उसी कॉलेज मैं एडमिशन लेना चाहता था. एक दिन मैं फॉर्म सब्मिट करने की कोशिश कर रहा था…कि एक लड़की मेरे पास आई. उसने कहा, हेल्लो! ‘विक्की’.

तभी मैंने उधर पलटकर देखा वोही आँखें वोही सीना वोही मुस्करता चेहरा. अब आप सोच रहे होंगे ये कौन है और कहाँ से आई. तो ये है वो आज की इस स्टोरी की हेरोइन. जी शिप्रा. दरसल हम लोग क्लास थर्ड से एक साथ स्टडी कर रहे थे एक ही स्कूल में. पर हम लोगो मैं कभी बात नहीं हुई, लेकिन आज उसने मुझे हेलो बोला, तो कुछ देर तक मेरे मुहँ से कुछ नहीं निकला. फिर उसने कहा- फॉर्म सब्मिट करना है?

मैंने कहाँ ‘हाँ’. तो उसने कहाँ फॉर्म मुझे दे दो और मेरे साथ आओ . मैं बिना कुछ बोले उसके पीछे हो लिया. तब वो मुझे साइंस के डिपार्टमेंट मे ले गयी और अपने अंकल से मिलाया और कहाँ मैं इनको फॉर्म दे देती हूँ आपका काम हो जाएगा. पर मैंने कहाँ मेरे मार्क्स कुछ कम है तो अंकल ने कहाँ कोई बात नहीं शिप्रा तुम्हे अप्रोच कर रही है तो तुम्हारा काम हो जाएगा.

हम लोग डिपार्टमेंट से बाहर आए तो मैं शिप्रा से बोला शिप्रा को ‘धन्यवाद ‘ उसने कहाँ किस बात के लिए. मैंने कहाँ तुमने एडमिशन मे मेरी हेल्प की इसलिए. उसने कहाँ हम लोग एक दूसरे को काफ़ी टाइम से जानते है. तो दोस्त है और सच पूछो मेरी सभी फ्रेंड्स ने एडमिशन अलग अलग कॉलेज मे लिया मैं अकेली थी यहाँ. अंकल की वजह से मैं यहाँ एडमिशन लिया लेकिन कोई परिचित का ना होने की वजह से मैं चाह रही थी कोई ऐसा हो जिसे मैं यहाँ जानती हू ताकि क्लास अटेंड करने मैं बोरिंग फील ना हो. तभी तुम मुझे दिखे और मैं आपके मार्क्स जानती थी इसलिए मैंने सोचा आप दोस्त भी है और जिस तरीके से आप एडमिशन ले रहे हैं वैसे तो एडमिशन होना नहीं है. इसलिए मैं और आपको अपने अंकल के पास ले गयी. तो नाउ वी आर फ्रेंड्स. तब मैंने अपना हाथ शेक करने के लिए उसकी तरफ बढाया और कहा श्योर……वाइ नोट.

जब इतनी बातें हम दोनों के बीच मैं हो गयी तब मुझमे कुछ हिम्मत जागी और मैं कहाँ शिप्रा क्या तुम मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी. उसने कहाँ अगर ये रिश्वत है तो नहीं और अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा हैं तो श्योर.

मैंने कहा- रियली एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा है.
फिर हम लोग कॉफी पीने गये और ढेर सारी पुरानी बातें की कैसे आज तक मैं इतने सालों से उससे बातें करना चाहता था पर ना कर सका. इस प्रकार हम दोनों में दोस्ती हुई. जो पिछले 8 सालो से सिर्फ़ एक दूसरे को देख रहे हो बातें ना करते हो और अचानक वो इतनी जल्दी दोस्त बन जाते हैं. ‘हैं ना लक’. इसलिए मैं ये सब रामकथा सुनाई आप लोगो को. चलो अब अगर आप बोर हो गये हो तो ज़रा अटेंशन हो जाए क्योंकि अब मैं शिप्रा की जवानी के बारे में बताने जा रहा हूँ.

दरअसल शिप्रा एक नाटे कद की सावली लड़की थी. फेस उसका नॉर्मल था मेरा मतलब एक जनरल गर्ल आम लड़की का. उसके बावजूद वो गुड लुकिंग फेस थी. लेकिन उसमे जो सबसे अट्रॅक्टिव था वो उसके बूब्स (चुचिया) उस छोटे से बॉडी मैं छोटी फुटबॉल जितने बड़े बूब्स. सच बताऊँ मैं जब से उसे जनता था, उसको कम, उसके बूब्स ज्यादा देखता था. ये सिर्फ़ मैं नहीं करता था हर वो लड़का टीचर लड़की करते थे की फेस नहीं बूब्स देखते थे. क्यूकी उसकी बॉडी मैं अगर कुछ अट्रॅक्टिव था तो वो थे बूब्स. ये बूब्स ही उसे सेक्सी हॉट और मज़ेदार बनाते थे. मैं अक्सर ख्यालो में उसके बूब्स को अपने हाँथो में लेता था पर कमबख्त आते ही नहीं थे.

एंटर की क्लासस स्टार्ट हो गयी हम दोनों अगल-बगल बैठते थे. और स्टडी के साथ फन भी करते कॅंटीन में जाते बातें भी करते और एक दूसरे के साथ मज़ाक भी करते. फिर मैं उसे कॉलेज से उसके घर और घर से कॉलेज लाने ले जाने लगा. जब घर से वो निकलती अकेले मैं कुछ दूर पर उसका इंतज़ार करता और वो आकर मेरी मोटरसाइकल पर बैठ जाती और कॉलेज घर जाते टाइम मैं उसे घर से पहले छोड़ देता.

एक दिन उसने अपनी जन्मदिन में मुझे अपने घर बुलाया और सबसे मिलाया. मैंने उसके मम्मी और पापा के चरण छुए और उसकी एक बड़ी सिस्टर थी सुनीता लेकिन उससे बिल्कुल अलग पर एक चीज़ सेम थी मालूम है क्या उसके बूब्स. शायद शिप्रा से बड़े क्योंकि वो शिप्रा से दो साल बड़ी थी. उस दिन से मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया. कुछ दो या तीन महीने निकल गये इन सब में. अब मैं कभी कभी स्टडी करने भी उसके घर जाने लगा. मेरा मतलब क्लोज़ हो गये हमदोनों एक दूसरे के. हमने कभी ‘आई लव यू ‘ नहीं कहा . क्यों…ये बात फिर कभी…पर बताऊँगा ज़रूर.

तो शायद अब आप लोग पूरी तरीके से समझ गये होंगे. तो अब मैं उस दिन की बात बताने जा रहा हूँ जिसके लिए आप ने इतना सारा पड़ा और मुझे शायद गाली भी दी होंगी. तो मेरे बेसब्र दोस्तो सब्र रखो. क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है. तो मैं स्टार्ट करता हूँ.

उस दिन सनडे था जब मैं उसके घर गया मैंने कॉल बेल दबाई अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई कुछ देर बाद मैं दुबारा बेल पुश किया. तभी अंदर से मधुर सी आवाज़ आई ‘कौन है?’
मैंने कहा- मैं… विक्की.
उसने कहा- एक मिनट!

मैं दरवाज़े के बाहर इंतज़ार करने लगा और कुछ सोचने जा ही रहा था की दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और खुल गया पर दरवाज़े पर कोई नही…मैं देख ही रहा था की फिर से वोही आवाज़ आई अरे जल्दी अंदर आओ क्या वही खड़े रहोगे.

मैं झट से अंदर घुसा और जैसे अंदर घुसा तभी दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और मैं पलटा और पलटते ही दंग रह गया…वो भीगे हुए बदन एक घुटनो से भी ऊपर तक के गाउन से डाले हुई थी और जांघो के नीचे से नंगे पैर…वो जो नज़ारा था या कोई कयामत था वो कोई और नहीं अपनी फिल्म की हिरोइन शिप्रा थी.

उसने मेरी तरफ देखा और कहा तुम 5 मिनट वेट करो मैं बस अभी आती हूँ. और मुझे हतप्रभ वही छोड़ गयी.
मैं कुछ समय के बाद नॉर्मल हुआ और सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद एक लो कट टी-शर्ट और ब्लू रंग की स्किन टाइट जीन्स पहने हुए भीगे बालों को पोछते हुए वो मेरे सामने आई और कहा- अरे! क्या हुआ ठीक से बैठते क्यों नहीं हो…

मैंने अपने आप को ठीक किया और नॉर्मल दरशाने के लिए पूछा आज कोई दिख नहीं रहा?
शिप्रा ने कहा- दिखेंगे कैसे जब कोई होगा तब ना. मम्मी-पापा और दीदी सीतापुर गये है शादी अटेंड करने लेट नाइट आएँगे मेरा मन नहीं था इसलिए नहीं गयी.

मैं अंदर अंदर बहुत खुश हुआ और अपने अंदर हिम्मत भी आ गयी. तो मैंने कहा- तो आज तुम अकेली हो.
उसने कहा- अकेले? नहीं तो, किसने कहा?
मैंने कहा- मम्मी-पापा और दीदी सब चले गये फिर कौन है तुम्हारे साथ?
उसने कहा- तुम हो ना…

मेरे मुह से ज़ोर सी हँसी निकल गयी… और वो भी हंस दी.
उसने तभी कहा- रियली मैं अभी तुम्हे फ़ोन करने वाली थी मैं यहाँ अकेली हूँ तुम आ जाओगे तो साथ भी हो जाएगा, स्टडी भी हो जाएगी और समय भी कट जाएगा. अच्छा तुम दो मिनट बैठो, मैं कॉफी ले के आती हूँ.

मेरी नज़र ना चाहते हुए भी बार बार उसके बूब्स की तरफ जा रही थी. भीगे बालों में वो इतनी सेक्सी लग रही थी की एक बरी तो मेरा लंड खरा होते होते बचा…

आज मैं शिप्रा की चूचियाँ दबा कर ही मानूंगा चाहें जो हो जाए पर कैसे, कहीं चिल्ला दी तो, अरे नहीं इतने सालों से जानती हैं नहीं चिल्लाएगी. लेकिन अगर कहीं बुरा मान गयी तो दोस्ती टूट गयी तो… फिर क्या किया जाए कैसे शिप्रा की चुदाई करूऊऊउ, कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं…

मैं इन्ही ख़यालो मैं डूबा था की शिप्रा की आवाज़ आई- अरे विक्की क्या सोच रहे हो?
मुझे झटका लगा क्या बोलूं , बोलूं कि न बोलूँ.
तभी शिप्रा की दुबारा आवाज़ मेरे कानो मैं पड़ी- विक्की तबीयत तो ठीक हैं…मैंने कहाँ तबीयत…तबीयत को क्या हुआ ठीक तो है…बस कुछ सोच रहा था.
‘क्या सोच रहे थे?’ शिप्रा ने कहा.
मैंने कहा- कुछ खास नहीं!
और उसके हाथों से बढाया हुआ कॉफी का मॅग ले लिया और सिप लगाया. वाकई कॉफी बिल्कुल शिप्रा की ज़वानी जैसी कड़क बनी थी. तो मैंने कहाँ मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी अच्छी कॉफी बना लेती हों. वो मुस्कराई और कहाँ हाआआं कभी-कभी वरना दीदी ही बनाती है.

अब हम लोग खामोश होकर कॉफी सिप कर रहे थे और मेरी नज़र शिप्रा के बूब्स की तरफ जा रही थी बार-बार लगातार. मैं कॉफी सिप करता जाता और उसके बूब्स देखता जाता मुझे ये भी ख्याल नहीं रहा की शिप्रा जिसके बूब्स मैं देख रहा हूँ, वो मेरे सामने बैठें ही कॉफी सिप कर रही है.
दोस्तो एक बात बताऊँ हम लड़के चाहें जितनी होशियारी क्यों न आते हो, पर लड़कियों की नज़रों से नहीं बच सकते, की आप क्या सोच रहे हो क्या देख रहे हो. वो लड़की जो बचपन से ये देखती आ रही हो कि लोगो की नज़र मेरी तरफ कम मेरे बूब्स की तरफ़ ज़यादा जाती हैं…तो वो क्या सोचती होगी…

तबी उसने मुझे टोका- विक्की क्या देख रहे हो?
इस सवाल ने मेरा पसीना निकाल दिया और मैं बिल्कुल हकला गया मैंने कहा- कुछ, कुछ भी तो नही!
लेकिन शिप्रा आज कुछ और मूड में थी तो उसने कहा- नहीं, कुछ देख रहे थे…

उसके कहने के अंदाज़ ने मुझे और डरा दिया…
उसने कहा- बोलो… क्या देख रहे थे?
मैंने बरी हिम्मत करके उसके दोनों बूब्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- वूऊऊ दोनो!
शिप्रा ने मेरी ऊँगलियों का इशारा समझते हुए भी कहा- मैं समझी नहीं. मुह से बोलो क्या देख रहे थे?

अब मुझे ये नहीं समझ मैं आया की मैं क्या बोलूँ… मैंने कहा- सीना… देख रहा था!
शिप्रा ने कहाँ सीना, क्यों… सीने मैं क्या है?
अब मैं चुप, क्या बोलूं?
उसने फिर कहा- अरे! बोलते क्यों नहीं हो?
तो मैंने कहा- तुम्हारी चूचियों को…

जिस प्रकार डरते हुए उसको मैंने ये वर्ड बोला… वो ज़ोर से हंस दी… और कहा- आरीईई तो डर क्यों रहे हो, कौन आज पहली बार तुम इन्हें देख रहे हो या कौन से पहले तुम हो जो इसे देख रहें हो देखने वाली चीज़ है सब देखते हैं… तो तुम देख रहें हो तो क्या अपराध कर रहें हो…
जब शिप्रा ने ये वर्ड्स बोलें तब मेरी जान में जान आई और मैं मुस्कराए बगैर नहीं रहा सका…और अपनी झेप मिटाने लगा.

उसी वक्त शिप्रा सामने वाले सोफे से उठकर मेरे बगल में सटकर बैठ गयी और मेरे हाथों से कॉफी का मॅग ले कर टेबल पर रख दिया और मेरी आखों की तरफ देखने लगी…और कहा- अब देखो, जो देखना है…
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ.

तभी उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए और कहाँ शायद अब तुमको देखने में आसानी होगी. और ज़ोर से मेरे होंठों को चूसने लगी थोरी देर में मैं गर्मा गया और मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाने लगे. और अब मैं भी उसके होंठों को चूस रहा था.
ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा और हॉट दिन था. आज से पहले मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था. धीरे-2 हम दोनों की साँसे गर्म हो रही थी और मेरे हाथों का दबाव उसकी चूचियों पे बढता ही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी.

तभी वो मेरे बगल से उठ कर मेरे ऊपर दोनों घुटनों को मोड़ कर अपने हिप्स को मेरे ऊपर रख कर मेरी तरफ अपना सीना दिखाते हुए बैठ गयी. मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों कों बदस्तूर दबाये जा रही थी. मैंने भी उसे अपनी बाहों मे कस कर भर लिया और उसेके रसीलें होंठों को चूसने लगा जिस अंदाज़ से वो मेरे ऊपर बैठी थी उससे उसेके हिप्पस का प्रेसर मेरे लंड पर पड़ रहा था. जिसकी वजह से मेरा लंड टाइट होने लगा और उसके हिप्स को छूने लगा.

शिप्रा ने पूछा- विक्की ये मेरे नीचे कड़ा कड़ा क्या लग रहा है?
मैंने कहा- शिप्रा ये मेरा लंड है.
‘क्या मैं इसे देख सकती हूँ?’
मैंने कहा- डार्लिंग ये सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है.

और वो सोफे से उतर कर नीचे ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और वो मेरी तरफ़ देखते हुए मेरा लंड मसलने लगी.

मैंने बड़कर उसके होंठों को चूम लिया और हाथों से मैं अब उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने अपने दोनों हाथों को ऊपर कर दिया और मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अंदर ब्रा में अपने मिनी फूटबाल जितनी चूचियाँ छुपा रखी थी. वो बिना परवाह किए मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मल रही थी.

मैंने ब्रा के ऊपर से उन हिमालय जितनी विशाल चोटिया देख कर दंग हो गया जो कल तक मेरे सपना था आज हक़ीक़त बनकर मेरे सामने खड़ा था, जिन्हें दबाने की मैं कलपना किया करता था आज मैं उन्हें रियल में दबा रहा हूँ… और मैंने उन्हें खूब जमकर दबाया उसके बाद उसकी ब्रा खोल दी दो उछालती हुई गेंदे बाहर आ गयी उन चूचियों को मैंने क़ैद से आज़ाद कर दिया और वो अब मेरे सामने सीना ताने खड़ी थी.

मैंने शिप्रा को अपनी गोद मैं बैठा लिया और उसकी चूचियों को अपने मुँह मैं भर लिया और दूसरी को अपने हाथों से दबाने लगा. अब शिप्रा के मुँह से सिसकारिया निकलने लगी- …आआ ईई… उसका बदन अंगारों की तरह तप रहा था.

मेरा लंड पैंट से निकलने के लिए बेताब हो रहा था, मैंने शिप्रा से कहा- जानू अब मेरा हथियार अपने होंठों से चूसो उसने तुरंत मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे देख कर मेरी तरफ़ मुस्कराई और उसे चूसने लगी. में सोफे पर से उतर गया और पैंट पूरी उतार दी अब मेरा पूरा लंड शिप्रा के सामने था और वो मज़े से चूस रही थी. अब मैंने अपने बचे कपडे उतार दिए और शिप्रा मेरा लंड चूसने में मस्त थी अब मैंने उसको खड़ा करके उसे अंपनी बांहों मैं भर लिया और उसकी जींस उतार दी वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी औरे मैं उस नंगे बदन को निहार रहा था.

उसकी घाटी पे उगे छोटे छोटे बाल बिल्कुल फूलो जैसा अहसास दे रहे थे मुझे मैंने तभी एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मैं डाल दिया उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, उसने हल्का हल्का पानी छोड़ दिया था.

मैंने अच्छी तरीके से अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दी धीरे से मैंने दो उंगली उसकी चूत मैं डाली तो वो सिहर उठी जब मेरी दोनों उँगलियाँ चूत के पानी से गीली हो गयी तो मैंने उन दोनों ऊँगलियों को मुंह में डाल ली फर्स्ट टाइम मुझे जन्नत का अहसास हुआ अब मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया हम दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे जल्दी कोई थी नहीं क्योंकि अभी तो दोपहर थी और सबको आना था रात में.

मैं उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा और चूचियों को लगातार दबा रहा था उसका बदन पूरे तरीके से भभक रहा था वो गर्म हो चुकी थी पुरी तरीके से मैंने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को चोद रहा था.
उसके मुहँ से सिसकरिया निकल रही थी- ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ईईए विक्की अब मुझे चोद दो मैं बर्दास्त नहीं कर पा रही हूँ.

अब मैंने उसे अपने बदन के ऊपर लेता हुआ सोफे पर लेट गया और 69 का कोण बना लिया मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस को इस तरीके से मजा लेते देखा था इसलिए मैंने शिप्रा को बताया उसे क्या करना है वो मेरा लैंड लेकर उसे चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को चाटने लगा मैंने उसकी चूत को कभी ऊँगलियों से तो कभी जीभ से चोद रहा था उससे रहा नहीं गया वो मेरे लंड को खा जाने वाली स्टायल से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से जीभ से चोद रहा था.

वो मेरा लंड चूसना छोड़ कर कहरारने लगी और मेरी तरफ़ याचना की नज़र से देखने लगी जैसे कह रही हो बस करो विक्की खेलना जो बाँध टूटने वाला है अब मुझसे नहीं रुक रहा है…

तो मैंने उसे अब सोफे पर लिटा दिया और अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुहँ पर रख दिया और बाहर से ही उसके ऊपर लंड का लाल वाला हिस्सा जिसे सुपाडा कहते है रगड़ने लगा हम दोनों को एक जलन सा अहसास होने लगा जो कभी तो ठंडा लगता और कभी भट्टी की तरह गर्म जब मुझसे भी रहा नहीं गया तब मैंने अपना लंड पकड़ के उसकी चूत के अन्दर डाला लेकिन चूत बहुत टाईट थी मैंने थोड़ा जोर लगाया तो शिप्रा चिल्ला उठी।

मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और चूसने लगा कुछ सेकेंड बाद मैंने एक जोर का धक्का धीरे से दिया तो मेरा आधा लंड चूत में चला गया उसने चीखना चाहा, पर मेरे होठों ने उसकी चीख रोक दी मैंने उसके होठों चूसना बदस्तूर जरी रखा जब उसे थोड़ा आराम मिला तो एक जोर का धक्का और लगाया की चीख के साथ ही खून की एक धारा भी निकल पड़ी चूत से पर मैंने परवाह नहीं की क्योंकि ये तो होता ही जब नई चूत फटती है.

मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरु किया पहले तो उसके मुहँ से आवाजें आती रही फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी. अब हमदोनों हवा में ऊड रहे थे कमर एक ताल मैं चल रही थी जब मैंने देखा शिप्रा को अब कोई दर्द नहीं है तो हमने अपनी स्टायल को बदल कर के डॉग स्टाइल में आ गए मैंने उसे पीछे से खड़ा करके चोद रहा था और एक हाथ से उसके बाल पकडे हुए और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और अपने लंड से शिप्रा की चूत चोद रहा था और शिप्रा के मुहँ से आवाजें आ रही थी उसे लंड पहली बार खा रही थी इसलिए शोर मचा रही थी पर मैंने परवाह किए बगैर उसे चोद रहा था.

तभी शिप्रा को बदन मैं झटका लगा और वो ढीली हो गई मैंने दुबारा उसे जल्दी से तैयार किया और अबकी उसे अपनी गोद में लेकर चोदा उस दिन हमने एक दूसरे को कई बार चोदा वो दिन मेरी लाइफ का सबसे हसीं पल था. मुझे मेरी जवानी का अहसास शिप्रा ने ही कराया था…हम दोनों ने फर्स्ट टाइम जन्नत की सैर की. उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लिया और काफ़ी पीने बैठ गए.

मैंने शिप्रा को आज के लिए थैंक्स कहा तो शिप्रा ने मुस्कराया और कहा- नहीं विक्की, तुम नहीं जानते आज मैंने तुमसे क्या पाया! इसका अगर तुम्हे अहसास होता तो तुम मुझे थैंक्स न कहते बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए!

फिर थोडी देर हम लोगो ने नोर्मल होने के लिए कुछ इधर उधर की बातें की और दुबारा इसी तरीके से मौका मिलने पर एक दूसरे को चोदने का वादा किया!

उसके बाद तो हम लोगो को कई मौके मिले और हमने भरपूर फायदा उठाया. हम लोग आपस में इतने पास आ गए थे तो आपस में अश्लील हरक़त करने से नहीं चुकते और शायद शिप्रा की बड़ी सिस्टर को हमारी हरक़तो की भनक लग गई थी उसे कुछ डाउट रहता था इसलिए न जाने क्यों वो हमदोनों को अलग नहीं छोड़ती थी. ये स्टोरी आगे बताऊँगा…

तो दोस्तो, आपको मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेंस कैसा लगा? अगर अच्छा लगा तो मुझे जरूर लिखें और हाँ पाठक चाहे मेल हो या फीमेल- कमेंट्स लिखना जरूरी है .इस स्टोरी मैं कुछ गलती या कमी हो तो जरूर लिखें. आपने मेरी स्टोरी पड़ी इसके लिए शुक्रिया मैं जल्दी अपना एक दूसरा एक्सपीरियेंस आप लोगो के बीच जल्दी ले कर आऊँगा. Sex Stories

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दोस्तो Hindi porn stories मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है

उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है। हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है उसकी बात कुछ अलग ही होती है

अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे। राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीना मेरे ही कॉलेज में प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीना से सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं पागल हो गया। रीना के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़ ही नहीं लगता था।

मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीना के करीब जाने के और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी। मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे सब घर वाले सो चुके थे। रीना के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो गया। रीना अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो। मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीना से पूछा तो रीना अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में।

रीना – ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना।

मैने थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया।

रीना – ये क्या कर रहे हो। कहाँ देख रहे हो?

मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ।

रीना – बड़े समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी।

मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर हाथ रख दिया।

रीना – बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है।

वो बोली – अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है।

पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात उन्होंने कह दी। मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करते रहे और फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया।

रीना – मेरा यौवन देखना चाहोगे और ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी।

सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी तरह खड़े हो गये।

रीना – पहले कभी संभोग किया है।

मैंने कहा – नहीं।

तो फिर तो तुम अभी कच्चे हो,,, ये कहते हुए उन्होंने मेरी पैंट उतार दी मैंने अंडरवेर नहीं पहना था और मेरा एक बार स्खलित भी हो गया था। गीली पैंट देख कर रीना बोली। रीना – बस इतने में ही झड़ गया। तो तुम क्या करोगे।

मैंने कहा – पहली बार किसी शादीशुदा को नग्न देखकर ये झड़ गया। अभी दस बार और झड़ सकता है।

तब मैंने कहा – मुझे आपकी योनि देखनी है। वो बेड पर लेट गयी और अपनी टांगे खोल दी। मैंने पहली बार किसी चूत को देखा था मैंने सीधा उसे चाटना शुरू कर दिया ।

रीना – अरे बड़े बेकाबू हो। चलो कोई बात नहीं। पहली बार तो ऐसा ही होता है।

मैंने अपनी जीभ उनकी योनि में फिरानी शुरू कर दी। वो सिसकने लगी।

मैंने जीभ को और अंदर डालना शुरू कर दिया।

रीना – अरे ऐसे चूसोगे तो मैं झड़ जाउंगी। मैंने स्पीड थोड़ी कम कर दी और उनके ऊपर आकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए।

रीना – मुझे तुम्हारे लिंग का टेस्ट करना है। मैंने कहा तो आ जाओ सिक्स नाइन की पोज़िशन में

रीना – वो क्या है।

मैंने कहा – ब्लू फिल्म्स नहीं देखी क्या कभी।

रीना – वो तो तुम किड्स देखते हो। हम तो वो सब असली में करते हैं।

और मैंने उनको सिक्स नाइन की पोज़िशन में लाकर अपना लिंग उनके मुँह में डाल दिया और उनकी योनि चाटने लगा। हम दोनो ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैंने देखा कि उनकी टाँगे कसती जा रही हैं और एक दम उनकी योनि ने इतनी ज़ोर से मेरे मुँह पर अपना पानी झाड़ दिया कि मेरा पूरा मुँह गीला हो गया। मैंने ऐसा पहले कभी ब्लू फिल्म्स में भी नहीं देखा था।

रीना – देखा लड़के इतना तुम्हारा दस बार में भी नहीं झड़ सकता जितना हम एक बार में निकाल देते हैं।

मैं बोला – इसके स्वाद में तो मज़ा आ गया और कहा कि मेरा वीर्य भी तो चख कर देखो लो

उन्होंने कहा – तो आ जाओ – पहले उन्होंने मेरा लिंग अपने बूब्स में दबा कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मुझे मज़ा आने लगा। मेरा लिंग और कड़ा हो गया। तब उन्होने मेरे सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया। धीरे धीरे वो उसे पूरा निगलने लगी। मेरी उत्तेजना चरम पर जाने लगी और बंदूक की तरह मैंने उनके मुँह के अंदर वीर्य की धार मार दी।

रीना – ये तो अमृत से भी ज़्यादा स्वाद है। मज़ा आ गया। पर अब मेरी प्यास कौन शांत करेगा। तुम तो दो बार झड़ चुके हो।
अब तो तुम्हारा खड़ा नहीं रहेगा ज़्यादा देर।

मैंने कहा – मैं तो अभी पहले की तरह ही हूं और कई बार और मूठ की धार छोड़ सकता हूं। पर आपका नहीं पता, इतना ज़्यादा झाड़ा है आपने, अब भी है उत्तेजना आपमें बाकी?

रीना – औरत की प्यास को मर्द कभी समझे ही नहीं। मेरा शरीर जल्दी हुई मशाल की तरह है। तुम जैसे लड़को के तो कई लंड ‍जला सकता है।

मैंने कहा – ऐसी बात तो आ जाओ एक बार और मेरे लंड की गिरफ़्त में।

रीना – काफ़ी जल्दी काफ़ी कुछ सीख रहे हो

मैंने कहा – आपका स्टूडेंट हूं ना

रीना – आओ कितने दिनों से ये सील टूटी नहीं है आओ इसे तार – तार कर दो।

मैने अपना सूपाड़ा उनकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उस पर फेरने लगा।

रीना – तुम तो मुझे जला दोगे। प्लीज़ अब अंदर डाल दो।

मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया पर मेरा इतना मोटा और कड़ा था कि अंदर नहीं जा रहा था आसानी से। मैंने ज़ोर लगाया तो उनकी चीख निकल गयी। पर लंड अंदर नहीं गया और चूत से खून निकालने लगा।

रीना – सही में तुम तो मर्द से कुछ ज़्यादा ही हो। खून निकाल दिया मेरी चूत से पर अंदर नहीं गया। थोड़ी सा झाग लगा कर साबुन का फिर कोशिश करो।

मैं बाथरूम से साबुन का झाग ले कर आया और उसे लॅंड पर मसल लिया। अब मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया। रीना दर्द से चिल्लाने लगी और मैंने फिर पूरी ताक़त लगा कर एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड चूत से खून के छींटे मेरे मुँह पर मारते हुए अंदर चला गया। रीना की साँस गले में ही अटक गयी।

रीना – बड़ा दर्द हो रहा है पर ऐसा मज़ा भी कभी नहीं आया। अब तो मेरी चूत को जला दो एक दम।

मैंने झटके बढ़ने शुरू कर दिए। उनके मुँह से उउऊहह आअहह आआअहह की आवाज़ें तेज आ गयी।

रीना – और ज़ोर से, और ज़ोर से, फाड़ दो मुझे और मेरी चूत को

मैने झटके बढ़ाने शुरू कर दिए और उनकी चूची चूसनी शुरु कर दी। उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी और तब मैंने ध्यान दिया उनके बूब्स और कड़े हो गये तब मुझे लगने लगा कि अब ये झड़ने वाली है मैने झटके तेज कर दिए और तभी मेरा झड़ गया पर मैंने झटके देने चालू रखे और वो इतनी गरम हो गयी कि उनका भी झड़ गया मैंने उनके पानी को अपने मुँह पर मसल लिया और हम दोनो ठंडे पड़ गये। मैं उनके साथ ही उनके बिस्तर पर लेटा रहा कुछ देर तक उनके साथ चिपक कर। अभी भी हम दोनो अपने जिस्म की सिरहन महसूस कर रहे थे।

रीना – तुम्हारा वीर्य तो मेरी चूत मे अंदर चला गया, अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो, मैंने कहा चिंता मत करो बाज़ार में कई गोलियाँ आती है जो ऐसा होने पर भी प्रेग्नेन्सी रोक देती है।
वो ले लेना और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर बाज़ार चला गया गोलियाँ लाने। अब ये सिलसिला कई दिनों तक चला। फिर उनके पति का ट्रान्स्फर हो गया और मैं अकेला हो गया। Hindi porn stories

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हैलो दोस्तो, कैसे हैं!

अब मैं अपनी Sex stories शुरु करता हूं। मेरा मन अपनी मां और चाची की चूत मार मार कर अब उकता चुका था, गांव वाली बहु की भी चूत का भोसड़ा बना चुका था मैं!

हां, मगर उनकी दोनों लड़कियों की प्यास अभी अधूरी ही थी।

मैं चाहता तो बड़े आराम से उन्हे चोद सकता था बल्कि बुआ खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी दोनो बेटी की चूत में घुसेड़ती।

पर मेरा उनकी बेटियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं था पर अब कोइ और चूत भी मेरी नज़र में नहीं थी और लंड था कि उतावला हो रहा था उसे तो चाहिये ही चाहिये।

खैर उस दिन तो मैंने अपनी मम्मी को ही चोदा मगर फ़िर दूसरे दिन मैं बिना इरादा ही सड़क पर टहल रहा था कि अचानक कोई मुझसे टकराया मैंने नज़र उठा कर देखा तो करीब 45-46 साल की एजेड लेडी रही होंगी, मगर मैंटैन बहुत थी.

मैं भी ख्याल में था और वो पता नहीं कैसे मुझसे टकरा गयी. मुझे अचानक होश आया तब मैं हड़बड़ा कर उनसे सोरी बोला.
उनके पोली बेग से कुछ सामान गिर गया था और वो बैठ कर उठा रही थी. उनका ब्लाउज़ काफ़ी टाइट था जिसके अंदर उनकि बड़ी-बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थी।

हालांकि उन्होंने पल्लू डाल रखा था मगर पिंक कलर की झीनी सी साड़ी से सब साफ़ नज़र आ रहा था, मैं खड़े-खड़े उनके बूब्स का नज़ारा देख रहा था तब ही जैसे मैं नींद से जागा और मैं भी उनका सामान उठाने में मदद करने लगा।

तभी मैंने कहा- सोरी आंटी, मेरी वजह से आपका सामान बिखर गया.
वो बोली- कोई बात नहीं बेटा!

और सारा सामान रखने के बाद वो मुझसे बोली- बेटा तुम नयी जेनेरेशन की यही एक प्रोब्लम है, हर कोई कहीं ना कहीं खोया रहता है।
मैं शर्मिंदा होते हुए बोला- नहीं आंटी ऐसी बात नहीं है आप गलत सोच रही है।

फ़िर उन्होंने मुझसे पूछा- बेटा, क्या तुम कोफ़ी पीना पसंद करोगे?
मैंने तुरंत ही हां में जवाब दिया।

और फ़िर हम लोग वहीं पास के कोफ़ी शोप पर बैठ गये वहां ज्यादा तर स्कूली लड़के और लड़कियाँ ही थे।

वो उन सबको देख रही थी, फ़िर अचानक मेरी तरफ़ देख कर पूछा बेटा आप क्या करते हो?
मैंने कहा- आंटी, मैं ला कर रहा हूं।
वो बोली- बहुत खूब मगर तुम्हारा ध्यान किधर था? क्या तुम भी इन सब स्कूली लड़कों की तरह नयी तितलियों को ताक रहे थे?

उन्होंने जिस अंदाज़ में ये बात कही मुझे अज़ीब सा लगा मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- नहीं आंटी, ऐसी कोई बात नहीं है खैर आप बतायें आप कहां से आ रही थी?
तब वो हंसते हुए बोली- क्या बेवकूफ़ी भरा सवाल करा? अरे भाई शौपिंग कर के आ ही रही थी कि तुमने धक्का मार दिया… अच्छा ये बताओ घर में और कौन-कौन है आपके बेटा?

मैंने कहा- मम्मी, पापा और एक छोटी बहन है और आंटी आपके घर में?
‘मैं और मेरी बेटी!’ उनका छोटा सा जवाब मिला।
मैंने पूछा- और अंकल?
वो बोली- बेटा, वो ऐयरफ़ोर्स में हैं और मेरा बेटा भी वहीं ट्रेनिंग कर रहा है।
बहुत उदासी भरी थी उनकी बातों में!

तब ही अचानक मौसम खराब हो गया और बारिश होने लगी हम लोग बहुत देर तक इधर-उधर की बातें करते रहे करीब 2 घंटे बाद भी पानी नहीं रुका तो आंटी कुछ परेशान हो गयी.
मैंने पूछा- क्या बात है आंटी? आप कुछ परेशान सी हैं?
तब उन्होंने घड़ी देखते हुए कहा- बेटा 8 बज रहे हैं और पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा… और कोई साधन भी नहीं मिलेगा अब तो!

मैंने कहा- आंटी, मेरा घर करीब में ही है, आप चाहें तो चल सकती हैं!
तब वो बोली- बेटा, असल मे घर पर पिंकी अकेली होगी और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो, जवान लड़की को अकेला नहीं छोड़ना चाहिये!
मैंने कहा- आंटी, आप यहीं रुकें, मैं अभी कार ले आता हूं.
तब वो बोली- बेटा, तुम भीग जाओगे!
मैंने कहा- आंटी, जवान लोगों पर बारिश का असर नहीं होता!

और मैं भाग कर घर गया और मम्मी को बताया कि एक दोस्त के घर जा रहा हूं कोई ज़रूरी काम है.
मम्मी रोकती रह गयी कि बेटा बारिश हो रही कल चले जाना!
मगर मैं रुका नहीं और कार लेकर कोफ़ी शोप पहुंच गया.

पानी अभी भी बहुत तेज़ था वो जैसे ही शोप से बाहर मेरी गाड़ी तक आयी, काफ़ी हद तक भीग चुकी थी और मैं तो पहले ही तर था क्योंकि घर तक जाने में काफ़ी भीग चुका था.

खैर थोड़ी ही देर बाद मैं एक बड़ी सी कोठी के सामने रुका कोठी देख कर मैं हैरान रह गया.
तभी वो कार से उतरते हुए बोली- बेटा, कार पार्किंग में पार्क करके घर में चले आओ, बहुत भीगे हो, चेंज कर लो, नहीं तो सर्दी लग जायेगी.
मैंने कहा- नहीं आंटी, ऐसे कोई बात नहीं, आपको घर तक छोड़ दिया, अब मेरा काम खत्म, मैं चलता हूं, इजाजत दीजिये!
तब आंटी ने थोड़ा डांट कर कहा- जितना कह रही हूं, उतना करो! आखिर मैं तुम्हारी मां कि तरह हूं जाओ गाड़ी पार्क करके आओ!

इतनी देर की बहस में आंटी बिल्कुल तर हो चुकी थी, मैं गाड़ी पार्क करने के बाद जब आया तो आंटी वहीं खड़ी थी. उनकी साड़ी बिल्कुल भीग कर उनके शरीर से चिपक चुकी थी, पिंक साड़ी के नीचे उनकी ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी.

हालांकि मेरे मन में अभी तक उनके लिये कोई गलत विचार नहीं थे मगर आखिर कब तक अंदर का शैतान सोया रहता… उनको इस पोज़ में देख कर मेरे औज़ार में सनसनी होने लगी.
मैं कुछ देर तक उनको निहारता रहा, तब ही वो मेरी आंखों के आगे चुटकी बजाते हुए बोली- कहां खो गये बेटे? तुम किसी डाक्टर को दिखाओ तुम्हारे में कोई मरज़ लगता है ये!
और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले जाने लगी.

अंदर दाखिल होते ही मुझे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की नज़र आयी जिसकी उम्र करीब 18 साल की रही होगी. वो मिडी पहने हुए थी और सूरत से बहुत परेशान नज़र आ रही थी, आंटी को देखते ही उनसे लिपट गयी- मम्मी कहां चली गयी थी आप? मैं घबरा रही थी!
आंटी ने उसको अलग करते हुए कहा- मेरी रानी बेटी, बाहर पानी बरसने लगा था इस लिये देर हो गयी और मैं फोन लगा रही थी तो एंगेज जा रहा था. खैर कोई बात नहीं अब तो मैं आ गयी हूं. मेरी बहादुर बच्ची तुमने खाना खाया?
उसने कहा- जी मम्मी अभी थोड़ी ही देर पहले रामू काका खाना दे कर अपने घर चले गये हैं. अब मुझे भी बहुत नींद आ रही है मैं भी सोने जा रही हूं.

अचानक मुझे देख कर वो थोड़ा सम्भलते हुए बोली- मम्मी, ये साहब कौन हैं?
उसकी मम्मी ने कहा- बेटा, आज मैं कार नहीं ले गयी थी और आज ही पानी को बरसना था तो इसने ही मुझे लिफ़्ट दी है, इनका नाम राजेश है!

और तब वो मुझे नमस्ते कर के अपने रूम में सोने चली गयी.

अब रूम में मैं और आंटी ही रह गये. आंटी ने मुझे एक लुंगी देते हुए कहा- लो ये पहन लो!
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और लुंगी बांध ली. मैंने गंजी और जोकी नहीं उतारी थी.
आंटी बोली- बेटा, सारे कपड़े उतार दो, अभी थोड़ी ही देर में सूख जायेंगे, तब पहन लेना! और बनियान भी उतार कर निचोड़ लो बहुत भीगी है.

तब मैंने झिझकते हुए बनियान उतार कर निचोड़ कर अलगनी पर टांग दी और वहीं वाशरूम में जाकर अपनी जोकी भी उतार कर सूखने को डाल दी. अब मैं सिर्फ़ लुंगी में था और अभी तक आंटी ने अपनी साड़ी नहीं उतारी थी.

अब मैं रूम में आया तब देखा कि वो अपना साड़ी का पल्लु निचोड़ रही थी और आंचल हटा होने की वजह से पिंक बलाउज़ के अंदर ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी जिसे मैं अपलक निहार रहा था.
मुझे एक टक इस तरह देखते हुए आंटी ने कहा- क्या देख रहे हो बेटे? तुमने अपने तो कपड़े उतार लिये, अब मैं भी चेंज कर लूं!

मेरा मन अब तक आंटी को चोदने के बारे में सोचने लगा था पर हिम्मत नहीं हो पा रही थी.

तभी थोड़ी देर बाद आंटी एक बहुत ही झीनी सी नाइटी पहन कर आयी और वहीं सोफ़े पर बैठ गयी और कोफ़ी बनाने लगी.
वो कोफ़ी बना रही थी और मैं ललचायी नज़रों से उनकी उभरी हुई चूची देख रहा था और दिल ही दिल में सोच रहा था कि काश ये आंटी मुझसे चुदवा ले तो कितना मज़ा आयेगा!
यही सब सोच सोच कर मेरा लंड अपनी औकात में आ चुका था और मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि कब वो मेरी लुंगी को 2 पाट करके बीच से उसकी टोपी बाहर झांक रही थी और आंटी चोर नज़रों से उधर ही देख रही थी.

मेरा पूरा ध्यान आंटी की चूची की तरफ़ था और आंटी का ध्यान मेरे औज़ार की तरफ़!
तभी मैंने आंटी की नज़रों की तरफ़ देखा तो उनकी नज़र अपने औज़ार पर टिकी देख कर अंदर ही अंदर खुश हो गया और धीरे से अपनी टांगें और खोल दी ताकि आंटी और अच्छी तरह से लंड का दीदार कर सकें!
उसके बाद हम दोनों ने कोफ़ी पी.

और उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनने लगा और दिल ही दिल में सोच रहा था कि साली अगर आज रोक कर चुदवा ले तो क्या हो जायेगा. तड़प तो इसकी भी चूत रही है पर हाय रे इंडियन नारी लाज़ की मारी लंड खायेगी गज़ भर के… मगर चुदवाने से पहले शरमायेगी इतना कि पूछो ही मत।

और जब मुझे कपड़े पहनते हुए आंटी ने देखा, तब वो करीब आयी और बोली- बेटा, अभी कपड़े पूरी तरह से सूखे नहीं हैं, तुम ऐसा करो कि आज यहीं रुक जाओ, घर पर काल कर दो मम्मी को!
तब मैंने नाटक करते हुए कहा- नहीं आंटी, जाना है मुझे!
तब वो मेरे हाथ से कपड़े छीन कर बोली- बेटा, मैं तेरी मां जैसी हूं, जैसा कह रही हूं वैसा करो! कहीं बीमार पड़ गये तो तेरी मम्मी को कौन जवाब देगा।
फ़िर मैंने घर पर काल कर दी कि आज पानी बहुत बरस रहा है, मैं आज यहीं दोस्त के घर रुक जाऊँगा.

और फ़िर थोड़ा बहुत खाना खाने के बाद आंटी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम यहां बेड पर सो जाना, मैं सोफ़े पर लेट जाऊँगी. वरना अगर चाहो तो गेस्ट रूम में भी सो सकते हो!
तब मैंने कहा- आंटी, मैं वहां अकेला बोर हो जाऊँगा, आप ऐसा कीजिये, आप बेड पर सो जाइयेगा, मैं सोफ़े पर सो जाता हूं।
यह कह कर मैं वहीं सोफ़े पर लेट गया और आंटी बेड पर लेट गयी.

मेरे अरमान अब धीरे धीरे ठंडे हो रहे थे और मैं आंटी की उभरी हुई चूची और फ़ूले हुए चूतड़ आंखों में बसाये कब नींद की गोद में गया मुझे पता नहीं चला।

रात को अचानक मुझे अपनी जांघ पर कुछ सरकता हुआ महसूस हुआ तो मेरी नींद खुल गयी. फ़िर मुझे आभास हुआ कि ये किसी का हाथ है और घर में 2 ही जन थे आंटी या फ़िर उसकी जवान बेटी!

थोड़ी देर मैं उसी पोज़ में लेटा रहा, तब तक हाथ सरसराता हुआ मेरी लुंगी को सरकाता हुआ ऊपर मेरी जांघों की जड़ तक पहुंच चुका था. मैं भी अब उस हाथ की सहलाहट का आनंद लेना चाहता था चाहे कोई हो, भले ही उस वक्त उसकी युवा लड़की भी होती तब भी मैंने तय कर लिया था कि उसकी कुंवारी चूत चोद ही डालूंगा.

मगर अब तक मैं जान गया था कि ये हाथ आंटी का है और अब मैं पूरी तरह से उसकी सहलाहट का मज़ा लेना चाहता था. मैं सोफ़े पर सीधा होकर लेट गया और वो मुझे करवट लेते हुए देख कर कुछ हड़बड़ा गयी मगर फ़िर नोर्मल हो गयी और मुझे नींद में देख कर उसने मेरी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया जो अभी तक शांत अवस्था में था, उसे प्यार से सहलाने लगी.

अब मेरे लंड में धीरे धीरे तनाव आने लगा और मैं भी उत्तेजित होने लगा था, मेरा मन कर रहा था कि अभी साली को बाहों में भर कर इतनी जोर से चांपू कि इसकी हड्डी तक पिस जाये. पर मैं ऐसा कर नहीं सकता था, मैं बस चुपचाप पड़ा रहा और आंटी की कार्यवाही देखता रहा।

और फ़िर आंटी का हाथ थोड़ा कड़ा हो गया था वो मुझे सोया जान कर पूरी तरह निश्चिंत हो गयी थी. मेरे लंड को जोर जोर से सहलाने के बाद जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, तब अपने होंठ से मेरी जांघों को चूमने लगी.
मेरे मुंह से सिसकी निकलने को हुई मगर मैंने दांत भींच कर सिसकी नहीं निकलने दी मगर अब बरदाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था।

तभी मैंने अपने लंड पर कुछ लिबलिबा सा महसूस किया कयोंकि रूम में नाइट लैम्प जल रहा था तो कुछ साफ़ नज़र नहीं आ रहा था और मैं अपनी आंख भी बंद किये था पर इतना तो अंदाज़ा हो ही गया था कि ये साली इसकी जबान होगी जो मेरे लंड पर फ़िरा रही है.
और जबान फ़िराते फ़िराते उसने गप्प से मेरा लंड मुंह में ले लिया. अब तो मैं बरदाश्त नहीं कर पाया और झटके के साथ उठ कर बैठ गया और बोला- कौन है?

तभी आंटी ने मेरे मुंह पर हाथ रखा और धीरे से बोली- बेटा मैं हूं!
उन्होंने फ़ट से लाइट जला दी.

मैं देख कर हैरान रह गया, आंटी पूरी तरह से नंगी थी. मैंने उनको नंगी देख कर चौकने का ड्रामा करते हुए कहा- हाय आंटी, आप तो नंगी हैं.
तब उन्होंने मेरा लौड़ा पकड़ते हुए कहा- बेटा, तुम भी तो नंगे हो!
मैंने अपने दोनों हाथ झट से लंड पर रख लिये और छुपाने का नाटक करने लगा. मगर जानता था कि अब ये साली चुदवायेगी तो ज़रूर!
मगर फ़िर भी मैंने अपना नाटक चालू रखा, बोला- आंटी, आपको ऐसा नहीं करना चाहिये था, ये गंदी बात है.

तभी आंटी मेरे लौड़े को मसलते हुए बोली- और तुम जो शाम से मेरी चूचियाँ निहार रहे थे, मेरे ब्लाउज़ के ऊपर से ही इस तरह देख रहे थे कि बस खा ही जाओगे. वो अच्छी बात थी? और जब मैं कोफ़ी बना रही थी तब तुम्हारी नज़रें कहां थी मुझे पता है. मुझे चोदना सिखा रहे हो? अभी कल के बच्चे हो तुम बेटा… मैं तुम्हारे जैसे ना जाने कितनों को अपनी चूत में समा कर बाहर कर चुकी हूं.

आंटी की ये सब बातें सुन कर तो मुझे बहुत ही जोश चढ़ गया. उसने यकीनन मुझे भड़काने के लिये ही ऐसे भाषा प्रयोग की थी मगर मुझे तो शुरु से ही चोदने में गाली गलौच पसंद थी और आंटी इतनी सभ्य नज़र आ रही थी कि उनके मुंह से इस तरह की बात सुनना मेरे लिये एक नया अनुभव था.
और उसके बाद हम लोगों में इस तरह से घमासान Sex stories चुदायी हुई इसका ज़िक्र अगले पार्ट में करूंगा.

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