Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Katihar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Katihar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Katihar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Katihar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Katihar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Katihar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Katihar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Katihar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Katihar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Katihar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Katihar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Katihar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक : आदि Antarvasna

दोस्तो, मैं आदि, मेरी Antarvasna उम्र २० साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा लण्ड छः इंच का है, मैं 6’1″ लम्बा हूँ।

बात आज से लगभग एक साल पहले की है, मेरी मम्मी की तबीयत ख़राब होने के कारण हम लोगों ने एक आंटी को खाना पकाने के लिए रखा। वैसे वो काम वाली नहीं थी पर उनके घर की खराब हालत की वजह से वो हमारे घर काम करने आई।

वो बिलकुल गोरी चिट्टी थी, बड़े-बड़े मम्मे और मोटी गांड एक दम कातिल बदन था उनका। उनके घर में आते ही मुझे मस्ती चढ़ जाती थी। मैं उन दिनों छुट्टियों की वजह से घर पर ही रहता था और मेरे घर वाले सुबह ही काम पर चले जाते थे, मम्मी दो बजे से पहले नहीं आती थी।

तो अब बात पर आते हैं असली बात पर !

आंटी मुझे वासना की निगाह से देखती है, यह मुझे पता नहीं था। लेकिन वो दिन का खाना बनाने आधा घंटे पहले ही आ जाती थी। तो मुझे कुछ कुछ महसूस हुआ क्योंकि वो मुझे कुछ-कुछ काम बताती रहती थी और उसी बहाने मैं उसे छू लिया करता था। उसे छूते ही मेरे बदन में करंट सा दौड़ने लगता था। मन करता था उसे वहीं दबोच लूँ पर हिम्मत कभी नहीं होती थी।

धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ी और मैं उन्हें किसी न किसी बहाने से छू लिया करता था और वो भी कभी ऐतराज़ नहीं करती थी। आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। मेरा लौड़ा तो उसे देखते ही खड़ा हो जाता था, वो भी उसे देखती रहती और नीचे झुक कर अपनी चूचियों के दर्शन कराती थी।

एक दिन अंजू ने मुझसे कहा- आदि, तू मुझे उठा सकता है क्या ?

मैंने कहा- आराम से।

वो बोली- नहीं उठा सकता !

मैंने कहा- तो आओ, उठा कर दिखता हूँ।

और वो घड़ी आ गई जिसका मुझे और अंजू दोनों को इंतज़ार था। मेरा लौड़ा तो पहले से ही खड़ा था। मैंने अंजू को उठाया, मेरा एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और उसके चेहरा बिल्कुल मेरे करीब था। मैंने हिम्मत करके अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, उसने भी मेरा साथ दिया।

फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसका कुरता उतारने लगा तो बोली- अपनी अंकल की जगह पर मत जा !

मैंने कहा- सब जगह अब मेरी है !

और मैंने जोर से उसके होंठ चूम लिये। वो गर्म हो गई थी। मैंने उसका कुरता उतार दिया और सलवार भी। अब वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। वो आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाजें निकालने लगी। उन सिसकारियों ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया और मैं उसकी चूचियाँ बहुत बुरी तरह चूसने लगा और चूसते-चूसते मैंने उसकी पैंटी उतार दी।

अब वो पूरी नंगी थी। फिर उसने पहले मेरी शर्ट उतारी और मुझे चूमने लगी। फिर उसने मेरी पैंट उतारकर मेरा लौड़ा चूसने लगी। क्या लंड चूसा उसने, वो मज़ा आ गया।

मैंने भी उसके मुँह में ही धक्के मारने शुरू कर दिये। करीब 15 मिनट बाद वो मेरा सारा माल पी गई।

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके होंठ दुबारा चूमे और मैं क्या देखता हूँ- मेरा लण्ड दुबारा खड़ा हो गया है।

मैंने उसकी टाँगें फैलाई और एक झटके में उसकी चूत में घुसेड़ दिया। वो तड़प उठी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैं पूरे जोश में था और सच बताऊँ दोस्तो, मुझसे कण्ट्रोल भी नहीं हो रहा था। मैं बहुत तगड़े-तगड़े धक्के मारने लगा, वो बोली- धीरे धीरे मार ! फाड़नी है क्या मेरी चूत तुझे?

मैंने कहा- आंटी, आज मत रोको ! आज बस भोंसडा बना दूंगा तेरी चूत का।

जैसे-जैसे मैंने जोर से धक्के मारे, वो बोलती- आआ आ आ आअह्हह्ह आदि, धीरे ! मर जाउंगी ! आह आ…..आआ……हय मर गई मैं ! आ……अह।

थोड़ी देर में वो अपनी गांड उठा-उठा कर चुदने लगी। वो एक बार झड़ चुकी थी। मेरा माल निकलने वाला था, मैंने धक्के और तेज़ कर दिए। पूरे कमरे में कच कच और सिसकारियों की आवाजें गूंजने लगी।

वो बोली- आदि, आ आअह्ह्ह ह्ह्ह् ! और जोर से फाड़ दे आह आ अह आह आअह आह आह आह ऊह।

मेरा भी निकलने वाला था, हम दोनों पसीने पसीने हो गये थे और तभी आंटी फ़िर झड़ गई और उसके मुँह से संतुष्टि भरी आवाज़ निकली अअआआ………आआह्ह्ह ह्ह्ह

तभी मैं भी झड़ गया।

थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम अलग हो गए।

सच बताऊं दोस्तो, उस दिन को कभी नहीं भूल सकता क्योंकि वो मेरी पहली चुदाई थी।

मेरी और कहानियों के लिए थोड़ा इंतज़ार कीजिये। मेरी कहानी आपको कैसी लगी ज़रुर बताइयेगा। Antarvasna

Antarvasna

बारिश का मौसम था। एक Antarvasna दिन मैं घर पर अकेला था परिवार के सारे लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए थे। मैं टी वी देख रहा था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो पड़ोस की रेखा दी(दी) थी।
वे मेरे पड़ोस में अपनी सासू माँ के साथ रहती थी। करीब पैंतीस साल की थी, फिगर सामान्य और रंग गेहुँआ था। हाँ, चूतड़ काफ़ी अच्छे थे। उनके पति ने उन्हें छोड़ कर दूसरी शादी कर ली थी। कारण नहीं पता। उसने अपनी माँ को भी छोड़ दिया था। वे ही अपनी सास का ध्यान रखती थी।

उन्होंने पूछा- कोई है नहीं क्या?
मैंने कहा- नहीं सभी लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए हैं।
फिर तो मेरा आना बेकार गया!
मैंने कहा- क्यों? कोई खास काम है क्या?
उन्होंने कहा- हाँ! काम तो खास ही है।
मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ? मैंने पूछा।
कोई बात नहीं फिर आ जाऊँगी!
ठीक है!

वे जाने लगी और मैंने दरवाजा बंद कर लिया। ज्यों ही मैं वापस टी वी वाले कमरे में पहुँचा कि फिर घण्टी बजी, मैंने फिर दरवाजा खोला तो सामने रेखा दी थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- प्यास लगी है पानी पिला दोगे?
मैंने कहा- हाँ! क्यों नहीं! आइए, बैठिए!

फिर मैं पानी लेने अंदर आया। मैंने उन्हें पानी दिया। वे बैठ कर गप-शप करने लगी, उनका इरादा जाने का नहीं लग रहा था। हल्की हल्की बारिश भी होने लगी।
बातों-बातों में उन्होंने पूछ लिया- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- हाँ है!
उन्होंने कहा- अच्छा है! आज के जमाने में गर्लफ्रेंड न होना किसी शर्मिंदगी से कम नहीं होता।

फिर उन्होंने पूछा- घर पर सबको उसके बारे में पता है?
मैंने कहा- नहीं!
तो मुझे क्यों बताया? उन्होंने फिर पूछा।
मैंने कहा- मुझे यकीन है आप किसी से नहीं कहेंगी।
इतना भरोसा है मुझ पर?
हाँ। क्यों? जब आप मुझसे यह पूछ सकती है तो जाहिर है किसी से कहेंगी नहीं।

फिर उन्होंने कुछ देर बातें की और कहा- तुम्हारा बाथरूम किधर है?
मैंने कहा- क्यों?
उन्होंने कहा- बाथरूम में लोग क्यों जाते हैं?
मैंने कहा- मेरे पीछे आइए।

मैंने उन्हें बाथरूम का रास्ता दिखाया। बारिश तेज होने लगी। वे बाथरूम से निकलकर आंगन में जोरों की बारिश देखने लगी।
मैंने कहा- अब आप घर कैसे जाएंगी।
उन्होंने कहा- कौन सा जंगल में हूँ! जब बंद होगी तो चली जाऊँगी।

अचानक वे बारिश में चली गई और भीगने लगी।
मैंने कहा- अरे यह क्या? आप बीमार हो जाएँगी।

उन्होंने मुझसे भी पानी में आने को कहा पर मैंने मना कर दिया। फिर भी उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर पानी में खींच लिया। वह पूरी तरह भीग चुकी थी, उनके कपड़े उनके बदन से चिपक गए थे। मैं उनकी सफेद ब्रा और काली पैंटी देख सकता था। मेरा भी खड़ा हो चुका था।
मैं समझ रहा था कि उन्हें कुछ चाहिए इसलिए मैंने भी शर्म छोड़ दी। मैंने उन्हें पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और उनको अपने लंड का अहसास कराया। उन्होंने हल्की सी आह भरी तो मैं समझ गया कि वे तैयार हैं।

फिर क्या था मैं उनके साथ चुम्मा-चाटी करने लगा, उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। मैंने उनकी कमीज-सलवार उतार दी। वे अब सिर्फ 2 पीस में थी। मैं पैंटी पर से ही उनकी बुर रगड़ने लगा, वह पानी छोड़ रही थी। फिर वे मेरा लोअर और चढ्‌ढी सरका कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैं मजे से चुसवा रहा था कि उन्होंने मुझसे कहा- अब तुम्हारी बारी।

मैं आंगन में बारिश में ही फर्श पर नंगा लेट गया और वे मेरे मुँह पर अपना बुर लेकर बैठ गई। फिर मैंने उनकी जाँघे फैलाई और बुर चाटने लगा। वह पागल सी हो गई और उनकी आँखें बंद हो गई। तभी दीदी ने जोर से मेरे बाल पकड़ लिए और मुँह पर दबाव बढ़ा दिया। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं। मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी गाँड में डाल दी जिससे उनकी उत्तेजना और बढ़ गई। फिर वह तेजी से झड़ी और मेरे बगल में निढाल हो गई।

मैंने कहा- रेखा दी, आपका तो हो गया और मेरा?
उन्होंने कहा- अभी तो सिर्फ एक बार हुआ है! अभी तो तीन साल की प्यास बुझानी है। थोड़ा समय दो, तब तक मेरी गाण्ड मार लो!

यह कह कर वह कुतिया बन गई। मैंने उनकी गाण्ड की दरार चौड़ी की, उसके छेद पर अपना लंड टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड एक बार में अंदर चला गया।

वे चिल्लाई- अरे हरामी आराम से!

फिर मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरु किया। थोड़ी दिक्कत के बाद मैंने लम्बे लम्बे शॉट लगाने शुरु कर दिए। वे भी मजे से चुदाने लगी।

मैं चरम पर पहुँच गया तो अचानक उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा- चलो अब चूत में!

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ! कुछ हो गया तो?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं होगा! मैं मां नहीं बन सकती और इसीलिए तेरे जीजा ने मुझे छोड़ दिया! पर तुम टेंशन मत लो और चोदना चालू रखो।

मैंने अपना लंड उनकी गाण्ड से निकाला और उनकी जांघें फैलाकर पीछे से ही उनकी बुर में डाल दिया। फिर लम्बे-2 शॉट लगाने लगा। वे आराम से चुदा रही थी। मैं तेजी से उनकी बुर में झड़ा और उनके ऊपर ही लेट गया।

मैंने कहा- रेखा दी, एक बात पूछूँ?
उन्होंने कहा- पूछो!
‘आपको पहली बार किसने चोदा था?’

भाई ने! साला एक नंबर का पेलू था। हम दोनों उम्र में लगभग बराबर थे। वह मेरा चचेरा भाई था। हमारा संयुक्त परिवार था। हमारा कमरा एक था, केवल बिस्तर अलग-अलग थे। एक रात में वह मेरे बिस्तर में घुस आया और मेरी चड्डी सरकाकर मेरी गाण्ड में अपनी नुनी लगाकर पेलने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। उसका लंड मेरे दोनों चूतड़ की दरार के बीच में गति कर रहा था। उसने थोड़ा थूक लगाकर उसे और चिकना किया और तेजी से धक्के लगाने लगा। कुछ देर करने के बाद वह ढीला पड़ गया। अब हम अकसर करने लगे। उसे जब भी मौका मिलता, वह मेरी गाण्ड ऐसे ही ऊपर ऊपर से मारता। धीरे धीरे मेरी वासना बढ़ने लगी और अब मैं उसे अपनी बुर में धक्के लगाने को मजबूर करती।

एक दिन घर पर कोई नहीं था तो उसने तेल लगाकर मेरी गाण्ड में अपना लंड डालने की कोशिश की जिससे मुझे काफ़ी दर्द हुआ और मैंने कसम खाई की अब उसे कुछ नहीं करने दूँगी पर हफ़्ते भर में ही मेरी अकड़ टूट गई और एक दिन जब फिर घर पर कोई नहीं था तो मैंने उससे पेलने को कहा। इस बार उसने सावधानी से काम लिया और अपना मोटा लंड मेरी गाण्ड में पेलने की बजाय ऊँगली डाली। उसने ऊँगली डालकर और तेल लगाकर पहले मेरी गाण्ड को अपने लंड के हिसाब से चौड़ा किया फिर धीरे धीरे उसमें अपना लंड उतारा। इस बार मुझे काफ़ी मजा आया। वो मेरी गाण्ड में अपना लंड डालकर पेल रहा था।

एक बार हम स्कूल की तरफ से पिकनिक मनाने एक झरने पर गए थे, वहाँ मुझे शू-शू लगी थी, मैंने भाई से कहा।

उसने कहा- चल मेरे साथ!
और फिर वह मुझे झाड़ियों में ले गया, उसने वहाँ भी मेरी गाण्ड मारी। मैंने किसी को उसकी इस हरकत के बारे में नहीं बताया।

अब मैं अकसर कर उससे अपनी गाण्ड मरवाने लगी। यह सब दो सालों से चल रहा था। फ़िर हमारे कमरे अलग कर दिए गये। अब हम कभी कभी ही कर पाते। एक बार तो तीन महीने तक हमें मौका ही नहीं मिला।

एक दिन मौका पाकर सीढ़ियों पर उसने मुझे पकड़ लिया और अपना लंड चूसने को कहा। मैंने इंकार कर दिया। उसने जबरदस्ती करनी चाही तो मैंने कहा- पहले तुम मेरी बुर चाटो।

तो उसने कहा- ठीक है।

उसने मुझे चड्डी उतारने को कहा। मैंने अपनी चड्डी उतार दी, वह मेरे सामने बैठ गया और मेरी बुर के चारों ओर से चाटने लगा पर बुर पर जीभ नहीं फेरी। फिर उठा और कहा- हो गया! अब तुम्हारी बारी।

मैंने कहा- पर तुमने तो मेरी बुर चाटी ही नहीं?

उसने कहा- चाटी तो!
मैंने कहा- इधर उधर नहीं बल्कि बुर चाटनी थी।
उसने कहा- अच्छा, चल तू भी क्या याद रखेगी!

यह कहकर उसने मेरी बुर फैला दी और फिर उस पर अपनी जीभ फेरने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मेरी बुर गीली हो गई। काफ़ी रस निकल रहा था।

उसने कहा- रेखा, तू तो जवान हो रही है।

मैं सुनकर शरमा गई। मैं उसके सर को पकड़ कर जोर जोर से अपनी बुर में धकियाने लगी। उसने एक ऊँगली मेरी बुर में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।

कुछ ही देर में मैं तेजी से झड़ी। फिर उसने कहा- अब तेरी बारी!

मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। शुरु में तो अजीब लगा पर जल्द ही मुझे आनंद आने लगा मैंने पूरा लुत्फ़ उठाया। एक बार कई दिनों बाद मुझे उसका लंड चूसने का मौका मिला और जब मैं चूस रही थी कि अचानक उसने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। मैंने उसे जमीन पर उगल दिया तो देखा- सफेद सफेद सा रस था।

मैंने कहा- यह क्या है?
तो उसने कहा- इधर कुछ दिनों से ऐसा हो रहा है, रात में भी अकसर हो जाता है।
मैंने कहा- तू भी जवान हो रहा है।

फिर एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे बुर की चुदाई के आनंद के बारे में बताया तो मैंने यह बात अपने चचेरे भाई को बताई तो उसने कहा- मौका मिलने! दो करुंगा।

एक दिन हमें मौका मिल ही गया। मैं नहा रही थी कि किसी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया। मैंने पूछा- कौन?

उसने कहा- मैं हूँ! दरवाजा खोलो!
मैंने कहा- नहा रही हूँ!
उसने कहा- जानता हूँ! घर पर कोई नहीं है, अच्छा मौका है, खोलो!

मैंने खोल दिया और पूछा तो पता चला कि पड़ोस में कोई बीमार है सब वहीं गए हैं। मैं पूरी तरह नंगी थी। उसने मजाक में मेरी चूची पकड़ ली और दबा दिया। मुझे मजा आया तो मैंने फिर से करने के लिए कह दिया तो वह दबाने लगा।

फिर मैंने उसे चुसवाया भी। मेरी बुर गीली हो गई। उसका लंड खड़ा था। मैंने उसे चूसा। फिर उसने मुझे बाथरूम के फर्श पर ही लिटा दिया और मेरी बुर चाटने लगा। कुछ ही देर में मैं उसे चोदने के लिए कहने लगी।

फिर क्या था उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी बुर के छेद पर टिकाया और अंदर डालने लगा। बुर कसी थी और मुझे दर्द भी हो रहा था। उसने निकालकर एक बार मुझसे अपना लंड चटवाया और फिर पोजिशन में आ गया। इस बार उसने जोर से धक्का दिया और मेरी झिल्ली फट गई और उसका लंड अंदर चला गया, मुझे तेज दर्द हुआ और मैं रो पड़ी।

मेरी बुर से खून आ रहा था, मैं गिड़ गिड़ाने लगी कि वह मुझे छोड़ दे।
उसने कहा- बस दो मिनट।

वह मेरे ऊपर चुपचाप लेटा था। उसका लंड मेरी बुर में था। दो तीन मिनट बाद मैं थोड़ा सामान्य हुई तो उसने अंदर-बाहर करना शुरु किया। कुछ ही देर में मैं दर्द भूल गई और गाण्ड उठा उठा कर उससे चुदवाने लगी। उसने मुझे जी भर के चोदा। इस दौरान मैं कई बार झड़ी। फिर आधे घंटे तक पेलने के बाद उसने मेरी बुर अपने गर्म वीर्य से भर दी।

अब वह मुझे मेरे तीनों छेदों में चोदता। उसने जमकर मेरी जवानी का मजा लिया। बाद में हमारे परिवार में झगड़ा हो गया और हम अलग हो गए। हमारा मिलना जुलना बंद हो गया। फिर वह बाहर पढ़ाई करने चला गया और वहीं शादी करके बस गया।

मेरा एक बार खड़ा हो चुका था। बारिश भी बंद हो चुकी थी। मैंने उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा, उनके ऊपर चढ गया।

फिर क्या था उनकी बुर में पीछे से अपना लंड डालकर मैं चोदने लगा, उनकी कमर पकड़ कर लम्बे लम्बे शॉट लगाने लगा। वे दो बार झड़ी। पर मैं नहीं रुका, वे ठंडी हो रही थी तो मैंने अपना लंड बुर से निकालकर उनकी गाण्ड में डाल दिया और पेलने लगा। वे चुपचाप चुदवा रही थी। मैं चरम पर पहुँच गया और स्पीड बढ़ा दी।
मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ!
तो उन्होंने कहा- मैं तेरा वीर्य पीना चाहती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है!

फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे साफ किया और उनके मुँह में डाल दिया। वे मजे चूसने लगी। फिर मैंने उनका सर पकड़ा और उनके मुँह में ही धक्के लगाने लगा। मेरे लण्ड के उनके गले में फ़ंसने से उनकी आँखों में आँसू आ गए पर उन्होंने मुझे रोका नहीं। मैं तेजी से झड़ा और उनका गला तर कर दिया। हम काफ़ी थक चुके थे। मैंने दोनों के कपड़े उठाए और वाशिंग मशीन में डाल दिए। फिर आकर बिस्तर पर नंगा ही लेट गया। वे भी आई और मेरे बगल में नंगी लेट गई।

कुछ देर उन्होंने एक बार और करने की इच्छा जाहिर की, पर मैंने कहा- आज नहीं! फ़िर कभी!

सच में वे एक नंबर की चुदक्कड़ थी। जाते जाते उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें किरण आंटी ने मेरे बारे में बताया था। और उन्हीं के कहने पर उन्होंने यह सब स्वांग रचा। वे तीन दिनों तक रोज आई और रोज दो बार चुदाई करवाई।

वे अकसर मुझे अपने यहाँ बुलाती भी हैं। उनकी सास को हमारे संबंधों के बारे में पता है पर वे कुछ नहीं बोलती। शायद यह उनकी लाचारी है या फिर बहू की सेवा। Antarvasna

Antarvasna

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम Antarvasna राम है और मैं रीवा का रहने वाला हूँ। मैंने इस साईट की कई कहानियाँ पढ़ीं हैं और पहले तो मैं इन सब में बिल्कुल विश्वास नहीं रखता था क्योंकि मैं यही सोचता था कि ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता कि कोई अपने ही बेटे से चुदवा ले या कोई बहन अपने ही भाई से गाँड मरवा ले। पर यकीन मानिए जब से मेरे साथ चुदाई वाली यह घटना घटी तो मुझे यकीन हो गया कि ऐसा भी होता है। मेरे साथ कोई माँ-बहन वाली तो नहीं पर किरायेदार की चुदाई की घटना घटी जो मैं आप लोगों को सुनाना चाहता हूँ।

यह कहानी आज से दो साल पहले की है जब मेरी उम्र २३ साल की थी और मैं अपनी ग्रेजुएशन पूरा कर चुका था। हमारा घर रीवा के एक बड़ी कॉलोनी में है। हमारा घर बहुत बड़ा है। घर के एक हिस्से के तीन कमरों में किरायेदार रहते हैं। हमारे घर में एक हिस्से में कमरा खाली था, उसी में रहने के लिए एक दिन एक प्रधानमंत्री सड़क योजना के इंजीनियर सपरिवार आए। उनके परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी और उनकी एक बेटी थी। पत्नी की उम्र ३८ साल की होगी और उनकी बेटी की उम्र १९ साल की रही होगी।

अब मैं अपनी कहानी शुरु करता हूँ। मेरा ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद मैं नौकरी की तलाश में लग गया। कोई काम न होने के कारण मैं अक्सर घर पर ही रहता था। एक दिन की बात है कि मैं अपने बालकनी में कुर्सी लगाकर बैठा हुआ कुछ पढ़ रहा था कि इतने में मुझे पानी गिरने की आवाज़ सुनाई पड़ी, जैसे कोई नहा रहा हो। मैंने खड़े होकर नीचे आँगन में देखा तो मेरे होश उड़ गए। मैंने देखा कि रानी (इंजीनियर की पत्नी) नहा रही थी और वह भी पूरी नंगी होकर। मैंने पहली बार किसी औरत को पूरा नंगा देखा था। मेरे रोम-रोम खड़े हो गए, और उसका नहाना पूरा होने तक मैं उसे देखता रहा। चूँकि मेरे घर के चारों और उँची दीवारें हैं इसलिए बाहर से तो कोई भी नहीं देख सकता, तो इसलिए स्त्रियाँ आँगन में नंगी नहा सकतीं थीं।

अब मैं रोज़ाना उसी बालकनी में चला जाता और जब तक वो नहाती, मैं उसे देखा करता। मुझे पहले से चुदाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न मैं यह जानता था कि चुदाई कैसे करते हैं। बस, पूरे बदन में एक अजीब सी हरक़त होती थी। मैं परेशान होने लगा कि मुझे यह क्या हो रहा है, और कुछ ही देर में सब शांत हो जाता था। एक दिन जब वह नहा रही थी और मैं उसे देख रहा था, तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ गई। मैं जल्दी से वहाँ से भाग कर अन्दर आ गया। मैं काफ़ी डर गया था कि अब वह मेरे घरवालों को सबकुछ बता देगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

कुछ दिन बीत गए। मैंने बालकनी की ओर जाना बन्द कर दिया। एक दिन रानी ने मुझे अपने घर बुलाया। मैं वहाँ गया, वह घर पर अकेली ही थी। उसकी बेटी कॉलेज गई थी और पति दौरे पर जिले से बाहर गए थे। मैं जब उसके घर गया तो उसने बैठने को कहा और अभी आने की बात कहकर अन्दर चली गई। कुछ ही देर बाद वो एक झीनी सी गाऊन पहनकर बाहर आई। गाऊन के अन्दर उसने कुछ भी नहीं पहना था। गाऊन के बाहर से सबकुछ दिखाई दे रहा था। मैंने अपनी नज़रें नीची कर लीं। वह मेरे बगल में आकर बैठ गई। उसने कहा, “आजकल तुम दिखाई नहीं देते हो, क्या बात है?”

“नहीं आँटी ऐसी कोई बात नहीं है। इन दिनों मैं कुछ ज़्यादा ही व्यस्त था।”

“अच्छा बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है?” – उसने बात आगे बढ़ाने के लिए पूछा।

मैंने ना में सिर हिलाया, तो वह चौंक कर बोली, “क्या? इतने बड़े हो गए हो, अभी तक कोई गर्लफ्रेण्ड नहीं है? तब तो तुम्हें बड़ी परेशानी होती होगी।”

“परेशानी कैसी?”

“तुम तो एकदम बुद्धू हो, और मैं कुछ और ही समझ रही थी।”

“आप क्या सोच रहीं थीं?”

“उस दिन तुम मुझे नहाते हुए देख रहे थे, तो मैंने सोचा कि तुम काफी एक्सपर्ट हो। पर तुम तो इन सब के बारे में बिल्कुल ही मूर्ख हो। अच्छा बताओ, तुमने मेरा क्या-क्या देखा।”

“मैंने आपका पूरा शरीर देखा।”

“पूरे शरीर और उसके कुछ भाग में अन्तर होता है। तुमने मेरे शरीर में ऐसा क्या देखा जो तुम्हें अच्छा लगा हो?”

“आपकी छाती…”

यह सुनकर वह हँसने लगी, “इससे पहले कभी किसी औरत या लड़की को नंगा देखा है?”

“नहीं।”

“चलो, मैं आज तुम्हें अपना पूरा नंगा बदन दिखाती हूँ,” और इतना कहकर वो मुझे अपने बेडरूम में लेकर चली गी। बेडरूम में पहुँचते ही उसने अपना गाऊन उतार कर फेंक दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी। कुछ ही देर में उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझसे लिपट कर मुझे बेतहाशा चूमने लगी। कुछ देर के बाद मैं भी उसके बदन को चूमने लगा। जब मेरा हात उसकी चूची पर गया, मेरे बदन में कँपकँपी होने लगी। फिर मैं धीरे-धीरे उन चूचियों को दबाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था और वह सिसकारियाँ भर रही थी।”

अब उसने मुझ अपने घुटनों पर झुका लिया और अपनी चूत चूसने का इशारा किया। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसेड़ दिया। उसकी चूत से नमकीन पानी निकलने लगा और मैं बड़े चाव से उसका पानी पी गया। कुछ देर के बाद उसने मुझे अपने बेड पर लिटा दिया और मेरे बगल में बैठ कर मेरे ७ इंच लम्बे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मेरे लंड ने अपना पानी मुँह में ही छोड़ दिया। पर उसने मेरे लंड बाहर नहीं निकाल और उसे चूसती रही। थोड़ी ही देर में मेरा लंड वापस तैयार हो गया। तब उसने मुझसे कहा, “अब रहा नहीं जाता। अब मुझे चोदो।”

पर मुझे चोदना तो आता नहीं था, मैंने उसे बताया, तो वह मेरे ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत की छेद पर मेरे तैयार लंड को रखा और दबाव दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। वह चीख़ी तो मैं डरकर अपना लंड बाहर निकालने लगा, पर उसने मुझे रोक दिया और कहा कि ऐसा होता है। मैं कितना भी चीखूँ, तुम अपना लंड बाहर नहीं निकालना। मैंने ऐसा ही किया। अब वो दबाव बढ़ाने लगी और धीरे-धीर मेरा पूरा लंड उसकी चूत ने निगल लिया। कुछ देर बाद तक वो शांत थी, फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपनी गाँड ऊपर-नीच करनी शुरु कर दी। मुजे भी बहुत मज़ा आ रहा था फिर उसने कहा कि ऐसे ही तुम मेरे ऊपर चढ़ कर करो। इसी को चोदना कहते हैं। फिर वो बिस्तर पर चित्त लेट गई और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को पूरा-का-पूरा उसकी चूत में पेल दिया और धक्के मारने लगा।

पूरे कमरे में फच्च-फच्च की मधुर आवाज़ें आ रहीं थीं। वो चीखती जा रही थी – और तेज़… मेरे रामा… आआ….. आ…. इइइइइईईईई… उउउउउऊऊऊ… मरररररर… गईईईईई… मैं…तो……..। मेरी उत्तेजना बढ़ गई और मैं उसे तेज़ी के साथ चोदता रहा। कुछ ही देर में वो चिल्लाई कि मैं अब झड़ने वाली हूँ। मेरी समझ में नहीं आया कि झड़ना किसे कहते हैं। पर मेरे लंड से कुछ ही देर में पानी निकला जो उसकी चूत ने पी लिया। उसी समय उसने भी मुझे कस कर दबोच लिया, शायद वह भी झड़ गई थी। फिर हम कुछ देर तक यूँ ही एक-दूसरे से लिपट कर लेटे रहे।

फिर जब मैं वापस घर जाने के लिए उठा तो मेरे कानों में उसकी बेटी रीना की आवाज़ें सुनाई दीं, “कहाँ जा रहे हो, अब तो मेरी बारी है।”

हम लोगों ने घबरा बाहर की ओर देखा तो बेडरूम के दरवाज़े पर रीना खड़ी थी और शायद उसने हमारी चुदाई-लीला देख ली थी। उसकी माँ ने हक़ला कर कहा रीना तुम? तुम कब आईं? तो रीना ने कहा, “अभी १० मिनट पहले, पर माँ तुम्हें दरवाज़ा तो बन्द कर लेना चाहिए था। दरवाज़ा खुला था, कोई और आ जाता तो तुम्हारी माँ चुद जाती। चलो शुक्र है कि मैं थी और अगर तुम दोनों अपनी सलामती चाहते हो तो राम तुम्हें मेरी भी जमकर चुदाई करनी होगी।”

मरता क्या न करता, मैं तैयार हो गया और रीना की माँ भी तैयार हो गई। रीना ने तुरन्त अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ गई। उसने मुझे चूमने शुरु कर दिया, और मैंने उसे। उसकी माँ ने एक बार फिर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। रीना ने उसे मना किया कि माँ तुमने तो एक बार मुँह से और एक बार अपनी चूत से लंड का मज़ा ले लिया। अब मेरा मज़ा किरकिरा मत करो। तुम मेरी चूत चूसो। मैं राम का लंड चूसती हूँ, और राम मेरी चूत चूसेगा।

हमने ऐसा ही किया, फिर कुछ देर बाद रीना कुतिया बन गई और बोली कि राम अब चोदो। मैं उसके पीछे आया और उसकी माँ नीचे लेट गई। अब उसकी माँ की चूत और रीना की चूत ऊपर-नीचे थी, और बीच में मेरा लंड था। क्या क़िस्मत थी मेरे लंड की कि दो अप्सराओं की चूत आज उसे मिली थी। फिर मैंने रीना की चूत को अपने हाथों से पकड़ कर फैलाया और अपने लंड को उसकी कुँवारी चूत की छेद पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा… वह चीख़ पड़ी… आआअअअअअअ…. मरी…… मर जाऊँगी… मैं…..।

मैंने रानी से जो सीख ली थी, उसी पर क़ायम रहते हुए अपने लंड को वापिस खींचकर एक बार फिर ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चूत से ख़ून निकल रहा था। अब मैं डर गया कि शायद उसकी चूत फट गई है। पर उसकी माँ ने कहा कि पहली बार ऐसा होता है। अब तुम मेरी चूत चोदो, तब तक रीना की शांत हो जाएगी। मैंने ऐसा ही किया और रानी की चूत चोदने लगा।

कुछ देर के बाद रीना बोली कि अब वह तैयार है। तो मैंने वापिस अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। कुछ देर के बाद रीना भी अपनी गाँड आगे-पीछे करने लगी, तो मैंने चुदाई की गति बढ़ाई। रानी कभी मेरे लंड को पीती को कभी रीना की चूत को चाटती। कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए। पर चूँकि रीना कुँवारी थी इसलिए उसकी माँ ने कहा कि अपना पानी रीना की चूत में मत डालना, मेरे मुँह में डालना, वरना रीना गर्भ-धारण कर सकती है। मैंने वैसा ही किया। जैसे ही मेरा पानी गिरने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और रानी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मेरा पूरा पानी वह पी गई। रीना भी झड़ चुकी थी। फिर हम-तीनों आपस में लिपटे रहे और कुछ देर के बाद मैं अपने घर वापस चला गया।

आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताईएगा, ताकि मैं इसी प्रकार आपका मनोरंजन करता रहूँ। Antarvasna

Sex Stories

वो मेरे पड़ोस में रहने Sex Stories वाली 18 साल की लड़की है जो कक्षा 11 या 12 में पढ़ती है और शाम में कॉलोनी के बाकी बच्चों के साथ छुपा छुपी खेलते समय अक्सर मेरे घर में या आस-पास आकर छुप जाती है.

एक शाम मैं अपने बेडरूम में लेटा था और मेरे परिवार वाले शहर से बाहर गए हुए थे. मैं घर पर अकेला ही था..

अचानक देखा कि कोई मेरे बेडरूम की खिड़की में चढ़ गया है, थोड़ी देर तक तो मैंने ध्यान नहीं दिया फिर कुछ हलचल हुई तो परदा हटा के देखा तो चाँदनी थी..

उसने मुझे देखते ही अपने होंठों पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया.
मैंने शरारत में परदा इतना हटाया कि वो मुझे अंदर अच्छी तरह देख सके..
और मैं अपने डबल बेड में फिर लेट गया…

वहाँ से चाँदनी खिड़की में खड़ी साफ दिख रही थी, उसकी फ्रॉक घुटने के ऊपर तक की होने की वजह से उसकी सुडौल जांघें और थोड़ी सी चड्डी भी दिख जा रही थी तो मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने पहले तो सोचा कि मेरे से 15 साल छोटी लड़की है, कुँवारी है, मुझे गंदा नहीं सोचना चाहिए…

पर दिल और लंड मेरे दिमाग़ पर हावी हो गये, और उसको देख कर मैंने अपना लंड मसलना शुरू कर दिया…
मैंने देखा कि जल्दी ही चाँदनी उसके छुपा-छुपी के खेल में नहीं मुझमें ज़्यादा ध्यान दे रही थी..
इससे मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं धीरे से अपना पजामा नीचे करके सिर्फ़ लौड़े के बालों तक करके लंड ऊपर से ही दबाने लगा..
मेरे खेल में उसकी रुचि देख कर फिर मैं पजामा पूरा उतार कर लंड हाथ में छुपा कर लेट गया..

वो शायद मेरे लौड़े को देखने को बेताब हो रही थी और जब मैंने लौड़ा छुपाए रखा तो उसने इशारे से हाथ हटाने का आग्रह किया. तो मैं समझ गया कि लड़की गर्म हो गई है.

उसकी बेताबी से मैं समझ गया कि मेरी शरारत से मेरी किस्मत खुल गई है.

उसका इशारा पाते ही मैंने अपना लौड़ा पूरा उसके सामने कर दिया. उसने शायद पूरा खड़ा और चोदने को तैयार लंड पहली बार देखा तो उसका मुँह खुला और आँख फटी रह गई…

मैं मौका देख कर खिड़की के पास जा कर मुठ मारने लगा और लौड़े को उसको हर तरफ से दिखाने लगा और जल्दी ही मैं झड़ गया और मेरा वीर्य सीधे पिचकारी मारता हुआ उसके घुटने में जा लगा…

वो मेरे चेहरे और लंड को मिले सुकून से मुस्कुरा दी तो मैंने उसको बोला- अंदर आ जाओ..

वो खिड़की से उतर के थोड़ी देर बाद चोरी से मेरे घर अंदर आ गई जिसके लिए मैंने पहले से ही दरवाज़ा खुला रखा था..

उसके आते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया तो वो बोली- आपका ‘वो’ कितना सुंदर है..!

तो मैंने पूछा, तो उसने बताया कि उसने ‘यह’ पहली बार देखा है, पर उसकी दूसरी सहेलियाँ उनके बॉय-फ्रेंड्स के साथ इससे खेलती हैं और बताती है कि खूब मजा आता है..

तो मैंने भी उसको सीधे बेड रूम में ले जाकर बेड पर बिठाया. मैं लेट गया और बोला- तुम भी इससे खेलो, तुम्हारी सहेलियाँ ठीक कहती हैं..

उसने डरते डरते मेरे लंड को पजामे के ऊपर हाथ में लिया तो मैं समझ गया कि वो पहली बार कर रही है और डर भी रही है…
तो मैंने पजामा उतार के उसके हाथ को अपने से पकड़ के लौड़े को कस कस के मसलने लगा तो वो डर के बोली- इतनी ज़ोर से?
तो मैंने कहा- मजा तो आ रहा है ना…?
मैंने उसको बोला- चाँदनी, देख मैं तेरे सामने बिना कपड़ों के नंगा पड़ा हूँ तो तू भी तो कपड़े उतार के दिखा..
तो बोली- डर लगता है..
मैं बोला- किससे?..मुझसे..?
मैं बोला- तुम तो अपनी मर्ज़ी से अंदर आई हो तो मुझसे डर कैसा..
वो बोली- कोई देख लेगा!
तो मैं बोला- घर पूरा बंद है, अगर हम-तुम किसी को नहीं बोलेंगे तो किसी को पता नहीं चलेगा!
तो बोली- शीला कहती है कि बच्चा हो जाता है!

तो मैं समझ गया कि इसको पूरा पता नहीं है…

मैं बोला- अगर तुम मुझ पर भरोसा रखो और मैं जैसा बोलूँ तुम वैसा करो तो ना किसी को पता चलेगा, न ही बच्चा होगा, उल्टे तुमको बहुत मजा आएगा.
तो बोली- कैसे?
मैंने कहा- पहले कपड़े उतारो…

उसने शरम से मुँह ढक लिया तो मैंने पहले फ्रॉक के नीचे ही उसकी पेंटी उतार दी और उसकी गान्ड मसालते हुए फ्रॉक की ज़िप खोल कर फ्रॉक उतार दी.

वो पहली बार किसी मर्द के सामने नंगी होने की वजह से शरमा गई थी तो मैंने कहा- देख मैं भी तो नंगा हूँ और हम दोनों के अलावा कोई और नहीं यहाँ!

और मैंने उसको आईने में दिखाया- देख हम दोनों नंगे कितने सुंदर दिख रहे हैं!

और मैंने उसको अपना लौड़ा पकड़ा दिया, उसके होंठ चूसने लगा. उसकी 32 क्स आकार के चूचे टेनिस बॉल के जैसे कस गये थे..

उसकी जवानी से मेरा लंड फिर से खड़ा हो कर कूद रहा था..

वो मेरे लंड को आगे पीछे करने के बजाए दबा रही थी, मैं गरम हो कर बोला- चाँदनी, चूस ना मेरा!
तो वो बोली- ‘क्या’
तो मुझे लगा कि पहले इसको समझा देना ज़रूरी होगा कि सेक्स कैसे करते हैं ताकि मजा आए.

मैंने उसको बताया कि सेक्स में लड़का और लड़की नंगे हो कर जो चाहे और जैसे चाहे करते हैं और कोई मना नहीं करता.
तो बोली- फिर बच्चा हो जाता होगा?

तो मैंने समझाया- हम लोग जो कर रहे हैं जैसे तुम मेरे लंड को दबा रही हो, या अगर इसको चूसोगी और मैं तुम्हारी चूची चूसूंगा या होंठ को चूमूंगा और चुसूंगा तो बच्चा नहीं होगा. यह चुदाई के पहले का खेल है जिसको ‘फोर-प्ले’ कहते हैं. जब लन्ड को चूत में घुसा कर असली चुदाई होती है, चुदाई करते करते जब लंड अपना पानी छोड़ता है और साथ में चूत भी पानी छोड़ती है तब बच्चा होने की संभावना होती है और अक्सर समझदार लोग चोदने के बाद झड़ने के समय लंड चूत से निकल के झाड़ते है, जैसे मैंने मुठ मार के किया. ऐसा करने से बच्चा नहीं होता और सेक्स का पूरा मजा आता है.

तो वो बोली- वो तो ठीक है! पर मेरी चूची आप क्यूँ चुसोगे? वो तो छोटे बच्चे चूसते हैं और मैं आपका ये ‘लंड’ क्यूँ चूसूंगी?
तो मैं बोला- करके तो देखो कितना मजा आता है.

तो शायद वो पूरी तरह राज़ी नहीं हुई, तो मैंने एक ब्लू फिल्म की सीडी लगाई और उसको लेकर बिस्तर में लेट गया…

फिल्म में लड़की ने लड़के के झूलते हुए लौड़े को पहले निकाला फिर हाथ से खेल खेल के बड़ा किया तो वो बोली- आपका तो पहले से ही बड़ा है…

फिर फ़िल्म की लड़की उसके लंड के सुपारे को चूसने लगी लॉली-पोप जैसे और उसके लंड से खेलने लगी तो उसने भी मेरा लौड़ा पकड़ा और चूसने के लिए मुँह नीचे किया तो मैंने उसको बोला- तुम पहली बार करोगी तो रूको!

और मैंने झट से लंड की टोपी में खूब सा शहद लगाया और उसको चूसने को दिया. उसको टोपी चूसने में मजा आने लगा तो मैंने धीरे धीरे पूरा 6 इंच का लंड उसके मुँह में घुसाया और अब फिल्म वाले के जैसे चाँदनी का मुँह चोदने लगा..

फिल्म में वो लोग 69 करने लगे. फिर लड़का लड़की को बिस्तर में किनारे लिटा कर उसकी चूची दबाते हुवे उसकी चूत चाटने लगा तो वो मुझको बोली- आप भी ऐसे करो ना…

मैं मन ही मन सोच रहा था कि मैं पक्का खिलाड़ी इस नई चिड़िया को तो चोद चोद के रंडी बना दूँगा…

मैंने उसकी ब्रेड के बन जैसी कुँवारी चूत के होंठ खोल कर उसमें भी शहद डाला, फिर 69 करने लगा…

मैं ऊपर चढ़ कर उसके मुँह को चोद रहा था और उसकी चूत भी चाट रहा था और वो मज़े से सिसकियाँ भर रही थी…

और फिर झर भी गई…

अब उसका ध्यान टीवी पर गया जहाँ अब चुदाई शुरू हो गई थी, लड़की लड़के के ऊपर चढ़ कर उसको चोद रही थी और उसको बार बार अपनी चूची चुसवा रही थी! बीच बीच में लड़के का लण्ड चूत से फिसल के निकल भी जाता था, तो वो दोबारा घुसा कर चोदने लगती.

तो वो बोली- चलो. हम भी ऐसा ही करते हैं!

मैं समझ गया कि चाँदनी अब चुदने के लिए पूरी तरह तैयार है पर उसको यह नहीं अंदाज़ है कि वो फिल्म की लड़की कितना चुद चुकी है, और इसकी पहली बार चुदने वाली कसी चूत! काफ़ी अंतर है दोनों में!

तो मैंने उसको बिस्तर के किनारे पर लिटाया, उसको उसके दोनों पैर कंधे तक मोड़ कर पकड़ने को कहा. लण्ड में एक कॉण्डम लगाया और उसको बताया कि हम जब चुदाई करंगे और अगर ग़लती से भी मैं झड़ने के समय चूत से लण्ड ना भी निकालूं तो मेरा पानी जो कि तुम्हारे ऊपर मूठ मारते समय गया था, वो इसी के अंदर रह जायगा और किसी भी हालत में बच्चा नहीं होगा.

तो वो खुशी से मुझे चूमने लगी और बोली- आप कितने समझदार हो… प्लीज़ अब जल्दी करो ना…

मैं सोच रहा था कि मेरी समझ तो इसको अभी पता चलेगी जब इसकी चूत फटेगी और किस्मत साथ देगी तो दस मिनट बाद इसकी गाण्ड भी मारूँगा…

मैं लण्ड के सुपारे को उसकी चूत के दाने में रगड़ने लगा, साथ साथ उंगली चूत में उंगली घुसा कर रास्ता बनाने लगा और इन सब में मैं जोकि अब तक दस के करीब चूत चोद चुका था और पिछले 14 साल से किसी ना किसी की चूत चोद रहा हूँ, भी कंट्रोल में मुश्किल से था, मैंने अब एक हाथ से लण्ड पकड़ कर उसकी चूत में सुपारे को सही जगह में बिठाया और उसको अपनी पूरी पकड़ में लेकर चूची चूसते हुए बोला- चाँदनी, अब मेरा लौड़ा तेरी चूत में घुसेगा और तुझे खूब मजा भी आएगा और अगर तुझे दर्द हो तो अपनी टाँगे ऊपर की तरफ उठा लेना.

तो वो बोली- ठीक है!

और मैं एक पक्के खिलाड़ी की तरह उसको जकड़ कर उसके होंठ चूसने लगा ताकि उसकी चीख मेरे मुँह में दब के रह जाए और उसकी गाण्ड के छेद में उंगली करते हुए उसको और ज़्यादा गरम किया. फिर एक करारे झटके से अपने लण्ड को उसकी चूत में आधा से ज़्यादा पेल दिया.

वो चीखी पर आवाज़ दब गई, दर्द हुआ तो टाँगें उठा ली और मैंने उसकी आँखो से अचानक हुए दर्द से निकले आँसुओं को चाटते हुए उसको पूछा- कैसी हो…

तो वो बोली- आपने तो कसाई की तरह चाकू चला दिया, मैं तो बस मरते मरते बच गई…
मैंने बोला- तो चलो निकल लेता हूँ!
तो वो बोली- नहीं, थोड़ा रूको!

तो मैंने जितना घुसा था, उतने में ही लौड़े को आगे पीछे करना चालू कर दिया. जिससे उसको आराम लगा तो मौका देख कर दूसरे और तीसरे तेज़ झटके में में पूरा 6 इंच से भी बड़ा लौड़ा उसकी चूत के अंदर कर दिया और उसकी गान्ड की गोलाइयों को मसलते हुवे उसकी जाँघ सहलाने लगा.

तो वो बोली- निकालो-निकालो! मैं मर जाऊँगी…
तो मैंने कहा- चाँदनी, जब सब हो गया तो अब निकालने का क्या मतलब, अब तो तुम वो फिल्म वाली जैसे मज़े लो!

और मैंने उठ कर उसको उसकी चूत में घुसा मेरा लौड़ा दिखाया तो उसको विश्वास नहीं हुआ कि मेरा पूरा का पूरा लौड़ा घुस चुका है.

मैंने अब तक बहुत सब्र से काम लेते हुए अपने लौड़े को कुँवारी चूत में घुसाया था, पर अब मेरा सब्र साथ नहीं दे रहा था और मैंने उसकी चूत में धक्का-पेल चूदाई शुरू कर ही और उसको बाँहों में कस के जकड़ कर उसकी चूचियों को करीब करीब चबाते हुए खूब चोद डाला.

और वो दर्द और मज़े में चीखे ज़ा रही थी और मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ चोद रहा था… कह सकता हूँ कि खूब बेरहमी से चोद रहा था.उसकी कुँवारी चूत चोदने में मुझे स्वर्ग का मजा मिल रहा था क्यूंकि चोदा तो 10-11 चूतों को था पर इतनी जवान, इतनी कमसिन, इतनी कम उम्र और इतनी फ्रेश कोई नहीं थी. उसकी चूत फट गई थी, मुझे मालूम था कि अब रुकुंगा तो वो साथ नहीं देगी.

और बेरहम चुदाई में हालांकि उसको दर्द हुआ पर जैसे ही वो पहली बार झड़ी, उसको मजा आने लगा और अब तो जब मैं झरने को था तो वो 3 बार झर चुकी थी.

मैं जैसे झरने को आया, उसकी चूत में दना-दन 5-6 ज़ोर के धक्के दिए और उसके ऊपर ही लुढ़क गया, जिससे वो भी एक और बार झड़ गई.

मैंने अपना लड़ पूरा उसकी चूत में घुसाए रखा जब तक कि वो अपने आप ढीला होकर न निकल गया…

उसने मुझसे कहा- तुमने यह क्या किया?

मैंने बोला- मेरी जान चाँदनी, आज मैंने तुमको कली से फूल बना दिया! अब इस फूल की खुशबू से तुम किसी भी भंवरे (लौड़े) को अपने काबू में कर सकती हो!

वो शरमा कर बोली- आपके ने तो मेरी जान निकाल दी और दूसरो का कैसे काबू में होगा?

तो मैंने कहा- यही तो राज़ की बात है, अब मेरा भी तुम्हारे काबू में है…

मैंने फिर उठ कर कॉंण्डम उतारा और उसको बताया- बाहर की तरफ खून और चिकनाई है, वो उसकी चूत का पानी है, और अंदर का पानी मेरे लौड़े का है, और चिंता की बात नहीं, अब बच्चा नहीं ठहरेगा.

मैंने चाँदनी को कहा- रानी, मैंने कितनी चूत और लड़की चोदी हैं पर जो मजा तुमसे मिला है वो किसी में नहीं था.

और मेरी बेरहमी के लिए माफी भी माँगी तो वो बोली- आपने मुझे कली से फूल बनाया, आप तो मुझे अब मार भी डालो तो मुझे कोई शिकवा नहीं होगा. आप तो मेरे स्वामी हो! मुझे जैसा और जितना चाहो, चोदो, जब चाहे चोदो!

इस बीच टीवी में जो सीन था वो देखकर चाँदनी फिर टीवी से चिपक गई. वहाँ एक नीग्रो एक गोरी लड़की के चूचे बेरहमी से खा रहा था और उसकी गाण्ड में लण्ड घुसाने की कोशिश कर रहा था. लड़की कुतिया की अवस्था में खड़ी थी और वो उसके गाण्ड के छेद को पहले चाटने लगा.

तो चाँदनी बोली- यह क्या करेगा अब?
मैंने कहा- मेरी जान, सेक्स में इतनी ज़्यादा वेराइटी है कि अगर हम लोग अलग अलग स्टाइल से करें तो दिन भर चुदाई की जा सकती है.
तो वो बोली- तो चोदिये ना मुझको सब तरीके से!
मैं बोला- रानी अभी तुम 30 मिनट से यहाँ चुद रही हो, और मुझे तो खुशी होगी कि रात भर तुमको चोदूँ पर अभी घर जाओ, कल जल्दी आ जाना तो 4-5 तरीके से चोदूंगा.
तो बोली- इसको तो देखो!

वो नीग्रो उस गोरी लड़की की गान्ड बड़ी बेरहमी से चोद रहा था और चाँदनी अब यह भी करवाना चाह रही थी, मैंने उसको कहा- कल जब शाम को खेलने निकलो तो याद रखना कि अब तुम बच्चों वाला नहीं वयस्कों वाला खेल खेलोगी, जिसके लिए आने के पहले चूत और गाण्ड अच्छे से धो लेना.
उसने खुश होकर कपड़े पहने और चली गई.

मैं खुश था कि मैंने ऐसी लड़की चोद दी जिसकी चूत में अभी तो अच्छी तरह बाल भी नहीं आए हैं और कल यह खुद से गाण्ड भी मरवाएगी.

उसके बाद तो मैंने 3 महीने तक चाँदनी को अलग अलग तरीके से चोदा, उसकी गान्ड मारी और सेक्स में संभव हर काम किया.

उसको भी फिर किसी और भी लौड़े का शौक लगा और फिर एक बार किसी अमीर ज़ादे को फंसाया और उसने उसको चोदा.

और एक बार होटल ले जा कर अपने 4 दोस्तों के साथ उसको चोदा!
मेल करो… Sex Stories

हैलो दोस्तो, Hindi Sex Stories

मैं पहली बार कोई कहानी Hindi Sex Stories लिख रहा हूँ। यह मेरी वास्तविक कहानी है। मैं ट्युशन पढ़ाने का कार्य करता हूँ। बात उस समय की है जब अंजना नाम की एक लड़की ट्युशन पढ़ने आई। पहले ही दिन से उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या होने लगा। हालांकि मैंने सैकडों लड़कियों को पढ़ाया है पर उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या-क्या उमंगें उठने लगी।

वार्षिक परीक्षा के बाद जब सभी छात्र आखरी दिन मिलने आये तब वह बहुत जोर-जोर से रोने लगी और कहने लगी- अब तो हम सभी आपसे जाने कब मिलेंगे !

तब मैंने कहा- इसमें रोने की क्या बात है तुम जब चाहो मेरे मोबाईल पर कॉल करके मुझसे बातें कर लिया करना।

यह सुनकर उसने रोना बंद कर दिया।

उसके बाद उसने अगले दिन मुझे कॉल किया। तब हमने थोड़ी बहुत बातें की और उसके बाद हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा और यह सिलसिला धीरे-धीरे कब प्यार में बदल गया दोनों को पता ही नहीं चला।

फिर एक दिन हिम्मत जुटा कर मैंने उससे अपने प्यार का इजहार भी कर दिया। इजहार करते वक्त मुझे कितनी घबराहट हो रही थी, इसको मैं बता भी नहीं सकता। लेकिन मेरी घबराहट तब खुशी में बदल गई जब उसने भी मुझसे कहा कि वह भी मुझसे प्यार करती है।

इसके बाद हम दोनों अकेले में मिलने के रास्ते ढूँढने लगे। हमारा कस्बा ज्यादा बड़ा नहीं है, लगभग सभी लोग एक दूसरे को जानते हैं, ऐसे में बाहर हमारा मिलना सम्भव नहीं था।

तब एक दिन उसने मुझसे कहा- क्या तुम रात को मेरे घर पर आ सकते हो? मैं पढ़ाई के बहाने अलग कमरे में आ जाऊँगी।

मैंने भी उसे हाँ कर दी। इसके बाद उस रात को करीब २ बजे मैं उसके घर गया। हम दोनों अकेले एक बंद कमरे में अलग थे और उसके मम्मी-पापा तथा भाई बहन अलग कमरे में थे। हम दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे से बातें करते रहे। धीरे-धीरे मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और फिर उसके गालों पर एक चुम्बन दे दिया। यह पहला मौका था जब मैंने उसे छुआ था। मेरे शरीर में एक अजीब सी सिरहन दौड़ गई। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू किया और एक दूसरे से लिपट गये। धीरे-धीरे मैंने उसके स्तन दबाने शुरू किये जो कि बहुत ही कड़े थे, तो उसने मना कर दिया।

चूमा-चाटी तथा बाहों में लेने का यह सिलसिला करीब २ घण्टे तक चला और फिर मैंने कहा- अब मुझे चलना चाहिए।

उसके बाद करीब ४ बजे मैं वापस आ गया।

इसके बाद जब भी मौका मिलता हम उसके घर मिल लेते। एक बार उसने मुझे बताया कि उसके घर के सभी सदस्य किसी रिश्तेदार की शादी में गये हैं और वो आज घर में अकेली है।

यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

मैं रात को ११ बजे ही उसके घर पहुँच गया। यह पहला मौका था जब हम बिना किसी डर के एक दूसरे से मिल रहे थे। जब मैं वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि उसने बिस्तर लगा रखा था। मैंने उसे देखते ही उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा क्योंकि आज किसी के भी आने का डर नहीं था। फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके पास ही लेट गया। हम काफी देर तक एक दूसरे से प्यार की बातें करते रहे। इस बीच मैं उसके शरीर पर हाथ भी फेरता जा रहा था। आज वह मुझसे कोई विरोध नहीं कर रही थी क्योंकि शायद वह जानती थी कि ऐसे मौके बार-बार नहीं आते हैं।

मैंने फिर उसके कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर उसके स्तन दबाने शुरू किये। उस समय तो मानो स्वर्ग का आनन्द मिल रहा था। काफी देर तक स्तन दबाने के बाद मैंने उसकी कुर्ती को उतार दिया और साथ ही उसके सलवार को भी उतार दिया। अब वह मेरे सामने ब्रा और पेंटी में लेटी थी। मैंने उसके शरीर को अच्छी तरह से सहलाना और रगड़ना शुरू कर दिया और उसे चूमने लगा।

मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिये और उसके स्तनों को जोर-जोर से दबाने लगा। इसके बाद मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया। इसके बाद हम ६९ की पोजीशन में आ गये। मैं उसकी चूत को काफी देर तक चाटता रहा और वह भी मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे और मेरा लण्ड उसको चोदने के लिये उतावला हो रहा था। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया। वह चिल्लाने लगी तथा मुझे दूर हटाने लगी। लेकिन मैं उस पर हावी हो चुका था, मैंने उसके होठों पर अपने होठ रखकर उसके मुँह को बंद कर दिया और एक जोरदार झटका दिया जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी कुंवारी चूत में घुस गया। वह बुरी तरह से छटपटाने लगी और रोने लगी। उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था।

वह रोते हुए कहने लगी- प्लीज ! मुझे छोड़ दो ! फिर कभी करेंगे !

लेकिन मैंने उसकी एक भी न सुनी और दो-तीन झटकों में पूरे लण्ड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया जिससे वह एक चीख के साथ बेहोश हो गई। मैंने बेहोशी में ही उसे चोदना जारी रखा। तेज दर्द के कारण वह फिर होश में आ गई और जोर-जोर से रोने लगी।

यह देख मैं रूक गया। मैंने कहा- अब घबराने की कोई जरूरत नहीं है, तुम्हारी सील टूट चुकी है और अब तुम्हे सिर्फ मजा आयेगा।

इसके बाद मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना चालू किया तो उसे भी मजा आने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। करीब आधा घण्टा चोदने के बाद हम दोनों ही एक साथ झड़ गये।

उसके बाद उसे मैंने कई बार चोदा। Hindi Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆