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Massage Girl in Patna: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Patna who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Patna that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Patna massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Patna who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Patna massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Patna massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Patna who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Patna employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Patna helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Patna

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Patna at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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हैल्लो, सभी आँटियों को मेरा सलाम। Hindi Sex Stories

मेरा नाम अमित है। मैं गुजरात का हूँ। Hindi Sex Stories मेरी यह पहली कहानी है। इसलिए लिखने में अगर कोई ग़लती हो तो मुझे माफ़ करें।

तो चलिए अब कहानी पर आते हैं।

बात आज से १ साल पहले की है, जब हम सभी लोग दर्शन कर के वापस आ रहे थे। हम सभी लोग एक ट्रक में थे। नीचे गद्दे बिछाए हुए थे।

रात हो चुकी थी। बरसात का मौसम होने की वज़ह से ट्रक पूरा ढक दिया गया था। मैं सबसे पीछे लेटा हुआ था।

मेरे सामने मेरी मौसी लेटी हुईं थीं। वहाँ अँधेरा था।

मेरी मौसी बहुत मोटी है और हॉट भी।

वह विधवा है, उनके पति का देहांत १० साल पहले हो चुका था। सभी लोग सो चुके थे।

मैंने सोने के लिए जैसे ही पैर आगे किए तो मेरा पैर मौसी की झाँटों पर जा लगा।

पाँव का स्पर्श वहाँ होते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई और मेरा ७ इंच का लंड फटाक से खड़ा हो गया।

अब मैं मौसी को चोदने के बारे में सोचने लगा था।

फिर मैंने अपने पैर को और आगे बढ़ाकर अपने पाँव के अँगूठे से ही उसकी चूत को महसूस किया और दबाया।

मौसी जाग गईं।

मैं डर गया कि वो कहीं डाँटे ना, मैंने जल्दी से अपने पाँव पीछे सिकोड़ लिए।

थोड़ी देर ऐसे ही सोता रहा।

कुछ देर के बाद मैंने फिर से अपने पाँवों को उनकी चूत से लगाया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।

मेरी हिम्मत बढ़ी, और मैंने पाँव के अँगूठे से उनकी चूत को दबाया, उनके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी और उन्होंने अपने पाँव और फैला दिए।

अब मैं उनके पास जाकर लेट गया और उनकी चूचियाँ ऊपर से ही दबाने लगा।

थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने अपनी एक उँगली उनकी चूत में डाल दीं।

वह आहें भरने लगीं। तभी ट्रक में से कुछ और आवाज़ आई, तो हमने समझा कि शायद कोई और भी जाग गया है, तो मैं तो जल्दी से आँखें बन्द करके सो गया।

हम लोग जल्दी ही घर पहुँच गए।

मैंने सोच लिया था कि उन्हें अब घर में चोदना ही है। दूसरे दिन मौसी अपने घर जाने के लिए सामान बाँध रहीं थीं।

वह हमारे यहाँ से ५० किलोमीटर दूर रहतीं थीं। उन्होंने मेरी माँ को कहा कि अमित को भी साथ ले चलती हूँ। थोड़े दिन मेरे पास रहने दो, तो माँ भी राज़ी हो गईं।

मैं तो खुश हो गया था और जल्दी से अपना सामान भी बाँध लिया और मौसी के साथ चल पड़ा।

मैं आपको बता दूँ कि मौसी की दो बेटियाँ हैं। दोनों की शादी हो चुकी है, इसलिए वह अकेली ही रहतीं हैं। उनका बंगला काफी बड़ा है।

हम लोग उनके घर पहुँचे। मैं जाकर तरोताज़ा होकर बेडरूम मे आ गया और टीवी देखने लगा, मौसी किचन में खाना बनाने लगी।

थोड़ी देर के बाद मौसी की आवाज़ आई कि खाना खा लो।

हमने साथ में खाना खाया।

खाना खत्म होने के बाद मौसी ने कहा कि तुम बेडरूम में जाओ, मैं बर्तन साफ़ करने के बाद आती हूँ।

मौसी जब आईं तो वह कफ़ी सुन्दर लग रहीं थीं। उन्होंने गुलाबी रंग की नाईटी पहनी थी।

आते ही मौसी ने दरवाज़ा बन्द कर लिया और मुझे चूमने लगी।

मैं भी उन्हें चूमने लगा।

चूमते-चूमते हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े भी उतार फेंके।

अब हम दोनों पूरे नंगे थे।

मौसी मेरे लंड को देखकर हैरान थीं – शाही, तेरा तो काफी बड़ा है! तेरे मौसा जी के दो लण्डों के बराबर है।

यह कहकर उन्होंने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगीं।

चूसते-चूसते वह कभी-कभी दाँत भी गड़ा देतीं, वह पागलों की तरह चूसे जा रहीं थीं। मैंने कहा- मौसी, मौसाजी के मरने के बाद क्या तुमने कभी सेक्स नहीं किया है?

“१० साल बाद आज पहली बार मर्द का लंड ले रही हूँ” – उन्होंने बताया।

“१० साल तुमने कैसे चलाया?” – मैंने पूछा।

तो वह उठी और बिस्तर के नीचे से एक कृत्रिम लंड निकाल और कहने लगी, “यही मेरा पति है जो हर रात मुझे शांत करता था।”

अब हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए और एक-दूसरे को चाटने लगे। मौसी की चूत एकदम साफ थी। उसपर एक बाल भी नहीं था।

क़रीब १० मिनट चाटने के बाद मौसी को मैंने सीधा करके मैं उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा।

मौसी शशश्सस्सस्सससस… सिसकारियाँ भरने लगीं और कहने लगी, शाही अब रहा नहीं जाता… जल्दी डाल दे और मेरी चूत फाड़ दे।

मैंने अपना लंड मौसी की चूत में पेल दिया, और चोदने लगा।

लगभग ५ मिनट चोदने के बाद वह झड़ गईं।

फिर मैंने उन्हें कुतिया की मुद्रा में आने को कहा और उनकी गाँड दबाने लगा। उन्होंने कहा, “चूत में ही डालो ना!”

मौसी मैं तो गाँड ही मारूँगा” – मैंने कहा।

“ऐसा तो तेरे मौसा ने भी कभी नहीं किया। बहुत दर्द होगा।”

“मौसी मैं आराम से डालूँगा।” – यह कहकर मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उनकी गाँड की छेद पर रखकर एक झटका मारा तो मौसी चिल्लाने लगी और कहने लगी, “बाहर निकाल…”

पर मैं कहाँ निकालने वाला था। दर्द की वज़ह से मौसी की आँखों से आँसू आ रहे थे। मैं थोड़ी देर रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता झटके देने लगा।

जब उनका दर्द कम हुआ तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी। थोड़ी ही देर बाद मैं झड़ गया और बगल में आकर लेट गया।

उस रात मौसी को मैंने ५ बार चोदा और १५ दिनों तक वहीं रहकर उनकी जमकर चुदाई करता रहा।

कई बार हमने ब्लू-फिल्में देखते हुए भी चुदाई का आनन्द उठाया। फिर मैं घर वापस आ गया।

मगर फिर भी जब भी मौका मिलता है, मैं उनके घर जाकर ज़बर्दस्त चुदाई कर आता हूँ।

तो दोस्तों, आपको मेरी पहली कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएँ Hindi Sex Stories

Antarvasna

आज क्रांति का जन्म दिन था. वो काफ़ी Antarvasna उत्साहित थी. उसे पता था कि डैडी ने उसके जन्म दिन के लिए शाम को पार्टी रखी है. वो जल्दी जल्दी उठ कर फ्रेश हो कर हॉल में आ गई. जब वो हॉल में आई तो सिर्फ़ डैडी ही बैठे थे. उसने डैडी को पूछा कि मम्मी कहाँ गयी तो डैडी ने कहा कि वो तोहफ़ा लेने को मार्केट गयी है. तो क्रांति ने डैडी को पूछा कि अप मेरे लिए तोहफ़ा नहीं लेकर आए?

डैडी ने क्रांति को गौर से देखा. क्रांति को महसूस हो रहा था कि डैडी क्रांति की चूचियों को नाइटी के ऊपर से देख रहे है. पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की. डैडी ने कहा कि मेरा तोहफ़ा तो तुम को मम्मी की अनुपस्थिति में ही खोलना होगा.

क्रांति ने मासूमियत से कहा- चलेगा! आप दो तो सही!
डैडी ने कहा- ठीक है तुम मेरे पास आ कर बैठो और मैं तुम को एक सबसे अच्छा तोहफ़ा देता हूँ.
वो भोलेपन से अपने पापा के पास जाकर बैठी तो उस के पापा ने कहा कि तुम्हारी कमर कितनी है?
उसने कहा- 28 इंच.
तो पापा ने कहा- इतनी छोटी है! वाओ… टाइट है मतलब!

ये सुनकर क्रांति को अजीब लगा. उसके पापा ने कहा- तुम खड़ी हो जाओ, मैं तुम्हारी छाती मापता हूँ.

क्रांति इस बार भी बड़ी मासूमियत डैडी के सामने आ कर खड़ी हो गई. डैडी ने बड़ी ही बेशर्मी से क्रांति के चूचियों को हाथ लगाते हुए पेट पर रखा. इस तरह से हाथ घूमाते हुए डैडी को पता लगा कि क्रांति ने मॅक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना.

डैडी ने कहा- पेट तो काफ़ी अंदर है पर तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े हैं. क्रांति को ये बात सुन कर शरम सी आने लगी. उस ने कहा- डैडी ऐसे मत कहो ना. डैडी ने कहा- ठीक है मुझे ठीक से नाप लेने दो. ये कह कर डैडी एक दम से क्रांति की चूचियाँ दबाने लग़े. क्रांति के निपल गाउन के ऊपर से बटन की तरह दिखने लगे. क्रांति ने अपनी आंखें बंद कर ली और कहने लगी- इस तरह से किसी ने भी मेरा नाप नहीं लिया है.

डैडी हँसने लगे और कहने लगे- आगे आगे देखो अब क्या होता है.

फिर एक दम से क्रांति ने आँखें खोली और डैडी से दूर जाकर खड़ी हो गई. डैडी बने कहा- ओके! तुम्हारी कमर का नाप लेने दो और बोल कर उसके पीछे जा कर उस की कमर पर हाथ रखकर उस की गाण्ड के बीच में डाल कर बोले- उम्म! तुम तो तैयार आम हो.

मासूम क्रांति ने कहा- इस का क्या मतलब है?
तो डैडी ने कहा- तुम को मैं अपना तोहफ़ा देने के बाद बताऊँगा. फिर डैडी ने कहा कि तुम मेरे कमरे में आओ.

क्रांति को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था. पर अब डैडी से क्या शरमाना! यह सोच कर वो डैडी के साथ कमरे में चली गयी.

कमरे में डैडी ने एक बैग निकाला और उसे कहा कि इस बैग को चेंजिंग रूम में जाकर खोलो और इसकी अंदर की चीज़ को पहन के आना.

क्रांति ने कहा कि ठीक है. वो बैग उठा कर बाथरूम में चली गयी. उस ने जब बाथरूम में जाकर बैग खोला तू उसने देखा कि उसके अंदर एक लाल रंग की ब्रा थी और एक थोंग थी. उसने डैडी को आवाज़ लगाई कि डैडी यह आपने मुझे क्या पहनने को दिया है?

डैडी ने कहा- वो ही जो तूने अभी नहीं पहना है और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे. क्रांति कुछ समझ नहीं पाई और उसने वो लाल ब्रा पहनी और अपने आप को आईने में देखा तो उसने देखा कि वो काफ़ी जवान लड़की दिख रही है और उसके बूब्स सेक्सी औरत की तरह नेट वाली ब्रा से दिख रही हैं. फिर उसने अपनी मिली हुई तोहफ़े में से थोंग(चड्डी) पहनी.

उफ़्फ़ वो तो बस उम्म लग रही थी.…इसे बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.

वो सोच रही थी कि मैं यह पहन कर बाहर डैडी के सामने कैसे जाऊँ? कि उतने में उसके डैडी की आवाज़ आई और वो घबरा कर बाहर आ गई. बाहर डैडी उसके इंतजार में ही खड़े थे.

उसने जब अपनी बेटी को ब्रा और चड्डी में देखा तो उनकी आँखें खुली खुली रह गयी. क्रांति की चूची एक दूध की बोतल की तरह दिख रही थी और उसकी पेंटी कुछ ऐसी लग रही थी जैसे कि खज़ाना जिसमें काफ़ी सारा धन था.
उसके डैडी कुछ बोल ही नहीं पा रहे थे.

इतने में क्रांति बोली- डैडी कैसी लग रही हूँ?

डैडी ने कहा- तुम एक आइटम लौण्डिया लग रही हो.
क्रांति बोली- ये आइटम लौण्डिया क्या होती है?

तो डैडी क्रांति के पास गए और उसकी चूची को एक हाथ से पकड़ लिया और बोले जिसस लड़की के बूब्स इतने भारी और रसीले हो उससे आइटम कहते हैं और उसने एकाएक चूची को जोर से चूँटा, इतने ज़ोर से किया कि उसके चूचूक ब्रा में से बटन की तरह दिखने लगे.

डैडी को यह देख के कुछ हो गया. इतने में क्रांति बोली- ये लौण्डिया क्या होता है?

तो डैडी ने देखा कि क्रांति की आँखें चूँटने के दर्द से बंद सी हैं तो उन्होंने इस बात का फ़ायदा लिया और अपना हाथ क्रांति की पेंटी में डाल दिया और और क्रांति की चूत के उपर अपनी उंगली घिसने लगे और बोले कि जिसकी इतनी अच्छी चूत हो जिसमें लण्ड घुसा सकें उस लड़की को लौण्डिया कहते हैं.

इस सबका लौण्डिया क्रांति पर काफ़ी असर हुआ. उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी. उसे अपने डैडी का हाथ अपनी नंगी चूत पर अच्छा लग रहा था. डैडी ने अपना दूसरा हाथ अपनी बेटी की ब्रा पर रख दिया और उससे धीरे धीरे दबाने लगे. डैडी उसके निपल को ब्रा के ऊपर से टटोलने लगे. डैडी उसके बूब्स को ब्रा के कप में से बाहर निकालकर चूसने लगे.

एक मधुर सा मजा आने लगा. क्रांति भी मस्त हो गयी थी. उसकी चूत अब काफ़ी गीली हो गयी. अभी भी आँखें बंद थी उसकी. क्रांति को अपने हाथों में कुछ गरम सा डंडा महसूस होने लगा. उसने जब अपनी आँखें खोल कर देखा तो वो उसके पापा का लण्ड था. उसँके डैडी का लण्ड काफ़ी बड़ा था. वो इतना बड़ा लण्ड देखकर घबरा गयी. उसने अपने डैडी को कहा कि उनका लण्ड काफ़ी बड़ा है. तो उसके डैडी ने कहा कि इस लण्ड की वजह से तो वो इस दुनिया में आई. और हँस कर बोले- चल लौण्डिया अब अपना मुँह खोल कर इस लण्ड को चूस.

क्रांति को काफ़ी अजीब लगा कि लण्ड को चूसा कैसे जाता है. तो उस के डैडी ने लण्ड क्रांति के होंठों पे लगाया और क्रांति को मुँह खोलने को कहा. क्रांति ने जब मुँह खोला तो डैडी ने अपना लण्ड तुरंत ही क्रांति के मुँह में डाल दिया और कहा कि इसे अब चूस लौण्डिया.

क्रांति को भी जोश आ गया था, वो भी अपने डैडी का लण्ड चूसने लगी. डैडी को काफ़ी मजा आने लगा. डैडी का लण्ड काफ़ी कड़क हो गया था. डैडी ने मेज की दराज़ से एक कंडोम निकाला और अपने लण्ड के ऊपर लगाया.

क्रांति की चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.. डैडी ने उस का लण्ड क्रांति की चूत पर रख कर क्रांति को कहा कि अब तू मेरी रानी बनेगी. क्रांति ये सुन कर काफ़ी खुश हो गयी.

डैडी ने लण्ड का एक झटका मारा तो उन का लण्ड सीधा क्रांति की चूत को चीर कर उस के अंदर चला गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्रांति को काफ़ी दर्द होने लगा. उस की चूत से खून निकलने लगा. वो दर्द से जैसे बेहोश ही हो गयी थी. लेकिन उसके डैडी ने कुछ भी रहम नहीं दिखाया. क्रांति की चूत का तो आज़ कचूमर ही बनाने वाले थे.

डैडी ने और एक झटका मारा और उन का लण्ड क्रांति की चूत में एक और इंच गया. क्रांति की चीख पूरे कमरे में गूंजने लगी. अब डैडी एक के बाद एक झटके मारने लगे. क्रांति को कुछ देर के बाद मजा आने लगा. क्रांति की चीखें अब आहों में बदलने लगी. क्रांति भी अपनी चुदाई का मजा ले रही थी.

डैडी ने कम से कम 15 मिनट की मेहनत की. डैडी को पता था कि वो अब झड़ने वाले हैं तो उसने चुपके से अपना कंडोम निकाला और फिर अपनी बेटी के चूत में डाल के अपने अंतिम झटके लगाने लगे. क्रांति बेटी को तो जैसे कुछ पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है. वो तो कुछ अलग ही दुनिया में थी.

डैडी ने एक दम से एक ज़ोर का झटका दिया और वो अपनी बेटी की चूत में झड़ गये. क्रांति भी उसी वक़्त झड़ गयी. उसे काफ़ी सुकून लग रहा था. डैडी का पानी क्रांति की चूत से बाहर आ रहा था. डैडी को काफ़ी खुशी हो रही थी कि क्रांति की चूत में उसने अपना पानी गिरा ही दिया.

जब क्रांति ने अपनी आँखें खोली तो उसने अपनी चूत का भोंसड़ा ही देखा. डैडी ने क्रांति को जल्दी से बाथरूम जाकर अपनी चूत को साफ़ करने को कहा. क्रांति बाथरूम जाकर जब लौटी तो देखा कि डैडी अपनी टाँगें पसारे अपने लण्ड को हिला हिला कर टाइट कर रहे थे.

इस पर क्रांति बोली- डैडी, आपने यह अच्छा नहीं किया बिना कंडोम के ही मुझे चोदा. वादा करो अगली बार आप कंडोम के साथ ही मुझे चोदेंगे.

डैडी सोचते ही रह गए कि अगली बार मतलब क्रांति दोबारा उनसे चुदवाना चाहती है. डैडी ये सोच कर काफ़ी खुश हुए कि उन की बेटी अपनी माँ की सौतन बन गई.

अब तो घर पर काफ़ी चुदाई होती है. सब खुश हैं. क्रांति का कई बार गर्भ भी गिराया गया है. मतलब कई बार बिना कंडोम के चु… हहा…
डैडी नहीं सुधरेंगे! Antarvasna

प्रेषक : हॉट प्रिन्स Sex Stories

दोस्तों मेरा नाम सुरेश है।मेरी उम्र २३ Sex Stories वर्ष कद ५’८” है। मैं आपको प्रीति के साथ अपने सेक्स अनुभव को अपनी पिछली कहानी में बता चुका हूं। अब मैं अपने जिन्दगी के एक और सेक्स अनुभव को आपको बताने जा रहा हूँ।

तब मेरी उम्र १९ वर्ष थी मेरे अन्दर सेक्स का कीड़ा भड़क रहा था। मेरी छुटि्टयाँ चल रही थी। हमारे घर के सामने वाले घर में एक लड़की रहती है। उसका नाम रोशनी है। हम दोनों बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त हैं। इस बार मैं घर दो सालों के बाद आया था। मतलब की हम दोनों पूरे दो सालों के बाद मिले थे। और अब वह पहले वाली रोशनी नहीं थी अब वह बला की खूबसूरत हो गई थी।

उसके अट्ठारह वर्ष के भरपूर जिस्म ने मेरे अन्दर की आग को और भड़का दिया था। उसके स्तन काफी बड़े थे। वो उसकी टाईट टी-शर्ट में बिल्कुल गोल दिखते थे जिन्हें देखकर उन्हें हाथ में पकड़ने को जी चाहता था। वह अकसर शार्ट-ड्रेस पहना करती थी। बचपन में मैंने बहुत बार खेलते हुए रोशनी के स्तनों को देखा था जो कि शुरू से ही आम लड़कियों के स्तनों से बड़े थे और कभी कभी छू भी लेता था लेकिन मेरा मन हमेशा उनको अच्छी तरह दबाने को करता रहता था। लेकिन मुझे डर लगता था कि कहीं वो अपने घर वालों न बता दे क्योंकि मेरी उसके बड़े भाई के साथ बिल्कुल भी नहीं बनती थी। वो रोशनी को भी मेरे साथ न बोलने के लिये कहता रहता था लेकिन रोशनी हमेशा मेरी तरफ ही होती थी।

लेकिन अब रोशनी बड़ी हो चुकी थी और जवानी उसके शरीर से भरपूर दिखने लगी थी। मैं उसको चोदने के लिये और भी बेकरार हो रहा था। लेकिन अब वह पहले की तरह मेरे साथ पेश नहीं आती थी। ऐसा मुझे इस लिये लगा क्योंकि वो मेरे ज्यादा पास नहीं आती थी। दूर से ही मुस्करा देती थी।

लेकिन एक दिन मेरी किस्मत का सितारा चमका और मैंने पहली बार ऐसा दृश्य देखा था।

उस दिन मैं तकरीबन ११ बजे सुबह अपनी छत पर धूप में बैठने के लिये गया क्योंकि उन दिनों सर्दियां थी। मैं अपनी सबसे ऊपर वाली छत पर जा कर कुरसी पर बैठ गया। वहाँ से सामने रोशनी के घर की छत बिलकुल साफ दिख रही थी। मैं सोच रहा था कि रोशनी तो स्कूल गई होगी। लेकिन तभी मैंने नीचे रोशनी की आवाज सुनी। मैंने नीचे देखा- रोशनी के मम्मी पापा कहीं बाहर जा रहे थे। थोड़ देर बाद रोशनी अन्दर चली गई।

मैं सोच रहा था कि आज अच्छा मौका है और मैं नीचे जाकर रोशनी को फोन करने के बारे में सोच ही रहा था कि मैंने देखा रोशनी अपनी छत पर आ गई थी। मैं उसको छुप कर देखने लगा क्योंकि मैं रोशनी को नहीं दिख रहा था।

उस दिन रोशनी ने शर्ट और पज़ामा पहन रखे थे और ऊपर से जैकिट पहन रखी थी। वह अभी नहाई नहीं थी। तभी उसने धूप तेज होने के वजह से जैकिट उतार दी और कुरसी पर बैठ गई। उसने अपनी टांगें सामने पड़े बैड पर रख ली और पीछे को हो कर आराम से बैठ गई जिसकी वजह से उस के बड़े बड़े वक्ष बाहर को आ गये थे।

मेरा दिल उनको चूसने को कर रहा था और मैं बड़े गौर से उसके शरीर को देख रहा था। तभी अचानक रोशनी अपने स्तनों की तरफ देखने लगी और उन्हें अपने हाथ से ठीक करने लगी। उसके चारों तरफ ऊंची दीवार थी इसलिये उसने सोचा भी नहीं होगा कि उसको कोई देख रहा है। उसी वक्त उसने अपनी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन खोल दिये। मेरे को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं यह सब देख रहा हूं। मैंने अपने आप को थोड़ा संभाला। लेकिन तब मैं अपने लण्ड को खड़ा होने से नहीं रोक पाया जब मैंने देखा कि उसने नीचे ब्रा नहीं डाला हुआ था और आधे से ज्यादा बूब्स शर्ट के बाहर थे। मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा।

जब मैंने फिर देखा तो रोशनी का एक हाथ शर्ट के अन्दर था और अपने एक मुम्मे को दबा रही थी और आंखे बन्द कर के मज़े ले रही थी। तभी उस ने एक मुम्मे को बिल्कुल शर्ट के बाहर निकाल लिया जो कि बिलकुल गोल और बहुत ही गोरे रंग का था। उसका चूचुक बहुत ही बड़ा था जो कि उस समय तना हुआ था और हलके भूरे रंग का था। मैं यह सब देख कर बहुत ही उतेजित हो रहा था और अपनी मुठ मार रहा था। तभी उसने अपनी शर्ट का एक बटन और खोल दिया और अपने दोनों स्तन बाहर निकाल लिए। फिर वो अपने दोनों हाथों की उंगलियों से चूचुकों को पकड़ कर अच्छी तरह मसलने लगी। काफी देर तक वो अपने वक्ष को अच्छी तरह दबाती रही। थोड़ी देर बाद वह कुर्सी से उठी और बैड पर लेट गई। एक हाथ से उसने अपने स्तन दबाने शुरू कर दिए और दूसरा हाथ उसने अपने पजामे में डाल लिया और अपनी चूत को रगड़ने लगी।

अब उसको और भी मस्ती चढ़ने लगी थी और वह अपनी गांड को भी ऊपर नीचे करने लगी थी। मैं अभी सोच ही रहा था कि खड़ा हो कर उसको दिखा दूं कि मैं उसको देख रहा हूं तभी मेरा हाथ में ही छुट गया और मैं अपने लण्ड को कपड़े से साफ करने लगा। जब मैंने फिर देखा तब तक रोशनी खड़ी हो गई थी लेकिन उसके स्तन अभी भी बाहर ही थे और वो वैसे ही नीचे चली गई। लेकिन फिर भी मैं बहुत खुश था लेकिन फिर मेरे को लगा कि मैंने रोशनी को चोदने का मौका गंवा दिया। मुझे खड़ा हो जाना चाहिए था, ऐसा करना था वैसा करना था।

तभी मेरे दिमाग में एक विचार आया और मैं जल्दी से नीचे गया और रोशनी के घर फोन किया। पहले तो वह मेरी आवाज सुन कर थोड़ी हैरान हुई क्योंकि फोन पर हमारी ऐसे कभी बात नहीं हुई थी लेकिन वह बहुत खुश थी। मैं उससे सेक्स के बारे में कोई भी बात नहीं कर सका, इधर उधर की बातें करता रहा। उस दिन हमने २ घण्टे बातें की और फिर उसका भाई विशाल आ गया था। शाम को उसने मुझे फिर फोन किया और हमने १ घण्टा बातें की और फिर रोजाना हमारी फोन पर बातें होने लगी। घर पर भी अकसर आमने सामने हमारी बातें हो जाती थी। छत पर भी हम एक दूसरे को काफी काफी देर देखते रहते थे। लेकिन मुझे उसके भाई से बहुत डर लगता था, इसलिए जब वह घर पर होता था मैं रोशनी से दूर ही रहता था।

एक बार विशाल की वजह से हमारी पूरे दो दिन बात नहीं हुई और हम दोनों बहुत परेशान थे। हम छत पर भी नहीं मिल पाए। विशाल ने उसको हमारे घर भी नहीं आने दिया। मैं पूरा दिन बहुत परेशान रहा क्योंकि रोशनी मुझे सिर्फ एक बार दिखी थी और हमारी बात भी नहीं हुई थी। रात के ९ बज चुके थे। मैं बैठा रोशनी के बारे में सोच रहा था। तभी बाहर की घण्टी बजी। जब मैंने गेट खोला तो देखा बाहर रोशनी खड़ी थी।

उसने मुझसे सिर्फ यह कहा,”आज रात साढ़े बारह मैं फोन करूंगी ! सुरेश, मेरा मन नहीं लग रहा है !” और वापस चली गई।

मैं एक दम से हैरान रह गया। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। लेकिन मैं बहुत खुश था। पहली बार किसी से रात को बात करनी थी। गेट बन्द करके अन्दर गया और मम्मा से कहा पता नहीं कौन था? घण्टी बजा कर भाग गया।

११ बजे सभी सो गए, लेकिन मुझे नींद कैसे आ सकती थी। मैंने दूसरे फोन की तार निकाल दी थी और अपने कमरे वाले फोन की रिंग बिल्कुल धीमी कर दी थी, कमरे का दरवाजा भी बन्द कर लिया था। तकरीबन १२:३५ पर फोन आया। रोशनी बहुत ही धीमे स्वर में बोल रही थी। उसने बताया,”विशाल ने हम दोनों को बात करते हुए देख लिया था। इसलिए उसने मुझे तुमसे मिलने और फोन पर बात करने से मना किया है, वह कहता है कि तुम अच्छे लड़के नहीं हो ! लेकिन मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो। तुमसे बात करके बहुत अच्छा लगता है। मैं तुम से बात किए बगैर नहीं रह सकती। इसलिए सुरेश हम रात को बात किया करेंगे और इस समय हमें कोई डिसटर्ब भी नहीं करेगा ! खास कर विशाल !”

ऐसे ही हमारी बहुत देर बातें होती रहीं और अब रोशनी पूरी तरह मेरे जाल में फँस चुकी थी।

मैंने पूछा- तुम कमरे में अकेली ही हो न ? इतनी धीमे क्यों बोल रही हो?

उसने कहा- मेरे कमरे का दरवाजा खुला है और मम्मी पापा साथ वाले कमरे में हैं।

तो मैंने उसको दरवाजा बन्द करने को कहा।

उसने पूछा- क्यों ?

मैंने कहा- उसके बाद मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगा, बैड के ऊपर बिलकुल तुम्हारे साथ।

तो वह कहने लगी- नहीं ! मुझे तुमसे डर लगता है। तुम मेरे साथ कुछ कर दोगे।

तब मैंने उससे कहा- मैं कभी तुम्हारे साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा। जो तुम्हें अच्छा लगेगा हम वही करेंगे।

मैंने कहा- लेकिन रोशनी मैं तुम से लड़कियों के बारे में एक बात पूछना चाहता हूं। बताओगी?

उसने कहा “पूछो क्या पूछना चाहते हो।”

मैंने हिचकचाते हुए कहा मैं मासिक धर्म के बारे में सब कुछ जानना चाहता हूं।

पहले रोशनी चुप कर गई लेकिन थोड़ी देर बाद उसने मुझे सब कुछ बताया और उसके बाद हमारी सेक्स के बारे में बातें शुरू हो गई।

मैंने उसको कहा कि मैंने उसके बूब्स देखे हैं। तो उसने कहा आप झूठ बोल रहे हो।

तब मैंने छत वाली बात बता दी कि मैं सब कुछ देख रहा था। वह थोड़ा शरमा गई और कहने लगी कि आप बहुत खराब हो। उसने कहा कि ऐसा करने से उसको मजा आता है।

मैंने रोशनी को अपना हाथ पकड़ाने के लिए कहा।

उसने कहा- फ़ोन पर कैसे ?

मैंने कहा- बस समझ लो कि हम जैसे बोल रहे हैं, वैसे ही कर भी रहे हैं।

उसने कहा,”ठीक है ! पकड़ लो लेकिन आराम से पकड़ना !”

थोड़ी देर चुप रहने के बाद उसने कहा “तुम्हारे हाथ पकड़ने से सुरेश मेरे को कुछ हो रहा है, प्लीज अभी मेरा हाथ छोड़ दो !”

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि जब मैंने पहले उसका हाथ पकड़ा था तब उसकी टांगो के बीच में कुछ हो रहा था उसको बहुत मजा आ रहा था और उसकी चूत में से बहुत पानी निकल रहा था जिस की बजह से वह घबरा गई थी और इसीलिए उसने मुझे हाथ छोड़ने को कहा था।

तब उसने फिर से हाथ पकड़ने को कहा।

मैंने कहा- ठीक है पकड़ा दो।

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि उसकी पैंटी चूत के पानी से बिलकुल गीली हो गई है और उसके चूचुक भी बिलकुल तन गए हैं। तब मैंने उसको अपने कपड़े उतारने को कहा। उसने उठ कर दरवाजा बन्द कर लिया और सारे कपड़े उतार दिए। फिर उसने बूब्स दबाने शुरू कर दिए और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी। मेरा लण्ड भी बिल्कुल खड़ा हो चुका था।

रोशनी अपनी उंगली से चूत के ऊपर अपनी शिश्निका को दबाने लगी और फिर उसने उंगली चूत के अन्दर डाल ली।

उसके मुंह से आवाजें आ रही थी- आहहहहहहहहहहहहहहह आह आहहहह वह कह रही थी ” सुरेश प्लीज चोदो मेरे को। अपना लण्ड मेरी चूत में डालो। मेरे मुम्मों को चूसो। जोर जोर से चोदो मेरे को।”

उस रात हमने सुबह ५ बजे तक बात की। उसको बाद हम अकसर रात को बातें करते थे। लेकिन मैं उस दिन के इंतजार में था जिस दिन मैं उसको असली में चोदूं। आखिर वह दिन आ ही गया जब मेरा सपना सच हो गया।

रोशनी के एक रिश्तेदार अचानक बीमार हो गये उसके मम्मी और पापा को उन्हें देखने के लिये जाना पड़ा। किसी भी हालत में उनके तीन दिन तक लौटने की कोई उम्मीद नहीं थी। विशाल दिन भर दुकान पर था। रोशनी घर में अकेली थी। लेकिन मम्मा की वजह से मैं उससे बात नहीं कर पा रहा था। मैं अपने कमरे में चला गया।

मैंने एक सेक्स मैगजीन निकाला और देखने लगा। उसमें कुछ नग्न तस्वीरें थी। मैं उन्हें देख रहा था तभी अचानक पीछे से रोशनी आ गई। उसने पूछा- क्या देख रहे हो? और वह मेरे बेड पर बैठ गई।

मैंने पूछा- मम्मा से क्या कहा है?

उसने कहा- आन्टी ने मुझे यहां आते हुए नहीं देखा।

तभी मैं उठा और मम्मा से कहा- मैं सोने लगा हूं !

और मैंने दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया। फिर मैंने उसके सामने वह किताब रख दी वह उसे देखने लगी। फिर हम दोनों सेक्स के बारे में बातें करने लगे। मैं उठकर उसके पीछे खड़ा हो गया। मैंने उसके कन्धे पर अपना हाथ रखा और झुककर उसके कन्धों को चूम लिया। उसने कुछ भी प्रतिरोध नहीं किया यह मेरे लिये बहुत था।

मैं उसके सामने बैठ गया और उसके होठों को चूम लिया। मेरा हाथ तेजी से उसकी कमर में पहुँच गया और कसकर पकड़ कर उसे अपनी ओर खींच लिया। मेरे हाथ उसके वक्ष पर पहुँच गए और ऊपर से ही दबाने लगा।

उसके मुँह से प्रतिरोध के शब्द निकले- ओहहहहहहहहहहह नहीं ! बस करो सुरेश।

लेकिन उसके हाथो ने उतना एतराज नहीं जताया। उसने एक ढीली ढाली टी-शर्ट और साइकलिंग-शॉर्ट पहन रखा था। मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके उभारों को दबाने लगा। मेरी जीभ उसके मुँह में घूम रही थी। अब उसकी तरफ से भी सहयोग मिलने लगा था। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी। उसने पहले ना नुकुर की लेकिन मेरे हाथ का जादू उसके दिलो दिमाग पर छा रहा था। उसका प्रतिरोध नाममात्र का था। मैं उसके स्तनों को उसकी ब्रा के ऊपर से ही मुँह में लेने लगा।

मेरा दूसरा हाथ उसकी जांघों के बीच के भाग को उसके कपडों के ऊपर से ही सहलाने लगा। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसका भरपूर यौवन मेरे सामने था, जिनको मैंने बिना एक पल की देरी किये अपने मुँह में ले लिया। वह अपने वश में नहीं थी उसने मुझे कसकर पकड़ लिया।

मैंने उसके बाकी बचे कपड़ों को उतार फेंका और उसे बेड पर लिटाया। मैंने अभी तक अपने कपड़े नहीं उतारे थे, मैंने अपने कपड़े उतार दिये। मैं अब सिर्फ अन्डरवियर में था और उसके ऊपर वापस झुक गया, उसके निप्पल को मुँह में ले कर चूसने लगा। मेरे हाथ उसकी जांघों के बीच की गहराइयों तक पहुँच गये और उसके जननांग को सहलाने लगे। उसने अपना हाथ मेरी अन्डरवियर में डालकर मेरे हथियार को बाहर निकाल लिया।

मैं नीचे गया और अपने होंठ उसके जननांगों पर रख दिये। उसके मुँह से एक सीत्कार निकल पड़ी। उसने मुझे अपने पैरो में फँसा लिया। मेरी जीभ उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रही थी। उसने पानी छोड़ दिया, मेरी जीभ को नमकीन स्वाद आने लगा। उसने मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालने के लिये मुझे ऊपर की ओर खींच लिया और बोलने लगी- प्लीज इसे अन्दर डालो अब बरदाश्त नहीं होता।

मैंने एक पल की भी देरी नहीं की। उसकी टांगों को फैलाया और अपने लण्ड को उसके चूत के ऊपर रखा, एक धीमा सा धक्का दिया, वह पहले झटके को आसानी से सहन नहीं कर पाई और दर्द से कराह उठी और चिल्लाने लगी- ़़़़ ज़ल्दी निकालो मैं मर जाऊँगी।

मैंने उसको कस कर पकड़ा और उसके निप्पल को मुँह में लेकर अपनी जीभ से चाटने और दांतों से काटने लगा। थोड़ी देर में ही वह अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगी। मेरा लण्ड जो कि अभी तक चूत के अन्दर ही था और बड़ा होने लगा था। मेरे लिये अब यह पल बरदाश्त के बाहर था। मैंने भी आगे पीछे जोरों से धक्के लगाने लगा। मेरी स्पीड लगातार बढ़ती रही, उधर उसके मुँह से उत्तेजित स्वर और तेज होते रहे और थोड़ी देर में हम दोनों अपनी चरम सीमा पर पहुँच गये। फिर वासना का एक जबरदस्त ज्वार आया और हम दोनों एक साथ बह गये।

मैं उसके ऊपर ही लेटा रह गया। उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था। थोड़ी देर में मैं मुक्त था। रोशनी छुप कर अपने घर चली गई। बाद दोपहर जब विशाल खाना खा कर वापस दुकान पर चला गया तो मैं मम्मा से यह कह कर कि मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूं, रोशनी के घर चला गया। फिर हमने शाम तक एक दूसरे के साथ सेक्स किया, इक्कठे नहाए और रोशनी ने मेरे लण्ड को अपने मुंह में डाल कर खूब चूसा, उसको लण्ड को चूसने में बहुत ही मजा आ रहा था। शाम को जब मैं जाने लगा तो उसने कहा कि आज रात को वह मेरे साथ सोना चाहती है।

मैंने कहा- यह कैसे हो सकता है।

उसने कहा कि आज रात को वह नीचे अकेली होगी और उसने कहा कि ११ बजे बाहर आ जाना वह गेट खोल देगी।

रात को मैं ११ बजे मैं छोटे गेट से उसको बाहर से ताला लगाकर रोशनी के घर के बाहर गया तब उसने गेट खोल दिया और मैं अन्दर चला गया। रोशनी गेट बन्द करके अन्दर आ गई।

मैंने पूछा- विशाल सो गया क्या ?

उसने कहा कि विशाल तो एक घंटे से सोया हुआ है।

तब मैंने पूछा कि वह क्या कर रही थी। उसने कहा,” आपसे अच्छी तरह चुदने की तैयारी कर रही थी।”

वह मेरे को अपने मम्मी पापा के बैडरूम में ले गई और आप बाथरूम में चली गई। थोड़ी देर बाद जब वह बाहर आई उसने छोटी सी नाईटी जो कि बिलकुल पारदरशी थी पहनी हुई थी। उसने नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था। उसके मुम्मे और चूत दिख रहे थे। उसने कहा- यह नाईटी मम्मा की है और आज वह मम्मा की तरह ही चुदना चाहती है।

मैंने पूछा- मम्मा की तरह का क्या मतलब है?

उसने कहा कि एक रात वह बाथरूम जाने के लिए उठी तो उसने देखा कि मम्मी पापा के कमरे की लाईट जल रही थी। उसने खिड़की में से देखा तो मम्मा ने यह ही पहनी हुई थी। उसके बाद उसने २ घण्टे मम्मा को पापा से चुदते देखा।

थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि रोशनी ने सारे बाल साफ कर हुए थे। उसके बाद हम फिर से एक दूसरे के लिए बिल्कुल तैयार थे। उस रात सुबह ५ बजे तक बिल्कुल नंगे एक दूसरे की बाहों में रहे और इस बीच मैंने उसको तीन बार चोदा। उसने मेरे लण्ड को बहुत चूसा।

अगले दो दिन भी हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में मजे करते रहे। अब हमें जब भी मौका मिलता है हम इसका आनन्द उठाते हैं। Sex Stories

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मेरा नाम विक्की है। मैं राजकोट Sex Stories का रहने वाला हूँ लेकिन अभी मैं अहमदाबाद में कुछ दिनों से रह रहा हूँ। अन्तर्वासना कहानियाँ पढ़ कर मैंने भी अपनी एक रियल सेक्स स्टोरी आप लोगों के साथ बाँटना चाही।

तो बात उन दिनों की है जब मुझे सेक्स के बारे में कुछ मालूम नहीं था। मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड थी पर मैं एक सीधा लड़का था। मेरे दोस्तों ने मुझे कई बार कहा कि तू भी कोई लड़की क्यों नहीं पटा लेता, पर हम तो पहले से ही बहुत शर्मीले थे।

एक दिन मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड को मिलने मैं उसके साथ गया। वहाँ पर उसकी भी एक सहेली आई हुई थी। वो उम्र में मुझसे बड़ी थी पर बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही थी। मैं मन ही मन उसे हवस भरी नजरों से देखने लगा। कभी उसके टॉप में उभरे स्तनों को तो कभी उसकी टाइट जींस से उसकी चूत का आकार! उसके जिस्म का एक एक अंग बहुत ही उभार वाला था। कसम से कोई भी लड़का उसे देखने बाद एक बार तो उसके नाम के मुठ मार ही लेगा।
उसकी नज़र भी मेरी तरफ थी, वो जान गई थी कि मैं उसके सारे अंगों को बहुत ही हवस से देख रहा हूँ पर वो कुछ बोली नहीं।

थोड़ी देर में हम लोग चले आए। मैंने घर जाकर उसके जिस्म का विचार करते हुए मुठ भी मार ली।

दूसरे दिन मैंने अपने दोस्त को उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली को मेरे साथ मिलवाने के लिए कहा। पर मुझे मालूम नहीं था कि वो तो मुझसे भी ज्यादा चुदक्कड़ निकलेगी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने मुझे उससे शाम को ही मिलवा दिया।

हमने थोड़ी बातें की और दूसरे दिन ही अकेले मिलने की योजना बनाई।

ऐसे ही हमारा रूटीन हो गया, हम रोज़ मिलते रहे पर मैं इतना शर्मीला था कि मैं उससे कुछ कह ही नहीं पाता था, सिर्फ उसके शरीर के सभी उभारों को देखता ही रहता था। उसको सब मालूम था पर मुझे कहती नहीं थी, वो मेरे मुँह से बुलवाना चाहती थी पर मैं एक महीने तक कुछ बोल ही नहीं पाया।

एक दिन अचानक उसका फ़ोन आया और मुझे उसने बाहर खाने हो कहा। मैं भी जल्दी से गया, हम दोनों खाना खाने गए, मुझे नहीं मालूम था कि उसकी हवस आज मुझे कुछ और कहना चाहती थी।

खाने के बाद उसने मुझे अपने घर साथ चलने को कहा। मैंने उसको पहले मना किया पर बाद में मान गया। हम लोग चलते चलते बातें करते हुए घर की ओर जा रहे थे, रास्ते में वो मेरे बहुत करीब चलने लगी, उसके हाथ कभी मेरी जांघ पर तो कभी मेरे लंड पर लग रहे थे। तो मैं भी थोड़ा उसके करीब चलने लगा डरते हुए।

एक बार कुछ गिरते हुए सीधे मुझ पर गिर ही पड़ी, मैंने झट से उसे संभाल तो लिया पर उसके मोटे मोटे स्तन मेरे हाथ से टकरा गए। मैंने मेरी इतनी उम्र में पहली बार किसी के वक्ष छुए थे। मैं पसीना-पसीना हो गया, दिल की धड़कन तेज हो गई। मेरे मुँह से आवाज निकलना बंद हो गई पर वो तो मुझे बार बार अपने शरीर से लगा रही थी। मैंने उस दिन जींस पहनी थी फिर भी मेरा लंड जींस में से खड़ा दिख रहा था, उसकी नज़र बार बार उस पर पड़ती थी और मैं शर्म से नीचे देखने लगता था।

इतने में उसका घर आ गया। मैं सोफे पर बैठा था, वो अन्दर गई और मुझे पानी पिलाया, फिर अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर बाद वो एक सिल्क का गाऊन पहन कर आई और मेरे पास बैठ गई। मैंने अपनी नज़र एक बार उसके शरीर को देख कर दूसरी तरफ घुमा ली। उसने हलके से अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया। मैं कुछ बोल ही नहीं पा रहा था, तभी वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरे गालों पर फिराने लगी।

मेरा लंड बहुत टाइट हो गया था, वो मेरे होठों के साथ अपने होंठ मिलाकर मुझे चूमने लगी। मेरे शरीर का एक एक रोंगटा खड़ा हो गया। मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था। वो धीरे से अपना मुँह मेरे शर्ट के बटन खोल कर अन्दर लगाने लगी, पूरे जिस्म में आग फ़ैल गई, मेरे हाथ काम्पने लगे। फिर मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके गाऊन के ऊपर ही उसके कमर पर फेरना चालू किया। वो तो मुझसे पहले की गरम ही थी, धीरे से अपना हाथ मैंने उसके वक्ष पर रखा तो जैसे मेरी जन्मों की प्यास भड़क उठी हो, वैसा मुझे आनंद मिला।

अब तो मुझसे भी रहा नहीं गया और उसके गाऊन को धीरे से निकाला और फेंक दिया। उसने मेरा शर्ट उतार दिया और मुझ पर चढ़ गई। गाऊन उतरने के बाद मैंने उसके जिस्म को देखा तो मानो उसको सिर्फ चोदने के लिए ही बनाया होगा। उसने लाल ब्रा और पैंटी पहनी थी, उसके स्तन ब्रा में से भी बाहर निकल रहे थे। धीरे से उसकी कमर पर हाथ घुमा कर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी। वो मेरे लंड पर हाथ रख के धीरे धीरे उसको सहलाने लगी। मुझे लगा कि अभी ही मेरा वीर्य निकल जायेगा।

फिर उसने मेरी जिप खोल कर अन्दर हाथ डाला, लण्ड को छूते ही मानो एक मूर्ति में जान आ गई हो एसे लंड और खड़ा हो गया। उसने अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को बाहर निकाला और नीचे हो कर उसको चूमा।

उसने कहा- मुझ में कब से इसे पाने की आग थी, तुमने मुझे बहुत तड़पाया है पर आज मैंने भी ठान लिया कि इसका मज़ा लेकर ही रहूंगी।

फिर वो एक हाथ मेरे सीने पर फिराने लगी और दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले कर ऊपर-नीचे होने लगी। मैंने उसकी पैंटी उतार कर एक हाथ उसकी गुलाबी चूत पर रख दिया, उसकी चूत पहले से ही पानी छोड़ने लगी थी, वो बहुत ही उतावली हो रही थी चुदवाने के लिए।

मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बिठाया और लंड सीधा खड़ा कर दिया क्योंकि मुझे मालूम नहीं था कि कैसे करते हैं, उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत में डलवाने लगी। लंड का मुंड अन्दर जाते ही वो चीख उठी- हाय राम! इतना मोटा लौड़ा!

थोड़ी देर रुक कर वो धीरे से लंड पर नीचे बैठती रही, धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। दर्द के मारे उसकी आँखों से आंसू निकल आए पर वो कुछ बोली नहीं। फिर उसने ऊपर उठ कर दो-तीन बार झटका लगाया, अब मेरा लंड पूरी तरह अन्दर जा रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर में उसके मुँह से ये आवाज़ें निकलने लगी- आऽऽ… आआऽऽऽ आऽअ…आ आय… अआ..ऊ… उऔऊ उ. .उ .मर गई…

आज मेरी भी जन्मों की प्यास बुझ रही थी, मैं भी अऽऽ आय… आआऽऽ आआअ ऊऊऊऊउ… कर रहा था और कह रहा था- साली अब तुझे नहीं जाने दूंगा, तू कितने दिनों से मेरे लंड को भड़का रही थी… साली आज में तेरी माँ-बहन एक कर दूंगा…

वो अभी भी चीख रही थी- माय… उ.उ.उ.उ.. ऊऊऊ… दर्द हो रहा है!

थोड़ी देर बाद वो उतर के कुतिया की तरह हो गई और मुझे पीछे से डालने को कहा। मैंने धीरे से लंड को चूत पे रख कर जोर दिया, मेरा लंड पूरा उसकी चूत में चला गया। फिर मैं भी आगे-पीछे हो कर लंड को अन्दर-बाहर करता रहा। हम दोनों ही जन्नत में पहुँच चुके थे, वो अपनी गांड हिला कर मानो मुझे चोद रही हो, ऐसे हिल रही थी।

थोड़ी देर में मैंने और ज्यादा गति पकड़ ली। शायद लंड पूरा उसके चूत के अन्दर से टकरा रहा हो, उसने मुझे रोक देना चाहा पर मैं रुका नहीं क्योंकि अब उसकी चरमसीमा आ रही थी। उसने झटके से पूरा पानी छोड़ दिया और मैंने भी उसकी चूत अपनी पहली चुदाई के पानी से भर दी।

उसने और मैंने एक अलग ही अनुभव किया। थोड़ी देर मैं उससे चिपक कर वैसे ही लेटा रहा!
फिर उस दिन के बाद मैंने कई बार उसको चोदा।
मानो या न मानो, जो पहले सेक्स का अनुभव होता है वो एक अलग ही होता है!

तो कैसी लगी मेरी यह घटना?
इस रियल से स्टोरी को पढ़ कर आप मुझे अपना विचार भेज सकते हैं। Sex Stories

हेल्लो दोस्तो! Sex Stories

मैं आज आप सबको यह सच्ची कहानी बता Sex Stories रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी साली को चोदा।
यह उन दिनों की बात है जब मेरा रिश्ता पक्का हुआ था। मेरी बीवी की 3 बहने हैं। एक बड़ी ओर दो छोटी।

सगाई के बाद मैं एक बार किसी काम से अपनी बड़ी साली के घर पर गया तो पता चला कि उसका पति टूर पर बाहर गया हुआ है और 3 दिन में वापिस आएगा।

मैं वहाँ रात को पहुँचा था। मेरी साली मुझे देख केर बहुत खुश हुई। उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक आ गई थी। खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे। मेरी बड़ी साली का नाम रीना है।

बातें करते करते मैंने कहा- मुझे नींद आ रही है तो उसने मुझे अपने साथ वाले कमरे में सोने को कहा। थोडी देर के बाद रीना मेरे पास आ कर बैठ गई।
मैंने शरारत में कहा- साली जी! क्या ख्याल है! आप के इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे।

तो वह बोली- यह जीजा साली का रिश्ता होता ही है ऐसा कि इसमें शरारत तो होती ही है। उसने नाईट गाऊन पहन हुआ था। मैंने धीरे से अपना पैर उसके पैर से छू दिया तो वोह मुस्कराने लगी।
मैं समझ गया कि मामला साफ़ है। मैंने उसे कहा- रीना पास आ जाओ और वोह मेरे पास आ कर लेट गई।
मैंने उसे कहा- तू कितनी सेक्सी है!
तो वह बोली- शर्म नहीं आती! साली पर लाइन मार रहे हो?
तो मैं बोला- अब तो साली की चूत मारूंगा!

यह सुन कर वोह मेरे से लिपट गई। मैंने उसका गाऊन उतार दिया, अब वोह बिल्कुल नंगी थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उस से लिपट गया और उस पर टूट पड़ा। मैंने उसके नंगे बदन को चूमना और काटना शुरू कर दिया।
वोह भी गर्म हो गई और कहने लगी- जीजू अपनी साली को चोद दो। जब से तुम्हें देखा है, तुमसे चुदने के लिए तरस रही हूँ!
मैंने अपना लण्ड उसके मुहँ में डाल दिया और वोह उसे प्यार से चूसने लगी।
फिर वोह बोली- मुझे अपने ऊपर आने दो।

वह मेरे ऊपर आ गई और मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल कर आगे पीछे होने लगी और मेरे मुहँ में अपना निप्पल डाल दिया।
मैं उसके निप्पल को चूसने लगा और वोह झड़ गई।
फ़िर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे काफी देर तक चोदा।
उसके बाद 3 दिन तक उसे रोज 3-3 बार चोदा। मैंने उससे बाकी सालियों को चोदने के बारे में भी पूछ लिया जो मैं आप को बाद में बताऊँगा।
मैंने अपनी शादी वाले दिन अपनी छोटी साली को कैसे चोदा। Sex Stories

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