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Massage Girl in Gopalganj: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Gopalganj who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Gopalganj that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Gopalganj massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Gopalganj who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Gopalganj massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Gopalganj massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Gopalganj who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Gopalganj employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Gopalganj helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Gopalganj

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Gopalganj at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

आप ने पढ़ा

मैं डरा हुआ था.. मैं सोबिया की तरफ देख रहा था ऑर मुझे नही पता था कि अंबर खाला मेरी तरफ देख रही है.. मैने सोबिया की तरफ देखते हुए अपनी पॉकेट के उपर हाथ रखा ऑर उसका ब्रा पॉकेट के अंदर फील कर ने लगा..
मेरी ये हरकत अंबर खाला ने नोट कर ली..

अभी वो कुछ बात करने ही लगी थी कि सोबिया का मोबाइल फोन पर रिंग आ गई… सोबिया ने मोबाइल देखा तो उसके घर से कॉल आ रही थी..

सोबिया ने कॉल रिसीव की ऑर: हेलो

अब आगे…

सोबिया को घर से न्यूज़ मिली कि उसके रिलेटिव्स मे किसी की डेथ हो गई है ऑर सब को वहाँ जाना है..
सोबिया परेशान हो गई.. ऑर अपने घर वालो को कहा कि """"ठीक है, मैं आ रही हूँ""""..

ये कह कर कॉल बंद कर दी.. सोबिया ने अंबार खाला की तरफ देखा तो अंबर खाला ने कहा कि कोई बात नही तू चली जा..

कुछ देर बाद मेन डोर पर दस्तक हुई मैने डोर ओपन किया तो सोबिया का भाई आया था उसको लेने के लिए..

सोबिया अपने भाई के साथ चली गई.. ऑर उसकी ब्रा मेरी पॉकेट मे ही रह गई.. मेरी पॉकेट उभरी हुई थी उसकी ब्रा की वजह से..

मैं डोर लॉक कर के आया तो खाला ने मुझे कहा: अयान, जब तुम रूम मे आए थे तो सोबिया का शोप्पर कहाँ पड़ा हुआ था.

मैं: यहाँ ही बेड पर पड़ा हुआ था….. क्यू???

अंबार खाला: हाँ वो, उसकी ब्रा नही मिल रही थी..

मैं: खाला ये ब्रा क्या होती है..

खाला मुस्कुरा पड़ी ऑर बोली: बताती हूँ

मैं रूम के डोर के पास खड़ा था… खाला मेरी तरफ आने लगी… मैं समझा कि खाला रूम से बाहर जा रही हैं..

खाला डोर की तरफ गई ऑर एक दम से वो हरकत की जिसकी मुझे ख्वाब ओ ख़याल मे भी तवक़्क़ो नही थी..

खाला ने एक दम से मेरी पॉकेट मे हाथ डाला ऑर सोबिया की ब्रा निकाल कर मुझे दिखाई ऑर बोली:

"""""ये होती है ब्रा""""""

खाला ने अचानक ही ये काम कर दिया था. जिसकी वजह से मैं एक दम डर गया. ऑर पीछे हो गया.

खाला ने मुझे गुस्से से कहा: तुम,,,, तुम ने ये ब्रा चोरी की थी सोबिया के शोप्पर से.

मैं खामोश रहा क्यू कि मेरी तो फट गई थी.

खाला: तुम इतने बड़े होगये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स की ब्रा वग़ैरह की ज़रूरत भी पड़ने लगी.
ये तुम्हारी पॉकेट मे क्या कर रही थी
तुम इतने बड़े हो गये हो कि अब तुम्हे गर्ल्स के जिस्म की तलब होने लग गई है.

मैं: वो,, खाला आइ आम सॉरी.

खाला: क्या… सॉरी…??? क्या तुम समझते हो कि तुम्हारी ये हरकत सॉरी से ख़तम हो सकती है.
मैं तुम पर कितना ऐतबार करती थी ऑर तुम ने ऐसा किया. तुम ने मेरा ऐतबार ज़ाया कर दिया..

मैं खामोश रहा तो खाला एक बार फिर गुस्से से बोली….. बोलो, जवाब दो. खामोश क्यू हो.. हाआंणन्न्

मैं: खाला प्लेज मुझे माफ़ कर दो. मैं आइन्दा ऐसा नही करूँगा.

खाला ने ब्रा हाथ मे पकड़ी हुई थी. उनको ब्रा मे कुछ नमी नमी सी लगी.. उन्हो ने ब्रा को खोल कर देखा तो वो थोड़ी सी गीली हो रही थी.. गीली तो ब्रा ने होना ही था.. क्यू कि उस पर मेरे लंड का पानी जो गिर चुका था…

खाला: ये गीली केसे हो रही है….????

मैं: वो,,, वो मेरे हाथ से गिर गई थी… वॉशरूम मे..

खाला ने ब्रा को स्मेल कर के देखा ऑर हैरान हो गई..

खाला ने फिर मुझे गुस्से से बोला: अयान तुम,,,,, तुम ऐसी हरकत केसे कर सकते हो..

मैं: खाला मुझे माफ़ कर दो.

खाला: ये गीली केसे हो रही है.. क्या किया है तुम ने????

मैं: वो खाला मुझसे वॉशरूम मे गिर गई थी..

खाला: मेरे क़रीब आ कर गुस्से से…. तुम मुझसे एक ऑर झूट बोल रहे हो… ये वॉशरूम मे गिरी नही है.. इस पर तुम्हारे लंड का पानी निकला हुआ है..

तुम ने इस ब्रा पर मूठ मारी है..,,,

मैं दिल ही दिल मे हैरान हुआ कि खाला को लंड के पानी का पता है… मगर मैं कुछ ना बोला. क्यू कि उस टाइम खाला बहुत गुस्से मे थी.. मैं कुछ नही बोला.. बस खामोश रहा..

खाला मेरे क़रीब आई ऑर मेरा फेस उपर कर के मुझसे बोली: अयान तुम्हे ऐसी क्या ज़रूरत पड़ गई कि तुम ने ऐसी हरकत की…

मैं खामोश रहा… ऑर खाला गुस्से मे बाहर चली गई.. मैं वहाँ ही रूम मे ही खड़ा हुआ था अपनी जगह पर.. मैं बहुत शर्मिंदा था.. क्यू कि खाला ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया था…..

मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी कि जा कर खाला से बात करूँ……. मैं जा कर रूम मे बैठ गया…

कुछ देर बाद मैने फ़ैसला कर लिया कि मैं जा कर खाला से बात करूँ ऑर उन से सॉरी बोलूं..

मैं रूम से बाहर निकला तो देखा कि खाला किचन मे थी…. मैं किचन मे गया.. मेरे क़दमो की आहट से खाला ने एक नज़र मूड कर मेरी तरफ देखा ऑर फिर से अपने काम मे लग गई….. मैं जा कर खाला के पास खड़ा हो गया.. मगर खाला ने मुझ पर नज़र नही डाली ऑर मैं भी सिर झुकाए खड़ा रहा..

मैने हिम्मत कर के खाला का एक हाथ पकड़ लिया मगर मुँह से कुछ ना बोला.. खाला ने मेरी तरफ देखे बिना ही मेरे हाथ को झटक दिया ऑर मेरा हाथ पीछे कर दिया.. अभी तक हम दोनो के दरमियाँ कुछ बात चीत नही हुई थी……

खाला ने जब मेरा हाथ झटक दिया तो मेरी आँखो मे आँसू आ गये.. क्यू कि मैं भी खाला से बहुत प्यार करता था…… मैं बचपन से उसी के पास रहा था ऑर मुझे अहसास था कि मेरी इस हरकत से वो हर्ट हुई होगी..

मैने एक बार फिर से खाला का हाथ पकड़ा ऑर खाला ने फिर मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ा लिया… मैं एक दम नीचे बैठ कर खाला के पाँव पकड़ लिए..

मैं: खाला प्लीज़ मुझे मारो. बहुत पिटाई करो मेरी…. मगर मुझसे नाराज़ ना हो.. मगर खाला ने मुझे उठा कर पीछे कर दिया.. वो सच मे मुझसे नाराज़ हो रही थी…. क्यू कि अगर वो भी मुझसे सेक्स करना चाहती थी. मगर वो भी बर्दाश्त नही कर सकती थी कि मैं किसी ऑर लड़की की तरफ जाऊ…

मुझे रोना आ गया.. ऑर मैं रो पड़ा… खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे नरम लहजे मे कहा कि अयान यहाँ पर गर्मी है.. तुम रूम मे जा कर लेटो.. मैं आती हूँ. वहाँ ही बात करेंगे…. लेकिन खाला के लहजे से सॉफ पता लग रहा था कि वो गुस्से मे है ऑर मुझसे नाराज़ है…..

मेरी आँखो मे अभी भी आँसू थे… मैं खामोश सा किचन से बाहर निकलने लगा.. खाला मूड कर मेरी तरफ ही देख रही थी…

मैं रूम की तरफ जाने की बजाए मैं डोर की तरफ जाने लगा…

खाला ने मुझे पीछे से आवाज़ दी ऑर बोली: आयाआअन्न्न्न्न,, कहाँ जा रहे हो.. मगर मैने पीछे मूड कर नही देखा ऑर ना ही खाला की बात का कोई जवाब दिया..

मैं मेन डोर तक पहुँचने ही वाला था कि खाला मेरे पीछे पीछे भागती हुई आई ओर मुझे पकड़ लिया… ऑर पूछा:

खाला: बाहर कहाँ जा रहे हो??

मैं: खामोश रहा.. ऑर मेरी आँखों मे आँसू थे..

मेरी आँखों मे आँसू देख कर खाला ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे ज़बरदस्ती रूम मे ला कर बिठा दिया.. ऑर मेरे साथ ही बेड पर बैठ गई… ऑर मुझे देखने लगी.. मगर मैने अपना सिर झुकाया हुआ था….

खाला: गुस्से से.. ये क्या बात हुई कि ग़लती भी तुम ने ही की है.. ऑर ये बताओ कि तुम घर से बाहर कहाँ जा रहे थे..

मैं: मैं अपने घर जा रहा था..

खाला: क्यू जा रहे थे तुम अपने घर हाआआआआअन्न्णेणन्….

तुम ने ग़लती की है. अब मैं तुमसे नाराज़ भी नही हो सकती क्या???

मैं : रोते हुए.. खाला आप बेशक मेरी पिटाई कर लो.. मुझे थप्पड़ मारो.. मगर मुझसे नाराज़ ना हो प्लीज़.. मैं आपकी नाराज़गी बर्दाश्त नही कर सकता…………प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़….

मैने खाला के सामने हाथ जोड़ दिए.. खाला की आँखों मे भी आँसू आ गये.. ऑर उन्हो ने मुझे एक दम से अपने सीने से लगा लिया….

खाला: अयान तुम्हे पता है ना कि मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ..

मैं: खाला के सीने से लगा हुआ था मगर खामोश था…

खाला: मैं नही चाहती कि तुम किसी ऑर लड़की के पास जाओ..

जब खाला ने ये बात की तो मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा.. उनकी आँखों मे भी आँसू थे…

मैं: खाला मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ… आप मुझसे नाराज़ नही हो ना…

मैने खाला के आँसू सॉफ किए.. क्यू कि ये तो सच था कि मैं उसकी आँखों मे आँसू नही देख सकता था…

मैने जब खाला के आँसू सॉफ किए तो खाला ने मेरे गाल पर किस की.. ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की… ऑर बोली:

अच्छा अब नाराज़गी ख़तम हो गई है. अब ये बात डीस्कस्स नही होगी… ऐसे बिहेव करना है कि जेसे कुछ हुआ ही नही..

मैने खुशी से खाला के गाल पर किस कर दी… खाला भी मुस्कुराने लगी.. ऑर कहा कि तुम ने बदला पूरा नही किया..

मैं: कॉन सा बदला

खाला: मैने तुम्हे 2 किस की थी ऑर तुम ने मुझे सिर्फ़ 1 ही किस की…..

मैने कहा कि चलो मैं बदला पूरा कर देता हूँ..

मैं आगे हुआ ऑर खाला के एक गाल पर किस की ऑर फिर दूसरे गाल पर किस की…

उसके बाद मैने वैसे ही खाला के माथे पर भी किस की…

मैने प्यार भरे अंदाज़ मे खाला के माथे पर किस की तो खाला बहुत खुश हो गई…..

फिर वो मेरे बालों मे फिंगर्स मूव कर के मुझे बोली::: अच्छा थोड़ा सा काम रह गया है.. मैं काम ख़तम कर के आती हूँ….

खाला रूम से बाहर जाने लगी तो मैं भी उनके पीछे पीछे आया ऑर खाला का हाथ पकड़ लिया ऑर उनके साथ ही किचन मे आ गया..
किचन मे आ कर खाला आटा गूंधने की तैयारी करने लगी… किचन मे ऐसी जगह भी थी कि खाला खड़े हो कर आटा गूँथ सकती थी.. मगर खाला ने मुनासिब समझा के फ्लोर पर बैठ कर आटा गूँथने लगी..

उस वक़्त खाला ने दुपट्टा नही लिया हुआ था… खाला जब बैठी थी तो उस टाइम मैं खाला के साथ ही खड़ा हुआ था…

खाला के बैठ ने की वजह से मुझे उसके मम्मे नज़र आने लगे थे… खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा: तुम भी बैठ जाओ..

मीयन: नही मैं ऐसे ही ठीक हूँ..

खाला मुस्कुराने लगी… ऑर आटा गूँथने लगी….

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खाला आटा गूँथ रही थी ऑर मैं उसके मम्मे देख रहा था.. उनके हाथ जब जब हिलते तो उनके मम्मो को भी हल्का हल्का झटका लगता..

मुझे उस टाइम खाला के मम्मे बहुत अच्छे लग रहे थे…… आटा गूँथते हुए खाला के बाल उनके फेस पर आने लगे

खाला अपने हाथ की बॅक साइड से बाल पीछे कर देती.. क्योंकि उनके हाथ पर आटा लगा हुआ था…

2,, 3 बार उनके बाल उनके फेस पर आए जिन्हे खाला ने पीछे कर दिया…

ऐसे ही बाल पीछे करते हुए खाला के हाथ पर लगा हुआ आटा उनके माथे (फोर्हेड) पर लग गया… ऑर कुछ आटा एक दम से उनके मम्मों पर गिर गया… ऑर उस मे थोड़ा सा आटा उनके मम्मो की दरमियानी लकीर (क्लीवेज) मे चला गया…

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर बोला कि: अयान,,,, मेरे हाथों मे आटा लगा हुआ है… प्लीज़ ज़रा इधर आओ ऑर ये माथे पर से आटा सॉफ कर दो…

मैं आगे बढ़ा ऑर खाला के माथे पर से आटा सॉफ कर दिया… खाला ने अपने मम्मो की तरफ देखते हुए कहा…

प्लीज़ ज़रा ये भी सॉफ कर दो..

मैने खाला की आँखे मे देखा तो खाला बोली: अरे जल्दी से साफ करो ना ता कि मैं जल्दी फ्री हो जाऊ….

मैं आगे बढ़ा ऑर खाला के मम्मों के ऊपर से आटा सॉफ किया.. मेरा हाथ जब खाला के मम्मों पर टच हुआ तो मेरे लंड मे हरकत हुई….

जिसे शायद खाला ने महसूस कर लिया..

जब मैने खाला के मम्मो के उपर से आटा सॉफ कर लिया तो खाला थोड़ा सा हिलने लगी….

मैं: क्या हुआ…???

खाला: अरे यार एक तो क्या करूँ इस का???

मैं: हुआ क्या.. ये तो बताएँ…

खाला: यार ये थोड़ा सा आटा मेरी कमीज़ के अंदर चला गया है.. अयान प्लीज़ हेल्प मी.. ज़रा बाहर तो निकाल दो ये आटा..

मैं: एम्म्म,,, मैं,,,, मैं कैसे निकालूं…

खाला: अरे यार तुम देख तो रहे हो कि मेरे हाथ आटे के हो रहे हैं… हेल्प करो…

मैं: मगर…………..

खाला: अगर मगर क्या कर रहे हो.. मैं तुम्हारी खाला भी हूँ ऑर दोस्त भी

मैं झिझकते हुए खाला के ऑर भी क़रीब हो गया.. ऑर उनकी क्लीवेज मे उंगली मारी.. मगर आटा तो शायद थोड़ा नीचे हो गया था..

मैने जैसे ही खाला की क्लीवेज मे उंगली मारी तो खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई..ऑर इधर मेरा लंड खड़ा हो गया…

पोज़िशन कुछ यूँ थी कि खाला नीचे फ्लोर पर बैठी हुई थी ऑर मैं उनके उपर झुक कर खड़ा हुआ था.. ऑर मेरा हाथ उनकी क्लीवेज मे था… ऑर मेरा लंड खाला के फेस के क़रीब था ऑर उस मे हल्की हल्की हरकत हो रही थी.. जिसे खाला बखूबी देख रही थी..

मैं उंगली से आटा निकालने की कोशिश कर रहा था तो खाला ने कहा के:::: यार शरमाओ नही.. जल्दी से हाथ डाल कर आटा सॉफ कर दो…

देखो पहले ही इतनी गर्मी है.. मैं तंग हो रही हूँ आटे से…

मैने खाला के क्लीवेज मे हाथ डाला…. उनके मम्मे इतने नरम नरम थे जैसे कि रूई… मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. ऑर शायद खाला भी एंजाय कर रही थी.. क्योंकि उनके फेस पर स्माइल थी…

आटा तो थोड़ा सा था.. मगर वो खाला के हरकत की वजह से उनके मम्मो पर लग चुका था… अब मैने खाला के एक मम्मे की साइड को हाथ मे लिया ऑर सॉफ करने लगा था..

खाला ने ब्रस्सिएर नही पहना था… मैं पहली बार किसी लड़की के मम्मो को हाथ लगा रहा था.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. ऑर मेरा लंड अब पूरी तरफ तैयार हो चुका था..

मैं खाला के मम्मो को रगड़ रहा था… आटा तो बहाना था.. मैं अब खाला के मम्मो से खेल रहा था..

खाला: अरे मेरे ख़याल मे दूसरी तरफ लगा हुआ है आटा तो मैं खाला के राइट माममे पर अपने हाथ मूव करने लगा.. इस तरह मेरा हाथ खाला के निपल पर भी लगा तो खाला को एक दम से झटका लगा ऑर उनकी साँसे तेज होने लगी….

मैं खाला के मम्मो से अच्छी तरफ खेलने लगा.. जब मुझे लगा कि अब बर्दाश्त नही होगा तो मैने अपना हाथ बाहर निकाल लिया..
जैसे ही मैने हाथ बाहर निकाला तो खाला ने कहा कि शायद आटा सीने पर से होता हुआ पेट (टमी) तक पहुँच गया है..

अयान ज़रा प्लीज़ मेरी कमीज़ उपर करना… मैने खाला की कमीज़ थोड़ी सी उपर की तो मुझे उनकी टमी नज़र आने लगी..

खाला ने खारिश करने के बहाने अपने टमी पर हाथ लगाया तो हाथों मे लगा हुआ आटा उनके टमी पर भी लग गया…

खाला: लो,,,,, पहले वाला सॉफ नही हुआ ऑर अब ये भी लग गया.. अयान प्लीज़ सॉफ कर दो जानू

मैं खाला की टमी पर से आटा सॉफ करने लगा… मुझे उनकी टमी पर भी हाथ फेरने मे बहुत मज़ा आ रहा था ऑर मेरा लंड भी बार बार झटके मार रहा था…

मुझसे बर्दाश्त नही हुआ तो मैने जल्दी से पेट सॉफ किया ऑर कमीज़ नीचे कर दिया… क्योंकि एक वर्जिन लड़के के लिए इतना सब भी बहुत ज़्यादा होता है..

मैं जैसे ही सीधा खड़ा हुआ तो खाला ने मेरे लंड की तरफ देखा तो हंस पड़ी.. ऑर मुझे बोली

खाला:: लगता है कि तुम बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो गये थे..

मैं: नही,,, नही तो..

खाला ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया,,, तो फिर ये क्या है…

मैने अपने खड़े हुए लंड की तरफ देखा तो शरम के मारे मुझे कुछ समझ नही आया ऑर मैं भी मुस्कुरा कर किचन से बाहर जाने लगा तो मुझे अपने पीछे खाला की हँसी की आवाज़ सुनाई दी…

खाला ने आवाज़ लगाई.. मैं आ रही हूँ.. फिर तुम्हे पूछती हूँ अच्छाआआआआआअ….

मैने पीछे मूड कर देखा तो खाला ने मुझे एक आँख मारी ऑर मैं भी हंस पड़ा…

मैं किचन से निकल कर सीधा टी.वी लाउंज मे आया टी.वी ऑन कर लिया… मगर मुझे टी.वी देखने मे मज़ा नही आ रहा था.. मैं अभी तक अपने हॅंड्ज़ पर खाला के मम्मो की नर्मी फील कर रहा था.. खाला के माममे बहुत नरम नरम थे.. मेरा लंड उस टाइम खड़ा हुआ था.. मैने बहुत कोशिश की कि किसी तरह मेरा लंड बैठ जाए मगर ये साहिब तो बैठ ने का नाम ही नही ले रहे थे.. दरअसल मेरे लंड की भी तो कोई ग़लती नही थी ना….. क्योंकि खाला का जिस्म था ही इतना सॉफ्ट कि अगर मर्द जितना भी शरीफ हो.. बस एक बार मेरी खाला को बिना दुपट्टे के देख ले तो उसकी सारी शराफ़त ख़तम हो जाएगी.

अब मैं सोच रहा था कि खाला को कैसे चोदा जाए.. क्योंकि मुझे तो सेक्स करना भी नही आ ता था.. मैने पॉर्न मूवीस देखी हुई थी मगर रियल मे तो कभी नही किया था किसी के साथ..

मेरी नज़रें तो टी.वी की तरफ थी मगर मेरा माइंड खाला की तरफ ही था.. मैने अपना हाथ लंड पर रखा ऑर आहिस्ता आहिस्ता लंड को मसल्ने लगा… मैने अपनी आँखे बंद की ऑर अपनी शलवार के उपर से ही मूठ मारने लगा… मेरी आँखे बंद थी ऑर मेरी ख़याल मे खाला का नंगा जिस्म घूम रहा था…. मेरी साँसे तेज होने लगी थी ऑर मुझे पसीना आने लगा था.. मैं चाहता था कि जल्दी से मेरे लंड का पानी निकले ऑर मेरे जिस्म को सकून मिले.. मगर लंड साहिब तो आज कुछ ज़्यादा ही जवानी दिखा रहे थे….. मैं तेज तेज मूठ मार रहा था… जब मुझे लगा कि मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ तो मैने मूठ मारने की स्पीड तेज कर दी… ऑर मेरे मुँह से एक दम से ही निकला…. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ खााआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआआआआआआअ तुम्हाआआआअरर्र्रृिईई चूऊऊऊवटतत्टटतत्त माअरर्र्ररुउुउउन्न्ञणन्……………..

मैने अपनी शलवार के अंदर ही अपने लंड का पानी छोड़ दिया था.. ऑर मेरा जिस्म कुछ हल्का सा हो गया..

मैं सोफे पर बैठा हुआ था.. सोफे की बॅक साइड पे दीवार थी मगर दीवार और सोफे के बीच मे तक़रीबन 3 फीट का गॅप था..

जब मेरी शलवार मे ही लंड का पानी निकल गया ऑर मेरा जिस्म हल्का हल्का सा हो गया… मेरी सिक्स्त सेन्स ने कहा कि शायद रूम मे मेरे अलावा भी कोई ओर है… मैने ऐसे ही आँखे खोली.. मगर मेरे सामने तो मुझे कुछ नज़र ना आया… मैं सोफे पर से उठ कर खड़ा हो गया ऑर वॉशरूम की तरफ जाने लगा….

मैं जैसे ही सोफे पर से उठा.. मैने ज़रा सा पीछे घूम कर देखा तो सोफे की बॅक साइड पर खाला दीवार से लग कर खड़ी हुई थी.. उनकी आँखे लाल हो रही थी.. ऑर वो मुझे ही देख रही थी….

पोज़िशन कुछ यूँ थी कि मैं अपना लंड हाथ मे लिए हुए खड़ा था.. ऑर खाला मुझे ही देख रही थी….

मैं एक बार फिर डर गया… ऑर अब मैने सोचा कि "अयान बेटा अब तो बचने के कुछ चान्स नही है…. क्योंकि सुबह से ये 3र्ड टाइम हो गया था… जब मेरी ग़लत हरकत पकड़ी गई थी…

ऑर सब से बड़ी बात तो ये थी कि मैं डिसचार्ज होते हुए जो बकवास कर चुका था.. क खाला तुम्हारी चूत मारू अब मुझे उन वर्ड्स का रिज़ल्ट का पता लग रहा था.. क्योंकि सॉफ ज़ाहिर था कि खाला ने मेरे मुँह से वो वर्ड्स सुन लिए हों गे…

खाला ने मुझे कुछ ना कहा ऑर खाला के मुँह से भी आवाज़ नही निकल रही थी…

खाला ने मुझे कुछ देर तक देखा ऑर मैं खाला को देख रहा था.
फिर खाला बोली:

वो वो,,, वो मैं तुम्हे खाने पर बुलाने के लाइ आई थी…. तुम जा कर चेंज कर लो.. ऑर नहा लो.. मैं खाना लगाती हूँ. फिर खाना खाते हैं…

मैं हैरान रह गया कि खाला ने मुझे कुछ कहा क्यू नही….. ऑर खाला ऐसे बिहेव कर रही थी कि जैसे उनकी चोरी पकड़ी गई हो… मगर फिर मेरे माइंड मे ख़याल आया कि क्या खाला मुझे मूठ मारते हुए देख रही थी?????? क्या खाला मेरे पीछे खड़ी हो कर खुद भी उंगली कर रही थी?????????

फिर मेरे फेस पर एक स्माइल आ गई ऑर मेरा 2न्ड ख़याल मुझे ठीक लगने लगा… ऑर शायद खाला मेरे पीछे खड़े हो कर उंगली ही कर रही थी… जब मैने एक दम से पीछे देखा था तो खाला घबरा गई थी..

मैं यही सब कुछ सोचते सोचते वॉशरूम की तरफ चल पड़ा… ऑर वहाँ से अपना ट्राउज़र पहन कर किचन मे खाला के पास चला गया…. खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर एक स्माइल पास की… ऑर मुझे कहा कि "अयान प्लीज़ हेल्प करो मेरी खाना लगाने मे…

मैने उनके हाथ से कुछ बर्तन लिए ऑर डाइनिंग टेबल पर ले जा कर रख दिए… खाला भी आ गई ऑर फिर खाला ने एक ही प्लेट मे सालन डाला.. ऑर पहला लुक़मा खाला ने खुद ही मेरे मुँह मे डाला.. मैं खुश हो गया..

खाला मेरी तरफ प्यार भरी नज़रो से देख रही थी ऑर मैं भी दिल ही दिल मे खुश हो रहा था कि खाला ने मेरी इस हरकत का बुरा नही माना था… फिर मैने भी खाला को एक लुक़मा खिला दिया… इसी तरह एक लुक़मा वो मुझे खिलाती ऑर मैं एक लुक़मा खिलाता… हम ने खाना ख़तम किया….

खाला किचन मे बर्तन वाघेरा रख कर आई तो मुझे टी.वी लाउंज मे पाया…

खाला: अयान मैं तो थक गई हूँ. मैं सोने जा रही हूँ.. अगर तुम्हे भी सोना हो तो फिर आ जाना..

ये कह कर खाला अपने रूम मे चली गई जो मेरा ऑर उनका कंबाइन रूम था…

मैने भी टी.वी ऑफ किया ऑर खाला के पीछे पीछे कमरे मे आ गया… जब मैं कमरे मे आया तो खाला अपने कपड़े निकाल रही थी अपनी कपबोर्ड मे से…

खाला ने मेरी तरफ देखा ऑर कहा……. तुम्हारा ये ट्राउज़र तो शायद गंदा था… मैं तुम्हे दूसरे कपड़े निकाल कर दे दूं????

मैं: मगर मैं तो अपने घर से ज़्यादा कपड़े लाया ही नही था…

खाला: देखो गर्मी है.. अगर तुम गंदे कपड़ों मे रहो गे तो तुम्हे अलेर्जी हो जाए गी.. एक काम करो.. तुम ये ट्राउज़र भी उतार दो.. ऑर कोई टोवल या चादर लपेट लो.. मैं तुम्हारे ये कपड़े धो कर डाल देती हूँ.. शाम तक सूख जाएँ गे…

मैं: मगर टवल कैसे लपेट लूँ..

फिर खाला ने मुझे अपना एक दुपट्टा दिया ऑर बोली: लो ये लपेट लो.. टोवल भी गरम होता है.. तुम्हे गर्मी लगे गी उस मे…

मैने खाला से दुपट्टा लिया ऑर दूसरे रूम मे जा कर ट्राउज़र उतार दिया ऑर दुपट्टा लपेट लिए… ऑर अपना ट्राउज़र भी खाला को ला कर दे दिया..

खाला ने मुझसे ट्राउज़र लिया ऑर बोली…. एक तो तुम ये बार बार कपड़े बहुत गंदे कर देते हो ऑर स्माइल मारी…

मैं कुछ ना बोला… मैं एक दुपट्टे मे था.. मैं सोच रहा था कि मेरा लंड तो बार बार खड़ा हो जाता है… अगर इस दुपट्टे मे ये खड़ा हो गया तो फिर तो साफ साफ नज़र आएगा…

खाला मेरे कपड़े वाघेरा सर्फ मे भिगो कर वापस रूम मे आ गई थी.. खाला ने अपने कपड़े निकाले ऑर रूम से बाहर चली गई.. मैने रूम के दरवाज़े के पास आ कर देखा तो खाला वॉशरूम मे एंटर हो रही थी.. मैं समझ गया कि खाला नहाने गई है..

मैं वापस आ कर बेड पे लेट गया ऑर खाला के बारे मे ही सोचने लगा… मैं सोच रहा था कि मैं खाला से कितना प्यार करता हूँ.. ऑर खाला भी मुझसे कितना प्यार करती हैं..

मैं इन्ही सोचो मे गुम था कि खाला कुछ देर बाद रूम मे एंटर हुई… मैने जब खाला की तरफ देखा तो देखता ही रह गया.. .क्योंकि खाला जो लग रही थी ना.. कमाल लग रही थी. खाला ने वाइट कपड़े पहने हुए थे.. रेशमी कपड़े थे ट्रॅन्स्परेंट टाइप के.. खाला का ब्रा भी सॉफ ऑर क्लियर नज़र आ रहा.. ब्रा तो छोड़ो मुझे खाला का पूरा जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था.. ऑर उपर से खाला का गीला जिस्म…. वो रेशमी कपड़े भी खाला के जिस्म से चिपके हुए थे….

मेरी नज़रें तो जैसे खाला से चिपक गई थी.. खाला ने मेरी नज़रो को समझा तो खाला बोली.. अयान,,,,,, क्या देख रहे हो..

Sex Stories

सभी अंतर्वासना पाठकों Sex Stories व गुरु जी को मस्त चूत के साथ नमस्ते!

अंतर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी नहीं है। गुरु जी की दया से मेरी मेहनत पे अंतर्वासना ने कभी पानी नहीं फिरने दिया और मुझे अनन्त प्यार मिला और मिलेगा भी इतने बढ़िया उत्तर मिले इमेल के ज़रिये, चेट के ज़रिये!

दोस्तो! मुझे गैर मर्दों की बाँहों में सुख मिलता है, यह मैं पहले भी बता चुकी हूँ!

पति के पास कनाडा आकर भी मुझे वो सुख नहीं मिल पाया और मुझे यहाँ पर भी गैर मर्द की बाँहों में जाना पड़ा।

मैं यहाँ तो आ गई और पति के पास रहने लगी लेकिन यहाँ मुझे भी काम करना पड़ता था मेरे आने की वजह से पति अपने दोस्तों से अलग रहने लगे। मैंने तो कहा था कुछ दिन उनके साथ रुकते हैं। लेकिन फ़ोन का बिल, गैस का बिल, पानी का बिल, हर महीने घर की किश्त जाती।

मुझे जिस पब में काम मिला था, वहाँ मेरी दोस्ती पीटर से हुई। जल्दी ही यह दोस्ती शारीरिक सबंधों में तबदील हो गई। उसके बाद पीटर ने मुझे खूब चोदा, अपने दोस्त के साथ मिलकर मेरा बाजा बजाया, उसके बाद दोंनो ने मुझे चार हज़ार अमरीकी डॉलर भी दिए। उसके बाद हम नीचे पब में वापिस आ गए और मैं उनको ड्रिंक सर्व करती रही।

जाते हुए अपना मोबाइल नंबर दिया और टिप की तौर पे 500 अमरीकी डॉलर दिए मुझे पैसों की जरूरत थी। इंडिया में मैंने बहुत ऐश की थी और अब मेरे सर पर काम करने का बोझ था इसके बिना यहाँ कोई गुजारा नहीं था सो तभी जब मैंने पीटर को कॉल लगाई और बात की उसने मुझे एक व्यस्क मूवी में काम करने की ऑफर दी। उसके दोस्त ने कहा कि एक इंडियन लड़की की मूवी इंडियन मार्केट में धमाल मचा देगी। उसने मुझे कहा कि फिल्म डबल एक्स होगी और उसकी अच्छी कीमत देने को तैयार है लेकिन मैंने बदनामी के डर से सोचने के लिए कहा। फिर सोचा कि वैसे भी तो मैं करवाती हूँ।

मैंने उनके सामने शर्त रखी कि मेरे चेहरे को इस कदर तरीके से मेक-अप किया जाए, मतलब आँखों पे स्टीकर, गालों पे स्टीकर!

वो मान गया।
मैंने 70,000 डॉलर लेने को बोला।
वो मान गया।

मैंने उसे कहा- यह फिल्म टोरंटो में नहीं, कहीं और बनाओ!

एडबर्ग में फ़िल्म बनाना निश्चित हुआ। नाम था- पेओर इंडियन स्लाट विद इग्लिश मेंस

सी हाउस रेंट लिया गया।

वहाँ पहुंची। पीटर के साथ मुझे बिकनी दी गई और मेरा पहला सीन था सनबाथ!

मैं वहाँ अकेली बीच पे लेट गई। मेरे हाथ में मोबाइल था जिसपर मैं लेटी हुई ब्लू क्लिप्स देखते हुए अपने बूब्स मसलने लगती हूँ और फिर पेंटी में हाथ डाल चूत को!

कैमरे के सामने थोड़ा नर्वस थी।

तभी वहाँ तीन आदमी आये, एक नीग्रो था और दो गोरे!

तीनों आकर जब मुझे चूत, मम्मे मसलते देखते हैं और मुझे कहते हैं- बेबी एनी प्रॉब्लम?

मेरी चूत को देखते हुए थोड़ी स्माइल देते हैं, बिना कुछ कहे मैं भी स्माइल पास करती हूँ! ऐसा करते ही तीनों मुझे वहाँ से गोदी में उठाते हुए सी हाउस में लेकर जाते हैं।

आर यू इंडियन?
येस!
ओके! नीड हेल्प?

यम! मैं फिर से स्माइल देती हूँ, एक गोरा मेरी पेंटी उतार देता है और अपने मुँह को चूत पे रखते हुए चातने लगा मेरे सर पे खड़े दो मर्द! दोनों ने कुछ नहीं पहना था। उनके लौड़े देख देख कर चूत चटवा रही थी मैं!

नीग्रो का लौड़ा मुँह में ले लिया और गोरे का हाथ में!
वो बोला- हे बिच! व्हाट्स योउर एज?
27!

ओह वो इंग्लिश में बोल रहे थे। मैं आपको हिंदी में बताती हूँ!

मैं सताइस साल की हूँ!
पहली बार कब चुदी?
नौ साल पहले!
तुझे हमारे लौड़े कैसे लगे?
यम! बहुत अछे लगे!
बोले- आज तेरे दोनों छेदों को एक साथ चोदेंगे! पसन्द करोगी?
हाँ चोदो मुझे!

और कैमरा मैन ने कंडोम की डिब्बी फेंकी। मैंने उसके लौड़े पे कंडोम चढ़ा दिया और उसने अन्दर डाल दिया।
हाय क्या लौड़ा था!

उसने रफ़्तार पकड़ी। मैंने भी अब एक धन्धे वाली कॉल-गर्ल की तरह अपने आपको बेशर्म कर दिया। लौड़े का तो मुझे पहले से बहुत चस्का था। नीग्रो का लौड़ा देख कर मैं पागल हो गई। इतना बड़ा लौड़ा!
डर भी लगता था!

गोरा रुक गया। नीग्रो ने कंडोम डालते हुए मुझे लौड़े पे बैठने को कहा। इतना बड़ा लौड़ा, लेकिन देखते ही मैंने पूरा अन्दर ले लिया और उसका लौड़ा अन्दर मेरे गर्भाशय से टकराता तो मुझे जन्नत दिखने लगती!
वाह क्या लड़की है!
बिच है!

गोरा पीछे आया और मेरी गांड के छेद को चाट करके उंगली डालते हुए जगह सी बनाई।

एक लौड़ा चूत में था। मुझे उसकी चेस्ट की तरफ नीचे दबाते हुए गोरे ने मेरी गांड को खोलते हुए उस पे लौड़ा रख कर धक्का मारा और उसका आधा लौड़ा गांड में समां गया। दर्द से मैं तड़पने लगी। लेकिन देखते ही दोनों के लौड़े में खुद बोल बोल कर डलवाने लगी। इतना मजा एक लौड़ा मेरे मुँह में दो मेरे अन्दर!

उसने कहा- तू अपनी भाषा में गरम बातें कर! ताकि लोग इसको और खरीदें!

आह चोद मुझे मादरचोद! फाड़ डालो मेरी चूत! बना दो भोंसड़ा! हाय मेरे राजा! चोदो! कमीने तू मुंह में डाले रख!

अब उनमें से एक ने अदला बदली कर ली और जिसका चूस रही थी अब उसने डाल लिया और तेजी से चोदने लगे। करीब पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद तीनों ने एक साथ अपने लौड़िं का सारा पानी मेरे चेहरे, होंठ हर जगह उगल दिया और मैं उनके पानी से तर हो गई। रहता हुआ पानी मैंने चाट के साफ़ कर दिया।

वे बोले- एन्जॉय बेबी?
येस!

दोस्तो, अभी तो फिल्म का पहला सीन वहाँ फ़िल्माया गया। उसके बाद अगला सीन मुझे होटल में करना था जिसमें दोनों बन्दे नीग्रो थे और उनके लौड़े कैसे होंगे यह अनुमान लगाओ और बताओ कैसी लगी मेरी चुदाई?

दोस्तो, हर कोई पूछता है- यह असली है?
हाँ! यह असली है!

कनाडा में मेरी सर्विस के लिए मुझे इ-मेल कर दो अब मेरे पास एक बी.एम.डबल्यू, एक मरसिडीज़ और एक पोश कार है। मैं एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल बन चुकी हूँ और एक अडल्ट क्लब अपना है।

लेकिन उस फिल्म के अगले सीन के बारे में ज़रूर लिखूंगी। प्लीज़ मेरी चुदाई के हर किस्से को छाप देना गुरु जी!

एक बार फिर से धन्यवाद! Sex Stories

Xxx मॉम चुदाई कहानी मेरी सौतेली अम्मी की चूत मारने की है. पहले मैं अपनी बहनों को चोद कर मजा कर लेता था. उनकी शादी के बाद मेरी नजर अपनी अम्मी पर पड़ी.

दोस्तो, मेरा नाम आदिल है और मैं 23 साल का हूँ.
मेरे घर मे मेरे अलावा अम्मी, अब्बू और मेरी 2 छोटी बहनें है.

यह Xxx मॉम चुदाई कहानी है, मजा लें.

मेरे अब्बू ने कई शादियाँ की हुई हैं.
मेरी सगी अम्मी पहले ही मर गयी थी.
इस वक्त जो अम्मी मेरे साथ रह रही है, वो मेरी नहीं … पर मेरी दो छोटी बहनों की अम्मी है.

अपनी दोनों बहनों की चूत की सील मैंने पहले ही तोड़ दी थी. मैं मजे से उन दोनों के चुचों के साथ खेलता था.

पिछले साल उन दोनों का निकाह हो गया और अब वो दोनों अपने शौहरों के लंड की सेवा में लगी हुई हैं.

मेरी अम्मी का नाम नगमा (43) है. वो बेहद खूबसूरत बदन की मल्लिका हैं, जिनके 36D के गोल और तने हुए बोबे, किसी भी लंड को खड़ा करने का दम रखते हैं. तीस की कमर है, जिसको मैंने कई बार ख्वाब में पकड़कर उन्हें चोदा है.

अम्मी की 38 इंच की उठी हुई गांड है, जो चलते हुए इतनी मस्त हिलती है कि बस मन करता है कि अभी के अभी साली की सलवार खोलकर गांड मार दूँ.

मेरे अब्बू का नाम नासिर है, वो 51 साल के हैं.
अब्बू छह साल पहले उस्मान चाचा के साथ कोलकाता काम करने गए और वहां जाकर अपने से 20 साल छोटी औरत 31 साल की शब्बो से शादी कर ली.

शब्बो हल्की सी सांवली पर बेहद दिलकश कटाव वाले भरे हुए बदन वाली औरत थी. उसे देखकर कई बार मैंने सोचा कि एक बार तो कम से कम शब्बो के गुलाबी होंठों से अपने लंड की सेवा करवानी चाहिए.

मैं कई बार अपने बाप की किस्मत को लेकर सोचता था कि क्या किस्मत है साले की … एक तरफ मेरी सौतेली अम्मी नगमा, जैसे साउथ फिल्मों की अभिनेत्री नयनतारा … तो दूसरी तरफ शब्बो जैसे श्रुति हसन को अपने लंड की सेवा के लिए सैट किया हुआ है.

अब अब्बू कभी कभार ही घर आते थे और घर खर्च भेज देते.
उनके घर न आने से घर पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मैं इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को रिपेयर करने का काम करता हूँ, जिससे घर का खर्चा भी निकल जाता है और थोड़ी बहुत बचत हो जाती है.

मैं और मेरी अम्मी नगमा अजमेर के छोटे से इलाके में एक छोटे से घर मे रहते हैं, जो पुराने जमाने के खंडहर जैसा ही है.

एक के ऊपर एक घर बिल्कुल पैक, ना कोई आवाज सुन सकता है और ना ही कोई घर के अन्दर झांक सकता है.
मुझे कई साल से अपनी अम्मी की जवानी चखने का मन था पर मेरी बहनों ने कभी मुझे चूत की कमी नहीं होने दी.

उन दोनों ने टाइम टाइम पर मेरे लंड की खूब देखभाल की और मैंने भी उनके सारे ख़र्चे और जरूरत पूरी की.
बहनों की शादी के कुछ दिन बाद ही मुझे चुदाई की भयंकर तलब लगी तो सामने अम्मी थी.

मेरा पुराना ख्वाब फिर से जवान हो गया और मैंने सोचा क्यों ना इन्हें ही अपने बिस्तर पर खींच लूँ.
वैसे भी अम्मी कई साल से नहीं चुदी थी तो चूत टाइट होगी … और साली का फिगर तो कमाल है ही.

अपनी अम्मी के बारे में इस तरह की सोच कोई मादरचोद ही रख सकता है, जो कि मैं तभी बन गया था, जब अम्मी को दूर के मामा के आगे घोड़ी बनते देखा था.

ख़ैर ये बात 8 साल पुरानी है, पर याद अभी तक ताज़ा है कि कैसे मामू मेरी अम्मी को लुल्ली पर बैठा कर उछालने की कोशिश कर रहा था और अम्मी कह रही थी कि साले तू भी नासिर की तरह 4 इंच का ढीला हथियार लेकर आ गया है. पता नहीं कब मेरी चूत को मोटे और लंबे लौड़े मिलेगें.

अम्मी की इच्छा सुनकर अब तो बस चाहत थी कि अम्मी को अपने 8 इंच के लंड का जायका चखाया जाए और उसकी चूत का रस पिया जाए.

अम्मी को लंड पर बैठाकर गंदी गंदी गालियां देते हुए उछालने की, मेरे लंड से चुदते वक़्त अम्मी के चहरे पर कामुक भाव देखने की, जिसके लिए मैं रोज़ कुछ न कुछ नया तरीका अपनाता.

अब मैं रोज़ अम्मी की ब्रा और पैंटी पर अम्मी को याद करके मुठ मारकर माल निकालता और अम्मी को गले लगाता या उनके गाल चूमता तो पूरा ठरक से काम लेता.

पहले तो अम्मी ने इन सब चीज़ों को नज़रअंदाज़ किया और खुलकर मुझसे गले लग कर चूम लेतीं.
पर जब मैं हद से ज्यादा आगे जाकर उसके बोबे और गांड पर हाथ लगाकर ये सब करता, तो अम्मी कहतीं कि अब तुम्हारा भी निकाह करना पड़ेगा.
और मुस्कुरा कर चली जातीं.

अम्मी की इन बातों से मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गयी.
मैं अम्मी के सामने जाता तो लंड खड़ा करके ही जाता और डबल मीनिंग बात करता.

जैसे अम्मी आज तो दे दो …
अम्मी कहतीं- क्या?
तो बोल देता- चूत ओ … सॉरी सॉरी दूध.
या अम्मी के बूब्स देखते हुए बोल देता- आज तुम्हारे बहुत मोटे लग रहे हैं.

अम्मी बोलतीं- शर्म नहीं है क्या?
तो कहता- अम्मी, मैं तो आपके होंठों की बात कर रहा था.

यही सब कुछ दिनों तक चलता रहा.
फिर मैंने अम्मी की जितनी भी ब्रा और पैंटी थीं, एक बैग में भरकर फेंक दीं.

अम्मी को जब ब्रा और पैंटी नहीं मिलीं, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि तूने मेरी ब्रा पैंटी देखी हैं क्या?
मैंने अम्मी से कहा- अम्मी, तुम्हारे निप्पल्स कितने काले और मस्त हैं. तुम्हारी छाती बिना ब्रा के कितनी खूबसूरत दिखती है. तुम आज से ब्रा मत पहना करो.

अम्मी ने कहा- साले सुअर … चुप कर वर्ना थप्पड़ खाएगा.
मैंने भी जवाब दे दिया- अम्मी, तुम्हारे थप्पड़ से डर नहीं लगता, जब तुम्हारी छाती के तरबूज हिलते हैं तब डर लगता है कि कहीं ये बम मुझ पर गिरें, तो मैं मर ना जाऊं.

अम्मी अपना दुप्पटा छाती पर लेकर ये कहती हुई अन्दर चली गईं कि आने दे तेरे अब्बू को वापस … बताती हूँ कि तू कितना बेशर्म हो गया है. अगर तेरी खाल नहीं खिंचवाई तो कहना. अपनी अम्मी को छेड़ता है कमीना.

मैंने जवाब में कहा कि अब्बू तो शब्बो को घोड़ी बनाकर उसकी सवारी करते हुए बाल खींचने में बिजी होंगे.

अम्मी ने मेरी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया.
मेरे इस बदले हुए रवैये से अम्मी हैरान भी थीं और परेशान भी.

अम्मी में वैसे तो हवस की कोई कमी नहीं थी, किसी और की बात होती तो वो खुद ही चटाई की तरह बिछ जातीं और बोलतीं- लगा दे लंड, बना ले अपनी रांड … पर अपनी ही बेटे से चुदवाना कैसे हो, शायद यही बात उसे परेशान कर रही थी.

थोड़ी देर बाद मैं अम्मी के पास आया और अम्मी का नाम लेकर बोला- नगमा, तुम मेरी बात का बुरा मत मानो … मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ और खुश देखना चाहता हूँ. मैं जानता हूँ कि रात में तुम बाथरूम में इतनी देर क्यों रहती हो? तू अगर चाहे तो हम-दोनों एक दूसरे की मदद कर सकते हैं.

ये कहते हुए मैंने अम्मी के दोनों हाथों को अपने हाथ से पकड़ लिया.
अम्मी ने अपने हाथ से मेरे गाल को छुआ और बोली- बेटा, तू अभी इतना बड़ा नहीं हुआ कि ये सब बात समझ सके.

मैंने अम्मी की कमर पकड़कर अम्मी की आंखों में देखते हुए कहा- नगमा, मैं और मेरा हथियार इतना बड़ा हो गया है कि बिस्तर पर रात भर तेरी चीखें निकलवा सके.

ये सुनते ही अम्मी ने थप्पड़ मारना चाहा, पर मैंने हाथ पकड़कर उनके बाल पकड़े और अम्मी के होंठों को अपने होंठों से लगा लिया.
मेरे दिल की धड़कन इतनी बढ़ गयी कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ.

कुछ देर बाद अम्मी के होंठों को हल्का सा काटते हुए छोड़ा तो अम्मी की लिपस्टिक मेरे होंठों पर भी लग गयी थी.
अम्मी ने कहा- बेटा अम्मी हूँ तेरी … ये सब मेरे साथ करेगा … तू कहे तो तेरे लिए तेरी ममेरी बहन हिना को बुला लेती हूँ. वो अपनी जवानी की दहलीज पर है अभी, तेरा पूरा ख्याल रखेगी.

मैंने अम्मी की सलवार में हाथ डाल कर एक उंगली चूत में डाल दी और हिलाने लगा.
मैं बोला- नगमा, तेरी जवानी पर हिना जैसी कई कलियां कुर्बान कर दूँगा मैं … जान आज मना मत करना … तूने मर्द पैदा किया है, अब तेरी चूत से निकले हुए मर्द की मर्दानगी देख बस.

अम्मी- अहह ओह्ह हहह … मादरचोद … अम्मी हूँ तेरी.
मैंने अम्मी के कपड़े उतारते हुए कहा- नगमा, आज से तू मेरी अम्मी नहीं, बेगम है समझी साली छिनाल.

अम्मी- अहह … आदिल … मैं तेरी अम्मी हूँ … कोई अपनी अम्मी के साथ ऐसा नहीं करता.
मैं- नगमा जान, जब भाई के साथ कर सकती हो तो बेटे के साथ क्यों नहीं? कोई गलत बात नहीं है इसमें मेरी जान … देखो तुम कितनी मस्त बदन वाली हो और मेरे पास कितना मस्त लंड है.

मैंने अपने अपने 8 इंच के लंड को बाहर निकालते हुए अम्मी को दिखाया और कहा- क्यों न अब से हम दोनों एक-दूसरे के बदन का भी ख्याल रखें?

अम्मी मेरे लंड को देखती हुई बोलीं- हायल्ला … आदिल तुझे ज़रा भी शर्म-लिहाज़ नहीं रह गया है … मेरे सामने लंड निकल के खड़ा हो गया? वैसे तेरा लंड बहुत बड़ा है. मजा खूब देगा.

मैं- नगमा, आज तो तेरी चूत से निकले इस मर्द के लंड में आग लग चुकी है. आज तो तुझे मुझसे चुदना ही पड़ेगा.
मैंने अम्मी को दोनों हाथों से उठाया और उसी बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया, जहां अब्बू और अम्मी सोते थे.

अम्मी- बेटा, मैं तेरी अम्मी हूँ!
मैं- नगमा देख अब इतने नाटक मत कर, मैं जानता हूँ तू कितनी प्यासी है. आज तेरी सारी प्यास बुझा दूंगा बस ये फालतू की बात करने की बजाए कुछ मूड बना जान.

मैं अम्मी की चूत को फैला कर सीधा बिना कुछ कहे उसकी चूत चाटने लगा और जोर जोर से अम्मी की चूत को चूसकर गीला करने में लग गया.

कुछ देर बाद अम्मी की चूत से पानी निकला गया, तो मैंने अम्मी से पूछा- अम्मी, कुछ मज़ा आया?
अम्मी- उउममम … आह … आदिल अहह बेटा … आह …

अम्मी की चूत गीली होने पर मैंने बिना थूक लगाए ही मेरा 8 इंच का लंड अम्मी की चूत के मुँह पर सैट किया और एक जोर का झटका देते हुए कहा- लव यू अम्मी जान.

अम्मी की चूत में आज तक 4-5 इंच की लुल्ली ही गयी थी और इतने साल से वो चुदी भी नहीं थी, मेरा 8 इंच का मोटा लंबा लंड कैसे सहन कर पाती?

मेरे लंड के आधा अन्दर जाते ही वो कराह उठीं- हायल्ला मर गई!

अम्मी के मुँह से इतनी मादक आवाज से लंड में अकड़न और बदन की जकड़न दोनों और बढ़ गई.
अम्मी की चूत से हल्का सा खून भी निकला, जो अलग नशा दे रहा था.

इतना मज़ा बहनों की चुदाई में भी कभी नहीं आया, जितना आज अपनी मां चोदने में आ रहा था.

मैं बिना रुके झटके देने लगा और उसकी चूचियों से प्यासे की तरह दूध पीने लगा.
अम्मी अब मदहोश हो चुकी थीं और मुझे किसी भी तरह की कोई हरकत करने से मना नहीं कर रही थीं बल्कि अब तो सिर्फ सिसकारियां ही भर रही थीं.

मैं लगातार अम्मी की चूत का रस निकालने में लगा हुआ था.

चूत के चुदते-चुदते अम्मी की शर्म खुलने लगी थी.
वो भी अपने हाथों से मेरी पीठ को पकड़ कर अपनी तरफ खींच रही थीं और ‘आह … उफ्फ्फ … हाय … उम्म …’ जैसी आवाज निकालती हुई मुझे अपनी तरफ समेट रही थीं.

मैं- नगमा मेरी बेगम … सुहागरात मुबारक़ हो.
अम्मी अपनी आधी खुली हुई आंखों से देखती हुई बोलीं- आह … आदिल … अन्दर मत झाड़ना बेटा … मेरा ऑपरेशन नहीं हुआ है.

अम्मी से ऐसी बात सुनकर मेरे अन्दर का वहशी और हवस से भर गया.
मैंने लंड निकालकर सीधा अम्मी के मुँह में डाल दिया और रस झाड़ दिया.
आह … क्या मज़ेदार लम्हा था वो … जब मैंने अपनी अम्मी को लंड के नीचे लेकर चोद डाला था.

उस रात मैंने कंडोम लाकर Xxx मॉम के साथ रात भर 4 बार संभोग किया और उसकी गांड के छेद की सील भी तोड़ डाली.

पिछले एक साल में मैंने अम्मी की सारी शर्म उतार दी. अब वो किसी गर्ल फ्रेंड की तरह ही मेरे साथ रहती हैं.

उस रात के बाद अम्मी ने कभी मुझे मेरे नाम आदिल से नहीं बुलाया बल्कि सुनो, जान, जानू बेबी, बाबू, हनी, राजा जैसे लफ़्ज़ों से आवाज देने लगीं और मेरे लंड की जरूरत का ख्याल मेरी बहनों से भी ज्यादा अच्छे से रखने लगीं.

Hindi Sex Stories

दोस्तो ! सबसे पहले गुरु जी Hindi Sex Stories को कोटि-कोटि प्रणाम, जिनकी दया दृष्टि से मुझ जैसे नाचीज़ की चुदाई के किस्से अन्तर्वासना में छपे और मुझे लोगों का इतना प्यार प्राप्त हुआ ! चैट पर मुझे कई लौड़ों ने संपर्क किया और मुझे से कई प्रश्न पूछे गए ! सो दोस्तों और सभी पाठकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत प्यार ! सभी कह रहे हैं,”सनी यार ! अपनी किसी और चुदाई के बारे लिखो !” मुझे पाठकों को निराश नहीं करना है क्यूंकि मैं गांड तो खूब मरवाता हूँ लेकिन हर किस्सा तो नहीं बताया जा सकता ! फिर भी मैं आपको नवीनतम चुदाई के बारे में अब बताने जा रहा हूँ !

मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !

थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !

मैंने कहा,”आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?”

ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !

मैंने कहा,”आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !”

वो बोला,”अच्छा ???”

मैंने कहा,”बिलकुल !”

फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा,” और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?”

वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,”आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??”

मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा,” कैसा लग रहा है?”

उसने कहा,”बहुत अच्छा !”

मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,”बहुत सॉलिड पीस है आपका ! “

उसने पूछा,”अच्छा लगा ?”

मैंने कहा,” बहुत अच्छा ! “

हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा,” अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! “

सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,”यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !”

उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !

नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !

वो बोला,”तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !”

“लेकिन कहाँ ?” मैंने पूछा !

वो बोला,”यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !”

मैंने कहा,”ठीक है !”

हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,”यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !”

वो बोला,”ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !”

हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !

उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !

वो बोले,” साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !”

“सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !” मैंने कहा !

“अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! ” उनमें से एक बोला !

वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !

एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !

मेरी चीख निकल गई,”छोड़ दो, पलीज़……….! ” मैंने कहा,” एक- एक करके लो !”

किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !

एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !

दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,”छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! “

मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले,” पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! “

मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!

उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!! Hindi Sex Stories

Antarvasna

बारिश का मौसम था। एक Antarvasna दिन मैं घर पर अकेला था परिवार के सारे लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए थे। मैं टी वी देख रहा था कि अचानक दरवाज़े की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो पड़ोस की रेखा दी(दी) थी।
वे मेरे पड़ोस में अपनी सासू माँ के साथ रहती थी। करीब पैंतीस साल की थी, फिगर सामान्य और रंग गेहुँआ था। हाँ, चूतड़ काफ़ी अच्छे थे। उनके पति ने उन्हें छोड़ कर दूसरी शादी कर ली थी। कारण नहीं पता। उसने अपनी माँ को भी छोड़ दिया था। वे ही अपनी सास का ध्यान रखती थी।

उन्होंने पूछा- कोई है नहीं क्या?
मैंने कहा- नहीं सभी लोग तीन दिनों के लिए बाहर गए हैं।
फिर तो मेरा आना बेकार गया!
मैंने कहा- क्यों? कोई खास काम है क्या?
उन्होंने कहा- हाँ! काम तो खास ही है।
मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ? मैंने पूछा।
कोई बात नहीं फिर आ जाऊँगी!
ठीक है!

वे जाने लगी और मैंने दरवाजा बंद कर लिया। ज्यों ही मैं वापस टी वी वाले कमरे में पहुँचा कि फिर घण्टी बजी, मैंने फिर दरवाजा खोला तो सामने रेखा दी थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- प्यास लगी है पानी पिला दोगे?
मैंने कहा- हाँ! क्यों नहीं! आइए, बैठिए!

फिर मैं पानी लेने अंदर आया। मैंने उन्हें पानी दिया। वे बैठ कर गप-शप करने लगी, उनका इरादा जाने का नहीं लग रहा था। हल्की हल्की बारिश भी होने लगी।
बातों-बातों में उन्होंने पूछ लिया- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- हाँ है!
उन्होंने कहा- अच्छा है! आज के जमाने में गर्लफ्रेंड न होना किसी शर्मिंदगी से कम नहीं होता।

फिर उन्होंने पूछा- घर पर सबको उसके बारे में पता है?
मैंने कहा- नहीं!
तो मुझे क्यों बताया? उन्होंने फिर पूछा।
मैंने कहा- मुझे यकीन है आप किसी से नहीं कहेंगी।
इतना भरोसा है मुझ पर?
हाँ। क्यों? जब आप मुझसे यह पूछ सकती है तो जाहिर है किसी से कहेंगी नहीं।

फिर उन्होंने कुछ देर बातें की और कहा- तुम्हारा बाथरूम किधर है?
मैंने कहा- क्यों?
उन्होंने कहा- बाथरूम में लोग क्यों जाते हैं?
मैंने कहा- मेरे पीछे आइए।

मैंने उन्हें बाथरूम का रास्ता दिखाया। बारिश तेज होने लगी। वे बाथरूम से निकलकर आंगन में जोरों की बारिश देखने लगी।
मैंने कहा- अब आप घर कैसे जाएंगी।
उन्होंने कहा- कौन सा जंगल में हूँ! जब बंद होगी तो चली जाऊँगी।

अचानक वे बारिश में चली गई और भीगने लगी।
मैंने कहा- अरे यह क्या? आप बीमार हो जाएँगी।

उन्होंने मुझसे भी पानी में आने को कहा पर मैंने मना कर दिया। फिर भी उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर पानी में खींच लिया। वह पूरी तरह भीग चुकी थी, उनके कपड़े उनके बदन से चिपक गए थे। मैं उनकी सफेद ब्रा और काली पैंटी देख सकता था। मेरा भी खड़ा हो चुका था।
मैं समझ रहा था कि उन्हें कुछ चाहिए इसलिए मैंने भी शर्म छोड़ दी। मैंने उन्हें पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और उनको अपने लंड का अहसास कराया। उन्होंने हल्की सी आह भरी तो मैं समझ गया कि वे तैयार हैं।

फिर क्या था मैं उनके साथ चुम्मा-चाटी करने लगा, उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। मैंने उनकी कमीज-सलवार उतार दी। वे अब सिर्फ 2 पीस में थी। मैं पैंटी पर से ही उनकी बुर रगड़ने लगा, वह पानी छोड़ रही थी। फिर वे मेरा लोअर और चढ्‌ढी सरका कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैं मजे से चुसवा रहा था कि उन्होंने मुझसे कहा- अब तुम्हारी बारी।

मैं आंगन में बारिश में ही फर्श पर नंगा लेट गया और वे मेरे मुँह पर अपना बुर लेकर बैठ गई। फिर मैंने उनकी जाँघे फैलाई और बुर चाटने लगा। वह पागल सी हो गई और उनकी आँखें बंद हो गई। तभी दीदी ने जोर से मेरे बाल पकड़ लिए और मुँह पर दबाव बढ़ा दिया। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं। मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी गाँड में डाल दी जिससे उनकी उत्तेजना और बढ़ गई। फिर वह तेजी से झड़ी और मेरे बगल में निढाल हो गई।

मैंने कहा- रेखा दी, आपका तो हो गया और मेरा?
उन्होंने कहा- अभी तो सिर्फ एक बार हुआ है! अभी तो तीन साल की प्यास बुझानी है। थोड़ा समय दो, तब तक मेरी गाण्ड मार लो!

यह कह कर वह कुतिया बन गई। मैंने उनकी गाण्ड की दरार चौड़ी की, उसके छेद पर अपना लंड टिकाया और एक जोरदार धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड एक बार में अंदर चला गया।

वे चिल्लाई- अरे हरामी आराम से!

फिर मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरु किया। थोड़ी दिक्कत के बाद मैंने लम्बे लम्बे शॉट लगाने शुरु कर दिए। वे भी मजे से चुदाने लगी।

मैं चरम पर पहुँच गया तो अचानक उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा- चलो अब चूत में!

मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ! कुछ हो गया तो?
उन्होंने कहा- कुछ नहीं होगा! मैं मां नहीं बन सकती और इसीलिए तेरे जीजा ने मुझे छोड़ दिया! पर तुम टेंशन मत लो और चोदना चालू रखो।

मैंने अपना लंड उनकी गाण्ड से निकाला और उनकी जांघें फैलाकर पीछे से ही उनकी बुर में डाल दिया। फिर लम्बे-2 शॉट लगाने लगा। वे आराम से चुदा रही थी। मैं तेजी से उनकी बुर में झड़ा और उनके ऊपर ही लेट गया।

मैंने कहा- रेखा दी, एक बात पूछूँ?
उन्होंने कहा- पूछो!
‘आपको पहली बार किसने चोदा था?’

भाई ने! साला एक नंबर का पेलू था। हम दोनों उम्र में लगभग बराबर थे। वह मेरा चचेरा भाई था। हमारा संयुक्त परिवार था। हमारा कमरा एक था, केवल बिस्तर अलग-अलग थे। एक रात में वह मेरे बिस्तर में घुस आया और मेरी चड्डी सरकाकर मेरी गाण्ड में अपनी नुनी लगाकर पेलने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। उसका लंड मेरे दोनों चूतड़ की दरार के बीच में गति कर रहा था। उसने थोड़ा थूक लगाकर उसे और चिकना किया और तेजी से धक्के लगाने लगा। कुछ देर करने के बाद वह ढीला पड़ गया। अब हम अकसर करने लगे। उसे जब भी मौका मिलता, वह मेरी गाण्ड ऐसे ही ऊपर ऊपर से मारता। धीरे धीरे मेरी वासना बढ़ने लगी और अब मैं उसे अपनी बुर में धक्के लगाने को मजबूर करती।

एक दिन घर पर कोई नहीं था तो उसने तेल लगाकर मेरी गाण्ड में अपना लंड डालने की कोशिश की जिससे मुझे काफ़ी दर्द हुआ और मैंने कसम खाई की अब उसे कुछ नहीं करने दूँगी पर हफ़्ते भर में ही मेरी अकड़ टूट गई और एक दिन जब फिर घर पर कोई नहीं था तो मैंने उससे पेलने को कहा। इस बार उसने सावधानी से काम लिया और अपना मोटा लंड मेरी गाण्ड में पेलने की बजाय ऊँगली डाली। उसने ऊँगली डालकर और तेल लगाकर पहले मेरी गाण्ड को अपने लंड के हिसाब से चौड़ा किया फिर धीरे धीरे उसमें अपना लंड उतारा। इस बार मुझे काफ़ी मजा आया। वो मेरी गाण्ड में अपना लंड डालकर पेल रहा था।

एक बार हम स्कूल की तरफ से पिकनिक मनाने एक झरने पर गए थे, वहाँ मुझे शू-शू लगी थी, मैंने भाई से कहा।

उसने कहा- चल मेरे साथ!
और फिर वह मुझे झाड़ियों में ले गया, उसने वहाँ भी मेरी गाण्ड मारी। मैंने किसी को उसकी इस हरकत के बारे में नहीं बताया।

अब मैं अकसर कर उससे अपनी गाण्ड मरवाने लगी। यह सब दो सालों से चल रहा था। फ़िर हमारे कमरे अलग कर दिए गये। अब हम कभी कभी ही कर पाते। एक बार तो तीन महीने तक हमें मौका ही नहीं मिला।

एक दिन मौका पाकर सीढ़ियों पर उसने मुझे पकड़ लिया और अपना लंड चूसने को कहा। मैंने इंकार कर दिया। उसने जबरदस्ती करनी चाही तो मैंने कहा- पहले तुम मेरी बुर चाटो।

तो उसने कहा- ठीक है।

उसने मुझे चड्डी उतारने को कहा। मैंने अपनी चड्डी उतार दी, वह मेरे सामने बैठ गया और मेरी बुर के चारों ओर से चाटने लगा पर बुर पर जीभ नहीं फेरी। फिर उठा और कहा- हो गया! अब तुम्हारी बारी।

मैंने कहा- पर तुमने तो मेरी बुर चाटी ही नहीं?

उसने कहा- चाटी तो!
मैंने कहा- इधर उधर नहीं बल्कि बुर चाटनी थी।
उसने कहा- अच्छा, चल तू भी क्या याद रखेगी!

यह कहकर उसने मेरी बुर फैला दी और फिर उस पर अपनी जीभ फेरने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मेरी बुर गीली हो गई। काफ़ी रस निकल रहा था।

उसने कहा- रेखा, तू तो जवान हो रही है।

मैं सुनकर शरमा गई। मैं उसके सर को पकड़ कर जोर जोर से अपनी बुर में धकियाने लगी। उसने एक ऊँगली मेरी बुर में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।

कुछ ही देर में मैं तेजी से झड़ी। फिर उसने कहा- अब तेरी बारी!

मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। शुरु में तो अजीब लगा पर जल्द ही मुझे आनंद आने लगा मैंने पूरा लुत्फ़ उठाया। एक बार कई दिनों बाद मुझे उसका लंड चूसने का मौका मिला और जब मैं चूस रही थी कि अचानक उसने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। मैंने उसे जमीन पर उगल दिया तो देखा- सफेद सफेद सा रस था।

मैंने कहा- यह क्या है?
तो उसने कहा- इधर कुछ दिनों से ऐसा हो रहा है, रात में भी अकसर हो जाता है।
मैंने कहा- तू भी जवान हो रहा है।

फिर एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे बुर की चुदाई के आनंद के बारे में बताया तो मैंने यह बात अपने चचेरे भाई को बताई तो उसने कहा- मौका मिलने! दो करुंगा।

एक दिन हमें मौका मिल ही गया। मैं नहा रही थी कि किसी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया। मैंने पूछा- कौन?

उसने कहा- मैं हूँ! दरवाजा खोलो!
मैंने कहा- नहा रही हूँ!
उसने कहा- जानता हूँ! घर पर कोई नहीं है, अच्छा मौका है, खोलो!

मैंने खोल दिया और पूछा तो पता चला कि पड़ोस में कोई बीमार है सब वहीं गए हैं। मैं पूरी तरह नंगी थी। उसने मजाक में मेरी चूची पकड़ ली और दबा दिया। मुझे मजा आया तो मैंने फिर से करने के लिए कह दिया तो वह दबाने लगा।

फिर मैंने उसे चुसवाया भी। मेरी बुर गीली हो गई। उसका लंड खड़ा था। मैंने उसे चूसा। फिर उसने मुझे बाथरूम के फर्श पर ही लिटा दिया और मेरी बुर चाटने लगा। कुछ ही देर में मैं उसे चोदने के लिए कहने लगी।

फिर क्या था उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी बुर के छेद पर टिकाया और अंदर डालने लगा। बुर कसी थी और मुझे दर्द भी हो रहा था। उसने निकालकर एक बार मुझसे अपना लंड चटवाया और फिर पोजिशन में आ गया। इस बार उसने जोर से धक्का दिया और मेरी झिल्ली फट गई और उसका लंड अंदर चला गया, मुझे तेज दर्द हुआ और मैं रो पड़ी।

मेरी बुर से खून आ रहा था, मैं गिड़ गिड़ाने लगी कि वह मुझे छोड़ दे।
उसने कहा- बस दो मिनट।

वह मेरे ऊपर चुपचाप लेटा था। उसका लंड मेरी बुर में था। दो तीन मिनट बाद मैं थोड़ा सामान्य हुई तो उसने अंदर-बाहर करना शुरु किया। कुछ ही देर में मैं दर्द भूल गई और गाण्ड उठा उठा कर उससे चुदवाने लगी। उसने मुझे जी भर के चोदा। इस दौरान मैं कई बार झड़ी। फिर आधे घंटे तक पेलने के बाद उसने मेरी बुर अपने गर्म वीर्य से भर दी।

अब वह मुझे मेरे तीनों छेदों में चोदता। उसने जमकर मेरी जवानी का मजा लिया। बाद में हमारे परिवार में झगड़ा हो गया और हम अलग हो गए। हमारा मिलना जुलना बंद हो गया। फिर वह बाहर पढ़ाई करने चला गया और वहीं शादी करके बस गया।

मेरा एक बार खड़ा हो चुका था। बारिश भी बंद हो चुकी थी। मैंने उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा, उनके ऊपर चढ गया।

फिर क्या था उनकी बुर में पीछे से अपना लंड डालकर मैं चोदने लगा, उनकी कमर पकड़ कर लम्बे लम्बे शॉट लगाने लगा। वे दो बार झड़ी। पर मैं नहीं रुका, वे ठंडी हो रही थी तो मैंने अपना लंड बुर से निकालकर उनकी गाण्ड में डाल दिया और पेलने लगा। वे चुपचाप चुदवा रही थी। मैं चरम पर पहुँच गया और स्पीड बढ़ा दी।
मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ!
तो उन्होंने कहा- मैं तेरा वीर्य पीना चाहती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है!

फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे साफ किया और उनके मुँह में डाल दिया। वे मजे चूसने लगी। फिर मैंने उनका सर पकड़ा और उनके मुँह में ही धक्के लगाने लगा। मेरे लण्ड के उनके गले में फ़ंसने से उनकी आँखों में आँसू आ गए पर उन्होंने मुझे रोका नहीं। मैं तेजी से झड़ा और उनका गला तर कर दिया। हम काफ़ी थक चुके थे। मैंने दोनों के कपड़े उठाए और वाशिंग मशीन में डाल दिए। फिर आकर बिस्तर पर नंगा ही लेट गया। वे भी आई और मेरे बगल में नंगी लेट गई।

कुछ देर उन्होंने एक बार और करने की इच्छा जाहिर की, पर मैंने कहा- आज नहीं! फ़िर कभी!

सच में वे एक नंबर की चुदक्कड़ थी। जाते जाते उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें किरण आंटी ने मेरे बारे में बताया था। और उन्हीं के कहने पर उन्होंने यह सब स्वांग रचा। वे तीन दिनों तक रोज आई और रोज दो बार चुदाई करवाई।

वे अकसर मुझे अपने यहाँ बुलाती भी हैं। उनकी सास को हमारे संबंधों के बारे में पता है पर वे कुछ नहीं बोलती। शायद यह उनकी लाचारी है या फिर बहू की सेवा। Antarvasna

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