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Massage Girl in West Champaran: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Champaran who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Champaran that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Champaran massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Champaran who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Champaran massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Champaran massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Champaran who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Champaran employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Champaran helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Champaran

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Champaran at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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नमस्कार दोस्तो व भाईयो, Antarvasna

आप लोगों के आशीर्वाद और मुस्कान Antarvasna भाभी की दया और प्यार से मैं चोदना सीख गया, पर अभी तक सिर्फ तीन उंगली से उसकी बुर को और लंड से उसकी मुँह को चोदा था। पर दूसरे दिन उसने बुर की चुदाई सिखानी थी। दूसरे दिन उसने मुझे सारा काम जल्दी निपटाने को कहा और अपनी बेटी को भी जल्दी पढ़ा लेने को कहा, क्योंकि मुझे महसूस हो चुका था कि वो साली भोंसड़ी कल से ही गरमाई हुई थी और उस छिनाल की चूत में शायद ज़ोरों की खुज़ली हो रही ती। अतः वह मेरे लंड से चुदवाने को आतुर थी। मैंने भी अपना सारा काम जल्दी कर लिया। शाम में जल्दी उसकी बेटी को पढ़ाया पर लौटते वक्त उसने धीरे से कहा- जल्दी आईएगा, मैं दरवाजा खुला रखूँगी।’

मैं रात में जब उसके घर गया तो वह अपने कमरे में सिर्फ ब्लाउज़ तथा पेटीकोट में लेटी थी। मेरे भीतर जाते ही दरवाजा बन्द कर लिया। मुझे खींच कर अपने बिस्तर पर अपने साथ लिटा लिया और मेरे कपड़े उतारने लगी।
तब मैंने कहा- क्यों भाभी जान, इतनी जल्दी क्यों? क्या बुर में ज़ोरों की खुजली हो रही है क्या? पर पहले तो मैं तेरी चूचियों को दबा-दबा कर फुलाऊँगा और तेरा दूध पीऊँगा। फिर तुम चुदवाना।

पर उसने कहा- पर मेरे प्यारे देवर राजा, देखो ना इस साली बुर को, कैसे तेरे लंड को देखते ही हर-हर करके पानी छोड़ रही है।
इतना कहकर उसने मेरे एक हाथ अपनी पेटीकोट ऊपर करके अपनी बुर पर रख दिया। मैंने देखा, आज उसकी बुर काफी चिकनी लग रही थी। उस पर झाँटें भी नहीं थीं, बुर पूरी गीली थी। मैंने भी अपनी 2 उंगली बुर के भीतर ठेल दिया और एक हाथ से उसकी चूचियाँ ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। वह आह मेरे राजा… ज़ोर से… और ज़ोर से… इस बुर में उंगली घुसाओ… आहहहह्! ओहह्ह! आआआस्स सस्सस करने लगी। अब देर मत करो, आओ, मुझे चोदो। प्लीज़ मुझे चोदो।

पर मैं उसे थोड़ा तड़पाना चाहता था और यह जानता था कि चुदाई के समय गन्दी बातें कहने से औरत की काम-वासना और तीव्र हो जाती है; अतः मैंने कहा- भोंसड़ी, साली रंडी, छिनाल, अभी भी तुझे ही अपनी बुर चुदवाने का मन करता है? पर अब तो तेरी बेटी की चुदवाने की उमर है। कभी देखी है गौर से उसकी चूचियाँ, ओह, क्या मस्त है गोल-गोल उसकी चूचियाँ! उसकी बुर भी काफ़ी मस्त होंगी। मेरे लण्ड का दिल तो तेरी बेटी की बुर पर आ गया है। साली छिनाल, पहले वादा करो कि अगली बार अपने साथ अपनी बेटी को भी मुझसे चुदवाओगी, तभी मैं तुम्हें पेलूँगा।

“हाँ मेरे राजा, उस हरामज़ादी की बुर को भी तेरी ही लंड की रंडी बनाऊँगी। अगली बार हम माँ-बेटी दोनों एक साथ तेरे लण्ड से चुदवाएँगी, पर पहले मुझसे ट्रेनिंग लेकर अपने लंड को घोड़े जैसा तो बना लो।”

“आज तेरी चूत तो चोदूँगा ही पर तेरी गांड भी मारूँगा और अपना वीर्य तेरी गांड में ही गिराऊँगा। सुना है कि गांड मरवाने में औरतों को अधिक आनन्द आता है।”

“हाँ मेरे राजा, तुझे जो-जो मन करके करना, पर पहले अपने लंड को मेरी बुर में घुसाओ, अब मत तड़पा, अब सहा नहीं जाता।” यह कहकर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और जल्दी से मेरे खड़े लंड को अपने बुर की छेद पर लगा कर धक्का दिया।

धक्का देते ही मेरा पूरा लंड एक ही बार में उसकी बुर की जड़ तक चला गया। उसने अपनी बुर को सिकोड़ने के लिए पाँव पर पाँव चढ़ा लिया- वाह…!!! आहह्ह… ओहहह! आहहह! आसस्ससस! अब चोदो मेरे राजा, अब देखूँ, कुँवारे लंड में कितनी ताक़त है। मुझे ज़ोर-ज़ोर से हुमच्च-हुमच्च कर चोदो और मेरे बुर का छेद बड़ा कर दो।’ आहहहह! ओहहहह मेरे प्यारे देवर राजा, अपने भर्तार से चुदवा-चुदवा कर इस चूत से 6 को पैदा किया, पर इतना मजा कभी नहीं आया रे, ओहहहह! सचमुच तेरे लंड ने मेरे बुर को धन्य कर दिया। अब तुम पढ़ाई के साथ चुदाई में भी दक्ष हो गए। आह, मेरे राजा, मैं तो झड़ने वाली हूँ। और ज़ोर से उछल-उछल कर चोदो।

मैं चोदने लगा और उसने मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और कहा- राजा, मैं तो गईईईईई।
वो कुछ देर में शान्त पड़ गई पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था- साली, रण्डी, भोंसड़ी, अब मैं तुझे कुतिया बनाकर तेरी गांड मारूँगा। चल मेरी प्यारी रंडी चुदक्कड़ भाभी, जल्दी से अब तुम कुतिया बन जाओ।

फिर मैं उसे पीछे घुमाकर उसकी गांड में और अपने लंड पर तेल लगाकर, उसकी गांड में घुसा दिया, पर वह चीख़ पड़ी- उईईई आआआआ, धीरे, आज पहली बार गांड मरवा रही हूँ।
पर मैंने यह सुनकर और भी ज़ोरों का झटका देकर पूरा लंड उसकी गांड में ठोंक दिया। वह चीखने लगी, पर उसका मुझ पर कोई असर न हुआ। मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बन्द कर चोदना जारी रखा। पर कुछ ही देर में वह मस्ती में आ गई, और अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी।
वह बोली कि गांड तो ज्यादा मजा देता है। फाड़ कर मेरी गांड को मेरी चूत से भी बड़ी कर दो।
पर कुछ देर में मेरा भी वीर्य निकलने वाला था, मैंने कहा- भाभीजान, मेरा भी माल निकलने वाला है, इसे तेरी गांड में ही डाल देता हूँ।

मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही डाल दिया। अब हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को जकड़े रहे। फिर उसने पानी से मेरा लंड, अपनी बुर, और गांड साफ कर दिया।
वह बोली- राजा, अभी जाने नहीं दूँगी। अभी मन नहीं भरा है।
“रानी, मैं अभी नहीं जाऊँगा।”
और मैंने सारी रात उसे चोदा। Antarvasna

हेलो दोस्तो ! Antarvasna

मेरा नाम सुरेश है और ये कहानी मेरी और मेरे विधवा Antarvasna भाभी की है। ये कहानी मेरी एक दम सच्ची है।

जब हमारे घर पर सिर्फ़ हम दोनों ही थे क्योँकि हमारे माता पिता का दो साल पहले ही निधन हो गया था और उस के एक साल के बाद मेरे भाई ने शादी कर ली और हम घर में दो से तीन हो गये। मेरा भाई अक्सर काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाता था और लौटने में काफी वक्त लगता था। मेरी भाभी एक अच्छी और सुशील लड़की थी और उन का फिगर था ३८ २८ ३८ । जब वो चलती थी तो उन की गांड देख कर हर कोई यही चाहता था कि उन की गांड मारे।

शादी के ६ महीने बाद मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया और वो उस एक्सीडेंट में मर गया और उस कारण भाभी थोडी से पागल सी हो गई थी और अब घर की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी। मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ कर नौकरी करना शुरू किया और देखते ही देखते मैंने भाभी का इलाज कर लिया और वो अब ठीक हो गई थी और फिर भाभी के घर वालों ने भाभी की दूसरी शादी की बात की तो भाभी ने मना कर दिया क्योँकि वो जानती थी कि अगर उन्होंने दूसरी शादी की तो मैं अकेला रह जाउंगा और इस वजह से उन्होंने दूसरी शादी नहीं की और हम लोग हसी खुशी रहने लगे।

पर एक दिन जब मैं जब काम से लौटा तो मैंने दरवाज़ा खुला पाया और जैसे मैंने अन्दर जाकर देखा तो भाभी कपड़े धो रही थी और उन की साड़ी काफ़ी ऊपर तक उठी हुई है और उन की सारे कपड़े भीग गए थे जिस से उनकी अंदर की ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी और जैसे ही मैंने उन की ब्रा देखी, मैंने देखा कि भाभी एक दम लो कट ब्लाउज़ पहने है और उनके बूब्स भी दिख रहे है, तो उसी वक्त मेरे लंड खड़ा हो गया

मैंने अपने रूम में जाकर उसे ठीक किया और फिर भाभी को आवाज़ लगा कर कहा कि चलो कहीं घूम कर आते है। वो राजी हो गई। हम लोग ट्रेन से गए। लौटते समय ट्रेन में काफी भीड़ थी, जिस के कारण मैंने भाभी को सामने किया और मैं उनके पीछे खड़ा हो गया और कुछ देर बाद मुझे किसी ने धक्का मारा, जिस के कारण मैं उन के करीब हो गया इतना करीब कि मेरा लण्ड उनकी गांड को हौले से टच करने लगा। उन्होंने ये महसूस किया और जैसे ही मेंने पीछे हटने की कोशिश की तो वो भी पीछे हट रही थी। मेंने सोचा कि शायद भीड़ के कारण वो पीछे हटी होंगी पर जब हम लोग घर पहुंचे तो मैंने महसूस किया कि भाभी का आज रंग कुछ बदला है और उन की चाल भी कुछ बदली हुई है।

और फिर हम लोग खाना खा कर अपने अपने रूम में चले गए पर रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी जिस से मैंने टीवी रूम में बैठ कर टीवी चालू किया और टीवी देखने लगा। टीवी की आवाज़ सुनकर भाभी भी वहां आ गई और पूछा कि क्या तुम्हे नींद नहीं आ रही है जैसे ही मैंने उन को देखा तो मेरा लण्ड एक खंभे की तरह खड़ा हो गया क्योँकि उन्होंने एक दम मलमल जैसी पतली नाईटी पहन रखी थी जिसमें से उनकी ब्रा और उन की पैन्टी भी एक दम साफ़ दिखाई दे रही थी।

ये देख कर मेरा लण्ड अब फ़ड़फ़ड़ाने लगा था। जैसे ही वो मेरे पास आई और सोफे पर बैठे हुए उन्होंने कहा कि इतनी सर्दी में तुम्हें पसीने छूट रहे हैं तो मैंने डर गया और अपनी नज़र हटा ली।। हाथ मेरे लण्ड पर रख लिए और फिर कुछ नहीं कहा पर मेरी नज़र उनके बूब्स पर ही थी।

कुछ देर बाद भाभी ने मुझे कहा कि उन के सारे बदन में दर्द हो रहा है और उनको मालिश करनी है तो मुझ से पूछा कि क्या कोई है जिसे तुम जानते हो तो मैंने कहा कि नहीं पर मुझे मालिश करनी आती है तो वो पहले मुस्कुराई और कहा कि अच्छा और मेरे करीब आ गई और मुझे कहा कि क्या तुम मेरी मालिश करोगे?

तो मैंने हाँ में सर हिलाया और फिर वो मुझे अपने रूम में ले गई और लेट गई और कहा कि चलो अब मेरी मालिश करो मैंने पहले उन के पैर से शुरू किया ५ मिनट और फिर मैंने उन से कहा कि क्यों न आप अपनी गाऊन उतार दें, तो उन्होंने झट से उसे उतार दिया। अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी और मैंने उन को ऐसे पहली बार देखा था और फिर मैंने तेल की बोटेल ली और उन की पीठ पर लगाना शुरू किया कुछ देर मालिश करने के बाद मेंने भाभी से कहा कि आप की ये ब्रा मुझे चुभ रही है तो उन्होंने कहा कि इसे भी खोल दो, तो मैने उसे भी खोल दिया और फ़िर मैंने भाभी को पीठ के बल लेटने को कहा जैसे ही उन्होंने करवट ली तो उनकी नज़र मेरे तने हुए लण्ड पर पड़ी तो उन्होंने कहा कि सुरेश ये क्या है तो मैने कहा कि ये मेरा हथियार है जैसा भाई के पास था बिल्कुल वैसे ही।

तो भाभी ने कहा कि चलो मैं अब अपनी पैंटी उतारती हूं और तुम अपना ये शोर्ट उतारो, तो मैंने पहले मना कर दिया पर भाभी ने कहा कि मैंने तो अपनी ब्रा और पैंटी उतारने में तो कुछ नही कहा और तुम सिर्फ़ अपना शोर्ट उतरने के लिए इतना सोच रहे हो। तो मैंने कहा की आप मेरी भाभी है तो उन्होंने कहा कि चलो आज से तुम मुझे मेरे नाम से बुलाना और उन का नाम पिंकी था और फिर उन के इतना कहने के बाद मैंने अपना शोर्ट उतार दिया।

जैसे ही मैंने अपना शोर्ट उतारा तो वो मेरे लण्ड को देख कर दंग रह गई और कहा कि तुम्हारा लण्ड तो वाकई बहुत बड़ा है उन्होंने पूछा कि ये कितना लंबा है तो मैंने कहा कि ये ९ इंच का है तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे भाई का तो सिर्फ़ ५ इंच का था उन्होंने ख़ुद कहा था।

अब भाभी और मैं एक दम नंगे थे और फिर भाभी मेरे लण्ड को घूर रही थी और मैं उन की चूत को घूर रहा था। फिर भाभी ने कहा कि अब मेरे बूब्स की मालिश करो मैं उनके बूब्स को दबाने लगा था और भाभी ने मेरा लण्ड अपने हाथ में ले लिया और उस को सहलाने लगी और मुझे भी मज़ा आने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपना सारा माल उन के हाथ और उन के बूब्स पर गिरा दिया। मैंने उन को सॉरी कहा पर उन्होंने कुछ नही कहा और जो मेरा माल गिरा था वो उसे चाटने लगी और बड़े मज़े से चाटने लगी। मेरे सामने ही अपनी चूत में ऊँगली डाल कर रगड़ने करने लगी और मुझे देखने लगी और वो कुछ अजीब सी आवाजें निकल ने लगी आआ ऊऊओ ईईए फिर कुछ देर बाद उन की चूत में से भी पानी निकल गया और वो शांत हो गई।

फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी! मैं सोने जा रहा हूं तो उन्होंने कहा कि मैंने तुम को कहा कि तुम मुझे नाम से बुलाना तो मेंने उनको नाम से बुलाना शुरू किया। फिर मैं अपने रूम में चला गया और जब सुबह को उठा तो मैंने देखा कि रात की उस सेक्स मसाज़ की वजह से मेरा लण्ड काफी बड़ा हो गया था मैंने सोंचा कि चलो अब पिंकी किचन में होगी तो मैंने कुछ नही पहना और किचन की ओर चला गया। देखा तो पिंकी वहीं थी।

जैसे ही उन्होंने मुझे देखा तो कहा कि तेरा लण्ड तो रात से भी ज्यादा बड़ा हो गया है। तो मैंने कहा कि ये सब आप ही मेहरबानी है तो वो हंसने लगी और कहा कि क्या तुम भी वही चाहते हो जो मैं चाहती हूं?

तो मैंने कहा कि इस के बारे में बाद में बात करते हैं और मैं बाथरूम में गया और कुछ देर बाद भाभी को आवाज़ लगाई। मैंने कहा कि पिंकी ज़रा साबुन देना। तो वो समझ गई और अपने सारे कपड़े उतार कर बाथरूम में आ गई और कहा कि आज हम दोनों मिल कर नहाएंगे। तो मैंने कहा कि ठीक है और उन्होंने साबुन अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू किया और मैं उनको देखने लगा। उन्होंने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि मैं आप के…… आप के बूब्स और गाण्ड को देख रहा हूं, मुझे ये बड़े मस्त लगते है। तो उन्होंने कहा कि क्या तुम इन्हे छूना चाहते हो क्या तो मैंने हामी में सर हिलाया और वो मेरे करीब आइ और मेरे लण्ड को अपने हाथ में लिया और मुझे उनके बूब्स को दबाने को कहा।

और मैंने उन के बूब्स को दबाना शुरू किया और उनकी गांड को सहलाना शुरू किया। वाह दोस्तो, क्या गाण्ड एक दम सॉफ्ट। और मैंने देखा उनकी फ़ुद्दी पर एक भी बाल नही था। मेंने उन के बूब्स को मुँह में ले लिया और उन की फ़ुद्दी को अपनी हाथ से रगड़ने लगा और वो जोश में आकर आआऊऊश ह्श्श्श्श् कर ने लगी। तो मैं उन को बेडरूम में ले गया और उनको लिटा दिया और उन के बूब्स को चूसने लगा और उन की फ़ुद्दी को अपनी ऊँगली से चोदने लगा। फिर उन्होंने कहा कि सुरेश मेरी चूत को चाटो तो मैंने उनकी फुद्दी को चाटना शुरू किया, वो अभी जोश में आ गई और जोर से कराहने लगी आआऊऊ श्श्श्श्श्स ईई ऊऊ और चाटो और चाटो कह रही थी।

१० मिनट चाटने के बाद उन्होंने कहा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मैंने कहा कि मैं आप का रस पीना चाहता हूं। इतना कहा ही था कि वो झड़ गई और मैंने उनका सारा रस पी लिया और फिर मैंने उनको उठाया और मेरा लण्ड उनके मुँह में दे दिया और उनको चूसने को कहा। उन्होंने खूब चूसा और अच्छा चूसा। १० मिनट के बाद जब मैंने उनसे कहा कि मैं झड़ने वाला हूं तो उन्होंने कहा कि मैं भी तुम्हारा वीर्य पीना चाहती हूं और मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुँह में झाड दिया और उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर हम एक दूसरे से लिपट कर सोये रहे।

फिर ५ मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने उन से कहा कि चलो अब मैं तुम्हारी चूत मारता हूं और उन को लिटा दिया और उनकी फ़ुद्दी के द्वार पर मेरा लण्ड रखा और एक धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी में चला गया और वो दर्द के कारण चिल्लाई और मैंने उन से पूछा कि क्या आप को दर्द हो रहा है? तो उनहोने कहा की मेरी फ़ुद्दी ने ७ महीने से लण्ड नही खाया न इसीलिए दर्द हो रहा है। मैंने अपना काम जारी रखा और फिर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उन की चूत में घुस गया और मैंने देखा कि उन की फुद्दी में से खून निकल रहा है तो मैंने कहा कि तु्म्हारी फुद्दी में से खून निकल रहा है तो उन्होंने कहा कि तु्म्हारा लण्ड इतना बड़ा है न।

और फिर मैंने धक्के लगाना चालू किया और कुछ धक्के मरने के बाद उनको भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत मरवा रही थी और फी ऊऊ श्श्श्शसह म्म्म्म्म्म और कह रही थी कि और डालो और डालो और डालो सुरेश, मेरी फुद्दी को फाड़ दो मेरी फुद्दी को फाड़ दो और हमारी ये चुदाई ४० मिनट तक चलती रही और बाद उन्होंने कहा कि अब बस करो पर मैं कहाँ मानने वाला था फिर उस के १० मिनट के बाद मेंने उन से कहा कि में झड़ने वाला हूं तो उन्होंने कहा कि मेरी फुद्दी में झाड दो और मैंने उन की फ़ुद्दी में झड़ गया और उन के ऊपर लेट गया. फिर हम दोनों वैसे ही लेटे रहे और फिर हमने पूरा दिन कम से कम ८ बार चुदाई की और फिर रात को भी हमने चुदाई की। अब भाभी मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है और मैंने उन से शादी कर ली.Antarvasna

लेकिन मुझे इस संबंध में बहुत सारे ईमेल आये जिसमें पाठकों ने कहा था कि वे मेरी कहानियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
इसलिए मुझसे भी रुका न गया और मैंने फिर से अपनी चुदाई की कहानी लिखना शुरू किया।

तो फ्रेंड्स, शादी के बाद मैंने चुदाई के खूब मजे लिए हैं, मेरे पति ने मुझे जमकर चोदा है।
मुझे कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी।

मेरे पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं इसलिए काम के कारण कई दिनों तक भी शहर के बाहर रह जाते हैं।

जितने दिन वो घर पर नहीं होते हैं, मेरी चूत को लंड भी नहीं मिल पाता है और मैं तड़प जाती हूं।

मेरी आज की हॉट अंकल Xx कहानी इसी बारे में है।

बात तब की है जब हमारे घर के बगल वाले घर में एक परिवार रहने के लिए आया था।
उस फैमिली में एक अंकल, आंटी और उनका बेटा था।

वो अंकल वन विभाग में काम किया करते थे।
जॉब के चलते उनका ट्रांसफर होता रहता था और अब वो हमारे साथ वाले घर में आकर रह रहे थे। हमारी छतें मिली हुई थी.
उनका बेटा एक बैंक में काम करता था।

चूंकि वो हमारे पड़ोसी थे तो धीरे-धीरे बातचीत भी होने लगी; धीरे-धीरे आपस में आना-जाना भी होने लगा।

ऐसे ही एक दिन मैं छत पर सुबह-सुबह जल्दी कपड़े सुखाने चली गई।
मैंने देखा कि अंकल और उनका बेटा दोनों वहां योग, एक्सरसाइज वैगरह कर रहे थे।

मेरी नजर उन पर पड़ी तो हट नहीं पाई।
दोनों ने बदन पर बस शॉर्ट्स डाले हुए थे।

उन दोनों की छाती नंगी थी और जांघें भी नंगी थीं।
मेरा ध्यान कपड़े सुखाने में कम और उनके शरीर पर ज्यादा लगा हुआ था।

पांच मिनट बाद उनका बेटा उठा और ऑफिस का बोलकर वहां से चला गया।

मेरी नज़र बार-बार अंकल की तरफ ही जा रही थी।

कुछ देर बाद शायद अंकल ने मुझे देखा होगा तो उन्होंने मुझे गुड मॉर्निंग बोलकर विश किया।
मैंने भी मुस्कराते हुए उन्हें गुड मॉर्निंग विश की।

वो बोले- रोमा, आज इतनी सुबह-सुबह तुम यहाँ छत पर?
मैने कहा- हाँ अंकल, आज सुबह ही कपड़े धुल गए थे तो मैं इन्हें सुखाने के लिए तार पर डालने चली आई। आप क्या रोज इसी तरह यहाँ योग और एक्सरसाइज करते हैं?
(माफ करना दोस्तो, मैंने आप लोगों को अंकल का नाम नहीं बताया, अंकल का नाम अशोक राठौर था.)

अशोक अंकल- हाँ, मैं और मेरा बेटा, हम दोनों ही रोज सुबह योग और एक्सरसाइज करते हैं। ये हमारी दिनचर्या का हिस्सा है।
मैं- अंकल, आप की उम्र क्या होगी?
अशोक अंकल- मैं 48 साल का हूँ।

मैं- आपको देख कर लगता नही अंकल कि आप 48 साल के होंगे।
अशोक अंकल- क्या लगता है तुम्हें, मेरी उम्र क्या होगी?
मैं- यही कोई 38-40 साल की।

अशोक अंकल- नहीं, मैं 48 का ही हूँ। मेरा बेटा 25 साल का हो गया है। मैंने अपने आपको शुरू से ही काफी मेंटेन किया हुआ है योग और एक्सरसाइज करके, यही मैं अपने बेटे को भी सिखाता आ रहा हूँ।
मैं- सच में आप 48 के तो लगते ही नहीं हो।
अशोक अंकल- ठीक है, चलो तुम्हारी बात भी मान लेते हैं। अब मैं भी चलता हूँ, मुझे ऑफिस जाना है।

अंकल का गठीला बदन अब मेरी आंखों में बस गया था, मेरी चूत में आग लग गई थी।

मैं नीचे आकर अपने कमरे में आई तो पति सो रहे थे।
मैंने उनको सहलाकर जगाया और चोदने के लिए गर्म किया।

पति गर्म हो गए और उनका मूड भी अपनी प्यासी बीवी की चुदाई करने का बन गया।
वो मुझे नीचे लिटाकर मेरे ऊपर चढ़ गए।
लंड चूत में अंदर बाहर होने लगा तो मुझे बहुत मजा आने लगा।

मगर यहां चुदाई मेरे पति कर रहे थे और मैं ख्यालों में अंकल को सोच रही थी कि वो ही मुझे चोद रहे हैं।
उनके गठीले बदन को याद कर चुदने में और ज्यादा रस मिल रहा था मेरी चूत को!

अंकल के लंड को मैं कल्पना में ही सोच रही थी कि बदन इतना गठीला है तो लंड भी कितना मस्त होगा उनका!

कुछ दिन बाद मेरे हस्बेंड को अपने ऑफिस के काम से कहीं जाना पड़ गया।
कुछ दिन तो मेरे बिना चुदाई करवाए निकल गए लेकिन फिर मेरी चुदाई की वासना बढ़ने लगी।

अब मेरा मन मचलने लगा था।
रह-रहकर अब मेरे अंदर चुदाई की प्यास जग रही थी।
मुझे बस अब किसी का लंड चाहिए था।

तो फिर अब मेरे अंदर अंकल से चुदने का ख्याल आने लगा।

एक दिन मैं कुछ काम से अंकल के घर गई तो उनके घर का दरवाजा खुला हुआ ही था और अंदर से कुछ आवाजें आ रही थीं जो चुदाई की लग रही थीं।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था।

मैंने किसी तरह की आवाज किए बिना आगे कदम बढ़ाए।
आवाजें अंकल के कमरे से ही आ रही थीं।

मैं दबे पैर कमरे के पास गई और देखा तो कमरे का दरवाजा भी खुला हुआ था।
अंदर का नज़ारा देख मेरे होश उड़ गए।

अंकल-आंटी आपस में बहुत ही जबरदस्त चूमा चाटी कर रहे थे और दोनों बहुत ही रोमांटिक मूड में थे।

यह देख मुझे तो वहाँ से चले जाना चाहिए था लेकिन मुझे मजा आने लगा।
ऊपर से मेरे अंदर अंकल का लंड देखने की प्यास भी लगी थी।

अंकल-आंटी पूरे नंगे थे।
इस तरह उन्हें पूरा नंगा देख मुझे उत्तेजना हो रही थी।

इधर मेरी भी चूत गीली होने लगी थी।

अंकल का मुंह आंटी की तरफ था तो अंकल की मुझे सिर्फ गांड ही दिख रही थी, अंकल का क्या गठीला शरीर था, एकदम मस्त! आंटी नीचे बैठ कर उनका लंड चूस रही थी।

कुछ देर बाद आंटी ने कहा- चलो अब चोदो मुझे!
तो अंकल कहने लगे- इतनी भी क्या जल्दी है! अभी मजे तो लेने दो!

फिर अंकल ने आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगे।
मुझे अभी तक अंकल के लंड के दर्शन नहीं हुए थे।

कुछ देर बाद अंकल ने आंटी की चुदाई चालू कर दी।
दोनों खूब मजे ले कर चुदाई कर रहे थे।

इधर मेरी चूत भी पूरी गीली हो चुकी थी।
मैं भी अपनी साड़ी उठाकर अपनी चूत को रगड़ने लगी।
चुदाई देख कर मुझे मज़ा आने लगा था।

कुछ देर बाद अंकल आंटी की चुदाई पूरी हो गई।
फिर जैसे ही अंकल मेरी तरफ मुड़े, मुझे उनके लंड के दर्शन हुए।

लंड काफी बड़ा था लेकिन अब वो कुछ ढीला हो गया था।
मगर ढीला होने के बाद भी लंड साइज में काफी बड़ा और मोटा था।

अंकल कमरे से बाहर आने के लिए दरवाजे की तरफ आये और मैं दरवाजे पर ही साड़ी ऊपर उठाए हुए चूत को रगड़ रही थी।

जैसे ही अंकल की नज़र मुझ पर पड़ी, मैंने भी उनको देख लिया और मैं तुरंत वहां से भागी।
जब मैं घर आई तो मेरी सांसें फूल रही थीं और मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।

मैं थोड़ी घबरा गई थी क्योंकि मुझे अंकल ने देख लिया था।
अब क्या होगा ये सोचते हुए मैं बिस्तर पर लेट गई और थोड़ा रिलेक्स होने की कोशिश करने लगी।
फिर सोचने लगी कि अब मैं अंकल के सामने कभी नहीं जाऊंगी, और उनसे नज़रें भी नहीं मिलाऊंगी।

मगर फिर मैंने सोचा कि इसमें मेरी क्या गलती थी।
अगर वो लोग दरवाजा बंद किए बना चुदाई कर रहे थे तो इसमें उनकी ही गलती है।
मेरी जगह कोई और होता तो वो भी देख ही लेता।

वैसे भी लाइव चुदाई देखने का मौका कौन छोड़ता है।

फिर मैं तीन-चार दिन तक अंकल के घर नहीं गई, न ही उनसे मैंने नजरें मिलाईं।

कई दिन बाद छत पर अंकल-आंटी बैठे हुए चाय पी रहे थे।
मुझे देखकर उन्होंने चाय पीने का न्यौता दिया।

मैं बोली- नहीं, आप लोग पीजिए, मैं बस छत पर घूमने आई हूं, मौसम बहुत अच्छा है।

अंकल बोले- हां, मौसम तो है ही मस्त, इसलिए मैं और तुम्हारी आंटी यहां चाय पीने का मजा ले रहे हैं।

कुछ देर बाद आंटी वहाँ से चली गई.

तो अंकल ने मुझे बुलाया और पूछा- उस दिन तुम कुछ काम से आई थी क्या? फिर बिना कुछ बोले ही भाग गई?
ये सुन कर मैं घबरा गई।

मैं बोली- हां, आंटी से कुछ काम था।
अंकल बोले- तो क्या तुमने हमें सब कुछ करते हुए देख लिया था?

अंकल बहुत खुलकर सवाल कर रहे थे और मैं पसीना पसीना हो रही थी शर्म से!
फिर किसी तरह मैंने भी हिम्मत की और बोली- हां, मैंने आप लोगों को वो सब करते हुए देखा था। आप तो काफी स्टेमिना रखते हो। बहुत देर से मैं देख रही थी।

अंकल बोले- ओह्ह, तभी तो तुम चूत रगड़ने लगीं थी! लगता है कि तुम्हारी चूत ने पानी भी छोड़ दिया होगा।
मैंने भी हां में सिर हिला दिया।

धीरे-धीरे अंकल और मैं अब खुल गए और हमने खुलकर बातें कीं।
अब हम दोनों हंस रहे थे।

इतने में ही आंटी वहां आ गईं।
तभी अंकल ने बात को घुमा दिया।

अंकल से सेक्स की बात करने के बाद मेरी अब चूत चुदवाने की इच्छा और ज्यादा तीव्र हो गई थी।
मैंने सोच लिया था कि जैसे ही मौका मिलेगा, मैं अंकल से चुदाई करवा लूंगी।

अब मेरा ध्यान अंकल में रहने लगा था।

अगली सुबह मैं जानबूझकर कपड़े सुखाने छत पर गई।

रोज की तरह अंकल और उनका बेटा वहां योग-व्यायाम कर रहे थे।
मैं उन दोनों को बहाने से देखने लगी।
दोनों ने सिर्फ शॉर्ट्स पहन रखे थे।

कुछ देर बाद अंकल की नजर भी मेरे ऊपर गई।
मैंने पहले ही साड़ी को अपनी नाभि से नीचे बांध लिया था ताकि अंकल मेरी पतली कमर का नजारा ले सकें।

मैंने जानबूझकर ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी ताकि चूचियों की शेप और निप्पलों का आकार अंकल को सही से दिख जाए।
मैं अब ध्यान दे रही थी कि अंकल अब मेरी ओर ज्यादा देख रहे थे और अपने व्यायाम पर कम ध्यान दे रहे थे।

कुछ ही देर बाद मैंने नोटिस किया कि अंकल का लंड टाइट हो गया था।
उनके शॉर्ट्स में से लंड नजर भी आने लगा था।

अंकल अब जानबूझकर अपने लंड के आसपास सहला रहे थे और देख रहे थे कि मेरी नजर भी उनके लंड पर है या नहीं!

इधर मैं भी अंकल की हरकतों को पूरे ध्यान से देख रही थी।
अंकल का लंड पूरा टाइट होकर अब तना हुआ अलग से दिखने लगा था।

हम दोनों अब एक दूसरे को पूरी लाइन दे रहे थे।
दोनों के मन में ही शायद चुदाई का ख्याल चल रहा था।

कुछ देर बाद उनका बेटा उठकर चला गया।
मैं भी इसी पल के इंतजार में थी।

बेटे के जाते ही अंकल ने मुझे आवाज देकर पास बुला लिया।

पास पहुंची तो उन्होंने गुड मॉर्निंग कहा और मैंने भी जवाब दिया।

फिर वो बोले- क्या कर रही हो?
मैंने कहा- कपड़े सुखाने आई थी अंकल!
वो बोले- लेकिन यहां तो कुछ गीला हो गया रोमा!
कहकर अंकल ने अपने लंड को सहला दिया।

मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया और मैं मुस्करा कर हंसने लगी।
फिर वो बोले- कल की बात अधूरी रह गई थी।

मैंने कहा- कौन सी बात अंकल? (मुझे अच्छी तरह याद था कि कल चुदाई की बात हुई थी, लेकिन फिर भी मैं जानबूझकर अनजान बन रही थी)

वो बोले- वही बात, जब तुमने मुझे और तुम्हारी आंटी को चुदाई करते हुए देख लिया था!

मैंने शर्माते हुए कहा- तो अंकल जब कोई दरवाजा खोलकर बिना किसी की परवाह किए ऐसे चुदाई करेगा तो सामने वाले की नजर कैसे नहीं जाएगी! वैसे भी आपका बदन इतना गठीला और जवान लगता है कि मैं भी देखने से रोक नहीं पाई। आपको देखकर तो मेरी भी (चूत) गीली हो गई थी।

इस बात पर वो हँस दिए।

फिर बोले- तो कैसा लगा तुम्हें वो सब देखकर?
मैंने कहा- बहुत अच्छा, बड़ा मजा आ रहा था आप दोनों की चुदाई देखकर! जब आंटी की दोनों टांगें आप कंधों पर रखवाकर जोर-जोर से शॉट मार रहे थे, और आंटी मजे लेकर चुद रही थी तो बहुत मजा आ रहा था। लेकिन …

इतना कहकर मैं रुक गई।

अंकल बोले- लेकिन क्या …
मैंने कहा- कुछ नहीं।

वो बोले- बताओ ना रोमा … ऐसी कौन सी बात है जो छुपा रही हो!
मैं बोली- अंकल … मैंने आपकी पूरी चुदाई देख ली, लेकिन लंड नहीं देख पाई। मुझे बस आपके चूतड़ ही दिख रहे थे। तभी आप मेरी ओर मुड़ गए थे और मैं वहां से भाग आयी थी।

अंकल इस बात पर हंसने लगे।
फिर उन्होंने जो किया, मुझे उस पर यकीन नहीं हुआ।
उन्होंने यहां-वहां देखा और एकदम से अपने शार्ट्स को नीचे खींच दिया।

उनका लंड एकदम से फनफना रहा था।
मैं लंड देखकर जैसे सुन्न सी हो गई।
फिर मैं साथ ही घबरा भी गई।

वो बोले- डरो नहीं, कोई नहीं है देखने वाला … आराम से देख लो!

अंकल का लंड देखकर मेरे मुंह में पानी आने लगा।
लंड बड़ा ही दमदार, मोटा और एकदम से सख्त था।

इससे पहले मैं कुछ बोलती, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे नीचे खींच लिया और एक हाथ से मुझे आगोश में समाते हुए मेरा हाथ अपने लंड पर रखवा दिया।

उनके लंड को छूते ही मेरे बदन में करंट दौड़ गया।
लंड एकदम से रॉड जैसा सख्त हो गया था।

लेकिन मैं बहुत घबरा रही थी और उठने लगी।
वो बोले- अरे कहां भाग रही हो, कोई नहीं है यहां, तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा क्या इसे छूकर? देखो कैसे तड़प रहा है तुम्हारे लिए!
मुझे अंकल का लंड पकड़ने में बड़ा मजा आ रहा था लेकिन मैं कुछ कह नहीं रही थी।

फिर उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करना शुरू किया।
मैं भी अंकल के लंड पर हाथ ऊपर नीचे चलाने लगी।

इससे अंकल को भी मजा आने लगा और वो आहें भरने लगे।

मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
डर तो बहुत लग रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था।

मैं और जोर जोर से अंकल का लंड हिलाने लगी।
उनकी सिसकारियां तेज हो गईं।

वो अब कहने लगे- आह्ह … रोमा … क्या नर्म हाथ हैं तुम्हारे, और जोर से चलाओ हाथ … आह्ह … हाय … मेरी जान!
अंकल का हाथ मेरी पीठ पर से होता हुआ दूसरी तरफ मेरी चूची तक पहुंच कर उसे दबाने की कोशिश कर रहा था।
मेरा भी मन कर रहा था कि ब्लाउज उतार कर अंकल से यहीं चूचियां भिंचवा लूं लेकिन छत पर इतना रिस्क नहीं ले सकती थी।

दो मिनट के बाद ही अंकल के लंड ने माल फेंक दिया और मेरा पूरा हाथ उनके वीर्य में सन गया।

अंकल ने जल्दी से पास पड़े हैंड टावल से मेरा हाथ पौंछा और अपना लंड भी साफ कर लिया।
मैं भी फटाक से वहां से उठी और बाल्टी उठाकर नीचे आ गई।

मेरी चूत में पानी आ गया था।
मुझे चूत में गीलापन बिना हाथ लगाए ही महसूस हो गया था।
अब चूत को लंड लेने की खुजली मची थी।

मैंने उसे फिर टेबल पर लिटाया, उसकी चूत गीली और गर्म मेरे सामने तड़प रही थी। “काव्या, अब फिर जंगली चुदाई,” मैंने हाँफते हुए कहा। मैंने उसकी जाँघें चौड़ी कीं, मेरा सख्त लंड उसकी चूत में घुसा, और मैंने जोर-जोर से धक्के मारे। वो सिसकारी भरी, “हाय राम सर, अहह, और तेज चोदो, मेरी चूत आपकी!” टेबल हिल रहा था, मेरे हाथ उसके उभारों को मसल रहे थे, मेरा लंड उसकी चूत को चोद-चोद कर तपा रहा था। वो तड़प रही थी, “हाय सर, अहह, और तेज, मुझे अपनी रंडी बनाओ!” मैंने रफ्तार बढ़ाई, मेरे धक्के गहरे और जंगली हो गए, और उसकी सिस्कारियाँ लैब में गूँज रही थीं। “काव्या, तेरा सुख, मार्क्स पक्के,” मैंने हाँफते हुए कहा। वो फिर झड़ गई, उसकी चूत ने मेरे लंड को भिगो दिया। मैंने उसे घुटनों पर बिठाया, “अब तेरा मुंह चोदूंगा,” मैंने कहा। उसने मासूमियत से मुंह खोला, मेरा लंड उसके गर्म मुंह में गया, मैंने जोर-जोर से धक्के मारे, और वो सिसकारी भरी, “हाय सर, अहह!” मेरा लंड फट पड़ा, मैं उसके मुंह में झड़ गया, और हमारी साँसें उमड़ पड़ीं। बारिश धीमी पड़ी, काव्या मेरे सीने से लिपटी। “हाय सर, अहह, मेरी पहली बार चुदाई, मार्क्स मिले, आपका लंड मेरा,” उसने शरारत से कहा। “काव्या, मार्क्स पक्के, तेरी चूत मेरी आग,” मैंने हाँफते हुए जवाब दिया। सुबह बारिश रुकी, काव्या ने फुसफुसाया, “हाय सर, अहह, हर रात मेरी चूत चोदना।” जयपुर की उस लैब की रात, काव्या की मासूमियt, शरारत, और चुदाई की तड़प मेरे लंड और दिल में धधकती रही। यदि आपको मेरी यह असली कहानी पसंद आई, तो आप मुझे ram.sir6969@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

आप ने पढ़ा

मैं इन्ही सोचो मे गुम था कि खाला कुछ देर बाद रूम मे एंटर हुई… मैने जब खाला की तरफ देखा तो देखता ही रह गया.. .क्योंकि खाला जो लग रही थी ना.. कमाल लग रही थी. खाला ने वाइट कपड़े पहने हुए थे.. रेशमी कपड़े थे ट्रॅन्स्परेंट टाइप के.. खाला का ब्रा भी सॉफ ऑर क्लियर नज़र आ रहा.. ब्रा तो छोड़ो मुझे खाला का पूरा जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था.. ऑर उपर से खाला का गीला जिस्म…. वो रेशमी कपड़े भी खाला के जिस्म से चिपके हुए थे….

मेरी नज़रें तो जैसे खाला से चिपक गई थी.. खाला ने मेरी नज़रो को समझा तो खाला बोली.. अयान,,,,,, क्या देख रहे हो..

अब आगे…

मैं सटपटा गया ऑर बोला: खाला आप बहुत प्यारी लग रही हो..

खाला: अच्छा मैं कैसे प्यारी लग रही हूँ. अभी तो मैं तैयार भी नही हुई..

मैं: खाला आप इन कपड़ो मे बहुत प्यारी लग रही हो.. ये कलर आप पर बहुत सूट कर रहा है.. मगर एक प्राब्लम है..

खाला: प्राब्लम???? केसी प्राब्लम ऑर खाला अपना कपड़ों की तरफ देखने लगी….

मैं: ये कपड़े बहुत ट्रॅन्स्परेंट हैं… सब कुछ नज़र आ रहा है..

खाला: क्या नज़र आ रहा है….. सिर्फ़ ब्रा ही नज़र आ रही है ना.. ऑर ब्रा तो तुम पहले ही देख चुके हो.. ऑर ब्रा से काफ़ी एंजाय भी कर चुके हो..

मैने शरम के मारे सिर झुका लिया ऑर खाला हँसने लगी….

फिर खाला मेरे पास आ कर बेड पर लेट गई.. ओर मैं खाला को देखता रहा ऑर खाला मुझे देखती रही..

मैं बेड पर खाला के साथ लेटा हुआ था. पर हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे.

खाला: यार मैं तो बहुत ज़्यादा थक गई हूँ.

मैं: खाला आप थोड़ा रेस्ट कर लो. आज आप ने अकेले ही सारे घर का काम किया है. थकना तो लाज़मी था.

खाला: ह्म्म मुझे हल्की हल्की नींद आ रही है.

खाला: अयान, जान एक काम करो गे..

मैं: जी,, बोलो.

खाला: जान ज़रा मेरा सिर दबा दो. सिर मे बहुत दर्द हो रहा है.

मैने कहा ठीक है. मैं खाला के सिरहाने बैठ गया ऑर उनका सिर दबाने लगा..

खाला की आँखें खुमार था. उन्हे नींद आ रही थी. मैने खाला की आँखे मे देखा तो उनकी आँखे लाल हो रही थी.

मैं: खाला मैं आप का सिर दबा रहा हूँ.. आप सो जाओ..

खाला के फेस पर हल्की सी स्माइल आई ऑर उन्होने मेरे हाथ पकड़ कर उस पे किस की..

खाला: थॅंक्स मेरी जान..

मैने खाला के गाल पर एक किस की. तो खाला ने मुझे एक स्माइल पास की ओर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली.

मैं उनका सिर दबा रहा था. तक़रीबन 10 मिंट तक मैं खाला का सिर दबाता रहा.

फिर मैने खाला को हल्की सी आवाज़ दी… खाला… खाला….

खाला ने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया. मैं समझ गया कि वो सो गई है.

मैं भी उनके साथ ही लेट गया ऑर लेटे लेटे उनका सिर दबाने लगा… सिर दबाते दबाते मुझे पता नही क्या हुआ ऑर मैं खाला के फोर्हेड पर हाथ फेरने लगा..

फोर्हेड पर हाथ फेरने के बाद मैने डरते डरते खाला के फोर्हेड पर किस कर दी..

मुझे डर भी लग रहा के कहीं वो जाग ना जाए.

जब मैने उनके फोर्हेड पर किस की तो मैने एक दम से उनके फेस की तरफ देखा.. मगर उनका फेस उसी तरह नॉर्मल था.

मुझे यक़ीन हो गया कि खाला सच मे सो रही है.. क्योंकि ऐसा हो ही नही सकता कि एक लड़की जाग रही हो. ऑर एक लड़का उसके इतने क़रीब हो एक दूसरे की गरम गरम साँसे आपस में मिल रही हों ऑर लड़की के फेस एक्सप्रेशन्स चेंज ना हो.

मैने अपना यक़ीन पक्का करने के लिए खाला के गाल पर किस की…

खाला को कुछ भी फील नही हो रहा था. अब मुझे पक्का यक़ीन हो गया कि वो सो रही हैं.

मैं उनके पास ही लेट गया ऑर उनको देखने लगा.. मेरी खाला सोते हुए बहुत प्यारी लग रही थी. बहुत मासूम सी..मुझे अपनी खाला पर बहुत प्यार आ रहा था.. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई परी उड़ते उड़ते थक गई हो ऑर फिर वो नींद की आगोश मे चली गई हो..

मेरी खाला बहुत खूबसूरत थी या फिर शायद मेरे प्यार की नज़र मे वो दुनिया की सब से हसीन लड़की थी..

खाला के बारे मे सेक्स फीलिंग्स से पहले भी मेरी खाला मेरे लिए ऐसी ही थी. बहुत प्यारी मेरी दोस्त भी ऑर खाला भी… बट सेक्स फीलिंग्स के बाद तो वो मुझे ऑर भी प्यारी लग रही थी..

मैं खाला को सोते हुए देख रहा था. ऑर सोच रहा था कि काअस्स्स्स्शह अगर ये मेरी खाला ना होती तो मैं इन से शादी कर लेता….

ये सोचते सोचते एक ख़याल आया कि क्या हुआ अगर शादी नही हो सकती तो… शादी वाले काम तो हो सकते हैं ना… ये ख़याल आते ही मेरे फेस पर एक स्माइल आ गई..

मैने खाला के राइट गाल पर हाथ रखा ओर उनके सॉफ्ट सॉफ्ट गाल फील करने लगा… मैं उनके फेस पर हाथ फेरने लगा.. तब मेरी नज़र उनके लिप्स पे पड़ी.. उनके पतले पतले गुलाबी होन्ट बहुत अच्छे लग रहे थे.. मैने अपनी एक उंगली उनके लिप्स पर टच की ऑर देखा के खाला को कुछ भी फील नही हुआ तो उस से मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैं खाला के लिप्स पर अपनी उंगली मूव करने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. दिल कर रहा था कि अभी उनके होंठो का सारा रस चूस लूँ.. मगर डर भी तो लग रहा था..

मैं अपने जज़्बात पर क़ाबू नही कर पाया ऑर मैं ने अपना सिर उपर उठा कर अपने लिप्स उनके लिप्स पर एक या 2 सेकेंड के लिए रख दिए.

जिस से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैं एक दम से सीधा हो कर लेट गया..

खाला ने नींद मे ही हरकत की थी. ऑर मेरे उपर हाथ रख दिया. एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद खाला जाग गई है. मगर मेरा अंदाज़ा ग़लत साबित हुआ. खाला सो रही थी ऑर ये हरकत भी उन्होने नींद मे की थी…
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अब खाला का हाथ मेरे उपर था. ऑर खाला ने मेरी तरफ करवट ली हुई थी. मैने खाला का हाथ अपने उपर पड़े रहने दिया ऑर खाला के उपर हाथ रख दिया ऑर उनको हग कर लिया.

जब मैने खाला को हग किया तो उनके बूब्स मेरे साथ टच हो रहे थे. मैं थोड़ा सा पीछे हुआ ऑर उनके बूब्स को देखने लगा..

उनके 36 साइज़ के बूब्स ब्लॅक ब्रा मे क़ैद बहुत खूबसूरत लग रहे थे.. मैने खाला की आँखो की तरफ देखा तो वो तो गहरी नींद मे थी ऑर सो रही थी..

मैं थोड़ा सा उपर हुआ ऑर खाला के लिप पर हल्की सी किस की.. जब कोई रेस्पॉन्स ना मिला तो मैं आहिस्ता आहिस्ता खाला के लिप्स पर किस करने लगा… मेरी ये किस ज़्यादा से ज़्यादा 3 सेकेंड की होती थी…. क्योंकि मुझे डर भी था कि कहीं खाला उठा ना जाएँ.. जब मैने कोई 10 बार किस कर ली तो मैने अपनी ज़ुबान निकाल कर खाला के लिप्स से टच की…

मुझे अब ज़ुबान टच करते हुए मज़ा आ रहा था. ऑर उधर मेरा लंड खड़ा हो गया था….

मैने लेग्स पर खाला का दुपट्टा लपेटा हुआ था.. जिस से मेरा खड़ा लंड साफ तोर पर नज़र आ रहा था…

मैं अब लंड को सुलाने की फिकर मे लग गया ऑर अब मेरा मूठ मारने का कोई इरादा भी नही था. क्योंकि मैं सुबह से 2 बार मूठ मार चुका था……

मैं खाला के साथ लेट गया ऑर अपना सिर उनके सीने पर रख दिया.. खाला की हार्ट बीट मुझे सुनाई दे रही थी…. मैने खाला को टाइट हग किया ऑर उनके जिस्म की खुश्बू को सूंघने लगा.. मुझे उनकी खुश्बू से कुछ कुछ होने लगा..

मैं एक बार फिर थोड़ा सा पीछे हुआ… ऑर खाला के बूब्स को देखने लगा… मैने हिम्मत कर के खाला के बूब्स के उपर हाथ रख ही दिया ऑर अपनी आँखे क्लोज़ कर ली..

मैं ये ज़ाहिर कर रहा था कि मैं सो रहा हूँ.. मगर दूसरी तरफ से कोई हरकत ना हुई….. मैने हिम्मत कर के खाला के एक बूब को हल्का सा दबाया. मेरे दबाने से खाला के जिस्म मे हल्की सी हरकत हुई तो मैने अपनी आँखे बंद कर दी… खाला ने अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा ऑर मेरी बंद आँखो को देख कर खाला समझी कि मैं सो रहा हूँ. तो खाला ने मुझे हग कर लिया ऑर मेरा सिर अपने सीने पर रख दिया…मेरा फेस उनकी कमीज़ के गले के उपर नंगे सीने पर था…

मैं उनके जिस्म को स्मेल करने लगा….. उनके जिस्म को स्मेल करते करते मुझ पर भी नींद छाने लगी ऑर मैं भी खाला को हग कर के नींद की आगोश मे चला गया

मैं जब खाला के साथ चिपक कर सोया हुआ था तो उस टाइम 1 बज रहा था.. मैं तक़रीबन 2 घंटे सोया था तो मेरी आँख खुल गई थी…. मैने खाला की तरफ देखा तो वो अभी तक सो रही थी.. शायद वो बहुत ज़्यादा थक गई थी……

मैने वॉल क्लॉक पर टाइम देखा तो 3:30 हो रहे थे.. मगर मुझे रूम मे कुछ अंधेरा अंधेरा सा लगा.. दोपहेर का टाइम था ऑर रूम की लाइट तो ऑफ थी.. मगर दिन के टाइम धूप की वजह से रूम मे रोशनी होती है.. मुझे वो रोशनी कम लग रही थी..

मैं रूम से बाहर निकला ऑर सहन मे आ कर देखा तो आसमान पर बादल छाए हुए थे ऑर ठंडी हवा चल रही थी.. मौसम बहुत प्यारा हो गया था ओर बारिश होने के आसार थे… मैं सहन मे ही चारपाई पर बैठ कर हवा को एंजाय करने लगा..

मैं कुछ देर वहाँ बैठा रहा तो माइंड मे ख़याल आया कि क्यू ना खाला को भी उठा दिया जाए ता कि वो भी मोसम एंजाय कर सके….. ये सोचते ही मैं रूम की तरफ गया, खाला अभी भी सो रही थी.. मुझे उन पर बहुत प्यार आया ऑर मैने झुक कर खाला के गाल पर एक किस की.. ऑर उनको हल्का सा हिलाया..

खाला ने नींद मे एक करवट ली ऑर आहिस्ता आहिस्ता अपनी आँखे खोल दी.. पहले तो वो कुछ देर नींद की खुमारी मे रही.. मैने एक बार फिर से आवाज़ दी तो खाला नींद की खुमारी से बाहर निकली ओर मुझे अपने सामने खड़ा हुआ पाया.. उन्होने मुझे देख कर एक स्माइल पास की ऑर मेरी तरफ देख कर बोली:

खाला: क्या हुआ जान, मुझे क्यू जगा दिया..

मैं: खाला, देखो बाहर इतना प्यारा मोसम हो रहा है.. चलो बाहर चल कर एंजाय करते हैं

खाला: नही यार मुझे नींद आ रही है..

मैं: ओहो खाला अब उठ तो गई हो.. चलो ना बाहर जा कर बैठ ते हैं…

ये बोल कर मैने खाला का हाथ पकड़ा ऑर उनको बाहर ले आया.. खाला बाहर निकली तो उनको भी मोसम बहुत अच्छा लगा…

खाला: अयान, रियली यार मोसम तो बहुत अच्छा हो रहा है..

मैं: हाँ जी इसी लिए तो आप को जगाया है मैं ने..

खाला: अयान क्यो ना आज आइस क्रीम खाने चलें…

मैं: हाँ, हाँ चलो… क्यू नही..

खाला ने कहा ओके मैं तैयार हो कर आती हूँ. ऑर ये बोल कर वो कपबोर्ड से कपड़े निकालने चली गई ऑर कपड़े ले कर निकली तो नहाने के लिए चली गई..

जब खाला नहा कर निकली तो मैने खाला से कहा कि आप हल्का सा मेकप भी कर लो.. खाला ने स्माइल पास की ऑर बोली…. क्यू जी, मैं मेकप क्यू कर लूँ…

मैने कहा कि मेकप मे अच्छी लगो गी..

खाला: तो क्या मैं मेकप के बिना अच्छी नही लगती..

मैं: खाला जान, ये बात नही है.. आप मेकप करो या ना करो.. आप तो मुझे दुनिया की सब से हसीन लड़की लगती हो.. आप बहुत अच्छी लगती हो मुझे.. आइ लव यू खाला

खाला: अच्छााआअ,,, ऐसी क्या बात है मुझ मे..

मैं: ज़रूरी तो नही है कि अच्छा लगने के लिए कोई वजह हो.. बिना किसी वजह के ही आप मुझे अच्छी लगती हो..

खाला: अच्छा ये बताओ, तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगता है,???????

मैं खाला की बात सुन कर थोड़ा सा सटपटा गया कि अब क्या जवाब दूं खाला को…

मैने एक मिंट के लिए सोचा ऑर बोला: मुझे आप का सब कुछ बहुत अच्छा लगता है…

खाला: सब कुछ मे क्या क्या?????

वो शायद मुझे टीज़ करने का प्रोग्राम बनाए बैठी थी..

मैं: सब कुछ मे तो सब कुछ आ जाता है ना.. आप के बालों, आँखे, चीक्स एट्सेटरा एट्सेटरा

खाला: ऑर क्या क्या????

मैं: शरमाते हुए.. सब कुछ ना

ओर मैं उठ कर वॉशरूम जाने लगा तो खाला ने मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर मुझसे बोली…

खाला: तुम ऐसे नही जा सकते,,,, पहले मेरी बात का जवाब दो….

मैं: अंजान बनते हुए,, कौनसी बात का…??????

खाला: यही कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है..????

मैं: बताया तो है कि मुझे आप का सब कुछ अच्छा लगता है.. बल्कि आप मुझे पूरी की पूरी अच्छी लगती हो…

खाला: यही तो मैं पूछ रही हूँ कि क्या क्या अच्छा लगता है….

खाला ने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था.. ऑर वो मेरी तरफ देखते हुए हल्के गुस्से से बोली..

देखो अयान तंग ना करो ऑर सच सच बोलो कि तुम्हे मुझ मे क्या क्या अच्छा लगता है.. वरना मैं नाराज़ हो जाउन्गी…

मैं: देखो खाला…. मुझे आप के बाल बहुत अच्छे लगते हैं.. आप के सिल्की सिल्की बाल मुझे बहुत अच्छे लगते हैं ऑर जब आप नहा कर बाहर निकलती हो तो मुझे आपके बालों की स्मेल बहुत अच्छी लगती है..
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खाला शायद अपनी पूरी तारीफ सुन,ने के मूड मे थी.. वो मुस्कुराते हुए..

खाला: ऑर….????

मैं: मुझे आप की आँखे भी बहुत अच्छी लगती है.. जब आप नहा कर निकलती हो तो आप की आँखे लाल होती हैं.. बिल्कुल ऐसा लगता है कि आप नशे मे हो.. ऑर इन नशीली आँखों मे डूब जाने को दिल करता है..

मैं एक फिल्मी हीरो की तरफ फिल्म के डाइयलोग मार रहा था ऑर खाला मेरा डाइयलोग सुन कर हँसने लगी… ऑर पूछा..

खाला: अच्छा ऑर भी बताओ ना..

मैं: अगर ऑर बताया तो आप नाराज़ हो जाओगी …

खाला: अरे नही नाराज़ होती..

मैं: प्रॉमिस…?????

खाला: अरे य्ाआआरररर,,, चलो प्रॉमिस बाबा…

ये बोल कर खाला ने मेरी तरफ दूसरा भी हाथ बढ़ाया ऑर मैने उनका हाथ पकड़ लिया..

मैं: खाला मुझे आप के ये पतले पतले होन्ट (लिप्स) बहुत अच्छे लगते हैं..

खाला के फेस एक मासूम मुस्कुराहट आई..

खाला: क्यू ऐसा क्या है मेरा होंठो मे..

मैं: खाला पता नही बस मुझे आप के ये होन्ट बहुत अच्छे लगते हैं… दिल करता है कि इनको भी एक बार किस करूँ….

खाला ने मेरी बात सुनी तो बहुत हैरान हुई.. ऑर फिर प्यार भरे अंदाज़ मे बोली:

खाला: तो क्या हुआ अगर तुम चाहते हो तो तुम किस भी कर सकती हो.. तुम तो मेरी जान हो..

मैं: शरमाते हुए.. नही खाला बस छोड़ो , मैं तो ऐसे ही बोल रहा था..

खाला: नही…… अब तो तुम मुझे मेरे लिप्स पर किस करो गे….

ऑर ये बोल कर खाला ने अपना फेस मेरे फेस के बिल्कुल क़रीब कर लिया ऑर बोली: लो,,,, किस करो इनको…

मैने आज से पहले कभी किसी लड़की को किस नही की थी.. ये मेरी फर्स्ट किस थी जो मैं अभी करने वाला था..

मेरा गला खुश्क हो गया था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे के सेहरा ( रेगिस्तान ) मे भागता रहा हूँ ऑर बहुत प्यास लगी है.. मैं अपने लिप्स पर ज़ुबान फेरने लगा..

दिल तो कर रहा था कि अभी खाला के होंठो का सारा रस चूस लूँ मगर पता नही क्यू,, मुझ मे हिम्मत नही हो रही थी…..

मैं तो खुद भी यही चाहता था कि खाला के लिप्स को चूसू मगर अब जब खाला खुद मुझे बोल रही थी तो मुझ से नही हो पा रहा था.. मैने बहुत हिम्मत पैदा करने की कोशिश की मगर नही कर पाया…

खाला मेरी तरफ देखते हुए बोली: अरे क्या देख रहे हो.. अभी तो बोल रहे थे कि किस करना चाहते हो.. ऑर अब, जब कि मैं खुद तुम्हे बोल रही हूँ तो तुम नही कर रहे हो…

खाला: चलो मैं अपनी आँखे बंद कर लेती हूँ फिर तुम मुझे किस करो..

ये बोल कर खाला ने अपनी आँखे बंद कर ली… मैने हिम्मत की ऑर खाला के लिप्स के क़रीब अपने लिप्स ले कर गया.. ऑर खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रख कर एक दम से हटा दिए.. कोई 2 सेकेंड तक के लिए मैने लिप्स रखे थे..

खाला ने झट से अपनी आँखें खोली ऑर मुझे कहा: ये क्या????????

मैने कुछ नही कहा क्योंकि मेरी तो आवाज़ ही नही निकल रही थी..

खाला ने मेरी हालत को नोट किया ऑर मेरा हाथ पकड़ कर रूम मे ले आई, ऑर मुझे बेड पर बिठा दिया ऑर खुद मेरे साथ ही बैठ गई…. खाला ने बहुत प्यार भरे अंदाज़ मेरे बालों मे उंगलियाँ मूव की ऑर बोली…

खाला: तुम्हे तो किस करना भी नही आती.. क्या पहले कभी किसी को किस नही की…

मैं: मैने अपना सिर नही मे हिला कर इनकार किया..

खाला: तो पहले नही की तो क्या हुआ.. आगे तो कोई ना कोई गर्ल फ्रेंड तुम्हे मिल जाए गी तो उसको तो करोगे ना…

मैने सिर उठा कर खाला की तरफ देखा मगर मुँह से कुछ नही बोला..

खाला: चलो मैं तुम्हे किस करना सिखाती हूँ..

मैं: नही खाला अभी नही… फिर कभी.. क्योंकि सोचने ऑर रियल मे करने मे बहुत फ़र्क़ होता है.. ऑर जब कि आप का फर्स्ट टाइम हो तो फिर आप कुछ कर ही नही सकते….

खाला: नही अभी ही…

मैने थोड़ी बहुत बहस की मगर फिर खामोश हो गया.. खाला मेरी खामोशी को समझ गई ऑर मेरा हाथ पकड़ के अपने क़रीब किया…

खाला ने मेरे दोनो हाथ पकड़ के अपनी कमर पर रखे ऑर अपने दोनो हाथ मेरी कमर पर रखे…

वो अपने फेस को मेरे क़रीब लाती गई ऑर मुझे पसीना आ रहा था.. खाला मेरी आँखे मे देखती देखती अपने फेस को स्लोली स्लोली मेरे फेस के क़रीब ला रही थी..

खाला की साँसे मुझे फील होने लगी थी ऑर मेरे बॉडी टेंपॅरेचर हाइ होने लगा था.. नीचे शलवार मे हल्की हल्की सी हरकत होने लगी थी..

खाला अपने लिप्स को मेरे लिप्स के क़रीब लाई…

ऑर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए.

खाला ने जैसे ही मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखे. मैने अपनी आँखे क्लोज़ कर लीं.

खाला को भी शायद ठीक तरह से किस्सिंग नही आती थी. वो अपने लिप्स को मेरे लिप्स पर स्लोली स्लोली रगड रही थी.. हम दोनो की आँखे बंद थी. वो कभी मेरे अपर लिप को अपने लिप्स मे ले कर चूस्ति ऑर कभी मेरे लोवर लीप को.. मैने अपनी आँखे एक लम्हे के लिए खोली तो देखा कि खाला की आँखे क्लोज़ थी… मुझ पर अब सेक्स का नशा चढ़ने लगा था.

नीचे शलवार मे मेरे लंड साहिब पूरी तरह खड़े हो गये थे. ऑर मेरा लंड खाला की थाइस को टच कर रहा था.. ये पहली बार ऐसा हुआ था क्य जागते हुए मेरा लंड खाला से टच हो रहा था.. उन्होने भी मेरे खड़े लंड को महसूस कर लिया ऑर थोड़ा क़रीब हो गई.

मैं खाला की थाइस से अपने लंड को रगड़ने लगा जिसकी वजह से मुझ पर मुकम्मल तौर् पर सेक्स का नशा छा गया.

मुझे किस्सिंग करनी तो नही आती थी मगर जो कुछ पॉर्न मूवीस मे देखा वोही अप्लाइ करने का सोचा..

मैं भी खाला के लिप्स पर अपने लिप्स रगड़ने लगा उधर वो भी मुकम्मल तौर पर मेरा साथ दे रही थी…. मैने खाला के अपर लिप्स को अपने लिप्स मे लिया ऑर चूसने लगा… मेरी इस हरकत पर खाला ने भी मुझे जल्दी जल्दी किस्सिंग स्टार्ट कर दी..

मेरा लंड मुकम्मल तौर पे खड़ा हो गया था ऑर मैं खाला की थाइस से अपना लंड मुसलसल रगड़ रहा था..

खाला ने मेरी कमर से एक हाथ हटाया ऑर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी लेग्स के बीच मे पुश कर दिया.. इसके बाद उन्होने फिर से मेरी कमर पर हाथ रखे ऑर मेरी कमर को अपनी तरफ पुश करने लगी.. मैने भी अपना लंड खाला के लेग्स के बीच मे पुश किया जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत को लगने लगा..

मैं अपना लंड बार बार खाला के लेग्स के बीच मे पुश करता.. ऑर खाला के लिप्स को चूस्ता रहा. फिर मैने अपनी ज़ुबान से खाला के मुँह पर दस्तक दी…. पहले तो खाला नही समझी.. मगर जब मैने अपनी ज़ुबान खाला के मुँह मे पुश करने लगा तो खाला ने अपना मुँह खोल दिया. ऑर मैं अपनी ज़ुबान उनके मुँह के अंदर मूव करने लगा… मेरे मुँह का थूक खाला के मुँह मे जा रहा था ऑर उनके मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था…

मेरा लंड खाला की चूत को टच हो रहा था. मैं अपने लंड को बार बार उनकी लेग्स के अंदर पुश कर रहा था… जब मेरा लंड खाला की चूत के एंड वाले हिस्से पर लगा तो खाला ने अपनी लेग्स बंद कर ली…. ऑर मेरे लंड को अपनी चूत पर टाइट कर लिया…..

किस करते करते मुझे ऐसा फील हुआ कि शायद मेरा लंड हल्का हल्का गीला हो रहा है.. मैं समझा कि शायद मैं फारिघ् हो गया हूँ…

मगर मेरा लंड अभी भी टाइट था ऑर खाला की लेग्स आहिस्ता आहिस्ता ओपन होने लगी ऑर खाला की साँसे तेज होने लगी.

कहानी जारी रहेगी………….

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