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Massage Girl in West Champaran: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Champaran who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Champaran that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Champaran massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Champaran who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Champaran massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Champaran massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Champaran who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Champaran employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Champaran helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Champaran

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Champaran at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

प्रेषक : रणवीर Hindi Sex Stories

मेरा नाम रणवीर, मैं इंदौर का रहने Hindi Sex Stories वाला हूँ। मैंने अपनी सामने रहने वाली रिया से अपने प्यार का इज़हार किया। शायद वो भी मुझे प्यार करती थी, हम दोनों फ़ोन पर ही प्यार की बातें करते थे।

एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था, उसका फ़ोन आया और उसने मुझे घर पर आने को कहा। उसके घरवाले तीन दिन के लिए भोपाल गए थे। मैं समझ गया कि आज तो मेरी जिन्दगी का पहला मौका आ ही गया सेक्स करने का !

मैं मस्त नहा कर, दूसरों की नज़रें बचाकर रिया के घर पहुँच गया। रिया भी नहा कर मेरा इंतज़ार कर रही थी। मैं उसके पहुँचने के बाद उसके कमरे में गया। रिया ने पीले रंग का सलवार-कमीज़ पहना था। वो अपने बाल संवार रही थी, उसने मुझे देख कर बैठने को कहा बाहर हॉल में !

मैं उसका इन्तज़ार कर रहा था, रिया मेरे लिए पानी लेकर आई, मैंने पानी पिया। फिर वो मेरे पास बैठ गई, हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे। फिर मैंने हिम्मत करके रिया का हाथ पकड़ लिया।

रिया बोली- दूर क्यों बैठे हो ? मेरे पास आकर बैठो !

मैं रिया से बिल्कुल चिपक कर बैठ गया। अचानक रिया से मुझे चूमना चालू कर दिया, मैं भी उसका साथ देना लगा। उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगीं। मैं उसके स्तन ऊपर से ही सहलाने लगा। उसके मुँह से अहह्ह्ह्ह्हह की सिसकरियाँ निकलने लगीं। मैंने अपना हाथ नीचे की तरफ़ खिसकाना शुरू किया, मेरे दिल की धड़कनें बढती ही जा रहीं थीं। मैंने अपना हाथ अब उसकी सलवार के अन्दर घुसा दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।

रिया अब बिल्कुल गरम हो चुकी थी, वो अब सेक्स के लिए बेकरार थी। मैंने उसका सलवार-कुर्ता उतार दिया। अब रिया केवल ब्रा और पैंटी में ही थी। गुलाबी रंग की ब्रा-पैंटी में वह बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसकी बोबे ब्रा में से निकलने को बेताब हो रहे थे। मैंने उसकी ब्रा को अलग किया। रिया के दोनों दूध अलग हो गए। रिया के बोबे कठोर हो रहे थे। मैंने जैसे ही रिया के बोबे के निप्पल को मुँह में लेकर चूसा, उसकी सिसकारी निकल गई।

रिया ने भी अब अपना हाथ मेरे पैंट के अन्दर डाल दिया। मैं उसकी चुचियों को पागलों की तरह चूस रहा था। उसने अपने हाथ से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी योनि का एक चुम्बन लिया, रिया पागलों की तरह चिल्ला उठी। मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया। रिया अपनी चूत को अपने हाथों से छुपा रही थी, उसे शरम आ रही थी। मैंने उसके हाथों को हटा कर उसकी चूत को जैसे ही देखा मैं हैरान रह गया। गुलाबी रंग की चूत बिना बालों के बड़ी ही सुंदर लग रही थी। मैंने उसके जिस्म को पैरों से लेकर उसके होठों तक बड़ी ही जोश से चूमा, कोई भी अंग और जगह खाली नहीं बची होगी, जहाँ मैंने उसे नहीं चूमा हो।

अब रिया बोली- प्लीज़ जल्दी करो, मेरे बदन में आग लग रही है !

मैं बोला- मेरी जान ऐसी भी क्या जल्दी है। पहले मुझे तुम्हारी चूत को चूसने तो दो।

और मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया। रिया के मुँह से जोर-जोर की सिसकारियाँ निकल रहीं थीं- हाय ये क्या कर रहे हो ? मेरे तो आआ उस्स्स्स्स्स ………. स्स्स्स्स्स् .. धीरे … प्लीज़… दर्द हो रहाआआआ है… उईए… म्माआआआ…. आआआहह….. रुक्ककक….. जाओ…..

मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।

रिया बोली- प्लीज़ अब मुझे मत तरसाओ, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में घुसा दो।

मैं बोला- अभी नहीं डार्लिंग… अभी तो मज़ा आया है। मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर जैसे ही अन्दर बाहर किया, उसने मेरा सिर अपने हाथों से ज़ोर से पकड़ कर अपनी जांघों से जोरों से दबा लिया और उसकी चूत से पानी निकलने लगा, रिया झड़ने वाली थी।

मैं रुक गया और बोला- अब तुम मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसो।

रिया शरमाने लगी, पर वो मान गई और मुँह में मेरा लंड लेकर चूसने लगी। उसने काफी देर तक मेरा लंड चूसा और मैं अपने एक हाथ की ऊँगली उसकी चूत में करने लगा। उसके मुंह से फुच्च-फुच्च की आवाज़ आ रही थी। अब मैं अपना लंड उसके मुंह से निकाल कर उसके चूत की फाँकों पर रगड़ने लगा, रिया के मुँह से सिसकरियाँ निकल रहीं थीं। रिया पागल हो रही थी चुदने के लिए।

मैंने अपने लंड का टोपा चूत पर रख कर थोड़ा सा धक्का लगाया, उसकी चूत ने पूरा लंड अंदर ले लिया, रिया की चीख निकल गई और वह बोली- हाय मैं मर गई, प्लीज़ बाहर निकालो !

मैं बोला- अभी एक मिनट में दर्द बन्द हो जाएगा और तुम्हें मज़ा आने लगेगा।

अब मैंने थोड़ा सा लंड और अन्दर किया, रिया चिल्लाने लगी, बोली,”प्लीज़ बाहर निकाल लो, नहीं तो मर जाऊँगी ! रुक जाओ प्लीज़ ! दर्द हो रहा है, अभी इतना ही अंदर डाल कर चोदो मुझे।”

उसकी सील टूट चुकी थी और वो अब मेरा लंड अपनी चूत में आराम से अंदर ले रही थी। मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया। दो-तीन मिनटों में उसका दर्द जब कुछ कम हुआ तो उसे मज़ा आने लगा। वो बोली,”थोड़ा और अंदर डाल कर और तेज़ी… से चोदो… मुझे !”

मैंने थोड़ा और अंदर दबाया तो मेरा लंड उसकी चूत में ४” तक घुस गया। मैं अपनी गति को बढ़ाते हुए उसे चोदने लगा। वो अपना चूतड़ आगे-पीछे करते हुए मेरा साथ दे रही थी। पाँच मिनट तक चोदने के बाद वो बहुत ज्यादा जोश में आ गई। मैंने अपना पूरा लंड एक ही बार में उसकी चूत में धकेल दिया, रिया को बहुत दर्द हुआ और उसकी चूत से खून भी निकल आया। वो डरने लगी पर खून ज़ल्दी ही बंद हो गया।

अब मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए अब रिया को मज़ा आने लगा और वो भी अपने चूतडों को हिला-हिला कर मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से बड़ी ही मादक-मादक आवाजें निकल रहीं थीं। रिया कहने लगी- प्लीज़ ज़ोर से धक्का लगाओ और सारा लंड अन्दर कर दो, बड़ा ही मज़ा आ रहा है।

मैंने अब अपना सारा ६ इंच का लंड उसकी चूत के अन्दर घुसा दिया। रिया के मुंह से स्स्स्स्स्स्स्स आह आह्ह्ह उस्सुसुसू जैसी मादक आवाजें निकाल रही थी। मैंने अब रिया की चूत में से अपना लंड निकाल कर उसको घोड़ी स्टाईल में खड़ा कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया और धक्के मारने लगा। उसको और मज़ा आने लगा। उसके चूतड़ मुझे बहुत ही आनंद दे रहे थे। २ मिनट में ही वो अपनी चूतड़ उठा-उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।

रिया बोली- मुझे कुछ हो रहा है। लगता है मेरी चूत से पानी निकलने वाला है। खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ।”

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।

वो बोली, “आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ” उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लंड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग २० मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो भी ३ बार झड़ चुकी थी। लंड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।

उस दिन मैंने उसे ६ बार चोदा और जब कभी मौका मिलता उसे चोदता हूँ। Hindi Sex Stories

Antarvasna Stories

मेरा नाम अजय है मैं Antarvasna Stories दिल्ली का रहने वाला हूँ, उम्र 24 साल है और दिखने में भी अच्छा हूँ। लंबाई 5 फुट 8 इंच है, मेरा लंड 6 इंच लम्बा है और 2.5 इंच मोटा है, कसरती बदन है, रंग साफ और इंजीनियरिंग का छात्र हूँ।

मैं आज आपके सामने अपनी पहली कहानी पेश करने जा रहा हूँ।

बात उस समय की है जब मेरे बड़े भाई की नई-नई शादी हुई थी। जब मैंने भाभी को पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। मेरी भाभी का फिगर 34-30-36 है। वो बहुत अधिक सेक्सी लगती हैं। मगर कभी कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई.

सभी मेहमान शादी के एक दो दिन बाद तक जा चुके थे लेकिन मेरी चचेरी बहन नहीं गई थी। भाभी और मैं आपस में बात करने लगे।

ऐसे ही एक महीना निकल गया। मुझे नहीं पता था कि भाभी भी मुझे पहले दिन से ही पसंद करती हैं। उन्होंने बाद में मुझे बताई।

सर्दी का मौसम था, उन दिनों काफ़ी ठंड थी। एक दिन वो बीमार पड़ गईं। करीब एक हफ्ते तक मैं ही उन्हें दवाई दिलाने ले जाता रहा और एक दिन घर पर कुछ मेहमान आ गए। जगह कम होने की वजह से मैं, मेरा छोटा भाई और भाभी एक साथ सो गए।

रात को एक बजे मेरी आँख खुली तो देखा भाभी को ठंड लग रही है, तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
उन्होंने कहा- ठंड लग रही है।
तो मैंने अपनी रज़ाई भी उन्हें ही ओढ़ा दी और खुद भी उनके साथ सो गया।

अचानक उन्होंने अपना सिर मेरे बाजू पर रख दिया, तो मुझे तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई हो, लेकिन कुछ नहीं कर पाया ऐसे ही दो हफ्ते निकल गए। अब मेरी चचेरी बहन भी चली गई और हम घर पर अकेले रह गए।

एक दिन घर पर कोई नहीं था। मैं और मेरी भाभी बात कर रहे थे, मैंने भाभी से पूछा- भाभी शादी से पहले आपकी कोई फ्रेंडशिप थी..?
तो उन्होंने कहा- नहीं..!
तभी भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
तो मैंने कहा- है तो भाभी!

तो उन्होंने पूछा- तुम उससे मिले भी हो या सिर्फ़ फोन पर ही बात करते हो?
तो मैंने कहा- भाभी मिल ही नहीं चुका, उसके साथ कर भी चुका हूँ.

तभी भाभी बोली- क्या कर चुके हो?
मैं थोड़ा शरमा गया, तो भाभी बोली- बोलिए ना..!
तो मैंने कहा- भाभी मैं सेक्स की बात कर रहा हूँ.

‘तुम तो बहुत शैतान हो.. मैं तो तुम्हें बहुत शरीफ समझती थी!’
भाभी के ऐसा कहने से मुझे बहुत शरम महसूस हुई और भाभी नहाने चली गई.

तो कुछ देर बाद मुझे भाभी की चीख सुनाई दी, मैंने बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर पूछा- क्या हुआ भाभी?
तो भाभी ने कहा- मैं गिर गई हूँ… मुझसे तो हिला भी नहीं जा रहा है।

तब मैंने कहा- मैं अन्दर आता हूँ.

जब मैं अन्दर गया तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। भाभी उस समय सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में ही थीं और ज़मीन पर पड़ी हुई थीं।

मैं भाभी के पास गया और उन्हें सहारा देकर उठाने लगा, तो उनसे तो उठा भी नहीं जा रहा था। मैंने उन्हें अपनी गोद में उठा कर उनके बेडरूम में ले गया।

मेरे शरीर से चिपकने के कारण उन्हें मेरे शरीर की तपिश भड़काने लगी थी। वासना के कारण उनकी आँखें लाल होने लगी थीं, यह मैंने देख लिया था, तो मैंने मौके को समझते हुए बिना देर करे हुए उनसे कहा- मैं तेल लेकर आता हूँ और आपके पूरे शरीर की मालिश कर देता हूँ..!
भाभी ने कहा- मैं खुद कर लूँगी।
मैंने कहा- मैं एक बार कर देता हूँ, फिर खुद कर लेना।
तो भाभी ने कहा- ठीक है।

मैं भी तेल ले आया और उनकी टाँग पर तेल लगा कर मालिश करने लगा। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।

मैं उनकी जांघों तक उन्हें मसलने लगा। उनकी आँखें अब बंद हो गई थीं.. कुछ देर में मैं भी उत्तेजित होने लगा था और मेरा लंड भी अब पजामे में खड़ा हुआ साफ दिखने लगा था।

मैं अपने काम में लगा हुआ था कि मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ। मैंने देखा भाभी मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही सहला रही थीं। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मुझे लगा मेरे हाथों के अपने जाँघों पर घर्षण की वजह से गरम हो गई हैं।

मैंने भी मौका न गँवाते हुए उनके ऊपर चढ़ गया और फ्रेंच किस करने लगा.. और इसमें वो भी मेरा साथ देने लगीं।
इसी बीच उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उनकी पैन्टी और ब्रा उतार दी और मैं उनके चूचों को बड़ी ही बेरहमी से चूस और दबा रहा था।

भाभी बिना कुछ बोले सिसकारियाँ लेती रहीं। फिर मैंने बिना कुछ कहे अपना लंड उनके मुँह के पास कर दिया और उन्होंने भी झट से मुँह में ले लिया और मुझे मुँह से चोदने लगीं।

कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और फिर से उनके ऊपर चढ़ कर उनकी योनि के मुँह पर अपना लंड रख दिया। उनकी चूत ऐसे दहक रही थी जैसे कि आग की भट्टी हो।

मैंने पहला झटका मारा तो 4 इंच अन्दर चला गया। मीना भाभी को बहुत दर्द हो रहा था क्यूंकि वो एक महीने से चुदी नहीं थी। मैं कुछ देर ऐसे ही रहा और उनके होंठों को अपने होठों से लगा कर चूसता रहा।

अब उनका दर्द खत्म हो रहा था। मैंने भी मौका पाकर एक धक्का मारा और जड़ तक अपना 6 इंची लंड ठोक दिया। उनकी चीख मेरे मुँह मे ही दब कर रह गई। उनकी आँखों में आँसू आ गए थे.

मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा.. उनकी चूचियों को चूमता रहा और उनके चूचुक उमेठता रहा और पीता रहा।

जब लगा कि उनका दर्द कम हो गया है और उन्होंने नीचे से कूल्हे उठाना शुरू कर दिए थे..मतलब वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं।

तो मैंने भी एक बार में पूरा लंड बाहर खींच कर वापस एक ही झटके मे पूरा ठोक दिया।

30 मिनट की ज़ोरदार चुदाई में भाभी 4 बार झड़ीं।

अब जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ.. बाहर निकालूं…?
भाभी ने कहा- नहीं अन्दर ही निकाल दो…

तो फिर 2-4 जोरदार धक्कों के बाद मैं और भाभी फिर से साथ में झड़ने लगे… और मैं उनके अन्दर ही झड़ गया, उनकी योनि को पूरा भर दिया..

इसके चुदाई के बाद मैं मौका देख कर रोज़ भाभी की चुदाई करता हूँ और हम दोनों बहुत खुश हैं.. भाई को अभी भी कुछ नहीं पता है।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी आपबीती। मैंने पहली बार लिखने की कोशिश की है। अगर मुझसे कुछ भूल हो जाए तो प्लीज माफ़ कर देना.. मुझे आपकी ई-मेल का इंतज़ार रहेगा… Antarvasna Stories

Oral Sex

शाम के सात बज रहे थे, मौसी Oral Sex ने मुझे बगल में बुला कर बिठा लिया, मैं मौसी के पास जाकर बैठ गई। रंडियों का नाच चालू था, कोठे पर भीड़ बढ़ गई थी।

मौसी बोली- 30 लड़कियाँ चुदने जा चुकी हैं। 25-30 और बच रही हैं, आठ बजे तक सब बिक जाएँगी। उसके बाद तो दूसरा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वालियाँ 10 बजे तक नाचती हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।’

तभी एक ग्राहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछने लगा। सोना, मौसी के पीछे ही बैठी थी। मौसी बोली- 5000 हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।’

‘3000 दूँगा, पुराना ग्राहक हूँ।’

‘हरामी तुझे बहुत अच्छी तरह जानती हूँ, 8 इंच लंबा लंड है तेरा, गाँड फाड़ कर रख देता है। पिछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटे तक उठ नहीं पाई थी, चल 4000 दे और ले जा इसे। सोना, गाण्ड में क्रीम लगा लियो… वरना रोएगी, यह बहुत बड़ा चोदू है। और तू जरा आदमी की तरह चोदियो, वरना घुसने नही दूँगी कोठे पर… हरामी। सोना के अभी मुझे दो राउंड और कराने हैं’

मौसी मुस्कुराई, ग्राहक भी मुस्कुराते हुई सोना को लेकर चला गया। सस्ती रंडियों ( 100 से 300 वालियों) की बिक्री राजू मुस्टंडा देख रहा था। मौसी ने उसे बुला कर पूछा- ‘कितने जमा हो गए?’

‘सस्ती वालियों में से 20 धंधे पे बैठी हैं मौसी। 30 मर्दों को निपटा चुकी हैं, 15 से चुदवा रहीं हैं। 5 उधर बैठी हुई हैं, 2 बीमार हैं। कुल 14,000 रुपये जमा हुए हैं’- राजू ने जानकारी दी।

‘टॉप पर कौन चल रही है?’

‘अंगूरी टॉप पर है, 2 बार चुदवा चुकी, 1 को निपटाने में लगी हुई है। 1200 रुपये उसी के नाम के हैं।’

‘ठीक है, आज 30000 से कम की रक़म जमा नहीं होनी चाहिए। जा धंधा देख।’

पप्पू 500 से 1000 वालियों की दलाली कर रहा था। मौसी ने उस से पूछा- धंधा कैसा चल रहा है?’

‘मौसी, 24 लौंडियाँ धंधे पे हैं, 20 बार बिक चुकी हैं, 19 अन्दर लगवा रही हैं, 5 चुदने का इंतज़ार कर रही हैं। कुल 16000 रूपये जमा हुए हैं।’- पप्पू ने उत्तर दिया।

मौसी ने नज़र लड़कियों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा- यह रेखा और सीमा आजकल कम बिक रही हैं। कल भी सालियों ने एक-एक बार ही चुदवाया था। कम से कम साली 3-4 बार तो चुदें। ये रंडीबाज़ी ठीक से नहीं कर रही हैं। कल से सस्ती वालियों में बैठाती हूँ, जब रिक्शे वाले चोदेंगे तब मज़ा आएगा इन्हें। तू आज 50000 रुपये कलेक्ट कर दियो, कुत्तियों को चाहे 8-8 बार चुदवाना पड़े।’

मौसी के पास बैठी 12 रंडियों में से 8 चुदने जा चुकी थीं। मुझे मिला कर 4 रंडियाँ बची थीं तभी वहाँ दो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझे देख कर बोले- ‘मौसी नया माल लग रहा है, कितने में दोगी?’

‘तू बता कितने में चोदेगा? पुराना ग्राहक है’- मौसी बोली

‘दो-दो हज़ार ले लेना, इसके और मोनी के!’

‘चोदू चोद तो बहुत चुका, लेकिन माल की समझ नहीं है तुझे, इसके संतरे देख ज़रा’- यह कहकर मौसी ने मेरे ब्लाउज़ का एकमात्र हुक खोल दिया।

मेरी गोल-गोल चूचियाँ फरफरा कर निकल पड़ीं। मैं एक दम से शर्मा गई, मैंने दोनों चूचियाँ अपने हाथों से छिपा लीं। मौसी डपट कर बोली- ‘हरामिन, ज्यादा नखरे किए तो यहीं सबके सामने चुदवा दूँगी मुस्टंडों से, चल हाथ हटा और मौसी ने मेरे हाथ को हटा दिया।’

अब मेरी चूचियों के दर्शन वो लड़के कर रहे थे, लड़कों के मुँह से निकल गया- ‘मौसी वाह, इसके संतरे तो बड़े लाजवाब हैं।’

मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदने का ज़ोरों से करने लगा था। मैं मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझे चुदने भेज दे इन लड़कों के साथ।

लड़के बोले- मौसी हम तो 5000 रुपये लाये हैं, इसे दे दो दो घंटे को 5000 में। हम-दोनों एक से ही काम चला लेंगे।

मौसी बोली- 10000 रुपये से कम में नहीं उठेगी। नयी रंडी है, तू कल चोद लियो इसे। तेरे बाप ने तो 20-20,000 में रंडियों को चोदा है, ज़रा चूचियाँ मसल कर तो देख इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अधिक नहीं है।’

मौसी ने मुझसे कहा- जरा खड़ी हो कर चूची मसलवाने का मज़ा ले, पुराने ग्राहक हैं, यहाँ की हर बढ़िया रंडी चोद चुके हैं।

मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल दिया। मेरे मुँह से आह… ऊह… की आवाज़ निकल गई, इसके बाद वहाँ खड़े मुस्टंडे ने उसे हटा दिया। अब दूसरे वाले ने एक हाथ से मेरी एक चूची मसली और दूसरे से मेरी दूसरी चूची की घुंडी कस कर घुमा दी, मेरी चूत पानी-पानी हो गई।

मौसी ने मुझे हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने बगल में बैठी दोनों लड़कियाँ उनकी तरफ़ बढ़ा दीं और बोली- कल तेरे लिए इसे बुक करती हूँ, अभी तू इन दोनों की चूत फाड़’- और मौसी ने वे दो रंडियाँ उन्हें सौंप दीं।

अब मैं और मोनी, दो ही लड़कियाँ मौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुरा कर बोली- मज़ा आया? देख तेरी चूचियाँ दिखा कर दोनों 2-2 हज़ार में उठा दीं, वरना साली आज 1000 में भी नही उठ रहीं थीं।

मैंने कहा- मौसी मस्ती तो बहुत आई।

डर नही मज़े कर, अभी तो तूने लौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मस्ती कर। चूत और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तू ख़ुद कहेगी कि मौसी मुझे चुदवाओ।’ मौसी ने मेरे चूतङों पे हाथ फिरा कर कहा

मौसी बोली- 6 बजे से धंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड 6-9 चलता है, दूसरा 9-11 चलता है, तीसरा 11-2 चलता है। सस्ती वालियों को छोड़, बाकी सब 1-1, 2-2 घंटे के लिये उठतीं हैं। कुछ रंडियाँ एक राउंड में 2-3 बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहीं चुदती हैं तो उसको दिन में पेलवाती हूँ। दूसरे राउंड में 7-8 रंडियों को नंगा करा के मुस्टंडों और ग्राहकों की गोद में बिठाती हूँ। मुस्टंडे और ग्राहक उनकी चूचियों और चूत की मसलाई करते हैं और रंडियाँ उनके लौड़े निकाल कर मुट्ठ मारतीं हैं, जिन्हें दूसरे ग्राहक बड़े मस्त होकर देखते हैं। आज मोनी और तुझे ग्राहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों पर बिठाऊँगी। जब वो तेरी चूचियाँ और चूत मसलेंगे, तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आधे घंटे में यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, ताकि ग्राहकों के लंड टनटनाएँ और सारी रंडियाँ जल्दी-जल्दी बिकें।’

मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में से पानी निकल गया। मौसी बोली- अब तू एक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ…’ मोनी की तरफ़ इशारा करते हुई मौसी ने कहा- मोनी, अब तो कोठे पे चुदाई का माहौल होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठे की चुदाई तो दिखा के ला।’ मेरी तरफ़ देखते हुआ मौसी ने कहा- जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी 7:30 बज रहे हैं, 8:30 बजे तक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना है मुझे।’ और इतना कह कर मौसी मुस्कुरा दी

मोनी ने मुझे साथ लिया और बोली- ‘चल घुमा कर लाती हूँ।’

सबसे पहले हम एक बड़े से हॉल में पहुँचे- वहाँ सस्ती वाली रंडियों की चुदाई हो रही थी

बग़ल में बहुत से गद्दे पड़े थे, जिन पर रंडियाँ लेटी हुईं थीं। सब मोटी और भद्दी सी थीं और कुछ रिक्शे वाले जैसे लोग उनके ऊपर चढ़े हुए थे। मोनी बोली- ‘सब की चूत भोंसड़ा हो रहीं हैं। 20-20 साल से चुदवा रहीं हैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर बुलाती हैं। सालियाँ एक दिन में 10-10 को निपटा देतीं हैं। आ पास से दिखाती हूँ।’

मैंने पास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक 50 साल का कमज़ोर सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूचियाँ पेट से चिपक रहीं थीं, बुड्ढा धक्के लगा रहा था। मोनी ने कहा- ‘जरा इस रसिया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, फिर भी यह साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।’

हम दोनों हँसते हुए आगे बढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। मोनी बोली- ‘इनमें से कई तो ऐसी हैं, अगर 10 मिनट से ज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक झपकी नींद की भी मार लेतीं हैं।’ हम दोनों खिलखिला कर हँस पड़े।

अब मोनी मुझे ऊपर वाली मंजिल पर ले गई। वहाँ कई कोठरी जैसे कमरे बने हुए थे।

इस मंजिल पर 500 से 1000 वाली चुदती थीं।
मोनी ने कहा- जितने कमरे बंद हैं, वहाँ लड़कियाँ चुद रहीं हैं, जो खुले हैं वो खाली हैं। एक कमरे में दो या दो से अधिक भी चुद सकती हैं।

मोनी बोली- हर कमरे के दरवाज़े पर एक छेद बना हुआ है, अंदर का नज़ारा देखने के लिए। आ… ज़रा झाँक कर लड़कियों की चुदाई देखते हैं।

मोनी एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसने कहा- यहाँ झाँक कर देख, मज़ा आएगा।

मैंने जब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा लेकर बड़ी मस्ती से लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा था। कुछ देर बाद लड़के ने लौड़ा मुँह से निकलवा दिया और बोला रानी ज़रा घोड़ी बनो, तुम्हारी चूत पीछे से चोदता हूँ। उसने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में घुसा दिया। लड़की के मुँह से ‘आह मर गई…’ की तेज़ आवाज़ निकली। लड़के ने कमर से पकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने जारी रखे। लड़की ज़ोरों से चिल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के ने धक्के मारना धीमा कर दिया और उस पर झुक कर उसकी चूचियाँ बेदर्दी से मसलने लगा। लेकिन रंडी चिल्लाये जा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो।

मोनी बोली- यह 1000 वाली रंडियाँ ऐक्टिंग करने में बहुत तेज़ होतीं हैं। साले का 5 इंच का ही लौड़ा है और यह कुतिया ऐसे चिल्ला रही है जैसे चूत में से बच्चा निकल रहा हो।

फिर एक और कमरे में मैंने झाँका। अंदर दो लड़के एक लड़की पर चढ़े हुए थे। लड़की सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में सटासट लंड आगे-पीछे कर उसे चोद रहा था, तो दूसरा बगल से रंडी का मुँह तिरछा कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब 2 मिनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती रही। फिर चूत में से लड़के ने लंड खींच लिया उसका लंड झड़ने वाला था। लौण्डे ने कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारे और ढेर सारा वीर्य लड़की की चूचियों पर गिरा दिया। फिर उसने अपने हाथों से लड़की की चूचियाँ कस-कस कर मसली और अपने गाढ़े लंड-रस से लड़की की मालिश कर दी। दूसरे वाले ने रंडी के मुँह से लंड निकाल लिया था। रंडी बोली तू भी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दूसरे वाले का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड से चुदवाने का करने लग रहा था। दूसरे वाले ने रंडी को घोड़ी बना दिया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल दिया था। रंडी घबरा गई बोली- ‘राजा गाँड रहने दो, चूत मार लो, बहुत दर्द होगा। आपका लौड़ा बहुत बड़ा है।’ लड़का बोला- ‘गाँड थोड़े ही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा हूँ।’ कह कर उसने अपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसे घुमाने लगा।

मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के ने ऊँगली निकाल कर एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा दिया… लड़की एक दम से चिल्ला पड़ी… ऊही… मर गई…, मर गई…। लड़के ने सटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी। रंडी के चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक आ रही थी। मोनी ने पीछे से मेरा पेटीकोट उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरे मुँह से एक दम से ‘उई… मर गई’ की आवाज़ निकल गई।

मोनी बोली- दूसरे की गाँड चुदाई देखने में बड़े मज़े आ रहे हैं। रात को जब तेरी मारी जाएगी, तब देखती हूँ।

मैंने शरमाते हुए एक मुस्कान भरी… मैंने कहा- मोनी, चुदने का अब बहुत मन कर रहा है।

मोनी बोली- चुदेगी, तू भी चुदेगी… और आज रात ही चुदेगी… और मोटे लंड से चुदेगी। मौसी तुझे ऐसे ही नही छोड़ेगी।

मोनी ने आगे बताया- ये सब रंडियाँ ठेके पर 20-20 दिनों के लिए आतीं हैं। 20 दिनों के बाद यह दूसरे कोठे पर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, ताकि कोठों की रौनक बनी रहे। केवल 5-6 ही यहाँ की परमानेंट रंडियाँ हैं। चल, अब सबसे ऊपर की मंजिल पर चलते हैं, जहाँ मँहगी वाली लड़कियाँ चुदती हैं।

ऊपर वाली मंजिल पर भी कमरे बने हुऐ थे। मोनी ने बताया कि यहाँ मँहगी वाली रंडियाँ चुदतीं हैं। यहाँ कुछ वातानुकूलित कमरे भी हैं, हर कमरे में वीडियो और टीवी है। ग्राहक xxx देखते हुए चोदते हैं। मैं अभी तक हर बार यहीं चुदी हूँ। तू भी इन्ही में से किसी एक कमरे में चुदेगी। अंदर एक कमरे में मैंने झाँक कर देखा तो एक आदमी रंडी को गोद में बिठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का गिलास लड़की के हाथ में था जिससे वह हल्की-हल्की चुस्कियाँ ले रहा था और लड़की के चूची की घुंडियों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी कमरों के छेदों से कुछ लोगो की गाँड के सिवा कुछ नही दिखा।

यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजू और कालू वहाँ चौकीदारी कर रहे थे। मुझे देखकर राजू बोला- जब से तु्म्हें देखा है, मेरा लंड तो नीचे बैठ ही नहीं रहा है रानी। चूत नही तो एक बार चूचियों का दूध तो पिला दो। इस कालू ने तो फिर भी एक बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।’

राजू की बात सुन कर मैं और मोनी हल्के से मुस्कुरा दिए। मोनी बोली- क्यों मैडम एक बार इन्हें दूध पिला दें?

मैंने कहा- चल, थोड़ा सा दूध इन्हें पिला देते हैं।

हमलोग एक खाली कमरे में आ गए। मेरी चूत चुदने को चुनमुना रही थी। मैंने अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल दिया। अब मेरे दोनों संतरे बाहर थे। मैं बोली- लो राजू, दूध पियो, तुम भी क्या याद रखोगे।

राजू ने कस-कस कर मेरी दोनों चूचियाँ एक-दूसरे से चिपका दीं और मेरी घुँडियाँ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मुझे गज़ब की मस्ती छाने लगी थी। राजू कस-कस कर मेरे दूध दबा रहा था और मेरी घुँडियाँ जम कर चूसे जा रहा था। मेरी चूत से बुरी तरह से पानी बहने लगा था।

मैंने कहा- राजू डार्लिंग, मेरी चूत फाड़ो, मेरे होंठ चूस डालो… मुझे आज तुम चोद कर ही छोडना।

राजू ने मेरी चूचियाँ छोड़ कर, मुझे कस कर अपने से भींच लिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मेरे होंठों को चूसने लगा। राजू का मोटा लंड मेरी चूत से चिपक रहा था, उसने मुझे जोरों से भींच रखा था। मेरे होंठ ज़बर्दस्त तरीके से वो चूस रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरे चूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली- अरे मेरे रंडी रानी तुम तो यहाँ रंडीबाज़ी कर रही हो!’

मैं और राजू अब हट गए थे। मोनी मुस्कुरा रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा- मौसी… अब मुझे चुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदने के लिए फड़क रही है।’

राजू मुस्कुरा रहा था, मौसी ने कहा- अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड से तो तू खेली भी नही है> अभी तूने ढंग से लंड देखा भी नहीं है। पहले तू लंड से तो थोड़ा खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझे एक मिनट में दूँगी।’ राजू मुस्कुराए जा रहा था।

मौसी बोली- ‘राजू, पहले तू इसे अपना लंड दिखा।’ राजू ने एक झटके से अपना पाजामा उतार दिया। राजू का 8 इंच लंबा और मोटा लंड मेरे सामने था। मैं अपने होठों पर जीभ फिरने लगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतने क़रीब से आज पहली बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझे भी बगल में बिठा लिया।

राजू को मौसी ने बुलाया और कहा- ‘जरा इसकी चुचियों पर लंड फिरा।’

मैं पलंग पर बैठी थी और राजू अब मेरी चूचियों पर अपना लंड हाथ से पकड़ कर फिराने लगा। उसने मेरी घुंडियों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर फिराया। मैं पूरी मस्ती में आ गई थी।

मौसी ने राजू का लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली- ले जरा इसे मसल और जरा मुट्ठ मार।’

जैसे ही मैंने लौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर पनिया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। राजू मेरे बालों को सहला रहा था।

थोड़ी देर बाद राजू ने मुझे खड़ा कर दिया। मुझे लग रहा था शायद राजू मुझे अब चोद देगा, लेकिन राजू ने एक बार मुझे फिर भींच लिया। अब वह और कस-कस कर मेरे होंठों के बीच से अपनी जीभ डाल कर चूसे जा रहा था।

तभी राजू ने मुझे पीछे की तरफ़ मोड़ दिया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजू ने जोर से मेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूचियाँ दबाईं। पीछे से राजू का मोटा लंड कस कर मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगे बढीं और मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। राजू ने मुझे ढीला छोड़ दिया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।

नंगी गाँड पर राजू का नंगा लंड लगते ही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवाने की उत्तेजना की चरम सीमा का अनुभव करने लगी थी। दो मिनट बाद मौसी के इशारे पर राजू हट गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं चिल्ला सी पड़ी- मौसी मुझे चुदवाओ ना… मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजू से कहो मेरी चूत चोदे और मेरी प्यास बुझाए।’

मौसी बोली- गाँड मरवाएगी… तो तुझे चुदवाऊँ?

में पगला सी रही थी। मैंने कहा- ‘गाँड, चूत एक से नहीं 6-6 से मरवा लूँगी… प्लीज़ मौसी मुझे चुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजू से बोलो कि वो अपना लंड जल्दी से मेरी चूत में डाल दे।’

मौसी मुस्कुराई- ‘ले ज़रा इसे पहले कंडोम पहना अपने हाथ से।’

मैंने कंडोम लेकर राजू के सुपाड़े पर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।

मौसी बोली- ‘नीचे तो सरका दे।’

नीचे सरकाने के लिए मुझे एक हाथ से नीचे उसका लंड पकड़ना पड़ा और दूसरे हाथ से मैंने उसे नीचे सरका दिया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझे अब लग रहा था कि मेरी चुदाई शुरू होने वाली है।

मौसी राजू से बोली- ‘जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड फिरा दे, फिर जरा नीचे चल के इसकी चूत के दर्शन ग्राहकों को कराते हैं।’

राजू ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड फिरा दिया। एक बार उसने आधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेकिन मौसी ने उसे डपट कर लौड़ा हटवा दिया।

मौसी ने राजू को हटा दिया और बोली- ‘चलो अब नीचे चलते हैं, वहाँ इसे ग्राहकों की गोदी में उनके लौड़े पर बिठाती हूँ।’

मैं चुदने को पागल हुई जा रही थी… मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कहा- ‘मौसी मुझे चुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।’

मौसी ने मेरी तरफ़ देखा और बोली- ‘चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू तू एक काम कर, इसकी चूत को चूस। 2-3 मिनट में यह पानी छोड़ देगी फिर इसे थोड़ी सी शान्ति मिलेगी।’

राजू ने अब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने लगा। मौसी के इशारे पर कालू ने मेरा सिर अपनी गोद में रख लिया और मेरी चूचियाँ ज़ोरों से दबाने लगा। राजू कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसने बुरी तरह से मेरी चूत के मुहाने को चाटना जारी रखा।

कुछ देर बाद उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी 1 इंच लम्बी जीभ अब मेरी चूत में फिर रही थी। मेरी मस्ती से कमरा उह… आह… उह… आह… ऊह… आह… से गूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत से बड़ी तेजी से चूत-रस निकला जिसे राजू लपालप पीने लगा।

मुझे चूत में कुछ शान्ति सी लगी। मौसी ने इसके बाद राजू और कालू को नीचे भेज दिया और बोली- ‘चल इधर बहुत मस्ती ले ली अब नीचे मस्ती करियो। ये मेरा वादा है कि 12 बजे तक तेरी चूत के अंदर मोटा लंड मैं घुसवा दूँगी और आज रात तेरी गाँड भी ठुकवा दूँगी।’

मैं उठ गई थी, मोनी ने मुझे पेटीकोट और ब्लाउज़ पहना दिया। ९ बजने वाले थे, मौसी ने कहा- ‘आओ मेरी रंडियों, अब तुम नीचे चलो और थोड़ा धंधा शुरू करो। Oral Sex

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मैंने जवानी Hindi Sex Stories की दहलीज़ पर कदम रखा ही था कि मेरे सामने मेरी जवानी का लुफ़्त उठाने के लिये लोगों की नजरें उठने लग गई थी। उनकी नजरें जैसे मेरे उभारों को मसल कर रख देना चाहती थी। जिसे देखो उसकी नजरें मेरी उभरती हुई चूंचियों पर ही पड़ती थी, मानो अन्दर मेरी नंगी चूंचियों को टटोल रही हो। फिर उनकी नजरें सीधी मेरी टाईट जीन्स में चूत को ढूंढती थी, कि शायद वहां कुछ नजर आ जाये। सबसे अधिक मेरे सुडौल चूतड़ों को लोगों की नजरें सहलाती थी। क्या बच्चे, क्या जवान और फिर बूढ़े तो कमाल ही करते थे, उनकी आंखों में चमक आ जाती थी और बड़ी आस भरी नजरों से मेरी जवानी को ताकते थे।

उनकी इस कमजोरी को मैं जानती थी, और जान कर के मैं इस बात का आनन्द उठाती थी। मैं भी उसके लण्ड की ओर चुपके से देखा करती थी और उसके उठान को देख कर मेरी चूत भी फ़डक उठती थी। उनके ढीले पेण्ट में से कुछ तो हिलते हुये दिख ही जाता था। बूढों में ये खास बात होती है कि वे लड़कियों की बात अपने मन में ही रखते हैं और युवा और जवान इसे सभी को बताते हैं।

घर पर आकर मैं वासना की मारी मोमबत्ती को ऊपर से लौड़े का शेप देकर उसे कभी गाण्ड में तो कभी चूत में घुसा लेती थी। इसी चक्कर में मेरी चूत की झिल्ली फ़ट चुकी थी, पर मैंने यह मोमबत्ती चूत और गाण्ड में घुसेड़ना बन्द नहीं किया। पर मुझे इसको घुसेड़ने से पत्थर जैसा अह्सास होता था। चूत का दाना मल कर और चूंचियों की घुन्डियाँ मसल मसल कर अपना रति-रस निकाल ही लेती थी। मेरी उमर के जवान युवक युवतियाँ इस बात को समझते होंगे कि जवानी मात्र एक बला है और ये सभी को चोदने या चुदवाने को प्रेरित करती है। पर लण्ड कोई मिलता ही नहीं था। बस मर्द कहने को ये मेरे शर्मा अंकल ही थे जिनसे मैं चुदने का भरकस प्रयत्न कर रही थी। उनकी पत्नी लगभग तीन वर्ष पहले एक बीमारी में चल बसी थी। तब से वो कुंवारा सा जीवन यापन कर रहे थे।

उन्हीं बूढ़ों में से … बूढ़े तो नहीं पर हां… उसके नजदीक ही थे… मेरे मकान मालिक भी थे। कहने को तो वो मुझे बेटी कहते थे पर जवान लड़कियों में मर्दों को पहचानने की एक खास नजर होती है। मैं भी उन्हें खूब पहचानती थी। उनके बेटी कहने का अन्दाज मेरे दिल को घायल कर देता था। क्योंकि कहीं पे निगाहे कहीं पे निशाना रहता था। मुझे लगता था कि अंकल की यह वासना भरी कभी तो उन्हें मुझे चोदने पर विवश करेगी। शायद यही रिश्ता बना कर मेरे नजदीक रहना चहते थे। मेरे कॉलेज से आने के बाद मुझे वो खाना खिलाते थे फिर मैं सो जाती थी। शाम को शर्मा अंकल कार में घूमने जाते थे और मुझे जरूर पूछते थे।

झील की पाल पर वो दूसरे बुजुर्ग लोगों के साथ घूमते थे और मैं जवान लडकों के झुण्ड के बीच इठलाती हुई टहलती थी। अधिकतर तो यह होता था कि कोई ना कोई मेरी क्लास का साथी मिल जाता था, और अन्य लड़के बेचारे आह भरते हुए मेरी अदा पर फ़्लेट हो जाते थे। मेरे उभरे हुए मटके जैसे गोल-गोल चूतड़ उनके दिल में कहर ढाते थे। मुझे याद है कि एक बार मेरे पीछे एक मेरा क्लास का साथी पिट भी चुका था… यानि मेरे पीछे झगडा…।

उन जवान बूढों के बीच भी मैं खूब इतराया करती थी और उनकी चहेती बन गई थी। वे तथाकथित बूढ़े कभी कभी मुझे बेटी कहकर मेरे गालों पर प्यार भी कर लेते थे और उनकी तबीयत फिर से रंगीन होने लगती थी। मुझे मालूम था कि यह प्यार नहीं है, उसमें मुझे वासना की महक आती थी। फिर आता था दौर सामने बनी दुकानों पर आईसक्रीम या चाट खाने का, अंकल मुझ पर खूब खर्चा करते थे। वहां से सीधे घर पर आते थे। जब कभी मैं अंकल के साथ नहीं होती थी तो वो मुझे जरूर पूछा करते थे।

अंकल घर पर आकर मुझे कमरे में छोड़ने आते थे, फिर मैं उन्हें एक गरमा-गर्म चाय पिलाती थी। इस दौरान मैं उनकी दिल की इच्छा पूरी कर देती थी। उन्हीं के सामने मैं अपने कपड़े बदलती थी, उन्हें जानबूझ के अपने जवान सुडौल चूतड़ पेण्टी के ऊपर से दिखाती थी। शमीज के ऊपर से ही उन्हें मेरे छोटे छोटे उभरते हुये मम्मे भी दर्शाती थी और घर के कपड़े पहन लेती थी। उन्हें यह दर्शाती थी कि जैसे मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं मालूम। पर उन्हें क्या पता था कि मैं उन्हें मजबूर करके चुदवाऊंगी और साथ में पैसे भी वसूलूंगी। और एक दिन ऐसा आ ही गया कि शर्मा अंकल ने मुझे लपेटने की कोशिश की और मैं झम से उनकी गोदी में जा गिरी और हो गया वासना का गर्मा-गर्म खेल। फिर तो मैं खूब चुदी और आज तक उन्हें नहीं छोड़ा है। जानते हो इसका राज… जी हां वो मेरी सारी जरूरतें पूरा करते थे।

आज भी मैं शर्मा जी के सामने कपड़े बदल रही थी। हमेशा की तरह उनका लण्ड खड़ा हो गया। मेरी जवानी की गहराईयों और उभारों को वो बडी बेदर्दी से नजरें जमा कर अन्दर तक देख रहे थे। वासना के मारे मेरी भी चूत के पास पेण्टी गीली हो गई थी। मैंने जानकर अपनी चूत का गीलापन उन्हें दिखाया। गीलापन देख कर उनकी आंखे चमक उठी। अब शायद उनके मन में आया होगा कि इस पार या उस पार। उन्होंने अचानक ही कहा “अरे नेहा बेटी, देख ये तेरे पांव पर क्या लगा है…!”

उनका नाटक मुझे मालूम था। मैं जान कर के उनके बहुत पास चली आई कि उन्हें मेरे शरीर का स्पर्श भी हो जाये। पहले तो मुझे शरम सी लगी, फिर मैंने अपना दिल कड़ा करके अपनी छोटी सी स्कर्ट जांघ तक उठा कर कहा,” ये यहां…?”

और उन्होंने मेरी जांघ सहला दी। उनका लण्ड खड़ा हो कर सलामी दे रहा था।

“अंकल ये तो तिल है… ये देखो यहाँ पर भी है… ये देखो !” मैंने अपना स्कर्ट और ऊंचा करके चूतड़ तक उठा दिया। ऐसा करने में मुझे बहुत शरम आई। मेरे गोरे गोरे चूतड़ देख कर उनसे रहा नहीं गया। मैंने उन्हें जानकर के उकसाया। उन्होंने अपना हाथ मेरे तिल पर फ़ेरते हुये एक चूतड़ पर भी घुमा दिया। चूतड़ पर हाथ लगते ही मेरा पूरा शरीर जैसे झनझना गया। मुझे लगा कि ये बुड्ढा तो अब मुझे चोद के ही मानेगा। मैंने अपनी चूंची पर तिल भी अपनी कमीज पूरी ऊपर उठा कर दिख दी। और मेरा दिल जोर से धड़क उठा। मेरे छोटे छोटे चूचुक देख कर अंकल तो पागल से हो गये। मैंने आंखे बंद कर ली, बस इन्तज़ार था चूचियों के पकड़े और दबाये जाने का… जैसे इन्तज़ार सफ़ल हुआ… उन्होने इस बार भी चूची के तिल को मेरी चूंची के साथ सहला दिया। उनका लण्ड पूरे उफ़ान के साथ पटकियाँ मार रहा था।

“अरे हां रे तेरे तो बहुत से तिल हैं…” उनकी आंखे फ़टी जा रही थी और लण्ड पैण्ट में ही तम्बू बना रहा था।

“अंकल और हाथ से सहलाओ ना… मुझे तो अच्छा लगने लगा है।” मैंने घायल पंछी के गले पर जैसे चाकू रख दिया। शर्मा जी अब बदहवास से होने लगे। उन्होने मुझे अपनी जांघो पर बैठा लिया और मेरी चूंचियां बड़े प्यार से सहलाने लगे। पंछी फ़ड़फ़ड़ा उठा…

“बेटी, तुम्हारे मम्मे तो बड़े प्यारे प्यारे हैं, रोज ही मुझसे मालिश करवा लिया करो!”

मेरी चूत में गीलापन और बढ़ गया। मैं अंकल की गोदी में बैठ गई। बैठते ही उनका खड़ा लण्ड मेरी गाण्ड से टकरा गया। मै उस पर अपनी गाण्ड दबा कर बैठ गई। अंकल कुत्ते की तरह लण्ड को बार बार उठाकर यहाँ-वहाँ मारने लगे। अब तो अंकल का लण्ड लग रहा था कि चूत में घुस ही जायेगा। पंछी अब काबू में था, अब कही नहीं जा सकता था वो।

“नेहा बिटिया, जरा ठीक से बैठ ना… अभी लग रही है !” अंकल में कसमसाते हुये कहा।

“अंकल मजा आ रहा है… और आप भी है ना इस उम्र में भी शरमाते हो !” मैं चोट पर चोट किये जा रही थी।

” ओहो… तू तो कितनी शरारती है… ये ले … बस अब तो मुझे भी मजा आया ना?”

शर्मा जी ने अपनी पैण्ट की जिप खोल दी और अपना तन्नाया हुआ नंगा लण्ड मेरी नंगी चूतड़ों की दरार में फ़िट कर दिया। मुझे उनके भारी लण्ड का नक्शा चूतड़ों के बीच महसूस होने लगा। मुझे दिल में एक मीठी सी गुदगुदी हुई और मैंने अपने अपने बदन को उनके ऊपर ढीला छोड़ दिया। जोश में अंकल ने मेरे होंठो को अपने होंठो से चूम लिया। मुझे विरोध ना करते देख कर अंकल के होंठ फिर से मेरे होंठो पर जम गये और मेरे नरम नरम अधरों का रसपान करने लग गये। मुझसे भी रहा ना गया, मैंने अपनी आंखे बंद कर ली और स्वर्ग जैसे सुख को भोगने लगी। आनन्द से भर उठी।

अंकल का लौड़ा मेरी गाण्ड में जोर मारने लगा था। मेरी गाण्ड में बड़ी तेज गुदगुदी सी होने लगी थी। मुझे मोमबत्ती की तरह उनका लण्ड गाण्ड में घुसता नजर आया।

“नेहा बेटी, आज मुझे आण्टी की याद आ गई… वो भी मेरी गोदी में मेरे लण्ड को ऐसे ही गाण्ड में घुसेड़ कर बैठती थी।” अंकल के लण्ड की टोपी पर चिकनाई की कुछ बूंदे निकल आई थी।

“अंकल, क्या मैं पेण्टी उतार दूँ… पूरा ही लण्ड गाण्ड में घुसेड़ दीजिये… मन में मत रखिये। आपका तो इतना चिकना हो रहा है !”

जाने कैसे मेरे मुख से यह निकल पड़ा। अंकल ने मुझे प्यार से खड़ा किया और आधी उतरी हुई पेण्टी नीचे खींच कर उतारने लगे।

” ये पेण्टी तो गीली हो गई है … क्या बहुत मजा आ रहा था ना।” अंकल ने चोदने के मूड़ में कहा।

“हाय अंकल … ऐसे मत कहिये ना… बस मुझे आण्टी वाला आनन्द दे दीजिये !” मैं उनके ये कहने से वास्तव में शरमा गई थी।

“नेहा, एक राज की बात बताऊं, आण्टी तो सालों से ठण्डी ही रहती थी, उनके जिस्म को हाथ भी नहीं लगाने देती थी, आखिर के दिनों में तो यूँ समझो कि हम भाई बहन की तरह रहते थे, भले ही वो मुझे राखी ही बांध दे !”

यह उनका मजाक था या वास्तविकता थी, पर उनका यह कथन उनके दिल की पीड़ा दर्शा रहा था। पर मैं तो मात्र लण्ड की भूखी थी। मैंने हंस कर उनकी बात टालते हुये उन्हें फिर से रूमानी दुनिया में ले आई। अंकल ने अपना लण्ड बाहर ही रखते हुये अपना पैण्ट और चड्डी उतार दी।

“लण्ड से खेलोगी…?”

“कैसे अंकल?”

“इसे हिलाओ, इसे मुठ मारो, इसकी चमड़ी ऊपर नीचे करो, मेरे लाल लाल सुपाड़े को सहलाओ, उसे प्यार करो, चूसो, टट्टों की चमड़ी को चुटकियों से मसलो, गोलियों को धीरे धीरे सहलाओ… ”

“इससे मजा आता है क्या …?”

“हां बहुत आनन्द आता है, लण्ड फ़ूल कर कड़क हो जाता है और फिर इसे चूत में लेने से असीम आनन्द आता है !”

“अरे वाह … यह तो मुझे मालूम ही नहीं था…” मेरा दिल खुशी के मारे उछलने लगा था। हाय इस अंकल की तो मैं…

“तो आओ बिस्तर पर आराम से सब कुछ करेंगे…” अंकल बिस्तर पर जा कर लेट गये।

मैंने कूलर चला दिया और साथ में सीलिंग फ़ेन भी। नंगे शरीर पर मस्त ठण्डी हवा आग का काम रही थी। मैंने अलमारी से अपनी लण्ड के आकार वाली मोमबती भी निकाल ली। अंकल यह सोच सोच कर ही अपना लण्ड कड़क किये जा रहे थे कि उन्हें अब सालों बाद शारीरिक सुख मिलने वाला है। मुझे उनकी इस हालत पर दया आ गई। उनके कहे अनुसार मैं एक एक करके उनके लण्ड के साथ खेलती रही। बीच बीच में उन्हें चूम भी लेती थी, उनकी गाण्ड में अंगुली भी कर देती थी। उनके टट्टों के साथ खेलने लगती थी, फिर हाथ में लेकर लण्ड पर मुठ मारने लगती। मैंने उनका लण्ड फ़िल्मों की तरह मुख में ले लिया और मुठ मार मार कर चूसने लगी। उनके चूतड़ भी ऊपर उठ उठ कर जैसे मुख को चोदने लगे। तभी मैंने मोमबत्ती को अपने थूक से गीला किया और उनकी गाण्ड में घुसाने लगी।

“अरे, ये क्या कर रही हो…? अच्छा धीरे से घुसाना… तो मजा आयेगा”

“अंकल आपने कभी ऐसा किया है?”

” नहीं मोमबत्ती तो नही, पर जवानी में मैंने कई बार गाण्ड मरवाई है और मारी है !”

और मैंने धीरे से उनकी गाण्ड में मोमबत्ती घुसेड़ दी। और लण्ड पर मुठ मारने लगी। लण्ड को चूसती भी जा रही थी। वो ज्यादा देर तक खेल को सह नहीं पाये और हाय कहते हुये उन्होंने अपना वीर्य छोड़ दिया। सारा वीर्य मेरे मुख में भरने लगा, मुझे बड़ी घिन आई, पर फ़िल्मों में जैसा देखा था मैंने उसे पीने की कोशिश की… सफ़ेद सफ़ेद सा, चिकना सा, लसलसा सा… पर एक बार तो मैं गटक गई। फिर किसी छिनाल की तरह उनका लण्ड पूर साफ़ कर दिया।

अंकल 50 वर्ष के थे… सो थक गये थे और उन्हें नींद आ गई। उनका शरीर अच्छा था, मुझे लगा कि 50 वर्ष शायद अधिक नहीं होते है… उनका बलिष्ठ लण्ड अभी भी किसी घोड़े की तरह ठुमक रहा था । मैं बाथ रूम में जाकर नहाई और फ़्रेश हो कर बाहर आ गई और कम्प्यूटर पर बैठ गई। रात को ग्यारह बजे उनकी नींद टूटी। उन्होंने उठ कर मुझे खाना खाने को कहा और अपने कमरे में चले गये। वहाँ से वो नहा धो कर खाना खाने बैठ गये। डिनर के बाद उन्होने मेरी बांह पकड़ी और अपने बेड रूम की तरफ़ ले चले। मैं खुशी से झूम उठी…

“अंकल अब क्या करोगे?… ठहरो मोमबत्ती तो ले लूं !” यह बात सुन कर अंकल मुस्करा उठे।

“अभी तक किया ही क्या है… अब सुहागरात के मजे ले लें !”

“ये सब नहीं यार अंकल, अब तो बस वही हो जाये…”

“हां उसी को तो सुहाग रात कहते हैं…!”

“क्या… चुदाई को सुहागरात कहते हैं … सीधे सीधे चुदाई की रात नहीं कहते?”

मेरे और अंकल के कपड़े एक एक करके उतरते जा रहे थे। अब दोनों ही मदरजात नंगे खड़े थे और हां साथ में उनका लण्ड भी खड़ा था। उनकी हालत देख कर मेरी हालत भी बिगड़ती जा रही थी। अंकल ने मुझे मुस्करा कर देखा और अपने हाथ खोल दिये, मैं पगली सी उनकी बाहों के घेरे में आती चली गई। अंकल के मुख से ठण्डी सी आह निकली। उनकी बाहें मेरी कमर पर कसती चली गई। उनका लोहे जैसा लण्ड मेरी चूत में गड़ने लगा। मैं अपनी चूत धीरे से सेट करके लण्ड लीलने का प्रयत्न करने लगी।

मेरी हालत किसी बिन चुदी कुतिया की तरह हो रही थी… चूत लण्ड मांग रही थी। चूंचियां कठोर हो गई थी। निपल कड़े हो गये थे। शरीर में तरावट आ चुकी थी। अंगुलियों की चुटकियां मेरे कड़े निपल में च्यूटी भर रही थी। पर करण्ट चूत में आ रहा था। चूत पानी से लबालब भर चुकी थी। मेरी आंखे भारी हो चली थी। मन में पहली बार लौड़ा लेने के अहसास से बदन लहक रहा था। मेरी ऐसी हालत देख कर अंकल ने प्यार से मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी टांगें ऊपर की ओर उठने लगी।

“अंकल वो मोमबत्ती देना…!”

“अब इसकी जरूरत नहीं है… ये मेरा मोमबत्ता जो है !”

“नहीं अंकल, ये तो आपकी गाण्ड के लिये है…” अंकल हंस पड़े… वो समझ गये थे कि उन्हें भी ये मोमबत्ती अपनी गाण्ड में घुसानी पड़ेगी।

मैंने मोमबत्ती हाथ में ली और अंकल से कहा,”अंकल प्लीज… अब मत तड़पाओ…” अंकल एक जवान की तरह उछल कर मेरी टांगों के बीच में आ गये और उनका लण्ड हाथ में पकड़ कर चूत की पलकों पर रख दिया। मैंने भी चूत की पलकें खींच कर खोल दी। लण्ड ने गुलाबी चूत को देख कर फ़ुफ़कार भरी और अपना सर झुका कर आदर सहित टोपा अन्दर कर लिया। लण्ड का पहला प्यारा सा अहसास … मुझे मदहोश कर रहा था।

अंकल ने अपने तने हुये भारी लण्ड को जोर लगा कर अन्दर सरकाया। चिकनी चूत लण्ड पा कर लहलहा उठी। मैंने भी अपनी चूत ऊपर उठा कर लण्ड का तहे दिल से स्वागत किया। अंकल का पूरा लण्ड लीलने में मुझे कोई परेशानी आई।

“नेहा… तुम तो चुदी चुदाई लगती हो…!”

“हां अंकल… इस मोमबती ने मेरी चूत चोद चोद कर इण्डिया गेट बना दिया है !”

अंकल ने चूत को इण्डिया गेट नामकरण का मुस्कराते हुये स्वागत किया और अपना शरीर का सारा भार मेरे ऊपर डाल दिया। लण्ड जड़ तक बैठ चुका था। उनका हर एक धक्का बच्चे दानी पर ठोकर मार रहा था। उनका भारी जिस्म मुझे हल्का लग रहा था। लोहे जैसा लौड़ा मेरे बदन में घुसा हुआ सब सहने की ताकत दे रहा था। मेरी टांगें उनकी कमर में उठी हुई कस चुकी थी। मेरे मुख से बराबर मस्ती भरी चीखें और आहें निकल रही थी। मुझे लण्ड के द्वारा पहली चुदाई का आनन्द भरपूर आ रहा था। उनके हाथ मेरे कठोर चूंचियों को मसल मसल कर मीठी सी तरावट भरी गुदगुदी कर रहे थे। तभी मेरा हाथ उठा और अंकल के पिछवाड़े पर आ गया और उनकी गाण्ड के छेद में मैंने मोमबती घुसेड़ दी, जिसे अंकल ने एक खिलाड़ी की तरह सिसकारी भरते हुये झेल लिया। मैंने थोड़ी और कोशिश करके आधी से अधिक मोमबत्ती उनकी गाण्ड में घुसेड़ दी।

“आह्ह्ह मेरी नेहा, मेरी गाण्ड में मोमबत्ती और चुदाई का तालमेल कितना कितना ज्यादा मजा देता है…” अंकल का लण्ड और फ़ूल गया था। गाण्ड में फ़ंसा लण्ड उन्हें भी गुदगुदा रहा था। जोश में आ कर उन्होने अब अपना लण्ड कस कस कर चूत पर मारना आरम्भ कर दिया। हम दोनों की हाल एक जैसी थी। मैं पहली बार चुद रही थी और अंकल का लण्ड भी कई वर्षों बाद किसी चूत को चोद रहा था। सारा जिस्म चुदाई की मधुर कसक भरी मिठास से लबरेज हो चुका था। रति-रस बाहर आने को तड़प रहा था। मेरे दांत भिंचे जा रहे थे… शरीर में कसावट आने लगी थी। गरम चूत धुंआ सा उगलने लगी थी। शर्मा जी की सांसे जोर जोर से चल रही थी। पसीना सा छूटने लगा था। मैंने अंकल की गाण्ड में घुसी मोमबत्ती को जोर से पकड़ लिया और जोर लगा दिया। मोमबत्ती गाण्ड की गहराईयों में और धंसती चली गई।

“अंकल जीऽऽऽऽऽ, मारो लौड़ा कस कर मारो … हाय रे मेरी तो निकली रे… अंकल जी … अरे अरे रे अऽऽऽह्ह्ह्ह्ह्ह, उईईईईईऽऽऽऽऽ”

और मेरी चूत मचल उठी। रति-रस छूट गया। मैं जोर से झड़ गई। मेरा कसाव मोमबत्ती पर बढ़ता ही गया। अंत में अंकल के मुख से हाय निकल गई और उनके लण्ड ने यौवन रस की बाढ़ ला दी। उन्होंने अपना लण्ड बाहर खींच लिया था और अब भरपूर पिचकारियों की बौछार कर रहे थे। मैंने मोमबत्ती उनकी गाण्ड से निकाल दी। उनके लण्ड से ढेर सारा वीर्य निकला … उनका लण्ड अभी भी वीर्य निकालने के लिये जोर मार रहा था और दो एक बूंदे तो फिर भी निकलती ही जा रही थी। उनका बिस्तर वीर्य और मेरी चूत के पानी से काफ़ी गीला हो चुका था। अंकल मेरे जिस्म से हट कर एक तरफ़ निढाल से लुढ़क गये। उनकी सांस धौंकनी की तरह चल रही थी। दिल की धड़कन बहुत तेज थी। मुझे अंकल की संतुष्टि पर बहुत चैन आया… उन पर प्यार भी बहुत आया। मेरे मन के भीतर कहीं लग रहा था कि उन्हें अभी भी उनके भीतर वासना भरी कसक छुपी हुई है। उन्हें एक औरत की बेहद जरुरत है, बहन की नहीं… अंकल थकान से फिर भर चुके थे। रात बहुत निकल चुकी थी। मैं भाग कर अपने कमरे में चली आई। कोई देखने वाला, सुनने वाला कोई नहीं था, नंगी ही धम्म से बिस्तर पर कूद पड़ी और तकिया दबा कर सोने के लिये आंखे बंद कर ली…

जवान हो या बुड्ढा… लण्ड सभी के होता है … कहते हैं ना बड़े बूढे ज्यादा समझदार होते हैं … इसी का फ़ायदा उठाओ और उनसे खूब चुदो … आपको चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है… उन्हें इस बात की अधिक चिन्ता रहती है… तो मेरी सहेलियों… इन्हें भी अपना साथी बनाओ… ना… ना… जीवन साथी नहीं … सिर्फ़ चुदाई का साथी Hindi Sex Stories

लेखिका : रेखा Antarvasna Sex Stories

सबसे पहले गुरु जी को मेरा Antarvasna Sex Stories कोटि-कोटि प्रणाम ! गुरु जी का क्या कहना ? क्या वेबसाइट लॉन्च की है,जिसमे लोगों की चुदाई के किस्से पढ़ के चूत गीली हुए बिना नहीं रहती !

मेरा नाम रेखा (काल्पनिक) है ! दोस्तो, मैं २६ बरस की एक जवान औरत हूँ ! वैसे तो मैंने एम. कॉम तक पढ़ाई की हुई है लेकिन मेरे पति देव नहीं चाहते कि मैं जॉब करूँ ! मेरी सुन्दरता को लेकर उनके दिमाग में मेरे प्रति गंदे ख्याल आते हैं ! शादी को तीन साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ ! हाँ, इस वक़्त मैं पेट से हूँ ! शादी से पहले मेरी गिनती चालू गर्ल्स में रही है !

मेरी पहली चुदाई 18 साल की उम्र में हुई थी, जब मैं 12वीं की फाइनल पेपर दे कर अपने नानके गई हुई थी ! वहां मैं एक लड़के से इश्क लड़ा बैठी और उसने मेरा काम तमाम कर दिया ! एक महीने में कई बार चुदी ! फिर तो बस मुझे लड़कों का चस्का लग गया और मेरे न जाने कितने लड़कों से एफेअर चले ! मैंने उनमें से कुछ से शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किये ! मेरे फिसलते क़दमों को मेरी माँ ने भांप लिया और एक रिश्ता ढूँढ मेरी भी शादी करवा दी !

पति का अच्छा बिज़नस है लेकिन उनमें वैसी सेक्स पॉवर नहीं है जैसी मुझे चाहिए थी ! कई बार बिना पानी की मछली की तरह बिस्तर पर तड़फती ! पति हफ्ते में सिर्फ तीन बार सेक्स करते जिससे मेरी प्यास बढ़ गई थी ! मैंने कहा कि मुझे जॉब मिल रही है लेकिन मेरे खसम ने ऐसा नहीं होने दिया ! उसको अपनी कमजोरी का डर था ! वो यह भी जानता था कि उसकी बीवी में कितनी आग है !

मेरे जेठ के बड़े लड़के ने बारहवीं कक्षा में कामर्स रखा लेकिन गाँव में कोई टयूशन नहीं पढ़ाता !
जेठानी जी ने मुझे कहा,”छोटी बहू, प्लीज़ इसको एक दो घंटे पढ़ा दिया कर !”

मैंने कहा,”ठीक है !”

अगले ही दिन समीर मेरे पास पढ़ने आने लगा ! उसका ध्यान मेरे मस्त मम्मों पर रहता ! गहरे गले के सूट से तो मेरा यौवन डुल-डुल जाता ! कई बार नोटिस किया कि उसके लौड़े वाला भाग फूला फूला सा रहता !

एक रोज़ सभी रात की शादी पर गए थे ! यहाँ पर भी मेरे पति को मैं सुरक्षित नहीं लगी! मुझसे बोला,”उसके दोस्त की शादी ही है ! “

जब मैंने कहा कि बाकी सब क्यूँ जा रहे हैं ?

तो बोले कि बचपन से उनका परिवार माँ बापू को जानते हैं ! मुझे कहा गया कि तुम रुको और समीर रुक जायेगा !

समीर भी रुक रहा था इसलिए पहले से सेक्सी कपड़े पहन रखे थे ! नाईटी में से मेरा जिस्म साफ़ दिखता ! पैंटी-ब्रा सब कुछ! आज समीर ने मुझे देखा तो देखता रह गया ! मैंने उसको बिठाया और बोली,” चलो पढ़ाई करें !”

“जी ,चाची ………! ”

एक बहुत मुश्किल गणित का सवाल था ! मैंने कहा,” इधर मेरे पास ही बैठ जाओ !”

मैंने उसे अपने पास बिठा लिया और मैं उसे गणित के सवाल का फार्मूला बताने लगी ! उसका ध्यान मेरी छातियों पर था ! मैंने उसकी जांघ पे हाथ फेरते हुए कहा,”अब इन्हें देखना छोड़ो !”

मेरा हाथ फिसलता हुआ उसके लौड़े की तरफ जाने लगा ! मैंने पहल इसलिए की क्योंकि वो डर रहा था ! हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था ! मैं उसके लौडे की तरफ अपना हाथ ले जाकर उसको मसलने लगी ! उसने भी सारा डर फेंक कर मुझे बाँहों में उठाया और सीधा बिस्तर पर ले गया ! देखते ही देखते उसने मुझे एक दम नंगी कर दिया और मेरी जवानी से खेलने लगा !

मैंने कहा,” वाह ! मेरे मुन्ना !!”

मैंने भी अब उसका लौड़ा निकाल लिया ! वाह ! क्या लौड़ा था !!!!!! छोटी उम्र से यह हाल था तो आगे क्या होगा ? मैंने भी उसका लौड़ा मुँह में ले लिया और खूब चूसने लगी ! वो आहें भर भर के कह रहा था,” मेरी रखैल चुदासी चाची, आज तुझे मसल दूंगा !”

“वाह ! पट्ठे ! वाह ! मसल दे मुझे ! रौंद दे मुझे ! फाड़ दे मेरी चूत ! मत छोड़ना इसको !”

“अभी ले ,चाची ! कमीनी, कितना दिखा दिखा के तड़फाया मुझे !”

वो बखूबी खेल रहा था वॉलीबाल के साइज़ के मेरे मम्मे के साथ !

मैंने कहा,” बहन चोद ! मार मेरी !”

“अभी ले, रंडी !” कहते हुए उसने टांगें खोल कर अपना लम्बा मोटा लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया !

“वाह ! और तेज़ ………और तेज़…… और तेज़ मार ……..! ” उसका जोश बढाने के लिए मैं अप-शब्द बोल रही थी !

“मादरचोद, बहनचोद ! तेरे चाचा से मेरी जवानी नहीं संभाली जाती ! मुझे अपनी बना ले !”

मैं झड़ने के करीब थी इस लिए और जोर-जोर से चूतड़ उठा के उसका लौड़ा ले रही थी !

वो बोला,”चाची, मैं झड़ने वाला हूँ !”

“अन्दर डाल दे समीर ! अपना गरम माल ! डाल दो अपना बीज मेरी कोख में !”

देखते ही देखते उसने सारा माल मेरी चूत में भर दिया और लौड़ा निकाल कर मुंह में डाल दिया ! मैंने उसको चाट-चाट कर साफ़ कर दिया !

“वाह ! मेरे राजा ! ” मैंने कहा ! उस रात हम नंगे बिस्तर पे रहे ! तीन बार उसने मुझे अलग अलग मुद्रा में ठोका !
उस रात के बाद चुदने के लिए हमें जगह नहीं मिल रही थी ! उसने मुझे कहा,” चाची, मेरा एक दोस्त अकेला रहता है ! उसका परिवार अमेरिका में है ! वहीं चला करो ! ” मैंने हामी भर दी और उसके साथ वहां गई। ?????????????????

इंतज़ार का फल मीठा होवे …………….!

कहानी कैसी लगी ? बताओ ताकि आगे लिख सकूँ ! बाय ………………………… Antarvasna Sex Stories

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