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ये हिंदी में चुदाई की कहानी उस समय की है.. जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। उस वक्त मेरी उम्र 20 साल की थी जबकि मेरी सौतेली माँ 35 साल की थीं।
मेरी मॉम एक बहुत ही सेक्सी महिला थीं.. उनके जिस्म का एक-एक हिस्सा बिल्कुल तराशा हुआ था और अंग-अंग से मादकता टपकती थी। मैं कई बार उन्हें बाथरूम में सम्पूर्ण नग्नावस्था में देख चुका था। एक बार तो पापा उन्हें पूरा नंगा करके चोद रहे थे, तब भी उनकी मचलती जवानी को देखा था। जिस दिन पापा मॉम को चोद रहे थे, उसी दिन मेरा मन मॉम को चोदने के लिए मचल उठा था।
एक रात पापा शहर से बाहर गए हुए थे, मैं अपने बेडरूम में था। लेकिन मन में उत्तेजना के कारण मुझे नींद नहीं आ रही थी, सो मैंने मॉम की चूचियों को याद करते हुए मुठ मारनी चालू कर दी। कुछ ही देर में मेरी उत्तेजना और अधिक बढ़ गई तो मैंने गोल तकिया को अपनी टांगों में फंसा लिया और उसे ही मॉम समझ कर चोदना शुरू कर दिया।
उसी समय मेरी मॉम ने मेरे बेडरूम का दरवाजा खोला और मेरे कमरे में आ गईं।
दरवाजा खुलने की आवाज़ से मैं घबराकर रुक गया लेकिन मैं तकिए के ऊपर था। फिर मैंने मॉम को देखा तो मैं तकिए के बगल में लेट गया।
मॉम ने पूछा- क्या हुआ.. क्या कर रहे थे?
मैंने कहा- नींद नहीं आ रही है, कुछ बेचैनी सी है।
फिर मैंने मॉम से पूछा- क्या आपको भी नींद नहीं आ रही है?
वो बोलीं- हाँ मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
मैंने कहा- आप भी यहीं लेट जाओ न।
फिर वो मेरे पास बैठ गईं।
मैंने फिर कहा- यहीं सो जाओ ना, मेरे पास।
वो सीधी लेट गईं। कुछ देर बाद मैंने पूछा- नींद नहीं आ रही है.. तो कोई कहानी पढ़ लेते हैं।
उन्होंने सर हिला कर हामी भरी तो मैंने पापा की किताब की रेक से एक सेक्सी कहानी की बुक निकाली और कहा- इसको पढ़ते हैं।
मॉम बोलीं- ये कौन सी किताब है?
मैंने कहा- कहानी की किताब है, इसकी कहानी पढ़ने में बहुत मजा आएगा, इसको पढ़ने से बहुत गुदगुदी भी होती है।
फिर मैंने किताब को हम दोनों के बीच में रखकर पढ़ने लगा। ऐसे में मॉम को पढ़ने में जरा दिक्कत हो रही थी तो मैंने कहा- चलो मैं पढ़कर सुनाता हूँ..
मैं उनको सेक्सी कहानी पढ़कर सुनाने लगा। इसमें एक लड़की का दूसरे मर्द के साथ सेक्स का किस्सा था। ये सेक्स स्टोरी बहुत डिटेल में थी।
मॉम बोलीं- ये सब क्या है?
मैंने कहा- अल्मारी में रखी थी।
वो बोलीं- इसमें बड़ों की गन्दी बातें लिखी हैं। तुमको इसे नहीं पढ़ना चाहिए।
मैंने कहा- फिर आपकी और डैड की अल्मारी में क्यों रखी है? एक बार पढ़ते हैं, सुनो ना!
फिर मॉम को भी मज़ा आने लगा। वो भी गरम होने लगीं। मॉम बीच-बीच में अपनी बुर खुजला रही थीं।
मैंने कहा- कहो गुदगुदी हो रही है ना।
मॉम ने स्माइल दे दी।
मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मेरे भी इसमें और सारे बदन में बहुत गुदगुदी हो रही।
फिर मैंने कहा- अब आप पढ़िए।
अब वो पढ़ने लगीं.. वो बहुत गरम हो गई थीं। तभी मॉम ने किताब बंद करके रख दी और बिस्तर पर अपने पैर पसार कर चित्त लेट गईं।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोलीं- बहुत बेचैनी हो रही है, नीचे बदन में कुछ खुजली भी हो रही है।
मैंने पूछा- शायद पावडर बदन पर लगाने से आराम मिल जाएगा।
वो बोलीं- हाँ ठीक है.. तुम पावडर ही लगा दो।
मैं बगल वाले रूम से पावडर लेकर आया।
मैंने देखा कि मॉम पेट के बल लेट गई थीं।
मॉम बोलीं- कमर में लगा दो।
मैंने देखा उन्होंने अपने ब्लाउज के बटन खोले हुए थे और ब्रा भी खोल दी थी।
मैं पावडर कमर पर लगाते हुए ब्लाउज के अन्दर हाथ डालकर मलने लगा। उनका कोई विरोध नहीं हुआ तो फिर मैं आहिस्ता-आहिस्ता पूरी कमर पर पावडर मलते हुए सीधे ही उनके मम्मों को मसलने लगा। मॉम को मम्मे मिंजवाने में मजा आ रहा था। वे मजा लेने लगीं तो मैंने सीधे ही उनके मम्मों पर पावडर लगाया और मम्मों को मसलने लगा।
अब उनको मजा आ रहा था।
फिर मैंने कहा- मॉम जरा आपकी गर्दन के पास भी पाउडर लगा देता हूँ।
वो घूमीं तो ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और बूबस- पूरे नंगे दिखने लगे थे।
मॉम के बड़े-बड़े चूचे बहुत सेक्सी लग रहे थे।
मैंने उनकी गर्दन पर पावडर लगाने लगा। अब तो मैं सामने से मॉम के मम्मों को मसल रहा था और वो कुछ नहीं बोल रही थीं।
फिर मैंने मम्मे मसलते हुए हाथ नीचे पेट पर फिराया और नाभि को मसला। मॉम की आह निकली तो मैंने धीरे से उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ अन्दर डालकर जांघ पर फेरते हुए उनकी बुर पर भी पावडर लगाने लगा।
वो कामुक आवाज में बोलीं- उह.. ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- ठीक से लगा देता हूँ.. फिर नींद भी ठीक से आ जाएगी।
मॉम कुछ नहीं बोलीं तो मैं अपने हाथ को उनके गोल-गोल चूतड़ों पर फेरने लगा। सच में बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने पूछा- मॉम क्या मज़ा आ रहा है.. आराम मिल रहा है?
अब मैं मॉम के चूतड़ों पर हाथ फेरते-फेरते उनके ऊपर चढ़ गया और बोला- इससे आपका बदन भी दब जाएगा।
मॉम भी मेरे मजे लेने लगीं।
मैंने कमर के नीचे से मॉम के चूचे पकड़ कर जोर-जोर से दबाने लगा।
अब तो मॉम पूरी तरह से चुदास से तड़फ रही थीं।
मैंने कहा- किताब वाला सीन करते हैं।
मेरे बदन में जोर-जोर से गुदगुदी हो रही है।
फिर अचानक से मॉम को कुछ याद आया और वे बोलीं- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- दरवाजा बंद है, किसी को पता नहीं चलेगा, मैं भी किसी से नहीं कहूँगा, तुम्हारी कसम मॉम आपको मज़ा भी आ जाएगा, प्लीज़ मना मत करो।
मॉम ने कुछ नहीं कहा।
मैंने फिर से उनसे कहा- कहानी की तरह मज़ा करते हैं मॉम।
मैंने अपना पजामा खोल दिया और उनकी जाँघों पर बैठ गया।
अब मॉम ने मेरा लंड पकड़ कर लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मुझसे वादा करो कि तुम किसी से कभी भी नहीं कहोगे।
मैंने कहा- वादा।
और फिर क्या था.. उन्होंने अपने सारे कपड़े बदन से अलग कर दिए।
मैंने कहा- आप जैसे बोलेंगी.. मैं वैसे ही करूँगा।
उन्होंने कहा- हाँ जैसा कहानी में पढ़ा था.. वैसे ही करते रहो। मैंने उनके एक चुचे को चूसना शुरू किया.. दूसरे चूचे को दबा भी रहा था।
फिर वो भी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं। मैंने भी एक हाथ की उंगली से मॉम की बुर को दबाने लगा और उंगली चुत के अन्दर कर दी।
फिर वो मुँह से ‘शह्ह.. उह्हह..’ आवाज निकालने लगीं।
मैंने उनसे किताब के सीन की तरह उनसे डॉगी स्टाइल में बैठने को कहा। जैसे ही मेरी मॉम कुतिया के जैसे बनीं मैंने अपने लंड को पीछे से उनकी बुर के छेद के पास ले जाकर सुपारे को फेरने लगा। साथ ही मैं दोनों हाथों से मम्मों भी दबा रहा था। सच में बड़ा मज़ा आ रहा था।
अचानक ही लंड फिसला और झटके के साथ बुर में घुस गया, क्योंकि उनकी बुर का छेद चुदवाते चुदवाते कुछ तो बड़ा हो गया था।
उनके मुँह से भी और मेरे मुँह से भी जोर की ‘शह्हह.. आह..’ की आवाज निकलने लगी।
मैंने अब धक्का लगाना शुरू किया, धीरे-धीरे धक्के की स्पीड भी बढ़ा रहा था। सच में क्या मस्त मज़ा आ रहा था।
मॉम भी बोलीं- और जोर से चोद.. और जोर से पेल.. आह मजा आ रहा है।
मैंने मॉम के मम्मों को जोर से दबाकर निप्पलों को खींचा और धक्के लगाने लगा।
‘अह.. उह.. ओह.. सुपरब.. श्शश.. और और जोर से.. क्या बात है और झटका दूँ मॉम?’
‘हाँ पेलता रह..’
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और वो बेड पर सीधी लेट गईं।
मैंने धीरे-धीरे उनके कामुक बदन पर हाथ फेरा, फिर बुर में उंगली घुसेड़ कर भीतर के पॉइंट को सहलाने लगा।
ये उनका जी-स्पॉटस था, वो बहुत जोर से हिल गईं और उनकी जोर से ‘आअ.. आअ.. श्शश.. उह..’ की आवाज निकल गई।
मैंने अब लंड को उनके मम्मों पर फिराना शुरू किया और ऊपर से नीचे की तरफ़ लंड लाने लगा। फिर उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह के पास खींचकर जोर से किस किया। मैं भी जोर-जोर से किस करने लगा और अपनी जीभ भी उनके मुँह पर फेरने लगा। उनकी जीभ को चूसने में मज़ा आ रहा था। वो साथ-साथ मेरे लंड को एक हाथ से जोर-जोर से सहला रही थीं।
मैं भी बोला- बहुत मज़ा दे रही हो।
फिर उन्होंने मेरे को जोर से अपनी तरफ़ खींचकर बांहों में जकड़ लिया। मैंने भी उनको भींच लिया, उनके चूचे मेरी छाती से चिपक कर दब रहे थे।
आह क्या रगड़ सुख मिल रहा था।
फिर उन्होंने अपनी जांघें फैलाईं और कहा- अब जल्दी-जल्दी जोर से यहाँ लंड ले आओ।
मैंने लंड को उनकी बुर में घुसेड़कर धीरे-धीरे हिलने लगा।
फिर वो बोलीं- आअह ऐसे नहीं चलेगा.. जोर-जोर से झटके लगाओ।
मैंने जोर से चोदना शुरू कर दिया।
क्या मस्त चुदाई का आनन्द आ रहा था। मॉम भी चुदाई का मजा ले रही थीं- शह.. शह आ.. क्या बात है आह.. आ.. शह.. अह्हह.. ओह्हह.. और जोर जोर से धक्के लगाओ.. बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं भी पूरी ताकत से लंड को भीतर तक ठोकने लगा। चुदाई पूरी स्पीड पर थी और अब मैं झड़ने लगा था। मेरा रस झड़ने लगा और मैं ढीला होकर उनके नंगे बदन से जोर से लिपट गया। मॉम के गुदगुदे बदन पर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर वो बोलीं- चलो हटो.. बहुत देर हो गई है.. अब सोते हैं।
वो अपने कपड़े पहनने लगीं। फिर बोलीं- ये राज ही रखना, किसी से कभी मत कहना।
मैंने हाँ कहते हुए उनके मम्मों को दबाकर किस कर लिया और बुर को दबाते हुए कहा- फिर कभी गुदगुदी होगी तो..?
वो हंसने लगीं.. मैं भी समझ गया।
मॉम बोलीं- बदमाश हो गए हो, चलो अब सो जाओ।
वो अपने कमरे में सोने चली गईं।
मैं अपनी मॉम के साथ चुदाई की इस कहानी को कभी नहीं लिखना चाहता था.. पर अब मुझे अच्छा लग रहा है।
इस चुदाई की कहानी पर आपके कमेंट्स का इन्तजार है।
सभी अन्तर्वासना-पाठकों को मेरा Sex Stories सलाम, मेरी तरफ़ से प्रणाम! मैं आपको बता दूँ कि मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। मैंने इसकी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर!
मैं शैल जोधपुर का रहने वाला हूँ। दिखने में मैं बहुत सुन्दर और प्यारा हूँ। मेरा कद ६’२” है और मेरा लण्ड करीब ६.५ इन्च लम्बा और ३.५ इन्च मोटा है।
कोलेज में मेरी बहुत सी लड़कियों से दोस्ती रही है और शारीरिक सम्बंध भी रह चुके हैं। यह घटना पिछले साल नवम्बर की है उस वक्त मैं एक टेलिकॉम कंपनी में काम करता था। एक दिन मेरे बॉस ने मुझे एक मोबाइल नम्बर देते हुए कहा कि ये उनके किसी दोस्त का नम्बर है और मुझे उनके यहाँ इन्टरनेट कनेक्शन लगाने जाना होगा।
मैंने उस नम्बर पे फोन किया तो किसी महिला ने उठाया मैंने पूछा क्या मैं मिस्टर विशाल से बात कर सकता हूँ तो उन्होंने कहा कि वो तो ऑफिस गए हैं कहिये क्या काम है?
मैंने सारी बात बताई तो उन्होंने कहा कि कनेक्शन करने अभी आ सकते हैं। मैंने कहा मैं अभी एक घंटे में आ जाता हूँ।
मैं दिए हुए पते पे पहुँचा और घंटी बजाई, एक महिला ने आकर दरवाज़ा खोला, उसकी उम्र करीब २५-२६ साल की रही होगी और उसकी फिगर ३६-२८-३८ रही होगी, उसने गहरे हरे रंग की साड़ी पहनी थी, रंग दूध जैसा सफ़ेद! दोस्तों मैं क्या कहूँ! उसके जैसी खूबसूरत औरत मैंने अपनी जिन्दगी में कभी नहीं देखी थी, मेरी आँखें सीधी उसके बूब्स पे जाकर गड़ गई।
उसने कहा- क्या काम है?
मैंने सामान्य होते हुए कहा- मैं शैल!
उसने कहा- ओके! प्लीज़ आइये।
मैं उसके पीछे चल दिया, उसके बदन से आ रही खुशबू मुझे मदहोश बना रही थी। उसने मुझे बैठक में बिठाया और अपना लैपटॉप लेकर आई। मैं उसपे डाटा-कार्ड (इन्टरनेट कनेक्ट करने का डिवाइस) इंस्टाल करने लग गया, वो अन्दर से २ कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और मेरे सामने सोफे पर बैठ गई। मेरी नज़रें बार बार उसके बूब्स पे जा रही थी, मेरा लण्ड तो अकड़ कर तम्बू के बम्बू हो गया था जैसे अभी पैंट फाड़ के बाहर आ जाएगा।
अचानक उसने मुझे कहा- क्या देख रहे हो?
मैं एकदम से सकपका गया।
उसने कहा- शरारती कहीं के! और एक प्यारी सी मुस्कान दी।
ये सुनकर मेरा हौंसला भी थोड़ा बढ़ गया, मैंने कहा- आप इतने खूबसूरत हो कि नज़रें हटाने को मन ही नहीं करता!
वो बोली- फ्लर्ट करने में काफी अच्छे हो! और खिलखिला कर हँस पड़ी। उसकी हँसी इतनी प्यारी थी न दोस्तों ऐसा लग रहा था जैसे चारों तरफ़ मोती बिखर गए हो।
मैंने इन्टरनेट कनेक्शन कर के उससे कहा कि कनेक्शन हो गया है, आप कृपया चेक कर लीजिये। और वो आकर मेरे पास बैठ गई, मैंने उसे समझाने के बहाने २-३ बार छू लिया और हर बार वो मेरी तरफ़ मुस्कुरा देती उसकी तरफ़ से हरी झंडी मिलते देख मैं मन ही मन इतरा रहा था, तभी उसने मेरे गाल पे हौले से किस कर दी और कहा तुम बहुत क्यूट हो!
मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई हो, मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और कहा- मैं आपको एक बार हग करना चाहता हूँ!
तो उसने कहा बस इतनी सी बात!
मैं उठा और उसे कस के गले लगा लिया, दोस्तों ऐसा लग रहा था जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो।
तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी, मेरे बॉस का फ़ोन आ रहा था, मैंने फ़ोन उठाया तो उन्होंने कहा कि ऑफिस में एक जरूरी मीटिंग है तो जल्दी से आ जाओ, मैं मन ही मन अपने बॉस को गालियां दे रहा था. मैंने कहा अभी जाना पड़ेगा तो वो बोली गर्म करके ऐसे प्यासा छोड़ के जाना अच्छी बात नहीं है मैंने उसे अपना सेल नम्बर देते हुए कहा कल मुझे फोन करना, और मैं ऑफिस चला गया।
अगले दिन सुबह ही उसका फ़ोन आया, उसकी आवाज़ में अलग ही कशिश थी, उसने मुझे कहा कि अभी मेरे घर आ जाओ मेरे पति ऑफिस गए हैं. मैं तैयार होकर उसके घर चला गया। मैंने रास्ते में मेडिकल स्टोर से ४-५ कंडोम ले लिए, मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि आज तो मस्त माल चोदने को मिलेगा।
मैं उसके घर पहुँचा और दरवाजे की घंटी बजाई। जैसे ही दरवाजा खुला मैं तो उसे देखता ही रह गया! उसने काले रंग की नाईटी पहन रखी थी जो कि बहुत ही बारीक थी, उसकी ब्रा और पैंटी भी नज़र आ रही थी, उन कपडों में वो क़यामत लग रही थी। उसने जैसे ही दरवाजा खोला मैंने उसे गले लगा लिया, उसने कहा- क्या कर रहे हो? दरवाजा तो बंद कर लेने दो उसके बाद जो करना हो करो! फिर उसने दरवाजा बंद किया और मुझसे लिपट गई, दोस्तों उस वक्त मेरी क्या हालत हो रही थी मैं बयां नहीं कर सकता। मेरा लण्ड तो लोहे की छड़ जैसा कड़क हो गया था।
तभी उसने कहा कि सब कुछ यहीं करोगे या अन्दर भी चलोगे?
मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया और उसे बेडरूम में ले गया, उसे बेड पे लिटा कर उस पे टूट पड़ा। उसके सारे बदन को चूमने चाटने लगा। इतनी देर में वो भी गरम हो चुकी थी। उसके मुंह से शी इ … शी ऐ की आवाजें आ रही थी तो माहौल को और भी उत्तेजक कर रही थी।
मैं अपने हाथ उसके बदन पे फिराते हुए उसके स्तनों पे ले गया और जोरों से दबाने लगा. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे लगा दिए और उसे जोरों से चूमने लगा, चूमते चूमते उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, मैंने धीरे धीरे उसकी नाईटी उतार दी और उसने मेरी पैंट और शर्ट उतार दिए।
अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी। मेरा लण्ड अंडरवियर के अंदर कोबरा सांप के जैसे फुफकार रहा था. उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पे रखा और बोली ह्म्म्म … काफी बड़ा लण्ड है तुम्हारा तो! ज़रा बाहर तो निकालो इसे!
और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया … अब मेरा लण्ड उसके हाथ में था और वो उसकी चमड़ी को धीरे धीरे ऊपर नीचे कर रही थी।
मैंने समय ना खोते हुए उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी. उसके बूब्स इतने प्यारे थे कि क्या कहूँ, एकदम गुलाबी, उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था शायद आज ही साफ की थी। मैं उसके बूब्स बुरी तरह दबा दबा के चूस रहा था और एक हाथ उसकी चूत पे फेर रहा था, मेरी उंगलियाँ उसके शिश्निका को मसल रही थी।
तभी मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी … उसकी चूत काफी कसी थी, शायद ज्यादा चुदी हुई नहीं थी, उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, मैं धीरे धीरे अपनी उंगली को अन्दर बाहर करने लग गया। वो मुंह से श हह ही ईई … शी ईई … आ अ आह ह्ह्ह आः … ऊन नंह आवाजें निकाल रही थी।
तभी मैं उठा और अपना मुंह उसकी प्यारी सी चूत पे रख दिया। अब मैं उसकी चूत चाट रहा था … पहले मैंने अपनी जीभ उसके क्लिट पे फिराई … जिस से वो ऐसे तड़प उठी जैसे जल बिन मछली, वो कहने लगी प्लीज़ अब चोद दो और बर्दाश्त नहीं होता, पर मैं उसे और तडपाना चाहता था, अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी. उसके मुंह से सीत्कार निकल गई. वो मेरी मिन्नतें करने लगी कि प्लीज़ अब बर्दाश्त नहीं होता … अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो और उसकी प्यास बुझा दो!
मैं उठा और कंडोम अपने लण्ड पे चढ़ाने लगा। तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा इसकी कहाँ जरुरत है!
मैंने कहा- तुम गर्भवती हो सकती हो!
ये सुनकर वो बहुत भावुक हो गई और कहने लगी कि मैं तो बच्चे के लिए तरस रही हूँ।
मैंने कहा- मैं समझा नहीं!
तो वो बोली कि उसके पति में कमी है, वो कभी बाप नहीं बन सकते।
उसने कहा कि वो मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती है। ये सुन कर मुझे इतनी खुशी हुई कि मैं बयां नहीं कर सकता और मैंने अपने लण्ड-मुंड पर से कंडोम हटा दिया और उसके ऊपर लेट गया, उसे बेतहाशा चूमने लगा … वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मैंने अपना लण्ड हाथ में पकड़ा और उसकी चूत के मुँह पर रखा … उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे कमल के फूल की अधखुली पंखुडियां, मैंने अपना लण्ड इसकी चूत पे रखा और रगड़ने लगा … उसने कहा प्लीज़ अब अन्दर भी डाल दो। मैंने हौले से धक्का लगाते हुए अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत में डाल दिया … उसकी चूत ज्यादा खुली हुई नहीं थी इसलिए लण्ड घुसने में दिक्कत हो रही थी, १ मिनट रुक के मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाते हुए अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया …
वो इतनी ख़ूबसूरत लग रही थी कि मैं उसके चेहरे पे बिल्कुल भी दर्द नहीं देखना चाहता था। तभी उसने नीचे से अपनी कमर उठा के धक्के लगाने लग गई, मैं समझ गया कि अब उसे दर्द नहीं हो रहा है, मैं भी अब धीरे धीरे उसे चोदना शुरू कर दिया, उसकी चूत काफी गीली हो गई थी इसलिए फच-फच की आवाजें आ रही थी। मैं उसके होठों पे लगातार किस किए जा रहा था ,,,,मेरे हाथ उसके स्तनों को प्यार से मसल रहे थे।
उसके चेहरे पे एक संतुष्टि का भाव था और आँखों में खुशी के आंसू … उसने कहा कि उसके पति ने कभी उसे इतने प्यार से नहीं चोदा! तुम प्लीज़ आज मेरी प्यास बुझा दो …
अब मैं उठा और उसकी टाँगें उठा के मेरे कन्धों पे रख दी और लण्ड फिर से चूत में डाल दिया … अब मैं उसे स्पीड से चोद रहा था।
वो भी कह रही थी शैल प्लीज़ और ज़ोर से चोदो … आ अह हह ह श ह ह्ह्ह … ऊ उ ऊ ऊई ई ई मा … उन नन्ना … की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था। तभी उसने मुझे अपनी बाँहों में कस के पकड़ लिया और मेरे गाल पे एक ज़ोर से, मगर प्यार से सराबोर, काट लिया। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है …
मैंने धक्के मारने का काम और तेज कर दिया। तभी उसकी चूत ने गरम गरम पानी छोड़ दिया जो उसकी चूत से बहता हुआ बेडशीट तक पहुँच गया … झड़ने के कारण उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरा लण्ड आराम से उसकी चूत में फिसल रहा था … करीब २० मिनट उसे चोदने के बाद मैंने भी अपना ढेर सारा वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया और उस पे निढाल होकर गिर गया …
अब हम दोनों एकदूसरे को चूम रहे थे … मैंने उसके चेहरे कि तरफ़ देखा उसके चेहरे पे एक संतुष्टि थी … वो मुझे लगातार किस किए जा रही थी। फिर हम लोग आधे घंटे तक ऐसे ही लेटे रहे। … आधे घंटे बाद मेरा लण्ड फिर हरकत में आ गया … और इस बार मैंने उसे अपने ऊपर लेटा के चोदा, आधे घंटे तक चोद के मैं फिर से उसकी चूत में ही झड़ गया …
उस दिन मैंने उसे शाम तक ५ बार चोदा।
फिर उसके पति के आने का समय हो गया तो हम लोगों ने कपड़े पहने और बैठक में आ गए … वो अन्दर जाकर काफ़ी बना कर लाई, वो बहुत खुश लग रही थी। काफ़ी पीकर मैं जाने लगा तो वो मेरे गले लग कर रोने लगी और कहा कि तुमने मुझे आज वो खुशी दी है जो किसी ने नहीं दी, और मेरे होठों पे अपने होंठ रख कर चूमने लगी। मैं भी काफी भावुक हो गया। उसने मुझे कहा कि जब भी मैं बुलाऊँ तब जरुर आना …
फिर मैं हफ्ते में २-३ बार उसके घर जाने लगा और हम लोग खूब चुदाई करते, फिर अगले महीने जब मैं उसके घर गया तो वो बहुत शरमा रही थी मेरे काफी पूछने पे उसने शरमाते हुए बताया कि वो माँ बनने वाली है … ये सुनकर मुझे इतनी खुशी हुई … ऐसा लगा जैसे सारे जहाँ की खुशियाँ मिल गई हों। आज हमारा एक २ महीने का बच्चा है ..जो दिखने में बिल्कुल मेरे जैसा है … मैं बहुत खुश हूँ।
माफ़ करना दोस्तो, मैं आपको उसका नाम नहीं बता सकता जिसने मुझे इस दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दी। Sex Stories
मैं आपका रोहित फिर से Hindi Porn Stories आपके लिए लेकर आ गया हूँ एक चटपटी लेकिन सच्ची कहानी…
आज मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले में कुछ बातें जो लड़कियाँ, औरतें सेक्स के बारे में सोचती हैं वो बताना चाहूँगा…
मैं आज तक कई लड़कियों से मिल चुका हूँ और कई औरतों से भी …
मैंने उनसे बात करने पर यह पाया कि अधिकतर लड़कियाँ और औरतें यौन-सम्बन्ध बनाना चाहती हैं लेकिन फिर भी डरती हैं कि किसी को भी पता चल गया तो क्या होगा…???
वो हमेशा दूसरों के बारे में ही सोचती हैं… वो कभी यह नहीं सोचती कि मेरी यौन-सम्बन्ध बनाने की भूख कब और कैसे शांत होगी !
लड़की सोचती हैं कि शादी के बाद मेरे पति को पता चल जायेगा कि उसकी चूत फटी हुई है जिस कारण वो मुझे छोड़ देगा।
या कोई शादीशुदा औरत होगी तो बदनामी के डर से अपनी इच्छा होने के बावज़ूद यौन समबन्ध नहीं बनाती है…
अगर कोई लड़की किसी लड़के से चुदवाना चाहती है तो वो उस लड़के को कभी चुदाई के लिए नहीं कहेगी क्योंकि वो चाहती है कि पहले लड़का उसे चुदाई के लिए कहे …
और लड़का यह सोचता है कि लड़की कहे क्योंकि अगर उसने यह बात कह दी और लड़की बुरा मान गई तो वो उसकी दोस्ती से भी हाथ धो बैठेगा।
मेरा मानना है कि लड़की को कह देना चाहिए कि वो उस लड़के से यौन-तृप्ति चाहती है…
अगर किसी लड़की को लगता है कि उसकी शादी के बाद उसकी योनिच्छेदन का पता उसके पति को लग जायेगा तो उन्हें ऐसा करना चाहिए कि अपने पति को सुहागरात के दिन अपनी चूत दिखाये नहीं सीधे चुदवाये …इससे उसका पति जोश में तेजी से चोद देगा और उसे कुछ पता नहीं चलेगा।
मेरी तो सभी लड़कियों और औरतों को यही सलाह है कि उन्हें जिसके साथ यौन सम्बन्ध बनाने की इच्छा हो उनके साथ खुल कर सेक्स करें…
मैं ये सब बातें ऐसे ही नहीं कह रहा, मैंने बहुत सी लड़कियों और औरतों को चोदा है … उनसे हुई बातों के आधार पर ही कह रहा हूँ।
मैंने कई लड़कियों और औरतों से मेल से बातें भी की हैं ….
आज की मेरी कहानी भी ऐसी ही एक शादीशुदा औरत की है जिसे चुदवाने की तो बड़ी इच्छा होती है लेकिन वो कभी किसी से भी बात नहीं कह सकी …. उसका पति भी उसे सिर्फ तीन-चार मिनट चोदता, फिर सो जाता ! वो लम्बी चुदाई चाहती थी… उसकी चूत की प्यास कभी शांत ही नहीं होती थी…. उस औरत का नाम था दीपाली …
उसने मेरी पहली कहानी “मैं और मेरी भाभी जयपुर में” पढ़ते ही मुझे मेल किया- मैं एक शादीशुदा 33 साल की औरत हूँ, मेरी शादी को सात साल हो चुके हैं। मेरा पाँच साल का एक बेटा भी है। मेरे पति कभी मेरी चूत को शांत नहीं कर पाए हैं। मैं भी आप ही के शहर जयपुर में रहती हूँ। मैंने जब आपकी कहानी पढ़ी तो मुझे लगा कि आप ही मेरी चूत को शांत कर सकते हैं। आपने जब अपनी भाभी को चोदा तो मुझे भी चोद सकते हैं। अतः आप से मेरी विनती है कि आप मुझे चोदें। मेरा मोबाइल नंबर *********** है, आप मुझे अपना नंबर दे दे या मुझे फ़ोन करें।
उसने साथ में अपनी दस सेक्सी फोटो भी मुझे भेजी। वो साड़ी में और जींस दोनों में ही सेक्सी लग रही थी।
मैंने तो मेल पढ़ते ही उसे चोदने का मन बना लिया, फिर मुझे लगा कहीं यह कोई लड़का मेरे साथ शरारत तो नहीं कर रहा, इसलिए मैंने अपना दूसरा फ़ोन नंबर जिसे मैं साल में तीन-चार बार बदल लेता हूँ, वो मेल किया। मेल करने के डेढ़ घंटे बाद उसका फ़ोन आया। तब मैं बाहर था इसलिए मैंने बाद में बात फ़ोन करने के लिए कहा।
फिर जब मैं घर आया तो मैंने अपने असली नंबर से फ़ोन किया और ढेर सारी बातें की।
हमने अगले दिन मिलने की योजना बनाई। हम एक रेस्टुरेंट में गए, वहाँ खाना कम, बातें ज्यादा की।
फिर हमने चुदाई का कार्यक्रम भी बनाया।
मैंने उससे पूछा कि वो घर में कब अकेली रहती है?
तो बोली- मैं सुबह साढ़े नौ से डेढ़ बज़े तक अकेली रहती हूँ।
मैं बोला- बहुत बढ़िया है.. अब 5-6 घंटे चुदाई करने में बहुत मजा आएगा…
फिर हमने सोमवार को साढ़े दस बजे उसके घर चुदाई का कार्यक्रम बनाया।
सोमवार के दिन मैं सुबह से ही तैयार हो कर जाने की तैयारी करने लगा। मैं दस बजे घर से निकल गया और दस बज़ कर बीस मिनट पर ही दीपाली के घर पहुँच गया।
उसका घर काफी बड़ा था। उसने पहले मुझे अपना पूरा घर दिखाया फिर अपने बेडरूम में ले गई। मैंने उसे वहाँ जबरदस्त चुम्बन दिया। उसे बाहों में लेकर उसे और जबरदस्त किस दिया … और साथ साथ उसके स्तन दबाने लगा..
दीपाली के होंठ बहुत रसीले थे… मुझे सबसे ज्यादा मजा उसके होंठों को चूमने में आया।
फिर मैं उसके चुचे दबाने लगा। उसके स्तन बहुत बड़े थे और मुझे भी बड़े ही पसंद हैं ..इसलिए मैंने उसके स्तनों का खूब मजा लिया।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया..और उसे चूमते हुए उसके वक्ष को ब्रा से आजाद कर दिया। फिर मैंने उसके चुचूकों को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
वो मुँह से आह निकलने लगी..
मुझे बड़ा मजा आ रहा था..
उसने कहा- जान, मैं तुम्हारा लंड मुँह में लेना चाहती हूँ..
मैं बोला- जरुर लो मेरी जान …
फिर मैं खड़ा हुआ, उसने मेरा टी-शर्ट उतारा और और मेरे सीने को चाटने लगी। इसमें बड़ा मजा आ रहा था..
फिर उसने मेरी जींस उतारी और मेरे लंड को मुँह में लेने लगी..
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया जिससे अब वो सिर्फ पैंटी में थी। उसका फिगर बढ़िया होने से पैंटी में बहुत सेक्सी लग रही थी..
फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और चूत को चाटने लगा। चूत से मस्त वाली खुशबू आ रही थी।
मैंने कारण पूछा तो बोली- परफ्यूम लगाया है ..
फिर वो परफ्यूम मैंने भी ले लिया..
फिर उसका पानी आ गया जिसे मैं पी गया..
बहुत अच्छा लगा ..
फिर मैं खड़ा हुआ और अपना साढ़े सात इंच लम्बा लौड़ा उसकी चूत में घुसाया। ३-4 इंच तो आसानी से घुस गया, फिर उसकी चूत थोड़ी टाइट लगी.. मैंने एक धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर ..
अन्दर घुसते ही दीपाली के मुँह से- आह ! मार डाला ! आवाज आई।
लेकिन मुझे पता था यह तो होगा ही ! इसलिए मैंने अपनी स्पीड कायम रखी ..थोडी देर बाद वो सामान्य हो कर बोली- अब बड़ा मजा आ रहा है।
फिर मैं अपनी मस्त चाल में उसे चोदता रहा …
करीब पच्चीस मिनट की चुदाई में हमने बहुत मजे किये..
मैंने कभी बेड पर लिटा कर चोदा तो कभी उसे घोड़ी बनाकर पहले उसकी चूत में अपना बड़ा लंड डाला फिर उसकी गांड में अपना लंड डाला। उसने आज से पहले कभी गांड नहीं मरवाई थी इसलिए उसकी गांड टाइट थी। मैंने पहले तो थोड़ा धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड उसकी गांड के अन्दर चला गया। फिर मैंने अपनी गति बढ़नी शुरू की जिससे उसकी गांड का छेद खुलता गया ..
फिर मैंने मजे से उसके साथ चुदाई की…
उसे पहली बार गांड चुदाने में बड़ा मजा आया …
हमने उस दिन तीन बार चुदाई की।
मैं साढ़े बारह पर उसके घर से निकल गया क्योकि उसका बेटा आने वाला था..
यारो, मुझे इतने मजे कभी नहीं आये जितने दीपाली को चोदने में आये …क्योंकि दीपाली का फिगर शानदार है…
आप लोगों को मेरी कहानी और सलाह पसंद आये तो मुझे मेल करना मत भूलना ! Hindi Porn Stories
मैं अपना परिचय Antarvasna दे दूँ, मेरा नाम सुरेश खुराना है, उम्र ५२ साल, कद ५’-१०”, रंग गोरा और बदन गठीला है। मैं स्टेट बैंक में मैनेजर हूँ, मेरे घर में मेरी पत्नी और दो बेटे हैं, जो कक्षा ८ और १० में पढ़ते हैं।
बात लगभग एक साल पहले की है जब मेरा तबादला आगरा से जयपुर हुआ तो पत्नी और बच्चों को आगरा में ही छोड़कर मैं अकेले जयपुर आ गया। जयपुर में मैंने जो मकान किराये पर लिया उसके मालिक का नाम था मूल चंद मनवानी, उसकी उम्र लगभग ५४ साल, कद ५’-६”, रंग गोरा और बदन ढीला ढाला, पेशा जूते की दुकान। उसके घर में उसकी पत्नी सीमा, उम्र लगभग ५० साल, कद ५’-५”, रंग गोरा और बदन भरा-पूरा। खंडहर बताते थे इमारत कभी बुलंद थी। इनकी एक लड़की पायल थी जिसकी उम्र करीब अट्ठारह-उन्नीस साल, कद ५’-५”, रंग गुलाबी और बदन अपनी मां की तरह भरापूरा था, एक नज़र में फिल्म स्टार ममता कुलकर्णी लगती थी।
मैं सुबह नहा धोकर निकलता, रेस्तरां में नाश्ता करता और बैंक चला जाता, दोपहर का खाना टिफन वाला बैंक में दे जाता और रात को होटल में खाता था।
इस तरह दिन कट रहे थे कि एक दिन मूल चंद जी बोले- खुराना साब, क्यूँ होटल बाज़ी करते हैं, यहीं घर में खाया कीजिये।
मेरे मना करने पर बोले- जो मुनासिब हो, पैसे दे दिया करिए, यानी आप किरायेदार से पेइंग गेस्ट बन जाइए। मुझे भी ठीक लगा और मैं उनके घर मैं खाने लगा। उनके घर खाना खाने से हुआ यह कि मैं सीमा की तरफ आकर्षित होने लगा और उसको चोदने की सोचने लगा।
एक दिन मैंने बैंक से छुट्टी ली और सिरदर्द का बहाना बनाकर घर मैं लेटा रहा।
जब नाश्ता करने उनके घर नहीं गया तो मूल चंद और पायल के जाने के बाद सीमा आई और पूछा- आज आप नाश्ता नहीं करेंगे क्या?
मैंने बताया- तबियत खराब है !
तो बोली- मैं चाय बनाकर लाती हूँ !
मैंने कहा- चाय ना लाइये, कोई बाम हो तो ले आइये !
वो गई और बाम ले आई तथा मेरे कहने पर मेरे माथे पर मलने लगी। दोनों के शरीर करीब आये साँसे मिलने लगीं तो मैंने पहल की और उसने भी विरोध नहीं किया, हम दोनों नंगे हो गए और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। उस दिन से लगभग रोज़ हमारा प्रोग्राम बन जाता।
एक दिन मैं उसको चोद रहा था, कमरे का दरवाजा बंद था, खिड़की का पर्दा लगा था, मुझे एहसास हो गया कि पायल आ गई है और खिड़की के बाहर से अन्दर के माहौल का अंदाज़ लगा रही है।
उसको सुनाने के उद्देश्य से मैंने सीमा से पूछा- सीमा जब मेरा लंड तुम्हारी चूत के अन्दर बाहर होता है तो मज़ा आता है?
तो बहुत सेक्सी आवाज में सीमा ने कहा- राजा इतना मज़ा इससे पहले कभी नहीं आया !
सीमा को चोदते हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि उसकी बेटी पायल यह जान गई थी कि मैं उसकी माँ सीमा को चोदता हूँ। हालाँकि सीमा को यह नहीं मालूम था कि पायल यह सब जानती है। मेरा ध्यान अब कच्ची कली को फूल बनाने पर लगा हुआ था। जल्दी ही भगवान ने मेरी सुन ली, सीमा का मायका अलवर में था और उसकी माँ की तबियत खराब होने की खबर आई तो वह एक हफ्ते के लिए अलवर चली गई, जाते समय मुझसे बोली- तुम्हें बहुत मिस करूंगी !
मैंने मुस्कुरा कर कहा- मैं भी !
उसके जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो पायल से इधर उधर की बातें होने लगीं। मैं उसकी झिझक दूर करना चाहता था। बातों बातों में उसने बताया कि परसों मेरा जन्मदिन है और मैं १८ साल की हो जाऊंगी।
मैंने पूछा- तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें क्या तोहफ़ा दूं ?
बोली- कुछ नहीं !
मैं जानता था कि मूल चंद बहुत कंजूस टाइप का आदमी है और परिवार पर ज्यादा खर्च नहीं करता है। मैंने कहा- रात को जब तुम्हारे पापा आ जायेंगे तो उनसे बात करूंगा और कल तुमको मार्केट ले जाऊंगा, एक सुन्दर सा सूट दिलाऊँगा।
मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो गई। मैं नाश्ता कर चुका था इसलिए उठा और बैंक चला गया। रात को खाने के समय मैंने मूल चंद से कहा- परसों पायल का जन्मदिन है और मैं इसे एक सूट उपहार में देना चाहता हूँ, अगर आपकी इजाज़त हो तो कल इसको मार्केट से दिलवा दूं?
मूल चंद लालची तो था ही, हल्की सी मनाही के बाद बोला- जो आपकी मर्ज़ी !
खाना खाकर मैं अपने कमरे में आ गया और आगे की योजना बनाने लगा। सुबह मूल चंद के जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो मैंने पायल से कहा- ११ बजे तक तैयार हो जाना, मार्केट चलेंगे, पिक्चर देखेंगे और वहीं खाना खायेंगे ! पायल के चेहरे और मेरे लंड की रौनक देखने लायक हो रही थी।
मैं बैंक गया और बहाना बनाकर ११ बजे वापस आ गया, पायल तैयार थी, गज़ब ढा रही थी। हम लोगों ने पहले सूट ख़रीदा, फिर उसकी झिझक खोलते हुए उसको ब्रा और पैंटी भी दिलवा दी। इसके बाद हम लोग पिक्चर देखने लगे। इंटरवल तक हम लोग आराम से बैठे रहे, इंटरवल में पोपकोर्न लिए, खाते खाते पिक्चर शुरू हो गई। अब पोपकोर्न लेने के चक्कर में हमारे हाथ छुए तो शुरुआत हो गई। पोपकोर्न खत्म होने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ा, कुछ नहीं बोली तो मैंने उसका हाथ सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मेरा लंड एकदम टाइट हो गया तो मैंने पायल का हाथ अपने लंड पर रख दिया और अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा तथा सहलाने लगा।
मैंने उससे कहा- तुम भी सहलाओ ! तो वह मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी। मैंने अपना दूसरा हाथ उसके मम्मे पर रखा और हल्के-हल्के दबाने लगा। इसी समय पिक्चर खत्म हो गई और हम खाते पीते घर आ गए। आज पहला दिन था और उसे खाना भी बनाना था, इसलिए घर आकर हमने कुछ नहीं किया। वह अपने घर चली गई और मैं अपने कमरे में ! मैंने बाथरूम जाकर मुठ मारी, अपने लंड को ठंडा किया और सो गया।
रात को करीब १० बजे मूल चंद की आवाज से नींद खुली, सबने एक साथ खाना खाया। खाने के दौरान पायल की भूखी प्यासी आँखें मुझे और मेरी आँखें उसे देखती रहीं। मूल चंद तो १५००/- का सूट देखकर गीला हो गया था।
अगले दिन सुबह सोकर उठा तो पहला काम पायल को फ़ोन करके हैप्पी बर्थडे कहा।
बोली- थैंक्यू !
तो मैंने कहा- पायल, आई लव यू !
शर्माते हुए बोली- आई लव यू टू !
रास्ता साफ़ था, बस मूल चंद के दुकान जाने की देर थी, मुझे मालूम था कि आज १८ साल की नई नवेली चूत मिलने वाली है, मैं भी डाबर शिलाजीत गोल्ड के २ कैप्सूल खाकर अपनी जवानी में चार चाँद लगा चुका था। मूल चंद को दुकान गए १० मिनट हो गए तो मैं पायल के कमरे की तरफ गया, कमरा अन्दर से बंद था, आवाज़ देने के २ मिनट बाद दरवाज़ा खुला तो मैं गश खाकर गिरने वाला था, मेरी दुल्हन पायल मनवानी गुलाबी रंग के नए सूट में बिजली गिरा रही थी। मैं कमरे के अन्दर गया तो उसने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने अपनी बाहें फैलाईं तो चली आई।
मैंने कहा- पायल आज तुम १८ साल की हो गई हो और १८ साल की लड़की को सरकार इजाज़त देती है वह जो चाहे कर सकती है, वह चाहे तो नया सूट पहन सकती है और चाहे तो सूट दिलाने वाले को सूट उतारने का मौका दे सकती है, क्या तुम मुझे ये मौका दोगी कि मैं देख सकूं कि तुम नई ब्रा और पैंटी में कैसी लगती हो ?
कुछ नहीं बोली, बस सीने से लग गई, मैंने उसका सूट उतारा फिर थोड़ी देर तक चूमने चाटने के बाद ब्रा और पैंटी भी उतार दी, उसे गोद में उठाया और बेड पर ले आया। बेड पर लिटाते ही अपने होंठ उसकी चूत पर रखे तो उसे करंट सा लगा, मुझे लगा लोहा गरम है, अपने कपड़े उतारे, जेब से कंडोम निकालकर अपने तन्नाये हुए लंड पर चढ़ाया और लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखते हुए कहा- पायल डार्लिंग ! यह रहा तुम्हारा असली बर्थडे गिफ्ट !
पहले झटके में आधा और दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी चूत में समा गया, थोड़ा सा कसमसाई लेकिन झेल गई।
अब मेरा लंड उसकी चूत में था और उसका एक मम्मा मेरे मुंह में तथा दूसरा मेरे हाथ में था। आधे घंटे से ज्यादा देर तक चोदने के बाद जब मेरे लंड से पिचकारी छूटी तो भूचाल आ गया। अपना लंड जब उसकी चूत से निकाला तो चादर पर फैला खून देखकर एक बार तो मैं घबरा गया लेकिन पायल का सुकून भरा चेहरा देखकर राहत की सांस ली। हम दोनों बाथरूम गए मिलकर नहाए और बेड पर आ गए।
कुछ देर बाद मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके होठों को चूसना शुरू किया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसे वह सहलाने लगी। थोड़ी देर में लंड खडा हो गया तो मैंने पोजीशन बनाकर लंड उसके मुंह में दे दिया. कुछ देर बाद उसने मुंह से मेरा लंड निकाला और मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख दिया, मैं समझ गया चुदासी है !
मैंने जेब से दूसरा कंडोम निकाला, लंड पर चढ़ा कर लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने लंड को अपनी चूत पर रखा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। उस दिन मैंने उसको चार बार चोदा और सीमा के आने तक यह कार्यक्रम चलता रहा।
सीमा के आने के बाद कहानी में कहाँ मोड़ आया, यह अगले भाग में…. Antarvasna
मैं एक नए शहर में जब अकेले घूमने Hindi Sex Stories निकला तो मैं चलते चलते एक वेश्याओं की गली में पहुंच गया। मैंने देखा कि बहुत सी लड़कियाँ छोटे छोटे मकानों के सामने खड़ी थी। मैंने समझा कि सभी किसी त्यौहार की तैयारी करके कहीं जाने की तैयारी कर जा रहे होंगी। सभी सजे धजे थे । मुझे कुछ समझ न आया और आगे बढ़ता चला गया। गली में पहुंच कर देखा कि वहाँ सभी इशारों में बुला रहे थे। मैंने देखा कि एक आंटी मुझे बुला रही है। तो मैंने सोचा कि शायद आंटी को किसी प्रकार की मदद चाहिए।
मैं आंटी के पास पहुंचा तो आंटी ने पूछा,”लोगे?”
तब मुझे समझ में आया कि मैं किस गली में पंहुचा हूँ।
मैंने पूछा,”कितना ?”
तो उसने बोला,”१०० रुपए लड़की का और ५० रुपए मेरा !”
मैंने अपने सारे पैसे लगभग ख़त्म कर दिए थे इसलिए मैंने उस आंटी को पेलने का निश्चय किया। उसने मुझे कमरे में बुला लिया मेरा मन उस लड़की पर अटक गया था जो वहाँ थी, वो बिल्कुल जवान और पतली दुबली थी। अफसोस मुझे तो आज उस आँटी को पेलना होगा।
आंटी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा तो मैंने तुंरत ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल ही नंगा होकर खड़ा हो गया लेकिन मेरा लिंग जैसे तैयार नहीं था, बिल्कुल मायूस था। मानो जब किसी बच्चे की कोई बात न मानने पर मायूस हो कर बच्चे एक तरफ खड़े हो जाते हैं।
फिर उस आंटी ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मेरे लिंग को रगड़ना चालू किया जब बात नहीं बनी तो हस्त मैथुन पे चालू हो गई । जैसे ही लिंग में थोड़ा सा कड़कपन आया तो उस पर कंडोम पहनाने लगी। कंडोम पहनाने के बाद आंटी बिस्तर पर जा कर लेट गई और इशारे से मुझे बुलाया।
मैं पैसे वसूल करने के लिए उस पर चढ़ बैठा और पेलना शुरु करा। आंटी के स्तन काफी मोटे व बड़े थे। मैं उन्हें दबाये जा रहा था और हौले हौले पेल भी रहा था। अचानक आंटी को गुस्सा आ गया- यह क्या कर रहे हो?
मैंने सोचा आंटी न जाने किस बात से नाराज हो गई।
आंटी ने फिर कहा,”जोर लगा के पेलो !”
मैं समझ गया कि आंटी को मैं संतुष्ट नही कर पा रहा था और उनका योनि तो घाट घाट का पानी पिया हुआ है। अब मैंने जोर जोर से धक्का मारना शुरु करा तो मेरे लिंग में भी कड़कपन बढ़ गया। मैं लगातार वार पे वार किए जाने लगा अब आंटी को भी मज़ा आने लगा। बैटिंग में लगातार छक्के-सिक्सर मार के अपने-आप को धोनी या युवराज से कम नही समझ रहा था।
और फिर मैं कैच आउट हो गया। और मेरा लिंग पवेलियन लौटने लगा यानि सुकड़ने लगा जैसे कि जब कोई बैटसमैन शतक बनाकर आउट होता है तो उसे खुशी भी रहती है और आउट होने के अफ़सोस में सर नीचे कर पवेलियन जाता है।
उस आंटी ने तो मेरा ही बाज़ा ही बज़ा दिया था।
आप के जीवन में ऐसी आंटी आए तो क्या होगा। Hindi Sex Stories
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