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Massage Girl in Banka: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Banka who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Banka that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Banka massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Banka who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Banka massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Banka massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Banka who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Banka employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Banka helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Banka

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Banka at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Sex Stories

हाय मेरा नाम शिवानी है. मेरी उम्र Sex Stories 18 साल है। मैं लखनऊ के पास के गाँव की रहने वाली हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी और सोचा कि मुझे भी अपनी बात सबको बतानी चाहिए। इसलिए आज मैं आपको एक व्यक्तिगत अनुभव सुनाने वाली हूँ।

हमारे गाँव में बहुत से कच्चे मकानों के बीच हमारा मकान पक्का है जिसमें मेरा, मेरे भाई का, मम्मी पापा का सबका अलग अलग कमरा है।

एक रात की बात है, मैं लगभग 11 बजे बाथरूम जाने के लिए उठी। बाथरूम मम्मी के कमरे को पार करने के बाद पड़ता है। जब मैं उस कमरे के सामने से गुज़री तो मुझे मम्मी के कराहने और ज़ोर ज़ोर से सांसें लेने जैसी आवाज़ें सुनाई पड़ी।

मैं एक बार को तो डर गई, पर मैंने हिम्मत रखते हुए चाबी के छेद से झांका तो मैं दंग रह गई। कमरे में पापा मम्मी बिल्कुल नंगे खड़े थे। पापा मम्मी की चूचियाँ दबा रहे थे और बार बार उनके चूतड़ों पर जोर से चपत सी मारते जा रहे थे।

पहले तो मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया पर फ़िर मैंने ध्यान से देखा कि पापा मम्मी से चिपटे हुए हिल भी रहे थे। तभी वे थोड़ा सा घूमे तो मेरी बुद्धि घूम गई। पापा ने अपना लण्ड शायद मम्मी की चूत में डाल रखा था और वहीं धक्के मार रहे थे।

मेरी समझ में कुछ कुछ आने लगा था। मेरी कोलेज़ की सहेली ने एक बार मुझे अपनी चुदाई की कहानी सुनाई थी। आज़ अचानक वही चुदाई मुझे अपने घर में होती दिखाई दी।

पता नहीं क्यों, पर वो नज़ारा देख कर मेरी चूत में खुज़ली सी होने लगी और मुझे अपनी सांसें कुछ भारी सी लगने लगी। मैं वहाँ पर पूरा कार्यक्रम देखकर बाथरूम जाकर अपने कमरे में तो आ गई पर मुझे फ़िर नींद नहीं आई।

वो दृष्य मेरी आंखों के सामने नाचने लगा। मैंने अपनी सलवार और कच्छी उतार दी और एक हाथ से अपनी चूचियाँ दबाते हुए अपने पैन को चूत में डाल कर चलाया। फ़िर पैन के बज़ाए दूसरे हाथ की उँगली डाली। थोड़ी देर बाद मेरी चूत में से कुछ सफ़ेद सा निकला और मुझे पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई।

सुबह मम्मी की आवाज़ ‘ कोलेज़ नहीं जाना है क्या! जल्दी उठ!’ से मेरी आँख खुली, तो जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर आई।

मुझे रात की बात अभी भी याद आ रही थी, पर मैं कोलेज़ जाने के लिए तैयार होने लगी। मैं कच्छी और ब्रा पहन कर ही नहाती हूँ पर उस समय मेरी उत्तेज़ना बढ़ गई और मैं पूरी नंगी होकर नहाई और उँगली, साबुन की सहायता से अपनी चूत का पानी निकाला।

तरोताज़ा होकर, नाश्ता कर मैं कोलेज़ के लिए घर से निकल गई। थोड़ी सी दूर सड़क से बस मिल जाती है, वहीं से मैंने बस पकड़ी जो रोज़ की तरह ठसाठस भरी थी। जैसे तैसे गेट से ऊपर चढ़ कर थोड़ा बीच में आ गई। तो वो रोज़ की कहानी चालू। आप तो जानते ही होंगे, जवान लड़की अगर भीड़ में हो तो लोग कैसे फ़ायदा उठाते हैं, और आप उन्हें कुछ कह भी नहीं सकते।

वही मेरे साथ होता है। मेरे पीछे से कोई मेरे चूतड़ दबाने सा लगा, तो एक अन्कल मेरे कन्धे पर बार बार हाथ रख कर खुश होने लगे। एक महाशय सीट पर बैठे थे, भीड़ की वज़ह से मेरी साईड उनके सिर से दबी थी, जो उन्हें भी मज़ा दे रही होगी।

इतने में मेरी ही क्लास का एक लड़का जो बहुत दिन से मेरे पीछे पड़ा था और केवल मेरे लिए ही इस बस से आता-जाता था, अपने गाँव से बस में चढ़ा। लन्बा तगड़ा तो खैर वो है ही, हैण्डसम भी है। पर मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देती थी। आज़ तो वो सबको हटाता हुआ ठीक मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया। मैंने उसे देखा पर मैं कोई आपत्ति करने की स्थिति में नहीं थी। कुछ कहा तो बोला- बस में भीड़ ही इतनी है।

मुझे चुप हो जाना पड़ा। मुश्किल से पाँच मिनट बीते होंगे कि अचानक ड्राईवर ने बड़े जोर से ब्रेक लगाए और पता नहीं क्यों ड्राईवर मादरचोद, बहनचोद जैसी माँ बहन की गालियाँ किसी को बकने लगा। शायद कोई बस के आगे आ गया होगा।

लेकिन उसके अचानक ब्रेक मारने से थोड़ सा बैलैंस तो सबका बिगड़ ही गया था। राहुल, मेरा क्लासमेट गिरते गिरते बचा। उसके हाथ में मेरी दाईं चूची आ गई थी, या वो जानबूझ कर उसे पकड़ कर लटका। पर इतना जरूर हुआ कि उसने उसे कायदे से दबा मसल जरूर दिया। मुझे गुस्सा आया, पर मैं कुछ कहती, उससे पहले ही वो वैरी सोरी कहने लगा। तो मुझे भी लगा कि शायद अनायास ही यह हो गया होगा।

वो फ़िर मेरे से सट कर खड़ा हो गया। बस चलने लगी। इतने में मैंने अपने चूतड़ों के बीच अपनी गाण्ड में कुछ चुभता सा दबाव महसूस किया। पहले तो मैंने इस पर खास ध्यान नहीं दिया अप्र मैं समझ गई कि राहुल का लण्ड मेरे चूतड़ों की गरमी खा कर खड़ा हो गया है और वो ही मुझे चुभ रहा है।
यह सोच कर मुझे रात वाला नज़ारा फ़िर याद आ गया और मेरे बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई। अब मैं बिल्कुल बिना हिले कपड़ों के ऊपर से ही अपनी गाण्ड का तिया-पाँचा कराने लगी।

कुछ देर बाद ही कोलेज़ जाने वली सड़क पर बस रुकी और कोलेज़ जाने वाले सभी लोग उतरने लगे। मैं और राहुल साथ साथ ही उतरे। उतरने के बाद भी आज़ तो वो मेरे साथ ही चलने लगा। कुछ मिनटों बाद मैंने उससे मुस्कुरा कर कह ही दिया कि आप जो बस में कर रहे थे, वो अच्छी बात नहीं है। इस पर वो नाटक करते हुए बोला कि मैंने तो कुछ नहीं किया और कहते कहते ही मेरे चूतड़ों को भी दबाने लगा। मुझे भी अच्छा सा लगा पर मैंने उससे कुछ नहीं कहा।

अचानक ही हम कोलेज़ जाने वाले मोड़ से कोलेज़ की बजाए जंगल वाली सड़क पर मुड़ गए। शुरू में तो मुझे मज़े मज़े में पता ही नहीं चला पर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा तो बोला- कोलेज़ में तो रोज़ ही जाते हैं, चलो आज एक नया नज़ारा दिखाता हूँ।

उसकी बात का मतलब समझते हुए भी मैं उसके साथ चलने लगी, सच में तो मुझे रात से लग रहा था कि कोई मेरी चूत को चोद डाले, जैसे पापा मम्मी को चोद कर मज़ा दे रहे थे।

एक जगह बिल्कुल सुनसान थी। दूर दूर तक कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था। तभी हमें गन्ने के खेत के बीच में कुछ खाली हिस्सा नज़र आया। वो मुझे वहीं ले गया और मुझसे लिपट कर जगह जगह मुझे चूमने चाटने लगा। इससे मेरी उत्तेज़ना और बढ़ गई। इसके बाद जब उसने मेरी चूचियों को दबाना-मसलना शुरू किया तो मुझे जैसे ज़न्नत दिखाई देने लगी। वो एक हाथ से मेरी चूचियाँ और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ों को बारी बारी दबा रहा था।

अचानक उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। मैं मना करने की स्थिति में नहीं थी, सो मैंने हाथ ऊपर कर दिए ताकि वो मेरा कुर्ता आराम से उतार सके। उसने मेरी सलवार का नाड़ा भी खींच दिया। सलवार बिना लगाम के घोड़े की तरह झट से नीचे गिर गई। अब मैं उसके सामने केवल ब्रा और पैन्टी में रह गई थी।

मुझे शर्म तो आ रही थी लेकिन उत्तेज़ना शर्म पर हावी हो गई थी। सो मैं चुपचाप तमाशा देखती रही। उसने पहले तो मेरे सीने को फ़िर नाभि को ऐसे चूसना शुरू कर दिया मानो कुछ मीठा उस पर गिरा हो और वो उसे चाट कर साफ़ कर रहा हो।
मैं बुरी तरह उत्तेज़ित हो रही थी कि उसने मेरी कच्छी के ऊपर से एक उँगली मेरी चूत में घुसेड़नी शुरू कर दी। मुझे दर्द का भी अहसास हुआ पर मैं उसे मना ना कर सकी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था लेकिन मैं बेशर्म हो कर अपनी चूचियाँ अपने आप दबाने लगी थी।

उसने धीरे धीरे मेरी पैन्टी और ब्रा को भी मेरे शरीर से अलग कर दिया और मुझे मादरजात नंगी कर दिया। मैं तड़प रही थी और उसे मज़ा आ रहा था।

वो अभी तक पूरे कपड़ो में खड़ा था। मुझे गुस्सा आया और मैंने उसे गाली दे देकर कहना शुरू कर दिया कि अपने कपड़े भी तो उतार। वो झटके से मुझसे अलग हुआ और बिजली की रफ्तार से उसने अपने कपड़े उतार दिये। कच्छा उतारते के साथ मेरी हालत खराब हो गयी। उसका लण्ड मेरे पापा के लण्ड से कम से कम दुगुना लग रहा था। उसकी लम्बाई कम से कम 8 इंच और गोलाई कम से कम 3 इंच से तो किसी भी तरह कम नहीं थी।

उसने अपना हथियार मेरे हाथ में देकर मुझसे सहलाने को कहा। मैं उसे हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी तो उससे डर कुछ कम लगने लगा। फिर उसने मुझे नीचे बैठाया और अपना लण्ड मेरे मुँह में देने लगा। मुझे बहुत घिन्न आ रही थी कि इसी से ये मूतता होगा और अपना पेशाब मुझे पिलाने की तैयारी में है और सच में उसने मेरे मुँह में डालते डालते पेशाब की तेज धार मेरे मुँह और सारे चेहरे पर डाल दी और हंसने लगा।

पहले तो मुझे बहुत घिन्न आयी पर पता नहीं क्यों कैसे मुझे अपने ऊपर पड़ती गर्म पेशाब से अचानक नहाने में बड़ी उत्तेजना का अनुभव होने लगा। मैं उसके पेशाब को चाटने भी लगी और अपनी चुचियों पर भी मला। मुझे सच इसमें बहुत मजा आया। इसके बाद लण्ड में बची बूंदो को खराब न जाने देने के इरादे से मैंने उसका मोटा लण्ड अपने मुँह में बिना उसके कहे डाल लिया और चूसने लगी।

मुझे तो खैर उसमें बहुत मजा आ ही रहा था, मैंने महसूस किया कि उसे भी इसमें बहुत मजा आया होगा क्योंकि उसका लण्ड पहले से अधिक सख्त और गर्म महसूस हो रहा था। वो मेरा सिर पकड़ कर आगे पीछे करने लगा। अब मेरी चूत में उत्तेजना बढती जा रही थी। यह बात मैंने पूरी बेशर्मी से उसको बतायी तो वो अपना लण्ड मेरी चूत में डालने को तैयार हो गया। वो मुझे जमीन पर लिटाकर मेरे उपर आ गया।

उसके लण्ड का अगला भाग जिसे शायद सुपाड़ा कहते हैं जैसे ही मेरी चूत से टकराया लगा कि जैसे गर्म सरिया या रॉड सी मेरी चूत पर छुआ दी हो। सच अगर चूत में लण्ड डलवाने की इतनी खुजली न मची होती तो मैं तुरन्त उसे वहाँ से हटा देती, लेकिन मैं अपनी चूत के हाथो मजबूर थी। अब उसने चूत पर लण्ड का दबाब बढ़ाना शुरू किया। मुझे दर्द का एहसास हुआ तो मैंने थूक लगाकर डालने की सलाह दी जिसे उसने तुरन्त मान लिया।

उसने सुपाड़े पर थूक लगाकर जोर का झटका मेरी चूत के छेद पर मारा, पर निशाना मिस हो गया और लण्ड मेरे पेट के निचले हिस्से की खाल को जैसे चीरता हुआ उपर आया। मैंने उसे अपने पर्स में निकालकर अपनी कोल्ड क्रीम की ट्यूब उसे दी और उसके लण्ड पर लगाने को कहा, अबके उसने लण्ड के साथ साथ मेरी चूत को भी क्रीम से भर दिया, उँगली डाल डाल कर क्रीम अन्दर पहुँचा दी। मेरी हालत प्रति क्षण खराब होती जा रही थी।

मैंने उससे कहा कि मैं रास्ता दिखाती हूँ तुम जोर का धक्का मारो।

फिर मैंने उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रखा और दबाया। इशारा समझकर उसने शायद पूरी ताकत से धक्का मार दिया। उस समय ऐसा लगा कि उसने धक्का नहीं मुझे मार दिया। एक झटके में उसका आधे से ज्यादा महालण्ड मेरी चूत में समा गया था। मेरी चूत निश्चित ही फट गयी थी और वह दर्द का अहसास हुआ जो आज तक कभी भी जिन्दगी में नहीं हुआ। मैं सिर पटकने लगी।

सारी उत्तेजना जाने कहाँ हवा हो गयी थी, मैं उससे लण्ड निकालने की रो-रोकर विनती करने लगी, लेकिन उसे तरस न आया, वो तो उल्टा मेरी चुचियों को चूसने और काटने लगा। पर उसने लण्ड को वहीं रोक दिया। थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम सा महसूस होने लगा तो मैंने उसे बताया। अब उसने लण्ड को धीरे धीरे गति देनी चालू की। उसने धक्के अब भी मेरी चूत को फाड़े दे रहे थे। भंयकर दर्द हो रहा था लेकिन ये उस जानलेवा दर्द के आसपास भी नहीं था जो पहले झटके में शायद क्रीम के कारण हो गया था।

थोड़ी ही देर में मुझको भी मजा सा आने लगा। उसके धक्के अभी भी दर्द पैदा कर रहे थे पर उस दर्द में भी एक अलग आनन्द की अनुभूति हो रही थी। मेरी चूत में से पता नहीं क्या कुछ निकल कर रिस रहा था। पर उसका चूमना चाटना और बीच बीच में काटना अलग ही था। मैंनें इतना आनन्द अनुभव किया जो जिन्दगी में पहले नहीं किया था। पर बात उससे आगे की भी थी। करीब 20 मिनट बाद उसने अचानक धक्कों की स्पीड बढा दी। मैंने भी सहयोग करने का निश्चय करके नीचे से चूतड़ उछालने लगी।

दोनों अपने वेग में थे कि अचानक मेरी चूत में कुछ संकुचन सा हुआ और मैंनें उसको कस के चिपटा लिया, अपने नाखून उसकी कमर में गाड़ दिये। तभी मैंनें अपनी चूत में कुछ गर्म गर्म लावा सा गिरता हुआ महसूस किया।

कुछ ही मिनटों में हम दोनों शान्त हो गये थे। पर आखिर के वो एक-दो मिनट में जो आनन्द आया उसके सामने शायद जन्नत का सुख भी फीका हो। मैं उसकी मुरीद हो गयी। उसने उसके बाद लण्ड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया, मैंने उसे बड़े प्यार से चाट-चाट कर साफ किया।

फिर जब मैंनें बैठकर अपनी चूत रानी को देखा तो मेरे मुँह से चीख सी निकल गयी। चूत का भोसड़ा तो बन ही गया था साथ ही उसमें से खून भी रिस रहा था। मैं यह देखकर डर गयी थी। पर उसने हिम्मत बंधायी। पता नहीं उसने मुझे वापस लिटाकर मेरी चूत में कपड़े से और क्रीम से क्या क्या किया पर सुकून था कि खून रूक गया था। अब थकान बहुत महसूस हो रही थी। सो थोड़ी देर लेटी रही।

फिर उसके सहारे से उठी और बदन झाड कर कपड़े पहने। कपड़े पहनकर उसकी तरफ मुस्कुराकर देखा तो उसने फिर एक बार मेरे निचले होंठ को चूसना शुरू कर दिया और चुचियों को दबाने लगा। मुझे बहुत आनन्द आया और सच में अगर घर वापिस लौटने में टाइम का ख्याल नहीं होता तो मैं उसे हटने को कभी नहीं कहती।

उसके बाद हमने उस जंगल वाले कालेज की कई क्लासेज अटेण्ड की। पर अब गन्ना कट जाने से हमें बड़ी दिक्कत हो गई है। खैर, भगवान ने चाहा तो उसका इन्तजाम भी हो जायेगा। अच्छा मैं अपनी कहानी यहीं पर बन्द करती हूँ।

सम्पादक महोदय से गुजारिश है कि मेरा नाम भले ही छाप दें पर मेरे गाँव और जिले का नाम साइट पर न दें नहीं तो मेरी पूरे कालेज में बदनामी हो सकती है। मैं जानती हूँ मेरे कालेज कई लड़के लड़कियाँ अर्न्तवासना पर कहानियाँ पढने के शौकीन हैं। Sex Stories

मैं कमरे का दरवाजा बंद करके बेड पर आकर बैठ गई.
मैंने अपना लैपटॉप निकाला और ऑफिस का प्रोजेक्ट पूरा करने लगी क्योंकि वह मुझे कल ही देना था.

मैं जल्दी जल्दी उसे खत्म करने का सोचते हुए लगी रही और कुछ ही देर में वह काम पूरा हो गया.

मैंने टाइम देखा तो रात के 12.30 हो चुके थे.
तब मैंने लैपटॉप बंद करके रखा और लेट कर अपना फोन देखने लगी.

मेरे ब्वॉयफ्रेंड की कई मिस्ड कॉल आ चुकी थीं.
मैंने उसे कॉल की और सॉरी बोली.

वह बोला- इट्स ओके बेबी, वैसे क्या कर रही थी जान!

मैंने उसे बताया कि प्रोजेक्ट कंप्लीट कर रही थी.
वह बोला- फिर तो बहुत थक गई होगी. चलो मैं तुम्हें वीडियो कॉल पर रिलैक्स करता हूँ.

मैंने कॉल कट की और उसकी वीडियो कॉल उठा ली.

उसने टॉप उतारने को कहा.
मैंने झट से टॉप उतार दिया और ऊपर से नंगी हो गयी.

हम दोनों के बीच वीडियो कॉल सेक्स शुरू हो गया.
मैं अपने बूब्स मसल रही थी और वह अपना लंड हिला रहा था.

फिर उसने मुझे शॉर्ट्स उतारने का कहा.
मैंने झट से अपना फोन एक जगह टिकाया और उसे दिखाती हुई शॉर्ट्स उतारने लगी.
धीरे धीरे मैंने पूरा शॉर्ट्स उतारा और उसने मुझे टांगें फैलाने को कहा.

मैं दोनों टांगों को फैला दिया और अपनी चूत को रगड़ने लगी. वहां वह अपना लंड हिलाने लगा.
मैं धीरे धीरे पूरी गर्म हो गई.

मैंने झट से अपनी चूत में दो उंगलियां घुसा दीं और तेज तेज उंगली से चूत चोदने लगी- आआहह आआअह आआअह तरुण चोदो मुझे … चोदो मुझे और तेज और तेज … आह!

मैं आंखें बंद किए तेज तेज उंगली को अन्दर बाहर कर रही थी.
वहां ब्वॉयफ्रेंड भी पूरे जोश में मुझे गालियां देता हुआ लंड हिला रहा था- आआअह आह ले साधना ले मेरा लंड अपनी चूत में साली रंडी कुतिया रंडी की बच्ची … तेरी मां चोद दूंगा साली.

यहां मैं भी सिसकारियां भरती हुई कहे जा रही थी- आआअह आह आआ अहह तरुण … चोद चोद … मेरी चुत को फाड़ साले … तेरी मां का भोसड़ा आह!

वहां से वह बोला- आआअह साधना, मुझे तेरी मां की गांड बहुत पसंद है यार … आह आआअह कितनी मोटी है तेरी मां की गांड … जब चलती है साली तो क्या मस्त हिलती है ऊपर नीचे … मन करता है कि साली को पकड़ कर गाड़ फाड़ दूँ रंडी की!
‘आह आआअह आआआहह तरुण फाड़ दो ना किसने रोका है … चोद दो मेरी मां को … आह आआहह चोदो मेरी रंडी मां को तरुण.’

तभी वह ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा और कैमरे पर झड़ गया.
पर मैं अभी भी नहीं झड़ी थी.

उसने बाई बोल कर कॉल कट कर दी.
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया.

पर मैं बहुत गर्म थी.
बेड पर लेटी मैं और तेज तेज उंगली से चूत को चोदने लगी.

मैं सिसकारी ले रही थी- आआ हहह आआअह मुझे मोटा लंड चाहिए अपनी चूत में … कोई चोदो मुझे!

तभी मेरे दिमाग में आज दोपहर की बात घूमने लगी.
मेरी आंखों के सामने उस भिखारी का लंड घूमने लगा.
मैं उसका लंड याद करके अपनी चूत चोदने लगी.
हालांकि उतना मज़ा नहीं आ रहा था.

मैं उठी और नंगी ही बाहर आ गई और किचन में जाने लगी.
मैंने किचन में आकर फ्रिज खोल कर उसमें से एक खीरा और एक केला निकाल लिया.

मैं दोनों को लेकर कमरे में आने लगीं तो उसी वक्त मुझे भैया के कमरे से आवाजें आईं.

तब मैं दबे कदमों से खिड़की की तरफ गई और धीरे से उसके एक पल्ले को धकेला तो आधी खिड़की खुल गई.

मैंने अन्दर झाँका तो देखा कि अन्दर भाभी और भैया पूरे नंगे थे.
भाभी नीचे लेटी हैं और भैया उनके ऊपर चढ़े हैं.
वे झटके दे रहे हैं.

मैंने सुना कि भाभी भैया को गालियां दे रही थीं- आह आआ अह आआअह … चोद चोद मुझे साले हिजड़े … और तेज चोद फाड़ दे मेरी चूत … तेरी मां की चूत साले … और अन्दर डाल … तुझसे नहीं हो रहा तो जा और रोड से कोई तगड़ा लंड मेरे लिए पकड़ कर ला!

मैं उन दोनों को सुनती हुई अपनी चूत पर केला फिराने लगी.
तभी भैया ने कुछ ऐसा बोला, जिसे सुन कर मैं दंग रह गई.

भैया बोले- जान, तुम्हें मेरे दोस्तो के लंड कैसे लगे?
भाभी बोली- मस्त यार, उसमें से मुझे राकेश, अनिरुद्ध और आकाश का लंड बहुत पसंद आया. तीनों बहुत मस्त चोदते हैं. ऐसे ही एक एक करके मुझे सबसे मिलवाता रह … मैं सबका एक एक करके लंड अपनी चूत में ले लूंगी.

उन दोनों की बात सुनकर तो मेरे पैरों के नीचे की जमीन ही खिसक गई.
मेरे भैया अपनी ही बीवी को अपने दोस्तों से चुदवाते हैं.

भैया बोले- हां मेरी जान, अभी तो दोस्तों के अलावा भी बहुत लोग हैं … जिनसे तुझे चुदवाना है.
भाभी बोलीं- आह्ह आआअह हां, पर मुझे एक बार तेरे सामने तेरे किसी दोस्त से चुदवाना है. मैं तेरे सामने उसका लंड लूंगी और तू अपना लंड हिलाएगा.

भैया बोले- हां मेरी जान, जल्दी ही ये भी होगा. वैसे तू मेरी असली रंडी बीवी है. मैं तो बस तुझे दोस्तों से मिलवा देता हूँ. तू खुद ही उन्हें अपने जाल में फंसाती है, उन्हें अपना दीवाना बना देती है. फिर एक एक करके सबसे मिलती है और अपनी चूत उठा उठा कर उनसे चुदवाती है.
भाभी बोलीं- तो क्या करूं … तेरे अकेले लंड से मेरा कुछ होता ही नहीं है.

भैया बोले- तुझे पता है ना, मैं तुझे सबसे ज्यादा किससे चुदते हुए देखना चाहता हूं!

इस पर भाभी ने जो बोला, उसे सुन कर तो मेरे पसीने छूटने लगे.

भाभी बोलीं- आह्ह आआ अह हां मैं जानती हूं जान, तू मुझे अपने बाप से चुदवाते देखना चाहता है. चिंता मत कर पापा जी को फंसाने का काम जारी है. जल्दी ही मैं उनके लंड की सवारी करूंगी. जब से तूने मुझे बताया है कैसे पापा आज भी मम्मी जी को बुरी तरह चोदते हैं और उनका लंड भी बहुत लंबा और मोटा है, तभी से मैं खुद उनके लंड की सवारी करने के लिऐ बेचैन हूं!

यह सुनते ही भैया ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

भाभी शायद समझ गईं कि भैया का रस आने वाला है.
भाभी ने झट से भैया को पकड़ बेड पर गिरा दिया और खुद झुक कर उनका लंड मुँह में लेकर तेज तेज चूसने लगीं.

भैया सिसकारियां भरने लगे और भाभी का मुँह पकड़ अन्दर दबाने लगे- आआअह आआअह मेरी रंडी चूस!

भाभी मस्ती से भैया का पूरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थीं.
तभी भैया ने जोर से भाभी का मुँह अन्दर दबाया और अपनी गांड उठा दी.

मैं समझ गई कि भैया भाभी के मुँह में झड़ने लगे हैं.
करीब दो मिनट बाद भैया ने भाभी का मुँह छोड़ दिया.

भाभी ने मुँह लंड से निकाला और भैया के ऊपर लेट गईं.
उन्होंने अपने मुँह से भैया का माल थोड़ा उनके होंठों पर गिरा दिया और उन्हें चूमने लगीं.

भैया और भाभी दोनों एक दूसरे को पूरा मुँह खोल कर चूमते हुए एक दूसरे के मुँह में भैया का माल डालने लगे.

धीरे धीरे वह दोनों चूमते हुए सारा माल पी गए.
भाभी ने भैया को किस की और उनके ऊपर नंगी ही उन्हें हग करके लेट गईं.
वे दोनों रोमांटिक बातें करने लगे.

मैंने धीरे से खिड़की को बंद किया और अपने कमरे में आ गई.
दरवाजा बंद करके मैं सीधी बेड पर आकर बैठ गई.

मैंने अपनी चूत को देखी तो वह बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी.

मैं बेड पर लेटी और टांगें फैला कर भाभी और भैया की चुदाई वाली बातें याद करने लगी.

मेरी आंखें बंद हो गईं. मैं केले को एक झटके में पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी और खीरे को अपनी Xxx चूत पर रख रगड़ने लगी.

मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी.
केले को तेज तेज अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी और चूत पर खीरा ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.

मेरे दिमाग में अजीब सी बातें घूमने लगीं.
जब भैया भाभी ऐसा कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं.
मैं भी तो किसी और का लंड अपनी चूत में ले सकती हूँ.

ये सोचते हुए मुझे उस भिखारी का बड़ा लंड याद आने लगा.
मैंने उसका लंड याद करके ज़ोर से खीरा अन्दर पेला और खीरा मेरी गीली चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.

पता नहीं क्यों … आज मुझे यह दर्द भी मीठा लगने लगा.

मैं उस भिखारी को याद करती हुई जोर जोर से अपनी चूत में खीरा अन्दर बाहर करने लगी और केला चूसने लगी.

साथ ही मैं गर्म सिसकारियां लेने लगी- आह आआअह आह … कितना बड़ा लंड है तुम्हारा आह … यार जब तुमने देख लिया था कि मैं तुम्हारा लंड घूर रही हूँ, तो मुझे रोका क्यों नहीं. उसी टाइम तुम्हें मुझे पकड़ अपना लंड मेरी चूत में डाल देना था. आआ अहह आआअह प्लीज मुझे चोदो … मैं बहुत प्यासी हूं मुझे तुम्हारा लंड चाहिए … मुझे रखैल बना लो अपनी … आह मेरे राजा!

मैं आज इतनी पागल हो चुकी थी कि मैंने केला मुँह से निकाल कर सीधा अपनी गांड पर फिराना शुरू कर दिया.

मैंने झट से अपनी टांगों को हवा में उठा लिया और बिना देर किए ज़ोर से केला अन्दर धकेल दिया.
पर वह फिसल गया.

मैंने केला हटा कर एक तरफ रखा और अपने हाथ पर थूक कर ढेर सारा थूक अपनी गांड के छेद पर चुपड़ दिया.

फिर थूक को छेद के अन्दर अच्छे से लगाने लगी.
गांड चिकनी हो गई तो मैं केला छेद पर फिराने लगी … और जोर से एक झटका दे दिया.
इस बार केला मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता गया.

मेरी चीख निकली, तो मैंने होंठों को दबा कर चीख को रोक लिया.
मुझे बहुत दर्द होने लगा, पर मैंने फिर भी उसे बाहर नहीं निकाला.

मैं थोड़ी देर वैसे ही केले को अन्दर डाल रुक गई.
कुछ मिनट बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने केला और खीरा दोनों को अपने हाथों से पकड़ा और जोर जोर से दोनों को चूत और गांड में अन्दर बाहर करने लगी.

आह मस्त मजा आ रहा था. मैंने चुदासी सिसकारियां भरने लगी.
उस भिखारी को याद करती हुई अपने दोनों छेदों की ओवर हालिंग करने लगी- आअह आआह चोदो मुझे … आह चोदो मुझे … अपने बड़े लंड से … आह बना लो मुझे अपनी रंडी … फाड़ डालो मेरी चूत और गांड को … आह मेरे राजा भर लो मुझे अपनी बांहों में … मुझे तुम्हारे लंड की जरूरत है मेरे राजा!

मैं पूरे जोश में दोनों को अन्दर बाहर कर रही थी.
मेरा जिस्म बहुत गर्म हो गया था और मैं आंखें बंद किए बस उस भिखारी को अपने पास महसूस कर रही थी.

मैं कभी खीरा गांड में और केला चूत में … तो कभी केला गांड में और खीरा चूत में ले रही थी.

ऐसा करते करते मुझे एक घंटा हो गया था.
तभी अचानक से मेरी जांघें कांपने लगीं. मेरी गांड जोर से हवा में उठ गई और मेरे हाथों की स्पीड अपने आप बढ़ गई.

मेरे मुँह से जोर जोर से आवाजें निकलने लगीं- आआअह आआ अहह आआअह … मेरे राजा चोदो चोदो अपनी रंडी को और तेज चोदो बना दो आज इसका भोसड़ा … मैं तुम्हारी रंडी हूँ … तुम्हारे मूत पीने वाली … तुम्हारे मूत से नहाने वाली कुतिया हूँ … आह मेरे मालिक चोदो अपनी रखैल रंडी को … भर दो मेरे मुँह में अपना माल आआ आह्ह्ह आह आआह आआ ह्ह्हह!

मैं झड़ने लगी.
मेरी चूत से बहुत जोर से पानी का फव्वारा जैसे उछल कर निकलने लगा.

मैं बिना रुके खीरा Xxx चूत के अन्दर बाहर करती रही.
सच कह रही हूँ कि मैं लगातार दो मिनट तक झड़ी.

फिर मेरा शरीर पूरा ढीला पड़ गया.
मैंने चूत और गांड से खीरा और केला निकाल कर उन्हें चूसने लगी और उन्हें साफ कर दी.

मैं फिर उठने लगी पर मुझसे उठा तक नहीं जा रहा था.
किसी तरह से मैं कोशिश करके उठी और देखा तो पूरी बेडशीट मेरे पानी से गीली हो चुकी थी.
मैंने उसे बदलने का सोचा, पर जैसे ही खड़ी हुई, मेरे पैर लड़खड़ाने लगे और मैं बेड पर गिर गई.

फिर मैंने चादर को कल बदलने का सोचा और नंगी ही ब्लैंकेट ओढ़ कर सो गई.

आदरणीय पाठको, Antarvasna

मेरी कहानी फिर दूसरी से कर लेना अन्तर्वासना पर Antarvasna आ चुकी है! शायद आप लोगों को अच्छी लगी होगी! मैं आप लोगों से क्षमा चाहता हूँ क्योंकि मेरा इमेल आईडी गलत लिखा गया! मेरा सही इमेल कहानी के अन्त में है!
हाँ आगे की घटना इस प्रकार है :

जब तक बड़ी बहन की शादी नहीं हो गई हम चारों रोज ही चुदाई और लंड चुसाई का मजा लूटते रहे! बाद में जब एक बहन की शादी हो गई तो हम तीनों यानि भैया, मेरी बहन और मैं लगभग रोज ही चुदाई करते रहे! चूंकि मेरा लंड भैया से बड़ा और मोटा था तो मेरी बहन मुझसे चुदाना पसंद करती थी! लेकिन भैया को भी चोदने देना पड़ता था! मज़बूरी भी थी और वो पहले से ही उसको चोदता था!

इस बीच जब भी ताउजी की लड़की से जब भी फ़ोन पर बात होती थी तो कहती- संजय तेरी बहुत याद आती है!
मैंने कहा- आ जाओ ना!
उसने कहा- आने का तो बहुत मन है! तेरा लंड चूसने और तुझसे चुदवाने का बहुत मन करता है!
मैंने पूछा- क्या जीजा जी नहीं चोदते?
तो उसने रोते हुए कहा- उनका लंड छोटा भी है और तेरे जैसा ज्यादा मजा भी नहीं देते!
मैंने कहा- मैं ही आ जाता हूँ!
उसने कहा- जल्दी से आ जाओ!

उसके बाद मैंने उसकी ससुराल जाने के लिए किसी तरह अपने घर वालों को राजी किया और उसके यहाँ पहुँच गया!
वहां पहुँचते ही उसने मुझे गले लगा लिया और मुझसे बुरी तरह से लिपट गई और मुझे चूमने लगी!
मैंने उससे पूछा- घर में कोई नहीं है क्या?
तो उसने कहा- माँ, बाबूजी और तेरे जीजा काम पर गए हैं, शाम को ही आएंगे!

तो मैंने उससे एक बार चुदाई करने को कहा क्योंकि मैं तो उसको चोदने को मरा जा रहा था!
उसने कहा- भैया जल्दी से चोद लो! मैं भी तो मरी जा रही हूँ चुदवाने के लिए! लेकिन जरा जल्दी करना, क्योंकि मेरी ननद कालेज से आने ही वाली होगी!
मैंने कहा- कोई बात नहीं! उस साली को भी चोद देंगे!

उसके बाद हम दोनों जल्दी जल्दी नंगे हो गए! और वो मेरा लंड बहुत मस्ती से चूसने लगी! मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और उसकी चूत में ठोक दिया!
एक बार जल्दी से चोद कर मैं नहाने चला गया!

जब नहा कर वापिस आया तो देखा कि एक 19 साल की बला की खूबसूरत लड़की बैठी हुई टीवी देख रही है!
उसको दीदी की शादी में देखा था, पर अब कुछ ही महीनों में साली गजब की लग रही थी! मेरी तो हालत ख़राब हुई जा रही थी!
मेरा लंड पैंट में खड़ा हुआ जा रहा था!

इतने में दीदी आ गई और मेरा उससे परिचय कराया तो उसने कहा- मैं पहले से ही जानती हूँ!
मैंने उसको आँख मार दी, उसने कुछ नहीं कहा, केवल मुस्करा दी!
मैंने सोचा कि लगता है जल्दी ही काबू में आ जायेगी!

बाद में दीदी के सास ससुर और मेरे जीजा भी आ गए! मैंने सब को प्रणाम किया! सब खुश हो गए!!

रात में खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे!
दीदी के सास ससुर एक कमरे में, दीदी जीजाजी दूसरे कमरे में चले गए! दीदी की ननद (गुड़िया) और मैं, हम हॉल में बैठ कर टीवी देखने लगे!

मैंने लुंगी और बनियान और गुड़िया ने नाईटी पहनी हुई थी! गुड़िया तो टीवी देख रही थी पर मेरी नजर गुड़िया के वक्ष पर ही लगी थी!
उसने कहा- संजय, क्या देख रहे हो!
मैंने कहा- कुछ नहीं!

पर मेरी नजर तो उसके स्तनों से हट ही नहीं रही थी! क्या मस्त चुचे थे! मन किया कि अभी दबा दूँ जोर से! पर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई! खैर हम दोनों बैठे बैठे टीवी देखते रहे!
इतने में टीवी पर एक लव सीन आ गया! जिसको देखते हुए वो मेरी तरफ भी देखने लगी! मैं समझ गया कि साली तैयार है! पर उसको छूने की हिम्मत नहीं हो रही थी!

मैं किसी तरह मन दबा कर बैठा था कि इतने में वो एक हल्की सी चीख मार कर मुझ से लिपट गई! मेरी तो लाटरी ही जैसे निकल गई!
मैंने उसको अपने से चिपकाये पूछा कि क्या हुआ!
उसने कहा- देखो, वहाँ कोकरोच है और मुझे बहुत डर लगता है!
मैंने उसको अपने से चिपटाए रखा लेकिन कोकोरोच भगाने की कोई कोशिश नहीं की!

फिर मैंने धीरे धीरे अपने हाथ से उसकी चुचियों को सहलाने लगा। उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैं कुछ जोर से दबाने लगा! वो सिसकारियाँ भरने लगी और जोर जोर से मुझ से लिपटने लगी! मैं खुश हो गया और उसकी चूची निकल कर चूसने लगा! वो भी पूरा सहयोग देने लगी!

मैं उसकी नाइटी उतार कर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा! वो पूरी मस्ती में आ गई और मेरा लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी!
मुझे बहुत ही मजा आ रहा था!
मैंने कहा- मैं तुझे चोदना चाहता हूँ!
उसने कहा- मैं भी कब से चुदवाने को मरी जा रही हूँ!
मैंने कहा- मेरा लंड चूसो!

वो एक दम तैयार हो गई और मेरा लंड चूसने लगी मैं भी उसकी चूत चूसने लगा! हम दोनों को काफी मजा आ रहा था।
कुछ देर बाद वो बोली- संजय, अब बर्दाश्त नहीं होता! एक बार जल्दी से चोद दो!

मैं भी वही चाहता था! करीब 15-20 मिनट तक मैं उसको चोदता रहा! वह बार बार कहती रही कि जोर जोर से चोदो! आज मैं बहुत दिनों बाद चुदवा रही हूँ!
मैं उसको जोर जोर से चोदने लगा!
वो- आ आ इ इ इ संजय बहुत मजा आ रहा है! जल्दी से अपने कामरस से मुझे भर दो!
मैंने पूछा- चूत में डालूं या मुँह में लोगी?
उसने कहा- पहले चूत में भर दो, मुँह में तो बाद में ले लूँगी! तेरे रस का स्वाद तो चखना ही है!

मैंने जल्दी से उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया!
अब हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेट गए और बातें करने लगे!
मैंने पूछा- पहले किस से चुदवाया है?

उसने नहीं बताया पर कुछ जोर देने पर कहने लगी- तुमको भी अपनी सारी बात बतानी पड़ेगी!
मैंने कहा- ठीक है! पहले अपनी बताओ, फिर मैं भी बता दूंगा!
उसने कहा- भैया शादी के पहले मुझको चोदते थे! पर शादी के बाद भाभी के डर से खुलकर नहीं चोद पाते!

इसी तरह बातें करते करते मैं उसके स्तनों और चूत और वो मेरे लंड से खेलती रही।
कहने लगी- तेरा लंड तो बहुत मस्त है! भैया का तो छोटा और पतला है! आज जितना मजा पहले भैया से चुदवा कर कभी नहीं आया! फिर वो कहने लगी कि अब अपनी बताओ!

पहले तो मैंने टालने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी तो बताना पड़ा- सबसे पहले मैंने तुम्हारी भाभी यानि दीदी को चोदा है!
उसने कहा- ना जाने अब भाभी की क्या हालत हो रही होगी! इतने शानदार लंड से चुदवाकर अब एक मरियल से लंड से कैसे तृप्त होती होगी!
मैंने कहा- कल कोलेज मत जाओ! हम तीनो मस्ती करेंगे!
वो ख़ुशी ख़ुशी राजी हो गई!

फिर हम दोनों ने एक बार बहुत मस्ती से चुदाई की और वो मेरे लंड को मुँह में लेकर सो गई!
कुछ देर बाद वो उठ कर अपने कमरे में चली गई और मैं वहीं सोफे पर सो गया!
घटना बहुत लम्बी है तो आगे का अंश बाद में!

कृपया अपने अपने विचार मुझे इ-मेल करें, जिससे मैं अपनी कहानियों को और रूचिकर बना सकूँ! Antarvasna

Antarvasna

मैं एक २६ साल का लड़का Antarvasna हूँ। पाठको ! मै आप लोगों को अपने जीवन की पहली चुदाई की असली कहानी बताता हूँ।

जब मैं कॉलेज़ का छात्र था कहानी तब की है।

एक दिन मैं अपने घर में बैठा था। तभी मेरे घर पर मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी मेरे घर पर आई और उनके साथ में उनकी भांजी भी थी। वह भी मेरी ही उम्र की थी।

सभी लोग बैठे बात कर रहे थे, मेरा मन उसकी ओर लगा हुआ था। उसका भी मन शायद मेरी तरफ खिंचा हुआ था।

कुछ देर बाद सभी लोग कमरे से निकल कर बाहर चले गये। कमरे में केवल वह लड़की और मैं ही बचे थे। वह मेरे पास आकर बैठ गई और बातें करने लगी।

अचानक मेरे दिल में पता नहीं कहाँ से विचार आया और मैंने उसको खींच कर अपने घुटनों पर बैठा लिया, वह कुछ नही बोली और उसने आँखें बन्द कर ली। वह स्कर्ट व टी-शर्ट पहने हुए थी। मैंने उसके टी-शर्ट में हाथ डाल दिया और उसके उभारों को दबाने लगा। वह आँखें बन्द करके चुपचाप बैठी रही, मैं उसकी चूचियाँ दबाता रहा।

वह सिसकियाँ लेनी लगी। करीब १५ मिनट तक मैं उसकी चुचियाँ मसलता रहा, वह सिसकियाँ लेती रही। मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया था जो उसकी गांड में गड़ने लगा था। सिसकियाँ लेते हुए उसने कहा- नीचे कुछ गड़ रहा है !

मैने कहा कि यह मेरा लौड़ा है जो आपके अन्दर घुसना चाहता है !

उसने कहा- डाल दो, मै बरदाश्त नहीं कर पा रही हूँ !

यही मेरा हाल था, लेकिन डर भी लग रहा था कि कोई आ न जाये। यह सोच कर मैने कहा कि कुछ देर बाद हम लोग मिलते हैं। वह चली गई।

करीब दो घंटे बाद जब अंधेरा हो गया, तब वह फिर आई, मैं चुपके से उसको लेकर छत पर चला गया।

छत पर जाते ही उसको जमीन पर ही लिटाकर मैंने उसकी स्कर्ट उठाकर उसकी पैटी उतार दी और अपना लण्ड उसकी बुर पर रख कर चोदने की कोशिश करने लगा। उसकी बुर बिल्कुल बद थी, चूत के होंठ आपस में चिपके हुए थे। वो शायद कभी चुदी नहीं थी।

मेरा लण्ड बुर में घुस नहीं रहा था और मै जबरदस्ती घुसेड़ने में लगा हुआ था, वह दर्द से कराहने लगी। मैं उसकी चूचियाँ दबा-दबा कर चोदने की कोशिश कर रहा था।

कुछ देर बाद मेरा लण्ड उसकी बुर को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। वो बड़ी जोर से चीखी, मगर मैंने उसके होंठ अपने हाथ से दबा दिए और उसकी आवाज़ घुट कर रह गई। मैं उसको धीरे धीरे चोदने लगा। हम लोग मदहोश हो गए और चुदाई करते रहे।

यह मेरी पहली चुदाई थी, अतः मै कितना मस्त था बता नहीं सकता। जब हम लोग निबट कर खड़े हुए तो देखा कि उसकी योनि से खून बह रहा है। खून मेरे लण्ड से भी बह रहा था क्योंकि मेरे लण्ड में नीचे की तरफ लगी हुई खाल फट गई थी और उसकी बुर की भी सील टूट गई थी। Antarvasna

Antarvasna

तो दोस्तों बात उस दिन Antarvasna की है जब बारिश हो रही थी और मैं भीगता हुआ अपने घर की तरफ़ अपनी बाइक पे जा रहा था। शाम के करीब 5:30 का समय था। अचानक मैंने देखा कि मेरी तरफ़ कोई लिफ़्ट के लिये कोई हाथ हिला रहा था, गौर से देखा तो वो 25-30 साल की एक युवती थी। मैंने बाइक रोकी। वो मेरे पास आके पूछने लगी कि आप कहां जा रहे हो?
मैंने कहा-आपको कहां जाना है?

वो रेलवे स्टेशन जाना चाहती थी। मैंने कहा कि मैं भी वहीं जा रहा हूं (जबकि मैं अपने घर जा रहा था)। वो मेरे पीछे बैठ गई। मैं बाइक को रफ़्तार से दौड़ाने लगा। उसके मोम्मे मेरी पीठ से सटे हुये थे। मैं गरम हो रहा था। बातों बातों में पता चला कि वो जयपुर में जोब करती है, उस का पति दिल्ली में कोई प्राइवेट जोब करता था और वो अपनी बेटी को लेने के लिये जा रही थी जो आज़ ट्रेन से आने वाली थी।

हम रेलवे स्टेशन पहुँच गये थे, ट्रेन आने में अभी थोड़ा टाइम था, हम कैंटीन में चाय पीने चले गये। कैंटीन में उस ने जैसे ही उस ने अपना रेन कोट उतारा तो मुझे उस की जवानी के दर्शन हुये। गज़ब की खूबसूरती थी उस की। सफ़ेद रंग के टोप में उस की ब्रा भी चमक रही थी सो उसके मोम्मों के साइज़ का अंदाज़ा लगाना कोई मुश्किल नहीं था। एक दम गोरी चिट्टी थी वो।

चाय पीते हुये मैंने उसके हुस्न का नज़ारा लिया और खूब बातें भी की। सर्दी के मौसम में उस की गरम जवानी ने मेरे रोम रोम में गरमी भर दी थी और मेरा लण्ड अपने आपे से बाहर हो रहा था।

तभी ट्रेन भी आ गयी। हमने उस की 5 साल की बेटी को साथ लिया और फ़िर मैंने उसे कहा- मैं आपके घर तक छोड़ देता हूं।

उस ने मना किया लेकिन मैं जानना चाहता था कि वो कहां रहती है क्योंकि वो मुझे बता चुकी थी कि वो अकेली ही रहती है। मैंने दोनो को बाइक पे बैठाया और उस के घर की तरफ़ चल दिया।

उस का घर आते ही बारिश भी तेज़ हो गयी। उस ने मुझे बारिश रुकने तक रुकने के लिये कहा और मैं भी तो यहि चाहता था। मैं पूरी तरह भीग चुका था। उसने कॉफी बनायी और चेंज कर के जब वो मेरे सामने आयी तो ब्लैक सिल्की नाइटी में वो कॉफी से भी ज़्यादा गरम लग रही थी। दिल कर रहा था कि अभी चोद डालूँ साली को।

सफ़र की वजह से उसकी बेटी आते ही सो गयी थी, बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी। तभी लाइट भी चली गयी। वो केंडिल लेने के लिये उठी, मैं भी उसकी मदद करने लगा लेकिन केंडिल नहीं मिली। अंधेरे में वो मुझ पर गिर गयी। वाह क्या गरमी थी। उसने उठने की कोशिश की लेकिन मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और छोड़ा ही नहीं, पहले उसने विरोध किया लेकिन वो भी शायद कई दिनो की प्यासी थी तो उसने भी ज़्यादा कोशिश नहीं की।

मैंने उसके मोम्मे दबाने शुरु कर दिये, वो गरम हो रही थी। मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसकी नाइटी उठाते हुये उसकी पैंटी में डाल दिया। वो सिहर उठी। मैंने अपना मुँह उस की चूत के पास लाके उस की पैंटी को अलग कर दिया।

उसकी बालों वाली चूत एकदम सेक्सी थी। मैंने उसमें अँगुली करनी शुरु कर दी। वो आआआअह कर रही थी। मस्ती उफ़ान पे थी। मेरे दोनो हाथ उसके मोम्मों पे थे। वो आंखें बंद करके मेरा साथ दे रही थी।

जब उस से रहा नहीं गया तो उसने कहा- प्लीज़ अब चोद भी दो, मैं बहुत दिन से प्यासी हूं।

मैंने अपनी पैंट उतार दी। मेरा लण्ड देखते ही वो खुश हो गयी। मैंने उसकी दोनो टांगों को खोला और फ़िर अपना अंडरवियर।

अपना लण्ड एक ही झटके में उस की चूत में डाल दिया। वो ऊऊउह की आवाज़ में मज़ा ले रही थी। अब कमरे में उस की आहें और फ़चाक फ़चाक की आवाज़ें गूंज रही थी।

वो बोली- और ज़ोर से चोदो मुझे, फ़ाड़ डालो मेरी चूत को। यो साली बड़े दिन से लण्ड की भूखी है। आज इस की भूख और मेरी प्यास बुझा दो। चोदो चोदो और ज़ोर से चोदो मुझे।

उसके बोलने के साथ ही मेरी स्पीड भी बढ़ रही थी। ये सिलसिला करीब 25 मिनट चला फ़िर हम दोनो शांत होकर एक दूसरे से लिपट के लेटे रहे।

10 मिनट बाद वो उठी और मेरे लण्ड को अपने हाथ में ले लिया। उसने बड़े प्यार से मेरे लण्ड को कहा- यू आर सो स्वीट और अपने मुँह में डाल लिया। वो लण्ड को ऐसे चूस रही थी कि मानो लोलीपोप चूस रही हो।

मेरा लण्ड दोबारा से चुदाई के लिये तैयार हो गया था। 15 मिनट के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और फ़िर पीछे से उसकी गांड में अपना लण्ड डाल दिया। वो चुद रही थी, मैं चोद रहा था। ये चुदाई सारी रात में 6 बार हुई।

बारिश भी तभी रुकी जब सुबह हुई और उसकी प्यास मैंने बुझा दी।

उसके बाद जब भी वो या मैं चाहते तो मिलकर ये चुदाई का खेल खेलते हैं।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी जरूर बताएँ… Antarvasna

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