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Massage Girl in Jehanabad: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Jehanabad who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Jehanabad that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Jehanabad massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Jehanabad who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Jehanabad massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Jehanabad massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Jehanabad who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Jehanabad employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Jehanabad helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Jehanabad

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Jehanabad at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मेरा नाम स्मिथ है। जो Antarvasna मैं कहानी आप को सुनाने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है। मैं हिमाचल में रहता हूँ मनाली में ! अन्तर्वासना पढ़ने वालों को सभी को मालूम होगा मनाली की हसीन वादियों के बारे में !

मेरा मनाली में अपना साइबर कैफे था। अगर साइबर कैफे है तो वहाँ पर लड़के और लड़कियों का आना-जाना तो लगा ही रहता था। मैंने वो कैफ़े चार साल तक चलाया। उस समय मेरी उम्र 24 साल की थी।

मेरे कैफ़े में बहुत सी लड़कियाँ आती थी और मैं उन्हें देख कर बहुत खुश होता था। कभी वो मुझसे पूछती- स्मिथ बताओ न कि यह फाइल मैं कैसे सेंड करूँ? या ये फोटो मैं कैसे डाउनलोड करूँ ! तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता था। मैं उनके साथ केबिन में बैठ जाता और उन्हें बताने लगता और कभी कभी मैं अपनी बाजू उनके स्तन पर लगा देता। कुछ तो मुझे अनदेखा कर देती पर कुछ बोल देती- भैया, क्या कर रहे हो !

तो मैं जल्दी से उन्हें सॉरी बोल देता और वो भी इट्स ओके बोल कर मान जाती ! पर मैं था भी स्मार्ट 5.8 और मेरा पप्पू था छोटा तकरीबन 5 इंच !

तभी मेरे कैफे में एक लड़की जिसका नाम शालिनी था, उसने आना शुरू कर दिया था। वो बड़ी सेक्सी थी। शुरू में जब वो आती तो नेट पर थोड़ी देर ही बैठती थी और चली जाती थी। वो मुझे अच्छी लगती थी। फिर उनसे आना बंद कर दिया।

तकरीबन एक महीने बाद वो आई तो मैंने उससे पूछ लिया- शालिनी, बहुत दिनों के बाद आई हो !
तो उसने कहा- क्यूँ? मेरी याद आ रही थी क्या?
तो मैं भी मुस्कुरा कर बोला- हाँ, आ तो रही थी !
तो वो मुझे बताने लगी- मैं घर गई थी ! मेरा घर रेवाल्सर में है।
फिर वो रोज़ मेरे कैफे में आ जाती और 3-4 घंटे तक बैठी रहती।

एक दिन उसने मुझे बुलाया और कहा- मुझे आपकी मदद चाहिए ! मैं फाइल कैसे डाउनलोड करूँ?

मैं उसे बताने लगा और साथ में मैंने अपनी बाजू उसके स्तन पर रख दी और की-बोर्ड पर टाइप करते हुए मैं उसके वक्ष को छूने लगा, मेरा छोटा सा पप्पू 5 इंच का खड़ा हो गया। उसे भी अच्छा लग रहा था और उसने भी मुझे कुछ नहीं कहा।
तभी बाहर 1-2 ग्राहक आ गए तो मुझे उठ कर जाना पड़ा और मैं उसे छोड़ कर चला गया।

शालिनी अब रोज़ मेरे पास आ जाती और किसी न किसी बहाने से मुझे अपने पास बुला लेती। पर मुझे भी अच्छा लगता था और फिर वही मैं टाइप करते करते उसको छू लेता था और मेरा पप्पू सलामी देने लग जाता।

मैं दिन में 3 से 4 बजे तक लंच करने जाता था। वो एक दिन आ गई और कहने लगी- मुझे अभी नेट पर जरूरी काम है !
मैंने कहा- मैं तो अभी लंच करने जा रहा हूँ !
तो कहती- प्लीज़ ! थोड़ी देर !
फिर मैंने कहा- शालिनी, कोई और ग्राहक आ गया तो मैं उसे भी मना नहीं कर पाऊँगा !
तो मैंने उसे कहा- मैं शॉप बन्द कर देता हूँ और तुम अंदर बैठ जाओ !
तो उसने कहा- ठीक है, पर मुझे आपकी मदद भी तो लेनी है !
मैंने कहा- ठीक है !

और मैं शॉप बंद करके उसके साथ बैठ गया। खुश तो मैं आज बहुत था कि शायद कुछ बात बन जाये और मैं उसके साथ थोड़ा चिपक कर बैठ गया।

दोस्तो, आप को पता ही है कि मनाली में बर्फ गिरती है तो सर्दी भी बहुत थी। मैंने शालिनी को शालू कह कर बुलाया तो वो कहने लगी- मुझे बहुत अच्छा लगा आपने मुझे शालू कहा !

और हम बातचीत करने लग गए। तभी मैंने कहा- शालू आप को बुखार देखना आता है?
तो कहने लगी- हाँ !

मैंने अपनी बाजू उसके हाथ में दे दी और वो देखने लग गई, बहुत देर तक उसने मेरी बाजू को पकड़े रखा। जब उसने मेरी बाजू पकड़ी हुई थी तो मैंने आँखें बंद कर ली और मेरा छोटा पप्पू तन गया। मन में मैं सोच रहा था कि यह ऐसी ही मुझे पकड़ कर रखे ! अच्छा लग रहा था !

और तभी जब मेरी आँखें बंद थी तो शालू ने अपने पतले पतले होंठ मेरे होटों पर रख दिए।
मैंने कहा- शालू, यह क्या कर रही हो?
कहती- चुप रहो ! जैसे तुम्हें पता न हो !

मुझे अच्छा लग रहा था, मैं भी उसके होटों को बहुत देर तक चूमता रहा और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। अब तो मानो ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ ! तभी मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उसके स्तन पर रख दिए।

शालू ने नीली ज़ीन्स और गुलाबी स्वेटर पहनी थी। मैं उसके स्तनों को छू कर रहा था स्वेटर के ऊपर से ! तभी मैंने अपना हाथ उसके स्वेटर के अंदर से डाला और मैं अपना हाथ उसके पेट पर फ़ेरने लगा और धीरे धीरे उसकी ब्रा तक पहुँच गया।

वो भी गर्म हो रही थी, उसे भी अच्छा लग रहा था।
मैंने कहा- शालू, मेरी जान !
तो शालू बोलती- बोलो मेरी जान !
मेरा मन करता है कि मैं आप को ऐसी ही चूमता रहूँ !
शालू कहती- तो करो न ! मैंने कब आप को मना किया !

और शालू ने अब मेरा पप्पू मेरी जींस के ऊपर से पकड़ लिया। उस समय तो मैं पागल हुए जा रहा था। तभी मैंने शालू की स्वेटर उतार दी। वो सिर्फ़ ब्रा के ऊपर स्वेटर पहनी हुई थी। मैंने पहली बार किसी लड़की को ब्रा में देखा था।

मैं उसके स्तनों पर चुम्बन करने लग पड़ा। उसके मुँह से आः आआआआ ह़ा आःआआ की आवाज़ आने लगी।

तभी मैं उसकी ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा पर मुझसे उसके हुक नहीं खुल रहे थे। 2-3 मिनट तक लगा रहा तो उसने कहा- ब्रा खोलनी नहीं आती है क्या?

तो मैंने कहा- पहली बार खोल रहा हूँ !

वो मुस्कुरा दी और खुद ही खोल दी। अब मैं उसके चुचूक को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और वो भी मज़ा ले रही थी। मेरा तो मन कर रहा था कि उसको खा जाऊं पर उसकी चूचियाँ थोड़ी छोटी छोटी थी।

तभी शालू कहती- अपनी पैंट खोल दो न !
मैंने कहा- आप ही खुद खोल दो !

तो उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैंट खोल दी। उस दिन मैंने अण्डर्वीयर नहीं पहना था और शालू मेरे पप्पू को चूसने लगी। क्या बताऊँ जिन्दगी का पहला अनुभव था वो मेरा !
मैंने कहा- शालू, अपनी ज़ीन्स खोल दो !

तो उसने भी झट से खोल दी और मैं उसको पागलों की तरह जांघों पर चूमने लगा। उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। तभी मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी फुद्दी में ऊँगली डाल दी।
वो चीख पड़ी, मुझे कहने लगी- स्मिथ अब करो न ! जल्दी अपना प्यारा सा पप्पू मेरे अंदर डाल दो !
मैंने कहा- मेरे पास कंडोम नहीं है !
तो कहती- कोई बात नहीं ! डाल दो न जल्दी से !

तो मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया और अपना लण्ड उसकी फुद्दी में डालने लगा और वो चीखने लगी- धीरे धीरे करो न !

पर उस समय तो मुझे कुछ नहीं सुनाई दे रहा था और मैंने शालू की फुद्दी के अंदर अपना पप्पू डाल दिया और लगा मैं उसे अंदर-बाहर करने !

अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी और हम पागलों की तरह घुच-घुच कर रहे थे। लगभग दस मिनट तक सेक्स करने के बाद मैंने कहा- शालू, अब मैं अपना माल निकालने वाला हूँ, मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो पा रहा है !

तो वो बोली- निकालो न जल्दी से ! पर मेरी फुद्दी के अंदर मत निकालना !
पर मेरे से अपना पप्पू बाहर नहीं निकाला गया और मैंने अंदर ही छोड़ दिया।

मैं और शालू थोड़ी देर तक वैसे ही बैठे रहे। अब 4 बजने वाले थे और मुझे शॉप को खोलना था।
तो मैंने कहा- शालू, चलो अब चलते हैं !
तो वो भी मान गई। अब तो हम दोनों खुश थे। वो दिन में आ जाती और हम अब रोज़ सेक्स किया करते थे।
दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी कहानी? Antarvasna

दोस्तो में रोहित एक बार फिर आपका स्वागत करता हु अपनी इस सच्ची कहानी में। मेरी कहानी का पहला पार्ट ‘ बहन की सील तोड़ी मुस्लिम दोस्त ने ’ पढ़ कर आप में से बहुत लोगों ने मेल पर तारीफ करी। कुछ लोगों को इसकी सत्यता पर शक भी था, तो उनको में बता दूं ये बिलकुल सच्ची कहानी है और किसी के नहीं मानने से कोई झूठ नहीं हो जाएगा। ये कहानी उसके आगे का भाग है तो जिन लोगों ने पहला पार्ट नहीं पढ़ा वो पहले जाकर उसको पढ़े ताकि उनको पात्रों एवं अब तक की कहानी की जानकारी मिल जाए। अब तक आपने पढ़ा कैसे फैजान ने हिमानी की सील तोड़ी ओर सलीम ने मुझे अपना लन्ड चुसाया। अब अगले दिन जब हिमानी वापस अपने हॉस्टल आई, तब से उसकी चाल ही बदल गई और अब वह फैजान के प्यार में पागल सी हो गई थी। क्योंकि फैजान ने उसको चरमसुख जो दे दिया था। वो दिन भर फैजान से बाते करती उसके साथ घूमने जाती। उसके साथ जो भी बाते होती, फैजान वो सब मुझे बताता। फैजान ने हिमानी से उसकी न्यूड फोटो मांगी, उसने वो खुशी खुशी दे दी। मैने फैजान से पूछा, कि अब आगे क्या करोगे तुम हिमानी के साथ तो वो बोला तेरी बहन को तो में छिनाल बनाऊंगा। उसको चुदाई कि इतनी आदत लगा दूंगा कि जिससे बोलूं, उससे चुदाने को राजी हो जाएगी अब ये सुन कर में भी उत्सुक हो गया, की आगे क्या होगा। 2–3 दिन बाद जब हिमानी फैजान से कॉल पर बात कर रही थी तब फैजान ने उसको बताया कि फ्लैट का मालिक सलीम खान वापस अपने फ्लैट पर आ रहा है, ये सुन कर हिमानी उदास हो गई और बोली कि अब चुदाई कहा करेंगे, तो फैजान बोला कि सलीम भाईजान मेरे बहुत खास हैं और मैने उनको तुम्हारे बारे मे बता दिया है, हम लोग बिंदास उनके होते हुए उनके फ्लैट पर जा सकते है, कोई दिक्कत नहीं होगी। हिमानी थोड़ा हिचकिचाई लेकिन फैजान के ज़ोर देने के बाद और अपनी चूत में खुजली होने की वजह से वह मान गई। में तो हैरान हो गया कि हिमानी की चूत में इतनी खुजली है कि वह सलीम की मौजूदगी में भी वहा जाने को तैयार हो गई। फैजान ने जादू कर दिया था उसके ऊपर। अगले दिन वो शाम को मिले और घूमने निकले, हिमानी ने कट स्लीव का छोटा टॉप और नीचे जींस पहनी थी। उस जींस में उसकी गांड़ बहुत उभर कर आ रही थी। दोनो कार में बैठ कर निकल गए , थोड़ी देर बाद फैजान ने हिमानी को चलती कार में लन्ड चूसने को बोला, हिमानी ने मना कर दिया लेकिन फैजान कहा मानने वालों में से था, उसने अपना लन्ड पैंट में से बाहर निकाला और हिमानी का मुंह अपने लन्ड पर दबा दिया, हिमानी अब उसका लन्ड चूसने लगी। शाम को घूमने के बाद दोनों लोग सलीम भाईजान के फ़्लैट पर पहुंचे, जहां पर में पहले से पहुंच चुका था, उनके आते ही मैने सलीम भाईजान को बोला कि चलो अपन पास वाले रूम में चले जाते है , वरना हिमानी देख लेगी। सलीम भाईजान हंसे और बोले कि तू जाके रूम में छुप जा, में तो यही रुकूंगा, और तेरी रण्डी बहन से मिलकर फिर रूम में आऊंगा। दोस्तो उस समय सलीम ने सिर्फ लूंगी पहनी हुई थी, उसका चौड़ा शरीर पूरा दिख रहा था, ये उसके प्लान का हिस्सा था, वो हिमानी को अपनी बॉडी दिखाना चाहता था। में जल्दी से रूम में आ गया, फैजान ओर हिमानी जैसे ही फ्लैट में आए, फैजान ने सलीम से हिमानी की मुलाकात करवाई। हिमानी उसको देख कर शर्मा रही थीं क्योंकि सलीम ने सिर्फ लूंगी पहनी हुई थीं। सलीम उसको देखते ही बोला, कि तुम बहुत सुंदर ओर सेक्सी हो। हिमानी ने समझ नहीं आया कि क्या बोले तो उसने सर झुका कर थैंक यूं कहा। सलीम हिमानी से बोला तुम कभी भी बेझिझक यहां आ सकती हो, इसे अपना ही घर समझो। सलीम ने फैजान में बोला दोनों लोग बैठो थोड़ी देर बाते करते है और शराब का दौर जमाते है, आज काफी दिन हो गए। फैजान ने बोला बिल्कुल भाईजान हम तीनों पियेंगे। इस बात पर हिमानी ने बोला कि में दारू नहीं पीती, तो सलीम ने कहा तुम बीयर पी लेना, उसमें बिल्कुल भी नशा नहीं होता और उसके बाद सेक्स करने का मज़ा भी दुगुना हो जाएगा। हिमानी का चेहरा शर्म से लाल हो गया, तो सलीम बोला इसमें शर्माने जैसा कुछ नहीं है, यही उम्र है मज़े करने की, खुल कर अपनी इच्छा पूरी करो, क्योंकि शादी के बाद तुमको इतना मज़ा कभी नहीं मिलेगा। हिमानी ने धीरे से पूछा ऐसा क्यों तो सलीम बोला रहने दो तुम शर्मा जाओगी अगर मैं बताऊंगा तो। हिमानी को अब जानना था कि सलीम ने ऐसा क्यूं बोला। उसने जोर दिया की आप बताओ कि शादी के बाद मजा क्यों नहीं मिलेगा। सलीम ने बोला, देखो बुरा मत लगाना लेकिन तुम्हारे हिन्दू लोगों का लन्ड बहुत छोटा होता है और उनका बहुत जल्दी झड़ भी जाता है। तुम जब तक गरम होगी तब तक तो तुम्हारा पति झड़ कर सो जाएगा। हिन्दू आदमी सिर्फ औरत पर चिल्ला सकता था, न तो वो बाहर हम मुल्लों से लड़ सकता था और ने ही वह घर में अपनी औरतों को चुदाई से संतुष्ट कर सकता है। कुछ लोग तो शादी के थोड़े समय बाद चुदाई करना ही छोड़ देते है।जबकि हम मुल्लों का लन्ड बहुत बड़ा होता है हम लोग बहुत देर तक चुदाई कर सकते है। हमारा लन्ड कटा हुआ होने की वजह से वह देखने में भी बहुत अच्छा लगता हैं। औरते मरती हैं हमारे साथ सोने के लिए क्योंकि हम 50–60 की उम्र के बाद भी उसी जोश में चुदाई करते हैं। हिमानी यह सब बहुत ध्यान से सुन रही थी, तभी फैजान बोला कि चलो पीते है, तो दोनों लोग दारू पीने लगे और फैजान ने हिमानी को भी ज़ोर देकर एक बियर पीला दी। हिमानी पहली बार पी रही थीं तो उसको हल्का हल्का सुरूर चढ़ने लगा। सलीम ने मौका देख दिया बोला कि हिमानी तुम बहुत खुश नसीब हो कि तुम्हारा मुस्लिम बॉयफ्रेंड है, हिमानी ने पूछा ऐसा क्यों तो सलीम बोला कि फैजान तुम्हे चुदाई का पूरा सुख देता है और वह देखने में भी मर्द लगता है। सभी मुस्लिम लोग बहुत ताकतवर होते हैं, मुझे ही देख लो। ये सुनकर हिमानी ने पहली बार 2 मिनिट के लिए सलीम को घूर कर देखा तो उसको लगा कि सलीम कितना चौड़ा और बड़ा मर्द है। सलीम ने ये भाप लिया और उसने मौके पर चौका लगाते हुए कहा कि एक बात पुछूं क्या, बुरा तो नहीं मानोगी। हिमानी ने कहा बिलकुल पूछिए, इस समय हिमानी को सलीम की बाते सुन कर अच्छा लग रहा था। सलीम बोला कि मुझे देख कर तुमको क्या लगता है कि तुम्हारे घर का कौनसा मर्द मुझसे लड़ाई कर जीत सकता है, हिमानी कुछ नहीं बोली क्योंकि उसको पता था कि हमारे घर का कोई आदमी सलीम से जीत नहीं पाएगा। अब वो भी थोड़ा थोड़ा मुस्लिम की और झुकने लगी। फैजान बस मुस्करा रहा था। सलीम बोला मैने बहुत सी हिन्दू औरतों को चोदा है क्योंकि वह सब अपने हिंदू पतियों से असंतुष्ट हैं। मेरा शरीर देख कर वे मुझ पर फ़िदा है जाती हैं। हिमानी ने अब दूसरी बियर भी खत्म कर दी थी और वो सलीम की बातों में आने लगी थी। फैजान ओर सलीम को लगा आज के लिए बहुत है इतना फिर फैजान बोला चलो अन्दर रूम में जाते है, तो सलीम बोला कि ठीक है दोनों लोग मज़े करना ओर कुछ भी काम हो तो बता देना में पास के रूम में ही हु। दोनो लोग अंदर गए और फैजान झट से हिमानी पर टूट पड़ा, हिमानी भी बियर के नशे में थी और सलीम की बातों से बहुत उत्तेजित हो गई थी तो वह भी फैजान का पूरा साथ दे रही थी। दोनो ने अपने कपड़े उतार कर फेक दिए और फैजान ने हिमानी को अपना लन्ड चूसने बोला, हिमानी भी बिना किसी देर के, उसका लन्ड किसी पोर्नस्टार की तरह चूसने लगी। आज वो फैजान के लन्ड को बार बार देख रही थीं, क्यूंकि सलीम ने मुस्लिम लन्ड की बहुत तारीफ की थी। इसी बीच सलीम अंदर आया और लूंगी खोल कर मेरे सामने खड़ा हो गया। में समझ गया मुझे क्या करना है , में बिना कुछ बोले उसका लन्ड चूसने लगा। आज मुझे भी मज़ा आ रहा था, क्योंकि बाहर सलीम की बाते सुन कर में भी मुस्लिम मर्द की तरफ आकर्षित हो गया था। सलीम मुझे बोला, क्या मस्त चूस रहा है तु आज, बहुत जल्दी तेरी रण्डी बहन को चुसाऊंगा अपना ये मूसल लन्ड। उधर रूम में अब फैजान हिमानी की चूत चाट रहा था और हिमानी बहुत जोर जोर से सिसकारियां ले रहीं थी। उसने फैजान का मुंह अपनी चूत पर दबा रखा था। अब फैजान उठा और अपना लन्ड हिमानी कि चूत पर रगड़ने लगा, हिमानी बोली जान अब मत तड़पाओ, ज्लदी से अंदर डाल दो। लेकिन फैजान ने उसे मना कर दिया और बोला कि नहीं चोदूंगा। में हैरान हो गया कि वह ऐसा क्यों बोल रहा है, तभी हिमानी ने बोला क्या हुआ जान कुछ गलती हो गई क्या मुझे। तभी फैजान बोला में अपना लन्ड तुम्हारी चूत में तभी डालूंगा जब तुम मुझसे भीख मांगोगी चुदाई की और बोलोगी की अपना ये मूसल मेरी चूत में डाल कर फाड़ दो इसको। हिमानी हवस के नशे में चूर होकर बोली कि फैजान में तुमसे हाथ जोड़ कर भीख मांगती हूं कि अपना ये मूसल लन्ड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को फाड़ दो। ये सुन कर सलीम हंस पड़ा और बोला देख रहा है अपनी रण्डी बहन को कैसे चूदने के लिए बेताब हैं, में सर झुका कर उसका लन्ड चूसने लगा। उसने जोर से मेरी गांड़ पर एक थप्पड़ मारी और मेरी सिसकारी निकल गई। उसने 2–3 बार और मारा, मुझे भी अच्छा लगा। उधर फैजान हिमानी को बोला की बोल तू मेरी रांड़ है, तो हिमानी बोली फैजान में तुम्हारी रण्डी हु, जल्दी से अपना मूसल लन्ड मेरी चूत में घुसा दो। अब फैजान ने भी देर न करते हुए उसकी चूत में लन्ड डाल दिया और उसको चोदने लगा। पूरे रूम में सिर्फ हिमानी की चीखने की आवाजे आ रही थीं। इधर सलीम ने मुझसे अपने निपल्स चूसने को बोला और वो बिस्तर पर लेट गया, में उसके ऊपर चढ़ कर उसके छाती को चूमने लगा। उसका मर्दाना शरीर छूने के बाद मुझे एहसास हुआ कि क्यों हिन्दू औरते उससे चुदाने के लिए राजी होती है। वहां फैजान ने लगातार हिमानी को चोद रहा था और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद फैजान ने अपना माल हिमानी के मुंह पर निकाल दिया जिसमे से थोड़ा हिमानी ने पी लिया। हिमानी इस चुदाई में करीब 3 बार झड़ गई थी। उसके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ दिख रही थी। अब हिमानी को सलीम की बाते वापस याद आने लगी़, उसका बियर का नशा भी उतर गया था। उसने फैजान को पूछा कि सच में सब मुस्लिम मर्द ताकतवर होते है। फैजान बोला बिल्कुल, तुमने देखा नहीं सलीम भाईजान को कितना ताकतवर शरीर है उनका। हिमानी बोली वो तो बिल्कुल सांड जैसे मजबूत लगते है, में तो उनके सामने बिल्कुल नन्हीं बच्ची लग रही थीं। हिमानी बोली कि सच में हिन्दू लोग सेक्स में औरत को संतुष्ट नहीं कर पाते है तो फैजान को मन में लगा यहां तो शिकार सामने से हलाल होने आ रहा है, उसने हिमानी को अपना ट्विटर अकाउंट खोल कर कुछ हिंदू लोगों के लन्ड के फोटोस दिखाए। वो सब लन्ड बहुत छोटे और बेकार दिख रहे थे, हिमानी बोली इतने से ही होते हैं क्या ओर ये बोल कर उसने फैजान के हाथ से फोन ले लिया और बाकी पोस्ट्स देखने लगी। हिमानी मूसल लन्ड देख कर पागल हो गई साथ ही उसको हिन्दू लन्ड देख कर हसी आ रही थी। फैजान को अपनी मंजिल पास आती दिखाई देने लगी। हिमानी ने बोला कि अगर सभी हिन्दू लोगों का लन्ड ऐसा होता है तो में हमेशा तुम्हारे साथ ही रहूंगी और जो बोलोगे वो करुंगी।हमारे पूरे परिवार तुम्हारे जैसी बॉडी किसी की नहीं सब लोग दुबले हैं है या तो पेट निकला हुआ है। ये बोल कर वो फैजान से लिपट गई। हिमानी को प्यास लग रही थीं तो वो बाहर पानी पीने के लिए उठी और अपना टॉप और पेंटी पहनी, वैसे भी रात के 3 बज रहे थे बाहर कोई नहीं होगा तो उसने जींस पहनना ठीक नहीं समझा, सिर्फ़ टीशर्ट और पेंटी पहन कर बाहर जाने लगी इधर सलीम ने भी अपना सारा माल मुझे पिला दिया और लूंगी पहन कर जान बुझ कर हिमानी के सामने बाहर जाने लगा। हिमानी टीशर्ट और पेंटी में बाहर किचन में पहुंची और सलीम भी वहा आ गया और उसके पीछे खड़ा हो गया जैसे ही हिमानी पानी पीकर पीछे मुड़ी और सलीम से टकरा गई। हिमानी गिरने को हुई लेकिन सलीम ने उसकी कमर को पकड़ कर अपने पास खींच लिया। हिमानी सलीम के आगोश में थी और वो भूल गई कि उसने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी हुई है। सलीम ने उसे छोड़ा और बोला कैसी रही रात। तुम्हारी सिसकारियों से तो लग रहा था कि फैजान ने बहुत खुश कर दिया तुमको। हिमानी शर्म से लाल हो गई और वहां से जाने लगी तभी फैजान बाहर आ गया और हिमानी से पानी मांगा। वो सलीम को देख कर बोला आप सोए नहीं भाईजान अभी तक। तो सलीम बोला तेरी गर्लफ्रेंड की चीखों ने सोने ही नहीं दिया। दोनो इस बात पर ठहाके लगाने लगे। सलीम ने फैजान को शाबाशी दी कि ऐसे ही हिमानी को मज़े दो ओर खुद भी मज़े करो। फैजान बोला सब आपसे ही सीखा है भाईजान। तभी फैजान ने कहा कि काफी पीने का मन कर रहा है, हिमानी तुम बना दोगी क्या अपन तीनों के लिए। हिमानी ने बिलकुल बना दुगी ये भी कोई पूछने की बात है, उसी समय हिमानी को एहसास हुआ कि उसने नीचे सिर्फ पेंटी पहनी हुई है और वह सलीम के साथ खड़ी है। वो शर्मा कर जल्दी रूम कि तरफ भागने लगी तो सलीम ने उसे रोका और बोला कि मुझे पता है तुम रूम में जींस पहनने जा रही हो लेकिन आधी रात में टाइट जींस पहनोगी तो खुद ही अनकंफर्टेबल हो जाओगी । तुम्हे शर्माने की जरूरत नहीं है और वैसे भी मैने तुमको पेंटी में देख लिया है और मैने खुद ने भी सिर्फ लूंगी ही पहनी हुई है। फैजान बोला कि सलीम भाईजान सही कह रहे हैं, ये तुम्हारा हिन्दू घर नहीं हैं जहां तुमको पूरा ढक कर रहना पड़ता हैं, इस घर में तुमको किसीसे शर्माने की जरूरत नहीं है। हिमानी को उसकी बात ठीक लगी वो बोली आप लोग सोफे पर बैठे में कॉफी बनाकर लाती हु और वो अंदर जा कर काफी बनाने लगी। हिमानी कॉफी लेकर बाहर आई और टेबल पर रखी लेकिन सलीम ओर फैजान सोफे पर इस तरह बैठे थे कि हिमानी को उन दोनों के बीच में बैठना पड़ा। सलीम ने काफी की सीप ली और हिमानी की तारीफों के पुल बांधने लगा। हिमानी बोली इतनी भी अच्छी नहीं है कॉफी आप भी बस मजाक करते हैं। में अंदर से सब देख रहा था और सोच रहा था कि पहली मुलाकात में हिमानी सलीम से इतना गुल मिल गई। तभी फैजान हिमानी को छेड़ते हुए बोला कि वैसे हिमानी इस टीशर्ट और पेंटी में तुम बहुत सेक्सी लग रही हो। हिमानी शर्मा गई और उसने फैजान के कमर पर चुटकी करी और चुप रहने का इशारा किया। हिमानी बोली में अन्दर जाती हूँ तो सलीम बोला कि अरे हिमानी शरमाओ मत, फैजान बिलकुल सच बोल रहा है, तुम तो बिल्कुल बॉलीवुड हीरोइन से भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो। हिमानी ने कहा कि इतनी भी सुंदर नहीं हु में लेकिन मन ही मन वो अपनी तारीफ सुन कर खुश हो रही थी। अब हिमानी सलीम से काफी खुल गई थी। सलीम उसकी गोरी गोरी टांगों को घूर रहा था जिसे हिमानी ने भाप लिया और वो बोली कि आपने तो इतनी औरतों के साथ मज़े किए है, मेरी टांगें इतनी अच्छी है क्या जो आप बार बार देख रहे हों, हिमानी ने ये बात हस कर मजाक में कही। सलीम बोला मैने बहुत औरतों को संतुष्ट किया है लेकिन तुम्हारी जैसी चिकनी टांगें किसी की नहीं है, फैजान के तो मज़े है। फैजान बोला ये बात तो आपने सही कही भाईजान और ये बोलते हुए फैजान ने हिमानी को लिप्स पर किस किया, हिमानी भी सलीम के सामने खुल गई थी तो उसने भी फैजान को खुल कर किस किया। काफी खत्म कर सब अपने रूम में चले गए और थोड़ी मस्ती करने के बाद फैजान ओर हिमानी भी सो गए। तो दोस्तो आज की ये कहानी यही खत्म होती है। कहानी के अगले भाग में लिखूंगा कैसे हिमानी ओर सलीम आपस मे खुलने लगें ओर हिमानी मुस्लिम को ही असली मर्द समझने लगी। ये भी लिखूंगा कि कैसे हिमानी को मेरे और सलीम के बारे मे पता चला और उसने मुझे साड़ी पहना कर सलीम के साथ सुहागरात मनाने के लिए तैयार किया ओर मेकअप किया। कहानी में ओर भी मज़ा आने वाला है ये बिलकुल सच्ची कहानी है, इसे पढ़ कर अपना फीडबैक जरूर दे। आपके मेल से ही अगली कहानी अपलोड करने का प्रोत्साहन मिलता है Mail I'd - jainhimangi306@gmail.com

Antarvasna

हाय मैं राजेशमेरी उम्र २० वर्ष है आपके लिये मै एक ऐसे स्टोरी Antarvasna लेकर आया हूँ जिसे पढकर आपका मन चोदने और चुदवाने का करने लगेगा

मेरे घर में चार भाई है और मेरे पिताजी है माँ का देहांत तब ही हो गया था जब मेरी उम्र ९ साल की थी। मेरे दो भाई मुंबई में सॉफ्टवेर इन्जिनेअर है जबकि सबसे बड़ा
भाई हमारे साथ ही जालंधर में रहता है। मेरे भाई की शादी हुई तो मैं बड़ा खुश हुआ कि जो माँ का प्यार माँ से नहीं मिला वह भाभी से मिल जायेगा। शादी के बाद भाभी
हमारे साथ ही रहने लगी हम गाँव के सबसे बड़े परिवार से ह। पिताजी का धयान रखने के लिए नौकर तो था पर नौकर और घर के सदस्य में रात दिन का अंतर था। भाभी
भी मुझसे मजाक किया करती।

एक दिन की बात है मैं बाथरूम में नहाने जा रहा था तो मेने भाभी से मेरी अंडरवियर और बनियान मांगी। भाभी बोली कि देवर जी आप नहाना तो शुरू करो मैं ढूँढकर
लाती हूँ मेने कहा ठीक है जब मैं नहा लिया और मैं केवल एक पतला सा टॉवेल लपेटकर खडा था तभी भाभी आई और बोली कि लो अपने अंडरवियर लो यह कहकर वो
दरवाजे के बहार खड़ी होकर दूर से अपना हाथ दिखा रही मेने भाभी से अंडरवियर लेने के लिए जैसे ही दरवाजा खोला भाभी ने दरवाजे में जोर से धक्का दिया और मेरे
बाथरूम में घुस आई और मेरी कमर पर गुदगुदी करने लगी्।

इस मजाक में वह हो ही गया जिसका मुझे डर था मेरा टॉवेल खुल गया और भाभी के हाथ में मेरा लिंग आ गया.
इसी बीच मैं शर्म के मारे बाथरूम से नंगा बाहर निकल कर भाग गया क्यूंकि उस समय घर पर मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था.

इस बात पर मैं भाभी से इतना नाराज़ हुआ कि पूरा दिन बोला नहीं।
पर शाम को वह मुझसे बोली कि राजेशतुम मुझसे नाराज़ हो क्या?
तो मेने अपनी नाराजगी तोड़ते हुए न कहा दिया। अगले दिन जब मैं पढ़ाई कर रहा था तभी भाभी मुझसे बोली कि राजेशमैं
नहाने जा रही हूँ तुम कल की बात का बदला लेने की कोशिश मत करना,
तो मैं बोला- नहीं भाभी, मैं तो उस बात को कब का भूल चूका हूँ।

तभी नहाते हुए भाभी बोली कि राजेशमुझे एक साबुन लाकर दो मेरा साबुन खत्म हो गया है मैं बोला अभी तो मैं दुकान जाकर साबुन नहीं ला सकता। भाभी बोली कि
दुकान से लाने को थोड़े ही कह रही हूँ, मेरे ड्रोर में रखा वहीं से ला दो। जैसे मैं साबुन लेकर आया तो भाभी दरवाजे में से मुह निकालकर झांक रही थी तो जैसे ही मैंने जैसे
ही हाथ बढाया तो भाभी ने साबुन लेने के बहाने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और मैं बाथरूम में गिरने लगा तो भाभी ने हाथ पकड़कर मुझे संभाला तभी मेरा हाथ उनकी
चूत पर पड़ गया। मैंने देखा कि भाभी बिलकुल नंगी खड़ी थी और उनके बूब्स बहुत बड़े थे और उनके निप्पल गुलाबी रंग के थे और उनकी चूत पर बहुत बड़े बाल थे और उन
बालो के कारण चूत भी ठीक से नहीं दिख रही थी।

तभी मुझे अपन पेंट में कुछ रेंगने का अनुभव हुआ मैंने देखा जब तक तो भाभी मेरे पूरे कपडे (पेंट, अंडरवियर) दोनों उतार चुकी थी। मैं भाभी के सामने बिलकुल निवस्त्र खडा था और भाभी मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थी तभी भाभी ने नीचे लेट कर पोसिशन ६९ में आ गयी और अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी न चाह कर भी उनकी बालो वाली चूत चाट रहा था थोडी देर बाद वह उठी और मुझसे अपना 7″ लंबा लंड मेरी चूत में डालने को कहने लगी

मैंने जैसे ही अपना लंड भाभी की चूत पर रख कर जोर से धक्का दिया वह भाभी की चूत में न जाकर वहां से फिसलकर पीछे की और सरक गया फिर भाभी बोली जानू ऐसे नहीं और फिर वह साबुन उठाकर अपने हाथ पर लगाकर मेरे लंड पर रगड़ने लगी फिर उसके बाद उन्होंने उतना ही साबुन अपनी चूत पर लगा दिया और फिर बोलीं कि जान अब धक्का दो जैसे ही मैंने जोर से एक धक्का दिया वह चिल्ला पड़ी आआह्ह्ह् ईईइह्ह् ऊऊह्ह् फिर मैंने एक और झटका देकर पूरा लंड भाभी की चूत में समां दिया और अब उनका और मेरा शरीर आपस में रगड़ने लगे उस दिन भाभी ने मुझे जिन्दगी मैं पहली बार सेक्स करना सिखाया

लेकिन उस सेक्स के बाद मुझे उस गलती पर बड़ा पछतावा हुआ और मैंने भाभी के कितना भी उकसाने पर ये गलती न दोहराने का संकल्प लिया। एक दिन जब मैं बाज़ार सामान लेने गया तो मुझे रास्ते जाकर ध्यान आया कि मैं पैसे लाना तो भूल गया हूँ। जैसे ही मैं घर पैसे लेने वापस आया तो देखा कि भाभी एक नौकर के साथ चिपकी हुई थी मुझे देख कर वह दूर हट गयी और फिर नौकर मुझे देख कर चला गया तभी मैंने भाभी से पूंछा तो वह कहने लगी कि तुम्हारे भैया तो बस काम के कारण बाहर ही रहते है उन्हें तो मुझे संतुष्ट करने का तो उन्हें कोई ख्याल नहीं रहता और तुम भी मेरे साथ एक बार सेक्स करके ही रह गए अब तुम ही बताओ ऐसे में मैं क्या करूं

वह बोली तुम्हे तो मेरे साथ … ऐतराज़ है मै बोला ऐतराज नहीं है मैं इस काम को पाप समझता हूँ वह बोली कि तुम मुझे इस तरह खु्श करो कि तुमसे पाप भी न हो और मुझे मजा भी आ जाये। मैं बोला क्या सच में ऐसा हो सकता हैं वह बोली कि हाँ क्यूँ नहीं तो मैंने कह दिया ठीक है वो मुझे कमरे मैं ले गयी और मेरे होठ चूमने लगी तो मैंने मना किया तो वह बोली कि मैं तुमसे तुम्हारा लंड अपनी चूत में डालने को तो नहीं कह रही हूँ फ़िर उन्होंने मेरे पूरे कपडे उतार दिए फिर अपने कपडे भी उतार कर बैठ गयी और मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगी तभी मेरी नज़र उनकी चूत पर गयी आज वह बड़ी सुंदर और चिकनी दिख रही थी अब मुझसे नहीं रहा गया और मैं अपना संकल्प भूलकर पोसिशन ६९ में आकर भाभी की चूत चाटने लगा।

फिर भाभी ने मुझे उठाकर मेरा मुंह अपने बूब्स पर रख दिया फिर मैंने दोनों स्तनों से नीचोड़ नीचोड़ कर स्तनपान किया और कुछ देर बाद भाभी की दोनों टांगें विपरीत दिशा में करके उनकी चूत पर लंड फेरने लगा भाभी के मुह से आआह्ह ऊऊउह्ह्ह् ईईह्ह्ह निकल पड़ा तभी मैंने भाभी की चूत पर एक जोर से झटका मारा तो भाभी और तेज़ और तेज़ कह कर मेरा साथ देने लगी मेरा जोश यह सुनकर दुगना हो गया फिर भाभी और मैं एक साथ स्खलित हो गए उस दिन मुझे पहली बार से भी ज्यादा आनंद आया अब भाभी और मैं जब भी हमें मौका मिलता है तब यह खेल खेलते है Antarvasna

प्रेषक : करण उज्ज्वल Indian Sex Stories

हाय दोस्तों, मेरा नाम करण है। मैं Indian Sex Storiesबंगलोर में रहता हूँ और एक बहुत बड़ी कंपनी में काम करता हूँ। वैसे तो मैंने यह कंपनी कुछ दिनों पहले ही ज्वाइन की है लेकिन जो हुआ उसका अंदाजा भी नहीं था मुझे।

मैं ट्रेनिंग में था और हमारे ग्रुप में लगभग २० लोग थे। उनमें एक लड़की भी थी जिसका नाम सलोनी है। मैं और सलोनी काफ़ी अच्छे दोस्त हैं। वैसे मैं उसे ज्यादा भाव नहीं देता हूँ लेकिन वो मेरी दीवानी है। उसका फिगर मस्त है लेकिन गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी है। कुल मिला के पटाका आइटम है। जब बाल खुले रखती है तो क्या क़यामत गिरती है, बता नहीं सकता।

चलो अब कुछ मजेदार बात हो जाए !

क्यूंकि मैं रात में ड्यूटी करता हूँ इसलिए सुबह देर तक सोया रह गया। मेरा ऑफिस टाइमिंग ११.३०-७.३० था। १४ अगस्त को मैंने सलोनी को कॉल किया और इस तरह बोला कि मैं तुमसे कुछ मांगूंगा।

उसने बोला- जो तुम्हें चाहिए वो मिलेगा। लेकिन तुम क्या चाहते हो?

मैंने बोला- तुम सोचो कि मैं क्या मांग सकता हूँ?

उसने कुछ सोचा और पूछा- क्या तुम मुझे किस करना चाहते हो?

मेरे मुँह से हां निकल गया।

उसने बोला- ठीक है !

उस रात को मैं ऑफिस जाने लगा और कैब से सलोनी को मेसेज किया, मैंने बोला- मैं बहुत बेताब हूँ !

वो भी बेताब थी। लेकिन मेरी किस्मत पर कुत्ता मूत गया क्यूंकि वो रात में ऑफिस कुछ देर से आई। खैर वो आ गई. ट्रेनिंग रूम में घुसते ही उसने एक किलिंग लुक मुझे दिया. मैं तो वहीँ फ़िदा हो गया और चेयर से पीछे लुढ़क गया. सब हंसने लगे. सलोनी मेरे पास आ के बैठी और पूछा- क्यूँ बेताब हो?

मैं कुछ नहीं बोला, मेरी बोलती ही बंद हो गई थी। जैसे-तैसे उससे बात की मैंने। वो समझ गई थी कि मेरी क्या हालत है। हम दोनों पागल हो गए थे किस करने के लिए। डिनर ब्रेक हुआ और मैं छत पर गया, वो लू में चली गई और मेरा इन्तज़ार करने लगी। मैंने कॉल करके कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर मिलो। मैं दौड़ के वहां गया, वो भी आ गई। फ़िर हम दोनों किसी कोने की तलाश में इधर- उधर भटकने लगे। जगह नहीं मिलने से मेरा दिमाग गरम हुआ जा रहा था, मैंने सलोनी से कहा की अगर २ मिनट में मुझे किस नहीं मिला तो मैं पागल हो जाऊंगा !

वो मेरी हालत समझ रही थी, उसने मेरे सीने पे अपना सर रख दिया और मेरे हाथ को पकड़ कर कहा- लिफ्ट में चलते हैं।

मैंने बोला- ठीक है।

फ़िर हम दोनों लिफ्ट में गए, ग्राउंड फ्लोर से सीधे १३वीं मंज़िल का बटन दबाया। बीच में कोई रोक-टोक नहीं थी। हम दोनों ने काफ़ी लंबा समूच किया एक दूसरे को, दोनों निहाल हो गए थे लेकिन मेरा मन नहीं मान रहा था। डिनर ब्रेक ख़त्म हो गया। दोनों कमरे में जा के बैठ गए। मैंने सलोनी से १ और किस माँगा, उसने मना कर दिया तो मुझे गुस्सा आ गया।

मैं कमरे से बाहर चला गया। सलोनी को बुरा लगा तो वो भी बाहर आ गई। मैंने बोला कि अगर १ किस और नहीं दिया तो मैं कमरे में नहीं जाऊंगा। उसने कुछ नहीं बोला। मैंने उस दिन ट्रेनिंग नहीं किया।

मैं घर जाके सो गया और १५ अगस्त को अपने एक दोस्त को बुलाया। जैसे ही वो मेरे घर आया, सलोनी का भी कॉल आया। उसने पूछा- क्या कर रहे हो?

मैंने बोला- मैं सो रहा हूँ और मेरा मूड ठीक नहीं है।

वो समझ गई। फ़िर मैंने पूछा- तुम क्या कर रही हो?

तो उसने बोला- पापा-मम्मी चर्च गए हुए हैं और शाम में आएंगे।

अब मैं समझ गया कि क्या करना है लेकिन कल का भाव दिखाने लगा। मैंने पूछा- क्या मैं तुम्हारे घर आ सकता हूँ? उसने बोला- जल्दी आओ।

मैं उठा और बिना ब्रश किए उसके घर चला गया, मेरा दोस्त भी था मेरे साथ। मुझसे ज्यादा मेरा दोस्त ही उछल रहा था।मैंने माउथ फ्रेशनर खाया और उसके घर पहुँचा। और हाँ, जब मैं उसके घर जा रहा था तो उसने मुझे काल करके पूछा कि क्या पियोगे? मैंने बोला- मैं तो सिर्फ़ गर्म दूध पीता हूँ ! मैं उसको छेड़ रहा था।

उसने पूछा- कुछ कोल्ड ड्रिंक्स वगेरह?

मैंने बोला- बस रहने दो, अब मुझे सिर्फ़ तुम्हारे घर पहुँचने का इंतज़ार है !

जैसे-तैसे उसके घर पंहुचा, वो बाहर निकली, खुले बालों में क्या लग रही थी वो। मैं तो उससे देखता ही रह गया। इससे पहले कि मैं संभल पाता, उसने मेरा हाथ पकड़ा और घर के अन्दर जाने को कहा। मैं अन्दर चला गया और सोफे पे बैठ गया। उसने शीशे के ग्लास में कोल्ड ड्रिंक मेरे सामने रखा। वो टी-शर्ट और ज़ींस पहने हुए थी।

जैसे ही ग्लास रखने के लिए वो झुकी, मुझे उसका बूब्स दिखने लगा. मैंने अपने आप को संभाला. फ़िर वो मेरे सामने बैठ गई. हम दोनों ने थोड़ी देर दुनिया-जहान की कुछ फालतू बातें की और ड्रिंक ख़त्म किया. फ़िर उसने मुझे बोला उसके बेडरूम में बैठने को। मैं चला गया और उसने मेन-गेट और डोर लाक कर दिया।

मेरे बगल में बैठते ही उसने मुझे किल्लिंग लुक दिया. मैंने बिना देर किए उससे पकड़ लिया और जम कर आधे घंटे तक किस किया. उसके पसीने आने लगे। उसने कहा थोड़ी देर रुक जाओ, मैं भी थक गया था। फ़िर दूसरा राउंड शुरू हुआ. मैं लेटा हुआ था कि वो मेरे ऊपर आ गई और एकदम से मुझे चाटने लग गई। मैं जन्नत की सैर कर रहा था।

उसने मेरे पूरे कपड़े खोले और ऊपर से नीचे तक चाट, खाया और चूसा। मैं भी मस्ती में अपना लंड चुसवा रहा था। फ़िर मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू किए। मैंने उसे बेड पे पटक दिया और पहले उसके बूब्स दबाये, फ़िर टी-शर्ट खोला, फ़िर ब्रा फ़िर सो ओन….. ३० सेकंड्स के बाद वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।

मैंने देर न करते हुए उसके मम्मों को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा। फ़िर उसके गले से होते हुए उसके कानों को चूसा। वो भड़क रही थी, मुझे कस के पकड़े हुए वोह बहुत सिसक रही थी जिससे मुझे और भी जोश आ रहा था। फ़िर मैंने उसके होठों को चूसना शुरू किया और उससे खाया भी। वो भी मेरा बहुत साथ दे रही थी।

थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उसके नाभि के आस-पास अपने जीभ से सहलाना शुरू किया, वो मदहोश हुए जा रही थी। मेरा १ हाथ उसके कमर में था और १ हाथ उसकी चूत पर. मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से पानी निकल रहा है, मैं समझ गया कि अब वो तैयार है, मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया और वो उससे ज़ोर से रगड़ने लगी, मेरा लंड खड़ा हो गया, वो ८” का है।

सलोनी ने बोला धीरे से डालने को। मैंने बोला ठीक है। फ़िर मैंने अपना लंड उसकी भीगी चूत पर रखा और और अपना वचन तोड़ते हुए एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया, वो बिल्कुल उठ कर मेरे लंड पे बैठ गई, मेरे बालों को ज़ोर से पकड़ लिया और रोने लगी। पूरे बेड पर खून के धब्बे लग गए, वो बहुत रो रही थी, मैंने थोडी देर के लिए धक्का लगना बंद कर दिया।

२ मिनट के बाद वो शांत हुई और फ़िर से लेट गई। मैं समझ गया कि अब उससे मज़ा आएगा। मैंने १ और ज़ोर का धक्का लगाया. वो फ़िर उछल गई। फ़िर मैंने उसे इतना चोदा, इतना चोदा कि उसकी माँ तक चुद गई, हर एंगल से उसकी चुदाई की। उसके मुँह से निकलती आवाजें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. यही कारण था कि मैंने एक ही बार में अपना पूरा लंड डाल दिया था। उससे भी बहुत मजा आया। उसके शरीर का एक भी ऐसा हिस्सा नहीं बचा था जो मेरे मुँह से बचा हो, मैंने उसे हर जगह चूमा था, उसके चेहरे से वो सन्तुष्ट दिख रही थी। वोह बहुत खुश थी।

हमने ५० मिनट तक चुदाई की थी। बाद में मैंने फ़िर से उसको चूमा और उन यादगार पलों के लिए थैंक्स कहा। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और एक गहरा चुम्बन दिया। उसने भी मुझे थैंक्स कहा। मैंने उसे वो खून के धब्बों वाली चादर हटाने के लिए कहा। फ़िर हमने साथ में स्नान किया और एक दूसरे को किस करते रहे। नहाने के बाद हम दोनों सोफे पर बैठ के कोल्ड ड्रिंक्स पीने लगे। मैं अभी भी उसको भूखी नज़रों से देख रहा था. वो भी मुझे तड़पा रही थी। हमने एक और गहरा चुम्बन किया और मैंने उसके कान पर ज़ोर से काट के, बूब्स को दबा के और चूत को सहला के सिगरेट पीने लगा।

तो दोस्तों कैसे लगी मेरी कहानी, ज़रूर बताइयेगा। Indian Sex Stories

Antarvasna

हाय दोस्तो, मेरा नाम विजय Antarvasna कुमार है और मैं एक काल बॉय हूँ। मैंने अन्तर्वासना की बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी, मेरा मन भी करा कि मैं भी एक कहानी लिखूं जो कि काल्पनिक नहीं हकीकत है!

मेरा रंग साफ, कद 5 फीट 8 इंच, एकदम स्लिम हूँ। मैं दिल्ली में रहता हूँ।

दोस्तो अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ!

बात उन दिनों की है जब मैं नया नया दिल्ली आया था, पर कहीं पर नौकरी मिल नहीं पा रही थी।
मैं बहुत परेशान हो गया और मैं अपने एक दोस्त सुरेश के पास गया तो उसने मुझे कहा कि आप नौकरी के लिए परेशान क्यों होते हो, मैं आपको एक नम्बर देता हूँ, आप मेरे बताये पते पर जाना और पैसे भी बहुत ज्यादा मिलेगें।

मैं सुरेश की बात से सहमत हो गया।

उसके अगले दिन मैंने उस नम्बर पर फोन किया तो उस नम्बर पर मुझे एक महिला की आवाज सुनाई दी जिसे मैं सुनकर घबरा गया और मैंने फोन रख दिया।

फिर शाम को मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए उसके घर गया तो उसने मुझे समझाया कि तुम्हार पास कोई नौकरी तो है नहीं तो फिर क्या करेगा भीख मांगेगा क्या। आप कल फोन करके उसके उसके बताये पते पर चला जाना और उनको कहना कि सुरेश ने आपका नम्बर दिया है, और पूछना कि मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ।

फिर अगले दिन मैंने 12.30 पर मैंने फोन किया तो उसी महिला ने फोन उठाया, तो मैंने कहा कि मुझको सुरेश ने आपका फोन नम्बर दिया है।

तो उसने कहा- आपका नाम क्या है?
मैंने कहा- मेरा नाम विजय जे है।

उसने मेरी उम्र पूछी तो मैंने कहा कि मेरी उम्र 22 साल है। तब उसने मुझे अपना नाम शिवानी बताया और पता जी. के. फेस-2 में रहती हूँ आप मुझसे शाम को 9.00 बजे मिलना।

मैं शाम को 9.00 बजे उसके घर जी. के.फेस-2 पर पहुँचा और उसके घर की बैल बजाई, तो उसके घर पर उसकी नौकरानी ने दरवाजा खोला।

मैंने कहा- मुझे शिवानी मैडम से मिलना है!
उसने मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम विजय जे बताया। उसने कहा- मैं मैडम से पूछ कर आती हूँ आप तब तक यहीं ठहरो।

मुझे बहुत ज्यादा डर रहा था और दिल धक धक कर रहा था। उसकी नौकरानी दो मिनट बाद आई और मुझे अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर जाकर उसके घर को देख कर और भी ज्यादा धबरा गया क्योंकि उसका घर बहुत ज्यादा ही आलीशान था।

नौकरानी ने मुझे पानी पिलाया और कहा कि मैडम अभी आती है, आप थोड़ी देर तक आराम से बैठो और उनका आने का इन्तजार करों।

10 मिनट बाद मैडम शिवानी आई तो मैं तो उसे देखकर घबरा ही गया क्योकि वह तो बहुत ही खूबसूरत थी, हूर की परी।
उसकी फिगर तो बस बहुत ही कमाल की थी उसकी लम्बाई 5 फीट 3 इंच, कमर 28, हिप्स 34 और चेस्ट 32 और रंग दूध जैसा सफेद।
वो क्रीम रंग का कुर्ता और काले रंग का शलवार पहने हुए थी।

मैडम ने आते ही कहा- हाय विजय! क्या हाल है?
मैंने कहा- ठीक है मैडम।

मैडम ने पूछा कि आपको मेरा फोन नम्बर कहाँ से मिला तो मैंने सुरेश का नाम बाताया और कहा कि वो मेरा दोस्त है।

फिर हम दोनों बैठकर बात करने लगे फिर उसने नौकरानी को चाय लाने का कहा तो नौकरानी 5 मिनट बाद चाय लेकर आई और हम दोनों ने साथ बैठकर चाय पी।

मैडम शिवानी ने मुझे देखकर कहा- आप घबरा क्यों रहे हो?
मैंने कहा- आज मैं पहली बार किसी मैडम से मिला हूँ!

तो वो मेरी बात सुनकर हँसने लगी और कहने लगी- आपको घबराने की जरूरत नहीं है।

उसके बाद उसने अपनी नौकरानी को घर जाने के लिए कह दिया कि सेवेरे आ जाना। नौकरानी अपने घर चली गई।

शिवानी मैडम मुझको अपने ड्रांईग रूम में ले गई वहाँ पर उसने एक वाईन की बोतल, सोडा, पानी, दो गिलास और कुछ नमकीन निकाली और मुझको उसने कुर्सी पर बैठने के लिए कहा और फिर उसने दो पैग वाईन के बनाये तो मैंने कहा कि मैं तो ड्रिंक नहीं करता तो उसने कहा कि आप हमारा साथ तो दो आप कम से कम लेना।

उसने मुझको बहुत ही लाईट ड्रिक्स के दो पैग दिये मैंने पहले कभी पी तो नहीं थी, मुझको हल्का सा नशा होने लगा।

मैडम ने कहा- चलो बैडरूम में चलते हैं।

मैं मैडम के साथ उसके बैडरूम में चला गया। मैडम ने कहा- पहले आपने किसी के साथ सम्भोग किया है?

मैंने कहा- हाँ! एक दो बार अपनी गर्लफ्रैड के साथ किया है।
मैडम ने कहा- आपको मेरे साथ सम्भोग करना है।

मैं उसकी बात सुनकर घबरा गया और कहने लगा- नहीं मैडम! मैं नहीं कर सकता!

मैडम ने कहा- फिर आप मेरे पास क्यों आये हो!
मैंने कहा- मैं तो आपके पास नौकरी के लिए आया हूँ।

उसने कहा- आपको सुरेश ने नहीं बताया कि आपको क्या करना है?
मैंने कहा- नहीं! उसने तो यही कहा था कि आप मैडम से मिल लेना।

मैडम गुस्से से लाल-पीली होने लगी और सुरेश को गाली देने लगी, कहने लगी- पता नहीं किस को भेज दिया।

यह सुनकर मैं तो बहुत ही ज्यादा घबरा गया, मैंने कहा- मैडम आप नाराज मत हो, आप जो भी कहोगी, मैं वही करने को तैयार हूँ।

तो मैडम ने कहा- ठीक है!
मेरी जान में जान आई और मैडम ने हँसकर कहा- ठीक है चलो बैड पर बैठो।

मैं बैठ गया। उसने कहा- मैं चेंज करके आती हूँ, आप यहीं पर बैठो।

मैडम शिवानी थोड़ी देर बाद आई तो उसको देखकर मैं तो हैरान रह गया। वह केवल बहुत हल्की नाईटी पहने हुए थी और उसके अन्दर सब कुछ दिखाई दे रहा था।

वो मुझको देखकर मुस्कराई और कहने लगी- आपने पहले किसी औरत को ऐसे नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- मैडम! नहीं! देखा तो है, पर आप जैसी अप्सरा को नहीं देखा, आप तो परियों से भी सुन्दर दिखती हो।

मेरी बात सुनकर वह खिलखिला के हँसने लगी।
अब मेरी भी जान में जान आ गई, उसने मुझे कहा- आप मुझे मैडम मत कहो, मुझे सिर्फ शिवानी कहो।
मैंने कहा- जी अच्छा।

शिवानी अपनी दोनों टांगों को ऐसे करके बैड पर मेरे सामने बैठ गई कि उसकी मुझे पैंटी दिखाई देने लगी और मैं उसकी टांगों के बीच में से उसकी पैंटी को देखने लगा।
मेरा लण्ड जो की साईज में 8 इंच लम्बा और 2.5 इंज मोटा था पैंट के अन्दर दहाड़ मारने लगा।

शिवानी ने कहा- विजय तुम क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!

वो हँस कर बोली- विजय! जब तुम कुछ नहीं देख रहे हो तो तुम्हारी पैंट क्यों उपर की तरफ उठ रही है। चलो, अपनी पैंट उतार कर दिखाओ कि इसमें क्या सामान है जो कि बार बार पैंट फाड़ने के लिए तत्पर है।

मैंने सोचा कि कही मैडम गुस्सा ना करने लगे तो मैंने पैंट उतार दी।

मैडम ने कहा- आप अपने सारे कपड़े भी उतारो!

मैंने शर्ट और बनियान भी उतार दिया अब मेरे शरीर पर सिर्फ अन्डरवीयर था।
तो शिवानी के चेहरे पर अजीब सी मुस्कुराहट दिखाई देने लगी और मेरा शर्म के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था क्योंकि मैंने पहले कभी भी किसी के सामने कपड़े नहीं उतारे थे।

शिवानी ने कहा- विजय! अब अपना अन्डरवियर भी उतारो!

मैंने कहा- शिवानी जी! आपने मेरे तो सारे कपड़े उतरवा दिये हैं, पर आपने अपने कपड़े तो पहने हुए है आप भी तो अपने कपड़े उतारो शिवानी जी। शिवानी ने कहा- आप ही उतार दो ना!

पहले मैंने उसकी नाईटी उतार दी, नाईटी उतारते ही उसके बदन को देखकर मैं तो चकित ही रह गया कि उसका बदन तो संगमरमर की तरह से बिल्कुल चमकीला और सफेद था।
और उसके फिगर तो किसी भी परी से कम नहीं थी उसकी फिगर को देखकर मैं तो पागल ही हो गया और सोचने लगा कि यह शादीशुदा होने के बाबूजूद अपने शरीर की आग किसी और से बुझवाती है?

शिवानी ने कहा- विजय आप सोचते बहुत ज्यादा हैं, काम कुछ कम करते हो!
मैंने कहा- नहीं मैडम, ऐसा कुछ भी तो नहीं!

शिवानी ने मझे अपनी बाँहो में भर लिया और कहने लगी- आप मुझे ऐसे मजा दो कि हम दोनों सब कुछ भूल जाएँ!
मैंने कहा- शिवानी जी! आप जो कह रही हैं, वह ठीक है।

और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और शिवानी के होठों को चूसने लगा। तो शिवानी ने अपनी जीभ में मुँह के अन्दर डाल दी।
मैं भी उसकी जीभ को चूसने लगा।

अब वो मस्त होती जा रही थी, कहने लगी- विजय, तुम मेरे अन्दर समा जाओ! आप जैसा जवान मर्द मुझे अभी तक मिला नहीं!

मैंने कहा- शिवानी जी! आप तो शादीशुदा हो, तो फिर क्या आपके पति आपको सन्तुष्ट नहीं कर पाते हैं?

शिवानी ने कहा- मेरी शादी को 6 साल हो गये और मुझे आज तक कभी भी वो शारिरिक सुख नहीं दे पाए हैं, बस उसके पास तो पैसा ही पैसा है और उसी के पीछे लगा रहता है, हफ्ते दस दिन में ही आता है, मैं अकेली ही रहती हूँ और जब भी आता है बस उसको काम ही काम नजर आता है। कभी मैं उनको कहती भी हूँ तो वो इस काबिल ही नहीं हैं कि वह कुछ कर पायें! मैं चाहे कुछ भी कहीं भी करूँ उसको तो इस बात से भी एतराज नहीं है। मैं बस अपनी प्यास ऐसे ही आज आपसे बुझवा रही हूँ। विजय आप भी अपने बारे में बताओ कि इस लाईन में तुम कैसे आये?

मैंने कहा- मैं नौकरी की तलाश में भटक रहा था तो सुरेश ने इस काम के बारे में मुझे बताया और आज मेरी पहली कॉल है।

तो वो यह सुनकर और भी ज्यादा खुश हो गई और मेरे से लिपट गई।

मैं एक हाथ उसकी ब्रा के ऊपर ले गया और धीरे-2 हाथ उसकी चूचियों पर फेरने लगा।
अब वो मस्त होने लगी और मैंने उसकी ब्रॉ के हुक खोल दिये, शिवानी के मम्मे आजाद हो गये।
उनको देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वो 28 साल की होगी।
उसकी चूची 16 साल की लड़की की तरह सिर्फ 32 साइज की थी और बिल्कुल कसी हुई जो कि आराम से हाथ में आ जाये।

मैं अपने को बहुत ही खुशनसीब मानने लगा कि पहली ही कॉल पर ऐसा माल मिल गया जिसके लिए मैं क्या कोई भी कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाये।

मैं उनको धीरे-धीरे सहलाने लगा और वो सिसकने लगी। फिर मैंने अपने होठों को उसके होंठ से हटाकर उसकी चूची को चूसने लगा जो कि एकदम से टाईट हो चुकी थी और उसके निप्पल तो एक दम से तन चुके थे।

मैं एक हाथ से उसकी बाँई चूची को सहलाने लगा और दाँई चूची को मुँह से चूसने लगा। वो बुरी तरह से सिसकने लगी। मैं बुरी तरह से, पागलों की तरह उसकी चूची को चूसे और मसले जा रहा था।

वो बुरी तरह से तड़पने लगी, उसने मेरे अन्डरवीयर में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को बाहर निकाल कर उसको पागलों की तरह से मसलने लगी।

मैं तो दीवानों की तरह उसकी चूचियों को मसल व चूस रहा था और वो बुरी तरह से मदहोश होकर मेरे लण्ड से खेलने लगी।
हम दोनों 5-6 मिनट तक ऐसे ही करते रहे।

फिर एक ही झटके में उसने मेरे अन्डरवियर को निकाल फेंका और मुझसे अपने आप को छुड़ाकर वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
मैं बुरी तरह से हाँफने लगा और उसके मुँह में ही अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगा।

थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लण्ड को उसके मुँह से बाहर निकाल लिया और उसकी पैंटी को निकाल दिया। वाह क्या चूत थी उसकी! बिल्कुल गुलाबी! मानो गुलाब की पँखुड़ियों से बनी हुई और उसमें से निकलता हुआ उसकी टाईट चूत का पानी जो कि उसकी बिल्कुल सफेद टांगों के बीच में ऐसे लग रही थी कि बरसों से आज ही जागी हो, और उसका गुलाबी दाना!

मैंने उसकी चूत को मैंने ऊपर से ही चूमना शुरू किया और मुँह को चारों तरफ घुमाने लगा उसकी चूत से मीठी मीठी गंध आ रही थी जिसको मैं सूंघकर मदहोश होता जा रहा था। उसकी गीली चूत फूल गई थी।

अब मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और उसकी चूत एकदम खुलकर मेरे सामने थी, मैं उसकी चूत की गहराई देख रहा था। अब मैंने दोनों हाथ से उसकी चूत को फैलाकर उसके अन्दर अपनी जीभ घुसा दी।

वो बुरी तरह से सी सी सी करने लगी और मैं अब उसकी चूत के अन्दर बाहर अपनी जीभ को करने लगा और उसकी गोले गोल गांड को बुरी तरह से सहलाने लगा।

वो बुरी तरह से तड़पने लगी और मेरे लण्ड को सहलाने लगी। मैं तो उसकी चूत को चाट चाट कर मदहोश होता जा रहा था, अचानक उसने अपने हाथों से मेरे मुँह को पकड़ लिया और कहने लगी- विजय! और ज्यादा ना तड़फाओ, मेरे से रूका नहीं जा रहा है, बस अब अपने लण्ड को मेरी चूत में घुसा दो! दो ना विजय!

और अपने ऊपर से मुझको धकेलने लगी। मैं भी उसकी चूत से हटकर उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया।

अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और शिवानी मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चाटने और हाथ से मसलने लगी और 6-7 मिनट के बाद शिवानी का शरीर बुरी तरह से अकड़ गया और उसने मुझको कस के पकड़ लिया और बुरी तरह से तड़पने लगी और कहने लगी- जोर जोर से! ऐसे चूसो! जीभ को पूरी अन्दर डाल दो! विजय वैरी वैरी फास्ट! तेजी से मैं मर जाउँगी! आ आ ई ई!

और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, सारा पानी मैं अपने मुँह के अन्दर ले गया। उसने मेरे लण्ड को कस के पकड़ लिया और बुरी तरह से मसलने लगी और कहने लगी- विजय बस अब तो अपना लण्ड मेरी चूत में डालो जल्दी से! जल्दी डालो! नहीं मैं तो मर जाउँगी!

मैंने उसको छोड़कर अपनी पैंट की जेब से कन्डोम का पैकेट निकाला और कन्डोम को निकाल कर अपने लण्ड के ऊपर चढ़ाने लगा तो शिवानी ने कहा- नहीं! कन्डोम के बगैर करो!

मैंने कहा- नहीं शिवानी जी! मैं ऐसा नहीं कर सकता।

शिवानी नाराज हो कर कहने लगी- मेरी शादी को 6 साल हो गये हैं और मेरी आज तक एक भी औलाद नहीं है, इसलिए ही तो मेरे पति ने मुझे इतनी छूट दे रखी है और आज पहली बार किसी पराये मर्द से चुद रही हूँ, प्लीज कन्डोम नहीं! मेरी सहेली ने मुझको सुरेश का नम्बर दिया था, इसलिए ही तो आपको बुलाया है, और आप भी कन्डोम लगाकर करेंगे? नहीं नहीं! विजय।

इतना कह कर उसने मुझको बाँहो में भर लिया और कहने लगी- बस मुझे एक बच्चा ही तो चाहिए और क्या! मुझको अपनी प्यास नहीं बुझानी! बस एक बार मेरी कोख भर दो विजय! मुझे बस एक बच्चा चाहिए।

वो रोने लगी, मैंने उसको बाँहों में भर लिया, उसके सर को सहलाने लगा और धीरे धीरे उसकी कमर पर हाथ फेरने लगा। वो भी मेरे लण्ड को सहलाने लगी और तड़पने लगी, कहने लगी- विजय मेरी चूत में अपना लण्ड जल्दी से डालो! मुझसे रूका नहीं जा रहा है, मैं तो मर ही जाउँगी!

फिर मैंने उसको बैड पर लिटाया, उसकी टांगों को ऊपर उठाकर अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के उपर रखा और एक जोर से धक्का मारा, वो बुरी तरह से तडफने लगी और जोर से चीखी- विजय आपका लण्ड तो बहुत मोटा है! आप धीरे से अन्दर करो, नहीं तो मैं तो मर ही जाउँगी!

मैंने कहा- ठीक है!

फिर मैंने उसकी चूत पर खूब सा थूक लगाया और उसने मेरे लण्ड पर थूक लगाया, मैंने उसकी चूत पर अपना लण्ड टिका कर धीरे धीरे दबाव लगाना शुरू किया तो शिवानी बोली- विजय, धीरे धीरे से अन्दर करते रहो!

मैं भी धीरे धीरे लण्ड को अन्दर करने लगा लेकिन जैसे से मेरा लण्ड उसकी चूत में 3 इंच गया तो वो कहने लगी- विजय, और अन्दर मत डालो, मेरा तो बुरा हाल हो रहा है, मैं ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाउँगी!

मैं धीरे-धीरे अपने लण्ड को ऐसे से अन्दर बाहर करने लगा तो कुछ ही देर बाद उसको मजा आने लगा और कहने लगी- थोड़ा और अन्दर डालो!

मैंने फिर एक जोर का धक्का मारा, मेरा लण्ड 6 इंच तक उसकी चूत में घुस गया, वो दर्द से बुरी तरह हाँफने लगी और कहने लगी- रूको, थोड़ी देर के लिए!

मैं रूक गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा और उसके होठों को चूसने लगा।
थोड़ी देर के बाद मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा, उसका भी दर्द कम होने लगा और उसको मजा आने लगा।

उसने कहा- विजय अब अपने लण्ड को थोड़ा और अन्दर करो!मैंने एक जोर का धक्का मारा, मेरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक उसके अन्दर घुस गया, शिवानी बुरी तरह से तड़पने लगी और कहने लगी- विजय बाहर निकालो, नहीं तो मैं तो मर ही जाउँगी!

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसकी चूचियों को बुरी तरह से मसलने लगा।

कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब मैं अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।
शिवानी का दर्द धीरे धीरे कम होने लगा। 3-4 मिनट बाद शिवानी ने कहा- विजय धक्कों की स्पीड बढ़ाओ!

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। अब शिवानी को मजा आने लगा और अपनी गाँड को उपर नीचे करने लगी। धक्कों की धप धप की आवाज आने लगी। शिवानी के मुँह से आआआअ ऊऊऊऊ इइइइइ आआआऽऽ अआआआ ऊऊऊऽऽ ईईईईर्ई सीसीसीसी की आवाजों के साथ मुँह से सिसकारी निकलने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी- मार दे मुझे! आऽऽआ आह सी सी सीऽऽऽइ इ इऽऽइ!

और कुछ ही देर में उसने मुझको जोर से जकड़ लिया और उसका पानी छूट गया जोकि मेरे लण्ड पर और उसकी जाँघों पर फैलने लगा।
उसके बाद मैंने उसको कुतिया की तरह पैरों और हाथों के बल खड़ा किया, पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया और दनादन धक्के पे धक्के मारने लगा।

वो मजे में बड़बड़ाने लगी- विजय! ओ विजय! खूब तेजी से करो! मेरी चूत को फाड़ डालो! आज तक आप जैसा मर्द मुझे नहीं मिला! काश आप मेरे पति होते मुझको जन्नत की रोज सैर करा देते! नहीं! फाड़ दो मेरी चूत को विजय! वेरी फास्ट! जल्दी जल्दी विजय! तेजी से!

मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड दुगनी कर दी। मैं बड़ी बेरहमी से चूचियाँ पकड़ के उसको मसलने लगा और धक्कों की भी स्पीड और भी ज्यादा कर दी। कुछ ही देर में मेरा छूटने का आ गया और मेरे मुँह से आ आहा आ हा सी सी ई ई ई आई की आवाज आने लगी।

शिवानी कहने लगी- विजय लण्ड को बाहर मत निकालना! अपना पानी अन्दर ही छोड़ना! अन्दर ही छोड़ना! मैं आपके ही बच्चे की माँ बनूंगी विजय!

मैंने अपना लण्ड शिवानी की चूत से बाहर निकाल लिया और उसको लेटने के लिए कहा, वो सीधा लेट गई और फिर मैंने उसकी टांगों को ऊपर उठाकर अपना लण्ड शिवानी की चूत पर रखा और एक ही धक्के में पूरा अन्दर उतार दिया। वो थोड़ा करहाई।

फिर मैंने अपना लण्ड पूरा बाहर खींचा, जबरदस्त धक्के पे धक्के मारने लगा और 2-3 मिनट के ही बाद मेरे लण्ड ने अपना पानी उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और मैं अपना लण्ड उसकी चूत के ही अन्दर डाल कर उसके ऊपर लेट गया। दो तीन मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे।

मैंने शिवानी से पूछा- बाथरूम कहाँ पर है?

तो शिवानी मुझको बाथरूम में छोड़ कर आई।

मैंने बाथरूम में जाकर अपना लण्ड पानी से साफ किया और फिर मैं नहाने लगा तो कुछ ही देर में बाथरूम के दरवाजे पर ठक ठक की आवाज हुई और साथ में शिवानी की आवाज आई- विजय मैं आपके लिए तौलिया लेकर आई हूँ, प्लीज दरवाजा खोलो!

मैंने दरवाजा खोला तो शिवानी नंगी ही तौलिया लेकर दीवार के सहारे खड़ी हुई थी।

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने शर्म से सिर झुका लिया और अन्दर आ गई, कहने लगी- विजय अकेले ही अकेले नहा रहे हो? क्या मैं भी आपके साथ नहाउँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ क्यों नहीं!

और हम दोनों साथ साथ नहाने लगे। एक दूसरे के अंगों से छेड़छाड़ करने लगे, कुछ ही देर में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो शिवानी ने कहा- विजय तुम्हारा औजार तो बहुत शानदार है, बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा! मेरे पति का तो आपसे दो इंच छोटा है! कह कर शिवानी पीछे की तरफ को घूम गई।

मैंने शिवानी को पीछे से बाँहो में भर लिया और उसकी गोले गोल गांड को देखकर सोचने लगा क्यों ना लगे हाथ साली की गांड भी आज ही मार लूँ!

मैं शिवानी की चूचियों को पीछे से पकड़ के धीरे धीरे दबाने लगा और वो फिर से गर्म होने लगी। शिवानी ने मरे लण्ड को हाथ पीछे करके पकड़ लिया और लण्ड को धीरे धीरे सहलाने लगी।
मेरा लण्ड लोहे की रॉड की तरह से खड़ा हो गया।

शिवानी कहने लगी- बाप रे बाप! आपका लण्ड तो रॉड की तरह से अकड़ गया और बहुत ही ज्यादा सख्त हो गया है विजय!

तो मैं उसकी चूचियों का छोड़ कर उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा, मैंने शिवानी से कहा- शिवानी! आप की फिगर तो बहुत ही शानदार है, पर आप की गांड तो उससे भी सुन्दर है, क्या मैं आपकी गांड की भी भूख मिटा दूँ?

नहीं! नहीं विजय! शिवानी ने कहा- जब तुम्हारे लण्ड से मेरी चूत की यह हालत हो गई तो मेरी गांड की क्या हालत होगी। नहीं नहीं माँ रे! विजय आज तो आप मेरी चूत की ही प्यास बुझाओ, आओ, जल्दी से मेरी प्यास एक बार और बुझा दो ना, बुझाओ ना! विजय आपने जो मजा मुझे दिया है आज तक मेरा पति कभी भी नहीं दे पाया है और ना ही दे पायेगा। मैं तो आज आपकी गुलाम हो गई। ये देखो मेरी चूत से अभी भी खून निकल रहा है। विजय मुझे तो आपसे चुदने पर ऐसा लगा कि जैसा आज ही पहली बार चुद रही हूँ, ओ विजय, एक बार बस प्यास बुझा दो ना विजय!

मैंने शिवानी का बाँहो में भर लिया और उसको चूमने लगा। कभी मैं उसके होटों को चूसता तो कभी उसकी गर्दन को चूमता!

और पागलों की तरह से शिवानी मदहोश होने लगी। फिर मैं उसकी चूची को एक हाथ से पकड़ के मसलने लगा और दूसरी चूची को चूसने लगा। कुछ ही देर में शिवानी कहने लगी- विजय! अपना लण्ड मेरी चूत में डालो ना जल्दी से!

मैं उसकी चूचियों को छोड़कर, नीचे झुक कर, उसकी एक टांग को ऊपर उठाकर उसकी चूत को चाटने लगा, जिसमें से पहले ही मेरे लण्ड और उसकी चूता का पानी निकल रहा था। मैंने उसको चाट-चाट के साफ किया।

लेकिन थोड़ी ही देर में शिवानी ने तड़प कर कहा- विजय ज्यादा मत तड़फाओ! बस जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ो ना विजय!

मैंने उसकी एक टांग को थोड़ा और ऊपर किया और अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रखा ही था कि शिवानी ने शावर चला दिया। ऊपर से पानी की बारिश होने लगी।
एक ही धक्के में मैंने अपना लण्ड शिवानी की चूत में आधे से ज्यादा अन्दर कर दिया और वो दर्द के कारण जोर से करहाई।

फिर मैंने एक और धक्का जोर से मारा, मेरे पूरा का पूरा लण्ड शिवानी की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया और शिवानी बुरी तरह से तड़फने और चिल्लाने लगी- मार ही डालोगे क्या? आराम से नहीं कर सकते क्या?

मैंने अपना लण्ड आधा बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे से अन्दर बाहर करने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा और उसके होंठों अपने होंट से बन्द कर दिया।

कुछ ही देर में उसको मजा आने लगा, शिवानी कहने लगी- विजय धीर धीरे अन्दर बाहर करो अपने लण्ड को! मुझे मजा आ रहा है विजय!

मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये और कुछ ही देर में अपनी स्पीड फुल कर दी।
सात आठ मिनट के ही बाद शिवानी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

अब मैंने उसको नीचे झुकने के लिए कहा, वो झुक गई तो मैंने अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में अन्दर घुसा दिया और थोड़ा सा करहाई और फिर उसको मजा आने लगा।

मैं फिर दनादान धक्के पे धक्के मारने लगा और दस बरह मिनट में मेरे भी लण्ड ने पानी उसकी चूत में ही अन्दर छोड़ दिया। शिवानी इस दौरान दो बार झड़ी।

फिर मैंने शावर के पानी से उसकी चूत को साफ किया और उसने मेरे लण्ड को साबुन लगा कर अच्छी तरह से साफ किया। नहा कर हम दोनों नंगे ही वापस शिवानी के बेडरूम में आ गये, हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने शिवानी से जाने की इजाजत माँगी तो शिवानी ने मुझसे कहा- विजय! जब भी मैं आपको फोन करूँ तो आपको जरूर आना पड़ेगा!

मैंने शिवानी से कहा- मेरे पास तो फोन ही नहीं है।

तो शिवानी कहा- कोई बात नहीं फोन हम आपको दे देते हैं!

और शिवानी ने मेरी फ़ीस के मुझे आठ हजार रूपये दिये और चार हजार रूपये फोन के लिए दिए। मैंने शिवानी का धन्यवाद किया और मैं अपने घर चला आया।

उसके बाद शिवानी मुझे हफ्ते में कम से कम एक बार बुलाती और उसके दो महीने ही बाद ही शिवानी गर्भवती हो गई। अब शिवानी के दो बच्चे है। वो मेरा बड़ा ही अहसान मानती है और बहुत ही ज्यादा इज्जत करती है। अब महीने में कम से कम एक बार जरूर बुलाती है।

शिवानी ने मुझे अपने परिवार के हर सदस्य से मिलाया है और तो और उसने अपने पति से भी।

शिवानी का पति मेरी बहुत इज्जत करता है और उसने मुझे नौकरी भी अपनी कम्पनी में दिलाई।

अब शिवानी और उसका परिवार बहुत खुश है, खुश भी क्यों ना हो भरा-पूरा परिवार है, किसी भी चीज की कमी नहीं है, मैं भी उनकी बहुत ही इज्जत करता हूँ क्योंकि वो मेरे जरूरत के दिनों में काम आई।

मेरे और शिवानी के बीच जो भी हुआ, और है, एक राज है और राज ही रहेगा।

मैं विजय, जो ना चाहते हुए भी यह कहानी लिख रहा हूँ जो कि एक हकीकत है, आप लोग मानो या ना मानो, सिर्फ नाम बदल रहा हूँ। Antarvasna

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