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मेरा नाम राहुल है Hindi Porn Stories और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।
बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।
अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।
मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।
अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।
पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।
तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।
अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।
वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।
अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।
मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।
मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?
अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।
मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !
पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।
अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।
तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?
मैंने ना में जवाब दिया।
ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।
मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।
मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।
मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !
मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?
उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।
वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।
इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।
उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।
उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।
मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।
फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।
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करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।
पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
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जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।
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फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।
अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।
मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।
मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।
मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।
वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।
मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।
करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।
तभी उसने कहा- राहुल, अब मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।
उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।
उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।
अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।
पर यह अगली बार।
यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी, जरूर बतायें, मुझे ईमेल करें ! Hindi Porn Stories
हाय ! मेरा नाम अजय है Sex Stories और मेरी उम्र 21 साल है, मैं मुम्बई में रहने वाला एक सुन्दर लड़का हूँ। मैं अन्तर्वासना के माध्यम से अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।
मेरा मन कामुक कथाएं पढ़ने का बहुत करता है इसलिए मैं बहुत सारी सेक्स-कहानियों की किताबें अपने साथ रखता हूँ।
अब कहानी शुरू करता हूँ..
यह करीब एक साल पहले की बात है, मेरी कक्षा में एक सेक्सी लड़की ने प्रवेश लिया। वो एक सेक्सी शरीर की मालकिन थी।
सारे लड़के उसे देखते तो उनके मुंह से आह निकलती थी।
उसके स्तन तो ऐसे थे कि ब्रा में समाते ही नहीं थे और हमेशा उसके अन्दर चहकते रहते..और काजल की टाईट जींस के अन्दर उसकी तरबूज़ जैसी गाण्ड ऐसी लगती थी कि अभी इसकी चुदाई कर दूँ…
क्लास के सभी लड़के काजल के पीछे पड़े थे..मैं एक शर्मीला लड़का हूँ इसलिए मैं दूर रहता था। लेकिन क्लास में होने की वज़ह से हमारी दोस्ती हो गई। लेकिन मैं भी उसे चोदना चाहता था और मुझे मौका मिल ही गया।
वो मेरे घर की तरफ़ ही रहती थी, इस वज़ह से वो मेरे साथ ही आती जाती थी। मैं रिक्शे में हमेशा हमेशा चांस मारता था, कभी उसके बूब्स पे हाथ मार देता तो कभी मज़ाक में उसकी गाण्ड पे हाथ मार देता। वो भी कुछ नहीं बोलती थी।
बारिश का मौसम था। उस दिन बारिश की वज़ह से हम काफ़ी भीग चुके थे। गीले कपड़ों में उसके स्तन पूरे आकार में दिख रहे थे और मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।
मैंने उसे आज ही चोदने का मन बना लिया था।
वो मुझे अपने घर ले गई। हम दोनों को ठण्ड लग रही थी, वो अपने कपड़े बदल कर आई, तब तक मैं अपना शर्ट निकाल चुका था..
काजल जैसे ही बाहर आई तो मैं उसे पकड़ के किस करने लगा। वो कुछ समझी ही नहीं पाई या फ़िर ना समझने का नाटक कर रही थी।
मैं किस करते करते उसके बूब्स को दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोली।
मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया। अब तक वो भी पूरी आपे से बाहर हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया, मैं समझ गया कि काजल को मेरा लण्ड चाहिए।
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं अपना लण्ड उसके मुँह में देने लगा, पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में वो राज़ी हो गई। वो मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए। मैं उसकी गुलाबी चूत को जीभ से चाटने लगा। उसके मुंह से ..ऊह या पंकज़ याह ऊऊह प्लीज़ चोदो मुझे… मुझे तुम्हारा… बड़ा सा लण्ड चाहिए ओ येस की आवाज़ निकाल रही थी।
हम दोनों बेकाबू हो गए और एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।
15 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, उसके बाद वो फ़िर से चुदाई के लिए तैयार हो गई, लेकिन इस बार जीभ से नहीं मेरे लण्ड से चुदाने के लिए तैयार थी।
मैं उसे कुतिया स्टाईल में चोदने के लिए तैयार हो गया लेकिन वो पहली बार चुदाने जा रही थी इसलिए उसकी चूत काफ़ी टाईट थी।
मैंने उसे क्रीम लाने को बोला, और उस पे लगाया, फ़िर एक जोर का झटका दिया और वो चिल्लाने लगी- निकालो-निकालो !
फ़िर मैं रुक गया, थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और वो भी मचलने लगी।
फ़िर मैंने और एक झटका दिया और मेरा लण्ड पूरी तरह उसकी चूत के अन्दर हो गया और उसके मुँह से अजीब आवाज़ें निकलने लगी- ओह अजय ! प्लीज़ मेरी चूत को फ़ाड़ दो प्लीज़ ओ ओह यस… मैं ज़न्नत में हूँ… तुम पहले क्यों नहीं मिले..आई लव यू पंकज़ !
और मैं तो जैसे स्वर्ग में था, अब हम दोनों पूरे जोर से एक दूसरे को चोद रहे थे।
अब हम दोनों झड़ने वाले थे, वो बोली-अन्दर मत गिराना… मैं तुम्हारे पानी को पीना चाहती हूँ..
मैंने बाहर निकाल के उसके मुंह में गिरा दिया… वो सारा पानी पी गई… उसके बाद हम दोनों ने अलग अलग ढंग से दो बार और चुदाई की।
वो मेरे साथ एक साल रही, लेकिन अब वो कोलकाता चली गई है.. और मैं अकेला पड़ गया हूँ..
मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! Sex Stories
दोस्तो, सोनू हरियाणा से फ़िर Antarvasna Sex Stories हाज़िर है आपके लिए एक रोमांच और सेक्स से भरपूर कहानी ले कर…
सभी मर्द अपने लंड को हाथ में दबा के और लड़कियाँ अपने वक्ष को दबा के और अपनी चूत में ऊँगली दे कर बैठें !
अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं पाठकों को बता दूँ की मेरी कहानी कोई झूठी या मन से बनाई हुई नहीं है यह उतनी ही सच्ची है जितनी की सेक्स की जरुरत…
और एक बात प्लीज़ कोई भी पाठक ग़लत नाम से मुझे मेल ना भेजे !
मेरी पिछली कहानी को पढ़ के कुछ लड़कों ने लड़कियों के नाम से मुझे मेल भी भेजी सिर्फ़ यही जानने के लिए कि मैं सच बोल रहा हूँ या झूठ … तो दोस्तो, मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ तो इसका ग़लत मतलब न निकालें !
अभी कुछ दिन पहले जब मेरी दूसरी कहानी “पड़ोस की कुँवारी छोकरी” अन्तरवासना पर आई थी तो उसके बाद मुझे एक मेल आई। मेल भेजने वाली लड़की का नाम था जसमीत कौर जो एक पंजाबी परिवार से थी। उसने बताया कि वो एक होम गर्ल है और कॉलेज में पढ़ती है। उसने मेरी कहानी पढ़ी और उसे सेक्स करने की इच्छा हुई। उसका पहली बार था, वो अपने घर वालों से भी डरती है लेकिन सब कुछ करना भी चाहती है। इस तरह हमने २-३ दिन मेल से ही बात की।
उसने मुझसे मेरा सेल-नम्बर लिया और फ़िर मुझे एक दिन काल किया। उसकी आवाज में क्या जादू था दोस्तो ! मैं तो दीवाना हो गया उसकी आवाज का !
उसने मुझे अपने बारे में सब कुछ बताया और कहा कि उसके पास कोई जगह नही है और वो करना भी चाहती है। लेकिन उसकी एक शर्त थी कि सब कुछ गुप्त और सुरक्षित होना चाहिए। तो फ़िर क्या था जैसे कि मेरा नियम है एवेरी थिंग विल बी सीक्रेट एंड सेफ…
मैंने उसे विश्वास दिलाया और फ़िर उसने मुझे बताया कि वो जालंधर सिटी की रहने वाली है। उसने मुझसे अगले ही दिन आने को कहा। मैं भी उसके कहे अनुसार सुबह ६ बजे ही वह पहुँच गया और पहुँच कर मैंने एक होटल में कमरा बुक किया और उसे फ़ोन से सम्पर्क किया। उसने मुझे कहा कि वो कॉलेज टाइम में मेरे पास आएगी। उसने मुझे १० बजे का टाइम दिया,
मैं फ्रेश हुआ और कुछ देर रेस्ट किया। उसने मुझे १० बजे कॉल की और एक पार्क में आने को कहा मैं उसके बताये हुए स्थान पर गया… वो एक बेन्च पर पार्क में अकेली बैठी थी। उसने जींस और टॉप पहना हुआ था, उसकी हाईट ५’४” होगी और उसके बाल बहुत लंबे और काले नागिन की तरह, आँखे काली काली और बड़ी बड़ी, गाल कश्मीर के सेब की तरह लाल-लाल, होंठ गुलाब की पंखुडियों की तरह गुलाबी और उसके स्तन पूरे भरे हुए, टॉप फाड़ कर बाहर आने को थे। अगर ठीक से कहूं तो उसका फिगर कुछ ३६-३०-३६ रहा होगा।मैं तो देखते ही फ्लैट हो गया और काफी देर तक उसे देखता ही रहा। फ़िर मैं उसके पास गया और बैठ कर हमने कुछ देर बात की और उसके बाद हम दोनों होटल की तरफ़ चल दिए। होटल पहुँच कर हम दोनों कमरे में गए। वहाँ हमने कुछ देर बात की और धीरे धीरे मैं उसकी आँखों में मदहोश हो गया। फ़िर मैंने उसके गुलाबी होंठों पे अपने होंठ रख दिए और काफी देर तक उसे समूच किया।
इसी दौरान मेरे हाथ उसके बड़े और नर्म-नर्म स्तनों पे चले गए। मैं उसके स्तन बड़े ही आराम से दबा रहा था और उसकी आँखों में मदहोशी साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाला और उसके कबूतरों को ब्रा की कैद से आजाद करवा दिया। अब मेरे हाथ उसके आजाद कबूतरों को बड़े ही जोरों से दबा रहे थे। फ़िर मैंने देर ना करते हुए उसके टॉप को उतार दिया… वाह ! उसके स्तन जितने नर्म थे उतने ही तने हुए थे और उसके चुचूक भी कड़े और हल्के गुलाबी थे।
फ़िर मैंने उसके एक स्तन को मुँह में लिया और छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो बहुत ही मदहोश हो चुकी थी और सेक्सी आवाजें निकाल रही थी- ऊऊ ऊह्ह्ह ह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह! म्म्म्म्मूऊ ऊउस्स्स।
इतने में मुझे अपने लंड पे कुछ महसूस हुआ, उसका हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था। मैंने अपनी जींस उतार दी और लंड उसके हाथ में दे दिया। फ़िर उसने मुझे बिस्तर पे लिटा दिया और नीचे झुक कर मेरे लंड को चूमा और उसे मुँह में ले लिया। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लोलीपोप को चूसता है। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरा लंड चूसा जब तक मेरा वीर्य नही निकल गया।
उसके बाद मेरी बारी आई, मैंने उसे बेड पे लिटाया और उसकी जींस को उतारा। उसने अपने पूरे बदन की वैक्सिं की हुई थी, शायद मेरे लिए खास !
उसने अन्दर एक काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी। फ़िर मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया, क्या मज़ेदार चीज थी उसकी चूत ! उसकी चूत को देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया … उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था और उसके चूत के होंठ भी गुलाबी थे। मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ, वो एक दम से कराह उठी। मैंने धीरे से उसकी चूत में ऊँगली डाली और उसके होंठों को रगड़ा ! उसकी चूत बहुत टाइट थी, वो सही थी कि उसका पहली बार है…
फ़िर मैंने उसकी चूत को चूमा और मुझसे रहा नहीं गया, मैं उसकी चूत को चूसने लगा…
वो पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था कुछ इस तरह ऊऊह्ह्ह आआह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़् म्म्म्म्स्स प्ल्ज्ज धिरेईईए!
फ़िर हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे और एक दूसरे को चूस रहे थे। वो 2 बार झड़ चुकी थी। फ़िर उसने मुझसे कहा कि सोनू प्लीज़ अब बर्दाश्त नहीं होता फक्क मी वैरी हार्ड ! अपना लंड मेरी प्यासी चूत में घुसा दो।
अब मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए तैयार था। मैंने एक तकिया उठा कर उसकी गांड के नीचे रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पे लगा के जोर से धक्का दिया। मेरा लंड अभी थोड़ा सी ही अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और उसे फ़िर से एक धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत में से ब्लीडिंग हो रही थी, वो चिल्ला नहीं पा रही थी क्योंकि उसके होंठ मेरे होंठों में थे।
थोड़ी देर तक मैं उसके वक्ष के साथ खेलता रहा, कुछ देर में वो शांत हुई तो मैं फ़िर एक जोर से धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में था। इस बार वो थोड़ा सा तड़पी लेकिन सब कुछ सामान्य था। फ़िर मैंने अपना खेल शुरू किया- मेरे लंड के धक्कों से पूरे कमरे में फ़्फ़्फ़ फ़्फ़्फ़्फ़् की आवाजें आ रही थी और वो अपनी गांड उठा-उठा के मेरा साथ दे रही थी और साथ में कह रही थी सोनू डार्लिंग फक्क मी ! मेरी चूत की प्यास बुझा दो फक्क मी हार्ड !
कुछ देर तक चोदने के बाद वो एक झटके क साथ मेरे से चिपक गई, शायद वो झड़ चुकी थी और 4-5 झटकों के बाद मैं भी झड़ गया। फ़िर हम कुछ देर तक बेड पे एक दूसरे के साथ चिपक कर लेटे रहे। उसके बाद उसने मुझे एक जोर से किस किया और कहा कि आज मैं बहुत खुश हूँ, लेकिन अभी कुछ और करो !
मैं उसे अपने गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और वहाँ शॉवर के नीचे हमने एक बार और चुदाई की, उस दिन हमने तीन बार चुदाई की।
शाम को जब वो जाने लगी तो मुझे कस के अपनी बाहों में जकड़ के बोली- सोनू डार्लिंग ! यू आर सो स्वीट… टुडे आई ऍम वैरी हैप्पी… मैं तो वैसे ही डरती थी… इसमें तो बहुत मजा आया…
उसने मेरी फीस मुझे दी और अपने घर चली गई, मैं भी कुछ देर आराम कर के अपने घर के लिए निकल लिया।
तो दोस्तो यह थी मेरी जालंधर सिटी की दास्ताँ..
अब आप इसे सच समझें या झूठ, यह तो आप पर है… लेकिन मेरे एक एक लफ्ज में सच्चाई है। Antarvasna Sex Stories
सोनाली की चुदाई के बाद हम लोग बहुत Sex Stories थक गए थे. इसलिए सभी सो गए. जब नींद खुली तो शाम के 4 बजने वाले थे. सबको भूख लगी थी. हमने रूम सर्विस को लंच आर्डर किया लंच आने के बाद हमने खाया. शाम के करीब 5.30 बजे बाहर निकलने का प्रोग्राम हुआ. जिस रिसॉर्ट में हम ठहरे थे वो समुद्र के किनारे पर था. लड़को ने शोर्ट्स और टी शर्ट और लड़कियों ने लॉन्ग स्कर्ट पहनी थी.
होटल से निकलने के समय मेरी नजर नीतू के पिछवाडे पर गई तो मुझे लगा कि उसने पेंटी नहीं पहनी थी. खैर हम समुद्र के किनारे धीरे-धीरे टहलने लगे. ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी. कुछ देर टहलने के बाद हम एक जगह गोलाई में बैठ गए. ऑफ़ सीजन होने के कारण बीच पर ज्यादा भीड़ नहीं थी. रात होने लगी थी. मेरे दायें तरफ़ नीतू बैठी थी, बाएं सोनाली. हम सेक्स के बारे में बातें कर रहे थे.
पहले नीतू ने अपनी सेक्स की काल्पनिक इच्छा के बारे में बताया कि मेरी इच्छा है की 3 मर्द मुझे एक साथ चोदे. हमने कहा कि तुम्हारी इच्छा जरूर पूरी होगी आज रात को.
मनु ने कहा की मेरी इच्छा है कि मेरी सोनाली नए-नए मर्द से चुदवाये कभी मेरे सामने तो कभी अकेले में.
तो मैंने कहा कि मेरी भी इच्छा कुछ ऐसी ही है, एक लड़की को कम से कम दो मर्द मिलकर चोदें.
हम जहाँ बैठे थे वहाँ अंधकार था क्योंकि उस जगह की लाईट ख़राब थी. चुदाई की बातें सुनकर हम धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. सोनाली ने कहा कि तुम तीनो मिलकर नीतू को चोदोगे तो मुझे क्या रिसॉर्ट के वेटर चोदेंगे?
सन्नी ने कहा की नहीं मेरी जान तुम्हारी भी चुदाई होगी, सारी रात पड़ी है और चुदाने के लिए तो केवल तुम दोनों ही हो.
उस समय शाम के 7.30 बजे थे अँधेरा छा गया था. मैंने अपना हाथ नीतू के पीठ पर रख दिया. नीतू ने मेरे हाथ को सामने ले जाकर अपनी चुचियों पर रख दिया और दबाने लगी. मैं धीरे-धीरे उसकी कठोर छोटी चूचियों को दबाने लगा. उधर सन्नी सोनाली को किस कर रहा था और अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट के भीतर घुसा कर न जाने क्या कर रहा था. मनु इधर- उधर नजर रख रहा था कि कोई आ न जाए.
समुद्र के किनारे खुले बीच पर इस तरह की हरकतें करने का ये मेरा पहला मौका था. मैंने नीतू के टॉप के भीतर हाथ घुसाकर उसकी ब्रा को ऊपर कर नंगी चुचियों पर हाथ फिराने लगा. उसके नीपल खड़े हो गए थे. मैं उन्हें चुटकियों से मसलने लगा. नीतू ने अपना मुंह मेरी तरफ़ बढ़ा दिया. मैं उसके होठों को चूसने लगा. मैंने उसके टॉप को और ऊँचा उठा दिया और उसकी निप्प्लें चूसने लगा बारी-बारी से.
फ़िर मैंने एक हाथ उसके स्कर्ट के भीतर घुसाया. मेरा अनुमान सच था! उसने भीतर पेंटी नहीं पहनी थी. मैं अपना हाथ उसके बुर पर फिराने लगा. बुर पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने अपनी एक अंगुली उसकी बुर में घुसा दी उसके मुंह से आह… निकली. भीतर पूरा गर्म था. मैं उसे अंगुली से चोदने लगा. एक हाथ उसकी चुचियों को दबा रहा था.
नीतू गर्म होने पर चिल्लाने लगती है. सन्नी ने सोनाली को छोड़कर नीतू का होठ अपने होठों में दबा लिया और चूसने लगा. हम सब धीरे-धीरे उत्तेजना के शिखर पर पहुँच रहे थे. नीतू की बुर में मैंने अब दो अंगुलियाँ घुसा दी थी. उसने मेरे शोर्टस के भीतर हाथ डालकर मेरा तना हुआ करीब 5” का लंड पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी. नीतू ने मेरे कान में कहा की अब मेरी बुर को भी थोड़ा चूसो तुम बहुत अच्छा चूसते हो. मैंने अपनी अँगुलियों को बहर निकालकर अपना मुंह उसकी स्कर्ट में घुसा दिया. और अपना मुंह उसकी बुर पर लगा दिया. बुर के ऊपर जीभ फिराने लगा. जीभ को सारी बुर पर फिराने के बाद उसकी बु्र के मुहाने पर लेकर जाता घुसाने की एक्टिंग करता फ़िर हटा लेता. नीतू ने आख़िर में उत्तेजित होकर मेरा सर पकड़कर बुर के मुहाने पर टिका दिया.
पहले अपने मुंह से मैंने उसकी बुर की चोंच को पकड़ कर चूसने लगा. लड़कियों का सबसे संवेदनशील पार्ट येही होता है. चोंच को रगडो या चुसो तो उनकी उत्तेजना चरमोत्कर्ष पर पंहुच जाती हैं. फ़िर मैं अपनी जीभ उसकी बुर के भीतर घुसाकर चूसने लगा नीतू ने मेरा सर पकड़कर जोर से हिलाकर जीभ से ही चोदने का इशारा किया. मैं जोर-जोर से जीभ बाहर-भीतर करने लगा. धीरे-धीरे उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई. मैंने अपना सर उसकी स्कर्ट से बाहर निकल लिया.
अब सन्नी ने कहा कि राजू इसे यहीं पर चोदते हैं. मैंने कहा कि नहीं रूम के भीतर चलते हैं वहीँ पर इसे बारी-बारी से चोदेंगे. सोनाली ने फ़िर कहा कि मुझे मत भूल जाना. उठकर हमने अपने कपड़े ठीक किए. रिसॉर्ट के भीतर आकर हमने बेल बॉय को बुलाकर डिनर के लिए मना कर दिया और रूम में घुस गए. घुसने के साथ ही नीतू ने अपना टॉप, ब्रा और स्कर्ट उतार कर फ़ेंक दिया और पूरी तरह से नंगी होकर बेड पर टाँगे फैलाकर लेट गई. पहले सन्नी उसे चोदने के लिए गया. कंडोम निकालने लगा तो नीतू ने कहा की आज मुझे बिना कंडोम के सब चोदो मेरे पर्स में अनवांटेड 72 है उसे ले लूंगी. हम लोगों ने भी अपने कपड़े उतार दिए. सन्नी ने पूछा कि मैं नीतू को देर तक चोदना चाहता हूँ. तो मैंने कहा कि चोदो और झड़ने के पहले तुम हट जाना फ़िर उसे मैं या मनु चोदेंगे ऐसे ही बदल- बदल कर थोडी-थोडी देर तक चोदेंगे. ऐसा करने से हम नीतू को बहुत देर तक चोद सकेंगे. सबने कहा कि ठीक है. नीतू ने कहा कि एक मर्द मुझे चोदेगा उस समय दो मर्द मेरे बगल में रहेंगे . मेरे होंठ चूसेंगे चुचियों के साथ खेलेंगे. कभी-कभी- अपने लंड को मेरे मुंह में डालेंगे. आज मेरा सपना पुरा होने वाला है
सोनाली ये सब सुन रही थी. मैंने कहा कि जब तक नीतू की चुदाई होगी तब तक सोनाली को कोई नहीं चोदेगा. नीतू के बाद सोनाली की चुदाई होगी.
सन्नी ने अपना लंड एक ही बार में नीतू के बुर में घुसा दिया. नीतू के दायीं तरफ़ मैं और बांयी तरफ़ मनु था. सोनाली मेरी बगल में थी. उसने मेरे कान में कहा कि नीतू को चोदो लेकिन मेरी बुर में भी अंगुली डालना और चूचियाँदबाना. सन्नी एक बार लंड को पूरा बाहर निकालकर एक ही धक्के में जोर से घुसा रहा था. मनु नीतू के होठ चूस रहा था, मेरा एक हाथ नीतू की चूची पर था और दूसरा सोनाली के बुर में. अब सन्नी उसे जोर-जोर से चोद रहा था.
मैंने उसे हटने को कहा और मनु को इशारा किया. मनु ने अपना लंड उसके बुर में डाला और जोर-जोर से चोदने लगा. नीतू के मुंह से आवाजें निकल रही थी…आह…आह…ओह…ओह…और जोर से… हे भगवान…चोदो… राजू…मेरी चुचियों को…और…जोर…से दबाव…सन्नी… अपना लंड मेरे मुंह में डालो…
फ़िर मनु भी हट गया और मेरी बारी आई. मैंने उसे डौगी स्टाइल में उल्टा किया यानि घुटनों पर और पीछे से अपना लंड उसकी बुर में डाल दिया. सामने सन्नी चला गया और अपना लंड नीतू के मुंह में डाल दिया. मैं जितने जोर से धक्का मारता नीतू उतनी जोर से सन्नी के लंड को मुंह में ले लेती. सोनाली ने नीतू की चुदाई देखकर कहा कि क्या चुद रही है नीतू की बुर? मेरी भी चुदाने के लिए बेकरार है.
फ़िर उल्टा बेड पर लेट गया और नीतू मुझे ऊपर से आकर चोदने लगी. उसकी आँखें बंद थी. चेहरे पर जैसे भाव थे कि चोदो मुझे…और चोदो…चोदते ही रहो…फ़िर नीतू ने कहा कि मुझे थोड़ा रेस्ट दो और सोनाली को चोदो.
मैंने नजर घुमाई तो देखा सोनाली की चुदाई चालू हो गई थी सन्नी उसकी चिकनी बुर के धुर्रे उड़ा रहा था. पास में लेटा मनु बोल रहा था कि चोद इसे, साली का चुदाई से पेट ही नहीं भरता. पता नहीं कितनी जन्मो से नहीं चुदाई है.
मैंने नीतू से पूछा कि अनवांटेड 72 कितना है तुम्हारे पास तो नीतू ने कहा कि है तो एक ही . तुम लोग ऐसा करो कि सोनाली को चोद कर झड़ने के समय मेरी बुर में झडो, मैं भी सोनाली की बगल में लेट जाती हूँ.
सन्नी अब झड़ने वाला था. सोनाली अपनी दोनों टांगे फैलाकर चुदवा रही थी. सन्नी ने उसके ऊपर से हटकर अपना लंड नीतू के बुर में डाला और 8-10 धक्के लगाकर झड़ गया.
उस समय सोनाली को मनु चोद रहा था. सोनाली की आँखें बंद थीं. केवल बुदबुदा रही थी…चोदो…और जोर से…मनु तुम्हारा लंड थोड़ा छोटा है…इसीलिए मैं दूसरो से चुदवाना चाहती हूँ…शादी से पहले मुझे मुहल्ले के तीन लड़के चोदते थे…उसी समय से मैं पक्की चुदक्कड हूँ… राजू का लंड लंबा है…उससे ज्यादा मजा आताहै… चोदते रहो…
मनु भी हट गया और नीतू की बुर में जाकर झडा.
उसके बाद मैंने सोनाली के बुर को उसी की पेंटी से पोंछकर अपना लंड घुसा दिया. सोनाली ने कहा कि हाँ…ये लंड है मेरी पसंद का…मैंने उसकी दोनों टांगो को उठाकर अपने कंधो पर रखी और जोर से धक्के लगाने लगा. सोनाली उत्तेजना से चिल्लाने लगी…चोदो…मुझे…बुर को फाड़ दो…तुमसे चुदवाने के बाद मुझे अब किसी से चुदवाने की ख्वाहिश नहीं है…
मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था…मेरा भी झड़ने का समय आ गया था. सोनाली के ऊपर से हट कर डस्टबिन यानी नीतू के बुर में घुसा दिया और -7 जोर से धक्का लगाकर झड़ गया. फ़िर बगल में लेटकर लम्बी साँसे लेने लगा. नीतू और सोनाली के चेहरों पर असीम तृप्ति का भाव था. ये सब करीब 4 घंटे तक चला था.
अंततः हम सब थक गए थे. हमलोग सो गए और अगले दिन सुबह अपने-अपने घर चले आए. बहुत मजा आया था उस दिन.
कुछ दिन के बाद मनु ने एक नया अपना अनुभव बताया उसे मैं अगली कहानी में लिखूंगा.
ये कहानी आपको कैसी लगी जरूर बताना. Sex Stories
लेखक: मोहित शर्मा
हैलो दोस्तो एक बार फ़िर मैं Antarvasnaआप के सामने अपनी एक नई और अनोखी कहानी के साथ जिसमे मैने अपनी बड़ी भाभी के साथ दोबारा फ़िर से पूरे ५ साल बाद बंद हुए सम्बन्ध फ़िर कायम किये। मैने अपनी बड़ी भाभी को पहली बार चोदा था जब मैं केवल १९ साल का था और वो मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई थी।
मैने अपनी छोटी भाभी की कसी हुई गुलाबी चूत को जमकर चोदा था तब तक मैं काफ़ी बड़ा और अनभवी हो चुका था और मैं आप को बता दूं कि मेरे छोटी भाभी के साथ सम्बंध बनते ही बड़ी भाभी मुझ से नाराज़ हो गयी थी और सम्बन्ध तोड़ लिये थे। और आज मेरी उमर २४ है और इन ५ सालों में मैने अपनी छोटी भाभी को भरपूर प्यार दिया और अभी तक मैं अपनी छोटी भाभी को चोदता आ रहा हूं।
इन ५ सालो के अपनी छोटी भाभी के साथ हुए अनुभव भी मैं आप के साथ बाटूंगा लेकिन पहले मैं आप को ये मजेदार स्टोरी सुनाना चाहता हूं अपनी बड़ी भाभी की और ये बात केवल ३ महीने पहले की है जब मेरे लंड को पहले वाली चूत फ़िर से खाने को मिली जिसे मेरे लंड ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार चोदा था।
तो अब में आप का वक्त ज़ाया न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूं, बात जून २००७ की है भयंकर गर्मी के दिन थे उन दिनो मेरी वाइफ़ का ९ वा महीना चल रहा था और डिलेवरी होने वाली थी। तभी मैने अपनी बड़ी भाभी को मेरी वाइफ़ की मदद के लिये गांव से शहर बुलाया।
मैं ग्वालियर, मध्यप्रदेश मे रहता हूं और मेरा पूरा परिवार गांव में तो भाभी मेरे साथ आ गयी। मेरी वाइफ़ भाभी को देखकर बहुत खुश हुई हम दो कमरों का हिस्सा लेकर रह रहे है एक कमरे में हम तीनो सोते थे और दूसरे कमरे में मेरे डैडी और भाभी के बच्चे सोते थे गर्मी होने के कारण हम सभी ज़मीन पर सोते थे ताकी थोड़ी ठंडक मिल सके भाभी बीच में सोती थी और हम दोनो पति पत्नी भाभी के दोनो तरफ़।
दो तीन दिन तो आराम से गुजरे। लेकिन बाद में मेरे मन में उथल-पुथल होने लगी कि मैं कब भाभी कि मक्खन जैसी चूत को चोदू। मैं आप को बता दूं कि मेरी बड़ी भाभी मेरी छोटी भाभी से भी सेक्सी और चुदासी है उनकी चूत हमेशा लंड खाने को बेकरार रहती है। क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब वो भैया से न चुदें क्योंकि मैं कई बार उनकी चुदाई देख चुका था और उनके कमरे के बाहर से उनकी चुदाई की आवाज़ें सुनी थी।
इसलिये मैं जानता था कि भाभी मुझसे जरूर चुदेगी वो बगैर लंड के नहीं रह सकती इसलिये मुझे सिर्फ़ उनको भड़काने की ज़रूरत थी और ऐसा ही हुआ। एक दिन भाभी बहुत गहरी नींद में सो रही थी एक दम चित सीधी लेटी थी वो क्या लग रही थी चूची एक दम ऊपर की ओर तनी हुई टांगे फ़ैली हुई।
भाभी को ऐसे पोज में देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। फ़िर मैने अपना एक हाथ भाभी के सीने पर रख दिया और उनकी चूची दबाने लगा फ़िर मैने अपना एक हाथ भाभी की चूत पर रखा हाय! चूत में से एक दम गरम गरम भाप जैसी निकल रही थी और चूत एक दम फ़ूली हुई पाव रोटी की तरह मुलायम गद्देदार, मुझ से रहा नहीं गया और मैं भाभी की साड़ी ऊपर को खिसकाने लगा और उनकी जांघो पर हाथ फेरने लगा भाभी थोड़ी कसमसाई और अपनी एक टांग मोड़ ली जिससे उनकी चूत और फ़ैल गयी शीईईए हैईईई मैने जैसे ही अपना हाथ चूत पर रखा लेकिन भाभी ने पैंटी पहनी हुई थी मैने पैंटी एक साइड में कर के एक उंगली चूत में डाल दी और एक हाथ से चूची दबाने लगा।
हाय! लंड फ़टा जा रहा था चूत में जाने को। पूरे ५ साल बाद मेरे हाथ में वो चूत थी जिसे मैने पहली बार चोदा था। मैने अपनी उंगली आगे पीछे करनी शुरु कर दी उंगली चूत के अंदर बाहर होने लगी फ़िर भाभी ने कसमसाकर अपनी दोनो टांगे फ़ैला दी और दोनो हाथ बिल्कुल ऊपर उठा लिये। जिससे उनकी चूची और तन गयी और चूत तो जैसे बिल्कुल मुंह फ़ाड़कर लंद को निमंत्रण देने लगी कि आजा मेरे राजा मुझ में समा जा।
सच कहु तो उस पोसीशन में भाभी किसी मल्लिका या बिपाशा से कम नहीं लग रही थी हाय मेरी रानी। मैने अपनी एक उंगली और भाभी की चूत में घुसा दी अब भाभी की चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था मैं एक दम जोश में आ गया और दोनो उंगलियां तेज़ी से चूत में चलानी शुरु कर दी.
तभी भाभी जाग गयी और मुझे हैरानी से देख ने लगी लेकिन मैं मुस्कराने लगा। फ़िर वो सो गयी और मैं भी लंड हिलाकर सो गया फ़िर अगले दिन भी वही कहानी दोहराई इस बार मैने अपनी ३ उंगलियां चूत में डाली थी ३-४ दिन तक ऐसे ही चलता रहा लेकिन भाभी ने मुझे चुदने का सिग्नल नहीं दिया। लेकिन मैने फ़िर भी भाभी को नहीं बक्शा मैं उन्हे चोद कर ही माना ये सब मैने कैसे किया ये आप को अगले भाग में बताउंगा. Antarvasna
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