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Massage Girl in Rae Bareli: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Rae Bareli who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Rae Bareli that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Rae Bareli massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Rae Bareli who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Rae Bareli massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Rae Bareli massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Rae Bareli who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Rae Bareli employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Rae Bareli helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Rae Bareli

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Rae Bareli at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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हेलो दोस्तों ! Indian Sex Stories

सेक्स की दुनिया में आपका Indian Sex Stories स्वागत है। मैं आज आपको अपनी सेक्सी और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

तो मेरी ये कहानी पढ़ने वाले और वाली सभी लौड़ों और चूतों को मेरा बार बार सलाम !

मैं अलवर में रहता हूँ। जब मैं १८ साल का लड़का था तब मेरे घर पे टीवी नही था तो मैं शुक्र और शनिवार को मेरी पड़ोसन के घर पे टीवी देखने जाता था। मेरी पड़ोसन एक २३ साल की कुंवारी लड़की थी।

एक दिन की बात है जब मैं उसके घर सोफ़े पे बैठ के टीवी देख रहा था तब वो मेरी पड़ोसन आ कर मेरे पास में सोफे पे लेट गई।

हमने साथ बैठ के काफी सारी पिक्चर देखी होंगी, पर उस दिन वो नाइटगाऊन में काफी खूबसूरत लग रही थी. मैंने उसकी ओर देखा तो उसने मेरी ओर ताका। फिर उसके हाथ से अपने कपड़े को सही करके बैठ गई। मैं उसकी और ताकता ही रहा गया क्योंकि उसके कपड़े में से उसका आधा शरीर दिख रहा था और उसकी चूची काफी सुंदर से लग रही थी।

तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया- काश ! इसकी चूची मुझे दबाने मिल जाए !

तभी मैंने देखा कि उसने मेरी ओर देख के मुझे एक सेक्सी स्माइल दी। तो मैं उसकी और देखता ही रह गया क्योकि उसने अपने हाथ से अपना कपड़ा थोड़ा हटाया ताकि मैं उसकी चूची देख सकूँ।फिर वापिस हम दोनों पिक्चर देखने लगे तभी पिक्चर में एक ऐसा सीन आया कि उसमें हिरोइन अपनी जांघ हीरो को दिखाती है।

बस उसी तरह वो मुझे अपनी जांघ दिखाने लगी. मैं भी उसकी जांघ को देखता रहा।

फिर पिक्चर में एक किस का सीन आया तो उसने मेरे सामने देख के वापिस सेक्सी स्माइल दी। फिर मैं अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पा रहा था क्योकि उसका मुंह मेरे लंड के काफी करीब था और वो बार बार मेरे लंड के साथ अपना सर टकरा रही थी. इतने में ही टीवी में फ़िर किस का सीन आया तो उसने मुझे देख के मुझे बोला- पिक्चर काफी अच्छी है।

तो मैंने बोला- क्यों ऐसे सीन बहुत अच्छे लगते हैं?

तो वो बोली- तुम तो कैसी गन्दी बाते कर रहे हो !

मैंने बोला- सॉरी ! बस अब ऐसी बात नही करूँगा।

फिर वो पिक्चर देख रही थी। अब उसकी चूची मुझे काफी साफ दिख रई थी और अब मैं उसको दबाने का ही सोच रहा था कि उसको ऐसा लगा कि उसकी ब्रा में कुछ घुस गया है।

उसने मुझे कहा- देखो तो ! तुम्हें कुछ दिख रहा है?

मैंने देखा कि उसके एकदम सफ़ेद से बुबले मुझे दिख रहे थे और उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी।

वो मैंने देखी और मैं बोला- हाँ दिख तो रहा है पर ख्याल नहीँ आता कि क्या है !

वो बोली- तो क्या करूँ?

फिर मैं बोला- तुम अपनी ड्रेस निकाल दो तो मैं देख पाऊँ !

वो बोली- कोई देख लेगा !

तो मैं बोला- कोई नहीं देख पायेगा क्योंकि हम लाइट बंद कर देंगे।

फिर वो बोली- तो दिखाई कैसे देगा?

मैं बोला- मेरे को देखना है कि तेरे को?

तो वो मुझे बोली- तेरे को !

तो मैंने कहा- वैसे करो ! मज़ा आयेगा !

फिर उसने पहले लाइट बंद कर दी और बाद में अपना ड्रेस निकाल कर बोली- कहाँ है? ज़रा ज़ल्दी देख लो !

मैं अपने दोनों हाथ उसकी ब्रा में डाल के उसके चुचे दबा रहा था। तो वो बोली- ज़ल्दी करो वरना कोई आ जायेगा !

मैं बोला- मिलने तो दो !

फिर हम दोनों एक सोफे पे लेट गए। वो बोली मुझे एक मर्द जैसे भी लड़की को खुश कर सकता हो, वैसा करो ! मैं तुम्हारे लिए तुम जो कहोंगे वो करुँगी पर एक शर्त पर कि तुम हर शुक्र और शनि को हमारे घर पे टीवी देखने ज़रूर आओगे।

मैंने बोला- अच्छा! फ़िर मैंने उसको किस किया, वो भी उसके लिप्स पे ! तो उसको थोड़ा सा मज़ा आया और मुझे भी अच्छा महसूस हो रहा था तभी मैंने उसको उसके मुँह पे और उसके पूरे बदन को मेरी किसो से नहला दिया। उससे उसको काफी मज़ा आया और वो बोली- तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने बोला- तुम सोच नही सकोगी कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ !

और मैं उसको काफी सारी किस करने के बाद में उसके पायजामा का नाड़ा खोलने लगा तो वो शरमा कर मेरे सामने देखने की बजाए अपनी चूची पे देखने लगी क्योंकि उसकी चूची को मैं काफी देर से दबा रहा था और उसकी चुचियाँ काफी कड़क हो गई थी।

मैंने उसका पायजामा निकाल दिया था तब मैंने देखा तो उसने गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी थी। फ़िर मैंने काफी देर तक उसकी चुचियाँ दबाई। फ़िर मैंने देखा तो उसकी पैन्टी थोड़ी सी भीगी लग रही थी तब मुझे पता चला कि वो झड़ गई थी।

फिर मैं उसको उठा के उसके बेडरूम में ले गया और वहाँ पे जा के उसको उसके बेड पे लेटा दिया और उसकी पैन्टी निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा।

तब वो भी थोड़ी सी गरम हो रही थी और वो मेरा लण्ड मेरे पैंट के बाहर से ही पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी तब गरम होकर अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और हमने करीब १५ मिनट तक एक दूसरे की चुसाई की। फ़िर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मैं केवल अंडरवियर में आ गया और उसने अपने हाथ से मुझे इशारा किया कि अब और मत तड़पाओ ! ज़ल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड डालो !

मैं समझ गया। तब मैंने अपने लंड की सुपारी उसकी चूत के ऊपरी हिस्से में रख दी और अहिस्ते से उसे रगड़ने लगा। फिर उसने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत का रास्ता बताते हुए कहा कि यहाँ डालो !

तब मैंने उसको एक जोरदार झटका दिया, वो चिल्ला उठी और बोली- अहिस्ते से करो !

पर मेरा लण्ड उसकी चुत में समाने के लिए काफी उतावला हो रहा था। मैंने उसके मुँह पे अपना मुँह रख कर उसको किस करता रहा और बढ़िया से झटके देता रहा्। तब मैंने देखा तो उसकी आँखों से आंसू निकाल गए थे।

फिर मैंने मेरी स्पीड थोड़ी सी कम कर दी। पर बाद में मैंने देखा कि वो भी मेरे झटके के साथ में अपने चूतड़ उठा कर साथ दे रही थी। फिर मैं भी उसकी जम कर चुदाई करने लगा। पर तब मैंने देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था। मैं समझ गया और मैंने उसको बोला कि पहली बार थी तो बोलना चाहिये ना ! मैं थोड़ा आराम से करता !

वो बोली- मुझे अहिस्ते से नहीं चाहिए, इसलिए नहीं बताया।

तो मैंने बोला- फ़िर आंख से आंसू क्यों निकल रहे थे?

वो बोली- तुम्हारा इतना बड़ा लंड लेकर मेरी बुर फट गई थी इस लिए ! और वो बोली- अब थोड़ा और ज़ोर से चोदो ! मैं बस अब झड़ने वाली हूँ !

फ़िर मैंने उसको झटका देना चालू किया उसको काफी सारा मज़ा आया और वो बोली- और ज़ोर से बस ऐसे ही चोदो ! आज मेरी चूत को फाड़ डालो और डाल दो अपना लंड मेरी चूत में !

फ़िर मैंने उसकी जम कर चुदाई की।

वो बोली- मैं झड़ने वाली हूँ !

मैं बोला- रुको !

फिर मैंने उसका पूरा चूत-रस अपने मुँह में भर लिया।

वो बोली- तुम कब झड़ने वाले हो?

मैं बोला- एक बढ़िया सा झटका मार लेने दो !

फ़िर मैंने उसको कुतिया की स्टाइल में दस मिनट तक चोदा, उसे काफी अच्छा महसूस हुआ।

बस अब मैं झड़ने वाला हूँ !

वो बोली- तुम आज तुम्हारे लावा से मेरा मुँह भर दो !

तब मैंने मेरे वीर्य से उसका मुँह भर दिया। उसके बाद हम दोनों करीबन आधा घंटा साथ में नंगे सोते रहे।

फ़िर वो बोली- एक बार और !

मैं बोला- हर शुक्र और शनि तो करेंगे !

तो वो बोली- मज़ा आयेगा !

और तबसे लेके हमने एक भी शुक्र और शनि नही छोड़ा।

आज उसकी शादी हो गई है पर आज भी मैं ज़ब भी सूरत जाता हूँ या वो अलवर आती है, तब हम दोनों मिलते है और मैं उसकी जमकर चुदाई करता हूँ !

तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी ?

आप अपने मेल मुझे इस पर दो

एक बार फ़िर मिलेंगे यहाँ पर ही मेरी नई स्टोरी के साथ !

तब तक सभी लौड़ों और चूतो को मेरा सलाम ! Indian Sex Stories

मैं एक इन्टरमीडिएट कालेज में अध्यापिका हूं। ये मात्र 12 वीं कक्षा तक का कालेज है। शाम को अक्सर मैं अपनी सहेली के साथ भोपाल ताल के किनारे घूमने निकल जाती हूं।

ऐसे ही एक दिन मैं अपनी सहेली के साथ ताल के किनारे घूम रही रही थी। 12वीं कक्षा की एक छात्रा और एक छात्र मिल गये। ये दोनों मेरी कक्षा में नहीं थे। दूसरे सेक्शन में थे।

मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपने नाम सोनल और किशोर बताए।

सोनल ने मुझे कहा कि उसे बायलोजी विषय में कुछ पूछना है।

मैंने उसे कहा कि कल घर आ जाना, मैं बता दूंगी। किशोर और सोनल दूसरे दिन घर पर आ गये।

मुझे लगा कि इनकी प्रोब्लम कुछ और ही है। मैंने पूछा- ‘सोनल ये किशोर तुम्हारा दोस्त है क्या…?’

‘हाँ मैम… इसे भी आपसे कुछ पूछना था…’ वो कुछ शरमाती सी बोली।

मैं एकदम भांप गई कि मामला प्यार का है।

‘या कुछ और बात है… कह दो…मैं भी तुम्हारी उम्र से गुजरी हूं’ मैंने अंधेरे में तीर छोड़ा। पर सही लगा…

‘हाँ… मैम वो… हम तो आपके पास इसलिए आये थे कि हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय साथ रहे!… प्लीज मैम नाराज मत होना…’ उसके चेहरे से लगा कि वो मुझसे विनती कर रही हैं।

‘पर ये कोई मिलने की जगह है?’
‘मैम वो… निशा मैम ने बताया था कि आप हमें मदद कर देगीं…’

ओह तो ये बात है… निशा भी अपने बोय फ़्रेंड के साथ एक बार चुदवाने आई थी तो मैंने भी उसी से चुदवा लिया था। मेरे मन में भी एक हूक सी उठी… ये दोनों अपनी जिस्म की प्यास बुझाने आये हैं… क्यों ना मैं भी इस बात का फ़ायदा उठाऊँ।

‘तो तुम मिलना चाहते हो… मेरा क्या फ़ायदा होगा इसमें…’ मैंने तिरछी निगाहों से उसे परखा।

‘मैम मुझे मालूम है… निशा जी ने मुझे सब बता दिया है… इसीलिये तो मैंने आपसे सब कह दिया… आपकी सारी शर्तें इसे भी और मुझे भी मन्जूर है…’ उसने अपना सर झुकाये सारी बातें मान ली।

‘तो ध्यान रहे…शर्तें… कल दिन को स्कूल के बाद सीधे ही यहाँ आ जाना…’ मैंने उसे मुस्कुराते हुए कहा।

सोनल खुशी से उछल पड़ी… मैंने सोनल को चूम लिया…

मैंने कहा-‘किशोर तुम भी आओ जरा…’

मैंने किशोर के होंठ पर एक गहरा चुम्मा ले लिया… मेरे बदन में तरावट आने लगी… किशोर ने भी जोश में मुझे किस कर लिया।

दूसरे दिन किशोर और सोनल स्कूल में मेरे चक्कर लगाते रहे… मैं उन्हें मीठी सी मुस्कान दे कर उनका हौंसला बढ़ाती रही… सच तो ये था कि मेरी चूत में भी कुलबुलाहट मचने लग गई थी… सोच सोच कर ही रोमांचित हो रही थी कि 19 साल के जवान लड़के के लन्ड से चुदवाने को मिलेगा।

मैंने स्कूल से आते ही एयर कंडीशन चला दिया। लंच करके मैं आराम करने लगी। मैं जाने कब सो गई।

अचानक मुझे लगा सोनल ने मेरे हाथ पकड़ लिए और किशोर ने मुझे उल्टी लेटा कर मेरी चूतड़ की फ़ांकों को खोल दिया और अपना लन्ड मेरी गान्ड में घुसाने लगा। पर उसका लन्ड छेद में घुस ही नहीं रहा था। वो बहुत जोर लगा रहा था… मेरी गान्ड में इस जोर लगाने से गुदगुदी लगने लगी थी। सोनल चीख उठी… मार दे गान्ड मैम की…छोड़ना मत… उसकी चीख से मैं अचानक उठ बैठी… ओह… मैं सपना देखने लगी थी।

वास्तव में दरवाजे पर बेल बज रही थी…दिन को करीब 3 बजे थे…वो दोनों आ गये थे। मैंने अपना मुख धोया और हम तीनों कमरे में ही बैठ कर थोड़ी देर तक बातें करते रहे। उन दोनों की बैचेनी देखते ही बनती थी…

‘मैम… मुझे किशोर से कुछ बातें करनी है…’

‘हाँ हाँ… जरूर करो… पर बातें कम करना… और…’ मैंने मजाक किया।

और सोनल को बेड रूम में ले गई और सब बता दिया। किशोर को भी मैंने अन्दर आने का इशारा किया। सोनल तो बेड रूम देखते ही खुश हो गई… और बिस्तर पर लोट गई।

इधर किशोर को मैंने बुला कर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसके होंठो को चूमना चालू कर दिया। उसने भी मेरी कमर मे अपना हाथ कस दिया। उसके लौडे की चुभन मेरे चूत के आस पास होने लगी। मैंने धीरे से उसका लन्ड पकड़ लिया। उसके हाथ मेरे बोबे पर जम गये और उन्हें दबाने लगे। सोनल जल्दी से आई और किशोर को खींचने लगी…

‘किशोर… आओ ना…’ किशोर खिंचता हुआ चला गया…पर मेरे बदन की गर्मी का अह्सास किशोर को मिल गया था। उसने किशोर को अपने से लिपटा लिया।

‘अरे… क्या ऐसे ही करोगे… कपड़े तो उतार दो…चुदाई का मजा नहीं लोगे क्या…’ मैंने उन्हे कहा.

‘नहीं…नहीं… चुदाई नहीं… बस ऐसे ही ऊपर से…’ सोनल ने कहा तो मुझे आश्चर्य हुआ।

‘तब क्या मजा आयेगा… क्यों किशोर…’

किशोर ने मेरा साथ दिया और हम दोनों ने मिल कर सोनल को नंगी कर दिया… किशोर ने भी अपने कपड़े उतार दिये। उन्हें देख कर मैंने भी अपना गाऊन उतार दिया और नंगी हो गई। किशोर का जवान लन्ड देख कर मेरी चूत में पानी उतरने लगा।

सोनल भी जवान लड़की थी… उसके जवान जिस्म को देख कर कोई भी पिघल सकता था। किशोर सोनल से लिपट गया। और उसे बिस्तर पर पटक दिया। उसके ऊपर चढ गया और बेतहाशा चूमने लगा। दोनों का जोश देखते ही बनता था। एक दूसरे मे समाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। पर हाँ सोनल अपनी चूत से उसके लन्ड को दूर रख रही थी। किशोर जैसे ही अपना लन्ड उसकी चूत पर दबाता वो चूत को झटका दे कर हटा देती थी।

ये सब देख कर मेरी वासना बढती जा रही थी। मैंने अपनी चूत में दो अंगुलियाँ डाल ली और अपनी चूत चोदने लगी। मेरे मुख से सिसकारी निकल पड़ी। अब मैंने सोचा कि पहले इन्हें निपटा दूं। मैं उठी और दोनों को सहलाने लगी। फिर मैंने सोनल के चूत का दाना धीरे धीरे मलना शुरु किया। सोनल को और मस्ती चढने लगी। मैं घिसती रही…मलती रही… इतने में सोनल झड़ने लगी… मैंने हाथ हटा लिया… उसकी चूत में से पानी आ रहा था… इसी दौरान किशोर का लन्ड मैंने सोनल की चूत पर रख दिया। किशोर तो जोश में था ही… उसका लन्ड सोनल की चूत में उतर गया…

सोनल तड़प उठी…’अरे ये क्या… हटो…हटो… उसने जल्दी से उसका उफ़नता हुआ लन्ड चूत से निकाल दिया…

किशोर भी तडप उठा… उसे तो अब चूत चाहिये थी… सोनल अलग हट कर उठ गई।

‘देखो…मैम…मैंने मना किया था…तब भी इसने क्या कर डाला…’

‘कोई बात नहीं सोनल…ला मैं इसे सम्भालती हूं…’ मैंने अपनी बारी सम्हाली और किशोर को दबोच लिया और उसे अपने नीचे दबा लिया… उसके खड़े लन्ड पर मैंने अपनी चूत रख कर दबा दी… आऽऽऽऽऽअह्ह्ह्ह्ह…लन्ड मेरी चिकनी चूत मे धंसता चला गया… किशोर ने भी अपने चूतड़ ऊपर की ओर उठा दिए… और उसका लन्ड पहले झटके में ही जड़ तक बैठ गया। मेरे मुख से आनन्द के मारे सिसकारी निकल पड़ी…

ना जाने कब से मैं इस चुदाई का इन्तजार कर रही थी। मैंने अपने चूतड़ थोड़े से ऊपर उठाये और दूसरा झटका दिया…फ़च की अवाज के साथ लन्ड गहराई तक चोद रहा था। किशोर आनन्द के मारे नीचे से झटके मार रहा था। दोनों ही हर झटके पर आहें भरते थे… सोनल भी हमे देख कर उत्तेजित होने लगी थी… शायद उसने ऐसी चुदाई पहली बार देखी थी। उसने अपनी एक अंगुली मेरी गान्ड में फ़ंसा दी और गोल गोल घुमाने लगी। मैं तो इस डबल चुदाई से मस्त होने लगी। दोनों तरफ़ से मजा आने लगा था।

‘सोनल…मजा आ रहा है…क्या मस्त लन्ड है…’

‘मैम आपकी चूत बड़ी प्यारी है… देखो ना लन्ड सटासट अन्दर बाहर जा रहा है…’

‘चोदे जा मेरे राजा… हाय… मैं तो मर जाऊँगी राम…’

किशोर ने मेरी चूंचियाँ मसल मसल कर बेहाल कर दी थी… अब मैं अति उत्तेजना का शिकार होने लगी… मुझे लगा कि अब मैं झड़ जाऊँगी। मेरे धक्के अब जोर से और अन्दर तक दबा कर जा रहे थे। और अचानक मेरा बदन लहरा उठा… और मेरा रस निकलने लगा। मैंने उसके लन्ड पर अपनी चूत गड़ा दी…और उस पर पूरी झुक गई।

‘सोनल प्लीज… मेरी गान्ड से अंगुली निकाल दे…’ सोनल ने अंगुली बाहर निकाल दी। मैंने किशोर से अपने बोबे जोर लगा कर छुड़ा लिये। पर मुझे वो छोड़ने को तैयार नहीं था…

‘किशोर… देख सोनल तेरा इन्तजार कर रही है… अब छोड़ दे मुझे…’ सोनल के नाम ने उस पर जादू सा असर किया।

उसने सोनल का नाम सुनते ही मुझे छोड़ दिया… और प्यार से वो दोनों एक बार फिर से लिपट गये। पर सोनल ये भूल गई थी कि किशोर की चुदाई पूरी नहीं हुई थी। किशोर ने प्यार से सोनल को चिपका लिया और पलटी मार कर अपने नीचे दबोच लिया… चिड़िया फ़ड़फ़ड़ाती रह गई…

सोनल जब तक कुछ समझती तब तक मैंने किशोर का लन्ड सोनल की चूत के छेद पर रख दिया था। किशोर ने धक्का मारा तो सीधा गहराईयों में उतरता चला गया। दूसरे धक्के में लन्ड जड़ तक बैठ गया था। सोनल के मुख से चीख निकलती उससे पहले मैंने उसके मुख पर तौलिया रख दिया।

उसकी झिल्ली फ़ट चुकी थी। सोनल को मालूम हो गया था कि उसका कौमार्य जाता रहा था। मैंने अब उसके मुँह से तौलिया हटा लिया था। उसके आंखों में आंसू आ गये थे। मैंने तौलिया अब सोनल की चूत के नीचे रख दिया था। खून बाहर आने लगा था। मैं उसे पोंछती जा रही थी।

किशोर इन सभी बातों से बेखबर तेजी से चुदाई कर रहा था… किशोर अब हाँफ़ने भी लगा था… सोनल भी अब सामान्य होने लगी थी। उसे भी अब मजा आने लगा था। मैंने देखा कि अब सोनल के चूतड़ भी धीरे धीरे उछलने लगे थे और चुदाई में साथ दे रहे थे…

मैंने सोनल कि चूंचियाँ मसलनी चालू कर दी… उसके निपल को भी घुमा घुमा कर हल्के से खींच रही थी। सोनल की सिसकरियाँ निकलने लगी थी। उसकी आहें तेज हो गई थी। वो बार बार किशोर को अपनी ओर खींच रही थी। इतने में सोनल चरमसीमा पर पहुंचने लगी। उसके मुख से अस्पष्ट शब्द निकलने लगे थे।’मांऽऽऽऽऽऽरी… मर जाऊँगी… हाय चोद दे… राम रे…’

मैं उसकी चूंचियों को और जोर से मसलने लगी… सोनल के चेहरे का रंग बदलने लगा… अपने होंठ बार बार काट रही थी… अचानक उसका शरीर ने एक ऐठन ली और आहाऽऽऽऽऽ करते हुए वो झड़ने लगी…मैंने उसकी चूंचियाँ छोड़ दी।

किशोर भी अब गया! तब गया! हो रहा था… अचानक उसने भी अपने लन्ड का जोर चूत पर लगा कर पिचकारी छोड़ दी… दोनों ही साथ साथ झड़ रहे थे… किशोर और सोनल दोनों ने आपस मे एक दूसरे को जोरों से जकड़ लिया था। कुछ ही समय बाद दोनों ही निढाल पड़े थे। और हाँफ़ रहे थे। सोनल की चूत में से अब धीरे धीरे वीर्य निकलने लगा था… मैंने तौलिया उसकी चूत के नीचे घुसा दिया… किशोर बिस्तर से नीचे उतर आया और अपने कपड़े पहनने लगा। सोनल थोड़ी गम्भीर लग रही थी।

‘दीदी मेरी तो झिल्ली फ़ट गई ना… अब क्या होगा…’

‘क्यो घबराती है…झिल्ली फ़टने के बहुत से कारण होते हैं…’ मैंने उसे बताया… खेलने से… साईकल चलाने से… किसी एक्सीडेन्ट से झिल्ली फ़ट सकती है…इसलिये डरने की कोई बात नहीं है।

‘और फ़िर तुम्हारी उमर अब चुदाने की हो गई है… तो अब इसे फ़ट जाने दो और जिंदगी का मजा लो…’

‘मैम हम क्या आपके पास रोज़ ट्यूशन पढने आ सकते हैं…?’ सोनल ने घुमा कर प्रश्न पूछा।

‘हा… जरूर अगर पढ़ना हो तो फ़ीस लगेगी एक की 500 रू और अगर आज जैसी पढाई करनी हो तो 250 रू…’

Antarvasna

बेटी को धन की सुख देने के लिए मेरी Antarvasna बाप ने मेरी शादी एक ५० बरस के मर्द के साथ कर दी. मेरे पति की मुझसे उनकी दूसरी शादी थी. पहली की मौत हो चुकी थी. उनका एक लड़की थी जिसकी शादी हो चुकी थी. शादी के पहले मुझे उनके और परिवार के बारे मे अधिक जानकारी नही थी.

सुहाग रात मे मैं उनको देखकर हैरान रह गई. वे देखने मे ही बहुत कमज़ोर दिख रहे थे. मेरी उमर उस समय सिर्फ़ १८ बरस थी. वे आते ही दरवाज़ा बंद कर लिए और मेरी बगल मे बैठ गए. वे मुझे पकड़ कर चूमा लेने लगे. कुछ् इधर उधर के बाते करने के बाद वे मेरी ब्लाउज खोल दिए. मैं ब्रा पहन रखी थी. कुछ देर उपर से ही सहालाने के बाद ब्रा भी खोल दिए. उसके बाद मेरी चुची को चूसने लगे. मुझे अब अच्छा लगने लगा था.

मैने धीरे से अपनी हाथ उनके लंड तरफ़ बढ़ाया. अभी तक कुछ भी नही हुआ था. वे अपने कपड़े खोल दिए और सहालाने के लिए बोलने लगे. मैने भी कुछ देर तक हाथ से सहलाती रही. खड़ा नही होने पर मुख मे खाने के लिए कहने लगे. क़रीब १० मिनट के बाद भी जब नही खड़ा हो पाया तो मैं निराश हो गई. उनके लंड मे नाम मात्र का ही कडापन आया था. अब वे मेरी साडी खोल दिए और अपने मुरझाए हुए लंड से मेरी बुर रगड़ने लगे. मैं तो उनके लंड के तैयार होने का इंतज़ार कर री थी. वे मेरी बुर को अब जीभ से चूसने लगे. अभी भी उनका लंड बहुत नरम था. मैं मन ही मन अपने को कोसती रही और बाप को शराप्ती रही. वे मेरी बुर चूसने मे और मैं उनका लंड चूसने मे मशगुल थी. मुझे अब सह पाना मुश्किल था. जैसा था वैसा ही मैंने उनको चोदने के लिए कहने लगी. वे अपना नरम नरम लंड मेरी गरम गरम बुर मे प्रवेश करने लगे .मगर प्रवेश करने से पहले ही वे गिर गाये.मैं तड़पती रह गई . मैं सोचने लगी कि पहले रात के चलते ऐसे होगया. मैं चुप चाप रह गई. वे भी ऐसे ही कह रहे थे.

दूसरी रात भी मैंने बहुत कोशिश की मगर सब बेकार गया. इसी तरह महीनो बीत गाये. मैं जब भी बिस्तर पर तडपती रही. मेरी बड़ी बहन जीजाजी के साथ तबादला होकर उसी शाहर मे आ गयी. एक दिन मेरी बहन मुझसे मिलने मेरी घर पर आ गई. वे मेरा हाल ख़बर पूछने लगी. मैं चुप हो गई. जब वे ज़िद करने लगी तो मुझे सबकुझ बताना ही पड़ा. वे निराश हो गई और कुछ सोचने लगी. मैंने पूछने लगी तुम कैसी हो. जीजाजी कैसे हैं. वे कह रही थी की तुम्हारे जीजाजी तो बहुत तगडे है. वे मुझे बहुत मज्जे देते हैं. मान ही मान मैं इर्ष्या करने लगी .वे बोलने लगी की मैं कल तक कुछ सोचती हू. कल १२ बजे मेरी घर आजाना. वही पैर बैठ कर बाते करेंगे. मुझे कुछ आशा दिखाई देने लगी.

सुबह होते ही मैं जल्दी जल्दी काम निपटा कर तैयार हो गाई. ठीक १२ बजे मैं दीदी के घर पहौच गई. वे मुझे देख कर मुस्कुराने लगी. वे मुझे अपने बेड रूम मे ले गई .दीदी अपने रूम मे टीवी चला रही थी. वे बोलने लगी की तुम कुछ देर तक वीडियो देखो मैं काम निपटा कर आती हूँ. एक सीडी वही पर रखा हुआ था जिसपर लिखा हुआ था हम दोनो. मैंने उसी सीडी को लगा कर देखने लगी. सीडी देखते ही मैं घबरा गई और दरवाज़े की तरफ़ देखी. दीदी बाथरूम मे थी. मुझे और अधिक देखने का इच्छा जागृत होगई. इस सीडी मे तो जीजाजी और दीदी का रंगीन खेल भरा हुआ था. जीजाजी का लंड तो देखते ही बनता था. लग रहा था की दीदी बहुत रोएगी .मगर वा तो मज़े ले रही थी. मैं सोचने लगी काश मुझे कोई ऐसे चोदने वाला मिलता.

उसी समय दीदी अंदर आ गई और कहने लगी तुम को यह कैसा लग रहा है. मैंने सीडी बंद करदी. उसी समय जीजाजी भी आगये. मुझे देखते ही वे मुस्कुरा दिए. दीदी कहने लगी अरे साली तरफ़ भी तो देखो. वह बेचारी शादी होने के बाद भी कुँवारी है. दीदी कहने लगी आज तुम्हारे जीजाजी को तुम्हारे लिए ही मैंने बुलाया है . कल तुमसे मिलने के बाद मैने इनको सब कुछ बता दिया था. दीदी कहने लगी अब तुम लोग अपना काम करो मैं बाहर देखती हूँ. जीजाजी कह रहे थे तुम तो बहुत सेक्सी लगती हो. तुम्हारे स्तन तो काफ़ी बड़े है और वे दीदी के जाने के बाद बिना रूम बंद किए ही मेरी स्तन दबाने लगे.वह कह रहे थे की जब तुम्हारे दीदी ही है तो उससे छिपाना क्या. ऐसे तो साली तो आधी घर वाली होती ही हैं. लेकिन मैं तुम्हारे इच्छा के बिपरीत कुछ नही करूँगा.

मैं चुप चाप थी. मैं सोचने लगी की कही वे चले ना जाए. इससे अच्छा मौक़ा अब नही आने वाला मैं मुसकुराने लगी.जीजाजी समझ गए की मैं सहमत हू. वे अब मेरा ब्लोउज और ब्रा खोल दिए . मेरे चुचि को मसलने लगे . मैं भी अब सहयोग करने लगी थी. जीजाजी के लॅंड का उभार अब पैंट पैर दिखाई देने लगा था. मैंने उनका पैंट पैर हाथ डाला तो वे पैंट खोल दिए. अब उनका लॅंड बाहर निकल चुका था. मैं अपने हाथ से उनके लॅंड को सहालाने लगी. अपने पति का लॅंड से जीजाजी का लॅंड को तुलना कर रही थी. मन ही मन मैं सोचने लगी की मेरी दीदी कितनी लॅकी है की उसे ऐसे लॅंड वाला पति मिला है. कुच्छ देर तक मैं उनके लॅंड को देखती रही. इतने मे जीजा जी कहने लगे कैसा है मेरा हथियार. तुम्हारे पति का कैसा हैं. मैं कहने लगी, जीजाजी उनका तो खडा ही नही होता हैं. मैं महीनो से तरप रही हू. आपका लॅंड तो काफ़ी मोटा और बड़ा है. दीदी को तो बहुत दुखता होगा. उसी समय दीदी आगई. बोलने लगी अरे केवल देखते ही रहोगी.

मैं बोलने लगी दीदी इनका तो बहुत मोटा है, मैं नही सह पाऊँगी. दीदी कहने लगी हा, मोटा तो है लेकिन सहना ही पड़ेगा. पहली बार मुझे भी बहुत दर्द हुआ था. लेकिन अब तो मजा आता है. जीजाजी को दीदी कहने लग
बेचारी तुम्हारा घोड़ लॅंड देख कर डर गई है. मेरे बहन को मत रूलाना. बेचारी अभी तक तो कुँवारी जैसे ही तो है.इतन कह कर वा फिर चली गई. जीजाजी अब मेरी साड़ी और पेटी कोट भी खोल दिए .वे मेरे बुर को चटने लगे. मुझे बेड पैर सूता दिए और अपना लॅंड मेरे बुर मे डाल कर चूसने के लिए कहने लगे. वे मेर उपर चढ़े हुये थे . अपनी जीभ से मेरी टिट चाट रहे थे. मुझे काफ़ी मजा आरहा था. मैंने भी दोनो हाथो से उनका सिर पाकर कर दबाने लगा. ज़ोर ज़ोर से लॅंड चूसने के लिए कह रहे थे. उनका लॅंड का स्वाद लेने मे मुझे भी मजा आरहा था.

इतने ही मे अपना पूरा लॅंड मुख मे अंदर तक धकेलने लगे. मुझे तो पहली बार इतना तगड़ा लॅंड मिला था. मैं मज़े से उनका लॅंड चुस रही थी और जीजाजी मेरे बुर चुस रहे थे. उसी समय मुख मे गरम गरम और नमकीन टेस्ट आने लगा. वे और ज़ोर से लॅंड अंदर किए. मुझे तो मजे का स्वाद आ रहा था. कुछ देर तक और चूसती रही. वे बाहर लिए और बाथरूम मे चले गए. बाथ रूम से आने के बाद वे फिर मुझसे अपना लॅंड सहलवाने लगे. क़रीब ५ मिनट के बाद वे फिर तैयार होगए. जीजा जी का लॅंड फिर से पहले जैसे ही कठोर और मोटा होचुका था. इस बार वे मुझे पट सूता दिए. मेरे गाड़ मे थोडा थूक लगाए और एक अंगुली घुसा कर बाहर भीतर करने लगे. मैंने कहने लगी जीजाजी इसमे भी करोगे क्या. इसमे तो नही सहा जायगा. आज बुर मे ही कर लो. फिर कभी इसमे. जीजाजी नही माने और कहने लगे गाड़ लिए बिना मैं तुम्हारा बुर नही लूंगा. अगर मेरा शर्त मंज़ूर है तो बोलो नही तो छोड़ देता हूँ. मुझे तो आज चुदाई का भरपूर मजा लेना था. मैं चुप रही. मैं मुसकूरा दी और कहने लगी आप बहुत बदमश हो, आज मैं सब कुछ सहने को तैयार हूँ. जीजाजी Antarvasna

सेक्स टेस्ट चेंज कहानी में पढ़ें कि जब पति पत्नी एक दूसरे के साथ सेक्स करके बोर होने लगे तो उन्होंने अपने यौन जीवन में नवीनता लाने के लिए क्या किया?

मेरा नाम संजना है. मेरी उम्र 25 साल की है. मैं शादीशुदा हूँ.

मेरे पति 30 साल के हैं.

मैं बहुत ही सुन्दर हूँ और मेरे पति भी बहुत आकर्षक दिखते हैं.

हम लोग मध्यम वर्गीय हैं … न ज़्यादा अमीर हैं और न ही गरीब हैं.
हमारी ज़िंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था. मेरे पति भी बहुत अच्छे हैं.

हमारी शादी के 4 साल हो गए हैं.
हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुश भी रहते हैं. हम दोनों में कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता है.
मैं भी अपने पति से खुश रहती थी.

बहुत ही शर्मीली लड़की थी मैं … कोई मुझसे कुछ कह देता था तो मैं बुरा मान जाती थी और कोई मुझे टच करे तो मैं उससे लड़ जाती थी.
मेरे पति भी ऐसे ही हैं.

मुझे सेक्स करने में बहुत रूचि है क्योंकि ज़िंदगी में अगर सेक्स न हो तो हर किसी की लाइफ में उदासी छा जाती है.

यहीं से हमारी सेक्स टेस्ट चेंज कहानी शुरू हुई.

एक दिन को बात है, मैं और मेरे पति रात को खाना खाकर अपने कमरे में बात कर रहे थे.
बातों ही बातों में ‘वाइफ एक्सचेंज विद अदर पर्सन’ की बात होने लगी.

यह बात धीरे धीरे कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई.
मैंने अपने पति से पूछा- ये लोग कैसे कर लेते हैं … अजीब लोग हैं?

तो पति ने कहा- जाने दो, हमें क्या करना है. हम लोग तो वैसे नहीं हैं न!
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

हमारी जिंदगी में एक दो साल के बाद सेक्स धीरे धीरे कम हो गया.

अब कभी 10 दिन में एक बार सेक्स होने लगा था.
कभी 15 दिन में एक बार होता.
धीरे धीरे हमारे अन्दर भी सेक्स की भूख कम होती नज़र आने लगी थी.

ऐसे ही दिन बीत रहे थे.

एक दिन मैं अपनी एक सहेली शिखा से बात कर रही थी.

उसने पूछा- कैसी हो?
मैंने कहा- ठीक हूँ.

उसने आगे कहा- और मज़ा तो आ रहा है न जीजा के साथ!
मैंने कहा- हां, ठीक ही है.

इस पर शिखा ने कहा- क्यों … इतनी उदास होकर क्यों बोल रही हो?
मैंने कहा- पहले सेक्स में बहुत मज़ा आता था, पर पता नहीं क्यों … अब धीरे धीरे सब कम हो गया है.

शिखा ने कहा कि मैं एक राय दूँ?
मैंने कहा- हां बोल न!

उसने कहा- अगर तुम दोनों में किसी वजह से सेक्स कम हो गया है, तब तो कोई बात नहीं. वैसे एक तरीका है. यदि बुरा न मानो तो बताऊं?
मैंने कहा- मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी, तू बता.

मेरी सहेली ने कहा- एक बार एक रात के लिए हज़्बेंड चेंज करके देख लो, हो सकता है पहली बार दूसरे मर्द के साथ तुम्हारे अन्दर वह जोश फिर से आ जाए और सेक्स में तुम्हारी रुचि बढ़ जाए. क्योंकि ऐसा होता है जब एक ही मर्द के साथ रोज रोज सब होता है. तो बस वही जैसे रोज मगर दूसरा मर्द जब एक दिन के लिए आता है न, तो न जाने किस हिसाब से करता है और अपने सेक्स लाइफ में एक दिन में ही भरपूर मज़ा देता है. वह एक ही रात के लिए आएगा तो तुम्हारे लिए भी अलग होगा. उसके लिए भी अलग होगा. इसलिए एक बार करके देख लो. शायद जिंदगी में बात बदल जाए.

मैंने कहा- नहीं यार, इसमें किसी को पता चल गया तो गड़बड़ हो जाएगी!
शिखा बोली- किसी को पता नहीं चलता यार, क्योंकि जब तुम किसी को बताओगी नहीं, तो दूसरा जानेगा कैसे?

मैंने कहा- अच्छा और यह सब कैसे होगा?
सहेली ने कहा- तेरा मतलब कि ऐसे इंसानों का जोड़ा कहां मिलेगा?

मैंने पूछा- हां … और यह भी बता कि क्या तूने ऐसा किया है?
उसने कहा- हां, एक साल पहले हुआ था. वे दोनों पुणे के एक कपल थे. हम लोग नेट से जुड़े, फिर बात बन गई. इसी बहाने हम दोनों एक नए शहर में भी घूमे और एक रात के लिए एंजाय भी किया. सही बोलूं तो उस दिन सेक्स का भरपूर मज़ा आया था.

मैंने कहा- पर मैं यह नहीं कर पाऊंगी … मेरे उनको बुरा लगा तो?
शिखा बोली- हां पहले तुम अपने अपने पति को इस बात के लिए राज़ी करो. अगर वे राज़ी हो जाएं तो मुझे बताना.

मैंने कहा- कैसे बात करूँ?
वह बोली- तुम अपने पति से ज़्यादातर वाइफ स्वैपिंग की बात करना. जब बात करोगी … तो एक न एक दिन उनके मन में भी ऐसा महसूस होगा कि क्यों न एक बार स्वैपिंग करके देखी जाए.

कुछ देर इसी मुद्दे पर चर्चा के बाद फोन कट हो गया.

अब मैं अपने काम में जुट गई.

दो चार दिन बीत गए.
मैं हिम्मत करके भी उनसे बात नहीं कर पा रही थी.

फिर एक दिन वह जब ऑफिस के सिलसिले से 15 दिन के लिए दूसरे शहर गए.

वे 4 दिन बाद मुझे वहां के माहौल के बारे में बताने लगे कि ये शहर ऐसा है. यहां पर ऐसा होता तो सब कुछ है, पर किसी को कोई खबर भी नहीं होती.

मैंने पूछा- कौन सी बात?
उन्होंने वाइफ स्वैपिंग की बात कही.

मैंने जानबूझ कर थोड़ा सा नाटक किया- इस तरह की बातें क्यों कर रहे हैं आप?
इस पर उन्होंने बात बंद कर दी.

मगर मेरे मन में आया कि बात जब कर रहे थे तो अच्छा लग रहा था.
पर बात को वापस कैसे शुरू की जाए.

दो दिन बाद मैंने ही यही बात पुन: उनसे शुरू की.

‘एक बात बताइए, ये जो वाइफ स्वैपिंग होती है, इसे कैसे करते हैं? किसी को पता नहीं चलता क्या?’
उन्होंने कहा- नहीं, कैसे पता चलेगा. उधर के हज़्बेंड और वाइफ और इधर के वाइफ हज़्बेंड किसी एक के घर पर ही सब करते हैं. वे दुनिया की नज़र में रिश्तेदार होते हैं, जो एक दिन के लिए आए और चले गए.

यह सुनकर मैंने कहा- कितना अजीब लगता होगा न!
उन्होंने कहा- अजीब तो तब लगेगा जब कोई जबरदस्ती करेगा. लेकिन इसमें सारा कुछ एक दूसरे की रजामंदी से होता है. अगर चारों की रज़ामंदी हो, तो कुछ भी गलत या अजीब नहीं … यह बस मस्ती वाला खेल हुआ और सब अपने अपने घर चले गए. कोई रोज रोज तो होता नहीं है!

मैंने कहा- इससे होता क्या है?
“कुछ खास नहीं … लेकिन लोगों के अन्दर सेक्स की भूख जो सुस्त हो गई होती है, वह फिर से ताज़ा हो जाती है.”

इतनी सब बातें करके उन्होंने फोन काट दिया और अपना काम पूरा करके घर वापस आए.

उस दिन मुझे काफी ज्यादा सेक्स की भूख थी तो रात में पति के साथ शरीर सहलाने के दौरान बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हुआ तुम बहुत उदास दिख रही हो?
मैंने कुछ नहीं कहा.

उनका सेक्स करने का मन भी नहीं हुआ था तो हम दोनों ने कुछ भी नहीं किया.
बस चुपचाप सो गए.

चार दिन ऐसे ही चलता रहा.

पांचवें दिन वे मुझसे कहने लगे कि हम लोगों में अब पहले जैसा सेक्स नहीं हो पाता है … ऐसा क्यों है?
मैं चुप रही.

उन्होंने ही फिर से कहा- पता नहीं मैं करता तो हूँ, पर मजा नहीं आता.
फिर मैंने कहा- जैसे लोग वाइफ स्वैपिंग करते हैं, उसमें तो मजा आता है. ऐसा क्यों?
उन्होंने कुछ बोला नहीं.

पर अगले दिन उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम्हारा मन हो तो स्वैपिंग के लिए कोशिश की जा सकती है!
यह सुनकर मैं भी एक्सचेंज करने के लिए तैयार हो गई.

उन्होंने कहा- कौन करेगा, यह देखना पड़ेगा?
मैंने कहा- देखेंगे, आप किसी से बात करके देखिए. मैं भी कुछ कोशिश करती हूँ.

उन्होंने कहा- चलो ठीक है.
अब हम दोनों थोड़ा खुश हुए.

उनके चेहरे पर भी मस्त मुस्कान थी.
पति की आंखों में दूसरी चुत मिलने की खुशी साफ जाहिर हो रही थी.

अगले दिन मैंने शिखा से बात की.
उसने कहा- चलो ठीक है. अब अगर तुम चाहो तो हम दोनों ही एक दूसरे से एक्सचेंज कर सकते हैं. यह सब तुम्हारे घर पर या तुम चाहो तो हमारे घर पर किया जा सकता है!

मैंने कहा- ओके, मैं अपने पति से बात करके बताऊंगी. अगर वे मान गए तो मैं तुम्हें रात को मैसेज करूँगी.
शिखा ने कहा- ठीक है.

रात 11 बजे थे.
मैंने अपने पति से स्वैपिंग की बात को छेड़ा तो बात शुरू हो गई.

उन्हें मैंने बताया कि शिखा रेडी है.
वे भी बोले- ठीक है. पर वह लड़की दिखने में कैसी है?
मैंने कहा- बहुत सुन्दर है.

उन्होंने कहा- और उसका पति?
तो मैंने कहा- उसके पति को मैंने नहीं देखा है. हां उसका नंबर है, कहिए तो मैसेज करके पिक मंगवा लूं?
उन्होंने कहा- हां ठीक है, मंगवा लो!

मैंने शिखा को मैसेज किया कि अपने पति के साथ वाली अपनी पिक भेजो.
उसने झट से भेज दी.

उसका पति भी बहुत स्मार्ट दिख रहा था और शिखा तो हॉट थी ही.
मेरे पति को लड़की पसन्द आ गई और उधर मुझे भी उसका पति जँच गया.
मैंने हामी भर दी.

शिखा ने भी मुझसे हमारी जोड़ी वाली पिक माँगी.
मैंने भी भेज दी.

वे लोग भी राजी हो गए, डन कर दिया.

फिर एक दिन तय हुआ जब सेक्स टेस्ट चेंज करने का अनुभव लेना था.

हम सब हमारे घर पर ही उस तय तारीख को मिलने वाले थे.

उस दिन वे दोनों सुबह सुबह ही आ गए.

पहले पहल तो मेरा दिल घबरा रहा था.
पर एक खुशी भी मन में थी कि आज वह सब होगा जो मन चाहता है.

शाम हुई तो हम लोग बात करने के लिए तय प्रोग्राम के अनुसार अलग अलग कमरे में चले गए.

मेरे पति भी शिखा को अलग कमरे में लेकर चले गए.
मैं शिखा के पति के सामने थी और शर्मा रही थी; कुछ डर भी रही थी.

शिखा के पति ने कहा- लाइट ऑफ कर दीजिए.
मैंने लाइट ऑफ कर दी और बिस्तर पर बैठ गई.

थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ा तो मेरे शरीर में अजीब सी सिहरन हुई. ऐसा लगा जैसे आज न जाने कितना मज़ा आने वाला है.

तभी वे मुझे किस करने लगे.
मैं भी उनका साथ देने लगी.

फिर वे अपने कपड़े उतारने लगे और कुछ ही पलों में उन्होंने पूरे कपड़े उतार दिए.

उनका लंड एकदम मोटा और जबरदस्त मूसल जैसा था.
मैं देख कर हैरान रह गई.
सच में बहुत मोटा लंड था और लंबा भी काफी था.

धीरे धीरे सेक्स की शुरुआत हुई.

उन्होंने मुझसे लंड चूसने के लिए कहा.
मैंने उनका मान रखने के लिए सुपारा चाटा.
एक बार चाटने से अच्छा लगा तो लौड़े को मुँह में भर लिया और खूब चूसा.
उन्होंने भी मेरी चुत को चाटा.

फिर चुदाई शुरू हुई.

मेरी चुत उनके लंड से चुद कर निहाल हो गई.
उन्होंने भी मेरे दूध खूब चूसे और दूध चूसते हुए ही मेरी जबरदस्त ली.

एक बार में मेरा मन नहीं भरा था तो दूसरी बार की चुदाई मैं उनके लौड़े पर उछल उछल कर चुदी.

इस तरह से उन्होंने मुझे रात भर में 4 बार कई तरीकों से चोदा.
मुझे भी बहुत मज़ा आया.

सच में इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया था. यह बहुत प्यारा अहसास था.

फिर सुबह हुई.

मेरे पति भी बहुत खुश थे उन्होंने मुझसे पूछा- कैसा रहा?

मैंने भी खुश होकर कहा- बहुत अच्छा … और आपका?
उन्होंने कहा- मेरा भी.

तब से मैं बहुत खुश रहती हूँ और मेरे पति भी मुझसे खुल कर चुदाई करते हैं.
हम दोनों चुदाई में गैर मर्दों और स्त्रियों की खुल कर चर्चा करते हैं.
इस बात को दो साल हो गए हैं.

मेरे पति ने ऐसा एक बार और करने का कहा है कि स्वैपिंग करते हैं.
इस बार हम दोनों बाहर किसी अनजान शहर में करने का सोच रहे हैं.

देखते हैं कि कौन मिलता है, जिससे बात बन जाए.

सच कह रही हूँ कि इसमें बहुत आनन्द आता है.
बस एक रात के लिए किसी दूसरे का लेकर देखना … आह आई लव स्वैपिंग.

Antarvasna

रात का खाना खाने के Antarvasna बाद रोज की तरह मैं कंप्यूटर पर अपना काम कर रहा था कि मेरे मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई, देखा तो कमलिनी की थी।

मैंने काल-बैक किया तो पूछने लगी- क्या कर रहे हैं?

मैंने झूठ बोल दिया- सिर में बहुत दर्द है, मैं सोने जा रहा हूँ।

मैंने झूठ इसलिए बोला था क्यूंकि आज मैं कमलिनी की चूत मारने की अपेक्षा उसकी माँ रागिनी की गांड मारना चाहता था, मुझे पूरा विश्वास था कि वो रात को गांड मराने जरूर आएगी। और वही हुआ भी, कमलिनी के फ़ोन के आधे घंटे बाद मेरे मोबाइल की घंटी फिर बजी, मैंने उठाया तो रागिनी भाभी बोलीं- क्या कर रहे हो देवर जी?

मैंने कहा- मेरे सिर में बहुत दर्द है, क्या करुँ ?

भाभी बोलीं- मैं आकर सिर दबा दूं ?

मैंने कहा- भाभी आप अगर छू लेंगी तो दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा, आप तुंरत आयें, मैंने दरवाजा खोल दिया है।

दो ही मिनट बाद भाभी मेरे सामने आ पहुंचीं, उनका रूप देखकर मेरा लंड तन्नाने लगा और उनकी गांड फाड़ने के बारे में सोचने लगा। भाभी ने मेरे माथे पर हाथ रखा और बोलीं- गर्म तो नहीं है।

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने तन्नाये हुए लंड पर रखते हुए कहा- यह तो गर्म है ?

शरमाते हुए बोलीं- बहुत शरारती हो।

मैंने पूछा- मुझसे कह रही हैं या मेरे लंड से ?

कहने लगीं- दोनों से।

इतना सुनते ही मैंने उनको अपनी बाहों में लिया और दीवान पर लिटा दिया। मैंने अपनी टीशर्ट उतारी, लोअर उतारा और क्रीम की शीशी खोलकर ढेर सा क्रीम अपने लंड पर लगा दिया। भाभी का गाउन उतारा, उनको घोड़ी बनाया और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा। थोड़ी देर तक गांड के छेद पर लंड रगड़ने से भाभी आनंदित होने लगीं तो मैंने पूछा- भाभी डालूँ ?

तो बोलीं- हाँ मेरे देवर राजा।

गांड के छेद पर अपने तन्नाये हुए लंड का सुपाड़ा रखकर मैं धीरे धीरे अंदर करने लगा, भाभी की गांड बहुत टाइट थी। मैंने जोर से दबाया तो लंड का सुपाड़ा गांड के अंदर हो गया, भाभी कराहते हुए बोलीं- बस करो राजा, फट गई।

मैंने उनके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा- भाभी आप वाकई बहुत हिम्मत वाली हैं, आपने पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया।

अब तक सिर्फ लंड का सुपाडा ही भाभी की गांड के अन्दर था और बाकी का लंड भाभी की गांड के अंदर जाने के लिए बेताब हो रहा था। मैंने भाभी को बातों में लगाकर उनके मम्मों से

खेलते खेलते लंड को धीरे धीरे अंदर करना शुरू किया और इस प्रकार आधा लंड उनकी गदराई हुई गांड में समा गया। अब लंड को अंदर-बाहर करने का काम शुरू हो चुका था जिसमें भाभी को मजा आने लगा था इस बीच पूरा लंड कब भाभी की गांड में चला गया। भाभी को पता ही नहीं चला। २०-२५ मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपने लंड का वीर्य उनकी गांड में ही डिस्चार्ज कर दिया और पूछा- जिंदगी में पहली बार गांड मराकर कैसा लग रहा है भाभी?

तो अपनी ख़ुशी को ना छुपाते हुए बोलीं- टचवुड ! बहुत मजेदार।

मैंने कहा- एक राउंड और हो जाए ?

तो बोलीं- आज नहीं !

और अपने कपड़े ठीक करते हुए चली गईं। अब मेरा काम बढ़िया हो गया था, कमलिनी और उसकी माँ रागिनी दोनों को चोद कर मैं जवानी का आनंद ले रहा था। किसी रात को दोनों चुदवाने का मन बना बैठीं तो क्या होगा? यह सोचकर मैंने टाइम टेबल बना दिया और उनको भी समझा लिया।

अब सोमवार तथा गुरुवार को कमलिनी की चूत, बुधवार को रागिनी की गांड एवं शुक्रवार को रागिनी की चूत चोदने का कार्यक्रम होने लगा। बीच में कभी रेखा घर पर न हो तो दिन में रागिनी या कमलिनी कोई भी जो उपलब्ध हो जाए, चुद जाती थी।

बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए…. Antarvasna

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