Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Barabanki: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Barabanki who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Barabanki that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Barabanki massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Barabanki who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Barabanki massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Barabanki massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Barabanki who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Barabanki employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Barabanki helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Barabanki

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Barabanki at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

और ऐसा कहकर वो लेट गई Antarvasna और मेरे लन्ड को अपनी चूत के योनि-द्वार पर रगड़ने लगी और जैसे ही उसकी कोमल चूत का स्पर्श मेरे लन्ड पर हुआ, फ़िर से 8″ का लम्बा हो कर सलामी मारने लगा। मेरा लन्ड भी उसकी चूत के लिये बहुत ही व्याकुल था, क्युँकि बहुत तड़पा था राखी की चूत के लिये।

मैंने कहा,” देखा जान ! कैसा फ़ुदक रहा है तुम्हारी चूत के लिये !”

फ़िर मैंने राखी को बेड पर सीधा लिटाया और मैं उसके उपर आ गया। अपने लन्ड को उसकी चूत के गुलाबी छेद पर रखा और अन्दर डालना शुरु कर दिया, उसकी चूत बहुत ही टाईट थी इस लिये मेरा लन्ड उसकी चूत में मुश्किल से जा रहा था, लेकिन कुछ जोर लगाने से सारा अन्दर घुस गया मुझे लगा कि उसकी चूत की सील पहले ही किसी ने तोड़ी हुई है।

मैने उससे पूछा,”क्या आज से पहले कभी सेक्स किया है?”

तो उसने कहा,” हाँ ! एक बार मेरे मामा का लड़का हमारे घर में आया था और रात को वो हमारे कमरे में सोया था तो रात को मेरे करीब आया, उसने मुझे नंगा कर दिया और अपने लन्ड को मेरी गीली चूत के पास लाया और मेरी चूत पर मसलने लगा। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था इसलिये मैं उसके लन्ड को अपनी चूत में घुसाने लगी, जैसे ही उसका लन्ड मेरी कुंआरी चूत में गया मुझे बहुत दर्द हुआ था और मेरी चुत में से खून निकलने लगा। फ़िर वो मेरी चूत में कुछ देर तक हिला और जल्दी ही झड़ गया। और वो जाकर सो गया, मेरा मजा अधूरा ही रह गया और उस रात को मैंने अपनी चूत को अपनी उन्ग्लियों से शान्त किया !”

“लेकिन आज आप मेरी चूत को ऐसे चोदना कि इस साली को चैन पड़ जाये !”

मेरे लन्ड ने उसकी चूत में अपने लिये जगह बनाई और पूरा का पूरा 8″ का अन्दर समा गया। मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की चुदाई शुरु कर दी। अब वो जन्नत में थी, चिल्लाई,” और अन्दर तक डाल दो !”

मैं समझ गया कि उसकी चूत बहुत ही चुदासी हो उठी है।

उसने अपने कूल्हे ऊपर उठाये और मेरे लन्ड को अपनी चूत में और गहराई तक समा लिया। मेरा लन्ड काफ़ी मोटा और तगड़ा था जिससे मेरे लन्ड पर उसकी चूत कसी हुई थी। जैसे ही मैं अपना लन्ड बाहर निकालता उसकी चूत के अन्दर का छल्ला बाहर तक खिंच कर आता और लन्ड के साथ अन्दर चला जाता।

मेरा लन्ड उसकी चूत को अन्दर तक पेल रहा था। कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद मैंने एक तकिया उसकी गाँड के नीचे लगा दिया जिससे उसकी चूत ऊपर उठ गई और चूत का छेद थोड़ा सा खुल गया और अपना लन्ड उसके योनि-द्वार पर रखा और कमर को एक झटका दिया, मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर के आखिरी हिस्से पर जा टकराया। राखी उत्तेजना में भर गई, मेरे सीने से चिपक गई और उसके मुँह से निकल पड़ा,” ओह्ह्ह्………हाय्…………अब……मजा मिला है ! आपका लन्ड मेरी चूत के आखिरी हिस्से को रगड़ रहा है, बस ऐसे ही मुझे चोद डालो !”

मैंने उसकी दोनों टाँगों को ऊपर उठाया और उसकी चूत में लन्ड तेज रफ़्तार से आगे पीछे करके लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में रफ़्तार पकड़ चुका था। मैं उसके ऊपर छाया हुआ था और मेरे होंठ उसके रसीले होंठों को चूस रहे थे। राखी की कामोत्तेजना इतनी तीव्र थी कि उसका सारा शरीर तप रहा था, उसने उन्माद में अपनी दोनों आँखें बन्द कर रखी थी और उसका शरीर मछली की तरह तड़प रहा था।

जैसे ही मेरा लन्ड उसकी चूत में जाता, वो अपनी कमर उठा कर लन्ड को अन्दर तक समा लेती, मेरे लन्ड के हर प्रहार का जबाव वो अपने चूतड़ उठा उठा कर दे रही थी। मेरे बेडरूम का वातावरण राखी की चुदाई से गरम हो रहा था, कमरे में उसके मुँह से उत्तेजना भरी आवाजें गूंज रही थीं,” आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ! उईईईईई………उम्म्म्म्म्म्म्……… ।आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्……… ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…… चोद ! मुझे ! कस कर ! हाँ ………और तेज ! जोर जोर से चोद मुझे ! अन्दर तक पेल दे अपने लन्ड को ! फ़ाड डाल मेरी चूत को ! बहुत मजा आ रहा है। और चोद , कस कर चोद, सारा लन्ड डाल कर पेल ! मेरी चूत बहुत ही तंग करती है मुझे ! आज इसको शान्त कर दो अपने लन्ड से ! बहुत दिन बाद चूत की खुजली मिट रही है ! हाँ और तेज ! और तेज ! उईईईईईईइ………आआआअहाआअ………उह्ह्ह्ह्ह्ह्… ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्……………ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्……………हाँ…………”

और राखी का पूरा जिस्म अकड़ गया और उसने मुझे नीचे कर दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई और मेरे लन्ड को अन्दर लिये हुए चूत को रगड़ने लगी और उसने जिस्म को अकड़ाया और रुक गई। उसकी चूत इतनी गरम हो उठी कि मेरा लन्ड पिघलने लगा, और वो चुदाई के आखिरी पड़ाव पर आ गई और झड़ गई। मेरा लन्ड उसकी चूत के तरल द्रव्य से सराबोर हो गया। वो पहली बार इतना स्खलित हुई कि उसकी चूत से गरम गरम रस रिसने लगा और मेरी जांघों पर टपकने लगा।

उसके चेहरे पर सन्तुष्टि का भाव साफ़ नजर आ रहा था, लेकिन मैं अभी जल्दी झड़ने वाला नहीं था और मैं उसको लगातार ऐसे ही चोदे जा रहा था। अब उसकी चूत उसके स्खलित होने से लिसलिसा उठी थी और मेरा लन्ड उसकी चूत को घपाक से चोद रहा था, घच-घच की आवाज उसकी चुदाई से कमरे में गूंज रही थी।

मैंने राखी को घोड़ी की तरह पोजिशन में लिया और पीछे से लन्ड उसकी चूत में पेल दिया। इस बार मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में आसानी से चला गया और मैं उसको उसी पोजिशन में चोदने लगा।

कुछ देर बाद राखी फिर से झड़ गई। मैं लगातार उसको चोद रहा था, वो भी कमर आगे पीछे करके चुदाई का मजा लेने लगी। उसकी गाँड का भूरा छेद मेरे सामने था, मैं एक उन्गली से उसकी गाँड को भी मसल रहा था। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूची पकड़ ली और उनको दबाने लगा। मैं मानो राखी को चोदते हुए स्वर्ग में आ गया था और मैं कस कर रफ़्तार से तेज तेज चोदने लगा। उसके नितम्ब मेरी जांघों से टकरा रहे थे। 10 मिनट के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं भी स्खलित होने वाला हूँ।

मैंने राखी से पूछा तो उसने कहा,”मेरी चूत में ही भर दो तभी इसकी आग शान्त होगी !”

मेरे मुँह से कराह निकली और मेरे लन्ड ने गरम गरम वीर्य से उसकी चूत को भर दिया। मैंने चुदाई तब तक चालू रखी जब तक मेरे लन्ड में से वीर्य की आखिरी बूँद उसकी चूत में न निकल गई और उसी समय राखी भी फ़िर से झड़ ग़ई।

मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया। हम दोनों निढाल होकर बेड पर पड़ गये, उसकी चूत में से मेरा और उसका रस मिश्रित हो कर रिस कर उसकी जांघों पर आ गया।

कुछ देर बाद मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया और उस रात को मैंने राखी को दो बार और चोदा।

चुदाई के बाद राखी ने कहा,”आज आपने मेरी चूत की वर्षों की आग को शान्त किया है, ऐसा मजा जिन्दगी में पहली बार मिला है !”

फ़िर उसने मुझे गुड नाइट किस किया और हम दोनों थक कर सो गये। सुबह होते ही वो अपने घर चली गई।

अगर आपको मेरी कहानी पसन्द आई हो तो मुझे मेल करें। Antarvasna

Hindi Sex Stories

मेरा नाम मोहित है। मैं इन्दौर में Hindi Sex Storiesरहता हूँ। मेरी उमर अभी ५२ वर्ष है। मैं एक सरकारी नौकरी में हूँ। मैने कुछ ही दिनों से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। मुझे भी अपनी आप बीती लिखने की इच्छा हुई। मुझे ये बताने में जरा भी संकोच नहीं है कि ये सब मैने नेहा वर्मा के कहने पर उसे बताया। और उसी ने मेरी आप बीती आप लोगों को बताने को कहा और आप तक पहुंचाया।

यूं तो मेरी आप बीती आप लोंगो को बहुत साधारण सी लगेगी… क्योंकि ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। सच तो यह है कि नेहा की कहानी “अंकल की प्यास” कुछ कुछ मुझे अपनी सी लगी।

मैने अदिति से लव मेरिज की थी। वो बहुत ही सेक्सी लड़की थी। हमने अपनी जिन्दगी में बहुत सेक्स का लुफ़्त उठाया, जैसा कि सभी लुफ़्त उठाते है। मेरी बचपन की गलत आदतों से मेरा लण्ड पिछले कई साल से कुछ ढीला पड़ गया था। अब धीरे धीरे रही सही कसावट भी जाती रही। बाज़ार में मिलने वाली सभी दवाईयों को मैं आजमा चुका था।

मेरा डाक्टर दोस्त ने भी खासे एक्सपेरिमेंट मेरे ऊपर किये…पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ। एक बार तो मैने क्रीम का भी उपयोग किया …. पर उसका तो और ही उल्टा प्रभाव हुआ। नीम हकीमों के पास भी गया…कई बार तो मेरी तबियत भी इतनी खराब हो गई कि मुझे होस्पिटल में भरती होना पड़ा। इसलिये मेरा आपसे भी ये अनुरोध है कि आप भी अगर ऐसी कोई समस्या से पीड़ित हो तो कृपया नीम हकीम के चक्करों में ना पड़े।

मेरी इस हालत का असर मेरी पत्नी पर भी हुआ। अब वो मेरे से दूर रहने लगी। सेक्स की बात तक नहीं करती थी। मेरे हाथ भी लगाने से उसे अच्छा नहीं लगता था। धीरे धीरे मेरे सुनने में भी आने लगा कि अदिति के किसी दूसरे के साथ लग गई है। घर में इस बात को लेकर मैं उलझ भी पड़ता था। कइ बार मैने पत्नी से विनती भी की कि मुझे भी बहुत इच्छा होती है…. मुझे ऊपर से सहला कर या मुठ मार कर….या लण्ड चूस कर मेरा वीर्य निकाल दिया करो। पर उसका कहना था कि ऐसे करने से उसके तन बदन में आग लग जाती है….उसे कौन चोदेगा फिर। मेरा कहना था कि फिर मैं कहां जाऊं। किससे कहूं…. किसके साथ अपनी प्यास बुझाऊं।

अब तो ये हाल है कि मेरी पत्नी मुझसे ज्यादा बात ही नहीं करती। अब अलग कमरे में सोता हूँ…. बस देर रात तक मैं पोर्न साईट देखता रहता हूँ और मुठ मार कर अपना माल निकाल देता हूँ। अब तो इसकी मुझे आदत सी हो गई है।

इन्हीं दिनों मेरी मुलाकात नेहा से हुई। वो किसी समय में अदिति की छात्रा थी। उसमें मुझे कोई बात अलग सी लगी। उसके बात करने का अन्दाज़ और उसकी सहानुभूति का अन्दाज़ भी अलग था ….कहा जाये तो बहुत मधुर स्वभाव की जान पड़ी। हालांकि वो तो मेरे से बहुत छोटी थी। करीब २५ साल की होगी। फ़िगर और सेक्स अपील उसमे बहुत थी। मुझे वो सुन्दर भी बहुत लगती थी।

एक दिन बातों बातों में उसने मुझे पूछ ही लिया “अंकल…. आप अलग क्यो रहते हैं…. ये कमरा तो शायद बैठक है….” ये सीधे मेरे दिल पर चोट थी।

“ऐसी कोई बात नहीं है…. बस मैं लिखता पढ़ता बहुत हूँ….इसलिये मुझे डिस्टर्बेन्स नहीं चाहिये….”

“पर आन्टी तो आपको बुरा भला कहती है….कि बुढ्ढा तो किसी काम का नहीं है…. बस परेशान करता रहता है….” नेहा ने मुझसे हंसी में कहा। फिर एक चोट दिल पर लगी। मेरी आंखे कब गीली हो गई मुझे पता ही नहीं चला। पर मेरे छलकते आंसू नेहा की नजरों से नहीं छुप सके।

मै ऊपर से मुस्कराते हुए बोला….”अदिति….बहुत प्यारी है….वो तो मजाक में कहती है….देख मैं बुढ्ढा लगता हूँ….” अपनी लड़खड़ाती आवाज को मैं खुद भी नहीं छिपा सका।

“सॉरी अंकल…. मेरा मतलब ये नहीं था….सच में सॉरी….” उसने मेरा हाथ थाम लिया। मैं अपने आंसू नहीं रोक पाया पर दो बून्दें टपक ही पड़ी। नेहा को शायद दुख हुआ।

मेरे माथे को चूमती हुई बोली,”आप तो मेरे पिता समान है…. पर मैं तो आपको बोय फ़्रेंड मानती हूँ ना….” मैने माहौल को हल्का बनाने की कोशिश की। मैने भी हालात को सम्हालने की कोशिश की।

“हाय….मेरी गर्लफ़्रेन्ड…. ” मैने उसके उसके गाल चूम लिये।

“अंकल…. कैसी भी बात हो ….प्लीज़ मुझे बताईये ना….”

“अरे छोड़ ना….जख्मो को कुरेदेगी तो फिर से घाव रिसने लगेगा….”

“एक अन्दर की बात बताऊं….आप को शक है ना कि मैं कामुक कहानियाँ लिखती हूँ….हां अंकल मैं ही वो नेहा हूँ….”

“सच…. देखा मेरा आईडिया सही था ना…. तब मै तुम्हे सब बता सकता हूँ।” मैने उसे धीरज से पूरी कहानी बताई…. नेहा ने मेरी इज़ाज़त लेकर उसे अपने छोटे से रेकोर्डर में रेकॉर्ड कर लिया।

“अंकल बुरा ना माने तो मैं एक बात कहू….”

” हां….हां….कहो मेरी गर्ल फ़्रेन्ड….” मैने उसे हल्का सा मजाक करते हुए कहा।

“आपने बताया कि आप में कमजोरी आ गई है…. मुझे लगता है आप इन्टरकोर्स कर सकते है…. बस आंटी का रूखापन आपको मार गया है….”

” हो सकता है…. आज कल उसके और आनन्द के चर्चे भी हो रहे है…. शायद वो उससे खुश भी है….” मैने अदिति की एक तरह से शिकायत की। पर नेहा का इरादा कुछ और ही था। उसने सीधा मुझ पर वार किया -“मैं कुछ आप पर ट्राई करूं….” उसने मेरी पेन्ट के ऊपर से मेरे लण्ड पर हाथ रखते हुए कहा।

मैं एकदम से शरमा सा गया….असंमजस की स्थिति में हो गया कि अचानक ये क्या….। पर दिमाग ने सोचा कि इससे मेरा क्या लेना देना…. करने दो….ज्यादा से ज्यादा मुझे गाली दे कर चली जायेगी और क्या होगा। मेरी सोच कुछ अलग होने लगी। शायद कुछ स्वार्थ समाने लगा था या मैं मजे का मौका नहीं छोड़ना चाह रहा था।

“क्या…. जैसे…. ” उसका हाथ मेरे लण्ड पर कसता जा रहा था। मुझे तेज सिरहन आने लगी थी। मैने उसे निराशा से कहा -“नेहा…. छोड़ो ना…. कोई फ़ायदा नहीं है….”

जवाब में उसने मुस्कराते हुए अपने होंठ मेरे होंटो पर चिपका दिये…. मुझे धकेल कर सोफ़े पर लेटाने लगी। मेरे हाथों को उसने अपनी छातियों पर रख दिया। मेरी इच्छायें बलवती होने लगी। अन्दर का मर्द जाग उठा। मेरा ठन्डा खून एकाएक उबल पड़ा। मैंने उसे कस लिया। नेहा ने भी ऐसा दिखाया कि जैसे उसे नशा सा आ गया हो।

“मैं आपको खुश कर रही हूँ….कुछ इनाम दोगे….?”

“हाय….नेहा…. तुम कितनी अच्छी हो….”

“अंकल…. अपना पजामा उतारो ना….” नेहा ने भी अपनी जीन्स उतार दी…. आश्चर्य ….मेरा लंड खड़ा हो चुका था….

नेहा बिस्तर पर लेट गई और अपने दोनों पांव ऊपर उठा लिये। उसकी गोल गोल गाण्ड और चूत रोशनी में चमक उठी। उसकी जवानी और नीचे के कटाव गजब के थे…. फूल जैसी चूत की दो पन्खुड़ियां खिल उठी।

“अंकल ….आओ न….” नेहा ने मुझे चोदने का न्योता दिया। मैं लपक कर उसके दोनो पांवो के बीच आ गया…. मेरे अन्दर नई उत्तेजना थी….लण्ड को खड़ा देख कर और जवान लड़की को देख कर मेरी उत्तेजना फ़ूटी पड़ रही थी। मेरा सुपाड़ा भी फूल कर लाल हो गया। पर उसी समय मुझे अपना कोन्फ़ीडेन्स डगमगाता हुआ दिखाई दिया और मेरा लण्ड मुझे ठन्डा होता जान पड़ा। मैने अपना लण्ड नेहा की चूत में लगाया और धक्का दिया। पर हाय…. वो अन्दर नहीं गया और फ़िसल कर नीचे आ गया। मैने फिर से ट्राई किया पर नहीं घुसा।

मैं घोर निराशा में डूब गया। मैं धीरे से उठा और बिस्तर से नीचे आ गया। मेरा मुँह उतर गया था। नेहा तुरन्त बिस्तर से उतर आई और अपनी जीन्स पहन ली।

“अंकल …. आप बिलकुल ठीक है….इतना कठोर था…. बस आप कोन्फ़ीडेन्स छोड़ देते है….”

“नही….नेहा सॉरी…. तुम बेकार ही ये सब कर रही हो….”

“नहीं अंकल…. बस आप मुझे अच्छे लगते है…. मेरा तो मन आप पर आ गया है….” नेहा ने मुझे प्यार करते हुए कहा।

“क्याऽऽऽ….तुम्हारा दिमाग तो सही है न…. मै बुढ्ढा ५२ साल का और अभी तो तुम ….”

“आपकी गर्लफ़्रेन्ड…….. अच्छा अंकल कल मैं इसी समय फिर आऊन्गी…. आंटी तो स्कूल जाती है ना इस टाईम….” नेहा इठलाते हुए चली गई।

मैं सोचता रहा कि क्या कुछ जादू हो गया…. नेहा एक दम से मुझसे कैसे प्यार करने लगी…. हुहं मरने दो…….. साली चालू होगी….। वरना कोई क्या ऐसे ही चुदने को तैयार हो जायेगी ??

अगले दिन ठीक उसी समय नेहा आ गई। मैने सोच लिया था कि आज ये जितना मजा देगी उसका मैं उसे पेमेंट कर दूंगा। आते उसने सवधानी से सभी ओर देखा….

“कोई नहीं है…. ” मैने हंस कर कहा। और वो मुझसे लिपट गई…. उसने फिर से मुझे उत्तेजित करना चालू कर दिया। इस बार मैने सोच लिया था कि मजे करूंगा और उसे कुछ रूपये दे दूंगा। मैने भी उसके बोबे मसलने शुरु कर दिये। उसने मेरा पायजामा खोल दिया।

आज वो साड़ी पहन कर आई थी। उसने साड़ी समेत अपना पेटिकोट ऊंचा कर लिया और बिस्तर पर लेट गई। मुझे ख्याल ही नहीं रहा कि मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। बस मैं उसके ऊपर चढ गया और लण्ड नेहा की चूत में घुसा डाला।

“हाय अंकल…. मैं तो चुद गई…. कस के चोद दो….प्लीज….धक्के लगाओ…. हाय रे….”

मैं उसकी नंगी भाषा से और उत्तेजित हो उठा। और मस्त हो कर उसे चोदने लगा। मुझे लगा कि सारी जन्नत मेरे नीचे है…. सारी नसें खिंच कर लण्ड में भरने लगी। शरीर में फ़ुरहरी छूट गई…. और…. मेरे लण्ड ने फ़ुहार छोड़ दी। नेहा ने मुझे कस कर पकड़ लिया…. मै झड़ता रहा …. लगा मेरे शरीर की एक एक बूंद निकल गई है…. मैं हांफ़ उठा था।

अचानक मुझे मह्सूस हुआ….अरे ये कैसे हो गया….क्या मैने अभी अभी चुदाई की थी। नेहा अपनी साड़ी ठीक कर रही थी।

“थेंक यू माय बॉय फ़्रेंड…. फ़ोर ए नाईस फ़क….” नेहा ने मुस्करा कर कहा।

“नेहा….पर ये सब…. हो गया ना….”

“आप मर्द है….अभी आप सब कुछ कर सकते हो…. पर कल मैं फिर आ रही हूँ…. कल जरा और जोरदार फ़क….थोड़ा ज्यादा देर तक…. ठीक है ना….।”

मैं नेहा से लिपट पड़ा। मैने जेब से उसे १००० रु का नोट निकाल कर दिया….

“नेहा प्लीज मना मत करना…. अपने लिये मेरी तरफ़ से कोई गिफ़्ट ले लेना….”

” बस अंकल…. मेरी बोली लगा दी ना आपने….”

“नेहा नहीं….नहीं…. क्या मैं अपनी गर्लफ़्रेन्ड को कोई गिफ़्ट नहीं कर सकता….?” मैने अपनी नजरे शर्म से झुका ली….जिसमे गलती का अहसास भी था और ग्लानी भी थी….शायद पकड़े जाने की….

“अंकल लाओ ये रुपये अब मेरे…. पर देखा आप कहते थे ना…. आंटी आपको बुढ्ढा कह्ती थी…. अरे अपनी मर्दानगी बता दो उसे…. “

“नेहा …. पर ये अचानक ही कैसे हो गया….”

“एक जैसे लाईफ़…….. एक जैसी रोज की चुदाई…. ज़िन्दगी में एकरसता…. कोई नयापन नही…. नया आसन नही…. वगैरह….ना तो आपमे कोई कमी है और ना ही आंटी में….”

मैं उसे देखता ही रह गया। इतनी सी उमर मे….इतना ज्ञान…. फिर क्या नेहा ने सिर्फ़ मेरा आत्मविश्वास उठाने के लिये ये सब किया।

“अब मैं जाती हूँ…. अंकल कल मैं इसी समय फिर आऊंगी…. याद रहे…. कल कस के चुदाई करना…. कि मुझे नानी याद आ जाये….”

वो लहराती हुई चली गई…. मैं दरवाजे पर खड़ा उसे देखता रह गया…. जिसे मैं शुरु से अपनी बेटी की तरह प्यार करता था उसने मुझे ये सब करके मेरी ज़िन्दगी में फिर से एक आत्मविश्वास जगाया। मुझे अपना बॉय फ़्रेन्ड बना कर मुझे बता दिया कि मैं अभी भी सब कुछ कर सकता हूँ।

ये थी मोहित की आप बीती सच्ची कहानी…. जिसमे मैने अपने आपको हिरोइन के रूप में रखा है। इन दोनो चरित्रों के नाम बदले हुए है। ये आप बीती मुझे एक मेल द्वारा प्राप्त हुई थी। पर मेरा मानना है कि ये एक अस्थाई वासना का रूप है…. जो कि एक जवान लड़की को देख कर आग की तरह भड़क जाती है….तो जल्दी बुझ भी जाती है। एक नयापन जिन्दगी में आता है…. । नसों में नया जोश….नया खून दौड़ पड़ता है…. लण्ड एक बारगी तो फ़ड़फ़ड़ा उठता है…. और आगे….Hindi Sex Stories

Hello guys me amit umar 18 saal hain.me orphan hoon me mere mama ghar me hin pala bada hoon . Mama ghar me abhi sirf mami hi hain nana nani ka to pehle hin natural death ho gaya tha .lekin mama aur unke 1 beta aur 1 beti thi jinki umar 10 ur 12 saal tha inka road accident me death ho gaya me ek scholar tha to padhai me mujhe koi diqqat nahi tha me 1 class se hi govt school me padta tha phir 6 th me navoday me chala gaya jaha maine apna 12th khatam kiya aur age neet clear karke ek best medical college me admissions le liya meri mami bhi unke bacchon se jyada pasand karti thi isliye unhone mujhe financial kuch kuch problem nahi hone diya jab me 9th me tha tab mama ka accident huwa tha jisme sabka death ho gaya mami us samay unka tabiyat kharab tha wo nahigayi thi . Apne family death sun ke mami 1 saal tak sadme me thi isliye mera 9th ghar me hi bit gaya mami ke ghar wale dusre sadi ke kiye bol rahe the mere liye unhone sadi nahi kiya phir 1 saal bad mami normal hone lagi aur me phir school a gaya Meri mami ka panaswari hai unki age abhi 32 years hain mama ke pension taqriban 13k a rahe he monthly jisme nomini ke tor pe me au mami the to mami ne mujhe family member ke liye mujhe add kiya tha jisme mera 25 years tak pension milega mami halaki maine loan liya tha jisme mera college ka fees sab include hai . Mera jab medical college me admissions hua tab mami apne ghar chodke mera college jahan pe tha wahan se bas 5 km dur ne room liye the jiska kiraya sirf 3k tha jisme 2 bed room 1 kitchen balcony au bathroom aur ek hole bhi tha ab mami akele hone ke karan mere pass hin rehna chahti thi iliye humne sara saman seher shift kar liye. Seher shift hone ka bad mera medical me admissions huwa aur ab me mami je sath rehne wala hoon mami bhi bhut khus thi . Aur ab mere college ka class start hone me bhi 1 mahina baki tha tab mami ne kahin ghumne ka plan banaya hum dono vishakha patnam ghumne ke liye soche us raat humne kuch shopping ki aur rat ko hin sab kuch pack kar kiye dusre din mami uthi aur fresh hoke mujhe uthayi phir hum dono taiyat huye maine jeans aur t shirt pehna mami yellow red saree pehene wali thi wo bathroom se hin petikot aur bra pehni thi au wo mere room me ayi saree pehnene maine mami ko 1st time petikot aur black bra me dekh raha tha tabhi maine unko sexiness nature se dekha lekin apne ap ko control kiya aur niche jhook gaya phir mami ne mujhe bola ki blouse ko piche

Indian Sex Stories

मेरा नाम विनोद है, मेरा कद ५’७” और मेरा लण्ड ६” का है। मैं Indian Sex Stories गुड़गांव का रहने वाला हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी तो मेरा भी मन एक कहानी लिखने को हुआ।

हमारे पड़ोस में सुमन नाम की एक लड़की रहती है। मैं उसे बचपन से जानता हूँ पर अब वो जवान हो गई है, उसकी फ़ीगर ३२ २८ ३० है। वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती है। मैं उसे बहुत पसन्द करता हूँ। वो अक्सर हमारे घर आती रहती है पर मेरी कभी उससे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई।

एक दिन उसकी मम्मी हमारे घर पर आई और उसने मुझे कहा कि सुमन को इंटरनेट पर साइंस का प्रोजेक्ट निकालना है। वो मेरे पास इस लिए आई थी क्योंकि मैं कंप्यूटर हार्डवेयर नेट्वर्किंग का काम करता हूँ। मैं अन्दर से खुश हो गया।

लेकिन मैंने ना जाने का बहाना बनाया। उसने कहा उसे बहुत जरुरी प्रोजेक्ट बनाना है। मैंने कहा- ठीक है।

फ़िर मैंने उसे अपनी बाइक पर बिठाया और हम दोनों शोना चौक साइबर कैफे चले गए। हमने वहां प्राइवेट केबिन लिया, जैसे ही हम केबिन में गए तो देखा कि केबिन में एक ही कुर्सी थी, मैंने कैफे वाले से कहा तो उसने मना कर दिया क्योंकि उस दिन रविवार था और कैफे में बहुत भीड़ थी।

जब मैंने सुमन को कहा तो उसने कहा कोई बात नहीं हम एडजस्ट कर लेते हैं।

हम केबिन में गए और मैंने केबिन का दरवाजा बंद कर दिया। केबिन की कुर्सी छोटी थी जिससे हम दोनों चिपक कर बैठ गए। उस दिन सुमन ने सफ़ेद सुइट -सलवार पहनी थी। मेरी टांग उसकी टांग से चिपकी हुई थी, जिस से मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।

उस दिन शायद मेरी किस्मत अच्छी थी जिससे उसकी प्रोजेक्ट वाली साईट खुल नहीं रही थी। कुछ देर बाद उसने कहा कि प्रोजेक्ट साईट तो खुल नहीं रही चलो चलते हैं।

लेकिन मैंने कहा कि मैं तब तक अपनी आइ.डी चेक कर लेता हूँ, तो वो मान गई।

जैसे ही मैंने कीबोर्ड पर लिखना शुरू किया तो मेरा हाथ सुमन के बूब्स पर लग गया। उसके बूब्स एक दम कड़क थे। फिर मैंने आपनी साईट खोली तो उसमे सेक्सी पिक्चर आई हुई थी। जैसे ही वो खुली तो मैंने उन्हें झट से बंद कर दिया।

उसने कहा- क्या था ये?

मैंने कहा- तुम्हारे मतलब की चीज नहीं है !

उसने कहा- दिखाओ तो सही !

मैंने कहा- तुम बुरा तो नहीं मानोगी?

उसने कहा- नहीं मानूंगी !

फ़िर मैंने वो फोटो खोल दी। वो उसे देख कर शरमा गई और नज़रे नीचे झुका ली।

फ़िर मैंने पूछा- तुम ऐसी फोटो पसंद करती हो क्या?

उसने कहा- नहीं !

फ़िर मैंने कहा- और देखना चाहती हो?

तो उसने शरमाते हुए कहा- तुम्हारी मर्जी !

मैं समझ गया कि अब वो तैयार है। मैंने उसे और फोटो दिखाई फ़िर मैंने उसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है?

उसने कहा- कभी नहीं !

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- सुमन ! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ !

तो वो बोली- मैं भी !

तब मैंने झट से उसके गोरे गोरे गाल को चूम लिया। वो कितना शानदार पल था। हम दोनों बिल्कुल चिपके हुए थे।

फ़िर हमारा समय समाप्त हो गया। हम घर के लिए निकल पड़े। मैंने उसे कहा कि कल मेरे घर पर आ जाना।

उसने कहा- ठीक है!

अगले दिन वो हमारे घर पर आ गई। घर पर कोई नहीं था, सब शादी में गए हुए थे। मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा। मैंने उसके बदन को ऊपर से नीचे तक चूमा। उसने जीन्स और टोप पहना हुआ था।

हम दोनों गर्म हो चुके थे। मैंने उसकी जीन्स और टोप उतार दिए, अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में एकदम कयामत लग रही थी।

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर चूचियों को चूसना शुरू किया तो चूसता ही रहा।

फ़िर उसने कहा- जल्दी करो ! अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा !

तो मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए उसकी पैन्टी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और बहुत ही चिकनी थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर टिकाया और अन्दर घुसाने लगा तो मेरा लण्ड अन्दर जा ही नहीं रहा था क्योंकि उसकी चूत बहुत ही तंग थी। मैंने थोड़ा सा तेल उसकी चूत पर लगाया और एक तकिया उसकी गाण्ड के नीचे लगा कर फ़िर से अपना लण्ड घुसाने लगा तो एक झटके में ही मेरा आधा लण्ड सुमन की चूत में घुस गया और वो दर्द से चिल्ला पड़ी।

मैंने अपने होंठों से उसका मुँह बन्द करने की कोशिश की तो वो रो पड़ी और रोते रोते बोली- बहुत दर्द हो रहा है !

फ़िर मैं झटके मारने लगा तो उसको भी मज़ा आने लगा और उसके मुँह से सीऽऽ ओऽऽ ईऽ उईऽ आऽऽ की आवाज़ें आने लगी। वो सिसकारियाँ भरने लगी।

दस मिनट के बाद मेरा निकल गया और वो भी झड़ चुकी थी।

थोड़ी देर बाद हमने एक बार और मज़ा लिया। इस बार उसे ज्यादा मज़ा आया।

फ़िर कपड़े पहन कर सुमन अपने घर चली गई।

अब हमें जब भी मौका मिलता है हम काम-क्रीड़ा का आनन्द लेते हैं।

मुझे आशा है कि आपको मेरी कहानी पसन्द आई होगी। Indian Sex Stories

मेरा नाम यश है मैं आँगनवा जोधपुर का रहने वाला हूँहूँ. मेरी उम्र अभी इक्कीस साल है और मेरे लंड का साइज़ सवा छह इंच है, लंड की मोटाई तीन इंच है.

ये मेरी और मेरी बेस्ट फ्रेंड की चुदाई की कहानी है जो पिछले महीने की बात है.

शुरूआत में वैसे तो मेरे मन में उसके लिए कोई खराब विचार नहीं थे, पर ये सिलसिला उसके ब्वॉयफ्रेंड की वजह से शुरू हुआ. वो अक्सर ये कहती थी कि उसका बीएफ रोमांटिक नहीं है. थोड़े दिन ऐसी ही बातों का दौर चला. चूंकि वो मेरी अच्छी दोस्त थी, तो एक बार वो मुझसे मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछने लगी.

पहले तो मैंने भी उसे वैसे ही समझते हुए बताया, जैसे दो दोस्त आपस में बात करते हैं. मैंने उसे मेरा पहला सेक्स अनुभव बता दिया. मैंने इस सबको बड़ी ही साधारण तरीके से बताया था, पर वो मेरी बात को बड़ी तफसील से जानना चाहती थी. वो मेरी इस पहली चुदाई की एक एक बात के बारे में बड़ी गहराई से पूछ रही थी. जैसे मैंने लड़की के ब्रेस्ट कैसे चूसे थे … फिर चूत कैसे लिक की … वग़ैरह वग़ैरह!
उसके ऐसे बर्ताव की वजह से मुझे शक हुआ कि कहीं ये सेक्स की बातों के बहाने मुझसे सेक्स तो नहीं करवाना चाहती.

मैं आपको अपनी इस फ्रेंड के बार बता देता हूँ. उसका नाम ऋषिका है. उसका फिगर 34-26-36 का है. ऋषिका हर रोज जिम जाती है, तो फिगर काफी अच्छा संवारा हुआ है. वो कहीं से भी ढीली पोली नहीं लगती. उसके बदन का हर हिस्सा एकदम चुस्त और मस्त लगता था.

उसकी सेक्स की बात को लेकर मैंने उससे ज्यादा तो कुछ नहीं कहा बस उसकी जानकारी को जितना खुल कर बता सकता था, उतना मैंने उसको बता दिया.
खैर … बात आई गई हो गई. लेकिन मैं अब उसकी कामना को समझने की कोशिश करने लगा था.

दो दिन बाद हम दोनों साथ में बाइक से कॉलेज जा रहे थे, तो मैंने चैक करने के लिए जानबूझकर जोर से ब्रेक मारा. जिससे उसकी मनोदशा मालूम की जा सके कि वो मुझमें किधर तक इंटरेस्टेड है.

झटका लगा तो वो उछल कर आगे को आ गई और मेरे बम्प से सट कर बैठ गयी. उसने झटके के बाद अपनी पोजीशन को भी नहीं बदला. उस टाइम उसके कड़क मम्मे मेरी पीठ से टच कर रहे थे. मैंने पीठ पीछे करके उसके मम्मों की सख्ती का मजा लिया. लेकिन इस पर भी वो पीछे को नहीं हुई. जब वो पीछे नहीं खिसकी तो इससे मेरा शक यकीन में बदल गया. मैं पीठ उसकी चूचियों से ही सटाए. मैंने महसूस किया कि उसके निप्पल एकदम कड़क हो गए थे और मम्मे भी तन गए थे.

मैं अपनी पीठ से उसके मम्मों को रगड़ रहा था, फिर भी वो मजे से उसी स्थिति में बैठी रही.

बस उस दिन इतना ही हो पाया. अब मैं ये तो समझ गया था कि वो चुदने को बेताब है, पर मैं उसे तड़पाना चाहता था, इसलिए दूसरे दिन मैं उसकी स्कूटी से गया. फिर जब एक स्पीड ब्रेकर आया तो उसने भी ब्रेक लगे और स्कूटी उछलने से हम दोनों भी उछले. इस झटके से मैं जानबूझ कर आगे को खिसक कर उससे चिपक गया. मैं इस तरह से बैठ गया ताकि मेरा कड़क लंड उसकी गांड को टच होने लगे.

जब मेरा लंड उसकी गांड को टच हुआ तो आह … मजा ही आ गया. क्या बताउं आपको कि मुझे इस वक्त कितना मजा आ रहा था. उसकी एकदम मुलायम रुई जैसी गांड और ऊपर से गांड की गर्माहट मिली, तो मेरा लंड तो एक ही झटके में पूरा तन गया. मेरा लंड गांड का स्पर्श पाकर झटके मारने लगा था.

जब मेरा कड़क लंड उसकी गांड की दरार को छूने लगा, तो शायद उसको भी पता लगा गया. पर आश्चर्य कि वो वैसे ही गांड से लंड दबाए बैठी रही. मेरा लंड गांड में गड़ने से भी उसने कोई विरोध भी नहीं किया था, जिससे मुझे लंड को झटके देने का मजा मिलना शुरू हो गया था.

वो भी मस्ती से लंड का अहसास करते हुए आराम से अपनी स्कूटी चला रही थी. स्कूटी के झटकों से वो मेरे लंड पर अपनी मस्त गर्म गर्म और नर्म नर्म गांड भी घिस रही थी. इस सबसे मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि जैसे लोहे का लंड हो गया हो. उस पर ऊपर से उसकी गांड का घिसाव भी मेरा लंड चरम की अवस्था में आ गया था और लावा उगलने को तैयार हो गया था. वो तो अच्छा हुआ कि कॉलेज आ गया और मेरा पैन्ट गीला होने से बच गया.

जब वो स्कूटी रख कर आयी, तो उसने मेरी पेन्ट में बना तंबू देखा. वो मुस्कराने लगी … ये सब उसने जानबूझ कर जो किया था.

उसने उसी दिन अपने बीएफ से ब्रेकअप कर लिया. वैसे भी वो ऋषिका के साथ ओरल शुरू करते ही झड़ जाता था, ऐसा ऋषिका ने मुझे बताया था.

ब्रेकअप के बाद ऋषिका मेरे और करीब आ गयी थी. मेरे साथ में चिपक कर बैठना, फिर स्कूटी वाला खेल खेलना, ये सब आम बात हो गई थी.

मैं जब रिसपोन्स नहीं देता था, तो भी वो अपने मम्मे मेरी पीठ से टच कराने लगती थी, मेरे लंड से अपनी गांड घिसना, ये सब करने का मजा लेती रहती थी. मैं सब समझ रहा था, लेकिन उसके बोलने का इन्तजार कर रहा था. वो भी खुल कर नहीं बोल रही थी कि मुझे तुमसे चुदवाना है.

फिर एक दिन कि बात है, जब मैंने आगे बढ़ने की सोची और एक योजना बनाई. योजना के मुताबिक मैं उसको लांग ड्राइव पर ले गया. फिर एक गुप्त सी लगने वाली सुनसान जगह पर ले जाकर गाड़ी को रोक दिया. इधर अक्सर मैं अपनी जीएफ के साथ चुदाई करता रहता था. उस जगह की खास बात ये थी कि शाम को 7 बजे के बाद वहां कोई नहीं आता जाता है. ये जगह मेरे दोस्त के खेत पर बना एक फार्म हाउस का कमरा था, इसलिए कोई आ भी जाए, तब भी किसी तरह का बवाल होने जैसी सम्भावना नहीं थी.

वहां पहुंच कर जब ऋषिका ने सुनसान एरिया देखा तो वो बोली- बाप रे इतना सुनसान इलाका … यहां क्या काम है … मुझे इधर क्यों ले कर आए?
मैं- इरादा तो नेक ही है, बस तुमसे अकेले में बात करनी थी तो ले आया.
ऋषिका - अकेले में? तो फिर फोन से भी तो हो सकती थी ना?
मैं- जो मजा मिलके बात करने में आता है … वो मजा फोन में कहां?
ऋषिका - बातें बनाना तो कोई तुमसे सीखे … चलो अब आ ही गए हैं तो बताइए जनाब अकेले में क्या गुफ्तगूं करनी है आपको?

मैं उससे पीछे से जाकर चिपक गया. जैसे कि मैंने पहले बताया था कि ऐसे चिपकना हमारे बीच आम बात थी. तो उसको कुछ अजीब नहीं लगा. पर मैंने इस तरह उसके कंधे पर अपना सिर रखा कि मेरी गर्म सांसें उसकी कान की लौ और गरदन को छूने लगीं.

यह बात तो आप जानते ही होंगे कि नारी का ये हिस्सा कितना सम्वेदनशील होता है. मैंने जैसे ही ये किया और मेरी गर्म सांसों ने उसकी गरदन को छुआ, वो एकदम से सिहर उठी.

चूंकि हम खड़े थे, उसके ठीक सामने लगभग चार पांच कदम की दूरी पर गन्ने का खेत था, जो पानी से भरा हुआ था. तो उस तरफ से बह कर आने वाली हवा एकदम ठंडी थी, जो हम दोनों को छू कर जा रही थी. इस स्थिति की आप कल्पना कर सकते हो, जब मेरी गर्म सांसें उसकी गरदन को छू रही होंगी और सामने से ठंडी हवा उसको सिहरा रही होगी, तो सेक्स उसपर किस कदर हावी हुआ होगा.

वो इस माहौल से एकदम से कांप उठी और एक बार फिर से उसकी थिरकती हुई गांड मेरे लंड को छूने लगी. मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया और उसकी गांड को छूने लगा, जिससे उसकी चुदास और बढ़ गयी. इसी के साथ उसकी गांड मेरे लंड पर रगड़ने की वजह से मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

चूंकि मेरा लंड उसकी गांड में चुभ रहा था, जिससे उसकी हालत खराब हो रही थी और मुझे भी अब रहा नहीं जा रहा था. तभी मैंने उसकी गरदन पर कई किस कर दिए, जिससे वो चिहुंक उठी और मुझसे और भी सट कर चिपक गयी.

मैंने धीरे से उसके कान में कहा- मुझे इस तरह की बात करनी है. क्या आपकी इजाजत है मेरी प्यारी ऋषिका रानी?
वो शरमा गयी, फिर मीठी स्माइल करके उसने हां में सिर हिला दिया. वो एकदम से घूम कर मुझसे कसके गले लग गयी.
आह … उस वक्त वो अहसास को मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

उसक़ी गर्म सांसें मेरी गर्दन को लग रही थीं, उसके सख्त मम्मे मेरे सीने से टच हो रहे थे. फिर मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में ले लिया और उसके माथे पर, गालों पे किस करता चला गया. आखिर में मैंने उसके कोमल रसीले होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसके होंठों से बह रहे अमृत को पीने लगा.

सच में आज जब मैं ये कहानी लिख रहा हूँ, वो एहसास मुझे अभी भी हो रहा है. क्या मस्त स्वाद था उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे नर्म और रसभरे होंठों का …

फिर ये किस से शुरू हुआ कब लम्बे स्मूच में बदल गया, पता ही नहीं चला. मैं उसकी जुबान चूस रहा था और वो मेरी जीभ चूसे जा रही थी.
जबरदस्त किसिंग का यह दौर लगभग 15-20 मिनटों तक चला होगा. उस दरमियान में उसके मम्मे भी दबा रहा था. उसके मम्मे इतने कड़क हो गए थे … मानो अभी ब्रा फाड़ कर बाहर आ जाएंगे.

फिर मैंने उसको उठा लिया और अपनी कार के बोनट पर बिठा दिया. किसिंग फिर से शुरू हुई और इस बार मैं उसे एक स्मूच करते करते नीचे को आने लगा. मैंने उसके गले को किस किया, जिससे वो अपनी आंखों को बंद करके मेरे गर्म होंठों को अपनी गर्दन को चूमता हुआ महसूस कर रही थी. इसके साथ ही ऋषिका और भी ज्यादा गर्म हो रही थी.

फिर मैंने उसे उठा कर कार की पिछली सीट पर सीधा लिटा दिया.

इसके बाद मैंने ‘दे दनादन’ फ़िल्म का वो गाना ‘गले लग जा …’ को स्लो वोल्यूम पे लगा दिया और फिर से उसके होंठों को चूसने लगा. उसको अपनी ओर घुमा कर अपनी गोद में बिठा लिया. उससे ये हुआ कि उसकी चुत मेरे लंड पर घिस रही थी. चूंकि मेरा लंड एकदम कड़क था, तो उसकी चुत की गर्मी महसूस कर रहा था. वैसे ही मेरे लंड की गर्मी वो भी महसूस कर रही थी.

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट धीरे से निकाली. उसने भी बिना वक्त गंवाए तुरंत हाथ ऊपर करके मेरी मदद की.

उसने टी-शर्ट के नीचे जालीदार ब्रा पहन रखी थी जिसमें उसके मम्मे बहुत ही सुंदर लग रहे थे. चूंकि उसके जिस्म की खुशबू से मैं पहले ही पागल हो चुका था. ऊपर से मेरे सामने उसके दो तने हुए मम्मे मुझे ललचा रहे थे, जिनके ऊपर जालीदार ब्रा उसके आमों की खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी.

बस मुझसे रहा नहीं गया और मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को पीने लगा. ऋषिका भी अत्यंत चुदासी थी, वो मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबाने लगी. मैंने मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसते हुए उसकी ब्रा निकाल दी. उसके दो तने हुए मम्मे हवा में फुदकते हुए आजाद हो गए. उसके मम्मे एकदम गोल थे, उनके ऊपर गुलाबी निप्पल जैसे मुझे चूसने के लिए बुला रहे थे कि आओ हमारा रस पी लो.

मैं तो पागलों की तरह बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चुसकने लगा. मैं उसके एक आम को चूसता, तो दूसरे को दबा कर मजा ले रहा था. ऋषिका खुद पागल हो गई थी. वो चुदास में कामुक सीत्कार निकाल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ये क्या कर दिया … हां बस ऐसे ही यस यस बेबी चूस लो इन्हें … आह … न जाने ये इस पल के लिए कब से तड़प रहे थे’
वो अपनी चुदास में न जाने क्या क्या बड़बड़ाती रही और मैं भी उसके मम्मों को चूसता और मसलता रहा.

मैंने दस पन्द्रह मिनट तक उसके आम खूब दबा दबा कर चूसे. फिर किस करते करते उसकी नाभि तक जा पहुंचा. चूंकि उसने एकदम टाइट जीन्स पहन रखी थी, तो मैंने उसे खींच कर उतार दिया. अब वो सिर्फ एक ब्लैक कलर की पेन्टी में रह गई थी. वो इस वक्त ऐसी लग रही थी मानो जन्नत की कोई हूर खड़ी हो.

उसके लम्बे खुले हुए काले बाल … लाली से सजे हुए होंठ … गुलाबी गाल … तीखे नयननक्श … एकदम उठे हुए एकदम गोल मम्मे … पतली कमर. पेट पे गहरी नाभि … भरी हुई चिकनी जांघों से दमकता हुआ उसका शरीर मेरी कामवासना को अधिकता की हद से भी ज्यादा भड़का रहा था. इस लाजबाव यौवन से लदी ऋषिका के तन पर सुंदर झांझर और नेल पॉलिश से सजे हुए पैर उसकी कामुकता को किसी प्लेब्वॉय की मॉडल सा झलका रहे थे. शायद रब ने भी उसे बहुत मेहनत और समय देकर बनाया होगा.

उसका हर अंग एकदम बराबर था. फिर मैंने उसे यूं ही सिर्फ पेंटी पहने हुए अपनी गोद में उठाया और फार्म हाउस के कमरे के अन्दर ले गया. कमरे के अन्दर ले आकर उसकी उफान मारती जवानी को चूसने का समय आ गया था.

उसने बिस्तर पर आने से पहले खुद ही अपनी पेंटी को उतार दिया. मैं उसकी चिकनी चमेली चूत को देख कर मदमस्त हो गया और एकदम से उसके ऊपर चढ़ने को हो गया.

वो भी मुझसे कपड़े उतारने को कहने लगी. मैंने झट से खुद को मादरजात नंगा किया और लंड हिलाते हुए उसकी चूत को निहारने लगा. उसने अपनी टांगों को फैला कर मुझे आमंत्रित किया. मैंने देर नहीं लगाई और उसके ऊपर आ गया. मैंने उसकी टांगों को फैला कर उनके बीच में खुद को सैट किया और लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी चुत की फांकों में लगा दिया.

लंड के सुपारे से टपकता प्रीकम उसकी चूत के रिसते पानी से मिला, तो हम दोनों गनगना उठे. बस मैंने फांकों में सुपारा फंसाया और उसके ऊपर झुकते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया. हालांकि वो चुदी हुई थी, तब भी मुझे लगा कि इसके बताए अनुसार इसके पुराने ठोकू का लंड जल्दी झड़ने के साथ साथ शायद मुझसे छोटा भी हो, तो ये मेरे लंड से चिल्ला न दे.

मैंने होंठ जकड़ कर उसकी चूची को जोर से दबाया तो उसने एकदम से अपनी गांड उठा दी. इधर मैंने लंड का दबाव उसकी चूत में दे दिया. बस मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर धंस गया.

उसकी चीख निकलने को हुई, वो तड़फने लगी. मैंने बाज की तरह उसको चिरैया सा दबोचा हुआ था. वो हिल भी न सकी और मेरा लंड उसकी चूत के अंतिम सिरे तक घुसता चला गया. इसके बाद मैं एक मिनट के लिए यूं ही रुक गया. उसकी सांस तेज हो गई थीं. वो बिन पानी मछली सी तड़फ रही थी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों दबाए रखा और हाथ से उसके मम्मों को सहलाने लगा, उसके निप्पल मींजने लगा. कुछ ही देर में मेरे लंड ने उसकी चूत में जगह बना ली थी और उसका दर्द कम होता चला गया. उसने नीचे से अपनी कमर को हल्का सा उठाया तो मैंने उसके होंठ छोड़ दिए.

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. मैंने भी एक झटका मार दिया. बस चुदाई का खेल शुरू हो गया. पूरे बीस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई का मंजर चला. इस बीच वो एक बार झड़ भी गई. बाद में मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लम्बलेट हो गया.

झड़ने के चूमाचाटी होने लगी और कुछ ही देर में मैं फिर से चार्ज हो गया और दुबारा चुदाई का खेल शुरू हो गया.

इस चुदाई से उसे खूब मजा आया था और वो मुझसे बहुत खुश हो गई थी और अब तो गाहे बगाहे उसकी चुदास को मेरा लंड शांत करने लगा था.

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆