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मैं आप लोगों को आज Hindi Sex Stories अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।। मेरा नाम राहुल है और मैं एक बिज़नसमैन हूँ। मेरे घर में हम चार लोग हैं- पिताजी, माँ, मैं, और मेरी छोटी बहन !
बात आज से 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, मेरी बहन दसवीं में थी। मेरे पिताजी अक्सर घर देर से ही आते थे क्योंकि बिज़नस की वज़ह से उन्हें देर हो जाती थी और माँ ज्यादातर अपने घर के काम में या फिर टीवी देखने में व्यस्त रहती थी। मेरी बहन जिसका नाम रिया है अधिकतर पढ़ाई करती रहती थी।
मैंने कभी उसे गलत नज़र से नहीं देखा था। मगर एक दिन मैं अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था कि एकदम से रिया मेरे कमरे में आ गई मैंने उसको देखते ही कंप्यूटर बंद कर दिया मगर उसने सब देख लिया था लेकिन वो कुछ बोली नहीं। मैं उससे कुछ नहीं कह पाया, वो हिम्मत करके मेरे पास आई और बोली- भईया मुझे यह सवाल नहीं आ रहा, इसको हल करने में मेरी मदद करो। मैंने कहा- ठीक है !
लेकिन मैं उससे नज़रें नहीं मिला पा रहा था। मैंने उसका सवाल हल कर दिया। फिर वो जाने लगी तो मैंने उससे बोला- जो भी तुमने देखा है, वो किसी को मत बताना !
तो वो बोली- भईया, मैं किसी को नहीं बताउंगी पर यह सब अच्छी चीज़ नहीं हैं, आप मत देखा करो !
मैंने उससे कहा- ठीक है !
फिर वो चली गई लेकिन उस दिन मुझे उसे देख कर कुछ अजीब सा महसूस हुआ, मेरे दिल में उसके लिए गलत ख्याल आने लगे। मैं आपको बता दूँ कि रिया देखने में बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-26-34 है, रंग हल्का साँवला है। जो भी उसको एक बार देख ले, उसका लंड अपने आप ही खड़ा हो जाए।
दो दिन बाद दोपहर के वक़्त माँ घर का काम निपटा कर सो रही थी और मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था। इतने में रिया आई और बोली- भईया उठो, मुझे एक सवाल समझ नहीं आ रहा, मुझे समझा दो।
तो मैं उठ कर उसे सवाल समझने लगा। लेकिन आज उसके मेरे पास बैठने से मुझे कुछ-कुछ हो रहा था, उसकी खुशबू मेरी साँसों में भर रही थी। मैं सवाल पर ध्यान नहीं लगा पा रहा था कि इतने में वो बोली- भईया, क्या बात है ?
तो मैं बोला- मुझे बहुत नींद आ रही है इसलिए मैं यह सवाल नहीं कर पा रहा हूँ !
तो वो बोली- भईया, नींद तो मुझे भी आ रही है ! ऐसा करते है ख़ी कुछ देर के लिए सो जाते हैँ, बाद में सवाल कर लेंगे।
इतना कह कर वो आपने कमरे की तरफ जाने लगी तो मैंने उससे कहा- रिया, कहां जा रही है? यहीँ पर सो जा ! थोड़ी देर में तो उठ कर सवाल करना ही है।
तो वो बोली- ठीक है !
फिर वो मेरे बगल में आकर सो गई। मैं भी सोने का नाटक करने लगा। लेकिन नींद तो आ ही नहीं रही थी। थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने आपना एक हाथ हिम्मत करके उसके चूचों पर रख दिया और कोई हरकत नहीं की ताकि उसको ऐसा लगे कि गलती से नींद में रखा गया हो।
थोड़ी ही देर में उसकी साँसें तेज चलने लगी। फिर मैंने हिम्मत करके उसकी टांग के बीच अपनी टांग फंसा दी। अब वो मेरी पकड़ में थी, उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी पर उसने अभी तक कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैंने अपने हाथ से उसके चूचे मसलना चालू कर दिया, कुछ देर बाद वो बोली- भईया, यह क्या कर रहे हो?
तो मैंने उससे साफ़ साफ़ कह दिया- मैं तुझे प्यार करता हूँ और जब भी तू मेरे सामने आती है तो मैं अपने होश खो बैठता हूँ।
वो बोली- भईया, यह सब सही नहीं है ! अगर किसी को पता चल गया तो? और वैसे भी हम भाई-बहन हैं।
मैंने उससे कहा- किसी को पता नही चलेगा ! और भाई-बहन हैं लेकिन हैं तो लड़का-लड़की ! इतना तो सब में ही चलता है ! आखिर एक दिन तो तुम्हें किसी न किसी से चुदना ही है तो अपने भाई से ही क्यों नहीं !
इतना कह कर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत सहलाने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और साथ में हल्का सा विरोध भी कर रही थी। तो मैंने उससे कहा- तुम मेरा साथ दो तो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा और घर की बात घर में ही रहेगी।
तो उसने करवट ली और मेरे चेहरे के सामने अपना चेहरा ला दिया और बोली- ठीक है, लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए !
मैंने उससे कहा- तू फिक्र मत कर !
फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ चूसते रहे। फिर उसके बाद मैंने उसका कुरता उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार दी।
क्या क़यामत लग रहे थे उसके चूचे !
मैंने एक चूचे को मुँह में ले लिया और दूसरे को हाथ से मसल रहा था और उसकी सिसकारियाँ बढ़ती ही जा रही थी। फिर उसने मेरी पैंट खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने हाथ से दबाने लगी। मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में पहुँच गया।
इतनी में मैंने उसकी जींस और पेंटी नीचे सरका दी। फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के बगल में लेटे थे। मैंने देर न करते हुए उसे अपनी बाहों में समेट लिया और कहा- मैं तुम्हारे बदन की गर्मी लेना चाहता हूँ, इसका अहसास लेना चाहता हूँ !
रिया बोली- केवल आप ही नहीं मैं भी यही चाहती हूँ !
उसका इतना कहना था कि मैं तो खुशी से पागल हो गया। फिर मैंने अपनी जीभ से उसका पूरा बदन चाटा, फिर मैं उसकी टांगों के बीच गया और उसकी गुलाबी पंखुड़ी वाली चूत मेरी आँखों के सामने थी। उसकी चूत में हल्के-हल्के बाल थे। मैंने जैसे ही अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी, वो तो जैसे पागल ही हो उठी और उसके पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया।
वो बोली- भईया, मैं मर जाउंगी !
और मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी तो वो बोली- भईया, मुझे भी आपका लंड चूसना है !
तो हम 69 की मुद्रा में आ गए। अब हम दोनों 10 मिनट तक एक-दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे और फिर हम दोनों एक एक करके झड़ गए। इसके बाद हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गए। थोड़ी ही देर में हम फिर से गर्म हो गए और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा तो वो बोली- भईया, अब नहीं रहा जाता ! अपना लंड अन्दर डाल दो !
मैं उसकी टांगो के बीच आ गया, उसकी चूत अभी कुँवारी थी और मैं उसे दर्द नहीं पहुँचना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने पहले अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया, फिर उसकी चूत पर भी थूक से मालिश कर दी। मेरा लुंड सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है।
उसके बाद मैंने अपना लंड रिया की चूत पर लगाया और हल्के-हल्के लंड को अन्दर करने लगा, पर जा नहीं रहा था इसलिए मैंने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो रिया जैसे तड़प सी गई और उसके मुँह से आह की आवाज़ निकल गई। मेरे लंड का सुपारा अन्दर जा चुका था। फिर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके चूचे मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने हल्के-हल्के लंड अन्दर डालना चालू किया और बीच बीच में हल्का सा धक्का भी मार देता था जिससे कि उसकी चीख निकल जाती थी। लेकिन मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख रखे थे जिससे उसकी चीख बाहर न जाये। अब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था। उसकी चूत बहुत ही कसी थी और मैं हल्के-हल्के अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। शुरु में तो उससे थोड़ा दर्द हुआ पर फिर उसे भी मज़े आने लगे और वो अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी।
अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद ले रहे थे। वो कह रही थी- भईया और जोर से !
मैं भी रिया से कह रहा था- देख ! बहन को अपने भाई से चुदने में कितना मज़ा आता है !
वो बोली- हाँ भईया, सही में बहुत मज़ा आ रहा है ! यह तो सबको करना चाहिए ! लेकिन दुनिया के ये झूठे रिवाज़ हमें रोके रखते हैं। भईया, मैं तो ये सोचती हूँ कि कोई भी किसी के साथ भी चुदाई कर सकता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वो रिश्ते में क्या लगते हैं, आखिर वो हैं तो मर्द और औरत ही !
और हम ऐसे ही बातें करते करते चुदाई का आनंद लेते रहे। शायद रिया एक बार झड़ चुकी थी, अब मैं भी चरम सीमा तक पहुँच चुका था और फिर उसके बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे में समां गए और अपना अपना पानी एक दूसरे में मिला दिया और एक दूसरे को पूरी ताकत से पकड़ लिया।
फिर हम दस मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद बाथरूम में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया। हम लोग उस वक़्त भी बिलकुल नंगे थे, मुझे रिया के चूतड़ दिखाई दिए बिल्कुल गोल-गोल और मुलायम ! बिल्कुल गोरे-गोरे और चिकने !
मेरा लंड फिर से जोर मारने लगा। मैं उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और ले जाकर उसे फिर से बिस्तर पर डाल दिया।
वो बोली- भईया, अब क्या?
मैंने उससे कहा- बहन, मुझे तेरी गांड मारनी है !
तो वो बोली- नहीं भईया ! मुझे बहुत डर लगता है, गांड मरवाने में तो बहुत दर्द होगा !
तो मैंने उससे कहा- मैं दर्द नहीं करूँगा, आराम आराम से करूँगा !
वो बोली- भईया, मार लेना मेरी गांड, लेकिन अभी नहीं, अभी बहुत देर हो गई है और माँ भी उठने वाली होगी हम गांड का प्रोग्राम किसी और दिन करेंगे।
मैं मान गया और उसके होठों का एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके चूचे भी दबाये। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर रिया चाय बनाने चली गई।
मैंने और रिया ने मिलकर चाय पी। फिर वो अपने कमरे में चली गई।
मैंने रिया की गांड कैसे मारी, यह मैं अगली कहानी में बताऊंगा।
आप मुझे बताइए कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी? Hindi Sex Stories
दूसरे दिन दोनों माँ बेटे होटल से घूमने Hindi Sex Stories निकले तो राहुल ने पूछा- माँ क्या आज भी बस का मजा लेना है?
कमला ने आज स्कर्ट-ब्लाउज पहना था, बिना पैंटी के, उसने कहा- क्यों नहीं ? कुछ घट थोड़े ही जाता है ! और यहाँ हम लोगों को कौन जानता है ? तब उसने राहुल को उस लड़के की बात बताई और कहा कि उसे पता नहीं कि आजकल के पढ़ने वाले भी चुदाई के बारे में सब कुछ जानते हैं।
राहुल ने माँ को चिढ़ाते हुए कहा कि आज वो लड़का मिल जाए तो आप चाहो तो उसे ले आते हैं यहाँ?
कमला ने भी करारा जवाब दिया- मैंने कहा ना, कोई घटने वाली चीज़ तो है नहीं ! क्या फरक पड़ेगा ? कम से कम वो तुम्हारे जैसा मादरचोद तो नहीं कहाएगा !
राहुल को अपनी माँ का इस तरह खुल कर बात करना बड़ा अच्छा लगा। वो दोनों दिन भर बस से दिल्ली घूमे। बस में लोगों ने कमला का बड़ा आनंद लिया। एक हरामी ने तो जब हाथ लगा कर देखा कि कमला कि पैंटी नहीं है तो वो अपनी बीच वाली उंगली को थूक लगा कर कमला की गांड में घुसाने लगा। तब कमला वहाँ से हट कर बस के दूसरी ओर उस आदमी से दूर हो गई।
इस घटना के अलावा आज कमला को बस में अच्छा मजा आया और उसके पहले दिन का डर और उसकी झिझक दूर हो गई। उसे लोगों का उसकी नंगी चूत और चूतड़ को सहलाना अच्छा लगने लगा। आज भी उसकी चूत लोगों ने गीली कर दी थी।
फिर दोपहर के बाद राहुल उसे इन्टरनेट कैफे ले गया और अपनी गोदी में बैठा कर तरह तरह की चुदाई की विडियो दिखा कर माँ की शिक्षा शुरू की और कैफे में ही उसे ऊँगली से १ बार झाड़ा।
शाम को दोनों होटल लौटने के लिए बस पे चढ़े और कमला का भाग्य कि उस बस में वो ही लड़का किनारे की सीट पर बैठा था। राहुल ने कमला को आँख मारी और कल की तरह कमला फिर वहां खड़ी हो गई। कल की तरह ही आज भी लड़के का हाथ कमला की स्कर्ट के अन्दर उसकी मोटी चिकनी जाँघों को सहलाते हुए धीरे धीरे ऊपर की ओर सरकने लगा। कमला ने अपनी टांग अच्छी दूरी पर रखी थी ताकि लड़के को उसकी चूत तक पहुँचने में कोई मुश्किल न हो, और उस लड़के के चेहरे को बड़े प्यार से देख रही थी।
वो लड़का भी बड़ा तेज़ लग रहा था क्योंकि वो उसकी जांघों को इतनी अच्छी तरह सहला रहा था कि कमला की चूत गीली होने लगी। लेकिन जैसे उस लड़के ने अपनी हथेली कमला की चूत पर रखी, उसे ऐसा लगा कि उसे करंट लग गया हो। उसने उम्मीद नहीं की थी, कि कमला ने पैंटी नहीं पहन रखी है।
कमला उसे देख कर थोड़ा मुस्कुराई और फिर वो लड़का सामान्य हो गया और कमला की चूत के दाने को सहलाने लगा और बीच बीच में उसकी चूत की दरार में कभी १ ऊँगली तो कभी ३-३ उंगली डाल कर अन्दर बाहर करता था। कमला को लगा कि वो झड़ जायेगी, लेकिन तब तक उस लड़के का स्टाप आ गया और वो सीट से उठते हुए कमला से बोला- आंटी, मजा आया ?
कमला ने कहा – आया लेकिन पूरा नहीं। मैं होटल में ठहरी हूँ, चलोगे मेरे साथ ?
लड़के ने कहा कि उसकी मम्मी उसका इंतज़ार कर रही होगी, लेकिन वो कल सुबह होटल आ सकता है।
कमला ने उसे होटल का नाम पता दिया और बोली कि वो १० बजे उसका इंतज़ार करेगी।
जब वो लड़का बस से उतर गया तो राहुल अपनी माँ के पास आया और कमला ने उसे अगले दिन की योजना बताई।
राहुल ने कहा- यह बड़ा कीमती मौका है, और वो इसकी विडियो बनाएगा। एक ४० साल की औरत की एक लड़के से चुदाई की विडियो !
होटल पहुँचते ही राहुल ने माँ को बिस्तर पे पटक दिया और उसकी स्कर्ट उठा कर उसकी चूत चाटने लगा। कमला अपने बेटे से चूत चटवाते हुए सिसकियाँ ले रही थी और एक एक कर अपना ब्लाऊज़, ब्रा और स्कर्ट को ऊपर से खींच कर उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गई। राहुल ने भी एक हाथ से अपनी पैंट और अन्डरवीयर उतारा और शर्ट और बनियान निकाली। दोनों माँ बेटे अब पूरे नंगे हो गए थे और राहुल माँ की चूत चाट रहा था। तब कमला ने कहा- राहुल ! आओ जैसे कैफ़े के विडियो में दो औरत मर्द एक दूसरे की चाट रहे थे वैसा ही हम करें !
दोनों माँ बेटे ६९ में होकर एक दूसरे को मज़ा देने लगे और जब वो दोनों झड़े तो कमला राहुल का सारा रस पी गई और राहुल ने भी कमला के झड़ने के बाद अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर चूत के कोने कोने से उसके नमकीन लसलसे रस को चाट कर साफ़ कर दिया। फ़िर वो दोनों एक दूसरे को जकड़ कर बिस्तर पर लेट गए।
राहुल ने कहा- मैंने कहा था ना कि गाँव की हो तो क्या हुआ, कितनी जल्दी ये सब सीख गई हो।
कमला ने कैफे के विडियो के बारे में कहा कि बाप रे बाप ये अमेरिकन औरतें कैसे ३-३ काले लोगों का इतना बड़ा मोटा लण्ड एक साथ लेती हैं?
राहुल ने कहा- इस में मुश्किल क्या है ? तू भी बड़े मजे से ले सकेगी।
कमला ने कहा- कि बाप रे बाप, मेरी तो फट जायेगी !
राहुल ने कहा- कि कुछ नहीं फटेगा, एक बार शुरू हो जाओगी तो फिर और मजा आने लगेगा, बस शुरू करने की देर है।
कमला ने कहा- चूत और मुँह में लेने की बात तो वो समझती है कि कितना भी बड़ा मोटा लण्ड ले सकती है, लेकिन गांड में ?
राहुल ने कहा- चलो दिखाता हूँ मेरा ही लण्ड डाल कर ! लेकिन पहली बार तुम्हारी गांड मारने के लिए कुछ तैयारी करनी होगी।
राहुल बाथरूम से क्रीम ले कर आया और माँ को चौपाये कुतिया की तरह कर के उसकी गांड के छेद में क्रीम लगाई और अपने लण्ड पर भी।
कमला के चूतड इतने फूले और मांसल थे कि उसकी गांड का छेद काफ़ी अन्दर था। राहुल ने माँ की गांड के छेद पर लण्ड का सुपारा रख कर हलके से दबाया। सुपारा थोड़ा अन्दर गया लेकिन उसके लण्ड की जहाँ चमड़ी शुरू होती थी वहां के आगे नहीं गया।
राहुल ने माँ को कहा कि माँ पहली बार थोड़ा सा दर्द होगा, बस एक बार पूरा सुपारा अन्दर हो जाने की देर है !
राहुल ने फिर से सुपारा कमला की गांड में दबाया तो कमला को ऐसा लगा जैसे कि जहाँ सुपारे का अंत होता है वहां कोई छल्ला है और वो छल्ला अंदर नहीं घुस पा रहा है। राहुल ने ३-४ बार कोशिश की और हर बार पिछली बार से थोड़ा ज्यादा जोर लगाया, लेकिन हर बार छल्ला अन्दर नहीं घुस पा रहा था।
राहुल ने कहा- माँ तुम्हारी गांड बड़ी टाइट है, मुझे काफी जोर लगाना पड़ेगा और हो सकता है कि तुम्हें एकाएक दर्द भी हो। तुम अपनी गांड कसो मत, गांड ढीली रखो। बस एक बार अंदर करने की जरूरत है।
राहुल ने कमला की गांड में अपने सुपारे को रखा और उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर देता गया। कमला से जितना हो सका अपनी गांड ढीली रखी, लेकिन फिर सुपारे का छल्ला अन्दर नहीं जा रहा था।
अब राहुल ने और जोर से लण्ड दबाया तो फुप्प की आवाज के साथ छल्ला अंदर चला गया लेकिन कमला को लगा जैसे उसकी गांड में आग लग गई हो। उसे लगा उसकी गांड फट गई हो और उसके मुँह से ‘अ आ अन्न्नंह ह्ह्ह, आ अन न्ह्ह्ह, मर गई, फट गई मेरी गांड !..ओ ऊ ऊओई ईईईइ, आ अन न्न्न्ह्छ ।..’ की चीख निकल गई।
राहुल का एक चौथाई लण्ड कमला की गांड में था और वो इसी स्थिति में रहा, जरा भी नहीं हिला और माँ को कहा- बस यही सबसे कठिन काम था, बस अपनी गांड ढीली रखो, अब १ -२ मिनट में तुम्हारा दर्द ख़त्म हो जाएगा तब फिर आगे करेंगे।
इस बीच राहुल बड़े स्नेह से माँ के गाल और गले को चूमता रहा और बताया कि जब औरत की चूत में एक लण्ड होता है और तब कोई दूसरा आदमी उसकी गांड मारता है तो औरत को दर्द का एहसास नहीं होता है और तभी पूरा मजा आता है।
राहुल अपना हाथ कमला की चूत पर ले गया और उसके दाने को छेड़ने लगा। अब कमला का दर्द भी ख़त्म हो गया और तब राहुल ने अपने लण्ड को और दबाया तो लण्ड धीरे धीरे अन्दर घुसने लगा और जड़ तक कमला की गांड में पूरा चला गया। कमला की चूत मसलते हुए राहुल ने धीरे धीरे आधा लण्ड बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे पूरा अन्दर डाल दिया और माँ से पूछा कि अब दर्द कैसा है।
कमला को गांड मरवाना बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन उसने कहा कि अब ठीक है।
राहुल धीरे धीरे अन्दर बाहर करने की गति बढ़ाने लगा और साथ साथ एक हाथ से कमला की चूत और दूसरे हाथ से कमला की चूचियां मसल कर उसे मजा दे रहा था। एक साथ इतने मजे मिलने से कमला जल्दी ही झड़ गई और २ मिनट के बाद राहुल ने भी माँ की कसी गांड में १०-१२ पिचकारी मार कर उसके तीसरे छेद को भी रस से भर दिया और आज दिल्ली में सिर्फ़ तीसरा दिन था। जितनी जल्दी ये सब हुआ उसे देख कर वो बहुत खुश था और आने वाले समय में माँ बेटे की चुदाई के किस्से को और नई उँचाइयों तक ले जाने का इंतज़ार कर रहा था।
अगले दिन १० बजने के कुछ पहले ही कमला होटल के बस स्टाप पर अनिल का इंतज़ार कर रही थी। जब एक बस रुकी तो उसने उससे अनिल को उतरते देखा। कमला आज साड़ी पहन कर आई थी क्योंकि उसमें उसके चूतड़ों की थिरकन बड़ी मस्त लगती थी। वो अनिल को कमरे में ले आई और सामने खड़े होकर पूछा कि अब बोलो कैसे पूरा मजा दोगे?
अनिल कमला से १ इंच छोटा था लेकिन उसने आगे बढ़ कर कमला को जकड़ लिया और अपने पंजे पर उचक कर कमला के होठ को चूम कर धीरे से बोला- आज तेरी चूत चाटूंगा और अपने चिकने लण्ड से चोदूंगा भी।
कमला ने कहा कि जो चाहे करना लेकिन मेरा एक यार है जो मेरी चुदाई की विडियो बनाना चाहता है और तुम मुझे मम्मी कहोगे और मैं तुम्हें बेटा। अगर मंजूर है तो ठीक है, नहीं तो मैं कुछ नहीं करूंगी तुम्हारे साथ।
लड़के ने एक पल के लिए सोचा और फिर कहा- ओके, ठीक है मम्मी !
योजना के मुताबिक, राहुल कमरे के बाहर दरवाजे पर खड़ा था। कमला ने दरवाजा खोल कर राहुल को अन्दर बुलाया। राहुल ने कैमरा निकाला और अनिल और कमला शुरू हो गए।
अनिल ने पहले कमला की चूत चाट कर उसे झाड़ा, फिर कमला ने उसका चिकना लण्ड चूस के उसका निकाला। राहुल ने अलग अलग कोणों से क्लोज़-अप लिए।
इसके बाद अनिल ने कमला को चोदने के लिए लिटाया तो राहुल ने कहा कि दोनों रुक जाओ, तुम दोनों कपड़े पहन लो और अनिल को बोला कि तुम ऐसा करो जैसे कि ये तुम्हारी मम्मी है और तुम जबरदस्ती इसे नंगी कर के इसका देह शोषण कर रहे हो। ये थोड़ा रोकेगी तुम्हें लेकिन अगर तुम्हें इसके कपड़े भी फाड़ने पड़े या धीरे से मारना पीटना भी पड़े तो कर लेना।
इसके बाद अनिल और कमला ने जो विडियो बनाया उसकी कोई मिसाल नहीं। लड़के ने कमला के दोनों हाथों को पीछे से पकड़ कर उसे नंगा करने की कोशिश की, जिसमे उसने कमला को २-३ थप्पड़ भी लगाये, और कमला का पेटीकोट फाड़ दिया। फिर उसने नंगी कमला को कमरे में दौड़ाया। कमला के नंगे दौड़ने का सीन ही सबसे मस्त था क्योंकि उसके मांसल बदन का एक एक अंग थिरकता हुआ दिखा। फिर उसने कमला को चित्त पटक कर थोडी देर चोदा। फिर कमला ने लड़के के ऊपर चढ़ कर उसे चोदा।
बड़ा मस्त विडियो बना। ३ घंटे की चुदाई के बाद राहुल, कमला, और अनिल रेस्तरां में खाना खाने गए और उस लड़के को १०० रूपये देकर धन्यवाद दिया।
इसके बाद के २ दिन राहुल और कमला ने चुदाई और वीसा के इन्तजाम में लगाये। कमला के बदन की जलन भी अब काफ़ी कम हो गई थी, और उसे समझ आया कि उसे इसी तरह की अच्छी चुदाई की जरूरत थी जिसकी कमी से ही जलन हुआ करती थी।
अब बस में लोगों से कमला को डर नहीं लगता था, बल्कि वो अब मजे लेने लगी थी। सातवे दिन कमला अपने बेटे के साथ एअरपोर्ट चली, एक नई दुनिया में कदम रखने के लिए – अमेरिका ! Hindi Sex Stories
मेरा नाम जय है, मैं Antarvasna पचमढ़ी का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 26 वर्ष है। मैं बहुत ही मिलनसार और सेक्सी हूँ। मेरा लंड काफी बड़ा और आप कह सकते हैं कि बस मस्त है। मेरे दोस्तों का कहना है- सिंधन की चूत, पंजाबन का दूध, हिमालय की ठण्ड और जय का लंड इनका कोई मुकाबला नहीं है।
मैं आज से 5 साल पहले भोपाल आ गया क्योंकि मुझे भोपाल में अच्छा लगता है। मैंने पंचशील नगर में कमरा किराये पर लिया। नीचे मकान मालिक और ऊपर मेरा कमरा, मेरे बाजू में एक और किरायेदार, जो ड्रायवर था, पति पत्नी रहते हैं। मेर कमरे में बाथरूम नहीं था तो मैं मकान मालिक का बाथरूम इस्तेमाल करता हूँ और मेरे कमरे की खिड़की से बाथरूम की झलक देखी जा सकती है जो मेरा टाइम पास हो गया है।
मालिक बैंक मैंनेजर है, उसके दो लड़के हैं बड़ा बाहर ही रहता है, छोटा लड़का मेरी उम्र का, नाम राकेश है, नशा भी करता है। उसके बाद सबसे छोटी उसकी लड़की मीनू जो स्कूल में पढ़ती है, रंग गोरा, भरपूर बदन, गोल-गोल मोटी गांड, बड़े-बड़े बोबे और मेरी सबसे बड़ी कमजोरी!
मैं भोपाल आकर घर को बहुत याद करता था क्योंकि वहाँ खूब चुदाई करता था। यहाँ कोई जुगाड़ ही नहीं, बस मुठ ही मारते रहो।
जब भी मैं नहाने जाता, नंगा होकर खूब नहाता और मीनू की ब्रा और पेंटी से खूब खेलता। उसे पहनकर नहाता और कभी कभी उसे लंड में फँसाकर मुठ मारता। पैसे की मेरे पास कमी नहीं है, घर से खूब आते रहते हैं। मैंने मकान मालिक को बताया कि मैं पढ़ाई करता हूँ। कुछ दिन ऐसे ही गुजरते गए, कभी कभी मीनू को, कभी उसकी माँ को मैं बाथरूम में देखता, पूरा तो दिखता नहीं था पर जितना दिखता था मेरे मौसम बनाने के लिए काफी था।
मैं होम थियेटर लाया। मीनू को गाने सुनने का बहुत शौक था। जब भी उसके पसंद का गाना बजता, वो ऊपर मेरे कमरे के पास घूमती रहती और गाने सुनती या बाजू वाली भाभी के पास बैठती। पड़ोस में एक ही पड़ोसी के कारण मेरी उनसे अच्छी दोस्ती हो गई। मैं भाभी के कमरे में और कभी भाभी मेरे कमरे में घंटों बातें करते।
मैंने धीरे धीरे भाभी से भैया को न बताने की कसम देकर शादी के पहले उनके दोस्त से उनकी चुदाई की पूरी कहानी पूछ ली।
भाभी ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा- अभी कोई मिली नहीं!
भाभी से मेरी खूब गन्दी गन्दी बातें होने लगी। मैंने सोचा क्यों न भाभी को ही चोद लिया जाये।
एक दिन मैंने बातें करते करते भाभी के बोबे दबा दिए। भाभी ने ज्यादा कुछ नहीं कहा तो मैं भैया के जाने के बाद खूब बोबे दबाता और भाभी को गर्म करता।
एक बार मैंने भाभी के बोबे खूब दबाये और उसकी साड़ी के अन्दर जबरदस्ती उसकी चूत में ऊँगली डाल दी। भाभी की चूत गीली हो गई। मैंने भी ऊँगली अन्दर-बाहर की और भाभी की चूत के चने को रगड़ दिया तो भाभी तो कोयल जैसे कूकने लगी। मैंने सोचा- बेटा जय! आज तेरा उपवास खुल गया!
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी को पकड़ा दिया।
भाभी ने कहा- यह तो तुम्हारे भैया के लण्ड से भी ज्यादा पहलवान है।
रगड़ा पट्टी में भाभी झड़ गई और हिला हिला कर मेरा मुठ मार कर वीर्य निकाल दिया और बोली- यह तो रो रहा है।
मैंने 5 मिनट तक कुछ नहीं कहा और फिर से लंड खड़ा करके बोला- भाभी, लो यह लड़ने के लिए तैयार है! अब जीत कर बताओ!
भाभी बोली- तुमसे क्या जीतना, मैं तो तुमसे हारना चाहती हूँ, मगर यह मैं नहीं कर सकती क्योंकि मेरे पेट में बच्चा है।
मैं उदास हो गया।
मुझे देखकर भाभी ने मेरा लंड पकड़कर मुँह में भर लिया और चूसने लगी। मैं तो पागल सा हो गया। कभी किसी ने मेरा लंड नहीं चूसा था। मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी। मैंने लंड छुड़ाना चाहा पर भाभी कहाँ मानने वाली थी। पूरी आइसक्रीम चूस कर ही दम लिया। लेकिन लंड की भूख तो चूत से ही मिटती है, भाभी के गर्भवती होने के कारण सब लफड़ा हो गया।
मैं अपने कमरे में गया और सो गया।
दूसरे दिन भैया के जाते ही भाभी से गपशप चालू हो गई। मैंने कहा- भाभी, मीनू तुम्हारे घर आती है, उससे दोस्ती करा दो!
भाभी ने कहा- यह तो मेरे बाएँ हाथ का खेल है।
भाभी ने अगली दोपहर मीनू को घर पर बुलाया और मुझ से मिलाया। मीनू से मेरी दोस्ती की बात कही।
उसने सोच कर बताने को कहा और अगले दिन हाँ कर दी।उसकी हाँ सुनते ही मैं मीनू की चुदाई के सपने देखने लगा। कभी उसको स्कूल से घुमाने ले जाता, मैं उसे चूमता तो उसे बुरा लगता।
अब हम दोनों हमारे ही कमरे में मिलने लगे। मीनू का जन्मदिन आया, वो सुबह ही मेरे कमरे में आई और मुझे चूम लिया।
मैंने भी उसे बर्थ डे की बधाई दी और पूछा- तुम्हें क्या तोहफ़ा चाहिए?
मीनू ने कहा- तुम जो भी प्यार से दोगे, मैं ले लूंगी।
मैंने फिर से पूछा, उसने फिर वही कहा।
मैंने कहा- अपनी बात से मुकरोगी तो नहीं?
उसने कहा- बिल्कुल नहीं!
मैंने भी देर न करते हुए कहा- मैं अभी गिफ्ट देना चाहता हूँ।
मैंने मीनू हाथ पकड़कर खींचा और बिस्तर पर पटक लिया। वो सुबह सुबह नहा कर आई थी, बाल खुले थे, टॉप-स्कर्ट पहने हुए थी।
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके बोबे पहली बार दबाये।
मीनू सिसककर बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- गिफ्ट दे रहा हूँ।
इस पर मीनू बोली- ऐसे भी गिफ्ट देते हैं?
मैंने कहा- अभी तुम ही ने कहा था कि मैं बुरा नहीं मानूंगी, जो भी देना चाहो, दे देना।
मैं तो सो कर उठा था, तो सिर्फ चड्डी में था। मेरा सामान तो सुबह सुबह ही टन्ना गया।
मैंने समय ना गंवाते हुए उसके बोबे दबाना जारी रखा और मुँह में जीभ डालकर किस करने लगा। मीनू दो ही मिनट में अंगड़ाई लेते हुए मेरा साथ देने लगी। बोबे दबाते हुए उसकी टॉप हटा दी, ब्रा के हुक भी खोल दिए और स्कर्ट खींच कर अलग कर दी। मीनू सिर्फ पेंटी में गजब लग रही थी।
उसके बोबे के गुलाबी-गुलाबी चुचूकों को मैंने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मीनू कराहने लगी। चूसते चूसते उसकी पेंटी में ऊँगली डाली, उसकी झांटों में उन्गली घुमाते हुए मैंने अचानक उसकी चूत में घुसा दी।
मीनू उन्ह आंह आइंह कर रही थी, उसकी चूत से चिकना चिकना पानी निकल रहा था।
मैंने चड्डी अलग की और मीनू की चूत में लंड रगड़ने लगा। रगड़ते रगड़ते उसके कन्धों को पकड़कर ज्योंही लंड मीनू की चूत में एक ही झटके में आधा घुसा, मीनू चिहुंक उठी और धक्का देने लगी। मैंने भी लंड चूत की रगड़ा पट्टी चालू रखी उसकी चूत को घिस डाला, पूरा लण्ड अन्दर बिठा दिया।
अब मीनू मुझे कस कर पकड़े थी और मैं उसे बस चोदे जा रहा था। वो आइया उम्नह आहा ओई कर-कर के चुदवा रही थी।
मैंने उसको उस दिन दो बार चोदा, बड़ा मज़ा आया पर एक बात अखरी कि मीनू की चूत से खून नहीं निकला। मेरे पूछने पर भी वो अंजान बनी रही। खैर मुझे क्या!
उस दिन के बाद में दो साल तक जब भी मौका मिलता, मीनू को खूब चोदता!
भाभी को चुदाई की मिठाई भी खिलाई।
पर अब मीनू की पिछले साल शादी हो गई है और अब मैं भाभी को चोदकर काम चला रहा हूँ।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी? Antarvasna
आज मैं आपको अपनी एक सहेली की Sex stories सुनाने जा रही हूं। मेरी एक कहानी
सपनों की बारात के नाम से आ चुकी है 
लेकिन उस पर किसी ने कोई रिएक्शन नहीं मिला तो बहुत दुख हुआ। प्लीज इस बार अपने रिएक्शन ज़रूर भेजें।
इस कहानी की शुरुआत हम दो दोस्तों से हुई है और आगे जाकर इसमे कई मोड़ आते हैं जिसे आप लोग पसंद करेंगे। मैं क्योंकि एक लड़की हूं इस लिये ये चाहूंगी कि लड़कियां अपनी रिएक्षन ज़रूर लिखें, क्योंकि शायद लड़कियां एक दूसरे को अच्छे से समझ पाती हैं।
मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है बरखा।
उसकी उमर मेरे बराबर कोई २८ साल, हाइट ५.६, फ़ीगर ३४ सी-२८-३६ , गुलाबी रंग, बड़ी-२ आंखें, गुलाबी होंथ, खूब फूले हुए बूब्स, भरे-२ चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो। हम दोनो कोलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है क्योंकि कोलेज के ज़माने मैं ही हम दोनो के बीच एक रिश्ता और बन गया।
एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गयी तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनो मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि संडे को तुम अविनाश से मिली थी तुम दोनो ने क्या किया था बताओ न मुजे और वो शरमा रही थी। अविनाश उसका कजिन था और दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनो अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे।
मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि उस दिन अविनाश ने उसे किस किया था। मैं ने उसे लिपटा कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया, हे बेईमान अब बता रही हो, तो वो शरमा कर हंस दी। हे शालु बता न और क्या किया था तुम दोनो ने।
बस न, सिर्फ़ किस किया था उसने, वो शरमा कर मुस्कराई। ऐ शालु बता न प्लीज कैसे किया था। हट बदतमीज़ वो प्यार से मुझे धक्का दे कर हंस दी। मैं उसकी भरी-२ जांघों पर सिर रख कर लेट गयी उसके गोल गोल दूध मेरे चेहरे के ऊपर थे, मैं ने धीरे से उसके राइट दूध पर उंगली फेरी, क्यों शालु ये नहीं दबाये अविनाश ने? तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली – हां, तो मैं ने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा अपने दोनो हाथों मैं लेकर गाल चूम लिये। कैसा लगा था शालु, है सुमन क्या बताउं मेरी तो जैसे जान निकल गयी थी जब उनकी गरम-२ ज़बान मेरे मुंह मैं आयी मैं मदहोश हो गयी उन्होंने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और एक दम से अपना हाथ यहां रख दिया वो सुमन का हाथ अपने राइट दूध पर रख कर सिसकी। मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।
फिर शालु?
सुमन बड़ी मुश्किल से उन्होंने मुझे छोड़ा। शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी ऐसा लग रहा था जैसे पूरे जिस्म मैं चीटियां दौड़ रही हों। मेरा ये हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली तुमको क्या हो गया सुमन? तो मैंने शरमा कर उसकी जांघों मैं मुं ह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था जो खूब गरम हो रही थी और महक रही थी।
मैंने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया तो वो सिसक उठी आह आह आह सुमन उफ़ नहीं न प्लीज मत करो और मेरे चेहरा उठाया। हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे। शालु के थे। शालु के गुलाबी होंठ कांप रहे थे, मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी सुमन, और मैं भी ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।
एक आग सी लगी हुई थी हम दोनो के जिस्मों में। मैं उसके होंठ पर होंठ रख कर सिसक उठी, शालू प्लीज मुझे बताओ न अविनाश ने कैसे चूमे थे ये प्यारे-२ होंठ। तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दातों में दबा कर मुस्कुराई, सुमन उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा। मैं हंस दी उसके गाल तोर कर, चलो ठीक है तुम अविनाश बन जाओ। शालू ने अपनी बाहें फैला दी तो मैं उनमे समा गयी और वो मेरे गाल, होंठ, आंखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी तो मैं तड़प उठी आह आआह शा शाआलु ऐए मा नहीं ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊओम्म ऊऊम अह अह क्या कर रही हो अह है है बस बस नहीं न ऊफ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी। उसके एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया मेरी चीख निकल गयी नाआहि आअह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो, तो मेरे होंठ चूसतुइ हुई सिसकिउ वो ही जो अविनाश ने मेरे साथ किया था।
वो मुझ से जूम गयी और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धेरे-२ और फिर अंदर घुस गयी तो मैं उसकी ज़बान की गरमी से पागल हो उठी और उस से लिपट गयी, शालू ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनो दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गरम और इतनी लम्बी थी के मेरे पूरे मुंह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी। हम दोनो के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रही थी और सिसक रही थी आह अह शालु अह अह हां अह सुमन मेरी जान, ऊफ़ शालु कितनी मज़े की ज़बान है तेरी इतनी लम्बी ऊफ़ सच्ची अविनाश को मज़ा आ गया होगा, आअह ही धीरे सुमन अह आअह सच्ची सुमन बहुत मज़ा आया था क्या बताउं तुझे आह धीरे से मेरे होंठ।
आह सुमन उठो न प्लीज अब, तो हम दोनो उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुंह में सिसकी उतारो न सुमन प्लीज और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया, आअह शालु ये आह तो मेरे होंठ चूम कर सिसकी कुछ न बोलो सुमन सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है मैं उसके सामने टोपलेस बैठी थी शरम से मेरी बुरी हालत थी। मैं ने अपने दोनो हाथों से अपने भरे भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालु ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग कर दी और मैं देखती रह गयी। उफ़ कितने प्यारे दूध हैं शालु के खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बी चूचियं जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा उस ने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया और मेरी आंखें चूम लीं और मेरे दोनो हाथ मेरे दूधों पर से हताये और अपने दूधों पर रखे और होंठ चबा कर सिसकी ऊई मां आह आह और फिर मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गयी आऐए आआऐर अह्ह अह आआअह ऊओह ऊऊम आआआआअह नहीं शाल्लल्ललु और मैं ने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालु भी मुझे से लिपट कर सिसक उठी आईईए ऊऊउइ ऊऊउइ अह अह अह धीएरे आह निक्कक्ककि धीएरे आह मेरे दूधु और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनो की ज़बाने मुंह के अंदर घुस पड़ी।
उसकी लम्बी चिकनी और गरम ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गयी। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनो की चीखें निकल पड़ी और हम दोनो झूम गये और मेरी चूत रस से भर गयी। मैं ने उसे लिपटा लिया और उसकी पीठ और चिकनी कमर और नरम-२ चूतड़ सहलानी लगी तो वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी मैं ने उसका गुलाबी चेहरा उठाया तो उसकी आंखें नहीं खुल पा रही थीं बहुत हसीन लग रही थी शालु मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी उसके गोल नरम नरम दूध मेरे सांसों से टकराते तो जैसे आग लग जाती मैं ने उसको थोड़ा उपर किया तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी वो मस्ती में चिल्ला पड़ी आईईई मा मर जाउंगी मैं आह अह ओह ऊओफ़ अह सुमन आह अह्ह हान ये ये ये भी किया था अश… अह अश्वनि ने।
और मैं ने उसका पूरा का पूरा दूध मुंह में ले लिया तो मज़ा आ गया और शालु ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लिया और सिर झटक कर मचलने लगी आआइए सुमन धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री मा धीर से न आअह बहुत अच्छा लग रहा है आह पूरा पूरा चूसो न ऊफ़ मेरा दूध आह सुमन सची ऐईए ऐसे नहीं न काटों मत प्लीज उफ़ तुम तो अह अविनाश से अच्छा चूसती हो आअह आराम से मेरी जान और वो मेरे दूध दबाने लगी है सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे सुमन मुझे दो न प्लीज सुमन तो मैं ने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकना हो रहा था तो मैं ने जैसे ही दूसरा दूध मुंह में लेना चाहा वो सिसक उठी आह सुमन प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी-२ चूचियां कितनी मुलायम हैं उइ सच्ची मैं और मेरी चूचियां मसलने लगी तो मैं ने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये अह आअह शालू आराम से मेरी जान आह और और क्या किया था अविनाश ने बताओ न तो मेरे दूध पर अपने चिकने गुलाबी गाल रख कर मुस्कुरायी और धीरे से बोली और कुछ नहीं करने दिया मैं ने। क्यों शालु दिल नहीं चाहा तुम्हारा।
वो मेरे उपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली- सुमन सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका। क्योंकि डर लग रहा था। तो मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गयी मज़े में और मेरा हाथ उसकी चिकनी मुलायम पेट पर आया और उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी। आह शाल्लु सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी और मैं क्या करूं आह मेरे दूध आऐए मा अह्ह धीरे न इतनि ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध आह आह ओह ऊओफ़ शालू प्लीज नहीं न। आअह हन हाअन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है। सुमन मेरी जान सच्ची कहां छुपा रखे थे येह प्यारे-२ दूधु। तो मैं शरम से लाल हो गयी उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हंस पड़ी ऊऊउइ मा सुमन। तो मैं ने उसके होंठ चूम लिये। शालु, हूं, तुम ने बताया नहीं अविनाश और क्या कर रहा था तो वो शरमा कर मुसकराई सुमन वो तो, हां बोलो ना शालु प्लीज तो शालू ने मेरा हाथ अपने शलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली वो तो ये खोलने के मूड में थे, फिर शालू, मैं ने रोक दिया उसे। क्यों शालू क्यों रोक दिया बेचारा अविनाश, तो मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी बड़ी आयी अविनाश वाली। मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया तो वो मुसकराई, मैं ने कह दिया ये सब अभी नहीं, शादी के बाद।
और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी- आह शालू आराम से मेरी जान
और मैं ने उसकी शलवार खोल दी तो वो चोंक गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- ये ये सुमन क्या कर रही हो?
तो मैं ने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये मेरी शालू जान शादी तो अविनाश से होगी मुझे तो दिखा दो तो वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी हाय मेरी सुमन कब से सोच रही थी मैं आह मेरी जान और एकदम से उसने मेरी शलवार भी खोल दी और उसक हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था मैं मज़े में चिल्ला पड़ी ऊऊउइ शाआलु नाआहि
और वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी और मैं मचल रही थी नहीं शालु प्लीज मत करो आइए ऊऊओफ़ नाआहि न ओह मैं क्या करूं!
उसने एकदुम से मेरी जलती हुई चोर पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी, हाय रे आह ये ये क्या कर दिया शालु, मुझे कुछ होश न था उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुंह में हलचुल मचा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है.
मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गयी उसकी शलवार भी उतर चुकी थी अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे और बेड पर मचल रहे थे। आह सुमन ऊओफ़ सच्ची बहुत गरम चूत है उफ़ कितनी चिकनी है छोटी सी चूत सच्ची बहुत तरसी हूं इस प्यारी चूत के लिये मैं, दे दो न प्लीज सुमन ये हसीन छोटी सी चूत।
हाय शालू मैं ऐन निकल रही हूं प्लीज आह मैं क्या करूं मेरा पूरा जिस्म जल उठा और मैं ने शालु के नरम गरम चूतड़ दबाए और एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो तड़प उठी ऊऊउइ नीईइकि और मैं तो जैसे निहाल हो गयी.
उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी खूब फूली हुई मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गयी बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था और शालु की चूत लाल हो रही थी, क्या देख रही हो सुमन ऐसे तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी शालू और एक दम से मैं ने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गयी हम दोनो एक दूसरे की चूत सहला रहे थे। शालू, हूं, अविनाश को नहीं दी ये प्यारी सी चीज़, तो वो शरमा कर मुस्कुराई ऊन हूनह। क्यों? तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिये जो बचा कर रखी है। तो मैं हंस दी हट बदतमीज़। सच्ची सुमन, वो मेरी चूत धीरे-२ दबा कर सिसकी हमेशा सोचती थी के तुम्हारी ये कैसी होगी। तो मैं अहरमा कर मुसकुराई मेरे बारे मैं क्यों सोचती थीं तुम। पता नहीं बस तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो दिल चाहता है कहां प्यार करूं। तो मैं मुस्कुरा कर उस के होंठ चूम लिये, तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया ये सब। तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली डर लगता था के तुमको खो न दूं कहीं।
मैंने उसे लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये और आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार किया तो वो मचल उठी आअह्ह आआह सुमन मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत मेरी जान मेरे प्यार और मैं ने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो मेरे नरम चूतहर पकड़ कर नीचे किये और चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गयी आह आह आह ऊऊऔइ शालु.
और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आयी मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी। हम दोनो की चीखें निकल पड़ी. दोनो के चूतड़ उछल रहे थे.
शालु मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर आऐईए माअ मर जाआअओनगि नाआअहि शलु अर्रर्र आह ऊओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हह्हिअ आआइ मैं निकल रही हूऊऊओन शालु मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालु के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी सुमन चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर रीईईए आआआअह ऊऊओमफ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह ह्हाआआअ!
मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झड़ना बह निकला हो रोकते-२ मेरे गले से नीचे उतर गया यही हाल शालू का भी था हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं और हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये। Sex stories
मेरी पहली कहानी के लिए Antarvasna कई मेल मुझे मिले। हर एक की सोच एक सी नहीं होती।
माँ और बीवी के घर आने के बाद हम लोग अब एक जीजा-साली की तरह व्यव्हार करने लगे और रात होने का इंतजार भी कर रहे थे और मन ही मन ये सोच कर लण्ड खुश हो रहा था कि आज एक और कुंवारी चूत मिलेगी। खैर दिन कट गया और रात आ गई। फिर हम सभी लोगों ने एक साथ खाना खाया। मम्मी-पापा अपने कमरे में चले गए और हम लोग भी अपने कमरे में आ गये, मैं, मेरी बीवी और साली !
साली ने मेरी ओर ऐसे देखा कि जैसे मुझे बुला रही हो। मैं उसका इशारा समझ गया। मैं बीवी से थोड़ा सा खेला और उससे बोला कि अब तुम सो जाओ मैं भी सो जाऊंगा ! और इतना बोल के मैं उसके चुचूक चूसते-2 सोने का नाटक करने लगा और वो सो गई।
मैंने साली को इशारा किया वो समझ गई कि अब जीजू का लण्ड मिलेगा !
मैंने उसे इशारे से दूसरे कमरे में आने को कहा और वो धीरे से उठ कर आ गई। मैंने कमरे की कुण्डी लगा दी और उसे पकड़ कर खूब किस करने लगा। किस करते समय मुझे यह एहसास हुआ कि वो गाऊन के नीचे कुछ नहीं पहने है। उसकी कड़ी-2 चूची मुझे पागल बना रही थी।
मैं गाऊन के ऊपर से उसकी चूची मसलने लगा। क्या मस्त चूची थी दोस्तो ! मेरा लण्ड खुशी के आंसू रोने लगा।
मैंने उसका गाऊन उतार कर उसे नंगा कर दिया और उसकी चूची मुंह में ले कर चूसने लगा, हाथ की उंगली बुर में डाल कर पानी निकालने लगा।
फिर साली को लिटा कर दोनों टाँगे खोल कर जीभ बुर में डाल कर खूब बुर चाटी जब तक पूरा पानी नहीं निकल आया।
मैंने साली से बोला- माय लव ! अब तुम मेरा लण्ड चूसो !
वो उठी और लण्ड पकड़ के मुंह में डाल लिया और अंदर बाहर करने लगी। मुझे खूब मस्ती छाने लगी। साली मेरा लण्ड चूसते-2 पूरा रस निकाल कर पी गई।
मैं और वो एक-एक बार स्खलित हो चुके थे लेकिन अब समय था बुर-लण्ड का मिलन करने का !
सो हम लोग 69 में आ गए और एक दूसरे को चाटने लगे। कुछ देर तक चाटने के बाद हम लोग फिर तैयार हो गए। इस बार मैंने साली से कहा- सीधे लेट जाओ !
वो लेट गई। मैंने उसकी बुर देखी। क्या बुर थी, एक दम मस्त-2 ! किसी को भी खड़ा-2 झाड़ दे ! इतना दम है उसकी बुर में !
मैंने उसकी बुर में लण्ड डाला तो आ आया आ आय आ आह्ह्ह्ह ह्ह्ह उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी। मैंने झटके देने बंद नहीं किया, लगातर झटके देता रहा और करीब 25 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई करी !
वो दो बार झड़ी। जब मेरा माल निकलने का समय आया तो मैंने लण्ड बाहर निकाल कर उसके मुंह में लगा दिया। वो लॉलीपॉप की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी। मेरी पूरी मलाई उसके मुंह में भर गई ! Antarvasna
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