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Massage Girl in Kendrapara: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kendrapara who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kendrapara that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kendrapara massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kendrapara who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kendrapara massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kendrapara massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kendrapara who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kendrapara employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kendrapara helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kendrapara

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kendrapara at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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(Sexy College Girls Story)- चुदाई की कहानी

सेक्सी कॉलेज गर्ल्स चुदाई की कहानी तीन सगी बहनों की है. तीनों एक ही कॉलेज में पढ़ती हैं. तीनों सेक्स की प्यासी हैं मगर उनके चाचा के दबदबे के कारण कोई उनकी ओर नहीं देखता.

यह पूर्व प्रकाशित कहानी है जिसे पुनः सम्पादित करके प्रकाशित किया गया है.

हैलो फ्रेंड्स, ये सेक्सी कॉलेज गर्ल्स स्टोरी एक जागीरदार परिवार की तीन सुंदर सेक्सी लड़कियों की कुंवारी चुत चुदाई की कहानी है.

भानुप्रताप सिंह की हवेली में हर समय तीन खूबसूरत हसीन बहनों की हंसी मजाक की आवाजें सुनाई पड़ती थीं.
ये तीनों हसीन बहनें भानुप्रताप सिंह के स्वर्गीय भाई का निशानी थीं.
लेकिन इन तीन लड़कियों का बाप भानुप्रताप सिंह ही था.

इन तीन हसीन बहनों का नाम सोनम (24 साल), मीनाक्षी (22 साल) और डिंपल (20 साल) था.
तीन बहनों की फिगर बहुत ही सेक्सी थी. उनकी चूचियों और चूतड़ों का आकार बहुत फूला हुआ था.

किसी भी मर्द को उनको देख कर अपने आपको रोकना बहुत ही मुश्किल हो जाता था.

इन तीनों के असली बाप और चाचा भानुप्रताप सिंह का शहर में बहुत दबदबा था और इसलिए कोई लड़का इनकी तरह अपनी आंख उठा कर देखने की भी जुर्रत नहीं करता था.

ये तीनों बहनें अभी तक कुंवारी ही थीं और अपनी वासना खत्म करने का काम अपनी चुत में उंगली या बैगन खीरा मूली गाजर आदि डालकर चलाती थीं.

वे सब एक दिन कार में सवार होकर कॉलेज जा रही थीं. कार की ड्राइविंग सीट पर मीनाक्षी बैठी थी और वो मस्ती से कार चला रही थी.

अचानक एक जोरदार ब्रेक लगने के साथ कार एक झटके से रुक गयी.
पीछे बैठी सोनम और डिंपल ने उसी समय हलकान होते हुए मीनाक्षी की तरफ देखा.

सोनम ने पूछा- क्यों क्या हुआ … तुमने अचानक कार क्यों रोक दी?
मीनाक्षी बोली- चिल्ला क्यों रही हो … कार के सामने का नजारा तो देखो. कितना नशीला नजारा है.

अब सोनम और डिंपल ने सामने का सीन देखा कि कार के सामने बीच सड़क पर एक कुत्ता और कुतिया गांड से गांड मिला कर चिपके हुए थे. यानि कुत्ता और कुतिया चुदाई कर रहे थे और अपनी अपनी जीभ निकाल कर हांफ़ रहे थे.

सोनम और डिंपल चहक कर बोलीं- वाह … सच में क्या हसीन नजारा है.
मीनाक्षी बोली- हमसे तो ज्यादा किस्मत वाली ये कुतिया है. क्या मस्ती से अपनी चूत चुदवा रही है.

इस पर सोनम और डिंपल ने एक साथ कहा- हां, हमारे चाचा भानुप्रताप सिंह के डर के मारे कोई लड़का हमें घास भी नहीं डालता है. लगता है कि अपने नसीब में कुंवारी ही रहना लिखा है और हम तीनों को अपनी चूत की आग अपनी उंगलियों से ही बुझानी है.

ये ही सब बातें करते हुए उन तीनों के दिमाग में उसी समय चुदने के लिए एक आइडिया आया.
उन्होंने आपस में कुछ बात की और फैसला ले लिया.

तीनों के फैसला लेते ही मीनाक्षी ने कार को प्रोफेसर आलोक के घर की तरफ़ घुमा दी.

प्रोफेसर आलोक की उम्र उस समय लगभग 35 साल की थी और उसकी शादी अभी नहीं हुई थी. वो बहुत ही रंगीन मिजाज का था … मतलब वो एक बहुत चोदू किस्म का आदमी था. उसके लंड की लम्बाई 7 इंच और मोटाई 4 इंच की थी.
ये बात कॉलेज की लगभग सभी लड़कियां और मैडम लोग को मालूम थी.

प्रोफेसर आलोक को अपने नायाब लंड और अपनी चुदाई की कला पर बहुत गर्व था. पूरे कॉलेज की काफी सारी लड़कियां और मैडम उनसे अपनी चूत चुदवा चुकी थीं.
आलोक इन सब लड़कियों और मैडमों को बातों बातों में फंसा कर अपने घर ले जाया करता था और फिर उनको नंगी करके उनकी चूत चोदा करता था.

प्रोफेसर आलोक चोरी चोरी इन तीनों बहनों की जवानी को भी घूरा करता था … मगर वो भानुप्रताप सिंह के डर से इनसे दूर ही रहता था.

आलोक की नजरों में खुद के लिए वासना को देखना और ललचाने वाली बात इन तीनों बहनों को मालूम थी.

आज कुछ तय करके इन तीनों बहनों ने अपनी कार प्रोफेसर आलोक के घर के सामने जाकर रोक दी.

प्रोफेसर आलोक उस समय अपने घर पर ही था और एक लुंगी पहन कर अपना लंड सहलाते हुए एक ब्लू फिल्म देख रहा था.

प्रोफेसर आलोक ने इन तीन बहनों को कार से उतरते देखा तो जानबूझ कर टीवी ऑफ़ नहीं किया.
उसने ऐसा दिखाया कि उसे इन लोगों के आने की बात मालूम ही नहीं पड़ी.

टीवी पर उस समय एक गर्मागर्म चुदाई का सीन चल रहा था जिसमें एक आदमी दो लड़कियों को एक साथ मजा दे रहा था.
वो एक लड़की की चुत में अपने लंड को पेल रहा था और दूसरी लड़की की चुत को अपनी जीभ से चोद रहा था.

लड़कियां अपनी चूत चुदाई के समय अपनी अपनी कमर उछाल कर लंड और जीभ अपनी अपनी चूत में ले रही थीं.

ये तीनों बहनें सीधे प्रोफेसर आलोक के कमरे में पहुंच गईं.

प्रोफेसर आलोक इन तीन बहनों को देख कर घबराने का नाटक करने लगा.
फिर उसे रिमोट नहीं मिला तो उसने उठ कर टीवी ऑफ़ कर दिया.

मगर तब तक टीवी पर चल रही चुदाई की फिल्म पर इन तीनों चुदासी बहनों की नजर जा चुकी थी.

आलोक बोला- अरे … तुम लोग अचानक से यहां कैसे?
तीनों बहनों ने एक साथ प्रोफेसर आलोक से पूछा- सर, आप टीवी पर क्या देख रहे थे?

प्रोफेसर आलोक ने उन तीनों बहनों के चेहरे देख कर उनके मन की बात पहचान ली और उनसे पूछा- मैं जो कुछ टीवी पर देख रहा था … क्या तुम लोग भी देखना चाहोगी?
तीनों बहनों ने एक साथ अपनी मुंडी हिला कर हामी भर दी.

प्रोफेसर आलोक ने फिर से टीवी ऑन कर दिया और सब लोग पलंग और सोफ़ा पर बैठ कर ब्लू फिल्म देखने लगे.

आलोक एक सोफ़ा पर बैठा था और उसके बगल वाले सोफ़ा पर मीनाक्षी और डिंपल बैठी थीं … जबकि पलंग पर सोनम बैठी थी.

उधर प्रोफेसर आलोक ने देखा कि ब्लू फिल्म की चुदाई के सीन देख कर तीनों बहनों का चेहरा लाल हो गया था और उन तीनों की सांसें भी जोर जोर से चल रही थीं.

उनकी सांसों के साथ साथ उनकी चुचियां भी उनके कपड़ों के अन्दर उठ बैठ रही थीं.

क्या हसीन नजारा था. एक साथ तीन जोड़ी चुचियां आलोक की आंखों के सामने उठ बैठ रही थीं और सांसें गर्म हो रही थीं.

कुछ देर के बाद सोनम, जो कि इन बहनों में सबसे बड़ी थी, अपना हाथ अपने बदन पर और चूचियों पर फेरने लगी.

आलोक उठ कर सोनम के पास पलंग पर बैठ गया. उसने पहले सोनम के सर पर हाथ रखा और एक हाथ से उसके कंधों को पकड़ लिया.
इससे सोनम का चेहरा प्रोफेसर आलोक के सामने हो गया.

आलोक ने धीरे से सोनम के कानों के पास अपना मुँह रख कर पूछा- क्या तुमको बहुत गर्मी लग रही है, पंखा चला दूं क्या?
सोनम बोली- नहीं सर, ऐसे ही ठीक है.

फिर सोनम आलोक सर के चेहरे को आंखें गड़ा कर देखने लगी.
आलोक पलंग से उठ कर पंखा फ़ुल स्पीड में चला दिया.

पंखा चलते ही सोनम की साड़ी का आंचल उड़ने लगा और उसकी दोनों चूचियां साफ़ साफ़ दिखने लगीं.

अब आलोक पलंग पर ही सोनम के बगल में बैठ गया. उसने सोनम का एक हाथ अपने हाथ में ले लिया और धीरे से पूछा- क्या मैं तुम्हारे हाथ को चूम सकता हूँ?

ये सुनते ही सोनम ने पहले तो अपनी बहनों की तरफ़ देखा, फिर अपनी हथेली आलोक के हाथों में देकर अपना हाथ ढीला छोड़ दिया.

आलोक ने भी फुर्ती से सोनम का हाथ खींच कर अपने मुँह के पास किया और उसकी हथेली पर एक चुम्मा रख दिया.

चुम्मा देकर वो बोला- बहुत मीठी है तुम्हारी हथेली … मुझे मालूम है कि तुम्हारे होंठों का चुम्मा इससे भी ज्यादा मीठा लगेगा.

यह कह कर आलोक सोनम की आंखों में देखने लगा.
पहले तो सोनम कुछ नहीं बोली, फिर उसने अपनी हथेली आलोक के हाथों से खींचते हुए अपने मुँह के पास रख लिया.

अब सोनम बोली- जब आपको मालूम है कि मेरे होंठों का चुम्मा और भी मीठा होगा … और आपको सुगर की बीमारी नहीं है, तो देर किस बात की है … जल्दी से और मीठा खा लीजिए.

उसकी बात सुनकर आलोक ने अपने होंठों को आगे बढ़ाया और सोनम के होंठों पर रख दिए.
सोनम ने भी अपने होंठों को ढीला छोड़ दिया और वो आलोक के होंठों से अपने होंठ मिला कर गर्म सांसों का अहसास करने लगी.

आलोक अपने होंठों से सोनम के होंठों को खोलते हुए उसका निचला होंठ चूसने लगा.

सोनम अपने होंठों की चुसाई से गर्म हो गई. उसने आलोक के कंधों पर अपना सिर रख दिया.

आलोक ने सोनम का ये हाल देख कर धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी एक चूची को पकड़ कर दबा दिया.

इससे सोनम के कंठ से मादक आवाज निकल गई और वो आलोक से और ज्यादा चिपक गई.

अब आलोक अपने एक हाथ से सोनम की एक चूची को सहला रहा था और अपने दूसरे हाथ को वो सोनम के चूतड़ों पर फेर रहा था.
सोनम उसकी इस हरकत पर पहले तो थोड़ा कसमसाई और अपनी बहनों के तरफ़ देखने लगी और अंततः उसने भी आलोक को जोर से अपने बांहों में भींच लिया.

आलोक ने अब सोनम के दोनों चूचों पर अपने दोनों हाथ जमा दिए और उन्हें पकड़ कर मसलने लगा.

यह पहली बार था कि जब किसी मर्द का हाथ सोनम के शरीर को मसल रहा था.
वो जल्दी ही बहुत ज्यादा गर्मा गयी और उसकी सांसें जोर जोर से चलने लगीं.

आलोक सोनम की चूचियों को मसलते हुए उसके होंठों को चूमने लगा.

आलोक इधर सोनम को चोदने की तैयारी कर ही रहा था कि तभी उसने देखा कि सोनम की दोनों बहनें मीनाक्षी और डिंपल भी अपने अपने मम्मों को सहला रही हैं.
वो दोनों बड़ी गौर से आलोक और सोनम के बीच चल रही जवानी का खेल देख रही हैं.

आलोक समझ गया कि वो अब इन तीनों बहनों के साथ कुछ भी कर सकता है. ये तीनों बहनें अब उसके काबू में हैं और वो जो भी चाहेगा वो इनके साथ कर सकता है.

आलोक ने फिर से अपना ध्यान सोनम की शरीर पर डाल दिया.

उसने सोनम की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से मसलते हुए उसे जोर से चूमा और अपना एक हाथ उसके ब्लाउज के अन्दर ले गया. अब आलोक जोर जोर से सोनम की दोनों चुचों को पकड़ कर दबाने लगा. कभी कभी वो अपने दो उंगलियों के बीच सोनम के निप्पल को लेकर मींज रहा था और सोनम आलोक के कनधो से लिपटी हुई चुपचाप आंखें बंद करके अपनी चूचियों को मसलवा रही थी.

आलोक ने धीरे धीरे सोनम का ब्लाउज और उसकी टाईट ब्रा को खोल दिया और सोनम की कसी हुई चूचियों को मादक निगाहों से देखने लगा.

सोनम ने अपनी आंखें आलोक के आंखों में डाल कर पूछा- सर, कैसी है मेरी चूचियां … आपको पसंद आई या नहीं?

आलोक तो सोनम की गोल गेंदों सी चूचियों को देख कर पहले ही पागल सा हो गया था.

वो उसकी एक चूची को सहलाते हुए बोला- सोनम, तुम मेरी पसंद ना पसंद पूछ रही हो … जबकि आज तक मैंने इतनी शानदार चूचियां कभी नहीं देखी हैं. तुम्हारी चूचियां बहुत ही ज्यादा सुंदर हैं सोनम रानी और यह मुझको पागल बना रही हैं. इनको देख कर मैं अपने आपको रोक ही नहीं पा रहा हूँ.

सोनम बोली- मेरी चूचियां देख कर आपको क्या कुछ हो रहा है?
आलोक ने बोला- हां मैं अब तुम्हारी इन रसभरी चूचियों को चूसना और काटना चाहता हूँ.

ये कह कर आलोक ने सोनम की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और मज़े ले लेकर चूसने लगा.

अपनी चूची की चुसाई शुरू होते ही सोनम पगला सी गयी और अपने हाथ को बढ़ा कर आलोक का लंड उसकी पैंट के ऊपर से ही पकड़ कर मरोड़ने लगी.

सोनम की गर्मी देख कर आलोक ने अपने हाथों से अपना पैंट उतार दिया और फिर से सोनम की एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा.
वो दूसरी चूची को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा.

सोनम भी अब अपने आपको रोक नहीं पाई और उसने अपने हाथ से आलोक का अंडरवियर उतार दिया.

आलोक का अंडरवियर उतरते ही उसका 7 इंच का मोटा लंड बाहर आकर अपने आप ऐसे हिलने लगा मानो वो इन हसीन बहनों को अपना सलाम बज़ा रहा हो.

तीनों बहनें आलोक का लम्बा और मोटा लंड देख कर हैरान हो गईं.

आलोक ने सोनम को अपनी गोद में उठाया और नीचे उतर कर फिर से पलंग पर किनारे से लिटा दिया.
सोनम को लिटाने के बाद आलोक ने सोनम की साड़ी को उसकी कमर से खींच कर निकाल दिया और अब वो पलंग पर सिर्फ पेटीकोट पहने चित लेटी हुई थी.

आलोक सोनम की बुर को उसके पेटीकोट के ऊपर से पकड़ कर दबाने लगा. सोनम की बुर को अपने हाथों से मसलते हुए उसने पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया.

सोनम ने भी पेटीकोट का नाड़ा खुलते ही अपनी कमर ऊपर कर दी, जिससे आलोक को उसके पेटीकोट को उसके चूतड़ों से नीचे खींचने में आसानी हो और वो पेटीकोट को निकाल सके.

आलोक ने सोनम का पेटीकोट उसके फूले फूले चूतड़ों के नीचे कर दिया और उसको सोनम के पैर से अलग करके पलंग के नीचे फैंक दिया.

अब सोनम आलोक के सामने अपने गुलाबी रंग की पैंटी पहन कर लेटी हुई थी.
आलोक ने 69 में आकर अपना मुँह सोनम की बुर के पास को किया और उसकी पैंटी के ऊपर से बुर को चूमने लगा.

इधर आलोक सोनम को नंगी कर रहा था तो उधर सोनम भी चुप नहीं थी.
सोनम आलोक का लंड हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी और उसके लंड का सुपारा खोल कर उसको अपने मुँह में ले लिया और जीभ से चाटने लगी.

इससे आलोक का लंड अब और भी कड़क हो गया.

तब तक आलोक, सोनम की बुर को उसकी पैंटी के ऊपर से ही अपने नाक लगा कर सूंघ रहा था और चूम रहा था.

चुदाई की कहानी के अगले भाग में इन तीनों चुदासी बहनों की चुदाई के रस को आगे लिखूंगा. सोनम को अपनी कुंवारी बुर में आलोक के लंड से कैसा मजा आया … इसका पूरा वर्णन लिखूंगा. आप सेक्सी कॉलेज गर्ल्स स्टोरी पर कमेंट्स करना न भूलें

Antarvasna Stories

दोस्तो, मेरा नाम रणवीर है, मैं Antarvasna Stories अबोहर(पंजाब) शहर का निवासी हूँ। मैं आज पहली बार अपनी सच्ची कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ। यह कहानी मेरी गर्लफ्रेंड दीपिका और मेरी है। आपका समय बर्बाद न करते हुए मैं कहानी शुरू करता हूँ।

मैं और मेरी गर्लफ्रेंड दीपिका एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। हमारी फ्रेंडशिप फ़ोन के जरिये हुई थी। एक महीने तक हमने एक दूसरे को देखे बिना केवल फ़ोन पर ही बात की। आखिर एक दिन हमारे मिलने का समय आ गया, मैंने उसे एक होटल में बुलाया।

वो देखने में इतनी सुन्दर नहीं थी। उसका रंग सांवला था लेकिन उसका फिगर “32-24-36” था। क्या मस्त लग रही थी वो ! उसके स्तन बड़े मस्त लग रहे थे। होटल में हम कुछ देर बैठे और मैंने उसे पहली बार चूम लिया, मैं 15 मिनट तक चूमता रहा और उसके वक्ष भी दबाता रहा। पहली बार मिलने पर तो सिर्फ उसने चूमने ही दिया लेकिन सेक्स के मामले में वो पूरी कठोर थी। कहती थी कि सेक्स तो हम शादी के बाद ही करेंगे !

फिर वो मेरे साथ ही पढ़ने लगी। हम इकट्ठे पढ़ाई के लिए जाने लगे। धीरे-धीरे मेरा उसके घर आना-जाना हो गया। उसके घर में केवल उसकी माँ रहती थी, उसके बाप का देहांत हो चुका था। उसके घर पर मैंने उसे बहुत बार चूमा, थोड़े दिनों के बाद मैं उसके स्तनों पर भी रोज़ किस करने लगा। मैं ही उसे पढ़ाई के लिए उसके घर से लेकर जाता और छोड़ने भी मैं आता। इसलिए मुझे मौका मिल जाता उसे किस करने का।

फिर एक दिन दोपहर का वक़्त था उसने मुझे फ़ोन किया कि रणवीर, मेरे घर पर कोई नहीं है, तुम पढ़ाई करने के बहाने मेरे घर आ जाओ।

मैं कुछ किताबें लेकर उसके घर पहुँच गया ताकि उसके आस-पड़ोस वालों को शक न हो। वो अपने कमरे मैं बैठी थी और उसने लोअर और टीशर्ट पहन रखी थी। बड़ी कयामत दिख रही थी वो ! फिर मैं उसके करीब गया और उसे चूमने लगा और तक़रीबन बीस मिनट तक मैंने उसे किस किया और उसकी चूचियाँ दबाता रहा। वो पूरी तरह गर्म हो गई थी और मुझसे पूरी तरह चिपक गई।

फिर मैंने मौका देखकर उसका लोअर नीचे कर दिया। उसने अन्दर कुछ नहीं पहन रखा था। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी। फिर अचानक उसने मुझे अपने से दूर कर दिया और थोड़ा सा नाराज़ हो गई और कहने लगी- शादी से पहले यह ठीक नहीं !

और मैं चला आया वहाँ से।

मैं हर वक़्त उसे चोदने के सपने देखने लगा लेकिन वो तो साली मान ही नहीं रही थी। हमारे परीक्षाएं शुरू होने वाली थी, हमारी दोस्ती को छः महीने से ऊपर हो चुके थे लेकिन मैं अभी तक पूरी तरह चूत भी नहीं देख पाया था। लेकिन वो कहते है ना कि सब्र का फल मीठा होता है।

एक रात के 11 बज रहे थे और हम फ़ोन पर बात कर रहे थे तो मैंने उसे बातों बातों में कहा- दीपिका, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ !

और वो भी झट से मान गई और कहने लगी- कोई जगह है क्या ?

तो मैंने कहा- हाँ ! मेरे एक दोस्त का कमरा है, वहाँ चलेंगे !

तो उसने कहा- ठीक है ! कल मैं सुबह 11 बजे पढ़ाई के बहाने घर से निकलूंगी और मुझे बता देना कि कहाँ आना है ! लेकिन कंडोम जरुर लेते आना !

मैंने सोचा कि कहीं वो मजाक कर रही है और नहीं आएगी !

लेकिन अगले दिन 11 बजे उसका फ़ोन आया और वो बोली- रणवीर, मैं घर से चल रही हूँ ! बोलो, कहाँ आना है ?

तो उस वक़्त मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं क्योंकि इससे पहले मैंने कभी किसी को नहीं चोदा था।

वो सही 11-30 बजे मेरे बताये हुए दोस्त के घर पर पहुंच गई। मैं और दीपिका कमरे में चले गए।

सबसे पहले तो मैंने उसे किस किया, वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर धीरे-धीरे मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी और थोड़ा शरमा भी रही थी। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और केवल अण्डरवीयर में खड़ा था। फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके स्तन चूसने शुरू किये। वो धीरे-धीरे गरम हो रही थी। उसके बाद मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी। उसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, कितनी मस्त चूत थी उसकी गुलाबी रंग की ! हाय !

फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाई तो उसने बड़ी जोर से सिसकारी भरी। मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से रगड़ता रहा। उसकी चूत ने जल्द ही पानी छोड़ दिया।फिर मैंने अपना फनफनाता हुआ लंड बाहर निकाला तो वो देखकर डर गई और बोली- इतना मोटा मेरी छोटी सी चूत में कैसे जायेगा ? यह तो मेरी चूत फाड़ देगा ! मुझे तो बहुत डर लग रहा है !

तो मैंने उसे कहा- जान, तुम फिकर क्यों करती हो ! मैं हूँ ना ! मैं बड़े आराम से डालूँगा !

फिर मैंने कंडोम लगाया और उसकी चूत पर प्यार से अपने लंड को रगड़ने लगा। उसने अपनी आँखें बंद कर ली, सिसकारियाँ भरने लगी और कहने लगी- अब नहीं रहा जाता ! चोद दो जल्दी से मुझे। मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लंड डालना शुरू किया। उसकी चूत की सील अभी टूटी नहीं थी इसलिये लंड अंदर घुस नहीं रहा था। फिर मैंने थोड़ा जोर लगाया और सुपारे को अन्दर करते ही उसने जोर से चीख मारी और कहने लगी- रणवीर, अपना लंड बाहर निकालो !बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किये और थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई। उसके बाद मैंने दुबारा जोर लगाया तो आधा लंड उसकी चूत में चला गया इस बार तो वो मुझे धकेलने लगी लेकिन मेरे होंठ उसके होंठों पर थे इसलिए वो चिल्ला नहीं पाई लेकिन वो मुझे धकेलने की नाकाम कोशिश करती रही।

उसके बाद उसके दोबारा शांत होने पर मैंने फिर जोर लगाया और इस बार पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। इस बार तो जैसे उसकी जान ही निकल गई हो और वो रोने लगी लेकिन मैंने उसे दिलासा देते हुए कहा- जान रोओ मत ! बस अब दर्द नहीं होगा।

मैं उसे किस करता रहा, थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई और मैं भी अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी अच्छा लगने लगा था लेकिन थोड़ा दर्द तो उसे अब भी हो रहा था। फिर मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और उसने कस के मुझे पकड़ लिया। मैं भी उसके झड़ने के 5 मिनट बाद झड़ गया और तक़रीबन 15 मिनट हम एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेटे रहे।

फिर उस दिन मैंने उसे तीन बार चोदा और फिर अंत में हमने एक दूसरे को चूमा और अपने घर आ गए।

उसके बाद मैंने उसे चार बार चोदा। फिर किसी कारण हमारी दोस्ती टूट गई। लेकिन आज भी जब वो मुझे कहीं देखती है तो मुझसे नज़रें नहीं मिला पाती। इसलिए दोस्तो मैं आपको एक हिदायत देता हूँ कि कभी किसी लड़की पर विश्वास मत करो। अगर हम उसे नहीं चोदेंगे तो वो हमें हमेशा धोखा ही देगी। इसलिए जब भी अपनी गर्लफ्रेंड को चोदने का मौका मिले तो उसे गंवाना मत।

और पंजाबी में एक कहावत भी है “सप्प ते फुदी जिथे मिले, मार देओ !”

दोस्तो अन्तर्वासना में मेरी इस कहानी को पढ़ने के बाद मुझे मेल अवश्य करें। Antarvasna Stories

Hindi Sex Stories

अंजलि का महीना हुए चार दिन हो चुके Hindi Sex Stories थे और मैं उसको चोदने की योजना बना रहा था। शाम के समय मैं अपने कमरे में चाय पी रहा था तो मैंने देखा कि अंजलि अपने छज्जे पर खड़ी होकर सड़क का नज़ारा देख रही है, मुझसे नज़र मिली तो हल्के से मुस्कुरा दी। मुझसे चुदवाने के बाद आज पहली बार सामना हुआ था। मैंने अपनी जेब से मोबाइल निकला और अंजलि का नम्बर डायल कर दिया, घंटी बजने पर उसने अपना मोबाइल देखा, फ़िर मुझे देखा तो मुस्कुरा कर फ़ोन काट दिया और मेरे पास आकर खड़ी हो गई।

मैंने हाल चाल पूछा तो बोली- ठीक है !

मैंने पूछा- आज रात को आओगी?

तो शरमाकर बोली- नहीं ! मैंने कहा- मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगा।

रात को लगभग १२ बजे मेरे मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई, देखा तो अंजलि की थी। मैंने कॉल-बैक किया तो बोली- क्या कर रहे हैं?

मैंने कहा- तुम्हारा इंतज़ार !

तो बोली- अभी आ रही हूँ।

५ मिनट बाद अंजलि मेरे कमरे में आई और आते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसके बदन पर हाथ फेरा तो पाया कि उसने सिर्फ़ गाउन पहना हुआ था। गाउन के अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी। मैं समझ गया बंदी चुदवाने की पूरी तैयारी कर के आई है।

दीवान के पास आकर उसका एक पैर मैंने दीवान पर रख दिया और उसका गाउन कमर तक उठा दिया। अपना लोअर मैंने उतार दिया और लंड उसकी चूत पर रखना चाहा तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, आज उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, अपनी झांटे साफ़ करके उसने चूत की सुन्दरता को चार चाँद लगा दिए थे। मैंने चोदने का इरादा फिलहाल छोड़ा और उसकी चूत चाटने लगा।

उसने भी पोजीशन बदली और मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। १० मिनट तक मुख-मैथुन का मज़ा लेने के बाद मैंने अपने लंड पर कंडोम चढाया और उसकी चूत में डाल दिया। जमकर चोदने के बाद जब मैं उसकी चूत में स्खलित हुआ तो मैं ख़ुद को जन्नत में महसूस कर कर रहा था। अब हमारी चुदाई की गाड़ी पटरी पर हौले हौले चल रही थी, दूसरे तीसरे दिन वह मुझसे चुदवा लेती थी, इतना मेरे लिए भी काफ़ी था और उसके लिए भी।

अब हमारी कहानी में एक तीसरा पात्र आ गया।

मेरी पत्नी की एक ममेरी बहन श्वेता इसी शहर में रहती थी। एक दिन लगभग ११ बजे मैं ऑफिस में था कि मेरी पत्नी का फ़ोन आया कि वह श्वेता के घर जाना चाहती है !

मैंने कहा- चली जाओ !

तो बोली- मैंने खाना बना दिया है और चाभी रागिनी भाभी को दे दी है, शाम को ४-५ बजे तक आ जाऊंगी।

मैंने कहा- ठीक है।

दोपहर को १ बजे मैं लंच करने घर आया, घंटी बजाई तो रागिनी भाभी बोली- चाभी लेकर आ रही हूँ। उन्होंने मुझे चाभी दी, मैंने ताला खोला और वो भी अन्दर आ गईं, उनके घर में भी कोई नहीं था, डॉक्टर साहब क्लीनिक और लड़कियाँ कॉलेज गई थीं।

अन्दर आकर बोली- रेखा दाल सब्जी बनाकर गई है और मुझसे कह रही थी कि रोटी मैं सेंक दूँ।

रागिनी का गदराया हुआ बदन और एकांत मेरे लंड को खड़ा कर चुके थे और मैंने उनको चोदने की ठान ली थी। मैंने कहा- भाभी आप कुछ देर बैठिये, मैं नहा लूँ फ़िर खाना खाऊँगा।

भाभी वहीं कुर्सी पर बैठ गईं। मैंने उनको गरम करने के लिए जानबूझकर वहीं अपनी शर्ट उतारी और फ़िर बनियान भी उतार दी, भाभी शर्म के मारे इधर उधर ना देखें इसलिए उनसे कुछ ना कुछ बात करता रहा। मैंने कहा- दोपहर में नहा लेने से शरीर में ताजगी आ जाती है और मैंने अपनी पैंट भी उतार दी। अंडरवियर में से मेरा तन्नाया हुआ लंड साफ़ नज़र आ रहा था। मैंने अपना तौलिया कमर पर लपेटा और अंडरवियर उतारते उतारते बोला- भाभी जी अगर आप बुरा ना मानें तो एक बात कहूं?

बोलीं- कहिये।

मैंने कहा- ऐसा लगता है जैसे भगवान् जोड़ियाँ बनाते समय गलती कर गया है, मैं आप जैसी पत्नी पाने का हकदार था और रेखा को डॉक्टर साहब की पत्नी होना चाहिए था। अगर ऐसी जोड़ियाँ होतीं तो मेरी ज़िन्दगी जन्नत से कम न होती।

भाभी उठीं और बोलीं- काश ऐसा होता तो मैं हर पल तुम्हारी बाहों में ही गुजारती।

इतना सुनते ही मैंने उनका हाथ पकड़ कर चूमा और अपनी आंखों से इस तरह लगाया कि मैं धन्य हो गया। मैं एक कदम उनकी ओर बढ़ा ओर अपनी बाहें फैलाकर उन्हें अपने करीब आने का इशारा किया, वो मेरे सीने लग गईं, मैंने अपना एक हाथ उनकी कमर पर और दूसरा टांगों के पास ले जा कर उनको अपनी गोद में उठा लिया, मेरे कसरती बदन को निहारते हुए बोलीं- उतार दो दीपक ! मैं बहुत भारी हूँ।

मैंने कहा- भाभी मेरे प्यार के सामने आपका भार कुछ भी नहीं।

मैं उनको रेखा के बेडरूम में ले आया और पलंग पर लिटाकर उनसे लिपट गया। वो मेरे से लिपटी हुई छुई मुई हुई जा रहीं थीं। एक एक करके उनके सारे कपड़े मैंने उतार दिए और उनके होठों पर अपने होंठ रखकर एक हाथ से उनके मम्मे और दूसरे से उनकी चूत सहलाने लगा। थोड़ी देर में जब उनकी चूत गीली हो गई तो मैं उठा और अलमारी से कंडोम निकालकर अपने लंड पर चढ़ाने लगा तो भाभी बोलीं- दीपक जी इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं कई साल पहले नसबंदी करा चुकी हूँ।

मैं वापस पलंग पर आया, उनकी टाँगे फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत के मुंह पर रखा और पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर कर दिया।

भाभी बोलीं- दीपक जी एक बात पूछूं?

मैंने कहा- पूछिए !

तो बोलीं- तीन साल बाद आपका लंड किसी की चूत में जा रहा है तो कैसा लग रहा है।

मैंने कहा- आपको ये कैसे पता है?

तो बोलीं- रेखा ने मुझे बताया था कि मेरी इच्छा नहीं होती।

इस बातचीत के साथ साथ मेरा लंड अपना काम कर रहा था। उस दिन १ बजे से ४ बजे तक भाभी को दो बार चोदा, मैंने पूछा- भाभी सच बताना तुम्हारा देवर चोदने में कैसा है?

तो बोलीं- टचवुड ! बहुत अच्छा।

मैंने कहा- अच्छा भाभी एक बात और बताओ, कभी गांड मराई है?

बोली- नहीं ! कभी नहीं ! शुरू शुरू में एक दो बार डॉक्टर साहब ने मारनी चाही थी लेकिन उनका लंड गांड में घुसा ही नहीं !

मैंने कहा- भाभी मैं तुम्हारी गांड मारूंगा, मराओगी ?

बोलीं- हाँ मेरे राजा ! जरूर मराउंगी।

फ़िर भाभी ने रोटियां सेंकी, हम दोनों ने खाना खाया और भाभी अपने घर चली गईं।

बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए !!! Hindi Sex Stories

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वो मेरे पड़ोस में रहने Sex Stories वाली 18 साल की लड़की है जो कक्षा 11 या 12 में पढ़ती है और शाम में कॉलोनी के बाकी बच्चों के साथ छुपा छुपी खेलते समय अक्सर मेरे घर में या आस-पास आकर छुप जाती है.

एक शाम मैं अपने बेडरूम में लेटा था और मेरे परिवार वाले शहर से बाहर गए हुए थे. मैं घर पर अकेला ही था..

अचानक देखा कि कोई मेरे बेडरूम की खिड़की में चढ़ गया है, थोड़ी देर तक तो मैंने ध्यान नहीं दिया फिर कुछ हलचल हुई तो परदा हटा के देखा तो चाँदनी थी..

उसने मुझे देखते ही अपने होंठों पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया.
मैंने शरारत में परदा इतना हटाया कि वो मुझे अंदर अच्छी तरह देख सके..
और मैं अपने डबल बेड में फिर लेट गया…

वहाँ से चाँदनी खिड़की में खड़ी साफ दिख रही थी, उसकी फ्रॉक घुटने के ऊपर तक की होने की वजह से उसकी सुडौल जांघें और थोड़ी सी चड्डी भी दिख जा रही थी तो मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने पहले तो सोचा कि मेरे से 15 साल छोटी लड़की है, कुँवारी है, मुझे गंदा नहीं सोचना चाहिए…

पर दिल और लंड मेरे दिमाग़ पर हावी हो गये, और उसको देख कर मैंने अपना लंड मसलना शुरू कर दिया…
मैंने देखा कि जल्दी ही चाँदनी उसके छुपा-छुपी के खेल में नहीं मुझमें ज़्यादा ध्यान दे रही थी..
इससे मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं धीरे से अपना पजामा नीचे करके सिर्फ़ लौड़े के बालों तक करके लंड ऊपर से ही दबाने लगा..
मेरे खेल में उसकी रुचि देख कर फिर मैं पजामा पूरा उतार कर लंड हाथ में छुपा कर लेट गया..

वो शायद मेरे लौड़े को देखने को बेताब हो रही थी और जब मैंने लौड़ा छुपाए रखा तो उसने इशारे से हाथ हटाने का आग्रह किया. तो मैं समझ गया कि लड़की गर्म हो गई है.

उसकी बेताबी से मैं समझ गया कि मेरी शरारत से मेरी किस्मत खुल गई है.

उसका इशारा पाते ही मैंने अपना लौड़ा पूरा उसके सामने कर दिया. उसने शायद पूरा खड़ा और चोदने को तैयार लंड पहली बार देखा तो उसका मुँह खुला और आँख फटी रह गई…

मैं मौका देख कर खिड़की के पास जा कर मुठ मारने लगा और लौड़े को उसको हर तरफ से दिखाने लगा और जल्दी ही मैं झड़ गया और मेरा वीर्य सीधे पिचकारी मारता हुआ उसके घुटने में जा लगा…

वो मेरे चेहरे और लंड को मिले सुकून से मुस्कुरा दी तो मैंने उसको बोला- अंदर आ जाओ..

वो खिड़की से उतर के थोड़ी देर बाद चोरी से मेरे घर अंदर आ गई जिसके लिए मैंने पहले से ही दरवाज़ा खुला रखा था..

उसके आते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया तो वो बोली- आपका ‘वो’ कितना सुंदर है..!

तो मैंने पूछा, तो उसने बताया कि उसने ‘यह’ पहली बार देखा है, पर उसकी दूसरी सहेलियाँ उनके बॉय-फ्रेंड्स के साथ इससे खेलती हैं और बताती है कि खूब मजा आता है..

तो मैंने भी उसको सीधे बेड रूम में ले जाकर बेड पर बिठाया. मैं लेट गया और बोला- तुम भी इससे खेलो, तुम्हारी सहेलियाँ ठीक कहती हैं..

उसने डरते डरते मेरे लंड को पजामे के ऊपर हाथ में लिया तो मैं समझ गया कि वो पहली बार कर रही है और डर भी रही है…
तो मैंने पजामा उतार के उसके हाथ को अपने से पकड़ के लौड़े को कस कस के मसलने लगा तो वो डर के बोली- इतनी ज़ोर से?
तो मैंने कहा- मजा तो आ रहा है ना…?
मैंने उसको बोला- चाँदनी, देख मैं तेरे सामने बिना कपड़ों के नंगा पड़ा हूँ तो तू भी तो कपड़े उतार के दिखा..
तो बोली- डर लगता है..
मैं बोला- किससे?..मुझसे..?
मैं बोला- तुम तो अपनी मर्ज़ी से अंदर आई हो तो मुझसे डर कैसा..
वो बोली- कोई देख लेगा!
तो मैं बोला- घर पूरा बंद है, अगर हम-तुम किसी को नहीं बोलेंगे तो किसी को पता नहीं चलेगा!
तो बोली- शीला कहती है कि बच्चा हो जाता है!

तो मैं समझ गया कि इसको पूरा पता नहीं है…

मैं बोला- अगर तुम मुझ पर भरोसा रखो और मैं जैसा बोलूँ तुम वैसा करो तो ना किसी को पता चलेगा, न ही बच्चा होगा, उल्टे तुमको बहुत मजा आएगा.
तो बोली- कैसे?
मैंने कहा- पहले कपड़े उतारो…

उसने शरम से मुँह ढक लिया तो मैंने पहले फ्रॉक के नीचे ही उसकी पेंटी उतार दी और उसकी गान्ड मसालते हुए फ्रॉक की ज़िप खोल कर फ्रॉक उतार दी.

वो पहली बार किसी मर्द के सामने नंगी होने की वजह से शरमा गई थी तो मैंने कहा- देख मैं भी तो नंगा हूँ और हम दोनों के अलावा कोई और नहीं यहाँ!

और मैंने उसको आईने में दिखाया- देख हम दोनों नंगे कितने सुंदर दिख रहे हैं!

और मैंने उसको अपना लौड़ा पकड़ा दिया, उसके होंठ चूसने लगा. उसकी 32 क्स आकार के चूचे टेनिस बॉल के जैसे कस गये थे..

उसकी जवानी से मेरा लंड फिर से खड़ा हो कर कूद रहा था..

वो मेरे लंड को आगे पीछे करने के बजाए दबा रही थी, मैं गरम हो कर बोला- चाँदनी, चूस ना मेरा!
तो वो बोली- ‘क्या’
तो मुझे लगा कि पहले इसको समझा देना ज़रूरी होगा कि सेक्स कैसे करते हैं ताकि मजा आए.

मैंने उसको बताया कि सेक्स में लड़का और लड़की नंगे हो कर जो चाहे और जैसे चाहे करते हैं और कोई मना नहीं करता.
तो बोली- फिर बच्चा हो जाता होगा?

तो मैंने समझाया- हम लोग जो कर रहे हैं जैसे तुम मेरे लंड को दबा रही हो, या अगर इसको चूसोगी और मैं तुम्हारी चूची चूसूंगा या होंठ को चूमूंगा और चुसूंगा तो बच्चा नहीं होगा. यह चुदाई के पहले का खेल है जिसको ‘फोर-प्ले’ कहते हैं. जब लन्ड को चूत में घुसा कर असली चुदाई होती है, चुदाई करते करते जब लंड अपना पानी छोड़ता है और साथ में चूत भी पानी छोड़ती है तब बच्चा होने की संभावना होती है और अक्सर समझदार लोग चोदने के बाद झड़ने के समय लंड चूत से निकल के झाड़ते है, जैसे मैंने मुठ मार के किया. ऐसा करने से बच्चा नहीं होता और सेक्स का पूरा मजा आता है.

तो वो बोली- वो तो ठीक है! पर मेरी चूची आप क्यूँ चुसोगे? वो तो छोटे बच्चे चूसते हैं और मैं आपका ये ‘लंड’ क्यूँ चूसूंगी?
तो मैं बोला- करके तो देखो कितना मजा आता है.

तो शायद वो पूरी तरह राज़ी नहीं हुई, तो मैंने एक ब्लू फिल्म की सीडी लगाई और उसको लेकर बिस्तर में लेट गया…

फिल्म में लड़की ने लड़के के झूलते हुए लौड़े को पहले निकाला फिर हाथ से खेल खेल के बड़ा किया तो वो बोली- आपका तो पहले से ही बड़ा है…

फिर फ़िल्म की लड़की उसके लंड के सुपारे को चूसने लगी लॉली-पोप जैसे और उसके लंड से खेलने लगी तो उसने भी मेरा लौड़ा पकड़ा और चूसने के लिए मुँह नीचे किया तो मैंने उसको बोला- तुम पहली बार करोगी तो रूको!

और मैंने झट से लंड की टोपी में खूब सा शहद लगाया और उसको चूसने को दिया. उसको टोपी चूसने में मजा आने लगा तो मैंने धीरे धीरे पूरा 6 इंच का लंड उसके मुँह में घुसाया और अब फिल्म वाले के जैसे चाँदनी का मुँह चोदने लगा..

फिल्म में वो लोग 69 करने लगे. फिर लड़का लड़की को बिस्तर में किनारे लिटा कर उसकी चूची दबाते हुवे उसकी चूत चाटने लगा तो वो मुझको बोली- आप भी ऐसे करो ना…

मैं मन ही मन सोच रहा था कि मैं पक्का खिलाड़ी इस नई चिड़िया को तो चोद चोद के रंडी बना दूँगा…

मैंने उसकी ब्रेड के बन जैसी कुँवारी चूत के होंठ खोल कर उसमें भी शहद डाला, फिर 69 करने लगा…

मैं ऊपर चढ़ कर उसके मुँह को चोद रहा था और उसकी चूत भी चाट रहा था और वो मज़े से सिसकियाँ भर रही थी…

और फिर झर भी गई…

अब उसका ध्यान टीवी पर गया जहाँ अब चुदाई शुरू हो गई थी, लड़की लड़के के ऊपर चढ़ कर उसको चोद रही थी और उसको बार बार अपनी चूची चुसवा रही थी! बीच बीच में लड़के का लण्ड चूत से फिसल के निकल भी जाता था, तो वो दोबारा घुसा कर चोदने लगती.

तो वो बोली- चलो. हम भी ऐसा ही करते हैं!

मैं समझ गया कि चाँदनी अब चुदने के लिए पूरी तरह तैयार है पर उसको यह नहीं अंदाज़ है कि वो फिल्म की लड़की कितना चुद चुकी है, और इसकी पहली बार चुदने वाली कसी चूत! काफ़ी अंतर है दोनों में!

तो मैंने उसको बिस्तर के किनारे पर लिटाया, उसको उसके दोनों पैर कंधे तक मोड़ कर पकड़ने को कहा. लण्ड में एक कॉण्डम लगाया और उसको बताया कि हम जब चुदाई करंगे और अगर ग़लती से भी मैं झड़ने के समय चूत से लण्ड ना भी निकालूं तो मेरा पानी जो कि तुम्हारे ऊपर मूठ मारते समय गया था, वो इसी के अंदर रह जायगा और किसी भी हालत में बच्चा नहीं होगा.

तो वो खुशी से मुझे चूमने लगी और बोली- आप कितने समझदार हो… प्लीज़ अब जल्दी करो ना…

मैं सोच रहा था कि मेरी समझ तो इसको अभी पता चलेगी जब इसकी चूत फटेगी और किस्मत साथ देगी तो दस मिनट बाद इसकी गाण्ड भी मारूँगा…

मैं लण्ड के सुपारे को उसकी चूत के दाने में रगड़ने लगा, साथ साथ उंगली चूत में उंगली घुसा कर रास्ता बनाने लगा और इन सब में मैं जोकि अब तक दस के करीब चूत चोद चुका था और पिछले 14 साल से किसी ना किसी की चूत चोद रहा हूँ, भी कंट्रोल में मुश्किल से था, मैंने अब एक हाथ से लण्ड पकड़ कर उसकी चूत में सुपारे को सही जगह में बिठाया और उसको अपनी पूरी पकड़ में लेकर चूची चूसते हुए बोला- चाँदनी, अब मेरा लौड़ा तेरी चूत में घुसेगा और तुझे खूब मजा भी आएगा और अगर तुझे दर्द हो तो अपनी टाँगे ऊपर की तरफ उठा लेना.

तो वो बोली- ठीक है!

और मैं एक पक्के खिलाड़ी की तरह उसको जकड़ कर उसके होंठ चूसने लगा ताकि उसकी चीख मेरे मुँह में दब के रह जाए और उसकी गाण्ड के छेद में उंगली करते हुए उसको और ज़्यादा गरम किया. फिर एक करारे झटके से अपने लण्ड को उसकी चूत में आधा से ज़्यादा पेल दिया.

वो चीखी पर आवाज़ दब गई, दर्द हुआ तो टाँगें उठा ली और मैंने उसकी आँखो से अचानक हुए दर्द से निकले आँसुओं को चाटते हुए उसको पूछा- कैसी हो…

तो वो बोली- आपने तो कसाई की तरह चाकू चला दिया, मैं तो बस मरते मरते बच गई…
मैंने बोला- तो चलो निकल लेता हूँ!
तो वो बोली- नहीं, थोड़ा रूको!

तो मैंने जितना घुसा था, उतने में ही लौड़े को आगे पीछे करना चालू कर दिया. जिससे उसको आराम लगा तो मौका देख कर दूसरे और तीसरे तेज़ झटके में में पूरा 6 इंच से भी बड़ा लौड़ा उसकी चूत के अंदर कर दिया और उसकी गान्ड की गोलाइयों को मसलते हुवे उसकी जाँघ सहलाने लगा.

तो वो बोली- निकालो-निकालो! मैं मर जाऊँगी…
तो मैंने कहा- चाँदनी, जब सब हो गया तो अब निकालने का क्या मतलब, अब तो तुम वो फिल्म वाली जैसे मज़े लो!

और मैंने उठ कर उसको उसकी चूत में घुसा मेरा लौड़ा दिखाया तो उसको विश्वास नहीं हुआ कि मेरा पूरा का पूरा लौड़ा घुस चुका है.

मैंने अब तक बहुत सब्र से काम लेते हुए अपने लौड़े को कुँवारी चूत में घुसाया था, पर अब मेरा सब्र साथ नहीं दे रहा था और मैंने उसकी चूत में धक्का-पेल चूदाई शुरू कर ही और उसको बाँहों में कस के जकड़ कर उसकी चूचियों को करीब करीब चबाते हुए खूब चोद डाला.

और वो दर्द और मज़े में चीखे ज़ा रही थी और मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ चोद रहा था… कह सकता हूँ कि खूब बेरहमी से चोद रहा था.उसकी कुँवारी चूत चोदने में मुझे स्वर्ग का मजा मिल रहा था क्यूंकि चोदा तो 10-11 चूतों को था पर इतनी जवान, इतनी कमसिन, इतनी कम उम्र और इतनी फ्रेश कोई नहीं थी. उसकी चूत फट गई थी, मुझे मालूम था कि अब रुकुंगा तो वो साथ नहीं देगी.

और बेरहम चुदाई में हालांकि उसको दर्द हुआ पर जैसे ही वो पहली बार झड़ी, उसको मजा आने लगा और अब तो जब मैं झरने को था तो वो 3 बार झर चुकी थी.

मैं जैसे झरने को आया, उसकी चूत में दना-दन 5-6 ज़ोर के धक्के दिए और उसके ऊपर ही लुढ़क गया, जिससे वो भी एक और बार झड़ गई.

मैंने अपना लड़ पूरा उसकी चूत में घुसाए रखा जब तक कि वो अपने आप ढीला होकर न निकल गया…

उसने मुझसे कहा- तुमने यह क्या किया?

मैंने बोला- मेरी जान चाँदनी, आज मैंने तुमको कली से फूल बना दिया! अब इस फूल की खुशबू से तुम किसी भी भंवरे (लौड़े) को अपने काबू में कर सकती हो!

वो शरमा कर बोली- आपके ने तो मेरी जान निकाल दी और दूसरो का कैसे काबू में होगा?

तो मैंने कहा- यही तो राज़ की बात है, अब मेरा भी तुम्हारे काबू में है…

मैंने फिर उठ कर कॉंण्डम उतारा और उसको बताया- बाहर की तरफ खून और चिकनाई है, वो उसकी चूत का पानी है, और अंदर का पानी मेरे लौड़े का है, और चिंता की बात नहीं, अब बच्चा नहीं ठहरेगा.

मैंने चाँदनी को कहा- रानी, मैंने कितनी चूत और लड़की चोदी हैं पर जो मजा तुमसे मिला है वो किसी में नहीं था.

और मेरी बेरहमी के लिए माफी भी माँगी तो वो बोली- आपने मुझे कली से फूल बनाया, आप तो मुझे अब मार भी डालो तो मुझे कोई शिकवा नहीं होगा. आप तो मेरे स्वामी हो! मुझे जैसा और जितना चाहो, चोदो, जब चाहे चोदो!

इस बीच टीवी में जो सीन था वो देखकर चाँदनी फिर टीवी से चिपक गई. वहाँ एक नीग्रो एक गोरी लड़की के चूचे बेरहमी से खा रहा था और उसकी गाण्ड में लण्ड घुसाने की कोशिश कर रहा था. लड़की कुतिया की अवस्था में खड़ी थी और वो उसके गाण्ड के छेद को पहले चाटने लगा.

तो चाँदनी बोली- यह क्या करेगा अब?
मैंने कहा- मेरी जान, सेक्स में इतनी ज़्यादा वेराइटी है कि अगर हम लोग अलग अलग स्टाइल से करें तो दिन भर चुदाई की जा सकती है.
तो वो बोली- तो चोदिये ना मुझको सब तरीके से!
मैं बोला- रानी अभी तुम 30 मिनट से यहाँ चुद रही हो, और मुझे तो खुशी होगी कि रात भर तुमको चोदूँ पर अभी घर जाओ, कल जल्दी आ जाना तो 4-5 तरीके से चोदूंगा.
तो बोली- इसको तो देखो!

वो नीग्रो उस गोरी लड़की की गान्ड बड़ी बेरहमी से चोद रहा था और चाँदनी अब यह भी करवाना चाह रही थी, मैंने उसको कहा- कल जब शाम को खेलने निकलो तो याद रखना कि अब तुम बच्चों वाला नहीं वयस्कों वाला खेल खेलोगी, जिसके लिए आने के पहले चूत और गाण्ड अच्छे से धो लेना.
उसने खुश होकर कपड़े पहने और चली गई.

मैं खुश था कि मैंने ऐसी लड़की चोद दी जिसकी चूत में अभी तो अच्छी तरह बाल भी नहीं आए हैं और कल यह खुद से गाण्ड भी मरवाएगी.

उसके बाद तो मैंने 3 महीने तक चाँदनी को अलग अलग तरीके से चोदा, उसकी गान्ड मारी और सेक्स में संभव हर काम किया.

उसको भी फिर किसी और भी लौड़े का शौक लगा और फिर एक बार किसी अमीर ज़ादे को फंसाया और उसने उसको चोदा.

और एक बार होटल ले जा कर अपने 4 दोस्तों के साथ उसको चोदा!
मेल करो… Sex Stories

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दोस्तो, आज मैं Sex Stories अपनी कहानी आप को पहली बार लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्योंकि मेरी यह कहानी कहानी न हो करके एक असलियत है जो मेरे साथ घटित हुई है।

मेरा नाम सुरेश है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। मैं एक मध्यम परिवार का शादीशुदा मर्द हूँ, मेरा भी मन करता था कि मैं भी किसी के साथ सम्भोग करुँ। कोई ऐसी लड़की मिल जाये जो मुझे प्यार करे, जिसके साथ मैं खुल कर बातें कर सकूं और अपने मन की बात कह सकूँ।

दोस्तो और सहेलियो, अब आप मेरी कहानी सुनिए :

मैं एक बहुत ही शरीफ लड़का था, मेरी शादी को बारह साल हो चुके थे। मैंने अपनी पत्नी के अलावा और किसी भी लड़की की तरफ कभी आँख उठा करके भी नहीं देखा था। करीब गयारह साल के बाद मेरी भी इच्छा हुई कि मेरी भी कोई दोस्त होती जिसे मैं भी आराम से चोद सकता और वो मुझसे चुदाई करवा के खुश हो जाती।

मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो कि मेरी हम-पेशा है। मैं उसका नाम नहीं बता सकता (कृपया मुझे माफ़ करें) हम लोग करीब साल भर बात ही करते रहे, न मैंने पहल की और न ही उसने कभी कहा कि उसका मन मुझसे मिलने को कर रहा है।

वो भी शादीशुदा है और मैं भी!

हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी है, पर पिछले साल अचानक उसने मुझ से कहा कि वो मुझसे अकेले में मिलना चाहती है। मैं तो पहले से ही तैयार था पर डरता था कि कहीं वो गुस्सा न हो जाये। उसके कहने पर तो जैसे मुझे मन मांगी मुराद ही मिल गई हो।

मैंने तुंरत उसे फ़ोन करके पूछा- बताओ कहाँ चलें?
तो उसने कहा- जहाँ आपको अच्छा लगे, वहीं चलते हैं, लेकिन जल्दी वापिस आना होगा!
मैंने कहा- ठीक है!

मैंने तुंरत अपनी कार निकाली, उसे जहाँ उसने कहा था, वहां से लिया और चल पड़े! मैं कभी बाहर नहीं गया था, मैंने अपने एक दोस्त को फ़ोन किया (जो हर हफ्ते अपनी गर्ल फ्रेंड को लेकर जाता है ) और उसे कहा कि मेरे लिए एक कमरा बुक करवा दो!

उसने होटल में फ़ोन किया, उसके दो मिनट बाद ही हम वहां पहुँच गए और मैनेजर से बात करके कमरे में चले गए। कमरे में जाते ही हमने अन्दर से बंद कर लिया और जोर से जफ्फी डाली जैसे दो साथी जनम-जनम से बिछड़े पता नहीं कितनी देर बाद मिले हों!

इसके बाद हम दोनों ने आपस में मुँह में मुँह डाल कर किस किया और जाने कब तक करते रहे।

फ़िर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया। मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि वो मुझे इस तरह का मज़ा देगी। उसने मेरे पूरे के पूरे लण्ड को अपने मुंह में भर लिया। मुझे तो बस कुछ मत पूछो कि कितना मज़ा आया! बता ही नहीं सकता!

थोड़ी देर चूसने के बाद उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करके कहा- अब अपना लण्ड इसमें डालो! पता नहीं कब से प्यासी है यह तुम्हारे लण्ड के लिए!

मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत पर लण्ड रखा और अन्दर डालने लगा तो ऐसे लगा थोड़ी टाइट है, मैंने उससे पूछा- क्या बात है? चूत बहुत टाइट है? (उसके दो बच्चे हैं)

तो उसने कहा- बहुत दिनों से प्यासी है चूत तुम्हारे लण्ड के लिए! जल्दी डालो! लेकिन आराम से! नहीं तो दर्द होगा!

मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता इसलिए उसे मेरे लण्ड की बहुत जरूरत है। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत में डाला। मेरा लण्ड बहुत ही टाइट जा रहा था उसकी चूत में! मेरा लण्ड 7″ का है और 3″ मोटा है,

उसने कहा- तुम्हारा तो बहुत मोटा है!
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं! तुम्हारे अन्दर फिट हो जायेगा!

मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपना लण्ड डाला, वो चिल्लाने लगी- थोड़ा आराम से करो न! बहुत दर्द हो रहा है!
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान! चिंता मत करो! सब ठीक हो जायेगा!
और उसके होंठ चूसने लगा।

थोड़ी देर लण्ड उसकी चूत में रहा तो वो कहने लगी- अब करो न प्लीज़!
तो मैंने उससे पूछा- अब दर्द कैसा है?
उसने कहा- प्लीज़ जल्दी करो! मेरी चूत को फाड़ डालो! जल्दी करो! मेरी चूत को मसल डालो!

तो मैंने अपना काम शुरू कर दिया। थोड़ी देर में ही वो झड़ गई लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था। (दोस्तों मैं आप को बात बता दूं कि मेरा तब तक नहीं होता जब तक मैं नहीं चाहता, यह मेरा अनुभव है)

फिर मैंने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।

वो बोली- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत ज्यादा करते हो! क्या खाते हो?
मैंने कहा- मैं तो सिर्फ दूध ही पीता हूँ! और वो भी दो थन वाली गौ का!
वो बोली- धत्त! बेशरम! चलो अब जल्दी करो!

मुझे भी जल्दी थी क्योंकि इस बीच मेरे पास दो तीन फ़ोन आ गए थे कि कहाँ हो?

तो मैंने जल्दी-जल्दी जोरदार शॉट लगाये और 40-50 शॉट लगा के मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा रस उसकी चूत में ही डाल दिया और 5 मिनट उसके ऊपर ही लेटा रहा। मैं पसीने से नहा गया था। उसने मेरे बदन से पसीना पौंछा और खड़ी हो गई।

मैंने उससे पूछा- कैसे लगा?
तो उसने कहा- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत समय लगाते हो!
मैंने पूछा- मज़ा आया या नहीं?
तो उसने कहा- मज़ा तो बहुत आया! मैं पूरी तुम्हारी हो गई हूँ।

अब तक हम बहुत बार मिल चुके हैं, एक दो बार वो गर्भवती भी हो गई तो उसने वो गर्भ गिरा दिया क्योंकि वो और बच्चा नहीं चाहती थी और न ही मैं चाहता था। अब हम जब भी मिलते हैं तो कंडोम इस्तेमाल करते हैं ताकि कोई खतरा न रहे।

एक बात मैं आप को बता दूं यह कोई कहानी नहीं, मेरी लव स्टोरी है। दूसरी बार कुछ लिख पाऊँगा या नहीं यह सब आपके जवाब आने पर!
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