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Massage Girl in Kalahandi: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Kalahandi who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Kalahandi that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Kalahandi massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Kalahandi who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Kalahandi massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Kalahandi massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Kalahandi who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Kalahandi employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Kalahandi helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Kalahandi

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Kalahandi at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

मेरा नाम साधना है और मेरी उम्र 23 साल है. मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ.

मैं अपने जिस्म की बात करूँ तो मेरे बूब्स 36 इंच के एकदम टाइट हैं, मेरी कमर 30 की है और गांड 38 इंच की है, जो चलते समय बहुत मटकती है.
मेरा जिस्म किसी पेप्सी की 300 एमएल की बोतल के जैसे है.

ये सेक्स कहानी मेरी और मेरे ब्वॉयफ्रेंड की चुदाई की तो है ही, पर उसके बाद भी मैंने इसमें चुदाई की दुनिया के कुछ और सच भी उजागर किए हैं, उनका आनन्द लीजिए.

मेरे घर में मैं, मेरी मॉम, डैड और एक भाई है … जो मुझसे बड़ा है.
भाई की शादी हो चुकी है.

मेरी भाभी बहुत अच्छी हैं, वे मेरे साथ सहेली की तरह रहती हैं.

मैं एक कंपनी में जॉब करती हूँ और मेरा ब्वॉयफ्रेंड मेरे ऑफिस की सामने वाली बिल्डिंग में जॉब करता है.

हमेशा की तरह मैं सुबह तैयार होकर लैगिंग्स और टॉप पहन कर अपने घर से निकली.

घर से बाहर निकल कर कुछ ही दूर मुझे मेरा ब्वॉयफ्रेंड अपनी कार से लेने आया हुआ था.
वह रोज ही आ जाता था और हम दोनों साथ में ऑफिस जाते थे.

हम दोनों ऑफिस के लिए निकल गए.
थोड़ी ही देर में हम ऑफिस पहुंच गए.

अपनी टेबल पर आकर मैं अपना काम करने लगी.

मैं अपना काम कर रही थी कि तभी मेरा बॉस मेरे पास आया और उसने मुझसे अपने केबिन में आने के लिए कहा.

मैं कुछ पल बाद उनके केबिन में गई और मैंने बाहर से ही उनसे अन्दर आने की आज्ञा मांगी.
उन्होंने सर हिला कर अन्दर आने का इशारा कर दिया.

मैं अन्दर गई और उनसे पूछा कि क्या बात है सर?
उन्होंने मुझे एक नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया और कहा- ये प्रोजेक्ट तुम्हें पूरा करना है.

मैंने ‘ओके सर’ बोल कर पेपर्स ले लिए और बाहर आ गई.

अब मैंने उस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया.

काम करते करते दो बज गए.

मैं काम रोक कर लंच करने चली गई.
हमारा एक घंटे का लंच होता है.

मैं दस मिनट में खाना खाकर बाहर निकली और तभी ब्वॉयफ्रेंड की कॉल आ गई.

मैंने कॉल उठाई तो उसने कहा- जहां हम मिलते हैं, वहां आ जाओ.
मैं कॉल कट करके वहां जाने लगी.

मैं वहां पहुंच कर अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिली.
हमने साथ में सिगरेट पी और फिर हम दोनों घूमने निकल गए.

मेरे ब्वॉयफ्रेंड के ऑफिस से थोड़ी ही दूर पर एक टॉयलेट है, जो हमेशा खाली रहता है.
वहां कोई नहीं आता है.

हम दोनों घूम ही रहे थे कि उसने मुझसे कहा- चलो ना बेबी, आज इसके अन्दर चलते हैं.
मैंने उसे मना किया पर वह जिद करने लगा.

उसकी काफी जिद के बाद मैं उसके साथ जाने को रेडी हो गई.

हम दोनों अन्दर गए.
वहां हम दोनों एक खाली वाशरूम में घुस गए.

उसने डोर लॉक किया और मुझसे लिपट कर मुझे चूमने लगा.
मैं एक Xxx लड़की हूँ, उसका साथ देने लगी.

चूमते चूमते उसने मेरा टॉप उतार दिया और मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए.

उसने मुझे दीवार से चिपकाया और मेरी ब्रा के हुक खोल कर उतार कर एक तरफ लटका दी.
अब वह मेरे मोटे मोटे बूब्स पर टूट पड़ा.

मैं उसके बाल सहलाने लगी और एक हाथ से उसके पैंट की जिप खोल कर उसका लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगी.

वह पागलों की तरह मेरे बूब्स चूस रहा था.
कभी वह निप्पल पर काट लेता तो कभी दूध को पूरा मुँह में भरने की कोशिश करने लगता.

मैं भी वासना में मदहोश हो गई और कामुक सिसकारियां लेती हुई जोर जोर से उसका लंड हिला रही थी- उम्म्म्म सीसीई आह अह्ह्ह्ह ओह गॉड बेबी … खा जाओ … इन्हें चूसो!

थोड़ी देर बाद वह मुझसे अलग हुआ और उसने नीचे बैठने को कहा.

मैं झट से नीचे बैठ गई और उसका लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी, उसके पूरे लंड पर जीभ फिराने लगी.

‘उम्म्म उम्मम्म आह बेबी…’ वह पागल होने लगा और मेरे बाल पकड़ सहलाता हुआ सिसकारियां भरने लगा.
‘आह्ह्हह साधना चूसो बेबी … ओह तुम कितना मस्त लंड से खेलती हो यार!’

उसके लंड को जीभ से चाटने के बाद एक ही झटके में मैंने उसका पूरा लंड मुँह में भर लिया और तेज तेज चूसने लगी.
‘ऑव्व गुओ गुओ गाफ़ गाफ़ ग्लो ग्लो …’

वह भी मेरे बालों को पकड़ कर तेज तेज झटके देने लगा.
पांच मिनट तक ऐसे ही लंड चूसने के बाद उसने मुझे खड़ा कर दिया.

मैं वहीं दीवार पर हाथ रख कर घोड़ी बन गई और वह मेरे पीछे आ गया.
उसने तुरंत मेरी लैगी खींच कर घुटनों तक उतार दी और पैंटी भी नीचे कर दी.

अब उसने मेरी चूत पर अपना लंड रखा और जोर जोर से रगड़ने लगा.
मैं Xxx लड़की मचलने लगी- सी सी आआह बेबी प्लीज डाल दो ना!

मुझे ऐसे तड़पती हुई देख उसने मेरी कमर पकड़ी और पूरी दम से एक झटका लगा कर लंड चूत में घुसा दिया.
मैं चिल्ला पड़ी- आआहह आह आह्ह मेरी चूत फट गई … मैं तुमसे कहती हूँ ना कि पहले मेरी चूत चाट लिया करो!

उसने लंड दबाते हुए कहा- बाबू तुम्हें पता तो है कि मुझे उसे चाटना पसंद नहीं है.
वह मेरी कमर पकड़ कर लौड़े के झटके दिए जा रहा था.

थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.
मैं अपनी गांड आगे पीछे करती हुई उसका साथ देने लगी- आह आआह आआह … फक चोदो चोदो मुझे … आह और तेज … और तेज बेबी आह्ह साले मां के लौड़े चोद मादरचोद मेरी चूत … साले बहन के लौड़े!

वह भी पूरे जोश में मेरी चूत में झटके देने लगा- आआआह आह आआ आह ले साली कुतिया रंडी साली … तू Xxx लड़की कितनी बड़ी रांड है मादरचोद पब्लिक टॉयलेट में मेरा लंड ले रही है छिनाल! कुतिया गंदा सेक्स कर रही है!

मैं भी गांड आगे पीछे करती हुई उसका पूरा साथ दे रही थी- आआ आह … आआह चोद … साले चोदता रहे साले … फाड़ दे मेरी चूत रंडी के जने!
हम दोनों चुदाई में मगन ऐसे ही सिसकारियां लेते हुए मजा लेने लगे.

फिर पांच मिनट बाद ही वह जोर जोर से झटके देता हुआ मेरी चूत में झड़ने लगा.
मैंने जैसे ही उसके माल का अहसास किया, अपने मुँह को पीछे करके उसे देखने लगी.

मैं गुस्से में बोली- बहन के लौड़े ने आज फिर इतनी जल्दी रस छोड़ दिया. साले … हरामी की औलाद … हमेशा तू ऐसे ही करता है!

उसने लंड झाड़ कर उसे चूत से बाहर निकाल लिया.

मैं झट से नीचे बैठी और उसका लंड मुँह में भर कर चूसने लगी.

‘आआह आआह साले इसे खड़ा कर भोसड़ी के … मेरी चूत की प्यास अभी नहीं बुझी … पहले मेरा पानी निकाल कुत्ते.’
मैं तेज तेज लंड को चूस रही थी.

तभी उसने लंड निकाल लिया और बोला- बेबी अब बस … अब ये खड़ा नहीं होगा.
इतना बोल उसने लंड चड्डी के अन्दर किया और पैंट पहनने लगा.

उसने पैंट के हुक लगा कर दरवाजा खोला और बोला- मैं जा रहा हूँ, तुम भी कपड़े पहन कर आ जाओ.
वह निकल गया.

मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया.
वह हमेशा मुझे बिना झड़े छोड़ देता है.

मैंने दरवाजा बंद किया और अपनी चूत में तेज तेज उंगली करने लगी- आह आआअह आआआह मेरी चूत कोई चोदो … इसे शांत कर दो … आह!
मैं अपनी आंखें बंद किए हुई अपने मम्मों को मसलती हुई चूत में उंगली किए जा रही थी.

पांच मिनट के बाद मेरी जांघें कांपने लगीं और मैं जोर जोर से सिसकारियां लेती हुई झड़ने लगी.
मेरी चूत से पानी की धार बहने लगी.

‘आआअह आआअह ओह माय गॉड मेरी चूत … आह आआअह आआहह.’
मैं चिल्लाती हुई झड़ गई.

फिर मैंने अपनी चूत से उंगलियां निकालीं और उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगी- उम्म्म्म उम्मम्म सो टेस्टी!

यही बुदबुदाती हुई मैंने खुद को साफ किया और कपड़े पहनने लगी.
फिर बाल ठीक करके लिपस्टिक लगाई और दरवाजा खोल कर बाहर आ गई.

जैसे ही मैं बाहर निकली, मैंने देखा कि एक काला सा आदमी गंदे फटे कपड़ों में खड़ा पेशाब कर रहा है.
वह एक भिखारी था.

मैं Xxx लड़की उसे देखने लगी.
वह अपनी आंखें बंद करके मस्ती से मूत रहा था.

मेरी नजर उसके लंड पर गई और मैं लंड देखती ही रह गई.
इतना बड़ा और इतना मोटा लंड … मैंने आज तक नहीं देखा था.

मेरी नजरें उसके लंड से हट ही नहीं रही थीं.
तभी उसने आंखें खोल दीं और मुझे लंड को घूरते हुए देख लिया.

वह दांत निकाल कर बोला- क्या चाहिए मैडम?
उसकी आवाज सुन कर मैं डर गई और वहां से तुरंत निकल गई.

मैं अपने ऑफिस में आ गई और प्रोजेक्ट पर काम करने लगी.

मुझे काम करते करते 5 बज गए.
मैंने अपने लिए एक कॉफी मगायी और तसल्ली से पी.

उस समय मेरे दिमाग में अपनी प्यासी चूत और उस भिखारी का मोटा लंड ही घूम रहा था.

कॉफी खत्म करके मैं दोबारा काम में लग गई.
धीरे धीरे स्टाफ जाने लगा.

मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 7 बज चुके थे.
तब मैंने लैपटॉप बंद करके बैग में रखा और घर के लिए बाहर निकल गई.

बाहर आकर मैंने ब्वॉयफ्रेंड को कॉल की.
उसने कहा- मैं बस पांच मिनट में आ रहा हूँ.

मैं वहीं खड़ी हो गई और सिगरेट पीती हुई उसका इंतजार करने लगी.

करीब दस मिनट बाद ब्वॉयफ्रेंड आया.
मैं कार में बैठ गई और हम दोनों घर के लिए निकल गए.

आज मैं थका थका फील कर रही थी.
मेरी आंख लग गई और मैं सो गई.

पांच मिनट बाद मुझे ब्वॉयफ्रेंड ने उठाया और कहा- हम पहुंच गए बेबी.
मैं अपने अपार्टमेंट के बाहर पहुंच गई थी.

मैंने ब्वॉयफ्रेंड को हग किया और बाई बोल कर उतर कर घर आने लगी.

मैं घर पहुंची और डोर बेल बजाई.
मॉम ने दरवाजा खोला और बोली- अरे बेटी आ गई तू!

मैं हां कह कर अन्दर आई और अपने रूम में आकर बेड पर बैग फेंक कर सीधा बेड पर गिर गई.
मुझे कब नींद आ गई, मुझे पता ही नहीं चला.

मेरी आंख खुली जब मेरा दरवाजा खटखटाया गया.

मैंने आंखें खोलीं तो बाहर भाभी आवाज लगा रही थीं- साधना साढ़े आठ बज गए हैं, उठो खाना खाने आ जाओ.

इसका मतलब था कि मैं करीब आधा घंटा सो चुकी थी.
मैंने कहा- ओके भाभी, आती हूँ.

मैं अपने बेड से उठी और अपने सारे कपड़े उतार नंगी हो गई और शॉवर लेने चली गई.
मैं शॉवर के नीचे खड़ी होकर नहाने लगी और जल्दी से नहा कर बाहर आ गई.

फिर बिना ब्रा पैंटी के एक शॉर्ट्स और टी-शर्ट डाल कर बाहर आ गई.
बाहर देखा तो सब डिनर टेबल पर बैठे थे.

मैं अपनी जगह पर जाकर बैठ गई.

भाभी ने मुझे खाना सर्व किया और मैं खाना खाने लगी.

थोड़ी देर में ही मैंने खाना खत्म किया और उठ कर अपने कमरे में आ गई.

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मैं उन दिनों गांव में Hindi Sex Stories अपनी दीदी के घर आया हुआ था. उनके पास काफ़ी जमीन थी, जीजा जी की उससे अच्छी आमदनी थी. उनकी लड़की कमली भी जवान हो चली थी. कमली बहुत तेज लड़की थी, बहुत समझदार भी थी. मर्दों को कैसे बेवकूफ़ बनाना है और कौन सा काम कब निकालना है वो ये अच्छी तरह जानती थी.

एक दिन सवेरे जीजू की तबीयत खराब होने पर उन्हें दीदी शहर में हमारे यहाँ पापा के पास ले गई. हमारे गांव से एक ही बस दोपहर को जाती थी और वही बस दूसरे दिन दोपहर को चल कर शाम तक गांव आती थी.

कमली और मैं दीदी और जीजू को बस पर छोड़ कर वापस लौट रहे थे. मुझे उसे रास्ते में छेड़ने का मन हो आया. मैंने उसके चूतड़ पर हल्की सी चिमटी भर दी. उसने मुझे घूर कर देखा और बोली- खबरदार जो मेरे ढूंगे पर चिमटी भरी…’

‘कम्मो, वो तो ऐसे ही भर दी थी… तेरे ढूंगे बड़े गोल मटोल है ना…’
‘अरे वाह… गोल मटोल तो मेरे में बहुत सी चीज़ें है… तो क्या सभी को चिमटी भरेगा?’
‘तू बोल तो सही… मुझे तो मजा ही आयेगा ना…’ मैंने उसे और छेड़ा.
‘मामू सा… म्हारे से परे ही रहियो… अब ना छेड़ियो…’
‘कमली! थारे बदन में कांई कांटा उगाय राखी है का’
‘बस, अब जुबान बंद राख… नहीं तो फ़ेर देख लियो…’

उसकी सीधी भाषा से मुझे लगा कि यह पटने वाली नहीं है. फिर भी मैंने कोशिश की… उसकी पीठ पर मैंने अपनी अन्गुली घुमाई. वो गुदगुदी के मारे चिहुंक उठी.

‘ना कर रे… मने गुदगुदी होवे…’
‘और करूँ कई… मने भी बड़ो ही मजो आवै…’ और मैंने उसकी पीठ पर अंगुलियाँ फिर घुमाई. उसकी नजरे मुझ पर जैसे गड़ गई, मुझे उसकी आँखों में अब शरारत नहीं कुछ और ही नजर आने लगा था.
‘मामू सा… मजा तो घणो आवै… पर कोई देख लेवेगो… घरे चाल ने फिर करियो…’

उसे मजा आने लगा है यह सोच कर एक बार तो मेरा लण्ड खड़ा हो गया था. उसका मूड परखने के लिये रास्ते में मैंने दो तीन बार उसके चूतड़ो पर हाथ भी लगाया, पर उसने कोई विरोध नहीं किया.

घर पहुंचते ही जैसे वो सब कुछ भूल गई. उसने जाते ही सबसे पहले खाना बनाया फिर नहाने चली गई. मैंने बात आई गई समझते हुये मैंने अपने कपड़े बदले और बनियान और पजामा पहन कर पढ़ने बैठ गया. पर मन डोल रहा था. बार बार रास्ते में की गई शरारतें याद आने लगी थी.

इतने में कमली ने मुझे आवाज दी- मामू सा… ये पीछे से डोरी बांध दो…’

मैं उसके पास गया तो मेरा शरीर सनसनी से भर गया. उसने एक तौलिया नीचे लपेट रखा था मर्दो वाली स्टाईल में… और एक छोटा सा ब्लाऊज जिसकी डोरियाँ पीछे बंधती हैं, बस यही था. मैंने पीछे जा कर उसकी पीठ पर अंगुलियाँ घुमाई…

‘अरे हाँ मामू सा… आओ म्हारी पीठ माईने गुदगुदी करो… मजो आवै है…’
‘तो यह… ब्लाऊज तो हटा दो!’
‘चल परे हट रे… कोई दीस लेगा!’ उसकी इस हाँ जैसी ना ने मेरा उत्साह बढ़ा दिया.
‘अठै कूण है कम्मो बाई… बस थारो मामू ही तो है ना… और म्हारी जुबान तो मैं बंद ही राखूला!’
‘फ़ेर ठीक है… उतार दे…’

मैंने उसका छोटा सा ब्लाउज उतार दिया. फिर उसकी पीठ पर अंगुलियों से आड़ी तिरछी रेखाएँ बनाने लगा. उसे बड़ा आनन्द आने लगा. मेरा लण्ड कड़क होने लगा.

‘मामू सा, थारी अंगुलियों माणे तो जादू है…’ उसने मस्ती में अपनी आंखें बंद कर ली.

मैंने झांक कर उसकी चूचियाँ देखी. छोटी सी थी पर चुचूक उभार लिये हुये थे. अभी शायद उत्तेजना में कठोर हो गई थी और तन से गये थे. मैंने धीरे से अंगुलियाँ उसके चूतड़ों की तरफ़ बढा दी और उसके चूतड़ों की ऊपर की दरार को छू लिया. उसे शायद और मजा आया सो वह थोड़ा सा आगे झुक गई, ताकि मेरी अंगुलियाँ और भीतर तक जा सके. उसका बंधा हुआ तोलिया कुछ ढीला हो गया था. मैंने हिम्मत करके अपना दूसरा हाथ उसकी पीठ पर सरकाते हुये उसकी चूंचियों की तरफ़ आ गया और उसकी एक एक चूची को सहला दिया. कमली ने मुझे नशीली आंखों से देखा और धीरे से मेरी अंगुलियाँ वहाँ से हटा दी. मैंने फिर से कोशिश की पर इस बार उसने मेरे हाथ हटा दिये.
कुछ असमंजस में मुझे घूरने लगी .
‘बस अब तो घणा होई गयो… अब… अब म्हारी अंगिया पहना दो…’
‘अह… अ हाँ लाओ’

मुझे लगा कि जल्दबाजी में सब कुछ बिगड़ गया. उसने अपने चूतड़ तक तो अंगुलियाँ जाने दी थी… अब तो वो भी बात गई… उसने अपना ब्लाऊज ठीक से पहना और भाग कर भीतर कमरे में बाकी के कपड़े पहनने चली गई.

रात को मैं कमली के बारे में ही सोच रहा था कि वो दरवाजे पर खड़ी हुई नजर आ गई.
‘आओ कम्मो… अन्दर आ जाओ!’ उसकी आँखों में जैसे चमक आ गई. वो जल्दी से मेरे पास आ गई.
‘मामू सा… आपरे हाथ में तो चक्कर है… मने तो घुमाई दियो… एक बार और अंगुलियाँ घुमाई दो!’ उसकी आँखों में लगा कि वासना भरी चमक है. मेर लण्ड फिर से कामुक हो उठा.
‘पर एक ही जगह पर तो मजो को नी आवै… जरा थारे सामणे भी तो करवा लियो…’ मैंने अपनी जिद बता दी. यदि चुदाई की इच्छा होगी तो इन्कार नहीं करेगी. वही हुआ…
‘अच्छा जी… कर लेवो बस…’

उसकी इजाजत लेकर मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया और अपनी अंगुलियाँ उसके बदन पर घुमाने लगा. उसका ब्लाऊज मैंने उतार दिया और अपनी अंगुलियाँ उसकी चूचियों पर ले आया और उससे खेलने लगा. मेरे ऊपर अब वासना का नशा चढ़ने लगा था. उसकी तो आंखें बंद थी और मस्ती में लहरा रही थी. मेरा लण्ड कड़ा हो कर फ़ूल गया था. जब मुझसे और नहीं रहा गया तो मैंने दोनों हाथों से उसके बोबे भींच डाले और उसे बिस्तर पर लेटा दिया.
‘ये कांई करो हो… हटो तो…’ उसे उलझन सी हुई.
‘बस कमली… आज तो मैं तन्ने नहीं छोड़ूंगा… चोद के ही छोड़ूंगा!’
‘अरे रुक तो… यु मती कर यो… हट जा रे…’ उसका नशा जैसे उतर गया था.
‘कम्मो… तु पहले ही जाणे कि म्हारी इच्छा थारे को चोदवां की है?’
‘नहीं वो आप, मणे अटे दबावो, फ़ेर वटे दबावो… सो मणे लागा कि यो कांई कर रिया हो, फेर जद बतायो कि चोदवा वास्त कर रिओ है तो वो मती करो… माणे अब छोड़ दो… थाने म्हारी कसम है!’

मैंने तो अपना सर पकड़ लिया, सोचा कि मैं तो इतनी कोशिश कर रहा हू और ये तो चुदना ही नहीं चाहती है. मैंने उसका घाघरा और ब्लाऊज उतारने की कोशिश की. पर वो अपने आप को बचाती रही.

‘मामू सा… देखो ना कसम दी है थाणे… अब छोड़ दो!’

पर मेरे मन में तो वासना का भूत सवार था. मैंने उसका घाघरा पलट दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. अब मैंने उसे अपनी बाहों में दबा कर चूमना चालू कर दिया. मेरा लण्ड उसकी चूत पर बहुत दबाव डाल रहा था. छेद पर सेटिंग होते ही लण्ड चूत में उतर गया. कमली ने तड़प कर लण्ड बाहर निकाल लिया.

‘मां… मने मारी नाक्यो रे… आईईई…’ मैंने फिर से उसे दबाने की कोशिश की.
‘देख कमली , थाने चोदना तो है ही… अब तू हुद्दी तरह से मान जा…’
‘और नहीं मानी तो… तो महारा काई बिगाड़ लेगो…’
‘तो फिर ये ले…’ मैंने फिर से जोर लगाया और लण्ड सीधा चूत की गहराईयों में उतरता चला गया…
‘हाय्… मैया री माने चोद दियो रे… अच्छा रुक जा… मस्ती से चोदना!’

मैं एक दम से चौंक गया. तो ये सब नाटक कर रही थी… वो खिलखिला कर हंस पड़ी.
‘कम्मो, जबरदस्ती में जो मजा आ रहा था… सारा ही कचरो कर मारा!’
‘अबे यूं नहीं, म्हारे पास तो आवो, थारा लवड़ा चूस के मजा लूँ… ध्हीरे सू करो… ज्यादा मस्ती आवैगी!’

उसने मुझे अपने पास खींचा और मेरा फ़नफ़नाता हुआ लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं मस्ती में झूम हो गया, मैं अपनी कमर यूं हिलाने लगा कि जैसे उसके मुँह को चोद रहा हूँ. मेरे लण्ड को अच्छी तरह चूसने के बाद अब वो लेट गई. उसने अपनी योनि मेरे मुँह के पास ले आई और अपनी टांगें ऊपर उठा दी… उसकी सुन्दर सी फ़ूली हुई चूत मेरे सामने आ गई. हल्के भूरे बाल चूत के आस पास थे… उसकी चूत गीली थी… मैंने अपनी जीभ उसकी भूरी सी और गुलाबी सी पंखुड़ियों पर गीलेपन पर रगड़ दी, मुझे एक नमकीन सा चिकना सा अहसास हुआ… उसके मुख से सिसकारी निकल गई.
‘आह्ह्ह मामू सा… मजो आ गयो… और करो…’ कमली मस्ती में आ गई.

मैंने अपनी जीभ उसकी गीली योनि में डाल दी. उसकी चूत से एक अलग सी महक आ रही थी. तभी उसका दाना मुझे फ़ड़फ़ड़ाता हुआ नजर आ गया. मैं अपने होठों से उसे मसलने लगा.
‘ओई… ओ… मेरी निकल जायेगी… धीरे से…चूसो…!’ वो मस्ती में खोने लगी थी. हम दोनों एक दूसरे को मस्त करने में लगे थे…
तभी कमली ने कहा- मामू सा लण्ड में जोर हो तो म्हारी गाण्ड चोद ने बतावो!’
‘इसमें जोर री कांई बात है… ढूंगा पीछे करो… और फ़ेर देखो म्हारा कमाल…!’

कम्मो ने पल्टी मारी और बिस्तर पर कुतिया बन गई. उसके दोनों सुन्दर से गोल गोल चूतड़ उभर कर मेरे सामने आ गये. मैंने उन्हें थपथपाया और दोनों चूतड़ हाथों से और अधिक फ़ैला दिए. उसका कोमल सा भूरा छेद सामने आ गया. मैंने पास पड़ी कोल्ड क्रीम उसकी गाण्ड के छेद में भर दिया और अपना मोटा सा लण्ड का सुपाड़ा उस पर रख दिया.

‘मामू सा नाटक तो मती करो… म्हारी गाण्ड तो दस बारह मोटे मोटे लण्ड ले चुकी है… बस चोदा मारो जी… मने तो मस्ती में झुलाओ जी!’

मैं मुस्करा उठा… तो सौ सौ लौड़े खा कर बिल्ली म्याऊँ म्याऊँ कर रही है. मैंने एक ही झटके में लण्ड गाण्ड में उतार दिया. सच में उसे कोई दर्द नहीं हुआ, बल्कि मुझे जरूर लग गई. मैं उसकी गाण्ड में लण्ड अन्दर बाहर करने लगा. मुझे तो टाईट गाण्ड के कारण तेज मजा आने लगा. मेरी रफ़्तार बढ़ती गई.

फिर मुझे उसकी चूत की याद आई. मैंने उसी स्थिति में उसकी चूत में लण्ड घुसेड़ दिया… सच मानो चूत का में लण्ड घुसाते ही चुदाई का मधुर मजा आने लगा. चूत की चुदाई ही आनन्द दायक है… कम्मो को भी तेज मजा आने लगा. वो आनन्द के मारे सिसकने लगी, कभी कभी जोर का धक्का लगता तो खुशी के मारे चीख भी उठती थी. उसके छोटे छोटे स्तनो को मसलने में भी बहुत आनन्द आ रहा था.

‘मामू… ठोको, मने और जोर सू ठोको… म्हारी तो पहले सु ही फ़ाट चुकी है और फ़ाड़ नाको…’
‘म्हारी राणी जी… मजो आ रियो है नी… उछल उछक कर थारे को ठोक दूंगा… पूरा के पूरा लौड़ा पीव लो जी!’
‘मैया री… लौड़ो है कि मोटो डाण्डो लगा राखियो है… मजो आ गियो रे… दे मामू सा…चोद दे!’

मेरा लण्ड उसकी चूत में तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था. मेरा लण्ड में अब बहुत तरावट आ चुकी थी. वह फ़ूलता जा रहा था. उसकी चूत की लहरें मुझे महसूस होने लगी थी. उसने तकिया अपनी छाती से दबा लिया और मेरा हाथ वहाँ से हटा दिया.

तभी उसकी चूत लप लप कर उठी… ‘माई मेरी… चुद गई… हाई रे… मेरा निकला… मामू सा… मेरा निकला… गई मैं तो… उह उह उह.’

उसका रज छूट पड़ा. मेरा भी माल निकला हो रहा था. मैंने समझदारी से लण्ड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा. एक दो मुठ मारने पर ही मेरा वीर्य पिचकारी के रूप में उछल पड़ा. लण्ड के कुछ शॉट ने मेरा वीर्य पूरा स्खलित कर दिया था. मैं पास ही में बैठ गया.

‘तू तो लगता है खूब चुदी हो…’
‘हाँ मामू सा… क्या करूँ… मेरे कई लड़के दोस्त हैं… चुदे बिना मन नहीं लागे… और वो छोरा… हमेशा ही लौड़ा हाथ में लिये फिरे… फिर चुदने की लग ही जावे के नहीं!’
‘तब तो आपणे घणी मस्ती आई होवेगी…’ मैंने उसकी मस्ती के बारे पूछा.
‘छोड़ो नी, बापु और बाई सा तो काले हाँझे तक आ जाई, अब टेम खराब मती कर… आजा… लग जा… फ़ेर मौका को नी मिलेगा!’ उसके स्वर में ज्वार उमड़ रहा था.

अब हम दोनों नंगे हो कर बिस्तर पर लेट गये थे और प्यार से धीरे धीरे एक दूसरे को सहला रहे थे. जवान जिस्म फिर से पिघले जा रहे थे… जवानी की खुशबू से सरोबार होने लगे थे… नीचे छोटा सा सात इंच का कड़क शिश्न योनि में घुस चुका था. हम दोनों मनमोहक और मधुर चुदाई का आनन्द ले रहे थे. ऐसा लगता था कि ये लम्हा कभी खत्म ना हो… बस चुदाई करते ही जायें… Hindi Sex Stories

दोस्तो, Antarvasna Stories

मेरा नाम बताना ज़रूरी Antarvasna Stories तो नहीं मगर आप मुझे लवर बॉय पुकार सकते हैं। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ और लोग कहते हैं कि मैं काफी हैन्डसम हूँ। मेरी लम्बाई 5’9″ है और आयु 19 साल है।

यह बात उस वक़्त की है जब मैं बारहवीं में था। उस वक़्त मेरी परीक्षा शुरू होने में सिर्फ एक सप्ताह रह गया था और पढ़ाई जोरों पर थी। मैं दिन भर पढ़ाई करता था इसी वजह से थोड़ा मूड ताज़ा करने के लिए शाम के समय क्रिकेट खेलने पास वाले मैदान में चला जाता था।

एक दिन की बात है, मैं मैदान में खेल रहा था तभी मेरे दोस्त ने शॉट मारा और गेंद मैदान के बाहर चली गई। मैं गेंद लेने गया। क्योंकि गेंद बाहर चली गई थी इसलिए मैं दीवार पर चढ़ कर गेंद ढूँढ रहा था। मेरी नज़र अचानक मेरे घर के सामने वाले घर पर पड़ी। वो मैदान की दीवार से बिल्कुल करीब ही था। मैंने देखा कि स्नेहा भाभी जो उस घर में रहती हैं, अपने बाथरूम में नहा रही थीं। मैं उनके बाथरूम की दीवार में लगे रोशनदान से उन्हें साफ़ देख सकता था। मैंने उन्हें देखा तो बस देखता रह गया क्योंकि मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को पूरी तरह नंगा देखा था। मैं उन्हें पागलों की तरह घूरे जा रहा था। मैं उन्हें देख ही रहा था कि अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ गई और मैं यह चिल्लाता हुआ कूद गया कि यार गेंद नीचे कहीं नहीं दिख रही, लगता है खो गई है ! और घर वापस आ गया।

मगर मेरे दिमाग में उनका वही नंगा बदन घूम रहा था- दूध जैसा गोरा और एक दम क्या कसा हुआ शरीर था ! फिर मैंने मैदान में जाना बंद कर दिया। मेरी परीक्षा खत्म होने के बाद करीब ४० दिन में हमारा परिणाम आ गया। घर पर सभी खुश थे। मैंने ६७% अंक प्राप्त किये। पापा मिठाई ले कर आये और बोले कि सब में बाँट दो !

मैं मिठाई लेकर सब लोगों को बाँटने चला गया और अंत में स्नेहा भाभी के घर भी गया। वो अपने पति के साथ रहती थी। क्योंकि उनकी नई-नई शादी हुई थी, उनका कोई बच्चा नहीं था। जब मैं उनके घर गया तो घर से उनके पति ऑफिस के लिए जा रहे थे। मैंने राजीव भैया को हेलो किया और मिठाई ऑफर की। उन्होंने एक टुकड़ा लिया और बोले कि अन्दर तेरी भाभी को भी दे दे ! मैं तो ऑफिस जा रहा हूँ !

और वो अपनी गाड़ी स्टार्ट करके ऑफिस के लिए निकल गए। मैं अन्दर गया तो उस दिन वाली घटना की वजह से भाभी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था। वो बोली- वाह छोटू ! तू पास हो गया ! मगर इतना शरमा क्यों रहा है? ला मिठाई खिला !

मैंने उन्हें मिठाई दी और बोला- अच्छा भाभी ! अब मैं चलता हूँ !

तो वो बोली- छोटू, एक बात बता ! उस दिन तेरी गेंद मिल गई थी या नहीं?

तो मैं कुछ नहीं बोला।

वो बोली- चल मत बता ! यह तो बता दे कि उस दिन क्या देख रहा था?

मैं बोला- कुछ नहीं भाभी ! मैं तो बस गेंद ढूँढ रहा था !

इस पर वो बोली- चल मैं इतनी बुरी भी नहीं हूँ कि कोई लड़का ऐसी हालत में भी मुझे न देखे !

उनकी यह बात सुन कर मैं हैरान रह गया।

फिर वो बोली- चल इस उम्र में नहीं देखेगा तो कब देखेगा?

यह सुनकर मैं थोड़ा मुस्कुरा दिया। फिर वो पूछने लगी- चल बता ! मैं कैसी दिखती हूँ ?

मैं बोला- भाभी, उस दिन तो बस मज़ा आ गया था !

बोली- अच्छा ? अभी तो बड़ा शरीफ बन रहा था ?

तो मैं बोला- हाँ ! वो तो बस ऐसे ही !

और बस उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। मुझे भी बस ग्रीन सिगनल का ही इन्तज़ार था।

मैंने भी उनका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो उन्होंने मुझे झटके से दूर कर दिया, बोली- रुक !

और जाकर दरवाज़ा बंद करके आई और बोली- यहाँ ठीक नहीं है !

वो मुझे अपने साथ अपने बेडरूम में ले गईं। मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। करीब 15 मिनट तक मैं उनके लबो और चेहरे को चूमता रहा और वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी।

फिर मैं उनके ऊपर से हटा और उनकी कुर्ती उतार दी और ब्रा भी खोल दी। मैं उनके दूध दबाने लगा, मैं उनके चुचूकों को दबा और चाट रहा था। इसी बीच वो सिसकियाँ ले रही थी और फिर उन्होंने खुद अपनी सलवार और पैंटी उतार फेंकी। अब वो मेरी सामने बिल्कुल नंगी थी। मैने देखा उनकी चूत एक दम टाइट थी और उस पर एक भी बाल नहीं था- एकदम साफ़ और चिकनी !

वो मेरे कपडे भी उतारने लगी। पहले उन्होंने मेरी टी-शर्ट, फिर जींस उतार फेंकी और फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी। अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे और मेरा लंड भी पूरी तरह से तैयार हो गया था। मैंने उनकी चूत पर अपने लण्ड का मुँह रखा तो उन्होंने हटा दिया और बोली- नहीं ! पहले पिछवाड़ा !

फिर मैंने उन्हें घूमने को कहा, उन्हें कुतिया बनाया और अपना लंड उनकी गाण्ड पर रखा और धक्का मारा तो थोड़ी तकलीफ हुई। फिर मैंने पास की अलमारी से तेल उठा कर उनकी गाण्ड और अपने लंड पर लगाया और एक जोर का धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उनकी गाण्ड में चला गया। उनके मुँह से चीख निकल गई। मैने उनके मुँह पर हाथ रखा और एक जोर का धक्का लगाया। मेरा पूरा ७ इंच का लण्ड उनकी गांड में घुस गया। फिर बहुत देर तक मैं उनकी गाण्ड मारता रहा। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और मैं भी झड़ गया। फिर मैंने उनसे चूत मारने का कहा तो वो बोली- यह अभी सील बंद है ! इसको तो अभी तुम्हारे भैया ने भी नहीं मारा ! तुम ज़रूर मेरी चूत भी मारना, मगर अगली बार !

और फिर मैंने क्या किया, यह मैं आपको अगली बार बताऊँगा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे बताएँ ! Antarvasna Stories

हाय दोस्तो, Sex Stories

मेरा आप सभी को Sex Stories लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा नमस्कार।
मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ तथा बहुत दिनों से आपसे अपने जीवन की सच्ची कहानी कहना चाह रहा था लेकिन इससे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। खासकर उन सभी लड़कियों को जो अपनी चूत का अच्छे से भोसड़ा बनवाना चाहती हैं क्योंकि मेरा निजी अनुभव है कि जो लड़कियाँ स्वभाव से शान्त होती है उनमें ही कामवासना ज्यादा होती है और चूत मरवाने की इच्छा प्रबल होती है।

हाँ तो मैं अपनी बात कर रहा था कि मैं 22 साल का एक सांवले रंग का लेकिन र्स्माट दिखने वाला लड़का हूँ। मैं मूल रूप से कानपुर का रहने वाला हूँ लेकिन फिलहाल नोएडा में अकेला रह रहा हूँ। लड़कियाँ कहती हैं कि मुझमें कुछ बात है जो उन्हें मेरी तरफ आकर्षित करती है। मेरे लण्ड की लम्बाई सात इंच तथा मोटाई तीन इंच है। मेरा शरीर गठीला है क्योंकि कॉलेज के शुरूआती दिनों से ही मुझे कसरत का शौक रहा है।

बात तब की है जब मैं पढ़ रहा था और मेरी बहन भी कॉलेज़ में थी। मेरी बहन मुझसे दो साल बड़ी है।

क्योंकि मैं स्वभाव से थोड़ा शर्मीला हूँ इसलिए उसकी कोई भी सहेली घर पर आती थी तो मैं किसी न किसी बहाने से बाहर चला जाता था। कई बार उसकी सहेलियों में से कई ने मुझसे बात करने की कोशिश भी की लेकिन मैं शर्म तथा बडी बहन की सहेली होने के कारण कुछ नहीं कह पाता था।

लेकिन कुछ दिनों बाद ही हमारे पड़ोस में एक नया परिवार रहने आया। उनकी दो लड़कियाँ तथा एक लड़का था। चूंकि बड़ी लड़की मेरी दीदी की हम उम्र थी इसलिये उनकी अच्छी सहेली बन गई थी। बडी लड़की के साथ उसकी छोटी बहन भी घर पर आने लगी। उसका नाम सपना था और वो देखने में किसी सपने जैसी ही हसीन और सुन्दर थी।
वो और मैं दोनों ही उम्र के उस पड़ाव पर थे जब किसी के साथ की इच्छा होती है। लेकिन मैं जितना शर्मीला था वो उतनी ही बिन्दास स्वभाव की लड़की थी और मुझ पर अपना हक जमाने की कोशिश करती थी तथा किसी न किसी बहाने से मेरे आस-पास ही मंडराती रहती थी। उसकी इस तरह की हरकतें देखकर कर कई बार मेरी दीदी ने मना भी किया कि मेरे साथ इस तरह की हरकतें न किया करे लेकिन जानबूझ कर वह और भी ज्यादा हरकतें करने लगी और कभी भी मौका पाकर दीदी के सामने ही मजाक में मुझसे चिपट जाती हो और मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगती।

मेरे मम्मी और पापा दोनी ही नौकरी करते हैं इसलिये मेरे घर पर दिन में चार घंटे कोई नहीं रहता था। मैं और मेरी दीदी एक ही स्कूल में पढ़ते थे लेकिन वो मोर्निंग शिफ्ट में स्कूल जाती थी और मैं बारह बजे दूसरी शिफ्ट में जाता था। जिस कारण सुबह नौ बजे से एक बजे तक कोई नहीं रहता था।

एक दिन की बात है मैं अपने घर में अकेला बिस्तर पर लेटा हुआ बोर हो रहा था कि तभी हमारे घर का दरवाजा खुला देखकर उनकी छोटी लड़की सपना घर पर आई और पूछने लगी- क्या कर रहे हो ?
मैंने कहा- कुछ नहीं ऐसे ही मन नहीं लग रहा है इसलिये बोर हो रहा हूँ।
उसने कहा- मेरा भी यही हाल है!

यह कहकर वो भी मेरे बगल में आकर लेट गई। इससे मुझे थोड़ा अजीब सा लगने लगा। लेकिन शायद वो अब तक मेरे शर्मीलेपन के बारे में समझ चुकी थी इसलिये अपनी ओर से पहल करना चाह रही थी।
यह बात उसने मुझे बाद में बताई कि जब से वो यहाँ रहने आई है तब से ही वो मुझसे चुदना चाह रही थी। लेकिन मैं शर्मीला होने के कारण उसकी बातों को उसकी नासमझी समझ कर ऐसे ही जाने दे रहा था।

धीरे-धीरे उसका जिस्म मुझसे छूने लगा जिससे मेरे जिस्म में सरसराहट होने लगी लेकिन शायद मैंने सोचा कि शायद पास लेटने की वजह से अनजाने में ऐसा हो गया है, यह सोचकर मैं थोड़ा पीछे खिसक गया। इसके बाद वो मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगी।
मैंने नासमझ की तरह उससे पूछा- यह क्या कर रही हो?
तो वह कहने लगी- अरे मुझे पता ही नहीं चला यह तुम्हारी जांघें हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
और यह कहकर मैं भी उसके हाथों पर हाथ फिराने लगा।

उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने भी हाथ उसकी बगल तक ले जाकर फिराने शुरू कर दिये। लेकिन उसकी चूचियों को पकड़ने की इच्छा होने के बावजूद भी मैंने उसकी चूचियों को हाथ नहीं लगाया। लेकिन उसने थोड़ा सा तिरछा होकर अपने हाथ अपने सीने की तरफ कर लिये जिससे मेरे हाथ उसकी चूचियों को थोड़ा-थोड़ा सा छूने लगें। उसकी चूचियाँ अभी ही निकलनी शुरू हुई थी इसलिये एक दम कड़क थी और उसकी बटन वाली टीशर्ट उठी हुई होने के कारण दिखाई दे रही थी।

धीरे-धीरे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मैंने उसकी चूचियों पर थोड़ा सा दबाब बनाना शुरू कर दिया। वो शायद समझ गई कि मैं उसकी चूचियों को दबाना चाह रहा हूँ और वो तो कब से यही चाहती थी। लेकिन लड़की होने के कारण स्वयं नहीं कह पा रही थी।
लेकिन हाय री मेरी फूटी किस्मत! तभी उसकी मम्मी ने उसे आवाज लगाई और वह जल्दी से उठकर चली गई. लेकिन मैंने सोचा कि जब यहाँ तक बात पहुँच गई है तो कभी न कभी आगे भी बढ़ेगी।

लेकिन शायद मेरी किस्मत में महा-चुदक्कड़ बनना ही लिखा था इसलिये मेरी किस्मत ने मुझे जल्दी ही वह मौका दे दिया।

मेरे मम्मी और डैडी को ऑफिस के एक जरूरी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा और घर पर सिर्फ मेरी बहन और मैं ही रह गये। क्योंकि हम दोनों ही भाई-बहन कम उम्र के थे इसलिये मम्मी-डैडी कह गये कि अपनी किसी सहेली को रात को सोने के लिये बुला लें। इसलिये वो सपना की बड़ी बहन को सोने के लिये बुलाने के लिये गई लेकिन उसने अगले दिन अपनी परीक्षा होने के कारण “रात को पढ़ना है.” यह कहकर आने से मना कर दिया और सपना को दीदी के साथ भेज दिया।

जब सपना दीदी के साथ आई तो मैंने देखा कि वो मुझे अजीब सी नजरों से मुझे देख रही थी और उसकी आँखों में एक खास चमक थी जैसे कोई शेरनी बकरी के बच्चे को देख कर खुश हो जाती है। वैसे यह काफी हद तक सच भी था क्योंकि वो इस फील्ड की शेरनी ही थी और मैं एक बकरी के बच्चे की तरह सीधा-सादा सा लड़का था। लेकिन तब तक मैं इस बात को नहीं जानता था कि वो इन मामलों में इतनी एक्सपर्ट है कि किसी लड़के को कैसे पटाया जाए।

क्योंकि उस दिन घर पर मम्मी डैडी नहीं थे इसलिये मैं दिन भर बाहर खेलता रहा और थकान हो जाने के कारण खाना खाकर जल्दी सोना चाह रहा था। लेकिन जैसे सपना की आँखों में तो नींद ही नहीं थी। वो तो आज रात में मुझसे जरूर ही चुदना चाह रही थी। लेकिन मैं भोला-भाला बालक इस सब से अनजान सोने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरे खिलाफ इतनी भयानक साजिश रची जा चुकी थी।

उधर थकान की वजह से मुझे नींद आ रही थी और सपना और दीदी बातें करने में लगी हुई थी जिस वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी। हम सभी तीनों लोग बैडरूम में एक साथ सो रहे थे। क्योंकि दीदी ने कहा कि घर में सिर्फ हम ही लोग हैं इसलिये एक साथ ही सो जाते हैं लेकिन साथ सोने का यह आइडिया भी सपना का ही था। सपना दीदी और मेरे बीच में लेट गई और दीदी के साथ बातें करती रही। लेकिन मुझे थकान की वजह से जल्दी ही गहरी नींद आ गई और मैं सो गया।

अचानक रात में मुझे अपने जिस्म पर किसी के हाथ का अहसास हुआ लेकिन शायद बिजली चली गई थी जिससे मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि वो हाथ किसका है। तभी मेरे बगल वाला जिस्म मुझसे और सट गया मैं समझ गया कि यह सपना ही है जो मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही है। धीरे-धीरे उसने अपना हाथ मेरे चेहरे के पास लाकर मेरे चेहरे को अपनी तरफ किया और मेरे गालों पर किस करने लगी।

कुछ देर बाद मुझे भी जोश आने लगा। लेकिन मैंने अभी जल्दीबाजी करना ठीक नहीं समझा। सच कहूँ तो मैं देखना चाहता था कि वह क्या करती है। मैंने अभी तक उसे यह अहसास नहीं होने दिया कि मैं नींद से जाग गया हूँ और बिजली जाने की वजह से यह काम और भी आसान हो गया था। वो भी नहीं चाहती थी कि मैं एक दम से जाग जाऊँ क्योंकि बगल में दीदी सो रही थी और हड़बड़ी में वो भी जाग सकती थी। इसलिये वह एक दम आराम से सबकुछ कर रही थी।

अचानक मुझे एक आइडिया आया और मैं करवट लेकर उसकी तरफ पलट गया और अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया। उसने सोचा शायद मैंने यह नींद में किया है इसलिये उसने मेरे हाथ को अपनी एक चूची पर कस कर दबा लिया। इससे ज्यादा मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसकी चूची कस कर पकड़ ली और धीर से कहा- यह तुम क्या कर रही हो सपना ?
मेरी इस बात से वो एकदम चौंक गई। उसे अदांजा नहीं था कि मैं जाग रहा हूँ और ये सब मेरी ही मर्जी से हो रहा था।

उसने कहा- जब तुम सब कुछ समझ ही गये हो तो अनजान क्यों बने हुए हो। यह कहकर वो मेरे ऊपर लेट गय और अपने गर्म और नर्म होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी धीरे-धीरे उसके होंठ चूसने शुरू कर दियें। क्योंकि यह मेरा होंठ चुसाई का पहला मौका था इसलिये मुझे शुरूआत में उसके होंठ चूसने में थोड़ी सी परेशानी हुई लेकिन फिर मैंने सब कुछ सम्भाल लिया। फिर मैंने उससे कहा कि यहाँ खतरा है क्योंकि थोड़ी सी हरकत से दीदी की नींद खुल सकती है। इसलिये दूसरे कमरे में चलते है।

मैंने उसे अपने ऊपर से उठाया और बगल वाले दीदी के कमरे में ले गया। क्योंकि चांदनी रात थी इसलिये उस कमरे में थोड़ी-थोड़ी रोशनी फैली हुई थी। मैंने उसे बैड पर लिटाया और उसके होंठ चूसने लगा। होंठ चूसने के साथ-साथ मैं उसके नाईट सूट के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा। उसकी चूचियाँ नींबू के समान छोटी-छोटी थी लेकिन बहुत ही ज्यादा कड़क थी। फिर मैंने उसे उठाया और उसका नाईट सूट उतार दिया। अब वो सिर्फ पेन्टी में ही रह गई क्योंकि वो उसकी चूचियाँ निकलने का शुरूआती दौर था और उस समय वो ब्रा नहीं पहनती थी।

मैंने उसे लिटाया और उसकी टाईट और छोटी-छोटी चूचियों को मसलने लगा। वो एकदम कराह कर बोली- प्लीज विनय, धीरे-धीरे दबाओ! बहुत दर्द होता है! अभी बहुत टाईट हैं।
हालांकि उसकी तकलीफ मुझसे भी देखी नहीं जा रही थी लेकिन मैं क्या करूं, मुझे उसकी टाईट चूचियों को जोर से दबाने में ही मजा आ रहा था।

धीरे-धीरे वो पूरी तरह गर्म हो गई और मुझसे कहने लगी कि विनय अब तुम भी अपने कपड़े उतार दो। तुमने तो मेरे पूरे शरीर के दर्शन कर लिये अब मैं भी तुम्हारा हथियार देखना चाहती हूँ। मैंने तुरन्त अपना नाईट सूट उतार दिया और उस चांदनी की हल्की रोशनी में वो मेरे हथियार को हाथ में लेकर घूरते हुये सहलाने लगी।
मैंने कहा- इसे मुँह में ले लो।
पहले तो उसने आना-कानी की लेकिन मेरे बार-बार कहने पर वो तैयार हो गई। उसने मेरे लण्ड को चूस-चूस कर गीला कर दिया।
फिर मैंने उससे कहा- अब मेरी बारी है! तुम सीधी होकर लेट जाओ और अपनी टांगों को फैला लो।

और उसके बाद मैंने उसकी छोटी सी चूत के मुँह पर अपने होंठ टिका दिये। उसकी चूत बहुत छोटी सी सीप के आकार की बड़ी प्यारी लग रही थी। उसकी चूत चाटने में मुझे एक अलग ही मजा आया। धीरे-धीरे उसकी चूत पानी छोड़ने लगी।
अचानक उसने मेरे बालो को पकड़ा और जोर से अपने ऊपर खींचा और कहा- क्या ऐसे ही जान ले लोगे? चलो अब असली काम करो।

मैं समझ गया कि वो मुझे अपने आपको चोदने के लिये कह रही है। मैंने देखा कि मेरा लण्ड अब अपनी पूरी मस्ती में था और किसी भी लड़की को चोदने के लिये एकदम तैयार था। मैंने उसकी टांगों को फैला कर लण्ड के टोपे को उसकी भीगी हुई चूत पर टिकाया लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी लण्ड का टोपा भी उसके अन्दर नहीं घुसा पाया। कारण कि हम दोनों ही इस काम के लिये नये थे। उसे तो कुछ जानकारी भी थी, मैं तो बिल्कुल ही नया माल था इसलिये अपने लण्ड को उसकी चूत में घुसा नहीं पा रहा था।

दोस्तो आपको बता दूँ यदि आप नौसिखिये है और पहली बार किसी बिना सील टूटी लड़की के साथ चुदाई करने की सोच रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ जाये वरना आप भी मेरी तरह ही परेशान होगें। तभी मुझे अपने दोस्त की सुहागरात की बात याद आई जब उसे भी यही परेशानी हुई। लेकिन उसे उसकी भाभी ने बता दिया था कि यदि लण्ड चूत में न घुसे तो उसे या तो घोड़ी बना कर उसकी चूत में घुसाये या फिर एक टांग उठाकर लण्ड अन्दर घुसाने की कोशिश करें, तो ही काम बन सकता है।

मैंने भी वही फार्मूला अपनाने का फैसला किया। लेकिन सबसे पहले एक जरूरी काम करना बाकी था। मैं फ़ौरन उठकर ड्रेसिंग टेबल से उठाकर कोल्ड क्रीम की डिब्बी ले आया और उसके हाथ में देते हुए बोला- अगर चुदवाना है तो इससे मेरे लण्ड पर अच्छी तरह लगाना होगा।

उसने एक चौथाई क्रीम डिब्बे में से निकाली और मेरे लण्ड पर लगानी शुरू कर दी। उसके बाद मैंने भी काफी सारी क्रीम लेकर उसकी चूत पर अन्दर और बाहर की ओर लगाने लगा। लेकिन उसकी चूत टाईट होने के कारण उंगली ज्यादा अन्दर नहीं जा रही था फिर भी जहाँ तक हो सका, मैं क्रीम लगाता रहा।

उसके बाद मैंने उसकी एक टांग उठाकर अपने कन्धे पर रखी तो उसने पूछा- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं! तेरी माँ चोदने की तैयारी कर रहा हूँ! आधी रात निकाल दी और कुछ भी नहीं हुआ।

मेरी इस तरह की बात सुनकर पहले तो वो चौंक गई लेकिन फिर समझ गई कि अब लण्ड के साथ-साथ मुझमें भी गर्मी आ गई है। मैंने उसकी टांग को अपने कन्धे पर टिकाया और उंगली से उसके चूत के छेद को टटोलकर उस पर अपने लण्ट का टोपा सेट कर दिया ताकि एक ही झटके में अन्दर घुस जाए।
जैसे ही मैंने लण्ड को झटका दिया। लण्ड पर बहुत सारी क्रीम लगी होने के कारण वो एक दम से दो-इंच उसकी चूत में घुस गया। उसके मुँह से एक दम एक जोर की चीख निकली- आई मम्मी! मर गईऽऽऽ!

मैंने एकदम घबराकर उसका मुँह अपने एक हाथ से बन्द किया और दूसरा धक्का नहीं लगाया। उसके इस तरह चीखने से मैं डर गया था कि कहीं दीदी न जग गई हो और अगर इस हालत में मैं एक झटका और मार देता और अगर वो फिर से चिल्ला देती तो सारा गुड़-गोबर हो जाता।
मैंने मुँह दबाये हुये ही कहा- मरवाओगी क्या? जबसे तो चुदने के लिये तड़प रही थी और अब चिल्ला-चिल्ला कर पूरे मुहल्ले को इकट्ठा कर रही है।
उसने मुझे मुँह से हाथ हटाने का इशारा किया।

पूरी तरह आश्वस्त होने पर मैंने उसके मुँह पर से हाथ हटा दिया। मेरे हाथ हटाने के बाद उसने कहा- मुझे क्या पता था कि इतना दर्द होगा। मेरी सहेलियों ने तो कहा था कि थोड़ा सा ही दर्द होगा और बहुत मजा आयेगा। लेकिन अभी तो मेरी जान ही निकली जा रही है। और चूत में तो ऐसा लग रहा है कि जैस किसी धारदार चीज से चीर दी गई हो।
मैंने उसकी चूचियाँ एक हाथ से दबानी और और एक चूची मुँह में लेकर चूसनी शुरू कर दी। जिससे उसे थोड़ा सा आराम मिला और कुछ दर्द का एहसास कम हो गया।

र्द का एहसास कम हो जाने पर मैंने उससे पूछा- अब बाकी लण्ड भी अन्दर घुसा दूँ?
तो उसने कहा- हाँ, पर ध्यान से और धीरे-धीरे। पिछली बार के झटके का दर्द अभी तक मेरे जेहन में है।
मैं समझ गया कि अब मामला जल्दी से निपटाना पड़ेगा वरना कोई भी गड़बड़ हो सकती है।

लेकिन अब तक एक तरीका मेरे दिमाग में आ गया जिससे मैं लण्ड भी उसकी चूत में अन्दर घुसा दूंगा और वो चिल्लायेगी भी नहीं। क्योंकि मेरी सारी चिन्ता उसके चिल्लाने से ही थी क्योंकि दीदी बगल के कमरे में ही सोई थी ओर कभी भी जाग सकती थी। मैंने उसकी चूची छोड़ कर उसके होंठ चूसने शुरू कर दिये। जैसे ही उसे मदहोशी छाने लगी और उसकी हथेलियो का कसाव मेरे सिर और पीठ पर पड़ा। मैंने एक जोर का झटका मारा और लण्ड आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुस गया। उसकी दर्द के मारे चीखने की कोशिश की, मगर उसके होंठ मेरे होंठों के कब्जे में थे इसलिये वो चिल्ला नहीं सकी और तड़प कर ही रह गई।

मैंने देर न करते हुए दो झटके और मारे और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक उतार दिया। दर्द के मारे उसने अपनी कमर को कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ मरोड़ना शुरू कर दिया लेकिन मेरी पकड़ से ना तो उसके होंठ ही छूटे और न मेरे लण्ड ने उसकी चूत को छूटने दिया।

मैंने होंठ को चूसने के साथ ही उसकी चूचियाँ भी दबानी शुरू कर दी। लगभग पाँच मिनट के बाद उसे कुछ आराम मिला तो उसने अपनी आँखें खोली और मैंने भी उसके होंठो को छोड़ कर उसके चेहरे की तरफ देखा। आँसुओं की दो लम्बी रेखायें उसके गालों पर बनी हुई थी। दर्द से उसकी आंखें लाल हो चुकी थी। लेकिन मेरे लण्ड के उसकी चूत में घुस जाने की एक खुशी भी उसे थी। यह बात उसने मुझे बाद में बताई।

अब धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत में बुरी तरह फंसे अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। उसकी चूत बहुत टाईट थी लेकिन क्रीम लगी होने की वजह से लण्ड धीरे-धीरे आगे पीछे हो रहा था। थोड़ीदेर के बाद उसे मजा आने लगा और उसकी चूत गीली होने की वजह से लण्ड अब आराम से आगे पीछे होने लगा। मैंने अब जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये और वो भी गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी।

फिर पाँच-सात मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों शान्त हो गये। मैंने जब उसकी चूत से लण्ड निकाला तो पकक्‌ की एक अजीब सी आवाज बाहर आई। जैसे ही हम दोनों खड़े हुए, एकदम लाईट आ गई। मैंने देखा उसके चूत के खून से मेरा लण्ड लाल हो गया था और बिस्तर पर बिछी चादर पर खून लगने की वजह से खराब हो गई।
मैंने कहा- यह क्या हो गया? अब दीदी को सब पता चल जायेगा और वो मुझ पर बहुत नाराज होगी। चादर जल्दी से धोनी पड़ेगी वरना बहुत गड़बड़ हो जायेगी।
लेकिन उसने कहा- घबराओ मत! मैं चादर को धो दूंगी।
मैंने कहा- ठीक है! लेकिन पहले एक बार और चुदाई का मजा लेंगे उसके बाद धुलाई कार्यक्रम होगा।

उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा लेकिन उसने गाण्ड नहीँ मरवाई और मैंने भी कोई जिद नहीं की। इस तरह हमने रात के 12.15 से लेकर सुबह के तीन बजे तक चुदाई की और चादर धोकर सोने चले गये।

सुबह दीदी ने हमे 8.00 बजे जगाया और कहा- तुम दोनों तो जल्दी उठ जाते हो तो फिर आज क्या हो गया।
मैंने बहाना बनाया- आपने और सपना ने ही तो बात कर-कर के सोने नहीं दिया।
तभी दीदी ने पूछा- मेरे कमरे के बिस्तर पर यह नई चादर कहाँ से आई?
तो मेरे पास उस सवाल का कोई जबाब नहीं था। तभी बीच में ही उसकी बात काट कर सपना बोली- कल शाम तुमने ही तो सफाई के बाद पुरानी चादर हटाकर नई चादर डाली थी।
मैं उसकी तरफ देखकर धीरे से मुस्करा दिया। क्योंकि हम दोनों ही जानते थे कि चादर कैसे बदली थी।

उसके बाद उसे जब भी मौका मिलता वो मुझसे जरूर चुदवाती। मैं आज भी उसे अपना चुदाई का गुरू मानता हूँ और चाहता हूँ कि फिर उसे चोदने का मौका मिले। क्योंकि उस घटना के तीन महीने बाद ही मेरे मम्मी और डैडी कानपुर से नोएडा चले आये। तब से मैं यहीं रहता हूँ।

लेकिन मैं अभी तक पूरी तरह चुदक्कड़ नहीं बना था। यह तो सिर्फ शुरूआत थी। असली ट्रेनिंग तो नोएडा आने के बाद शुरू हुई। जो मैं आपसे अगली कहानी में बताऊँगा।

अब मुझे अपनी चूचियाँ दबा कर विदा कीजिये।
आपका नादान विनय पाठक।
प्यारे दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी। मुझे जरूर बताना। Sex Stories

Antarvasna stories

ये Antarvasna कहानी उस समय की है जब १२ में आया था हमारे एक नौकरानी थी उसकी २ बेटी थी छोटी बेटी की मस्त थी फ़ीगर देख कर किसी के मुंह में पानी आ जाये.

एक बार वो झाडू बैठ कर लगा रही थी में उसके पीछे से गुजरा और मैने अपना पैर उसके चूतड़ पे छुआ कर निकला वो चौंक गयी लेकिन कुछ नहीं बोली। इस तरह मैं हमेशा करने लगा, मुझे इस बात का डर नहीं लग रहा कि वो मम्मी से कुछ कह देगी।

एक बार सब लोग बाहर थे मैं अंदर रूम में, वो झाडू लगाने आयी मैने उसे पकड़ कर किस करने लगा वो हैरान हो गयी और कहने लगी मैं बता दूंगी मैने उसके मुंह में अपनी थूक डाल दी और उसके लिप चूसने लगा फिर मैने एक हाथ से उसके बूब्स छुआ और कसके दबाने लगा तभि किसी के अंदर आने की आवाज आयी मैने उसे छोड़ दिया।

फिर एक बार फिर वैसा मौका मिला उस दिन मैं उसे पीछे से पकड़ कर क्लोथ सेक्स करने लगा वो थोड़ा मुस्कुरा रही थी फिर वो ज़मीन पर बैठ कर पोंछा लगाने लगी फिर मैने एक हाथ उसके कुरते के अंदर गर्दन की साइड से डाल कर उसका एक बूब बाहर निकालने लगा वो छटपटा गयी वो उस समय समीज पहनती थी उसके निप्पल दिखने लगे फिर कोई आ गया।

एक बार मैं स्टोरी वाली मैगज़ीन लाया उसमे ज़्यादातर कहानी वर्जिन की थी मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं उसे घर में कहीं भी अकेला देखता तो उसको किस करने लगता।

एक बार मैने उससे पूछा चूत के बाल बनाती हो कि नहीं?
वो बोली- ये क्या होता है?
मैने उसकी चूत पर हाथ रख कर कहा इसको वो शरमा गयी और अंदर चली गयी।

हम लोग के यहां दो बाथरूम थे जिसमे एक बाथरूम कमरे और बाहर आंगन से जुड़ा था फिर जब वो बाथरूम में कुछ लेने जाती मैं कमरे से आकर उसको पकड़ कर किस करने लगता और अपना लंड बाहर निकाल कर उसको पकड़ने की कोशिश करता। जब मैने पूरी बुक पढ़ ली मैने सोचा अगर ये बुक इसको दे दूं तो ये बात आगे बढ़ सकती है। मैने बुक घर के दरवाजे के किनारे रखे गमले के पीछे रख दी और उसको बता दिया कि वहां बुक रखी है, ले जाना।

बाद में जब वो काम करके चली गयी तो मैने सोचा किताब ले गई कि नहीं मैने बाहर जाकर देखा तो किताब गायब थी। दो दिन बाद वो आयी तो उसकी आंखें चमक रही थी और अजीब सी नशीली थी।

मैने अकेले में उससे पूछा कैसी थी किताब उसने कहा बहुत गंदी थी.
मैने कहा- तो लाओ मेरी बुक वापस?
उसने कहा- मैने फेंक दी।

मुझे गुस्सा आया मैं उसको पकड़ कर किस करने लगा और एक हाथ सो उसकी चूत दबाने लगा इस बार उसने ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया।

एक बार घर के सब लोग बाहर गये शाम से पहले कोई नहीं आना वाला था उस समय डोर बेल बजी मैने खोल के देखा दरवाजे पर सामने वो खड़ी थी, उसने कहा- मेम साहिब हैं?
मैने कहा- हां!
वो अंदर आ गयी।

मैने दरवाजा बंद कर दिया फिर मैं अंदर आ गया और जैसे वो रूम में आयी मैं उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा वो रिसपोंस कर रही ती फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और मस्त हो गयी तभी वो चौंकी और बोली मेमसाहिब आ जायेंगी.
मैने कहा- घर पर कोई नहीं हैं।
वो डर गयी और बाहर जाने लगी मैने उसे पकड़ लिया वो रोने लगी- मुझे छोड़ दो।
मैने कहा इतने दिनो बाद मौका मिला है, कैसे जाने दूं।

फिर मैने अपने हाथ उसके कुरते के अंदर डाल कर उसके नंगे बूब्स कसके दबाने लगा. वो चिल्ला रही ती मगर मुझे मजा आ रहा था फिर मैने उसका कुरता उतारा वो विरोध कर रही थी मैने कहा चुपचाप करवा लो वरना जबर करना पड़ेगा और तुम्हारे कपड़े फट जायेंगे और सबको पता चल जायेगा और तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी अगर चुपचाप करवा लोगी तो किसी पता नहीं चलेगा।

उसका विरोध कम हो गया मैने उसकी सलवार उतार दी और पेंटी को चूमने लगा फिर मैं उसके बूब्स चूसने लगा जैसे मैं उसका बेटा हूं और उसका दूध पी रहा हूं वो बहुत गरम हो गयी स्सस्सशह्ह ह्हह्हह की आवाज़ आने लगी थी उसके मुंह से, फिर उसने कहा- मेरे निप्पल को और तेज चूसो.

मैं हैरान हो गया, मैने कहा- ये कहा सीखा वो बोली जो आपने किताब दी उसमे, उसने मुझे झूठ बोला था वो मेरे बोक्स में है मैने खुशी के मारे उसकी आंखों को चूम लिया।

फिर मैने उसकी पैंटी उतारी.
वो मुझसे कहा कि मुझे बाथरूम आ रहा है.
मैं उसे बाथरूम ले गया और मैने उसे अपने सामने मूतने के लिये विवश किया वो शरम से पानी-२ हो गयी। और मैने उसके पेशाब में अपने हाथ धोये मुझे लगा कि गरम पानी से हाथ धो रहा हूं फिर मैने उसे ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और ६९ पोसिशन में अपना लंड उसके मुंह में डाला और उसकी क्लीन शेव चूत चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो झड़ गयी मैने उसका टेस्टी कम पी लिया. फिर मैं भी झड़ गया वो मेरा कम मुंह में लेकर गटक गयी, पर उसको थोड़ा अजीब मगर अच्छा लगा।

फिर मैने अपना लंड उसे पकड़ कर बड़ा करने को कहा वो उससे खेलने लगी। जब मेरा ६” का कड़ा हुआ तो मैने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर धक्का मारा टोपा अंदर घुसा था वो चिल्लाने लगी ईइ मार डालाअ बाहर निकालो मैने उसका मुंह बंद करके धक्के मारने लगा उसके आंसु निकलने लगे वो मेरी तरफ़ गुस्से से देख रही थी उसका मुंह बंद था। फिर मैं तेजी से उसे पेलने लगा वो चाहते हुए भी चीख नहीं पा रही थी मैने उसकी ह्य्मेन ब्रेक का सीन अपने मोबाइल पर शूट कर लिया उसकी चूत से खून बह रहा था थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई और मजे लेने लगी उसके मुंह से आवाज आने लगी फ़ाड़ दो मेरी।

यह तुम्हारी है मुझे पता नहीं था कि इसमे इतना मजा आता है, अब मैं तुमसे रोज चुदवाउंगी ओह्हह्ह यीईईईई और वो झड़ गयी मैं उसे पेलता रहा मेरा लंड भी झड़ने वाला था, मैने धक्के तेज कर दिये और उसकी चूत में झड़ गया उसकी चूत मेरे लावा और खून से सनी थी मैने उसको बैठने को कहा उसको दर्द हो रहा था बड़ी मुश्किल में बैठी तो उसकी चूत से मेरा वीर्य निकलने लगा मैने ये भी शूट किया।

दिन में उसे ३ बार पेला फिर मैने उसे पैन किलर दी और उसकी चूत की सिकाई की उसको देख कर मेरी फट रही थी कहीं उसने किसी को बता दिया या उसे देखकर किसी को पता चल गया तो। लेकिन सब ठीक रहा.
उसके बाद उसको मौका मिलने पर चोदता उसके बाद उसकी शादी हो गयी।

शादी वाले दिन से १ दिन पहले उसने खुशखबरी दी कि वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है। शादी के १ साल बाद आयी तो उसके साथ मेरा बच्चा भी था वो मेरे समने ही उसे दूध पिलाने बैठ जाती थी।

पिता जी का ट्रांसफ़र हो गया और मैं उससे अलग हो गया। मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था फिर मैने अपनी स्वीट लिटिल सिस एस (चसमिश) के ऊपर नज़र आ गयी नेक्स्ट स्टोरी में बताउंगा उसको कैसे चोदा। Antarvasna

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