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Massage Girl in Nayagarh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Nayagarh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Nayagarh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Nayagarh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Nayagarh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Nayagarh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Nayagarh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Nayagarh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Nayagarh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Nayagarh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Nayagarh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Nayagarh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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प्रेषक : नवीन Hindi Sex Stories

मैं नवीन हूँ। मेरे परिवार में हम चार Hindi Sex Stories लोग हैं, मैं, मेरी दो बहनें बड़ी पूनम और छोटी राखी और मेरी माँ गीता। मेरे पापा की मौत आज से दो साल पहले हो चुकी थी। मेरी छोटी बहन मुझसे दस माह छोटी और बड़ी बहन एक साल बड़ी है। हम लोगों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। पिछले साल हमने सफारी गाड़ी ली थी जो हमारे गैराज में खड़ी रहती थी। गैराज का एक गेट मेन-गेट की तरफ और दूसरा घर के अन्दर खुलता है। हमारा घर चारों ओर से बंद है जिसकी वजह से कोई हमारे घर में नहीं देख सकता।

एक दिन माँ और बड़ी बहन को एक शादी में जाना था सो वो दोनों सुबह तैयार होकर शाम तक आने का कह कर चली गई। हमारे कॉलेज में भी खेल चल रहे थे इसलिए मैं भी शाम तक आने का कह कर अपने स्पोर्ट्स जूते पहन कर चला गया। कॉलेज में आते ही सबसे पहले हमारा ही मैच था और २ घंटे में ही हमारा मैच ख़त्म हो गया और मैं जूते बदलने के लिए घर आ गया।

जब मैं घर पहुंचा तो जैसे ही मैं घण्टी बजाने को था कि मुझे एक आह की आवाज़ सुनी जो गैराज में से आ रही थी। मैं बिना घण्टी बजाये अन्दर आ गया और गैराज की तरफ देखा तो अन्दर वाला गेट खुला था और गाड़ी खड़ी थी। जैसे ही मैं और आगे गया, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। राखी अपनी सलवार कमीज उतारे सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हैंड ब्रे़क के सिरे पर बैठी थी जो उसकी चूत के अन्दर था। मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था और वो भी राखी, अपनी बहन को !

मेरा लंड खड़ा हो गया। राखी उसके ऊपर नीचे हो रही थी जिससे कभी वो उसकी चूत में जाता और कभी बाहर निकलता। तभी घण्टी बजी और मैं अपने कमरे की तरफ चला गया। राखी गाड़ी में से बाहर आई, पूछने लगी- कौन है?

तभी बाहर से आवाज आई- मैं पूनम हूँ।

राखी वैसे ही ब्रा पेंटी में ही गेट खोलने चली गई। जैसे ही पूनम अन्दर आई, राखी उससे लिपट गई और उसके होठो को चूमना शुरू कर दिया तो पूनम बोली- यह क्या कर रही है तू ?

तो राखी ने कहा- वही जो रोज रात को करते हैं नवीन के सोने के बाद।

पूनम कहने लगी- वो तो रात को करते हैं दिन में तो नहीं।

राखी- क्यों दिन में क्या होता है, आज तो घर पर कोई नहीं है, माँ भी शाम को आएगी और नवीन भी अभी नहीं आएगा, आज तो अभी करेंगे।

और वो पूनम के स्तन दबाने लगी, जिससे उसे भी मस्ती चढ़ गई और वो भी उसे चूमने लगी। मुझे पता नहीं था कि वो दोनों रात एक दूसरी की प्यास बुझाती हैं मेरे सोने के बाद ! क्यूंकि हम तीनों एक ही कमरे में सोते हैं।

पूनम- यार ! काश कोई लड़का हमारे साथ होता तो कितना मजा आता !

राखी- अरे कोई लड़का क्यों ? हमारा नवीन ही क्यों नहीं?

पूनम- अरे वो तो हमारा भाई है ! वो हमें थोड़े ही चोदेगा !

राखी- क्यों नहीं चोदेगा ? क्या उसका लंड नहीं है ? मैंने कई बार देखा है उसका बाथरूम में से ! बहुत बड़ा है !

मैं उनकी बातें सुन कर धीरे से बाथरूम की तरफ चल पड़ा क्योंकि मुझ से अब रहा नहीं जा रहा था जैसे ही मैं बाथरूम में पंहुचा, राखी पूनम से बोली- चल बाथरूम में चलते हैं, साथ नहायेंगे !

यह सुनते ही मैं बाथरूम में परदे के पीछे छुप गया और वो दोनों वहाँ आ गई, दोनों नंगी थी और एकदम गोरी चिकनी !

वो दोनों टब में बैठ गई और एक दूसरे की चूत को मसलने लग गई, कभी स्तन मसलती कभी चूत में ऊँगली करती !

राखी- अगर नवीन भी हमारे साथ मिल जाये तो हमें न तो देर रात तक जागना पड़ेगा और हमारे लंड लेने की भी जरुरत पूरी हो जायेगी। मैं तो उसे पटाने के लिए आज रात से ही कोशिश शुरू कर दूंगी। कभी नींद के बहाने उसके ऊपर हाथ रखूंगी कभी टांग, कभी उसके लंड पर हाथ रखूंगी।

पूनम- तो फिर मैं भी उसे पटाने की पूरी कोशिश करुँगी पूरी रात और दिन में भी, पर ध्यान रखना कहीं माँ को पता न चल जाये। अरे यह क्या कर रही है तू? जरा जोर से उंगली डाल चूत के अन्दर पूरी डाल दे ! आह ! बहुत मजा आ रहा है ! ओ नवीन ! मैं झड़ने वाली हूँ ! आह ! जल्दी कर !

राखी- और कैसे करूँ? पूरी तो दे दी है ! अब तो नवीन ही दे सकता है आगे ! मेरी चूत में भी पूरी डाल दे ! आह मेरा भी निकलने वाला है ! आह ! आह ! ऊउऊ डाल दे पूरी ! दो डाल दे !

मेरा भी अपने आप ही निकलने वाला हो गया था उनकी मस्त चूत देख कर और बातें सुन कर !

कुछ देर में वो दोनों चली गई और टीवी देखने लग गई। मैं भी अपना माल निकाल कर अपने कमरे में आ गया और सो गया। मुझे सपने में भी उनकी बातें सुन रही थी। मैं कुछ देर बाद बाहर चला आया और उन दोनों के बीच में बैठ गया। मेरी टाँगें उन दोनों की टांगो के साथ लग गई और मैंने पूनम से रिमोट माँगा तो उसने पूछा- नवीन तुम कब आये?

मैंने उससे कहा- मुझे आये हुए एक घंटा हो गया !

तो उन दोनों का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

पूनम- तो अब तक कहाँ थे?

मैंने कहा- अपने कमरे में सो रहा था !

मैंने उससे दुबारा रिमोट माँगा तो वो बोली- मेरा सीरियल आ रहा है !

तो मैंने उसे छूने के लिए उसके हाथ से रिमोट छीनना चाहा पर वो थोड़ा पीछे हट गई और मेरे हाथ उसके वक्ष पर लग गए। उसने मेरी तरफ तिरछी नजर से देखा तो मैंने अपने हाथ हटा लिए और ऐसे दिखाया कि जैसे मुझे कुछ पता ही न हो।और दोबारा उठ कर उसकी तरफ बढ़ा तो वो और पीछे सरक गई। जब मैंने उस पर झपटी मारी तो उसने रिमोट राखी की तरफ फ़ेंक दिया। जैसे ही में उसके ऊपर गिरा तो उसने हटने की कोई कोशिश नहीं की और मैं उसके ऊपर गिर गया। मुझे समझ में आ गया कि वो मुझे पटाना चाहती है इसलिए मैं भी उसके ऊपर से हटा नहीं तो उसने मुझे थोड़ा सा धक्का दिया जिससे मैं उसे पकड़े हुए उसके साथ ही गिर गया। वो मेरे ऊपर थी जिससे उसके स्तन मेरे सीने से टकरा रहे थे। उसने अब भी उठने की कोई कोशिश नहीं की। मैंने उसे उठाने के बहाने उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और उसे अपने ऊपर से उठा दिया।

वाह क्या नरम गरम स्तन थे !

और खुद भी उठ कर बैठ गया।

राखी ने रिमोट अपने टॉप के नीचे ब्रा में छुपा रखा था। मैंने जब राखी से रिमोट माँगा तो उसने कहा- मेरे पास रिमोट नहीं है !

तो मैंने उससे कहा- मुझे पता है कि रिमोट कहाँ है, तू मुझे अपने आप दे दे, वरना मैं छीन लूँगा।

उसने कहा- मेरे पास नहीं है ! अगर है तो तुम छीन लो !

और अपने दोनों हाथ हवा में उठा दिए, जिससे मुझे रिमोट उसके टॉप में साफ दिख गया। मैंने भी उसके स्तन छूने थे इसलिए उससे दोबारा रिमोट नहीं माँगा और सीधा उसके पास आकर उसके टॉप में हाथ डाल दिया। राखी ने मेरी तरफ देखा पर कहा कुछ नहीं ! बस थोड़ा सी पीछे हट गई। मैंने अपना हाथ उसके टॉप के और अन्दर तक डाल दिया और मेरे हाथ उसके स्तनों पर लगे। जैसे ही मेरे हाथ उसके बूब्स पर लगे, पूनम ने पीछे से मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर गिर गई जिससे राखी मेरे नीचे और पूनम मेरे ऊपर और मेरा हाथ राखी के टॉप के अन्दर था, जिसे पूनम ने रिमोट पकड़ने के बहाने ऊपर से पकड़ लिया और मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दब गया।

पूनम ने मेरा हाथ ढीला छोड़ कर दोबारा उसके बूब्स पर दबा दिया जिससे राखी के मुँह से सिसकारी निकल गई। जब मैंने दोबारा रिमोट पकड़ कर हाथ बाहर निकलना चाहा तो पूनम ने एकदम मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दबा कर और साथ ही उसके टॉप को पकड़ कर बाहर खींचा तो राखी का टॉप ऊपर से फट गया और उसके बूब्स बाहर आ गए।

वो तो आँखें बंद करके लेटी थी इसलिए उसे पता नहीं चला और न ही पूनम ने उसे बताया उसके बूब्स मेरे सामने थे।

और मैंने उन्हें देखते हुए पूनम की तरफ देखा तो उसने आँखों के इशारे से पूछा- क्या देख रहे हो?

तो मैंने राखी के बूब्स की तरफ हाथ कर दिया तो पूनम ने राखी के एक बोबे को पकड़ कर मसल दिया जिससे उसके मुँह से आह निकल गई। पूनम ने राखी के टॉप को पकड़ कर पूरा फाड़ दिया तो उसने आँखे खोली और उठ कर खड़ी हो गई जिससे उसका फटा टॉप नीचे गिर गया और बूब्स बाहर निकल आये।

उसने हमसे पूछा- टॉप किसने फाड़ा?

पूनम ने मेरा नाम ले लिया। राखी अपने नंगे बूब्स में ही मेरे पीछे भागी।

मैंने उससे कहा- मैंने नहीं, पूनम ने यह सब किया है।

राखी- बूब्स तो तुम ही मसल रहे थे, तो पूनम ने कैसे किया है? सीधे क्यों नहीं कहते कि तुम्हें मजा आने लगा था और तुमने मेरे बूब्स देखने और चूसने के लिए मेरा टॉप फाड़ दिया। मुझसे कह देते तो मैं उतार देती, पर फाड़ क्यों दिया ? मेरा नया टॉप था !

पूनम- हाँ राखी ! नवीन ने ही तुम्हारे बूब्स मसलने के लिए तुम्हारा टॉप फाड़ दिया। तुम मुझ से कह देते तो मैं अपना टॉप उतार देती ! तुम्हारे लिए क्या हम अपने कपड़े भी नहीं उतार सकते ! क्या तुमसे अपने बूब्स नहीं मसलवा सकते ! जिन्हें आज नहीं तो कल कोई और मसलेगा !

और यह कहते हुए पूनम ने भी अपना टॉप उतार दिया और अपने बूब्स मेरी तरफ कर के खड़ी हो कर बोली- लो तुम्हें मसलना है तो मसलो ! चूसना है तो चूसो ! पर मैं अपना टॉप नहीं फड़वाना चाहती !

राखी मेरे पास आकर बोली- डरो नहीं ! माँ शाम से पहले नहीं आएगी ! और अपना एक बूब मेरे हाथ से लगा दिया।

उन दोनों के बूब्स देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ लगाया जो अब पैन्ट फाड़ने के लिए तैयार था।

पूनम- नहीं उसे हाथ मत लगाओ उसे हम हाथ लगायेंगे।

मैंने राखी के बूब्स मसलते हुए कहा- हाथ लगाना है तो लगाओ ! मुझे भी अपनी पैन्ट नहीं फ़ाड़नी !

और फिर वो दोनों हंस पड़ी। राखी ने आकर मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने लगी। मैं भी अपना लंड आगे निकल के राखी के बूब्स चूस रहा था। राखी ने मेरी शर्ट उतार दी, मेरे होंठों से अपने होंठ लगा के चूसने लगी। मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। पूनम मेरा लंड छोड़ कर मुझे सोफे की तरफ खींचने लगी और हम तीनों सोफे पर आ गए। मैं राखी के होंठों और बूब्स को चूस रहा था और पूनम मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी। पर लंड उसकी नई चूत होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था।

मैंने राखी को हटा कर पूनम की चूत पर अपना हाथ रख के उसे सीधे लेटने के लिए कहा तो वो सीधी लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा तो लंड की टोपी उसकी चूत में चली गई और उसकी जोर से चीख निकल गई। पूनम पीछे हटने लगी तो मैंने आगे से उसे पकड़ते हुए राखी से पूनम को पकड़ने के लिए कहा तो उसने पीछे आकर उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स मसलने लगी। कुछ देर बाद मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो लंड आधा चूत में चला गया। पर इस बार पूनम की चूत में से खून निकल आया और उसके आंसू भी निकल गए।

पूनम के आंसू और खून देख कर राखी भी घबरा गई पर मैंने उसे समझाया- पहली बार ऐसा होता है !

और मैंने एक दो धक्कों में अपने पूरा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर रुक कर धक्के लगाने लगा तो पूनम भी मस्त हो गई और मेरा साथ देने के लिए नीचे से अपनी गांड उछालने लगी। जब मैंने जोर जोर से पूनम की चूत में धक्के लगाये तो वो अपने परम आनन्द पर पहुंच गई और निढाल हो गई।

फिर राखी ने मुझ से कहा- अब इसे छोड़ दो और मेरी चूत में डालो !

तो मैंने लंड पूनम की चूत में से निकल लिया और राखी को सीधा सोफे पर लिटा कर अपने खून से भरे लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया तो फ़च की आवाज के साथ उसकी चीख निकल गई। मैंने तभी दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत से खून की धार निकल के सोफे पर पड़ने लगी। कुछ देर मैं ऐसे रुक उसके बूब्स मसलने लगा तो थोड़ी देर में ही उसका दर्द ठीक हो गया और मैं धक्के लगाने लगा। वो भी जोर जोर से मेरा साथ देने लगी। उसके निप्प्ल भी बुरी तरह से कड़े हो गए थे। मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है।

तभी राखी जोर जोर से धक्के लगाने लगी और फिर कांपती हुई शांत हो गई।

मैं भी जोर जोर से धक्के मारता हुआ राखी की चूत में शांत हो गया।

फिर हम आधे घंटे तक वहीं सोफे पर पड़े रहे और जब मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चला तो मैंने देखा कि उन दोनों से उठा भी नहीं जा रहा था। Hindi Sex Stories

Sex stories

मैं मेरे नये दोस्तों को मेरा अपना परिचय करा Sex stories दूं। मेरा नाम सीता है, मेरी उमर 28 साल है, मेरी शादी हो चुकी है। मैं सेक्स की बहुत भूखी हूं। मेरे हबी संजू बड़े स्मार्ट और सेक्स में पावरफ़ुल हैं पर वो ज्यादातर समय बाहर ही गुजारते हैं और मुझमें सेक्स की भूख बहुत ज्यादा है इसलिये मैं हर वक्त नये लंड की तलाश में रहती हूं। अपनी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि किस तरह मेरे ड्राइवर अमित ने मुझसे जबरदस्ती की थी।

आज मैं आपको अपनी एक नयी कहानी सुना रही हूं जिसमे मैंने और मेरी दोस्त (अब वो मेरी ननद है) सुमन ने किस तरह मनाली में चुदाई के साथ इनकम भी की। ये बात 1998 की है जब मैं और मेरी दोस्त चंडीगढ़ में बी ए के तीसरे साल की पढ़ाई कर रही थी। हम दोनों ही शुरु से चुदक्कड़ थी और अक्सर अपने ब्वायफ़्रेंड के साथ डेट पर जाती और चुदाई का मज़ा लेती।
एक बार मैं अपने दोस्त के साथ शिमला घूमने के लिये गयी हुई थी। वहां पर हमने 3 दिन तक खूब चुदाई का नज़ारा लिया। वहां जिस होटल में हम रुके हुए थे वो होटल पर अक्सर काल गर्ल आती रहती थी और उस होटल में लगभग हर टूरिस्ट इसी लिये आता था।

मैं एक दिन शाम के वक्त बार टेबल पर बैठी थी मेरा दोस्त अभी रूम से नीचे नहीं आया था तभी एक सांवले रंग का मजबूत बदन का मर्द मेरे पास आ कर बैठ गया। उसने मुझे काल गर्ल समझ लिया था। मेरे पास आ कर उसने मुझे ड्रिंक की पेशकश की जिसे मैंने नम्रता से ठुकरा दिया। उसके बाद उसने स्माइल पास करते हुए मुझे से नाम पूछते हुए अपना परिचय देने लेगा। कुछ देर बाद उसने असली बात पर आते हुए मुझे रात की ओफ़र की और इसके लिये उसने बिना मेरी तरफ़ देखे सौ रुपये के काफ़ी सारे नोट मेरी तरफ़ बढ़ा दिये।

एक बार तो मैं उसकी हरकत पर हैरान हो गयी और मुझे गुस्सा भी आया पर दूसरे ही पल मेरे दिमाग में एक नया विचार आया (हालांकि मैं भी बहुत रिच फ़ैमिली से हूं पर जैसा कि सभी पाठक जानते हैं कोलेज लाइफ़ में पोकेट मनी की प्रोब्लम रहती है) कि ये तो पैसे के साथ मजा और नये लंड के साथ बाहर घूमने का बड़ा अच्छा साधन है। पर उस वक्त मैं अपने दोस्त के साथ थी। मैंने उसे अपना पता देते हुए बाद में सम्पर्क करने को कहा।

कई दिन के बाद मुझे उसका सन्देशा मिला कि उसे 2 लड़कियां 5 दिन के लिये चाहिये। वो और उसका दोस्त अपनी आउटिंग को इस बार रंगीन करना चाहते हैं। मेरे पूछने पर बताया की उन लोगों को मनाली के अन्दर अपना होलीडे बिताना है। मैंने उससे उसका कोन्टेक्ट नम्बर ले लिया और बोला कि मैं आपको कल तक बता दूंगी।

मैं तो उसी वक्त तैयार थी पर अब उसे दो लड़कियों की जरूरत थी जबकि मैं अकेली थी। तभी मेरे मन में सुमन का ख्याल आया। वैसे भी हम अकसर इकट्ठी चुदायी पर जाती थी।

पहले तो सुमन ने इन्कार कर दिया पर मेरे समझाने पर वो राजी हो गयी। मैंने उसी शाम उसको फोन करके रुपये और टाइम की सेटिंग कर ली। हम लोगों ने 5 दिन के उनसे 20000 रुपये मांगे। २ दिन के बाद हम मनाली के लिये निकल पड़े। अब हम दोनों बहुत खुश थे। एक तो हमे २-२ नये लंड मिलने वाले थे दूसरा हमें 20000/- रुपये भी मिलने वाले थे मनाली बसस्टेंड पर ही वो दोनों हमें मिल गये। हम दोनों उनके साथ कर पर चल पड़े। उन लोगों ने होटल पिकडेली में रूम ले रखा था। हमने रूम में पहुंचते ही उन्होने हमें नंगा होने को कहा और खुद फोन कर के वेटर को खाने का ओर्डर दे दिया।

हम लोगों ने पहले बाथ लेने की इच्छा जतायी। सन्जू (उनमें एक का नाम) ने कहा ठीक है परन्तु पहले कुछ खा लो। इतने में वेटर कोफ़ी और कुछ स्नैक्स ले आया। कोफ़ी लेने के बाद हम नहाने के लिये बाथरूम में चले गये। जैसे ही सुमन ने बाथरूम का गेट बंद करना चाहा तो उसे श्याम ने रोक दिया और कहने लगा, अब कोई शरम नहीं, दरवाजा खुला रहने दो हम देखना चाहते हैं कि तुम कैसे एक दूसरे को नहलाती हो। क्योंकि इस वक्त हम उनकी पेड सेक्स थी इसलिये चुप-चाप उनकी बात मानते हुए नंगी नहाने लेगी।

कुछ समय के बाद सन्जू और श्याम भी बाथरूम के अंदर आ गये। वो दोनों बिल्कुल नंगे थे। सन्जू बोला- इकट्ठे नहाएँ?
मैंने उन्हें कहा- ओके।
सन्जू ने श्याम से कहा- चलो हम चारों सब साथ साथ ही नहा लेते हैं, फिर चुदाई करेंगे!
और हम सब बाथरूम में इकट्ठे नहाने लगे।

मैं सन्जू की तरफ़ देख कर मुस्कुरा रही थी। उसका खड़ा हुआ लंड देख कर मेरा हाथ अन्जाने में मेरी चूत पर चला गया और मैं अपनी चूत में उसके सामने ही उंगली करने लगी। ये देख कर श्याम बोला- अरे तुम क्यों अपनी चूत में उंगली कर रही हो। तुम तो अपने हाथ से सन्जू के लंड का मजा लो और फिर जम कर चुदवाओ।

सन्जू ने तभी एक हाथ से मेरी चूचियों को मसलना शुरु कर दिया और दूसरे हाथ की दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी। मुझसे रहा नहीं गया और मैं भी अपने एक हाथ से उसके लम्बे और मोटे लंड को कस के पकड़ कर आगे पीछे करने लगी। उसके लंड का सुपाड़ा काफ़ी बड़ा था और बिल्कुल काले रंग का था।

उधर सुमन और श्याम शोवर के नीचे एक दूसरे से चिपके हुए खड़े थे और सुमन श्याम के लंड को पकड़ कर खींच खींच कर हिला रही थी। श्याम एक हाथ से सुमन के दोनों नंगे चूतड़ों को मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली से चोद रहा था।

मैंने भी सन्जू के तने हुए लंड को इतना चूसा कि उसके सुपाड़े से चिकना चिकना पानी निकलने लगा। हम दोनों वहीं बाथरूम फ़्लोर पर 69 के पोज में लेट गये। सन्जू की जीभ मेरी चूत में आग लगा रही थी। मैं सन्जू के लंड को हाथ से पकड़ कर खींच खींच के चूस रही थी।
तभी सन्जू मेरे मुंह में ही झड़ गया। मैं तो उसके लंड से निकले डिस्चार्ज की मात्रा देख कर ही हैरान रह गई। काफी सारा सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ा गाढ़ा माल उसके लंड से निकला जो मेरे मुंह में भर गया। मैं धीरे धीरे उस सारे खट्टे खट्टे माल को अपनी जीभ से चाट चाट कर पी गयी। इससे पहले मैंने जितने भी देखे थे उनके लंड से तो इसका करीब आधा माल ही निकलता है।

मेरा मन अभी भरा नहीं था इसलिये उसके झड़े हुए लम्बे लटकते हुए लंड को मैंने फिर से चूसना शुरु कर दिया। सन्जू अभी भी मेरी चूत चाटने में लगा था। मैं तो ये सोच कर मजे में बिल्कुल पागल सी हो गयी कि ये लंड आगले 5 दिन के लिये मेरे पास रहेगा।

जब सन्जू से नहीं रहा गया उसने मुझे वहीं बाथरूम के फ़्लोर पर कुतिया की तरह पोज बना कर बिठा दिया और मेरी दोनों टांगे फैला कर पीछे से मेरी चूत में अपना ८ इंच लम्बा और ४ इंच मोटा गधे जैसा लंड पेल दिया और एक जोरदार धक्का लगाया। मेरी चूत चुदने के लिये बिल्कुल गीली हो कर इतना खुल गयी थी कि एक ही धक्के में सन्जू का पूरा लंड गपक गयी। उसके धक्कों में मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भी अपने चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी चूत में उसके लंड के धक्कों का मजा लेने लगी। दो तीन धक्कों में ही मेरी चूत फच फच करने लगी।

चार पांच धक्कों में ही मैं झड़ गयी। लेकिन सन्जू के लम्बे लंड के धक्के जारी थे और उसके बाद तो मैंने पहली बार मल्टीपल ओर्गास्म का मतलब जाना क्योंकि हर दूसरे धक्के पर मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।
मुझे सन्जू से चुदाने में बहुत मजा आ रहा था कि मैं सिसकारियां भर रही थी, मैं एक्साइटमेंट में कई बार बोल भी पड़ी- मुझे और जोर से चोदो। पूरा लंड पेल दो। हाय, मेरी चूत फाड़ डालो।

करीब मुझे 15 मिनट तक सन्जू ने कई सारे पोज में कभी आगे से, कभी पीछे से, कभी खड़े खड़े और कभी अपने लंड पर बिठा कर वहीं पर श्याम और सुमन के सामने चोदा और मेरी चूत में अपना सारा माल एक बार फिर से निकाल दिया। हम दोनों अब थक कर अलग हो गये। मेरी चूत से सन्जू का सारा माल निकल निकल कर मेरी जांघों पर टपक रहा था।

सन्जू अभी भी मेरी चूचियां मसल रहा था। उसका लंड मेरी चूत के रस से गीला हो कर चमक रहा था और गधे के लंड की तरह नीचे लटक गया था।

कुछ समय के बाद मैं फिर से गर्म हो गयी। मैंने फिर से सन्जू के लंड को चूसना शुरु कर दिया। सन्जू भी मेरी चूत में उंगली डाल डाल कर और निकाल कर उंगली में लगे मेरे और उसके झड़े हुए माल को चाटने लगा। इतने जोर से झड़ कर भी मेरी चुदास शान्त नहीं हुई थी और मेरा मन कर रहा था कि मैं सारी रात सन्जू के उस मोटे और लम्बे लंड से मजे लेती रहूं।

तभी हम सभी बाथरूम से बाहर आ गये सन्जू का गधे जैसा लम्बा लंड चलते समय उसकी दोनों टांगों के बीच लटका हुआ ऐसे मस्ताना हो कर झूल रहा था कि मैं उसके लंड पर से नजर हटा ही नहीं पा रही थी। मैं अभी भी सन्जू के लटकते हुए लंड को देख रही थी।

उसके बाद तो फिर 5 रातों तक हम चारों एक ही कमरे में सारी बत्तियां जला कर एक ही बिस्तर पर अलग अलग स्ताइल से एक-दूसरे को चोदते। वो 5 रातों में मैंने जी भर कर ऐसी चुदाई करवाई कि मैं जीवन भर कभी भूल नहीं सकती।

आखिरी रात को सन्जू के उस लम्बे लंड से मैं पता नहीं कितनी बार झड़ी। श्याम ने भी मेरी चूत और मुंह में पता नहीं कितनी पिचकारियां मारी होंगी। मेरी चूत को तो 5 दिन के बाद उसके लंड ने खुला भोसड़ा बना दिया था।

आखिरी दिन जब हम जब वो दोनों जाने लगे तब भी मुझ से रहा नहीं गया और मैंने फिर से एक आखिरी बार सन्जू के लंड को चूस चूस कर इतना गर्म कर दिया कि वो मेरे मुंह में ही झड़ गया। उसका सारा सफ़ेद माल पी कर मैंने उसको बुझते हुए दिल से गुड बाय कहा।

हमें जाते वक्त उन्होंने 20000/- से अलग 2000/- और भी दिये और साथ में ब्रा-पैंटी के इम्पोरटेड सेट भी दिये।

अब चंडीगढ़ वापस आने के बाद हम दोनों उस रात की बात जरूर करते हैं और दोनों ही उत्तेजित हो कर एक दूसरे के साथ लेस्बियन करती। सन्जू का गधे जैसा मोटा और लम्बा लंड अभी भी आंखों के सामने आ जाता है। Sex stories

प्यारे दोस्तो, hindi sex stories

आज मैं आपको पहली बार hindi sex stories गाण्ड के अलावा कोई नया किस्सा सुना रहा हूँ।

बात 2006 की है मैं कानपुर में ही रहता और नौकरी करता था। मैंने गोविन्द नगर में एक फ्लैट किराये पर लिया था जिसमें आगे की तरफ माकन मालिक और पीछे के रास्ते से मेरा फ्लैट था जो कि दो कमरों का अच्छा सेट था। मैं कब आऊँ, कब जाऊँ किसी को कोई मतलब नहीं था। पीछे के दरवाज़े की एक चाभी भी मेरे पास रहती थी। कभी कभी मकान मालिक का बेटा ही उस तरफ आता था जो मुझसे काफी बड़ा था। या कभी मकान मालिक अपने पोतों के साथ आते थे।

इस मकान को लेने के बाद मुझे ऐसा लगा कि गलती कर दी क्यूंकि कोई भी माल नज़र नहीं आ रहा था। कुछ एक जो थे वो काफी दूर रहते थे और कोई जुगाड़ बन नहीं रहा था। करीब डेढ़ महीने बाद एक भाभी जी करीब 30 साल की होगी, सामने के मकान में आई। उनके परिवार में 3 बच्चे और उनके पतिदेव थे। बच्चे भी ठीक ठीक उम्र के थे एक लड़की करीब 10 साल की, एक लड़का 6 साल का और एक 3 साल का।

पहले कुछ दिन तो मैंने ध्यान नहीं दिया और अपने ऑफिस आता जाता रहा लेकिन एक दिन शाम को जब मैं चाय पी रहा था तो देखा कि भाभी जी छत पर खड़ी हैं और घूर घूर कर मुझे देख रही हैं।
मैं थोड़ा सा झेंप गया लेकिन सोचा कि शायद नए हैं इसीलिए देख रही होंगी कि कौन कौन आस पास रहता है। पर फिर ये ही मंज़र रोज रोज होने लगा वो छत पर आती और घूरती रहती थी।
वैसे मेरी और उनकी खिड़की भी लगभग आमने सामने ही थी और दरवाज़ा भी, लेकिन मेरा फ्लैट उनके फ्लैट से थोड़ा ऊंचाई पर बना था तो मैं तो आराम से देख सकता था कि उनके कमरे में क्या हो रहा है पर वो नहीं देख सकती थी। अगर मैं खिड़की पर खड़ा होता तभी नज़र आता।

उनके पति जो करीब 44-46 साल के थे दरअसल एक सरकारी विभाग में थे और सुबह जल्दी जाते थे और शराब के शौकीन थे इसलिए रात को देर से ही आते थे।

एक दिन मकान मालिक को कुछ काम था और उनका बेटा भी घर पर नहीं था, तो उन्होंने मुझसे कहा- बेटा तुम्हारे सामने जो नए लोग आए हैं उन्हें जरा ये सरकारी पेपर दिखा लाओ और पूछो कि इसमें क्या कर सकते है।
मैंने कहा- ठीक है !

और पेपर लेकर मैं उनके घर गया घंटी बजाई तो भाभी जी ने दरवाजा खोला और अन्दर बुलाया। मैंने भाई साहब यानि उनके पति के बारे में पूछा तो बोली कि वो तो देर से आएंगे, मैं उन्हें ही बता दूँ !

मैंने पेपर दिखा कर जानकारी ली, उन्हें जो कुछ मालूम था मुझे बताया और कहा कि मैं रात को उनके पति से मिलकर पूरी बात समझ लूँ।

मैं उठने लगा तो बोली- बैठिये न ! आप तो पड़ोसी हैं !

फिर वो चाय नाश्ता वगैरह लाई और बातें करने लगी।
वो बोली- मैं तो इतने दिनों से आपको आते जाते देखती हूँ, पर आप कभी इधर देखते ही नहीं।
मैं क्या कहता, मैंने कहा- बस अपने ही काम में व्यस्त रहता हूँ !

लेकिन अन्दर ही अन्दर मैं जानता था कि सच्चाई क्या है। दरअसल भाभी जी बड़ी सेक्सी थीं, वो हलकी सांवली इकहरे बदन की थी, साथ ही एक दम कसा हुआ ब्लाउज पहनती थी, जिससे उनके गोल गोल उभार नज़र आते थे और मेरे मकान मालिक के बेटे की नज़र भी उन पर थी। साथ ही साड़ी का पल्लू भी लटकता था जिससे सब कुछ साफ था, पर मैं चुप ही रहा।
बात बात में उन्होंने मेरा नाम पूछा और मैंने उनका !
तो उन्होंने बताया कि उनका नाम सुगंधा है और उन्होंने यह भी कहा कि मैं शाम को चाय उनके यहाँ ही पिया करूँ और उनके बच्चों को पढ़ा भी दिया करूँ !

तो मैंने कहा- पढ़ाना तो मुश्किल है क्यूंकि मेरे पास फिक्स टाइम नहीं है पर जब भी जरुरत हो बता देना, मैं आकर उन्हें मदद कर दूंगा।

धीरे धीरे वो रोज ही मिलने लगी। जब मैं शाम को ऑफिस से लौटता तो वो सड़क पर ही खड़े होकर बात करने लगती।
लोगों की नज़र में भी कुछ गलत नहीं था क्यूंकि मैं अक्सर उनके बच्चो को सड़क पर ही किताब से सवाल समझा देता या वो मेरे पास आकर पूछ लेते, और मेरे और भाभी के बीच करीब 8-9 साल का अंतर भी था।

एक दिन मैं उनके घर गया तो वहां कोई नहीं था। अन्दर तक देखने पर कोई नहीं दिखा तो मैंने आवाज़ दी- भाभी जी !

फिर भी कोई जवाब नहीं आया मुझे लगा कि शायद छत पर होंगी और मैं लौटने लगा और फिर आवाज़ दी तो बोली- इधर आ जाओ ! मैं यहाँ हूँ !

मैं उस तरफ गया तो कोई नहीं दिखा। अचानक से उनके बाथरूम का दरवाज़ा खुला और मैं सकपका गया। वो बिल्कुल गीले बदन नहाई हुई मेरे सामने खड़ी थी और बदन पर सिर्फ एक झीने से कपड़े की चुन्नी थी।
मैं घूमने लगा तो बोली- शरमा गए क्या शर्मा जी? लगता है तुमने आज तक कोई नंगी लड़की या औरत नहीं देखी !
बात भी सच थी कि मैंने गांड तो बहुत मारी थी और नंगी लड़कियाँ किताबों और इन्टरनेट पर देखी थी पर सामने कोई नहीं।

मैंने कहा- शर्माने की ही बात है, मुझे माफ़ कीजिये, मुझे पता नहीं था, मैं बाहर इन्तज़ार कर रहा हूँ !

वो बोली- इन्तज़ार में कहीं गाड़ी न छूट जाये ! और मेरा हाथ पकड़ लिया।

उन्हें देख कर मेरे लंड से पानी चूने लगा था। वो बोली- जब मैं लड़की होकर नहीं शरमा रही, तो तुम क्यों शरमा रहे हो !

और उन्होंने मुझे अपने करीब घसीट लिया। अब मेरे और उनके बीच में सिर्फ 6 इंच की दूरी थी। सर नीचे करता तो निगाहें उनकी चुचियों पर जाती और ऊपर करता तो उनकी आँखों की हवस मुझे खाए जा रही थी। मेरा लण्ड भी तन रहा था और धीरे धीरे उनकी नाभि से टकराने लगा।
उसे देख कर वो बोली- तुम शरमा रहे हो पर तुम्हारा ये नहीं शरमा रहा ! देखो कैसे मेरे बदन को सलामी दे रहा है !

और उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया। फिर तो ऐसा लगा कि अभी झड़ जायेगा। मैंने बड़ी मुश्किल से अपना लण्ड छुड़ाया और उनसे पूछा- आपको क्या चाहिए?

वो बोली- वही जो अभी पकड़ा था।

मैंने कहा- मेरे पास कंडोम नहीं है !

वो बोली- कोई बात नहीं, डरो मत ! मैं भी कोई ऐसी वैसी नहीं हूँ सिर्फ अपने पति से ही खुश हूँ, लेकिन तुम्हें देख कर मेरे मन में फिर से चुदाई के बादल उमड़ने घुमड़ने लगे हैं और मैं यह भी जानती हूँ कि तुम भी छुप छुप कर अपने खिड़की से मुझे देखते हो।

जब बात खुल ही गई थी तो मैंने भी कह दिया- हाँ, आप मुझे अच्छी लगती हो !

उन्होंने मुझे जोर से भींच लिया और मेरा सर झुकाकर अपनी चुचियों में दबा लिया। मैंने भी उनकी चूचियां चूसनी चालू कर दी।

तो वो बोली- यहीं करोगे या बिस्तर पर?

फिर मैं उनके बेडरूम में गया, जहाँ उन्होंने चुन्नी हटा दी और मुझे नंगा करने लगी। वैसे भी उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं हुई क्यूंकि मैंने एलास्टिक वाला निक्कर और टी-शर्ट पहनी थी। उसे उतार कर उन्होंने मेरे कच्छे पर भूखी शेरनी जैसी निगाह डाली और एक ही बार में उसे नीचे कर दिया। मेरा लंड तन चुका था। उन्होंने तुंरत उसे चूसना शुरू किया और 2 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, तभी मैंने उसे निकाल लिया।

वो बोली- क्या हुआ? फ़ुस्स हो गए क्या?

मैंने कहा- नहीं ! हो जाऊंगा !

वो बोली- कोई बात नहीं ! मुझे मालूम है कि तुम्हारा लण्ड अभी कुंवारा है इसीलिए मैं तुम्हें प्रैक्टिस करा रही हूँ जिससे तुम्हारी बीबी को दिक्कत न हो।

वो फिर चूसने लगी और मैंने उनके मुँह में ही सारा माल टपका दिया और वो बड़े प्यार से उसे निगल गई।

अब तो मेरा पौने सात इंच का लण्ड सिकुड़ कर सिर्फ ढाई इंच का ही रह गया था तो मैं शरमाने लगा। वो बोली- शरमाओगे ही या कुछ और भी करोगे?

मुझे लगा कि अब तो इसकी चूत का भोसड़ा बनाना ही पड़ेगा। अब यह वो वक़्त था जब मेरा गांड मारने का अनुभव काम आता।

मैंने उसकी चुचियों को चूसना शुरू किया और उनसे खेलने लगा। पहले दाईं वाली फिर बाईं वाली और कभी कभी दोनों ! चूसते दबाते करीब आधा घंटा हो गया था। उसकी दोनों चुचियाँ सांवले से लाल रंग की हो गई थी और चूचुक ऐसे लग रहे थे जैसे उनसे अभी खून टपक जायेगा। वो बोली- क्या हाल कर दिया है तुमने इनका !

मैंने कहा- सॉरी ! अभी नया नया हूँ न !

तो वो मुस्कुरा उठी और फिर मेरा लंड चूसने लगी। अब तो मेरा लंड अखाड़े में खड़े दारा सिंह जैसा हो गया था। सारी नसें खून से भरी थी और लग रहा था कि अभी शायद पौने सात से बढ़कर 10 इंच का हो जायेगा। आखिर पहली बार चूत का स्वाद जो मिल रहा था। वो मेरे लंड को मुँह में लेकर अन्दर बाहर कर रही थी। कभी कभी मैं उसका सर दबा देता तो वो उसके गले के अन्दर तक धंस जाता और वो खांसने लगती।

करीब 10 मिनट बाद मैंने कहा- अब मेरी बारी !

मैंने उसकी टांगे फैलाईं और किताबों में पढ़े हुए अनुभव आजमाने लगा। उसकी चूत पर हलके हलके जीभ फिराने लगा और फिर अन्दर बाहर करने लगा। उसकी भगनासा फूल कर मोटी हो गई थी। उसकी चूत को दस मिनट तक ऐसा चूसा कि वो सूज गई और अचानक से भाभी अपनी कमर उचकाने लगी, ऊपर-नीचे, ऊपर-नीचे !
मैंने कहा- क्या कर रही हो ! चूसने तो दो !
वो बोली- बहुत चूस चुके, अब जरा असली काम करो !

तो मैंने अपने लंड को सहलाया और सुपाड़े के ऊपर से खाल को पीछे सरका कर उनकी चूत के मुँह पे रख दिया। उनकी चूत एक दम कुंवारी लड़की जैसी टाइट थी, वो बोली- डाल दो !

क्यूंकि अब वो बहुत गरम थी, लेकिन मैं नहीं चाहता था कि वो इतनी जल्दी झड़े। मैं उनकी चूत के ऊपर अपना लंड घिसने लगा और 1 मिनट बाद सिर्फ सुपाड़ा ही अन्दर सरकाया तो वो कराह उठी। मैंने कहा- तुम्हें तो अनुभव है, फिर क्यों चिल्ला रही हो?

वो बोली- करीब तीन साल से एक भी बार सेक्स नहीं किया है, जबसे छोटा बेटा हुआ है, क्यूंकि कम उम्र में ही शादी हो गई थी और तब मैं 18 साल की थी और तुम्हारे भैया करीब 34 साल के ! गाँव की शादी थी, उन्होंने तब चोदा था जम के। फिर पहला बच्चा होने के बाद हमारे बीच में सम्बन्ध न के बराबर ही बने सिर्फ गिनती के। शराब के कारण मैं उन्हें मुँह नहीं लगाती और कभी कभी वो लंड खड़ा करने की गोली खाकर आते थे तब चुदाई होती थी। लेकिन अब जब वो करीब तीस की थी और भैया हो चुके थे। 44-45 के तो भैया के लंड में दम नहीं रह गया था और वो सही से खड़ा भी नहीं होता था।

मैंने कहा- सारी कहानी अभी बता दोगी या चुदवाओगी भी?
वो बोली- आराम आराम से करो !

फिर तो मैंने उस कुंवारी जैसी चूत को कुंवारा जैसा ही चोदा।

धीरे धीरे 5-7 मिनट हलके से ही सिर्फ सुपाड़ा ही अन्दर बाहर करके पहले रास्ता बनाया फिर एक हल्का झटका देकर करीब आधा लंड अन्दर किया तो उनके आँखों में संतुष्टि नज़र आई और फिर स्पीड बढ़ाई और करीब 2 मिनट बाद एक ही झटके में अपनी फतह का झंडा जैसे ही उनकी चूत की जमीन पे फहराया तो उनकी आँखों से आंसू निकालने लगे, वो बोली- बाहर करो !

मैंने कहा- भाभी अब तो ये बोफोर्स तोप झंडा फहरा कर ही वापस आयेगी !

भाभी की आँखों से आंसू बह रहे थे जो उनकी चूत के कुंवारे होने का सुबूत दे रहे थे। तभी भाभी की आँखों के आंसू थमने लगे और और वो जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी। अचानक से उन्होंने मुझे बड़ी जोर से पकड़ा और चूत उछालने लगी और मुझसे लिपट गई।

मैंने कहा- क्या हुआ भाभी?
वो बोली- बस, अब रुक जाओ !
मैंने कहा- वो तो ठीक है लेकिन अभी तोप में गोले बाकी हैं ! इन्हें कहाँ करूँ?वो बोली- मेरे मुँह में कर दो !
मैंने कहा- वो तो हो चुका, अब जरा कुछ और !
वो बोली- क्या?
तो मैंने उनकी गांड में ऊँगली डाल दी।
वो बोली- नहीं !
तो मैंने कहा- फिर मैं गुस्सा हो जाऊंगा और दोबारा फिर ये कभी नहीं होगा।

आखिर वो भी मजबूर थी और मान गई।
अब मैंने उनकी टांगे अपने कन्धों पे रक्खी और एक ही बार में पूरा लंड उनकी गांड में पेल दिया। उनकी तो गांड फट गई, वो चिल्लाने लगी जैसे मैं उनका गला दबा रहा था।

मैंने कहा- चिल्लाओ मत ! और उनका मुँह अपने हाथ से बंद किया और 2-3 मिनट तक अपने लंड वैसे ही उनकी गांड में पड़े रहने दिया। फिर जब वो थोडा संभली तब मैंने फिर से चोदना शुरू किया और 3-4 मिनट में ही भाभी अपनी गांड भी चूत की ही तरह उछालने लगी।

फिर मैं भी थक गया था, स्पीड बढा दी और कुछ ही देर में मैंने उनके अन्दर अपना वीर्य छोड़ दिया। भाभी अब काफी संतुष्ट थी। फिर मैं भी अपने लंड पर इतरा रहा था और भाभी भी उसकी मर्दानगी की प्रशंसा कर रही थी।

फिर मैं घर आ गया और इसी तरह कई बार जब वो अकेले में होती तो उन्हें जमकर चोदा, कभी कुत्ते वाली स्टाइल में तो कभी 69 पोजीशन में और जो भी उलटी सीधी पोजीशन किताबों में दिखी उसमें ! क्यूंकि वो तो मुझे प्रैक्टिस करवा रही थी और मैं उनका शिष्य था।

फिर एक बार भाभी को पार्क में भी चोदा और एक बार नाव में !
इसकी कहानी मैं आपको आगे सुनाऊंगा।
मेरी सभी कहानियाँ मेरी जिन्दगी में मेरे साथ हुई सत्य घटनाओ पर आधारित हैं। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई तो मुझे इ-मेल कीजिये। hindi sex stories

Antarvasna

मैं 31 वर्ष का 6 फीट लंबा Antarvasna शादीशुदा पुरूष हूँ।मेरी सबसे बड़ी कमजोरी चोदने की मेरी तीव्र इच्छा है।
मेरी पत्नी भी इससे परेशान रहती है क्योंकि शायद ही कोई रात ऐसी होती है जिसमें मैं उसे चोदे बिना सोने देता हूँ।

उसके नहीं रहने पर मैं अपने कमरे में बैठ कर ब्लू फ़िल्म देखते हुए मुठ मार कर अपने 7 इंच मोटे लंड की तड़प शांत करता हूँ।

यह घटना पिछले महीने की है।
मेरी पत्नी मायके गई थी और रात में करीब 10 बजे मैं अपने बिस्तर पर लेटा डीवीडी में एक ब्लू फ़िल्म की सीडी डालकर अपने लंड को सहला रहा था।

फ़िर मैंने बगल में पड़ा मोबाइल उठाया और मेरी पत्नी सुनीता को फोन लगाने लगा।
सामने ब्लू फ़िल्म चल रही थी और उसमें एक मर्द एक औरत की चूत चाटने में लगा हुआ था।
मेरे कानों में उधर से रिंग होने की आवाज आ रही थी फ़िर उधर से आवाज आई- हेल्लो!

मैं मूड में बोलने लगा- सुनीता डार्लिंग! तुम वहां मायके में आराम से हो और यहाँ मेरा लंड तुम्हारे लिए बेकरार है। सामने ब्लू फ़िल्म में मस्त चुदाई का सीन चल रहा है और मैं अपने कड़कते लंड को सहला रहा हूँ। आओ न और अपने चूत में इसे लेकर इसकी तड़प को शांत कर दो।

इतना कहकर मैं सुनीता की आवाज सुनने को रुका.
पर उधर से कोई आवाज नहीं आई और तब मैंने मोबाइल को कान से हटा कर उसके स्क्रीन पर देखा और मेरे होश उड़ गए।

मैं सुनीता के नहीं बल्कि अपने पड़ोस में रहने वाले सुनील जी के घर के फ़ोन पर बातें कर रहा था और वह हेल्लो की आवाज सुनीता की नहीं बल्कि उनकी पत्नी रूबी की होगी जिन्हें मैं भाभी कहता था।

अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
मेरे लंड की उत्तेजना जा चुकी थी और मैंने डीवीडी बंद कर दिया।

मैंने फ़िर कुछ विचार करने के बाद पुनः सुनील जी के यहाँ फ़ोन किया, रूबी भाभी ने फ़ोन उठाया तो मैंने कहना शुरू किया- सॉरी भाभी, मैं सुनीता को फ़ोन लगा रहा था पर फ़ोन में सुनील जी और सुनीता का नम्बर आस पास होने के कारण आपका नम्बर लग गया और मैंने बिना ध्यान दिए उल-जुलूल बातें कह दी। प्लीज मुझे माफ़ कर दें!

रूबी भाभी ने कुछ नहीं कहा और फ़ोन रख दिया।
मैं चिंतित सा था और समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ।
खैर मैंने सोने का निर्णय लिया पर नींद नहीं आ रही थी।

लगभग 10 मिनट बाद मेरा मोबाइल बज़ने लगा, वह सुनील जी का नम्बर था।

मैंने रिसीव किया, उधर से रूबी भाभी थी- देखो देवर जी, तुमने गलती तो की है और इसकी सजा भी भुगतनी पड़ेगी, तुम जरा मेरे घर में आओ अभी फ़िर मैं सोचती हूँ कि क्या सजा दूँ!

“अभी आया” मैंने इतना कहा ही था कि रूबी भाभी ने फ़ोन काट लिया था।

मैं गंजी और तौलिया में था सो मैं बिस्तर से बाहर आया और पजामा और टी-शर्ट निकाल कर पहनने लगा।

दोस्तो, अब जरा रूबी भाभी के बारे में बता दूँ।

सुनील जी मेरे पड़ोसी हैं और रूबी भाभी उनकी पत्नी हैं।
रूबी भाभी की उम्र 36-38 वर्ष होगी और वो एक 10 साल के बच्चे की माँ हैं।

उनका बेटा होस्टल में रहकर पढ़ाई करता है और यहाँ सुनील जी और रूबी भाभी रहते हैं।
मैं कभी-कभार उनके घर जाता था।

रूबी भाभी का कद ज्यादा नहीं है वो कुछ 5’3″ के आस पास होंगी पर उनकी चूचियां बहुत बड़ी थी और वो 38 या 40 साइज की ब्रा अवश्य पहनती होंगी।
उनकी फिगर लगभग 38-32-38 होगी।

ठंड के कारण मैंने ऊपर से जैकेट डाला और फ़िर अपने मकान का बाहरी दरवाजा बंद कर रूबी भाभी के मकान की ओर चल पड़ा।
मैंने वहाँ पहुँच कर देखा कि उनका दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था सो मैंने काल बेल न बजाकर धीरे से दरवाजा खटखटाया।

रूबी भाभी कि आवाज आई- आ जाओ!
मैं अन्दर गया।

रूबी भाभी सामने नाईटी के ऊपर शाल लपेटे खड़ी थी।
मैंने पूछा- सुनील जी कहाँ हैं?

तो उन्होंने बताया कि वो काम के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं और चार दिनों बाद लौटेंगे।

मैंने फ़िर कहा- भाभी! वो मैं सुनीता को फोन लगा रहा था पर गलती से!

रूबी भाभी ने मेरी बात काटते हुए कहा- चलो मान लिया! पर अब जब तुमने मुझसे इस तरह बात की तो इसकी तुम्हे कुछ तो सजा मिलेगी ही, तुम्हें मेरा एक काम करना होगा!
“क्या काम?” मैंने पूछा।

इस पर उन्होंने जबाब दिया- सुनीता ने मुझे बताया है कि तुम बहुत अच्छा मसाज करते हो, मेरा शरीर बहुत दर्द कर रहा है सो मुझे एक मसाज चाहिए!

मैं समझ गया कि रूबी भाभी मेरी बातों को फोन पर सुनकर उत्तेजित हो चुकी हैं और शायद चुदना चाहती हैं।
दरअसल मैं पत्नी के साथ सेक्स के दौरान नई-नई तरकीबें आजमाता रहता हूँ।

मसाज का तरीका भी एक है, बेबी आयल का प्रयोग कर मैं पीठ से मसाज प्रारम्भ कर फोरप्ले की शुरुआत करता हूँ।

मेरा लंड अब रूबी भाभी की चुदाई के बारे में सोच कर खड़ा हो चुका था।

“क्या सोच रहे हो? चलो बेडरूम में!” रूबी भाभी ने कहा और आगे बढ़ गई।
मैं पीछे चल पड़ा।

बेडरूम में पहुंचकर उन्होंने शाल हटा दिया और नाइटी के भीतर बिना ब्रा की बड़ी चूचियों का आभास मुझे हो गया।
मैंने भी जैकेट उतार दिया।

तब मैंने बेबी आयल के बारे में पूछा तो उन्होंने अपने ड्रेसिंग टेबल में से निकाल कर दिया।
कमरे में हीटर होने के कारण ठंड नहीं लग रही थी।

मैंने भाभी को पेट के बल लेटकर नाइटी को ऊपर करने को कहा।
उन्होंने ऐसा ही किया और उनकी चिकनी गोरी पीठ देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ गई थी।

नीचे पेटीकोट उनके चूतड़ों को ढके जरूर था, पर उनकी गोलाई और बड़े आकार का स्पष्ट आभास हो रहा था।
खैर मैंने उनकी पीठ पर बेबी आयल डाला और धीरे-धीरे मसाज शुरू किया और कुछ ही मिनटों बाद उनके पेटीकोट के फीते को खोल दिया.

मसाज करते हुए ही पेटीकोट को आधे चूतड़ों तक खिसका दिया और उनके चूतड़ों के ऊपरी हिस्से का मसाज करने लगा।

पुनः अपने हाथों में तेल लेकर उनकी दबी हुई चुचियों के बाहर निकले हिस्से पर हाथ ले गया और रूबी भाभी ने अपने शरीर को हल्के से ऊपर उठा कर मेरे हाथ चूचियों तक पहुँचने दिया।

मैंने पीछे से ही उनकी चूचियों की मालिश शुरू की।
फ़िर नीचे आते हुए उनके पेटीकोट को धीरे से बाहर निकलने लगा तो उन्होंने चूतड़ों को ऊपर उठा कर पेटीकोट निकालने में मदद की।

मैंने भी अपना टी-शर्ट खोल दिया और अब पाजामा और बनियान में था और रूबी भाभी केवल नाइटी में जो ऊपर की ओर सिमटी थी और उनकी पीछे का सारा सेक्सी भाग मेरे सामने था।

अब मैंने उनके चूतड़ों के बीच की घाटी के ऊपरी छोर पर तेल की एक धार डाली और वह उनकी गांड की घाटी में बह चली।

मैंने अपनी दो उँगलियों को उस धार के साथ नीचे सरकाया तो उन्होंने पैरों को फैला कर रास्ता दिया।

मेरी उंगलियाँ तेल के साथ उनकी गांड के छेद को सहलाते हुए चूत की छेद तक पहुँच गई और इससे पहले कि मेरी उंगलियाँ कुछ छेड़-छाड़ करती रूबी भाभी पलट गई और उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और हल्के झाँटों वाली चूत मेरे सामने थी।

वो बोली- क्या केवल पीछे ही मसाज करोगे या आगे भी?

मैंने धीरे से उनकी नाइटी खोल दी और अपने बनियान को भी!

तो वह पाजामा खोलने का इशारा करने लगी सो मैंने उसे भी खोल दिया और नीचे कुछ नहीं होने के कारण मैं भी नंगा हो चुका था।

रूबी भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथो में जोर से पकड़ कर दबाना शुरू किया और मेरा लंड अत्यन्त कठोर हो चुका था।
मैं उनकी निपल्स को उँगलियों से सहलाने लगा और वो एकदम कड़ी हो चुकी थी।

मैंने थोड़ा सा तेल उनकी चूचियों के बीच डाला और थोड़ा नाभि में और फ़िर एक हाथ से चूचियों का मसाज करना शुरू किया जबकि दूसरे हाथ की उंगली नाभि में डालकर धीरे से घुमा रहा था।

बेबी आयल की चमक से रूबी भाभी का गोरा शरीर दमक रहा था और मेरा मजा भी बढ़ता जा रहा था पर मुझे पता था कि सेक्स में धैर्य चुदाई के मजे को दूना-चौगुना कर देता है।

वह बीच-बीच में सिसकारी भी भर रही थी।
मैंने नाभि से उंगली निकाली और उनके चूत के बालों को सहलाने लगा।
और फ़िर अपने हाथ को और नीचे ले जाने लगा तो रूबी भाभी ने अपने पैरों को घुटने से मोड़ते हुए हल्का सा फैला लिया और उनकी फूली हुई रसदार चूत मेरे सामने थी।

मैंने चूत के बाहरी होठों को अपनी उंगली से रगड़ना शुरू किया और वो चूतड़ उचकाते हुए आह … सी … सी … की आवाज निकाल रही थी।

फ़िर मैं उनकी चूत के सामने बैठ गया और उनकी चूत में अपनी ऊँगली डालकर गोल-गोल घुमाने लगा।
चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी।

अब मैंने ऊँगली निकाली और बैठे हुए चूत के और करीब आया तथा लंड के सुपारे से रूबी भाभी की शिश्निका को रगड़ने लगा।

वो कह रही थी- आह! चोद दो मेरी चूत को अपने लंड से … प्लीज चूत में लंड डालो न!

मैंने लंड को चूत में डाला और उनकी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा जिससे मेरा आधा लंड चूत में घुस चुका था और मैंने दोनों हाथों से उनकी चूचियां मसलना शुरू किया।

रूबी भाभी धक्का मरवाना चाहती थी पर मैंने धक्का नहीं दिया और उनकी पीठ के नीचे हाथ डालकर उन्हें सामने खींच कर बिठा दिया पर लंड को चूत में से निकलने नहीं दिया।

अब मैंने उनके निप्पल को चूसना शुरू किया।
एक निप्पल मुँह में और दूसरा मेरी उँगलियों में।

फ़िर अपनी जीभ को उनके मुँह में डाल दिया वो इसे चूसने लगी।
मैंने उनको अपनी बाँहों में भरा और मैंने पीछे की ओर लुढ़क गया नतीजा मैं नीचे था और रूबी भाभी ऊपर।

मैंने नीचे से धीरे धीरे चुदाई शुरू की तो उन्होंने भी ऊपर से अपने कमर को ऊपर नीचे करके साथ देना शुरू कर दिया।

इसी अवस्था में करीब 20-25 धक्कों के बाद मैंने रूबी भाभी को पकड़ा और करवट ले लिया।

अब मेरा लंड उनकी चूत से निकल चुका था और वो मेरे बगल में पड़ी थी।

वो बोली- आह, ये क्या किया चोदो ना!
मैंने कहा- भाभी, तुम बस मजे लेती रहो और मेरा जादू देखो!

और मैंने उठकर उनकी टांगों को घुटने से मोड़ दिया और उनकी चूत के होठों के फैला कर शिश्निका को अपने होठों से चूसने लगा।
वो छटपटाने लगी।

मैंने अपनी जीभ को चूत में घुसा दिया और गोल-गोल घुमाने लगा, वह अपने चूतड़ उचकाने लगी और चोदने के लिए गिड़गिड़ाने लगी।

मैंने उनकी जांघों के इर्द-गिर्द अपने बाजू कस लिए और चूत के बाहरी होठों के जोर जोर से चूसने लगा।

वह आह … आह … ससी. सी… कर रही थी.

चूत रस से लबालब भर चुकी थी चूत का रस चूत से लगातार बह रहा था।

फ़िर मैंने ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

रूबी भाभी को धीरे से खींच कर उनके चूतड़ों को बेड के किनारे पर लाया और उनके नीचे एक तकिया लगाया।
अब उनकी चूत मेरे लंड के सामने थी, उनके पैरों को अपने कंधे पर रखते हुए लंड उनकी चूत में अन्दर तक पेल दिया।

और वो एक बार तो चीख पड़ी पर साथ ही अपने गांड को हिलाने लगी तो मैंने धक्के देने शुरू कर दिए।

कमरे में फच फच की आवाज फ़ैल चुकी थी साथ ही भाभी की सीत्कार और आहों से कमरा गूंज रहा था।

थोड़ी ही देर में चुदाई के दौरान उन्होंने अपने पैरों को कंधे से उतार कर मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया और मेरे हाथों को पकड़ने के लिए अपने हाथ बढ़ाये।

मैं समझ गया कि अब वो चरम पर पहुँच चुकी हैं।
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और उनकी चूत में झड़ने लगा।

मैं झुका और उनकी निप्पल को चूसने लगा, हम दोनों झड़ चुके थे और अब मैं उनके मुख को चूम रहा था।

उन्होंने अपनी आँखें बंद की हुई थी पर हांफ रही थी और मैंने भी पसीने से तर हांफ रहा था।

लगभग दो मिनट बाद मैंने धीरे से लंड को चूत में से निकालना शुरू किया तो उन्होंने अपनी आँखें खोली।

मैंने धीरे से लंड बाहर निकाला और फ़िर तौलिया लेकर उनकी चूत से बह रहे अपने लंड और उनकी चूत के रसों के मिश्रण को धीरे-धीरे पौंछना शुरू किया तो उन्होंने भी अपने पेटीकोट से मेरे लंड को पौंछने का काम शुरू किया।

अगली बार नए तरीके से चुदाई की घटना!
अपनी राय मुझे अवश्य दें! Antarvasna

न्यू वाइफ की छोटी चूत मेरे अब्बू ने कैसे फाड़ी, यह मैंने देखा उनकी पहली रात की वीडियो में! मेरे अब्बू कमसिन नई दुल्हन ब्याह के लाये तो मैंने उनकी चुदाई देखनी चाही.

मेरा नाम शरीफ़ कुरैशी है. मेरी अभी उम्र 25 साल की है.
मैं अब्बू के दूसरी बीवी की औलाद हूं.

मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है. मेरा रंग सांवला है लेकिन मैं अच्छा दिखता हूं.
मेरा घर यूपी के आजमनगर में है.

अब मैं अपनी कहानी सुनाता हूं.
बात तब की है जब मैं इंटर कॉलेज का छात्र था और तब मैं करीब 19 साल का था.

हमारी बहुत बड़ी फैमिली है. मेरे अब्बू बहुत पैसे वाले हैं और हमारे बड़े-बड़े 4 – 5 घर हैं.
फार्म हाउस के साथ ही हमारे पास 7 – 8 कार भी हैं.
हमें पैसों की भी कोई कमी नहीं है.

मेरे अब्बू का नाम मोहम्मद अली कुरैशी है.
अब्बू की उम्र 62 साल है.
उन्होंने तीन निकाह किए हैं.

मेरे बड़ी अम्मी सलमा 56 साल की हैं.
बड़ी अम्मी की 5 औलाद हैं, जिनमें दो बेटों के साथ तीन बेटियां हैं.
पहले बेटे का नाम सोहेल (38 साल) है और उनकी पत्नी जोया (35 साल), दूसरे का नाम सलीम (37 साल) उनकी पत्नी नूरजहां (33 साल) है.
तीसरी बेटी मराह (35 साल), चौथी बेटी का नाम मजिदा (34साल), पांचवीं का नाम मरीया (32 साल) है.
तीनों लड़कियों का निकाह हो चुका है.

अब्बू की दूसरी पत्नी अयासा (42) जो मेरी अम्मी हैं.
उनकी चार औलाद थीं लेकिन अब सिर्फ तीन हैं. एक की मौत बचपन में हो चुकी है.
मेरे बड़े भाई शाहिद (23 साल), जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है, उनकी पत्नी का नाम शाहनाज (21 साल) है और मेरी छोटी बहन का नाम मलिका कुरैशी है, जो 10वीं की छात्रा है.

अब्बू की तीसरी पत्नी का नाम फातिमा बीवी (20) है जिससे अब्बू की नई-नई शादी हुई है.

हम सब अलग-अलग बंगले में रहते हैं.
बड़ी अम्मी और उनकी 2 औलाद एक बंगले में, मेरी अम्मी और हम तीन भाई-बहन एक साथ अलग बंगले में रहते हैं.

अब्बू की अभी नई-नई शादी हुई थी इसलिए अब्बू और छोटी अम्मी नए वाले बंगले में रहने वाले थे.

जब अब्बू ने शादी की तब उस समय घर में किसी को यह बात पता नहीं थी.
मैं भी कॉलेज में था.
जब घर आया तो मुझे पता चला कि अब्बू ने तीसरी शादी की है.

उन पर सब नाराज़ थे लेकिन मैं नई नवेली दुल्हन को देखना चाहता था.
जब दुल्हन सामने आई तो मैं उसे देखकर हैरान रह गया.

क्या दुल्हन थी यार … मल्ला कसम … मस्त फिगर वाली गोरे बदन, लम्बे बाल, लाल-लाल होंठ, पतली कमर छोटे-छोटे बूब्स जैसे ताज़ा-ताज़ा फूल खिला हो.
छोटी अम्मी का फिगर साइज 32 – 24 – 32 होगा.

मैं तो यह सोचकर परेशान हो रहा था कि इस बुड्ढे यानि मेरे अब्बू को ऐसी माल कहाँ से मिल गई.
अब्बू के ड्राइवर से पूछा तो पता चला कि यह एक गरीब किसान की बेटी थी. अब्बू ने उनके अब्बू को पैसे देकर निकाह की बात की तो वे मना नहीं कर सके.

अब अब्बू अपनी सुहागरात के लिए अपने नए घर को सजाने के लिए मुझे कहा.

मैं घर में सबसे छोटा लड़का था.
तो अब्बू ने कहा- नए घर के बेडरूम को सज़ा-संवार दो.

जब मैं बेडरूम को सज़ा रहा था तो मन में एक ही ख्याल आ रहा था कि काश फातिमा के साथ आज मेरी सुहागरात होती!
तो इस बेड पर मैं अब्बू की न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेलता.

और यह सोच कर मेरा लौड़ा खड़ा हो रहा था.

इस बात को सोचकर मैं उसी बेड पर मुठ मारने लगा और कुछ देर बाद मेरा लौड़ा झड़ गया.

फिर मैने सोचा कि आज तो फातिमा बीवी को पूरा नंगी देखना है.
इसके लिए मैंने अपना फोन को ऑन करके छुपा दिया और अपने पुराने घर आ गया.

रात के 10 बज चुके थे, अब्बू और फातिमा बीवी नए घर में सुहागरात के लिए चले गए.

अब सब सो गए थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
सारी रात फातिमा के बारे मे सोचता रहा और फातिमा की यादों में कब सुबह हो गई मुझे पता ही नहीं चला.

अब मैं अपना फोन लेने नए वाले घर गया.
लेकिन दरवाज़ा बंद था.

मैंने टाइम देखा तो सुबह के 5 बजे थे और सुहागरात के बाद कौन इतनी जल्दी उठता है.
यह सोचकर मैं वापस घर आ गया.

अब तो समय जैसे थम सा गया था.
मैं सिर्फ घड़ी को देख रहा था 5 से 6, 6 से 7, 7 से 8, 10 से 11 बज चुके थे और अब्बू अभी तक सोए हुए थे.

अब मेरा दिमाग खराब होने लगा था.
फिर अब्बू 12:30 बजे में बाहर आए लेकिन छोटी अम्मी (फातिमा) नहीं आईं.

अब फोन वापस कैसे लूं … यह सोच ही रहा था कि अब्बू ने कहा- बेटा शरीफ़, जाकर देख ना छोटी अम्मी को कुछ चाहिए तो हेल्प कर देना. अभी वह नई है न इसलिए!

अब्बू की बात सुनकर जब मैं छोटी अम्मी के रूम में गया तो देखा वे बैड पर बैठी हैं और उनकी आंखें लाल थीं.
वे काफी थकी- थकी सी लग रही थीं.
देखकर लग रहा था कि अब्बू ने न्यू वाइफ की छोटी चूत को खूब पेला होगा.

फिर मैंने कहा- छोटी अम्मी, आपको कुछ चाहिए तो बोलिए. अब्बू ने मुझे भेजा है.
छोटी अम्मी- नहीं, कुछ नहीं चाहिए. ये बताइए कि आप उनके बेटे हैं. क्या नाम है आपका?

मैं- हां, आपके शौहर मेरे अब्बू हैं और मेरा नाम है शरीफ़!
छोटी अम्मी- वह तो दिख रहा है आप कितने शरीफ़ हैं.
यह बोलकर छोटी अम्मी हंसने लगीं.

मैं- छोटी अम्मी, आप हंस क्यूं रही हैं, मैं कुछ समझा नहीं?
छोटी अम्मी- यह बात फिर कभी बोलूंगी, पहले आप मुझे अम्मी न कहिए. मैं आपसे थोड़ी ही बड़ी हूं तो मुझे आप फातिमा ही कहें.

मैंने कहा- आप तो मेरे रिश्ते में अम्मी ही हुईं ना और घर वाले भी क्या कहेंगे.
छोटी अम्मी- ठीक है, आप सबके सामने मुझे छोटी अम्मी बोलिएगा और जब कोई नहीं हो, तो फातिमा … ठीक है?
मैं- ठीक है. पर आप भी मुझे तुम ही कहिएगा या फिर शरीफ़ कह कर बुलाइयेगा.

छोटी अम्मी- ठीक है. अच्छा शरीफ़, बाथरूम कहां है बताओगे? मुझे नहाना है.
मैं- आगे से दाएं के बाद वाला.

फिर छोटी अम्मी नहाने चली गईं.

मौका देखकर मैंने अपना फोन निकाला और चालू किया.
लेकिन मेरा फोन चालू नहीं हुआ.
शायद फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.

मैं अपने कमरे में आया और फोन चार्ज में लगाकर उसे ऑन करने वाला ही था कि इतने में मेरी अम्मी आईं और बोली- बेटा, हमें रहमान भाईजान के घर चलना है.
मैंने अम्मी से कहा- मेरा फोन अभी चार्ज नहीं है और मैं वहां बोर हो जाऊंगा. वहां अभी रुखसाना भी नहीं है, वह अभी दिल्ली में है.

अम्मी- बेटा चल ना … जल्दी आ जाऊंगी. फोन को चार्ज में लगा दे.
मैं अम्मी को लेकर रहमान चाचू के घर चला गया.

रहमान चाचू और मेरी अम्मी की बातें तो मानो जैसे खत्म ही नहीं हो रही थी.
रात 9 बजे हम उनके घर से खाना खाने के बाद अपने घर आए.

मैंने देखा कि बड़ी अम्मी घर आई हुई थीं.
फिर अम्मी और बड़ी अम्मी बातें करने लगीं.

तो मैंने अम्मी से कहा- अम्मी, मैं सोने जा रहा हूं.
यह बोलकर मैं अपने कमरे में गया और दरवाज़े को बंद कर दिया.

मैंने बिना देर किए हुए फोन को ऑन करके वीडियो को चालू किया.
मैंने देखा कि बेड पर छोटी अम्मी बैठी हुई हैं लेकिन उनका चेहरा नहीं दिख रहा है.
उन्होंने साड़ी से चेहरे को छुपा रखा है.

फिर अब्बू आए और दरवाज़े को बंद कर दिया.

इसके बाद अब्बू बैड के पास आए और छोटी अम्मी से बातें करने लगे.
अब वहां क्या बातें हो रही थीं, मुझे ठीक से समझ नहीं आ रहा था क्योंकि फोन बहुत दूर था.

मैंने वीडियो देखते हुए कहा कि अबे बुड्ढे, इतनी खूबसूरत लड़की के साथ क्या बात कर रहा है. लड़की सामने है और तू बात करके टाइम पास कर रहा है.
इसके बाद मैंने वीडियो को थोड़ा आगे किया.

अब अब्बू छोटी अम्मी के चेहरे से साड़ी हटाते हैं और छोटी अम्मी को चूमते हैं और फिर जल्दी-जल्दी से सारे कपड़े उतार देते हैं और फिर उन्हें बेड पर लेटाकर ऊपर चढ़कर घपाघप करना शुरू कर देते हैं.

ये सब कुछ देखने में मुझे मजा नहीं आ रहा था.
शायद मैंने फोन को काफी दूर पर रख दिया था इसलिए साफ-साफ छोटी अम्मी का कोई भी सामान नहीं दिख रहा था.

छोटी अम्मी अब्बू को धीरे-धीरे करने को कह रही थीं लेकिन अब्बू तो उन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े थे.

अब्बू अपनी गांड आगे-पीछे, आगे-पीछे कर करके चोद रहे थे. मानो कि छोटी अम्मी की चूत को जैसे आज फाड़ ही देंगे.

मेरा फोन इतना दूर होने के बाद भी छोटी अम्मी की आवाज साफ-साफ सुनाई दे रही थी.
छोटी अम्मी जोर-जोर से आ उफ़ उफ़ आह की आवाज़ें निकाल रही थीं

मेरे अब्बू बहुत मोटे हैं उनका वजन करीब 125-130 किलो होगा.
तो वहीं छोटी अम्मी यही 50 -55 किलो की होंगी.

लेकिन अब्बू इस छोटी सी कली को मसले जा रहे थे.

अब अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स दबाने लगे और मुंह से छोटी अम्मी के बूब्स चूसने लगे.
अब्बू बूब्स को इतना जोर-जोर से दबा और चूस रहे थे जैसे बूब्स को वे खा ही जाएंगे.

अब्बू ने छोटी अम्मी के बूब्स को दांत से काट लिया जिस पर छोटी अम्मी जोर से चिल्लाई- याल्ला आह मर गई.
छोटी अम्मी- क्या कर रहे हैं … धीरे-धीरे से करिए ना …बहुत दर्द हो रहा है.

अब्बू- चुप साली, तेरे बाप को पैसे तेरा मुंह देखने के लिए नहीं दिया है. तुझसे शादी की है सिर्फ तुझे चोदने के लिए.

इसके बाद अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को और जोर-जोर से दबाने लगते हैं.

छोटी अम्मी- आ आह ओह … अम्मी मर गई … आ उफ्फ उफ आह ओह याल्ला रहम करें मुझे पर … आ आआआ आऊऊ ऊऊऊ ऊफ आ आह!
वे दर्द से सिसक रही थी.

छोटी अम्मी- खुदा के लिए मुझे अब छोड़ दें बहुत दर्द हो रहा है.
अब्बू- नई चूत में पहली बार लौड़ा घुसने पर दर्द होता है फातिमा!

छोटी अम्मी- जी चूत में नहीं जा रहा है. आप का वजन बहुत है मेरे शरीर में दर्द हो रहा है.
अब्बू- रंडी चुपचाप चोदने दे!

इसके बाद अब्बू अपना लौड़ा न्यू वाइफ की छोटी चूत में रगड़ने लगते हैं.
इसके बाद अपने मुंह से थूक लगा कर चूत मे डालकर छोटी अम्मी के ऊपर चढ़कर चोदने लगते हैं.

छोटी अम्मी- आ नहीं आ … उफ उफ उफ … आह ओह उफ़ उफ़!

नए घर में सिर्फ अब्बू और छोटी अम्मी ही थी इसलिए अब्बू छोटी अम्मी को जवानों की तरह चोद रहे थे, दोनों की आवाज़ अब पूरे कमरे में गूंज रही थी.

अब्बू के हांफने की आवाज़ और छोटी अम्मी की आ उफ उफ आह ओह की आवाज़ के साथ-साथ एक आवाज़ और थी जो फच फच फच की थी.

छोटी अम्मी- अब हमें छोड़ दें. मेरा बदन बहुत दर्द कर रहा है.
अब अब्बू दो तीन शॉट लगाने के बाद रुके.

छोटी अम्मी को लगा कि अब अब्बू का हो गया है. जिस पर उन्होंने थोड़ी सांस ली.

लेकिन अब्बू कहा रुकने वाले थे … अब्बू ने छोटी अम्मी की चूत में अपनी उंगली डालकर जोर-जोर से आगे-पीछे आगे-पीछे करके चोदना शुरू कर दिया.
शायद अब्बू का लौड़ा काम नहीं कर रहा था तो अब्बू उंगली से ही काम चला रहे थे.

छोटी अम्मी- आ आह उफ़ … आह आह … ओह ओह मर गई! नहीं नहीं … आआ आआ ईईई … आआआ ईईई ऊयाल्ला मदद आ … उफ आ आ आह ओह ओह माई.

छोटी अम्मी अपना सिर दाएं और बाएं कर रही थीं.
शायद उन्हें बहुत दर्द हो रहा था.
लेकिन अब्बू रुके नहीं, वे उंगली डाले जा रहे थे.

अब अब्बू, छोटी अम्मी को उलटा लेटाकर उनके ऊपर चढ़कर चोदने लगे.
छोटी अम्मी की आवाज और तेज हो गई.

अब्बू ने छोटी अम्मी के मुंह को अपने हाथों से दबा दिया और चोदने लगे.
वे दो-तीन शॉट मारने के बाद रुके और अब छोटी अम्मी को घोड़ी बनाया और घापाघप शुरू कर दिया.

अभी घोड़ी बनाकर शुरू ही किया था कि वे अचानक रुक गए और छोटी अम्मी की गांड को चाटने लगे.
अपनी जीभ से कभी चूत तो कभी गांड को चाटने के बाद फिर उंगली डालकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

मैं समझ गया कि अब अब्बू के लौड़े में दम नहीं रहा.

छोटी अम्मी- आआ आआआ उफ आ … ओह ओह … आह आह आआऊऊ ऊऊऊ!

उन्होंने अपना मुंह तकिए से दबा लिया और घोड़ी वाली पोज में गांड को रखा.
अब्बू भी उंगली करते रहे.

थोड़ी देर के बाद अब्बू रुके.

वे इतने पर ही नहीं रुके … उन्होंने छोटी अम्मी को अपना लौड़ा चुसवाया.

एक यही पोज था जिसमें अब्बू के साथ छोटी अम्मी भी मजे ले रही थीं.

छोटी अम्मी तो लौड़ा ऐसे चूस रही थीं जैसे किसी छोटी बच्ची को लॉलीपॉप मिल गया हो. वे उह लच पूच लप लप चप लप कर लौड़ा चूसे जा रही थीं.

अब्बू का लौड़ा बार-बार झड़ कर गिर जाता था.
लेकिन छोटी अम्मी उसे बार-बार खड़ा करके और चूस रही थीं.

दो बार झड़ने के बाद अब्बू ने छोटी अम्मी को रोका और धक्का लगा कर बेड पर गिरा दिया और ऊपर चढ़ गए.

छोटी अम्मी को लगा कि अब्बू फिर चोदेंगे. वे गिड़गिड़ाई- नहीं, अब और नहीं खुदा के वास्ते अब रहने दें.

अब्बू ने इस बार रहम करते हुए छोटी अम्मी के बूब्स को दबाना और चूसना शुरू कर दिया.
वीडियो में दिख रहा था कि अब्बू छोटी अम्मी के बूब्स को बहुत जोर-जोर से दबा रहे थे.

छोटी अम्मी- आ आह ओह … माई उफ उफ … आआआ आई ईऊ उफ आआ आह… याल्ला आह ओह ओह!

कुछ देर के बाद अब छोटी अम्मी की आवाजें धीरे-धीरे कम होने लगीं.
फिर छोटी अम्मी ने अब्बू को अपने से नीचे गिराया.
शायद अब्बू थककर सो गए थे.

छोटी अम्मी ने उठकर एक कपड़े से अपनी चूत को साफ किया.
वे बेड से उतरीं.

लेकिन जैसे ही छोटी अम्मी का वह हिस्सा दिखने वाला था कि वीडियो बंद हो गया.
शायद यहीं पर फोन की बैटरी खत्म हो गई थी.

मेरा सारा मूड खराब हो गया.
मैं छोटी अम्मी का नंगे बदन को देखना चाहता था लेकिन मैं देख नहीं पाया.

लेकिन अब्बू और छोटी अम्मी की चुदाई वाले वीडियो को देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया.
चुदाई तो मैंने पहले भी बहुत देखी थी.

आपको बता दूं कि जब मैंने पहली बार सेक्स किया था तो करते हुए अम्मी ने मुझे देख लिया था.
फिर क्या था … मेरी पिटाई भी बहुत हुई थी.
उस पिटाई के बाद मैंने फिर कभी चुदाई के बारे में नहीं सोचा.

लेकिन आज मेरा लौड़ा सिर्फ चूत के बारे में ही सोच रहा है और यही सोच रहा था कि किसको चोदूं.

छोटी अम्मी को सोचते-सोचते मैं कब सो गया, पता ही नहीं चला.

आंख खुली तो कोई दरवाजा खटखटा रहा था.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि मेरी भाभी थीं.
शाहिद भाई जान की बीवी … वही मेरा शाहिद भाई जिसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है.
उनकी बीवी शहनाज.

भाभी घर को साफ करने आई थीं.

मैं वापस बैड पर आकर बैठ गया और भाभी घर साफ करने लगीं.

न जाने क्यों आज भाभी को देखकर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.
जबकि आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था.

मेरे भाईजान की शादी के 3 साल हो गए थे.
लेकिन आज भाभी के बदन को देखकर मेरी आंखें एक-एक इंच नाप रही थीं.
भाभी के बड़े-बड़े मम्मे दिख रहे थे जब वे झुक कर घर साफ़ कर रही थीं.

मैंने भी सोच लिया कि इस शहनाज का नाजायज पति तो बन कर ही रहूंगा.

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