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दोस्तो और सजनियो ! कहानी एकदम सच्ची है और मेरा यह Antarvasna दावा है कि दोस्तों के लन्ड फ़नफ़ना जायेंगे और आन्टियों, भाभियों और कुवांरी कन्याओं की चूतें पानी छोड़ जायेंगी।
मैं एम पी का रहने वाला हूं। बात उस समय की है जब मेरी बीवी ने कहा कि मेरी भाभी को शहर से बुला कर ले आओ। अभी उसके स्कूल की छुटटी भी हैं, घूम जायेगी।
मैं जब उसे लेने गया तो साले ने अपनी पत्नी सुनीता (मेरी सलहज) को हंस कर मेरे साथ भेज दिया। वो २२ साल की है। उसको तब तक बच्चा नहीं हुआ था। लेकिन उसके दूध बड़े बड़े मल्लिका शेरावत की तरह हैं। गाड़ी में जब ए सी कोच में चढ ही रहे थे कि भीड़ के कारण मेरा लन्ड उसकी गोल गान्ड से लग गया।
मुझे तो मानो करंट लग गया और साथ ही उसे भी अहसास हुआ कि जीजाजी का लन्ड खड़ा है।
१८ घण्टे के सफ़र के दौरान मैं सोचता रहा कि इसे कैसे चोदूं। खैर घर आ गये हम।
पड़ोस की एक भाभी को बच्चा होने वाला था, इस कारण मेरी बीवी एक रात उनके साथ अस्पताल में रही। उस रात को सुनीता जो कि दूसरे कमरे में सोती थी, ने लाईट जलाई। मैं तुरन्त उठा और पूछा- क्या बात है?
उसने कहा- मेरी कमर में बहुत तेज़ दर्द हो रहा है।
मैंने उसे बाम की शीशी दे दी। वो अपने कमरे में चली गयी। लेकिन मुझे नीन्द नहीं आ रही थी। मैं अपने दोनो बच्चों को सोते छोड़ कर उसके कमरे में पहुंच गया और बोला कि लाओ मैं बाम लगाता हूं।
पहले तो उसने आनाकानी की परन्तु फ़िर मान गयी। लेकिन बाम लगाने के लिये मैक्सी को ऊपर उठाना पड़ता, इसलिये उसने संकोच करके फ़िर मना कर दिया। परन्तु दर्द तेज होने के कारण उसने मुझे फ़िर बुलाया।
मैने कहा- सुनीता, एक दर्द निवारक गोली खा लो ठीक हो जायेगा। पर उसे डर था कि अगर उसे प्रेगनैन्सी हो चुकी हो तो कुछ नुकसान ना हो जाये।
आखिर उसने बाम लगवाने के लिये हां कर दिया। जैसे ही मैंने उसकी मैक्सी उठाई, उसकी चिकनी जांघे देख कर मेर लन्ड बेकाबू हो गया। मालिश करते करते मेरे हाथ उसकी साईड से दब रही चूचियों को भी स्पर्श कर रहे थे।
मैंने धीरे धीरे उसके चूतड़ों की तरफ़ मालिश शुरू कर दी। मैंने महसूस किया कि उसके रौंगटे खड़े हो रहे हैं थोड़ी देर में सुनीता पलट गयी और मुझे ऐसी नज़रों से देखा कि वह मुझे धन्यवाद देना चाहती है।
सुनीता मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी। बस मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैंने तुरन्त अपने दोनो हाथों से उसकी चूचियां दबा दी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। मैने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूत में घुसा दिया। अब वह कराह रही थी।
आखिर उसने मेरे लन्ड को हाथ में लेकर कहा- जीजाजी, अब इसे अन्दर करो। फ़िर उसके बाद जो सुबह चार बजे तक चुदाई का दौर चला कि पूछो मत।
चुदाई करते समय उसने बताया कि जीजाजी आपका लन्ड मेरे पति से बड़ा और मोटा भी है। शादी के बाद आज प्यास बुझी। आज मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस बार प्रेगनैन्ट हो जाउंगी
और ऐसा ही हुआ। ठीक नौ महीने बाद सुनीता को एक सुन्दर सा बेटा हुआ। एक दिन सुनीता ने मेरी ससुराल में ही पूछ लिया कि इस उपकार के लिये क्या गिफ़्ट दूं। मैंने जो बहुत दिन से सोच रखा था, मांग लिया, कि मुझे तुम्हारी गान्ड मारनी है।
सुनीता ने कहा- जीजाजी, गान्ड क्या जितने भी मेरे पास छेद हैं आप सब में अपना लन्ड डाल सकते हैं।
तो एक दिन अवसर मिलने पर दिन में ही मैंने सुनीता की तीन बार गान्ड मारी। परन्तु तीसरी बार जब गांड मार कर उठ रहे थे, तक तक सास आ गयी। उन्हें तेल की शीशी गलत जगह पड़ी मिली। शायद उन्हें शक हो गया था।
सभी दोस्तों से निवेदन है कि यदि शादीशुदा होकर बीवी की गान्ड नहीं मारी तो समझो कुछ नहीं किया। Antarvasna
मेरा आप सभी को Sex Stories लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा नमस्कार।
मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ तथा बहुत दिनों से आपसे अपने जीवन की सच्ची कहानी कहना चाह रहा था लेकिन इससे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। खासकर उन सभी लड़कियों को जो अपनी चूत का अच्छे से भोसड़ा बनवाना चाहती हैं क्योंकि मेरा निजी अनुभव है कि जो लड़कियाँ स्वभाव से शान्त होती है उनमें ही कामवासना ज्यादा होती है और चूत मरवाने की इच्छा प्रबल होती है।
हाँ तो मैं अपनी बात कर रहा था कि मैं 22 साल का एक सांवले रंग का लेकिन र्स्माट दिखने वाला लड़का हूँ। मैं मूल रूप से कानपुर का रहने वाला हूँ लेकिन फिलहाल नोएडा में अकेला रह रहा हूँ। लड़कियाँ कहती हैं कि मुझमें कुछ बात है जो उन्हें मेरी तरफ आकर्षित करती है। मेरे लण्ड की लम्बाई सात इंच तथा मोटाई तीन इंच है। मेरा शरीर गठीला है क्योंकि कॉलेज के शुरूआती दिनों से ही मुझे कसरत का शौक रहा है।
बात तब की है जब मैं पढ़ रहा था और मेरी बहन भी कॉलेज़ में थी। मेरी बहन मुझसे दो साल बड़ी है।
क्योंकि मैं स्वभाव से थोड़ा शर्मीला हूँ इसलिए उसकी कोई भी सहेली घर पर आती थी तो मैं किसी न किसी बहाने से बाहर चला जाता था। कई बार उसकी सहेलियों में से कई ने मुझसे बात करने की कोशिश भी की लेकिन मैं शर्म तथा बडी बहन की सहेली होने के कारण कुछ नहीं कह पाता था।
लेकिन कुछ दिनों बाद ही हमारे पड़ोस में एक नया परिवार रहने आया। उनकी दो लड़कियाँ तथा एक लड़का था। चूंकि बड़ी लड़की मेरी दीदी की हम उम्र थी इसलिये उनकी अच्छी सहेली बन गई थी। बडी लड़की के साथ उसकी छोटी बहन भी घर पर आने लगी। उसका नाम सपना था और वो देखने में किसी सपने जैसी ही हसीन और सुन्दर थी।
वो और मैं दोनों ही उम्र के उस पड़ाव पर थे जब किसी के साथ की इच्छा होती है। लेकिन मैं जितना शर्मीला था वो उतनी ही बिन्दास स्वभाव की लड़की थी और मुझ पर अपना हक जमाने की कोशिश करती थी तथा किसी न किसी बहाने से मेरे आस-पास ही मंडराती रहती थी। उसकी इस तरह की हरकतें देखकर कर कई बार मेरी दीदी ने मना भी किया कि मेरे साथ इस तरह की हरकतें न किया करे लेकिन जानबूझ कर वह और भी ज्यादा हरकतें करने लगी और कभी भी मौका पाकर दीदी के सामने ही मजाक में मुझसे चिपट जाती हो और मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगती।
मेरे मम्मी और पापा दोनी ही नौकरी करते हैं इसलिये मेरे घर पर दिन में चार घंटे कोई नहीं रहता था। मैं और मेरी दीदी एक ही स्कूल में पढ़ते थे लेकिन वो मोर्निंग शिफ्ट में स्कूल जाती थी और मैं बारह बजे दूसरी शिफ्ट में जाता था। जिस कारण सुबह नौ बजे से एक बजे तक कोई नहीं रहता था।
एक दिन की बात है मैं अपने घर में अकेला बिस्तर पर लेटा हुआ बोर हो रहा था कि तभी हमारे घर का दरवाजा खुला देखकर उनकी छोटी लड़की सपना घर पर आई और पूछने लगी- क्या कर रहे हो ?
मैंने कहा- कुछ नहीं ऐसे ही मन नहीं लग रहा है इसलिये बोर हो रहा हूँ।
उसने कहा- मेरा भी यही हाल है!
यह कहकर वो भी मेरे बगल में आकर लेट गई। इससे मुझे थोड़ा अजीब सा लगने लगा। लेकिन शायद वो अब तक मेरे शर्मीलेपन के बारे में समझ चुकी थी इसलिये अपनी ओर से पहल करना चाह रही थी।
यह बात उसने मुझे बाद में बताई कि जब से वो यहाँ रहने आई है तब से ही वो मुझसे चुदना चाह रही थी। लेकिन मैं शर्मीला होने के कारण उसकी बातों को उसकी नासमझी समझ कर ऐसे ही जाने दे रहा था।
धीरे-धीरे उसका जिस्म मुझसे छूने लगा जिससे मेरे जिस्म में सरसराहट होने लगी लेकिन शायद मैंने सोचा कि शायद पास लेटने की वजह से अनजाने में ऐसा हो गया है, यह सोचकर मैं थोड़ा पीछे खिसक गया। इसके बाद वो मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगी।
मैंने नासमझ की तरह उससे पूछा- यह क्या कर रही हो?
तो वह कहने लगी- अरे मुझे पता ही नहीं चला यह तुम्हारी जांघें हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
और यह कहकर मैं भी उसके हाथों पर हाथ फिराने लगा।
उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने भी हाथ उसकी बगल तक ले जाकर फिराने शुरू कर दिये। लेकिन उसकी चूचियों को पकड़ने की इच्छा होने के बावजूद भी मैंने उसकी चूचियों को हाथ नहीं लगाया। लेकिन उसने थोड़ा सा तिरछा होकर अपने हाथ अपने सीने की तरफ कर लिये जिससे मेरे हाथ उसकी चूचियों को थोड़ा-थोड़ा सा छूने लगें। उसकी चूचियाँ अभी ही निकलनी शुरू हुई थी इसलिये एक दम कड़क थी और उसकी बटन वाली टीशर्ट उठी हुई होने के कारण दिखाई दे रही थी।
धीरे-धीरे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मैंने उसकी चूचियों पर थोड़ा सा दबाब बनाना शुरू कर दिया। वो शायद समझ गई कि मैं उसकी चूचियों को दबाना चाह रहा हूँ और वो तो कब से यही चाहती थी। लेकिन लड़की होने के कारण स्वयं नहीं कह पा रही थी।
लेकिन हाय री मेरी फूटी किस्मत! तभी उसकी मम्मी ने उसे आवाज लगाई और वह जल्दी से उठकर चली गई. लेकिन मैंने सोचा कि जब यहाँ तक बात पहुँच गई है तो कभी न कभी आगे भी बढ़ेगी।
लेकिन शायद मेरी किस्मत में महा-चुदक्कड़ बनना ही लिखा था इसलिये मेरी किस्मत ने मुझे जल्दी ही वह मौका दे दिया।
मेरे मम्मी और डैडी को ऑफिस के एक जरूरी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा और घर पर सिर्फ मेरी बहन और मैं ही रह गये। क्योंकि हम दोनों ही भाई-बहन कम उम्र के थे इसलिये मम्मी-डैडी कह गये कि अपनी किसी सहेली को रात को सोने के लिये बुला लें। इसलिये वो सपना की बड़ी बहन को सोने के लिये बुलाने के लिये गई लेकिन उसने अगले दिन अपनी परीक्षा होने के कारण “रात को पढ़ना है.” यह कहकर आने से मना कर दिया और सपना को दीदी के साथ भेज दिया।
जब सपना दीदी के साथ आई तो मैंने देखा कि वो मुझे अजीब सी नजरों से मुझे देख रही थी और उसकी आँखों में एक खास चमक थी जैसे कोई शेरनी बकरी के बच्चे को देख कर खुश हो जाती है। वैसे यह काफी हद तक सच भी था क्योंकि वो इस फील्ड की शेरनी ही थी और मैं एक बकरी के बच्चे की तरह सीधा-सादा सा लड़का था। लेकिन तब तक मैं इस बात को नहीं जानता था कि वो इन मामलों में इतनी एक्सपर्ट है कि किसी लड़के को कैसे पटाया जाए।
क्योंकि उस दिन घर पर मम्मी डैडी नहीं थे इसलिये मैं दिन भर बाहर खेलता रहा और थकान हो जाने के कारण खाना खाकर जल्दी सोना चाह रहा था। लेकिन जैसे सपना की आँखों में तो नींद ही नहीं थी। वो तो आज रात में मुझसे जरूर ही चुदना चाह रही थी। लेकिन मैं भोला-भाला बालक इस सब से अनजान सोने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरे खिलाफ इतनी भयानक साजिश रची जा चुकी थी।
उधर थकान की वजह से मुझे नींद आ रही थी और सपना और दीदी बातें करने में लगी हुई थी जिस वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी। हम सभी तीनों लोग बैडरूम में एक साथ सो रहे थे। क्योंकि दीदी ने कहा कि घर में सिर्फ हम ही लोग हैं इसलिये एक साथ ही सो जाते हैं लेकिन साथ सोने का यह आइडिया भी सपना का ही था। सपना दीदी और मेरे बीच में लेट गई और दीदी के साथ बातें करती रही। लेकिन मुझे थकान की वजह से जल्दी ही गहरी नींद आ गई और मैं सो गया।
अचानक रात में मुझे अपने जिस्म पर किसी के हाथ का अहसास हुआ लेकिन शायद बिजली चली गई थी जिससे मुझे पता नहीं चल पा रहा था कि वो हाथ किसका है। तभी मेरे बगल वाला जिस्म मुझसे और सट गया मैं समझ गया कि यह सपना ही है जो मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही है। धीरे-धीरे उसने अपना हाथ मेरे चेहरे के पास लाकर मेरे चेहरे को अपनी तरफ किया और मेरे गालों पर किस करने लगी।
कुछ देर बाद मुझे भी जोश आने लगा। लेकिन मैंने अभी जल्दीबाजी करना ठीक नहीं समझा। सच कहूँ तो मैं देखना चाहता था कि वह क्या करती है। मैंने अभी तक उसे यह अहसास नहीं होने दिया कि मैं नींद से जाग गया हूँ और बिजली जाने की वजह से यह काम और भी आसान हो गया था। वो भी नहीं चाहती थी कि मैं एक दम से जाग जाऊँ क्योंकि बगल में दीदी सो रही थी और हड़बड़ी में वो भी जाग सकती थी। इसलिये वह एक दम आराम से सबकुछ कर रही थी।
अचानक मुझे एक आइडिया आया और मैं करवट लेकर उसकी तरफ पलट गया और अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया। उसने सोचा शायद मैंने यह नींद में किया है इसलिये उसने मेरे हाथ को अपनी एक चूची पर कस कर दबा लिया। इससे ज्यादा मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसकी चूची कस कर पकड़ ली और धीर से कहा- यह तुम क्या कर रही हो सपना ?
मेरी इस बात से वो एकदम चौंक गई। उसे अदांजा नहीं था कि मैं जाग रहा हूँ और ये सब मेरी ही मर्जी से हो रहा था।
उसने कहा- जब तुम सब कुछ समझ ही गये हो तो अनजान क्यों बने हुए हो। यह कहकर वो मेरे ऊपर लेट गय और अपने गर्म और नर्म होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी धीरे-धीरे उसके होंठ चूसने शुरू कर दियें। क्योंकि यह मेरा होंठ चुसाई का पहला मौका था इसलिये मुझे शुरूआत में उसके होंठ चूसने में थोड़ी सी परेशानी हुई लेकिन फिर मैंने सब कुछ सम्भाल लिया। फिर मैंने उससे कहा कि यहाँ खतरा है क्योंकि थोड़ी सी हरकत से दीदी की नींद खुल सकती है। इसलिये दूसरे कमरे में चलते है।
मैंने उसे अपने ऊपर से उठाया और बगल वाले दीदी के कमरे में ले गया। क्योंकि चांदनी रात थी इसलिये उस कमरे में थोड़ी-थोड़ी रोशनी फैली हुई थी। मैंने उसे बैड पर लिटाया और उसके होंठ चूसने लगा। होंठ चूसने के साथ-साथ मैं उसके नाईट सूट के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा। उसकी चूचियाँ नींबू के समान छोटी-छोटी थी लेकिन बहुत ही ज्यादा कड़क थी। फिर मैंने उसे उठाया और उसका नाईट सूट उतार दिया। अब वो सिर्फ पेन्टी में ही रह गई क्योंकि वो उसकी चूचियाँ निकलने का शुरूआती दौर था और उस समय वो ब्रा नहीं पहनती थी।
मैंने उसे लिटाया और उसकी टाईट और छोटी-छोटी चूचियों को मसलने लगा। वो एकदम कराह कर बोली- प्लीज विनय, धीरे-धीरे दबाओ! बहुत दर्द होता है! अभी बहुत टाईट हैं।
हालांकि उसकी तकलीफ मुझसे भी देखी नहीं जा रही थी लेकिन मैं क्या करूं, मुझे उसकी टाईट चूचियों को जोर से दबाने में ही मजा आ रहा था।
धीरे-धीरे वो पूरी तरह गर्म हो गई और मुझसे कहने लगी कि विनय अब तुम भी अपने कपड़े उतार दो। तुमने तो मेरे पूरे शरीर के दर्शन कर लिये अब मैं भी तुम्हारा हथियार देखना चाहती हूँ। मैंने तुरन्त अपना नाईट सूट उतार दिया और उस चांदनी की हल्की रोशनी में वो मेरे हथियार को हाथ में लेकर घूरते हुये सहलाने लगी।
मैंने कहा- इसे मुँह में ले लो।
पहले तो उसने आना-कानी की लेकिन मेरे बार-बार कहने पर वो तैयार हो गई। उसने मेरे लण्ड को चूस-चूस कर गीला कर दिया।
फिर मैंने उससे कहा- अब मेरी बारी है! तुम सीधी होकर लेट जाओ और अपनी टांगों को फैला लो।
और उसके बाद मैंने उसकी छोटी सी चूत के मुँह पर अपने होंठ टिका दिये। उसकी चूत बहुत छोटी सी सीप के आकार की बड़ी प्यारी लग रही थी। उसकी चूत चाटने में मुझे एक अलग ही मजा आया। धीरे-धीरे उसकी चूत पानी छोड़ने लगी।
अचानक उसने मेरे बालो को पकड़ा और जोर से अपने ऊपर खींचा और कहा- क्या ऐसे ही जान ले लोगे? चलो अब असली काम करो।
मैं समझ गया कि वो मुझे अपने आपको चोदने के लिये कह रही है। मैंने देखा कि मेरा लण्ड अब अपनी पूरी मस्ती में था और किसी भी लड़की को चोदने के लिये एकदम तैयार था। मैंने उसकी टांगों को फैला कर लण्ड के टोपे को उसकी भीगी हुई चूत पर टिकाया लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी लण्ड का टोपा भी उसके अन्दर नहीं घुसा पाया। कारण कि हम दोनों ही इस काम के लिये नये थे। उसे तो कुछ जानकारी भी थी, मैं तो बिल्कुल ही नया माल था इसलिये अपने लण्ड को उसकी चूत में घुसा नहीं पा रहा था।
दोस्तो आपको बता दूँ यदि आप नौसिखिये है और पहली बार किसी बिना सील टूटी लड़की के साथ चुदाई करने की सोच रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ जाये वरना आप भी मेरी तरह ही परेशान होगें। तभी मुझे अपने दोस्त की सुहागरात की बात याद आई जब उसे भी यही परेशानी हुई। लेकिन उसे उसकी भाभी ने बता दिया था कि यदि लण्ड चूत में न घुसे तो उसे या तो घोड़ी बना कर उसकी चूत में घुसाये या फिर एक टांग उठाकर लण्ड अन्दर घुसाने की कोशिश करें, तो ही काम बन सकता है।
मैंने भी वही फार्मूला अपनाने का फैसला किया। लेकिन सबसे पहले एक जरूरी काम करना बाकी था। मैं फ़ौरन उठकर ड्रेसिंग टेबल से उठाकर कोल्ड क्रीम की डिब्बी ले आया और उसके हाथ में देते हुए बोला- अगर चुदवाना है तो इससे मेरे लण्ड पर अच्छी तरह लगाना होगा।
उसने एक चौथाई क्रीम डिब्बे में से निकाली और मेरे लण्ड पर लगानी शुरू कर दी। उसके बाद मैंने भी काफी सारी क्रीम लेकर उसकी चूत पर अन्दर और बाहर की ओर लगाने लगा। लेकिन उसकी चूत टाईट होने के कारण उंगली ज्यादा अन्दर नहीं जा रही था फिर भी जहाँ तक हो सका, मैं क्रीम लगाता रहा।
उसके बाद मैंने उसकी एक टांग उठाकर अपने कन्धे पर रखी तो उसने पूछा- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं! तेरी माँ चोदने की तैयारी कर रहा हूँ! आधी रात निकाल दी और कुछ भी नहीं हुआ।
मेरी इस तरह की बात सुनकर पहले तो वो चौंक गई लेकिन फिर समझ गई कि अब लण्ड के साथ-साथ मुझमें भी गर्मी आ गई है। मैंने उसकी टांग को अपने कन्धे पर टिकाया और उंगली से उसके चूत के छेद को टटोलकर उस पर अपने लण्ट का टोपा सेट कर दिया ताकि एक ही झटके में अन्दर घुस जाए।
जैसे ही मैंने लण्ड को झटका दिया। लण्ड पर बहुत सारी क्रीम लगी होने के कारण वो एक दम से दो-इंच उसकी चूत में घुस गया। उसके मुँह से एक दम एक जोर की चीख निकली- आई मम्मी! मर गईऽऽऽ!
मैंने एकदम घबराकर उसका मुँह अपने एक हाथ से बन्द किया और दूसरा धक्का नहीं लगाया। उसके इस तरह चीखने से मैं डर गया था कि कहीं दीदी न जग गई हो और अगर इस हालत में मैं एक झटका और मार देता और अगर वो फिर से चिल्ला देती तो सारा गुड़-गोबर हो जाता।
मैंने मुँह दबाये हुये ही कहा- मरवाओगी क्या? जबसे तो चुदने के लिये तड़प रही थी और अब चिल्ला-चिल्ला कर पूरे मुहल्ले को इकट्ठा कर रही है।
उसने मुझे मुँह से हाथ हटाने का इशारा किया।
पूरी तरह आश्वस्त होने पर मैंने उसके मुँह पर से हाथ हटा दिया। मेरे हाथ हटाने के बाद उसने कहा- मुझे क्या पता था कि इतना दर्द होगा। मेरी सहेलियों ने तो कहा था कि थोड़ा सा ही दर्द होगा और बहुत मजा आयेगा। लेकिन अभी तो मेरी जान ही निकली जा रही है। और चूत में तो ऐसा लग रहा है कि जैस किसी धारदार चीज से चीर दी गई हो।
मैंने उसकी चूचियाँ एक हाथ से दबानी और और एक चूची मुँह में लेकर चूसनी शुरू कर दी। जिससे उसे थोड़ा सा आराम मिला और कुछ दर्द का एहसास कम हो गया।
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र्द का एहसास कम हो जाने पर मैंने उससे पूछा- अब बाकी लण्ड भी अन्दर घुसा दूँ?
तो उसने कहा- हाँ, पर ध्यान से और धीरे-धीरे। पिछली बार के झटके का दर्द अभी तक मेरे जेहन में है।
मैं समझ गया कि अब मामला जल्दी से निपटाना पड़ेगा वरना कोई भी गड़बड़ हो सकती है।
लेकिन अब तक एक तरीका मेरे दिमाग में आ गया जिससे मैं लण्ड भी उसकी चूत में अन्दर घुसा दूंगा और वो चिल्लायेगी भी नहीं। क्योंकि मेरी सारी चिन्ता उसके चिल्लाने से ही थी क्योंकि दीदी बगल के कमरे में ही सोई थी ओर कभी भी जाग सकती थी। मैंने उसकी चूची छोड़ कर उसके होंठ चूसने शुरू कर दिये। जैसे ही उसे मदहोशी छाने लगी और उसकी हथेलियो का कसाव मेरे सिर और पीठ पर पड़ा। मैंने एक जोर का झटका मारा और लण्ड आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुस गया। उसकी दर्द के मारे चीखने की कोशिश की, मगर उसके होंठ मेरे होंठों के कब्जे में थे इसलिये वो चिल्ला नहीं सकी और तड़प कर ही रह गई।
मैंने देर न करते हुए दो झटके और मारे और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक उतार दिया। दर्द के मारे उसने अपनी कमर को कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ मरोड़ना शुरू कर दिया लेकिन मेरी पकड़ से ना तो उसके होंठ ही छूटे और न मेरे लण्ड ने उसकी चूत को छूटने दिया।
मैंने होंठ को चूसने के साथ ही उसकी चूचियाँ भी दबानी शुरू कर दी। लगभग पाँच मिनट के बाद उसे कुछ आराम मिला तो उसने अपनी आँखें खोली और मैंने भी उसके होंठो को छोड़ कर उसके चेहरे की तरफ देखा। आँसुओं की दो लम्बी रेखायें उसके गालों पर बनी हुई थी। दर्द से उसकी आंखें लाल हो चुकी थी। लेकिन मेरे लण्ड के उसकी चूत में घुस जाने की एक खुशी भी उसे थी। यह बात उसने मुझे बाद में बताई।
अब धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत में बुरी तरह फंसे अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। उसकी चूत बहुत टाईट थी लेकिन क्रीम लगी होने की वजह से लण्ड धीरे-धीरे आगे पीछे हो रहा था। थोड़ीदेर के बाद उसे मजा आने लगा और उसकी चूत गीली होने की वजह से लण्ड अब आराम से आगे पीछे होने लगा। मैंने अब जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये और वो भी गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी।
फिर पाँच-सात मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों शान्त हो गये। मैंने जब उसकी चूत से लण्ड निकाला तो पकक् की एक अजीब सी आवाज बाहर आई। जैसे ही हम दोनों खड़े हुए, एकदम लाईट आ गई। मैंने देखा उसके चूत के खून से मेरा लण्ड लाल हो गया था और बिस्तर पर बिछी चादर पर खून लगने की वजह से खराब हो गई।
मैंने कहा- यह क्या हो गया? अब दीदी को सब पता चल जायेगा और वो मुझ पर बहुत नाराज होगी। चादर जल्दी से धोनी पड़ेगी वरना बहुत गड़बड़ हो जायेगी।
लेकिन उसने कहा- घबराओ मत! मैं चादर को धो दूंगी।
मैंने कहा- ठीक है! लेकिन पहले एक बार और चुदाई का मजा लेंगे उसके बाद धुलाई कार्यक्रम होगा।
उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा लेकिन उसने गाण्ड नहीँ मरवाई और मैंने भी कोई जिद नहीं की। इस तरह हमने रात के 12.15 से लेकर सुबह के तीन बजे तक चुदाई की और चादर धोकर सोने चले गये।
सुबह दीदी ने हमे 8.00 बजे जगाया और कहा- तुम दोनों तो जल्दी उठ जाते हो तो फिर आज क्या हो गया।
मैंने बहाना बनाया- आपने और सपना ने ही तो बात कर-कर के सोने नहीं दिया।
तभी दीदी ने पूछा- मेरे कमरे के बिस्तर पर यह नई चादर कहाँ से आई?
तो मेरे पास उस सवाल का कोई जबाब नहीं था। तभी बीच में ही उसकी बात काट कर सपना बोली- कल शाम तुमने ही तो सफाई के बाद पुरानी चादर हटाकर नई चादर डाली थी।
मैं उसकी तरफ देखकर धीरे से मुस्करा दिया। क्योंकि हम दोनों ही जानते थे कि चादर कैसे बदली थी।
उसके बाद उसे जब भी मौका मिलता वो मुझसे जरूर चुदवाती। मैं आज भी उसे अपना चुदाई का गुरू मानता हूँ और चाहता हूँ कि फिर उसे चोदने का मौका मिले। क्योंकि उस घटना के तीन महीने बाद ही मेरे मम्मी और डैडी कानपुर से नोएडा चले आये। तब से मैं यहीं रहता हूँ।
लेकिन मैं अभी तक पूरी तरह चुदक्कड़ नहीं बना था। यह तो सिर्फ शुरूआत थी। असली ट्रेनिंग तो नोएडा आने के बाद शुरू हुई। जो मैं आपसे अगली कहानी में बताऊँगा।
अब मुझे अपनी चूचियाँ दबा कर विदा कीजिये।
आपका नादान विनय पाठक।
प्यारे दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी। मुझे जरूर बताना। Sex Stories
मैं ग़ुड़गाँव से हूँ। मैं 25 साल का हूँ Indian Sex Stories और मैं हर वक्त सेक्स का प्यासा रहता हूँ। मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं।
यह बात तब की है जब मैं बीस साल का था। हमारे घर पर एक नई काम वाली आई, क्या चीज़इ थी वो!
पहले दिन जब उसको देखा तो मैं बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा, मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी। उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर 36-32-36 थी। वो शादी-शुदा थी और साढ़े पांच फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी और उसकी मोटी मोटी आंखें थी।
एक दिन जब वो मेरे कमरे में सफ़ाई कर रही थी तो मैंने उसके बड़े-2 स्तन देखे और उसके चले जाने के बाद मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।
एक दिन मोम और डैड दोनों बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के 5 बजे थे, मैंने ब्लू मूवी देखनी शुरु की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गई। न जाने वो कब आ गई। मुझे पता नहीं चला कि कब मेन-गेट खुला और वो अंदर आ गई। मैं उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गई और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंद कर रसोई में चला गया।
मैंने धीरे से कहा- आंटी चाय पियोगी?
वो गुस्से में बोली- नहीं।
मैं और डर गया। मैंने कहा- आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा।
वो कुछ नहीं बोली।
मैंने फिर कहा- प्लीज़ मोम को मत बताना।
उसने कहा- तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए?
मेरे पसीने छूट गये। मैंने हाथ जोड़े- प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गई और मैं गरम था।
उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली- तुम सारा दिन यही करते हो क्या? चल अपने कमरे में जा! मुझसे बात मत कर! मैं तेरी मां को बोल दूंगी कि इसकी शादी कर दे।
मैंने उसकी बहुत मिन्नतें की, लेकिन वो नहीं मानी। मैं कमरे में आ गया। वो 15 मिनट बाद मेरे कमरे में आई और मेरे पास आकर खड़ी हो गई।
मैंने फिर कहा- आप जो कहोगी, मैं करूंगा! अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो! वो और गरम हो गई और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा- मैं बिकाऊ नहीं हूँ।
मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गई और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है।
मैंने कहा- प्लीज़्ज़! आंटी! अब नहीं करूंगा!
वो बोली- क्या नहीं करेगा?
मैंने कहा- मुठ नहीं मारूंगा!
बोली- पक्का?
मैंने कहा- प्रोमिस!
उसने अपनी टांगें बेड पर रखी, उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली- मत रो! मेरे राजा! मैं तो तुमको डरा रही थी, तू तो सच में डर गया। चल अब शुरु हो जा मस्ती कर! यही तो उमर है यह सब करने की!
मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सुकून मिला।
उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा- अरे मेरे राजा! तुम्हारा लंड तो सो रहा है!
मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया।
और उसने कहा- चल अपनी पैंट उतार!
मैंने कहा- क्या?
आंटी बोली- सुनाई नहीं देता क्या? चल!
मैंने अपनी पैंट उतार दी, उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे 3 इंच के लंड को हाथ लगाया। मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया। अब मैं मस्त हो गया।
वो बोली- तेरा लंड तो बहुत बड़ा है!
और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा 8 इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी।
मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूँ।
मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गई उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी।
मैंने भी हिम्मत कर अब उसके स्तन दबा दिये, उसकी काली ब्रा उतार फ़ेंकी और उसके मोटे-2, गोरे-2 मम्मे दबाने लगा, उसकी चूचियाँ कड़ी हो गई और बोली- समीर बाबू! दबा ज़ोर से! आआह्हह ऊऊह्हहह, मैं भी बहुत दिनों की प्यासी हूँ।
मैंने उसके मम्मे जमकर चूसे। वो सिसकियाँ ले रही थी। और ऐसे में मैंने एक हाथ से उसकी पेंटी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गये, मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियाँ ले रही थी- आअह्हह्ह समीर बाबू मर गई! आज मेरी प्यास बुझा दो!
हम अब 69 पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैं अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।
उसने अब अजीब अंदाज़ में कहा- साले कुत्ते! अब मत तड़पा! चोद दे मुझको! फाड़ दे मेरी चूत! मरी जा रही हूँ!
मैं ऐसा सुनकर मैंने भी बोला- चल साली रांड! आजा आज तेरी चूत फाड़ दूंगा!और मैंने उसे कुतिया बना लिया, लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया, हल्का सा धक्का लगाया।
वो बोली- आअह्हह ऊऊह्ह ह्ह ह्हह! साले पूरा डाल! अपनी रंडी आंटी के अंदर!
और मैंने ज़ोर से झटका दिया, बोला- ले साली रंडी आंटी!
अब पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में प्रवेश कर चुका था।
वो बोल रही थी- आआअह्हह ऊऊऊओह्ह आआऊऊ औऊस्सह! मार डाला रे! इतना दर्द तो सुहागरात को नहीं हुआ! हरामी तेरा लौड़ा ही इतना बड़ा है! ऐसे गालियाँ सुन मुझे गुस्सा आया और मैं ज़ोर-2 से उसको चोदता गया और वो मुझे गालियाँ दिये जा रही थी- साले कुत्ते! आअहह्ह! फाड़ दे! आह्हह! समीर बाबू! आआह्हह्ह ऊऊह्हह! आज लगा दे सारा ज़ोर!
कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ भर गई।
वो पागल सी हो गई और मैं भी।
वो सीधी लेट गई और मैंने उसकी टांगें खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी, उसने मेरी छाती पर काट लिया।
वो अब दूसरी बार झड़ गई और बोली- साले! आज फाड़ देगा क्या! चल ज़ोर लग आआअहहह्ह! मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनों शान्त हो गए। उसने मेरे माथे पे चूम लिया और बोली- तू मुझे रोज़ चोदा कर! मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुई।
मुझे नरम और गरम चूत पसन्द है। मुझे मेल करें! Indian Sex Stories
कहानी की शुरुआत महाराष्ट्र के एक शहर से होती है, जहां अवंतिका नाम की एक महिला एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाती है.
उसमें वह महिलाओं को अलग अलग विषयों पर क्लास देती है.
लेकिन अवंतिका अब इस इंस्टीट्यूट को बड़ा करना चाहती थी और इसके लिए उसे किसी से आर्थिक मदद की तलाश थी.
इसी चीज को लेकर वह कई दिनों तक प्रयास करती रही.
एक दिन उसे किसी परिचित ने एक युवा नेता का संपर्क सूत्र दिया और कहा कि यह व्यक्ति आपकी मदद करेगा और आपको कोई न कोई रास्ता जरूर दिखाएगा.
अवंतिका एक शादीशुदा महिला थी.
उसकी उम्र 37 साल की थी और वह एक गदराए जिस्म की मालकिन थी.
उसके जिस्म के सबसे आकर्षित अंग उसके बूब्स थे जिन्हें देख कर कई लंड शहीद हो चुके थे.
अवंतिका की भी कामना थी कि कोई ऐसा मर्द आए जो उसकी वासना को शांत कर सके.
चूंकि अवंतिका एक मॉडर्न ख्यालात की महिला थी, जिसका पति एक शांत स्वभाव वाला व्यक्ति था.
उसके शांत स्वभाव वाले पति के बस में इतनी गर्म बीवी को संभालना संभव नहीं था.
अवंतिका भी अपने जिस्म की जरूरत को भली भांति समझती थी और उसे जिस वक़्त सुख की जरूरत होती, वह सुख प्राप्त करना जानती थी.
अपने पति के और समाज की नजरों में सभ्य और संस्कारी बने रहना भी उसे खूब अच्छे से आता था.
एक प्रकार अवंतिका एक बहुत शातिर किस्म की और मॉडर्न महिला थी.
अवंतिका ने अपने इंस्टीट्यूट को अपने अनुसार चलाने के लिए उस युवा नेता से मिलने का तय किया.
उस नेता का नाम अमन था.
वह एक 26 वर्ष का नौजवान युवा था, जो काफ़ी जुझारू और आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था.
अवंतिका ने अमन को कॉल किया और अपनी समस्या बताई.
अमन ने उसकी सब बात सुनकर उसे अपने ऑफिस मिलने के लिए बुलाया.
अगले दिन अवंतिका एक नीली साड़ी और काले ब्लाउज को पहन कर गई.
उसका यह ब्लाउज बहुत ज्यादा चुस्त था, जिसमें से अवंतिका के गुब्बारे जैसे बूब्स उभर कर सामने आ रहे थे.
अपने पेट को नाभि तक खुला रखने की अवंतिका की हमेशा की आदत है, इसी सेक्सी लुक के साथ अवंतिका अमन के ऑफिस में गई.
जैसे ही अवंतिका अमन के ऑफिस में गई, अमन इतनी सेक्सी औरत को देख मन्त्रमुग्ध हो गया.
पोलिटिकल सेक्स का वह अपने सामने अवंतिका के पूरे जिस्म को एकटक होकर निहारने लगा.
अवंतिका के लिए यह आम बात थी क्योंकि वह जानती थी कि मर्द उसे घूरते हैं और आंखों से चोदते हैं.
हालांकि अमन भी एक आकर्षक नौजवान था.
उसे देख कर अवंतिका को वह पहली ही नजर में भा गया था.
लेकिन अवंतिका को अपना काम ज्यादा जरूरी था इसलिए उसने अपनी वासना पर संयम रखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट होंठों पर लाई.
उसने अमन को हैलो कहा.
अमन ने भी उसकी हैलो का जवाब दिया और उसे बैठने के लिए कहा.
अवंतिका ने सामान्य औपचारिकता के बाद अमन के सामने अपनी समस्या को बताना शुरू किया.
अमन भी पूरे ध्यान से उसे सुनता रहा; साथ ही वह उसके जिस्म की महक को महसूस करता रहा.
अमन को समझ में यह आ गया था कि अवंतिका को किसी सरकारी फंड की जरूरत है, जिसे कैसे लिया जाए … इसका उसे कोई इल्म नहीं था.
जबकि अमन के लिए ये सब कराना कोई बड़ी बात नहीं थी.
अवंतिका ने अमन से कहा कि मुझे 25,00,000/- का फंड मिल जाए, तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा.
अमन बोला- अवंतिका जी आप चिंता ना करें. आप सही जगह आई हैं. अब आपका काम कराने का मैं पूरा प्रयास करूँगा.
ये सुनकर अवंतिका बहुत खुश हो गई और बोली- अमन जी, आपका ये अहसान होगा मुझ पर … मैं कई सालों से प्रयत्न कर रही हूँ लेकिन हो नहीं रहा था. आप अगर मेरा काम करवा दोगे, तो मैं आपकी पूरा जीवन आभारी रहूंगी.
अमन ने कहा- आपका काम बहुत जल्द हो जाएगा. आप बस मेरे संपर्क में रहें. चूंकि अब आप मेरे संपर्क में रहेंगी, तो आपके बाकी के भी काम यदि कोई होने हैं, तो वे भी पूरे हो जाएंगे.
अमन की बातों से अवंतिका काफ़ी प्रभावित हो गई थी.
कुछ देर बातें करने के बाद वह घर आ गई.
उसी रात अवंतिका ने व्हाट्सप्प पर अमन को गुडनाईट का मैसेज किया.
उसे देख अमन ने जबाव दिया- कैसी हैं अवंतिका जी?
अवंतिका- जी, सब बढ़िया है. आप बोलिए … कहां हैं?
अमन- जी, बस घर पर ही हूँ.
अवंतिका- जी, आप पूरा दिन व्यस्त होते हैं, तो काफी थक जाते होंगे!
अमन- हां जी, वह तो है.
अवंतिका- अमन जी, आपने आज किया कुछ मेरे काम का?
अमन- जी बिल्कुल किया, उस विभाग का प्रमुख मेरा काफ़ी करीबी है. उसने कहा है कि वह आपका काम करा देगा. आपको अपने कागज लेकर 4 दिन बाद उसके ऑफिस चलना होगा.
अवंतिका- शुक्रिया अमन जी, आपने मेरा बहुत बड़ा काम किया है. आपका अहसान कैसे चुकाऊं, समझ नहीं आता है.
अमन- कोई आपसे भी हमारा काम हुआ, तो आप वह कर देना … बस इतनी सी इच्छा है!
अवंतिका- आपके लिए मैं कुछ भी करूँगी अमन जी!
अमन- शुक्रिया अवंतिका जी.
अवंतिका- आपको कल रात मेरी दावत कबूल करनी होगी. आप आएंगे ना?
अमन- जी, आप बुलाएं और हम ना आएं … मैं जरूर आऊंगा.
अमन अगले दिन पूरी तरह तैयार होकर अवंतिका के घर चला गया.
वहां अवंतिका घर में काली साड़ी के साथ मैचिंग का काला ब्लाउज पहने हुई थी.
उसके साथ उसके पति और उसका 6 साल का बेटा भी था.
पूरे परिवार ने अमन का स्वागत किया.
अमन अवंतिका को देख देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन वह खुद को संभाल कर अन्दर आ गया.
अमन ने अवंतिका के परिवार के साथ खाना खाया.
खाने के बाद वह परिवार के साथ कुछ देर बात करता रहा.
अवंतिका के पति को अमन का स्वभाव काफ़ी अच्छा लगा और अमन से वह काफ़ी घुल-मिल गया.
फिर अमन ने अवंतिका से कहा- आपका घर काफ़ी बड़ा और अच्छा है.
अवंतिका का पति बोला- अवंतिका, तुमने अमन जी को घर दिखाया ही नहीं. तुम इन्हें घर दिखा लाओ, तब तक मैं बच्चे का होमवर्क कराता हूँ.
अवंतिका अमन को अपना घर दिखाने लगी.
और देखते देखते दोनों घर के दूसरी मंजिल पर आ गए जहां अवंतिका ने अमन को अपने रूम दिखाया.
कमरे में अवंतिका की कुछ बड़ी बड़ी फोटोज लगी थीं जिनमें अवंतिका काफ़ी सेक्सी दिख रही थी.
दो तस्वीरें तो एकदम नंगी थीं, जिनमें अवंतिका ने खुद को कुछ फूलों से छिपाया हुआ था.
अमन उन दोनों तस्वीरों को काफ़ी ध्यान से देखता रहा और बोला- अवंतिका जी, आपको बुरा ना लगे, तो एक बात कहूँ?
अवंतिका- अरे अमन जी आप कहिए ना … आपकी बात का क्या बुरा मानना भला!
अमन- आप काफ़ी खूबसूरत और मनमोहक लगती हो. आपकी तस्वीरें किसी हीरोइन से कम नहीं हैं.
अमन की इस बात पर अवंतिका शर्मा गई और उसने अमन को शुक्रिया कहा.
उस वक्त अमन अवंतिका के इतने करीब था जिससे उसे अवंतिका के जिस्म की गर्मी महसूस हो रही थी.
बातों बातों में किसी बात पर जोर से हंसी आने पर अमन ने अवंतिका की पीठ पर हाथ फेर दिया.
अवंतिका ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, उसने हंस कर अमन से बातें करना जारी रखा.
अब अमन अवंतिका की खूबसूरती की तारीफ करने लगा.
यह सब बात करते हुए वह अवंतिका की मुलायम गांड को भी अनजान बनते हुए एक दो बार छू लेता है.
उसके इस स्पर्श को अवंतिका ने गहराई से महसूस किया लेकिन वह अभी भी सामान्य बनी रही.
अवंतिका को अमन से बातें करना अच्छा लग रहा था, तभी अवंतिका के पति ने आवाज़ दी और दोनों नीचे चले आए.
उस रात अमन अपने घर वापस आया और अवंतिका के सेक्सी बदन को याद करते हुए अपना लंड मसलने लगा.
रात के बारह बजे थे … अमन से न रहा गया और उसने अवंतिका को मैसेज कर दिया ‘दावत के लिए शुक्रिया!’
अवंतिका ने तुरंत जवाब दिया- अरे आप तो अब हमारे परिवार के सदस्य हो, आप आए … ये हमारे लिए ख़ुशी की बात है.
फिर थोड़ी इधर उधर की बातें करते हुए अमन ने कहा- मैं तो सोच रहा था कि आप सो गई होंगी. आप अभी तक क्यों नहीं सोईं … साहब जगाए हुए हैं क्या?
अवंतिका- अरे नहीं बाबा, वे तो कब के सो गए. मुझे ही देर से सोने की आदत है.
अमन- क्या … वे सो गए? इतनी खूबसूरत बीवी होते हुए उन्हें नींद कैसे आ सकती है!
अवंतिका- क्यों नहीं आती नींद, खूबसूरत बीवी होने पर क्या होता है?
अवंतिका भी अमन के ख़ुशी के लिए उसके मन के हिसाब से बातें करने लगी.
अमन- अब आपको नहीं पता क्या?
अवंतिका- जी नहीं.
अमन- प्यार करते हैं … और उनके पास आपके जैसी बीवी है तो क्या ही कहूँ?
अवंतिका- कहिए ना!
अमन- आपको बुरा लगेगा!
अवंतिका- अमन जी आप कहिए, जो भी कहना हो. मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगता.
अमन- सच बात तो यह है अवंतिका जी कि आप बहुत सेक्सी दिखती हैं. आपका पूरा हुस्न देख कर न …
अवंतिका- अरे रुक क्यों गए, खुल कर बोलिए ना … मेरा हुस्न देख … क्या?
अमन- मेरे अन्दर हलचल शुरू हो जाती है.
अवंतिका- अन्दर कहां, दिल में?
अमन- नहीं, कहीं और …
अवंतिका- कहां, बोलिए ना अमन जी?
अमन- छोड़िए … कल क्या कर रही हैं आप?
अवंतिका- आप बोलिए, कुछ काम है?
अमन- कल आपको दावत मेरी ओर से होटल में!
अवंतिका- जी जरूर, मैं मेरे पति को कहती हूँ … हम आ जाएंगे.
अमन- अरे अवंतिका जी, ये दावत सिर्फ आपके लिए है. हमारी दोस्ती के लिए … पति के साथ किसी और दिन!
अवंतिका- ओके जी, फिर कल कहां आना है?
अमन- आप मेरे ऑफिस के पास जो होटल है. वहां आइए … कल दोपहर को मिलते हैं.
अवंतिका- जी जरूर.
दूसरे दिन अवंतिका लाल साड़ी में पूरी सेक्सी लुक में तैयार होकर होटल आ गई.
वहां जाकर वह अमन को खोजने लगी.
लेकिन उसे अमन नजर नहीं आ रहा था.
कुछ देर बाद अवंतिका ने अमन को कॉल करके पूछा- कहां हो?
अमन ने उसे होटल के ही ऊपर एक कमरे का नंबर बताया और आने का कहा.
अवंतिका तो पहले ही समझ गई थी कि अमन के लौड़े में आग लग चुकी है और वह कमरे में बुला कर क्या चाहता है.
पर अवंतिका को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था.
उसके लिए अमन हीरो था जो उसके काम आ रहा था.
अवंतिका उस रूम में चली गई.
यह कमरा काफ़ी रोमांटिक तरीके से सजा कर तैयार किया गया था.
अमन ने अवंतिका को देख लंड पर हाथ फेरा और उसे अन्दर बुलाकर बेड पर बैठने को कहा.
अवंतिका पूरे आत्मविश्वास से वहां बैठ गई.
दोनों बातें करने लगे.
कुछ ही देर में खाना आ गया तो वे दोनों खाना खाने लगे.
अमन अवंतिका से बातें करते हुए बोला- अवंतिका जी, आप इस साड़ी में बहुत हॉट लग रही हो!
अवंतिका- अच्छा जी … सच्ची!
अमन- सच्ची मुच्ची … आपका पूरा जिस्म में ही लाजवाब है.
अवंतिका- हम्म … वह तो है!
अमन- क्या आप मेरा एक काम करेंगी?
अवंतिका- आप बस हुकुम करो.
अमन- क्या मैं आपको एक बार गले लगा सकता हूँ!
अवंतिका- क्यों?
अमन- जब से आपको देखा है, तब से इच्छा है कि आपको एक बार गले से लगा सकूँ.
अवंतिका- अब आपने मेरे लिए इतना किया है, तो एक दोस्त के नाते गले लगना क्या बड़ी बात है!
अमन खुश हो गया और वह अवंतिका के करीब आ गया.
उसने अवंतिका का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपका लिया.
अपने सीने से चिपका कर उसने अवंतिका की गदराई हुई गांड को जोर से दबा कर खुद के दोनों हाथों में भर लिया.
इससे अवंतिका की चीख निकल गई.
चीख निकलने के बावजूद भी अमन अवंतिका की गांड को इसी तरह जोरों से दबाए रहा.
साथ उसने अपने होंठ अवंतिका के गले पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया.
अवंतिका की चूत में भी अब आग भड़क गई थी.
वह अमन से बोली- अमन जी, क्या कर रहे हो यार … दर्द हो रहा है. आपको तो बस गले लगना था. पर आप तो कुछ और ही कर रहे हैं!
अमन- शहहह् …
अमन अवंतिका के पूरे जिस्म को चूमने लग गया और इसी तरह से वह उसके होंठों को चूमने लगा.
अवंतिका भी अब उसका साथ देने लगी.
वह पूरे जोश में अमन को चूमने लगी और उसके कपड़े उतारने लगी.
फिर अमन ने भी अवंतिका की कमर को चूमते हुए उसकी साड़ी को खोल दिया.
देखते ही देखते दोनों एक दूसरे के सामने नंगे हो गए.
अमन अवंतिका को पलंग पर लिटा कर उसके नर्म रसीले होंठों को चूसने लगा.
वह अपना लंड अवंतिका की चूत पर घिसने लगा.
इससे अवंतिका तड़प उठी और सिसिया कर बोली- आह अमन जी … प्लीज चोदिए ना अपनी अवंतिका की चूत को … आह पेल दीजिए अपना मूसल.
बस अमन ने अपना लंड अवंतिका की चूत में घुसा दिया और वह घप … घपाघप घप … अवंतिका की चुदाई करने लगा.
लंड की रफ़्तार और अवंतिका की कड़क चूत का घमासान चालू हो गया था.
अवंतिका जोर जोर से आहें भरने लगी थी. इससे अमन में और जोश आ गया था.
इसी तरह से अमन ने अवंतिका को पूरे 40 मिनट तक चोदा.
उसकी मदमस्त चुदाई के बाद अमन ने अपने लंड के झरने को अवंतिका की चूत में छोड़ दिया.
वे दोनों जोर जोर से सांसें भरते हुए एक दूसरे को तृप्त करने लगे.
चुदाई के बाद वे दोनों एक दूसरे की बांहों में यूं ही नंगे सो गए.
एक घंटा बाद उठने पर अवंतिका अमन के होंठों को चूसने लगी.
उसने कहा- अमन, तुमसे चुदाई करवा कर बहुत मजा आया. मालूम है, जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी न … मैं तभी समझ गई थी कि तुम मेरा काम करो या ना करो लेकिन मेरी चुदाई जरूर करोगे!
अमन- तो तुम भी चुदना चाहती थी?
अवंतिका- नहीं, लेकिन जितना तुमने किया है … उसके लिए ये इनाम तो मैं तुमको देती ही. पर आज तुमने खुद ले लिया.
इसी तरह की बातों के साथ वे दोनों फिर से चुदाई के दूसरे राउंड को तैयार हो गए.
चुदाई करने के बाद अवंतिका अपने कपड़े पहन कर जाने लगी.
तब अमन ने कहा- अवंतिका अब कब चुदाई कर पाऊंगा तुम्हारी?
अवंतिका- अब ये चूत हमेशा के लिए तुम्हारी ही है, ज़ब चाहे अपने लंड से चोद लेना.
ये कहकर वह अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.
पोलिटिकल सेक्स का मजा लेकर अमन ने उसको अपने लंड के साथ फंड भी दिला दिया.
अब अमन जब मन होता, तब वह उसको चोद लेता.
अवंतिका की मदद से अमन उसकी इंस्टीट्यूट की भी कई लड़कियों को भी चोद चुका है.
मेरा नाम सुनील है लोग मुझे प्यार से ओम Sex Storiesबुलाते हैं। यह कहानी तब की है जब मैं १२ में पढ़ रहा था। मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम करीना था वो हमेशा मेरे घर सवाल पूछने के लिये आती थी।(क्योंकि मैं अपने क्लास में सबसे तेज लड़का था)। उसके घर से जाने के बाद में हमेशा उसीके बारे में सोचता रहता था। एक दिन जब मेरे घर के लोग मेरी सिस्टर के लिये लड़का देखने गये थे तो वह मेरे पास आई उस दिन मेरा इरादा उसे चोदने का था इसलिये मैं पढ़ाई के बजाय उस दिन उससे बातें ही करता रहा और इसी बीच मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया इस पर वो बोली ओम मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं लेकिन डर के कारण मैंने यह बात तुमसे कभी कही नहीं।
उसके इतना कहने पर मैंने अपना हाथ उसके गोल चूचियों पर रख दिया और उसे मसलने लगा और उसके मुँह से उफ़…की आवाज़ निकलने लगी फिर धीरे-२ मैंने उसकी शलवार और समीज दोनो निकाल दी और इसके बाद एक गजब का दृश्य मेरे सामने था। सबसे पहले तो मैंने उसकी न देखी गई चूत और गांड को काफी देर तक देखता रहा फिर जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ रखकर उसे मसलना स्टार्ट कर दिया फिर वो भी आनंद लेते हुये आह उह …करने लगी और बोली ओम मेरी चूत को फाड़ दो इसे जन्नत में पहुंचा दो फिर मैं मसलते हुये अपना मुँह उसकी भीगी हुयी चूत पर सटा दिया तो वो एकदम से बेचैन हो गयी और अपनी कमर को इधर उधर घुमाने लगी तथा गांड को उछालने लगी तब मैं समझ गया कि यही असली मौका है चूत में लंड डालने का
फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डालना चालु किया क्योंकि चूत पहले से गीली थी इस कारण वो एक ही झटके में अंदर चला गया और वो बिल्कुल से चिल्ला उठी धीरे करो कितना बडा है तुम्हारा लौड़ा यह तो मेरी चूत ही फाड़ डालेगा फिर मैंने धीरे-२ इधर उधर करने लगा थोड़ी देर के बाद उसने स्पीड को फ़ास्ट करने के लिये कहा और फिर अपने को और फ़ास्ट किया मैंने वो आह ऊह स्सस करती जा रही थी उसे काफी तेज दर्द हो रहा था लेकिन जोश में होने कारण उसे दर्द का एहसास कम हो रहा था हम दोनो और फ़ास्ट हो गये और फिर अचानक महसूस हुआ कि उसकी चूत से कुछ गरम-२ निकलता हुआ लगा तो मैं समझ गया कि वो झड़ गयी और उस समय उसकी स्पीड भी नोर्मल हो चुकी थी फिर मैने भी तेजी के साथ करते हुये अपना पानी गिरा दिया और उसकी चूची पर मुँह रख कर कुछ देर तक पड़ा रहा फिर हम दोनो उठे उससे उठा नहीं जा रहा था तो मैंने उसे हेल्प किया फिर मैंने देखा कि जमीन पर काफी ज्यादा ब्लड गिरा था फिर मैंने पानी लाकर उसे झाड़ु से साफ कर दिया और उस दिन से मेरी उसकी स्टोरी लगभग ३ साल तक चली और अब उसकी शादी हो चुकी है और वो दो बच्चों की माँ भी है। Sex Stories
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