Important Notice: Click on "Post Your AD" to post free ads !!!

Massage Girl in Ganjam: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Ganjam who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Ganjam that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Ganjam massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Ganjam who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Ganjam massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Ganjam massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Ganjam who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Ganjam employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Ganjam helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Ganjam

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Ganjam at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Sex Stories

मेरा नाम रेखा है और मैं दिल्ली में रहती Sex Stories हूं अपने पति अनिल के साथ। मेरी कहानी बहुत ही अजीब है पर है सच्ची।

बात तीन साल पहले की है, तब मैं अट्ठारह साल की थी। मैंने बंगलौर में स्नातिकी की शिक्षा लेना बस शुरू ही किया था। मेरे ताऊ का एक लड़का था जिसका नाम अनिल है। वैसे मेरे खानदान में पापा तीन भाई हैं और अगली पीढ़ी में मैं सबसे छोटी हूं।

हम कुल आठ भाई बहिन हैं और अनिल भइया दूसरे नम्बर पर और मैं आखरी। मेरा कद 5’2′ है और काफी खूबसूरत भी और शायद मैं वाकई में हूँ भी।

वैसे मेरी दो कजन बहनें भी काफी खूबसूरत हैं। पर मैं अपनी ही धुन में रहती थी। मेरा फिगर 34 -24 -34 है।

हम भाई बहिन आपस में काफी घुले मिले हैं इसलिए अक्सर चुहल बजी चलती थी। कभी कभी तो ये भी आपस में बातें होती थी कि यार तुम आजकल बहुत सेक्सी हो गई हो या हो गए हो।

अनिल भइया करीब 25 साल के थे उस वक्त। उनकी हाईट काफी थी 5’10′ और उनका व्यक्तित्व भी काफी अच्छा था।
कभी कभी लगता कि वो मुझे या मेरी एक और कजन के बदन को निहारते हैं, पर मैंने कभी उतना ध्यान नहीं दिया।
वैसे मुझे वो अच्छे तो लगते थे पर मैंने उस तरह कभी सोचा नहीं।

भैया दिल्ली में नौकरी करते थे और उनका टूर लगता रहता था।
एक बार उनका टूर बंगलौर का लगा और वो मुझसे मिलने मेरे कालेज़ आ गए।
मैं भी खुश हो गई कि चलो कोई घर से मुझसे मिलने आया तो.

वो मेरे हॉस्टल आ गए और हम दोनों गले मिले प्यार से और उन्होंने मुझे गाल पर एक हलकी सी पप्पी दी तो मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई. मुझे अच्छा लगा पर दूसरे सेंस में नहीं. वो मेरे दोस्तों से मिले और ये कह कर चले गए कि शाम को आऊँगा मिलने. मैं भी खुश थी कि भइया आए तो सही.

भइया शाम को 5 बजे आ गए और कहा कि चलो 3-4 दिन मेरे साथ रहो कंपनी के होटल में और घूमना मजे करना।

मैं भी चहक उठी और वैसे भी उन दिनों छुट्टियाँ थी 5 -6 दिनों की तो मैं तैयार हो गई और 1-2 ड्रेस ले कर जैसे ही चलने लगी तो उन्होंने कहा कि मैं खरीद दूँगा तो मैं और खुशी से झूम उठी. हम दोनों उनके ऑफिस की कार से उनके होटल में गए.

हम लोगों ने कुछ खाया पिया और घूमने चले गए और रात में 9 बजे के करीब होटल लौटे. मैं काफी थक गई थी इसलिए बिस्तर पर आ कर धम से पसर गई.
मैंने उस वक्त टाइट जींस और टॉप पहना हुआ था और इस वजह से मेरे टाइट हाफ सर्कल बूब्स तने हुए थे. वैसे भी मेरे बूब्स काफी टाइट थे.

भइया आए और सीधे बाथरूम में घुस गए और फिर निकल कर आते ही मेरे बगल में वो भी धम से लेट गए।

5 मिनट बाद भइया ने मेरी तरफ़ करवट ली और बोले ‘क्या बात है बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही हो,’ और ये कहते हुए उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और उनका एक हाथ ठीक मेरी नाभि के ऊपर था.

मैं भी मुस्कुरा दी. मैंने अभी तक भइया को कभी उस तरह से नहीं देखा था.

मैंने कहा,’यह तो सब बोलते रहते हैं।’

उन्होंने कहा ‘अरे सच्ची! वाकई में तुम बहुत कमाल की लग रही हो।’

मैं शरमाते हुए भइया से लिपट गई. भइया ने मुझे तब अपनी बाँहों में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया. उस वक्त मेरे बूब्स भिंचे हुए थे.

मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई जब भइया ने प्यार से भींच कर मेरी गर्दन पर किस किया. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई नहाने. पर नहाने के बीच में याद आया कि मैंने नाईटी नहीं ली है तो मैंने भइया को आवाज़ दी कि भइया कोई दूसरा तौलिया दे दीजिये.

बाथरूम में शटर लगा हुआ था शावर केबिन में और कोई लाक नहीं था। बस अलग अलग केबिन थे, इसलिए भैया अन्दर आ गए।

मैंने शटर ज़रा सा सरका कर तौलिया ले लिया।
मैंने ध्यान नहीं दिया पर शायद वो भी तौलिया लपेटे थे क्योंकि उन्होंने भी नहाना था। वो शीशे के सामने अपना चेहरा धोने लगे।

मैं शटर से जैसे ही बाहर निकली और वो जैसे ही मुड़े तो हम दोनों टकरा गए और मेरा तौलिया खुल गया।
मैं घबरा गई और तुरन्त अपने दोनों हाथ अपने स्तनों पर रख लिए क्योंकि अब मैं पूरी तरह से नंगी थी।
मेरा योनि-क्षेत्र पूरी तरह से बाल- रहित किया हुआ था।

भैया ने मुझ पर ऊपर से नीचे तक नज़र डाली, उनके तौलिये के अन्दर भी कुछ उभार सा आ रहा था, पर उस वक्त मैं समझ नहीं पाई. मेरी आंखों में आँसू थे।

भैया ने तुरन्त तौलिया उठाया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझने क मौका ही नहीं मिला।

मैं भी सन्न चुपचाप सर झुकाए खड़ी थी। भैया ने तौलिया मेरे कन्धे पर डाला और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं भी उनसे चिपक गई और रोने लगी।

मैंने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मैं अभी भी नंगी हूँ। मेरे बूब्स उनके सीने से चिपके हुए थे। उनका भी शायद तौलिया खुल चुका था और उनका औज़ार यानि लिंग करीब 8-9′ लम्बा और 2′ मोटा मेरी कुँवारी योनि पर टिका हुआ था।
पर उस वक्त मेरा इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं गया।

भैया मुझे चुप कराते हुए बोले- अरे पगली मनु!(प्यार से वो मुझे मनु कहते हैं) सिर्फ़ मैं ही तो हूँ! क्या हुआ?’
ये कहते कहते उन्होंने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और कमरे में ले गये और बिजली बंद करके मद्धम रोशनी कर दी ताकि मेरी शर्म दूर हो जाए।

ये सब 3-4 मिनट में हो गया था। उन्होंने मुझे दीवार से सटा दिया और मेरे माथे को किस किया और कहा- चिन्ता मत करो।

मैंने उन्हें चिपका लिया और उन्होंने मुझे। उनका लम्बा मोटा लिंग मेरी कुँवारी योनि पर रगड़ खा रहा था पर इस बात पर काफ़ी देर बाद मेरा ध्यान गया।

भैया ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में के कर होठों को किस किया तो मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई। मैंने कहा- भैया! यह सब ठीक नहीं है।

मैं यह कहना चाहती थी कि भैया मुझे होठों पर किस करने लगे। फ़िर रुक कर मेरे बालों को हटा कर मेरी गरदन पर किस किया तो मैं उनसे कस कर लिपट गई।
वो फ़िर मुझे बिस्तर पर ले गए और लिटा कर मेरे ऊपर लेट गए।

हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से कस कर चिपके हुए थे और हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे।
वो मेरे होठों को और मेरी जीभ को चूस रहे थे, मैं अपने होश खोती जा रही थी।
उनका लण्ड मेरी अनचुदी चूत पर रगड़ खा रहा था जिससे मैं पागल हुई जा रही थी।

फ़िर भैया मेरी एक चूची को जोर से दबाने लगे और दूसरी के निप्पल को चूसने लगे जिससे मैं और पगला गई।
अचानक मैं ज़रा होश में आई तो कहा- भैया ये सब ठीक नहीं है, अगर किसी को पता चला तो मैं तो मर ही जाऊँगी।

वो बोले- मनु जान! क्या तुम मुझे ज़रा भी नहीं चाहती! मैं तुम्हारे लिए इतने दिनों से तड़प रहा था और आज तुम्हें पूरी तरह से अपना बनाना चाहता हूँ।

मैंने कहा- भैया…ऽऽऽ…!
और मेरे आगे कुछ कहने से पहले उन्होंने अपने होठों को मेरे होठों पर रखा, फ़िर कहा- आज से मैं भैया नहीं, तुम्हारा पति और जान हूँ, अगर ज़रा भी तुम्हारे दिल में मेरे लिए कोई जगह है तो बोलो।

मैंने कहा- मैं आपको चाह्ती तो हूँ पर…!

मेरे आगे बोलने से पहले उन्होंने मेरे होठों पर ऊँगली रख दी और कहा- बस हम आज से पति-पत्नी हैं और आज हमारी सुहागरात है।

मैंने कहा- लोग क्या कहेंगे?

उन्होंने कहा- मैं किसी की परवाह नहीं करता और अब हम तुम पति-पत्नी बन कर एक दूसरे को सुखी रखेंगे… मैं तुम्हें प्यार करता हूँ मनु जान!

मैंने कहा- मैं भी तुम्हें प्यार करती हूँ… भैया!

भैया कहते ही उन्होंने मुझे कहा- आज से मैं तुम्हारा भाई नहीं पति हूँ और अब तुम मुझे कुछ और कहा करो!
मैंने कहा- क्या!

वो बोले- कुछ भी … जैसे जान या कुछ भी!
मैंने कहा- ठीक है भैया.. ओह सोरी… जान… आई लव यू!

हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे से कस के चिपके हुए थे। भैया ने फ़िर मुझे किस किया और मेरी जांघों के बीच में आ गए।
मैंने अपनी टांगें उनके पैरों पर रख ली थी। उन्होंने अपने एक हाथ को मेरे सर के नीचे रख कर किस किया और दूसरे से मेरी अनचुदी कुँवारी चूत में उँगली की तो मेरे मुंह से सिसकारी सी निकली- आऽऽऽऽऽऽह!

भैया ने कहा- जान अपने पति के लण्ड को अपनी कुँवारी चूत पर रखना जरा!

मैंने कहा- क्या होगा जान …!
कहते हुए उनके लण्ड को अपनी चूत पर रखा।

हम दोनों अब एक दूसरे का साथ देने लगे थे। भैया पहले धीरे धीरे मेरे अन्दर अपना डालने लगे। मैं सिसकारी लेने लगी थी। एक इन्च जाते ही मुझे दर्द का अनुभव हुआ तो मैंने कहा- आऽऽऽऽह्ह्ह … अब बस … जान, अब बस भी करो, दर्द हो रहा है …!

वो बोले- चिन्ता मत करो, आज सब कुछ होगा … दर्द, मज़ा और हमारी सुहागरात … आऽऽह!
कहते हुए उन्होंने एक झटका दिया कस के

आऽ… अऽऽऽऽअऽ ह्ह्हहाऽ आऽऽऽ ऊईऽऽऽ माँ मर गई मैं! प्लीज़ भैया अब निकाल लो अब और दर्द नहीं सहा जा रहा है! मैं रोते हुए बोली।

उन्होंने कहा- भैया बोलोगी? यह कहते हुए एक और झटका मारा, लण्ड शायद 5′ अन्दर जा चुका था।
मैंने कहा- सोरी जान …. लेकिन बहुत दर्द हो रहा है!

वो बोले- जान चिन्ता मत कर, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा। वो फ़िर मेरे बूब्स चूसने लगे। थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम मिला तो उन्होंने फ़िर 3-4 जोरदार झटके मारे तो मेरी हालत ही बिगड़ गई और चीख निकल गई- आऽऽऽऽह… मर गई… … माँअऽऽऽऽऽ …!

मेरी आंखों में आँसू थे। मैं उनसे चिपक गई और अपनी टांगों को उनकी कमर पर जकड़ लिया।

वो मुझे किस करने लगे और हम दोनों एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर चूमने लगे।

थोड़ी देर में मैं सामान्य होने लगी। तब भैया ने मेरे बूब्स को पकड़ा और अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगे।

मुझे तकलीफ़ हो रही थी पर थोड़ा मज़ा भी था कुछ अलग तरह का- आऽऽऽऽह्ह्ह… जान… आऽऽह्ह्ह्हाअ … आज पूरी तरह से अपनी बना लो जानऽऽऽ … आऽऽऽअऽऽऽह्ह मैंने कहा

तो भैया ने भी कहा- ओहऽऽ… जान …!
कमरे में हमारी आवाज़ें गूंज़ रही थी। मेरी सिसकारियाँ ज्यादा ही थी क्योंकि उनका 8-9 इन्च लम्बा लण्ड मुझसे झेला नहीं जा रहा था।
5 मिनट तक वो मुझे लगातार रौंदते रहे, फ़िर मैं चीखी-जान आऽऽऽऽअऽऽ आऽऽह्ह मुझे कुछ हो रहा है, पता नहीं क्या हो रहा है, मज़ाऽऽ आ रहा है आऽअ अऽ आऽऽऽह!

‘ओऽऽह जान तू चरम पर है और मैं भी ऽऽऽ जान! मैं गया ऽऽ मेरा झड़ रहा है अआ…’ उन्होंने लगातार 6-7 झटके मारे और हम दोनों एक साथ आनन्द के शिखर तक पहुँच गए।

भैया मेरे ऊपर ही पसर गए और हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से लिपटे हुए किस कर रहे थे।

थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और स्नानघर में जाने लगे तो देखा बिस्तर खून से भरा हुआ था। मैं घबरा गई और बोली,’ ये क्या… अब क्या होगा?’

भैया बोले,’ इसमें डर कुछ नहीं, पहले पहले यही होता है’

मेरी कमर में दर्द होने लगा था। हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए तो एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया।
मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रही थी।

भैया ने रगड़ कर मेरी चूत को धोया और मैंने उनके लण्ड को, जिससे हम दोनों गर्म हो गए।

मैं थोड़ा शरमाई पर काफ़ी झिझक निकल चुकी थी। हम दोनों फ़व्वारे के नीचे खड़े थे। भैया नीचे बैठे तो मैंने कहा,’ये क्या करने जा रहे हो जान!’

‘मैं तो अपने होठों की मुहर लगाने जा रहा हूँ … और अब तुम भी लगाना’
वो मेरी चूत में उँगली करने लगे थे और जीभ भी फ़िराने लगे।

मैं पागल हो उठी। मैं अपने एक स्तन को मसलने लगी और भैया हाथ बढ़ा कर दूसरे को।

भैया मेरी हालत समझ गए और फ़र्श पर ही लिटा लिया। मेरी चूत में उनकी जीभ तैर रही थी और मेरे हाथ उनके सर को पकड़ कर मेरी चूत को दबा रहे थे। मैं अपने होठों को काट रही थी और लम्बी लम्बी सिसकारियाँ ले रही थी। मेरी टांगें उनकी गरदन में लिपट गई थी।

फ़िर वो मेरे ऊपर आ गए और मैंने अपनी टांगें उनकी कमर पे लपेट ली। मेरे दोनों हाथ उनकी गरदन में लिपट गए।

उन्होंने फ़िर जोर का झटका मारा तो आऽऽऽह्ह ऽऽआ… अ…अह… जैसे मेरी जान ही निकल गई।

फ़िर भैया मेरे बूब्स को दबाते और झटके मारते जाते। वो वहशी होते चले गए, मेरे बूब्स को निर्दयता से मसल रहे थे और दांतों से काट रहे थे, मेरी गरदन पर भी प्यार से काटा। वो जहाँ जहाँ अपने दाँत गड़ाते वहाँ खून सा जम जाता।

मैं भी पागल हो जाती तो बदले में अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा देती और उनकी गरदन पर काट लेती। जंगलीपने से बाथरूम में मेरी प्यार भरी चीखें गूंज रही थी, जिससे भैया का जोश बढ़ता ही जा रहा था।

यह सिलसिला आधे घण्टे तक चला और उतनी देर में मैं दो बार झड़ चुकी थी और भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फ़िर जब हम शांत हुए तो मैं तीसरी बार झड़ी थी। हम फ़्रेश हो कर कमरे में चले गए और थोड़ा आराम करके खाना खाया। फ़िर हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर बातें करने लगे।

मैंने कहा,’भैया … ओह सोरी … जान, अब मेरा क्या होगा, मैं क्या करूँ और अब आगे का क्या प्लान है, मेरा मतलब भविष्य का, क्योंकि अब मुझे घबराहट हो रही है, मैं आपके बिना नहीं रह सकती।’
वो बोले ‘चिंता मत करो जान मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, हम दोनों दिल्ली जा कर शादी कर लेंगे पर अभी किसी को नहीं बताएँगे.’

मैंने कहा ‘ठीक है जान, चलिए अब सो जाते हैं क्योंकि कल आपको ऑफिस भी जाना है’
वो बोले ‘चिंता क्यों करती हो जान, मैं तुम्हें तड़पता नहीं छोड़ सकता। आज ही हम एक हुए और क्या तुम मुझे तड़पता छोड़ दोगी जान?’
मैंने कहा ‘नहीं जान… प्लीज़ ऐसा मत बोलो। आज हम नहीं सोयेंगे। आज हम एक दूसरे को पूरा सुख देंगे। आप मेरे साथ जी भर कर और जम कर करो और अपनी बीवी को रौंद डालो जान.’

फिर भइया ने मुझे रात में तीन बार और जम कर चोदा और वो भी आधे आधे घंटे तक।
और तब तक मैं बेहोशी की हालत में आ चुकी थी।
हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए।

सुबह जब मैं उठी तो भइया ऑफिस चले गए थे और फिर 10 .30 बजे फ़ोन भी कर दिया कि मैं 2-3 बजे तक आ जाऊँगा।

मैं बहुत थकी हुई थी और मेरा बदन भी काफी दर्द कर रहा था खास कर से मेरी कमर।
मैंने फ्रेश हो कर नाश्ता किया और फिर सो गई।

मैं सीधे 3 बजे के करीब उठी तो काफी ठीक महसूस भी कर रही थी और देखा कि भइया मेरे सर को अपनी गोद में लिए हुए थे।

ये थी मेरी कहानी! आगे का मैं अब बाद में ही लिखूंगी! Sex Stories

Hindi Porn Stories

मैने गाण्ड मारने पर बहुत कहानियाँ पढ़ी Hindi Porn Stories हैं, कुछ अच्छी होती हैं लेकिन ज़्यादातर झूठ होती हैं। ऐसा लगता है यह कहानी नहीं बल्कि लेखक की कल्पना है। जिन लोगों को सेक्स नहीं मिलता या जो अपनी ख्वाहिश पूरी नहीं कर पाते वो कल्पना से कहानियाँ लिखते हैं।

अगर इन कहानियों को सच समझा जाए तो गाण्ड मारना बहुत आसान लगता है। बस, लंड के सुपारे को गाण्ड के मुँह पर रखो और ज़ोर से धक्का लगाओ- हो गया… लड़की ज़ोर से चिल्लाएगी…” ऊऊउउइ मर गयी…… मेरी गाण्ड फाड़ दी……”

और थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगेगा !! असलियत में ऐसा नहीं होता है।

आप लोगों ने भी ऐसी बहुत कहानियाँ पढ़ी होंगी।

मैने बहुत गाण्ड मारी है और मैं आपको यकीन दिलाना चाहता हूँ कि गाण्ड मारना इतना आसान नहीं है। मेरे अनुभव में तो चूत लेना भी इतना आसान नहीं होता जितना यह लोग गाण्ड मारना समझते हैं।

अगर आप सचमुच में गाण्ड मारना चाहते हो और आप चाहते हो कि लड़की को भी उतना ही मज़ा आए जितना आपको आता है और वो बार बार आपसे गाण्ड मरवाने की चाहत रखे तो आपको मैं सही विधि बताता हूँ। ध्यान से पढ़िए आपकी मनोकामना पूरी होगी…

इस विधि में लड़की की गाण्ड की बात की गई है लेकिन अगर आप लड़के की गाण्ड मारना चाहते हैं तो भी यही विधि लागू होगी क्योंकि गाण्ड दोनों की एक जैसी होती है।

ज़रूरी बातें :

गाण्ड मारने से पहले कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा। अगर इन बातों का ध्यान रखा गया तो लड़की को भी उतना ही मज़ा आएगा जितना आपको और वो आपसे बार बार गाण्ड मरवाने की कोशिश करेगी। अगर इन ज़रूरी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया तो हो सकता है आप गाण्ड कभी मार ही नहीं पाएँगे !

लड़की की मंज़ूरी

सबसे पहले यह बहुत ज़रूरी है कि लड़की गाण्ड मरवाने के लिए राज़ी हो। इसके लिए आपको उसे यह भरोसा दिलाना होगा कि आप ज़बरदस्ती नहीं करेंगे और अगर किसी भी वक़्त वो मना करती है तो आप रुक जएँगे। लड़की को ज़्यादा दर्द नहीं होना चाहिए। दर्द को कम करने का तरीक़ा इस विधि में आगे बताया गया है।

गाण्ड की बनावट

भगवान ने गाण्ड को संभोग के लिया नहीं बनाया इसलिए इसकी बनावट, पोज़िशन और प्रक्रिया ऐसी है कि आदमी का लिंग आसानी से उस में प्रवेश नहीं कर सकता (जैसा की चूत में कर सकता है)। इसके लिए आप को गाण्ड की बनावट के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

गाण्ड का काम शरीर से मल बाहर निकलना है। इसके मुँह की तरफ दो छल्लेदार मांसपेशियाँ (रिंग मसल्स) होते हैं जो कि अपनी इच्छा से खोले या बंद किए जा सकते हैं। एक छल्ला बिल्कुल मुँह पर होता है और दूसरा करीब पौन इंच अंदर की तरफ होता है। इन मांसपेशियों को आप अपनी गाण्ड में महसूस कर सकते हैं।
अपनी बीच की उंगली पर तेल या क्रीम लगा कर अपनी गाण्ड में डालने की कोशिश करें। जो बाहर की मांसपेशी है वो अपने आप सिमट कर सिकुड़ जाएगी क्योंकि उसका काम है बाहर की चीज़ को अंदर जाने से रोकना !
अपने आप को थोड़ा रिलॅक्स करो और गाण्ड की मांसपेशी को ढीला करो तो आपकी उंगली थोड़ा अंदर चली जाएगी। अब आप दूसरी मांसपेशी को महसूस कर सकेंगे जो कि आपकी उंगली को और अंदर नहीं जाने देगी। इस मांसपेशी को भी आप ढीला कर सकते हैं और थोड़ी कोशिश के बाद आपकी उंगली इसके भी पार हो जाएगी। जब दूसरी मांसपेशी पार कर ली तो फिर कोई और रुकावट नहीं होगी और आपकी उंगली आसानी से अंदर जा सकती है।

गाण्ड की ये मान्सपेशियाँ काफ़ी मज़बूत होती हैं और इनको आसानी से पार नहीं किया जा सकता। ख़ास तौर से अगर लड़की की मर्ज़ी ना हो तो। दूसरी बात यह भी है कि उंगली के मुक़ाबले में लंड का घेरा (साइज़) ज़्यादा होता है, इस कारण भी गाण्ड के अंदर डालना मुश्किल होता है।

गाण्ड की एक ख़ासियत है कि चूत की तरह इसमें कोई तरल (लिक्विड) चीज़ का प्रवाह नहीं होता। जब लड़की सेक्स की लिए उत्सुक होती है तो उसकी चूत में अपने आप गीलापन होता है जिससे लंड का प्रवेश आसान हो जाता है। यह प्रकृति का तरीक़ा है क्योंकि चूत को बनाया ही इस काम के लिए है। गाण्ड में कोई प्राकृतिक चिकनाहट नहीं होती इसलिए वो हमेशा सूखी सी रहती है। ऐसी हालत में लंड के प्रवेश से ना केवल लड़की को दर्द होगा बल्कि पुरुष को भी मज़ा नहीं आएगा। कुछ देर के बाद लंड में भी दर्द हो सकता है तो चुदाई का मज़ा किरकिरा हो सकता है।

गाण्ड की इन मांसपेशियों के इर्द गिर्द बहुत सी चेतना-नसें(नर्व-एंडिंग्स) होती हैं जिनमें रक्त संचार होता है। इस कारण गाण्ड मरवाने के दौरान लड़की को भी बहुत मज़ा आता है, शर्त यह है कि उसे दर्द ना हो।

गाण्ड ठीक से ना मारी जाए तो लड़की को बहुत दर्द होता है।

गाण्ड की बनावट से यह साफ हो गया है कि:
1) गाण्ड में कोई बाहर की चीज़ आसानी से अंदर नहीं जा सकती।
2) गाण्ड के अंदर कुछ भी डालने के लिए गाण्ड की मांसपेशियाँ को ढीला करना ज़रूरी है।
3) गाण्ड की मांसपेशियों को लड़की अपनी मर्ज़ी से ढीली या टाइट कर सकती है।
4) गाण्ड को बाहरी चिकनाहट की ज़रूरत होती है।
5) गाण्ड में नर्व एंडिंग्स होती हैं जिससे लड़की को गाण्ड मरवाने मैं मज़ा आता है। (यही कारण है कि दुनिया में इतने पुरुष समलिंगी होते हैं और खुशी खुशी गाण्ड मरवाते हैं)

गाण्ड की तैयारी

क्योंकि भगवान ने गाण्ड को संभोग के लिए नहीं बनाया है तो यह आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि आप उसे इस काम के लिए तैयार करें। यह तैयारी तुरन्त नहीं हो सकती। इसमें 2-3 दिन से लेकर 6-7 दिन तक लग सकते हैं। जितनी आराम से तैयारी करेंगे, लड़की को आप पर उतना ही भरोसा बढ़ेगा और आपको भी उतना ही सुख गाण्ड मारने में मिलेगा। इसलिए जल्दबाज़ी मत करें।

गाण्ड की सफाई

अगर लड़की ने मंज़ूरी दे दी है और वो गाण्ड मरवाने का अनुभव करना चाहती है तो अपने आप वो अपनी गाण्ड को अच्छी तरह से साफ करके आएगी। गाण्ड अगर गंदी होगी तो सारा मज़ा खराब हो जाएगा। सबसे मज़ेदार तरीक़ा है जब आप दोनों एक साथ स्नान करो और इस दौरान एक दूसरे के गुप्तांगों को सहलाओ और साफ करो।

ज़रूरी सामान

साफ बिस्तर
1-2 सख़्त तकिये
1-2 छोटे तौलिए
1 मोटी मोमबत्ती (1.5 – 2.0 इंच चौड़ी, 6-8 इंच लंबी)
1 ट्यूब के-वाइ जेली / नारियल तेल (तेल से जेली बेहतर है)

के वाइ जेली की ट्यूब रु 90/- किसी भी केमिस्ट की दुकान पर मिल जाएगी।

शुरुआत

ध्यान रखो कि आपकी उंगली के नाख़ून बढ़े हुए नहीं हैं और ठीक तरह से कटे हुए हैं। नाख़ून के किनारे तेज़ नहीं होने चाहिए, उन्हें ठीक से फ़ाइल कर लो। अगर नाख़ून बढ़े होंगे तो जब उंगली लड़की की गाण्ड में डालोगे तो उसे लग सकता है।

लड़की को गाण्ड की बनावट के बारे में और रिंग मसल्स को किस तरह से ढीला या टाइट कर सकते हैं, के बारे में बताओ।

अब प्यार से लड़की के कपड़े उतारो और एक साफ बिस्तर पर पीठ के बाल लिटा दो। उसकी टाँगों को मोड़ दो और थोड़ा खोल दो। अब उसके चूतड़ों के नीचे 1-2 सख़्त तकिये रख कर उसके चूतड़ उपर की तरफ उठा दो जिससे उसकी चूत और गाण्ड साफ दिखाई दे। खुद भी पूरी तरह नंगे हो जाओ। अब उससे प्यार भारी बातें करो और पूरे शरीर को सहलाओ, खास तौर से उसके गाल, गर्दन, स्तन, चूचुक, पेट, जांघें और टाँगें !

कुछ देर तक उसकी चूत और गाण्ड को हाथ ना लगाएँ। थोड़ी देर में लड़की की चूची सख़्त हो जाएगी और वो अपनी टाँगें और खोल देगी। अब उसकी चूत को प्यार से सहलाना शुरू करो जिससे वो उत्तेजित हो जाए और चूत में से पानी का रिसाव होने लगे।

अब लड़की चुदाई के लिए तैयार है पर हमारा इरादा उसकी गाण्ड मारने का है। अपनी एक उंगली पर अच्छी तरह से के-वाइ जेली (या नारियल तेल) लगा कर लड़की की गाण्ड के मुँह पर सहलाओ। अभी उंगली अंदर डालने की कोशिश ना करो। उसे अपनी मांसपेशियाँ बारी बारी ढीली और टाइट करने को कहो। आप अपनी उंगली पर उसकी रिंग मसल्स को महसूस कर सकोगे। लड़की से प्यारी प्यारी बातें करो और उसको रिलॅक्स होने को कहो। थोड़ी देर में जब लड़की रिलॅक्स होने लगेगी तो उसकी गाण्ड भी थोड़ी ढीली हो जाएगी।

अब अपनी उंगली पर थोड़ी और जेली लगा कर धीरे धीरे उसकी गाण्ड के अंदर धकेलो। अगर लड़की गाण्ड को टाइट कर ले तो फिर उसे विश्वास दिलाओ कि उसे दर्द नहीं होने दोगे। ज़रूरत हो तो उंगली बाहर निकल लो और उसकी चूत, जांघें और बूब्स को प्यार से सहलाओ। जब लड़की दोबारा रिलॅक्स हो जाए तो उंगली पर जेली लगा कर एक बार और गाण्ड में डालने की कोशिश करो, जल्दबाज़ी नहीं करना। गाण्ड की बाहरी रिंग मसल को धीरे धीरे ढीला कर के उंगली को करीब आधा इंच अंदर डाल दो। अब धीरे धीरे उंगली को आधा इंच तक अंदर बाहर करो। देखो कि लड़की को दर्द नहीं हो रहा है। अगर लड़की खुश नहीं है तो उंगली अंदर रख कर रुक जाओ और थोड़ी देर बाद फिर शुरू करो।

अगर लड़की खुश है तो धीरे धीरे उंगली को और अंदर करो। कुछ दूर तक तो उंगली अंदर चली जाएगी पर फिर ऐसा लगेगा जैसे आगे कोई रुकावट है। यह उसकी गाण्ड की दूसरी रिंग मसल है। इसको पार करने की लिए एक बार फिर लड़की को रिंग मसल ढीला करने के लिए बोलो। (इस वक़्त लड़की को अपनी गाण्ड पर नीचे के तरफ ज़ोर लगाना चाहिए जैसा कि पॉटी करते वक़्त लगाते हैं, ऐसा करने से रिंग मसल खुल जाएगी और आप अपनी उंगली उसके पार ले जा सकते हैं). अगर लड़की रिलॅक्स नहीं करती है तो आपको धीरज रख कर धीरे धीरे उंगली से उसकी रिंग मसल को खोलने की कोशिश करनी होगी। याद रहे, कोई काम जल्दबाज़ी में ना करो। देखा जाए तो इस क्रिया में भी आप काफ़ी मज़ा ले सकते हो।

किसी भी वक़्त अगर लड़की को तकलीफ़ होने लगे तो उंगली तुरंत बाहर निकाल लो और उसको प्यार करो। उसे यह पूरा विश्वास होना चाहिए कि गाण्ड मारने के वक़्त आप उसे तकलीफ़ नहीं दोगे।

जब उंगली दूसरी रिंग मसल को पार कर जाए तो आपकी उंगली ने फ़तेह पा ली है। अब आप आराम से उंगली को जितना अंदर डालना चाहो डाल सकते हो। ध्यान रहे कि उंगली पर जेली या तेल अच्छी तरह लगा हो। अगर सूख गया है तो उंगली बाहर निकल कर दोबारा लगा लो और फिर से धीरे धीरे अंदर डालो। अगर एक बार उंगली अंदर चली गई है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अब हमेशा आसानी से चली जाएगी। गाण्ड की मसल्स तो फिर से बंद हो गई होंगी, इसलिए हर बार गाण्ड में धीरे धीरे और प्यार के साथ ही प्रवेश करना है।

जब आपकी एक उंगली गाण्ड के अंदर बाहर जाने लगे और लड़की को तकलीफ़ नहीं हो रही हो तो आप यही प्रक्रिया दो उंगलियों पर जेली लगा कर कोशिश करो। इसमें शुरू में थोड़ी मुश्किल होगी क्योंकि गाण्ड का छेद छोटा होता है। एक उंगली तो चली जाती है पर दो उंगलियाँ मोटी होती हैं. लेकिन यह काम भी प्यार से और धीरज से हो जाएगा। आप महसूस करोगे कि जैसे जैसे लड़की को आप पर भरोसा बढ़ेगा वो इस काम में आपको सहयोग देगी और थोड़ा बहुत दर्द भी सहन करने लगेगी।

जब आपकी दो उंगलियाँ पूरी तरह अंदर चली जाएँ तो धीरे धीरे उंगलियों को दोनो तरफ घुमाना शुरू करो, इससे गाण्ड का पूरा छेद ढीला होगा। साथ ही साथ उंगलियों को अंदर बाहर भी करो।

हो सकता है इतना सब कुछ करने के बाद आप दोनों थक गये हों। अगर ऐसा है तो उंगलियाँ बाहर निकाल लो और आप दोनों कुछ और कार्यवाही कर सकते हो। अगर लड़की खुश है तो वो आपके लंड को मुँह में ले कर चूस सकती है जिससे आपके तने हुए लंड को आराम मिलेगा। यह मैं इस लिए कह रहा हूं क्योंकि उंगली करने के चक्कर में आप का लंड ज़रूर तैयार हो गया होगा। पर अभी मंज़िल बहुत दूर है और आप को धीरज से काम करना होगा। दूसरी बात यह है कि जो लड़की गाण्ड मरवाने के लिए तैयार होगी वो लंड तो चूस ही लेती होगी। अगर नहीं करती है तो उसे मेरी “लंड चूसने की विधि” पढ़नी चाहिए।

चलिए, आप दोनों ने आराम कर लिया। अब आगे बढ़ते हैं !

अब एक मोटी मोमबत्ती लो जिसका घेरा आपके तने हुए लंड के बराबर हो। इसकी लंबाई 6 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। मोमबत्ती को अच्छी तरह चिकना कर लो। मोमबत्ती का सिरा पैना (शार्प) नहीं होना चाहिए। उसे चाकू से छील करके लंड-नुमा शेप दे दो। अब आगे के 3-4 इंच पर अच्छी तरह से जेली लगा लो।

एक बार फिर लड़की को रिलॅक्स होने के लिए बोलो और उसकी गाण्ड के अंदर और बाहर भी अच्छी तरह से जेली लगा दो। कभी भी जेली लगाने में कंजूसी ना करो।

अब मोमबत्ती का सिरा गाण्ड के मुँह पर रख कर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश करो। शुरू में मुश्किल होगी। अगर ज़रूरत हो तो गाण्ड में एक उंगली डाल कर उसकी दोनों रिंग मसल्स को ढीला कर लो। लड़की को भी गाण्ड ढीली करने को कहो। जब मोमबत्ती करीब आधा इंच अंदर चली जाए तो एक दो बार उतना ही अंदर बाहर करो। लड़की के इशारों का ध्यान रखो कि उसे कोई तकलीफ़ तो नहीं हो रही। उससे बातें करते रहो। जब लड़की आधा इंच तक अंदर बाहर को सहन करने लगे तो आप मोमबत्ती को घुमाते हुए और अंदर डालने की कोशिश करो। (यकीन करो कि जेली सूख ना गई हो. ज़रूरत हो तो और लगा लो).

मोमबत्ती थोड़ा और अंदर जाएगी और फिर रुक जाएगी। अब तो आपको मालूम है यह क्यों रुकी है, दूसरी रिंग मसल सामने है। लड़की के स्तनों को चूमो और उसकी चूत को सहलाओ। साथ ही उसे रिलॅक्स करने और गाण्ड को ढीला करने को कहो। जैसे ही वो गाण्ड को रिलॅक्स करेगी, मोमबत्ती आराम से अंदर चली जाएगी।

अब थोड़ा इंतज़ार करो जिससे लड़की मोमबत्ती की मोटाई को अपनी गाण्ड में महसूस कर सके और उसका शरीर इस नई फीलिंग को समझ सके। थोड़ी देर के बाद मोमबत्ती को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू करो। बाहर करते वक़्त लड़की को कोई तकलीफ़ नहीं होगी पर अंदर करते वक़्त आप को ध्यान रखना होगा कि जल्दबाज़ी ना हो। अगर जेली कम हो गई हो या सूख गई हो तो और लगा लो। इस तरह मोमबत्ती से आप उसकी गाण्ड को चोदना शुरू करो।

धीरे धीरे लड़की की तकलीफ़ कम हो कर ख़तम हो जाएगी और वो आनंद महसूस करने लगेगी। अब आप ४-५ इंच तक मोमबत्ती अन्दर बाहर कर सकते हो। जब तक लड़की चाहे उसे मोमबत्ती से चोदते रहो और फिर धीरे धीरे मोमबत्ती को बाहर निकाल लो। यह काम भी धीरे धीरे ही करना चाहिए।

मेरी राय में आपको यह उंगली और मोमबत्ती वाली प्रक्रिया दो तीन दिन तक करनी चाहिए। वैसे भी अब तक आप दोनों थक गये होंगे और इंतज़ार का फल हमेशा मीठा होता है।

उम्मीद है आपने दो तीन दिन तक बताई हुई प्रक्रिया कर ली है और अब लड़की अपनी गाण्ड की मसल्स को ढीला और टाइट करना सीख गई है।

गाण्ड मारना

मुबारक हो !! अब आपकी साथी लड़की गाण्ड मरवाने के लिए पूरी तरह तैयार है। जिस दिन का इंतज़ार था वो आ गया है। आशा है आप भी तैयार होंगे। गाण्ड मारने के लिए ज़रूरी है कि आपका लंड मज़बूती से खड़ा हो। वैसे तो पहली बार गाण्ड मारने की कामना में आपका लंड अपने आप ही तना हुआ होगा लेकिन अगर ऐसा नहीं है (और आप हृदय या रक्त चाप के रोगी नहीं हो) तो आप फ़ोर्ज़ेस्ट 10 या 20 की एक गोली करीब 30 मिनट पहले ले सकते हो।

अगर लड़की भरोसे वाली नहीं है तो कॉन्डोम का इस्तेमाल ज़रूर करो क्योंकि एच आई वी का खतरा गाण्ड मारने में सबसे ज़्यादा होता है। लेकिन अगर आप एक दूसरे को जानते हो और एक दूसरे पर भरोसा है तो कॉन्डोम की ज़रूरत नहीं है।

एक ज़रूरी बात और है- कभी भी गाण्ड मारने के दौरान या उसके एकदम बाद, अपने लंड को लड़की की चूत में नहीं डालो। ऐसा करने से लड़की को चूत में इंफेक्शन हो सकता है। अगर चूत मारनी है तो पहले लंड को अच्छी तरह से धो लो।

गाण्ड मारने के आसन

गाण्ड मारने के दो आसन हैं। इन दो बेसिक आसनों के कई रूप हो सकते हैं जो आप अपने आप बना सकते हैं।

आसन 1
इसमें लड़की पीठ के बाल लेटी होती है जैसा इस विधि के शुरू में बताया गया है और उसके चूतड़ के नीचे तकिये रखे जाते हैं जिससे उसकी गाण्ड उपर उठ जाए। इसको मिशनरी पोज़िशन या मॅन सुपीरियर पोज़िशन भी कहते हैं।

आसन 2
इसमें लड़की अपने घुटने और हाथों पर होती है और उसकी गाण्ड की ऊँचाई आप अपने हिसाब से उपर नीचे कर सकते हो। कुछ लड़कियाँ अपना सर नीचे बिस्तर पर टिका देती हैं और गाण्ड उपर की तरफ उठा देती हैं। इसको रियर एंट्री या डॉगी स्टाइल भी कहते हैं।

दोनों ही आसान ठीक हैं और आपको जो अच्छा लगे उसे इस्तेमाल करो। पहले आसन में लड़की आराम से होती है और आप उसके स्तन और चूत को देख व सहला सकते हो। लड़की भी आप को देख सकती है। आप एक दूसरे को किस कर सकते हो लेकिन लंड पूरा अंदर नही जा पाता। दूसरे आसन में लड़की जल्दी थक जाती है और आपको देख नहीं सकती। आप भी उसकी चूत और बूब्स को नहीं देख सकते हो ना ही ठीक से सहला सकते हो। लेकिन इस आसन में लंड ज़्यादा अंदर जा सकता है। इसमें लड़की भी पीछे की तरफ धक्का देकर लंड को प्रवेश में मदद कर सकती है।

चलिए, अब गाण्ड मारते हैं!

लड़की को पहले की तरह आरामदेह पोज़िशन में बिस्तर पर लिटा दो। उसके पूरे तन को अच्छी तरह से प्यार करो और उसे मीठी मीठी बातें बोलो। उसके पूरे शरीर को सहलाओ तथा चूमो। उसकी चूत जब गीली हो जाए तो उसे उंगली से थोड़ी देर तक चोदो और उसकी भग्नासा के इर्द गिर्द सहलाओ। कुछ देर में लड़की चुदाई के लिए तैयार हो जाएगी। अब पहले की तरह जेली लगा कर शुरू में एक और फिर दो उंगलियों से उसकी गाण्ड को तैयार करो। लड़की अब तैयार है, उम्मीद है आप का लंड भी तैयार होगा।

जब पहली बार गाण्ड मारनी हो तो मेरी राय में दूसरा वाला आसान इस्तेमाल करना चाहिए (डॉगी स्टाइल) जिससे लड़की आपकी मदद कर सके और लंड के प्रवेश को कंट्रोल कर सके।

तो लड़की को डॉगी स्टाइल में आने को कहो और उसके चूतड़ की ऊँचाई को अपने लंड की उँचाई के हिसाब से ऊपर नीचे करो। उसका सर आराम से बिस्तर पर रह सकता है। अपने पूरे लंड पर खूब अच्छी तरह से जेली लगा लो और लड़की की गाण्ड के अंदर बाहर भी जेली अच्छे से लगा लो। एक बार फिर दो उँगलियों से उसकी गाण्ड को ढीला कर लो।

अब अपने लंड के सुपारे को गाण्ड के छेद पर रखो और धीरे से अंदर के तरफ धकेलो। अगर आपका लंड मोमबत्ती से बड़ा है तो धीरज से काम लो। धीरे धीरे, प्यारी-प्यारी बातें करते हुए और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाते हुए अपने लंड को गाण्ड में धकेलते रहो। लड़की को अपनी गाण्ड ढीली करने के लिए याद दिलाते रहो।

एक बात और है, जब हम गाण्ड की मांसपेशी को ढीला करते हैं तो वो सिर्फ़ एक क्षण (सेकेंड) के लिए होती है और फिर टाइट हो जाती है। उसको अपनी मर्ज़ी से हम ज़्यादा देर तक ढीला नहीं रख सकते। आप इस बात को अपनी गाण्ड में खुद उंगली डाल कर महसूस कर सकते हो। इसलिए आप और लड़की के बीच ताल-मेल की ज़रूरत है। जब आप अंदर को धकेलो, तभी लड़की गाण्ड ढीली करे नहीं तो फ़ायदा नहीं होगा।

अगर गाण्ड का छेद ना खुले तो उंगली या मोमबत्ती का इस्तेमाल फिर करो और लड़की को रिलॅक्स करने को कहो। इस बात का ध्यान रखो कि लंड का घेरा काफ़ी ज़्यादा होता है और पहली बार आसानी से गाण्ड में नहीं जाता है। जेली लगी होने के कारण लण्ड फिसलता भी रहता है और गाण्ड में नहीं जा पाता।

थोड़ी कोशिश के बाद आपका लंड करीब 1/4 इंच अंदर चला जाएगा। यहाँ पर रुक जाओ और लड़की से पूछो उसे कैसा लग रहा है। अगर उसे दर्द हो रहा हो तो लंड बाहर निकाल लो, हो सकता है आपका लंड काफ़ी बड़ा है। यह तो आपके लिए खुश खबरी है !! या फिर लड़की को डर लग रहा है !

लड़की से दोबारा पूछो कि वो क्या करना चाहती है। ज़्यादातर लड़कियाँ आपको दोबारा कोशिश करने को कहेंगी। अगर ना भी कहे तो भी आप धीरज रखो और कुछ देर और मोमबत्ती वाली प्रक्रिया करो। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि मेरी विधि से आप चलोगे तो कोई भी लड़की आपसे गाण्ड मरवाने के लिए मना नहीं करेगी। मेरे तज़ुर्बे में अच्छी तरह से मारी हुई गाण्ड में लड़कियों को चूत मरवाने से भी ज़्यादा मज़ा आता है। गाण्ड की बाहरी और अंदर की रिंग मसल्स के इर्द गिर्द बहुत नर्व-एंडिंग्स होती हैं जिसमें रक्त प्रवाह होता है जिस से गाण्ड मरवाने के दौरान लड़की को बहुत मज़ा आता है. आप धीरज से काम लो….

थोड़ी देर रुकने के बाद एक बार फिर लंड को गाण्ड के छेद पर रख कर अंदर डालने की कोशिश करो। जेली लगाना नहीं भूलना और जल्दबाज़ी नहीं करना। (मुझे मालूम है आपके लंड का सब्र ख़तम हो रहा होगा। अगर आपसे और ना रुका जाए तो चूत में डाल के संभोग कर लो। चिंता मत करो आपका लंड फिर तैयार हो जाएगा।

जब लंड पहली रिंग मसल को पार कर ले तो थोड़ी देर रुक जाओ और लड़की को रिलॅक्स करने को कहो। उसको बताओ कि अब आप लंड को और अंदर नहीं करोगे। लड़की खुद पीछे की तरफ धक्का लगा के लंड को जितना चाहे अंदर करेगी। अब कंट्रोल लड़की के पास है और आपको उसे तकलीफ़ पहुँचने की चिंता नहीं करनी।

जब कंट्रोल लड़की के पास आ जाता है तो आपको आश्चर्य होगा कि कितनी आसानी से वो आपके लंड को अंदर ले लेती है। आपको भी लड़की की टाइट गाण्ड का पहली बार अनुभव होगा। आपका लंड बिल्कुल टाइट फिट में जकड़ा जाएगा और आपको स्वर्ग महसूस होगा। ज़्यादातर लोग इससे ज़्यादा रोक नहीं पाते और क्लाइमॅक्स कर जाते हैं। अगर आप टारजन हैं तो कुछ देर तक लंड को पूरी तरह अंदर होने का आनंद उठाने दो, फिर धीरे धीरे लंड को बाहर की तरफ निकालने की कोशिश करो। लड़की की गाण्ड आपके लंड को कस के पकड़ लेगी।

आपका लंड आसानी से बाहर नहीं आएगा। करीब आधा इंच बाहर निकाल कर फिर धीरे धीरे अंदर करो। यह प्रक्रिया 3-4 बार करो। हर बार अंदर धीरे धीरे ही करना है। लड़की को पूछो कि उसे कैसा लग रहा है। अगर वो ठीक है तो अब करीब एक इंच तक अंदर बाहर करना शुरू करो। अभी भी धीरे धीरे ही !! फिर लड़की से पूछो उसका हाल कैसा है… अगर वो खुश है तो और ज़्यादा अंदर बाहर करना शुरू करो।
कोशिश करो कि लंड अंदर की रिंग मसल के बाहर नहीं निकल जाए। अगर उसके बाहर निकल जाएगा तो आपको फिर से धीरे धीरे अंदर डालना पड़ेगा और लड़की को भी मदद करनी होगी. (पर इस में आपको मज़ा भी बहुत आएगा) इस तरह धीरे धीरे आप ३-४ इंच अन्दर बाहर कर पाओगे।

अगर अब तक भी आपका क्लाइमॅक्स नहीं हुआ है और लड़की को भी तकलीफ़ नहीं हो रही है तो धीरे धीरे अपना स्ट्रोक बड़ा करते रहो, ध्यान रखो कि जेली सूख ना गयी हो। ज़रूरत हो तो और लगा लो और फिर से शुरू हो जाओ। एक समय आएगा जब लड़की पूरी तरह से रिलॅक्स हो जाएगी और आपका लंड बिना मुश्किल के पूरा अंदर बाहर होने लगेगा। लड़की को दर्द नहीं होगा और वो आपके साथ मज़ा लेने लगेगी। वो अपने आप अपनी गाण्ड को आगे पीछे करने लगेगी और चाहेगी कि यह चुदाई ख़तम ना हो…

जब आपका क्लाइमॅक्स हो जाए तो आराम से लंड बाहर निकाल लो और लड़की को अच्छी तरह से प्यार करो। उसने दर्द सहकर भी आपको इतनी खुशी दी है। अगर लड़की का क्लाइमॅक्स नहीं हुआ है तो उसकी चूत और भग को सहला कर उसको चरम सीमा तक ले जाओ। फिर एक दूसरे की बाहों में जितनी देर तक लेट सकते हो लेते रहो।

जब अगली बार उसी लड़की की गाण्ड मारनी हो तो यह ना समझना कि अब तो उसकी गाण्ड हमेशा के लिए तैयार हो गई है। जब तक 7-8 बार उसकी गाण्ड नहीं मार लोगे, आपको धीरज से ही काम लेना पड़ेगा। यह ज़रूर है कि पहली बार गाण्ड मारने के मुक़ाबले बाद के मारने में थोड़ा फ़र्क़ तो आ जाता है, पर इतना नहीं आता कि लड़की को तकलीफ़ ना हो।

अगर आप कुछ अरसे (1-2 महीने) के बाद दोबारा गाण्ड मारने लगते हो तो आपको पूरी सावधानी फिर से बरतनी पड़ेगी जो इस विधि में बताई गई है।

और अधिक आनंद देने के लिए लड़की अपनी मांसपेशियों के ज़रिए आप के लंड को जकड़ सकती है और ढील दे सकती है। इससे आपका लंड ज़्यादा देर तक तना रह सकता है और आपको मज़ा भी ज़्यादा आएगा। जब आपका लंड पूरी तरह अंदर हो तो लड़की को गाण्ड की मान्सपेशियाँ कसने और ढीला करने को बोलो और स्वर्ग प्राप्त करो। यह क्रिया चूत से भी हो सकती है पर गाण्ड की बात ही और है !!

गाण्ड मारने के फायदे

गाण्ड मारने के बहुत फायदे हैं:
1) दोनों को ज़्यादा मज़ा आता है क्योंकि गाण्ड चूत के मुक़ाबले ज़्यादा टाइट होती है और इसको ज़्यादातर लोग नहीं कर पाते हैं।
2) बच्चे होने का डर नहीं होता।
3) मासिक-धर्म के दौरान भी इसका मज़ा ले सकते हैं।

पता नहीं ज़्यादातर लड़कियाँ गाण्ड क्यों नहीं मरवाती ! ज़्यादातर लड़कियाँ इस सुख को भोग नहीं पाती हैं क्योंकि हम मर्द सही तरीका नहीं जानते और शुरू में ही उन्हें बहुत ज़्यादा दर्द का अहसास करा देते हैं। उन बेचारी लड़कियों को पता ही नहीं कि वो क्या खो रही हैं।

आशा है आपको मेरी विधि पसंद आई होगी। आप इस विधि का इस्तेमाल करो और बताओ कि आपको सफलता मिली या नहीं और लड़की को कैसा लगा। अगर कोई लड़की गाण्ड मरवाने को बिल्कुल राज़ी नहीं हो तो उसे यह विधि पढ़ने को बोलो। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर वो तुमसे प्यार करती है तो ज़रूर राज़ी हो जाएगी।

अगर आपको कोई और क्रिया की विधि सीखनी हो तो भी मुझे लिखो। Hindi Porn Stories

Antarvasna

दोस्तो सेक्स का अनुभव ऐसा Antarvasna होता है जो इंसान को पूरी जिंदगी याद रहता है और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था जो कि मैं आपको बता रहा हूँ।

बात तब की है जब मैं 18 साल का था, कक्षा 12 में पढ़ता था और मेरे इंस्टिट्यूट में एक सर और मैडम का अफेयर चल रहा था, मेरी कक्षा में सभी को उनके अफ़ेयर के बारे में पता था, सभी उनके मज़े लिया करते थे।
और एक दिन मेरी भी किस्मत का ताला खुल गया..

बात थी 12 जनवरी की, हमारे इंस्टिट्यूट का वार्षिक-उत्सव था, रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम होने थे.. मैंने भी 2 ड्रामों मे भाग लिया था इसलिए मुझे भी एक दिन पहले देर रात तक इंस्टिट्यूट में रुकना पड़ा। मैं और मेरा दोस्त नवीन शाम को खाना खाकर फिर से इंस्टिट्यूट आ गए थे और सर ने हमें कहा था कि शायद रात को यहीं रुकना पड़ सकता है इसलिए हम पूरी तैयारी के साथ आए थे और हाल में ही सभी के बिस्तर लगे थे।

सभी लगभग 10 बजे तक सो चुके थे पर हम दोनों दोस्तों को नींद नहीं आ रही थी, तो हम बाहर जा कर मैदान में घूमने लगे। तभी पास की लाइब्रेरी से कुछ आवाज़ आती हमें सुनाई दी और हम दोनों लाइब्रेरी की ओर चलने लगे। धीरे धीरे आवाज़ तेज होती गई, जो किसी लड़की की आवाज़ थी, वो दर्द से कसमसा रही थी।

लाइब्रेरी के पास पहुँचते ही हम सब समझ चुके थे कि मामला आख़िर क्या है ! लाइब्रेरी के अंदर वही सर जिनका नाम राकेश था, प्रिया नाम की 24 साल की मैडम के साथ काम-क्रिया में लिप्त थे.. सर मैडम के बोबे दबा रहे थे और मैडम मस्ती से सर का लंड मसल रही थी।

इसे देख कर मेरी हालत भी खराब होने लगी और मैं भी अपना लंड हाथ से हिलाने लगा। तभी नवीन ने कहा- प्रतीक कंट्रोल कर ! आज तो मैडम को चोदेंगे, बस तोड़ा सा इंतजार कर…

और फिर हम धीरे से लाइब्रेरी में घुस कर छिप गये। मैडम और सर ने अपने अपने कपड़े खोल लिए थे। तभी नवीन ने चुपके से मैडम के कपड़े छुपा लिए और मुझे बोला- अब देख मेरा कमाल ..

थोड़ी देर में सर मैडम को चोदने लगे और कुछ ही देर में सर झड़ गये और मैडम से ऊपर से उठ कर कपड़े पहनने लगे। तभी मैडम ने अपने कपड़े देखे, पर उन्हें नहीं मिले। वो इधर उधर कपड़े देखने लगी पर कपड़े तो हमारे पास थे ..

इतने में नवीन ने कहा- क्यों प्रिया ! कपड़े नही मिल रहे?

उसको देख कर मैडम एक दम सुन्न सी रह गई और अपने हाथों से अपने स्तन छिपाने लगी और कहने लगी- अरे नवीन मेरे कपड़े दो !

नवीन ने कहा- बहनचोद ! अभी तो तुझे हमसे चुदाना पड़ेगा..
वो रोने लगी- नही ऐसा नहीं होगा ! जल्दी से मेरे कपड़े दो !

इसी बीच सर वहाँ से खिसक कर चले गये..
नवीन ने कहा- मैडम कपड़े चाहिएँ तो एक बार चूत देनी पड़ेगी…

मरती क्या नहीं करती, उसने मजबूरी में अपने दोनों हाथ नीचे कर दिया और बोली- लो कर लो जो भी करना हो…

बस उसका ये बोलना हुआ और मैं और नवीन उस पर चढ़ गये और उसको तीन बार चोदा.. और वो करीब पाँच बार झड़ गई और फिर हम दोनों को किस करके बोली- मज़ा आ गया ! इतना मज़ा तो तुम्हारे राकेश सर से भी नहीं आया…

और फिर हम चुपचाप आकर हाल में सो गये..

अगले दिन कार्यक्रम था। उस रात भी हमने उसे होटेल में ले जाकर चोदा !

वो मैं आपको बाद में बताऊँगा और नवीन से भी आपको मिलवाउँगा।

तब तक के लिए इजाज़त दीजिए !
और हाँ मुझे मेल तो आप करेंगे ही ना !सूरज और राहुल को मेरे मकान में किरये पर रहते हुए करीब एक महीना हो चुका था। वो दोनों शाम के आठ बजे कमरे पर आ जाते थे, फिर बाहर नहीं निकलते थे। मेरे पति अधिकतर कुवैत में रहते थे। मेरी शादी को लगभग सात वर्ष हो चुके थे।

घर पर बस सास ससुर ही थे जो सामने के हिस्से में रहते थे। मैं पीछे के हिस्से में रहती थी, यहीं किचन भी था। साधारणतया वे रात को आठ बजे के बाद पीछे नहीं आते थे। खाना खाने के बाद वे दोनों टीवी देखते थे, फिर साढ़े नौ बजे तक वो दोनों सो जाया करते थे।

उस समय मेरे मन का शैतान जाग उठता था और कम्प्यूटर पर मैं अन्तर्वासना और अन्य सेक्सी चेनल देखती रहती थी। सूरज और राहुल का कमरा मेरे ड्रेसिंग-रूम से लगा हुआ था और उस कमरा का दरवाजा उनके कमरा में खुलता था।
किराये पर देने के बाद से उसे मैंने अपनी तरफ़ से बंद कर रखा था। ड्रेसिंग-रूम में मैं कम ही जाती थी। ऊपर का रोशनदान का कांच टूटा होने से उनके कमरे में से आवाजें मुझे स्पष्ट आती थी। पर मैंने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया।

आज मुझे राहुल और सूरज के कमरे में से टीवी में से कुछ सेक्सी आवाजें आ रही थी। मैं ऐसी आवाजें खूब पहचानती थी। ये ब्ल्यू फ़िल्म की चुदाई की आवाजें, सिसकारियाँ और इंगलिश डायलोग की आवाजें थी। मेरा ध्यान अब उस कमरे की तरफ़ था। मन में जिज्ञासा जाग उठी कि उस कमरे में क्या हो रहा है।

मैं ड्रेसिंग-रूम में गई और टेबल के ऊपर स्टूल रखा और उस पर चढ़ कर कमरे में झांकने लगी। सूरज और राहुल बैठे दारू पी रहे थे और एक तरफ़ टीवी में ब्ल्यू फ़िल्म चल रही थी। उनके पास पलंग नहीं था। उनके बिस्तर नीचे फ़र्श पर ही बिछे थे। मैं धीरे से नीचे उतर गई। मुझे ये अब मालूम हो गया था कि ये दोनों ब्ल्यू फ़िल्म के शौकीन है।

मेरा मन मचल उठा, मेरे मन में वासना हिलोरे मारने लगी। मैं उनके लण्ड की कल्पना करने लगी, उनका खड़ा हुआ लण्ड मुझे महसूस होने लगा था और अपनी चूत में घुसते हुए की कल्पना करने लगती थी। मेरा मन उनसे चुदाने को करने लगा और उन्हे पटाने की तरकीब सोचने लगी।

सीधी सी योजना मन में उठी कि इन से पहले दोस्ती बढाई जाये।

प्लान के मुताबिक सवेरे मैंने नाश्ता बनाया और और उनके कमरे के बाहर आकर उन्हें उठाया। सूरज ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर चौंक गया।

‘दीदी आप… ! गुड मोर्निंग !’
‘चाय नाश्ता लाई हूँ, चलो उठो और नाश्ता कर लो’ मैंने उन्हें मुस्करा कर कहा। कमरे में आ कर मैंने मेज़ पर चाय और नाश्ता रख दिया।
‘नाश्ता कर लो तो बरतन दे जाना।’ कह कर मैं बाहर आ गई।

धीरे धीरे मेरी उनसे दोस्ती अच्छी हो गई। अब मैं बेधड़क उनके कमरे में आने जाने लगी। सूरज और राहुल दोनों ही इस दोस्ती से खुश थे। दोनों ही मुझे दीदी की नजर से नहीं, वासना की नजर से देखते थे। मैं उनकी नजरें भांप गई थी। वे दोनों ही अक्सर मेरे स्तनों को घूरते रहते थे। मेरे गाऊन में से मेरे तने हुए स्तनो को झांक कर देखने की कोशिश करते थे। शायद ये सब उनके ब्ल्यू फ़िल्म देखने का असर था। मैं चाहती भी यही थी कि उनकी भावना मेरे लिये जागे और मेरी चुदाई हो जाये।

मैं तो चाह रही थी कि अभी चोद दें ! पर शुरुआत कैसे हो।

आज मैं उनके कमरे में शाम को चिकन करी बना कर ले गई। वो दोनों नहा धो कर दारू पीने की तैयारी कर रहे थे। शायद फिर वो ब्ल्यू फ़िल्म देखते। इसलिये मेरा आना उन्हे अच्छा नहीं लग रहा था।

‘देखो ! दारू पी लो तब चिकन करी खा लेना…समझे?’
चिकन करी का नाम सुनते ही वो दोनों खुश हो गये।
‘अपनी दीदी को दारू नहीं टेस्ट कराओगे’
‘अरे दीदी आओ ना, सॉरी ! हमने पूछा नही, आओ बैठ जाओ’

मैं मुस्करा कर चली आई। मेरे दिल में आज हलचल थी। मन मचलने लगा था। मन मैला हो रहा था। चुदने की जबरदस्त इच्छा हो रही थी। कमरा उन्होंने बंद कर लिया और फिर ब्ल्यू फ़िल्म की आवाजें आने लगी थी। पर मुझे लगा राहुल और सूरज की आवाजें भी आ रही थी। ये दोनों क्या कर रहे होंगे। उत्सुकता के मारे कमरे में आकर मैंने फिर से मेज़ पर स्टूल लगाया और ऊपर चढ़ गई। अन्दर जो मैंने देखा तो मेरा मन डोल उठा।

सूरज और राहुल दोनों नंगे थे, उनके बलिष्ठ चिकने शरीर लाईट में चमक रहे थे। राहुल की गाण्ड चिकनाई से चमक रही थी और सूरज का लण्ड उसकी गाण्ड चोद रहा था। मेरे मुख से आह निकल गई, मैंने अपनी चूत दबा ली और उनकी लीला देखती रही। उनका कार्यक्रम समाप्त हुआ, तो मैं नीचे उतर गई और अपने कमरे में आ गई।

मेरी सांस उखड़ रही थी, दिल की धड़कन तेज हो गई थी, पसीना बह निकला था। मैंने जल्दी से लम्बा बैंगन उठाया और गाऊन ऊपर करके चूत पर घिसने लगी। कुछ ही देर में मैं झड गई। मैं बैचेन दिल से बिस्तर पर करवट बदलने लगी। रात को जाने कब नीन्द आ गई।

सुबह मैंने उन्हे नाश्ता दिया और प्लान के मुताबिक मैंने उनसे कहा,’आज मेरा जन्म दिन है, शाम का खाना मत बनाना, ये ड्रेसिंग-रूम वाला दरवाजा खोल देना’

‘दीदी आपको जन्म-दिन की बधाई … क्या खिला रही हो?’
‘तुम मिठाई तो खाओगे नही, इसलिये मेरे पास तुम्हारे लिये एक अच्छी दारु है, ठीक है ना?’
‘थेंक यू दीदी, मजा आ जायेगा’ राहुल ने जोश में मेरा गाल चूम लिया और फिर झेंप गया।
‘सॉरी दीदी !’

‘सॉरी क्यूँ, मेरे जन्म-दिन का चुम्मा तो देना ही है ना, आओ मुझे चुम्मा दो फिर से !’ मैंने मौका गंवाना उचित नहीं समझा।

राहुल ने फिर से मेरे गाल पर चुम्मा लिया। सूरज ने भी मेरे गाल पर चुम्मा दिया, पर उसने हल्की सी जीभ भी गाल से छुला दी। मैंने उसे देखा तो वो शरारत से हंस पड़ा।

‘अच्छा ! ! शरारत की… मारुंगी हांऽऽऽऽ !’ मैं मुस्कराती हुई वापस आ गई। दिल में एक आस जगी।

शाम को मैंने बड़े चाव से चिकन पुलाव और चिकन बनाया और उसे मैंने अपने ड्रेसिंग-रूम में रख दिया और दरवाजा खोला और उनके कमरे में आ गई। वो दोनों नहा धो कर पजामा पहन कर गिलास लगा कर बैठे थे। मैंने उन्हें बढ़िया शराब की बोतल दी और उनके साथ दीवार से लग कर बैठ गई। दोनों ने गिलास भरा और सोडा डाला और मुझे चियर्स किया। उनके जाम चालू हो गये।

‘दीदी, एक पेग तो ले लो, अच्छा लगेगा !’

‘अरे एक से क्या होगा, मौका आने दो, फिर खूब पेग लूंगी।’ मैं उनके सामने ही बिस्तर पर उल्टी लेट गई और कोहनी के बल सामने से शरीर उठा कर बाते करने लगी। मेरे झूलते हुए दोनों बोबे गाऊन में से उन्हें स्पष्ट नजर आने लगे थे। उनकी नजरे वही जमी थी। मेरा ये पोज सफ़ल रहा।
अचानक सूरज ने कहा- दीदी जन्म-दिन का किस तो किया ही नहीं। मैं अब सब समझ रही थी, उन्हें अब मुझसे खेलना था। मेरे झूलते बोबे देख कर उनका मन भी डोल उठा था। मैं भी इसके लिये तैयार थी कि कोई शुरुआत तो करे।

‘अरे हाँ रे… चलो पहले कौन करेगा?’ मेरे कहते ही राहुल लपक कर उठा।

‘दीदी, पहले मैं करूंगा’ मुझे लेटे ही लेटे उसने झुक कर किस कर लिया, उसका एक हाथ मेरे चूतड़ो पर से सहलाता हुआ पीठ पर आ गया और साथ में बधाई दी। मेरे शरीर में बिजलिया तड़क उठी। अब सूरज की बारी थी। आशा के अनुरूप उसने मेरे गाल पर किस किया पर मेरे झूलते हुए बोबे को भी एक उंगली से दबा दिया।

मेरा शरीर झनझना उठा। मैंने ऐसा जताया कि जैसे कुछ हुआ ही नही। पर दिल ने दिल का इशारा समझ लिया। मुझे लगा कि जल्दी ही खेल की शुरुआत होने वाली है। सूरज मेरे पास ही बैठ गया। तभी बिजली चली गई, कमरे में एकदम से अंधेरा हो गया। सूरज ने इसका तुरन्त फ़ायदा उठाया, और खेल शुरू हो गया।

‘दीदी, एक किस और ले लू, प्लीज़’

उसने मुझे हां या ना कहने का मौका दिये बिना मेरे गाल पर अंधेरे में किस कर दिया। उसके हाथ मेरे बोबे पर आ गये और दोनों हाथ मेरी चूंचियो पर कस गये। और दूसरे ही पल में वो मेरी पीठ पर सवार हो गया। मेरे बोबे उसके हाथ में थे, मेरे गाऊन के ऊपर से उसका लण्ड मेरे चूतड़ो पर गड़ने लगा। हाय रे, इतना कड़क लण्ड, लगा कि गया चूतड़ के अन्दर… पर नखरे तो करना था ना…

‘अरे सूरज, ये क्या, चल छोड़ मुझे…’

तभी मुझे लगा राहुल ने मेरे दोनों पांव पकड़ लिये और मेरा गाऊन उठा दिया। सूरज का पजामा राहुल ने खींच दिया। मेरी गाण्ड नीचे से नंगी हो चुकी थी और सूरज का लण्ड भी बाहर आ चुका था। मेरे मन के सितार बज उठे। मेरे बिना जतन के दोनों तैयार थे। मैं बस चुदने ही वाली थी।

‘क्या कर हो ये, मैं मर जाऊंगी देख सूरज, ना कर…हाय रे।’ सूरज ने मुझे धक्का दे कर चित लेटा दिया और मेरे गाऊन को ऊपर से खींच डाला।

तभी लाईट आ गई। पर बाज़ी सूरज के कब्जे में थी। राहुल ने मेरे पांव खींच कर चोड़ा दिये जबकि सूरज का लण्ड निशाने पर आ चुका था। मेरे पांव चौड़ाते ही मेरी चूत खुल गई और सूरज ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा डाला। मुझे बहुत आनन्द आया पर उन्हे दिखाने के लिये मैं हल्की सी चीख उठी,’हाय रे ! मुझे मार डाला… सूरज प्लीज़ छोड़ दे, देख मैं तेरी दीदी हूँ !’ उसका मस्त लण्ड गहराई में उतरता जा रहा था।

‘दीदी प्लीज़, मुझसे रहा नहीं जा रहा है, करने दो ना।’
‘देख मैं चिल्लाऊंगी… राहुल इसे हटा दे।’
‘दीदी, प्लीज, देखो आपका जन्म-दिन है, आप भी मजा लो, हमें भी मजा लेने दो’

‘हां दीदी, देखो ना, हम दोनों आपका नाम लेकर कितना मुठ मारते है… दीदी मान जाओ ना’ राहुल ने भी अपने मन की कह दी।

‘दीदी मेरा लण्ड कितना फ़ड़क रहा है, चुदा लो ना’ लण्ड पूर जड़ तक बैठ चुका था। सूरज ने विनती की और अपना होंठ मेरे मुख से सटा दिया। मैं मदहोश होती जा रही थी। कब तक मैं नाटक करती, मुझे भी तो चुदाई का मजा भरपूर मजा लेना था। दोनों ही मुझे चोदने के लिये उतावले हो रहे थे। वास्तव में मेरी हालत तो और भी अधिक खराब हो रही थी। बस चुदने का मन कर रहा था।

मैंने सूरज से अपने होंठ अलग किये और राहुल से कहा,’राहुल मेरे पांव छोड़ दे प्लीज़, मैं कुछ नहीं करूंगी’ राहुल ने मेरे पांव छोड़ दिये। मैंने अपनी टांगे उपर उठा ली और चूत को पूरी खोल दी। उसका लण्ड आराम से पूरा ही चूत में उतर गया।

मेरे मुख से चीख निकल पड़ी,’हाय सूरज, चल चोद दे मुझे, पूरा चोद दे मेरे राजा।’ मैंने भी उसे भींच लिया। चुदाई की मिठास का पूरा सुख उठाने लगी।

‘दीदी आपकी चूत से खून निकल रहा है, सूरज मत कर यार, देख दीदी को तकलीफ़ हो रही है।’

‘राहुल चुप रह, सूरज चोद यार…ये तो महीनो बाद चुदाई का असर है, फिर इसका लण्ड भी तो मोटा और लम्बा है, चोदने दे’ मैंने राहुल को समझाया, मैं मजा छोड़ना नहीं चाहती थी। सूरज के शरीर में अचानक बिजलियाँ भर गई और तरावट आने लगी। लण्ड कस कर चूत पर ठोकर मारने लगा।

मेरे बदन में आग सी उतरने लगी। सारा खून लगा कि चूत में बह रहा है, तेज मिठास चूत में भर गई और …और… मेरा पानी छूट पड़ा। मेरे मुख से एक चीख सी निकल गई। मैंने बहुत महीनो बाद चुदाया था सो बहुत अधिक उत्तेजित होने से मैं जल्दी झड़ गई।

‘हाय रे सूरज, मुझे सम्भाल, मैं तो अह्ह्… गई, सूरजऽऽऽ’ मैं झड़ने लगी। सूरज ने भी लगा कि बहुत रोकने की कोशिश कर रहा था पर रूक नहीं पा रहा था। उसने भी शायद किसी लड़की को पहली बार चोदा था, सो वो अधिक उत्तेजना के कारण झड़ने वाला था।’मै मर गया दीदी, भोसड़ी की, हाय माँ चुद गई मेरी तो…दीदीऽऽ !’ सूरज भी झड़ने को था, उसके मुँह से उत्तेजना भरी गालियाँ निकलने लगी

‘सूरज बस, हो जा रे अब, निकाल दे तू…।’

‘इस लण्ड की मा चोदू, ये भी गया… तेरी चूत मस्त है रे… दीदी… हाय रे…।’ उसका वीर्य छुट पड़ा।

‘आहऽऽ मा की भोसड़ी… निकल गया रे’ लगभग चीखता सा पिचकारी छोड़ने लगा। राहुल ने उसका लण्ड बाहर खींच लिया था और उसका माल मसल मसल कर बाहर निकलने लगा। कुछ ही देर हम दोनों निढाल पड़े थे। सूरज उठ कर बैठ गया। मैं पांव पसारे लेटी रही। इतने में राहुल मेरे ऊपर चढ गया। और लण्ड का जोर मेरी चूत पर लगाने लगा।

‘राहुल ठहर जा रे, अपनी दीदी का कचूमर ही निकाल दोगे क्या… रुक के करना… मैं कही भाग थोड़ी रही हूँ।’ मैंने गहरी सांसे भरते हुए कहा।

राहुल धीरे से मेरे ऊपर से हट गया। मैं उठ गई और दीवार के सहारे टिक कर बैठ गई।

‘सूरज तुम बहुत बुरे हो, मुझसे पूछ तो लिया होता…अच्छे से चुदवाती तो मजा आता ना !’
‘दीदी मुझे माफ़ कर देना, तुम्हारे झूलते हुए बोबे देख कर मेरा मन डोल गया था…प्लीज़ माफ़ कर दो ना !’

मैने सूरज को गले लगा लिया, राहुल भी मेरे से लिपट गया।

‘अब मेरे लिये भी एक जाम बनाओ, सूरज…’ सहिल खुश हो गया। उसने मेरे लिये पेप्सी में एक जाम बनाया, हम तीनों ने जाम पूरा पी लिया।

‘अब तुम दोनों मेरे पास लेट जाओ, मुझे भी तुम्हारा चोदन करना है।’ दोनों ही हंस पड़े। मेरे दायें-बायें दोनों ही चित लेट गये। मैंने दोनों का लण्ड हाथ में लिया और धीरे धीरे सहलाना चालू कर दिया। दोनों के मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी। दोनों लण्डो की चमड़ी ऊपर निकाल दी और टोपे बाहर निकाल दिये। दोनों के लाल सुपाड़े चमक उठे। मैं एक एक करके उन्हें मुँह में भर कर चूसने लगी। कभी राहुल का लण्ड चूसती और कभी सूरज का।

मेरे दिल की इच्छा पूरी जो करनी थी। मेरे नसीब में दो दो लण्ड का मजा लिखा था। मैं हमेशा ये सोचती थी कि हाय कभी ऐसा दिन आयेगा कि नहीं जब मेरी चूत और गाण्ड एक साथ दो लण्ड चोदेंगे, और मुझे चोद चोद कर निहाल कर देंगे। दो लण्डो को एक साथ चूसने का मौका मिलेगा कि नहीं। हाय रे… आज तो मेरे दिल की इच्छा पूरी होने जा रही थी। उनके लण्ड फ़ुफ़कार उठे। सुपाड़े की रिन्ग को कस कर चूसे जा रही थी।

‘अब दोनों अपनी टांगे ऊंची कर लो…’ वासना में दोनों तडप उठे थे, उन्होंने अपनी टांगे ऊपर कर ली। उनके गाण्ड का फूल खिल उठा, और दरारो में से झांकने लगा। मैंने प्यार से वहा पड़ा देसी घी उंगली में लगाया और उनके फूल पर लगा दिया। फ़ूल स्पर्श पा कर अन्दर बाहर होने लगा, लपलपाने लगा। मेरी उंगली उनके गाण्ड के फूल में घी लगा कर चिकना कर रही थी। फिर मैंने दोनों हाथों की एक एक उंगली उनके फ़ूल में दबा दी और अन्दर सरका दी। और धीरे से अपनी पूरी उंगली अन्दर घुसा दी।

मेरी उत्तेजना बहुत बढ गई थी। चूत से एक बार फिर गीली हो कर पानी से तर हो गई थी। उन दोनों को इस काम में पूरा मजा आ रहा था, क्योकि वो दोनों गाण्ड मराने में माहिर थे। मेरे से अब रहा नहीं गया मैंने रोहल को सीधा किया और उस पर लेट गई।

‘राहुल मजा आया ना, अब मुझे चोद दे…और मजा करेंगे !’

मेरी गीली चूत पर उसका लण्ड दबा हुआ था। मैंने ऊपर से उस पर जोर लगाया और फ़क से लण्ड चूत में उतर गया। मैं ऊपर से ही अपने दोनों पांव खोल कर उसके लण्ड को अपनी चूत में समा लिया। इतने में सूरज ने भी मेरी पोजिशन देखी तो वो मेरे पीछे आ खड़ा हुआ और मेरी गोलाईयो को चीर कर मेरी गाण्ड को खोल दिया। मेरा फ़ूल मुस्करा उठा।

उसने घी अपनी उंगली में लगा कर मेरी गाण्ड में भर दिया। उसका लन्ड अब मेरी गाण्ड में घुसने कि कोशिश करने लगा। मुझे ये सोच कर ही मदहोशी छाने लगी कि मेरी गाण्ड और चूत को एक साथ लण्ड मिल रहा है। यही तो मेरी दिली तमन्ना थी। उसका लण्ड मेरी गाण्ड में घुस पड़ा।

‘राहुल, इस सूरज ने तो मेरी गाण्ड में लण्ड घुसा डाला !’
‘दीदी, मस्त हो जाओ, दोनों तरफ़ से मजे लूटो, सूरज मेरी गाण्ड भी बहुत अच्छी मारता है।’
‘हाय रे राहुल… मेरी किस्मत कितनी अच्छी है, चोद दो आज मुझे, मुझे स्वर्ग में पहुंचा दो’…।
‘दीदी, अब तो आज से रोज ही तुम्हें ऐसे ही चोदेंगे…तुम्हारी चूत की मा चोद देंगे, तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना देंगे’

‘चुप सूरज, ना बोल ऐसे, वरना ऐसे तो मेरा तो रस निकल जायेगा… चल मेरी भोसड़ी चोद दे…लगा लौड़ा जोरदार !’ मैं भी बहक उठी उसकी भाषा सुन कर, गाण्ड की जड़ तक लण्ड घुस पड़ा था। मुझे दर्द होने लगा। पर राहुल के लण्ड का मजा दुगना था। चूत भी लप लप कर रही थी और रस से भर चुकी थी। सूरज के धक्के ऐसे जोरदार थे कि उसके धक्को का सहारा मेरी चूत को भी मिल रहा था और वही धक्का राहुल के लण्ड पर जा रहा था। हम तीनों एक जिस्म होने की कोशिश कर रहे थे।

मुझे लग रहा था हाय राम… एक औरत को दो मर्दो से शादी करनी चाहिये। आखिर ऊपर वाले ने दो छेद भी तो दिये है दो लण्ड घुसाने को। अब हम तीनों बिस्तर पर करवट से लेट गये थे और मैंने अपना पांव राहुल की कमर पर डाल दिया था। अब मेरी चूत और मेरी ग़ाण्ड पूरे स्वतन्त्र थे।

सूरज भी फ़्री हो कर मेरी गाण्ड में लण्ड पेल रहा था और राहुल भी अब तेजी पर था। मेरे बोबे दोनों मिल कर खींच रहे थे, निचोड़ रहे थे। निपल को खींच खींच कर मजा दे रहे थे, दर्द भी निपल में हो रहा था पर मजा भी तो असीम आ रहा था।दोनों ने मुझे जबर्दस्त भींच रखा था। लण्ड फ़चाफ़च चल रहे थे।

मेरे पूरे जिस्म में मिठास भर चुकी थी। खुशी सम्हाले नहीं सम्हल रही थी। मेरा मुख को चाटते हुए पूरा थूक से भर दिया था और जीभ लपक लपक कर मेरा सुन्दर चेहरा चाटे जा रही थी। मैं आंखे बंद किये स्वर्ग जैसी अनुभूति प्राप्त कर रही थी। अचानक मेरा जिस्म इतनी खुशी झेल ना सका और बदन कसमसा गया।

‘हाय राहुल, बस अब नही, मेरी तो माँ चुद गई… गई रे… आह्ह्ह्ह’ और मेरा सारा आनन्द चूत में से पानी बन कर बाहर उछल पड़ा। दोनों के लण्ड तेजी पर थे, मस्त चोद रहे थे, मैं झड़ती जा रही थी। मैं राहुल से लिपट पड़ी। इतने में सूरज ने मेरी गाण्ड पर वीर्य की बौछार कर दी। मैं आनन्दित हो उठी।

तभी राहुल भी छूट पड़ा। मेरा निचला तन दोनों ओर से भीग उठा। दोनों के शरीर के वीर्य निकलते हुए, लण्ड के झटके बड़ा ही आनन्द दे रहे थे। दो मर्दों की चुदाई में इतना आनन्द आता है ये तो मुझे सपने में भी अहसास नहीं हुआ था। शराब का नशा, चुदाई का नशा, दो जवान जिस्मों का आनन्द, मुझे दो जन्मो का आनन्द दे गया।

हम धीरे से उठे और बाथ कमरा में चले आये। रोहल और सूरज ने दोनों ने मुझे प्यार से साफ़ किया, पानी डाल कर मेरी चूत और गाण्ड की सफ़ाई की। फिर दोनों ने मुझे लिपटा कर खूब प्यार किया। दोनों मुझे बैठा कर प्यार से मेरे मुख में खाना डाल कर खाना खिलाया। हम फिर से तरोताजा हो गये।

‘अब गुडनाईट, कल मिलेंगे…!’

‘दीदी रुक जाओ ना, देखो पूरी रात पड़ी है, मजे करेंगे।’

‘नही, बस अब नही, मुझे तुम दोनों ने इतनी खुशी दी है कि मैं भूल नहीं सकती हू। फिर आज तो पहला दिन है कल भी है, परसों भी…’ पर मुझे उन्होंने बोलने का मौका ही नहीं दिया। मुझे प्यार से उठा कर एक बार फिर बिस्तर पर लेटा दिया। फिर से वो दोनों मुझसे चिपक गये, पर इस बार राहुल मेरी गाण्ड से चिपका था और उसका लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा जा रहा था।
सूरज ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा डाला… एक बार फिर से कमरा आनन्द की सिसकारियो से गूंज उठा। मैं फ़िर से स्वर्ग का सा आनन्द उठाने लगी… Antarvasna

Antarvasna

हाय मेरा नाम राकेश है।मेरी वर्तमान Antarvasna उम्र ३५ साल है। मैं अपनी किशोरावस्था से बहुत ही सेक्सी रहा हूँ। मैं अभी इंदौर मैं रहता हूँ। मैंने आज तक करीब ५० से ऊपर लड़की और आंटी के मजे लिए हैं और उनकी चूत को अपने लंड के दर्शन कराये हैं।

मेरे साथ घटी एक घटना आपको बता रहा हूँ, कहानी सच्ची है पर पात्रों के नाम बदल कर आपके सामने पेश कर रहा हूँ।

ये उस समय की बात है जब मेरी शादी नहीं हुई थी और मेरी उम्र २७ साल थी।

एक दोस्त के माध्यम से एक मुस्लिम परिवार में आना जाना था। पाँच लोगों का परिवार था वो। पति सलीम ट्रक ड्राईवर जो ज्यादातर घर से बाहर ही रहता था जिसको मैंने कभी घर पर नहीं देखा और न ही उसकी शकल जानता हूँ। पत्नी शबनम, थोड़ा सांवला रंग पर कसा हुआ बदन ३४-२८-३६ उम्र उस समय ३६-३७, बड़ी लड़की शमीम उमर १८, रंग साफ़ ३०-२८-३४ दिखने में साधारण उससे छोटी बानो, और सबसे छोटा लड़का उम्र १० साल मैं एक बार उनके घर गया तो शबनम ने कहा कि घर मैं तंगी है इसलिए शमीम को कहीं नौकरी लग जाए तो अच्छा रहेगा। मैंने मेरे ऑफिस में उसको नौकरी पर रख लिया। मैं उस वक्त तक उनके बारे में कुछ भी ग़लत नहीं सोचता था।

करीब एक महीने तक उसने मेरे यहाँ काम किया उसके बाद २-३ दिन वो आई नहीं, मैंने भी ध्यान नहीं दिया, एक दिन मैं मार्केट मैं था तो मुझे शमीम जाती हुई दिखी। मैंने बाईक उसकी तरफ़ मोड़ी और उससे पूछा कि क्या बात है तुम ऑफिस नहीं आ रही हो?

तो उसने बोला कि तबियत ठीक नहीं थी, और अभी आप मुझे घर छोड़ दो।

मैंने उसे बाइक पे बिठा लिया, इससे पहले मैंने कभी उसे बाइक पर नहीं बिठाया था। उसके बैठते ही उसके मम्मे मेरी पीठ पर गडे। मेरा लंड खड़ा हो गया।उसका घर दूर था हम बात करते हुए चल रहे थे, रास्ते में सिनेमा हॉल आया तो मैंने उसे पूछा कि पिक्चर देखनी है ?

उसने हाँ कर दी। मेरा लंड तो खड़ा हो ही गया था सो उसे ठंडा करना जरूरी भी था। सिनेमा हॉल में मुश्किल से ३० लोग भी नहीं थे। हमने कोने की सीट पकड़ी और बैठ गए। पिक्चर चल रही थी कि मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया उसने कोई विरोध नहीं किया। मैंने सिग्नल ग्रीन समझ कर धीरे से उसके मम्मों पर हाथ रख दिया उसने उसका भी कोई प्रतिवाद नहीं किया। मेरी हिम्मत बढ़ गई, इधर पैंट में लंड कड़क होने लगा था।

मैंने धीरे -२ उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए उसे भी अच्छा लग रहा था। धीरे से मैं अपने हाथ उसके कुरते के अन्दर ले जाकर उसकी ब्रा के ऊपर और अन्दर से उसके निप्पल और गोलाई के मजे लेने लगा। पर दोस्तों ! मजा अभी भी अधूरा था।

तो मैंने धीरे से उसकी सलवार में हाथ डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ चलाने लगा। अब उसको भी मजा आने लगा था पर वो शायद पहल करने में अभी भी शरमा रही थी। मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड जो अब तक काफी तगड़ा हो चुका था बाहर निकल लिया

और उसका हाथ पकड़ कर मैंने अपने लंड पर रख दिया, वो शायद इसका ही इंतजार कर रही थी।

इधर मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा। वो भी मेरे लंड को अपने कोमल हाथ से सहला रही थी। मैं कभी उसके दूध दबाऊं और कभी उसकी चूत में उंगली डालूँ।

दोस्तों मुझे बिल्कुल भी अपनी तकदीर पर विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसे अकस्मात मुझे उस लड़की का सब कुछ मिल जाएगा जिसे मैंने कभी इस नज़र से देखा ही नहीं।

इधर उसके हाथ मेरे लंड पर कसावट के साथ चलते जा रहे थे और दूसरे हाथ से उसने मेरा हाथ जो उसकी चूत में था उसको पकड़ लिया और मेरे हाथ को वो अपनी चूत में तेज़ी से अन्दर बाहर करने लगी। उसकी चूत ने थोडी देर में ही पानी छोड़ दिया जिसे उसने अपने रुमाल से पोंछ लिया। अब उसकी बारी थी मैंने उसे मेरा लंड मुंह में लेने के लिए बोला तो उसने ना कर दिया। फिर वो मेरी तरफ़ इस तरीके से मुड़ गई कि मैं उसके दूध पी सकूं मैंने उसके दूध पीने शुरू कर दिए, इधर उसने मेरे लंड पर अपना हाथ और तेज़ कर दिया जिससे मेरा पानी निकल जाए पर कमबख्त पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था।

फिर मैंने उसकी सलवार उतार कर घुटने तक कर दी और पैंटी नीचे खिसका कर उसे इस तरह से बिठाया कि उसकी चूत मेरे लंड के ऊपर आ जाए। मैंने उसे इस पोसिशन में बिठाकर नीचे से धक्के देने शुरू कर दिए मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक गया था, वो भी मेरे लंड के मज़े लेने लगी इधर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे दबाना और मसलना जारी रखा। करीब तीन मिनट की उछल कूद के बाद उसने अपनी गांड मेरे लंड पर दबा ली और मेरी जाँघों पर अपने हाथ कस लिए। मैं समझ गया कि ये अब जाने वाली है, मैंने भी अपना लंड उसकी चूत में गहराई तक डाल कर उसके मम्मे दबाते हुए अपना पानी निकाल दिया।

उसके बाद हमने अपने-२ रूमाल से अपने लंड और चूत साफ़ किए और सामान्य होकर बैठ गए। उसने बोला कि अब आप मेरे को घर छोड़ दो क्योंकि घर पर मेरा इंतज़ार हो रहा होगा। उसने मुझे ये भी बोला कि घर पर मत बताना कि हम पिक्चर गए थे। दोस्तों मुझे चुदाई का शुरू से ही बहुत शौक रहा है। अभी मैं चाहता हूँ कि नई चूत चोदने के लिए मिले ! अगली बार आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने शबनम और उसकी बेटी की एक ही पलंग पर रात भर चुदाई की। मेरी अगली कहानी का इंतज़ार करें ! Antarvasna

Antarvasna

हेल्लो दोस्तों! मेरा नाम सोना है। मैं पंजाब में Antarvasna रहती हूँ। मैं काफी लंबे समय से अपनी बात, अपना अनुभव आपसे बाँटना चाहती थी। अब मैं शादीशुदा हूँ, पिछले महीने मेरी शादी हुई। लेकिन ये अनुभव जो आपके साथ बाँटना चाहती हूँ ये शादी से कुछ महीने पहले का है। दोस्तो, मुझे सेक्स के बारे में पता तो था पर यह नहीं पता था कि लड़कियां आपस में भी सेक्स को एन्जॉय कर सकती हैं।

मेरी एक खास सहेली जिसका नाम काजल है, मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी। हम अक्सर इकट्ठे पढ़ाई किया करते। और अगर वो मेरे घर ज्यादा देर तक रूकती तो मैं उसे रात को वापिस नहीं जाने देती थी। मेरा कमरा अलग है। और हम दोनों साथ सो जाया करते।

दोस्तो, एक रात हम यूँ ही देर रात तक पढाई करते रहे। पापा ने मुझे खाना बनाने को कहा। पर मैं अपने नोट्स समय पर बना लेना चाहती थी तो मैंने पापा को मना कर दिया। पापा ने मुझे अपने पास बुलाया और खूब बुरा भला कहा। माँ ने भी पापा का पक्ष लिया। इस बात से मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं रोते रोते अपने कमरे में आ गई। मुझे बहुत बुरा लगा था। काजल ने मुझे बहुत समझाया पर मैं रोते रोते सो गई। कुछ देर बाद काजल भी सो गई। बत्ती बंद थी सिर्फ़ डिम लाइट बल्ब जल रहा था।

करीब आधे घंटे के बाद अचानक मेरी आंख खुली। मैंने देखा काजल मेरे पास सो रही थी। पर इतनी पास?? उफ़!! उसका चेहरा मेरे चेहरे से मुश्किल से एक या दो इंच दूर होगा। पता नहीं क्यूँ पर एक अजीब सी सिहरन से मेरी सांसें भारी हो गई। उसके गुलाबी होंठ मेरे होंठों से सिर्फ़ एक या दो इंच दूर थे। शायद एक उतेजना मेरे शरीर में भर रही थी। पता नहीं क्यूँ मेरा सारा ध्यान उसके गुलाबी होंठों पर हो गया और में लगातार उन्हें देखे जा रही थी।

अचानक मेरे हाथ उसके होंठों को सहलाने लगे। अजीब सी उतेजना से मेरा जिस्म कांप रहा था। और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। अचानक मेरा ध्यान काजल की आँखों की तरफ़ गया। उफ़!! वो मुझे देख रही थी। मैं उसके होंठों को सहलाने में इतनी व्यस्त थी कि वो कब जाग गई पता नहीं चला। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में झाँक रही थी। शायद काजल भी उसी उत्तेजना को महसूस कर रही थी जो आग मेरे बदन को जला रही थी। मेरे जिस्म से एक अजीब से भीनी भीनी महक उठ रही थी। और उत्तेजना से मुझे अपने नीचे कुछ गीलापन लग रहा था। मेरे होंठ कांप रहे थे।

और अचानक जाने क्या हुआ। काजल ने मेरे होंठों को ऊपर से चूम लिया। और मैं अपने आप को रोक न पाई और काजल के सुंदर गोरे चेहरे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके होंठों में अपने होंठ डाल दिए। हाय!! क्या अजीब स्वाद था उसके गुलाबी होंठों का।मैं जैसे पागल हो गई और उसके होंठों में अपने होंठ डाल कर नशे में खो गई। उसके होंठों को चूसते हुए मुझे महसूस हो रहा था जैसे एक आग मेरे जिस्म में भर रही हो।

अचानक उसने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी। मैं धीरे धीरे उसे चूसने लगी। करीब पॉँच मिनट तक चूसने के बाद मेरी हालत क्या हो गई थी मैं बता नहीं सकती पर उस समय सब कुछ अच्छा लग रहा था। हम दोनों को आँखों में एक नशा सा भर गया था।

अब काजल ने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए। मेरा सूट उतार देने के बाद वो मेरी अंगवस्त्र उतार रही थी, मुझे शर्म भी आ रही थी पर एक अजीब सा नशा हो चुका था। उसके बाद उसके अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं इतनी ज्यादा गीली थी शायद उससे बेड की चादर भी ख़राब हो रही थी।

और अब काजल ने फिर से मेरी होंठों को चुसना शुरू किया। मेरी ऊपर लेट कर मेरी नंगे जिस्म से अपना जिस्म रगड़ कर मुझे पागल कर रही थी। उसके नितंब मेरी नितम्बों से रगड़ कर मुझे पागल कर रहे थे। काजल ने अपनी जीभ पर थोड़ा थूक रख कर मेरी होंठों पर लगाया फिर मेरी होंठों को चूसा। फिर थोड़ा थूक अपनी जीभ पर रख कर मेरी मुंह में अपनी जीभ डाल दी। मुझे कुछ अजीब लगा पर उसके थूक का स्वाद मुझे अच्छा लगा और मैं सारा चूस गई।

उसके बाद उसके मेरी नितंब अपने गर्म होंठों में ले कर चूसना शुरू किया। और उसके हाथ नीचे की तरफ़ जाने लगे। मेरी जिस्म में एक चिंगारी सी भर रही थी। और अब वो मेरी गीली चूत तक पहुँच चुकी थी। उसके मेरी गुलाबी चूत को अपने हाथ से मसलना शुरू किया। मैं जैसे इस दुनिया में नहीं थी।

उसने एकदम अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी। शायद ज्यादा गीली होने की वजह से दोनों उँगलियाँ अपना रास्ता बनते हुए अन्दर चली गई। मैं जैसे आसमान में थी। मेरा नशा बढ़ रहा था। काजल ने अब अपनी उँगलियाँ अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी थी। मुझे मजा आ रहा था और मैं एक लय में उसका साथ देने लगी। सच उस वक्त काजल से चुदवाने में मजा आ रहा था। एक तरफ़ काजल मुझे अपनी उँगलियों से चोद रही थी तो दूसरी तरफ़ मैं उसकी जीभ को चूस रही थी। वो बार बार उँगलियों को निकालती और कभी मेरे और कभी अपने मुंह में दे देती। मुझे अपनी चूत का स्वाद अच्छा लग रहा था।

तभी उसने मुझे उल्टा कर दिया और वो गीली उँगलियाँ मेरे पीछे डाल दी। एकदम से डालने पर मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ पर मैं हर मजा लेना चाहती थी। कुछ देर अन्दर बाहर करने के बाद अब अच्छा लगने लगा। अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था। काजल मुझे पागल कर रही थी। कुछ देर के बाद काजल ने अपनी चूत मेरे मुंह की तरफ़ कर दी और अपना मुंह मेरी चूत की तरफ़, यानि ६९ की पोसीशन में आ गई। उसकी चूत से एक अजीब सी महक आ रही थी। उफ़!! वो भी गीली थी, बुरी तरह से।

अचानक मैंने काजल की गरम जीभ अपने अन्दर महसूस की। और पता नहीं कब मैं भी उसकी चूत को चाटने लगी। शायद मैं वो सारा रस चाट लेना चाहती थी जो उसके अन्दर से निकल रहा था। काजल कभी मेरी चूत चाट रही थी कभी मेरे पीछे अपनी जीभ डाल रही थी। मैंने भी पागलों की तरंह उसकी चूत में अपनी जीभ डाल अन्दर बाहर करने लगी। अचानक मुझे लगा कुछ निकलने वाला है। और आह … आह! मेरे अन्दर से पानी निकला आह आह काजल चूस ले चाट दे मेरी चूत चाट जोर जोर से चाट आह आह! पता नहीं क्या क्या बकने लगी मैं। और पानी की तेज धारा के बाद मेरा पूरा जिस्म कांपा और शांत हो गया। उसके बाद मैंने काजल की चूत को चाट कर उसे भी शांत किया।

हम कुछ देर ऐसे ही लेटी रही। उसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और एक जोरदार किस करने के बाद सो गयी। मेरे मन में अजीब सी खुशी थी। दोस्तो, उसके बाद हमने बहुत बार एन्जॉय किया। मैं वो सब भी आपके साथ शेयर करुँगी। अब मैं शादीशुदा हूँ। मैंने अपने हसबंड को सब कुछ बता दिया है और वो भी चाहते हैं कि मैं उनके सामने किसी लड़की के साथ सेक्स करूँ।

मुझे बताना मत भूलना कैसा लगा मेरा अनुभव। Antarvasna

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆