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Massage Girl in Narsinghpur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Narsinghpur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Narsinghpur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Narsinghpur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Narsinghpur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Narsinghpur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Narsinghpur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Narsinghpur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Narsinghpur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Narsinghpur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Narsinghpur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Narsinghpur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

मेरा नाम श्रेया Hindi Porn Stories आहूजा है, चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ ! आज मैं आपको अपनी लाइफ स्टोरी बताने जा रही हूँ !

पहले मैं अपना विवरण देना चाहूंगी : अत्यंत गोरी चिकनी हूँ कमर बहुत पतली लेकिन बुंड थोड़ी चौड़ी है !

मम्मे बिल्कुल गोल गोल हैं जब ब्रा के बिना टी-शर्ट पहनती हूँ तो मम्मो का उछाल देखकर लड़कों के छक्के छूट जाते हैं ! वैक्सिंग के बाद मेरा जिस्म और भी खिल जाता है ! बुंड के बाल मैं नहीं निकलवाती क्यूंकि सेंसिटिव हूँ !

स्कूल का आखिरी दिन था, मेरा बॉय फ्रेंड मुझे स्पोर्ट-रूम में ले गया और मुझे चूमने लगा ! पता नहीं कब मेरी पैंटी के अन्दर ऊँगली डाल कर मेरी फुद्दी में आग सुलगाने लगा …

नहीं अखिल ! रुक जाओ प्लीज़ …

श्रेया तुम भी ना ..? मज़े लो ना ! फिर कहाँ मौका मिलेगा …

उसने मेरा स्कर्ट ऊपर किया और पैंटी उतारने लगा …

नहीं अखिल ! आह ..

यह क्या … पैड ..? ओह पीरियड आ रहे हैं क्या .. ??

कह कर मेरी पैड फेंक दी …

ओह्ह नहीं… !

तभी पीटी सर अन्दर आ गए ….

यह क्या हो रहा है अखिल ??

उसने मुझे ऊपर से नीचे देखा …

मेरी पतली टाँगें और भरी हुई जाँघें … मेरी चिकनी फुद्दी और गोरी चिकनी बुंड देखकर चुप हो गया ..

अब स्कूल गर्ल का फिगर कैसा होगा आप समझ लें ..

अखिल आई विल सस्पेंड यू !! पीटी सर नाराज़ होकर बोले …

मैं इसी बीच अपने पैंटी लेकर भाग निकली।

पीटी सर मेरे घर के पास ही रहते थे …

डील डौल तो अच्छा था, लेकिन एक परेशानी थी- उसके शरीर में बाल बहुत थे ! मानो भालू जैसा …

कुछ महीने गुज़र गए …

एक दिन मैं अपने गार्डन में टेनिस खेल रही थी … छोटी सी स्कर्ट और स्पोर्ट्स ब्रा पहनकर …

मुझे पता था कि वो गेट से मुझे देख रहा था …

मैं जानकर झुकी … अपनी लाल पैंटी दिखाने के लिए …

अगले ही दिन वो मेरे घर आया …

घर में कोई नहीं था, सब शादी में गए हुए थे ..

मैं गार्डन में पौधों को पानी दी रही थी ..

श्रेया ! कालोनी में टेनिस मैच होने जा रहा है ! क्या तुम खेल रही हो ??

मैंने कहा- नहीं सर ! असल में सर … !

यह फॉर्म भरो …

मैं झुककर फॉर्म भरने लगी ..

वो मेरे अध-खुले मम्मों को देखने लगा..

क्या हुआ सर ?

कुछ नहीं चलता हूँ श्रेया …

मैंने कहा- कुछ पियेंगे ??

उसने कहा- हाँ दूध .. डेयरी फ्रेश ..

मैं समझ गई …

घर में कोई नहीं था, मैंने अपने मम्में बाहर निकाल लिए टी शर्ट से ! क्यूंकि मैं हर वक़्त ब्रा नहीं पहनती ..

वो उसे बच्चे की तरह पीने लगा …

आह्ह अहह ! मेरी सिसकियाँ निकलने लगी …

उसने मेरी पैंटी में ऊँगली डाली !

आह सर ! बस भी करो … !

क्यूँ अखिल को तो नहीं रोकती …? बता दूँ क्या घर पे ?

मैं डर गई और वहीं गार्डन में लेट गई, शाम हो रही थी घर पर कोई नहीं था ..

उसने मुझे नंगा कर दिया था …

सर बेडरूम में चलें? यहाँ नहीं.. मुझे शर्म आ रही है !

उसने एक ना सुनी और मेरी टांगें फैला दी … जब मैंने उसका लंड देखा तो मैं डर गई .. ओह नहीं इतना बड़ा ? मैं मर जाउंगी !!

उसकी बालदार मोटी मोटी जांघें और उसके विशाल लंड में उभरी नसें देख मैं उठने लगी- नहीं मुझे जाने दो ..

लेकिन उसने मुझे उठने नहीं दिया और बड़े प्यार से मुझे बच्चो की तरह उठाया … तुम्हारी उम्र क्या है ?

आह अठारह ..

कितनी बार चुदवा चुकी हो इसे ? उसने मेरी फ़ुद्दी में उंगली डालते हुए पूछा।

ओह, कभी नहीं ! मेरी फुद्दी कुँवारी है ..

कहकर मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया ..

अह ! श्रेया ! आह !

उसकी सिसकियाँ सारे गार्डन में गूंजने लगी ..

उसने मेरी टांगें फैलाई …

चोदो ना जल्दी सर … अहह ! लेकिन आराम से करना !

मेरा पानी जांघों से बह रहा था !

उसने “कैसा बॉय फ्रेंड है जो इस रेशम सी कोमल लड़की को कुँवारी छोड़ा हुआ है .. कहकर अन्दर डाला !

अहह अह्ह्ह बस और अन्दर नहीं !

बेबी, अभी तो सिर्फ टोपा गया है … लम्बी लम्बी सांसे लो ..

अह्ह्ह बस अब्ब नहीं सहा जा रहा ..

उसने मेरी गाण्ड को एक एक हाथ में उठाया और मुझे पेलने लगा ..

आह और .. और चोदो सर ! बस थक गए क्या ?

हम दोनों स्खलित हो गए …

अहह ! मेरी सिसकियों से सारा जहाँ गूंज उठा ..

मेरी नींद आधी रात को टूटी …

सर जा चुके थे .. मेरी फुद्दी में उसके वीर्य के अलावा खून के दाग भी थे जो जांघों के नीचे लकीर की तरह बह के जम चुके थे …

मैंने गार्डन के वाटर पाइप से साफ़ कर लिया उसे ..

मैं पहली बार चुदी थी ..

बाद में कितने आये कितने गए ! लेकिन पीटी सर जैसा कोई ना था ..

आइ मिस माय फर्स्ट सेक्स …

आई मिस यू सर !

आपकी

श्रेया आहूजा Hindi Porn Stories

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सबसे पहले तो मैं गुरूजी का Hindi Porn Stories आभार मानता हूँ कि उन्होंने मेरी सही अनुभव वाली दो कहानियाँ ‘स्वर्ग का अनुभव-१’ और ‘स्वर्ग का अनुभव-२’ प्रस्तुत की ! इस कहानी में मेरी कोई कल्पना नहीं है इसलिए जिसको काल्पनिक कहानी में ही मजा आता हो वो यह कहानी नहीं पढ़े ! मेरी पहली दो कहानी के बाद मुझे बहुत सारे मेल मिले ! इसलिए आज मैं मेरी तीसरी सही अनुभव वाली कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ!

मैं अहमदाबाद में रहने वाला ३६ साल का लड़का हूँ! मैं एक लिमिटेड कंपनी में अकाउंट मेनेजर की जॉब करता हूँ! आज मैं जो कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ वो उन्हीं में से एक लड़की की है जिसने मुझे मेल किया था ! उसका नाम कविता हे ! उसी की इच्छा थी कि मैं हम दोनों की कहानी लिखूँ ! उसी की इच्छा को मान देते हुए मैं यह कहानी लिख रहा हूँ ! वो भी अहमदाबाद में रहती है! उसने मेरी कहानी पढ़कर मुझसे मिलने का प्रस्ताव रखा था ! तो लीजिये अब आप सुनिए उसी की कहानी !

मेरी एक फ़ैन थी कविता ! मुझे भी उसमे बहुत दिलचस्पी होने लगी थी ! मैं भी उसको मिलने के लिए बेकरार था ! उसका मेल आते ही मैंने अपना सेल नंबर उसको भेजा था ! और एक दिन उसका फ़ोन मेरे मोबाइल पर आया ! पहले उसने मेरे बारे में जानकारी ली और फिर उसने मुझसे मिलने के लिए बोला !

मैं भी एक दिन ऑफिस में से आधी छुट्टी लेकर उसको मिलने के लिए चला गया ! हम रास्ते में कहीं मिले फिर हमने होटल में जाने का तय किया ! हम दोनों होटल में चले गए ! मैंने पहले स्नान कर लिया ! फिर मैं कमरे में आ गया ! तो अचानक उसने बोला कि मैं तुमसे नहीं मिल पाऊँगी ! वो कुछ घबराई हुई मुझे लगी ! क्योंकि पहली ही मुलाकात में हम होटल में पहुँच गए थे ! मेरी इच्छा उसे मिलने की बहुत थी ! मैं सोचता था कि काश वो मेरी लाइफ में होती तो मजा आ जाता ! वो दिखने में भी काफी खूबसूरत थी ! उसने बोला कि मैं तुमको छू भी नहीं पाऊँगी !

हमने थोड़ी देर बातें की फिर मैंने उसकी इच्छा को मानते हुए उसे जाने दिया ! मैं उस दिन तड़पता ही रह गया !

उसकी याद मेरे दिल से नहीं गई थी ! इस लिए मैंने उसे एक दिन मेल कर दिया ! तो उसका भी साथ ही फ़ोन आया कि हम युगल-कमरे में मिलते हैं! मुझे लगा कि युगल-कमरे में भी वो मुझे छूने नहीं देगी !

उस दिन हम दोनों युगल-कमरे में पहुँच गए ! मैं सोच रहा था कि उसको छू लूं या नहीं !

उसने अचानक मेरे हाथ को अपने चूचियों पर रख दिए ! मुझे तो लग रहा था कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ ! पर यह हकीकत थी ! फिर मैंने उसके चूचियाँ उसके शर्ट से बाहर निकाल दी ! उसकी चूचियाँ क़यामत थीं ! बिल्कुल तनी हुईं। उसके निप्पल बहुत ही ख़ूबसूरत थे।। मैंने उसकी चूचियों को हाथों से मसलना शुरु कर दिया और फिर दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा। हम दोनों को काफी मज़ा आ रहा था ! फिर मैंने उसकी पैंटी में अपना हाथ डाल दिया ! उसने अपनी पैंटी नीचे कर दी !

फिर मैं अपनी ऊँगली से उसकी चूत को सहलाने लगा ! उसके चूत में एक अजीब सी महक थी ! वो बहुत उत्तेजित हो चुकी थी ! फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में मेरी पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी ! मैंने अपना ७’’ के लंड को बाहर निकाल कर उसके हाथ में दे दिया ! उसको मेरा लंड बहुत पसंद आया ! फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया ! मैं अब आपे में नहीं रह पाया ! फिर वो मेज़ पर आ गई ! मैंने उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया ! मैं काफी अन्दर तक अपनी जीभ ले जा कर उसकी चूत को चाटता था ! वो अब मदहोश होने लगी थी ! उसे बहुत मजा आने लगा ! मैं उसकी चूत का सारा पानी निगल गया ! वो अब बहुत उत्तेजित हो चुकी थी ! फिर मैंने खड़े हो कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया ! फिर मैं उसकी चुदाई करने लगा ! मैं बहुत जोर से धक्का देकर चुदाई करने लगा ! उसको भी उसमें बहुत मजा आने लगा ! ऐसा करने से आवाज भी बाहर जाने लगी थी ! पर हम तो अपने में ही मस्त हो चुके थे ! हम दोनों उस वक्त सेक्स में पूरे खो चुके थे ! फिर मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया ! वो भी झड़ चुकी थी ! उस दिन स्वर्ग का अनुभव क्या होता है वो हमने महसूस कर लिया !

उस दिन के बाद हम दो बार और कमरे में मिले थे !

अगर आपको मेरी सही अनुभव वाली कहानी पसंद आई हो तो मुझे मेल करे ! Hindi Porn Stories

Antarvasna

हाय ! मै गुजरात से सुनील २१ साल Antarvasna का हूं। आज मै आपको अपनी गर्ल फ़्रेंड सीमा जो २० साल की है, की एक सच्ची घटना बता रहा हूं।

हमारी दोस्ती को हुए १.५ साल हो गया था पर मैने उसे अब तक छुआ तक नहीं था। एक दिन जब हम रोक गार्डन गये हुए थे तो मैं उसे सिर्फ़ किस ही किया और जब मैं उसके बूब्स पर हाथ लगाने लगा तो वो गुस्सा कर गई और कम से कम एक महीने मुझसे बात नहीं की, आखिर मैने भी उसे एक दिन मना ही लिया और उसको कहा के ये सब तो चलता रहता है तो वो बोली के मेरे को ये सब अच्छा नहीं लगता तो मैने कहा के अच्छा नहीं लगता तो नहीं करूंगा, उस दिन के बाद हम दोनो मिलते तो थे पर किस तक ही सीमित थे, पर अब मेरे से सब्र नहीं होता था और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा।

फिर एक बार जब मैं गरमियों में उससे मिलने गया तो वो बोली कि आज तुम ओफ़िस से छुट्टी कर लो आज बैठ के बातें करेंगे, तो मैने ओफ़िस फोन कर के बोल दिया के आज मैं नहीं आउंगा, उसके बाद हम दोनो कुछ देर उसके कोलेज में ही बैठे रहे। फिर मैने उससे पूछा कि कहीं चलते हैं तो वो भी मान गयी पर उस टाइम १२.४० बज रहे थे उस टाइम न तो हमें फ़िल्म का टिकट मिलना था न ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे क्योंकि दिल्ली में अधिकांश १२:३० तक सारे सिनेमा में शो स्टार्ट हो जाते हैं और गार्डन में इसलिये नहीं जा सकते हैं क्योंकि वहां पर गर्मी बहुत होती है।

फिर मैने कहा के मेरे रूम पर चलते हैं पर वो मना कर रही थी कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कही कुछ हो गया तो, पर मैने उसे तसल्ली दी और कहा कि अगर तुम्हे मुझ से प्यार है और अगर तुम मुझ पर भरोसा करती हो तो चल सकती। इस पर वो बोली कि तुम मेरी कसम खाओ के तुम ऐसा वैसा कुछ नहीं करोगे मैने उसकी कसम खा ली और वो तैयार हो गई। रास्ते में सोचता रहा के कसम तो खा ली पर उसको चोदुंगा कैसे।

फिर जब मैं और वो मेरे रूम पर पहुंचे तो मैने दरवाजा बंद करने लगा, तो वो बोल पड़ी के दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो मैने कहा कि अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि कौन है और मैने दरवाजा बंद कर दिया। उसके बाद मैं बेड पर उसके साथ बैठ गया और बातें करने लगे, बातें करते करते मैने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसके लिप्स पर किस करने लगा पर ये किस १५ मिनट तक चलता रहा और मैं उसकी छाती पर हाथ फिराना शुरु कर दिया उसने विरोध नहीं किया और धीरे धीरे मैं उसकी वेली से होता हुआ उसकी चूत को सलवार के ऊपर से हाथ सहलाने लगा। अब मेरे लिप्स उसके लिप्स से किस कर रहे थे और एक हाथ उसके बूब्स पर और एक हाथ उसकी चूत पर था। अब मैं धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके बूब्स को कमीज के ऊपर से चूसने करने लगा तो उसके मुंह से अजीब से आवाजें आने लगी तो मैं समझ गया कि अब वो गरम हो चुकी है उसके बाद मैने धीरे धीरे एक हाथ कमीज के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को दबाने लगा।

बाद में मैने उसकी कमीज उतार दिया वो कुछ नहीं बोली क्योंकि वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसने सेक्सी लेस काली ब्रा पहन रखी थी और वो अपने बूब्स अपने दोनो हाथों से छुपाने लगी, मैं समय न गंवाते हुए उसे दोबारा किस करना शुरु कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से बूब्स को सहलाता रहा फिर उसकी पीठ पर हाथ ले जा के उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये। अब वो मेरे सामने बिल्कुल टोपलेस थी। मैने उसे बेड पर लिटाया और उसके बूब्स चूसने लगा। २० मिनट तक उसके बूब्स चूसने के बाद मैने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया और उसका नाड़ा खोल दिया और उसके बूब्स को चूसना चालू रखा। उसके मुंह से अजीब अजीब से आवाजें आ रही थी, मैने सोचा कि कहीं पड़ोसी सुन लेंगे तो प्रोब्लम हो जायेगी इसलिये मैने उसके बूब्स चूसते हुए सीडी का बटन ओन कर दिया अब म्युज़िक जोर से बजने लगा और किसी को कुछ सुनाई देने का तो नाम ही नहीं था। अब मैने उसकी सलवार धीरे धीरे उतारनी शुरु कर दी। उसकी सलवार उतारने के बाद मैं उसकी चूत को उसकी काली पैंटी के ऊपर से चूमने लगा। तो वो और जोर से सिसकियां लेने लगी। धीरे धीरे मैने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चूत को चूमने लगा।

अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी और कुछ बोल भी नहीं रही थी। मैं लगभग १० मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और जैसे ही उसकी चूत झड़ने वाली थी मैने चाटना छोड़ दिया तो वो बिना पानी की मछली की तरह तड़ओ उठी और खुद ही अपनी उंगली चूत में डालने लगी मैं उसके दोनो हाथ कस के पकड़ लिया तो वो मेरे आगे गिड़गिड़ाने लगी कि प्लीज़ मेरी चूत को चूसो तो मैने कहा सालि पहले तो बहुत अकड़ती थी आज क्यों नहीं अकड़ रही है, तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी। मैने उससे कहा कि मैने तुम्हारी चूत एक शर्त पर चूसुंगा पहले तुम्हे मेरा लंड चूसना होगा वो मान गयी.

मैने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतार दिये और मेरे ७ इंच और ३.५ इंच मोटे लंड को देख कर बोली कि ये मेरे मुंह में कैसे आयेगा तो मैने कहा कि साली मैं बताता हूं और मैने अपना लंड उसके मुंह मैने थोड़ा सा डाल दिया उसके बाद धीरे धीरे वो खुद ही बढ़ाती गयी और मेरे पूरे लंड को मुंह में डाल के चूसने लगी। उसका एक हाथ मेरे बाल्स के साथ खेल रहा था। और मैं उसके बूब्स के साथ खेल रहा था। थोड़ी देर चूसने के बाद वो वोली कि अब तुम मेरी चूत चूसो तो मैने कहा कि चलो ६९ की पोजिशन में हो जाओ तो वो बोली के वो क्या होता है तो मैने उसे बताया कि ६९ क्या होता है और इस तरह हम दोनो ६९ की पोजिशन में आ गये और एक दूसरे को चूसने लगे। बीच बीच में उसकी चूत में उंगली भी डाल रहा था तो वो कह रही के दर्द होता है। और १० मिनट के बाद वो झड़ गयी और मैं उसका जूस पी गया। मुझे अच्छा लगा और मैं उसकी चूत को चूसता रहा, उसके बाद वो दोबारा गरम हो गई और जैसे ही मैने चूसना बंद किया तो वो दोबारा गिड़गिड़ाने लगी कि चूसो।

तो मैने कहा के अब मैं नहि चूसुंगा बल्कि तुम्हारी चूत में लंड डालुंगा तो वो कहने लगी कि इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जायेगा, मुझे तो तुम्हारी उंगली से भी दर्द होता है तो ये कैसे सहन करूंगी तो मैने उसे कहा कि तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है थोड़ी देर दर्द होगा बाद में तुम भी एंजोय करोगी और मैने कहा कि ये औरतों की चूत का होल बहुत बड़ा होता है क्योंकि यहां से इतना बड़ा बच्चा निकल जाता है तो मेरा लंड तो आराम से आयेगा।

उसके बाद मैने तेल लेके थोड़ा से अपने लंड पर और बाकी उसकी चूत के लिप्स को हटा कर वहां पर लगा दिया। और अपना लंड उसकी चूत में अंदर डालने की बजाय लिप्स पर ही रगड़ने लगा तो वो थोड़ी देर में ही चिल्ला उठी प्लीज़ अंदर करो। उसके बाद मैने थोड़ा सा अन्दर किया तो वो दर्द से चिल्लाने लगी, तो मैने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और अपने लंड को वहीं पर रख कर थोड़ा सा हिलाने लगा जब वो एंजोय करने लगी तो मैने एक जोर से झटका दिया और मेरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द से तड़पने लगी।

पर मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मैने उसकि परवाह न करता हुए अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा। वो थोड़ी देर दर्द महसूस करती रही पर बाद में वो भी एंजोय करने लगी और उसके मुंह से आवाजें आने लगी “आअह्हह्हह ओर जोर से चोदो सुनील और जोर से और अन्दर करो” तो मैने कहा क्यों ये सब तो तेरे को अच्छा नही लगता था साली अब लंड का स्वाद आ रहा है न। तेरी तो आज मैं पूरी फाड़ दूंगा। और लगभग १५ मिनट की चुदाई के बाद मेरा छूटने वाला था (इस बीच वो दो बार छुट चुकी थी)।

मैने उसको कहा कि मैं झड़ने वाला है और उससे पूछा कि अन्दर छोड़ु कि बाहर, तो उसने बोला के बाहर ही छोड़ना मैं प्रिगनेंट नहीं होना चाहती है और मैने उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और चुदाई करने लगा। थोड़ी देर में मैं झड़ गया। उसका मुंह मेरे वीर्य से भर गया। कुछ तो उसने निगल लिया और बाकी बाहर उसके चेहरे से होता हुआ उसकी गरदन पर गिर गया। उसके बाद मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करता रहा और अपने माल को उसके बूब्स पे मलता रहा। लगभग १५ मिनट रेस्ट करने के बाद हम दोनो उठे और अब शाम होने लगी थी और उसने घर भी जाना था तो हम दोनो ने अपने आप को फ़्रेश किया। और उसको घर के पास छोड़ कर आ गया। आके मैने उसके खून और हम दोनो के रज से खराब हुई बेडशीट को साफ़ किया। Antarvasna

कहानी की शुरुआत महाराष्ट्र के एक शहर से होती है, जहां अवंतिका नाम की एक महिला एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाती है.
उसमें वह महिलाओं को अलग अलग विषयों पर क्लास देती है.

लेकिन अवंतिका अब इस इंस्टीट्यूट को बड़ा करना चाहती थी और इसके लिए उसे किसी से आर्थिक मदद की तलाश थी.

इसी चीज को लेकर वह कई दिनों तक प्रयास करती रही.

एक दिन उसे किसी परिचित ने एक युवा नेता का संपर्क सूत्र दिया और कहा कि यह व्यक्ति आपकी मदद करेगा और आपको कोई न कोई रास्ता जरूर दिखाएगा.

अवंतिका एक शादीशुदा महिला थी.
उसकी उम्र 37 साल की थी और वह एक गदराए जिस्म की मालकिन थी.
उसके जिस्म के सबसे आकर्षित अंग उसके बूब्स थे जिन्हें देख कर कई लंड शहीद हो चुके थे.

अवंतिका की भी कामना थी कि कोई ऐसा मर्द आए जो उसकी वासना को शांत कर सके.

चूंकि अवंतिका एक मॉडर्न ख्यालात की महिला थी, जिसका पति एक शांत स्वभाव वाला व्यक्ति था.
उसके शांत स्वभाव वाले पति के बस में इतनी गर्म बीवी को संभालना संभव नहीं था.

अवंतिका भी अपने जिस्म की जरूरत को भली भांति समझती थी और उसे जिस वक़्त सुख की जरूरत होती, वह सुख प्राप्त करना जानती थी.

अपने पति के और समाज की नजरों में सभ्य और संस्कारी बने रहना भी उसे खूब अच्छे से आता था.

एक प्रकार अवंतिका एक बहुत शातिर किस्म की और मॉडर्न महिला थी.
अवंतिका ने अपने इंस्टीट्यूट को अपने अनुसार चलाने के लिए उस युवा नेता से मिलने का तय किया.

उस नेता का नाम अमन था.
वह एक 26 वर्ष का नौजवान युवा था, जो काफ़ी जुझारू और आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था.

अवंतिका ने अमन को कॉल किया और अपनी समस्या बताई.
अमन ने उसकी सब बात सुनकर उसे अपने ऑफिस मिलने के लिए बुलाया.

अगले दिन अवंतिका एक नीली साड़ी और काले ब्लाउज को पहन कर गई.
उसका यह ब्लाउज बहुत ज्यादा चुस्त था, जिसमें से अवंतिका के गुब्बारे जैसे बूब्स उभर कर सामने आ रहे थे.

अपने पेट को नाभि तक खुला रखने की अवंतिका की हमेशा की आदत है, इसी सेक्सी लुक के साथ अवंतिका अमन के ऑफिस में गई.

जैसे ही अवंतिका अमन के ऑफिस में गई, अमन इतनी सेक्सी औरत को देख मन्त्रमुग्ध हो गया.
पोलिटिकल सेक्स का वह अपने सामने अवंतिका के पूरे जिस्म को एकटक होकर निहारने लगा.

अवंतिका के लिए यह आम बात थी क्योंकि वह जानती थी कि मर्द उसे घूरते हैं और आंखों से चोदते हैं.

हालांकि अमन भी एक आकर्षक नौजवान था.
उसे देख कर अवंतिका को वह पहली ही नजर में भा गया था.

लेकिन अवंतिका को अपना काम ज्यादा जरूरी था इसलिए उसने अपनी वासना पर संयम रखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट होंठों पर लाई.

उसने अमन को हैलो कहा.
अमन ने भी उसकी हैलो का जवाब दिया और उसे बैठने के लिए कहा.

अवंतिका ने सामान्य औपचारिकता के बाद अमन के सामने अपनी समस्या को बताना शुरू किया.
अमन भी पूरे ध्यान से उसे सुनता रहा; साथ ही वह उसके जिस्म की महक को महसूस करता रहा.

अमन को समझ में यह आ गया था कि अवंतिका को किसी सरकारी फंड की जरूरत है, जिसे कैसे लिया जाए … इसका उसे कोई इल्म नहीं था.
जबकि अमन के लिए ये सब कराना कोई बड़ी बात नहीं थी.

अवंतिका ने अमन से कहा कि मुझे 25,00,000/- का फंड मिल जाए, तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा.
अमन बोला- अवंतिका जी आप चिंता ना करें. आप सही जगह आई हैं. अब आपका काम कराने का मैं पूरा प्रयास करूँगा.

ये सुनकर अवंतिका बहुत खुश हो गई और बोली- अमन जी, आपका ये अहसान होगा मुझ पर … मैं कई सालों से प्रयत्न कर रही हूँ लेकिन हो नहीं रहा था. आप अगर मेरा काम करवा दोगे, तो मैं आपकी पूरा जीवन आभारी रहूंगी.
अमन ने कहा- आपका काम बहुत जल्द हो जाएगा. आप बस मेरे संपर्क में रहें. चूंकि अब आप मेरे संपर्क में रहेंगी, तो आपके बाकी के भी काम यदि कोई होने हैं, तो वे भी पूरे हो जाएंगे.

अमन की बातों से अवंतिका काफ़ी प्रभावित हो गई थी.

कुछ देर बातें करने के बाद वह घर आ गई.

उसी रात अवंतिका ने व्हाट्सप्प पर अमन को गुडनाईट का मैसेज किया.

उसे देख अमन ने जबाव दिया- कैसी हैं अवंतिका जी?
अवंतिका- जी, सब बढ़िया है. आप बोलिए … कहां हैं?

अमन- जी, बस घर पर ही हूँ.
अवंतिका- जी, आप पूरा दिन व्यस्त होते हैं, तो काफी थक जाते होंगे!
अमन- हां जी, वह तो है.

अवंतिका- अमन जी, आपने आज किया कुछ मेरे काम का?
अमन- जी बिल्कुल किया, उस विभाग का प्रमुख मेरा काफ़ी करीबी है. उसने कहा है कि वह आपका काम करा देगा. आपको अपने कागज लेकर 4 दिन बाद उसके ऑफिस चलना होगा.

अवंतिका- शुक्रिया अमन जी, आपने मेरा बहुत बड़ा काम किया है. आपका अहसान कैसे चुकाऊं, समझ नहीं आता है.
अमन- कोई आपसे भी हमारा काम हुआ, तो आप वह कर देना … बस इतनी सी इच्छा है!

अवंतिका- आपके लिए मैं कुछ भी करूँगी अमन जी!
अमन- शुक्रिया अवंतिका जी.

अवंतिका- आपको कल रात मेरी दावत कबूल करनी होगी. आप आएंगे ना?
अमन- जी, आप बुलाएं और हम ना आएं … मैं जरूर आऊंगा.

अमन अगले दिन पूरी तरह तैयार होकर अवंतिका के घर चला गया.

वहां अवंतिका घर में काली साड़ी के साथ मैचिंग का काला ब्लाउज पहने हुई थी.
उसके साथ उसके पति और उसका 6 साल का बेटा भी था.

पूरे परिवार ने अमन का स्वागत किया.
अमन अवंतिका को देख देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन वह खुद को संभाल कर अन्दर आ गया.

अमन ने अवंतिका के परिवार के साथ खाना खाया.

खाने के बाद वह परिवार के साथ कुछ देर बात करता रहा.

अवंतिका के पति को अमन का स्वभाव काफ़ी अच्छा लगा और अमन से वह काफ़ी घुल-मिल गया.

फिर अमन ने अवंतिका से कहा- आपका घर काफ़ी बड़ा और अच्छा है.
अवंतिका का पति बोला- अवंतिका, तुमने अमन जी को घर दिखाया ही नहीं. तुम इन्हें घर दिखा लाओ, तब तक मैं बच्चे का होमवर्क कराता हूँ.

अवंतिका अमन को अपना घर दिखाने लगी.
और देखते देखते दोनों घर के दूसरी मंजिल पर आ गए जहां अवंतिका ने अमन को अपने रूम दिखाया.

कमरे में अवंतिका की कुछ बड़ी बड़ी फोटोज लगी थीं जिनमें अवंतिका काफ़ी सेक्सी दिख रही थी.
दो तस्वीरें तो एकदम नंगी थीं, जिनमें अवंतिका ने खुद को कुछ फूलों से छिपाया हुआ था.

अमन उन दोनों तस्वीरों को काफ़ी ध्यान से देखता रहा और बोला- अवंतिका जी, आपको बुरा ना लगे, तो एक बात कहूँ?
अवंतिका- अरे अमन जी आप कहिए ना … आपकी बात का क्या बुरा मानना भला!

अमन- आप काफ़ी खूबसूरत और मनमोहक लगती हो. आपकी तस्वीरें किसी हीरोइन से कम नहीं हैं.
अमन की इस बात पर अवंतिका शर्मा गई और उसने अमन को शुक्रिया कहा.

उस वक्त अमन अवंतिका के इतने करीब था जिससे उसे अवंतिका के जिस्म की गर्मी महसूस हो रही थी.

बातों बातों में किसी बात पर जोर से हंसी आने पर अमन ने अवंतिका की पीठ पर हाथ फेर दिया.
अवंतिका ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, उसने हंस कर अमन से बातें करना जारी रखा.

अब अमन अवंतिका की खूबसूरती की तारीफ करने लगा.
यह सब बात करते हुए वह अवंतिका की मुलायम गांड को भी अनजान बनते हुए एक दो बार छू लेता है.

उसके इस स्पर्श को अवंतिका ने गहराई से महसूस किया लेकिन वह अभी भी सामान्य बनी रही.

अवंतिका को अमन से बातें करना अच्छा लग रहा था, तभी अवंतिका के पति ने आवाज़ दी और दोनों नीचे चले आए.

उस रात अमन अपने घर वापस आया और अवंतिका के सेक्सी बदन को याद करते हुए अपना लंड मसलने लगा.

रात के बारह बजे थे … अमन से न रहा गया और उसने अवंतिका को मैसेज कर दिया ‘दावत के लिए शुक्रिया!’
अवंतिका ने तुरंत जवाब दिया- अरे आप तो अब हमारे परिवार के सदस्य हो, आप आए … ये हमारे लिए ख़ुशी की बात है.

फिर थोड़ी इधर उधर की बातें करते हुए अमन ने कहा- मैं तो सोच रहा था कि आप सो गई होंगी. आप अभी तक क्यों नहीं सोईं … साहब जगाए हुए हैं क्या?
अवंतिका- अरे नहीं बाबा, वे तो कब के सो गए. मुझे ही देर से सोने की आदत है.

अमन- क्या … वे सो गए? इतनी खूबसूरत बीवी होते हुए उन्हें नींद कैसे आ सकती है!
अवंतिका- क्यों नहीं आती नींद, खूबसूरत बीवी होने पर क्या होता है?

अवंतिका भी अमन के ख़ुशी के लिए उसके मन के हिसाब से बातें करने लगी.
अमन- अब आपको नहीं पता क्या?
अवंतिका- जी नहीं.

अमन- प्यार करते हैं … और उनके पास आपके जैसी बीवी है तो क्या ही कहूँ?
अवंतिका- कहिए ना!

अमन- आपको बुरा लगेगा!
अवंतिका- अमन जी आप कहिए, जो भी कहना हो. मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगता.
अमन- सच बात तो यह है अवंतिका जी कि आप बहुत सेक्सी दिखती हैं. आपका पूरा हुस्न देख कर न …

अवंतिका- अरे रुक क्यों गए, खुल कर बोलिए ना … मेरा हुस्न देख … क्या?
अमन- मेरे अन्दर हलचल शुरू हो जाती है.

अवंतिका- अन्दर कहां, दिल में?
अमन- नहीं, कहीं और …

अवंतिका- कहां, बोलिए ना अमन जी?
अमन- छोड़िए … कल क्या कर रही हैं आप?

अवंतिका- आप बोलिए, कुछ काम है?
अमन- कल आपको दावत मेरी ओर से होटल में!

अवंतिका- जी जरूर, मैं मेरे पति को कहती हूँ … हम आ जाएंगे.
अमन- अरे अवंतिका जी, ये दावत सिर्फ आपके लिए है. हमारी दोस्ती के लिए … पति के साथ किसी और दिन!

अवंतिका- ओके जी, फिर कल कहां आना है?
अमन- आप मेरे ऑफिस के पास जो होटल है. वहां आइए … कल दोपहर को मिलते हैं.
अवंतिका- जी जरूर.

दूसरे दिन अवंतिका लाल साड़ी में पूरी सेक्सी लुक में तैयार होकर होटल आ गई.
वहां जाकर वह अमन को खोजने लगी.
लेकिन उसे अमन नजर नहीं आ रहा था.

कुछ देर बाद अवंतिका ने अमन को कॉल करके पूछा- कहां हो?
अमन ने उसे होटल के ही ऊपर एक कमरे का नंबर बताया और आने का कहा.

अवंतिका तो पहले ही समझ गई थी कि अमन के लौड़े में आग लग चुकी है और वह कमरे में बुला कर क्या चाहता है.
पर अवंतिका को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था.
उसके लिए अमन हीरो था जो उसके काम आ रहा था.

अवंतिका उस रूम में चली गई.
यह कमरा काफ़ी रोमांटिक तरीके से सजा कर तैयार किया गया था.

अमन ने अवंतिका को देख लंड पर हाथ फेरा और उसे अन्दर बुलाकर बेड पर बैठने को कहा.

अवंतिका पूरे आत्मविश्वास से वहां बैठ गई.
दोनों बातें करने लगे.

कुछ ही देर में खाना आ गया तो वे दोनों खाना खाने लगे.

अमन अवंतिका से बातें करते हुए बोला- अवंतिका जी, आप इस साड़ी में बहुत हॉट लग रही हो!
अवंतिका- अच्छा जी … सच्ची!
अमन- सच्ची मुच्ची … आपका पूरा जिस्म में ही लाजवाब है.
अवंतिका- हम्म … वह तो है!

अमन- क्या आप मेरा एक काम करेंगी?
अवंतिका- आप बस हुकुम करो.

अमन- क्या मैं आपको एक बार गले लगा सकता हूँ!
अवंतिका- क्यों?

अमन- जब से आपको देखा है, तब से इच्छा है कि आपको एक बार गले से लगा सकूँ.
अवंतिका- अब आपने मेरे लिए इतना किया है, तो एक दोस्त के नाते गले लगना क्या बड़ी बात है!

अमन खुश हो गया और वह अवंतिका के करीब आ गया.
उसने अवंतिका का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा कर दिया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से चिपका लिया.

अपने सीने से चिपका कर उसने अवंतिका की गदराई हुई गांड को जोर से दबा कर खुद के दोनों हाथों में भर लिया.

इससे अवंतिका की चीख निकल गई.
चीख निकलने के बावजूद भी अमन अवंतिका की गांड को इसी तरह जोरों से दबाए रहा.

साथ उसने अपने होंठ अवंतिका के गले पर रख दिए और उसे चूमना शुरू कर दिया.
अवंतिका की चूत में भी अब आग भड़क गई थी.

वह अमन से बोली- अमन जी, क्या कर रहे हो यार … दर्द हो रहा है. आपको तो बस गले लगना था. पर आप तो कुछ और ही कर रहे हैं!
अमन- शहहह् …

अमन अवंतिका के पूरे जिस्म को चूमने लग गया और इसी तरह से वह उसके होंठों को चूमने लगा.

अवंतिका भी अब उसका साथ देने लगी.
वह पूरे जोश में अमन को चूमने लगी और उसके कपड़े उतारने लगी.

फिर अमन ने भी अवंतिका की कमर को चूमते हुए उसकी साड़ी को खोल दिया.
देखते ही देखते दोनों एक दूसरे के सामने नंगे हो गए.

अमन अवंतिका को पलंग पर लिटा कर उसके नर्म रसीले होंठों को चूसने लगा.

वह अपना लंड अवंतिका की चूत पर घिसने लगा.
इससे अवंतिका तड़प उठी और सिसिया कर बोली- आह अमन जी … प्लीज चोदिए ना अपनी अवंतिका की चूत को … आह पेल दीजिए अपना मूसल.

बस अमन ने अपना लंड अवंतिका की चूत में घुसा दिया और वह घप … घपाघप घप … अवंतिका की चुदाई करने लगा.
लंड की रफ़्तार और अवंतिका की कड़क चूत का घमासान चालू हो गया था.

अवंतिका जोर जोर से आहें भरने लगी थी. इससे अमन में और जोश आ गया था.
इसी तरह से अमन ने अवंतिका को पूरे 40 मिनट तक चोदा.
उसकी मदमस्त चुदाई के बाद अमन ने अपने लंड के झरने को अवंतिका की चूत में छोड़ दिया.

वे दोनों जोर जोर से सांसें भरते हुए एक दूसरे को तृप्त करने लगे.
चुदाई के बाद वे दोनों एक दूसरे की बांहों में यूं ही नंगे सो गए.

एक घंटा बाद उठने पर अवंतिका अमन के होंठों को चूसने लगी.
उसने कहा- अमन, तुमसे चुदाई करवा कर बहुत मजा आया. मालूम है, जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी न … मैं तभी समझ गई थी कि तुम मेरा काम करो या ना करो लेकिन मेरी चुदाई जरूर करोगे!

अमन- तो तुम भी चुदना चाहती थी?
अवंतिका- नहीं, लेकिन जितना तुमने किया है … उसके लिए ये इनाम तो मैं तुमको देती ही. पर आज तुमने खुद ले लिया.

इसी तरह की बातों के साथ वे दोनों फिर से चुदाई के दूसरे राउंड को तैयार हो गए.
चुदाई करने के बाद अवंतिका अपने कपड़े पहन कर जाने लगी.

तब अमन ने कहा- अवंतिका अब कब चुदाई कर पाऊंगा तुम्हारी?
अवंतिका- अब ये चूत हमेशा के लिए तुम्हारी ही है, ज़ब चाहे अपने लंड से चोद लेना.

ये कहकर वह अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.
पोलिटिकल सेक्स का मजा लेकर अमन ने उसको अपने लंड के साथ फंड भी दिला दिया.

अब अमन जब मन होता, तब वह उसको चोद लेता.
अवंतिका की मदद से अमन उसकी इंस्टीट्यूट की भी कई लड़कियों को भी चोद चुका है.

Hindi Sex Stories

हम पति पत्नि दोनों ही गांव छोड़ Hindi Sex Stories कर नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आ गये थे। मेरा देवर भी पढ़ाई के लिये हमारे साथ यहां आ गया था। मेरा देवर राहुल कॉलेज में था उसे सुबह जाना होता था और 12 बजे तक वापस आ जाता था। मैं दोनों का नाश्ता और खाना सुबह ही तैयार देती थी। राहुल सवेरे उठ कर मुझे जगा देता था, कई बार मैं कम कपड़ो में सोती थी, तब राहुल मुझे बहुत गौर से देखता रहता था। शायद वो मेरे बोबे निहारता था। अगर कभी कभी रात को पति से चुदाने के बाद मैं ऐसे ही सो जाती थी। मुझे अस्तव्यस्त कपड़ों में राहुल का मुझे ऐसे निहारना रोमांचित कर देता था। पर वो तो दिन भर अपने आप को इन चीज़ो से अनजान ही बताता था। वो भी जब कभी पेशाब करता था तो मौका देख कर लण्ड को ऐसे निकाल कर करता था कि उसका लण्ड मुझे दिख जाये। मैं भी उसके लण्ड की छवि मन में उतार लेती थी और वो मेरे मन में बस जाता था। अपने ख्यालो में मैं उस लण्ड से चुदती भी थी।

जब वो करीब 12 बजे दिन को लौटता था तो उसे खाना परोसते समय मैं झुक कर अपने स्तन के दर्शन जरूर कराती थी, वो भी तिरछी नजरों से मेरे सुडौल स्तनों का रसपान करता था। पजामे में से उसका लण्ड जोर मारता स्पष्ट दिखाई देता था।

जब दोनों तरफ़ आग लगी थी तो देरी किस बात की थी। जी हां … हमारे रिश्तों की दीवार थी, मेरी उम्र की दीवार थी … उसे तोड़नी थी … पर कैसे ??? देखने दिखाने का खेल तो हमने बहुत खेल लिया था … अब मन करता था कि आगे बढ़ा जाये, कुछ किया जाये … … शायद ऊपर वाले को भी हम पर दया आ गई थी … … यह दीवार अपने आप ही अचानक टूट गई।

दिन में खाना खा कर राहुल अपने बिस्तर पर लेटा था। मैं भी अपने कमरे में जा कर लेट गई थी। मन तो भटक रहा था। मेरे हाथ धीरे धीरे चूत पर घिस रहे थे। मीठी मीठी सी आग लग रही थी। मेरा पेटीकोट भी ऊपर उठा हुआ था। हाथ दाने को सहला रहा था। अचानक मुझे लगा को कोई है? मैंने तुरन्त नजरें घुमाई तो राहुल दरवाजे पर नजर आ गया। मैंने जल्दी से पेटीकोट नीचे कर लिया और बैठ गई। राहुल डर गया और जाने लगा … शायद वो कुछ देर से मुझे देख रहा था …

“ए राहुल … इधर आ … ” मैंने उसे बुलाया ” देख भैया को मत कहना जो तूने देखा है।”

“नहीं भाभी, नहीं कहूंगा … आपकी कसम !”

“ले ये 50 रु रख ले बस … !” मैंने उसे रिश्वत दी। राहुल की आंखे चमक उठी, उसने झट से पैसे रख लिये।

“आप बहुत अच्छी है भाभी … !” उसका लण्ड अभी भी उठान पर था, मुझे ये सब करता देख कर वो उत्तेजित हो चुका था।

“तुझे अच्छा लगा ना … ” मैंने शरम तोड़ना ही बेहतर समझा।

“हां … भाभी, पर आप भी मत कहना भैया से कि मैंने आपको ये सब करते हुये देख लिया है।”

मेरे जिस्म में सनसनी फ़ैल गई … तो सब इसने देख लिया है … मैं समझी थी कि बस थोड़ा सा ही देखा होगा। मुझे लगा कि अब राहुल मुझसे चुदाई के बारे में फ़रमाईश करेगा। पर हुआ उल्टा ही … राहुल की सांसे तेज हो गई थी … उसके चेहरे पर पसीना आ रहा था … राहुल मेरे कमरे से बाहर निकल कर अपने कमरे में आ गया। मुझे लगा कि आज मौका है, लोहा गर्म है, माहौल भी है … कोशिश कर लेनी चाहिये।

इसी कशमकश में 15 मिनट निकल गये। हिम्मत करके मै उठी और धीरे से उसके कमरे में झांका। वो किन्हीं ख्यालो में खोया हुआ था या उसे वासना की खुमारी सी आ रही थी। पजामे में उसका लण्ड खड़ा था और उसके हाथ उस पर कसे हुये थे। आंखे बन्द थी और वो शायद हौले हौले मुठ मार रहा था। शायद मेरे नाम की ही मुठ मार रहा था। आनन्द में मस्त था वो। मैं दबे पांव उसके बिस्तर के पास आई और उसके बालों पर हाथ फ़ेरा। उसने अपनी आंख नहीं खोली, शायद वो इसे सपना समझ रहा था। मैंने अपना होंठ उसके होंठो से मिला दिये और उसे चूमने लगी। वो तन्द्रा से जागा। उसके होंठ कांप उठे और अपने आप खुल गये।

” भाभी … आप … !” उसके हाथ मेरी कमर में आ गये, उसकी वासना से भरी आंखे गुलाबी हो रही थी।

“राहुल मत बोल कुछ भी … तू मुझे प्यार करता है ना … !” मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और दबाने लग गई, ताकि उसके इन्कार की गुन्जाइश नहीं रहे।

“भाभी … हाय मेरा लण्ड … मैं मर गया … मत करो ना … !” उसकी झिझक अभी बाकी थी। पर उसका लण्ड बहुत जोर मार रहा था।

“तू कितनी बार मुठ मारेगा … आजा आज अपनी कसर निकाल ले, कितना मोटा लण्ड है तेरा … !” उसके लण्ड को मैंने जबरदस्ती कस कर पकड़ लिया और उसे दबाने लगी। आखिर उस पर वासना सवार हो ही गई। उसने विरोध करना छोड़ दिया और लण्ड को मेरे हवाले कर दिया। मैं धीरे से उसके ऊपर चढ़ गई और उसे अपने जिस्म के नीचे दबा लिया। अपना पेटीकोट भी ऊपर करके नंगी चूत उसके पजामे में खड़े कड़क लण्ड के ऊपर रख दी और हौले हौले घिसने लगी। राहुल उत्तेजना से तड़प उठा। उसने मेरे कठोर स्तन थाम लिये और सहलाने लग गया। मेरे स्तन कड़े होते जा रहे थे। चूचक भी कड़क हो कर फूल गये थे। चूत से पानी रिसने लगा था। मेरे शरीर का बोझ उस पर बढ़ने लगा।

“राहुल पजामा उतार दे ना … हाय रे देख तेरे लण्ड की क्या हालत हो रही है।” मुझे चुदाने की जोर से इच्छा होने लगी थी। चूत में जोर की मिठास भरने लगी थी।

“भाभी, आप भी पेटीकोट उतार दो ना … मुझे आपका सब देखना है … ” उसकी बेताबी देखते बनती थी, लगता था कि राहुल की भी प्रबल इच्छा हो रही थी कि अपनी भाभी की मस्त चूत और गाण्ड की प्यारी प्यारी गोलाइयाँ देखे।

“सच राहुल … मेरी चूत देखेगा, … मेरी चूंचिया देखेगा … सुन, अपना लण्ड मुझे दिखायेगा ना !” मेरी बेताबी बढ़ने लगी। चूत का पानी साफ़ करते करते पेटीकोट भी गीला हो गया था।

“हां, मेरी भाभी … जो चाहोगी आप कर लेना।” राहुल नंगा होने को बेताब लग रहा था। उसकी कमर चोदने की स्टाईल में कुछ कुछ ऊपर नीचे हो रही थी।

मैंने धीरे से उसका पजामा उतार दिया। उसका मस्त तन्नाया हुआ लण्ड बाहर निकल कर झूमने लगा। थोडी सी गोल सी चमड़ी में से उसका सुपाड़ा झांक रहा था। मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और सहलाने लगी। उसकी सुपाड़े की चमड़ी खींच कर लाल सुपाड़ा बाहर निकाल लिया। उसकी स्किन लगी हुई थी , मतलब उसने किसी को नहीं चोदा था, फ़्रेश माल था। मेरा प्यार उस पर उमड पड़ा।

“राहुल, प्लीज अपनी आंखे बन्द कर लो, मुझे अब कुछ करना है … !” मैंने राहुल से वासनामय स्वर में कहा। राहुल ने चुपचाप अपनी आंखे बन्द कर ली। मैंने थूक का बड़ा सा लौन्दा उसके सुपाड़े पर रख दिया और उसे मलने लगी। उसके मुख से सिसकारियाँ फ़ूट पड़ी। मैंने अब झुक कर उसका मस्त लण्ड मुख में ले लिया और मुख में लण्ड अन्दर बाहर करके अपना मुख चोदने लगी। वो मस्ती में सिमट गया और … आहें भरने लगा।

“अपनी टांगे उठाओ राहुल … थोड़ी और मस्ती करनी है … !” मुझे उसकी गाण्ड को अंगुली से चोदने की इच्छा होने लगी।

“लो उठा ली टांगें … ” उसने अपनी टांगें ऊपर उठा ली। उसकी गाण्ड खुल गई।

मैंने उसकी गाण्ड को सहलाने लगी और दबाने लगी। उसकी गाण्ड के फ़ूल को छूने लगी और दबाने लगी। उसकी गाण्ड के छेद में थूक लगा कर एक अन्गुली धीरे से अन्दर सरका दी। राहुल चिहुंक उठा। धीरे धीरे अंगुली अन्दर बाहर करने लगी … राहुल झूम उठा।

“भाभी … आप तो सब कुछ जानती है … कितनी अच्छी है … कितना मजा आ रहा है … मेरा लण्ड रगड़ दो ना !” उसकी सिसकारियां बढ़ने लगी, आहें फ़ूट पड़ी।

“मजा आ रहा है ना … !” मैंने दूसरे हाथ से उसका लण्ड पकड कर मुठ मारना चालू कर दिया। पर ये क्या … वो टांगे समेट कर एठने लगा और उसका वीर्य छूट पड़ा। ढेर सारा वीर्य निकलता गया … मैंने फ़ुर्ती से लण्ड को अपने मुख में ले लिया और गटागट पीने लगी। उसकी गाण्ड में से अन्गुली निकाल ली। उसकी सांसे उखड़ रही थी। वो अब धीरे धीरे अपनी सांसें समेट रहा था, अपने आप को कन्ट्रोल कर रहा था।

अब कपड़े उतारने की मेरी बारी थी। मैं भी बेकाबू हो रही थी। मैं चाह रही थी कि वो भी मेरे जिस्म से खेले। मेरी चूंचियो को दबाये,, खींचे, घुमाये, मेरी चूत से खेले मेरी गाण्ड की गोलाईयाँ दबाये औए गाण्ड में मेरी ही तरह अंगुली करे। मैंने राहुल से कहा,” राहुल … अब आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो … कहो कहां से शुरू करोगे … ?” मेरे मुख से बोल नहीं वासना उमड़ रही थी।

“भाभी … मुझे तो आपके बोबे यानी चूंचियाँ बहुत जोरदार लगती हैं … जाने सपनो में कितनी बार दबा चुका हूँ।” राहुल ने शान्त स्वर में इकरार किया। और कुछ ही पल में उसने मेरे बचे खुचे कपड़े भी उतार दिये। उसने प्यार से मेरे मद मस्त बदन को निहारा और मेरे चूचियों को सहलाने लगा। मेरे कड़े चूचक उबल पडे। मेरे निपल को उसने घुमाना चालू कर दिया। मेरे मुँह से सीत्कार निकल पडी।

“राहुल … हाय … मसल दे रे मेरी चूंची … ” मैं झनझनाहट से तड़प उठी। मैंने प्यार से उसके चेहरे को चूम लिया। तभी उसका कुंवारा लण्ड धीरे धीरे खडा होता हुआ दिखने लगा। मैं तनमयता से लण्ड को एक्शन में आते देखने लगी। उसे देख कर मेरी चूत तड़प उठी। खड़ा होते होते उसका लण्ड फ़ुफ़कारें मारने लगा। मुझे लगने लगा कि बस अब राहुल मेरी चूत मार ही दे और मेरी चूत फ़ाड दे। लेकिन अभी उसके होंठो के बीच मेरे चूचक दबे हुये थे जिसे वो खींच खींच कर चूस रहा था या कहिये कि पी रहा था। उसमें से थोड़ा थोड़ा सा दूध आ रहा था।

अब उसके एक हाथ ने नीचे से मेरी चूत दबा दी। मैं हाय कर उठी … चूत के पानी से उसका हाथ गीला हो गया। अब धीरे धीरे बदन चूमता हुआ चूत की ओर बढ़ने लगा। मेरी चूत लपलपा उठी। कुछ ही क्षणों में मेरी फूली हुई चूत पर उसके होंठ जम गये थे। राहुल की जीभ बाहर निकल कर चूत के द्वार खोल कर कर अन्दर का रसपान करने लगी। मेरी कलिका फ़ुदक उठी, कठोर हो कर तन गई। जीभ का स्पर्श मुझे तेज मिठास दे रहा था। उब उसकी जीभ ने मेरी कलिका को होंठो के बीच दबा लिया था और उसको चूस रहा था। अचानक राहुल की एक अंगुली मेरी कोमल गाण्ड में घुस गई। और अन्दर बाहर होने लगी। ये सब कुछ मेरे सहनशक्ति के बाहर था । मेरे मुख से एक सीत्कार निकल पड़ी और उसके बालों को पकड़ कर मैंने उसके सर को अपनी चूत पर दबा दिया और अपना पानी उगलने लगी। मैं झड़ चुकी थी।

“हाय राहुल … मेरा तो दम निकल गया रे … मैं तो गई … आह्ह्ह्ह्ह् … मेरी मां री … …!! ” राहुल ने अपनी नशीली आंखों से मुझे देखा और मेरे ऊपर आ गया। मुझे चूमने लग गया।

“हाय मेरी भाभी, आप तो बडी मस्त हैं … काश आप मुझे पहले मिली होती … आपके नाम के कितनी बार मुठ मारी मैंने !”

” हां राहुल, मैंने भी तो कई बार तीन तीन अंगुलिया चूत में घुसेड़ कर कर पानी निकाला है तेरे नाम का … !”

” बस भाभी, अब देर ना करो … अपना भोसड़ा फ़ैला दो … मुझे अब अपनी मनमर्जी करने दो !” उसकी उत्तेजना बढ़ती देख मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी। अब मुझे जी भर के चुदना था। मैंने अपनी दोनों टांगें फ़ैला दी और अपना भोसड़ा चौड़ा दिया। पर उसकी मंशा कुछ और ही थी। उसने मुझे एक झटके में उल्टा कर दिया।

“भाभी, मेरा लण्ड तो आपकी गोल गोल लचकदार गाण्ड देख कर फ़ूलता है … पहले इसका नम्बर लगाऊंगा !” मुझे पता था कि उसका लण्ड अभी कुंवारा है, चोदने का अनुभव भी नहीं है अभी तो … फिर गाण्ड क्या मारेगा।

“देख अभी नहीं, बाद में गाण्ड मार लेना … अभी तो अपने लौड़े से मेरी चूत मार दे …! “

” नहीं भाभी … पहले गाण्ड का मजा, मेरा तो गाण्ड को देख कर ही माल निकल जाता है … प्लीज!”

मेरे गाण्ड का फ़ूल अब दबने लगा। उसने अपना लण्ड पकड़ा और उसने अपना सुपाडा खोला और थूक लगा कर हाथ से लण्ड को छेद पर फिर से दबाने लगा। मेरी गाण्ड नरम थी और गाण्ड मराने की मैं अभ्यस्त थी, सो छेद खुला हुआ था और बड़ा भी था। उसका सुपाड़ा मेरे छेद में अन्दर आकर फ़ंस गया। राहुल ने मर्दानगी के स्वर में कहा,”भाभी, तैयार हो ना … लो ये मेरा मोटा लण्ड … ।” और उसने पूर जोर लगा कर लण्ड अन्दर पेल दिया।

मुझे मस्ती आ गई … और राहुल के मुख से चीख निकल गई। उसका पूरा लण्ड अन्दर तक बैठ गया था। मैंने तुरन्त ही गाण्ड सिकोड़ ली ली और उसके लण्ड को कैद कर लिया। मुझे पता था अब वो तड़पेगा, दर्द से कराहेगा। मुझे वही मजा लेना था।

“बस … बस … हो गया … अब ऐसे ही रहना … तू तो सच्चा मर्द है रे … ! देख एक ही झटके में मेरी गाण्ड मार दी।” उसे शायद मेरा मर्द कहना अच्छा लगा। उसने अपनी चीख अब बन्द कर दी। मेरी पीठ पर अब वो लेट गया। मैंने अपनी गाण्ड के छेद को फिर से ढीला कर दिया।

“राहुल एक और मर्द वाला शॉट लगा दे बस … ” मैंने उसकी मर्दानगी जगाई। भला वो पीछे रहने वाला था। उसने एक जोरदार झटका मारा, फिर एक चीख निकल गई। पर उसने सहन कर ली। मैंने अपने पांव और खोल कर उसे राहत दी। वो भी अपनी मर्दानगी दिखाते हुए अब कमर चलाने लगा। मेरी गाण्ड चुदने लगी। मैंने मस्ती में आंखे बन्द कर ली। मुझे उसकी तकलीफ़ से कोई मतलब नहीं था। बस सटासट चुद रही थी। मेरी गाण्ड में लौड़ा लेने की पुरानी आदत थी सो गाण्ड हिला हिला कर उसका लण्ड गाण्ड में भरने लगी। शायद अब उसे भी मजा आने लगा था। उसका जलता हुआ गरम लौड़ा गाण्ड में मिठास भर रहा था। पर शायद उसे अब चोदने की लग रही थी। मेरे चिकनी चूत का मजा लेना चहता था। सो उसने अब अपना लण्ड गाण्ड से निकाल कर मेरे भोसड़े में घुसा दिया। उसे भी आराम मिला चिकनी चूत में। मुझे भी एक गहरा सा आनन्द दायक मीठा तेज मजा आया। ये चुदाई का मजा था। चूत में लण्ड जब घुसता है तो जन्नत नज़र आ जाती है। मैंने अपनी ग़ाण्ड थोड़ी ऊपर कर ली और चूत में गहराई तक लण्ड लेने लगी।

“राहुल, मेरे मर्द, लगा और जोर से, जड़ तक फ़ाड़ दे मेरे भोसड़े को … साली बहुत प्यासी है …! “

“मुझे मर्द कहा, मेरी भाभी … तुझे आज मर्द का पूरा मजा दूंगा भाभी … ले मेरा लण्ड और ले … “

“हाय रे … मैं मर गई राहुल … पेल और पेल … दे और दे … मैं मर जाउंगी मेरे राजा … “

उसका लण्ड अपने पूरे शबाब पर था, गहराई तक चोद रहा था। मेरी चूत का पानी निकल कर लण्ड को पूरा गीला कर चुका था, और फ़च फ़च की मधुर आवाजें कमरे में गूंजने लगी।

“जोर मार मेरे राजा … आह्ह्ह … मजा आ रहा है … लगा और जोर से … हाय रे … मर गई रे … ”

“हां, भाभी … मस्त मजा आ रहा है … आपकी चूत ने तो आज मेरे लण्ड को स्वर्ग दिखा दिया … हाय रे … ले और ले मेरा लौडा … “ उसकी गति भी बढ़ती जा रही थी और मुझे सारे बदन में वासना की मीठी मीठी तड़प बढ़ती जा रही थी। सारी दुनिया मेरी चूत में सिमटी जा रही थी। मेरे पूरे जिस्म में तूफ़ान आ आने वाला था। मैं होश खोती जा रही थी। राहुल का शरीर मुझ पर कसता जा रहा था। अचानक उसकी रफ़्तार बढ़ गई। मेरी सिसकारी निकल पडी। और मैं कसमसा उठी। मेरे जिस्म ने मेरा साथ छोड़ दिया और मेरा पानी चूत से छूटने लगा। उसके हाथ मेरे बोबे पर कस गये और उसके तन्नाये हुये कड़क लण्ड ने भी मेरे चूत के अन्दर अपना लावा उगलना आरम्भ कर दिया। मेरी चूत ने और उसके लौड़े ने एक साथ जोर लगाया। उसका लण्ड मेरी चूत की गहराई में जाकर अपना रस छोड़ रहा था, झटके खा कर वीर्य मेरी चूत में भरता जा रहा था। मैं भी चूत का जोर लण्ड पर लगा रही थी और अपना पानी निकालने में लगी थी। दोनों ही झड़ते जा रहे थे और आनन्द में मगन हो रहे थे। अब राहुल ने अपना बोझ मुझ पर डाल दिया और उसका लण्ड सिकुड़ने लगा। अपने आप ही वो चूत से बाहर निकल गया।

हम दोनों ही चुदाई से तृप्त हो कर एक दूसरे को प्यार से देख रहे थे और चूमते जा रहे थे। अचानक मेरी नजर उसके लण्ड पर पडी, उसमें सूजन आ चुकी थी, ऊपर की चमड़ी कहीं कहीं से फ़ट चुकी थी। मुझे उसकी मर्दानगी पर गर्व था।

“राहुल, तू तो सच्चा मर्द निकला रे … अब आ तेरे लौड़े की ड्रेसिन्ग कर दूं !” मुझे उस पर दया भी आई। पर मुझे उससे आगे भी चुदना था सो उसे मर्द कह कह कर उसे जोश भी दिलाना था, कुछ ही देर में मैंने उसके लण्ड को साफ़ करके उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगा दी। राहुल मर्द के नाम पर एक बार तो फिर चोदने के लिये तैयार हो गया, पर मैंने उसे प्यार से समझा दिया और अपनी गोदी में उसका सर रख कर उसे प्यार करने लगी। Hindi Sex Stories

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