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Massage Girl in Sagar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Sagar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Sagar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Sagar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Sagar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Sagar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Sagar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Sagar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Sagar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Sagar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Sagar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Sagar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

अभी तक आपने पहले भागों में पढ़ा Antarvasna कि प्रिया की मैंने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

प्रिया ने मुझसे लंड को पकड़ कर लेट जाने को कहा मैंने वैसा ही किया तो प्रिया ने खड़े खड़े ही अपनी नंगी गोरी टांगें, चमकती हुई गोरी गुलाबी जांघें, मस्त चूतड़ और उनकी जांघों के बीच से झांकती हुइ उसकी मस्त गंजी चूत देखकर मैं तो पागल हो गया।

मेरा लंड तो और भी खींचा जा रहा था और मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था कि उसकी चूत का रस चूसते हुए उसके जांघों को खा जाऊँ।

प्रिया के गुलाबी बूब मुझको बेचैन कर रहे थे, इसी बीच उसने अपने दोनों हाथ ऊपर को कर दिये तो उसके बूब्स और बगल मुझे और उत्तेजित करने लगे।

मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और उसके बूब्स देखकर तो मैं एकदम बेचैन सा हो गया और मैंने प्रिया के बूब्स को मुंह में लेकर उनको चूमना और चाटना शुरु कर दिया। प्रिया कभी अपने बूब्स को ज़ोर से दबाने को कहती और जब मैं ज़ोर से दबाता तो कहती अरे धीरे से क्या मार डालोगे मुझे।

प्रिया के चूचियों पर मालिश करने में बड़ा मज़ा आ रहा था पर मैं आज उसे इतनी जल्दी छोड़ने वाला नहीं था आज मैं उसके बदन का एक एक पुर्ज़ा मसल देना चाहता था जिससे साली प्रिया मेरी चुदाई को याद रखे।

मैं साइए में उसकी बगल और कंधे पर भी मालिश कर रहा था।

फ़िर मेरा ध्यान प्रिया की पतली कमर पर गया वह इतनी पतली थी कि जितनी शायद 15 साल की कन्या की भी नहीं होगी। मैंने प्रिया के नाभि के नीचे के हिस्से में मसाज करने लगा।

इस एरिआ में मासाज करने पर प्रिया की उत्तेजना बढ़ गयी थी और वह जोर से अपने पैर पटकने लगी तो मुझे अपने लंड को कंट्रोल करना पड़ रहा था जो मेरे लिये थोड़ा मुश्किल हो रहा था।

मैंने उसकी चूत के आस पास अब्दोमेन का एरिया तक जब उसकी नंगी थाईस पर जोर से मसाज किया तो उसने अपनी दोनों थाईज़ को बंद करके चिपका दिया।

मैंने भी जल्दी से उसकी चूत पर हाथ डालकर वहाँ पर ऊँगली करने लगा तो प्रिया का तो बुरा हाल हो गया था वह मस्ती में छटपटाने लगी और उसने अपनी दोनों थाईज को खोल दिया तो मेरे तो मज़े ही आ गये अब मैं उसकी चूत, थाईज़ या अबदोमेन जहाँ चाहे वहाँ मसलने लगा।

मेरी ऊँगलियों के हमले से प्रिया की हालत अब खराब हो गयी थी वह अब मेरे एक्शन का विरोध नहीं कर पा रही थी।
मैं जैसे मर्जी आये उसके हर पार्ट को मसलता, रगड़ता और मसाज कर रहा था। जब मेरी मस्ती और बढ़ी तो मैंने प्रिया की चूत पर ऊँगली डालकर अंदर तक ऊँगली से उसकी चूत के छेद के अंदर तक मसाज करने लगा।

मेरे इस एक्शन से तो प्रिया पूरी तरह से चित हो गयी और बोली राजू प्लीज़ अब बस करो और एकदम से पलट गयी।

अब प्रिया के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे जिसके बीच में उसका गांड तो नज़र नहीं आ रहा था पर पीचे से भी प्रिया की चूत मुझको फ़िर नज़र आने लगी तो मैं फ़िर अपनी ऊँगली से उसकी चूत पर हमला कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी जांघों को पीछे से मसलने लगा।

जब प्रिया की चूत मेरी ऊँगलियों के हमले को नहीं बरदाश्त कर पायी तो प्रिया बोली- राज प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे ऐसे ही गीली कर दोगे क्या?

मैं उसके बड़े बड़े चूतड़ और उसके नीचे मोटी मोटी जांघों को सारा का सारा एक बार में ही मसल देना चाहता था पर मेरे दोनों हाथों में इनता एरिया एक बार में कवर नहीं हो रहा था।

प्रिया एकदम नंगी थी तो मेरे को अपने लंड पर कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने अपना ध्यान प्रिया के चूचियों पर दिया पर वह उल्टी लेटी हुई थी और उसके बूब्स साइड से ही नज़र आ रहे थे।

फ़िर भी मैंने साइड से ही उसके दोनों बूब्स को जोर से दबाया और सहलाना शुरु कर दिया। प्रिया को तो मेरा हर एक्शन एंजोयमेंट दे रहा था और अब वह मेरे हर एक्शन पर बस आहें भर रही थी।

मैं प्रिया के चूतड़ पर मसाज करने लगा तो उसके चूतड़ बहुत बड़े बड़े थे और उनको दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था।

पर मैं और मज़ा लेने के लिये उसके चूतडों पर जोर से स्लाप भी कर देता जिससे चटाक! की आवाज आती और प्रिया को बड़ा मज़ा आता था और वह अपने चूतड़ ऊपर उठा कर जैसे और स्लाप करने को कहती।

प्रिया की जांघें मुझे सबसे ज्यादा उत्तेजित कर रही थी, मैं वहाँ पर प्रेस, मसाज, किस, रब कर सकता था। और मैं ये सोच रहा था कि जब मैं उसकी चुदाई करुंगा तो उसकी थाईज़ जब मेरी थाई के साथ रब होंगी तो कितना मज़ा आयेगा।

अगर प्रिया की जैसी स्मूथ बॉडी हो तो ऐसा लगता है कि जैसे लिनेन पर स्लिप हो रहा हो। जब मैं उसके चूतडों पर मसाज कर रहा था तो मुझे बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था।

प्रिया को डबल मज़ा आ रहा था एक तो उसकी मसाज हो रही थी दूसरा एक मर्द के हाथों उसके बॉडी के पार्ट्स का स्पर्श दे रहा था और जिसे वह फुल्ली एन्जॉय कर रही थी।

मैंने प्रिया के दोनों चूतड़ को चोडा करके उसकी गांड को देखने लगा और मुझे प्रिया की चूत पीछे से दिखायी देने लगी और मेरा लंड फ़िर जोर मारने लगा।

इधर मेरा लंड अब पूरी तरह बेकाबू हो गया था और उसको कंट्रोल करना मेरे लिये पोस्सिब्ल नहीं था। वह अब प्रिया की चूत में जाये बगैर मानने वाला नहीं था।

प्रिया की चूत का बुरा हाल हो गया था। मैंने अपने अंगूठे से को प्रिया की चूत के आस पास रब करना शुरु कर दिया और मौका पाते ही उसकी चूत के अंदर पूरा अंगूठा डाल दिया। मेरा अंगूठा पूरा उसकी चूत में गया तो प्रिया की खुजली जरा कम हुई और वह अब थोड़ा मज़ा लेने लगी।

मेरा अंगूठा लंड की तरह प्रिया की चूत में अंदर बाहर फ़िसलने लगा, प्रिया को मज़ा तो आ रहा था पर उसकी चूत की खुजली पूरी तरह से दूर नहीं हो रही थी। वह मस्ती मेरे से चिपट गयी जैसे कहना चाहती हो कि कब चोदोगे पर वह बोली कुछ नहीं।

पहले प्रिया के नंगे बदन की गर्मी से मेरा लंड तो तना हुआ था मैंने जल्दी से प्रिया को दाब लिया। प्रिया की चूत में तो पहले से ही खुजली थी पर वह झूठा गुस्सा दिखा रही थी और मना कर रही थी।

मैंने उसको कमर से पकड़ा और उसके चूचियों को अपने लिप्स से किस करने लगा जैसे ही प्रिया ने मुंह खोला तो मैंने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिया और नीचे से दूसरे हाथ को उसकी थाईज़ पर मसाज करने लगा।

उसकी थाईज़ बड़ी टाइट थी, बच्चों वाली औरतों की तरह ढीली नहीं थी। मैं थाई पर हाथ फ़ेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ना चाह रहा था। प्रिया के बूब्स भी एकदम टाइट हो गये थे जिसका मतलब था कि उसको पूरी उत्तेजना हो रही थी।

मैंने कइ बर प्रिया के बूब्स के निप्पल को लिप्स में लेकर जोर से प्रेस किया जिससे दोनों को बड़ा मज़ा आया।

जब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा तो मैंने एक दो बार प्रिया के निप्पल को अपने दांत से हल्का सा काट भी दिया जिससे प्रिया चीख पड़ी और मुझे बड़ा मज़ा आया।
नीचे से मेरा हाथ प्रिया की थाईज़ से होता हुआ उसके चूतडों और रानो पर मसाज करने लगा।
ऊपर से मैंने प्रिया की बैक, नेक, वेस्ट और नाभि के आस पास लिप्स और जीभ से किस और लिक करना चालु रखा था।

जब मेरा एक हाथ प्रिया की रानो पर फ़िसल रहा था तो प्रिया की मस्ती कंट्रोल से बाहर हो गयी तब मैंने प्रिया को बेड पर लिटा दिया और अपने आप भी साइड बी साइड लेट गया।

मैं आराम से अपने दोनों हाथों और लिप्स से प्रिया के पूरे बदन से खेलने लगा।
अब दोनों एकदम गर्म हो गये थे प्रिया की भी सारी शरम दूर हो गयी थी और उसका बदन की एक एक हरकत मुझे महसूस हो रही थी उसकी गर्म सांसें मुझे बेचैन कर रही थी।

मैंने प्रिया की चूत के ठीक पास अपनी ऊँगली से रब करना शुरु कर दिया जिससे मस्ती के मारे प्रिया ने अपनी दोनों टांगें फ़ैला दी और मुझे उसकी चूत पर अटैक का एक मौका मिल गया। Antarvasna

शेष अगले भाग में…

एक पुरानी कहानी Hindi Porn Stories

एक बहुत पुराने गाने कि तलाश थी मुझे। इसे मुकेश Hindi Porn Storiesऔर लता ने गाया था। फ़िल्म का नाम मुझे याद नहीं था। सिर्फ़ गाने के बोल ही याद थे। कुछ इस तरह था वो गाना—छोड़ गये बालम, मिझे हय अकेला छोड़ गये। सीडी, कैसेटों की दुकानों मे काफ़ी ढूंढा, पर नहीं मिला। किसी ने कहा कि शायद लैमिन्ग्टन रोड पर मिल जाये।

मैं लैमिन्ग्टन रोड गया। इत्त्फ़ाक से पहली ही दुकान से यह गाना मिल गया, पर वहाँ क्या हुआ, ये बताता हूं।

मैंने दुकान मे देखा कि कैश काउन्टर पर एक आदमी को छोड़ कर बाकी सब लड़कियां हैं। मैं सीडी के काउन्टर पर गया तो लड़की ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया और बोली-यस सर ! वट कैन आई डू फ़ोर यू?

ये मेरी बुरी आदत है कि जब भी मैं किसी लड़की को देखता हूं तो न चाहते हुए भी मेरी नज़र सबसे पहले उसकी छाती पर पड़ती है। यहाँ भी ऐसा ही हुआ, मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी पर मैं सम्भल गया। उसने भी मेरी इस हरकत को भाम्प लिया और अपने दुपटटे से दिलकश कबूतरों को ढकते हुए फ़िर बोली-कैन आई हेल्प यू?

जी तो चाहा कि कह दूं- इन कबूतरों को पालना चाहता हूं, लेकिन कहा- जी, मैं एक बहुत पुराना गाना तलाश रहा हूं, अगर यहाँ मिल जाये?

वो झट से बोली- गाने के बोल बताइये।

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये,

कुछ सोचते हुए वो बोली- मुझे तो ऐसा कोइ गाना याद नहीं आ रहा है- ठहरिये, मैं सर से पूछती हूं।

यह कह कर वो उस अधेर आदमी के पास गई जो कैश काउंटर पर बैठा था। थोड़ी देर बाद वो वापस आकर बोली- है हमारे पास- ये फ़िल्म बरसात का गाना है- आप रुकिये, मैं यह सीडी लाती हूं। वो उपर गई और एक सीडी लाई, बोली- पर आपको इस गाने के लिये पूरी सीडी खरीदनी पड़ेगी-इसमें कुछ और पुरा्नी फ़िल्मों के गाने भी हैं।

कोइ बात नहीं लेकिन देखिये इसमें वो गाना है य नहीं

जरूर होगा– इस सीडी में बरसात फ़िल्म के गाने भी हैं

हाँ, लेकिन देखो वो पर्टिकुलर गाना है भी या नहीं

वो सीडी के कवर पर लिखे गानो कि लिस्ट देखने लगी और बोली- क्या बोल बताये थे आपने?

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये–

वो एक एक गाना पढने लगी–दुम– नही–दम भर जो इधर मुंह फ़ेरे–बरसात में हमसे मिले… हवा मे उड़ता जाये– चोद गये–ओह सारी– छोड़–

छोड़ गये बालम, मुझे हय अकेला छोड़ गये– ये लीजिये। वो जल्दी से सीडी मेरे हाथ मे देते हुए बोली और फ़िर दूसरी और देखने लगी।

मैं अपनी हंसी रोक ना सका–वो शर्म से लाल हो गई और बोली- सारी।

मैंने कहा- कोइ बात नही- मुझे दोबारा हंसी आ गई।

वो नर्वस होते हुए बोली- देखो ना छोड़ की स्पेलिन्ग ऐसी होती है क्या-? सी डबल एच लिखना चाहिये ना- यहाँ सिन्गल एच ही है

हाँ सच कहा आपने– आपने तो चोद पढा– कई लोग तो इसे चोद– मैं कहते कहते रुक गया।

वो कैश काउंटर की तरफ़ और फ़िर अपनी साथी लड़कियों की ओर देखते हुए बोली- और कुछ?

जी बस — इतना काफ़ी है– अच्छा लगा।

व्हाट?

अच्छा लगा कि इतना ढूंढने के बाद आखिर यह गाना मिल ही गया।

और कुछ?

नहीं बस-कितने पैसे हुए?

मैं बिल बना देती हूं आप काउंटर पे पेमेंट कर दें।

जब मैं घर आया तो सोचने लगा-उसके बूब्स तो ईरानी होटल की डबल रोटियों जैसे थे- होंठ भी कम सेक्सी ना थे॥ अगर ये होंठ मेरे लन्ड को कोमलता से दबा लें तो क्या हो? मेरे शरीर में झुरझुरी सी आ गई।

रात को सपने में मैं उसे लेकर किसी हिल स्टेशन चला गया। मैंने देखा-हम दोनों नंगे ही पहाड़ियों की सैर कर रहे है। मैं कभी उसके कन्धे पर हाथ रख कर चलता तो कभी उसकी कमर मे बाहें डाल कर्। मेरा हाथ फ़िसल कर उसकी गान्ड पर रुक जाता। उसकी छातियां तजमहल के गुम्बद लग रहे थी पीछे से उसके गोल गोल कोमल चूतड़ यूं उपर नीचे हो रहे थे जैसे कोइ सी-सा ऊपर नीचे झूल रहा हो। मैं अपना लन्ड उसकी गांड की दरार में घुसाना चाहता था लेकिन घुस नहीं पा रहा था मैंने खूब जोर लगाया तो वो चिल्लाई- पागल हो गये हो क्या? मैंने उसकी बात अनसुनी कर दी और एक बार फ़िर जोर से झटका दिया, ताकि लन्ड अपनी मन्जिल तक पहुंच जाये। झटके से वो गिर पड़ी और मैं भी उसी के साथ चारों खाने चित्त हो गया। लन्ड पथरीली जमीन से टकराया और मैं चीख पड़ा– बहनचोद !!!

आंख खुली तो मैं पलंग से गिर कर जमीन पर पड़ा था। घरी मे टाइम देखा तो सुबह के साढे छह बजे थे। लन्ड जबरदस्त अंदाज में खड़ा था और किसी चूत की फ़िराक मे धीरे धीरे हाँफ़ रहा था। मुझे हाथ से ही लन्ड को शांत करना पड़ा। नहा धो कर कमरे से निकला तो घर वालों को काफ़ी हैरानी हुई कि नौ बजे उठने वाला लड़का आज इतनी जल्दी कैसे उठ गया।

” क्या आज कालेज जल्दी जाना है?” बड़े भाई ने पुछा।

” हाँ आज एक्स्टरा क्लास है-” और मैं क्या कहता। जब कह दिया तो घर से बाहर निकलना भी था। मेरे कदम फ़िर लैमिन्ग्टन रोड की तरफ़ उठ गये।

दुकान बंद थी। बाजू के पान वाले से पूछा तो वो बोला-‘दस बजे खुलती है दुकान” मैंने घड़ी देखी। अभी साढे नौ ही बजे थे। मैं दूर जाकर खड़ा हो गया। जैसे तैसे दस बजे। दुकान खुली, वो लगभग सवा दस आई। जब वो दुकान मे घुस रही थी तो मैंने देखा कि उसकी गान्ड के उभार बिलकुल सपने मे देखी हुई गान्ड कि तरह ही थे। मैं सोचने लगा कि सुबह का सपना वाकैई सच होता है !

थोड़ी देर में मैं दुकान के अन्दर गया। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी औए उसके भाव देख कर मुझे यह अंदाजा हुआ कि उसने मुझे पहचान लिया है।

मैं सीधे उसके पास गया। वो जबरन मुस्करा के बोली- यस सर?

”मुझे एक और सीडी चाहिये”

कौन सी?

एक पुरानी फ़िल्म की॰॰॰अगर आपके पास हो तो॰॰॰

फ़िल्म का नाम?

राजा हरिशचंद्र

उसने सिर हिलाया और बोली- सर को पूछती हूं।

आज वो मुझे कुछ खूबसूरत भी नज़र आयी। बड़े बूब्स तो मेरी कमजोरी हैं ही।

जल्दी ही वो वापिस आयी और बोली-ईतनी पुरानी फ़िल्म के गाने नहीं हैं

ओह ! बैड लक, मैं निराश हो कर बोला।

और कुछ?

नहीं॰॰॰यही चाहिये था॰॰॰खैर थोड़ी देर बाद आउंगा।

क्यों? उसने पूछा।

क्यों मतलब? आपकी दुकान में कोइ क्यों आता है?

अच्छा, सोरी सर ! यू आर मोस्ट वेलकम!

कालेज के बाद फ़िर उसी दुकान में पहुंचा। अबकी बार वो दूर से ही मुस्काई। जब मैं उसके पास पहुंचा तो वो खुद बोली- कोइ और पुरानी फ़िल्म?

हाँ॰॰॰फ़िल्म चुदाई की सीडी चहिये।

व्हाट???॰॰॰ वो ऐसे बोली जैसे बिजली का करंट लग गया हो।

क्या हुआ? मैंने भी हैरानी जताई।

क्या कह रहे हैं?

कोइ अजीब बात कह दी मैंने?

किस फ़िल्म की सीडी चाहिये आपको?

जुदाई फ़िल्म की !

जुदाई ?

हाँ ! ॰॰॰आपने क्या सुना?

नहीं नहीं ठीक है॰॰॰जुदाई की सीडी होगी ही॰॰॰

लेकिन मुझे पुरानी चुदाई की सीडी चाहिये॰॰॰

वो फ़िर चौंक गई और मुझे शक भरी नज़रों से देखने लगी॰॰॰

मैंने पूछा- अब क्या हुआ?

कुछ नहीं॰॰॰पुरानी मतलब्॰॰॰? उसमे एक्टर कौन थे?

जितेन्द्र और शयद रेखा॰॰॰ मैंने युं ही कह दिया।

वो उपर की मन्जिल पर गई, थोड़ी देर बाद नीचे आयी, कैश काउंटर पर गई, दो तीन मिनट बाद आयी और बोली-सोरी सर्॰॰॰नई जुदाई कि सीडी है॰॰॰ पुरानी नहीं।

मैं फ़िर अपने को निराश जताने लगा॰॰॰वो मुझे धयान से देखने लगी।

फ़िर मैंने अपने दोस्त करण का नम्बर मिलाया और बोला॰॰॰

हाँ भैया॰॰॰जुदाई कि सीडी तो नहीं मिली॰॰॰क्या करूं?

उधर से करण बोला- अबे क्या बोल रहा है तू?

अच्छा दूसरी दुकान में देखूं ओके ओके जी जी॰॰॰

करण फ़िर हैरानी से बोला- कहाँ है तू॰॰॰क्या बोल रहा है?

कौन सी? ॰॰॰लन्ड्॰॰॰लन्डन्॰॰॰ कौन सा लन्दन?

मैंने चोर नज़रो से देखा, उसका चेहरा लाल हो गया था

जी ॰॰॰ नाईट इन लन्डन्॰॰॰ अच्छा॰॰॰पुछता हूं भैया॰॰॰

मैंने फ़ोन काटा और लड़की से पूछा- नाईट इन लन्डन् की सीडी या कैसेट होगी आपके पास?

उसने सीडी तलाश कर मुझे दे दी और आदत के अनुसार बोली- और कुछ?

नहीं बस्॰॰ बिल बना दीजिये।

वो सर झुका कर बिल बनाने लगी।

अगले दिन मैं फ़िर उसकी दुकान में पहुंच गया। आज उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी। होठों पर हल्के रंग की लिप्स्टिक भी थी। वो उम्र में मुझ से कुछ बड़ी शायद तीस बत्तीस की लग रही थी। ब्लाउज का गला सामान्य से कुछ बड़ा ही था, जिसमे से उसकी बड़ी बड़ी छातियां गजब ढा रही थी।

यस सर ! उसने मुस्कुराते हुए पुछा- सीडी?

हाँ पुरानि फ़िल्म की सीडी या कैस्सेट जो भी हो!

फ़िल्म का नाम ?

गांड है तो जहान है॰॰॰ मैंने जानबूझ कर गांड शब्द का इस्तेमाल किया।

वो घूर कर मुझे देखने लगी।

है तो दे दीजिये।

क्या नाम बताया आपने?

जान है तो जहान है॰॰॰

इस नाम की तो कोई फ़िल्म नहीं आई।

आप सर से पूछिये।

ठीक है॰॰ वो कैश काउंटर तक गई। थोरी देर बाद आ कर बोली- सर आपसे बात करना चाह्ते हैं

मैं थोड़ा घबरा गया कि कहीं साले को शक तो नहीं हो गया। मैं उस तक गया तो उसने पूछा- इतना पुराना पुराना गाना कयको मांगता तुमको?

मेरेको नाइ मेरा भाई को मांगता॰॰॰ वो कोइ रिसर्च कर रहा है।

आप एच एम वी में जाके पूछो ना॰॰॰

फ़िर मैंने पूछा- अच्छा आपके पास वो गाना है॰॰॰चूतक चूतक चूतिया॰॰॰?

वो हंसने लगा॰॰॰अरे! ये क्या बोलता॰॰चूतक चूतक नही तूतक तूतक्॰॰॰

लेकिन ये तो नया गाना है तुम्हारा भाई क्या करेगा इसका?

भाई को नही॰॰ ये तो मुझे चाहिये।

अच्छा उधर सोना से पूछ लो।

सोना कौन?

अरे वही सेल गर्ल्॰॰॰

अच्छा तो उसका नाम सोना है॰॰

मैं उसके पास पहुंचा- सोना॰॰वो पोप भन्ग्ड़ा है आपके पास्॰॰॰तूतक तूतक तूतिया॰॰॰

वो मेरी तरफ़ देख कर बोली- मेरा नाम किसने बताया आपको?

चन्दू साब ने॰॰॰

कौन चंदू साब?

वो जो काउंटर पे बैठे हैं

अरे वो तो मेहता साब हैं

अच्छा मुझे मालूम नही था।

चूतक चूतक चूतिया है आपके पास?

वो सपाट नज़रों से मुझे देखते हुए बोली॰॰ अब मैं समझ गई॰॰तुम जानबूझ कर गलत बोल रहे थे अब तक

नही है ये गाना॰॰॰ वो नाक फ़ुला कर बोली और दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया।

उस दिन मैंने सोच लिया कि आज इसे रास्ते मे पकड़ूंगा।

शाम को सात बजे दुकान बंद हो गई और वो बाहर निकली।

मैं उसके पीछे हो लिया।

थोड़ी देर पीछा करने के बाद ग्रांट रोड स्टेशन आने से पहले ही उसके पास पहुंच कर धीरे से कहा॰॰॰हाय !

वो चौंक कर मुझे देखने लगी। थोड़ी घबरा भी गई।

मैंने फ़िर हाय कहा।

वो बोली-क्या बात है, क्या काम है?

सोरी, मैं जरा लेट हो गया, आपकी दुकान तो बंद हो गई।

हाँ, अब उसके कदम तेज़ हो गये थे।

अरे ! आप दौड़ क्यों लगा रही हैं?

मुझे जल्दी है। सात बीस की टरेन पकड़नी हैकहाँ रहती हैं आप ?

कहाँ रहती हैं आप ?

उसने जवाब नही दिया

दरअसल मुझे एक और पुरानी फ़िल्म की सीडी चाहिए थी अर्जेंट

अब कल आइये

हाँ वो तो अब कल ही

यहाँ दूसरी दुकाने भी हैं वहाँ ट्राई कीजिये

हाँ, मगर वहाँ आप तो नही मिलेंगी ना

व्हाट? क्या मतलब ?

मैंने हिम्मत करके कहा…देखिये सच कहता हूँ… अब तक जितनी भी शोपिंग मैंने आपकी दुकान से की है सिर्फ़ आपसे मिलने के लिए…

वो रुक गई और मेरी आँखों में देख कर बोली…तुम्हारे इरादे अच्छे नही लगते.

हाँ वो तो है…

क्या मतलब ?

अब मतलब तो आप समझ ही गई होंगी .. मैं आपको डिनर मतलब लंच पर ले जाना चाहता हूँ


…काफी पापड़ बेलने पड़े उसे पटाने के लिए। आख़िर वो रास्ते पर आ ही गई. .. पता चला कि उसका तलाक हो चुका है.
ससुराल वालों ने निकल दिया है घर से. मायका दिल्ली में है और वो अपने माँ बाप के पास रहना नही चाहती। यहाँ बोरिविली में एक चल में किराये पर रहती है.

काफी कोशिशों के बाद मैंने उसे अपने साथ सोने के लिए राजी कर लिया. अब वो काफी खुल चुकी थी. बोली-कहाँ ले जाओगे?..अपने घर ?

नही वहाँ तो मेरी फॅमिली रहती है.

फ़िर?

किसी होटल में.

मैंने एक अच्छे होटल में कमरा बुक कर लिया. उस दिन उसने काम से छुटी ले ली थी। मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था की मैं सारा दिन उसे चोदूंगा। उसकी चूत चाटुन्गा, वो मेरा लंड अपने कोमल होठों से मसलेगी.

तयशुदा दिन हम होटल में पहुंचे। कमरा पहले से ही बुक था. दोपहर के दो बज रहे थे. हमने बियर पी और खाना खाया .फ़िर मेरे सब्र का पैमाना भर गया.मैंने उसे कहा…सोना, हर रात को मैं तुम्हे सपने में चोदता हूँ आज वो दिन आ ही गया जब सचमुच…

वो बोली..मैं भी बिना मर्द के कई दिनों से प्यासी हूँ अभी तक बैंगन ,लोकी से काम चला रही थी, आज मर्द का लंड मिलेगा.. पर

पर क्या?

अभी तो तुम इतने मर्द नही लगते। कितना बड़ा है तुम्हारा?

देखोगी?

हाँ दिखाओ…

मैंने झट से कपडे उतारे लंड तमतमा कर फडफडा रहा था वो बड़े गोर से मेरे लंड को देखने लगी और फ़िर कहा…चलेगा !

अरे 6 इन्च के लोडे को देख कर कह रही हो… चलेगा… दोडेगा बोलो ना…

6 इंच का लोडा क्या खाक दोडेगा ? दोड़ने के लिए तो कम से कम 8 इंच का घोड़ा चाहिए!

मुझे गुस्सा आ गया और मैं बोला-पहले आजमा तो लो,इस 6 इंच के टट्टू को क्या सरपट दोड़ता है.

अच्छा?

ये कह कर वो आगे झुक गई और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ किया, उसका पकड़ना था की मेरा फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लंड आधा इंच और लम्बा हो गया. वो धीरे धीरे लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी। मुझे हल्का हल्का नशा आने लगा था।

उसने मुझे बेड पे लिटा लिया और मेरि दोनों टांगो के बीच बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मैं उसके मुलायम होठों को अच्छी तरह महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी और दुनिया मे हूं। मेरे जिस्म मे चींटियां रेंगने लगी। उसने अपनी गति बढा दी और जल्दी जल्दी लन्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर मे लन्ड से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा जिसे उसने गड़प से पी लिया। लन्ड कुछ देर शान्त बना रहा। मैं भी बेड पर निढाल सा पड़ा था। वो उठ कर बोली- क्यो मर्द?… बस क्या?… और कुछ करना है?

जानेमन्… अभी तो पूरा दिन बाकी है… बस एक मिनट्… अभी तैयार हो जाता हूं… ये कह कर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैं उसे घूम घूम के चारों ओर से देखने लगा। वो हन्स कर बोली… ऐसे क्या देख रहे हो ?

देख रहा हूं, सपने मे जो हसीना देखी थी, वही अब सामने है… वही रंग रूप, वही उतार चढाव, वही चूत्… वही गांड वही चूची वही जांघ…
तुम सचमुच माल हो यार !

कमाल है यार माल देख के भी धमाल नही कर रहे हो… वो हंसने लगी। मैं उससे लिपट गया। कमरे मे म्युजिक बज रहा था हम अपने आप धीरे धीरे नाचने लगे। मैं उससे यूं लिपटा हुआ था जैसे उसके अन्दर ही समा जाउंगा। वो बहुत भावुक हो रही थी।

मैंने उसे बेद पे लिटा दिया। उसने खुद अपनी टांगे ऊपर कर ली, जिससे उसकी चूत खुल गई। उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसके पति ने उसे ज्यादा नहीं चोदा था। गुलाबी रस भरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी। मेरे मुंह मे पानी आ गया। मैं उसकी चूत पर झुक गया। मादक सी गंध आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के होठों पर रख दी। वो सिसक पड़ी। होले होले मैं उसकी चूत कि पूरी दरार चाटने लगा। वो तिलमिलाने लगी। तड़फ़ने लगी। मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के छेद मे डाली और अन्दर तक ले गया। वो तड़फ़ती रही। मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगा। उसकी सिसकियां चीखों मे बदल गई।

मैंने उसे उल्टा किया। पीछे का नज़ारा और भी मज़ेदार था। पतली कमर के नीचे सुंदर सी गोल गान्ड्। मैंने उसकी चूत से बहुत सारा रस निकाला और उसकी गान्ड मे मल दिया। गान्ड चिकनी हो गई और चमकने लगी। मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड की मसाज करने लगा। कभी मेरी उन्गलियां उसकी गान्ड मे तो कभी उसकी चूत में।

चूत का रस था कि निकला ही जा रहा था और मैं उसी के रस से उसके सारे शरीर की मालिश कर रहा था। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मैं उसकी गांड मे अपनी बीच की उंगली घुसाने लगा। दो तीन मिनट में पूरी उन्गली अन्दर घुस गई और मैं बड़े आराम से अपनी उंगली से उसकी गांड की चुदाई करने लगा।

उसकी सिसकारी बद नही हो रही थी। गांड मे उंगली का मज़ा शायद वो पहली बार ले रही थी। आखिर उससे रहा नही गया और वो बोली… अपना लन्ड डाल दो मेरी गांड मे… पेल दो… खूब जोर जोर से… रुको नही एक भी पल्…

मैं तुरन्त पीछे से उसके उपर चढ गया। उसकी कमर के नीचे हाथ डाल कर थोड़ा उपर उठाया। उसकी गांड ऊँट की पीठ की तरह ऊपर हो गई। गांड का छेद साफ़ दिखाई दे रहा था। धीरे सेमैंने अपना लन्ड उसकी गांड के छेद पर रखा तो अपने आप ही अन्दर जाने लगा। मैंने बस थोड़ी ही मेहनत की और हल्का सा धक्का दिया, लन्ड गांड के अन्दर यूं गया जैसे सांप बिल मे फ़ुर्र से घुस जाता है। मुझे अपना सपना याद आ गया जिसमे मैंने लाख कोशिश की थी गांड मे लन्ड घुसाने की, मगर सफ़ल ना हो सका था। वो हल्के से चीखी भी… मगर फ़िर चुप हो गई। मैं अपना लन्ड उसकी गांड मे अन्दर बाहर करने लगा। वो सी सी की आवाज़ निकालने लगी। फ़िर ये आवाज कुछ ऊँची हो गई। मेरी नस नस को मज़ा मिल रहा था और शायद उसे भी, क्योंकि वि भी हाय्… उफ़्… मर गई कहती जा रही थी।

मक्खन की तरह कोमल गांड मे मेरा लोहे का सा लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था। जब वो अपनी गांड के दोनों पाटों से दबाती तो मैं अन्दर बाहर नही कर पाता। जब वो अपनी पकड़ ढीली कर देती तो मैं तुरन्त अपने लन्ड को उसकी गांड से बाहर निकालता और फ़िर फ़चाक से अन्दर डाल देता। ये खेल उसे बहुत अच्छा लग रहा था। वो अपनी गांड उचका उचका कर मेरी हिम्मत बढा रही थी

यह खेल 10 -15 मिनट ही चला। तब मेरे लन्द ने अपना सारा रस उसकी गांड मे उतार दिया। पूरा रस निकलने तक मैं उसकी गांड मे धक्के मारता रहा। जब अन्तिम बूंद भी निकल गई तो मैंने अपना लन्ड उसकी गांड से बाहर निकाला, जो उस वक्त भी लाल लाल और तमतमाया हुआ था।

वो सीधे लेट कर जोर जोर से सांस लेने लगी। यही मेरी हालत थी। कुछ देर हम यूं ही पड़े रहे। अचानक दरवाजे की घंटी बजी। सोना नंगी ही बाथरूम भागी। मैंने जल्दी से कपड़े पहने, बलों को सीधा किया और दरवाजा खोला। दरवाजे पर रूम बोय कम वेटर खड़ा था।

क्या बात है? मैंने पूछा।

साहब, कुछ नाश्ता वाश्ता…॥

यार कुछ चाहिये होगा तो इन्टरकोम से बोल देन्गे।

सोरी सर ! मगर आपकी तरफ़ से कोइ मैसेज नही आया तो मैंनेजर ने भेजा कि… शायद आपको कुछ चाहिये हो ?

मैंने घड़ी देखी… शाम के 5 बज रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि इतनी जल्दी 5 कैसे बज गये। खैर मैंने उसे बीयर और चिकन पकौड़ा लाने को कहा। वो आधे घंटे बाद नाश्ता लाया। तब तक हमने इन्तजार करना ही मुनासिब समझा।

भरपेट नाश्ता करने के बाद मैंने वेटर से खाली डिशेज ले जाने को कहा और उसके जाते ही मैंने फ़िर दरवाजा बंद कर लिया।सोना भी उसी इन्तजार मे थी। उसने फ़टाफ़ट कपड़े उतारे और मैंने भी।

एक बार फ़िर उसने मेरे लन्ड को अपने भीगे मुंह मे ले लिया। बीयर और पकौड़े से तरबतर जीभ ने मेरे लन्ड मे आग सी लगा दी।

वो अपनी जीभ से मेरे लन्ड को सराबोर करने लगी। छह इन्च के लन्ड का यही फ़ायदा है कि वो किसी से भी मुंह मे पूरी तरह समा जाता है। अपने मुंह के अन्तिम सिरे तक वो मेरे लन्ड को लीलती रही और बाहर निकालती रही। मेरे लन्ड को यह वरदान पहले नही मिला था। वैसे तो तीन चार लड़कियों ने सकिन्ग की थी मेरी… पर आज जो अनुभव मिल रहा था वो किसी अनुभवी नारी का ही काम था। लड़कियों ने तो मेरे लन्द को ऐसे चूसा था जैसे लोलीपोप चूस कर फ़ेंक देती हैं। उन्हें तो पानी निकालना भी नही आता था। कई बार उन्होने अपने हाथों से ही मेरे लन्ड को तृप्ति दी थी।
सोना अपने हलक तक मेरा लन्ड ले रही थी।

मैंने उसे दोबारा उल्टा लिटाया और कमर के नीचे से हाथ डाल कर घोड़ी बनने पर मजबूर किया। मैंने उसे ऐसे ऐडजस्ट किया कि चूत बिल्कुल सीध मे आ जाये। उसकी टांगो को और फ़ैलाया। गुलाबी चूत दिखाई देने लगी हल्की हल्की झांटे चूत के आस पास ऐसे खड़ी थी जैसे किसी खजाने की रखवाली के लिये सुरक्षा कर्मी खड़े हों। घुटनों के बल खड़े हो कर उसकी गोरी जांघों पर हाथ फ़ेर कर मैंने उसकी चूत मे अपने लन्द को लगाया और धक्का दिया। आशा के विपरीत मेरा लन्ड उसकी चूत मे फ़ंसने लगा। चूत काफ़ी टाईट थी। ये सोच कर मुझे बहुत मज़ा आया। मैं धीरे धीरे धक्के मार कर अपने लन्ड को उसकी चूत मे पूरी तरह घुसाने की कोशिश करने लगा। इसके लिये मुझे उसकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे भी करना पड़ा। थोड़ी कोशिश मे ही मेर लोड़ा टाईट चूत मे अन्दर बाहर होने लगा। दोगी स्टाईल मेरा फ़ेवरेट आसन है। इसमे जो मज़ा आता है वो करने वाले को ही मालूम है। तना हुआ लन्ड चिकनी चूत मे जा रहा था, आ रहा था। चूत के अन्दर की नर्म हडडी मेरे लन्ड के निचले भाग की मालिश कर रही थी। मेरे मुंह से लगातार आह आह की आवाजें आ रही थी। सोना का भी यही हाल था। मैं उसकी गांड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। लन्ड को ऐसी सेवा कभी कभी ही मिलती है… और शायद चूत को भी।

अब मैंने वैसे ही उसे डोगी स्टाईल में थामा। उसकी गान्ड को मजबूती से पकड़ कर मैं धीरे से पीठ के बल लेट गया। लन्ड उसकी चूत में ही था। वो मेरा लन्ड लिये उसी तरह धीरे से मेरी जांघों पर बैठ गई। उसने अपनी दोनों टांगें मेरी जांघों के आसपास रख दीं और सम्भल कर बैठ गई। अपने आप को एडजस्ट किया और फ़िर उपर नीचे होने लगी। मेरा लन्ड उसकी चूत में जाकर बाहर निकल रहा था। वो बराबर उपर नीचे हो रही थी। उसका स्टेमिना अच्छा था। यह आसन उसके लिये शायद काफ़ी मज़ेदार साबित हुआ। उसकी चूत से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा और मेरी जांघों और लन्ड को तर करने लगा। उसने अपनी रफ़्तार बढा दी। अब वो चीखने लगी थी।

चकाचक धकाधक छकाछक्… लन्ड चूत के अन्दर बाहर हो रहा था और वो उसी गति से चीख रही थी। अचानक वो धम्म से मेरी लांघों पे बैठ गई और उसके मुंह से बड़ी जोर से आ…ह निकला। वो पूरी तरह झड़ चुकी थी मगर मैं बाकी था।

उसने अपनी चूत से मेरे लन्ड को निकालने की कोशिश की, मगर मैंने ऐसा नही होने दिया। मैंने मजबूती से उसकी गान्ड को पकड़ा और आगे पीछे करके उसे हिलाने लगा। मेरा लन्ड उसकी चूत में ही था। मुझे उसका सहयोग नहीं मिल रहा था। इसलिये मेरा लन्ड उसकी चूत से बाहर आ गया और वो झट से बेड पे उलटी लेट गई। मेरा पानी निकलना अभी बाकी था। मैं भला उसे ऐसे कैसे छोड़ देता।

मैं फ़ौरन पीछे से उसके उपर चढ गया। पहले तो वो कसमसाई, मगर फ़िर ढीली पड़ गई। मैंने अपने तने हुए चिकने लन्ड को उसकी गान्ड में उतारना चाहा। इसके लिये मुझे उसकी गान्ड को ऊपर उठाना था, मगर वो उठने के लिये राज़ी नहीं हो रही थी। मैं उसकी मजबूरी समझ रहा था। आखिर मैंने दोनों तकिये उठाये और उसके पेट के नीचेए रख दिये। इससे उसकी गान्ड कुछ ऊपर हो गई।

मैंने उसकी गान्ड के दोनों पाटों को अपने अंगूठों से हटाया तो भूरे रंग का छेद नज़र आने लगा।

बस यही थी मेरी- मेरी लन्ड की मन्जिल्…॥

अपने तमतमाए लन्ड को मैंने उसकी गान्ड के संकरे छेद पर रखा। अंगूठे से दोनों फ़ांकों को फ़ैलाए रखा, ताकि छेद छुप ना जाये।
लन्ड बिल्कुल गान्द के छेद पर था। गीला और चिकना तो वो था ही। धीरे से थोड़ा सा लन्ड अन्दर को किया। हल्के हल्के धक्के मार के मैंने अपना पूरा का पूरा लन्ड उसकी गान्ड में उतार ही दिया। पूरा लन्ड कभी कभी ही गान्ड में समाता है, वरना आधे लन्ड की चुदाई से ही काम चलाना पड़ता है। उसे तकलीफ़ जरूर हुई पर उसने प्रोटेस्ट नहीं किया। बीस पच्चीस धक्कों से ही मेरा काम बन गया। उसकी पूरी गान्ड मार कर मैं निहाल हो गया। सारा बचा खुचा पानी निकल गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

रात को लगभग दस बजे घर आकर मैंने हिसाब लगाया तो पता चला कि पांच हज़ार खर्च हो गये हैं। ये पैसे मैंनें अपने जेब खर्च से बचा कर रखे थे।

सोना से दोबारा मिलने का वादा तो कर लिया था, पर दोबारा पांच हज़ार जमा करने के लिये मुझे क्य क्य पापड़ बेलने पड़ेंगे, वो मुझे ही मालूम है… सोना को नहीं Hindi Porn Stories

फ्रेंड से अफेयर और सेक्स हाय फ्रेंड्स मेरा नाम मालविका हैं मेरी उम्र 27 साल हैं और मेरा फिगर 36-34-38 हैं। मेरे बड़े बड़े बूब्स और बड़ी गांड बहुत सेक्सी हैं। मेरे हसबैंड का नाम विजय हैं उनकी उम्र 29 साल हैं और वो बड़े पद पर नौकरी करते हैं। वो सुबह 9 बजे आफिस जाते हैं शाम को 6 बजे के बाद वापस घर आते हैं। उनके शनिवार संडे को छुट्टी रहती हैं तो हम उस समय बहुत एजोंय करते हैं। मेरी सेक्स लाइफ अच्छी हैं मेरे हसबैंड सप्ताह में तीन चार बार मेरे साथ चुदाई करते हैं। उनका लंड छ इंच लंबा और तीन इंच मोटा हैं। हम साथ में पोर्न देखते हैं सेक्स स्टोरी पढ़ते हैं। हसबैंड मुझे आगे पढ़ने के लिए मोटीवेट करते हैं इसलिए मैंने आगे तैयारी शुरु कर दी। फिर मैं दिन में तीन चार घंटे कोचिंग जाने लगी। मैं सुबह सुबह मार्निंग वॉक पर जाती हूं हसबैंड कभी कभार चलते हैं इसलिए मैं एक्टिवा लेकर जाती हूं। मैं हमेशा टाइट कपड़े पहनती हूं इस कारण लोग मुझे बहुत घूरते हैं। वहां मेरी फ्रेंड्स भी आती हैं और वो भी टाइट कपड़े पहनकर आती है ताकि लोग उन्हें देखे। एक बार मैं सुबह मार्निंग वॉक कर रही थी तभी मैंने नोटिस किया कि एक अंकल मुझे बहुत ज्यादा घूर रहे थे फिर जब मैं बेंच पर रिलेक्स होने के लिए बैठी तो वो मेरे पास आकर बैठ गए और बातें करने लगे। वो दिल्ली के बारे में पूछ रहे थे। मैं भी उनको बता रही थी वो बोले कि उनकी अभी यहां ट्रांसफर हुई हैं इसलिए वो ज्यादा जानते नहीं हैं। उन्होंने अपना नाम वी एस रामन बताया वो दिल्ली में एक बड़े इंस्टीट्यूट में बड़े अधिकारी थे उनकी उम्र 56 साल थी और उनकी पत्नी मुंबई में नौकरी करती हैं और फैमिली साउथ से है और वही रहती हैं। दिल्ली में वो अकेले रहते हैं। मार्निंग वॉक पर रोज उनसे बातें होने लगी उन्होंने मेरा नंबर लिया और मुझे रोज मैसेज करने लगे। फिर वो रोज मुझे फोन करते और बातें करते। फिर वो मुझे कोचिंग से घर छोड़ने लगे और हम साथ में बाहर लंच करते। वो घर छोड़ने आते तो जाते समय मेरे हाथ मिलाते। वो मुझे अक्सर महंगे महंगे गिफ्ट देते थे। एक बार उन्होंने कहा कि मालविका तुम मुझे अच्छी लगती हो तो मैंने कहा सर मैं समझी नहीं वो बोले क्या तुम मेरी फ्रेंड बन सकती हो मैंने कहा सर मैं आपकी बेटी जैसी हूं वो बोले मालविका प्यार में उम्र नहीं देखते। मैं बोली कि मैं मैरिड हूं वो बोले मैं भी मैरिड हूं पर मेरी वाइफ मुंबई में नौकरी करती हैं और साल में दो तीन बार ही मिल पाते हैं। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो मैं तुमसे फ्रेंडशिप करना चाहता हूं। फिर वो जमीन पर घुटनों पर बैठ गए और मुझे रोज देने लगे मैंने रोज लेने से मना कर दिया तो बहुत रिक्वेस्ट करने लगे तो मैंने रोज ले लिया फिर उन्होंने मुझे एक गिफ्ट दिया तो मैंने उसे रख दिया फिर वो बोले इसे खोलकर देखो तो मैंने उसे खोला तो उसमें दो लाख रुपये थे मैंने कहा सर ये किस लिए तो कहा कि तुम्हारे लिए गिफ्ट हैं मैंने कहा इतने रुपये कि क्या जरुरत थी तो बोले कि तुम हसीना हो और तुम्हारे लिए ये गिफ्ट बहुत कम हैं। फिर बोले मैं कल तुम्हें लंच के लिए लेकर जाऊंगा। फिर वो चले गए। दूसरे दिन मैं कोचिंग से उनके साथ लंच के लिए चली गई वहां से वो मुझे शापिंग करवाने लेकर गए और महंगे कपड़े दिलवाए और सेक्सी ब्रा पेंटी भी दिलवाई। फिर वो मेरे साथ घर आए और घर आकर उन्होंने मुझे हग करके मेरे गाल पर किस किया। फिर वो बोले कि कल दिन में मैं आऊंगा तुम ये पहनकर तैयार होना मैं बोली ठीक हैं। फिर दूसरे दिन मेरे हसबैंड आफिस चले गए और मैं कोचिंग नहीं गई। दिन में एक बजे रामन सर ने फोन किया बोले तुम तैयार हो मैंने कहा हां मैं तैयार हूं वो बोले मैं आ रहा हूं मैंने कहा ठीक हैं फिर वो आधे घंटे में मेरे घर आए मैं भी सेक्सी ब्रा पेंटी और नाइटी पहनकर तैयार हो गई थी। उन्होंने घर में आते ही मुझे किस करना शुरु कर दिया। फिर हम हाल में सोफे पर बैठ गए मैं काफी बनाकर लाई और हमने काफी पी। फिर रामन सर बोले कि अब बैडरुम में चलो फिर हम मेरे बैडरुम में चले गए। रामन सर ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मुझे किस करने लगे। वो मेरे बूब्स और गांड दबा रहे थे। फिर उन्होंने कोई सेक्स टेबलेट ली और अपने कपड़े उतारने लगे वो सिर्फ अंडरवियर मैं मेरे सामने खड़े थे। उनका शरीर थोड़ा मोटा था और बहुत मजबूत था। उनका तना हुआ लंड अंडरवियर में से दिख रहा था। फिर उन्होंने मेरी नाइटी उतार दी और बोले कि मेरा लंड मुंह में लो। मैंने कहा ठीक हैं फिर मैं उनका लंड मुंह में लेकर चुसने लगी। फिर उन्होंने अपना अंडरवियर उतार दिया और नंगे हो गए। उन्होंने मुझे भी नंगा कर दिया। उनका लंड पांच इंच लंबा और तीन इंच मोटा था। उन्होंने लेपटाप पर एक पोर्न मूवी चला दी जिसमें दो काले अफ्रीकन एक गोरी लड़की की चुदाई कर रहे थे। फिर रामन सर ने मुझे बैंड पर लिटा दिया और मेरी चुत चाटने लगे। वो अंदर तक जीभ डाल रहे थे। फिर वो बैंड पर बैठ गए और मैं नीचे बैठकर उनका लंड चुसने लगी। वो मेरा सिर पकड़ कर लंड पर दबा रहे थे। पांच मिनट बाद उन्होंने मुझे बैड पर मिशनरी पोज में चोदना शुरू कर दिया वो धीरे धीरे मेरी चुदाई कर रहे थे और बोल रहे थे मालविका तुम्हारी चुत बहुत टाइट हैं। वो अपना लंड पुरा बाहर निकालते और अंदर डालते मुझे बहुत मजा आ रहा था। बार उन्होंने मुझे अपने लंड पर बैठा दिया और चोदने लगे कुछ देर बाद उन्होंने मुझे खड़ा किया और आगे से मेरी चुत की चुदाई कर रहे थे। पांच मिनट बाद उन्होंने अपना स्पर्म मेरी चुत में ही गिरा दिया और उनका स्पर्म मेरी चुत से बाहर आने लगा। मैंने स्पर्म साफ किया और बैड पर बैठ गई। रामन सर का लंड सेक्स टेबलेट के कारण तनाव हुआ था। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगे पहले वो धीरे कर रहे थे फिर उन्होंने स्पीड बढ़ा दी और तेज धक्के लगाने लगे। मुझे दर्द हो रहा था। मैं - सर धीरे करो दर्द हो रहा हैं रामन- अभी तेरा दर्द मिटाता हूं और तेरी चुत का भौसडा बनाता हूं बार वो मेरी गांड पर अपने हाथ से मारने लगे इस कारण मुझे और दर्द होने लगा। मैं - सर धीरे करो रामन- अभी तुझे बहुत अच्छा लगेगा मैं - धीरे चोदना फिर उन्होंने स्पीड बहुत तेज कर दी और मेरी कमर पकड़ कर तेज स्पीड में मेरी चुत में धक्के लगाने लगे। मैं - आआआआआआ उहहहहहह ओओओओओओओ दर्द हो रहा हैं धीरे चोदो मुझे रामन- अब रुक नहीं सकता मेरी जान आज तुझे चोदकर तेरी चुत फाड़ दूंगा। मैं - धीरे चोदो मुझे रामन- अभी मैं धीरे करता हूं फिर उन्होंने स्पीड कम की और मेरे बूब्स को दबाने लगे फिर उन्होंने वापस स्पीड तेज कर दी मैं - आआआआआआ उहहहहहह ओओओओओओओ आईईईईईईई ओह ओह आ आ रामन- यह माय फकिंग बेब मैं - ओओओओओओओ आईईईईईईई ओह ओओओओ आहहहहह दस मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने मेरी चुत में अपना स्पर्म गिरा दिया और बैड पर लेट गए। मैं उनके पास लेट गई। फिर वो उठे और नंगे ही किचन से चाकलेट लेकर आए और मुझे दी फिर हमने चाकलेट खाई और बातें करने लगे। फिर उन्होंने मेरी गांड में क्रीम लगाकर अंगुली डाल दी मैंने कहा गांड मत मारना तो बोले कि आज हमारी फ्रेंडशिप का सेलिब्रेशन है तो मैं मान गई। कुछ देर अंगुली करने के बाद उन्होंने अपना लंड क्रीम लगाकर मेरी गांड को चोदने लगे। टेबलेट के कारण उनका लंड तना हुआ था। मुझे गांड में दर्द होने लगा। वो पन्द्रह मिनट तक गांड चोदने के बाद मेरी गांड पर स्पर्म गिरा दिया। फिर उन्होंने कपड़े पहने और मैंने भी वापस नाइटी पहनी। उन्होंने जाते समय मुझे गिफ्ट दिया उनके जाने के बाद मैं गिफ्ट खोलकर देखने लगी उसमें तीन लाख रुपये थे। फिर मैं सो गई और शाम को पांच बजे उठकर कपड़े बदले और लोअर टी-शर्ट पहन लिए। रात में हसबैंड चोदना चाहते थे पर मैंने मना कर दिया। फिर रामन सर मुझे सप्ताह में दो तीन बार चोदने लगे और पैसे भी देने लगे। एक बार मेरे हसबैंड को पता चल गया दिन में रामन सर मेरे घर आए थे और हसबैंड भी उस दिन जल्दी आ गए उन्होंने घर के बाहर कार देगी और बाहर ही रुक गए। रामन सर के जाने के बाद वो घर आए और दो तीन बाद पूछा तो मैंने कहा कि कोई नहीं आया था तो उन्होंने अलमारी में से नाइटी निकाल कर कहा कि ये खांसने दिलवाई मैं बोली मैंने ली हैं तो कहा पहनती क्यों नहीं मैं बोली अब शुरु करुंगी तो बोले इसे तुम पहन चुकी हो बताओ किसके लिए पहनी फिर मुझे हसबैंड को सब बताना पड़ा पहले वो नाराज़ हुए बाद में मेरे बहुत मनाने पर मान गए। मैंने कहा मैं आपको मेरी फ्रेंड के साथ चुदाई करवाने दूंगी आप जो कहोगे करुंगी। फिर वो खुश हो गए। एक बार रामन सर का अमेरिका का फ्रेंड दिल्ली आया उसका नाम जैक था। सर ने मुझे भी उससे मिलवाया। दूसरे दिन सर ने कहा कि जैक तुम्हें चोदना चाहता हैं मैं बोली मैं तैयार नहीं हूं। सर बोले वो इसके लिए कुछ भी देने को तैयार हैं मैंने मना कर दिया। बार सर ने उसे फोन करके बता दिया कि मैंने मना कर दिया हैं। उसने सर को कहा कि वो दस लाख देने को तैयार हैं। सर ने कहा वो तुम्हे दस लाख देने को तैयार हैं तो फिर मैं मान गई। दूसरे दिन में दो बजे रामन सर के घर चली गई मैंने टाइट जींस और टी-शर्ट पहना था। रामन सर और जैक वहीं पर था। उसने मुझे देखा और पहले हाथ मिलाकर फिर हग किया और मुझे किस कर दिया। फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद हमने काफी पी और रामन सर और जैक ने सेक्स टेबलेट ली फिर सर ने म्यूजिक लगा दिया और हम तीनों साथ में डांस करने लगे सर और जैक मेरे से चिपक कर डांस कर रहे थे मुझे भी मजा आ रहा था। सर मुझे किस करते हुए मेरे बूब्स और गांड दबा रहे थे जैक भी मुझे किस करते हुए मेरे बूब्स गांड दबा रहा था। फिर सर ने अपने कपड़े उतारने लगे और नंगे हो गए जैक भी नंगा हो गया उसकी उम्र 55 साल थी और उसका लंड नौ इंच लंबा तीन इंच मोटा था। फिर उन्होंने मुझे भी नंगा होने को कहा तो मैं भी अपने पुरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई। फिर मैं बैंड पर बैठ गई सर ने मेरे मुंह में अपना लंड डाल दिया और जैक मेरी चुत चाटने लगा। वो मेरी दोनों टांगें फैलाकर चुत चाट रहा था। सर मेरा सिर अपने लंड पर दबा रहे थे मैं दोनों हाथों से उनका लंड पकड़कर चुस रही थी। मेरी चुत दो बार पानी छोड़ चुकी थी। जैक बैड पर लेट गया और डागी स्टाइल में उसका लंड चुसने लगी रामन सर ने पीछे से मेरी चुत में लंड डाल दिया। मैं जैक का मोटा लंड चुस रही थी और सर मुझे चोद रहे थे वो मेरी गांड पर मारते हुए मुझे चोद रहे थे। जैक - आहहह को आआआ ओओओ आहहह उसे लंड चुसवाने में मजा आ रहा था। पांच मिनट चुदाई के बाद सर ने मेरी चुत में ही स्पर्म गिरा दिया। जैक ने भी मेरी मुंह में स्पर्म गिरा दिया मेरा मुंह जैक के स्पर्म से भर गया वो बोला इसे पी जाओ मैं उसका स्पर्म पी गई। फिर हम बैठकर बातें करने लगे। थोड़ी देर में जैक ने मुझे मिशनरी पोज में लिटा दिया और चोदने लगा उसका लंड बहुत बड़ा था तो मुझे दर्द हो रहा था पर जैक बहुत तेज स्पीड से चुदाई कर रहा था। पांच छः मिनट इस पोजीशन में चोदने के बाद वो नीचे लेट गया मैं उसके लंड पर बैठ गई और चुदवाने लगी रामन सर ने मेरे मुंह में अपना लंड डाल दिया मैं उसका लंड चुसने लगी। थोडी देर बाद जैक ने मुझे डागी स्टाइल में किया और तेजी से चोदने लगा मुझे उसके बड़े लंड के कारण दर्द हो रहा था। रामन सर मेरे मुंह में लंड डालकर मेरे मुंह में लंड को दबा रहे थे। कुछ देर बाद जैक ने मेरी चुत में स्पर्म गिरा दिया तो रामन सर ने मेरे मुंह से लंड निकालकर चुत में डाल दिया और चोदने लगे तीन चार मिनट बाद उन्होंने भी मेरी चुत में स्पर्म गिरा दिया मेरी चुत स्पर्म से भर गई थी जब मैं खड़ी हुई तो उनका स्पर्म मेरी चुत से बाहर आने लगा मैं बाथरुम गई और स्पर्म साफ करके आई। फिर हमने चाकलेट खाई और रामन सर बोले कि आज तुम्हें मजा आ गया मैंने कहा सर मुझे दर्द भी हो रहा हैं। वो बोले दर्द में मजा भी आता हैं। थोड़ी देर बाद सर बैड पर लेट गए और मुझे अपने लंड पर बैठा दिया जैक ने मेरी गांड पर क्रीम लगाई और अपने लंड पर क्रीम लगाकर मेरी गांड में डाल दिया मुझे बहुत दर्द होने लगा तो वह कुछ देर रुका फिर अंदर बाहर करने लगा। रामन सर नीचे से चुत में धक्के लगा रहा था। कुछ देर बाद जैक ने मुझे गोद में उठाया और सामने से खड़े खड़े मेरी चुत में लंड डालकर चोदने लगा इस पोजीशन में मुझे बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से चोदने लगा वो मेरी कमर पकड़ कर तेज स्पीड से चोद रहा था और रामन सर बैड कर बैठकर मुझे अपना लंड मुंह में देकर चुसवा रहे थे जैक मेरी गांड पर मार रहा था और मुझे बहुत दर्द हो रहा था। इस तरह दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद जैक ने मेरी चुत में स्पर्म गिरा दिया और रामन सर ने मेरे मुंह में स्पर्म गिरा दिया मैं उनका स्पर्म पी गई। फिर हम तीनों बैंड पर लेट गए और हमें नींद आ गई शाम को पांच बजे हम उठे। जैक ने मुझे गोद में उठाया और रामन सर ने मेरी चुत में लंड डाल दिया और जैक ने खड़े खड़े मेरी गांड में लंड डाल दिया वो मुझे खड़े खड़े चोद रहे थे मेरी चुत और गांड में दो लंड एक साथ घुस रहे थे। पन्द्रह मिनट तक चोदने के बाद उन्होंने मुझे ज़मीन पर बैठाया और मेरे मुंह पर अपना स्पर्म गिरा दिया। फिर मैं नहाने चली गई जैक और रामन सर भी मेरे साथ बाथरुम में आ गए नहाने के बाद मैं टावल में बैडरुम में आ गई। जैक ने कहा एक बार और चोदना है मैंने कहा मेरे हसबैंड आने वाले हैं। वो बोला मुझे चोदना हैं तो मैंने हसबैंड को फोन करके कहा कि आप मेरे लिए शापिंग माल से नाइटी लेकर आना वो मेरे लिए नाइटी लेने के लिए आफिस से शापिंग माल चले गए अब वो दो घंटे बाद आने वाले थे। जैक ने मेरा टावल हटाया और मुझे खड़ी करके आगे से चोदने लगा और रामन सर पीछे से मेरी चुत में लंड डालने लगे अब मेरी टाइट चुत में दो लंड एकसाथ अंदर बाहर हो रहे थे उन्होंने मेरी चुत में क्रीम लगाई और अपने लंड पर भी क्रीम लगाकर तेजी से एकसाथ अंदर बाहर करने लगे दस मिनट तक इस तरह चोदने के बाद जैक ने मुझे बैंड पर डागी स्टाइल में किया और तेज स्पीड से चोदने लगा उसने दस मिनट चोदने के बाद स्पर्म मेरी चुत में गिरा दिया। फिर रामन सर ने भी दस मिनट तक मुझे घोड़ी बनाकर चोदा और मेरी चुत में स्पर्म गिरा दिया। फिर जैक ने मुझे दस लाख रुपये दिए फिर वो दोनों कपड़े पहनकर चले गए। रात में हसबैंड आए तो उन्होंने पूछा क्या हुआ इतना थकी हुई क्यों हो तो मैं बोली कि आज काम ज्यादा था। फिर उस रात मैंने हसबैंड को चोदने नहीं दिया। मेरी चुत और गांड में दर्द हो रहा था। उसके दस दिन बाद मैंने हसबैंड को चोदने दिया। anubabita1@hotmail.com

Hindi Sex Stories

होली का दिन मेरे लिये शुभ दिन बन Hindi Sex Stories कर आया। उस दिन मेरे मन की एक बड़ी इच्छा पूरी हो गयी। सुनील मेरे दूर के रिश्ते में मेरा चाचा ही लगता था उन दिनों वो भी आया हुआ था। मुझे सुनील बहुत अच्छा लगता था। मुझे ऐसा लगता था कि हाय ! कभी मैं उसके साथ चुदाई करूं। पर ऐसा मौका कभी नही मिला। मै उस पर दिल से मरती थी।

होली उसे हमारे साथ ही खेलना था। चाचा और चाची उसके आने से बहुत खुश थे। सुनील उम्र में मुझसे दो साल छोटा था। सुनील 19 साल का रहा होगा। शाम को होली जलने वाली थी… चाचा ने होली के बाद की रस्में पूरी की और अपनी रात की शिफ़्ट में काम करने को चले गये…

रात को अचानक मेरी नींद खुल गयी। मैंने करवट ली और फिर से आंखे बन्द कर ली। मुझे लगा कि कोई बात कर रहा है। चाची के कमरे से आवाज आ रही थी। चाचा तो थे नहीं…फिर किस से बात हो रही थी।

मेरी उत्सुकता बढ गयी। मै बिस्तर से उतरी और चाचा के कमरे के दरवाजे के छेद पर आंख लगा दी। सामने सुनील खड़ा था। मैंने समय देखा रात के लगभग 12 बज रहे थे। इतनी रात को…? अभी तक सोये नहीं थे। मैं स्टूल धीरे से दरवाजे के पास रख कर आराम से बैठ गई… मुझे लगा कि आज तक तो चाचा चाची की चुदाई देखती थी… शायद आज कुछ और नजारा दिख जाये…

मैंने बड़े आराम से छेद पर आंख लगा दी। सुनील पहले तो चाची से बात करता रहा… फिर उसने चाची के ब्लाऊज़ पर ऊपर से ही हाथ फ़ेरा। चाची ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूंचियों पर दबा दिया। मेरे शरीर पर चींटियां रेंगने लगी… तो सुनील भी चाची के साथ मजे करता है…

चाची का नाम गीता है… गीता ने अपना एक हाथ बढा कर उसका लन्ड पकड़ लिया… उनका कार्यक्रम शुरु हो चुका था… मेरी चूत भी गरम होने लगी… मैंने अपनी चूंचियां दबा ली… और देखती रही… न जाने कब मेरी उंगली मेरे चूत में घुस गयी… और अन्दर बाहर होने लगी… सुनील चाची को खूब मजे से चोद रहा था।

चाची अपना होली का त्योहार बड़े आनन्द से मना रही थी… कभी में अपने बोबे भींचती कभी चूत को उंगली से चोदती… मेरे मुख से भी कभी कभी आह निकल जाती… सिसकारियां फ़ूट पड़ती… अचानक में झड़ गयी… मैंने अपनी चूत दबा ली… और आकर बिस्तर पर लेट गयी… पर नींद कहां थी… आवाज़ें अभी भी आ रही थी… मैंने फिर से उठ कर देखा तो अब गान्ड चुदाई हो रही थी… मैं फिर तरावट में आने लगी… मेरी फ़ुद्दी फिर फ़ुदक उठी… हाय… मैंने अपनी चूत को दबाया और मन कड़ा करके बिस्तर पर आ गई।

कुछ ही देर में चाची के कमरे से आवाजें आनी बन्द हो गयी… मैं सोने की कोशिश करने लगी… सवेरे उठते ही देखा कि सभी सो रहे थे। सुनील भी अपने कमरे में सो रहा था। मैंने जल्दी से चाय बनाई… पहले सुनील को उठा कर चाय दी फिर चाची यानी गीता को चाय दी। गीता ने सुस्ताते हुये कहा,’ नेहा इधर बैठ…तुझसे कुछ पूछना है…’

‘हाऽ… आन्टी… कहो…’
‘एक बहुत पर्सनल सवाल है… सुनील के बारे में…’ गीता ने कहा। मैं एकदम से सहम कर गीता को देखने लगी।
‘सुनील के बारे में… हां… क्या?’

‘सुनील तुम्हारे बारे में कल पूछ रहा था… क्या तुम्हें वो अच्छा लगता है…’ मैं एकदम से झेंप गई।

‘आन्टी… हां अच्छा है… पर ऐसा क्यू पूछा…’
‘कल तुम रात को हमें उस छेद से देख रही थी ना…’ गीता ने तिरछी नजर से मुझे मुसकरा कर पूछा…
‘ना…नहीं तो… वो…तो…’ एकदम से सीधा वार हुआ।

‘हम दोनों को पता है…तुम देख रही थी… पर हमने तुम्हें देखने दिया…’ गीता ने मतलबी निगाहों से मुझे मुस्करा कर देखा।
‘आन्टी… सोरी… अब नहीं होगा…’
‘सुनील तुम्हारे साथ रात वाला काम करना चाहता है… बोलो है इच्छा…’

‘आन्टी… सच… ‘ मैंने शरमा कर गीता की गोदी में अपना मुहं छुपा लिया ‘पर आन्टी मुझे शरम आयेगी ना…’
‘जब दो दिल राज़ी तो वहां शरम का क्या काम… फिर मैं हू ना…’

सुबह सुबह होली खेलने के दिन मेरे लिये सुनील क पैगाम ले कर आया… मैंने गीता के गाल पर एक प्यार का चुम्मा ले लिया। गीता मुसकरा उठी… ‘ नेहा… बेस्ट ओफ़ लक…’

‘हटो आन्टी… आप बड़ी वो है…यानी अच्छी हैं…’ मैं खुशी से फ़ूली नहीं समा रही थी… मैंने तुरन्त कपड़े बदले और होली के लिये सफ़ेद ड्रेस पहन लिया। हल्का सा मेक अप किया और इठला कर सुनील के कमरे में गई…

‘चाय का कप?… ‘ मैंने सुनील से बड़ी अदा से कहा… सुनील मुझे देखता ही रह गया…उसने मुझे चाय का कप थमा दिया।

मैंने कहा- आज तो होली है… 8 बजे से हम तो होली खेलेंगे… तैयार रहना…

मेरी सहेलियां और गीता के मिलने वाले आने लगे थे। मिठाईयां खाई और खिलाई जा रही थी। सभी रंग में रंगे थे। मैं आज कुछ ज्यादा ही खुश थी… क्योंकि सुबह ही मुझे चुदाई का न्योता मिल गया था… रह रह कर मैं सुनील के पास जा कर उसे रंग लगा रही थी। सुनील भी अब शरारत करने लगा था… वो कभी मेरा हाथ पकड़ लेता… कभी मेरी पीठ पर धीरे से हाथ मारता। मुझे सिरहन होने लगती थी।

‘नेहा… एक काम करा दे… ये सामान ऊपर वाले कमरे में ले चल…’ गीता ने आवाज लगाई। मैं भाग कर अन्दर गई… और सामान ले कर गीता के साथ ऊपर कमरे में आ गई।

गीता ने पूछा- सुनील के क्या हाल है…?
‘आन्टी… बड़ी मस्ती कर रहा है…’

‘तेरी ऐसे करके… चूंचियां दबाई कि नहीं…’ गीता ने मेरी चूंची दबाते हुये कहा।

इतने में सुनील वहां आ गया… गीता ने सुनील को देखते ही कहा,’ले नेहा… सुनील आ गया… अब तू चुदेगी…’ फिर मेरे कान में बोली ‘तबियत से चुदवा लेना… इसका लन्ड सोलिड है…’

मैं शरमा गयी…

गीता ने सुनील को कहा,’आ गये तुम… अब ये रही नेहा… अब होली के मजे करो… मैं जा रही हूं… दरवाजा अन्दर से बन्द कर लेना…’

‘चाची…मत जाओ ना… मुझे शरम आयेगी…’

सुनील मुस्कराया… और बोला- अब चाची?… मेरे साथ होली तो खेलो… और नेहा…तुम बच कर कहां जाओगी’

कहते हुये सुनील ने मेरे चेहरे पर गुलाल लगा दी… उसके हाथ अचानक मेरी चूंचियों पर आ गये और मेरे कुरते में अन्दर हाथ डाल कर मेरे उभारों पर गुलाल मल दिया साथ में मेरे उभारों को भी मसल डाला… गीता ने देखा सुनील शुरु हो चुका है तो वो बाहर जाने लगी। इस हमले से मैं एकदम मस्त हो गयी। सुनील के मेरे उभारों को दबाने से मै उसे देखती रह गयी… मुझे शरम आने लगी पर साथ ही मैंने अपने उभारों को और आगे उभार दिया… उसे चूंचियां मसलने का पूरा मौका दिया। सुनील ने मेरे बोबे हाथों में भर लिये। मैं सिसक उठी।

‘सिर्फ़ तेरे बोबे ही तो मचका रहा है…अभी तो देखती जा…’ गीता ने कमरे को बन्द कर दिया। सुनील ने अन्दर से दरवाजा बन्द कर दिया। मैं सिमट कर खड़ी हो गयी। सुनील ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया और अपनी बाहों में भर लिया । उसके लन्ड का कड़ापन मुझे चूत के आसपास चुभने लगा था।

मैंने जानकर कहा- मेरे पीछे मत दबाना… गुदगुदी होती है…’

‘अच्छा… कहां पर… यहां चूतड़ों पर…’ और उसने मेरे दोनो गोल गोल चूतड़ मसल डाले। मै और शरमा कर सिमटने लगी।

‘जानती हो… शरमाने वाली लड़की को चोदने से बड़ा आता है…’

‘हाय…ऐसे नहीं बोलो ना…’

इधर सुनील ने अब मेरे कुर्ते को उतार दिया। मेरे दोनो उरोज तन कर सामने आ गये। फिर उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर उसे उतार दिया और मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया। नंगी होने से मुझे शरम आने लगी मैं नीचे बैठ गयी।

सुनील ने प्यार से मुझे उठाया और कहा,’नेहा… तुम्हारी जगह बिस्तर पर है… उठो…’

मैंने जैसे ही नजर उठाई… सुनील सामने नंगा खड़ा था। उसने कब खुद के कपड़े कब उतार लिये थे ये पता ही नहीं चला। मैंने अपनी आंखे बन्द कर ली और अब मुझे होने वाली चुदाई नजर आने लग गयी थी। उसका लन्ड खड़ा हुआ था।

मैंने धीरे से उसका लन्ड पकड़ लिया। और उसकी चमड़ी ऊपर सरका दी… उसका फूला हुआ लाल सुपाड़ा मेरे सामने था। मैंने जीभ से उसे चाट लिया। सुनील कराह उठा। उसका लन्ड कड़क होता जा रहा था। मैंने अब सुपाड़ा मुँह में भर लिया। और उसका लन्ड नीचे से पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करने लगी। सुनील ने मेरे बोबे पकड़ लिये और उन्हे धीरे मसलने लगा। बोबे पर से लाल गुलाल अब हटने लगा था।

उसने लन्ड मेरे मुंह से निकालते हुए सुनील ने कहा,’ झुक जाओ… घोड़ी बन जाओ… देखो नेहा… अब तुम चुदने वाली हो… तैयार हो ना…’

‘हाय रे… नंगी तो हूं ना…सुनील… ‘ मैंने कहा और शरमा गयी…

मैंने बिस्तर पर अपने दोनो हाथ रख लिये और गान्ड पीछे उभार कर गान्ड की दोनों गोलाईयां उसके सामने कर दी। उसने अपना लन्ड हाथ से सहला कर मेरी गोलाईयों के बीच दरार में रख दिया। उसका लन्ड जैसे ही मेरी दरारों में लगा मुझे झुरझुरी आ गयी। अब उसका लन्ड सरक कर मेरी गान्ड के छेद पर आ टिका था। उसकी इच्छा गान्ड चोदने की थी…

मेरी गान्ड उसके लिये पूरी तरह से तैयार थी। उसके दोनों हाथ मेरी चूंचियों पर आ कर जम गये थे। कुछ ही क्षणों में उसने मेरी चूंचियां भींचते हुये लन्ड पर जोर मारा… फ़क से उसका मोटा सुपाड़ा छेद में घुस पड़ा। मुझे हल्का सा दर्द हुआ। पर मोटे लन्ड का प्यारा सा अहसास हुआ। मेरी गान्ड में फंसा उसका लन्ड मुझे असीम आनन्द दे रहा था…

तभी उसका एक जोरदार धक्का पड़ा… मेरी चीख निकल गयी,’हायीईईऽऽऽ… ओह्… सोरी… ‘

‘नेहा… देखो ये कब से तुम्हारा दीवाना है…पूरा जाने दो अन्दर इसे…’
‘हाय सुनील… हां जाने दो…’
मेरी गान्ड पर उसने अपना थूक टपका कर उसे और चिकना बना दिया।
‘हाय मेरे राजा…थूक लगा कर चोदोगे…?’

सुनील हंस पड़ा… और उसका लन्ड मेरी गान्ड में अन्दर बाहर सरकने लगा। मेरे सारे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ पड़ी। मुझे उसके लन्ड का अन्दर बाहर जाना और रगड़ का अह्सास मस्त किये दे रहा था।

‘हाय सुनील… ये तुम्हारा लन्ड कितना प्यारा है… कैसा सरक रहा है…’

सुनील को ये सुनते ही और मस्त हो गया और मुझे अच्छा लग रहा है ये जानकर और भी जोश में आ गया। उसका लन्ड मेरी गान्ड में अब तेजी से उतरने लगा था। मेरी गान्ड चुद कर मस्त हो रही थी । मुझे हालांकि चुदाई जैसा तेज मजा तो नहीं आ रहा था…पर मैं सुनील को यही जता रही थी कि मैं आनन्द से पागल हुई जा रही हूँ।

‘हाय मेरे राजा चोद मेरी गान्ड को… पेल दे अपना लन्ड… हाय क्या लन्ड है…’

सुनील मेरे आनन्द को देख कर और ही मस्त हुआ जा रहा था। अब उसने मेरी गान्ड में से अपना लन्ड निकाल लिया… मुझे लगा कि शायद ये झड़ने वाला होगा… उसने अपने लन्ड को मेरी चूत पर मारा… मेरा चिकना पानी चूत में भरा था।

उसका गीला लन्ड मेरी चूत के बाहर फ़िसलने लगा फिर सरकता हुआ चूत में अन्दर बढ चला। अब सच में मेरी जान निकलने की बारी थी… तीखी मिठास के साथ मेरे चूत में उसका लन्ड अन्दर जा रहा था…ये था असली चुदाई का मजा। मै चिहुंक उठी। मुख से मीठी सी सिसकारी निकल पड़ी।

‘हाय रीऽऽऽ सुनील…मेरी चुद गई रे… हाय घुसा दे राम…’

‘नेहाऽऽऽऽ… तुम्हारी चूत मुझे मार डालेगी मुझे…’ सुनील भी कराहता हुआ बोला। उसके हाथ मेरी चूंचियो को मींज रहे थे। वो कभी मेरे चूंचक खींचता कभी जोर से मसक डालता। मै निहाल हो उठी थी। मेरी चूत में गजब की मिठास भरती जा रही थी… मैं तेजी से सीमाएँ पार करने लगी… लगभग मेरे मुँह से सीत्कारें निकलने लगी।

‘आये हाय रे…मेरे राजा… चोद दे रे… मेरी चूत तो गयी आज… हाय मै चुद गयी…’

‘मेरी रानी… तेरी चूत की मैं आज मां चोद दूंगा… साली को फ़ाड़ दूंगा…’

सुनील का धीरज भी छूटता जा रहा था। वो गालियों पर उतर आया था… यानी अब सब कुछ उसके आपे से बाहर था…

‘साली…रंडी… तेरी भोसड़ी मारूं… मेर लन्ड हाय रे…’

‘मेरे प्यारे सुनील।… हां हां…मेरी चूत का भोसड़ा बना दे… लगा…जोर से चोद्… हाय राम्…’

‘हाय मेरी छिनाल… तेरी बहन को…तेरी मां को… रे… आऽऽऽह… सबको चोदा मारू… मेरी नेहा…’

उसकी मीठी मीठी गालियां सुन कर मेरी चूत में जोरदार मिठास भरने लगी… मैं चरमसीमा पर पहुंचने लगी। उसकी नन्गी बातों ने मुझे झड़ने की ओर अग्रसर कर दिया। मैं अपने आप को रोकती रही…पर असफ़ल रही… मेरी चूत का पानी आखिर छूट ही पड़ा।

‘सुनील…आय राम…मैं तो गई… जरा जोर से झटके मार…’ उसने मेरी चूंचियां और दबाई और झटके मारने लगा… पर हाय रे…मै अब झड़ने लगी… मैं अपनी चूंचियां उससे छुड़ाने लगी…मेरी चूत अब बार बार लहरें मार मार कर अपना रस छोड़ रही थी। मै अब पूरी झड़ चुकी थी। मैं अब बस और नही चुदना चह्ती थी। पर उसने और जोर लगा कर लन्ड मेरी चूत में दबा दिया,’आह नेहा… मैं गया… आया… निकला रे…’ मैंने अपनी चूत में से उसका लन्ड तुरंत निकाल लिया।

‘ओह्…नहीं…रूको…ऽभी नहीं…’ पर मैंने लन्ड निकाल कर उसे मुठ में ऐसा दबाया कि उसके लन्ड ने मेरे हाथ में अपना वीर्य छोड़ दिया। मैं उसके लन्ड को दूध निकालने जैसे खींच कर दुहने लगी… उसके लन्ड से पिचकारी निकल कर मेरे हाथों को गीला कर रही थी…उसका सारा वीर्य उसके लन्ड पर मल दिया… और अपने गीले हाथों में उसका वीर्य अपने होंठो से चाट लिया… सुनील ने बड़े प्यार से मुझे देखा और अपने नंगे बदन से मेरा नंगा बदन चिपका लिया…हम कुछ पल ऐसे ही लिपटे खड़े रहे और प्यार करते रहे।

फिर सुनील अलग हो गया और अपने कपड़े पहनने लगा। मैंने भी जल्दी से कपड़े पहन लिये। सुनील ने ज्योंही दरवाजा खोला तो गीता सामने खड़ी थी…

‘अरे गीता… यहां कब से खड़ी हो…’

‘अरे सुनील जी… दिन को चुदाई कर रहे हो…बाहर पहरा दे रही थी…’ मैं सर झुका कर चुपके से निकलने लगी।

‘नेहा… चुदवा कर शरमा रही हो… अब इस चुदाई की हमें मिठाई तो खिला दो…’ गीता बड़ी बेशरमी से बोली।

‘रात को सब मिल कर खायें तो मजा आयेगा ना…’ गीता और सुनील दोनो हंस पड़े… मैंने शरमा कर अपने हाथों से अपना मुँह छुपा लिया… गीता से प्यार से मुझे चूम लिया। Hindi Sex Stories

सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म का होना या नहीं होना व्यक्ति की व्यक्तिगत अनुभव, स्वास्थ्य, और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, और यह नॉर्मल हो सकता है।

कुछ लोग सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म अनुभव करने में सामान्य होते हैं, जबकि दूसरे यह अनुभव नहीं कर सकते हैं। यह निर्भर करता है कि किस प्रकार की स्टिमुलेशन और सेक्स के प्रारंभ में किस प्रकार की मनोबल की आवश्यकता होती है, जिससे एक व्यक्ति ऑर्गैज्म कर सकता है।

कुछ लोग सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म के प्राप्ति में समय लगा सकते हैं, जबकि दूसरे लोग इसे तेजी से प्राप्त कर सकते हैं। यह भी निर्भर करता है कि कितनी सारी सेक्स के प्रारंभ में स्टिमुलेशन और आनंद की दर्जीकरण हो रही है।

ऑर्गैज्म की अभाव किसी भी व्यक्ति के लिए एक स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, खासकर अगर यह बार-बार हो रहा है और यह व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ डाल रहा है। इस स्थिति में बेहतर होता है कि व्यक्ति एक सेक्स थेरपिस्ट या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें, जो उनकी समस्या को समझने और समाधान करने में मदद कर सकते हैं।

सार्वजनिक रूप से यह जरूरी है कि सेक्स को सुरक्षित और सहमति आधारित तरीके से किया जाए, और जब भी सेक्स के बारे में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, तो सहायता और सलाह ली जानी चाहिए।

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