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हॉट गर्ल जूनियर सेक्स कहानी में मेरे ऑफिस में एक नई लड़की आई. वह मुझे बहुत सेक्सी और गर्म लगती थी क्योंकि वह अक्सर मेरे पास घूमती रहती थी.
फ्रेंड्स, मैं विकास मिश्रा आपके सामने अपनी वह सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ जिसमें मैंने अपने ऑफिस की जूनियर कर्मी को उसके फ्लैट में जाकर चोदा था.
मेरे ऑफिस में एक प्रियंका नाम की लड़की ने जॉइन किया था.
वह मेरी जूनियर थी; नयी नयी कॉलेज से पास आउट थी.
क्योंकि वह लड़की थी इसलिए उसे मेरे डिपार्टमेंट की लैबोरेट्री का काम दिया गया.
वह थी तो छोटे कद की, पर उसकी बॉडी किसी पॉर्न एक्ट्रेस वाली थी.
सामान्यतया वह मुझे सर कह कर ही बात करती थी.
जबकि मैं बस उससे एक साल ही सीनियर था.
उसकी आंखों से साफ लगता था कि उसमें सेक्स पावर काफ़ी ज्यादा है.
यह हॉट गर्ल जूनियर सेक्स कहानी इसी प्रियंका की है.
एक दिन मैंने उसे नोटिस कि वह ऑफिस में डार्क कलर का सूट पहन कर आई है और उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.
मैंने उसके निप्पल ऊपर से ही देख लिए.
लेकिन वह बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी और बड़ी कॉन्फिडेंट भी थी.
हालांकि मैंने उसे कुछ नहीं कहा, पर उसकी आंखों ने मेरी वासना को पढ़ लिया था और वह सारे समय मस्त हिरनी सी फुदक फुदक कर अपनी चूचियों की आग से मेरे लौड़े को झुलसाती रही.
अब यह उसका रोज का काम हो गया था.
मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा था, बस उसकी जवानी को देख देख कर अपने लौड़े को सहला लेता था.
ऐसे ही 6 महीने गुजर गए.
मैं ज्यादातर उसके बूब्स ही देखा करता था. उसके बूब्स 32 साइज़ के थे.
मुझे लगता था कि वह मुझे कभी भी अपने दूध निहारते हुए नहीं पकड़ पाई है.
एक बार की बात है, मेरी सुबह की शिफ्ट थी, मतलब सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक.
प्रियंका जनरल शिफ्ट में आती थी.
उसका सुबह 9 से 1 और फिर 3 से 6 बजे तक का ऑफिस रहता था.
उस दिन मुझे लैब में कुछ काम था तो मैं लैब की चाभी ढूंढने लगा लेकिन मुझे चाभी नहीं मिली.
तो मुझे लगा लैब खुली होगी.
जब मैंने नीचे जाकर देखा, तो लैब खुली थी और अन्दर प्रियंका किसी से फोन पर बात कर रही थी.
मैं अन्दर गया तो प्रियंका ने फोन पर बोला कि वह बाद में बात करेगी.
प्रियंका- अरे सर … आप?
मैं- हां कुछ काम था मुझे!
प्रियंका- बताइए न सर?
मैं- लंच करने नहीं गयी तुम?
प्रियंका- आज भूख नहीं लगी.
‘ओके.’
फिर मैंने प्रियंका से कुछ सामान मांगा तो वह सामान लेकर मेरे पास आ गयी.
प्रियंका मेरे बहुत करीब आ गयी.
मैं कुछ समझ नहीं पाया कि अचानक से ये क्या हो रहा है.
अपने हाथ वह मेरे हाथ से टच करने लगी.
वह मेरे इतने करीब थी कि मैं उसके बालों की खुशबू को महसूस कर पा रहा था.
प्रियंका बस मेरे पास खड़ी थी.
जब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैं उसके बूब्स दबाने लगा.
दो सेकंड तो प्रियंका भी कुछ नहीं बोली.
पर तभी उसने मुझे धक्का देकर पीछे हटा दिया.
मैंने देखा कि लैब में झाड़ू पौंछा वाला आया हुआ था और वह रूम क्लीन कर रहा था.
वह कुछ भी देख नहीं पाया था.
फिर 5 मिनट तक मैं और प्रियंका वहीं खड़े रहे थे और पौंछे वाले का जाने का इंतजार कर रहे थे लेकिन उसे तो टाइम लगने वाला था.
फिर प्रियंका लैब से बाहर जाने लगी और पीछे मुड़कर मुझे देख कर मुस्कुराई.
उस हॉट गर्ल की मुस्कुराहट से मेरी धड़कन तेज हो गयी.
बहुत गजब का फिगर था उसका!
मैं उसके पीछे पीछे गया.
और वह लेडीज बाथरूम में चली गयी.
मैं भी बाथरूम में अन्दर गया.
प्रियंका वॉशबेसिन के सामने खड़ी थी.
मैंने पीछे से उसे पकड़ा और उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
प्रियंका भी मुझे किस करने लगी.
मैंने उसे दरवाजे पर सटा दिया और उसके होंठ और गले को चाटने लगा.
प्रियंका- आआहह.
मैं उसके बूब्स शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा.
प्रियंका ने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए.
उसने लाल ब्रा पहनी थी.
मैंने उसकी ब्रा नीचे खिसकाई और उसके दूध दबाने लगा.
प्रियंका- आहह.
उसके दूध काफ़ी बड़े और मुलायम थे.
मैं कस कसके उसके दूध दबा रहा था और उसके होंठों को भी पी रहा था.
प्रियंका भी पूरी मदहोश थी और किस कर रही थी.
फिर मैंने उसकी पैंट का बटन खोला और उसकी पैंट नीचे कर दी.
अब मैंने प्रियंका की पैंटी में हाथ डाल दिया.
प्रियंका बस चूमाचाटी में बिज़ी थी.
मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं. उसकी चूत बहुत गीली थी. मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में फिंगरिंग शुरू कर दी.
प्रियंका- आआहह … आहह … सर!
मैंने फिंगरिंग और तेज कर दी.
प्रियंका- आअहह … आहह सर!
मैं उसे दीवार से सटा कर चूमाचाटी कर रहा था और उसकी चूत में फिंगरिंग चालू थी.
प्रियंका- उम्म्म्म आआहह … सर.
हम दोनों खूब कस कसके किस कर रहे थे और मैं प्रियंका की चूत में फिंगरिंग का मजा ले रहा था.
उसकी चूत का दाना बेहद मस्त था.
प्रियंका के निप्पल बहुत टाइट हो गए थे और दूध भी टाइट थे.
उसकी सांसें तेज हो गयी थीं.
और तभी उसका रज निकल गया.
प्रियंका शांत हो गयी.
फिर उसने कपड़े सही किए और चली गयी.
उसके बाद से मैंने और प्रियंका ने खूब फोन सेक्स किया.
फिर एक दिन प्रियंका ने बताया कि उसकी फ्लैटमेट घर जा रही है और 10 दिन बाद आएगी.
मैं- क्या इरादा है तुम्हारा?
प्रियंका- इरादा तो पता लगा ही चुके है आप!
मैं- तो आज आऊं तुम्हारे रूम पर?
प्रियंका- रात 11 बजे के बाद आना वर्ना कोई देख लेगा तो प्राब्लम हो जाएगी.
मैं- तुम दरवाजा खुला रखना, मैं सीधे अन्दर आ जाऊंगा.
प्रियंका- ओके, आप आने से पहले एक घंटी मार देना.
मैं रात सवा ग्यारह पर प्रियंका के रूम में चला गया.
वह बहुत साफ सफाई से रहती थी.
प्रियंका- अरे आ गए आप … बैठिए … पानी लेंगे!
उसकी औपचारिकता देख कर मेरे होंठों पर मुस्कुराहट आ गई.
मैं तो बस प्रियंका को देखता ही रह गया.
उसने काले रंग की साड़ी पहनी थी और बैकलैस ब्लाउज.
खुले बालों में वह एकदम कयामत लग रही थी.
प्रियंका किचन से मेरे लिए पानी ले आई और झुक कर देने लगी.
मैंने पानी लिया और प्रियंका के बूब्स की तरफ देखकर कहा- आज पानी से प्यास नहीं बुझेगी!
प्रियंका- तो कैसे बुझेगी?
इतना कह कर वह खाली गिलास किचन में रखने के लिए चली गयी.
मैं तो बस उसकी बॅक ही देखता रह गया.
बहुत गोरी थी वह … और ब्लैक साड़ी और खूबसूरत बना रही थी उसे.
मैं किचन में गया और पीछे से उसे पकड़ लिया.
प्रियंका- अरे!
मैं- बहुत खूबसूरत हो तुम प्रियंका.
प्रियंका- अच्छा …
वह सिंक में गिलास साफ कर रही थी और मैं उसे पीछे से पकड़े हुए था लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.
मैंने प्रियंका की पीठ पर किस कर ली.
प्रियंका- काम नहीं करने देंगे मुझे आप?
वह मेरी तरफ मुड़ी.
मैंने प्रियंका को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया.
प्रियंका थोड़ी सी घबरा गयी और उसके मुँह से बस ‘अरे …’ निकल पाया.
उसी वक्त मैंने प्रियंका के होंठों को किस कर लिया.
‘ये करूंगा आज!’
प्रियंका- अच्छा, इतनी अच्छी लगती हूँ क्या मैं आपको?
मैंने प्रियंका को उठा कर किचन की स्लैब पर बैठा दिया और उसे किस करने लगा.
प्रियंका भी मुझे किस कर रही थी.
मैं प्रियंका के चेहरे को हाथ में लेकर भरपूर किस कर रहा था; मैं उसके होंठों को पागलों की तरह चूस रहा था.
मैंने उसके होंठों को, चेहरे को और गले को भी किस किया.
इस तरह करीब 10 मिनट तक मैंने प्रियंका को चूसा और उसके ब्लाउज का हुक खोलकर ब्लाउज को उतार दिया.
अब प्रियंका सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी.
प्रियंका- आहह … पागल कर देते हैं आप तो!
मैं- अभी तो और पागल होगी तुम.!
यह कह कर मैंने प्रियंका को गोद में उठा लिया और उसके रूम में जाने लगा.
प्रियंका सिर्फ़ मेरी आंखों में देख रही थी.
मैंने प्रियंका को बेड पर गिरा दिया और उसके ऊपर आ गया.
प्रियंका ऊपर से सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और आधी साड़ी में.
मैं- आज तुम्हारे दोनों दूध पियूंगा.
प्रियंका- कुछ आता ही नहीं हैं इसमें!
मैं- कितनी सेक्सी लग रही हो तुम!
प्रियंका- अच्छा!
मैं- हां!
प्रियंका- असली चीज़ देखी कहां है आपने?
मैं- तो दिखाओ फिर!
प्रियंका- ब्रा उतारो तब दिखेगी.
मैं- ऐसे नहीं, रिक्वेस्ट करो पहले!
प्रियंका- सर, प्लीज मेरी ब्रा उतारिए ना. आज आपको कुछ दिखाना और पिलाना है.
मैंने प्रियंका की ब्रा उतार दी. उसके दूध 32 इंच के थे. खूब सॉफ्ट और वाइट, ब्राउन निप्पल.
वह बस लेटी थी.
मैंने उसके दोनों दूध दबाने शुरू कर दिए.
प्रियंका- आआ अहह.
मैं- कैसा लगा?
प्रियंका- आह कस कसके दबाइए न!
मैं प्रियंका के दोनों दूध कस कसके दबा रहा था और उसके निप्पल भी चूस रहा था.
प्रियंका- उउफ्फ़ … उम्म्म्मा.
मैं- और दबाऊं?
प्रियंका- हां.
मैं प्रियंका के दोनों दूध मसल रहा था और चूस रहा था.
प्रियंका- आआहह.
मैंने करीब 10 मिनट प्रियंका के दूध मसले और चूसे.
प्रियंका एकदम मदहोश सी हो रही थी.
मैं- कुछ गीला हुआ?
प्रियंका- सब कुछ गीला हो गया.
मैं- दिखाओ और क्या गीला हुआ?
प्रियंका- खुद ही देख लो.
मैं- कहो तो सुखा दूँ?
प्रियंका- वह ऐसे वैसे नहीं सूखेगी … अब तो उसका इलाज करना पड़ेगा.
मैं- ठीक है. मेरा पास एक औजार है, उससे इलाज कर देता हूँ.
वह हंस दी.
मैंने प्रियंका की साड़ी और साया उतार दिया.
वह सिर्फ़ ब्लैक पैंटी में थी.
मैंने प्रियंका की चूत उसकी पैंटी के ऊपर से मसली.
प्रियंका- उफफ्फ़ … देखा कितनी गीली है!
मैं- पैंटी उतार दूँ?
प्रियंका- हां.
मैं- क्या है पैंटी में?
प्रियंका- आपको नहीं पता क्या?
मैं- जो भी है, आज उसे पी जाऊंगा पूरा!
प्रियंका- जैसे फोन पर पीते हो न … वैसे?
मैं- उसे भी अच्छी तरह से.
प्रियंका- अच्छा!
मैंने देर ना करते हुए प्रियंका की पैंटी उतार दी.
उसकी चूत एकदम क्लीन शेव थी.
मैंने उसकी दोनों टांगें फैलाईं और उसकी चूत को चाट लिया.
बहुत नमकीन थी.
प्रियंका तड़प उठी- आज तो आप मार ही डालेंगे!
मैं- और क्या!
प्रियंका ने अपनी दोनों टांगें पूरी फैला दीं और बोली- लीजिए जन्नत की सैर करें.
मैंने प्रियंका की चूत पूरा मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
प्रियंका- आअहह … मर गई … बहुत गुदगुदी हो रही है.
मैं कस कसके प्रियंका की चूत चूस रहा था और फिंगरिंग भी कर रहा था.
वह बस आहें भर रही थी और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाए जा रही थी.
मैंने करीब 15 मिनट तक प्रियंका की चूत चूसी और चाटी.
उसकी चूत में से बहुत पानी आ रहा था.
प्रियंका- सर, मेरा होने वाला है!
यह बोल कर प्रियंका का रस निकल गया और वह ढीली पड़ गयी.
मैंने उसका पूरा रस पी लिया.
बहुत गजब माल थी वह!
मैं- आह सच में मज़ा आ गया.
प्रियंका- हां … मुझे भी अब आपका वाला पीना है.
मैं- पी लो.
प्रियंका ने मेरे लंड अपने हाथ में लिया और चूसने लगी.
बहुत गजब तरह से चूस और चाट रही थी वह!
मैं- प्रियंका तुम्हारे मुँह के अन्दर ही कर दूँ?
प्रियंका- हां.
मैंने प्रियंका के बाल पकड़े और उसके मुँह में ही लंड को अन्दर बाहर करने लगा और जल्द ही प्रियंका का मुँह मैंने अपने लिक्विड से भर दिया.
प्रियंका मेरा सारा पानी पी गयी.
वह मेरे लंड को पागलों की तरह चाट रही थी और बॉल्स को मुँह में भर कर चूस रही थी.
प्रियंका- सर, चलिए 69 पोजीशन ट्राइ करते हैं.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में लेट गए.
मैं प्रियंका की चूत चूस रहा था और वह मेरा लंड.
थोड़ी देर बाद प्रियंका बोली- सर अब मेरे खेत में हल चलाओ.
यह कहती हुई वह सीधी होकर लेट गयी.
हम दोनों बिना कपड़ों के थे.
प्रियंका बोली- बिना कंडोम के चुदाई करना.
मैं प्रियंका के ऊपर आ गया.
प्रियंका- मेरी ज़मीन थोड़ी सूख गयी है. गीला कर दो आप!
मैंने चूत चूसने के बाद प्रियंका के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और उसके दूध मसलने लगा.
प्रियंका- आहह.
मैंने अपना लंड प्रियंका की चूत में डाल दिया.
प्रियंका- आआहह … बहुत बड़ा है आपका … धीरे धीरे करें!
मैं- काफ़ी टाइट चूत है तुम्हारी!
प्रियंका- तो आज आप ढीला कर दो.
मैं- कैसे करूं ढीला?
प्रियंका- मेरे खेत में हल चला कर.
मैं- साफ साफ बोलो ना!
प्रियंका- पहले आप बोलिए, आपका क्या मन है?
मैं- मेरा तो मन है कि तुम्हें पूरी रात चोदूं!
प्रियंका- पूरी रात चोदेंगे आप मुझे?
मैं- हां प्रियंका.
प्रियंका- कैसे चोदेंगे?
मैं- जैसे लेटी हो तुम. वैसे ही पूरी रात नंगी किए हुए ही चोदता रहूँगा.
प्रियंका- नंगी तो आप पहले ही कर चुके हैं. अब बस चुदाई करें.
मैंने प्रियंका की चुदाई तेज कर दी.
प्रियंका- आहह.
मैं- कैसा लग रहा है?
प्रियंका- थोड़ा दर्द हो रहा है.
मैं- अभी मज़ा आएगा तुम्हें!
प्रियंका- आपको मज़ा नहीं आ रहा?
मैं- पहले दिन ऑफिस में देखा था तुम्हें. उसी दिन से मन था तुम्हें प्यार करने का.
प्रियंका- अब तो आपका सपना पूरा हो रहा है ना!
मैं- तुम बिना कपड़ों के ज़्यादा हॉट लगती हो प्रियंका.
प्रियंका- आप भी. मुझे पता ही नहीं था कि आपका इतना बड़ा है.
मैं- अब तो पता चल गया.
प्रियंका हंसती हुई- हां सर … आहह.
मैं- मज़ा आया?
प्रियंका- बहुत … और अन्दर डालिए न!
प्रियंका की पूरी चूत खुल चुकी थी.
मैं लंड आराम से अन्दर बाहर जा रहा था.
प्रियंका- उफ्फ़.
मैं- क्या हुआ?
प्रियंका- बहुत अच्छा लग रहा है सर … मैं तो समझो जन्नत की सैर कर रही हूँ.
अब मैंने प्रियंका की दोनों टांगें हवा में कर दीं और फिर से उसकी चुदाई करने लगा.
प्रियंका- आअहह सर …
उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी और चुदाई करने से खूब आवाज़ आ रही थी.
प्रियंका- आआहह.
मैं प्रियंका के दूध भी मसल रहा था और उसकी चुदाई भी कर रहा था.
प्रियंका- आहह … सर अब डॉगी स्टाइल में करिए ना!
मैंने प्रियंका को घुटनों के बल बैठाया और पीछे से उसके बाल पकड़ लिए.
फिर उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया.
प्रियंका की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और उसे काफ़ी मज़ा भी आ रहा था.
मैं- तुम्हारे दूध कितना झूल रहे हैं प्रियंका!
प्रियंका- तो पकड़ लीजिए ना!
मैंने पीछे से प्रियंका के दूध पकड़ लिए और ताबड़तोड़ चोदने लगा.
प्रियंका- आहह.
मैं- और तेज!
प्रियंका- हां सर और तेज … आह.
मैं- और?
प्रियंका- हां और.
मैं- ले साली … अब पूरी दुरंतो का मजा ले तू!
प्रियंका- आहह … सर मेरा होने वाला है … आह.
बस यह कह कर प्रियंका का रस निकल गया और वह ढीली होकर लेट गयी.
उसी के बाद मैं भी झड़ गया.
प्रियंका- कैसा लगा मुझे टेस्ट करके?
मैं- बहुत गजब हो तुम!
प्रियंका- थक गए या और मज़े लेने हैं?
मैं- अभी मजा पूरा कहां हुआ मेरी जान। अभी तो सारी रात चोदना है तुम्हें!
दोस्तो, इस तरह से प्रियंका सारी रात मेरे लंड के नीचे मचलती रही.
और यह सिलसिला आज भी जारी है.
मेरा नाम राहुल है, उम्र ५१ साल, Antarvasna कद ५ फीट ९ इंच, रंग गोरा और बदन कसरती है। मेरी पत्नी का नाम कोमल है, उम्र ४८ साल, रंग गोरा और बदन दुबला पतला है। हमारे दो बेटे हैं, दोनों पुणे में इंजीनयरिंग पढ़ रहे हैं। मैं भी पेशे से इंजीनीयर हूँ।
बात लगभग दो साल पहले की है, जब मेरा ट्रान्सफर आगरा हुआ।
आगरा में जो मकान हमने किराये पर लिया, वह एक होमेओपथिक डॉक्टर का था। डॉक्टर साहब दक्षिण भारतीय हैं। उनका नाम के रामचंद्रन है, उम्र लगभग ५८ साल, कद ५ फीट ६ इंच, रंग सांवला और बदन दुबला पतला है। पहली नज़र में ही लगता है कि शरीफ आदमी हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी रागिनी है। उम्र लगभग ५२ साल, कद ५ फीट ४ इंच, रंग सांवला और बदन भरा पूरा है। नैन-नक्श तीखे होने के कारण इस उम्र में भी अच्छी खासी सेक्सी दिखती हैं। इन दोनों के अलावा इनके परिवार में इनकी तीन बेटियाँ हैं, जिनके नाम नंदिनी, कमलिनी और कुमुदिनी हैं। इनकी उम्र क्रमशः २४, २२ और २० साल है। तीनों का कद लगभग ५ फीट ४ इंच, रंग सांवला और नैन नक्श अपनी माँ की तरह तीखे हैं। सबसे बड़ी नंदिनी अपनी माँ की तरह भरे बदन की तथा कमलिनी और कुमुदिनी अपने पापा की तरह दुबली पतली हैं। तीनों एक ही कॉलेज में पढ़ती हैं।
मुझे इस मकान में रहते हुए तीन महीने हो चुके थे और डॉक्टर साहब व हमारे परिवार के सम्बन्ध घरेलू जैसे हो चुके थे। एक दिन रात को खाना खाने के बाद मैं कंप्यूटर पर अपना काम कर रहा था और मेरी पत्नी अपने कमरे में सोने जा चुकी थी, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे मुख्य द्वार के पास कोई खड़ा है और किसी से बात कर रहा है। मैंने घड़ी पर नज़र डाली तो देखा साढ़े बारह बज रहे थे।
मैं चुपके से उठा, दरवाजे के पास जाकर ध्यान दिया तो पता चला कि डॉक्टर साहेब की मंझली लड़की कमलिनी मोबाइल पर किसी से धीरे धीरे बात कर रही थी। मैंने बातचीत पर ध्यान दिया तो अंदाजा हो गया कि अपने बॉयफ्रेंड विक्की से बात कर रही थी। उसकी बात सुनकर मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गई। वह विक्की से कह रही थी कि तीन दिन ऊपर हो गए हैं और मुझे महीना नहीं हुआ है, बहुत डर लग रहा है।
उसकी बातें सुनकर बहुत अजीब सा लगा कि मैं जिसे सीधी-सादी समझता था, खूब छुपी रुस्तम निकली। एक बात और यह हुई कि उसकी बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया। पिछले तीन साल से मैंने अपनी पत्नी को नहीं चोदा था, क्यूंकि वह ठंडी हो चुकी थी और चुदाई के समय साथ नहीं देती थी। उसको चोदने की अपेक्षा मैं कंप्यूटर पर ब्लू फ़िल्म देखते हुए मुठ मारना ज्यादा पसंद करता था।
खैर, कमलिनी और विक्की की मोबाइल पर बातचीत जारी थी और मेरा लंड भी जोर मारने लगा था।
मैंने कुछ सोचा और धीरे से दरवाजा खोला। मुझे देखते ही कमलिनी सकपका गई और फ़ोन काट दिया। मैंने अपने होठों पर ऊँगली रखकर उसे चुप रहने का इशारा किया और उसका हाथ पकड़ कर अन्दर कमरे में खींच लिया। वह रोने की हालत में थी। मैंने उसके सिर पर हाथ फेरा, उसे अपने सीने से लगाकर सांत्वना दी तो वो कुछ सामान्य हुई।
मेरे पूछने पर उसने बताया कि विक्की उसकी क्लास में पढ़ता है, दोनों अच्छे दोस्त हैं। १५ दिन पहले जब मैं विक्की के घर गई तो वह अकेला था और प्यार करते करते सब हो गया।
मैंने उसे कहा- कोई बात नहीं, गलती किससे नहीं होती ? और कौन सी ऐसी समस्या है जिसका समाधान नहीं है ? अगर मुझ पर विश्वास करो तो तुम्हारा महीना १२ घंटे में हो जाएगा। लगभग रोते रोते उसने पूछा- बताइए अंकल क्या करुँ ?
मैंने कहा- पहली बात ! मैं तुम्हारा दोस्त हूँ, मुझे अंकल नहीं, राहुल कहो। दूसरी बात, तुम्हें कुछ नहीं करना है, जो करना है, मैं करूंगा, तुम शान्ति से देखती जाओ।
मैं उसे दीवान पर लाया और उसका हाथ अपने लंड पर रखकर कहा- तुम्हारा इलाज ये ही करेगा।
उसे अपने सीने से लगाकर उसके होठों पर अपने होंठ रखकर मैंने उसका गाउन धीरे धीरे ऊपर उठाया और चिकनी टांगों पर हाथ फेरते फेरते उसकी पैंटी पर पहुँच गया। धीरे से उसकी पैंटी उतारी, अपना लोअर नीचे खिसकाया, उसे दीवान पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच आ गया। उसकी चूत पर बाल थे, शायद उसने कभी अपनी झांटें साफ़ नहीं की थीं। झांटें हटाकर उसकी चूत फैलाई तो मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया। एक तो मैं तीन साल बाद चूत देख रहा था, दूसरे उसकी चूत क्या गज़ब की थी।
उसकी चूत के गुलाबी होठों पर मैंने जब अपनी जीभ फेरी तो उसे भी करंट लगा। अब मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और दो तीन बार में पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर कर दिया और उसका गाउन ऊपर खिसका कर, ब्रा हटाकर उसके मम्मे अपने हाथ में लेकर चूसने लगा। लगभग आधा घंटा चोदने के बाद जब मेरा लंड पानी छोड़ने को हुआ तो मैंने
अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और ६९ की पोजीशन में आकर उसके मुंह में डाल दिया और उसकी चूत चाटने लगा। वह मेरा लंड चूस रही थी। जब लंड ने पानी छोड़ा तो
वह घबरा गई और लंड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया जिससे सारा वीर्य उसके गाउन पर गिर गया।
हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए। ढाई बज चुके थे, मैंने उसे अपने सीने से लगाकर किस किया और डोंट वरी ! कह कर विदा कर दिया और वहीं दीवान पर सो गया।
करीब ३ बजे मेरे मोबाइल पर घंटी बजी, देखा तो कमलिनी का नम्बर था। मैंने धीरे से बोला- हेल्लो !
तो उधर से काफ़ी खुश लहजे में बोली- थैंक्यू ! अभी अभी मेरा महीना हो गया।
मैंने उससे कहा- विक्की जैसे छोकरों से सावधान रहना ! अब सो जाओ। शुभ रात्रि !
बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए..। Antarvasna
मैं आज पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रहा हूँ, मैं सोचता हूँ शायद आप सभी को पसंद आएगी।
मेरा नाम अभिजीत है.. मैं वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ.. और मैं एक गोरे बदन और स्मार्ट दिखने वाला लड़का हूँ।
मेरा उम्र 23 साल है.. मेरा लम्बाई 5 फुट 5 इंच है.. मेरा लण्ड लगभग 6.8 इंच है।
बात उस समय की है.. जब मैं 12वीं में पढ़ता था.. तब मैं अपने चाचा के घर में रहता था.. मतलब वहीं रह कर पढ़ाई करता था।
मेरे चाचा की नई नई शादी हुई थी और वो एक प्राइवेट जॉब करते थे.. तो चाचा को ज्यादातर बाहर जाना पड़ता था जिस वजह से आरती चाची अकेली रह जाती थीं।
तो चाचा ने मुझे अपने पास बुला लिया और मैं तब से वहीं से पढ़ाई करने लगा।
चलिए मैं अब पॉइंट पर आता हूँ। मेरी जो चाची हैं.. वो बहुत खूबसूरत हैं। उनकी उम्र अभी 23 साल थी.. क्या माल थीं.. उनका फिगर 34-28-30 का था.. एकदम गोरा बदन।
मैंने जब से उन्हें देखा था.. तब से ही उन्हें चोदने का मन बना लिया था। मेरी आरती चाची बीए कर चुकी थीं। वे मुझे पढ़ाने भी लगीं और मैं उनके पास पढ़ने लगा।
पढ़ते समय मैं आरती चाची को देखता जब वो लिखतीं.. तो मैं उनके मम्मों देखता रहता था।
आरती चाची घर में नाइटी में रहती थीं तो उनके बड़े-बड़े चूचे पहाड़ की तरह खड़े रहते थे। मैं उन्हें जब भी देखता.. तो चोदने का सोचता रहता।
एक दिन चाचा को कोई काम से दस दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा.. तो चाचा ने मुझे कहा- कहीं जाना मत.. आरती चाची का ख्याल रखना।
मैंने कहा- ठीक है..
तो उस दिन मैं स्कूल भी नहीं गया और दिन भर आरती चाची के साथ घर में रहा।
अब चूंकि मैं आरती चाची के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक भी करने लगा था, आरती चाची भी मुझसे काफी खुल कर बात करने लगी थीं।
आरती चाची ने एक प्लान बनाया आर मुझसे कहा- चलो आज मार्किट चलते हैं।
तो मैंने कहा- ठीक है.. चलिए।
शाम को हम दोनों मार्किट चले गए.. आरती चाची ने ढेर सारी खरीददारी की और अंत में वो एक लेडीज शॉप में गईं। उन्होंने मुझे बाहर रहने को कहा.. तो मैं बाहर रुक गया।
कुछ देर बाद आरती चाची बाहर आईं और हम दोनों घर चले आए।
घर आने के बाद हम दोनों ने मिलकर खाना खाया और मैं आरती चाची के रूम में टीवी देखने लगा।
टीवी देखते-देखते मुझे कब नींद आ गई और मैं वहीं सो गया।
अचानक मुझे कैसा महसूस हुआ कि कोई मेरे लण्ड के साथ खेल रहा है.. तो मैं झट से उठा और देखा कि आरती चाची मेरे सामने एक पारदर्शी नाइटी में बैठी है और मेरे लण्ड के साथ खेल रही हैं।
तो मैंने आरती चाची से कहा- यह क्या कर रही हैं आप?
आरती चाची ने कहा- कुछ नहीं बस सोये हुई चिड़िया को जगा रही हूँ।
मैं हंसने लगा..
तो आरती चाची ने कहा- जब मैं तुम्हें पढ़ाती थी.. तब तुम मेरे चूचों को देखते थे.. मुझे सब पता है।
मैं उनको कातिल निगाहों से घूरने लगा।
आरती चाची ने फिर कहा- आज मेरी प्यास बुझा दो अयान..
मैंने आरती चाची को अपने पास खींच लिया और उनके होंठों को चूमने लगा।
उन्होंने लिपिस्टिक लगा रखी थी और मैं जोर से उनके होंठों को चूस रहा था.. वो भी मेरा साथ दे रही थीं।
उसके बाद मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा।
हाय क्या मस्त लग रहा था.. पहली बार किसी की चूचियों को दबा रहा था।
मैंने उनकी नाइटी को खोलना शुरू किया.. तो वो अन्दर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुई थीं।
क्या मस्त बदन लग रहा था उनका.. एकदम गोरा बदन और उस पर कसी हुई लाल रंग की ब्रा।
फिर मैंने ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को सहलाया और दबाने लगा।
आरती चाची ने अपनी चूचियों को मेरी तरफ और तान दिया।
मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके सफ़ेद कबूतर बाहर निकल आए।
फिर मैंने उनकी पैन्टी को खोला.. तो देखा कि आरती चाची ने चूत की झांटों को पूरा का पूरा साफ करके रखा हुआ है..
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी चूत चाटने लगा..
अब आरती चाची मादक आवाजें निकालने लगीं- आह.. आह्ह.. आह्ह्ह.. आह्हह.. उन्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह!
फिर उन्होंने मेरा पैंट भी खोल दिया और मेरा लण्ड अपनी मुँह में लेकर चूसने लगीं।
मुझे लौड़ा चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था।
हम 69 की तरह हो गए, दस मिनट तक हम दोनों इसी लण्ड-चूत की चुसाई में लगे रहे।
अचानक आरती चाची की चूत का पानी निकल गया.. मैंने जैसे ही उनके रस को चखा.. आह्ह.. दिल खुश हो गया.. क्या मस्त खुशबू थी.. पर मैंने अपना मुँह हटा लिया.. तो आरती चाची ने मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत के साथ लगा दिया।
फिर मैं भी झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उनके मुँह में घुस गया।
इस तरह हम दोनों झड़ कर शांत हो गए।
फिर हम लोग एक दूसरे से लिपट कर बात करने लगे। उसके बाद आरती चाची बोलीं- अब मुझे चोद दो..
मैं उठा और उनके नंगे बदन के ऊपर आकर लंड को चूत पर रखा, आरती चाची ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी फुद्दी के छेड़ पे रखा और कहा- घुसा दे!
लेकिन उनकी चूत बहुत तंग थी.. मेरा मोटा लवड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था।
मैंने किसी तरह सुपारा उनकी चूत में फंसा कर जोर लगाया.. तो आधा अन्दर चला गया और आरती चाची जोर से चिल्ला पड़ीं- आह्ह.. ह्ह्ह्ह.. माआ..
मैं डर गया कि पता नहीं क्या हुआ फिर भी मैं उन्हें चोदता रहा।
एक बार मैंने और जोर लगाया तो पूरा का पूरा लौड़ा चूत के अन्दर चला गया। आरती चाची कराह कर रह गईं.. फिर धीरे धीरे उनकी चूत ने मेरे लवड़े को आत्मसात कर लिया।
उसके बाद मैं उन्हें धकापेल चोदने लगा था।
तो वो अजीब-अजीब सी आवाज़ निकाल रही थीं- आह्ह्ह्ह.. अह्ह्हह्ह.. उह्ह्ह्ह.. माआआअ.. चोदो अयान.. और जोर से.. बहुत मज़ा आ रहा है।
लगभग हम दोनों में 15 मिनट तक जबर्दस्त चुदाई का खेल खेलते रहे, उसके बाद आरती चाची झड़ गई थीं।
अब बारी मेरी थी.. तो मैंने आरती चाची से पूछा- क्या करूँ.. अन्दर डाल दूँ या बाहर निकालूँ।
उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दो।
तो मैंने कुछ दमदार धक्के लगाए और अपना माल उनकी चूत के अन्दर ही डाल दिया। मैं बहुत थक गया था तो निढाल हो कर वहीं आरती चाची के शरीर के ऊपर गिर गया।
कुछ देर बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम गए.. खुद को साफ किया।
मैं आरती चाची के चूचों को साफ करने लगा। कुछ देर बाथरूम में मस्ती करने के बाद हम दोनों बाहर आ गए।
उसके बाद चाय पी.. और सो गए।
बस अब तो रोज-रोज यही सिलसिला चलने लगा। फिर चाचा वापस आए तो ये सब बंद करना पड़ा।
फिर भी कभी-कभी मैं मौक़ा पाकर चलते फिरते उनके चूचे दबा देता था।
मैंने अपने जीवन का पहला सेक्स किया था और इसमें मुझे बहुत मज़ा आया था।
उसके बाद मेरे एग्जाम खत्म हो गए.. मैं अपने घर चला आया।
उसके बाद अभी तक किसी को नहीं चोदा है.. सोचता हूँ आरती चाची के घर से फिर से घूम आऊँ।
आप लोगों के आशीर्वाद और मुस्कान Antarvasna भाभी की दया और प्यार से मैं चोदना सीख गया, पर अभी तक सिर्फ तीन उंगली से उसकी बुर को और लंड से उसकी मुँह को चोदा था। पर दूसरे दिन उसने बुर की चुदाई सिखानी थी। दूसरे दिन उसने मुझे सारा काम जल्दी निपटाने को कहा और अपनी बेटी को भी जल्दी पढ़ा लेने को कहा, क्योंकि मुझे महसूस हो चुका था कि वो साली भोंसड़ी कल से ही गरमाई हुई थी और उस छिनाल की चूत में शायद ज़ोरों की खुज़ली हो रही ती। अतः वह मेरे लंड से चुदवाने को आतुर थी। मैंने भी अपना सारा काम जल्दी कर लिया। शाम में जल्दी उसकी बेटी को पढ़ाया पर लौटते वक्त उसने धीरे से कहा- जल्दी आईएगा, मैं दरवाजा खुला रखूँगी।’
मैं रात में जब उसके घर गया तो वह अपने कमरे में सिर्फ ब्लाउज़ तथा पेटीकोट में लेटी थी। मेरे भीतर जाते ही दरवाजा बन्द कर लिया। मुझे खींच कर अपने बिस्तर पर अपने साथ लिटा लिया और मेरे कपड़े उतारने लगी।
तब मैंने कहा- क्यों भाभी जान, इतनी जल्दी क्यों? क्या बुर में ज़ोरों की खुजली हो रही है क्या? पर पहले तो मैं तेरी चूचियों को दबा-दबा कर फुलाऊँगा और तेरा दूध पीऊँगा। फिर तुम चुदवाना।
पर उसने कहा- पर मेरे प्यारे देवर राजा, देखो ना इस साली बुर को, कैसे तेरे लंड को देखते ही हर-हर करके पानी छोड़ रही है।
इतना कहकर उसने मेरे एक हाथ अपनी पेटीकोट ऊपर करके अपनी बुर पर रख दिया। मैंने देखा, आज उसकी बुर काफी चिकनी लग रही थी। उस पर झाँटें भी नहीं थीं, बुर पूरी गीली थी। मैंने भी अपनी 2 उंगली बुर के भीतर ठेल दिया और एक हाथ से उसकी चूचियाँ ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। वह आह मेरे राजा… ज़ोर से… और ज़ोर से… इस बुर में उंगली घुसाओ… आहहहह्! ओहह्ह! आआआस्स सस्सस करने लगी। अब देर मत करो, आओ, मुझे चोदो। प्लीज़ मुझे चोदो।
पर मैं उसे थोड़ा तड़पाना चाहता था और यह जानता था कि चुदाई के समय गन्दी बातें कहने से औरत की काम-वासना और तीव्र हो जाती है; अतः मैंने कहा- भोंसड़ी, साली रंडी, छिनाल, अभी भी तुझे ही अपनी बुर चुदवाने का मन करता है? पर अब तो तेरी बेटी की चुदवाने की उमर है। कभी देखी है गौर से उसकी चूचियाँ, ओह, क्या मस्त है गोल-गोल उसकी चूचियाँ! उसकी बुर भी काफ़ी मस्त होंगी। मेरे लण्ड का दिल तो तेरी बेटी की बुर पर आ गया है। साली छिनाल, पहले वादा करो कि अगली बार अपने साथ अपनी बेटी को भी मुझसे चुदवाओगी, तभी मैं तुम्हें पेलूँगा।
“हाँ मेरे राजा, उस हरामज़ादी की बुर को भी तेरी ही लंड की रंडी बनाऊँगी। अगली बार हम माँ-बेटी दोनों एक साथ तेरे लण्ड से चुदवाएँगी, पर पहले मुझसे ट्रेनिंग लेकर अपने लंड को घोड़े जैसा तो बना लो।”
“आज तेरी चूत तो चोदूँगा ही पर तेरी गांड भी मारूँगा और अपना वीर्य तेरी गांड में ही गिराऊँगा। सुना है कि गांड मरवाने में औरतों को अधिक आनन्द आता है।”
“हाँ मेरे राजा, तुझे जो-जो मन करके करना, पर पहले अपने लंड को मेरी बुर में घुसाओ, अब मत तड़पा, अब सहा नहीं जाता।” यह कहकर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और जल्दी से मेरे खड़े लंड को अपने बुर की छेद पर लगा कर धक्का दिया।
धक्का देते ही मेरा पूरा लंड एक ही बार में उसकी बुर की जड़ तक चला गया। उसने अपनी बुर को सिकोड़ने के लिए पाँव पर पाँव चढ़ा लिया- वाह…!!! आहह्ह… ओहहह! आहहह! आसस्ससस! अब चोदो मेरे राजा, अब देखूँ, कुँवारे लंड में कितनी ताक़त है। मुझे ज़ोर-ज़ोर से हुमच्च-हुमच्च कर चोदो और मेरे बुर का छेद बड़ा कर दो।’ आहहहह! ओहहहह मेरे प्यारे देवर राजा, अपने भर्तार से चुदवा-चुदवा कर इस चूत से 6 को पैदा किया, पर इतना मजा कभी नहीं आया रे, ओहहहह! सचमुच तेरे लंड ने मेरे बुर को धन्य कर दिया। अब तुम पढ़ाई के साथ चुदाई में भी दक्ष हो गए। आह, मेरे राजा, मैं तो झड़ने वाली हूँ। और ज़ोर से उछल-उछल कर चोदो।
मैं चोदने लगा और उसने मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और कहा- राजा, मैं तो गईईईईई।
वो कुछ देर में शान्त पड़ गई पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था- साली, रण्डी, भोंसड़ी, अब मैं तुझे कुतिया बनाकर तेरी गांड मारूँगा। चल मेरी प्यारी रंडी चुदक्कड़ भाभी, जल्दी से अब तुम कुतिया बन जाओ।
फिर मैं उसे पीछे घुमाकर उसकी गांड में और अपने लंड पर तेल लगाकर, उसकी गांड में घुसा दिया, पर वह चीख़ पड़ी- उईईई आआआआ, धीरे, आज पहली बार गांड मरवा रही हूँ।
पर मैंने यह सुनकर और भी ज़ोरों का झटका देकर पूरा लंड उसकी गांड में ठोंक दिया। वह चीखने लगी, पर उसका मुझ पर कोई असर न हुआ। मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बन्द कर चोदना जारी रखा। पर कुछ ही देर में वह मस्ती में आ गई, और अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी।
वह बोली कि गांड तो ज्यादा मजा देता है। फाड़ कर मेरी गांड को मेरी चूत से भी बड़ी कर दो।
पर कुछ देर में मेरा भी वीर्य निकलने वाला था, मैंने कहा- भाभीजान, मेरा भी माल निकलने वाला है, इसे तेरी गांड में ही डाल देता हूँ।
मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही डाल दिया। अब हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को जकड़े रहे। फिर उसने पानी से मेरा लंड, अपनी बुर, और गांड साफ कर दिया।
वह बोली- राजा, अभी जाने नहीं दूँगी। अभी मन नहीं भरा है।
“रानी, मैं अभी नहीं जाऊँगा।”
और मैंने सारी रात उसे चोदा। Antarvasna
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