Important Notice: Mail for rent - info@tottaa.com

Massage Girl in Rewa: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Rewa who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Rewa that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Rewa massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Rewa who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Rewa massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Rewa massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Rewa who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Rewa employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Rewa helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Rewa

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Rewa at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

oral sex

मेरे दोस्तो अब मैं आपको अपनी स्टोरी बता oral sex रहा हूं। मैं गुजरात(सौराष्ट्र) के एक मशहूर शहर में रहता हूं। मेरा ओफ़िस है और मैं एकदम फ्रेंडली लड़का हूं। बोडी अच्छी है, मेरा लंड ७ का है और थोड़ा मोटा है, वैसे तो मैं कई बार सेक्स का अनुभव कर चुका हूं, पर यहां की भाभी और लड़कियों में जो बात है वो भारत में और कहीं नहीं। बड़े बूब्स, चिकनी गांड, मस्त बोडी, जैसे चोदते हि रहो। मैं डेली ओफ़िस जाने के लिये बस मे आता जाता हूं। सुबह जाता हूं और शाम को वापस, रोज यही चलता है।

मेरे साथ एक लड़की भी रोज़ सफ़र करती है, वो आगे से ही उसी गाड़ी में होती थी शायद अगले शहर से आती होगी, एक बार गाड़ी में भीड़ ज्यादा ही थी, उसके बाजु में एक सीट खाली थी सो मैं उसके पास बैठ गया, वो मुझे देख कर हल्के से मुस्करायी मैने भी मुस्करा कर जवाब दिया, फ़िर थोड़ी देर बैठे रहे, अचानक ही उसने मुझसे पूछा कि तुम पढ़ाई करते हो या कोई जोब, मैने कहा कि मेरा बिजनेस है, और उसने बताया कि वो सरकारी नौकरी करती है, कुछ बातें हुई और फ़िर हम काम पर चले गये, रोज ऐसे ही मुलाकात होती रही, हम अपनी बातें बताते रहे, वो शादी शुदा थी पर तलाक हो चुका था अकेली रहती थी,उसका नाम सोनु था, उसकी आंखो में कुछ अजब सी कशिश थी, गोरा बदन, ३६ बूब्स, काफ़ी सुडौल बदन और एकदम सेक्सी। एक बार उसने कहा कि कल मेरी छुट्टी है हो सके तो मेरे घर चाय-पानी के लिये आओ। मैने कहा ठीक है।

और उससे पता और मोबाइल नम्बर लेकर मैं उसके घर पहुंचा। उसका घर काफ़ी सुंदर था। मैने डोरबेल बजाई और उसने दरवाजा खोला और मुझे वेलकम कहा। अंदर आके मैं ड्राइंग रूम में बैठा। थोड़ी देर में वो चाय ले कर आयी और हमने आपस में बातें करना शुरु किया। अचानक ही उसने कहा कि आई लव यु। मैं तुम्हे प्यार करती हूं और तुम्हे पाना चाहती हूं और मुझसे लिपट गयी, जैसे ही उसके बदन का सपर्श हुआ मेरे शरीर में करेंट दौड़ गया मैं भी उससे लिपट गया और उसे चूमने लगा, वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी

हम दोनो बेड में लेटे हुए एक दूसरे के कपड़ों पर टूट पड़े थोड़ी देर में हम एकदम नंगे थे, क्या बताऊं दोस्तों, उसका बदन था या कयामत, नर्म और बड़े बूब्स, उस पर गुलाबी निप्पल एकदम फ़ूल गये थे, चिकनी जांघें और बीच में गुलाब की तरह लाल चूत, जैसे मुझे न्यौता दे रही थी, उसने मेरे लंड को पकड़ा और कहा मेरे जानु तुम्हारा लंड तो एकदम कड़क है, अब मेरी प्यास बुझेगी, मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा और रब करने लगा, मैने धीरे से उसकी चूत खोली, एकदम फ़ूली हुई और छोटी सी उसकी चूत थी। एकदम सफ़ाचट थी मैने चूत की क्लिट को छुआ तो वो तड़प उठी और आहें भरने लगी मेरा सर पकड़कर उसने चूत पर रख दिया और मैं धीरे धीरे उसकी चूत पर अपनी जीभ फ़ेरने लगा वो बुरी तरह से तड़प रही थी, उसकी चूत में से चिकना पानी निकल रहा था, मैने अपनी एक उंगली को चिकना किया और धीरे से उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा।

वो मस्त हो रही थी, फ़िर उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और अपनी जीभ उस पर फ़िराने लगी मैं उसके दोनो निप्पल को चुटकियों में रगड़ रहा था फ़िर उसने कहा कि अब मुझमे समा जाओ और फ़िर मैने उसकी दोनो टांगो को अलग किया और बीच में बैठ गया। उसकी गुलाबी चूत एकदम फ़ूल गयी थी और पानी से एकदम चिकनी हो गयी थी। चिकना पानी लगातार निकल रहा था मैने अपना लंड चूत के पानी से चिकना किया और चूत पर रब करने लगा वो बहुत तड़प रही थी, उसने अपनी चूत दोनो हाथों से खोल दी, उसकी चूत का छोटा सा छेद एकदम साफ़ दिख रहा था, फ़िर मैने अपना चिकना लंड धीरे से उसकी चूत में डालना शुरु किया और वो कराहने लगी, धीरे धीरे मैने पूरा लंड उसकी चूत में डाला और अपनी कमर हिलाने लगा। अब वो भी मस्त होकर एकदम मुझसे लिपट पड़ी थी और मैं शोट पर शोट लगाता रहा, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, चूत चिकना पानी निकाल रही थी और उसकी बजह से चप चपक चप जैसी आवाज़ आ रही थी, फ़िर मैने उसे घोड़ी बनाकर पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, मैं कभी लंड पूरा निकाल लेता और फ़िर पूरा डाल देता, रगड़ से छपाक छपाक की आवाज़ गूंज रही थी और फ़िर स्पीड से मैने उसे चोदना शुरु किया और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया। अब वो पूरी तरह सैटिस्फाई हो गयी थी। हम दोनो बेड पर लेटे एक दूसरे को चूमने लगे और दोस्तो फ़िर शुरु हुआ न खत्म होने वाला एक चोदने का सिलसिला। oral sex

प्रेषक : सुनील Antarvasna

मैं आप लोगों को एक गर्म सच्ची कहानी Antarvasna बता रहा हूं अपने दोस्त की बीवी की चुदाई की !

मेरा एक बचपन का दोस्त है। हम दोनों एक साथ बड़े हुए और उसकी शादी हो गई। शादी के कुछ दिनों बाद वो हमेशा अपनी बीवी की चुदाई कैसे करता है, बताता रहता था। जिसे सुनकर मेरा मन भी चुदाई करने को करता था और मैं सोचता था कि वो कैसे भाभी को चोदता होगा और भाभी कैसे चुदवाती होगी।

एक दिन मैंने उसे कहा- यार ! मेर मन चुदाई के लिए करता है और मेरे पास कोई जुगाड़ भी नहीं है। उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन अगले दिन उसने मुझे कहा कि मैं उसकी बीवी को चोदना चाहूं तो चोद सकता हूं, उसे कोई परेशानी नहीं। मैंने कहा कि भाभी क्या चुदाई के लिए मान गई

तो उसने कहा- नहीं, लेकिन मान जाएगी क्योंकि उसे ग्रुप सेक्स की कहानियाँ सुनने में अच्छी लगती हैं और मैं उसे तुम्हारे बारे में कुछ नहीं बताऊंगा। आज रात को जब मैं उसे ग्रुप सेक्स की कहानी सुना कर उसकी आंखों पर पट्टी बांध कर चोदूंगा, तभी तुम भी चोद लेना। बाद में उसे बताएंगे कि तुमने भी उसकी चुदाई की है।

रात को मैं उसके कमरे में छुप गया। फ़िर भाभी आई और बोली कि तुम्हारा दोस्त गया क्या?

तो वो बोला- हाँ ! गया।

तो भाभी ने दरवाज़ा बंद कर लिया और बोली- कोई सेक्सी नग्न फ़िल्म दिखाओ ना !

मेरे दोस्त ने XXX फ़िल्म लगा दी। भाभी फ़िल्म देखते देखते गरम हो गयी और मेरे दोस्त के कपड़े उतारने लगी। फ़िर अपने कपड़े भी उतार दिए। मैं तो भाभी का जवानी से भरा बदन देख कर पागल हो गया- क्या फ़ीगर थी उनकी ३६-२६-३४ उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, उनकी इतनी खूबसूरत चूत छूने के लिए मेरा मन मचलने लगा। मेरे दोस्त ने भाभी की आंखों पर पट्टी बांध कर मुझे पास आने के लिए इशारा किया और भाभी के बदन से लिपट गया। सामने भाभी को नंगी देख कर मेरे लंड में तूफान आ गया।

फिर मेरा दोस्त भाभी की चूत घोड़ी बना कर लेने लगा थोड़ी देर में उसने अपना लंड निकाल लिया और मुझे इशारा किया कि मैं लंड डाल दूँ। मैंने तुंरत ही अपना लंड भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया।

लंड जाते ही भाभी बोली- अचानक तुम्हारा लंड इतना मोटा क्यों लग रहा है? तो मेरे दोस्त ने उसकी आंखों पर से पट्टी खोल दी तो भाभी ने पलट कर मुझे देखा तो मुस्कराई और कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है मैं भी यही चाहती थी कि मेरी चुदाई दो दो लंड से हो, मुझे आज खूब जोर जोर से चोदो।

फिर क्या था मैं तो भाभी को खूब मस्ती में चोदने लगा और भाभी आहें भरने लगी। मैं कभी भाभी की कमर पकड़ता तो कभी चूची। फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकल लिया और भाभी को लेटा दिया और कहा कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और भाभी की चूत को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा भाभी सिसकने लगी और मैं चूत को अपने होटों से जोर जोर से चूमने लगा। भाभी एक दम तड़पने लगी और कहा कि मेरी प्यासी चूत में अपना मोटा लंड डाल कर इसकी प्यास बुझा दो।

फिर मैंने भाभी के उप्पर चढ़ कर चूत में लंड डाल दिया और चूची मुंह में लेकर स्वर्ग का मजा लेने लगा उस समय मेरे दोस्त ने भाभी से कहा कि मैं तो पहले ही जानता था कि तुम चुदवा लोगी क्योकि ग्रुप सेक्स की कहानी सुन कर तुम बहुत जोशीली हो जाती थी। आज तुम्हें चुदते हुऐ देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है, लेकिन तुम दोनों मेरे सामने ही चुदाई करना ! नहीं तो लोगों को शक हो सकता है।

तो भाभी ने कहा कि अगर किसी को न पता लगे तो हर औरत चुदवाना चाहती है और यहाँ तो आप मुझे चुदवा रहें हैं, अब तो मैं हर रात आप दोनों से चुदवाना चाहती हूँ।

फिर रात भर मैंने और मेरे दोस्त ने मिल कर भाभी को खूब चोदा उसके पूरे बदन को खूब प्यार किया फिर हर दो तीन दिन में हम तीनो साथ साथ चुदाई करने लगे। फिर एक दिन मेरे दोस्त की बदली पुणे हो गई और हम लोग अलग हो गए। आज कल मेरा मन चुदाई के लिए तड़पता है दिल करता है कि भाभी वापस आ जाए लेकिन ये हो नहीं सकता। Antarvasna

Hindi Sex Stories

दोस्तो, आप सभी का बहुत Hindi Sex Stories बहुत धन्यवाद, कि आपने मेरी कहानियाँ ‘माला की चुदाई, मजा और मलाई, व जब गांड मारी जमके’ पढ़ी, आपने जो मेरा साथ दिया उसके लिये एक बार और धन्यवाद!

दोस्तो, आज नई कहानी लेकर आया हूँ।

मेरी पड़ोसन जिसका नाम पूनम है और उसकी उम्र भी १९-२० की है। पूनम बहुत ही खूबसूरत है, उसके स्तन बहुत ही शानदार, जैसे दो नारियल के बड़े गोले रखे हों, एकदम टाइट कहने का मतलब।

वो जब भी मेरे घर किसी काम से आती तो मुझे अलग कमरे में जाकर मुठ मारनी पड़ती, अब आप ही सोचो दोस्तो कि जब आपका ये चोदू संजय को मूठ मारनी पड़े तो उस नारी का क्या कहना।

ऐसा नहीं कि मैं ही उसे देखा करता था, वो भी जब भी मेरे घर आती तो उसकी आंखे कुछ ना कुछ तलाशती रहती, शायद मुझे!

मैं उसको चोदने का रास्ता तलाशने लगा।

एक रोज घर कोई नहीं था और वो मेरे घर आई। उस वक्त मैं अपने कमरे में टी.वी. पर बहुत गरमागरम चोदू पिक्चर देख रहा था। घर की घंटी बजी तो मैंने उठकर तौलिया लपेटा और दरवाजे को खोलने गया। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा कि मेरी पड़ोसन पूनम खड़ी हैं। वो मुझे देखते ही मुस्करा पड़ी और पूछा- क्या बात है संजू ? नहाने जा रहे थे?

मैंने कहा- हां !

तो उसने कहा- मम्मी कहाँ गई?

तो मैंने कहा- बाहर गई हैं।

पूनम बात करते करते अन्दर आ गई और मैं भी टी.वी. पर चल रही नंगी पिक्चर के बारे में भूल गया क्योंकि उसकी आवाज तो मैंने पहले ही बंद कर रखी थी। मैंने कहा- पूनम ! क्या काम था?

तो उसने रसोई में से कोई चीज लेनी थी, तो मैं रसोई में उसका बताया सामान लेने गया और पूनम मेरे कमरे में कब चली गई मुझे पता ही नहीं चला। मैं जब रसोई से वापस आया तो पूनम को ना देख मैं उसे तलाशता हुआ अपने कमरे की तरफ गया तो देखा पूनम बेड पर बैठी बड़े गौर से टी.वी. पर चल रही पिक्चर को देख रही थी, पूनम को होश भी नहीं था कि मैं कमरे में आ गया हूँ।

इधर पूनम को पिक्चर देखते हुए मेरा लंड भी फटाफट बिस्तर छोड़ खड़ा हो गया और अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेने लगा। चूंकि पूनम की पीठ मेरी तरफ थी तो उसे पता ही नहीं चला कि मैं कब आकर उसके पीछे खड़ा हो गया। पूनम पिक्चर देखते हुए गरम हो गई थी, वो अपने स्तनों को अपने ही हाथों से दबाती तो कभी अपनी चूत को अपनी उंगली से कुरेदने लगती तो कभी अपने होठों को अपने ही दांतो से काटने लगती।

लोहा गरम देख मैं घर का दरवाजा बंद कर पूनम के पीछे चुपचाप गया और पंलग पर बैठते हुवे पीछे से उसके स्तन दबाने लगा। एकदम से मेरे हाथ को देख वो डर गई। मगर मैं अब चुप रहने वाला थोड़े ही था, मैंने पूनम के होठों को अपने होठों से दबा लिया और चूसने लगा। कुछ देर तो पूनम मुझे दूर हटाने की कोशिश करती रही मगर पूनम तो खुद गरम हो चुकी थी।

धीरे धीरे मेरा एक हाथ उसके कुरते पर गया और उसके स्तन दबाने लगा। अब वह भी मेरा साथ देने लगी थी, उसका एक हाथ मेरी कमर पर गया और मेरी कमर को सहलाने लगी। अब मुझमें भी ताकत आ गई और मैंने पूनम का कुर्ता उतार दिया, कसम से मैं उसके तने चूचों को देखता ही रह गया। पूनम ने पूछा- क्या देख रहे हो?

तो मैंने कहा- पूनम डार्लिंग ! कसम से आज तक ऐसा हुस्न कहीं नहीं देखा।

नंगे स्तनों को मैं दोनों हाथों से दबाने लगा जैसे फिर कभी मौका मिले या ना मिले। पूनम का भी एक हाथ मेरे तौलिए पर गया और मेरे लंड को तलाशने लगा, वो कामयाब हो गई, आखिर मेरे लन्ड को तलाश ही लिया था।

उसने कुछ देर तक मेरे लन्ड को सहलाया, फिर बेड पर बैठ गई और मेरे लन्ड के सुपाड़े को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी, सच में मुझे एक ऐसी अनोखी यात्रा का आनन्द प्राप्त हो रहा था कि मैं शायद कहीं रास्ते में ही पंचर ना हो जाऊं।

मैंने पूनम से जबरदस्ती अपने लन्ड को छुड़ा कर उसकी सलवार पैन्टी समेत एक बार में ही उतार दी और उसकी चूत के दर्शन कर चूत को ऐसे चाटने लगा जैसे बिल्ली कटोरे में रखी मलाई को चाटती हो ! उसकी चूत को जीभ से ही चोदने लगा, पूनम का शरीर अकड़ने लगा था और अजीब सी आवाजें आने लगी- हाऽऽऽऽय सं……..जू बस करो ! मेरा पाऽऽऽनी निकऽऽऽल रऽऽऽहा हैं हाााााय मााााार डााालााााा।

मैंने लोहा गरम देखा और अपने लन्ड देव तो पहले से ही अंगड़ाइयाँ लेकर तैयार थे। लंड को सीधा पूनम की चूत पर रखा और उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा। पूनम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। साथ तो लन्ड देव भी गजब का दे रहे थे, अपने आप ही पूनम की चूत में धीरे-धीरे चुपके-चुपके जगह बनाने में लगे थे।

अब तक मेरा सुपाड़ा पूनम की चूत में जा चुका था, जिससे उसके चेहरे पर दर्द की शिकन आने लगी थी। मगर उसकी जुबान मेरे होठों की गिरफ़्त में थी इसलिये पूनम चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रही थी।

मैंने हलका सा झटका दिया और मेरा ९ इंची का लौड़ा सीधा पूनम मैडम की चूत में आधा धंस गया। पूनम की चूत से निकल रहे चिकने पानी के कारण लंड को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही थी, मगर पूनम को थोड़ा बहुत तो दर्द हो ही रहा था। एक हाथ से मैं पूनम के बोबे सहला रहा था जिससे पूनम वापस मस्त हो रही थी, अब एक झटका और दिया तो लन्ड देव चूत रानी से गले जा मिला यानि मेरा लन्ड सीधा पूनम की बच्चेदानी को बजाने लगा जिससे पूनम को काफी दर्द होने लगा और अपने आप को छुड़ाने की नाकामयाब कोशिश करने लगी।

मैं कुछ देर रूक गया और उसे हर तरीके से सहलाने लगा। पूनम का दर्द जब कुछ कम हुआ तो धीरे धीरे लन्ड को आगे पीछे करने लगा। पूनम को भी मस्ती चढ़ने लगी और वह भी नीचे से मेरा साथ देने लगी। अब तो मैंने भी स्पीड पकड़ ली। पूनम की आवाजें नशीली होने लगी- उंमऽऽ हाययययय संज….उ……. मा…र…….डााााााा ला….. संजू डार्लिंग चोदो आज मेरी चूत को जैसे तुम चाहो जल्दी करो मेराााा हो रहा और १५-२० मिनट बाद ही हम दोनो ही का एक साथ पानी छुटा और एक दूसरे पर ढेर हो गये।

फिर तो मैंने और पूनम ने एक बार और सेक्स किया फिर रात को मिलने के वादे के साथ ही वो चली गई।

दोस्तो तुम्हारे पत्रों का मुझे बेदर्दी से इंतजार रहता हैं। Hindi Sex Stories

Xxx साली जीजा सेक्स कहानी में मैंने अपनी साली की काल्पनिक चुदाई की. मेरी साली बहुत सेक्सी है, उसकी चूचियां बहुत मस्त हैं. मैं उसे कभी चोद नहीं पाया पर कल्पना की है.

दोस्तो, सबसे पहले तो मैं अपना परिचय देता हूं.
मेरा नाम प्रणय है और मैं एक बैंक में काम करता हूं.
मेरी उम्र 27 साल है और शरीर भी तंदुरुस्त है.

मैं यहां पहली बार लिख रहा हूँ और मुझे सेक्स कहानी लिखने का कोई अनुभव नहीं है.
फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि आप सबको मजा आए.

मेरी इस Xxx साली जीजा सेक्स कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं.

मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं और हम दोनों मुंबई में रहते हैं.

यह बात जो मैं बताने जा रहा हूं, वह मेरी कल्पना है.
उस लड़की को देखकर जिसे मैं हमेशा से चोदना चाहता था लेकिन रिश्तों की वजह से कभी चोद नहीं पाया.

यह बात मेरी साली की है जो मुझसे उम्र में छोटी है और मेरे साथ अब काफी नटखट भी हो गई है.

उसे देखकर मुझे हमेशा लगता कि काश यह मेरी पत्नी होती.
उसके बारे में सोच सोच मैं हमेशा मुठ मार लेता हूं.

उन दिनों हम दोनों शादी करके कुछ दिनों के लिए ससुराल गए थे.
हमारा स्वागत बढ़िया हुआ था और हम दोनों घर में प्रवेश कर गए.

प्रवेश करते ही मुझे मेरी स्वप्नकन्या दिखाई दी.
उसका नाम सोनल है.
वह बहुत ही सुन्दर हेयर स्टाइल वाली लड़की है.

उस दिन वह पिंक कलर की ड्रेस में एक अप्सरा ही लग रही थी.

उसकी उम्र बीस साल की थी लेकिन उसके भरे हुए स्तन किसी 25 साल की लड़की के जैसे हैं.
सोनल के तने हुए दूध देख कर मुझे अपने सास ससुर के सामने बैठना मुश्किल हो गया था.

जैसे तैसे मैं बहाना करके उठा और वाशरूम से फ्रेश होकर आ गया.

साली के स्तनों का आकार देख कर मुझसे अभी भी रहा नहीं जा रहा था.
सोनल को देखकर तो ऐसे लग रहा था कि वह गंभीर मिजाज वाली लड़की है; उसे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई से प्यार है.

मैं उसे गौर से देखने लगा और उसे देखकर मन ही मन सोचने लगा कि क्या करूँ, जिससे सोनल को सैट कर सकूं.
उस रात मैंने अपनी पत्नी को ऐसे चोदा मानो मैं सोनल को ही चोद रहा हूं.

पत्नी भी संतुष्टि के साथ सो गई लेकिन मुझे अभी भी सोनल की जवानी ने परेशान कर रखा था.

मैंने तय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए, मैं सोनल को चोदे बिना वापस नहीं जाऊंगा.

दूसरे दिन सुबह जब मैं उठा तो सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए थे.

फिर मैं भी नाश्ता करके अखबार पढ़ने बैठ गया.

मैंने जान बूझकर नाश्ते की प्लेट सामने रखी ताकि सोनल उसे उठाए और मैं उसके दोनों स्तनों को जीभर के देख सकूं.
हुआ भी वैसे ही.

मैंने अंततः उसके दोनों स्तनों को देख लिया.
मानो मेरे अन्दर ज्वालामुखी भड़क गया था और मुझे अपने लावा को सोनल के स्तनों पर छोड़ना है, यह सोच सोच कर मैं पागल होने लगा.

एक दो दिन और गुजर गए और मेरी परेशानी बढ़ती गई.

मौका देख कर मैंने उससे बात करना शुरू किया.
वह कम ही घुल-मिल पाती थी.
फिर भी कोशिश करके मैंने उससे दोस्ती कर ली.

मैं इस बात से खुश था कि उसने मुझसे दोस्ती की.

एक दो दिन और गुजर गए और वह अभी मुझे बेझिझक बातें करने लगी.

मैं उसके कॉलेज के बारे में बात करने लगा और उसकी सहेलियों व उसकी पढ़ाई को लेकर बात करने लगा.

बात तो वह करती थी, मैं तो सिर्फ उसे निहारता था.

कभी कभी ठंड की वजह से उसके स्तनों के निप्पल कड़क दिख जाते तो कभी मेरी आंखें उसके स्तनों के आकार को दूर से ही नाप लेतीं.

ऐसे ही चलता रहा.

एक दिन बात करते समय हम दोनों उसके एक फ्रेंड की लव स्टोरी डिस्कस करने लगे.

मैंने भी मौका देख कर उससे पूछा- तुम्हारा बॉयफ्रेंड कौन है?
उसने साफ मना करते हुए कहा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है.

मेरे जोर देने पर भी उसने मना किया तो मैंने और छेड़ना ठीक नहीं समझा और इधर उधर की बातें करने लगा.
फिर हमारे बीच इस तरह बात हुई:

मैं- सोनल क्या मैं एक बात पूछूं, बुरा मत मानना तुम मुझे फ्रेंड मानती हो तो ही पूछूंगा.
सोनल- हां पूछिए न!

मैं- तुम अभी जवान हो गई हो और तुम्हारी सहेली का भी बॉयफ्रेंड है, तो तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हारा भी बॉयफ्रेंड होना चाहिए?
सोनल चुप रही.

मैं- डरो मत, मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा!
सोनल- मुझे भी लगता है लेकिन पापा और घर के सभी लोग स्ट्रिक्ट हैं, तो चाहकर भी मैं सिंगल हूँ.

मैं- और एक सवाल पूछूं?
सोनल- हां.

मैं- सेक्स करने का मन करता है? शर्माना मत या फिर गुस्सा भी मत करना.
सोनल- करता तो है, पर अभी मेरी उम्र कम है … और शादी भी नहीं हुई.

मैं- यह कौन बोला कि सेक्स के लिए शादी करनी पड़ती है. सेक्स तो एक कला है. उसे सिर्फ नर और नारी चाहिए शादी नहीं. तुम अपनी दीदी से पूछो सेक्स का मजा क्या होता है!
सोनल- आप भी ना!
वह शर्मा कर उठ गई और जाने लगी.

मैंने सोनल को अपने हाथ से पकड़ा और पहली बार उसकी नजर में मैंने कामवासना देखी.
अब तक मैं काबू खोता जा रहा था लेकिन मुझे जल्दबाजी नहीं करनी थी.

मैं- सच बताओ … कौन हैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड?

सोनल- कोई नहीं है.
मैं- फिर शर्मा क्यों रही हो?

सोनल- आपने मेरा हाथ पकड़ रखा है.
मैं- तो क्या हुआ आधी घरवाली हो मेरी!

सोनल- प्लीज छोड़िए, मम्मी आ जाएंगी.
मैं- आने दो.

मौका देख मैंने उसको कमर से पकड़ कर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
उसकी छूटने की कोशिश बेकार हुई.

उसे मैंने किस करना शुरू कर दिया.
वह शर्माती हुई मेरा साथ दे रही थी.

तभी मेरी पत्नी आ गई और हम अलग हो गए.
मेरी बीवी को पता नहीं चला.
वह खाने के लिए बुलाने आई थी और चली गई.

उसके जाने के बाद मैंने फिर से सोनल को पकड़ा और उससे कहा- सोनल यार, पहले दिन से तुम्हें देख कर चोदने का मन बनाया है. अब और न तड़पाओ. तुम्हारी दीदी और तुम दोनों लाजवाब हो. दोनों भी सेक्सी हो. लेकिन तुम्हें एक बार चखना है. तुम जितनी टेस्टी हो उतनी टेस्टी तो तुम्हारी दीदी भी नहीं है. तुम्हें वही सुख देने के लिए मैं बेसब्र हूँ. मैं तुम्हारा रात को टेरेस पर इंतजार करूंगा, जरूर आना.

वह चुपचाप चली गई और मैं सोचता रहा कि क्या होगा.

फिर भी मैं रात को वाइफ सोने के बाद ऊपर आ गया और सोनल की राह देखने लगा.

दो बजे के करीब सोनल आ गई और मैं खुशी से झूम उठा.
मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और किस करने लगा.
वह अब खुलकर साथ दे रही थी.

हमारे टेरेस से सब कुछ दिखता था लेकिन टेरेस पर क्या चल रहा है, ये किसी को नहीं दिखता क्योंकि हमारे घर की ऊंचाई बहुत ज्यादा थी.

मैं उसको गोद में उठाकर उस कमरे में लेकर आ गया जो टेरेस पर सामान रखने में काम आता था.

उसे दीवार के सहारे खड़ा करके मैं उसके गले को चूमने लगा.
मैं उसके दोनों हाथों को ऊपर पकड़ कर मुँह से उसके गले को और होंठों को चाट रहा था.

मुझसे भी संयम नहीं हो रहा था तो मैंने उसके टॉप को ऊपर करके निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को चूसने और दबाने लगा.

सोनल सिर्फ ‘जीजाजी मत करो …’ इतना ही कह पाई.
उसके हाथ मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को स्तनों पर दबा रहे थे.

मैंने ब्रा को निकाल दिया और जिसका इतना इंतजार किया, उसका जी भरके आनन्द लेने लगा.
खुद की शर्ट को भी उतार कर हम दोनों कमर के ऊपर नंगे हो कर एक दूसरे के जिस्म का आनन्द लेने लगे.

जब तक सोनल के स्तनों पर मेरे दांतों के निशान नहीं बने, तब तक मैं रुका नहीं.
स्तन पान करते हुए मैं पेट को किस करने लगा और वह मदहोश हो गई.

मैंने उसके बचे हुए कपड़ों को भी हटा कर उसे सिर्फ पैंटी पर खड़ा कर दिया.
वह शर्म के मारे आंखें बन्द कर चुकी थी लेकिन मैं उसे देख कर बेकाबू हो चुका था.

मैंने भी मेरे बचे हुए कपड़ों को उतार कर उसे देखा और उसका हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर दबा दिया.

लंड की गर्म त्वचा से वह सहम उठी और उसने मुँह दीवार की तरफ कर दिया.
मौका देखकर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, जो पूरी गीली हो चुकी थी.

पीछे से उसे जोर से पकड़ कर मैंने उसकी चूत को उंगली से छेड़ना शुरू कर दिया और साथ ही दूसरे हाथ से निप्पल को रगड़ना शुरू कर दिया.

वह अब तक दो बार पानी छोड़ चुकी थी और फिर से एक बार गर्म हो चुकी थी.
मैंने उसे पैरों पर बैठने को कहा तो वह झट से बैठ गई.

मुझे तो मानो जन्नत मिल गई. मैंने अपना लंड उसको मुँह में लेने के इरादे से हिलाया.
उसने पहले तो सर हिला कर मना किया लेकिन बाद में वह खुद ही तैयार हो गई और उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.

वह बड़े ही पेशेवराना तरीके से लंड को चूसने लगी.
यह देख कर मुझे जरा हैरानी हुई.
पर मैं मजा लेने लगा.

मेरा लंड उसके मुँह हिसाब से साइज़ में काफी बड़ा था और वह पूरा लंड अन्दर तक नहीं ले पा रही थी.

फिर भी उसे मजे लेने थे तो उसने अपने मुँह में किसी तरह से पूरा लंड ले लिया.
मेरी पत्नी तो कभी लंड को छूती भी नहीं थी.

मैंने उसे उठाया और कहा- सोनल, तुमसे अच्छी लंड चूसने वाली कोई नहीं है. तुम्हारी दीदी को तो ये पसंद ही नहीं है.

सोनल- जीजा जी, आप टाइमपास न करो, मैं अभी तड़प रही हूं. जल्दी से अपना ये औजार मेरी चूत में डालो और इसकी भूख मिटाओ.

मैंने भी समय की गहराई को देखकर तुरंत उसे दीवार पर सटा कर अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
पहला धक्का लगते ही उसके मुँह से चीख निकली और वह तड़प उठी.

मैंने उसकी कमर को न छोड़ते हुए और एक धक्का लगाया.
फिर तो मैं वहशी हो गया और धक्के पर धक्का लगाता चला गया.

वह भी लंड रगड़ से मजा लेने लगी.

कुछ ही देर में उसकी चूत से खून निकलने लगा था लेकिन अंधेरे में उसे कुछ समझ नहीं आया.

कुछ ही देर में वह एक बार फिर से झड़ गई और पुराने गद्दे पर लेट गई.

मैं अभी बाकी था, तो रुकने के मूड में नहीं था. मैं उधर ही उसकी चूत में पूरा लंड डालकर उसे चोदने लगा.
वह थक गई थी लेकिन मुझे साथ दे रही थी.

मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूं.
तो मैंने उसके दोनों स्तनों पर मेरे वीर्य का स्खलन शुरू कर दिया और वीर्य की आखिरी बूंद तक टपका दी.
फिर मैं भी उसी के बाजू में लेट गया.

हम दोनों की सांसें फूल रही थीं लेकिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.
मैंने जो सोचा था हो गया.

पड़े पड़े हम दोनों एक दूसरे को देख मुस्कुराते रहे और फिर उठकर अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गए.

सोते समय भी मुझे सोनल के शरीर का स्पर्श महसूस हो रहा था और मैं सपने मंख भी यही चाह रहा था कि वह मुझसे अलग ना हो.

दूसरे दिन सोनल मुझे देख कर शर्माने लगी और मेरे सामने ही नहीं आई.

मैंने सोचा कि ऐसे काम नहीं चलेगा, मुझे कुछ करना पड़ेगा.

तब मैंने इशारे में उसे कोने में बुलाकर उससे उसका फोन नंबर मांगा और उसे मोबाइल पर बात करने को कहा.

मैं- क्या हुआ शर्मा क्यों रही हो? कल जो हुआ, क्या वह पसंद नहीं आया?

सोनल- ऐसी बात नहीं है. मुझे बहुत पसन्द आया और आपका वह भी काफी बड़ा है.
मैं- ऐसी बात है, तो फिर घूमने चलें? बहाना बनाकर बाहर चलते हैं?

सोनल- ना बाबा ना … जो कुछ करना है रात को ही कर लेना!
मैं- ठीक है, फिर लेकिन आज रात रंगीन होगी. आधा अधूरा नहीं छोडूंगा.

सोनल शर्माकर मेरी ओर देखने लगी और मैं रात का इंतजार करने लगा.

आज मैंने पहले से कुछ सैटिंग कर रखी थी.
कल रात जो दिक्कत आई थी, वह न हो इसलिए मैंने गद्दा अच्छी तरह बिछाया और उस पर कपड़ा डालकर उसे कुछ ठीक कर दिया.

अब बस इंतजार सिर्फ सोनल के आने का था.
आज कुछ नया भी ट्राय करना था तो मैंने मन ही मन ठान लिया कि उसे आज पूरी रात सोने नहीं देना है.

सब लोग सोने के बाद मैं चुपके से ऊपर चला गया और उसका इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर में वह भी आ गई.

मैंने उसे गद्दे पर लिटाया और उससे लिपटकर चूमने और चाटने लगा.

वह पहले से ही गर्म हो गई थी और मेरे ऐसा करने से वह और जादा कामुक हो गई.

मैंने उसका टॉप ऊपर करके धीरे धीरे स्तनों को चूसना और चाटना चालू किया.
वह आह आह की आवाज निकालने लगी.
मेरा भी लंड तन चुका था.

मैंने उसकी नाभि को चाटकर गीला कर दिया और नीचे की ओर जाने लगा.
उसकी पैंटी को नीचे कर उसकी चूत को देख कर मैं बेकाबू हो गया और मैंने अपनी जीभ से उसकी दोनों पंखुड़ियों को अलग कर दिया.

वह मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैंने पूरा प्रयास करके उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर रसपान शुरू किया और उसे काम वासना के शिखर पर पहुंचा दिया.

इधर मेरी कामवासना भी तूफान की तरह उछल पड़ी थी तो मैंने मेरी दिशा बदली और मेरा लंड उसके मुँह में डाल दिया.

फिर मैं 69 की पोजीशन में आ गया. उसके लिए ये चीज नई थी, लेकिन उसे मजा भी आ रहा था.

मैंने पूरा लंड उसके मुँह में डाला और मेरी जीभ जितनी अन्दर जा सकी, उतनी पेल कर अच्छी तरह से उसकी चूत को चाटा.
बड़ी देर बाद जब हम दोनों झड़ गए तो थोड़ी देर के लिए एक दूसरे से लिपटकर वैसे ही पड़े रहे.

अचानक से सोनल ने फिर से लंड चूसना चालू कर दिया और मेरा लंड भी तुरंत खड़ा हो गया.
इस बार बारी चूत चुदाई की थी.

मैंने सोनल की चूत पर अपना लंड सैट करके जोर से झटका लगाया.
इस बार मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया.

कल जैसे खून आया था, आज उतना खून नहीं आया.
सोनल को भी सेक्स की लत लग चुकी थी और वह उछल उछल कर मेरा लंड ले रही थी.

दोनों टांगों को ऊपर उठाकर मैंने पूरी ताकत के साथ लंड अन्दर डाल दिया.
सोनल की चीख निकल गई लेकिन अभी मैं रुकने के मूड में नहीं था.

दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ने पोजीशन बदली.

मैंने उसे कुतिया की तरह खड़ा करके चोदना शुरू किया.
यह पोजीशन हम दोनों को पसंद आई.
धकाधक पेलापेली से थक कर हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

बड़ी देर तक Xxx साली जीजा सेक्स यानि चुदाई चलती रही लेकिन न वह झड़ रही थी और न मैं!
फिर मैंने उसे पुनः दीवार से सटाकर चोदना शुरू किया.

शरीर की पूरी ताकत जुटा कर मैंने जोर जोर से उसे चोदना चालू कर दिया था.

अब वह भी थक चुकी थी तो उसने मुझसे कहा- मुझे लंड के रस को पीना है.
उसे मेरा माल टेस्टी लगा था.

मैंने उसे नीचे बिठाकर उसके मुँह में लंड दे दिया.

थोड़ी देर के झटकों के बाद उसने मेरा सारा माल पी लिया व लंड को चाट कर साफ भी कर दिया.

हम दोनों बहुत खुश थे.
तीन बार चुदाई करने के बाद देर रात को हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर जाकर सो गए.

उस दिन से आज तक मैंने कभी भी सेक्स की कमी को महसूस नहीं किया.
कभी पत्नी के साथ तो कभी साली के साथ चुदाई के पूरे मजे किए.

आपको मेरा ये प्रयास कैसा लगा, मेल करके जरूर बताएं.
Xxx साली जीजा सेक्स कहानी पर अपनी विचार कमेंट्स और मेल में लिखिए.

लेखक : मुन्ना Sex Stories

यह बात हैं कुछ 12-14 साल Sex Stories पुरानी, तब मैं 19 साल का एक हट्टा- कट्टा नौजवान था।

मैं मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव “सिवामुलिक” में रहता था। हमारे गाँव में हर साल सावन में मेला लगता था और हम सारे दोस्त उस मेले में जाते थे, बहुत मज़े करते थे। मेला काफी प्रसिद्ध था इसलिए आस-पड़ोस के 5-7 गाँव के भी लोग वहाँ आते थे।

मैंने तब तक किसी भी लड़की को चोदा तो क्या नंगा भी नहीं देखा था। मगर हाँ, मेरे दोस्तों ने मुझे किताबों में लड़कियों की नंगी तस्वीरें दिखाई थी। उसमें अनगिनत लड़कियों की तस्वीरें थी, अलग अलग पोज़ेज़ में ! कहीं एक लड़की दो-दो लड़कों के साथ चुदवा रही थी, तो कहीं तीन लड़कियाँ एक लड़के के लौड़े के लिए लड़ रही थी, सभी कुछ सपना सा लगता था और मैं उन्हें देख कर मुठिया मारा करता था।

खैर, उस मेले में जाने का मुख्य तात्पर्य चोदना था, हम हर बार इसी उद्देश्य से वहाँ जाते थे, इस बार भी हम गए।

इस बार का मेला कुछ अलग ही था, इस बार बहुत सी नई दुकानें थी, झूले थे और काफी सुन्दर लड़कियाँ !

एक लड़की मुझे भी भा गई और मैं उसका पीछा करने लगा। वो जहाँ जाती, मैं वहाँ चला जाता, कभी गुबारा लेने तो कभी चूड़ियाँ लेने !

मेरे मामा की भी वहाँ एक चूड़ियों की दूकान थी, वो वहाँ जा पहुंची और भी वहाँ उसके पीछे पीछे मैं भी चला गया।

मुझे आता देख मामा जी ने कहा,” मुन्ना, अच्छा हुआ तू आ गया, आधे घण्टे के लिए दूकान संभाल ! मुझे ज़रा कुछ काम है !

मौका पाकर मैं वहाँ बैठ गया और उसे चूड़ियाँ दिखाने लगा।

उसके गोरे-गोरे हाथ अपने हाथों में लेकर उनमें चूड़ियाँ पिरोने लगा। कभी कोई टाइट चूड़ी से उसे दर्द होता तो वो अपना दर्द अपने होटों को काट कर दर्शाती। यह सब देख-महसूस कर के मेरा तो लौड़ा ही खड़ा हो गया।

मैंने कहा,” आपके हाथ काफी कोमल हैं, मानो रेशम के बने हों !”

और वो शरमा गई। मुझे लगा कि उसे भी मैं अच्छा लगता हूँ।

धीरे धीरे मैं उसका हाथ अपने लौड़े के पास लाते गया, शायद उसने यह महसूस कर लिया और मुझसे कहा,” क्या आप मुझे घर तक छोड़ सकते हैं, रात काफी हो गई है और मेरी सहेलियाँ भी नहीं दिख रही !”

मैं फट से तैयार हो गया, मामाजी आये तो उनसे सायकिल ली और चल पड़ा उसके साथ।

रास्ते में उससे उसका नाम पूछा।

“रति” उसने जवाब दिया।

काफी देर चलने के बाद हम एक सुनसान जगह पर पहुँचे, मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे पास के खेत में ले गया।

उसके होठों को अपने हाथ से छुआ, उन पर शबाब की बूंदें मानो शहद लग रही थी, मैंने हलके से उसके होठों पर अपने होठ रखे और अपनी जबान को उसके मुँह के अन्दर फ़िलाने लगा। उसके हाथ भी मेरे शरीर पर घूमने लगे, कभी वो मेरी गर्दन को चूमती तो कभी मेरे कान को अपनी जुबान से सहलाती।

मेरे अंग-अंग में रोमांच भर गया, मैंने उसकी चोली निकाली तो उसके स्तन बाहर छलक पड़े, उनका आकार बहुत बड़ा था, मेरे हाथ से भी बड़ा !

मैंने एक को मुँह में लिया और चाटने लगा, उसके चुचूक खड़े हो गए। मैं अपनी जुबान से उसके चुचूक के इर्द गिर्द गोला बनाने लगा, उससे उसको बहुत अच्छा लगा “आ…आया…ऊऊओह्ह्ह्ह” की आवाज़ से मेरे लौड़ा पैन्ट फाड़ने को तैयार हो गया।

मैंने उसे नीचे लिटाया, उसका घगरा निकला और फिर उसकी चड्डी। उसकी गोरी गोरी टांगें देखकर तो मेरे मुँह में पानी आने लगा। मैंने जल्दी से अपनी पैन्ट और चड्डी निकली और उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत में मेरी जुबान अन्दर तक जा रही थी। वो अपना आनंद ” और ….और जोर से …..आह…” की आवाज़ से जता रही थी।

फिर वो हट गई और मुझे लिटा दिया, वो मेरी टांगों की बीच बैठ गई और मेरे खड़े लौड़े को देखने लगी।

” बाप रे ९ इंच ! बहुत बड़ा हैं यह तो ! क्या मेरी चूत में जा पायेगा?”

मैं भी सोच में पड़ गया। मगर उसने मुझे सोचने का वक़्त नहीं दिया, और फट से मेरे लण्ड को अपने गरम होठों के बीच ले लिया, अपने सिर को ऊपर-नीचे करने लगी, लौड़े के सर पर जुबान से गोले बनाने लगी। ख़ुशी के मारे मैं चिल्लाने लगा,” हाँ, हाँ और जोर से…..और जोर से……रति…….रांड और अन्दर ले …”

इतने में मेरा चीक(वीर्य) निकल गया, वो हँस पड़ी, उसने मेरा पूरा चीक खा लिया।

मेरा लौड़ा छोटा हो गया। वो उसे हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी, मेरी छाती को चूमने लगी, मेरे चुचूकों को चाटने लगी। वो फिर मेरी गोटियों को अपने मुँह में लेकर खेलने लगी। थोड़ी देर में मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।

“चल अब डाल दे !” रति बोली।

मैंने कहा,” मैंने कभी किया नहीं, क्या आप मुझे बताएंगी कि कहाँ डालना है !”

उसने मेरे खड़े लौड़े को अपने हाथ में लिया और अपनी चूत के दरवाज़े पर रख दिया।

“चल अब डाल !” वोह बोली।

और मैंने डाल दिया, थोड़ा सा दर्द हुआ मुझे, पहली बार था ना !

“अब अन्दर-बाहर कर अपने लौड़े को, फिर देख क्या मजा आता है !”

मैं वैसा ही करने लगा, उसके स्तनों को काटने लगा, उसके होठों को चूमने लगा, उसके उभार लाल लाल हो गए थे, उनमें मेरे हाथों के निशाँ भी पड़ गए थे। मैंने अपने धक्कों को गति बढ़ा दी।

” डालो और जोर से डालो, मेरी चूत कब से एक लौड़े के लिए प्यासी थी…. रणजीत… अपने हाथों से मेरी गांड भी दबाओ… !”

मैंने फिर उसके पैर अपने कंधे पर रख लिए और फिर से धक्के देना चालू किया, उसे पैरों को काटता तो कभी चूमता !

मेरे धक्कों के उसके स्तन यूं झूलते मानो आंधी में लालटेन !

” रणजीत, अपने लौड़े की वर्षा से एक बार फिर मेरे चेहरे को नहला दो, जोर से डालो अन्दर……आअह्ह…..ऊऊऊउऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह……मेरे राजा…..बड़ी तेज़ हैं तेरी गाड़ी…….फाड़ डाल मेरी चूत को………आ …और और और…..हाँ हाय हाँ हाँ हाँ…” वो बड़ी ही रोमांचित थी और मैं भी !

मैं फिर से निकलने वाला था, मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसके मुँह की तरफ रख कर हिलाने लगा … एक-दो बार हिलाने के बाद मेरा पूरा चीक निकल गया,”ओह , आ आ….ले…पूरा ले मुँह में रांड……ले ले मेरे लौड़े को !” मैं बोला।

उसके बाद हमने कपड़े पहने और फिर उसे उसके घर छोड़ दिया।

इस घटना के बाद मैंने कई बार कोशिश की उससे मिलने की, मगर वो कहीं नहीं मिली………

आप बताइए, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? Sex Stories

TOTTAA’s Disclaimer & User Responsibility Statement

The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first. 

We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.

 

👆 सेक्सी कहानियां 👆