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हाय दोस्तो, मेरा नाम उमेश है, मैं हैदराबाद Antarvasna में रहता हूँ, मैं अन्तरवासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. अभी मेरी उमर 37 साल है.
आज मैं आपको मेरी जिंदगी की मजेदार दास्ताँ बताना चाहता हूँ. यह करीब 10 बरस पहले की सच्ची कहानी है.
मैं अपने भाई बहनों में सबसे छोटा हूँ. उस समय मेरी भतीजी कोमल जिसकी उम्र उस वक्त करीब 18 साल होगी, उसका कद करीब 5 फुट 4 इंच है, बचपन से मैं उसे गोद में खिलाता आ रहा था, वो बचपन से रात को वो ज्यादातर मेरे साथ ही खेलते खेलते चिपक कर सो जाती थी, उस वक्त तो मुझे कुछ खास महसूस नहीं होता था. लेकिन जब उसके बूब्स करीब संतरे के आकार के हो गए तो रात को जब वो चिपक के सोती तो मेरी हालत ख़राब हो जाती.
हालाँकि तब तक मैं कई लड़कियों को चोद चुका था, तथा कइयों की तो सील भी मैंने ही तोड़ी थी, क्योंकि हमारा बिजनेस ही ऐसा था, हमारा रेडीमेड कपड़े बनाने का कारखाना है और हमारे यहाँ मशीनो पर सिर्फ़ लड़कियाँ ही काम करती हैं, हम ज्यादातर कुंवारी लड़कियों को ही काम पर रखते हैं, क्योकि एक तो कम पगार पर मिल जाती थी तथा दूसरे शादी होने पर अपने आप साल दो साल में काम छोड़ कर चली जाती थी. ज्यादातर हमारे यहाँ 18-20 साल की लड़कियाँ काम करती थी.
खैर ये कहानियाँ मैं आपको बाद मैं लिखूंगा, तो मैं बता रहा था कि रात को जब मेरी भतीजी मुझे चिपक के सोती तो उसके बूब्स मेरे सीने में दब जाते थे, उसे इस बारे में पता था या नहीं लेकिन इस हरकत से मेरा 7″ लंबा हथियार खड़ा हो जाता और मुझे डर रहता कि कहीं उसका हाथ या पैर मेरे लंड को छू न जाए.
एक रात को जब उसे नींद आ चुकी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके एक बूब्स पर रख दिया उसके बूब्स कमाल के सख्त थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिय. थोड़ी देर बाद मैंने उसकी नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और शमीज के ऊपर से उसके बूब्स को काफी देर तक दबाता रहा, उसने कोई हरकत नहीं की. इससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं हुई आख़िर मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया.
दूसरे दिन रात को फ़िर में उसके सोने का इंतजार करने लगा कि अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख लिया और नींद में होने का नाटक किए हुए सोती रही. मुझे समझ में आ गया कि कल रात को उसे सब कुछ मालूम हो चुका था, फ़िर क्या था मैंने उसके नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और देख कर हैरान रह गया कि आज उसने अन्दर शमीज ही नहीं पहनी थी. मेरे हाथ सीधे उसके अनछुए बूब्स पर थे, उसके छोटे छोटे पिंक कलर के निप्पल देख कर मेरे तो होश उड़ गए. उस रात मैंने उसके बूब्स को खूब मसला और मुँह में लेकर चूसा भी लेकिन वो सोती रही.
मैंने धीरे से उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे लगा जैसे फूली हुई गद्दी पर हाथ रखा हो, मैंने धीरे से उसके पजामे के अन्दर हाथ डालने की कोशिश की तो वो दूसरी तरफ़ करवट बदल कर ओढ़ कर सो गई, आख़िर उस दिन भी मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया.
अगले दिन से उसका व्यव्हार मेरे साथ कुछ बदल सा गया और वो बार-बार चाचू-चाचू कहकर मेरे साथ चिपकने लगी, मैं समझ गया कि अब इसको चोदने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लेकिन मौका हाथ नहीं लग रहा था क्योंकि उसी कमरे में मेरे पिताजी भी सोते थे, इसलिए केवल बूब्स दबाकर तथा चूत ऊपर से दबाकर ही संतोष करना पड़ता था, अब तक हम खुल गए थे लेकिन हर बार वो इससे आगे बढ़ने के लिए मना कर देती.
आख़िर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया, भइया व भाभी शादी में मुंबई गए थे, पिताजी कारखाने में चले गए, घर पर सिर्फ़ मैं और कोमल ही थे. सुबह 10 बजे का वक्त होगा, पिताजी के जाने के बाद जब वो नहाने जा रही थी तो मैंने उसे पकड़ लिया और चूमने लगा. तो वो बोली चाचू मुझे छोड़ो! मुझे नहाना है! मैंने कहा चलो आज साथ नहाते हैं, तो वो शरमा गई, क्योंकि आज तक हमने रात में ही सब कुछ किया था. मैं उसके साथ बाथरूम में घुस गया और उसके कपड़े उतारने लगा. वो न ना करती रही लेकिन मैंने उसकी पेंटी छोड़ कर सब कपड़े उतार दिए और अपने भी अंडरवियर छोड़कर सब कपड़े उतार दिए.
वो शरमा रही थी लेकिन मैंने उसकी एक चूची एक हाथ में तथा दूसरी मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा.
मैंने जैसे ही उसकी पेंटी को हाथ लगाया, उसने कहा- चाचू, ये सब नहीं!
लेकिन मैं जानता था कि आज मौका है, जो करना है आज ही कर लेना है!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!
और जबरन उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत पर नरम नरम रोयें जैसे छोटे छोटे बाल आना शुरू ही हुए थे, मैंने देखा उसकी फूली हुई चूत पूरी तरह गीली हो रही थी. मैंने उसकी पेंटी उतार दी तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत को देखा और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे सर को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया.
मैंने उसे कहा- चलो अन्दर बेडरूम में चलते हैं.
वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसे उठाया और अन्दर कमरे में बिस्तर पर ले आया. उसने आँखे बंद कर रखी थी, मैंने अपना अंडरवियर उतारा और उसकी बगल में लेट गया. धीरे धीरे उसकी चूत सहलाते हुए मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया, उसने उसे पकड़ लिया लेकिन कुछ कर नहीं रही थी. मैंने उसे लंड मुंह में लेने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.
मैंने फ़िर उसकी चूत चाटते हुए एक अंगुली उसकी चूत में डाल दी. उसने धीरे से उफ़ किया लेकिन कुछ बोली नहीं, मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा, धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा. फ़िर मैंने उठ कर अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसके पैरों को चौड़ा करके बीच में बैठ गया. वो आँखे बंद करके पड़ी रही. मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया ही था कि वो बोली- चाचू दर्द हो रहा है.
जबकि लंड तो अभी पूरा बाहर ही था.
खैर मैंने थोड़ी देर उसके बूब्स दबाये और फ़िर थोड़ा जोर लगाया वो फ़िर बोलने लगी- दर्द होता है.
उसकी चूत इतनी टाईट थी कि लंड का टोपा भी अन्दर नहीं घुस रहा था, मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे बातों में लगाया तथा उसे कहा कि वो जोर से मुझे बाँहों में भर ले. जैसे ही उसने मुझे बाँहों में लिया, मैंने पूरी ताकत से शोट मारा उसके मुँह से चीख निकल गई मेरा आधा लंड मेरी भतीजी की कुंवारी चूत में घुस चुका था, वो नीचे छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसे जकड़ रखा था, वो रोने लगी और कहने लगी चाचू आप बहुत गंदे हो, आगे से मैं आपके पास कभी नहीं आऊँगी. मैंने अपना लंड और आगे नहीं दबाया और उतने ही लंड से उसको चोदता रहा.
धीरे धीरे उसे भी अच्छा लगने लगा, उसकी बाहें फ़िर मेरी पीठ पर कस गई, जैसे ही उसने अपनी पकड़ टाईट की, मैंने एक जोरदार शोट पूरा लंड बाहर निकाल कर लगा दिया. उसके मुँह से हिचकी सी निकली और वो फ़िर रोने लगी लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था. मैं उसको पूरी ताकत से चोदे जा रहा था. करीब 10 मिनट बाद उसने मुझे फ़िर बाँहों में भर लिया और अपनी टांगे और चौड़ी कर ली.
अचानक उसकी चूत मेरे लंड को भींचने लगी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपक गई. मैं भी आने वाला था, मैंने झटके से अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना सारा माल उड़ेल दिया. मेरा लंड बुरी तरह दर्द कर रहा था तथा खून से लाल हो रहा था. 5 मिनट तक हम वैसे ही बेड पर पड़े रहे. जब उठने लगे तो कोमल उठ नहीं पा रही थी.
जब हमने बेड की तरफ़ देखा तो हमारे होश उड़ गए पूरी बेडशीट लाल हो चुकी थी, यह देख कोमल घबरा गई और फ़िर रोने लगी, मैंने उसे समझाया और चद्दर बदली, मैंने उसकी चूत पर नहाने के बाद रुई लगाई उससे चला नहीं जा रहा था, मैंने उसे पेनकिलर गोली दी, शाम तक काफी आराम हो गया, उसके बाद 4 दिन तक उसने मुझे हाथ भी नहीं लगाने दिया, लेकिन पांचवे दिन के बाद हमारा खेल फ़िर शुरू हो गया जो करीब 7 साल तक उसकी शादी तक चला.
इसके अलावा मैंने काफी लड़कियों की सील तोड़ी है जिसकी कहानी अगली बार! Antarvasna
प्यारे दोस्तो, मैं राहुल कोटा Antarvasna से एक बार फिर से आया हूँ एक मजेदार सच्ची कहानी लेकर। आशा है कि कोटा की सभी लड़कियों को पसंद आएगी ! तो इसी आशा के साथ मैं अपनी सच्ची कहानी शुरू करता हूँ।
यह घटना है पिंकी की जिसका एक और नाम पूजा भी है। पूजा हमारी ही जाति की है। आज से करीब चार साल पहले उसकी शादी हो चुकी है और अभी उसके दो बच्चे भी हैं। देखने में थोडी सांवली है पर नाक नक्श तो ऐसे तराशे हुए है जैसे पूरे जिस्म को सोच समझकर बनाया गया हो।
उसकी शादी से पहले मेरी और उसके रिश्ते की बात चली थी पर हम दोनों की कुंडली नहीं मिल पाने के कारण हमारी शादी नहीं हो पाई थी। उसकी शादी के बाद हम दोनों का बात करना और मिलना सब बंद हो गया था।
अभी लगभग पंद्रह दिन पहले की बात है, हमारे समाज में एक शादी थी, वो भी हमारे घर से कुछ ही दूरी पर। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ, शाम को छ: बजे मैं घर पर आया तो मेरी मम्मी ने कहा कि मैं उनको शादी में छोड़ आऊं।
मम्मी को शादी में छोड़कर मैं सीधा घर पर आ गया। इस समय मेरे सिवा घर पर कोई भी नहीं था। मैं टीवी देखने लग गया। कुछ देर बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने पूजा और मेरे मामा का लड़का खड़ा था। मैं उसको देखकर चौंक गया कि यह कैसे आ गई।
मैंने उनको बिठाया और पानी पिलाया। उसने मुझसे कहा कि उस शादी में वो भी आई है। उसने मम्मी से मेरे बारे में पूछा होगा तो मम्मी ने बताया कि वो घर पर ही है, और वो मुझसे मिलने घर पर आ गई। वो केवल पांच मिनट ही बैठी और जाने लगी। वो बाहर निकली ही थी कि वापस अन्दर आई और मुझसे मेरे मोबाइल नंबर देने को कहा तो मैंने दे दिया। तब उसने मुझे कॉल करने को कहा। उस दिन की वो बात ख़त्म हो गई।
दो तीन दिन बाद मेरे मोबाइल पर किसी नंबर से मिस कॉल आया। मैंने दुबारा उसी नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि वो नंबर पूजा का है। बस उस दिन से हमारे बीच बातचीत फिर से शुरू हो गई। उस दिन से मेरे अन्दर का सेक्स भी उसके लिए जाग गया था।
कुछ दिन बाद उसका जन्मदिन था तो मैंने उसे कॉल करके विश किया और उससे पूछा कि बताइए आपको क्या चाहिए।
तो उसने कहा- जो आपका दिल हो दे देना !
तो मैंने कह दिया- फिर जो भी मैं देना चाहूँ, वो आपको लेना पड़ेगा !
तो उसने हाँ बोल दिया।
मैंने कहा- फिर मैं कब आ सकता हूँ आपके यहाँ?
पूजा ने कहा- सुबह आठ से लेकर शाम को सात बजे तक कोई भी नहीं होता है घर पर ! तो आप इस बीच किसी भी समय पर आ जाना। उसके इस तरह से कहने का मतलब शायद मैं समझ चुका था इसलिए एक दिन शनिवार को मैं घर से दस बजे निकलकर उसके घर पर चला गया।
उसने मुझे बिठाया और चाय पिलाई। वो थोड़े गरीब लोग थे और घर में छोटे छोटे केवल दो ही कमरे थे। एक कमरे में उसके बच्चे सोये हुए थे। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि मुझे दूसरा कमरा भी देखना है तो वो मेरे साथ दूसरे कमरे में आ गई। वहाँ पर लाइट नहीं थी इसलिए अँधेरा था। उसने आगे होकर मुझसे पूछ लिया कि बताओ आप क्या देना चाहते थे मुझे !
तो मैंने बिना शर्म किये सीधे बोल दिया- मैं तुमको किस करना चाहता हूँ और मैं तुमको बहुत पसंद भी करता हूँ !
पहले तो उसने मना किया और जाने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। उसने दूर होने की कोशिश नहीं की। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी। तब मुझे लगा कि वो भी यही चाहती है। मैं उसे करीब दस मिनट तक किस करता रहा।
उसने साड़ी पहन रखी थी पर मैंने पहले उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा को भी उतार दिया। इसका उसने थोड़ा विरोध तो किया पर उसमें उसकी मर्जी भी शामिल थी। फिर मौका देखकर मैंने अपनी जींस खुद ही उतार दी और अंडरवियर भी। बहुत देर तक मैं उसके स्तनों को चूसता रहा। सही में दोस्तो, इतना दूध भरा था उनमें कि मैं तो मस्त हो गया। फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया।
मैंने कहा- लंड तो तुमको चूसना ही पड़ेगा !
उसने मुझे कहा कि लंड तो उसने आज तक उसके पति का भी नहीं चूसा। तो मैंने कहा कि मैं तुम्हारा पति नहीं हूँ ! लंड तो तुमको मुंह में लेना ही पड़ेगा !
बहुत देर के बाद वो केवल कुछ सेकंड के लिए मेरे लंड को मुंह में लेने को तैयार हुई। मैंने उसको अपने पैरों पर बिठाया और लंड को उसके होंठों से लगा दिया। जैसे ही उसने लंड को मुंह में लिया, मैंने पीछे से उसके सर को पकड़कर आगे के तरफ धक्का दिया जिससे पूरा लंड उसके मुंह में चला गया और लंड को कस कर उसके मुंह में डालकर रखा। उसने दूर हटने की बहुत कोशिश की पर मैंने उसके सर को कसकर पकड़ रखा था और उसके मुंह को चोद रहा था।
मैं करीब दस मिनट तक उसके मुंह को चोदता रहा और उसके मुंह में ही झड़ गया। मैंने उसका सर अभी भी अपने लंड से अलग नहीं होने दिया। इस कारण से उसको मेरा सारा वीर्य पीना पड़ा। उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे। फिर मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद जब मैं फिर से सेक्स के लिए तैयार हो चुका था तो मैंने उसे जमीन पर पटक कर चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उसको उसकी साड़ी से आजाद कर दिया और पेंटी भी उतार दी।
पहले तो मैंने उससे ऐसे ही पूछा- नीचे तो डाल सकता हूँ न लंड को?
तो उसने तपाक से जवाब दिया कि उन्होंने (उसके पति ने) पहले ही इसको चौड़ा कर रखा है, अगर तुम डाल भी लोगे तो क्या हो जाएगा ! अब डाल भी दो, बहुत बेचैनी हो रही है।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक धक्का मारा तो वो सीधा चूत की गहराइयों में चला गया। सच में लंड के अन्दर जाने का तो मुझे एहसास ही नहीं हुआ। तब मुझे पता लगा कि साला उसका पति उसे कितना चोदता होगा। पर मुझे क्या ! मुझे तो केवल हल्का होना था। मैंने उसकी चूत में लंड के धक्के मारना शुरू कर दिया. करीब आधे घंटे तक मैं उसे चोदता रहा। फिर लंड को निकाल कर उसके वक्ष के बीच की दरार में रगड़ने लगा। दोस्तो, इसका भी एक अलग ही आनंद है। और फिर कुछ देर बाद मैंने अपना वीर्य उसके वक्ष पर छोड़ दिया। इस सारे प्रोग्राम के बाद वो कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी, पर जाने क्यूँ मुझे अच्छा नहीं लगा और वहां केवल पांच मिनट रुक कर वापस घर आ गया।
अब वो मुझे रोज कॉल करती है, पर मैं सोचता हूँ कि हमारे बीच जो भी हुआ वो हम दोनों की गलती थी। पर मैं अब क्यूँ उसकी शादीशुदा जिन्दगी को बर्बाद करूँ। इसलिए मैं उसका फ़ोन रिसीव नहीं करता हूँ। हांलांकि मेरे ऑफिस और उसके घर के बीच में ज्यादा से ज्यादा दो किलोमीटर की दूरी होगी पर फिर भी मैं वहां नही जाना चाहता हूँ।
कई बार वो मुझे मैसेज भी करती है कि वो मुझसे लाइफ टाइम सेक्स चाहती है पर वो मेरी ही जाति की होने के कारण मुझे डर सा लगता है। इससे पहले मैं नहीं जानता था कि किसी लड़की में सेक्स को लेकर इतना क्रेज भी होता है।
तो दोस्तो, यह थी मेरी और पूजा की कहानी। इस कहानी में जैसा कि सब बताते है कि चोदते वक़्त लड़की के मुंह से जोर जोर से सिसकारियां निकलती रही, मैंने ऐसा कुछ नहीं बताया है। क्यूंकि उस समय ऐसा कुछ हुआ ही नहीं ! हाँ थोड़ा उसको दर्द जरुर हो रहा था पर इतना नहीं कि वो चिल्लाती रहे। मैंने उसको न तो घोड़ी बनाकर चोदा और ना ही कुतिया बनाकर !
ये कह सकते है कि वो केवल एक सधारण सेक्स था।
आपके संदेशों के इन्तजार में आतुर ! Antarvasna
वैसे तो मेरा नाम ही संजू है Antarvasna गुजरात की औरतों की चूत में हलचल पैदा करने के लिये वैसे आप सभी दोस्त मुझे जानते ही हो।
एक दिन एक मेल आया और मुझसे कहा- कोन्टक्ट मी।
तो मैंने जवाब दिया और ऑनलाइन टाइम दिया।
दोस्तो, आप यकीन नहीं करोगे, उसने मेरे रिप्लाई के लिये 6 घंटे ऑनलाइन वेट किया था, उसने बाद में बताया था।
और मैं उसे मेल करके अपना पीसी बंद ही कर रहा था कि उसका रिप्लाई मेल ओन थिस स्पॉट आया और उसी वक्त हम ओन-लाइन मिले, मैंने उससे पूछा तुम कोन हो?
उसने बताया- मैं 24 साल की विवाहित औरत हूँ और आपकी कहानी मुझे बहुत पसंद आई।
मैंने पूछा- मैंने तो बहुत कहानियाँ लिखी हैं, आपको कौन सी पसंद आई?
उसने कहा- वो सुहागरात वाली।
मैंने उसे कहा- बोलिये, मैं आप के लिये क्या कर सकता हूँ?
उसने कहा- आप जानते ही हो।
मैंने कहा- सॉरी, मुझे नहीं पता कि तुम क्या कहना चाहती हो?
उसने कहा- मुझे बताने में शर्म आती है।
मैंने कहा- आपके और मेरे बीच जो बात होगी वो किसी तीसरे को पता नहीं चलेगी।
उसने कहा- आई वांट टू मीट यू एंड एन्जॉय विद यू !
मैंने कहा- आपका मतलब क्या है?
उसने कहा- तुम बड़े फ़ास्ट हो… ओ के… मैं तुम्हारे साथ सेक्स एन्जोय करना चाहती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है, बताओ कब, कहाँ मिलना है?
उसने कहा- मुझे नहीं पता, तुम ही बताओ।
मैंने कहा- बताओ तुम्हारा नाम क्या है और कहाँ रहती हो?
उसने कहा- मेरा नाम पायल है और मैं गुजरात में रहती हूँ।
आप समझ ही गये होंगे कि यह नाम बदला हुआ है।
मैंने कहा- आपके घर में कौन कौन है?
उसने कहा- मैं और मेरे पति।
मैंने कहा- तो क्या प्रोब्लम है? तुम्हारे घर पर ही मिलते हैं।
उसने कहा- नहीं, मुझे बहुत डर लगता है, किसी होटल में मिलें?
मैंने कहा- देखो, होटल से घर ज्यादा सेफ़ रहता है।
कुछ देर बाद उसने कहा- ओ के ! मेरे पति अगले मंगलवार को बिजनेस के काम से बाहर जाने वाले हैं। तुम मुझे अपना फ़ोन नम्बर दे दो, मैं तुम्हें काल करुंगी। मैंने कहा- ठीक है।
मंगलवार को उसने मुझे फोन किया उसकी आवाज़ बहुत ही सेक्सी थी उसके बात करने का अंदाज भी संजू सेक्सी था;
उसने कहा- मेरे हबी 12 बजे बाहर जाने वाले हैं, तुम एक बजे आ जाओ !
और अपना पता दिया।
मैं ठीक उसके दिये हुये टाइम पर उसके घर पर पहुंचा और डोरबेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला।
मैं तो उसे देखता ही रह गया क्या लुक था उसका 5’6′ हाईट, गोरा रंग और सेक्स बम दिख रही थी।
मैं तो उसे देखता ही रह गया।
उसने पूछा- क्या है?
‘पायल?’
उसने हाँ में सर हिलाया, मैंने कहा- मैं सुनील हूँ।
तो उसने मुझे वेलकम किया और हम अंदर गये और उसने दरवाजा बंद कर दिया।
उसका फ़्लैट संजू शानदार था। उसने मुझे बैठने को कहा और वो पानी लेने किचन में चली गई।
उसने साड़ी नाभि के नीचे से बांध रखी थी और जब वो चल रही थी तो उसकी बैक साइड बैकलेस ब्लाउज़ होने की वजह से क्या कयामत ढा रही थी्।
वो पानी लेकर आई और पूछा- घर ढूंढने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
मैंने कहा- डियर, मैं इसी शहर में रहता हूँ, क्या परेशानी होती।
फिर उसने कहा- वेल, क्या पियोगे चाय, कोफ़ी या कुछ कोल्डड्रिंक्स?
मैंने कहा- डियर, आज मैं तुमको पीने के मूड में हूँ।
तो उसने एक मीठी सी मुस्कान के साथ अपनी आँखें बंद की और अपने होंठ आगे किये और कहा- लो डियर, पी लो, संजू गर्म हैं।
मैंने कहा- श्योर !
और हम फ़्रेंच किस करने लगे, मैं एक हाथ से उसके बालों, गर्दन और कमर को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहलाने लगा।
और हमारे लब और जीभ एक दूसरे में समा गये।
15 मिनट किस करने के बाद उसने कहा- सुनील, यहाँ नहीं, बेडरूम में चलो।
मैंने कहा- चलो जान !
वो मुझे बेडरूम में ले गई, वो आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे !
बेडरूम में जाकर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर अपने से जकड़ लिया और उसके उरोज दबाने लगा और उसकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन करने लगा।
धीरे से उसके कान पर लव बाइट किया तो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई।
मैं उसकी पीठ और हिप्स को सहलाता रहा और वो मुझे कसके पकड़े खड़ी रही।
फिर मैंने उसका चेहरा जो मेरे सीने में उसने छुपा लिये थे वो ऊपर किया और हम किस करने लगे।
मैंने उसके बूब्स सहलाते सहलाते उसकी साड़ी उतार दी और ब्लाउज़ के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा।
वो आआअह्हह्ह आआअह्ह करने लगी।
फिर मैंने एक हाथ उसके पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत पर रखा तो वो पहले से ही गीली हो गई थी, मैंने चूत को थोड़ा सहलाया फिर उसके ब्लाउज़ और पेटीकोट को उतार दिया और वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। खुले रेशमी बाल ऐसा लगता था कि कोई मार्बल का स्टेच्यु हो वो किसी फिल्म में।
पायल को मैंने उसे सर से लेकर पांव तक उसके बदन के हर एक अंग को चूमा वो मेरे हर एक किस पर सिसकती जाती थी।फिर वो बोली- मुझे और मत तड़पाओ डियर… अब मुझसे सब्र नहीं होता।
उसने मेरे सारे कपड़े फ़टाफ़ट निकाल दिये और मेरी बदन को अपने हाथों से सहला के मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगी और नीचे घुटनों के बल बैठ के मेरे लौड़े को मुंह में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था दोस्तो, पूरी बोतल का नशा छा रहा था, मैं मदहोश हुआ जा रहा था, क्या बताऊं क्या हालत हुई थी मेरी उसके लंड चूसने से।
फिर मैंने उसे उठाया और हम बेड पे गये।
मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी और उसको लिटा कर उसे किस किया फिर उसके बूब्स क्या कयामत थे, उन्हें दबाया और उसकी निप्पल को चूसा।
जब मैं उसकी निप्पल पे अपनी जीभ घुमाता था तब वो आअह्हह स्सस्सहुसूऊऊओ और दबवूऊऊओ आआअ मज़ा आआअ रह्हह्हह आआअहे डियर !
सच कहूँ दोस्तो वो इतनी गोरी थी कि जब मैंने उसके चूचे दबाये तो वो एकदम लाल हो गये।
फिर थोड़ा नीचे होकर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी।
फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसके दोनो पैरों को खोल कर उसकी चूत पर मैंने अपने होंठ रखे और किस किया।
वो बोली- कितना तड़पा रहे हो सुनील, प्लीज़ जल्दी से खा जाओ इसे !
मैं उसकी क्लीन शेव चूत को बड़े मज़े लेकर चाटने लगा। मेरी जीभ से ही वो दो बार झड़ गई, उसकी आवाजें सुन कर तो मुझे ऐसा लगा कि वो जिंदगी मैं पहली बार चुदवा रही हो, ऐसा रियेक्ट कर रही थी।
उसने कहा- तुमने तो मुझे चाट कर ही ढीला कर दिया।
मैंने कहा- मेरी जान, तुमने एंजोय ही तो करना था न, बोलो हुआ कि नहीं एंजोय?
उसने कहा- हाँ बहुत…
फिर मैं साइड में लेट गया और वो मेरे लंड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के उपर सवार हो गई।
क्या स्ट्रोक लगा रही थी वो।
दोस्तो जब वो मेरा लंड अपनी चूत में लिये आगे पीछे हो रही थी और आह्ह्हाअह कम ओन आह्ह्हाअह आआ अह आह कर रही थी, उसके बूब्स जो उछल रहे थे उसे देख कर मेरा सेक्स पावर और बढ़ गया वो मेरे सीने को सहलाते हुए स्ट्रोक कर रही थी और साथ साथ में किस भी कर रही थी और में उसके गोरे गोरे बूब्स भी दबा रहा था।
वो तो आह्ह्हाअह आह्ह्हाअह आआ अह आह कम ओन मी चोदो चोदो मुझे फ़क मी ! कर रही थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूँ।
वो ऐसे ही दो बार झड़ गई और बोली- बस अब और नहीं !
तो मैंने कहा- डियर, अभी तो तुम्हारा ही हुआ है, मेरा तो कुछ एंजोयमेंट करो !
तो वो साइड में लेट गई और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल लाल चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर में मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने कहा- आई एम कमिन्ग।
उसने कहा- डोंट वरी, अंदर ही डाल दो, मैं गोली ले चुकी हूँ।
और मैं उसे चोदते चोदते उसकी चूत में ही झड़ गया, मेरे माल से उसकी चूत चिकनी हो गई।
हम रिलेक्स होकर बेड पे लेट गये एक दूसरे को चिपक कर।
मैंने उससे पूछा- डियर, तुम क्या अपने पति से संतुष्ट नहीं हो क्या?
तो उसने कहा- मैं अपने पति से बहुत संतुष्ट हूँ।
तो मैंने पूछा- तो तुम मेरे साथ एंजोय करना क्यों चाहती थी?
उसने कहा- रोज एक ही तरीके के सेक्स से बोर हो गई थी, तो सोचा कुछ अलग करुं।
मैंने कहा- तो कैसा रहा?
बोली- आई एम वैरी हैपी!
तो मैंने कहा- जिसको जो चाहिये वो मिल ही जाता है।
तो बोली- लेकिन हम ये सब दोबारा नहीं करेंगे।
मैंने उसे कहा- डियर जो तुम्हारी मर्जी !
फिर हम बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुए और फिर मैं कपड़े पहन अपनी फ़ीस लेकर वापस चला आया और फिर हम एक दूसरे को भूल गये, न ही कभी उसने मुझे सम्पर्क किया न ही मैंने कभी। Antarvasna
मेरा नाम सुनील है, मेरी उम्र १८ साल Sex Stories है।मैं रामपुर का रहने वाला हूँ। मेरे पिताजी एक अध्यापक हैं जो कि दूसरे शहर में रहते हैं। मेरी माँ का नाम नेहा है और उसकी उम्र ३८ साल है परन्तु उसकी जवानी २२ साल की लड़की से कम नहीं है। चूँकि मेरे पिताजी महीने में एक बार आते हैं इसलिए मैं और मेरी माँ ही घर में रहते हैं।
एक रात जब मैं खाना खाकर सो रहा था परन्तु मुझे नींद नहीं आ रही थे, मैंने रात के एक बजे दरवाजे में हल्की सी दस्तक सुनी। मैंने माँ के कमरे की ओर देखा तो मेरी माँ चुपके से धीरे-२ दरवाजे पर गई और दरवाजा धीरे से खोला। रात के उन्धेरे में केवल जीरो पॉवर का बल्ब जल रहा था हाल में और गुलाबी रंग की मैक्सी में नेहा का आधा शरीर चमक रहा था।
दरवाजा खुलते ही नारायण ने अन्दर प्रवेश किया। नारायण की उम्र ३३ साल की होगी और वो हमारे मुहल्ले में बदमाश के नाम से जाना जाता था। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन मैं चुपचाप सब देखता रहा। अंदर आते ही नेहा ने दरवाजा बंद कर दिया था और इस बीच नारायण ने मेरे माँ की मस्त गाण्ड पर हाथ फेर दिया।
नारायण ने, जो कि नशे में था, अपनी जेब से दारू के एक बोतल निकाली और मेरी माँ ने हाल में ही रखे दो गिलास ले आई। दोनों दारू का रसपान करने लगे। बीच बीच में नारायण मेरी माँ के बड़े बड़े दूधों को दबा देता था और मेरी माँ को किस कर रहा था। नशे में तो वो बड़े प्यासी लग रही थी।
मैं चुपचाप सब देख रहा था।
पीने के बाद नारायण मेरी माँ को माँ के बेड-रूम में लेकर गया और मेरी माँ को बिस्तर में बैठा दिया और अपना पैंट की चेन खोलने लगा। इतने में नारायण का मोबाइल बजा और वो मेरे कमरे के पास आकर बात करने लगा। मेरी माँ बिस्तर पर नंगी बैठी अपनी बुर को सहला रही थी जैसे उसे लण्ड चाहिए।
नारायण फ़ोन पर कह रहा था- माल तैयार है, बस आ जाओ !
मेरी माँ ने नारायण से पूछा- किसका फ़ोन है?
उसने कहा- ऐसे ही दोस्त का ! और मेरे माँ के दूधों को दबाने लगा।
कुछ देर बाद दरवाजे में फिर दस्तक हुई। इस पर मेरी माँ ने नारायण की तरफ देखा, नारायण ने उससे बोला- मेरा दोस्त है शायद !
और दरवाजे की तरफ लपका। दरवाजा खुलते ही कल्लू भाई अन्दर आ गया, कालू भाई वहाँ का डॉन था, उसकी ऊंचाई ६’४” होगी और उसे अंदर आते हुए देख मेरी माँ ने कपड़े पहनना शुरू कर दिए। नारायण ने मेरी माँ को बोला- ये कालू भाई हैं ! ये सिर्फ़ आज ही के लिए आए हैं, तुम वही सब करो जो मेरे साथ करती हो।
मेरे माँ की तो जैसे दिल के मुराद पूरी हो गई हो- दो मर्द मिल गये थे उसे।
कालू भाई तो कहाँ रुकने वाले थे, वो झट से मेरे माँ को पकड़ कर उसका दूध दबाने लगा।
नारायण भी सब देख रहा था।
अब कल्लू भाई ने अपना लण्ड निकाल लिया और मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। लण्ड देख कर मेरी माँ नेहा मुस्कुरा रही थी। उसका लण्ड ९ इंच का होगा काला और बहुत मोटा।
अब वो उसके लण्ड को चूसे जा रही थी और कालू भाई उसकी चूची मसल रहा था। नेहा बड़ी प्यासी लग रही थी, मैं चुपचाप सब देख रहा था।
पास में ही नारायण सिगरेट पी रहा था, मेरी माँ के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी- हूह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ. हाह !
मैं सब देख रह था।
अब वो बिलकुल गरम हो गई थी और बोल रही थी- अब बस नारायण इस चूत की आग बुझा दे आज तू !
और नारायण ने इशारा जान कर अपना ८ इंच का लण्ड मेरी माँ की चूत पर रख दिया। वो अपने हाथों से मेरे माँ का दूध दबा रहा था और मेरे माँ को किस कर रहा था।
दोनों माहिर खिलाड़ी लग रहे थे।
अब नारायण ने अपना लण्ड मेरे माँ की बुर में डाल दिया और वो सित्कारियाँ ले रही थी। अब नारायण ने अपनी स्पीड तेज कर दी और लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा। मेरी माँ उसका पूरा साथ दे रही थी। मेरी माँ भी अपना गाण्ड को उछाल रही थे, कुछ देर के बाद नारायण ने अपना पानी मेरे माँ की बुर में छोड़ दिया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया।
वो मेरी माँ के बड़े बड़े दूधों के दबा रहा था उसका पानी मेरे माँ की बुर से टपक रहा था। कुछ देर के बाद नारायण अलग हो गया।
मेरी माँ ने कालू का लण्ड मुँह में डाल लिया वो उसे चूसे रही थी। अब कालू भाई का लण्ड खड़ा हो गया था, उसने मेरी माँ को लेटाया और उसकी बुर पे अपना लण्ड रख दिया, नेहा के मुँह से आवाज़ आ रही थी- ओह्ह.. कालू चोद दो आज…. !
कालू ने अपना लण्ड पूरा का पूरा उसकी बुर में डाल दिया और धाप मारने लगा। अब नारायण ने भी अपना लण्ड मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। अब वो दो दो लण्ड खा रही थी।
कुछ देर बाद नारायण का लण्ड फिर से तैयार हो गया।
अब नारायण ने मेरी माँ को ऊपर आने को बोला। अब मेरी माँ कालू के ऊपर आ गई। उसने कालू का लण्ड अपनी बुर में रखा और ऊपर हिलने लगी, कालू उसके दूध को दाबने लगा।
नारायण अपना लण्ड मेरे माँ की गाण्ड में रगड़ने लगा। मेरी माँ की गाण्ड बड़ी टाईट थी इसलिए नारायण का लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। मेरी माँ ने नारायण को वहीं रखा बोरोप्लस लाने को कहा। नारायण बोरोप्लस मेरे माँ की गाण्ड पर लगाने लगा। वो अपनी मस्त गाण्ड को हिला हिला कर उसका साथ दे रही थी।
अब नारायण ने थोड़ा बोरोप्लस अपने लण्ड पर भी लगाया और फिर से डालने की कोशिश की। अब उसका आधा लण्ड मेरी माँ की गाण्ड के अंदर चला गया था।
मेरी माँ सिसकियाँ ले लेकर बोल रही थी- ह्म्म्म्म्म्म. हाआह्ह्ह्ह्छ !
अब नारायण अपने लण्ड से उसकी गाण्ड मार रहा था, उसे भी मज़ा आ रहा था, मस्त गाण्ड जो मिली थी उसे !
अब दोनों जवानी का आनन्द ले रहे थे।
कुछ देर बाद नारायण का पानी छूटने लगा तो उसने अपना लण्ड निकाल कर मेरी माँ के मुँह में डाल दिया। वो उसके पानी को ऐसे पी रही थी जैसे शरबत।
कुछ ही देर में कालू ने अपना लण्ड बाहर निकाला और अपना पानी मेरे माँ के मुँह में डाल दिया।
थोड़ी देर के बाद कालू ने फिर अपना कार्यक्रम चालू किया। कालू ने अपना लण्ड मेरे माँ की गाण्ड पर रख दिया और उसकी चिकनी गाण्ड मारने लगा।
और वो हांऽऽहंऽऽ की आवाज निकाल रहे थे। अब कालू ने अपना पानी उसकी गाण्ड में छोड़ दिया था।
कुछ देर बाद कालू और नारायण ने कल फ़िर आने का वादा करके मेरी माँ की गाण्ड को सहलाया और उनके जाते ही मेरी माँ ने दरवाज़ा बंद करके अपनी बुर सहलाई। वो बड़ी खुश लग रही थी और हो भी क्यों नहीं- उसे दो लण्ड जो मिले थे आज ! Sex Stories
हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम सुंदर है Antarvasna और मैं बंगलोर में रहता हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी हैं। उन्हें पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी सभी लोगों को बतानी चाहिए।
वैसे तो मेरा घर दिल्ली में है पर अब से दो साल पहले ही मेरा तबादला बंगलोर में हो गया था। मेरी उम्र २७ साल है और मेरा रंग गोरा, सुडोल शरीर है और मेरा लण्ड ८’’ लम्बा और २.५ ’’ मोटा है। मेरे घर (दिल्ली)में मेरी मॉम, डैड, मेरे बड़े भैया और भाभी जी रहते हैं।
अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ, मैं एक बहुत ही सेक्सी किस्म का इन्सान हूँ।
ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की है। अब से ६ साल पहले की बात है।
मुझे नग्न काम-कला वाली फिल्मों का बहुत शौक है। उस समय मैं रोज एक मूवी लाता था और देख कर मुठ मारता था। ये बात शायद मेरी भाभी को पता चल गई थी। एक बार मेरे मॉम डैड कुछ काम से १ महीने के लिए हमारे गाँव गए हुए थे। मैं रोज़ रात को सेक्सी मूवी देखने के बाद मुठ मर के ही सोता था। हमारा घर दो मंजिला है, मैं और मेरे भैया भाभी दूसरी मंजिल पर रहते थे और मेरा कमरा भाभी के बाजू में ही था।
एक रात को मैं मूवी देख रहा था तो मेरे को लगा कि कोई मेरे कमरे में झांक रहा है मैं देखने के लिए जैसे ही बाहर आया तो मैं अपनी भाभी को अंदर कमरे में जाते देखा। मैंने देखा कि भाभी ने कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला ही छोड़ दिया और खिड़की भी खोल दी। फिर मैं छुप कर देखने लगा कि अन्दर क्या हो रहा है।
तब मैंने देखा कि भैया सो रहे थे और भाभी ने उनकी लुंगी खोल कर उनका लण्ड चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उन्होंने एक एक करके अपने सभी कपड़े खोल दिए और नंगी हो गई और मेरी तरफ अपनी गांड करके बड़े ही सेक्सी ढंग से भैया का लण्ड चूसने लगी। फ़िर थोड़ी देर बाद भैया के ऊपर चढ़ कर अपनी चूत में लण्ड डाल कर बड़े सेक्सी ढंग से ऊपर नीचे होने लगी और पीछे मुड़ कर मुझे देखने लगी और जोर जोर से सीत्कार करते हुए भैया से चोदने के लिए कहने लगी।
तब मैं समझ गया कि भाभी मुझे ही यह सब दिखा रही हैं। भैया नीचे से जोर लगा कर भाभी को चोदने लगे, भाभी मेरी तरफ़ बड़े सेक्सी तरीके से देख रही थी। थोड़ी ही देर में भैया झड़ गए और भाभी को बोलने लगे- अब बस कर !
तब मैंने देखा कि भाभी प्यासी ही रह गई।
भाभी ने भैया से कहा- मैं हमेशा प्यासी ही रह जाती हूँ !
तो भैया उन्हें प्यार से बोले- जानू ! मैं क्या करूँ?
तभी भैया को ना जाने क्या ख्याल आया और बोले- तू सुंदर से क्यों नहीं सम्बंध बना लेती।
भाभी पहले गुस्से में बोली- तुम्हारा दिमाग तो ठीक है?
फ़िर भैया के जोर देने पर मान गई। मैं यह सब खिड़की पर खड़ा सुन रहा था। मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया, काफ़ी देर बाद मुझे नींद आई। सुबह जब मैं उठा तो आठ बज चुके थे और भैया ऑफिस जाने को तैयार थे, तब भैया बोले कि सुंदर आज तुम कॉलेज नहीं जाना घर का थोड़ा ख्याल रखना, तुम्हारी भाभी की तबियत कुछ ख़राब है !
मैं हाँ बोला और नहाने चला गया। उसके बाद जब मैं तैयार हो कर नाश्ता कर रहा था तो भाभी बहुत ही सेक्सी गाऊन पहन कर आई। उन्हें देख कर और रात की बात याद कर के मेरा लण्ड खड़ा होने लगा पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और भाभी भी मुझे कुछ नहीं बोल पाई।
इस तरह दोपहर के दो बज गए।
तब भाभी ने मुझे कहा- मेरे सर में दर्द हो रहा है। क्या तुम मेरे विक्स लगा दोगे?
मैं बोला- जी भाभी !
मैं उनके कमरे में चला गया। जब मैं विक्स लगा रहा था तो भाभी धीरे धीरे कराह रही थी।
मैं बोला- भाभी ! बहुत दर्द हो रहा है?
भाभी बोली-हाँ ! बहुत दर्द हो रहा है।
मैं और जोर से सर दबाने लगा।
तब भाभी बोली- मेरे सीने में भी दर्द हो रहा है।
मैं थोड़ा घबराया और बोला- लाओ मैं वहाँ पर भी विक्स लगा देता हूँ, कुछ आराम मिलेगा।
वो कुछ नहीं बोली। फ़िर क्या था, मैंने फ़ौरन थोड़ी विक्स निकाली और उनके बड़े बड़े स्तनों पर विक्स लगाने लगा। वो सीत्कारने लगी। मैं दोनों बूब्स बारी बारी से दबा रहा था। मैने देखा- भाभी अपने गाउन के उपर से अपनी चूत को सहला रही थी। तब तक मैं भी पूरी तरह से गरम हो गया था, मैने झट से कहा- भाभी क्या तुम्हारी चूत में भी दर्द है?
मेरी ये बात सुनकर वो मुझसे चिपक गई और बोली- राजा ! चूत की वजह से ही तो मेरे स्तनों में दर्द है !
यहाँ मैं आपको बता दूँ मेरी भाभी और मुझे गन्दी गन्दी बातें करते हुए चुदाई में बहुत मजा आता है !
फिर तो मैं भी उनसे चिपक गया और उनके गाउन को उतार फेंका। अब वो मेरे सामने बिलकुल नंगी थी क्योंकि उन्होंने सुबह से ही कोई अंडर-गारमेंट नहीं पहना था। उसे नंगा कर के मैं पहले तो उसे देखता रहा फिर वाऽऽओ ! किया।
क्या फिगर है ३४ ३२ ३६ वाऽऽओ !
फिर मैंने उनकी चूत देखी, क्या गुलाबी चूत थी ! मैंने झट से उनकी चूत से मुंह लगा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा।
वो बोली- हाँ जानू चाटो मेरी चूत को !
चूत सुनते ही मैं बोला- जानू मुझे चुदाई करते हुए गन्दी गन्दी बातें बोलना अच्छा लगता है, तुम मुझसे ऐसे ही चूत और लण्ड बोल बोल कर ही चुदाई करवाना !
वो बोली- मुझे भी ऐसे ही चुदाई में बहुत मजा आता है।
मैंने उसकी चूत को करीब आधे घंटे तक चाटा और वो इस दौरान कम से कम तीन बार झड़ चुकी थी। मैंने वैसे भी बहुत सारी मूवी देखी थी तो मैं उसी तरह से उसकी चूत को चाट रहा था और ऊँगली कर रहा था। वो जोर जोर से बोल रही थी- ऐसे ही चाटो मेरी चूत को ! आज पहली बार कोई मेरी चूत को चाट रहा है। तुम्हारे भैया तो चाटते ही नहीं हैं और न ही मुझे शांत करते हैं !
मैं चूत में ऊँगली करते हुए बोला- रात को मैंने सब देखा था !
तो वो बोली- तुमसे चुदवाने के लिए ही तो मैंने तुम्हारे भैया से रात को तुम्हें दिखाते हुए ही चुदवाया था।
फिर वो बोली- मुझे अपना लण्ड दिखाओ !
तब मैंने अपना लोअर निकाल दिया। वो देखते ही बड़ी खुश हुई और बोली- वाऽऽओ ! तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा है, आज मजा आयेगा !
मैं बोला- भाभी ! इसको अपने मुंह में नहीं लोगी?
तब झट से उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा और मुंह में डाल कर चूसने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था, उनका मुंह बहुत गरम था, थोड़ी ही देर में मैं उनके मुंह में झड़ गया और वो सारा का सारा मेरा रस पी गई और बोली वह क्या रस है तुम्हारा ! आज पहली बार मैंने किसी लण्ड का रस पिया है !
फिर थोड़ी देर बाद वो फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड फिर से खडा हो गया। तब मैं बोला- भाभी ! अब मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ !
तो वो बोली- पहले मुझे गन्दी गन्दी गाली दो और मुझे अपनी रांड कहो तो मैं तुम्हें अपनी चूत दूंगी।
ये सुनते ही मैं बहुत खुश हुआ और बोला- साली रांड ! आज मैं तेरी चूत फाड़ कर रहूँगा। कुतिया ! तुझे इतनी बुरी तरह से चोदूंगा कि तू भी याद रखेगी !
फिर मैंने उसके बाल पकड़े और उससे बेड पर गिरा दिया और उसके बदन पर काटने लगा। वो कराहने लगी। तब मैं बोला- साली रण्डी ! तुझे मेरे भाई से संतुष्टि नहीं मिलती ! आज देख मैं तेरी चूत फाड़ कर रख दूंगा !
तो वो बोली- साले हरामी ! तेरे भाई के लण्ड में तो मुझे शान्त करने की हिम्मत ही नहीं है और तू कया मुझे चोदेगा ,मैंने झट से उसके मम्मे इतनी जोर से दबाये कि वो चिल्ला पड़ी और बोली थोड़ा धीरे पर मैं तब तक पागल हो गया था और एक साथ उसके उपर आ गया और उसकी चूत में अपना लण्ड रगड़ने लगा वो बोली गांडू लण्ड को चूत पर सहलाता ही रहेगा या इससे चूत में डालेगा भी मैंने झट से अपना लण्ड एक जोरदार झटके से उसकी चूत में डाल दिया। वो चिल्ला पड़ी और बोली- प्लीज़ इसे निकालो ! मुझे दर्द हो रहा है ! तुम्हारा बहुत बड़ा है !
पर मैं कहाँ सुनने वाला था, मैंने एक और झटका दिया और मेरा आधे से ज्यादा लण्ड चूत में चला गया। वो रोने लगी। फिर मैं तेज तेज से उसे चोदने लगा और बोला- बोल साली रंडी ! मजा आ रहा है? अब बोल मेरा लण्ड तो आराम से ले सकती है?
वो रोते हुए बोली- प्लीज़ सुंदर ! इसे निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है !
मैं बोला- जानू बस अब तो पूरा लण्ड चूत में घुस गया है, अब तू मजे ले !
और थोड़ी देर के लिए शांत हो कर उसके बूब्स को और उसके होंटो को चूसने लगा। थोड़ी देर में वो भी जोश में आ गई और बोली- हाँ जानू ! अब मुझे जोर जोर से चोदो !
और किलकारियां मारने लगी- अऽआऽऽआहऽहऽह ओऽऊऽऽओ ओहऽहह !
मैं भी जोश में था, मैं और जोर जोर से चोदने लगा। वो चुदाई के दौरान करीब तीन बार झड़ी। फिर आखिर में मैं और वो एक साथ झड़े और एक दूसरे से चिपक कर काफी देर तक लेटे रहे।
तब तक ७ बज चुके थे। हम उठे और भाभी ने भैया को फ़ोन करके कहा कि कुछ खाने को ले आयें आज उनकी इतनी हिम्मत नहीं है कि कुछ पका सकें।
और इस के बाद हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते ..Antarvasna
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