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हेलो दोस्तो! मैं अपने दोस्त सूरज के Sex Stories यहाँ घूमने गया था। उसके परिवार में वो, उसकी बहन सिया और मम्मी डैडी हैं। मेरा पहला यौन-सम्बंध सिया संग हुआ था।
रात के करीब नौ बजे खाना खाने के बाद सूरज, सिया और मैं रज़ाई औढ़े अंताक्षरी खेल रहे थे। मेरी बगल में सूरज और सामने सिया बैठी थी। आध घण्टे से मेरे पैर मुड़े होने के कारण दर्द करने लगे थे तो मैंने अपने पैर सीधे कर लिए।
मुझे महसूस हुआ कि मेरा पैर किसी मुलायम चीज़ से छू रहा है। मैंने अपने पैर के अंगूठे को धीरे धीरे हिलाया तो समझ गया कि वो मुलायम चीज़ सिया की चूत है, परन्तु सिया मुझे कुछ कह नहीं रही थी, चुपचाप अन्ताक्षरी खेल रही थी। एक घण्टे बाद हम तीनों एक साथ सो गए। बीच में सूरज सोया था। मेरी आंखों से नींद गायब थी। मैं कैसे भी सिया को चोदना चाहता था।
रात के करीब दो बजे सिया बिस्तर से उठ कर बाथरूम जा रही थी, मैं भी उठा, उसके पीछे पीछे बाथरूम में घुस गया और उसे पीछे से अपनी बाहों में ले लिया।
पहले तो वो घबराई, ऐसे दिखाने लगी कि रात वाली घटना से अन्जान हो, लेकिन मैं पूरे जोश में था, जैसे ही उसकी चूत पर हाथ रखा, वो चिहुंक गई और अपनी आंखें बंद कर ली- प्लीज़ रंजन भैया मत करो! मुझे कुछ होता है!’
‘क्या होता है?’
‘पता नहीं लेकिन बहुत अच्छा लगता है!’
‘अब और मज़ा आएगा मेरी प्यारी सिया! साथ दोगी?’
‘हाँ! लेकिन मैं गर्भवती तो नहीं हो जाऊँगी?’
‘नहीं’
मैंने उसकी चूची पर हाथ रखा ओर आहिस्ते से सहलाने लगा। मैं उसके कमसिन होठों का रस पीने लगा- कैसा लग रहा है?’
‘शऽऽऽ मत पूछिए बस करते रहिए आहऽऽऽ’
मैंने उसकी कमीज़ को ऊपर से खोल दिया, अन्दर उसने गंजी पहनी थी। गंजी के ऊपर से मैं सिया की चूची मसलने लगा।
सिया भी अपना हाथ मेरे लण्ड के ऊपर रख कर लण्ड को मसलने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मेरा पायज़ामा खोल दिया। मेरे लण्ड को अन्डरवीयर से निकाल कर अपने हाथ से मुठ मारने लगी। मैं भी ताव में आ गया और उसकी गंजी उतार कर उसकी चूचियों को आज़ाद कर दिया और मुंह में ले कर चूसने लगा।
‘हायऽऽऽ जरा जोर से दबाईए ना! बहुत मज़ा आ रहा है!’
‘तुमने पहले किसी से…’
‘नहीं भाई, लेकिन ब्लू फ़िल्म देखती हूं!’
‘अच्छा! ‘
‘क्या आप मेरी बुर को चूसना पसन्द करेंगे?’
‘क्यों नहीं.. लेकिन पहले तुम मेरे लण्ड को चूस लो… उसके बाद…’
सिया नीचे झुकी और मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। मैंने उसकी सलवार उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया। मेरे शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था, हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
‘क्या हम एक दूसरे का बुर और लण्ड चूसें?’
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वो जमीन पर लेट गई, मैंने अपना लण्ड उसके मुंह में डाल दिया और अपना चेहरा उसकी बुर पे ले गया। सिया की बुर की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैं अपनी जीभ से उसकी बुर का रस पीने लगा।
‘अब प्लीज़ मुझे चोदिए!’
मैं खड़ा हो गया, उसने लेटे हुए अपने पांव ऊपर किए। मैंने अपना लण्ड जैसे ही उसकी बुर पर रखा, सिया की बुर भट्टी की तरह जल रही थी। उसके चूसने से मेरा लण्ड गीला था। मैंने जोर से लण्ड को उसकी बुर में डाला- प्लीज़ निकाल लो! बहुत दर्द हो रहा है’
मैंने देखा मेरे लण्ड का आधा सुपारा उसकी बुर में है और बुर से खून निकल रहा है। मैं उसके होंठ चूसने लगा ओर जोर जोर से चूचियों को मसलने लगा, धीरे से लण्ड को भी अन्दर करता रहा।
थोड़ी देर में सिया कमर हिलाने लगी। मैं भी अब पूरे जोर से उसकी बुर को चोदने लगा.’आ आ अई आहऽऽऽ और तेज़ऽऽ…’
‘उफ़्फ़’
‘आआह्हऽऽ’
‘मेरा गिरने वाला हैऽऽऽ प्लीज़ और तेज़ऽऽ!’
सिया मुझसे चिपकने लगी। इस तरह हम दोनों एक साथ झड़ गए और काफ़ी देर तक एक दूसरे के साथ चिपके रहे।
उसके बाद हम बिस्तर पर आकर सो गए। Sex Stories
हैलो सभी अन्तरवासना के पाठकों को सीमा का खुली हुई टांगों से Hindi Sex Stories नमस्कार। मैने कुछ ही दिन पहले अन्तरवासना के बारे में सुना फ़िर मैने साइट खोली और मस्त हो गई। गरम हो गई। स्टोरीज़ पढ़ के कामुक हसीना बन गई। चलो छोड़ो काम की बात करते हैं।
मेरा नाम सीमा है मेरी उमर १८ साल की है। स्कूल में मेरी दोस्ती उन लड़कियों से हुई जो अमीरज़ादियां थीं मैं मिडिल क्लास से थी। मेरी पोकेट मनी कम ही थी। मैने एक अमीरज़ादे को अपना आशिक बना लिया मैं बेहद खूबसूरत हूं अपनी दोस्त के मुकाबले बहुत सेक्सी हूं मेरी सभी सहेलियां चुदासियां हैं अमीरज़ादे ने ज़्यादा टाइम वेस्ट न करते हुए अफ़ेयर के १० दिन बाद ही मेरी सील तोड़ डाली और मुझे भी सेक्स समुन्दर में धकेल दिया। वो बहुत शोपिंग करवाता मंहगे कपड़े मोबाइल, गोल्ड की चैन हमारा अफ़ेयर ३ महीने चला कि उसका एक्सिडेंट हो गया उसकी एक टांग टूट गई। मैं उससे मिलने गई और कहा जल्दी ठीक हो जाओगे।
सो अब मुद्दे पे आते हैं। एक रात की बात है रात के ९ बजे हुए थे मेरे पापा के २ दोस्त आये सभी ने उनका स्वागत किया वो ३ दिन के लिये आये थे। मम्मी नानी के यहाँ गई हुई थी। मैने और छोटी बहन ने उनकी खूब सेवा की डिनर दारु वगैरह पापा ने पिलायी। मैं उनको रूम दिखाने गई और वापिस आ गई जब मैं पानी का जग वहाँ रखने गई तो एक अंकल तो फ़्रेश होने बाथरूम में थे दूसरा अंकल चेंज कर रहा था उसने बनियान पहन लिया था पैजामा पहनने वाला था मैं जग लेकर गई मेरी नज़र सीधी न चाहते हुए भी उसके फ़ूले हुए कसे पेट ही, कई दिनों से चुदी नहीं थी, उसका माँसल शरीर छाती के बाल और फ़ूला हुआ लंड।
मैं वापस आ गई दीदी सो चुकी थी मेरी नज़र में बार बार उसका फ़ूला लंड आने लगा दरवाज़ा थोड़ा बंद किया परदा आगे किया और बेड पे बैठ गई नींद नहीं आई थी मैने अपना पैजामा नीचे किया और अपनी झांघों पे हाथ फ़ेरा और अपनी चूत सहलाने लगी उंगली डाल के मस्त होने लगी डैड भी ऊपर वाले रूम में सो चुके थे थोड़ी ही पी थी। परदे में अंकल चोरी सब कुछ देख रहे थे बोले नहीं। मैं इतनी गरम हो गई पानी ले गई जब मैं किचन से पानी लेने गई पीछे से मज़बूत बाहें मेरी पतली कमर पे डाल दीं। मुझे हैरानी हुई। मुझे यकीन था कि अंकल ने मुझे नोटिस किया था मैं एक दम मुड़ी और उनसे चिपक गई वो पागलों की तरह किचन की शेल्फ़ पे ही लिटा कर मेरे होंठ चूसने लगे और एक हाथ अंदर डाल मेरा मोम्मे दबाने लगे एक हाथ मेरी पैंटी में डाल चूत मसलने लगे।
मैं सिर्फ़ आहें भर रही थी कि तभी दूसरे अंकल अ गये दोनो मुझे पे टूट पड़े दोनो की उमर ४० से ऊपर ही थी। मुझे गोदी में उठा लिया बेडरूम में जा मुझे बेड पे फ़ेंका। दरवाज़ा बंद कर मुझे नंगी कर दिया मुझे अपने कच्छा उतारने को बोले मैं घुटनो के बल हो कच्छा उतारा और अंकल का लंड मुँह में भर लिया दूसरे की मुठ मारने लगी बारी बारी रंडी बन दोनो के लंड चूस रही थी अंकल ने मुझे सीधा लिटा अपना हथियार मेरी टांगे चौड़ी कर रखा और पुश किया थोड़ी परेशानी, तकलीफ़ हुई लकिन मैने डलवा लिया उनका लंड इतना मोटा लम्बा नहीं था महज़ ६ इंच होगा दूसरा बहुत मोटा लम्बा था ८ इंच का काला लंड वो अंकल है भी मद्रासी था अंकल मेरी चूत मार रहे था मैं लंड चूस नीचे से चूतड़ हिला रही थी।
उमर की भी फ़रक पड़ता है महज़ ६-७ मिनट में अंकल झड़ गये अब दूसरा मेरे ऊपर आया और मुझे कहा चूतड़ के नीचे तकिया रख लंड पेल दिया बहुत तकलीफ़ हुई लेकिन मैं कई बार चुदी हुई थी तब दूसरा अंकल आया मुझे पेग पिला दिया और खुद भी और फ़िर डाल दिया मुँह में दूसरे ने मुझे घोड़ी बना लिया और चोदने लगा मैं मजे में सीईईइ यस अंकल हरामी फ़ाद्दद्दद्दद्दद्द डाल्लल्लल्लल्लल मेरी चूत झड़ने वाली हूं कम चोद भोसड़ी के अंकल स्लेपिंग माई एस चीक्स बोले रंडी सारी रात फाडूंगा फ़िकर मत कर हलवा बना देंगे आज। कमीने मेरे बाप की उमर का है बुड्ढा ठरकी कुंवारी चूत मार्रर्रर्रर्रर्रर्रर दबाआ करते करते अंकल ने सीधा किया फ़िर डाल दिया ज़ोर ज़ोर से चुदने लगि तभी उसका लंड मेरी चूत एक साथ ही बह गये। गरम माल जब चूत को मिला तृप्त हो गई।
अब दूसरा तैयार था उसने इस बार मेरी गांड मारी Hindi Sex Stories
स्टेप मॉम सेक्स कहानी मेरे पापा की दूसरी बीवी की चुदाई की है. एक दिन मैंने उन्हें नंगी होकर किसी लड़के संग वीडियो सेक्स करते देखा. तो मैंने भी फ़ायदा उठाया.
दोस्तो, ये चुदाई कहानी मेरी और मेरी स्टेप मॉम रश्मि की है. अगर आपको ये रिश्ता ग़लत लगता हो तो प्लीज़ इस कहानी को आगे मत पढ़ें, इसे नजरअंदाज कर दीजिए.
अगर अपने लंड का पानी निकालना है और चूत में उंगली करनी है, तो पूरी कहानी पढ़ कर मजा लें.
इसस्टेप मॉम सेक्स कहानी में सब कुछ रियल है.
मेरा नाम आर्यन है. मैं यूपी से हूँ. मेरी सगी मॉम की डेथ के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी.
मेरे डैड का अपना बिजनेस है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं, मॉम को ज़्यादा टाइम नहीं देते हैं.
डैड अपने व्यापार के लिए सुबह से ही निकल जाते हैं और वापस आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.
मेरी मॉम का नाम रश्मि है, उनकी उम्र 44 साल की है और फिगर 36-32-38 का है.
मॉम के मस्त सेक्सी बूब्स और उठी हुई गांड एकदम हॉट लुक वाली लगती है. उनका रंग भी गोरा है.
मेरी मॉम इतनी ज्यादा कामुक दिखती हैं कि उनको देखकर किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए.
यह चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरी उम्र 23 साल की थी.
एक बार की बात है, मैं घर पर था और अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख रहा था.
उस वक्त मेरा लंड पूरे जोश में था और मैं मुठ मार रहा था.
कान में हेडफोन लगे होने की वजह से मुझे पता नहीं चला कि मॉम मेरे रूम में कब आ गईं.
मॉम ने मुझे पॉर्न देखने के साथ साथ मुठ मारते हुए भी देख लिया.
फिर जैसे ही मेरी नज़र मॉम पर पड़ी, मेरी तो गांड फट गई कि ये क्या हुआ.
मैं एकदम से डर गया था.
लेकिन अब तक जो होना था, वो तो हो ही चुका था.
मॉम ने गुस्से में मुझसे कहा- शर्म नहीं आती, ये सब करते हो!
मैंने सॉरी बोला लेकिन वो गुस्सा होकर रूम से चली गईं.
अब मुझे बहुत डर लग रहा था.
ये सोचकर मेरी फट रही थी कि मॉम इस बात को पक्का डैड को बोलेंगी और मेरी क्लास लगने वाली है.
ऐसे ही सारा दिन निकल गया … मैं अपनी फटी हुई गांड लिए मॉम से बचता रहा.
शाम को डैड आए, उन्होंने फ्रेश होकर खाना खाया और अपने रूम में सोने चले गए.
मैं देख रहा था कि डैड ने मुझसे कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे समझ में आया कि मॉम ने अभी तक डैड को कुछ बताया नहीं होगा.
अगले दिन मैं दोस्त के घर चला गया और जब वापस आया तो आवाज से अंदाजा लगा कि मॉम अपने रूम में हैं और मोबाइल पर किसी से बात कर रही हैं.
मैं कान लगाकर ध्यान से सुनने लगा तो ऐसा लगा कि मॉम अपनी चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि उनकी आवाजों में कुछ कामुक स्वर शामिल थे.
मैं धीरे से रूम के अन्दर घुस गया क्योंकि रूम लॉक नहीं था.
मम्मी एकदम नंगी थीं.
मेरी खोपड़ी सनक गई कि ये क्या माजरा है.
मैं चुपचाप अन्दर आ गया. मॉम अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में इतनी मगन थीं कि वो मुझे नहीं देख पाईं.
मैंने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा.
वो किसी सनी नाम के लड़के से बात कर रही थीं.
मैंने पूरी वीडियो ढंग से बना लीं और चुपचाप वहां से बाहर निकल कर अपने रूम में जाकर लेट गया.
अब मैं मॉम को सोचकर मुठ मारने लगा.
पहली बार मैंने मॉम को पूरी नंगी देखा था.
क्या मस्त गोरा बदन और बड़े बड़े मिल्की एकदम टाइट मम्मे थे. एकदम चिकनी चूत, जैसे आज ही शेव की हो
मेरा तो लंड फटा जा रहा था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मन कर रहा था कि अभी जाकर मॉम को चोद दूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं थी.
आज के इस सीन से एक बात तो साफ़ हो गई थी कि डैड, मॉम की प्यास सही से नहीं बुझा पाते हैं.
अब मैं अपनी मॉम को चोदने के सपने देखने लगा.
मैं चाहता था कि मॉम खुद ही मुझसे चुदवाने को बोलें इसलिए मैं प्लान करने लगा.
शाम को डैड आ गए, फिर वही रूटीन, खाना खाकर सोने चले गए.
अगले दिन मॉम किचन में काम कर रही थीं.
मैं गया और पीछे से उनसे चिपक कर उस दिन के लिए सॉरी बोलने लगा क्योंकि उस दिन के बाद मॉम मुझसे बता नहीं कर रही थीं.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.
उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और मैं खाने के बाद दोस्त के पास चला गया.
अब मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना मॉम को वो वीडियो भेजूं, जो मेरे पास थी.
कुछ देर तक हर बिंदु पर सोचने के बाद मैंने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए मॉम को अब चोद कर ही रहूँगा.
फिर मैं ज़रूरी काम से कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर चला गया.
मैं मॉम को मिस कर रहा था.
रात को मैंने मॉम की वीडियो देखी और लंड हिलाते हुए मॉम के नंबर पर कॉल की.
मॉम ने हैलो बोला.
मैंने हालचाल पूछे और पूछा- डैड क्या कर रहे हैं?
मॉम बोलीं- डैड सो गए हैं.
मैंने कहा- मॉम नेट खोलो, मैंने आपको कुछ भेजा है.
उन्होंने कहा- क्या भेजा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और कॉल कट कर दी.
फिर मैंने मॉम की न्यूड वाली वीडियो उन्हें भेज दी और थोड़ी देर के लिए अपना मोबाइल ऑफ कर दिया.
शायद मॉम का मूड खराब हुआ होगा इसलिए वो कॉलबैक कर रही होंगी.
लेकिन मेरा नंबर लगा ही नहीं.
इसलिए दस मिनट बाद मॉम ने मौसी के मोबाइल पर कॉल कर दी और उनसे बोलीं- आर्यन से बात करा दो.
मौसी का मोबाइल लेकर मैंने हैलो बोला.
मॉम बोलीं- ये कहां से मिली?
मैंने जानबूझ कर बोला- क्या?
मॉम बोलीं- पहले अपना मोबाइल ऑन करो और मुझसे बात करो. मैं उसी पर बात करूंगी.
मैंने तुरंत अपने मोबाइल से कॉल लगाई.
मॉम बोलीं- बेटा प्लीज़ बताओ, ये वीडियो कहां से मिला?
मैंने कहा- आप परेशान न हों.
तब मॉम मुझसे फोर्स करके पूछने लगीं.
मैंने कहा- डैड को भी भेज दूँ क्या?
वो रोने लगीं और बोलीं- नहीं, प्लीज़ ऐसा मत करना.
मैंने कहा- मैं तो आपको बहुत सती सावित्री समझता था और आप एक ब्वॉयफ्रेंड से बात करती हो!
मॉम बस सॉरी सॉरी बोल रही थीं.
मैंने कहा- मेरी बात सुनो और बताओ. सन्नी के साथ आप कितनी बार चुदी हो?
मॉम ने मेरे मुँह से ‘कितनी बार चुदी हो …’ शब्द सुने, तो मॉम हिल गईं और बोलीं- ये क्या बकवास कर रहे हो?
मैंने कहा- ठीक है, मत बताओ. फिर खुद ही समझना.
मॉम धीमे से बोलीं- बस अब तक 3 बार … उससे मिले ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- डैड क्या अच्छे से चोदते नहीं हैं?
मॉम बोलीं- बहुत सालों से मेरे साथ तेरे डैड ने सेक्स नहीं किया इसलिए ग़लती हो गयी. अब आगे से किसी के साथ कभी नहीं करूंगी. लेकिन प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने कहा- एक ही शर्त पर. जब आप मुझे खुश करोगी.
तो मॉम गुस्सा हो गईं और उन्होंने फोन कट कर दिया.
मैंने मैसेज किया- अगर मुझे भी चोदने दोगी, तो डैड को नहीं बताऊंगा … और हां सोच लो आराम से. आपके पास अभी दो दिन का टाइम है.
अब अगले दिन सुबह 10 बजे मॉम ने कॉल किया.
शायद डैड के जाने के बाद फोन किया था.
मैंने पूछा- बोलो जान क्या सोचा!
मॉम बोलीं- लेकिन ये सब एक बार होगा … और वीडियो डिलीट करनी पड़ेगी.
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं घर पर नहीं करूंगा, कहीं बाहर चलो.
मॉम फिर डरने लगीं और बोलीं- घर पर क्या दिक्कत है?
मैंने कहा- मैं अच्छे से एंजाय करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है, सब कुछ खुद ही मैनेज करो.
अब मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क रही थी.
मैं उसी दिन मौसी के घर से वापस निकल आया और शाम को घर आ गया.
मॉम अभी भी मुझसे डर रही थीं.
हम दोनों ने बात नहीं की.
डैड के आने बाद मैं डैड से कहा- मैं मॉम के साथ 4 दिन के लिए मसूरी जा रहा हूँ.
मॉम एकदम से बोलीं- अरे 4 दिन क्यों?
मगर तब तक डैड ने हां कर दी- हां चार दिन से कम में मसूरी का क्या मजा आएगा.
मॉम कसमसा कर रह गईं और मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.
फिर अगले दिन हम दोनों अपनी कार से मसूरी निकल गए.
सफ़र में हम दोनों ने कुछ ज्यादा बात नहीं की और वहां पहुंचकर होटल में चैकइन कर लिया.
मैं इस होटल में अपनी बुकिंग पहले से ही कर ली थी.
ये एक अच्छा होटल था और हिल्स पर था.
कमरे में आकर मैं फ्रेश होने चला गया.
मॉम को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या होगा.
मेरे फ्रेश हो कर आने के बाद मॉम बाथरूम में चली गईं और थोड़ी देर बाद मॉम एक काले रंग के मस्त गाउन में बाहर आ गईं.
उनको देखकर मेरा लंड टाइट हो गया.
मैंने मॉम को ज़ोर से अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. मॉम के गले पर किस करने लगा.
मॉम कुछ उदास थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, आप घर से इतनी दूर आई हो, एंजाय करो न मेरी जानू मॉम!
मॉम बोलीं- वीडियो डिलीट करो, मुझसे ग़लती हो गयी.
लेकिन मैंने कहा- आप खुद को किसी दूसरे से संतुष्ट करवाओ, ये मुझे मंजूर नहीं है.
वो मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उन्हें चुप देखकर नहीं रुका और उनको किस करने लगा.
अब मैं मॉम के बूब्स भी दबा रहा था.
मॉम धीरे धीरे गर्म हो रही थीं और उनका विरोध भी ना के बराबर हो गया था.
अब मॉम ने धीरे से कहा- ये सब तो घर पर भी हो सकता था, यहां क्यों लाए हो. मेरी तुमसे रिक्वेस्ट है, प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने उनकी एक नहीं सुनी. मैं अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा.
पहले तो काफ़ी देर तक मॉम ने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे हाथ उनकी चूत में चलने की वजह से अब मॉम की चूत का रस निकलने लगा था.
मतलब उनका मूड बन चुका था.
तभी मॉम ने मेरे होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.
अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ. मैंने मॉम को बेड पर पटक दिया और उनके गाउन को हटा दिया.
मॉम ने कुछ नहीं बोला.
मैं उनके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में मॉम मस्ती में आ गई थीं और आहें भरने लगी थीं.
मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में एकदम से घुसा दीं.
मॉम एकदम से उछल गईं ‘आह मर गई …. ऊऊह …’
कुछ देर में मॉम ने मेरी उंगलियों से अपनी में मजा लेना शुरू कर दिया.
फिर मॉम ने मेरा लंड ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबाने लगीं.
अब मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और मॉम के नंगे जिस्म पर चढ़ गया.
मैंने मॉम की ब्रा को भी फाड़ डाला.
मॉम ने कुछ नहीं कहा. मॉम ने अपनी पैंटी पहले ही उतार दी थी इसलिए अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थीं और मस्त माल लग रही थीं.
मैं मॉम के दूध चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
मैंने मॉम के मम्मे इतने अधिक दबाए कि चूचे एकदम लाल हो गए.
मैं मॉम के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और उनके दूध चूसते हुए नीचे आ गया.
मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसा दी और फिर सीधा चूत पर आ गया. मैंने अपना मुँह मॉम की चूत पर रख दिया और जीभ डालकर चूत का स्वाद लेने लगा.
एकदम रसदार नमकीन पानी बह रहा रहा था.
मेरी मॉम भी पूरे जोश में आ गई थीं. वो बोलीं- अब जल्दी से पेल दो.
मैंने दस मिनट तक मॉम की चूत को जीभ डालकर चूसा.
कुछ ही देर में मेरी मॉम ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था.
कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं उठा और मॉम से लंड चूसने के लिए बोला.
पहले तो मॉम ने मना किया लेकिन फिर मुँह में लंड ले लिया.
मुझे मजा आने लगा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड मॉम के मुँह में घुसेड़ दिया.
मेरा लंड उनके गले में जाकर फंस गया था.
मॉम बुरी तरह से छटपटा रही थीं लेकिन मैं जोरदार तरीके से लंड पेलता रहा.
कुछ ही पलों में मॉम का मुखड़ा एकदम लाल हो गया.
पूरा मुझे इतना जोश चढ़ गया था कि मैंने मॉम के मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
लंड उनके गले में था तो लंड का सारा माल मॉम के मुँह के अन्दर चला गया.
मॉम हौ हौ करने लगीं और तुरंत उठ कर थूकने के लिए जाने लगीं.
उनके मुँह में बचा हुआ माल जो उन्हें थूकने के लिए मजबूर कर रहा था.
मैंने उनके बाल पकड़े और अपना मुँह मॉम के होंठों पर रख दिया, उन्हें किस करने लगा.
मैं पहली बार अपने लंड का माल अपने मॉम के मुँह से लेकर स्वाद ले रहा था. मैं मॉम के मुँह में जीभ डालकर उन्हें किस करने लगा.
मुझे इतना मज़ा आया कि मेरा लंड फिर से फनफ़ना गया.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने मॉम को बेड पर लिटाया और मैंने नीचे खड़े होकर अपना मोटा लंड मॉम की टाइट चूत में लगा दिया.
एक बार मैंने मॉम की तरफ देखा और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मॉम की चूत गीली होने की वजह से सट से पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया.
उनके मुँह से चीख निकल गई.
वो सीत्कार करने लगी- आआहह उआहह बेटा ऊऊओह आहह ऊऊउ अया बेटा आराम से कर ना … प्लीज़ दर्द हो रहा है.
तभी मैंने मॉम के होंठों को अपने मुँह में लॉक किया और ज़ोर के झटकों के साथ उनकी चूत चुदाई करने लगा.
दो मिनट बाद बाद मॉम को भी चूत चुदवाने में मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगीं.
अब मैंने मॉम से कहा- मजा आ रहा है.
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- मैं चुदाई के लिए कबसे तरस रही थी … इसी वजह से मुझे सनी से अपनी चूत चुदवानी पड़ी. मगर अब मैं खुश हूँ.
मैंने कहा- अब आप लंड की सवारी करो,
मैंने लंड चूत से खींचा और बेड पर लेट गया. मॉम को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया. मॉम भी अपनी चूत फंसा कर लौड़े पर बैठ गईं और अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थीं.
मॉम की चूचियां मस्त हिल रही थीं और उनकी मादक सिसकारियां मुझमें जोश भर रही थीं.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चुदाई होने के बाद मॉम अकड़ने लगीं और मेरे ऊपर गिर गईं.
वो मेरे सीने पर गिर कर निढाल हो गईं.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
मेरा लंड अभी भी कड़क था और मॉम की चूत में घुसा हुआ था.
कुछ देर बाद मैंने मॉम को उल्टा किया और मॉम के ऊपर चढ़ गया.
एक बार फिर से मैं लंड पेल कर पूरे जोश के साथ मॉम की चूत को चोदने लगा.
मॉम बोलीं- आंह जल्दी जल्दी से चोद दे बेटा … आअह हहह बहुत मज़ा आ रहा है.
मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए कहा- मॉम, अब आपको लंड की कमी कभी महसूस नहीं होगी. मेरे लंड से आप जब चाहे मजा ले सकती हैं.
मॉम मुझसे चुदवा कर खुश थीं.
अब मॉम ने मुझे अपनी दोनों टांगों में दबा लिया और एकदम से मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया.
मॉम ने जब तक मुझे दबाए रखा जब तक पूरा माल उनकी चूत में नहीं गिर गया.
उनकी गर्म चूत से निकल रहे लावा का अहसास भी मेरे लंड को हो रहा था.
अब मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैं भी ऐसे ही मॉम के ऊपर लेटा रहा.
हम दोनों मां बेटा इस मधुर चुदाई से इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला, कब नींद आ गई.
देर शाम को करीब 9 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा मॉम नंगी ही सो रही थीं.
मेरे बगल में नंगी मॉम मुझे बहुत हॉट लग रही थीं.
तभी मैंने मोबाइल की रोशनी जलने लगी. मोबाइल साइलेंट मोड पर था. मैंने फोन उठाया और देखा कि डैड की कॉल आ रही है.
मैंने डैड से हैलो बोला.
डैड ने हालचाल पूछे और मॉम के बारे में पूछा.
मैंने मॉम को जगाया और उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया.
मॉम अब भी शर्मा रही थीं.
वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुईं लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया.
मैं उनके बूब्स दबाने लगा.
मॉम डैड से फोन पर बता कर रही थीं और अपने बेटे के साथ नंगी पड़ी थी.
मेरे ज़ोर से बूब्स दबाने की वजह से मॉम की आह निकल गई.
पापा ने पूछा- क्या हुआ?
मॉम- कुछ नहीं.
फिर मॉम ने कॉल कट कर दी.
उसके बाद मैं उठकर फ्रेश होने चला गया.
मॉम भी अन्दर नंगी ही आ गईं.
मैंने मुस्कुरा कर उनकी तरफ देखा.
वो बोलीं- मुझे सुसु करना है.
मैंने कहा- हां कर लो.
तभी मुझे मस्ती सूझी. मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.
मैंने इशारे कहा- अब मूतो.
मुझे मॉम ने बहुत रोका लेकिन मैं नहीं माना.
मॉम की चूत पानी टपकाने लगी. मॉम खुद से मेरे मुँह में झटके मारने लगीं और एकदम से बोलीं- अब हटो … सुसु आ रही है.
लेकिन मैंने पीछे से उनकी गांड को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था और जीभ अन्दर चूत में डालकर चूस रहा था कि मॉम कुछ कर ही ना सकीं और उनका मूत निकलने लगा.
मॉम की चूत से पूरी पेशाब मेरे मुँह में चली गई; कुछ बाहर भी टपक गई.
मुझे अपनी मॉम की पेशाब पीकर इतना मज़ा आया दोस्तो कि क्या बताऊं.
उधर मेरी मॉम शर्म से लाल हो गयी थीं और शरारती मुस्कान देती हुई बोलीं- पागल, ऐसे कौन करता है.
मैंने कहा- मॉम, तेरा बेटा करता है.
फिर मैं उठा और तभी मॉम ने शॉवर ऑन कर दिया.
हम दोनों पानी के नीचे नंगे खड़े थे पानी से नहाने लगे और मस्ती करने लगे.
हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और चुदास भड़क गई तो फिर से एक राउंड चुदाई की.
अब मॉम मुझसे खुलने लगी थीं.
मॉम ने मुझसे कहा- इतना मज़ा मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं आया.
मैंने मॉम को आई लव यू बोला.
मॉम ने भी मुझे लव यू टू आर्यन बोला.
ऐसे ही 4 दिन तक हम दोनों ने बहुत मस्ती की.
मैंने मॉम को बहुत सारी हॉट सेक्सी ड्रेस भी दिलाईं.
मॉम ने मुझसे एक प्रॉमिस लिया कि ये बात डैड को पता नहीं चलना चाहिए और अकेले में मैं मॉम को उनके नाम से बुलाऊं.
मेरी मॉम मुझसे बोली- अब से तू मुझे मॉम समझ कर नहीं, बीवी बनाकर चोदेगा.
इस तरह से मॉम ने अपने बेटे के लंड को चूत की मस्ती देना शुरू कर दी थी.
आज भी डैडी को स्टेप मॉम सेक्स की बात नहीं मालूम है कि मेरी मॉम मुझसे चुदवाती हैं.
दोस्तो, आपको अगली चुदाई कहानी में लिखूँगा कि घर वापस आने के बाद मॉम ने मुझे किस किस तरह से चूत और गांड चुदाई का मजा दिया और उनकी एक ख़ास सहेली को भी बिना अपनी चुदाई की जानकारी दिए मुझसे चुदवा दिया.
सीमा को अलवर गए हुए Antarvasna एक हफ्ता बीत चुका था और इस एक हफ्ते में मैंने वो नजारे देखे थे जिनकी जीवन में कभी उम्मीद नहीं की थी। पायल जैसी हसीन और जवान लड़की मुझसे चुदवायेगी, मैंने सोचा न था।
खैर अगले दिन सुबह नाश्ता करके मैं बैंक चला गया और दोपहर को जब लंच करने आया तो पहले पायल की चूत मारी फिर खाना खाया और बैंक वापस चला गया। शाम को घर आया और कपड़े उतार कर सीधे नहाने के लिए बाथरूम घुस गया।
अभी नहाया ही था कि किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी, मैंने जल्दी से तौलिया लपेटा और दरवाजा खोलने आ गया। दरवाजा खुलते ही देखा कि मेरी सीमा डार्लिंग हाथ में मिठाई और फ्रूट से भरी थाली पकड़े खड़ी थी, जो वह अलवर से लाई थी और मेरा हिस्सा मुझे देने आई थी। मैं दरवाजा खुला छोड़कर अपने कमरे की तरफ चल दिया मेरे पीछे पीछे वो भी मेरे कमरे में आ गई, सीमा ने थाली को पलंग पर रखा और मेरे सीने से लगकर मुझे चूमने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को दबाया और उनका गाउन कमर तक उठाकर तौलिए में से अपना लंड निकला और पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर रखकर दबा दिया।
सीमा बोली- अभी जाने दो ! राजा रात को आऊंगी, दरवाजा खुला रखना।
मूल चंद और मैं जब रात को डिनर कर रहे थे तो सीमा बार बार गुनगुना रही थी- रस्ता हमारा तकना ! दरवाजा खुल्ला रखना !
इसका अर्थ सिर्फ मैं समझ पा रहा था। खाना खाकर अपने कमरे में आया तो तुरन्त नींद आ गई। जब से सीमा और पायल की पुंगी बजानी शुरू की थी, रात को नींद खूब आती थी। रात को लगभग १२ बजे मेरी नींद खुल गई, देखा सीमा मेरे बगल में लेटी है और मुझे सहला रही थी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया, नंगा किया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने पहले तो अपने हाथों से लंड को सहलाया, फिर अपने मुंह में ले लिया। थोड़ी देर चूसने के बाद जब लंड बहुत टाइट हो गया तो वह लेट गई, मैं उसकी टांगों के बीच आ गया, अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ने लगा तो बोली- राजा, देर न करो ! बहुत भूखी है यह ! अब डाल दो।
मैंने देर नहीं की, एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बुर के मुंह पर रखा और एक झटके में पूरा लंड अन्दर कर दिया तो मुझे चूमने लगी। डेढ़ घंटे तक चुदवा कर वो अपने घर चली गई।
अगले दिन से पायल ने स्कूल जाना शुरू कर दिया तो लंच के समय सीमा को चोदने में कोई दिक्कत नहीं थी। अब दिक्कत थी तो सिर्फ इस बात की कि पायल नहीं चुद पा रही थी, जिस वजह से मैं तो परेशान था ही, पायल मुझसे ज्यादा परेशान थी। आप खुद सोचकर देखिये १८ साल की जवान लड़की जो ८ दिनों में ३० बार चुदी हो और अब ४ दिन से उसने लंड का दीदार भी ना किया हो, वो परेशान होगी या नहीं?
मैंने इसका भी एक रास्ता निकाला, रात को खाना खाते समय मैंने पूछा- पायल तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?
इससे पहले कि पायल कुछ जवाब दे, सीमा बोली- बाकी सब विषयों में तो ठीक है, लेकिन इसका गणित बहुत कमजोर है, डरती हूँ कहीं फ़ेल ना हो जाए।
मैंने कहा- आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, मैं दो महीने पढ़ा दूंगा तो ८०% से ज्यादा नंबर लाएगी। बस समस्या समय की है, उसका भी कोई रास्ता निकल आएगा।
काफी देर के विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि रात को खाना खाने के बाद १० से ११ बजे तक पायल मुझसे गणित पढ़ा करेगी और यह काम आज से ही चालू।
मैं खाना खाकर अपने कमरे में आ गया, करीब आधे घंटे बाद पायल आई और आते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसे अपने से दूर करते हुए कहा- एक दो दिन धैर्य रखो, अभी हो सकता है तुम्हारे घर वाले हम पर नज़र रख रहे हों !
मैंने उसे पढाना चालू किया, लगभग ११.३० बजे सीमा आई, दरवाजा खटखटाया, मैंने तुंरत खोला।
सीमा बोली- चलो बेटी ! बहुत देर हो गई, अब अंकल को सोने दो !
पायल ने कहा- बस ये सवाल कर लूं, फिर आती हूँ !
मैंने कहा- भाभी जी आप ५ मिनट रुकिए, इसका काम हो गया है।
दूसरे दिन रात के १२ बजे तक पायल पढ़ती रही तो सीमा आई और बोली- चलो बेटी, १२ बज गए, हमें सोना भी है।
तो पायल ने कहा- आप लोग सो जाओ। मैं यहीं दीवान पर सो जाऊंगी।
मैं तपाक से बोला- यहाँ कैसे सो जाओगी, यहाँ सोना है तो कल से सोना और अपना कम्बल लेकर आना, क्योंकि मेरे पास एक ही कम्बल है।
माँ बेटी दोनों हंस दीं और चली गईं।
अगले दिन शाम को मैं बैंक से लौटा तो चाय पीने सीमा के घर चला गया, कहने लगी- पायल पास तो हो जायेगी ना?
मैंने कहा- आप बिल्कुल फ़िक्र ना करें, अगर आप ना बुलाएं तो वो शायद २ बजे तक भी मुझे ना छोड़े, कहे पढ़ाते रहिये।
सीमा बोली- आज उसे एक कम्बल दे दूँगी, जब तक पढ़े, पढ़े, उसके बाद वहीं दीवान पर सो जायेगी।
रात को खाना खाकर पायल आई, अपना कम्बल दीवान पर रखते हुए उसने मुझे शरारती नज़रों से देखा तो मैंने कहा- १२ बजे तक पढ़ो, फिर देखेंगे।
ठीक १२ बजे पायल बोली- सर, १२ बज गए आज की कोचिंग खत्म। अब आप के फीस लेने का टाइम हो गया।
मैंने ड्राइंग रूम की लाइट बंद की और पायल को गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया। उसके कपड़े उतार कर नंगा कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगा तो बोली- मैं एक मिनट में सुसू कर के आ रही हूँ !
मैंने कहा- रुको, मैं भी चलूँगा, मुझे भी सुसू आई है !
कहने लगी- मैं आपके सामने सुसू नहीं करूंगी ! मुझे शर्म आएगी !
मैंने खुले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा- जिस चूत में मेरा लंड लेते हुए शर्म नहीं आती उसमें से मेरे सामने सुसू करने में शर्म आती है?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और दोनों बाथरूम में घुस गए, बाथरूम काफी बड़ा था। सुसू करने के बाद मैंने वहीं उसकी एक टांग उठाकर अपने हाथ में ली और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया।
पायल कसमसाते हुए कहने लगी- जान बेड पर ले चलो।
मैंने लंड को चूत के अन्दर किया और उसी हालत में उसे बेड पर ले आया।
उस रात के बाद से मेरा टाइम टेबल सेट हो गया- दिन के १ बजे सीमा की चूत और रात के १ बजे पायल की चूत।
श्री श्री मूल चंद जी मनवानी जब पहली तारीख को किराया लेते हैं तो उन्हें मालूम ही नहीं होता कि इस किराये के बदले में मैं क्या क्या सुविधा ले रहा हूँ।
आशा है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी। Antarvasna
दोस्तो, यह मेरी प्रथम Hindi Sex Stories आपबीती और अनुभव है क्योंकि इससे पहले मुझे सेक्स का कोई न तो अनुभव था न कोई किताब या कहानी पढ़ी थी। बस दो या तीन कहानियाँ अपने दोस्त राम के साथ छुप कर ज़रूर पढ़ी थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था कि कोई इच्छा हो या मन करता हो कुछ करने का, क्योंकि मैं कुछ जानता ही नहीं था।
एक बार टेस्ट के दिनों में जब मैं पढ़ाई कर रहा था तो जीव-विज्ञान के टेस्ट कठिन होने के कारण राम और मैंने साथ-साथ रात में पढ़ने का सोचा और मैंने राम से कहा कि वो मेरे घर पर रात को आठ बजे तक आ जाये, खाना खाकर फिर रात भर पढ़ाई करते रहेंगे और पाठ भी आसानी से एक दूसरे को समझा लेंगे।
मेरे घर पर मेरा कमरा घर से बाहर एक ओर था और वहाँ न तो घर वाले आते थे और न ही कोई आवाज़ आती थी। वह तैयार हो गया और रात आठ बजे मेरे कमरे पर आ गया। मैं पहले ही खाना खा कर बनियान-पजामा पहन कर पढ़ रहा था। मैंने देखा कि वो भी पजामा और कुर्ता पहने था। उसने आते ही अपना कुर्ता उतार कर खूँटी पर टांग दिया और बनियान-पजामे में मेरे सामने मेज़ की दूसरी ओर कुर्सी पर बैठ गया और हम दोनों एक साथ एक एक पाठ दोहराने लगे।
रात करीब एक बजे जब स्त्री पुरुष के जनन-अंगों वाला पाठ आया और उसमें जनन अंगों की फोटो वाला पेज आया तो कुछ रात की खुमारी और कुछ सेक्स अंगों की फोटो देख कर हम दोनों उत्तेजित होने लगे, हालांकि हम दोनों ही उस पाठ को पहले भी कई बार पढ़ चुके थे।
अचानक राम बोला कि उसे सू-सू आ रही है और वह उठने लगा तो मेरी नज़र अचानक उसके पजामे की तरफ गई तो देखा कि उसका लंड पूरा तना हुआ पजामे को तम्बू की तरह ताने हुए था। मुझे यह देख कर हंसी आ गई और वो शरमा कर बोला- धत, क्या देख रहा है? क्या तेरा भी ऐसे ही हो रहा है?
तो मैं भी उठा तो देखा कि मेरा भी वही हाल था और मैं भी शरमा गया। फिर वह पेशाब करने चला गया और उसके आने के बाद मैं भी पेशाब करने चला गया। फिर वापस आने पर दोनों उसी चैप्टर को याद करने लगे लेकिन अब हम दोनों का ही मन नहीं लग रहा था और दोनों ही का दिमाग कहीं और भटक रहा था।
दस मिनट के बाद राम बोला- अब पढ़ने में मन नहीं लग रहा है क्योंकि मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा है, लगता है यह पाठ पूरा नहीं कर पाऊँगा। यार तू बता मैं क्या करूँ?
मैंने कहा- यार मेरा भी यही हाल है!
और कुर्सी से उठ कर उसे दिखाया।
राम ने कुछ सोचा और उठ कर बोला- यार चल एक दूसरे को नंगा करके लंड मिलाते हैं किसका कैसा है!
यह कहते हुए उसने अपना कुरता और पजामा दोनों उतार कर कच्छा भी उतार दिया और ऊपर से नीचे तक पूरा नंगा हो गया। उसका लंड काले रंग का सीधा ऊपर को तना था और करीब 7 इंच लम्बा और थोड़ा मोटा आगे से नुकीला लेकिन खाल से ढका हुआ था।
यह देख कर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरा लंड भी लगभग उसी के बराबर लेकिन गोरा था क्योंकि मेरे शरीर का रंग गोरा और उसका सावला था। मेरा लंड भी खड़ा था। यह देख कर हम दोनों पता नहीं कैसे अपने आप एक दूसरे से चिपक गए जिससे दोनों के लंड आपस में टकराने लगे और हम दोनों को जाने कैसी मजेदार अनुभूति होने लगी।
दो मिनट के बाद हम दोनों एक दूसरे का लंड हाथों में पकड़ कर सहलाने लगे जिससे लंड के आगे की चमड़ी अपने आप पीछे हो गई और लंड खुल गए। हम लोगों को बहुत मजा आ रहा था। दोनों ने दो-तीन कहानियाँ मस्तराम की पढ़ी थी, अतः ऐसा करते हुए हम दोनों बिस्तर पर पहले बैठ गए फिर अपने आप ही लेट गए अगल बगल और जोरों से एक दूसरे को चाटने लगे और लंड से लंड को धक्के देकर टकराने लगे।
बड़ा ही मजा आ रहा था। हम लोगों को न तो गांड मारना और न ही गांड मरवाना आता था लेकिन इसी प्रकार मजा लेते हुए राम बोला- यार मस्तराम की कहानी में जो पढ़ा है उसे करके देखते हैं।
मैं बोला- ठीक है!
और यह सुनकर राम ने पूछा- क्या तेल है?
क्योंकि कहानी में तेल चुपड़ कर ही लंड को गांड के छेद में घुसेड़ते हैं।
मेरे पास तेल नहीं था लेकिन चेहरे पर क्रीम लगाने का शौक होने के कारण क्रीम की शीशी थी। वो मैंने अलमारी में से निकाल कर उसको दे दी।
राम ने कहा- यार किसी से कहना नहीं! नहीं तो बहुत हँसी भी बनेगी और लोग चिड़ाएंगे भी!
तो मैंने कहा- हम दोनों में कोई नहीं बताएगा! बस अब देर मत करो और मस्तराम की कहानी का प्रैक्टिकल शुरू करते हैं। अब यह बता पहले तू कोशिश करेगा या मैं करूँ?
तो राम ने कहा- यार तू ही कर!
मैंने उसे बिस्तर पर पेट के बल लिटाया और उसकी जांघों के बीच उसके पैर फैला कर इस तरह बैठ गया कि मेरे लंड के सुपाड़े और उसकी गांड के छेद दोनों लगभग एक सीध में आ गये। फिर मैंने शीशी में से क्रीम निकाल कर उंगली से अपने लंड के सुपाड़े और पीछे भी लगाई और थोड़ी क्रीम उंगली से उसकी गांड के छेद के ऊपर लगा दी। फिर थोड़ा आगे बढ़ कर अपना सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रख कर जोर लगाया कि लंड अंदर घुसे। लेकिन वो तो जरा भी अंदर नहीं गया तो राम बोला- चूतिया! खूब जोर से धक्का पेल! तभी तो अंदर जायेगा! मैं अपने हाथों से दोनों चूतड़ पकड़ कर फैला रहा हूँ, तू जोर से ताकत लगा कर घुसेड़ दे!
मैंने आव देखा न ताव! और पूरी ताकत से धक्का मारा तो एक चीख तो राम के मुँह से निकली- हाई दय्या रे मर गया! निकाल जल्दी से निकाल! साले मैं मर जाऊँगा!
और वह मेरा लंड अपनी गांड में से बाहर निकलने को छटपटाने लगा। मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में घुस चुका था। दूसरी चीख हलकी सी मेरे मुँह से निकली क्योंकि पहली बार मेरे लंड से खाल पूरी तरह हट कर बिल्कुल पीछे हो गई थी और लंड राम की गांड की दोनों फांकों के बीच बहुत टाइट फंसा था।राम के छटपटाने से मेरा संतुलन भी बिगड़ गया था जिससे मैं उसकी पीठ पर गिर गया था और राम मेरे वजन के कारण हिल भी नहीं पा रहा था। मैं थोड़ी देर उसी प्रकार लेटा रहा और सोच रहा था कि क्या करूँ, अपना लंड बाहर निकालूँ या दूसरा धक्का मारकर पूरा अंदर कर दूँ!
इस प्रकार चार-पाँच मिनट बीत गए तो राम का छटपटाना बंद हो गया और वो शांति से लेटा था। फिर राम खुद बोला- यार जब प्रैक्टिकल करना है तो पूरा ही कर लेते हैं! जो होगा देखा जायेगा! तू लंड पूरा घुसेड़ दे लेकिन अबकी बार एक धक्के में पूरा घुस जाये क्योंकि तीसरा धक्का खाने की ताकत नहीं है मेरे में!
मैंने शरीर की पूरी ताकत अपने कूल्हों में इकठ्ठा करके जो धक्का मारा तो एक ओर तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड में जड़ तक बैठ गया और दूसरी ओर राम तो चीख कर रोने लगा- यार, मैं तो मर गया! मेरी गांड भी फट गई होगी। अब मैं कल कैसे स्कूल जाऊँगा?
उधर मेरे लंड में भी बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब तो जो होना था वो हो चुका था और मैं उसके ऊपर लेटा था चुपचाप!
थोड़ी देर बाद जब दोनों को शांति हुई तो मैं कहानी में पढ़े अनुसार धीरे धीरे धक्के लगाने लगा तो हम दोनों को तीन चार मिनट के बाद मजा आने लगा। मेरे धक्कों की स्पीड धीरे धीरे अपने आप बढ़ती चली गई और राम भी नीचे से अपने चूतडों को ऊपर उठा उठा कर मेरे धक्कों को बढ़ाने लगा और उसके मुँह से अपने आप निकलने लगा- यार मेरी जान चोद दे, फाड़ दे मेरी गांड! बड़ा मजा आ रहा है! आज तक इतना मजा कभी नहीं आया!
और मैं भी पूरी स्पीड से धक्के लगाता हुआ बोल रहा था- ले मेरी जान, पूरा लंड पी लिया अब और लम्बा कैसे करूँ?
इस प्रकार बातें करते स्पीड बढ़ती गई और अचानक मेरे लंड से गरम गरम लावा सा निकलने लगा और मुझे लगा कि मैं किसी तरह राम की गांड में खुद घुस जाऊँ।
फिर मैं पस्त हो कर राम की पीठ पर लेट गया और राम भी पस्त हो गया था। मेरा लंड भी अपने आप सिकुड़ कर छोटा होकर राम की गांड से फिसल कर बाहर आ गया और उसकी गांड के बाहर गीला गीला सा मेरे लंड से टपकने लगा था।
थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा कि उसकी गांड में से सफ़ेद और लाल तरल निकल रहा था। मैंने कहानी के हिसाब से समझ लिया कि लाल तो गांड के फटने से निकला खून और सफ़ेद मेरे लंड से निकला वीर्य है जिससे राम की गांड लबालब भरी हुई थी, क्योंकि मैं जीवन में पहली बार झड़ा था इसलिए वीर्य बहुत ज्यादा मात्रा में निकला था। लेकिन आनन्द जो आज पहली बार गांड मारने में आया उसे मैं कभी भूल नहीं सकता था और सोच लिया कि अब रोज़ राम की या जो मिल जाये उसकी मारूंगा ज़रूर!
मैंने झाड़-पौंछ करने वाला कपड़ा लिया और राम की गांड को धीरे धीरे साफ किया। अब राम धीरे से उठा तो उसे दर्द हो रहा था, लेकिन वो बहुत खुश था कि गांड मरवाने में इतना मजा आता है तो अब अलग अलग आकार के लंड खोज खोज कर गांड मरवाऊँगा।
दोस्तो, उसके बाद थोड़ी देर हम लोग सेक्स की ही बात करते रहे और मैं राम का लंड सहलाता रहा जिससे वो पूरी तरह से खड़ा हो गया तो मैंने खुद राम से कहा- यार, गांड मारने में बहुत मजा आया और मैं अब रोज़ नई नई गांड मारूँगा! अब तुम मेरी गांड मारो जिससे मुझे उसका भी स्वाद मिल जाये।
यह कह कर मैं पेट के बल बिस्तर पर लेट गया और… दोस्तो बार बार वैसी ही कहानी दोहराने से क्या फायदा!
जिस तरह मैंने उसकी गांड मारी और फाड़ी और जितना दर्द मुझे अपने लंड में अनुभव हुआ उतना ही राम को भी हुआ और मेरी भी गांड फट गई और बहुत दर्द हुआ।
लेकिन दोस्तो, बहुत मजा आया और सोच लिया कि गांड मारना और मरवाना दोनों में बहुत मजा आता है और यदि लंड और गांड बदलती रहे तो कहना ही क्या!
पहले तो हम लोग आपस में ही यह खेल खेलते रहे लेकिन फिर हम लोगों ने अपना दायरा बढ़ाया और बहुत से लोगों को शामिल करके तब तक मजा लेते रहे जब तक पढ़ाई पूरी करके अपने अपने व्यापार में लग गए और शादी न हो गई।
बल्कि शादी के बाद भी जब मौका मिलता अपने दायरे के लोग आपस में मारने-मराने का गेम खेलते रहते थे जो आज भी जारी है।
दोस्तो, बहुत से किस्से हैं! आगे भी लिखता रहूँगा। Hindi Sex Stories
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