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aयह आज से 8 साल पहले की बात है Antarvasna जब मैं बी. कॉम फाइनल इयर में पढता था। हमारे कॉलेज में बहुत लड़कियाँ पढ़ती थी और हमारी क्लास में भी काफ़ी लड़कियाँ थी। लेकिन उनमें दो 2 लड़कियाँ ऐसी थी कि जिन को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मैं सिर्फ़ उनकी तरफ़ देखता रहता था। एक का नाम रितु था और दूसरी श्रुति।
रितु मेरे साथ ज़्यादा खुली थी जबकि श्रुति इतनी नहीं थी। मैं हमेशा उनको चोदने का सोचा करता था लेकिन कभी भी मोका नहीं मिल सका था। एक दिन हमारी क्लास ख़त्म हुई तो हम सब विद्यार्थी नीचे आ गए। कुछ देर बाद मैंने देखा कि रितु और श्रुति ऊपर जा रही हैं। मैंने उनका पीछा किया। वो दोनों क्लास में चली गई और दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं दरवाज़े के साथ लग कर खड़ा हो गया और सोचा कि जैसे ही वो निकलेंगी तो मैं क्लास में अंदर जाने के बहाने किसी एक के बूब्स को हाथ लगा लूँगा।
लेकिन काफ़ी देर गुज़र जाने के बाद जब वो बाहर नहीं आई तो मैंने दरवाज़े से कान लगा लिया। अंदर से कुछ सेक्सी आवाजें आ रही थी- आ आह ह्ह्ह्ह्छ हह ओह हह ह्ह्ह्ह्छ हम मम् म्मम्म।
मैं समझ गया कि कुछ तो हो रहा है। मैं इधर उधर देखने लगा कि कहीं से कोई ऐसी जगह नज़र आए जहाँ से मैं उनको देख सकूं। अचानक मुझे खिड़की में एक छेद नज़र आया और मैं वहां से उनको देखने लगा।
वो दोनों बिल्कुल नंगी थी, उनके कपड़े साइड वाली कुर्सी पर रखे हुए थे और वो लेस्बियन एन्जॉय कर रही थी। रितु श्रुति की योनि चाट रही थी और श्रुति दर्द और सेक्स के मारे आवाजें कर रही थी। जब मैंने उनको ऐसा करते देखा तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया और ऐसा लग रहा था कि अभी अंडरवियर फाड़ कर बाहर आ जाएगा।
श्रुति चीख रही थी- हाँ हाँ ! कर रितु कर ! और तेज़ कर ! फ़टाफ़ट जोर जोर से कर !
कोई 10 मिनट बाद मैंने देखा कि श्रुति की टाइट चूत से एकदम सफ़ेद रस बाहर निकला जो सीधा रितु के चेहरे पर गिरा और रितु उसे मजे से चाटने लगी और श्रुति से कहा कि तुम भी चाटो। श्रुति बिल्कुल मदहोश हो गयी थी।
इसके बाद रितु कुर्सी पर बैठी और श्रुति से कहा कि अब तुम मेरी योनि को चाटो। श्रुति ने जब उसकी टांगों को खोला तो यह देख कर मैं बहुत हो गया कि रितु की चूत खुली थी बिल्कुल ब्लू फिल्मों की लड़कियों की चूत की तरह।
मुझे बहुत हैरत हुई। श्रुति ने रितु से कहा कि तुम्हारी चूत इतनी खुली क्यूँ है, तो रितु ने कहा कि श्रुति ज़ान ! तुम ने आज यह पहली बार किया है, जब तुम रोज़ करोगी और अपनी ऊँगली चूत में अन्दर बाहर करोगी तो तुम्हारी चूत भी ऐसी हो जाएगी और मैं तो रोज़ चुदाई भी करवाती हूँ। अगर तुम हमारे घर आओ तो मैं तुम्हें भी चुदवाऊंगी अपने पड़ोसी से, बहुत मज़ा आता है और मेरी एक इच्छा है कि मेरी चूत इतनी खुल जाए कि मैं अपना पूरा हाथ इस में अंदर ले सकूं।
कोई 8-10 मिनट बाद रितु भी चरमसीमा पर पहुँच गई और वो दोनों अपने कपड़े पहनने लगी कि अचानक मेरे मुंह से आवाज़ निकली और मैं भी झड़ हो गया।
उन्होंने वो आवाज़ सुन ली तो श्रुति ने कहा कि शायद कोई हमें देख रहा था, तो रितु बोली कोई बात नहीं मैं देखती हूँ रितु ने दरवाज़ा थोड़ा सा खोला क्योंकि वो अभी भी नंगी थी और बोली कौन है?
मैंने हिम्मत कर के कहा कि मैं राणा !
तो वो बोली कि क्यूँ आए हो?
मैंने कहा कि अपनी पेन भूल गया था वो लेने आया हूँ।
उस ने कहा ठीक है अंदर आ जाओ !
मैं जैसे ही अंदर गया तो देखा कि वो दोनों अभी तक नंगी थी। श्रुति ने ब्रा और अंडरवियर पहना था जब कि रितु बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसने मुझसे कहा कि मुझे पता था कि तुम ज़रूर आओगे क्यूँकि मैं तुम्हे रोज़ क्लास में देखती थी कि तुम सिर्फ़ हमारी गांड और स्तन को देखते हो लेकिन तुम कुछ कर नहीं सकते थे। मुझसे ज़्यादा तुम इस ब्लैक ब्यूटी श्रुति को पसन्द करते हो, जब वो चलती है तो तुम्हारी नज़र उसके शरीर को घूरती है।
मैं भी तुमको देखती थी लेकिन कुछ कह नहीं सकती थी। आज तुम आए हो तो तुम मेरी और मैं तुम्हारी प्यास बुझाऊंगी। यह कह कर उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं भी उसे किस करने लगा श्रुति हम दोनों को देख रही थी वो बहुत डरी हुई लग रही थी।
मैंने उसको हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया और रितु से कहा कि प्लीज़ तुम मेरा लंड अपने मुंह में ले लो। रितु ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और मैं श्रुति को किस करने लगा। मैंने उसका ब्रा खोल दिया और उसके अनछुए सांवले मुम्मे चूसने लगा वो बेकरार हो रही थी तो मैंने कहा कि तुम भी मेरा लंड चूस कर मज़ा लो।
तो उस ने कहा कि नहीं यह बहुत गन्दा है !
तो मैंने उसको कहा कि देखो रितु कैसे मज़ा ले रही है तुम भी ले लो !
लेकिन वो नहीं मानी तो रितु और मैंने ज़बरदस्ती उस के मुंह में अपना लंड डाल दिया तो उस ने धीरे धीरे चूसना शुरू किया उससे मज़ा आने लगा और वो चूसती रही। 15 मिनट के बाद मैंने उसका मुंह अपनी क्रीम से भर दिया तो रितु जो श्रुति की चूत को चाट रही थी अचानक ऊपर उठी और क्रीम उसके मुंह से अपने मुंह में लेने लगी।
अब मैं उन दोनों को चोदना चाहता था तो मैंने रितु से कहा कि मैं पहले श्रुति को चोदना चाहता हूँ !
तो उसने कहा कि वो अभी कुँवारी है बहुत मुश्किल है यहाँ !
लेकिन मैंने कहा कि प्लीज़ !
तो उस ने कहा ठीक है लेकिन श्रुति के मुंह पर कोई कपड़ा बांधो तो मैंने उसका ब्रा उसके मुंह पर बाँध दिया और अपना 7.5′ इंच का लंड उसकी चूत पर रख दिया और आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने लगा, उसे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर आहिस्ता आहिस्ता मैंने ज़ोर लगाना शुरू कर दिया।
आहिस्ता आहिस्ता मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जा रहा था और वो अपने हाथों से मेरा लंड हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मैंने उस के हाथ पकड़ कर एक ज़ोरदार धक्का लगाया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। वो एक दम ऊपर उठी और नीचे गिर गयी। वो बेहोश हो गयी थी, उसकी चूत से खून बहने लगा था।
अब हम दोनों भी परेशान हो गए कि इसको होश में कैसे लाएं। वहाँ पर पानी भी नहीं था। मैंने रितु से कहा कि अब क्या किया जाए तो रितु ने कहा- तुम मेरे मुँह में पेशाब करो, मैं तुम्हारा पेशाब श्रुति पर छिड़कती हूँ।
मैंने अपना लण्ड श्रुति की चूत से निकाल कर रितु के मुँह में डाल दिया और पेशाब कर दिया। अभी रितु ने थोड़ा ही पेशाब छिड़का था कि श्रुति होश में आ गई। रितु ने बाकी पेशाब पी लिया और बोली- वाह ! क्या स्वादिष्ट पेशाब है तुम्हारा !
श्रुति ने और चुदाई से मना कर दिया और कहा कि आज़ बहुत दर्द हो रहा है। लेकिन रितु ने उसे समझाया कि पहले दर्द होगा फ़िर मज़ा आएगा।
बड़ी मुश्किल से वो मानी तो मैंने फ़िर अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा। अब उसे मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि श्रुति की चूत से क्रीम बाहर निकल रही है तो मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और 25 मिनट बाद मेरी क्रीम श्रुति के मुँह में थी। मैं भी तीन बार झड़ चुकने के बाद काफ़ी कमजोरी महसूस कर रहा था इसलिए रितु से कहा कि तुम्हें कल करूंगा। तो वो बोली- नहीं एक बार तो आज ही करो !
मेरा लण्ड बिल्कुल ढीला हो गया था और उसने चूस कर उसको दोबारा तैयार किया तो मैंने रितु को भी चोदा और जब उसे चोद रहा था तो श्रुति बोली- प्लीज़ ! मुझे दोबारा करो !
तो मैंने उसको भी दूसरी कुर्सी पर बिठा कर उसकी टांगें ऊपर कर ली।
अब थोड़ी देर श्रुति और थोड़ी देर रितु को चोद रहा था और कोई 35 मिनट के बाद मैंने अपनी क्रीम रितु की चूत में ही निकाल दी।Antarvasna
सबसे पहले सभी Hindi Porn Stories प्यासी चूतों को मेरे लण्ड का सलाम !
मेरा नाम राजेश कुमार है, मैं आप सब प्यासी चूतवालियों का अपने ७ इंच के खड़े लण्ड के साथ आप लोगों का स्वागत करता हूँ !
मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैं २४ साल का नवयुवक हूँ मेरा कद १७५ सेमी और मेरा वजन ६५ किलो है और मैंने बहुत साहस करके अपनी खुद की वास्तविक कहानी आप लोगों का बता रहा हूँ।
वैसे आप सब लोगों को बता दूँ कि मैं एक नम्बर का चूत का चुस्सू हूँ, मुझे चूत चाटने, चूसने और उसका रस पीने में बड़ा मजा आता है। वैसे मैं एक कॉल बॉय बनना चाहता हूँ।
मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ और अभी गांधीनगर, गुजरात में रह रहा हूँ, गांधीनगर में मैं एक सिक्योरिटी कम्पनी में नौकरी करता हूँ और हर ३-४ महीने बाद घर जाता हूँ।
अभी मैं अपनी कहानी पर आता हूँ, मैं अपने परिवार के साथ गाँव में रहता था, मेरे घर के पिछवाड़े में एक परिवार रहता है। उस घर में एक बड़ी सेक्सी औरत रहती है, उसका नाम श्वेता है। उसका साईज ३६ इंच, ३२ इंच, ३८ इंच है।
उसका पति फौज में है, मैंने उस औरत को कैसे चोदा और कब चोदा इस कहानी में बताउंगा।
यह बात उन दिनों की है, जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता था, तब मेरी उम्र १८ साल और ६ महीने थी।
जब मैं दोपहर को स्कूल से आता तो हमारे घर पर कोई नहीं होता था, एक दिन मैं स्कूल से जब घर आया तो मेरा घर बंद था तो मैं अपने पिछवाड़े की तरफ गया तो देखा कि श्वेता नीम के पेड़ के नीचे आधी नंगी होकर नहा रही है।
जैसे ही मैंने उसे देखा मेरा तो लंड उसकी ३६ इंच की चूची देख के खड़ा हो गया, हमारे पिछवाड़े में एक छप्पर है जिसमें हमारी भैंसें बंधती हैं, मैं उस छप्पर में घुस गया और उसकी तरफ देखा तो श्वेता मेरी तरफ ही देख रही थी। तो मैंने उसे दिखाते हुए अपनी पैन्ट उतारी और उसे नहाता देखते हुए मुठ मारने लगा, अब वो अपने बदन पर साबुन लगा रही थी और तिरछी नजर से मेरे ७ इंच लंड को मुझे मुठ मारते हुए देख रही थी, लेकिन वो जैसे ही मेरी तरफ देखती, मैं छप्पर की दीवार कर आड़ में हो जाता। पर उसे पता था कि मैं उसे नहाते देख के मुठ मार रहा हूँ।
अब वो अपना पेटीकोट ऊपर करके अपनी जांघों पर साबुन लगा रही थी मुझे उसकी जांघें साफ दिखाई दे रही थी। मैं उसे नहाते हुए देख मुठ मार रहा था और वो कभी अपनी चूचियों को दबाती कभी अपनी जांघों को सहलाती और अचानक उसने अपना पेटीकोट ऊपर उठाया और अपनी चूत पर साबुन मलने लगी। अब मेरे हाथ की स्पीड बढ़ गई थी और मैं झड़ने लगा।
मैंने अपनी पैन्ट पहनी और छप्पर से बाहर निकल कर घर का पिछला दरवाजा खोल अन्दर जाते हुए उसे देखा तो वो मेरी तरफ ही देख रही थी और मुझे अपनी ओर देखते हुए देख के मुस्करा गई।
अब तो मैं उसे रोज उसे नहाते देखता हुआ मुठ मारने लगा और अब मैं धीरे-२ खुल के मुठ मारते हुए नहाते देखता और वो मुझे देखती हुई नहाते हुए अपनी चूची दबाती।
एक महीने बाद मेरी माँ और मेरा छोटा भाई मेरे मामा के घर गये तो मेरी माँ श्वेता को मेरे खाने के बारे में बता के गई क्योंकि मुझे खाना बनाना नहीं आता था।
जब मैं स्कूल से घर आया तो श्वेता ने मुझे बताया कि मेरी माँ मेरे मामा के घर गई है और आज से वो मुझे खाना खिलायेगी।
तो मैंने कहा- ठीक है !
उसने कहा- तुम आज शाम ७ बजे खाना खाने आ जाना !
फिर मैंने खाना खाया और फिर पिछवाड़े में आ गया तो श्वेता ने कहा- मैं नहा लेती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है !
और मैं अपने छप्पर की ओर जाने लगा तो श्वेता ने कहा- वहाँ जाने की कोई जरूरत नहीं है, तुम यहीं बैठ के मुझे नहाते हुए देखो।
मैंने कहा- मैं तो कभी आपको नहाते हुए नहीं देखता !
तो वो बोली- मैं तुम्हें रोज देखती हूँ ! तुम रोज मुझे देखते हुए वहाँ छप्पर में मुठ मारते हो और अब झूठ बोल रहे हो !
तो मैंने कुछ नहीं कहा और वहीं बैठ गया, वो अपने कपड़े खोलने लगी और मुझसे पूछने लगी- तुझे मेरी कौन सी चीज बहुत अच्छी लगती है?
तो मैंने कहा- मुझे तो तेरी चूचियॉं बहुत अच्छी लगती हैं !
उसने कहा- तो फिर यहाँ आओ और इन्हें अच्छी तरह देखो !
मैं डरते हुए उसके पास गया और देखने लगा तो उसने डाँटते हुए कहा- इन्हें जोर-२ से दबाओ !
और मैंने उसकी दोनों चूचियों को जोर-२ से दबाना शुरू कर दिया।
फिर श्वेता ने मुझ से पूछा- राजेश क्या तूने कभी किसी को चोदा है या किसी को चुदाते हुए देखा है आज तक?
तो मैंने मना कर दिया।
तुम चुदाई के बारे में कुछ जानते हो क्या?
मैंने जवाब दिया- मैं चुदाई के बारे में कुछ नहीं जानता हूँ !
तो श्वेता कहने लगी- तुम आज रात हमारे घर ही सोना, आज मैं तुम्हें सब सिखाउंगी कि चुदाई कैसे करते हैं और चुदाई का कैसे मजा लेते हैं !
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि आज जमके चोदने को मिलेगा।
फिर मैं शाम को ७ बजे श्वेता के घर गया तो श्वेता सज धज के बैठी थी।
यारो, मैं तुम लोगों को बताना भूल गया था कि श्वेता के दो बच्चे भी हैं एक लड़का ३ साल का और एक लड़की १ साल की !
उसने पहले अपने बच्चों खिला के सुला दिया, फिर हम दोनों ने खाना खाया और टीवी देखने लगे। उस समय पर ये सीडी प्लेयर नहीं चले थे। श्वेता के घर में एक पुराना वीसीआर था तो श्वेता ने अपने वीसीआर में एक कैसेट लगाई और बोली- आज तुझे सब कुछ सिखा दूंगी !
थोड़ी देर में जब कैसेट चली तो उसमें दो लड़कियाँ एक लड़के को नंगा कर रही थी, एक ने उसकी शर्ट निकाली और एक ने पैन्ट ! जिस लड़की ने उसकी पैन्ट निकाली, उसने उसकी अण्डरवीयर निकाली और लण्ड पकड़ कर उसे चूसना शुरू कर दिया।
अचानक श्वेता ने मुझे खड़ा कर के मेरी भी पैन्ट निकाल के मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया तो मुझे ऐसे लगा जैसे मैं स्वर्ग में पहुंच गया हूँ और श्वेता मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर लाकर बोली- अब इन्हें जोर-जोर से दबाओ और चूसो भी !
तो मैं उसकी चूचियों को दबाने और चूसने लगा। थोड़ी देर बाद हम एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। फिर श्वेता ने मुझे टीवी की ओर इशारा किया कि देखो वो लड़का कैसे उन लड़कियों की चूत चूस रहा है ! तुम भी मेरी चूत भी ऐसे ही चूसो !
फिर मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया, मैंने देखा कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना है और मुझे उसकी झाँटों से छिपी चूत नजर आने लगी। पहले मैंने उसकी चूत को चूमा और अपनी जीभ चूत के अन्दर डाल दी और चूसने लगा- वाह ! क्या स्वाद था उसकी चूत का ! थोड़ा नमकीन थोड़ा खारा ! मुझे तो मजा आ गया चूत चूसने में, श्वेता जोर-जोर से आ़ऽऽऽ….. और जोर सेऽऽ चूसोऽऽ ! और जोर….. से चूसो ….. बड़ा मजा आ रहा है ….. आह ….. ओह …… अब मैं झड़ने वाली हूँ ….. आह ……. ओर जोर से …….. आह …..मैं गई…..
और अचानक उसकी चूत का रस बुरी तरह बहने लगा तो श्वेता ने मुझसे कहा- मेरा रस पीओ !
तो मैं उसका पूरा चूत-रस पी गया, वो भी मेरा लण्ड बड़े प्यार से चूस रही थी।
श्वेता के झड़ने के थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य भी निकलने लगा तो श्वेता मेरा पूरा वीर्य पी गई और कहने लगी- राजेश, मैंने आज तक तेरे वीर्य जैसा गाढ़ा और स्वादिष्ट वीर्य किसी का नहीं पिया !
फिर मैंने कहा- श्वेता, मुझे झांटों वाली चूत अच्छी नहीं लगती, और फिर टीवी की ओर इशारा करके बोला- मुझे उन लड़कियों की तरह सफाचट और साफ चूत पसंद है !
तो श्वेता बोली- मेरे राजा, तुम्हें थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, मैं शेविंग का सामान लाती हूँ ! तुम मेरी चूत की शेव कर दो ! फिर दबा के चोदना !
मैंने कहा- हाँ यह ठीक रहेगा !
फिर वो शेविंग का सामान ले आई।
मैंने उसकी उसकी चूत पे शेविंग क्रीम लगाई और ब्रश को रगड़ने लगा। ब्रश के मुलायम बाल जब चूत के अन्दर गुदगुदी करते तो श्वेता आह…… ओह …… करने लगती। फिर जब खूब झाग बन गये तो मैंने रेजर लिया और शेव करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद चूत चमकने लगी और मैं दोबारा चूत चाटने लगा तो श्वेता बोली- क्या चूत ही चाटते रहोगे या चोदोगे भी !
मैं बोला- मुझे तो चोदना आता ही नहीं है !
श्वेता बोली- चोदोगे तभी तो चोदना सीखोगे ! चूत ही चाटते रहोगे तो चाटना ही सीखोगे।
फिर श्वेता चारपाई पर लेट गई और बोली- मेरे राजा यहाँ आओ और अपना यह मूसलचंद मेरी इस ओखली में डाल के दबा के कुटाई करो !
तो मैं बोला- मेरी चुद्दो रानी ! मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया कि तुम क्या बोल गई ?
तो वो हंस के बोली- मेरे बुद्धू चोदू राजा ! अपना यह लम्बा लण्ड मेरी इस में घुसा दो !
और उसने अपनी टाँगें फैला दी, मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पे रख कर धक्का मारा तो लण्ड फिसल के साईड में चला गया तो श्वेता बोली- मेरे प्यारे चोदू राजा, यह ऐसे ही अन्दर चला जाता तो हर आदमी चोदू बन जाता !
और फिर अपने हाथ से मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगाया और बोली- अब मारो धक्का, जोर से मारना कि पूरा लण्ड एक ही झटके में चूत को फाड़ के अन्दर चला जाये और फिर धुँआधार झटके मारना, मेरे दर्द की परवाह मत करना !
फिर मैने एक जोर का झटका मारा और पूरा लण्ड एक ही झटके में चूत के अन्दर पेल दिया, श्वेता जोर से चिल्ला पड़ी- आह ……… थोड़े धीरे, साले मारेगा क्या ………..
मैंने कहा- तुम ही तो बोली थी कि जोर से पेलना !
इतने जोर से पेलने को थोड़े ही बोला था ?
तो मैं रुक गया।
वो बोली- रुक क्यों गया साले?
तो मैं बोला- साली कभी रुकने को बोलती है कभी चोदने को !
तो वो बोली- कि मैंने तुझे पहले कहा था कि मैं कुछ भी बोलूँ तू रुकना मत ! जोर-जोर से धक्के मारते रहना ! तो तू रुका क्यों? अब जोर -जोर से धक्के मारते हुए चुदाई कर !
और चूचियों को भी खूब दबा और चूस !
तो फिर मैंने राजधानी मेल की तरह धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। ३० मिनट तक दबा के चुदाई चली। इस दौरान श्वेता ३ बार झड़ी और जब मैं झड़ने वाला थ तो मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है !
तो श्वेता बोली- राजा तुम अपना ये अमृत मुझे पिलाना ! मेरी चूत को मत पिलाना !
तो मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और वो मेरा पूरा वीर्य गटागट पी गई। उस रात उसने मुझे अलग-अलग आसनों से चोदना सिखाया और फिर हम रोज चुदाई करते ! जब उसका पति छुट्टी आता तो हम छुप के चुदाई करते।
फिर एक बार उसकी बड़ी बहन की लड़की उसके घर आई तो मैंने उसे भी चोदा ! उसका नाम बीरबती था, वो १९ साल की थी और उसके जेठ की लड़की विमला को कैसे चोदा और विमला की गांड कैसे मारी ये आपको अगली कहानी में बताउंगा !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, कृपया मुझे मेल करें ! Hindi Porn Stories
मेरा नाम मनीष है और मैं मुम्बई में Antarvasna रहता हूं ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी है जब मैं कुछ १८ या १९ साल का था मेरे बाजु में लड़का रहता था और उस का नाम इसमाइल था और उसकी शादी हो गई और वो कपड़े व्यापार करता था इसलिये वो हफ़्ते में एक दो बार आउट ऑफ़ मुंबई जाता था और उसकी बीवी बहुत सेक्सी लगती थी। मैं उसकी बीवी के पास पढ़ाई करने जाता था, एक दिन मैने पढ़ाई करने के लिये उसके घर गया उसका दरवाजा बंद था मैं ने दरवाजा ठोका लेकिन दरवाजा नहीं खुला। मैं ने और जोरसे ठोका तो उसने बोलामनीष रुको मैं आ रही हूं मैं थोड़ी देर रुका और उसने दरवाजा खोला, मैं फिर अंदर चला गया और उसका पति आउट ऑफ़ मुंबई गया हुआ था तो मैं ने बोला भाभी भाई कहा गये हैं तो भाभी ने बूला आउट ऑफ़ मुंबई तुम को क्या करना है मैं ने कहा कुछ नहीं उसने मुझको डांटा और बोला बेग खोलो और पढ़ो मैने चुपचाप बेग खोलके पढ़ने लगा उसने कहा रुको मैं फ़्रेश हो कर आती हूं
और वो बाथरूम में चली गई और फ़्रेश होने लगी जब मुझको सेक्स के बारे में कुछ नहीं मालुम था और वो फ़्रेश होते होते कहामनीष टेबल पर मेरे कुछ कपड़े हैं वो ला दो मैं उठा और कपड़े उठाया और ले गया तो उसने बोला अंदर आके मुझको दे दो मैं ने कहा नहीं भाभी यहां से ले लो भाभी ने कहा के मैं नहीं शर्मा रही हूं तो तुम क्यों शर्मा रहे हो मैं ने अंदर जाकर उसके कपड़े दे दिये तो उसने कहा के मेरे पीठ पर साबुन मल दो मैं ने साबुन लिया और मलने लगा और वो पूरी नंगी थी।
मुझसे उसने कहा के तुम इसका मतलब जानते हो मैं ने कहा किस का उसने अपने बूब्स पकड़ के कहा के इसका, मैं ने कहा नहीं तो उसने कहा के तुम सेक्स का मतलब जानते हो मैं ने कहा नहीं तो उसने कहा के आज मैं तुम को सेक्स के बारे में पढ़ाउंगी मैं ने कहा वो क्या होता है तो उसने कहा अभी जान जाओगे और मेरे सारे कपड़े उतारने को कहा मैं ने कहा नहीं उसने मुझको एक चांटा मारा कहा के मैं बोल रही हूं न तुम को सेक्स कर न सीखना है या नहीं तो मैं ने कहा हां सीखना है तो उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझसे कहा के मेरे बूब्स दबाओ मैं ने दबाना शुरु किया तो वो बोली आप मेरे पैंटी उतारो मैं ने उतार दिया और उसकी चूत देखता रह गया और बोला ये क्या है और मेरा लंड नाचने लगा भाभी ने कहा के देखा तुम्हारा बाम्बो कितना बड़ा हो गया है तो मैं ने बोला आब इसका क्या करोगी भाभी ने कहा मेरे मुंह में डाल दो मैं ने उसके मुंह में डाला और भाभी चूसने लगी मुझको अजीब सा महसूस हुआ और मेरा लंड तन गया अब मुझको जोश चढ़ रहा था भाभी ने कहा इस पर साबुन लगा दो और मेरी चूत पर भी मैं ने लगाना शुरु किया भाभी ने कहा कि मेरी चूत में डाल दो मैं बहुत कोशिश की लेकिन मेरा लंड उसकी चूत में नहीं गया फिर भाभी बोली के रुक जा फिर भाभी गई।
फिर मस्का ले कर आई थोड़ा सा मेरे लंड पर लगाया और थोड़ा सा अपनी चूत में डाल दिया फिर मैं ने कहा भाभी अब क्या करुं तो भाभी ने कहा मेरे चूत पर अपना लंड रख और जोर से धक्का दे दे तो वैसा ही किया तो मेरा लंड उसकी चूत में थोड़ा सा घुस गया भाभी ने कहा एक और धक्का लगा तो भाभी जोर से चिल्लाई तो मैं डर गया और कहा कि सोरी भाभी ने मेरे बाल पकड़ कर कहा तु अब नहीं जायेगा और भाभी मुझसे चुदाने लग गई थी फिर मुझको अजीब सा महसूस हुआ तो मैं ने भाभी को कहा की भाभी मुझको कुछ हो रहा है तो भाभी ने कहा तेरा लंड निकाल दे और मैने निकाला और उसने कहा के मेरे मुंह में डाल दे मैं ने बोला था थोड़ी देर में मेरे लंड में से कुछ निकला तो मैं ने कहा कि ये क्या है तो भाभी ने कहा के ये तेरे लंड का शहद है फिर मेरा लंड छोटा हो गया था तो भाभी ने कहा कि अब तुम सेक्स के बारे में सीख गये हो तो मैं ने कहा हां तो फिर रात को आना गांड मारना सीखना मैं ने कहा ठीक है भाभी फिर मैं घर चला गया अब मैं हफ़्ते में एक दो बार उसको चोदता हूं और वो भी मुझसे चुदवाती है! अब दोस्तो मैं अपनी दूसरी रियल स्टोरी जल्द ही बताउंगा के भाभी की बहन के बारे में बाय बाय। Antarvasna
हाय दोस्तो, मेरा नाम उमेश है, मैं हैदराबाद Antarvasna में रहता हूँ, मैं अन्तरवासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. अभी मेरी उमर 37 साल है.
आज मैं आपको मेरी जिंदगी की मजेदार दास्ताँ बताना चाहता हूँ. यह करीब 10 बरस पहले की सच्ची कहानी है.
मैं अपने भाई बहनों में सबसे छोटा हूँ. उस समय मेरी भतीजी कोमल जिसकी उम्र उस वक्त करीब 18 साल होगी, उसका कद करीब 5 फुट 4 इंच है, बचपन से मैं उसे गोद में खिलाता आ रहा था, वो बचपन से रात को वो ज्यादातर मेरे साथ ही खेलते खेलते चिपक कर सो जाती थी, उस वक्त तो मुझे कुछ खास महसूस नहीं होता था. लेकिन जब उसके बूब्स करीब संतरे के आकार के हो गए तो रात को जब वो चिपक के सोती तो मेरी हालत ख़राब हो जाती.
हालाँकि तब तक मैं कई लड़कियों को चोद चुका था, तथा कइयों की तो सील भी मैंने ही तोड़ी थी, क्योंकि हमारा बिजनेस ही ऐसा था, हमारा रेडीमेड कपड़े बनाने का कारखाना है और हमारे यहाँ मशीनो पर सिर्फ़ लड़कियाँ ही काम करती हैं, हम ज्यादातर कुंवारी लड़कियों को ही काम पर रखते हैं, क्योकि एक तो कम पगार पर मिल जाती थी तथा दूसरे शादी होने पर अपने आप साल दो साल में काम छोड़ कर चली जाती थी. ज्यादातर हमारे यहाँ 18-20 साल की लड़कियाँ काम करती थी.
खैर ये कहानियाँ मैं आपको बाद मैं लिखूंगा, तो मैं बता रहा था कि रात को जब मेरी भतीजी मुझे चिपक के सोती तो उसके बूब्स मेरे सीने में दब जाते थे, उसे इस बारे में पता था या नहीं लेकिन इस हरकत से मेरा 7″ लंबा हथियार खड़ा हो जाता और मुझे डर रहता कि कहीं उसका हाथ या पैर मेरे लंड को छू न जाए.
एक रात को जब उसे नींद आ चुकी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके एक बूब्स पर रख दिया उसके बूब्स कमाल के सख्त थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिय. थोड़ी देर बाद मैंने उसकी नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और शमीज के ऊपर से उसके बूब्स को काफी देर तक दबाता रहा, उसने कोई हरकत नहीं की. इससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं हुई आख़िर मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया.
दूसरे दिन रात को फ़िर में उसके सोने का इंतजार करने लगा कि अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख लिया और नींद में होने का नाटक किए हुए सोती रही. मुझे समझ में आ गया कि कल रात को उसे सब कुछ मालूम हो चुका था, फ़िर क्या था मैंने उसके नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और देख कर हैरान रह गया कि आज उसने अन्दर शमीज ही नहीं पहनी थी. मेरे हाथ सीधे उसके अनछुए बूब्स पर थे, उसके छोटे छोटे पिंक कलर के निप्पल देख कर मेरे तो होश उड़ गए. उस रात मैंने उसके बूब्स को खूब मसला और मुँह में लेकर चूसा भी लेकिन वो सोती रही.
मैंने धीरे से उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे लगा जैसे फूली हुई गद्दी पर हाथ रखा हो, मैंने धीरे से उसके पजामे के अन्दर हाथ डालने की कोशिश की तो वो दूसरी तरफ़ करवट बदल कर ओढ़ कर सो गई, आख़िर उस दिन भी मैंने मूठ मार कर अपने को शांत किया और सो गया.
अगले दिन से उसका व्यव्हार मेरे साथ कुछ बदल सा गया और वो बार-बार चाचू-चाचू कहकर मेरे साथ चिपकने लगी, मैं समझ गया कि अब इसको चोदने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लेकिन मौका हाथ नहीं लग रहा था क्योंकि उसी कमरे में मेरे पिताजी भी सोते थे, इसलिए केवल बूब्स दबाकर तथा चूत ऊपर से दबाकर ही संतोष करना पड़ता था, अब तक हम खुल गए थे लेकिन हर बार वो इससे आगे बढ़ने के लिए मना कर देती.
आख़िर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया, भइया व भाभी शादी में मुंबई गए थे, पिताजी कारखाने में चले गए, घर पर सिर्फ़ मैं और कोमल ही थे. सुबह 10 बजे का वक्त होगा, पिताजी के जाने के बाद जब वो नहाने जा रही थी तो मैंने उसे पकड़ लिया और चूमने लगा. तो वो बोली चाचू मुझे छोड़ो! मुझे नहाना है! मैंने कहा चलो आज साथ नहाते हैं, तो वो शरमा गई, क्योंकि आज तक हमने रात में ही सब कुछ किया था. मैं उसके साथ बाथरूम में घुस गया और उसके कपड़े उतारने लगा. वो न ना करती रही लेकिन मैंने उसकी पेंटी छोड़ कर सब कपड़े उतार दिए और अपने भी अंडरवियर छोड़कर सब कपड़े उतार दिए.
वो शरमा रही थी लेकिन मैंने उसकी एक चूची एक हाथ में तथा दूसरी मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा.
मैंने जैसे ही उसकी पेंटी को हाथ लगाया, उसने कहा- चाचू, ये सब नहीं!
लेकिन मैं जानता था कि आज मौका है, जो करना है आज ही कर लेना है!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा!
और जबरन उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत पर नरम नरम रोयें जैसे छोटे छोटे बाल आना शुरू ही हुए थे, मैंने देखा उसकी फूली हुई चूत पूरी तरह गीली हो रही थी. मैंने उसकी पेंटी उतार दी तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत को देखा और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे सर को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया.
मैंने उसे कहा- चलो अन्दर बेडरूम में चलते हैं.
वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसे उठाया और अन्दर कमरे में बिस्तर पर ले आया. उसने आँखे बंद कर रखी थी, मैंने अपना अंडरवियर उतारा और उसकी बगल में लेट गया. धीरे धीरे उसकी चूत सहलाते हुए मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया, उसने उसे पकड़ लिया लेकिन कुछ कर नहीं रही थी. मैंने उसे लंड मुंह में लेने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.
मैंने फ़िर उसकी चूत चाटते हुए एक अंगुली उसकी चूत में डाल दी. उसने धीरे से उफ़ किया लेकिन कुछ बोली नहीं, मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा, धीरे धीरे उसे भी मजा आने लगा. फ़िर मैंने उठ कर अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और उसके पैरों को चौड़ा करके बीच में बैठ गया. वो आँखे बंद करके पड़ी रही. मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया ही था कि वो बोली- चाचू दर्द हो रहा है.
जबकि लंड तो अभी पूरा बाहर ही था.
खैर मैंने थोड़ी देर उसके बूब्स दबाये और फ़िर थोड़ा जोर लगाया वो फ़िर बोलने लगी- दर्द होता है.
उसकी चूत इतनी टाईट थी कि लंड का टोपा भी अन्दर नहीं घुस रहा था, मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे बातों में लगाया तथा उसे कहा कि वो जोर से मुझे बाँहों में भर ले. जैसे ही उसने मुझे बाँहों में लिया, मैंने पूरी ताकत से शोट मारा उसके मुँह से चीख निकल गई मेरा आधा लंड मेरी भतीजी की कुंवारी चूत में घुस चुका था, वो नीचे छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसे जकड़ रखा था, वो रोने लगी और कहने लगी चाचू आप बहुत गंदे हो, आगे से मैं आपके पास कभी नहीं आऊँगी. मैंने अपना लंड और आगे नहीं दबाया और उतने ही लंड से उसको चोदता रहा.
धीरे धीरे उसे भी अच्छा लगने लगा, उसकी बाहें फ़िर मेरी पीठ पर कस गई, जैसे ही उसने अपनी पकड़ टाईट की, मैंने एक जोरदार शोट पूरा लंड बाहर निकाल कर लगा दिया. उसके मुँह से हिचकी सी निकली और वो फ़िर रोने लगी लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था. मैं उसको पूरी ताकत से चोदे जा रहा था. करीब 10 मिनट बाद उसने मुझे फ़िर बाँहों में भर लिया और अपनी टांगे और चौड़ी कर ली.
अचानक उसकी चूत मेरे लंड को भींचने लगी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपक गई. मैं भी आने वाला था, मैंने झटके से अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना सारा माल उड़ेल दिया. मेरा लंड बुरी तरह दर्द कर रहा था तथा खून से लाल हो रहा था. 5 मिनट तक हम वैसे ही बेड पर पड़े रहे. जब उठने लगे तो कोमल उठ नहीं पा रही थी.
जब हमने बेड की तरफ़ देखा तो हमारे होश उड़ गए पूरी बेडशीट लाल हो चुकी थी, यह देख कोमल घबरा गई और फ़िर रोने लगी, मैंने उसे समझाया और चद्दर बदली, मैंने उसकी चूत पर नहाने के बाद रुई लगाई उससे चला नहीं जा रहा था, मैंने उसे पेनकिलर गोली दी, शाम तक काफी आराम हो गया, उसके बाद 4 दिन तक उसने मुझे हाथ भी नहीं लगाने दिया, लेकिन पांचवे दिन के बाद हमारा खेल फ़िर शुरू हो गया जो करीब 7 साल तक उसकी शादी तक चला.
इसके अलावा मैंने काफी लड़कियों की सील तोड़ी है जिसकी कहानी अगली बार! Antarvasna
सभी पाठकों और आँटियों को Antarvasna राजू के लण्ड का सलाम। अन्तर्वासना में यह मेरी पहली कहानी है। मैं बचपन से ही सेक्स के लिए उतावला रहा हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बी. कॉम प्रथम वर्ष में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक दम्पत्ति रहने आया। उनकी शादी हुए चार-पाँच साल ही हुए थे। मेरा उनसे मेल-जोल होने लगा। मैं उनको भैया और भाभी कहता था। मेरा उनके घर आना-जाना शुरू हो गया
एक बार भैया ने रात को दस बजे मुझे फोन किया कि मैं उनके घर आउँ। मैं तुरन्त उनके घर गया तो भैया ने कहा उनको बस-स्टैण्ड जाना है, उनको रात को किसी ज़रूरी काम से दिल्ली जाना था। भैया ने कहा कि तुम्हारी भाभी को डर लगता है इसलिए हो सके तो तुम रात को हमारे घर पर ही सो जाना।
मैंने कहा – ठीक है।
मैं आधे घण्टे में उनको बस-स्टैण्ड पहुँचा कर वापस भाभी के पास आ गया। भैया की माँ भी उस दिन बाहर गई हुईं थीं।
भाभी को मैंने कहा कि वो अन्दर बेडरूम में सो जाये, मैं बाहर ड्राईंगरूम में सो जाता हूँ। भाभी ने कहा कि ठीक है। भाभी ने मुझे जान-बूझकर पतली सी चादर दी ताकि मुझे ठंड लग जाए। करीब आधे घण्टे में वो पानी पीने के लिए बाहर आई तो मैं ठण्ड से सिकुड़ रहा था। भाभी ने कहा कि ठण्ड लग रही है तो अन्दर सो जाओ। मैं तैयार हो गया। अन्दर केवल एक डबल बेड पलंग था। भाभी ने कहा कि यहीं सो जाओ। मैं थोड़ा सकुचाया। फिर मैं भी वहीं सो गया। करीब आधे घण्टे बाद मैंने पाया कि भाभी की एक टाँग मेरी टाँगों पर आकर लगी। टाँग पर से साड़ी ऊपर हो गई थी और भाभी की गोरी-गोरी मादक जाँघें मुझे मखमल की तरह लग रही थीं। मैंने भी धीरे से अपनी टाँग भाभी की टाँगों पर रख दीं। मेरे आठ इंच का मूसल खड़ा होने लगा। मैंने धीरे-धीरे टाँगों को रगड़ना शुरू किया तो भाभी ने भी जवाब दिया। मुझे हरी झंडी मिल गई।
फिर धीरे-धीरे मैं भाभी के पास आता गया और मैंने भाभी की चूचियों पर अपना हाथ रख दिया तो भाभी सोने का नाटक करने लगी। अब मैंने भाभी की मादक, रसीली और भरी-भरी चूचियों को हल्के-हल्के दबाना शुरू किया। अचानक भाभी जाग गईं और कहने लगीं कि ये तुम क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे नींद में पता नहीं चला, सॉरी। मैं उठकर बाहर सोने के लिए जाने लगा तो भाभी ने कहा नहीं यहीं सोना है।
भाभी ने मुझे एक भद्दी सी गाली मादरचोद कहा और कहा कि लण्ड खड़ा करने की हिम्मत है पर डालने की नहीं। मैंने भाभी से कहा कि लण्ड तो आपने ही खड़ा किया था। भाभी हँसने लगीं। भाभी उठीं और रसोई से जाकर गरमा-गरम दूध लेकर आईं, फिर हमने दूध पिया। फिर कहा कि सर्दी बहुत है, मैंने कहा कि अभी सर्दी भगा देता हूँ।
भाभी बोली- तो देर क्यो कर रहे हो।
मैंने भाभी को पलंग पर ही पटक दिया और उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया और उनकी पैण्टी में हाथ डाल दिया। अचानक मुझे लगा कि जैसे कि मैंने कोई भट्ठी में हाथ डाल दिया है। मैंने भाभी की फूली हुई ब्रेड की माफ़िक रसीली चूत को मसलना शुरू किया। भाभी आआआआआ… आआआआ… श्श्श्श्शस्स्स्स्ससी श्सस्स्स्सी… करने लगी। फिर मैंने भाभी की ब्लाउज़ खोल दी और उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया। मैंने भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ और होठों से चूमा। फिर मैंने बाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की। भाभी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और अचानक ही उनकी चूत से कुछ रस बहने लगा।
मैंने भाभी से पूछा- ये क्या है?
भाभी ने कहा- मादरचोद, गाण्डू, चाट इसको।
मैंने रस को चाटा तो काफी गरम और टेस्टी था। भाभी ने अब मेरे मूसल को हाथ में लेकर मुट्ठ मारनी शुरू कर दी, थोड़ी देर में मुझे लगा कि अब मेरा रस निकलने वाला है तो मैंने भाभी को कहा कि मेरा निकलने वाला है तो भाभी ने उसको अपने मुँह में लिया और सारा रस पी गई।
१५ मिनट के बाद लण्ड फिर से खड़ा होने लगा क्योंकि भाभी अपनी चूत के बाल साफ कर रही थीं, और मैं उनको देख रहा था, मैंने भाभी से पूछा – कि भाभी आप तैयार हो? तो भाभी ने कहा- मेरे चोदू, आ जा ! चोद दे !
मैं सीधे ही भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपना ८ इंच का मूसल उसकी चूत में डाल दिया, मूसल जाते ही भाभी दर्द के मारे छटपटाने लगी और बोली, भड़वे, लण्ड है कि मूसल है। भाभी की चूत काफी टाईट थी, मुझे अन्दर-बाहर करने में मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी से इसका राज पूछा तो वह बोली कि जब तक किसी चीज़ को काम में नहीं लाओ तो वह नई-नई ही रहती है। मैं सारा माज़रा समझ गया।
मैंने भाभी की चूत को और तेज़ी से चोदने लगा, फिर १५ मिनट बाद में, मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया और चोदने लगा, बाभी का माँसल बदन और मेरे शरीर की टकराहट से कमरे में फच्च फच्च फच्च… की आवाज़ें आने लगीं।
भाभी लगातार शस्स्स्स्सी…. श्स्स्स्सी…. उई… उई… अह्ह्ह्हहा…. अह्ह्ह्हाहा की आवाज़ें निकाल रही थी। भाभी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लेने लगी, मैंने भी गति बढ़ा दी। भाभी बोली- साले, बहनचोद, और ज़ोर से चोद, मेरी चूत फाड़ डाल !
मैंने भाभी को कहा, हरामज़ादी, साली, कुत्ती, तेरी चूत का तो मैं औज फौलाद बना ही डालूँगा। यह कहते-कहते भाभी का रस निकल गया और थोड़ी देर बाद में मेरा भी। हमने एक दूसरे को साफ किया और सो गये। सुबह ६ बजे में मैंने भाभी को एक बार फिर से चोदा। चुदाई के बाद भाभी ने चाय बनाई, मैंने चाय पीकर भाभी को किस किया और पूछा- “रात को सर्दी तो नहीं लगी?” तो भाभी मुस्कुराने लगी।
उसके बाद से मैं भाभी को लगातार चोद रहा हूँ…. Antarvasna
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