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मेरा नाम सुरेश है मैं दिल्ली में Indian Sex Stories रहता हूँ। मैं अपनी पहली स्टोरी लिखने जा रहा हूँ उम्मीद है आपको पसंद आएगी।
बात उन दिनों की है जब मैं बी.ए. में था। उन दिनों मेरी चाची की बहन घर पर आई हुई थी। देखने में वो बहुत सुंदर थी और मन ही मन मैं उसको चाहने लगा था लेकिन उसको कहने से डरता था।
एक दिन घर में सब बाहर गए हुए थे और घर में सिर्फ़ मैं और वो थे। हम म्यूज़िक सिस्टम पर गाने सुन रहे थे हम दोनों बिस्तर पर एक साथ लेटे हुए थे अचानक उसके हाथ मेरे शरीर पर चलने लगे, मेरा लंड खड़ा हो गया। उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिए मुझे पता चल गया की आग उस तरफ़ भी लगी हुई है।
अब मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया, उसके मुँह से सिस्कारियां निकलने लगी। फ़िर उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और उसको सहलाने लगी। मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगा, एक हाथ से उसकी गांड को मसलने लगा। उसकी गांड एक दम चिकनी और गोरी थी।
अब उसके हाथ बड़ी तेजी से मेरे शरीर पर चलने लगे। मैंने उसकी कमीज को धीरे से उतार दिया उसने कोई भी विरोध नहीं किया अब उसकी चूचियां मेरे सामने थी मैंने पागलों की तरह उनको चूसना शुरू कर दिया। उसके हाथ भी मेरी गांड पर चलने लगे और उसने मेरी पेंट को उतार दिया अब मैं सिर्फ़ बनियान और अंडरवियर में था और मेरे लंड अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब था उसने जल्दी से मेरे अंडरवियर उतार दिया और मेरे लंड को चूसने लगी और अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में घुसा दी और मेरे चूतड़ों को मसलने लगी।
मैंने उसको उठाया और बिस्तर पर पटक दिया। उसके बाद मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया उसने नीचे कुछ भी नहीं पहना था मैंने पहली बार किसी की चूत देखी थी। उसकी बिना बालों की चूत को देख कर मैं पागल हो गया और चूत को चाटने लगा। उसने अपनी दोनों टाँगे मेरे कन्धों पर रख दी और बोलने लगी जोर से चाटो !
मैं भी पागल हो गया था मैंने उसके गांड की दोनों गोलाईयों को जोर से भींचा तो उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी। उसने कहा- सुरेश अब चोद दो मुझे कब से मेरी चूत तुम्हारे लंड की प्यासी है।
मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को रखा और घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बड़ी टाइट थी और मेरा लंड उसमें घुस नहीं रहा था। यह उसका और मेरा पहला अनुभव था। अब मैंने थोड़ा और जोर लगाया तो मेरे लंड की सुपारी उसकी चूत में घुस गयी। उसने चिल्लाना शुरू कर दिया मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिया ताकि कोई आवाज़ न सुन ले और अपना पूरा जोर लगा कर लंड को उसकी चूत में घुसा दिया।
वो छटपटाने लगी। मैंने अपने शरीर के भार से उसको पूरा दबा दिया ताकि वो कहीं निकल न सके और जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिया। अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और अपने चूतडों को उठा उठा कर धक्के मारने लगी।
मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और फिर से अपना लंड उसकी टाइट चूत में घुसा दिया और उसके चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर धक्के लगाने लगा। सच दोस्तों ऐसा मज़ा मुझे पहली बार आ रहा था। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी गांड में भी घुसा दी और उसको अंदर बाहर करने लगा।
थोडी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा मैं समझ गया कि वो अब छूटने वाली है मैंने झटके से उसको दोबारा अपने नीचे ले लिया और धक्के लगाने लगा उसके मुँह से आह आह की आवाज़ निकल रही थी और कह रही थी सुरेश और जोर से चोदो फाड़ दो मेरी चूत को और यह कहते हुए वो झड़ गयी।
अब मैंने और जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और १५ मिनट तक उसको चोदता रहा। उसके बाद मैंने कहा कि मैं भी आने वाला हूँ उसने कहा मेरी चूत को भर दो अपने इस वीर्य से !
उसके बाद मैं भी जोर से आवाज़ करता हुआ उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके उपर ही लेट गया। हम दोनों थोडी देर उसी अवस्था में पड़े रहे। उसके बाद उसने मेरे लंड को अपने मुँह से साफ़ किया और कहा- अगली बात कब चोदोगे?
मैंने कहा अगली बार तुम्हारी गांड की बारी है।
दोस्तों आगे की कहानी अगली बार प्लीज़ मुझे बताइए कि मेरी यह सच्ची कहानी आपको कैसी लगी। Indian Sex Stories
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को Hindi Sex Stories राहुल का प्यार भरा नमस्कार। बड़ी कोशिशों के बाद मैं अपनी पहली कहानी आपके सामने लाया हूँ। दोस्तों मेरा नाम राहुल है और मैं भरतपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र इक्कीस साल है, कद 5’11” है। बात पिछले वर्ष की है जब मैं बी. टेक प्रथम वर्ष में था। काजल मेरे पड़ोस में रहती है, दिखने में वो बहुत ही सुन्दर है, हमेशा हँसता हुआ चेहरा, गोरा रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, और 5 फुट 7 इंच कद है। उसकी फ़िगर 31-25-34 है और उम्र में मुझसे 2 साल छोटी है।
मेरी माँ उसे बहुत पसन्द करती है, इसलिए वो अक्सर हमारे घर आती रहती थी। हम छत पर भी मिलते थे। दिन गुज़रते रहे और कब हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई, वो मुझे मना नहीं कर पाई, क्योंकि वो पहले से ही चाहती थी। हम मज़बूरी में ज़्यादातर फोन पर बातें करते थे। साल का आख़िरी दिन आया। हम फोन पर बातें कर रहे थे, वो और उसके घरवाले कुछ देर पहले ही बाहर से आए थे, इसलिए जल्दी सो गए। मेरे घरवाले भी सो चुके थे।
बातों-बातों में मैंने पूछा “क्या, मुझे नए साल का उपहार मिलेगा?
पहले तो उसने मना कर दिया, फिर मान गई। रात को ठीक १२ बजते ही मैं उसके घर पहुँच गया, उसने दरवाज़ा खोल। वो मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी, शायद शरमा रही थी… उस रात उसके चेहरे पर एक नई खुशी थी।
उसने दरवाज़ा लगाया और मेरे सीने से चिपक गई और बोली “हैप्पी न्यू ईयर मेरी जान…” पहले तो मैं थोड़ा डर गया, फिर उसने बिस्तर पर बिठा दिया। हम फोन पर कई बार सेक्स कर चुके थे, पर हकीक़त में कभी मौक़ा नहीं मिला था, सिर्फ चूमना छोड़कर।
अब भी हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ करने की। बस दोनों बातें कर रहे थे प्यार भरी! एक-दूसरे को निहार रहे थे, एक-दूसरे के आगोश में, बिना कुछ किए ही दोनों तड़प रहे थे। मैं उसके पैरों पर सिर रख कर लेटा हुआ था, वो मेरे बालों और होंठों पर हाथ फेर रही थी।
आख़िरकार मेरे सब्र का बाँध टूट गया, और मैं उस पर टूट पड़ा। उसे चूमने लगा, वो भी यही चाहती थी, इसलिए मेरा साथ देने लगी। हम दोनों की हालत ख़राब हो रही थी… उस वक़्त दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया…।
सच में क्या होंठ थे…! एकदम गुलाबी और रसीले… मज़ा आ गया, फिर मैं उसे गर्दन पर चूमने लगा। वो मस्त होने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी… आह… उउह्ह ह्हह… शह्हहह… उसकी सिसकारियाँ मुझमें जोश भर रहीं थीं।
बोलने लगी “राहुल प्लीज़ हट जाओ…” वरना मैं पागल हो जाऊँगी, पर मैं कहाँ मानने वाला था।
थोड़ी ही देर में हम नंगे हो गए…। कसम से, क्या चूत थी… एकदम गुसाबी। मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर चल रहा था और दूसरा उसकी चूत पर। चूत भट्ठी हो रही थी और पूरी गीली हो चुकी थी… उसकी साँसें तेज़ और गरम थीं जो मुझे महसूस हो रही थीं। सपनों में तो उसे कितनी बार चोद चुका था, पर आज सपना सच लग रहा था।
हम पागलों की तरह एक-दूसरे को चूम रहे थे, जीभ से जीभ मिला कर एक-दूसरे का रस पी रहे थे और एक-दूसरे के अंगों को चूम रहे थे।
उसने अपने पैरों से मेरे लण्ड को सहलाना शुरु किया, और अपने चूतड़ों को ऊपर उठा रही थी। मैं समझ गया कि अब वो चुदने के लिए तैयार है। मैंने लण्ड उसकी चूत पर रख कर ज़ोर का धक्का लगाया। उसकी चीख निकल गई… “आह्ह्हह्हह राहुल लग गई” मैं बुरी तरह डर गया। मुझे लगा कि कोई जाग गया है। मैंने जल्दी से लाईट बन्द कर दी।
फिर हम दोनों चुप हो गए। काजल रो रही थी। मैंने पूछा क्या हुआ तो बोली “…प्लीज़ मैं अब नहीं कर सकती…. मेरे बहुत दर्द हो रहा है।”
फिर थोड़ी देर बाद जब बत्ती जलाई तो देखा, पूरी बेडशीट खून से सनी थी। वो बहुत रोई, बोली “सुबह अगर माँ ने देख लिया तो मुझे मार ही डालेगी! जान प्लीज़ अपने घर जाओ।” वो कराह रही थी।
मुझे उसकी हालत पर तरस आ रहा था, मैं बोला, “सेक्स नहीं कर सकती तो मेरा लण्ड तो चूस सकती हो…।” वो मान गई और मुझे फर्श पर लिटा दिया और हाथ में लेकर हिलाने लगी। कुछ देर देखती रही और चूसने लग गई… कसम से दोस्तों, मैं तो जन्नत में था, मेरा शरीर अकड़ने लगा।
वो बुरी तरह से काँप रही थी, थोड़ी देर में मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में निकाल दिया… हम दोनों निढाल से पड़ गए।
फिर उसे भी जोश आने लगा, बोली “राहुल मेरी भी चूसो ना…। मैंने उसके पैर चौड़े किए और उसे जीभ से चोदने लग गया…। उसने अपने पैरों से मुझे जकड़ लिया। उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगीं। तरह-तरह की आवाज़ें निकलना लगीं… आह… आह… उह्ह्ह… उह्ह्ह… उह्ह्ह्… उह्ह… शह ह्ह्हश ह्ह… ह्ह्हश… ह्ह्ह्ह… आहह ह्ह ह्ह्ह ह्ह हाय्… मै तो गई यार! और वो झड़ गई।
थोड़ी देर में हम दोनों फिर शुरु हो गए। वह बोली “थोड़ा धीरे करना… दर्द होता है… इस बार मैंने जल्दबाज़ी नहीं की और उसे चोदने लगा। वो भी सारा दर्द भूल कर मेरा साथ देने लगी… उसने मुझे कस कर पकड़ लिया… बोली “और ज़ोर से… जल्दी-जल्दी करो… आहह्ह् ह्ह्ह् ह्ह्ह… उह्ह्ह् ष्ह्ह्ह् ह्ह उह्ह्ह् पूरा अन्दर तक डाल दो।
पागलों की तरह चूमने लगी और वो फिर से झड़ गई। उसकी आँखों से खुशी झलक रही थी… साथ ही आँसूँ भी निकल पड़े। बोलने लगी “मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ।”
मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। उस रात मैंने उसे चार बार चोदा।
हमें जब भी अवसर मिलता है हम सम्भोग करते हैं। हमने छत, बाथरुम, गार्डन में ना जाने कितनी बार सम्भोग किया है… पर एक दिन वो यहाँ से चली गई।
मेरे पास उसकी यादों के सिवा कुछ नहीं बचा।
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दोस्तो, मेरा नाम राजू है मेरी उम्र २५ है आज मैं Antarvasnaआपको एक असली कहानी बताने जा रहा हूं दोस्तो मेरी मामी एक सेक्सी औरत है जो एक सेक्सी शरीर रखती है.
दोस्तो मैं अपनी मामी को ३ साल से बहुत प्यार करता था और उनको चोदना चाहता था पर मेरी हिम्मत उनको कहने की नहीं होती थी मै मामी को धीरे धीरे पटाने लगा मैं जब भी अपने मामी के घर जाता तो पटाने की कोशिश करता था.
जब एक बार रात को मैं अपनी मामी के पास सो रहा था तो मैंने अपनी मामी की चूचियों पर हाथ रख दिया लकिन मेरी मामी ने कोई आपत्ति नहीं की।
मुझे थोड़ा सा यकीन हो गया कि मामी मुझे से प्यार करती है अगले दिन मैने अपनी मामी को हिम्मत करके उनको प्रपोज़ कर दिया मेरी मामी ने मेरा प्रपोज़ स्वीकार कर कर लिया.
मैं उस समय बहुत खुश हुआ क्योंकि अब मामी को चोदना आसान था मैंने एकदम से अपनी मामी को सेक्स के लिए नहीं कहा मैं एक दो दिन बाद मामी को सेक्स के लिए कहा मेरी मामी एकदम से तैयार हो गई फिर हम दोनो अगले दिन का इंतजार करने लगे क्योंकि मेरे मामा सुबह ऑफीस चले जाते हैं और मेरी मामी के दोनो बच्चे स्कूल चले जाते हैं.
अगले दिन हम दोनो अकेले थे मेरी मामी ने जैसे ही दरवाजा बंद किया मैने अपनी मामी को अपनी बाहों में लेकर किस करना शुरू कर दिया मैने अपनी मामी को बेड पर लिटाया और उनकी लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया और एक हाथ से उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
मेरी मामी भी मेरा किस करने में बहुत साथ दे रही थी फिर मैने अपनी मामी का सूट और सलवार को उतार दिया अब वो पेंटी और ब्रा में थी वो एकदम मस्त लग रही थी मेरी मामी ने भी मेरे कपड़े उतराने शुरू कर दिए अब मैं बिल्कुल नंगा था
मैने भी अपनी मामी को नंगी कर दिया था मैं अपनी मामी के बड़ी चूचियाँ और गांड को देख कर उतेजना से पागल हो रहा था मैने अपनी मामी को पहले लिप्स करता रहा और मैने अपना एक हाथ चूची पर और एक हाथ उनकी पुसी में देने लगा मेरी मामी भी उत्तेजना से पागल हो रही थी.
अब मेरी मामी ने मेरी चेस्ट को किस और चाटना शुरू कर दिया फिर मेरी मामी ने मेरे लंड को पकड़ कर उसे अपने मुँह में लेकर उसे चाटना शुरू किया मेरा लंड एक दम टाइट हो चुका था और मेरी मामी भी एक दम गरम हो चुकी थी मैने अपनी मामी को बेड पर लेटाया और उनकी दोनो टाँगो को फेलकर अपना लंड उनकी पुसी मे घुसाया ३ झटको में मेरा पूरा ६ इंच का लंड उनकी पुसी मे चला गया.
फिर मेरी मामी ने आआअहह आआ हह ऊऊ की आवाज़ निकलनी शुरू कर दी मैं पूरी तेज़ी से अपना लंड उनकी पुसी मे अंदर बाहर कर रहा था मेरी मामी फ़ुल मस्ती में आ चुकी थी वो भी अपनी गांड को ऊपर उठा कर मेरा साथ दे रही थी और साथ ही साथ मैं उनकी चूचियों को दबा रहा था.
फिर मैने मामी की दूसरी पोज़िशन मे चोदने का सोचा मैं लेट गया और उनको अपने लंड पर बैठाया फिर मैने उसकी पुसी मे अपना लंड डाला इस पोज़िशन में हम दोनो को मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद मैने अपनी मामी को बेड पर लेटा कर ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया क्योंकि मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था मेरी मामी ने कहा की वो भी झड़ने वाली है अब हम दोनो क्लाइमॅक्स मे थे इतने में मामी ने अपना पानी छोड़ दिया और थोड़ी देर बाद मैने भी अपना वीर्य छोड़ दिया.
इसके बाद हम दोनो ने फिर एक दूसरे के पार्ट्स से खेलना शुरू किया एक बार हम दोनो फिर गरम हो गया इस बार हमने काफ़ी देर तक सेक्स किया.
इस बार मैं मामी की गाड़ को डॉगी स्टाइल मे चोदा लेकिन उनकी गांड में मेरा लंड काफ़ी मुश्किल से अंडर गया मेरी मामी दर्द से काफ़ी चीखी और आआ हूऊऊओ करने लगी मैने ६ – ७ झटको मे अपना लंड उनकी गांड मे डाल दिया थोड़ी देर गांड चोदने के बाद मैने अपना लंड उसकी पुसी मैं डालकर तेज़ी से झटके मारने शुरू कर दिया और उनके होंठों को किस करने लगा इतने मे मेरा लंड झड़ गया.
मेरी मामी मेरे से चुद कर बहुत खुश थी क्योंकि उन्हें एक जवान लड़के से चुदने को जो मिला था मेरी मामी उस पूरे दिन खुश थी. Antarvasna
अरे सुरेश, बड़े दिनों बाद दिखे, आज कल कहां Sex Stories रहते हो?’
‘मंथली एक्ज़ाम चल रहे थे न आंटी। अब इस साल मैं 12वीं में आ गया हूं।’
‘तुम्हारी क्लास में लड़कियाँ कितनी हैं?’
’12
‘और लड़के?’
’36 ‘
‘बड़ी किस्मत वाली हैं एक एक के तीन तीन लौंडे।’
‘पर मुझे तो कोई घास नहीं डालती।’
‘अरे कोई नहीं, मैं सिखा दुंगी तुम्हे लड़की कैसे पटाते हैं।’
‘प्लीज़ आंटी जल्दी सिखाओ।’
‘तुम्हारी कोई गर्ल फ़्रेण्ड है या नहीं?
‘है न, रीता।’
‘क्या करते हो उसके साथ?’
‘बातें, और क्या?’
‘क्या गर्ल फ़्रेण्ड के साथ केवल बातें करते हैं?’
‘नहीं, आंटी, वो न थोड़ी कंज़रवेटिव है।’
‘कंज़रवेटिव न होती तो क्या करते?’
‘तो सब कुछ कर देता।’
‘मतलब क्या-साफ़ साफ़ बताओ मुझे?’
‘मुझे शरम लगती है।’
‘मैं तुमको कैसी लगती हूं?’
‘बहुत अच्छी।’
‘मतलब क्या क्या अच्छा लगता है?’
‘आपका चेहरा बहुत अच्छा लगता है।’
‘मतलब मैं बुड्ढी हो गयी हूं चेहरे के सिवा कुछ अच्छा ही नहीं है।’
‘है न।’
‘तो बताओ न।’
‘आप गुस्साओगे तो नहीं?’
‘मैं क्यों गुस्साऊं, अपनी बढ़ाई किस को अच्छी नहीं लगती।’
‘आप का न फ़्रंटसाइड बहुत अच्छा है।’
‘फ़्रंटसाइड मतलब?’
‘वो ब्लाउज़ के भीतर।’
‘उसमे अच्छा क्या है तुमने अंदर देखा है कभी?’
‘नहीं पर बहुत बड़ा है न।’
‘मतलब तुम्हें बड़ी चूची पसंद हैं।’
‘हां।’
‘तो सीधे बोलो न मुझे आपके बड़े ब्रेस्ट पसंद हैं।’
‘बोलो बोलो।’
‘मुझे आपकी बड़ी चूची पसंद हैं।’
‘गुड, शाबाश, और क्या क्या पसंद है तुम्हें?’
‘आपका बैकसाइड।’
‘पर उसमें क्या?’
‘आपका बैकसाइड छोटा और स्लिम है न।’
‘मतलब तुम्हें छोटे बटक्स चाहिये।’
‘हां।’
‘बड़े परखी हो।’
‘तुम्हारी रीता की बैक साइड कैसी है?’
‘छोटी और स्लिम, पर पता नहीं आगे जाकर फ़ैल न जाये।’
‘क्यों? क्या पीछे से डाल कर फ़ैलाने का इरादा है?’
‘धत्।’
‘और तुम्हारी गर्ल फ़्रेण्ड की चूची कैसी हैं?।’
‘मीडियम है, आप जैसे बड़े नहीं हैं।’
‘बार बार दबाने से न बढ़ जाते हैं। चूत और चूची को जितना मसलो उतना बढ़ते जाते हैं।’
‘अब अब दबायेगा रोज रोज?
‘दबवायेगी तब न।
‘कभी मसला है उसकी चूची को?’
वो तो छूने ही नहीं देती।
क्या? छूने ही नहीं देती?
अपने ब्रेस्ट ।
हिन्दी में बोलो पूरा एक बार में
वो अपनी चूची छूने ही नहीं देती।
चिन्ता मत करो मैं तुम्हें ऐसे ट्रिक्स बताऊंगी और सिखाऊंगी कि वो खुद तुम्हें चूची मसलवाने की रिक्वेस्ट करेगी।
सचमुच। आप बड़ी अच्छी हो।
अच्छा अगर मैं तुम्हें फ़्री छोड़ दूं तो क्या करोगे?
धत्। आप तो आंटी हो?
फ़िर ये तुम्हारे पैंट के भीतर कड़ा कड़ा क्यों हो गया ये सवाल सुनकर?
आई एम सोरी, आप गुस्सा न करो।
एक शर्त पर अगर तुम सच सच बोलोगे, ये कड़ा कैसे हो गया?
आप भी सेक्सी हो न इसलिये।
तो बताओ न फ़्री मिल गये तो क्या क्या करोगे?
फ़्री थोड़े ही न छोड़ेंगे आप।
लेसन 1- हाथ की सफ़ाई
तो तुम्हारा पहला लेसन है हाथ की सफ़ाई। आदमी और औरत हाथ से क्या कुछ कर और करा सकते हैं और कितना मजा दे और ले सकते हैं?
तुम बताओ हाथ से क्या कर सकते हो?
हाथ से चूची को पकड़ सकते हैं?
और?
और क्या अपना हाथ जगन्नाथ।
तुम सच मुच घामड़ हो।
क्यों और कुछ भी करते हैं? प्लीज़ बताइये न आंटी।
अच्छा बताती हूं। आदमी औरत के हर अंग को दबा के सहला के उसे मजे दे सकता है।
कैसे?
अभी दिखाती हूं।
आज मेरे बदन में बड़ा दर्द है, थोड़ा बोडी लोशन लगा दोगे?
हां।
पर कुछ और तो नहीं करोगे, फ़्री समझ के?
नहीं।
तो लो ये लोशन मेरे कंधे, पीठ और कुल्हों पे लगा दो।
मैं पेट के बल लेट जाती हूं।
अपना टी शर्ट तो उतार दो आंटी।
लो उतार दिया अब ब्रा उतारने को मत कहना। और ये लेट गयी मैं पेट के बल। कंधे को धीरे धीरे दबाओ और बोडी लोशन लगाओ। हां, ऐसे ही, अब थोड़ा प्रेस करो, वेरी गुड। अब यही मेरे पीठ पर करो। वाह! शाबाश। अब मेरी जीन्स को थोड़ा नीचे सरकाओ और पैंटी को भी। थोड़ा लोशन मेरे चूतड़ों पर लगाओ और धीरे धीरे उस पर मालिश।
अरे नहीं, गांड में मत डालो लोशन, शैतानी नहीं। बस, हो गया।
आंटी थोड़ा और दबाऊं न। आपने जीन्स क्यों बंद कर ली? बड़ा मजा आ रहा था।
अच्छा अब आगे दबाने की ट्रैनिंग देती हूं।
आगे मतलब ऊपर या नीचे
क्या मतलब? साफ़ बोलो।
वो ब्रा के भीतर या पैंटी के भीतर।
तू तो बड़ा सयाना हो गया है। साफ़ साफ़ क्यों नहीं पूछता चूत या चूची?
हां वही।
वही क्या?
चूत या चूची दबाने की ट्रैनिंग?
तुझको कौन सी पसंद है।
दोनो।
बड़ा लोभी है तू।
अगली ट्रैनिंग चूत दबाने की। वहां अपना हाथ डाल के धीरे धीरे सहलाना चाहिये।
कहां?
चूत पे और कहां?
फिर न, उंगली को चूत के छेद में डाल कर धीरे धीरे फ़िंगर करते हैं।
इससे न, लड़की/औरत गर्म हो जाती है, तुम न अपनी गर्ल फ़्रेण्ड पर ट्राइ करना और बताना कैसा लगा उसे।
आंटी थोड़ा प्रेक्टिस तो करा दो प्लीज़।
तुम तो बड़े लोभी निकले।
अच्छा चलो पर केवल दो मिनट।
थैंक यू ।
कहां से शुरु करें?
मेरे जीन्स के बटन खोलो।
खोल दिया।
क्या मस्त जांघ है आपकी।
तुम्हें पसंद आयी?
हां।
तो चूम ले जी भर के?
चाट चाट चाट ! अब अपना हाथ मेरी पैंटी के अंदर डालो।
आंटी एक बार चूत तो दिखा दो अपनी।
आज नहीं, अगली बार।
और धीरे धीरे इसे सहलाओ।
छेद पर नहीं थोड़ा ऊपर। चूत के छेद से ऊपर जो थोड़ा उठा हुआ भाग है उसे क्लाइटोरिस बोलते हैं। औरतों को न सबसे ज्यादा मजा वहीं मिलता है।
चूत से भी ज्यादा?
हां।
आंटी आपको तो कितना पता है। आइ एम लकी कि आप मुझे सब बता रहीं हैं।
सहलाते रहो धीरे धीरे।
अब जरा स्पीड बढ़ाओ – जोर से और जोर से। बस। मैं आ गयी।
विकाश आज तुमने बड़े मजे दिये मुझे। ऐसे भी मैं किसी का उधार नहीं रखती।
मैं तुम्हें इनाम देना चाहती हूं।
क्या आइस क्रीम?
नहीं, उससे भी बढ़िया।
अरे, ये तुम्हारा पैंट के भीतर क्यों इतना कड़ा हो गया है?
कोई स्टील रोड छुपा रखा है क्या।v
नहीं तो?
क्या मैं खुद हाथ लगा कर देखती हूं।
जरा अपनी पैंट के जिप तो खोलो।
अरे तुम्हारा तो कितना मोटा लंड है।
आंटी आप इसको पकड़ते हो न तो बड़ा अच्छा लगता है।
कभी तुम्हारी गर्ल फ़्रेण्ड ने पकड़ा है इसे।
नहीं वो न शरमाती है शायद।
तो भूखों मरेगी साली। कोई नहीं मैं तुम्हें ऐसे तरीके सिखाउंगी कि इसके बिना जी नहीं पाएगी तेरी छोकरी। बस एक बार उसे आदत लगने दे। अच्छा ये जो मैं तुम्हारे लंड को दबा रही हूं ये कैसा लग रहा है?
बहुत अच्छा।
तो ले आज मैं तुझे हाथ से ही लाती हूं।
आंटी थोड़ा और जोर से दबाओ।
थोड़ा तेजी से प्लीज़।
और तेजी से।
फच फच फच।
ये मैंने आपका ब्लाउज़ खराब कर दिया और थोड़ा सा तो चेहरे पर भी पड़ गया, अरे आप इसे चाट क्यों रही हो?
तू चिंता मत कर आगली बार एक बूंद भी बाहर नहीं जयेअगा सारा मैं अंदर ले लुंगी।
आंटी आपके हाथों में तो जादु है।
तू देखता जा और कहां कहां जादु है साले। आंटी के तो अंग अंग में जादु है।
विकाश, ये जो मैंने तुम्हारी ट्रैनिंग करायी किसी को बताना नहीं।
जी ।
अपनी गर्ल फ़्रेण्ड को भी नहीं?
जी अच्छा।
और अपनी गर्लफ़्रेण्ड के ऊपर ट्राइ करके बताना उसे कैसा लगा?
जी।
पर करुंगा कहां?
सिनेमा हाल में, पार्क में, खाली क्लास रूम में, जहां मौका मिले।
वो कैसे?
और कभी ट्रैनिंग की जरुरत हो तो आ जाना।
तो आज शाम को आ जाऊं?
अरे बदमाश पहले ये ट्रैनिंग तो प्रेक्टिस करले रीता पर?
जब तुम्हारे अंकल नहीं हों तब आना ट्रैनिंग के लिये।
क्यों?
तुम्हारे अंकल न नहीं चाहते कि मैं किसी को ट्रैनिंग दूं। वो सारी ट्रैनिंग खुद ही लेना चाहते हैं
बड़े स्वार्थी हैं अंकल। Sex Stories
कैसे हो दोस्तों !मैं सूरत से Antarvasna मनजल
वैसे मैं बड़े लंबे समय से यह वेबसाईट को पढ़ रहा हूँ।
मैंने सबसे पहले इस वेब को ऑरकुट से एक के प्रोफाइल में से लिया था।
सब बातो को साईड पर रखते हुए असली बात पे आता हूँ वरना आप लोगों को मजा नहीं आने वाला है।
मैं २९ साल का हूँ मगर आज तक किसी लड़की को चोदा नहीं है।
यहाँ परले पॉइंट नाम से एक जगह है, मैं अक्सर वहाँ घूमने जाता हूँ।
लड़कियाँ और भाभियों के बॉल ( स्तन ) और गाण्ड को देखता रहता हूँ और फ़िर घर आकर मोहल्ले की सबसे बढ़िया भाभी के बारे में सोच कर ६१-६२ कर लेता हूँ और निकलने के बाद सोचता हूँ कि मेरे जीवन में कब कोई बढ़िया सी भाभी आकर मेरे लण्ड की ओपनिंग करेगी?
दोस्तों आप लोगों से क्या छुपाना अभी तक बस सबकी गांड और बॉल देख देख कर गांडू हो गया हूँ।
किसी भाभी के साथ दिल बहलाना चाहता हूँ !
अगर कोई भाभी हो और इसको मेरे साथ मजे करने हैं तो मुझे बता दे और मेरे लण्ड को १ लड़के से मरद बनने में मदद करे !
मेरी जवानी नर्क के समान गुजर रही है, इसको स्वर्ग जैसा बनाये थोड़ा ! मुझे मालूम है कि कैसे लण्ड और चूत को मिलाते हैं।
और कोई बढ़िया सी भाभी हो जो मुझे थोड़ा ट्रेनिंग दे दे ताकि आगे अपने लण्ड को सही रास्ता बता सकूं !
इसलिए मुझे कोई भी भाभी और लड़की को चोदना है !
मुझे एक लड़के की जिंदगी से आजाद होना है !
किसी भाभी के शरीर से खेलना चाहता हूँ !
जिंदगी का असली मजा लेना चाहता हूँ !
मगर मुझे किसी की मज़बूरी का फ़ायदा नहीं उठाना !
और जो मजा प्यार से चोदने में आता होगा वो पैसा देकर नहीं !
मुझे एक दोस्त ने बताया था कि औरत जो प्यार से चोदने दे, उसमें जो मज़ा है वो किसी रांड को चोदने में मजा नहीं आने वाला है ! इसलिए तू अपना लण्ड की सील सम्भाल कर ऱख ! जब कभी कोई बढ़िया सी भाभी से सेटिंग होगी तो उस दिन तेरा सील उसके पास खुलवा दूंगा !
मगर आज ११ महीने हो गए इस बात को ! ना ही कोई भाभी से सेटिंग हो पाई और ना ही मेरी सील टूटी !
बस ६१-६२ करके जिन्दगी गुजार रहा हूँ ! पैसा दे कर तो मैं सेक्स ले सकता हूँ पर मेरा एक दोस्त है उसने भी पैसा देकर सेक्स के मजे लेने को बोला, मगर दिल नहीं माना !
कि बेड पर कोई निर्जीव पुतले की तरह पड़ा हो और उसके ऊपर चढ़ कर जो करना हो वो कर लो !
मुझे दिल से मजा लेना और देना है !
और मैं जिस प्रोफ़ैशन में हूँ, इसमें आराम से किसी भी भाभी को चोद सकता हूँ !
मगर डर लगता है कि किसी दिन इसके पति को पता लग गया तो बिजनस में से एक ग्राहक कम हो जाएगा !
इसलिए इस वेब का सहारा ले रहा हूँ !
विशेष : इस प्रविष्टि के साथ ई-मेल आई डी नहीं दिया जा रहा है। Antarvasna
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