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दूसरे दिन दोनों माँ बेटे होटल से घूमने Hindi Sex Stories निकले तो राहुल ने पूछा- माँ क्या आज भी बस का मजा लेना है?
कमला ने आज स्कर्ट-ब्लाउज पहना था, बिना पैंटी के, उसने कहा- क्यों नहीं ? कुछ घट थोड़े ही जाता है ! और यहाँ हम लोगों को कौन जानता है ? तब उसने राहुल को उस लड़के की बात बताई और कहा कि उसे पता नहीं कि आजकल के पढ़ने वाले भी चुदाई के बारे में सब कुछ जानते हैं।
राहुल ने माँ को चिढ़ाते हुए कहा कि आज वो लड़का मिल जाए तो आप चाहो तो उसे ले आते हैं यहाँ?
कमला ने भी करारा जवाब दिया- मैंने कहा ना, कोई घटने वाली चीज़ तो है नहीं ! क्या फरक पड़ेगा ? कम से कम वो तुम्हारे जैसा मादरचोद तो नहीं कहाएगा !
राहुल को अपनी माँ का इस तरह खुल कर बात करना बड़ा अच्छा लगा। वो दोनों दिन भर बस से दिल्ली घूमे। बस में लोगों ने कमला का बड़ा आनंद लिया। एक हरामी ने तो जब हाथ लगा कर देखा कि कमला कि पैंटी नहीं है तो वो अपनी बीच वाली उंगली को थूक लगा कर कमला की गांड में घुसाने लगा। तब कमला वहाँ से हट कर बस के दूसरी ओर उस आदमी से दूर हो गई।
इस घटना के अलावा आज कमला को बस में अच्छा मजा आया और उसके पहले दिन का डर और उसकी झिझक दूर हो गई। उसे लोगों का उसकी नंगी चूत और चूतड़ को सहलाना अच्छा लगने लगा। आज भी उसकी चूत लोगों ने गीली कर दी थी।
फिर दोपहर के बाद राहुल उसे इन्टरनेट कैफे ले गया और अपनी गोदी में बैठा कर तरह तरह की चुदाई की विडियो दिखा कर माँ की शिक्षा शुरू की और कैफे में ही उसे ऊँगली से १ बार झाड़ा।
शाम को दोनों होटल लौटने के लिए बस पे चढ़े और कमला का भाग्य कि उस बस में वो ही लड़का किनारे की सीट पर बैठा था। राहुल ने कमला को आँख मारी और कल की तरह कमला फिर वहां खड़ी हो गई। कल की तरह ही आज भी लड़के का हाथ कमला की स्कर्ट के अन्दर उसकी मोटी चिकनी जाँघों को सहलाते हुए धीरे धीरे ऊपर की ओर सरकने लगा। कमला ने अपनी टांग अच्छी दूरी पर रखी थी ताकि लड़के को उसकी चूत तक पहुँचने में कोई मुश्किल न हो, और उस लड़के के चेहरे को बड़े प्यार से देख रही थी।
वो लड़का भी बड़ा तेज़ लग रहा था क्योंकि वो उसकी जांघों को इतनी अच्छी तरह सहला रहा था कि कमला की चूत गीली होने लगी। लेकिन जैसे उस लड़के ने अपनी हथेली कमला की चूत पर रखी, उसे ऐसा लगा कि उसे करंट लग गया हो। उसने उम्मीद नहीं की थी, कि कमला ने पैंटी नहीं पहन रखी है।
कमला उसे देख कर थोड़ा मुस्कुराई और फिर वो लड़का सामान्य हो गया और कमला की चूत के दाने को सहलाने लगा और बीच बीच में उसकी चूत की दरार में कभी १ ऊँगली तो कभी ३-३ उंगली डाल कर अन्दर बाहर करता था। कमला को लगा कि वो झड़ जायेगी, लेकिन तब तक उस लड़के का स्टाप आ गया और वो सीट से उठते हुए कमला से बोला- आंटी, मजा आया ?
कमला ने कहा – आया लेकिन पूरा नहीं। मैं होटल में ठहरी हूँ, चलोगे मेरे साथ ?
लड़के ने कहा कि उसकी मम्मी उसका इंतज़ार कर रही होगी, लेकिन वो कल सुबह होटल आ सकता है।
कमला ने उसे होटल का नाम पता दिया और बोली कि वो १० बजे उसका इंतज़ार करेगी।
जब वो लड़का बस से उतर गया तो राहुल अपनी माँ के पास आया और कमला ने उसे अगले दिन की योजना बताई।
राहुल ने कहा- यह बड़ा कीमती मौका है, और वो इसकी विडियो बनाएगा। एक ४० साल की औरत की एक लड़के से चुदाई की विडियो !
होटल पहुँचते ही राहुल ने माँ को बिस्तर पे पटक दिया और उसकी स्कर्ट उठा कर उसकी चूत चाटने लगा। कमला अपने बेटे से चूत चटवाते हुए सिसकियाँ ले रही थी और एक एक कर अपना ब्लाऊज़, ब्रा और स्कर्ट को ऊपर से खींच कर उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गई। राहुल ने भी एक हाथ से अपनी पैंट और अन्डरवीयर उतारा और शर्ट और बनियान निकाली। दोनों माँ बेटे अब पूरे नंगे हो गए थे और राहुल माँ की चूत चाट रहा था। तब कमला ने कहा- राहुल ! आओ जैसे कैफ़े के विडियो में दो औरत मर्द एक दूसरे की चाट रहे थे वैसा ही हम करें !
दोनों माँ बेटे ६९ में होकर एक दूसरे को मज़ा देने लगे और जब वो दोनों झड़े तो कमला राहुल का सारा रस पी गई और राहुल ने भी कमला के झड़ने के बाद अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर चूत के कोने कोने से उसके नमकीन लसलसे रस को चाट कर साफ़ कर दिया। फ़िर वो दोनों एक दूसरे को जकड़ कर बिस्तर पर लेट गए।
राहुल ने कहा- मैंने कहा था ना कि गाँव की हो तो क्या हुआ, कितनी जल्दी ये सब सीख गई हो।
कमला ने कैफे के विडियो के बारे में कहा कि बाप रे बाप ये अमेरिकन औरतें कैसे ३-३ काले लोगों का इतना बड़ा मोटा लण्ड एक साथ लेती हैं?
राहुल ने कहा- इस में मुश्किल क्या है ? तू भी बड़े मजे से ले सकेगी।
कमला ने कहा- कि बाप रे बाप, मेरी तो फट जायेगी !
राहुल ने कहा- कि कुछ नहीं फटेगा, एक बार शुरू हो जाओगी तो फिर और मजा आने लगेगा, बस शुरू करने की देर है।
कमला ने कहा- चूत और मुँह में लेने की बात तो वो समझती है कि कितना भी बड़ा मोटा लण्ड ले सकती है, लेकिन गांड में ?
राहुल ने कहा- चलो दिखाता हूँ मेरा ही लण्ड डाल कर ! लेकिन पहली बार तुम्हारी गांड मारने के लिए कुछ तैयारी करनी होगी।
राहुल बाथरूम से क्रीम ले कर आया और माँ को चौपाये कुतिया की तरह कर के उसकी गांड के छेद में क्रीम लगाई और अपने लण्ड पर भी।
कमला के चूतड इतने फूले और मांसल थे कि उसकी गांड का छेद काफ़ी अन्दर था। राहुल ने माँ की गांड के छेद पर लण्ड का सुपारा रख कर हलके से दबाया। सुपारा थोड़ा अन्दर गया लेकिन उसके लण्ड की जहाँ चमड़ी शुरू होती थी वहां के आगे नहीं गया।
राहुल ने माँ को कहा कि माँ पहली बार थोड़ा सा दर्द होगा, बस एक बार पूरा सुपारा अन्दर हो जाने की देर है !
राहुल ने फिर से सुपारा कमला की गांड में दबाया तो कमला को ऐसा लगा जैसे कि जहाँ सुपारे का अंत होता है वहां कोई छल्ला है और वो छल्ला अंदर नहीं घुस पा रहा है। राहुल ने ३-४ बार कोशिश की और हर बार पिछली बार से थोड़ा ज्यादा जोर लगाया, लेकिन हर बार छल्ला अन्दर नहीं घुस पा रहा था।
राहुल ने कहा- माँ तुम्हारी गांड बड़ी टाइट है, मुझे काफी जोर लगाना पड़ेगा और हो सकता है कि तुम्हें एकाएक दर्द भी हो। तुम अपनी गांड कसो मत, गांड ढीली रखो। बस एक बार अंदर करने की जरूरत है।
राहुल ने कमला की गांड में अपने सुपारे को रखा और उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर देता गया। कमला से जितना हो सका अपनी गांड ढीली रखी, लेकिन फिर सुपारे का छल्ला अन्दर नहीं जा रहा था।
अब राहुल ने और जोर से लण्ड दबाया तो फुप्प की आवाज के साथ छल्ला अंदर चला गया लेकिन कमला को लगा जैसे उसकी गांड में आग लग गई हो। उसे लगा उसकी गांड फट गई हो और उसके मुँह से ‘अ आ अन्न्नंह ह्ह्ह, आ अन न्ह्ह्ह, मर गई, फट गई मेरी गांड !..ओ ऊ ऊओई ईईईइ, आ अन न्न्न्ह्छ ।..’ की चीख निकल गई।
राहुल का एक चौथाई लण्ड कमला की गांड में था और वो इसी स्थिति में रहा, जरा भी नहीं हिला और माँ को कहा- बस यही सबसे कठिन काम था, बस अपनी गांड ढीली रखो, अब १ -२ मिनट में तुम्हारा दर्द ख़त्म हो जाएगा तब फिर आगे करेंगे।
इस बीच राहुल बड़े स्नेह से माँ के गाल और गले को चूमता रहा और बताया कि जब औरत की चूत में एक लण्ड होता है और तब कोई दूसरा आदमी उसकी गांड मारता है तो औरत को दर्द का एहसास नहीं होता है और तभी पूरा मजा आता है।
राहुल अपना हाथ कमला की चूत पर ले गया और उसके दाने को छेड़ने लगा। अब कमला का दर्द भी ख़त्म हो गया और तब राहुल ने अपने लण्ड को और दबाया तो लण्ड धीरे धीरे अन्दर घुसने लगा और जड़ तक कमला की गांड में पूरा चला गया। कमला की चूत मसलते हुए राहुल ने धीरे धीरे आधा लण्ड बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे पूरा अन्दर डाल दिया और माँ से पूछा कि अब दर्द कैसा है।
कमला को गांड मरवाना बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन उसने कहा कि अब ठीक है।
राहुल धीरे धीरे अन्दर बाहर करने की गति बढ़ाने लगा और साथ साथ एक हाथ से कमला की चूत और दूसरे हाथ से कमला की चूचियां मसल कर उसे मजा दे रहा था। एक साथ इतने मजे मिलने से कमला जल्दी ही झड़ गई और २ मिनट के बाद राहुल ने भी माँ की कसी गांड में १०-१२ पिचकारी मार कर उसके तीसरे छेद को भी रस से भर दिया और आज दिल्ली में सिर्फ़ तीसरा दिन था। जितनी जल्दी ये सब हुआ उसे देख कर वो बहुत खुश था और आने वाले समय में माँ बेटे की चुदाई के किस्से को और नई उँचाइयों तक ले जाने का इंतज़ार कर रहा था।
अगले दिन १० बजने के कुछ पहले ही कमला होटल के बस स्टाप पर अनिल का इंतज़ार कर रही थी। जब एक बस रुकी तो उसने उससे अनिल को उतरते देखा। कमला आज साड़ी पहन कर आई थी क्योंकि उसमें उसके चूतड़ों की थिरकन बड़ी मस्त लगती थी। वो अनिल को कमरे में ले आई और सामने खड़े होकर पूछा कि अब बोलो कैसे पूरा मजा दोगे?
अनिल कमला से १ इंच छोटा था लेकिन उसने आगे बढ़ कर कमला को जकड़ लिया और अपने पंजे पर उचक कर कमला के होठ को चूम कर धीरे से बोला- आज तेरी चूत चाटूंगा और अपने चिकने लण्ड से चोदूंगा भी।
कमला ने कहा कि जो चाहे करना लेकिन मेरा एक यार है जो मेरी चुदाई की विडियो बनाना चाहता है और तुम मुझे मम्मी कहोगे और मैं तुम्हें बेटा। अगर मंजूर है तो ठीक है, नहीं तो मैं कुछ नहीं करूंगी तुम्हारे साथ।
लड़के ने एक पल के लिए सोचा और फिर कहा- ओके, ठीक है मम्मी !
योजना के मुताबिक, राहुल कमरे के बाहर दरवाजे पर खड़ा था। कमला ने दरवाजा खोल कर राहुल को अन्दर बुलाया। राहुल ने कैमरा निकाला और अनिल और कमला शुरू हो गए।
अनिल ने पहले कमला की चूत चाट कर उसे झाड़ा, फिर कमला ने उसका चिकना लण्ड चूस के उसका निकाला। राहुल ने अलग अलग कोणों से क्लोज़-अप लिए।
इसके बाद अनिल ने कमला को चोदने के लिए लिटाया तो राहुल ने कहा कि दोनों रुक जाओ, तुम दोनों कपड़े पहन लो और अनिल को बोला कि तुम ऐसा करो जैसे कि ये तुम्हारी मम्मी है और तुम जबरदस्ती इसे नंगी कर के इसका देह शोषण कर रहे हो। ये थोड़ा रोकेगी तुम्हें लेकिन अगर तुम्हें इसके कपड़े भी फाड़ने पड़े या धीरे से मारना पीटना भी पड़े तो कर लेना।
इसके बाद अनिल और कमला ने जो विडियो बनाया उसकी कोई मिसाल नहीं। लड़के ने कमला के दोनों हाथों को पीछे से पकड़ कर उसे नंगा करने की कोशिश की, जिसमे उसने कमला को २-३ थप्पड़ भी लगाये, और कमला का पेटीकोट फाड़ दिया। फिर उसने नंगी कमला को कमरे में दौड़ाया। कमला के नंगे दौड़ने का सीन ही सबसे मस्त था क्योंकि उसके मांसल बदन का एक एक अंग थिरकता हुआ दिखा। फिर उसने कमला को चित्त पटक कर थोडी देर चोदा। फिर कमला ने लड़के के ऊपर चढ़ कर उसे चोदा।
बड़ा मस्त विडियो बना। ३ घंटे की चुदाई के बाद राहुल, कमला, और अनिल रेस्तरां में खाना खाने गए और उस लड़के को १०० रूपये देकर धन्यवाद दिया।
इसके बाद के २ दिन राहुल और कमला ने चुदाई और वीसा के इन्तजाम में लगाये। कमला के बदन की जलन भी अब काफ़ी कम हो गई थी, और उसे समझ आया कि उसे इसी तरह की अच्छी चुदाई की जरूरत थी जिसकी कमी से ही जलन हुआ करती थी।
अब बस में लोगों से कमला को डर नहीं लगता था, बल्कि वो अब मजे लेने लगी थी। सातवे दिन कमला अपने बेटे के साथ एअरपोर्ट चली, एक नई दुनिया में कदम रखने के लिए – अमेरिका ! Hindi Sex Stories
मैं 29 साल Antarvasna की एक स्वस्थ और मस्त औरत हूँ। मेरी शादी 1998 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुई।
बात उन दिनों की है जब शादी के कुछ दिनों बाद मेरे पति जालंधर अपनी नौकरी पर चले गए जो किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनके जाने के कुछ दिन तो ठीक-ठाक रहा लेकिन फिर मेरी कामेच्छा बढ़ने लगी और मेरा चुदवाने का मन होने लगा।
मेरी ससुराल में सास-ससुर, जेठ-जेठानी और उनके तीन बच्चे थे, कोई और नहीं था।
तभी दो दिन बाद मेरा चचेरा देवर अपने घर आया जो कहीं बाहर नौकरी करता था। उसकी शादी अभी नहीं हुई थी। चचेरा देवर बहुत ही मिलन सार है। वह जब भी घर आता तो सभी लोगों से जरूर मिलता है। चूँकि मेरी शादी में वह नहीं आ पाया था इसलिए मुझसे भी मिलने चला आया।
जब मैंने पहली बार उसे देखा तो मैं खुश हो गई मेरी नीयत उसी समय बिगड़ गई। लेकिन मैं उससे अनजान थी और वो भी मुझसे पहली ही बार मिला था। थोड़ी देर तक हम दोनों बातचीत करते रहे और थोड़ी देर बाद उसने मजाक किया- भाभी अगर आपकी कोई बहन और हो तो मेरा भी नंबर है।
और कुछ देर के बाद वह चला गया। मैं उसके बारे में रात भर सोचती रही।
अगले दिन दोपहर में वह फिर मिलने आया, मेरी सास कहीं बाहर गई थी। घर में जेठानी अपने बच्चों को सुला रही थी। वह मेरे पास आया और बैठ कर बातें करने लगा। मैंने देखा कि उसका ध्यान मेरे ब्लाउज पर है। जहाँ से वह मेरी चूचियों को देख रहा था।
मैंने पूछा- क्या देख रहे हो राजीव ?
वह चौंक गया और बोला कुछ नहीं। मेरा मन तो पहले से चुदवाने को था, मैंने अपनी साड़ी थोड़ी खिसकाई, उसे मजा आ गया और वह बदमाश हो गया।
उसने तुरंत मेरी चूचियाँ पकड़ ली और मैं राजीव से लिपट गई। उसने मेरे होठों को चूमना शुरु कर दिया। मैं गर्म होने लगी। मेरे पति का लंड मोटा तो था लेकिन वह जल्द ही झड़ जाते थे। मैं चुदवा कर भी प्यासी थी। अब मेरा हाथ राजीव की पैन्ट की जिप की तरफ बढ़ा। उसका लंड बाहर आने को बेताब हो रहा था। उसने मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियाँ मसलने लगा। मुझे मजा आ रहा था, मैं जोर जोर से उसका लंड मसल रही थी।
उसने धीरे से मेरा ब्लाउज और साड़ी दोनों ही उतार दिए और मैंने उसकी पैंट और टी-शर्ट।
अब राजीव केवल अंडरवियर में था और मैं पेटीकोट और ब्रा में। मैंने अपने पेटीकोट को खुद ही उतार दिया। राजीव ने मेरी चूचियाँ दबाते-दबाते मेरी चूत में हाथ लगाया, मेरी चूत गीली थी। राजीव की सांसें तेज हो गई। वो मेरी ब्रा और पैंटी उतार कर मुझसे जोर से लिपट गया।
मैंने उसका अंडरवियर उतार दिया और बोली- देवर जी, जल्दी करो मेरा धैर्य जवाब दे रहा है।
उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और खुद मेरे ऊपर लेट कर अपने लंड का गुलाबी सुपाड़ा मेरी चूत की फांकों में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन बिना अनुभव के उसका लंड मेरी चूत में नहीं जा सका। तब मैंने उसकी मदद की और उसका लंड पकड़ कर मैंने सही रास्ता दिखाया।
रास्ता पाते ही राजीव तो बड़ा ही ताकतवर निकला और मुझे धकाधक चोदने लगा। मुझे मजा आने लगा राजीव ने 40 मिनट तक मेरी चुदाई की, मेरी चूत का उसने पूरा मजा लिया। इस दौरान मैं दो बार झड़ चुकी थी।
मैंने इसके बाद राजीव से कई बार चुदवाया जो मैं अगली कहानी में बताउंगी कि मेरे देवर ने मेरी प्यास कैसे बुझाई। Antarvasna
अंजलि का महीना हुए चार दिन हो चुके Hindi Sex Stories थे और मैं उसको चोदने की योजना बना रहा था। शाम के समय मैं अपने कमरे में चाय पी रहा था तो मैंने देखा कि अंजलि अपने छज्जे पर खड़ी होकर सड़क का नज़ारा देख रही है, मुझसे नज़र मिली तो हल्के से मुस्कुरा दी। मुझसे चुदवाने के बाद आज पहली बार सामना हुआ था। मैंने अपनी जेब से मोबाइल निकला और अंजलि का नम्बर डायल कर दिया, घंटी बजने पर उसने अपना मोबाइल देखा, फ़िर मुझे देखा तो मुस्कुरा कर फ़ोन काट दिया और मेरे पास आकर खड़ी हो गई।
मैंने हाल चाल पूछा तो बोली- ठीक है !
मैंने पूछा- आज रात को आओगी?
तो शरमाकर बोली- नहीं ! मैंने कहा- मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगा।
रात को लगभग १२ बजे मेरे मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई, देखा तो अंजलि की थी। मैंने कॉल-बैक किया तो बोली- क्या कर रहे हैं?
मैंने कहा- तुम्हारा इंतज़ार !
तो बोली- अभी आ रही हूँ।
५ मिनट बाद अंजलि मेरे कमरे में आई और आते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसके बदन पर हाथ फेरा तो पाया कि उसने सिर्फ़ गाउन पहना हुआ था। गाउन के अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी। मैं समझ गया बंदी चुदवाने की पूरी तैयारी कर के आई है।
दीवान के पास आकर उसका एक पैर मैंने दीवान पर रख दिया और उसका गाउन कमर तक उठा दिया। अपना लोअर मैंने उतार दिया और लंड उसकी चूत पर रखना चाहा तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, आज उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, अपनी झांटे साफ़ करके उसने चूत की सुन्दरता को चार चाँद लगा दिए थे। मैंने चोदने का इरादा फिलहाल छोड़ा और उसकी चूत चाटने लगा।
उसने भी पोजीशन बदली और मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। १० मिनट तक मुख-मैथुन का मज़ा लेने के बाद मैंने अपने लंड पर कंडोम चढाया और उसकी चूत में डाल दिया। जमकर चोदने के बाद जब मैं उसकी चूत में स्खलित हुआ तो मैं ख़ुद को जन्नत में महसूस कर कर रहा था। अब हमारी चुदाई की गाड़ी पटरी पर हौले हौले चल रही थी, दूसरे तीसरे दिन वह मुझसे चुदवा लेती थी, इतना मेरे लिए भी काफ़ी था और उसके लिए भी।
अब हमारी कहानी में एक तीसरा पात्र आ गया।
मेरी पत्नी की एक ममेरी बहन श्वेता इसी शहर में रहती थी। एक दिन लगभग ११ बजे मैं ऑफिस में था कि मेरी पत्नी का फ़ोन आया कि वह श्वेता के घर जाना चाहती है !
मैंने कहा- चली जाओ !
तो बोली- मैंने खाना बना दिया है और चाभी रागिनी भाभी को दे दी है, शाम को ४-५ बजे तक आ जाऊंगी।
मैंने कहा- ठीक है।
दोपहर को १ बजे मैं लंच करने घर आया, घंटी बजाई तो रागिनी भाभी बोली- चाभी लेकर आ रही हूँ। उन्होंने मुझे चाभी दी, मैंने ताला खोला और वो भी अन्दर आ गईं, उनके घर में भी कोई नहीं था, डॉक्टर साहब क्लीनिक और लड़कियाँ कॉलेज गई थीं।
अन्दर आकर बोली- रेखा दाल सब्जी बनाकर गई है और मुझसे कह रही थी कि रोटी मैं सेंक दूँ।
रागिनी का गदराया हुआ बदन और एकांत मेरे लंड को खड़ा कर चुके थे और मैंने उनको चोदने की ठान ली थी। मैंने कहा- भाभी आप कुछ देर बैठिये, मैं नहा लूँ फ़िर खाना खाऊँगा।
भाभी वहीं कुर्सी पर बैठ गईं। मैंने उनको गरम करने के लिए जानबूझकर वहीं अपनी शर्ट उतारी और फ़िर बनियान भी उतार दी, भाभी शर्म के मारे इधर उधर ना देखें इसलिए उनसे कुछ ना कुछ बात करता रहा। मैंने कहा- दोपहर में नहा लेने से शरीर में ताजगी आ जाती है और मैंने अपनी पैंट भी उतार दी। अंडरवियर में से मेरा तन्नाया हुआ लंड साफ़ नज़र आ रहा था। मैंने अपना तौलिया कमर पर लपेटा और अंडरवियर उतारते उतारते बोला- भाभी जी अगर आप बुरा ना मानें तो एक बात कहूं?
बोलीं- कहिये।
मैंने कहा- ऐसा लगता है जैसे भगवान् जोड़ियाँ बनाते समय गलती कर गया है, मैं आप जैसी पत्नी पाने का हकदार था और रेखा को डॉक्टर साहब की पत्नी होना चाहिए था। अगर ऐसी जोड़ियाँ होतीं तो मेरी ज़िन्दगी जन्नत से कम न होती।
भाभी उठीं और बोलीं- काश ऐसा होता तो मैं हर पल तुम्हारी बाहों में ही गुजारती।
इतना सुनते ही मैंने उनका हाथ पकड़ कर चूमा और अपनी आंखों से इस तरह लगाया कि मैं धन्य हो गया। मैं एक कदम उनकी ओर बढ़ा ओर अपनी बाहें फैलाकर उन्हें अपने करीब आने का इशारा किया, वो मेरे सीने लग गईं, मैंने अपना एक हाथ उनकी कमर पर और दूसरा टांगों के पास ले जा कर उनको अपनी गोद में उठा लिया, मेरे कसरती बदन को निहारते हुए बोलीं- उतार दो दीपक ! मैं बहुत भारी हूँ।
मैंने कहा- भाभी मेरे प्यार के सामने आपका भार कुछ भी नहीं।
मैं उनको रेखा के बेडरूम में ले आया और पलंग पर लिटाकर उनसे लिपट गया। वो मेरे से लिपटी हुई छुई मुई हुई जा रहीं थीं। एक एक करके उनके सारे कपड़े मैंने उतार दिए और उनके होठों पर अपने होंठ रखकर एक हाथ से उनके मम्मे और दूसरे से उनकी चूत सहलाने लगा। थोड़ी देर में जब उनकी चूत गीली हो गई तो मैं उठा और अलमारी से कंडोम निकालकर अपने लंड पर चढ़ाने लगा तो भाभी बोलीं- दीपक जी इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं कई साल पहले नसबंदी करा चुकी हूँ।
मैं वापस पलंग पर आया, उनकी टाँगे फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत के मुंह पर रखा और पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर कर दिया।
भाभी बोलीं- दीपक जी एक बात पूछूं?
मैंने कहा- पूछिए !
तो बोलीं- तीन साल बाद आपका लंड किसी की चूत में जा रहा है तो कैसा लग रहा है।
मैंने कहा- आपको ये कैसे पता है?
तो बोलीं- रेखा ने मुझे बताया था कि मेरी इच्छा नहीं होती।
इस बातचीत के साथ साथ मेरा लंड अपना काम कर रहा था। उस दिन १ बजे से ४ बजे तक भाभी को दो बार चोदा, मैंने पूछा- भाभी सच बताना तुम्हारा देवर चोदने में कैसा है?
तो बोलीं- टचवुड ! बहुत अच्छा।
मैंने कहा- अच्छा भाभी एक बात और बताओ, कभी गांड मराई है?
बोली- नहीं ! कभी नहीं ! शुरू शुरू में एक दो बार डॉक्टर साहब ने मारनी चाही थी लेकिन उनका लंड गांड में घुसा ही नहीं !
मैंने कहा- भाभी मैं तुम्हारी गांड मारूंगा, मराओगी ?
बोलीं- हाँ मेरे राजा ! जरूर मराउंगी।
फ़िर भाभी ने रोटियां सेंकी, हम दोनों ने खाना खाया और भाभी अपने घर चली गईं।
बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए !!! Hindi Sex Stories
हाय दोस्तो! मैं राजू फ़िर कोलकाता से. Antarvasnaमेरी पिछली दो कहानियाँ
‘एक सच्ची कहानी’
और
‘पति के सामने बीवी की चुदाई‘
आप लोंगों ने जरूर पढ़ी होगी. ये दोनों कहानियाँ मेरे सच्चे अनुभव पर आधारित थीं.
इन दोनों कहानियों को पढ़़कर बहुत से लोगों ने मुझे मेल किया. उनमे से एक जिसका नाम मनु था उसने लिखा कि वो भी इस तरह का सेक्स करना चाहता है. उसकी उम्र 32 वर्ष और उसकी बीवी नीतू की 28 वर्ष है. मनु ने मुझसे कहा कि नीतू एक समय में दो- तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. ये लोग भी कोलकाता के रहने वाले हैं. लेकिन मनु की इच्छा स्वैपिंग की थी. मनु ने मुझसे कहा कि पहले तुम और मैं मिलकर नीतू को चोदेंगे फ़िर बाद में पूजा(मेरी बीवी को). लेकिन पूजा तैयार नहीं थी. इसलिए मैंने उनका परिचय सोनाली और सिया से करा दिया. जो लोग सोनाली और सिया के बारे में नहीं जानते उन्हें थोड़ा परिचय करा दूँ.
सोनाली- उम्र- 30, गोरा, लंबा
सिया- उम्र- 27, सुंदर, 34-25-32
ये दोनों पति- पत्नी हैं कोलकाता से ही. ये लोग तो वैसे पार्टनर बदल कर सेक्स करने के एक्सपर्ट हैं. लेकिन मैंने और सोनाली ने मिलकर एक दिन सिया को चोदा था. सिया बहुत ही हॉट और सेक्सी है. इसके बाद दोनों ने बताया की उन्होंने पार्टनर बदलकर सेक्स किया और उन्हें खूब मजा आया.
मेरी मुलाक़ात अभी तक नीतू और मनु से नहीं हुई थी. फ़ोन पर सोनाली और मनु ने मुझे सब बताया अपनी चुदाई के बारे में.
ये सब सुनकर मेरी भी इच्छा हो रही थी लेकिन मैं मजबूर था. क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं हो रही थी.
कुछ दिनों के बाद एक दिन सोनाली ने मुझे फ़ोन किया कि तुम एक दिन का समय सकते हो? मैंने पूछा कि क्यों? तो सोनाली ने बताया कि सिया और मैंने तुम्हारी चुदाई की तारीफ मनु और नीतू के सामने की है और मैं और मनु चाहते हैं की एक ग्रुप का प्रोग्राम बनाया जाए.
ये सुनकर मैंने कहा की ठीक है लेकिन मैं अकेले ही शामिल हो पाऊँगा क्योंकि मेरी बीवी तैयार नहीं होगी. सोनाली ने कहा कि ठीक है हम प्रोग्राम बना रहे हैं. इसके कुछ दिन के बाद सोनाली का फ़ोन आया की शुक्रवार को चलना है. कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर एक रिसॉर्ट है वहीँ पर चलना है सुबह 7 बजे घर से निकलना है. मैंने कहा ठीक है. मैंने इसके लिए अपनी बीवी को एक दिन पहले ही मायके भेज दिया.
शुक्रवार को सोनाली ने सुबह 6 बजे फ़ोन किया और कहा कि तुम कहाँ पर रहोगे? मैंने एक जगह का नाम बताया. सोनाली के पास कार थी. ठीक जगह पर पहुँच मैं उन लोगों से मिला. मनु और नीतू से पहली बार मिला. सोनाली गाड़ी चला रहा था. बगल में मनु बैठा था. मैं पीछे नीतू और सिया के साथ बैठ गया. फ़िर मैंने नीतू को ध्यान से देखा. क्या माल थी यार? बूब्स- 36”, कमर- 34” और रंग गोरा, आँखें नशीली, देख कर जैसे चुदाई की भूख कभी शांत ही नहीं होती है.
फ़िर मैंने सिया को देखा करीब 6 महीने के बाद. वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगी. फ़िर सोनाली ने मनु और नीतू से मेरा परिचय कराया. सिया कार में बांये यानि मनु के ठीक पीछे बैठी थी. नीतू बीच में और मैं दाहिनी तरफ़. मनु पहले सिया को चोद चुका था इसलिए वो दोनों खुलकर बातें कर रहे थे. करीब दो घंटे के बाद हम रिसॉर्ट में पहुंचे. इस बीच रास्ते में अच्छी तरह से बाते हुई. नीतू मुझसे खुलकर बातें करने लगी. रिसॉर्ट के बगल में एक पर्यटन स्थल था इसलिए वहाँ कमरा मिलना मुश्किल था लेकिन सोनाली ने पहले से ही एक डीलक्स रूम, डबल बेड का बुक करा लिया था. हम रूम में पहुँच कर पहले बारी- बारी से फ्रेश हुए .फ़िर नाश्ते का आर्डर दिए.
नाश्ता करने के बाद हम सभी बेड पर बैठ कर बातें करने लगे. फ़िर मनु और सोनाली ने अपनी चुदाई की कहानी चालू की. कैसे मनु ने सिया को चोदा और कैसे सोनाली ने नीतू को. इसे सुनकर हम सभी धीरे-धीरे उत्तेजित हो रहे थे. मनु ने कहा कि तुम और सोनाली मिलकर पहले नीतू को चोदों मैं और सिया बैठकर देखेंगे. मेरी बहुत दिन से इच्छा है कि नीतू को दो लोग मिलकर मेरे सामने चोदे. नीतू ने उस समय साडी पहनी थी. मनु सिया के साथ बेड से उठकर सोफे पर चले गए.
मैंने नीतू का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसके पीछे जाकर लो कट ब्लोउज से निकली हुई नंगी पीठ को चूमने लगा. उसकी ऊँचाई मुझसे थोडी ही कम थी. उसके साथ उसकी दोनों चूचियों को भी हाथ से पकड़ कर दबाने लगा. क्या चूची थी! एक दम कठोर. फ़िर सामने से सोनाली आकर उसके होठों को चूसने लगा. फ़िर मैंने नीतू का मुंह थोड़ा सा तिरछा कर उसके होठों को चूसने लगा सोनाली उस समय उसकी चूचियाँदबा रहा था फ़िर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उसके बड़ी गांड को ऊपर से सहलाने लगा.
इस बीच मनु उठकर आया और नीतू की साडी उतार दी और कहा कि जल्दी से चोदों इसको. फ़िर वो वापस चला गया सिया के पास. सिया के भी कुछ कपडे उतर गए थे. लेकिन हम लोगों के पास उधर देखने कि फुर्सत नहीं थी. फ़िर मैंने नीतू के ब्लोउज के हुक खोलकर उतार दिया. भीतर उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी जिस्मी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ आधी बाहर निकली थी. सोनाली ने उसके पेटीकोट का नाडा धीरे से खोल दिया और पेटीकोट को उसकी बड़ी गांड से उतार दिया. भीतर उसने काली पेंटी पहनी थी. उसकी बुर के पास भीगा हुआ था जो की पेंटी के ऊपर से ही दिखाई दे रहा था.इसके बाद हमने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे की ओर गया और पेंटी से झनकती हुई गांड पर जीभ फिराने लगा. सोनाली ने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके पूरी तरह तने हुए निप्पल को एक -एक कर चूसने लगा.
नीतू की आँखें उस समय बंद थी और वो पूरी तरह उत्तेजित हो गई थी. फ़िर मैंने उसके पेट, नाभि, जांघों को चूमते हुए उसकी पेंटी उतारनी शुरू की. क्या मस्त बुर थी उसकी! एक दम साफ़ जैसे चुदाई के लिए तैयार की गई हो! मैंने बुर के ऊपर जीभ फिराना चालू किया तो वो बेड पर बैठ गयी. मैंने जमीन पर बैठ कर ही उसके टांगो को चौडा किया और उसकी बुर को चूसना शुरू किया. वो अपनी बुर को जैसे मुझे पूरा खिला देगी वैसे कर रही थी.
ऊपर सोनाली बेड पर बैठ उसकी चूचियाँ, होंठ, निप्पल बारी-बारी से दबा/ चूस रहा था. नीतू उत्तेजना के मारे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगी… या…आ…ई ईई… मजा… आ रहा है. वो पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी थी. मैंने अपने पूरी जीभ उसकी बुर के भीतर तक घुसा दी थी. और एक अंगुली से उसकी क्लिट को रगड़ रहा था. वो बोलने लगी- हाँ… ऐसे… ही… आई…आ…जीभ चोदते रहो… सोनाली… तुम… मेरी चूचियों को और जोर से… और जोर से… दबाओ…
मनु अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वो भी पूरी तरह से नंगा था.वो नीतू के पास आया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. तब तक सोनाली ने अपने कपड़े उतार कर नीतू को अपना तना हुआ लंड पकड़ा दिया था. वो उसे जोर से सहला रही थी.
मैंने भी अपने कपडे उतारे और अपने लिंग पर एक कंडोम चढाया. और नीतू को डौगी स्टाइल में बेड पर औंधे लिटा दिया. यानि कमर के ऊपर का हिस्सा बेड के ऊपर. मैंने उसके पीछे से आकर उसकी रिसती हुई बुर में एक ही धक्का में अपना पूरा लंड घुसा दिया और जोर-जोर से चोदने लगा. बेड पर नीतू की मुंह की तरफ़ सोनाली बैठा था और उसका लंड नीतू मुंह में लेकर चूस रही थी. मैं जितना जोर से धक्का मारता वो उतना ही सोनाली का लंड अपने मुंह में भर लेती.
मनु पास में ही बैठ कर हमें और जोर से चोदने के लिए उसका रहा था. सिया भी पूरी तरह से नंगी होकर पास में ही बैठी थी मैंने कुछ देर तक उसे चोदा और झड़ गया. फ़िर सोनाली ने उसे बेड पर लिटाकर नोर्मल स्टाइल में चोदा. झड़ने के बाद वो भी बगल में आकर लेट गया.
शेष कहानी यानि हम पाँचों की एक साथ चुदाई अगले भाग में.
यह ग्रुप सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी जरूर बताना. Antarvasna
मेरे दोस्तो अब मैं आपको अपनी स्टोरी बता oral sex रहा हूं। मैं गुजरात(सौराष्ट्र) के एक मशहूर शहर में रहता हूं। मेरा ओफ़िस है और मैं एकदम फ्रेंडली लड़का हूं। बोडी अच्छी है, मेरा लंड ७ का है और थोड़ा मोटा है, वैसे तो मैं कई बार सेक्स का अनुभव कर चुका हूं, पर यहां की भाभी और लड़कियों में जो बात है वो भारत में और कहीं नहीं। बड़े बूब्स, चिकनी गांड, मस्त बोडी, जैसे चोदते हि रहो। मैं डेली ओफ़िस जाने के लिये बस मे आता जाता हूं। सुबह जाता हूं और शाम को वापस, रोज यही चलता है।
मेरे साथ एक लड़की भी रोज़ सफ़र करती है, वो आगे से ही उसी गाड़ी में होती थी शायद अगले शहर से आती होगी, एक बार गाड़ी में भीड़ ज्यादा ही थी, उसके बाजु में एक सीट खाली थी सो मैं उसके पास बैठ गया, वो मुझे देख कर हल्के से मुस्करायी मैने भी मुस्करा कर जवाब दिया, फ़िर थोड़ी देर बैठे रहे, अचानक ही उसने मुझसे पूछा कि तुम पढ़ाई करते हो या कोई जोब, मैने कहा कि मेरा बिजनेस है, और उसने बताया कि वो सरकारी नौकरी करती है, कुछ बातें हुई और फ़िर हम काम पर चले गये, रोज ऐसे ही मुलाकात होती रही, हम अपनी बातें बताते रहे, वो शादी शुदा थी पर तलाक हो चुका था अकेली रहती थी,उसका नाम सोनु था, उसकी आंखो में कुछ अजब सी कशिश थी, गोरा बदन, ३६ बूब्स, काफ़ी सुडौल बदन और एकदम सेक्सी। एक बार उसने कहा कि कल मेरी छुट्टी है हो सके तो मेरे घर चाय-पानी के लिये आओ। मैने कहा ठीक है।
और उससे पता और मोबाइल नम्बर लेकर मैं उसके घर पहुंचा। उसका घर काफ़ी सुंदर था। मैने डोरबेल बजाई और उसने दरवाजा खोला और मुझे वेलकम कहा। अंदर आके मैं ड्राइंग रूम में बैठा। थोड़ी देर में वो चाय ले कर आयी और हमने आपस में बातें करना शुरु किया। अचानक ही उसने कहा कि आई लव यु। मैं तुम्हे प्यार करती हूं और तुम्हे पाना चाहती हूं और मुझसे लिपट गयी, जैसे ही उसके बदन का सपर्श हुआ मेरे शरीर में करेंट दौड़ गया मैं भी उससे लिपट गया और उसे चूमने लगा, वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी
हम दोनो बेड में लेटे हुए एक दूसरे के कपड़ों पर टूट पड़े थोड़ी देर में हम एकदम नंगे थे, क्या बताऊं दोस्तों, उसका बदन था या कयामत, नर्म और बड़े बूब्स, उस पर गुलाबी निप्पल एकदम फ़ूल गये थे, चिकनी जांघें और बीच में गुलाब की तरह लाल चूत, जैसे मुझे न्यौता दे रही थी, उसने मेरे लंड को पकड़ा और कहा मेरे जानु तुम्हारा लंड तो एकदम कड़क है, अब मेरी प्यास बुझेगी, मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा और रब करने लगा, मैने धीरे से उसकी चूत खोली, एकदम फ़ूली हुई और छोटी सी उसकी चूत थी। एकदम सफ़ाचट थी मैने चूत की क्लिट को छुआ तो वो तड़प उठी और आहें भरने लगी मेरा सर पकड़कर उसने चूत पर रख दिया और मैं धीरे धीरे उसकी चूत पर अपनी जीभ फ़ेरने लगा वो बुरी तरह से तड़प रही थी, उसकी चूत में से चिकना पानी निकल रहा था, मैने अपनी एक उंगली को चिकना किया और धीरे से उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा।
वो मस्त हो रही थी, फ़िर उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और अपनी जीभ उस पर फ़िराने लगी मैं उसके दोनो निप्पल को चुटकियों में रगड़ रहा था फ़िर उसने कहा कि अब मुझमे समा जाओ और फ़िर मैने उसकी दोनो टांगो को अलग किया और बीच में बैठ गया। उसकी गुलाबी चूत एकदम फ़ूल गयी थी और पानी से एकदम चिकनी हो गयी थी। चिकना पानी लगातार निकल रहा था मैने अपना लंड चूत के पानी से चिकना किया और चूत पर रब करने लगा वो बहुत तड़प रही थी, उसने अपनी चूत दोनो हाथों से खोल दी, उसकी चूत का छोटा सा छेद एकदम साफ़ दिख रहा था, फ़िर मैने अपना चिकना लंड धीरे से उसकी चूत में डालना शुरु किया और वो कराहने लगी, धीरे धीरे मैने पूरा लंड उसकी चूत में डाला और अपनी कमर हिलाने लगा। अब वो भी मस्त होकर एकदम मुझसे लिपट पड़ी थी और मैं शोट पर शोट लगाता रहा, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, चूत चिकना पानी निकाल रही थी और उसकी बजह से चप चपक चप जैसी आवाज़ आ रही थी, फ़िर मैने उसे घोड़ी बनाकर पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, मैं कभी लंड पूरा निकाल लेता और फ़िर पूरा डाल देता, रगड़ से छपाक छपाक की आवाज़ गूंज रही थी और फ़िर स्पीड से मैने उसे चोदना शुरु किया और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया। अब वो पूरी तरह सैटिस्फाई हो गयी थी। हम दोनो बेड पर लेटे एक दूसरे को चूमने लगे और दोस्तो फ़िर शुरु हुआ न खत्म होने वाला एक चोदने का सिलसिला। oral sex
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