Our site can help you find a professional massage girl in Barwani who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Barwani that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Barwani massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Barwani who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Barwani massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Barwani massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Barwani who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Barwani employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Barwani helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Barwani
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Barwani at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
मॅाम फक कहानी में मैंने ट्रेन में अपने पापा की दूसरी बीवी को चोदा, कई बार चोदा. फर्स्ट क्लास के केबिन में 4 लोग थे, दूसरा कपल भी चुदाई में लगा था.
दोस्तो,
मेरा नाम विकी है. हम लोग पुराने पैसे वाले रईस हैं.
पापा स्कूल में प्रिंसिपल हैं.
मेरे पापा ने दो शादियाँ की थी. दोनों पत्नियों को एक साथ ही रखा हुआ था.
कुछ साल पहले मेरी जन्मदात्री इस दुनिया से चली गयी थी.
अब मेरी दूसरी माँ ही है.
मैं अपनी सौतेली मां के बारे में बता दूं.
मां का नाम निर्मला है. वह पेशे से हाउसवाइफ हैं और घर में ही रहती हैं.
यह मॅाम फक कहानी तब की है जब हम शहर से हमारे गांव भागलपुर के पास जा रहे थे.
हमारी फर्स्ट एसी की टिकटें थीं और एक ही कंपार्टमेंट में थीं जहां एक रूम होता है और 4 सीटें होती हैं.
मां की नीचे वाली सीट थी और मेरी उनके सामने वाली ऊपर की सीट थी.
करीब दो घंटा बाद हमारे कम्पार्टमेंट में एक कपल आया.
शायद उनकी नई नई शादी हुई थी.
पूछने पर पता चला वह बीवी को मायके से लेने आया था.
अब वे दोनों अपने घर जा रहे थे.
अब दोनों की सेक्सी हरकतें चालू हो चुकी थीं.
उनका एक दूसरे से सेक्सी बातें करना और बात बात में एक दूसरे को टच करना चल रहा था.
मां यह सब देखकर शर्मा रही थीं.
शायद उनको अपने दिनों की याद आ रही थी.
मैंने मां को होंठ चबाते हुए देखा और जब किसी की नजर नहीं थी, तो मां ने साड़ी सैट करने के बहाने अपनी चूत भी खुजाई थी.
उस वक्त मैं उन्हें देख रहा था.
जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ़ देखा, मैं यहां वहां देखने लगा.
अब मुझे उनकी हरकतें मां के ऊपर लगे हुए शीशे में साफ दिख रही थीं.
तभी मुझे उस सामने वाली औरत के पति ने देख लिया कि मैं उन दोनों को प्यार की हरकतें करता देख रहा हूँ.
उस आदमी ने मुझे इशारा कर बाहर आने को कहा.
मैं आ गया और वह भी पीछे आ गया.
उसने कहा- भाई, मेरी नई नई शादी हुई है. तुम लोग ऐसा करोगे तो कैसे चलेगा?
मैंने सॉरी कहा.
तो उसने कहा- कोई बात नहीं. अरे मुझसे कंट्रोल ही नहीं हो रहा है. तुम्हारा भी क्या दोष है … और सामने जो औरत बैठी है, मेरी पत्नी उसे समझा रही है. तू समझ गया तो मेरा एक काम करेगा. तू उनके साथ बैठ जा. उनको कंपनी दे दे. हम यहां लाइट बंद करके आते हैं. मेरा स्टेशन आने को अभी 5-6 घंटे हैं. उसके बाद मुझे घर पर ऐसा मौका 4-5 दिन नहीं मिलेगा. भाई मान जा. क्या पता अगर उस आंटी ने तुझे चांस दे दिया, तो कुछ भी हो सकता है. मजे ले ले!
मैंने उससे कहा- ठीक है.
कुछ देर बाद हम अन्दर आए तो मैं ऊपर न जाकर मां के बगल में ही बैठ गया.
मां ने कहा- उनको प्राईवेसी चाहिए, तू यहीं मेरे साथ बैठ जा.
फिर उन्होंने पूछा कि लाइट बंद कर दें?
मैंने कहा- हां कर दो.
उसके बाद अंधेरे में मैं और मां एक दूसरे से सट कर बैठे थे.
अब हमें कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था पर उनकी हरकतों की आवाजें आ रही थी.
उनकी चूमने की आवाज और उस लड़की का मादक भाव से सिसकना सुनकर मेरा लंड तन गया था.
मेरा हाथ मां की तरफ था.
मुझे लग रहा था कि मां अपने मम्मों से मेरी कोहनी पर दबाव डाल रही हैं.
इतने में मां का फोन आया तो लाइट जली.
हम दोनों ने देखा कि वह औरत ऊपर से नंगी हो चुकी थी और वह आदमी उसकी गोदी में बैठा, उसके मम्मे चूस रहा था.
मां ने हड़बड़ा कर फोन कट किया और फोन ब्लाउज में डाल लिया.
जैसे ही हाथ नीचे किया, तो मेरी जांघों पर लंड के करीब हाथ रख दिया.
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर ना जाने क्यों … मां ने हाथ सरका कर लंड पर रखा और मेरे खड़े हुए लंड को महसूस करने लगीं.
मां मेरे लंड को भांप रही थीं.
उन्होंने लंड को पकड़ने की कोशिश की.
शायद उन्हें पता चला होगा कि यह मेरा लंड है, तो उन्होंने झट से हाथ हटा लिया.
अब मेरा पारा चढ़ गया था, मैंने हाथ पीछे लेकर मां की कमर पर रखा और वहां से हाथ निकाल कर मां के पेट को मसलने लगा.
मां फुसफुसा कर बोलीं- बेटा यह क्या कर रहा है!
मैंने पूछा- क्या?
मां कुछ नहीं बोलीं.
अंधेरे में मां ने वापस मेरे लौड़े पर हाथ रखा.
इस बार उन्होंने उठाया नहीं.
मुझे ऐसा लगा जैसे वे इशारा दे रही थीं कि चलो हम भी कुछ करते हैं.
मैंने अपना एक हाथ मां के मम्मों पर रखा और मसलने लगा.
मां मेरे कान में धीरे से बोलीं- बेटा, यह गलत है.
मैंने मां के कान में कहा- छोड़ो ना मां … किसे पता चलेगा. प्लीज मां करने दो ना! बस एक बार, मैं इसके बाद ना मांगूंगा और ना किसी से कुछ कहूंगा.
मैं ऐसे कहते कहते मां के कान और उनकी गर्दन को चूमने लगा.
उनकी सांसें धीरे धीरे ऊपर नीचे हो रही थीं.
माहौल में गर्मी बढ़ रही थी.
मैं मां का ब्लाउज खोलने लगा.
मां ने मेरा हाथ पकड़ा मगर मैंने ब्लाउज के सारे हुक एक एक करके खोल दिए.
मां का ब्लाउज खुल चुका था और मां का हाथ अभी भी मेरे हाथ पर ही था.
मैं समझ गया था कि मां गर्म है और यही मौका है उनकी चूत पर लौड़ा मारने का.
अब मैं मां की साड़ी को ऊपर खींचने लगा.
मां ने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन इस बार उन्होंने रोका नहीं.
मैंने साड़ी ऊपर की और मां की जांघों पर हाथ फेरने लगा.
मां की सांसें तेज़ चल रही थीं.
‘हम्मम हम्म सों सों …’ की आवाजें आ रही थीं.
मैं चूत पर गया और चड्डी के ऊपर हाथ फेरने लगा.
चड्डी गीली सी लगी इसलिए मैंने अन्दर हाथ डाला.
शायद मां ने 2-3 दिन पहले ही चूत साफ की थी. उनके छोटे छोटे बाल आए हुए थे.
उनकी चूत पर हाथ फेरने का क्या मीठा अहसास था.
मुझे उनकी चूत के होंठ समझ नहीं आ रहे थे.
यह मेरा पहली बार था, जब मैं किसी की चूत को टच कर रहा था.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर घुसाया और मेरी उंगली पकड़ कर चूत के छेद के अन्दर डाल दी.
फिर गांड उठा कर इशारा दिया कि अन्दर बाहर करो.
मैंने चूत से हाथ निकाला और खुद से दो उंगलियां डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
तब तक सामने वाली सीट पर चुदाई चालू हो चुकी थी.
पच फच धक्कों की आवाजें आ रही थीं.
मैं उठा और अपनी पैंट निकाल कर नंगा हो गया.
फिर मां के पास बैठ कर उनकी चड्डी निकालने के लिए हाथ लगाने लगा.
पर मां पहले ही चड्डी निकाल टांगें फैला लेटी हुई थीं.
मैं मां के ऊपर लेट गया.
मां ने मेरा लंड पकड़ चूत पर सैट किया और धक्का देने को बोलीं- पेल दे!
जैसे ही मेरा हैवी लंड चूत के अन्दर गया, मां की चीख निकल गई- उई मर गई आह आराम से कर ना!
मेरे कुछ ही धक्कों में मां सामान्य हो गईं.
मेरा लंड आसानी से अन्दर आ जा रहा था.
अब हम भी फच फच की आवाज़ें करने लगे.
मां गांड उठा उठा कर चुदवा रही थीं.
अब मैंने मां के मम्मे चूसने को हाथ ऊपर किए, तो वे नंगे थे.
मां ने ब्रा पहले से ही ऊपर कर ली थी.
मैं बुरी तरह से मम्मे चूसने लगा और काट भी रहा था.
मां कह रही थीं- आह काट मत बेटा … बस चूस कर मजा ले और ऐसे ही धक्के देता रह … बड़ा अच्छा लग रहा है.
मैं धक्के देते देते हुए ही मां की चूत के अन्दर झड़ गया.
मां भी झड़ गई थीं.
उन्होंने मुझे कसके पकड़ लिया और अपनी झड़ी हुई चूत को रगड़ने लगीं.
हम दोनों ने अपने आपको संभाला.
मैंने मां की चड्डी अपनी जेब में छुपा ली.
थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के साथ लेटे रहे.
फिर एक स्टेशन आया तो खिड़कियां खटखटाई जाने लगीं- चाय चाय.
सामने की सीट वाले उस आदमी ने बाहर जाकर चाय ली.
मेरी मम्मी ने भी मुझसे चाय मँगवा ली.
वह आदमी मुझे देख कर हंस रहा था. उसने मुझे इशारा किया.
हम दोनों पानी लेने के बहाने बाहर गए.
बाहर आकर वह मुझसे बोला- भाई सही खेल गया तू तो … क्या गजब माल बजाया है. वैसे एक बात बोलूं यह मेरी बीवी नहीं है, मेरी बहन है.
मैं शॉक्ड हो गया.
मैंने कहा- चल झूठे … ऐसा भी कहीं होता है?
“क्यों नहीं होता. आज तूने क्या किया. तुझे क्या लगा कि मुझे पता नहीं चलेगा कि जिसको तूने चोदा है, वह तेरी कौन है? मैंने बाहर लगे चार्ट पर तुम्हारे नाम पढ़े थे! तू मॅाम फक कर रहा था.”
अब मेरी बोलती बंद हो गई.
मैं उदास हो गया और सोचने लगा कि यह मुझसे क्या हो गया!
वह बोला- भाई टैंशन क्यों लेता है, साले मजे ले इतना बड़ा कांड किया है तूने! हर फैमिली में ऐसे ही होता है, बस कोई बताता नहीं है. अब मुझे ही देख ले अपनी बहन को बीवी की तरह चोदता हूँ.
कुछ रुक कर वह फिर से बोला- हमारे पास तो अभी मौका है. हम लोग तो यहां से जाने से पहले एक और शॉट मारने वाले हैं. अब तक मेरी बहन ने तेरी मां का दिमाग सैट कर दिया होगा. अब तुझे जब चाहे चूत मिलेगी, नहीं भी मिली तो अब भी मौका है. जो चाहे वह कर ले.
अब हम दोनों ट्रेन में चढ़ गए.
मेरी मां और उस लड़की की बातों से लग नहीं रहा था कि उनका कोई डिस्कशन हुआ था.
उन दोनों में हंसी मजाक चल रहा था.
फिर टीसी टिकट चैक करने आया.
अब उस आदमी ने बोला- लाइट बंद कर दूँ … कोई दिक्कत तो नहीं है आपको!
मैं हंस कर बोला- हां जी जरूर जरूर.
मैं ऊपर वाली बर्थ पर जाने लगा तो मां बोलीं- बेटा कहां जा रहा है, यहीं मेरी बगल में सो जा!
अब मैं बाहर की तरफ सो रहा था और मां अन्दर की तरफ सीट पर.
जगह कम पड़ रही थी, इसलिए हम दोनों चिपक कर सो रहे थे.
वे दोनों पुनः शुरू हो चुके थे.
उसकी बहन की चूड़ियों की आवाज गूंज रही थी व उसकी खिलखिलाने की आवाज आ रही थी.
मैं सोच रहा था कि अब क्या होगा.
क्या मैं आगे फिर से कुछ करूँ.
तभी मां की हरकतें शुरू हो गईं.
मां अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगीं.
मैं फिर से सेक्स नहीं करना चाहता था लेकिन इस बार मां सामने से मौका दे रही थीं.
मेरा हाथ पकड़ मां ने अपने पेट पर घुमाते हुए नीचे को किया और अपनी चूत पर रख लिया.
मां ने अपनी साड़ी ऊपर कर ली थी और एक हाथ से मेरी पैंट नीचे करने की कोशिश कर रही थीं.
मैंने उठकर अपनी पैंट उतारी और मां ने मेरा लंड पकड़ लिया.
वे लंड हिला हिला कर उसे टाइट कर रही थीं.
मां मूड में आ गई थीं.
अब मां मेरी तरफ मुँह कर मेरे ऊपर आना चाह रही थीं.
मैंने मां को अपने ऊपर खींच लिया.
मां ने अपना ब्लाउज के बटन खोल दिए; ब्रा तो पहले ही ढीली थी.
ऊपर से मां नंगी हो गई थीं और अपने दूध मेरे मुँह में दे रही थीं.
कुछ देर बाद मां ने मेरी भी शर्ट के बटन खोल दिए.
मैंने भी जोश मैं मां की साड़ी उतार दी.
मैं मां के नीचे था और वे मेरे ऊपर थीं.
मां मुझे अपने दूध चुसवा रही थीं और मेरे लंड को मां अपनी चूत में लेकर खुद ऊपर नीचे करने लगी थीं.
मैं नीचे से धक्के दे रहा था.
ऐसे ही चुदाई होती रही.
काफी देर बाद हम दोनों झड़ गए.
मां मेरे ऊपर नंगी ही सोई रहीं.
हमें जो कंबल मिला था, उसमें ही हम दोनों सोए रहे.
सुबह अचानक उन दोनों ने हमें जगाया.
उनका स्टेशन आ गया था.
हमने उन्हें विदा करके कुंडी लगाई.
अब हम दोनों ऐसे ही नंगे बैठे थे.
मैंने पहली बार मां का नंगा गोरा बदन देखा था.
मां मुझसे चिपक कर सोई थीं.
हम एक दूसरे को देख रहे थे.
मां ने मुझसे कहा- विकी बेटा देख, जो ट्रेन में हुआ, वह किसी को पता नहीं चलना चाहिए … और यह सब यहीं पर खत्म हुआ मान लेना. ट्रेन से उतरने के बाद गलती से भी नहीं होगा. ना ही मेरी तरफ से, ना ही तेरी तरफ से … ओके!
मैंने मां से ओके कहा और उनके दूध चूसने लगा.
मां मेरे बालों में हाथ डाल सहलाने लगीं मेरी एक जांघ मां की जांघों के बीच गई तो मुझे चूत की गर्मी महसूस हुई.
मैं मां की चूत में लौड़ा घिसने लगा.
मां कुछ नहीं बोलीं.
मैंने मां से कहा- मां, अभी ट्रेन से उतरने में दो घंटा बाकी हैं. क्यों ना एक आखिरी बार और हो जाए.
मां हंस दीं और बोलीं- बदमाश मुझे पता था कि तू इतने में नहीं मानेगा.
अब हम दोनों ने किस करना चालू किया.
मैं मां को चूमे जा रहा था और चूसे जा रहा था.
यह मॅाम फक का आखिरी मौका था.
मां मेरा लंड हिला रही थीं.
मैंने मां से लंड चूसने को कहा.
मां खड़ी हुईं और मेरा लंड चूसने लगीं.
आह बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने मां को सीट पर बिठाया और उनके पैर फैला कर चूत चाटने लगा.
अब मैं मां को अपनी गोद में बिठा कर चोद रहा था.
फिर मैं मां को खिड़की के पास डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.
मां खिड़की की सलाखों को पकड़ कर गांड उछाल उछाल कर लंड अन्दर ले रही थीं.
मस्त माहौल था.
मां का ऐसा जंगली रूप रात को भी नहीं था.
मैं मां को खड़ा करके और झुका कर पीछे से चोद रहा था.
मैंने मां को नीचे बिठाया और उन पर अपने माल की बरसात कर दी और मां का सारा बदन अपने माल से भर दिया.
हम दोनों हांफते हांफते एक दूसरे के ऊपर सो गए.
अब मुझे मां को और चोदना था लेकिन मां जुबान की पक्की थी.
वे मुझे ट्रेन के बाहर कभी चोदने नहीं देतीं.
तो कैसे मैंने मां को पटाया और अगली चुदाई कब की.
यह सब मैं अगली कहानी में लिखूँगा.
मैं गुप्ता बहुत समय से Sex Stories अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ. कई बार सोचा कि अपने जीवन की घटनाओं के बारे में लिखूँ. पर पता नहीं हिम्मत नहीं हो रही थी. आज जब एक बार फिर से मैं अन्तर्वासना की साईट पर गया तो फ़ैसला किया कि एक बार तो अपना अनुभव मैं भी लिखूँ.
मैं आज चालीस साल का हूँ पर सेक्स का खुमार तो अभी भी बहुत है. एक तो वैसे ही मेरा जॉब घूमने वाला है और मैं भारत में घूमता रहता हूँ और हफ्ते में केवल दो तीन दिन के लिए ही घर जा पाता हूँ इसलिए जब घर जाता हूँ तो मेरी बीबी तो थक ही जाती है.
अब मैं अपनी पहली चुदाई के बारे में बताता हूँ.
उस समय मैं 18 साल का था, मेरी दूर की नज़र थोड़ी कमजोर थी. उस समय दिल्ली में एक डॉक्टर आया जो इलाज से चश्मा उतरवा देता था. बस मैं भी उसके पास पहुच गया. वहाँ पर एक हफ्ते तक रहना था. मेरे साथ वाले पलंग पर एक छोटी लड़की भी इलाज़ करवा रही थी. मेरे चश्मे का नंबर तो केवल -1 था पर उसका नंबर उस समय -3.5 था. उसके साथ उसकी मम्मी रहती थी.
यह दूसरी रात की बात है, जब सब सो रहे थे कि अचानक मुझे अपने पैर पर किसी का हाथ महसूस हुआ. मैंने धीरे से आँख खोल कर देखा तो पता चला कि लड़की की माँ जो मेरे पैरों की तरफ मुँह करके सो रही थी वो मेरे पैरों को सहला रही थी.
मैं कुछ नहीं बोला, चुपचाप सोने का बहाना करता रहा. हम दोनों के पलंग में केवल 6′ का फासला था. थोड़ी देर में उसने मेरा पैर पकड़ कर अपने पास खींच लिया और अपने सीने पर दबा दबा कर रगड़ने लगी. अब मेरा लंड भी खड़ा हो गया लेकिन मैं फिर भी आराम से लेटा रहा क्योंकि यह मेरा पहला मौका था इसलिए मेरी गांड फट रही थी.
पर थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके अपने पैर के अंगूठे से उसके मोमों को रगड़ना शुरु कर दिया. इतने में अचानक उसने अपना ब्लाऊज़ ऊपर करके अपने मोमे बाहर निकाल लिए. उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी. इस अचानक हुए परिवर्तन ने मेरी हवा निकाल दी. मुझे डर लग रहा था कि अगर कोई आ गया या कोई उठ गया तो क्या होगा!
पर वो आराम से मेरे पैर से अपने मम्मे मलवा रही थी.
धीरे धीरे मेरे हिम्मत भी बढ़ गई और मैं थोड़ा नीचे को सरक गया और पूरा जोर लगा कर अपने पैरों से उसके स्तन मलने लगा. उसने धीरे से अपना हाथ आगे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और जोर से मलने लगी. मेरी तो जैसे जान ही निकल गई. फिर मैंने अपनी साइड बदल कर उसकी तरफ मुँह कर लिया और उसके मोमे जोर जोर से दबाने लगा. उसके मोमे बहुत ही नर्म-मुलायम थे. फिर धीरे से मैंने आगे को झुक कर उसके चुचूक को मुँह में ले लिया और जोर से चूसने लगा. मैंने इतनी जोर से चूसा कि उसकी आह निकल गई. मैंने पहली बार किसी के मोमे चूसे थे इसलिए मैं तो पागल हुआ जा रहा था.
फिर मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं चूसने के साथ साथ उसके मोम्मों को कस कस कर दबाने लगा.
वो बोलने लगी- और दबा जोर जोर से!
दस मिनट तक हम ऐसे ही मजे लेते रहे. वो मेरा लंड दबा रही थी और मैं उसके मोमे चूस रहा था और दबा रहा था. लेकिन जगह कम होने की वजह से हम और कुछ नहीं कर सकते थे. फिर मैंने उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत में उंगली डाल दी और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा और वो मस्ती में मेरे लंड को रगड़ने लगी. कुछ देर बाद हम दोनों का माल निकल गया.
कुछ देर तो हम दोनों आराम से लेटे रहे, फिर वो बोली- मजा आया?
मैंने कहा- बहुत मजा आया!
तो वो बोली- कभी किसी को चोदा है?
मैंने कहा- नहीं!
तो वो बोली- कभी मेरे घर आना, तो बहुत मजे दूँगी और तुम्हें चोदना भी सिखा दूँगी.
अगले दिन जब मैं, वो उसकी बेटी सब एक साथ बैठे थे, तो उसने सेब निकाले और सब को काट कर खिलाने लगी. बाद में जब सब अपने पलंग पर चले गये तो मैंने उससे कहा- ये क्या छोटे छोटे सेब खिला रही हो!
तो वो बोली- अगर बड़े सेब खाने हैं तो घर आना पड़ेगा! फिर तुम्हें असली मुलायम और बड़े सेब खिलाऊँगी.
मैंने कहा- फिर तो पक्का तुम्हारे घर आना ही पड़ेगा.
उसने अपना पता और फोन नम्बर मुझे दे दिया. फिर कुछ दिनों के बाद हम अस्पताल से अपने अपने घर चले गये.
एक दिन मैंने सोचा कि चलो देखे कि वो कितना सच बोल रही थी और मैंने उसे फोन किया तो उसने मुझे अपने घर पर आने के लिये बोला.
वो बोली- सुबह 11 बजे मेरे पति काम पर चले जाते हैं, फिर घर पर अकेली हूंगी.
अगले दिन मैं ठीक 11 बजे उसके घर पर पहुँच गया. मैंने उसके घर की घन्टी बजाई तो उसने ही दरवाजा खोला. उस समय उसने गाउन पहाना हुआ था. मुझे देखते ही वो बहुत खुश हुई और जोर से बोली- वेलकम.
मेरी तो गान्ड फट रही थी, क्योंकि यह मेरी पहली बार थी. खैर मैं उसके घर के अन्दर चला गया. जैसे ही मैं अन्दर गया उसने दरवाजा बन्द कर दिया.क्योंकि मैं डर रहा था इसलिये पहले मैंने पूरे घर का एक चक्कर लगाया यह कह कर कि पहले तुम्हारा घर तो देख लूँ. फिर जैसे ही मैं उसके बेडरूम में पहुँचा, उसने कहा- देख लिया! घर पर कोई नहीं है.
मैं कुछ नहीं बोला, बस उसकी तरफ देख कर मुस्करा दिया. तो वो हंसने लगी और मुझे पकड़ कर एक जोरदार पप्पी कर दी.
बस फिर क्या था, मैंने भी उसे कस कर पकड़ लिया और चूमने लगा. उसने एक दम से मुझे पलंग पर गिरा दिया, मेरे ऊपर लेट गई और कहने लगी- तुझे बड़े बड़े सेब खाने थे ना? ले आज जी भर कर खा ले!
और उसने अपना गाउन नीचे को करके अपना एक मोमा मेरे मुँह में दे दिया जिसे मैं कस कर चूसने लगा. वो जोर जोर से आह आह करने लगी. उसकी आह सुन कर मेरा लन्ड जोर जोर से फड़कने लगा. मैंने एकदम से पल्टी ली और उसको नीचे दबा लिया और एक हाथ से उसके एक मोमे को कस कर दबाने लगा और दूसरे को चूसते हुए नीचे कपड़ों के ऊपर से ही लन्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो भी एकदम गरम हो गई और उसने मेरे सारे कपड़े एक मिनट में उतार दिये और अपना गाउन भी उतार दिया. जैसे ही उसने अपना गाउन उतारा, मेरी तो हालत ही खराब हो गई क्योंकि मैं पहली बार किसी औरत को एकदम नंगा देख रहा था. मेरा लन्ड फटने को तैयार था. इतने में ही उसने मेरे लन्ड को पकड़ कर दबा दिया. मेरी हालत बिल्कुल पागलों वाली हो रही थी.
उसने मुझे पलंग पर गिरा दिया और एकदम से मेरे लन्ड पर बैठ गई और पूरा का पूरा लन्ड अन्दर ले लिया.
लन्ड अन्दर जाते ही क्या सकून मिला… बता पाना बहुत मुशकिल है! पहली बार मेरा लन्ड किसी चूत में गया था. मैं तो बस स्वर्ग में पहुँच गया था और मेरे साथ साथ उसे भी शायद मजा आया. मैं नहीं जानता था कि ऐसा मजा भी होता है! मैं तो बस उड़ रहा था और यह शायद उसे भी समझ आ रहा था इसलिये वो बस आराम से बैठी थी.
फिर एक मिनट के बाद वो बोली- क्या हुआ रा…जा? यह तो बस शुरुआत है!
अब तक मैं भी अपने होश में वापस आ चुका था. मैंने कहा- चिन्ता मत करो और शुरु हो जाओ.
बस फिर क्या था, उसने ऊपर से धक्के लगाने शुरु कर दिये. मैं तो बस मजे से लेटे लेटे मजे ले रहा था, कि वो एकदम से बैठ गई और अपनी चूत को मेरे लन्ड पर कस लिया.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोली- मैं तो गई!
इस पर मैंने कहा- अभी तो शुरुआत है!
तो वो हंसने लगी और बोली- अब तू धक्के लगा!
फिर क्या था, मैंने पल्टी लगाई और उसको नीचे दबा लिया. अब तक मैं भी समझ चुका था कि चुदाई कैसे होती है.
बस सबसे पहले तो उसके मोटे मोटे मोमों को दबाने लगा फिर एक एक को मुँह में ले कर बारी बारी से चूसने लगा. वो भी फिर से मस्ती में आने लगी और कहने लगी- बहुत मजा आ रहा है और जोर से चूस… काट कर खा जा बस!
मैंने उसके कहने के साथ ही उसके निप्प्ल को हल्के से काट लिया. वो आ…ह कर उठी और बोली- चू…स खा…ली कर दे! काट! सेब क्या इतने आराम से काटते हैं?
यह सुन कर मुझे भी जोश चढ़ गया और मैं जोर जोर से उसके मोमों को चूसने और काटने लगा. इधर मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही थी. तभी वो बोली- अपना लन्ड भी घुसा दे और फाड़ दे मेरी चूत!
बस फिर मैंने एकदम से लन्ड उसकी चूत में पेल दिया और धक्के लगाने लगा. अभी दस मिनट ही हुए थे, कि वो बोली- तेज और तेज!
मैंने जोरदार धक्के लगाने शुरु कर दिये. तेज और तेज कहते कहते उसने मेरा सर अपने मोमों पर जोर से दबा दिया और अपनी टाँगें मेरी कमर पर कस ली और नीचे से उछल उछल कर धक्के लगाने लगी.
इस जोरदार चुदाई से 5 मिनट में हम दोनों स्खलित हो गये और मैं उसके ऊपर लेट गया. हम दोनों अपनी सांसों को सम्भाल कर कुछ देर बाद उठे तब तक बारह बज चुके थे.
वो बोली- अब मेरी बेटी स्कूल से आने वाली है इसलिए फिर कभी!
हम उठ गये और अपने कपड़े पहनने लगे तो वो बोली- मजा आ गया! मेरा पति तो बस 20-25 धक्कों में ही झड़ जाता है. फिर कब मिलोगे?
मैंने कहा- तुमने मुझे पहला सेक्स अनुभव कराया है! तुम जब बोलोगी, मैं हाजिर हो जाऊँगा.
अब तक हम अपने कपड़े पहन चुके थे और वो बाहर जाने के लिये तैयार थी. ज़ब हम गेट के पास पहुँचे तो उसने फिर से मुझे पकड़ लिया और एक प्यारी सी पप्पी दी और बोली- अगली बार और मजे करेंगे.
उसके बाद हम और भी कई बार मिले और सेक्स किया. अगर वक्त मिला तो बाकी के किस्से भी लिख़ूंगा. Sex Stories
मेरा नाम सुजाता है, मैं राजकोट के एक गाँव से हूँ। मेरे पति लखनऊ में सरकारी पद पर कार्यरत हैं इसलिए साल में मुश्किल से 25-30 दिन हम साथ गुजारते हैं।
हमारे दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की, दोनों ही दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
दोस्तो, मैं बाकी लड़कियों या औरतों की तरह नही कहूँगी कि मेरा फिगर ऐसा है वैसा है।
मेरे जिस्म का सही आकार इस तरह से है- मेरे मम्मे 34″ हैं, कमर 38″ और मेरे चूतड़ 42″ के हैं, मेरे मम्मे थोड़े ढीले से ही हैं।
मेरे पति मुझे शुरू से ही संतुष्ट नहीं कर पाते थे, उनका दो मिनट में ही वीर्यपात हो जाता था किन्तु शुरू में मैं इसे ही अपना नसीब मानकर अपनी जिंदगी बिता रही थी।
बात उन दिनों की है जब मेरे पति का लखनऊ तबादला हुआ। तब हम एम पी के एक शहर में रहते थे किन्तु इनका ट्रान्सफर हो जाने के बाद मैं अकेली रह गई थी घर पर।
तब मेरे पति ने मुझे मेरे पति के पिताजी यानि कि मेरे ससुर के पास रहने का सुझाव दिया।
वो एक गाँव में रहते हैं, वहाँ हमारी कुछ पुश्तैनी ज़मीन भी थी। ससुर जी अकेले ही घर रहते थे, सासू माँ की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। ससुर जी की आँखों की रोशनी और सुनने की क्षमता भी अब कम सी हो गई थी।
मैं अपने ससुर जी के पास रहने आ गई। वहीं मेरी मुलाकात संजू जी से हुई।
हुआ यूँ कि अगले दिन मैं छत पर कपड़े सुखाने गई तो मेरी नज़र सामने वाली छत पर पड़ी।
उस वक़्त संजू जी कसरत कर रहे थे, उन्होंने ऊपर कुछ नहीं पहना था, उनका कसरती जिस्म देखकर तो जैसे मैं मंत्रमुग्ध सी हो गई थी।
5’10” का कद, चौड़ा सीना, उठे हुए चौड़े कंधे, सुंदर चेहरा और उनके कोई तोंद भी नहीं थी, उनको देखकर दिल में कुछ कुछ सा होने लगा था… जब नज़रें मिली तो हम दोनों मुस्करा दिए।
फिर थोड़ी देर बाद वो घर पर आ गये और ससुर जी से बात करने लगे, तब ससुर जी ने हमें मिलवाया।
संजू भी घर पर अकेले रहते हैं, उनकी बीवी 5 साल पहले गुजर चुकी है, दोनों लड़के एम पी से बाहर कहीं जॉब करते हैं।
अब उनका हमारे घर आना जाना काफी ज्यादा हो गया, जल्दी ही हम दोनों की नजदीकियाँ भी बढ़ने लगी।
एक तरफ मैं थी जिसके पति ने कभी न तो पूरी तरह संतुष्ट किया था न ही साथ रहते हैं। दूसरी तरफ संजू जी जिनकी बीवी भी 5 साल पहले उन्हें छोड़ कर जा चुकी थी।
आग दोनों तरफ लगी थी दोस्तों।
एक दिन मैं रसोई में खाना बना रही थी, ससुर जी खेतों में घूमने गये थे, संजू जी रसोई में आये और मेरी कमर मे पीछे से हाथ डाल दिया। मैंने भी थोड़ा शरमाने का एहसास कराया।
किन्तु संजू जी भी जानते थे कि अभी कोई नहीं है घर पर… मैं बाहर जाने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपनी और खींच लिया और मैं सीधे उनके सीने से जा लगी।
उन्होंने बिना एक पल गँवाए अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।
मैं भी जन्मों से प्यार की प्यासी की तरह उनके होंठों को चूमने लगी।
करीब दस मिनट तक हम यों ही एक दूसरे को चूमते रहे।
इतने में ससुर जी के कदमों की आहट हुई तो हम अलग हुए, तब मैंने उन्हें आज रात हमारे स्टोररूम में आने को कहा।
हमारे घर का स्टोर रूम करीब दो कमरों की जगह में बना है जिसमें आराम करने की सारी सुविधाएँ मौजूद हैं।
रात में ससुर जी को खाना खिलाकर अब तो बस उनके आने का इंतजार था।
थोड़ी देर में संजू जी चुपचाप स्टोररूम में आये, आते ही उन्होंने रूम का दरवाजा बंद किया और मुझे अपनी मजबूत बाहों में कस के जकड़ लिया।
मेरी रूह को तो जैसे इसी पल का इंतजार था।
उन्होंने अपने होंठों में मेरे होंठों को ले लिया और दस मिनट तक मुझे चूमते चूसते रहे।
फिर उन्होंने मेरी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और मेरा ब्लाउज भी उतार दिया। मैंने ब्रा नहीं पहनी थी तो मेरे 34 साइज़ के मम्मे उनके सामने झूलने लगे।
उन्होंने मेरा एक मम्मा अपने मुँह में लिया और उसे चूसने लगे, साथ ही दूसरे मम्मे को अपने हाथ से मसलने लगे।
मेरी एक लम्बे अरसे की प्यास आज बुझ रही थी तो मेरे मुँह से अपनेआप मादक सिसकारियाँ निकलने लगी- ऊम्म्म उम्म्म आहाह्ह आह्ह ऊम्म।
फिर उन्होंने मुझे पूरी तरह निर्वस्त्र कर दिया और अपने कपड़े भी उतार दिए।
जैसा उनका शरीर बलवान और मजबूत था, वैसा ही उनका लिंग भी करीब 8″ लम्बा और 3″ मोटा, मेरे पति से डेढ़ गुना।
उसे देखते ही मेरी आँखों में चमक आ गई।
तब उनका इशारा पाकर मैंने उनके लिंग को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरु किया।
उसके बाद उन्होंने मुझे लिटाया और अपना बलवान लिंग मेरी चूत पर सेट किया, एक धक्के में ही आधा लिंग चूत में प्रवेश करा दिया। मेरी तो एकदम चीख ही निकल गई।
फिर उन्होंने समझते हुए मेरे मम्मों को सहलाया, मेरे होंठों को चूसा और फिर धीरे धीरे मेरी चूत में अपना लिंग डालने लगे।
दो मिनट बाद मैं भी अपने चूतड़ों को उठाकर उनका साथ देने लगी।

तब उन्होंने तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू किये, करीब 15 मिनट तक ऐसे ही मेरी जमकर चुदाई की। इस बीच मेरा तो एक बार पानी भी निकल चुका था पर अभी तक उनका लिंग एकदम तना हुआ था।
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से मेरी चूत में अपना बलिष्ठ लिंग डालकर मेरी चुदाई शुरू की, वो तेज़ तेज़ धक्के मारते रहे।
ऐसे ही बीस मिनट तक मेरी धुआंधार चुदाई की, इसके बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठाकर भी चोदा, करीब 45 मिनट तक मेरी जमकर चुदाई करने के बाद उनके लिंग ने अपना कामरस बाहर निकाला।
उस रात मुझे पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि किसी ने मेरी चूत की संतुष्टि की है, मैं तीन बार झड़ी थी, मेरी हालत तो ऐसी हो गई थी कि मैं उठकर वाशरूम तक भी नहीं जा सकती थी।
उस रात हमने एक बार और चुदाई की थी। सुबह ससुर जी के उठने से पहले संजू जी अपने घर चले गये।
तब से आज तक संजू जी और मैं एक दूसरे की काम वासना की तृप्ति करते हैं।
संजू जी मेरे पति के न होने पर मेरा हर तरह से ख्याल रखते हैं।
हाय! रीडर्स मेरा नाम मनीष है। sex stories और मैं मनीषकोट (गुजरात) में रहता हूं, मेरे घर में तीन लोग हैं, मैं,पापा और मां मेरी मां बहुत खूबसूरत हैं और कोई भी मर्द उसे देखे तो उस का दीवाना हो जाये उसके। उसके दोनों दूध इतने बड़े है कि कभी भी उसके ब्लाउज़ में नहीं आते और बाहर से उसकी सत देखती है
हमारा जो भाजी वाला है वो मां से पैसे भी नहीं लेता क्योंकि जेब मां सब्जी खरीद ने जाती है तो वो झुकती है और उसके दोनों चूची बिल्कुल उसके सामने देखते है और उसकी धोती में उसका डंडा खड़ा हो जाता है… ये तो हुई रोज़ की बात लेकिन में अब आप को जो कहानी सुनाने जा रहा हूं वो सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ है…
मैंने 12वीं पास कर लिया है अब मुझे बोम्बे की युनिवर्सिटी मे पढ़ाना था वहाँ मेरे अंकल रहते हैं, पापा ने उनसे बात की वो घर आये और सब कुछ समझने के बाद पापा ने मुझे वहाँ जाने के लिये हाँ कहा मैं वहाँ चला गया और थोड़े दिनों बाद घर से मां का फोन आया और मुझसे पूछा कि तु खुश है तो मैंने कहा हाँ फ़िर मां ने कहा जरा अंकल को फोन देना तो मैंने दिया और चला गया
तभी मुझे याद आया कि मुझे अपने दोस्त को फोन करना था मैंने दूसरी लाइन से फोन करने वाला था मैंने जैसे ही रिसीवर उठाया अभी मां और अंकल बातें कर रहे थे मैं वो बातें सुनने लगा
अंकल ने मां से पूछा तुम कब आ रही हो तो मां बोली थोड़े दिनो में!
तब अंकल ने कहा- तुम्हारी गांड, पिकी और बोबले केसे हैं?
ये सुनकर मैं सुन्न हो गया.
तब मां ने जवाब दिया वहाँ आ रही हूं तब सब देख लेना तो अंकल ने कहा तुम्हारा पति नहीं आ रहा?
तो मां मुस्कुरा कर बोली- नहीं।
मां ने कहा- मेरे आने के बाद मुझे मौज कराओगे?
अंकल ने कहा हाँ क्यों नहीं तुम देखना तुम्हारी चुदाई में कोई कसर नहीं होगी!
फ़िर दोनों ने फोन रख दिया…
थोड़े दिनो में मां वहाँ आयी और अंकल उनको देख कर खुश हो गये वो तो मैं वहाँ खड़ा था इसलिये अंकल में कुछ रिएक्शन नहीं देखा था थोड़ी देर के बाद अंकल ने मां के सामने देख कर अपने लौड़े पर हाथ फ़िराया मां ने हाँ में सिर हिलाया फ़िर मां ने मुझसे कहा तुम ऊपर जाओ मुझे अंकल से कुछ बातें करनी है
मैं भी समझ गया था कि आज मां अपनी चुदाई करवाने वाली है
जैसे ही मैं गया दरवाजा बंद हो गया तो मैं वापस आया और की होल में से देखने लगा और बात चीत सुनने लगा…।
मां: क्या आप रात तक नहीं रुक सकते, आज लड़के को पता चल गया तो वो आप के भाई को बता देगा,
अंकल: मेरी रानी उसे कुछ नहीं पता चलेगा, तू चल अपने कपड़े उतार
मां: मुझे शरम आती है,
अंकल:अरे कितनी बार तो तुझे चोद चुका हूं मुझसे कैसी शरम डार्लिंग
मां: अगर मेरा बेटा नीचे आया तो…
अंकल: नहीं आयेगा चलो चलो…
फ़िर अंकल मां के पीछे आये और पीछे से मां की साड़ी और पेटीकोट कमर तक ले गये मैंने देखा कि मां की गांड दिख रही थी थोड़ी देर अंकल ने उसे सहलाया मां के मुंह से अजीब आवाज आ रही थी आअह्हह… आअह्हहा आह्हहा अह्हह ऊऊउह्ह हहाआआ…
मां के कहा- चलो ना डाल दो ना’ तो देर तक मुझे समझ नहीं आया क्या डाल दो फिर अंकल ने अपनी लुंगी में से अपना बड़ा लौड़ा निकाला और मां को देखते हुए बोले ले चाट ले…… मां बिना कुछ कहे चाट ने लगी जब मां चाट रही थी तब अंकल ने उनकी ऊँगली मां की गांड में घुसा दी मां उछल पड़ी और मुंह से आवाज निकल गयी आआहह ह्हहाह और बोली ‘क्या कर रहे हो, बता ना तो चाहिये’ तो अंकल मुस्कुराते हुए बोले ‘बता तो तुम यूं थोड़ी उछलती’ फ़िर अंकल बहुत उत्तेजित हो गये थे और उसने मां के कपड़े उतारने के बदले फ़ाड़ने शुरु कर दिये मां भी उत्तेजित हो चुकी थी फ़िर उस ने मां को आगे की तरफ़ झुकाया और मां की गांड में अपना लौड़ा डालने लगे लेकिन जा नहीं रहा था तब मां ने उनकी हेल्प की, अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फ़ैलाते हुए बोली ‘चलो ये रास्ता क्लीयर है’ अंकल ने एक ही झटके में अपना लौड़ा डाल दिया और मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हह मार डाला आअ आआ आआअ… ह्ह दर्द कर रहा है आअ अहहहहा अह…अह… अह… अहह…अ हा अहा ह
फ़िर अंकल अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगे और तेजी से मुंह से आआअ… अ… अअ…ह ह्हह्हह की आवाज चल रही थी 15 मिनट के बाद दोनों शांत पड़ गये
तब मुझे लगा कि अंकल ने अपना वीर्य मां की गांड में छोड़ दिया है फ़िर दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे फ़िर 5 मिनट के बाद अंकल उठे और अपना लौड़ा मां के मुंह में रख दिया और मां भी उसे लोलीपोप समझकर चूस ने लगी 15 मिनट तक ऐसा ही हुआ फ़िर शायद अंकल फ़िर तैयार हो गये उसने मां की चूत पर हाथ फ़िराते हुए कहा ‘अब इस की बारी है’
तो मां बोली- हाँ, चलिये!
अंकल ने कहा ‘काफ़ी साफ़ है’
तब मां बोली ‘कल ही साफ़ की है’
फ़िर अंकल मां के ऊपर चढ़ गये और अपने लौड़े को अंदर डाल दिया और मां मुंह से आआअ… अ…अअ… ह्हह की आवाज शुरु हो गयी और बोली थोड़े देर रुकिये दर्द हो रहा है
लेकिन अंकल ने सुना नहीं और शोट लगाते गये और मां चिल्लाती गयी, मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हहह… हहह
आधे घंटे तक ऐसा चला फ़िर दोनों शांत पड़ गये 15 मिनट के बाद दोनों ने कपड़े पहने मां ठीक से चल भी नहीं पा रही थी लेकिन अंकल को और चोदने की इच्छा थी वो मां को पकड़ कर चूमने लगे
तब मां ने कहा- अब रात के लिये तो कुछ रखो, रात को मैं तुम्हारे पास ही आऊँगी!
अंकल ने कहा- ठीक है!
और वो दोनों दरवाजे की तरफ़ आये तो मैं ऊपर चला गया फ़िर मां ऊपर आइ मां कोई गीत गा रही थी मैंने मां को इतना खुश कभी नहीं देखा जब पापा मां की चुदाई करते हैं… और उस रात कि चुदाई sex stories फ़िर कभी बताऊँगा बाय बाय!!
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.