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प्रथम भाग से आगे : रश्मि का ब्लो-जोब Antarvasna इतना खास था कि मेरे जैसा चोदू और अनुभवी आदमी जिसको झड़ने के लिए कम से कम 45 मिनट चाहिए, उसको रश्मि ने मात्र 15 मिनट में ही खलास कर दिया।
मैं बगैर पूछे न रह सका- रश्मि डार्लिंग ! यह बताओ ! आम तौर पर भारतीय नारी वीर्य नहीं पीती है, फिर तुमने मेरा सारा वीर्य क्यों पिया?
उसने अपनी पूरी स्पर्म थैरेपी की बात बतानी शुरू की…
मैं बचपन में बहुत दुबली थी, 18 साल तक मेरा मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ और ना ही मेरी बड़ी चूचियाँ निकली, बहुत छोटी छोटी थी, हालांकि मेरी चूत की ग्रोथ सामान्य 18 साल वाली ही थी।
मेरी सभी सहेलियों की बड़ी-2 चूचियाँ थी और मासिक धर्म भी होते थे। वो सब अक्सर चिढ़ाया करती थी कि तुम्हारी शादी नहीं होगी, कोई लड़का तुमको चोदेगा नहीं।
मुझे बहुत आत्म-ग्लानि होती थी, तब मम्मी ने मेरा इलाज कराना शुरू किया। सभी बड़े डाक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
इन्हीं सब में पूरा एक साल निकल गया। फिर पड़ोस की आंटी ने मम्मी से कहा कि बम्बई में एक बहुत प्रसिद्ध डाक्टर है जिनका नाम डाक्टर जे के लाल जो सेक्सोलॉजिस्ट है, उनको दिखाओ।
मेरी मम्मी बहुत स्मार्ट हैं, वह कॉलेज में पढ़ाती हैं, वह समझ गई कि समस्या बहुत गम्भीर है। अगर बेटी की जिन्दगी बनानी है तो कुछ करना पड़ेगा, इसलिए मम्मी मुझे बम्बई ले कर गई।
डाक्टर लाल की क्लीनिक बहुत बड़ी थी उनकी 1000 रूपए फीस थी, काउन्टर पर 1000/- जमा कर के पर्चा बनवाया, भीड़ बहुत थी बाहर के मरीज ज्यादा थे।
कोई एक घंटे के बाद मेरा नम्बर आया और हम लोग डाक्टर के केबिन में घुसे, डाक्टर साहब की उमर तकरीबन 55 वर्ष की होगी, बहुत गम्भीर और सौम्य लग रहे थे। मम्मी ने डाक्टर साहब को मेरी समस्या एवं पूरी केस हिस्ट्री बताई।
डाक्टर ने बड़े धैर्य से सुना, फिर बोले- इससे पहले आप के खानदान में कोई इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित तो नहीं है?
मम्मी ने कहा- नहीं ! कोई नहीं… डाक्टर साहब।
फिर डाक्टर साहब ने बड़े गम्भीरता से मम्मी से कहा- चेकअप रूम में अपनी बेटी को ले जाइये, मैं आ कर देखता हूँ।
हम लोग चेकअप रूम में चले गये। कोई 15 मिनट के अन्दर ही डाक्टर साहब आ गये। डाक्टर ने मेरे सारे कपड़े उतरवा दिए, बड़ी सावधनी से मेरे चुचूकों और बुर को देखा। फिर डाक्टर मेरी बुर के अन्दर दो तीन मशीनें डाल कर काफी देर तक देखते रहे। फिर मुझसे बोले- अब आप अपने कपड़े पहन लीजिये और अपने केबिन में मम्मी को बुलाते हुए चले गये।
मैं कपड़े पहन कर मम्मी के साथ डाक्टर के केबिन में गई। डाक्टर ने मम्मी को बड़ी गम्भीरता से बाताया- रोग जटिल है, एक्यूट हार्मोनल डिसओर्डर है ! इसका इलाज बहुत महंगा है क्या आप इतना खर्च कर सकेंगी?
मम्मी ने पूछा- कितना खर्च आएगा?
तकरीबन 5 लाख… डाक्टर ने बताया।
मम्मी निराश होते हुए बोली- हम लोग मध्यम वर्ग से हैं, हम लोग इतना खर्च नहीं कर सकते। कुछ सस्ता इलाज बताइये…डाक्टर साहब !
डाक्टर कुछ सोच कर बोले- देखिये मैडम, जो इलाज मैं बताने जा रहा हूँ उसमें कोई खर्चा तो नहीं है, बस उस इलाज को भारतीय समाज में मान्यता नहीं मिली है ! क्या आप कर पाएंगी ?
मम्मी पहले तो कुछ पल तक चुप रही फिर बोली- मुझे अपनी बेटी की जिन्दगी संवारनी है, मैं करुंगी, डाक्टर साहब आप इलाज बताइये।
डाक्टर ने कहा- एक बार फिर से विचार कर लीजिए…
मम्मी ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया- डाक्टर साहब, मैं कर लूंगी।
ओके ! डाक्टर बोले- देखिये आप की बेटी को “सेक्सुअल एराउज़ल एण्ड स्पर्म थैरेपी” करानी पड़ेगी।
इसमें क्या होता है? मम्मी ने पूछा।
डाक्टर साहब बोले- फ्रेश ह्युमन स्पर्म एक प्रकार का ऐसा नैचुरल प्रोटीन होता है, जिसके पीने से इंसान के हर्मोनल डिसओर्डर दूर हो जाते हैं इसलिये रश्मि बोटिया को 50 एम एल बगैर हवा लगे फ्रेश ह्युमन स्पर्म प्रति दिन एक साल तक पीना है और इतने ही समय तक प्रति दिन कम से कम दो बार सेक्स करना है। इस थैरेपी से आपकी बेटी के सभी अविकसित अंगों का विकास हो जायेगा और फ़ीगर दूसरी लड़कियों की तरह बिलकुल सामान्य हो जायेगी…।
मम्मी बोली- ठीक है, मैं तैयार हूँ ! लेकिन डाक्टर साहब… बगैर हवा लगे फ्रेश ह्युमन स्पर्म मैं कैसे अरेन्ज करूंगी?
डाक्टर बोला- वो तो आपकी प्रोबलम है कि कैसे अरेन्ज करना है… हाँ मैं रश्मि को ट्रेनिंग दे सकता हूँ कि कैसे फ्रेश ह्युमन स्पर्म पियेगी।
मम्मी बोली- ठीक है डाक्टर साहब… मेरी बेटी को ट्रेनिंग दे दीजिये।
ओके !
डाक्टर उठ कर चेकअप रूम की तरफ चलने लगे और मम्मी से बोले- अपनी बेटी को लेकर अन्दर आइये।
मैं और मम्मी डाक्टर के पीछे चेकअप रूम में चले गये। वहाँ डाक्टर खुद चेकअप बेड पर लेट गये और बेड के बाईं साइड पर मम्मी से कहा कि आप यहाँ खड़ी होइये और मुझसे कहा- बेटा आप यहाँ हमारी दाहिने तरफ़ कमर के पास खड़ी होइये और मेरी पैंट खोल कर मेरा लिंग निकालिए…।
मैंने मम्मी की तरफ देखा…
मम्मी ने कहा- जैसे डाक्टर साहब कह्ते हैं, वैसे करो…
मैंने डाक्टर साहब की पैन्ट खोली, फिर अन्डरवियर से मुर्झाया हुआ लिंग बाहर निकाला। मैं पहली बार किसी मर्द के लिंग को देख रही थी। फिर डाक्टर साहब की तरफ देखने लगी।
डाक्टर साहब मम्मी से बोले- अपनी बेटी को लिंग खड़ा करना बताइये।
मम्मी ने मुझे आदमी के लिंग को खड़ा करने का तरीका सिखाया।
अब डाक्टर साहब का लिंग बिलकुल टाइट हमारे हाथों में था।
अब डाक्टर साहब की बारी थी, वह बड़े सलीके से बोले- बेटी रश्मि, मेरे लिंग को अपने मुँह में लेकर कस कर चूसो और साथ ही साथ अपनी जबान से लिंग के सुपारे को चाटो और यह क्रिया तब तक करती रहो जब तक कि लिंग से वीर्य न निकलने लगे और फिर उस वीर्य को तुम्हें अन्दर ही अन्दर पी लेना है। इस क्रिया को आम भाषा में “ब्लो जोब” कहते हैं। ध्यान रहे कि जब वीर्य निकलने लगे उस समय लिंग तुम्हारे मुँह में ही होना चाहिए। बाहरी हवा वीर्य में लगने से वीर्य ऑक्सीडाइज हो जाता है, उसको पीने से कोई फायदा नहीं। अब जैसा मैंने कहा वैसे करो।
मम्मी ने बीच में कहा- हाँ बेटा, जैसे डाक्टर साहब ने कहा है, वैसे करो ! मैं हूँ ना तुम्हारे साथ।
फिर मैं डाक्टर साहब के लिंग को वैसे ही चूसने लगी जैसे कि डाक्टर साहब ने बताया था। मुझे इस इलाज में बड़ा मजा आ रहा था, मैं डाक्टर साहब के लिंग को चूसे जा रही थी, डाक्टर सहब का लिंग और कड़ा होता जा रहा था डाक्टर साहब अपने लिंग को मेरे मुँह के और अन्दर तक घुसेड़ने में लगे थे। कभी कभी मुझे उबकाई जैसे लग रही थी लेकिन मुझे तो पूरी लड़की बनना था इसलिये इसकी परवाह किये बगैर डाक्टर साहब का लिंग चूसे जा रही थी।
इतने में डाक्टर साहब ने अपनी कमर को मेरे मुँह की तरफ ठेला और उनके लिंग से कुछ नमकीन-2 गोंद सा मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अपना मुँह लिंग से हटाना चाहा लेकिन डाक्टर साहब ने तुरन्त मेरे सर को पकड़ कर अपने लिंग को मेरे मुँह में गहराई तक घुसेड़ दिया। मेरा मुँह उस गोंद से भर गया। डाक्टर साहब ने धीरे से अपना लिंग मेरे मुँह से निकाला और बोले- इसे पी लो। यही वीर्य है जिसे तुम्हें रोज पीना है, चाहे तुम्हे अच्छा लगे या ना लगे ! और आपकी मम्मी आप को सेक्स करने का तरीका यानि कि चुदवाने का तरीका सिखा देंगी।
यह कहते हुए उन्होंने अपने कपड़े ठीक किये और केबिन में चले गये।
मम्मी ने मुझसे पूछा- कोई तकलीफ तो नहीं हुई?
मैंने नकारात्मक सर हिलाया, कहा- नहीं !
मम्मी डाक्टर साहब के इलाज से काफी संतुष्ट लग रही थी फिर हम लोग डाक्टर साहब के केबिन की तरफ बढ़ गये। डाक्टर साहब अपनी कुर्सी पर बैठे थे, हम लोगों को देख कर मम्मी से बोले- देखिये, रश्मि को मैंने स्पर्म थैरेपी के बेसिक्स बता दिये हैं, शुरू में थोड़ी दिक्कत आ सकती है पर धीरे-2 सब ठीक हो जायेगा। यदि कोई दिक्कत हो तो आप मुझे फोन कर सकती हैं। विश यू आल द बैस्ट ! डाक्टर साहब बोले।
शाम को हम लोगों का रिजर्वेशन था हम लोग वापस लखनऊ आ गये। Antarvasna
हैलो ! मेरा नाम सोनू है और Sex Stories मैं जालंधर का रहने वाला हूँ और मैं 30 साल का हूँ। आज मैं आपको अपनी सच्ची लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ।
बात 5 साल पहले की है जब मैं एक कंपनी से दूसरी कंपनी में काम करने के लिए आया। नए ऑफिस में दो लड़कियां पहले से ही काम कर रही थी। दोनों गजब की स्मार्ट और सेक्सी थी। एक की उमर 33 साल की थी, नाम शरण था और मुझे लाइन भी दे रही थी। वो मुझे बहुत सेक्सी और पटने वाली लगी। धीरे धीरे मैंने उस से दोस्ती कर ली।
तीन महीने के बाद मैंने उस से पूछा कि क्या उसको मुझसे प्यार है। वो घबरा गयी और कुछ नही बोली। उसके मुम्मे घबराहट से बड़े हो गए और होंठ सूख गए। दूसरे दिन वो ऑफिस में मेरे पास वाली सीट पे बैठी थी।
मैंने उस से किस मांगी। पर उसने इनकार कर दिया। फ़िर मैं धीरे से उसके पास गया और हाथ पकड़ के किस करने की कोशिश की। उसने मुझे नहीं रोका और मैंने पहली बार किसी लड़की के होंठ चूसे। उसके हाथ और चेहरा बहुत गर्म हो गया। फ़िर कुछ देर बाद उसने मुझे पीछे कर दिया। और इस तरह पहले चुम्बन से सिलसिला शुरू हो गया।
फ़िर मैंने उसे बाहर मिलने के लिए जोर डाला। पर शरण नहीं मानी। फ़िर कुछ दिन बाद मेरे ऑफिस के दूसरे लड़के की रात की शादी थी। उसने सब को शादी में बुलाया। मेरे मन में आया कि मैं शरण को इस शादी की रात चोदूंगा और ऐसा ही हुआ।
शादी में शरण भी आ गयी। वो बहुत सेक्सी लग रही थी और सलवार कमीज में थी कमीज का गला बड़ा था और उसके मुम्मों की बीच की लाइन साफ़ नज़र आ रही थी। मैंने उससे बोला कि शादी के बाद मैं उससे अपनी कार में घर छोड़ दूंगा और वो मान गयी। सो, शादी में कुछ देर एन्जॉय करने के बाद मैं शरण को कार में लेके निकल पड़ा। थोड़ा दूर जा के मैंने कार साइड में लगा दी और शरण से किस मांगी। उसने इंकार नहीं किया। मैंने उसे कार में ही किस करना शुरू किया।
पहले ऊपर का होंठ खूब चूसा, फ़िर नीचे वाला चूस के लाल कर दिया, फ़िर मैंने उसकी कमीज में हाथ डाल दिया और पेट को सहलाते हुए मुम्मे तक पहुँच गया, साथ में लिप किस भी हो रही थी। फ़िर मैंने उसकी कमीज ऊपर की और ब्रा के ऊपर से उसके मुम्मों को खूब रगड़ा। शरण पूरी गरम हो गयी थी। फ़िर मैंने पीछे से उसकी ब्रा की हूक खोली और उसके दोनों मुम्मों में अपना मुँह दे दिया। अब तो मेरा लंड खूब फर्राटे मार रहा था।
फ़िर मैंने धीरे से उसकी सलवार का नाला खोल दिया और झट से अपना हाथ बीच में डाल कर उसकी चूत पकड़ ली। उसने पैंटी नहीं पहनी थी। वो एकदम से घबरा गयी और जान गयी की आज वो ज़रूर चुद जायेगी। उसने मुझे रोकने की कोशिश की पर मैं नहीं रुका। उसकी चूत पे थोड़े से ही बाल थे। मैंने उसकी चूत में खूब ऊँगली दी। उसकी चूत पूरी लाल और गीली हो गयी थी। फ़िर मैंने उसकी सलवार उतार दी, उसकी चूत के बाहर के हिस्से को खूब रगड़ा। मेरा लंड उसकी चूत का स्वाद चखने को तैयार था। उसकी चूत में से पानी निकल के कार की सीट पे जा रहा था।
फ़िर मैंने अपनी पैंट उतारी और शरण के ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत की मोरी पे रख दिया पर अंदर धक्का नहीं दिया। शरण तड़प उठी और बोली कि अब अपना लंड अंदर डाल दो। फ़िर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा बड़ा लंड उसकी चूत में दे दिया और जोर से झटके मारने लगा।
उसको पहले दर्द हुआ फ़िर मज़ा आने लगा। उसने भी अपनी गांड ऊपर उठा के झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और जोर से अपना लंड उसकी बच्चेदानी तक ले गया। वो फिस फिस करने लगी। फ़िर मैंने झटके के साथ साथ शरण के मुम्मों को दबोचा, किस किया, काटा, निप्पल को चूसा।
फ़िर मैंने अपना लंड उसकी चूत में से निकाल के उसे उल्टा करके पीछे से उसकी चूत को पकड़ के फ़िर चूत में डाल दिया। उसकी गांड पे झटके लग रहे थे। मैंने उसकी गांड पकड़ के पूरी चौड़ी कर दी और फ़िर गांड की मोरी में अपनी उंगली दे दी। इसी बीच वो डिस्चार्ज हो गयी और बाद में मेरा लंड भी उसकी चूत में डिस्चार्ज हो गया। और इस तरह से लगभग आधा घंटा मैंने उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया। शरण ने भी खूब चुदने का मज़ा लिया।
उस रात के बाद मैंने कई बार उसको सेक्स के लिए बुलाया पर वो नहीं आयी। अब भी हम दोनों एक ही ऑफिस में हैं। मैं कभी कभी उसको पकड़ के किस करता हूँ तो वो एकदम बहुत गरम हो जाती है। यारो अब पाँच साल के बाद फ़िर मेरा दिल शरण को चोदने को कर रहा है पर वो नहीं मान रही। वो बोलती है किस कर लो, मुम्मे चूस लो और जो मर्ज़ी कर लो पर चूत मारने को नहीं दूँगी। अब मैं उसको कैसे अपनी गिरफ्त में लूँ, अपने सुझाव मुझे लिख भेजो : Sex Stories
मेरा नाम राहुल है, उम्र २१ साल है, Indian Sex Stories दिल्ली का रहने वाला हूँ।
मैं आज एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरे साथ गुजरी है।
मैं कुछ दिन पहले अपने एक मित्र से मिलने के लिए मनाली गया था, जिसका नाम अंकित है। वहाँ का मौसम मुझे बहुत अच्छा लगा। अंकित मनाली के एक कॉलेज में पढ़ता है।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए निकला। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड पूजा और उसकी छोटी बहन सोनिया भी साथ में थी। हम लोग बाइक से कैम्पटी फ़ाल के लिए निकले। सोनिया मेरी बाइक पर थी। वहाँ पहुँचने के बाद अंकित और पूजा मुझे और सोनिया को एक जगह छोड़ कर दूसरी तरफ जाते हुए बोले- हम थोड़ी देर बाद तुमसे यहीं मिलेंगे !
हमने बोला- ठीक है !
उनके जाने के बाद मैने सोनिया से कहा- चलो हम कहीं चल के बैठते है !
सोनिया तैयार हो गई। हम लोग पूल के पास जाकर बैठे और बातें करने लगे। मैंने सोनिया से काफी बातें की और हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए। मैंने सोनिया से पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है?
सोनिया ने मना कर दिया।
मैंने सोनिया से कहा- तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
तो उसने हाँ कर दिया। मैं काफी प्रसन्न हो गया। हम लोग कैम्पटी फ़ाल से वापस लौटने के बाद कमरे पर आए। मेरा मन सोनिया से बातें करने को कर रहा था। शाम को मैंने सोनिया से कहा- सोनिया मुझे तुम से कुछ काम है।
सोनिया ने कहा- बोलो !
मैंने सोनिया से कहा- हम अकेले में बात करें?
सोनिया ने हाँ कर दी। मैं और सोनिया ऊपर छत पर चले गए।
मैंने सोनिया से बातो बातो में कहा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। सोनिया मुस्कुरा उठी, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
सोनिया ने मुझे देखा, मैंने सोनिया को अपनी तरफ खींचते हुए कहा- क्या हम दोनों एक हो सकते हैं?
सोनिया ने कुछ नहीं बोला और शर्म से पलकों को झुका लिया। मैंने सोनिया को चूम लिया और अपने बाँहों में भर लिया। सोनिया शरमा रही थी। मैं सोनिया की गर्दन को चूमने लगा मगर सोनिया ने कुछ नहीं बोला। मैं उसके गर्दन को चूमते हुए उसके होटों तक पहुच गया।
अब सोनिया भी धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे किस करते हुए उसके बूब्स को दबाने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया और सोनिया के मुँह से सिस्कारियाँ निकलने लगी। सोनिया भी मेरा साथ देने लगी और मैंने सोनिया के शर्ट की बटन को खोल कर उस के ब्रा को ढीला करके उसके बूब्स को अपने मुँह में ले लिया। मैंने अपना एक हाथ सोनिया की कमर पर रखा और मैंने सोनिया को छत पर ही लिटा दिया और सोनिया के जींस की बटन को खोलकर नीचे कर दी। उसकी चिकनी-चिकनी जांघों को देख कर मुँह में पानी आ गया। एक हाथ उसके दोनों टांगों के बीच में ले गया। तब तक उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैंने झट से उसकी पैंटी को नीचे कर मैंने उसकी चूत के बालों में उंगली फिरानी शुरू कर दी। अब तो उसके मुँह से और भी जोर से सिस्कारियाँ निकलने लगी।
मैंने अपना छः इंच का लण्ड सोनिया के हाथों में पकड़ा दिया, सोनिया मेरे लंड को सहलाने लगी। लंड को सहलाते हुए सोनिया बोली- राहुल ! अब और देर मत करो ! और मुझसे चिपक गई। मैंने सोनिया की टांगों को फैलाया और उसकी चूत को चाटने लगा।
अब सोनिया जोर-जोर से ऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह् आआआआअह्ह्ह्ह्ह् स्स्स्सीईई ! करने लगी। उसकी चूत अब और भी गीली हो गई थी।
मैं अपना छः इंच का लंड सहलाते हुए उसकी चूत पर रगड़ने लगा और रगड़ते हुए ही उसकी चूत के छेद पर हल्का सा जोर दिया, मेरे लंड का अगला हिस्सा उसकी चूत में घुस गया। अब सोनिया दर्द से चीख उठी। मैंने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया और थोड़ा सा और जोर दिया, सोनिया की चूत में मेरा लंड अब आधा घुस गया था।मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल आया है और उसकी आँखों से आँसू निकल आए।
अब मैं सोनिया के होटों को चूमने लगा और अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा। धीरे-धीरे सोनिया भी साथ देने लगी। सोनिया ऊउह ऊऊउह ह्ह्ह्हाआअस स्स्स्स्सीईईई स्स्सीईईईई की आवाज निकालने लगी। मैं उसके दोनों बूब्स को अपने मुँह में भर कर चूसता हुआ अपने लंड से उसकी चूत-चुदाई कर रहा था। अब हम दोनों को मजा आने लगा। मैं अब उसकी चूत को जोर-जोर से मारने लगा और वो जोर-जोर से स्स्स्सीईईईए ऊऊउ आअह्ह्ह्ह् सस्स्स्स्स्स्सीईए…ऊऊह करने लगी। मुझे एसा लग रहा था कि मैं ना जाने कौन सी दुनिया में आ गया।
मैं बार-बार उसकी गर्दन को, उसके होंठों को, उसके गालों को, उसके गले से चूमते हुए, उसके स्त्नों के चूचुकों को चूसते हुए उसकी चूत में पूरा लंड पेल रहा था और वो जोर-जोर से सिस्कारियाँ भर रही थी। अब हम दोनों जन्नत में पहुँच गए थे और उसकी चूत में से गरम-गरम पानी निकलने लगा। अब वो अपने पेट को कसकर चूत पर पूरा जोर देने लगी और उसके चूत से गरम पानी का निकलना और मेरे लंड का अन्दर बाहर होना बहुत ही मजा आ रहा था। उसकी चूत से दो बार पानी निकला। उसके कुछ देर के बाद मेरा भी गाढ़ा पानी मेरे लंड से निकलने लगा, मैंने अपना सारा का सारा पानी उसकी चूत में गिरा दिया। उसके थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे।
कैसा लगा ?
दोस्तों अपनी राय मुझे जरूर भेजें।
ओके, गुड बाय! Indian Sex Stories
वाइफ चेंज सेक्स कहानी में पढ़ें कि शादी की दूसरी सालगिरह पर मेरी बीवी का मन हुआ कि उसे एक और लंड चाहिए. उसने मुझे कहा तो मैंने वाइफ स्वैप का खेल करने को कहा.
मेरा नाम रोहित है दोस्तो!
मैं 30 साल का एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ.
मेरा कद 5′ 10″ है, रंग एकदम गोरा है और बदन कसरती है।
मेरी शादी अभी 2 साल पहले ही हुई है। मेरी बीवी का नाम रश्मिका है।
रश्मिका 28 साल की बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट लड़की है।
उसके मम्मे बड़े बड़े हैं, उसकी बाहें बहुत ही सुन्दर और आकर्षक हैं।
वह हमेशा स्लीवलेस डीप नेक के कपड़े पहनती है जिससे उसके बड़े बड़े मम्मों के साइज का पता चलता है।
उसके चूतड़ थोड़ा उभरे हुए हैं और गांड बड़ी मस्त है।
मेरी बीवी पढ़ी लिखी है, बोल्ड है, और खुश मिज़ाज़ है।
उसे सेक्स बहुत ही ज्यादा पसंद है। उसे लण्ड पकड़ने, चाटने और चूसने का बड़ा शौक है.
उससे ज्यादा चुदवाने का शौक है.
वह रोज़ रात को नंगी होकर मेरे लण्ड से खेलती है और मैं भी उसके नंगे जिस्म से खेलता हूँ।
एक रात को जब मेरी बीवी मेरे लंड से खेल रही थी तो उसके मुंह से निकला- भगवान् ने अगर दो लण्ड बनाये होते तो कितना अच्छा होता! मैं तो एक लण्ड से खेलते खेलते बोर होने लगी हूँ।
मैंने कहा- हां यार, तुम सच कह रही हो। अगर तुम्हारे साथ एक और चूत होती तो अदल बदल कर चोदने में कितना मज़ा आता!
वह कुछ देर तक सोचती रही, फिर बोली- अगर तुमको एक और चूत चाहिए तो फिर वाइफ स्वैपिंग करना क्यों नहीं शुरू कर देते? तुमको दूसरी चूत मिल जाएगी और मुझे दूसरा लण्ड!
यहाँ से शरू होती है हमारी वाइफ चेंज सेक्स कहानी!
मैंने कहा- आईडिया तो तेरा बड़ा अच्छा है. पर वाइफ स्वैपिंग के लिए वाइफ का राज़ी होना बहुत जरूरी है। क्या तुम किसी और से चुदवाने के लिए राज़ी हो? साथ ही साथ मुझे किसी और की बीवी चोदने दोगी?
वह बोली- हां हां … क्यों नहीं चोदने दूँगी? बड़े शौक से चोदने दूंगी। जब तुम अपनी बीवी को किसी और से चुदवाने दोगे तो मैं भी तुम्हें किसी और की बीवी चोदने दूँगी।
मैंने कहा- ठीक है. तुम भी कोई ऐसा कपल ढूंढो जो हमारे साथ चोदा चोदी कर सके। मैं उसकी बीवी चोदूँ, वह मेरी बीवी चोदे!
बात पक्की हो गयी।
उस रात मुझे अपनी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आया।
उसके बाद हम दोनों काम पर लग गए।
अगले दिन हम शॉपिंग हॉल में घूम रहे थे।
मैं थोड़ा दूर था रश्मिका से … इतने में मैंने देखा कि सामने से एक बड़ी खूबसूरत सेक्सी औरत मेरी बीवी की तरफ मुस्कराती हुई आई और आते ही मेरी बीवी से बोली- अरे यार रश्मिका, तू यहाँ कैसे?
वह भी उसे देख कर दंग रह गयी और कहा- अरे यार प्रेमा, तू यहाँ क्या कर रही है?
वे दोनों थोड़ा दूर कोने में चली गई तो रश्मिका ने उसके कान में कहा- यहाँ क्या गांड मरा रही है तू अपनी?
प्रेमा बोली- तू क्या अपनी माँ चुदा रही है यहाँ?
दोनों हंसने लगी।
फिर प्रेमा बोली- मैं तो यही रहती हूँ अपने हसबैंड के साथ।
रश्मिका ने पूछा- तो फिर कहाँ है तेरा हसबैंड?
प्रेमा ने बताया- वो तो आया नहीं है, घर पर है।
मेरी बीवी ने फिर मुझे बुलाया और उसे मुझसे मिलवाया।
मैंने उसे बड़े प्यार से नमस्ते की।
यह सच है दोस्तो … कि प्रेमा मुझे एक नज़र में भा गयी।
वह बोली- अच्छा अब आप लोग मेरे घर चलो।
पहले तो हमने थोड़ा न नुकुर किया फिर हम दोनों उसके घर पहुँच गए।
रश्मिका ने बताया कि प्रेमा मेरी कॉलेज की दोस्त है।
हम दोनों उसके पति पवन से मिले परिचय हुआ और खूब ढेर सारी बातें हुईं।
मेरी बीवी ने अंदर जाकर प्रेमा से खुल कर वाइफ स्वैपिंग के लिए बात की.
उसने मौके का फायदा उठाया।
प्रेमा खुश होकर बोली- अरे यार, मेरा पति तो जाने कबसे वाइफ स्वैपिंग के लिए तैयार है। तुम किसी दिन प्रोग्राम बना लो, हम दोनों आयेंगे।
हमारा हौंसला बढ़ गया और अगले दिन हम दोनों शाम को अपने दोस्त आरव के घर पहुँच गए।
उसने हमारा स्वागत किया।
हम लोग एक दूसरे से अच्छी तरह मिले।
आरव की बीवी सपना बहुत ही सुन्दर सभ्य और हॉट बीवी है। मैं जब जब उसे देखता हूँ तो मेरे मन में कुछ कुछ होने लगता है।
अब आपसे क्या छिपाना दोस्तो, सच्चाई यह है कि मैं जब अपनी बीवी चोदता हूँ तो मन में सोचता हूँ कि मैं आरव की बीवी चोद रहा हूँ।
मैं आरव से बातें करने लगा और मेरी बीवी रश्मिका सपना भाभी से।
हम दोनों बाहर कमरे में थे और वो दोनों अंदर किचन में।
कुछ देर बाद जब दोनों बीवियां कमरे में वापस आईं तो मेरी बीवी ने इशारा किया कि काम हो गया।
मैंने मन में कहा कि सपना भाभी मान गयी है तो आरव भी मान ही जाएगा; अपनी बीवी से विपरीत वह नहीं जा सकता।
अब वह दिन दूर नहीं जब मैं आरव की बीवी चोदूंगा।
हम दोनों ने खूब जम कर नाश्ता किया और खूब मस्त मस्त बातें कीं।
रात को सपना भाभी का फोन मेरी बीवी के पास आ गया।
वह बोली- मेरा हसबैंड वाइफ स्वैपिंग के लिए तैयार हो गया है। अब आप तारीख़ बताइये कि हमें किस दिन आना है।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
रश्मिका भी ख़ुशी के मारे नाचने लगी।
अगले ही दिन मेरी शादी की सालगिरह थी।
मैंने दोनों कपल को रात भर के लिए डिनर और वाइफ स्वैपिंग की पार्टी के लिए आमंत्रित कर लिया।
अगले दिन की छुट्टी ले ली मैंने और सारा इंतज़ाम कर लिया।
शाम को 8 बजे दोनों कपल आ गए।
हमने उनका तहे दिल से स्वागत किया और उन्होंने हमको शादी की साल गिरह पर बधाई दी.
पवन प्रेमा और आरव सपना दोनों कपल भी एक एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए।
दोनों ही स्मार्ट और हैंडसम थे इसलिए ख़ुशी सबके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी।
मेरी बीवी ने सपना और प्रेमा को अंदर बुलाकर सारी बात खुल कर बता दी और कहा- आज रात भर हम तीनों बीवियां एक ही बिस्तर पर एक दूसरे के पति से चुदवाएंगी।
सपना बोली- अरे यार, हम लोग एक बार एक कपल के साथ ऐसा कर चुके हैं। एक ही बेड पर मैंने उसके पति से चुदवाया और उसने मेरे पति से चुदवाया। इसलिए मुझे तो कोई शर्म नहीं।
प्रेमा बोली- तो मुझे भी शर्म नहीं है. मैं तो भकाभक चुदवाऊंगी तुम दोनों के पतियों से.
फिर तीनों बीवियां बाहर कमरे में आ गयीं।
हमने ड्रिंक्स शुरू कर दी।
पराई बीवियों के साथ शराब पीने का यह मेरा पहला मौक़ा था।
मैं तो इसका पूरा फायदा उठाने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा।
फिर बातें होने लगीं तो धीरे धीरे और गहरी खुल कर बातें होने लगीं; सेक्स की बातें होने लगीं।
मैंने देखा कि शराब पीने में और बातें बीवियां सबसे आगे हैं।
तो मेरे मुंह से निकला- प्रेमा भाभी, कोई फड़कता हुआ नॉन वेज चुटकुला सुनाओ न प्लीज?
वह बोली- अच्छा तो सुनो!
एक बस में दो औरतें सीट के लिए लड़ रहीं थीं।
आखिरकार पहली बोली- ले राण्ड ये सीट तू अपने भोसड़ा में डाल ले!
दूसरी बोली- तू मादरचोद पूरी बस अपनी गांड में डाल ले!
इतने में कंडक्टर बोला- तो क्या मैं पैसेंजर्स को अपने लण्ड पर बैठा के ले जाऊंगा?
सबने खूब तालियां बजायी और एन्जॉय किया।
फिर सपना भाभी ने भी सुनाया- एक ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है?
दूसरा बोला- लाला उमा नाथ दास.
पहले वाला बोला- इसे छोटा करके बताओ।
दूसरा बोला- LUND ( Lala Uma Nath Das )
सबने खूब तालियां बजाईं।
फिर मेरी बीवी का नंबर आया तो उसने कहा- एक बार एक लड़का और एक लड़की बात कर रहे थे।
लड़का बोला- यार तुम लड़कियां तो बहुत अच्छी हो। रात तो मजे से सोती तो हो?
लड़की बोली- सोते तो तुम भी हो मजे से?
लड़का बोला- कहाँ मजे से यार? हमको तो हर करवट पर अपना लण्ड सेट करना पड़ता है।
सबने खूब एन्जॉय किया और तब माहौल एकदम से गर्म हो गया।
उधर दो दो पैग व्हिस्की भी ख़त्म हो गई।
सब लोग नशे में आ गए।
नशे में थोड़ी बेशर्मी, थोड़ी सी शरारत और थोड़ी बदतमीजी करने का बहाना मिल जाता है।
अचानक मैंने प्रेमा भाभी का हाथ पकड़ लिया तो उसने मेरे गाल चूम लिए और बोली- यार रोहित, आज तुम बहुत हैंडसम लग रहे हो!
मैंने उसे अपने गले लगा लिया।
उधर सपना भाभी ने पवन के गले में अपनी बाहें डाल दीं।
वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।
फिर मेरी बीवी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने आरव को अपनी तरफ खींचा और उससे चिपक गयी।
आरव उसकी चूँचियाँ दबाने लगा तो मेरी बीवी उसका लण्ड टटोलने लगी।
पवन बड़े प्यार से बोला- रोहित, आज तेरी शादी की साल गिरह है। आज तुम मेरी बीवी के साथ अपनी सुहागरात मनाओ। मैं आरव की बीवी के साथ सुहागरात मनाऊंगा।
तब मैंने कहा- आरव मेरी बीवी रश्मिका के साथ सुहागरात मनाएगा।
सब लोग हंस पड़े।
अब यह तो ज़ाहिर हो गया कि बीवियों की अदला बदली में कौन किसकी बीवी चोदेगा और कौन किसके पति से चुदवायेगी.
मैं पवन की बीवी प्रेमा से लिपट गया।
मुझे पराई बीवी का आलिंगन बड़ा सुख देने लगा।
पवन आरव की बीवी के आलिंगन से खुश हो रहा था और आरव मेरी बीवी को चिपका कर मज़ा करने लगा था।
बीवियां भी पराये मरद से चिपक चिपक कर बड़ा आनंद का अनुभव कर रही थी।
इतने में मैंने प्रेमा भाभी के कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े।
हम दोनों एक दूसरे के आगे एकदम नंगे खड़े हो गए।
मैं प्रेमा भाभी की मस्त मस्त चूचियाँ दबाने लगा तो वह मेरा लण्ड पकड़ कर बड़े मजे से हिलाने लगी।
वह बोली- यार रोहित, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लण्ड!
उसने झुक कर मेरे लण्ड की चुम्मी ली तो मैं गनगना उठा।
मुझे प्रेमा भाभी पर प्यार आ गया, मैं उसके नंगे जिस्म से खेलने लगा।
तब मैंने देखा कि आरव नंगा होकर मेरी बीवी के नंगे जिस्म से खेल रहा है और पवन आरव की बीवी को नंगी करके उसकी चूचियाँ दबा रहा है और चूत सहला रहा है।
आरव की बीवी सपना पवन का लण्ड मस्ती से चाटने लगी और उसके पेल्हड़ भी चूमने लगी।
मेरी बीवी आरव का लण्ड ऐसे चूस रही थी जैसे उसे पहली बार कोई लण्ड मिला है।
तीनों बीवियां पराये मरद का लण्ड पाकर बेहद खुश थीं और तीनों मरद भी पराई बीवी के मम्मे दबा दबा कर, उनकी चूत सहला सहला कर, उनके चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर, उनके नंगे बदन पर हाथ फिरा फिरा कर मज़ा लूट रहे थे।
मेरी नंगी बीवी बड़े प्यार से आरव का लण्ड चूसने लगी, आरव की नंगी बीवी सपना पवन का लण्ड और पवन की बीवी प्रेमा नंगी नंगी मेरा लण्ड चूसने लगी।
अब आने लगा हम सबको पराई बीवी से लण्ड चुसवाने का मज़ा।
मैं मन ही मन बड़ा खुश हो रहा था।
हम तीनों कपल एक ही बेड पर एकदम नंग धड़ंग बीवियों की अदला बदली का मज़ा लेने लगे।
मेरी बीवी बोली- यार सपना, बड़ा मोटा लण्ड है तेरे पति का! मुझे इसका टोपा चाटने में बड़ा अच्छा लग रहा है।
सपना बोली- मुझे तो प्रेमा के पति का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है क्या मस्त लौड़ा है इसका मादरचोद … एकदम घोड़े का लण्ड लग रहा है।
प्रेमा ने भी अपने मन की बात कही- यार, मुझे तो रश्मिका के पति का लण्ड पसंद आ गया है। भोसड़ी का जितना मोटा है उतना ही कड़क भी है। ये तो आज मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।
बीवियों की इन मस्त मस्त बातों ने सबके लण्ड में एक नया जोश भर दिया।
उनके मुंह से गन्दी गन्दी बातें सुनकर लण्ड भी साले एकदम घोड़े के लण्ड की तरह खड़े हो कर हिनहिनाने लगे।
बीवियों को पराये मर्दों के लण्ड बहुत ज्यादा ही मज़ा देने लगे।
मेरी बीवी बोली- मन करता है कि मैं हर रोज़ पराये मरद का लण्ड अपने मुंह में लूँ, उसके लण्ड से खेलूं और फिर उसे अपनी चूत में पेलूं।
उत्तेजना सबकी इतनी बढ़ गयी कि अब किसी से रुका नहीं गया।
मैंने तो लण्ड गप्प से पवन की बीवी की चूत में पेल दिया।
लण्ड एक बार में पूरा घुस गया और मैं सटासट चोदने लगा उसकी चूत।
पवन ने भी जोश में आकर अपना लण्ड आरव की बीवी की चूत में पेल दिया।
वह मस्ती से आरव की बीवी चोदने लगा।
आरव ने अपना लम्बा लण्ड मेरी बीवी की चूत में ठोंक दिया और घपाघप चोदने उसकी चूत!
मेरी बीवी रश्मिका उससे बड़े प्यार से चुदवाने लगी।
हम तीनों इस तरह खुल्लम खुल्ला चोदने लगे एक दूसरे की बीवी की चूत।
बीवियां भी बड़ी बेशर्मी से एक दूसरे के पति से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं।
जितनी बेताबी हम लोगों को दूसरे की बीवी चोदने की थी, उससे कहीं ज्यादा बेताबी इन बीवियों को दूसरों के पतियों से चुदवाने की थी।
मुझे तो यकीन हो गया कि हर बीवी भोसड़ी वाली किसी न किसी पराये मरद से चुदवाती जरूर है।
मेरी बीवी को शायद बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था।
वह बोली- हाय मेरे राजा आरव, मुझे आज खूब अच्छी तरह चोदो, तुम्हारा लौड़ा बड़ा दमदार है। बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे। आज मैं सच में अपनी असली सुहागरात मना रही हूँ। हाय रे फाड़ डालो मेरी चूत, चीर डालो मेरी चूत. ऐसा मज़ा तो मुझे पहले कभी नहीं आया।
उधर प्रेमा भी ऐसा ही कुछ कहे जा रही थी- हाय मेरे रोहित राजा, बड़ा जबरदस्त है तेरा लौड़ा। अंदर दूर तक चोट कर रहा है तेरा लण्ड मेरी चूत में। इतना मज़ा तो मुझे अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था। आज तो सबके सामने चुदाने का मज़ा ही कुछ और है। और चोदो मुझे, अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे, चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के!
फिर सपना भाभी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, वह भी बोली- हाय पवन, तेरा लौड़ा भोसड़ी का बड़ा खूंखार है, बिना रुके गचागच चोदे चला रहा है मेरी चूत! ऐसी चुदाई तो मेरी कभी नहीं हुई बहनचोद। बड़ा अच्छा लग रहा है यार, खूब हचक हचक कर चोदो मेरे प्यारे। मुझे आज अपने मरद के आगे पराये मरद से चुदवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा है। मुझे अपने पति को रोहित की बीवी चोदते हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा है। कोई और भी है जो मेरे पति से चुदवाकर मज़ा लेती है।
उधर आरव बोला- यार रोहित, मुझे अपने बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में जो मज़ा आ रहा है उसे बयान नहीं किया जा सकता। बड़ा मस्त चुदवाती है तेरी बीवी यानि मेरी रश्मिका भाभी।
इस तरह हम सब एक दूसरे की बीवी चोदते हुए अपनी अपनी बीवी चुदवा भी रहे थे।
अपनी बीवी दूसरों से चुदवाना भी एक बड़ा मजेदार खेल है।
यह वाइफ चेंज सेक्स का खेल अमेरिका ऐसे देशों में खूब होता है।
लोग दूसरों की बीवियां कम चोदते हैं, अपनी बीवी दूसरों से ज्यादा चुदवाते हैं और एन्जॉय करते हैं।
इन सब मस्तानी बातों से लण्ड एक एक करके झड़ने लगे और चूत भी सबकी खलास होने लगी।
चुदाई की पहली पारी ख़त्म हुई तो सबने बड़े प्रेम से नंगे ही खाना खाया और आपस में खूब हंसी मजाक भी की।
दूसरी पारी में मैंने आरव की बीवी सपना की चूत में लौड़ा पेला और खूब मस्ती से चोदा।
आरव ने अपना लण्ड पवन की बीवी प्रेमा की चूत में घुसेड़ दिया और खूब तबीयत से चोदा।
पवन ने मेरी बीवी रश्मिका की चूत में लौड़ा ठोक दिया और खूब धकाधक चोदा।
इस तरह रात भर हम बीवियां अदल बदल कर चोदते रहे और हमारी बीवियां भी लण्ड अदल बदल कर चुदवातीं रहीं।
तो दोस्तो, यह थी हमारी शादी की सालगिरह पर बीवियों की अदला बदली की एक सच्ची कहानी।
मंजू आँटी की चुदाई से मैं ऊब Antarvasna Sex Stories चुका था। उनकी बेटी मधु जवान हो रही थी। बड़ी-बड़ी चूचियाँ, उभरी हुई गाँड, क़यामत लगती थी। ख़ैर मंजू आँटी मुझे उसके पास फटकने भी नहीं देती थी।
एक दिन मैं उसके यहाँ किसी काम से गया तो मधु ने दरवाज़ा खोला। उसने स्कर्ट पहन रखी थी. मेरी नज़र उसके चिकने-गोरे पैरों पर पड़ी। मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मैंने अपनी साँसों रोककर किसी तरह स्वयं पर नियंत्रण किया। उसने मुझे ड्राईंगरूम में बिठाया। ख़ुद मेरे सामने बैठ गई।
मैंने पूछा- ‘आँटी कहाँ हैं?’ तो मालूम हुआ कि बाहर निकली हुईं हैं। हमारे बीच काफी बातें हुईं। उस दौरान उसने इस बात का ख़ास ख़्याल रखा कि कहीं से उसकी स्कर्ट न उठे और उसके जाँघें मुझे न दिखाई दे।
फिर वह पानी लाने के लिए उठी और जाने लगी। उस दौरान मैं उसकी गाँड निहारता रहा। मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। तभी वह पानी लेकर आ गई। इस बार बैठते समय मुझे उसकी काली पैन्टी दिख गई। ख़ैर बातों-बातों में मुझे मालूम हुआ कि उसके कम्प्यूटर पर कुछ प्रोजेक्ट बनाने हैं, तो मैंने तुरन्त उसे प्रस्ताव दिया कि मेरे यहां बना लो।
उसने कहा- ठीक है, माँ से पूछकर आऊँगी।
फिर मैं वहाँ से चला आया।
एक दिन मैं अपने कमरे में सोया था कि मधु मंजू आँटी के साथ आई। मैं नीचे गया तो मालूम हुआ कि मधु को मुझसे कुछ काम है। जब मैंने पूछा तो मालूम हुआ कि वह कम्प्यूटर पर प्रोजेक्ट बनाना चाहती है। शायद उसने अपनी माँ से हमारी पिछली मुलाक़ात का विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया था।
मैंने कहा- ठीक है चलो। तो वह मेरे पीछ आने लगी। मंजू आँटी भी उठी और आने लगी, तो मेरी माँ ने कहा- आप बच्चों के पीछे कहाँ जा रहीं हैं?
इस पर आँटी ने कहा- कहीं नहीं भाभीजी, मैं भी देखूँ यह कम्प्यूटर क्या बला है।
माँ- ठीक है, तब तक मैं चाय बनाती हूँ।
मैं दोनों को अपने कमरे में लाया और कम्प्यूटर को चालू किया। मधु काम करने लगी तो आँटी ने कहा, चलो तुम्हारे छत से अपना मक़ान देखते हैं।
मैं उन्हें ऊपर ले जाने लगा। ऊपर पहुँचकर मैं बाहर का दरवाज़ा खोलने लगा तो मंजू आँटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक लिया।
मैंने कहा,’क्या हुआ आँटी?’
तो वे मेरे कान के पास आकर बुदबुदाई,’ऊपर आना तो एक बहाना था, असल में तुमसे चुदवाना था।’ यह कहकर वो मुझसे लिपट गई और चुम्मा-चाटी करने लगी। उसने मेरा लोअर सरका दिया और सीढ़ियों पर बैठ गई, फिर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैं भी जोश में था। मैंने उनकी चोटी पकड़ी और उनके मुँह में ही धक्के लगाने लगा। उनका गला घुट गया और आँखों में आँसू आ गए पर मैं नहीं रुका। हाँलाँकि उन्होंने छूटने की कोशिश की पर चूँकि वह सीढ़ियों के बीच बैठीं थीं और मैं ठीक सामने खड़ा था इसलिए उनके छूटने की सम्भावना नहीं थी।
तभी नीचे से चाय के लिए आवाज आई। चूँकि हम सीढ़ी पर ही थे इसलिए मुझे रुकना पड़ा क्योंकि हमारी चुदाई की आवाज़ें नीचे तक जा सकतीं थीं। इसका फ़ायदा उठाकर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और फिर उसने अपना एक पैर उठाकर सीढ़ियों की रेलिंग पर रख दी और अपनी साड़ी कमर तक उठा दी।
फिर उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत फैलाकर मुझे निमंत्रण दिया। मैं घुटनों पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उनकी जाँघ पकड़कर उन्हें अपनी ओर खींचकर उनकी चूत चाटने लगा। फिर अपना लंड उसकी चूत में लगाया और पेल दिया। चूत गीली होने के कारण बिना रुके सीधे जड़ तक पहुँच गया। फिर मैंने धक्के लगाने शुरु किए। मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था। कुछ ही देर बाद उनकी चूत कुछ टाईट हुई और वे झड़ गईं। मैं भी तेज़ी से झड़ा। फिर उन्होंने अपने कपड़े ठीक किए, मुझे एक चुम्मा दिया और नीचे चली गई।
मैं अपने कपड़े ठीक कर नीचे अपने कमरे में आया। वहाँ मधु कम्प्यूटर पर अभी भी काम कर रही थी। मैं पीछे से उसके अंगों को देख रहा था। कुछ देर बाद उसने कहा कि उसका काम खत्म हो गया। वह उठी और जाने लगी। ज्यों ही वह खड़ी हुई, मेरा ध्यान उसकी स्कर्ट पर गया। उसकी स्कर्ट ठीक उसकी गाँड के नीचे गीली हो गई थी।
मैंने उसे रोका और कहा- ज़रा यहाँ तो आना।
मधु- क्या है? कहते हुए मेरे पास आई।
मैं- तुम्हारी स्कर्ट पीछे से गीली हो गई है।
मधु- बैठे-बैठे पसीना हो रहा था ना, इसलिए हो गई होगी।
मैं- सिर्फ एक गोल सा धब्बा है, अजीब सा लग रहा है।
उसने स्कर्ट घुमाकर पीछे का हिस्सा आगे किया और यह देखकर असमंजस में पड़ गई। फिर उसने कहा- मैं नीचे कैसे जाऊँगी? माँ और आँटी क्या सोचेंगी।
मैंने कहा- कुछ देर खड़ी रहो, सूख जाएगा।
मैं कम्प्यूटर पर बैठ गया और वह मेरे पीछे खड़ी हो गई। मैंने उससे कहा- तुमने अभी तक जो भी काम किया, वह इसमें ही होगा।
उसने कहा- प्लीज़ उसे खोलिएगा मत।
मैंने पूछा- क्यों?
उसने कहा- बस ऐसे ही।
मैंने कहा- मैं खोलता हूँ, और बताता हूँ कि उसे कैसे ग़ायब करते हैं।
मैंने खोला तो देखा कि उसने मेरी गुप्त फाईलों को खोला था और नंगी चुदाई वाली तस्वीरें देखीं थीं।
मैंने उसे यह साफ करना सिखाया। फिर उसने कहा कि अच्छा हुआ आपने बता दिया वरना मैं किसी दिन पकड़ी जाती।
मैंने कहा- पकड़ी तो तुम फिर भी जाओगी।
उसने पूछा- वह कैसे?
मैं- इसी तरह, यदि तुम नैपकिन का प्रयोग नहीं करोंगी और स्कर्ट गीली करोगी तो कोई भी पकड़ लेगा।
वह शरमा गई, उसका चेहरा लाल हो गया।
मैंने कहा- फिल्म देखोगी?
उसने कहा- नहीं मैं सबसे नई फिल्म देख चुकी हूँ।
मैं- बेवक़ूफ, वो वाली।
मधु- है?
मैं- हाँ।
मधु- तो दिखाईए।
मैंने एक डीवीडी निकाली और उसे चालू किया। फिल्म शुरु हुई, 69 की मुद्रा दिखा रहे थे। मेरा खड़ा हो गया और लोअर उठ गया। ख़ैर उसका ध्यान फिल्म पर था। उसकी साँसें तेज़ हो गईं, वह गर्म हो गई। वह मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठने लगी तो मैंने उसे अपना रुमाल दिया और कहा- उसे अपनी चड्डी में डाल लो। उसने उसको मोड़कर अपनी चड्डी में डाल ली।
फिल्म में लड़का लड़की को तरह-तरह की मुद्राओं में चोद रहा था। तभी नीचे से उसकी माँ की आवाज़ दी कि जाना नहीं है क्या?
उसने कहा- बस दो मिनट माँ।
फिर वह उठी और जाने लगी।
मैंने कहा- मेरा रुमाल?
उसने कहा- बाद में नया दे दूँगी।
मैंने कहा- मुझे वही चाहिए।
मधु- अच्छा, साफ़ करके दे दूँगी।
मैं- मैं कर लूँगा।
तब उसने चड्डी में हाथ डाला और रुमाल निकालकर टेबल पर रख दिया। मैं उठा और रुमाल लेकर सूँघने लगा।
उसने पूछा- यह क्या कर रहे हो?
मैं- देख रहा हूँ, कैसी ख़ुशबू है!
उसने पूछा- कैसी है?
मैं- बिल्कुल मदहोश कर देने वाली।
फिर वह चली गई। शाम को वह और उसकी माँ छत पर टहल रहे थे। मैं भी अपने छत पर आया। उनसे दो-चार बातें हुईं। फिर मैंने अपना रुमाल निकाला और पसीना पोंछने लगा। तभी उनकी काम वाली बाई आ गई और मंजू आँटी नीचे लगी गईं। फिर मैं रुमाल सूँघकर मधु को चिढ़ाने लगा। बीच-बीच में उसे रुमाल चाटकर भी दिखाता। मानों वह रुमाल उसकी बुर है। वह शरमा जाती।
एक दिन वह फिर अपनी माँ के साथ कम्प्यूटर पर काम के बहाने आई। मैं समझ गया कि माल गर्म है।
उसने कहा- आज बाकी की मूवी देखनी है।
मैंने फिर वही डीवीडी लगा दी। चुदाई का सीन चलने लगा, वह गर्म हो रही थी।
शेष दूसरे भाग में ! Antarvasna Sex Stories
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