Our site can help you find a professional massage girl in Vidisha who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.
Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Vidisha that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.
Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Vidisha massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.
Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Vidisha who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.
Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Vidisha massage service, which makes it easier to obtain more customers.
There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.
A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Vidisha massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.
This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Vidisha who are good at deep tissue treatments that function effectively.
Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Vidisha employ the use of custom oil preparations to make you feel good.
A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Vidisha helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.
Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Vidisha
Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Vidisha at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:
Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.
Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.
When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.
The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.
All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.
To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.
Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.
You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.
It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.
Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.
रूपा और रीना दोनों Antarvasna Sex Stories ही एक साथ आशू से कैसे चुदी- यह आप पहले भाग भाग में पढ़ चुके हैं !
राजेश ने रूपा को चोदा- यह आपने इस कहानी के दूसरे भाग में पढ़ा, अब तीसरा और अंतिम भाग :
मन ही मन में वो रूपा और राजेश की चुदाई के बारे में सोच रही थी। रीना के मन में मौसा जी का लण्ड भी घूम रहा था। मौसा जी ने आज शाम को इतना घुमाया-फ़िराया और खिलाया-पिलाया पर ना तो चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा और ना ही चूंचियों को सहलाया। क्या मौसा जी उसे प्यार करना नहीं चाहते? यही द्वंद्व रीना के मन में चल रहा था !
उसका गाऊन जांघों से ऊपर उठा हुआ था, वो एक करवट ले कर दूसरी ओर घूम गई। तभी उसे लगा कि उसके कमरे में कोई अन्दर आया है। कदमों की आहट से उसे लगा कि मौसा जी हैं। उसके मन में तरंगें लहराने लगी- रात के ग्यारह बजे मौसा जी जरूर उसे चोदने आये हैं। कदमों की आहट उसके पलंग के पास आकर रुक गई। मौसा जी ने धीरे से गाऊन और ऊपर खिसका दिया। रीना के चूतड नंगे हो गये, रीना ने अपनी आंखे बंद किये हुये कहा,”आओ रूपा मौसी, नींद नहीं आ रही है क्या?”
दूसरी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया। दो हाथ रीना की जांघ सहलाने लगे थे।
“मौसी क्या कर रही हो ! हाय ! मत करो ना … शरम लग रही है, अन्दर हाथ मत घुसाओ ना !” वो कसमसा कर बोली।
मौसा जी ने उसके चूतड़ दबा दिये और दरार को सहलाने लगे। ऐसा करते हुये मौसा जी का लण्ड तन्ना उठा। उन्होंने गाऊन के भीतर से ही हाथ बढ़ा कर रीना के स्तन दबा दिये। रीना जानबूझ कर मौसा जी को मौसि कह रही थी।
“लगता है आज आपका मन बहक रहा है… बस अब ! मुझे बहुत शरम लग रही है !”
मौसा जी का लण्ड ये सुन कर और फ़ूल गया और रीना को चोदने के लिये बेताब हो उठा। उन्होने रीना को उल्टा किया और उसके दोनों पांव चौड़ा दिये… उसकी गाण्ड का फ़ूल सामने दिखने लगा। रीना आनन्द के मारे सिहर गई। मौसा जी से जब नहीं रहा गया तो उन्होंने अपना पजामा उतारा और अपने फ़ूले हुये कड़क लण्ड के साथ रीना की पीठ पर चढ़ गये और अपने तन्नाये हुये लण्ड को गाण्ड के गुलाब पर रख दिया और रीना को जकड़ लिया।
“हाय रे कौन… मौसा जी… ये क्या कर रहे हैं आप?” रीना ने अब उन्हें पहचानने का नाटक किया।
“रीना, अब नहीं रहा जाता… प्लीज करने दो…!”
“मौसी आ जायेगी तो मैं तो मर ही जाऊंगी !”
“उसकी तबियत ठीक नहीं है, उसने नींद की गोली खा ली है और वो गहरी नींद में है।” मौसा जी का लण्ड गाण्ड के छेद में उतर कर फ़ंस चुका था। पर रीना अभी गाण्ड नहीं मरवाना चाह रही थी। उसे तो बस चुदना था, सो वो बल खा कर पलट गई और लण्ड गाण्ड से निकल गया। अब रीना मौसा जी के नीचे थी और सीधी हो चुकी थी। मौसा जी ने भी उसे आराम से पलट जाने दिया और उसके ऊपर चढ़ गये।
“हाय मौसा जी, प्लीज, मत करो, मुझे लाज आती है…!”
“बस ऐसे ही मस्ती करेंगे… मेरा मन तुझ पर आ गया है।”
“मौसा जी, आज … आह मत करो ना…!” उसने मौसा जी हाथ अपने वक्ष पर से हटाते हुये कहा।
“तुझे अच्छा लगा ना?”
“मौसा जी, बस ना, मुझे शरम आती है, हटो ना…..”
वो उस शो-रूम में तुम्हें वो ब्रा-पैन्टी का सेट अच्छा लगा था ना?
मौसा जी ने नीचे से हाथ डाल कर पेण्टी और ब्रा दिखाई…”यही थी ना … ये लो…”
“हाय मौसा जी, आप कितने अच्छे हैं…” तभी मौसा जी के लण्ड का सुपाडा फ़क से चूत में घुस गया। रीना के मुख से आह निकल गई।
“मौसा जी, आपने तो नीचे कमाल कर दिया…मैं तो शरम से मर जाऊंगी !”
“हाय रे तेरा ये शरमाना, मुझे तो पागल कर देगी तू …” मौसा जी का लण्ड रीना की अदा पर फ़ूलता जा रहा था। उनका मोटा लण्ड चूत में उतरने लगा।
” हाय ना करो ना मौसा जी … सच में आप में बड़े वो हैं !”
“आय हाय रे मेरी रीना, चुदे जा रही है फिर भी ये शरमाना… ये ले दबा के लण्ड ले मेरा !”
“हाय रे, मेरी फ़ाड दोगे क्या, … मैं मर गई !” रीना की आंखें चुदाई के नशे में बंद हो रही थी। मौसा जी का भारी लण्ड उसे मस्त किये दे रहा था।
” हांऽऽ आ आज तो तेरी चूत फ़ाड ही दूंगा… हाय कितनी प्यारी सी है ये तेरी फ़ुद्दी !”
“यह फ़ुद्दी क्या होता है जी…?” रीना ने चुदते हुये फ़ुद्दी के बारे में पूछ लिया।
“ओह्ह, मैं मर जाऊं… तेरी तो … मां कसम… चोद के रख दूंगा ! तुझे भी तेरी मां को भी !” मौसा जी उसकी अदाओं पर मर ही गये। जोश में उनकी कमर तेजी से चलने लगी। रीना मस्त हो कर भोली बनी हुई चुदती रही, उसका शरीर मीठी कसक से भरा जा रहा था। काम-वासना बढ़ती जा रही थी। रीना जोश में मौसा जी के चूतड़ पकड़कर अपनी चूत पर मार रही थी। उसके मुख से वासना भरी चीखें निकल रही थी। मौसा जी ने रीना के दोनों हाथ दबा लिये थे और कस कस के शॉट पर शॉट मारे जा रहे थे। उनका मोटा लण्ड रीना की चूत को जम कर चोद रहा था। रीना ने भी ऐसे मोटे लण्ड से चुदाई पहली बार कराई थी। चूत गहराई तक चुदी जा रही थी। रीना के बदन का एक एक अंग हिल गया था। पर स्वर्गिक आनन्द की अनुभूति बढ़ती ही जा रही थी।
रीना का अंग अंग मीठी टीस से भर गया और वो अब समूची दुनिया को अपनी चूत में समेटने जा रही थी। उसे लग गया था कि उसक सभी कुछ सिमट कर चूत के रास्ते बाहर आना चाहता है। उसके मुख से आह निकल पड़ी और उसका बदन एक बारगी ऐंठने लगा और चूत को मौसा जी के लण्ड पर दबा दिया और अपना दिव्य-रस बाहर छोड़ दिया। वो स्खलित होने लग़ी थी। मौसा जी ने भी अपना लण्ड रीना के झड़ने तक चूत में ही रहने दिया, फिर बाहर निकाल कर दबा कर मुठ मारने लगे और अपना वीर्य रीना के शरीर पर उछाल दिया। कुछ बूंदे तो उछल कर रीना के चेहरे पर जा पड़ी। मौसाजी ने अपना लण्ड जोर से हिला कर उसमें से एक एक बूंद बाहर निकाल दी।
दोनों अब बिस्तर पर निढाल पड़े थे !
रूपा ने जानबूझ कर के यह सुनहारा मौका उन दोनों को दिया था।
दोनों एक बार फिर से लिपट पड़े और प्यार करने लगे।
“रीना, तू शरमाती बहुत है … पर उससे मेरी वासना और बढ़ जाती है…”
“मौसाजी, ऐसे काम में शरम तो आती ही है ना”
“हाय रे… शर्माती जाओ और चुदती जाओ… लण्ड तो ऐसे माहौल में खूब फ़ूल जाता है, और शर्माती को चोदने में मस्ती आती है…!”
“धत्त… मौसा जी… ऐसा मत बोलो… मुझे फिर से चुदने की इच्छा होने लगेगी…!”
रीना ने एक बार और चुदने की इच्छा बता दी।
“तू कह तो एक बार ! अभी चोद देता हूं !”
“अरे ना जी ना… बस करो… हाय ना करो… मर गई रे… हाय चुद जाऊंगी मौसा जी…!”
रीना के इन्कार में इकरार था, अपनी तमन्नाओं का इज़हार था।
मौसाजी ने रीना को कमर पकड़ कर उसकी पीठ को अपने से चिपका ली। मौसा जी का भारी लण्ड उसके चूतड़ों में घुसने लगा। रीना अपने आप आगे को झुकने लगी और लण्ड चूतड़ों की दरार में घुसता चला गया। लण्ड के सुपाड़े ने जैसे ही गाण्ड के फ़ूल पर नरम स्पर्श दिया, फ़ूल खिल उठा और अन्दर बाहर होने लगा। मौसा जी का लण्ड फ़क की आवाज करता हुआ छेद में धंस गया और फिर से वासना का मधुर खेल आरम्भ हो गया।
रीना की गाण्ड चुदी जा रही थी, साथ में वो बला की अदायें बिखेरती जा रही थी। मौसा जी उसकी मासूम सी नकली अदाओं पर बिछे जा रहे थे … खिड़की के पट थोड़े से खुले हुये थे और रूपा उन दोनों की चुदाई का नजारा देख रही थी… Antarvasna Sex Stories
मैं हूँ विकास सिंह 5”10′ मस्त Hindi Sex Stories गोरा चिट्टा ! और लंड का आकार है 8 इंच और लड़की को चाहिए भी क्या?
ये बात तब की है जब मैं 11वीं में पढ़ता था। मेरे स्कूल में अंग्रेज़ी की अध्यापिका थी- मिस सोनिया दीक्षित !
क्या कयामत थी यार ! देखते ही मुँह में पानी आ जाता था ! मैडम को जो भी एक बार देख ले, उसकी पहली ख्वाहिश मैडम को चोदने की ही होगी।
वैसे मैडम का फिगर साइज़ 36सी-30-38 होगा।
अब बताता हूँ मैडम को चोदने की शुरुआत कहां से हुई।
मैं एक तो ग्वालियर में अकेला रहता था और अंग्रेज़ी में बहुत कमजोर था, यह बात मैडम को मालूम थी। उन्होंने मुझे एक दो बार घर पर पढ़ने की पेशकश की थी इसलिए मैं उनके घर पढ़ने जाया करता था। मेरा पढाई में कम और मैडम के स्तनों पर ध्यान ज्यादा रहता था। यह बात मैडम नोटिस कर चुकी थी, लेकिन कुछ बोलती नहीं थी बस हंस देती थी।
एक दिन मैडम ने कहा- आज जल्दी आ जाना !
मैंने भी हाँ बोल दी और 2 घंटे पहले पहुँच गया।
मुझे बाद में मालूम चला कि मैडम के घर वाले उस दिन भोपाल जा रहे थे दो-तीन दिन के लिए शादी में।
उनके जाने के बाद मैडम ने पढ़ाना शुरू किया। आधा घंटा निकला ही था कि मैडम बोली- चाय पियोगे?
मैंने हाँ में सर हिला दिया।
और मैडम चली गई। थोड़ी देर के बाद जब मैडम आई तो भाई विश्वास मानो, क्या लग रही थी !
क्योंकि वो हाथ में ट्रे लिए गुलाबी नाईटी में थी, सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था, मेरा भी खड़ा होने लगा था।
मैडम सामने बैठ गई और पढ़ाने लगी। लेकिन मेरा मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था।
मैडम भी समझ चुकी थी, वो खुद ही बोली- क्या बात है? आज पढ़ना नहीं है क्या?
मैंने मना कर दिया और कहा- अगर सामने इतनी सुन्दर लड़की बैठी हो तो कौन पढ़ना चाहेगा !
इस पर मैडम ने कहा- चलो ! आज मैं तुम्हें कुछ और पढ़ाती हूँ !
और मैडम मुझे अपने कमरे में ले गई और कहा- अपनी पैन्ट उतारो !
कसम से दोस्तों कुछ देर के लिए में सोचने पर मजबूर हो गया कि मिस सोनिया करने क्या वाली है? लेकिन थोड़ी से खुशी भी थी कि शायद आज कुछ और ही हो जाये !
मैंने पैन्ट उतार दी। अब मैं उनके सामने केवल अंडरवियर में था !
मैडम ने पास आकर कहा- यह क्या है?
मैंने बोला- सॉरी मैडम ! आपको देख कर कण्ट्रोल नहीं कर पाया !
इस पर मैडम ने कहा- कोई बात नहीं होता है !
फिर मैडम ने मेरा 8 इन्च लम्बा लौड़ा निकाला और दबाने लगी। मुझे मज़ा आ रहा था, फिर मैं मैडम के होठों पर किस करने लगा तो मैडम ने भी खुल कर साथ दिया, वो भी किस करने लगी। अब मेरा हाथ धीरे धीरे उनके स्तनों पर पहुँच गया था। 10 मिनट के बाद मैंने मैडम के कपड़े उतारना चालू किया। अब मैडम मेरा सामने केवल ब्रा और पैंटी पहने थी।
बिल्कुल सच कि एकदम दूध की तरह जिस्म था- एक दम गोरा-सफ़ेद !
फिर धीरे धीरे ब्रा और पैंटी भी उतार दी, अब मैडम मेरे सामने एक दम नंगी खड़ी थी, हम दोनों अब बिस्तर पर आ गए।
फिर मैं मैडम के स्तनों को बुरी तरह से मसल रहा था तो मैडम ने कहा- आराम से करो ! मैं कौन सा भागी जा रही हूँ ! .और 69 की अवस्था में थे
मैंने कहा- सॉरी मैडम !
तो उन्होंने फिर से डांट दिया और कहा- नो मैडम ! केवल सोनिया !
मैंने कहा- ठीक है सोनिया डार्लिंग ! सच में तुम बहुत सेक्सी हो, मैं ना जाने कब से तुम्हें चोदना चाहता था और आज मौका मिला है, आज नहीं छोडूंगा !
फिर सोनिया भी कहाँ चुप रहने वाली थी, वो बोल पड़ी- देखते हैं मादरचोद ! आज कौन किस को चोदता है?
फिर क्या था हम करीब 15 मिनट तक एक दूसरे को चूमते और सहलाते रहे। सोनिया के मुँह से आवाज आने लगी थी अऽऽ आऽऽऽ अऽऽऽइऽ इईऽऽऽइए… अ अऽऽऽस !
अब मैं समझ चुका था कि सोनिया चुदने के लिए मचल रही है। मैंने उनकी कमर के नीचे तकिया लगाया और लंड उनकी चूत पर रख कर अन्दर घुसाने लगा लेकिन हर बार फिसल जाता तो सोनिया बोली- क्यों पहले कभी किसी को चोदा नहीं है क्या?
मैंने मना कर दिया और कहा- नहीं चोदा ! केवल ब्लु फ़िल्म ही देखी है…
तो वो मुझे नीचे लिटा कर खुद ही ऊपर आ गई और अपनी चूत में मेरा लंड डालने लगी। पहली बार अपना केवल 2 इंच ही अन्दर गया और दो-चार शोट के बाद मेरा लंड उनकी चूत की गहराई नापने लगा था और करीब 10 मिनट तक सोनिया मुझे चोदती रही। जब वो थक गई तो उन्होंने मुझे चोदने के लिए बोला। इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी।
अब अपन ऊपर और वो नीचे थी। मैंने भी उन्हें पूरे दम से चोदा, पूरे कमरे फच फच अ अ अ अ अ अ…अफ अफा ऐया अ इ इ इ…की आवाजें आ रही थी। मैं उस वक़्त अपने आप को बहुत खुशनसीब समझ रहा था क्योंकि पूरा स्कूल उन्हें देखकर आहें भरता था और आज वो मेरे लंड के नीचे हैं।
मैंने उन्हें फिर डौगी स्टाइल में चोदा। अब सोनिया फिर से गालियाँ दे रही थी- मादरचोद ! फाड़ डाल मेरी चूत को ! भोसड़ा बना दे आज इसका ! बहुत परेशान करती है माँ की लौड़ी ! आजा मेरे राजा ! मेरी बांसुरी बजा दे !
जवाब में मैं भी गाली दे रहा था- हाँ मेरी रांड मैडम ! तुझे मैं ही चोदूंगा ! आजा तेरी प्यास ऐसी बुझाऊंगा कि खड़ी तक ना हो पायेगी !
और गाली देते देते सोनिया का शरीर ऐठने लगा और वो कहने लगी- मेरे राजा ! मैं आ रही हूँ ! मैं आई आई आई आहँ आह !
और वो झड़ गई अब मैं भी झड़ने वाला था और मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है तो मैंने लंड बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन सोनिया ने मना कर दिया और कहा- मेरे 3 दिन पहले ही मासिक ख़त्म हुई है इसलिए तुम मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ो !
अब मैंने भी आखिरके 8-10 शोट पूरे दम से लगाये और उनकी चूत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर गिर पड़ा और बूब्स मसकने लगा।
सोनिया मुझे किस करने लगी और बाद मेरा लंड मुँह में लेकर साफ़ किया।
उसके बाद सोनिया सीधे बाथरूम में मूतने के लिए जा रही थी तो मैं भी साथ में चला गया और उन्हें मूतते हुए देखने लगा और में भी मूतने लगा ..
फिर हम दोनों साथ में बाहर आये तो सोनिया बोली- आज की क्लास कैसी लगी?
मैंने कहा- बहुत अच्छी !
और सोनिया को किस करने लगा…
उसके बाद में सोनिया के घर दो दिन तक रूका और ना जाने कितनी बार चोदा कब चोदा। क्योंकि हम दो दिन तक बिना कपड़ों के ही घर में रहे थे, जब भी लंड खड़ा होता या सोनिया की फ़ुद्दी में खुजली होती हम एक दूसरे में समां जाते…
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी?
मुझे जरूर बताना और उसके बदले में मैं आपको अपनी अगली कथा बताऊंगा। Hindi Sex Stories
हाय Antarvasna , मेरा नाम राजेश है। मैं कोलेज में लास्ट ईयर में पड़ता था। मेरी उम्र 24 है। मैं बीच की छुट्टियों में मेरे गांव गया।
गांव में हमारा बड़ा घर है। वहाँ मेरी मां और पापा रहते हैं। मेरे पापा एक बिल्डर है। मेरी मां हाउसवाइफ़, हम बहुत अमीर घराने से हैं हमारे घर में नौकर-चाकर बहुत हैं।
मैं अपने गांव गया। दोपहर में मेरे घर पहुंचा। खाना हुआ और थोड़ी देर सोया, शाम को मां के साथ थोड़ी बातें की और गांव घूमने चला गया। रात करीब मैं 8 बजे घर आया।
मेरी माँ का मूड ठीक नहीं था, मैंने मां को पूछा- मां, पापा कहाँ है?
मां ने कुछ जवाब नहीं दिया।
मेरी मां बहुत गुस्से वाली हैं, वो जब गुस्सा में होती है तब वो गंदी गालियाँ भी देती है, लेकिन वो नौकरों के साथ ऐसा नहीं करती, गालियाँ नहीं देती।
मां ने कहा- चल, तू खाना खा ले… आज अपना बेटा आया, फ़िर भी ये घर नहीं आये। तू खा… हम बाद में फ़ार्म हाउस पर जायेंगे। वहाँ पर तेरे पापा का काम चल रहा है।
मैंने खाना खाया और हम निकले।
पापा ने मेरी मां को स्कूटर दी थी, हमारा फ़ार्म हाउस हमारे घर से एक घंटे पर ही था। मां ने स्कूटर निकाला, मैं मां के पीछे बैठ गया।
हाँ… मेरे मां का नाम प्रिया है उसकी उम्र 45 है लेकिन वो सुंदर है, वो टिपीकल हाउस वाइफ़ है, सेहत से परफ़ेक्ट, थोड़ी मोटी।
“आओ वहाँ चलें!” मां ने पंजाबी ड्रेस पहना था।
मैं मां के पीछे था, हम चल दिये, मैंने मेरे हाथ स्कूटर के पीछे टायर पर पकड़े थे।
मां बीच-बीच में कुछ बोल रही थी लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, शायद वो बहुत गुस्से में थी।
एक घंटे में हम फ़ार्म हाउस पर पहुंच गये.
फ़ार्म हाउस के गेट पर वाचमैन था.
उसने मां को सलाम ठोका और कहा- साहब यहाँ नहीं हैं, वो शहर में गये हैं.
वो हमें गेट में आने नहीं दे रहा था।
मां ने ‘ठीक है’ बोला और स्कूटर स्टार्ट की।
हम थोड़े ही आगे गये और मां ने स्कूटर रोक दिया, उसे कुछ शक हुआ, उसने मुझे कहा- तू यहाँ रुक, मैं आती हूं!
माँ बंगले की तरफ चलने लगी और वाचमैन का ध्यान नहीं… ये देख कर अंदर चली गई और बंगले की खिड़कियों से ताक-झांक करने लगी।
मैंने देखा कि मां क्यों नहीं आ रही है और मैं भी वहाँ चला गया।
मैंने देखा मां बहुत देर वहाँ खड़ी थी और खिड़की से अंदर देख रही थी। वो करीब 10-15 मिनट यहाँ खड़ी थी।
मैं थोड़ा आगे गया और मां आई और कहा- साले, तुझे वहाँ रुकने को बोला तो आगे क्यो आया? चल बैठ हमें घर जाना है!
मां को इतना गुस्से में नहीं देखा था।
मैं बैठा, रास्ते में बारिश चालू हुई, मेरे हाथ पीछे टायर पर थे गांव में रास्ते में लाइट नहीं थी.
तभी मां की गांड मेरे लंड को लगने लगी. मैं थोड़ा पीछे आया लेकिन मां भी थोड़ा पीछे आई और कहा- ऐ, ऐसा क्यों बैठा है, ठीक से मुझे पकड़ कर बैठ!
मैंने मेरे दोनों हाथ मां के कंधे पर रखे लेकिन खराब रास्ते की वजह से ठीक से बैठ नहीं रहे थे।
मां ने कहा- अरे, पकड़ मेरी कमर को, और आराम से बैठ…
मैंने मां की कमर पर पकड़ा, लेकिन धीरे धीरे मेरा हाथ मेरे मां के बूब्स पर लगने लगे, वो उसके बूब्स… क्या नर्म-नर्म मखमल की तरह लग रहे थे और मेरा लंड भी 90 डिग्री तक गया… वो मेरी मां के गांड को चिपकने लगा।
मां भी थोड़ी पीछे आयी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड मां के गांड में घुस रहा है।
हमारा घर नजदीक आया, हम उतर गये। करीब रात 11.45 को हम घर आये।
मां ने कहा- तू ऊपर जा, मैं आती हूं।
मां ऊपर आयी, वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। मालूम नहीं, क्यों वो बीच बीच में कुछ गालियाँ भी दे रही थी लेकिन वो सुनाई नहीं दे रहा था।
मां के कहा- आ, मैं तेरा बिस्तर लगा दूं।
उसने उसकी चुन्नी निकाली और वो मेरे लिये बिस्तर लगाने लगी.
मैं सामने खड़ा था वो मेरे सामने झुकी… और मैं वहीं ढेर हो गया उसके बूब्स इतने दिख रहे थे कि मेरी आंखें बाहर आने लगी, उसके वो बूब देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था.
उसने काला ब्रा पहना था उसका सेंटर हुक भी आसानी से दिख रहा था.
तभी मां ने अचानक देखा और बोला- तू यहाँ सो जा!
लेकिन मेरा ध्यान नहीं था, वो मेरे सामने झुकी और मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था.
ये बात समझ गयी और वो ज़ोर से चिल्लाई- राजेश, मैंने क्या कहा सुनाई नहीं दिया क्या? तेरा ध्यान किधर है… साले मेरे बाल देख रहा है?
यह सुन कर मैं डर गया लेकिन मैं समझ गया कि मां को लड़कों की भाषा मालूम है।
उसने बिस्तर लगाया और कहा- मैं आती हूं अभी!
वो नीचे गई, मैंने देखा उसने हमारे बंगले के वाचमैन को कुछ कहा और ऊपर मेरे रूम में आ गई।
हम दोनों अभी भी बारिश के वजह से गीले थे।
मां मेरे रूम में आई, दरवाजे की कड़ी लगाई और उसने अपनी पंजाबी ड्रेस की सलवार निकाल कर बेड पर रख दी.
मैं मेरा शर्ट निकाल ही रहा था इतने में मां मेरे सामने खड़ी हो गई।
मां ने मेरी शर्ट की कोलर पकड़ी और मुझे घसीट कर मुझे बाथरूम में ले गयी।
मेरे कमरे में एक ही प्राइवेट बाथरूम था।
मां फ़िर बाहर गयी और मेरे कमरे की लाइट बंद करके मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी।
उसने मेरी तरफ देखा, कपड़ा लिया और मेरे बाथरूम के खिड़की के शीशे पर लगा दिया ताकि बाथरूम में लाइट थी और बाहर से कोई अंदर ना देखे इस लिये शायद।
फ़िर से उसने मेरी तरफ देखा… वो अभी भी गुस्से में लग रही थी, तुरंत ही उसने मेरे गालों पर एक जोर का तमाचा मारा.
मैं मां के ही तरफ गाल पर हाथ रख कर देख रहा था लेकिन तुरंत ही उसने मेरे गालों को चूमा और अचानक उसने उसके होंठ मेरे होंठों पर लगा कर मुझे चूमना चालू किया.
मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैंने भी मां के वो बड़े-बड़े बूब्स ढके थे और मां के बारे में सेक्स का सोचने लगा था।
चूमते चूमते उसने फ़िर से मेरी तरफ देखा, वो रुक गई और पूरी ताकत लगा के उसने अपना ही ड्रेस फ़ाड़ डाला और मेरा भी शर्ट खोल दिया जब उसने ड्रेस फ़ाड़ा।
ऊऊ मय… मय… मय… मय… मैं सोच भी नहीं सकता था कि मां के बूब्स इतने बड़े होंगे वो तो उसके ब्रा से भी बाहर आने की तैयारी में थे फ़िर वो मुझे चूमने, चाटने लगी।
उसने मुझे चड्डी उतारने को कहाँ- साले, अपनी चड्डी तो उतार!
अपनी चड्डी उतारी मैंने और मैं अपनी मां पे चढ़ गया, मैं भी उसके बूब्स को चाटने लगा, चूमने लगा और जोर से दबाने लगा.
मैंने भी मां का ब्रा फ़ाड़ डाली… मैं भी एकदम पागलों की तरह मां के बूब्स दबाने लगा। मैं उन्हे दबाने लगा.
मां की मुंह से आवाजें निकलने लगी- आआऊ ऊओ ईइम्म ऊऊओ… सलीए आआअ… ऊऊआयी ईईइ’
इतने में उसने मुझे धक्का दिया और एक कोने में छोटी बोतल पड़ी थी उसमें उसने साबुन का पानी बनाया, और शोवर चालू किया और कहा- मैं जैसा बोलती हूं वैसा कर!
वो पूरी तरह जमीन पर झुकी और दोनों हाथों से अपनी गांड को फ़ैलाया और कहा- वो पानी मेरी गांड में डाल!
मैंने वैसा किया, साबुन का पानी मां के गांड में डाला।
मां उठी और मेरे लंड को पकड़ा और साबुन लगाया दीवार की तरफ मुंह कर के खड़ी हुई और कहा- साले, भड़वे चल तेरा लंड अब मेरी गांड में घुसा!
जैसा कि मैंने कहा था कि मेरी माँ कभी-कभी गालियाँ भी देती है।
मैंने मेरा लंड मां के गांड पर रखा और ज़ोर का झटका दिया।
मां चिल्लाई- आआअ म्मम्मू ऊऊउ आआअ, साले भड़वे बता तो सही तो डाल रहा है!
साबुन की वजह से मेरा लंड पहले ही आधे से ज्यादा घुस गया, और मैं भी मां को जोर के झटके देने लगा।
मां चिल्लाई- साले, भड़वे ईई… आआअ… ऊऊउ.. आअ’
मैं भी थोड़ा रुक गया।
मां बोली- दर्द होता है, इस का मतलब ये नहीं के मजा नहीं अता आआअ… मार और जोर से मार बहुत मजा आता है… भड़वे बहुत्तत्तत सालों के बाद मैईई आज चुदवा रही हूं।
‘आअम्मी आआईई अऊऊ… मार मार मार आआ’ वो भी जोर से कमर हिला के मुझे साथ दे रही थी और मेरे झटके एकदम तूफ़ानी हो रहे थे…
मेरी हाइट 5’5″ और मां की 5′
हम खड़े-खड़े ही चोद रहे थे, उसकी गांड मेरी तरफ, मैं उसकी गांड मार रहा था उसका मुंह उस तरफ और हाथ दीवार पर थे मेरा एक हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल रहा था और एक तरफ उसके बाल दबा रहा था.
इतने में उसने मेरी तरफ साइड में मुंह किया और एक हाथ से मेरे गाल पकड़े और मेरे होंठों पर उसके होंठ लगाये हम एक ‘कामसूत्र’ के पोज़ में खड़े थे…
वो भी मेरे होंठों को चूम कर बोली- तूऊऊ… थोड़ी देर पहले मेरे बोल देख रहा था ना… मादरचओद है रे तूऊऊ मैं अभी तुझे पुराआआ मादरचोद बना ऊऊउ गीईई… आआ…
तभी मैं मां को बोला- आज इतने गुस्से मैं क्यों हो?
मां बोली- साले सब मर्द एक जैसे ही होते हैईईइं… आआईईइ ऊऊउ… जानता है… हम जब फ़ार्महाउस पर गये तब आ…आऐईईइ मैंने क्या देखा आ… खिड़की ईईए…ईइ से?
मैं एक तरफ झटके दे रहा था इसलिये मां बीच-बीच में आवाजें निकाल रही थी।
मैंने पूछा- क्या देखा तूने?
मां ने कहा- तेरा बाप… किसी और औरत को चोद रहा था आआ ईई ऊऊ आआअ मैं हमेशा इंतज़ार करती थी… अब मुझे समझ में आया, वो बाहर चोदता है आआ… ईई… ऊऊओ…
मैं रुक गया, तभी वो बोली- तू रुक मत आआऐ ईईऊओ… चोद मुझे भड़वे अपनी मां को चोद। आज से तेरी मां हमेशा के लिये तेरी हो गई… अज्ज आआअ तू ही मेरा सनम हैईई… आऊऊ ओइम्मम्म… अच्छा लगता है
तभी मैंने मां के गांड में और ज़ोर का झटका दिया, वो भी उसकी गांड ज़ोरो से आगे पीछे हिला रही थी।
आखिर में मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड का पानी मां की गांड में डाल दिया।
मां चिल्लाई- आअ ऊ ऊ ऊओ ऊ ऊ म्मम्मीईईइ… कितना पानी है तेरे में… खतम ही नहीं हो रहा है आआऔ ऊऊ… क्या म्मस्त लग रहा हैईइ… सालाआआ मादर चोद… सही चोदा तूने मुझे ईईए।
थोड़ी देर हम एक-दूसरे को ऐसे ही चिपकाये रहे और हम पलंग चले पर गये और सो गये…
थोड़ी देर के बाद मेरी नींद खुली, मां मेरे पास ही सोई थी, हम दोनों अभी भी नंगे ही थे.
मैं मां के बुर में उंगली डालने लगा तभी मां की नींद खुली और वो बोली- क्या फ़िर से चोदेगा?
मैंने बोला- मुझे तेरी बुर चाहिये! तेरी गांड तो मिल गयी लेकिन तेरी बुर चाहिये!
और मां की बुर में उंगली डालने लगा उसे सहलाने लगा.
मुझे कंट्रोल नहीं हुआ, मैंने मां के दोनों पैर ऊपर किये और मेरा लंड मां के बुर पर रखा और ज़ोर से धक्का मारने लगा।
मैंने झटके देना चालू किया.
तभी मां भी कमर हिला के मुझे साथ देने लगी मेरे झटके बढ़ने लगे.
मां चिल्लाने लगी- आआअ… छह्हहद और्रर… चओद… फ़ाड़ डाल मेरी बुर, तेरे बाप ने तो कभी चोदा नहीं लेकिन तू चओद और चोद, मजे ले मेरीईई बुर के आआअऊऊ औऊऊउ ईई… और तेज़्ज़, और तेज़ज़ आआईइ मिओआआ… आआअ ऊऊओ…
मां भी ज़ोर से कमर हिलाने लगी और मैं मां के बोल और ज़ोरो से दबा रहा था.
मां बोली- चोद रे, मादरचोद और चोद्द, दबा मेरे बोल्ल और दबाआआअ और चाट और काट… मेरे बोल को… और उन्हे बड़ी कर दे ताकि मेरा ब्लाउज़ से वो बाहर आये दबा और दबा चल डाल पानी अब… भर डाल अपनी मां की बुर पानी से आआऊओ… तेरे गर्म्मम पानी से आआऊऊओ!
तभी मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड का पानी मां के बुर में डाल दिया.
मां चिल्लाई- आआअ… ईईइ क्याआअ… गर्म पानी हैईई… ये है असली जवानीईईइ… आज से तू मेरा बेटा नहीं मेर… ठोक्या है, आज से तू मुझे ठोकेगा। आअऊऊ ओईई… क्या पानी है सालों बाद मिल्ला आआअ… आज एक बात अच्छी हो गयी, तेरे पापा उस रंडी के साथ सो गये लेकिन उनकी ही वजह से मुझे मेरा ठोक्या मिल गया… आज से तू ही मुझे ठोकेगा।
थोड़े ही दिन में मैं शहर चला गया और मेरे कोलेज में चला गया, छुट्टियों में मां मेरा और मैं मां का इंतज़ार करने लगा।
बाद में हम हमेशा एक दूसरे को चोदने लगे. Antarvasna
सभी फड़कती चूतों को सलाम! पिछली स्टोरी के Antarvasna लिए आपके ढेर सारे मिल्स आए उनके लिए आप सब का बहुत बहुत थंक्स यार और ये स्टोरी पढ़ कर भी मेल ज़रूर करना.. और अब ज़्यादा भूमिका बनाये बिना सीधा सीधा कहानी शुरू करता हूँ.
हुआ यूँ कि वो मेरे ऑफिस में मेरे कलीग थी और मेरी अच्छी फ्रेंड थी मगर हमने उस नज़र से कभी एक दुसरे के बारे में नहीं सोचा था. उसका नाम हिना और फिगर ३६-२८-३६ का था. बोले तो एक दम मस्त. ऊपर से उसका गोरा और एकदम कसा हुआ बदन. बस देखते ही कोई भी पागल हो जाए.
उस दिन मैंने उसे काफी परेशान देखा तो पूछा- यार क्या प्रॉब्लम है?
तो उसने बताया कि वो महीने में पहले ही तीन लीव ले चुकी है और अब उसे उसकी कज़न सिस्टर कि शादी में जाना है जयपुर और बस से अगर जायेगी भी तो एक दिन में वापिस नहीं आ सकती और एच आर बोल रहा है कि एक दिन से ज़्यादा छुट्टी बर्दाश्त नहीं होगी.
मैंने तुंरत उसे बोला- टेंशन काहे कि यार मैं तुम्हें दिल्ली से जयपुर बाइक पर ले जाऊंगा, तीन घंटे में पहुँच जायेंगे और तुम अपना काम निपटा लेना फ़िर वापिस आ जायेंगे.
वो मान गई.
मगर प्रॉब्लम ये थी कि वो अपने रिलेटिव्स को ये नहीं दिखाना चाहती थी कि वो किसी लड़के के साथ आई है इसलिए मैंने बोला कि मैं वहीं कहीं घूम लूँगा या किसी होटल में रूम ले लूँगा.
वो मान गई.
हम चल दिए और मैंने उसे 12 बजे जयपुर पहुँचा दिया. अब मैंने एक होटल में रूम ले लिया और उसको बोल दिया कि जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फ़ोन पर बता देना और इस होटल में आ जाना.
मैं जाते ही थक जाने के कारण सो गया और नींद तब खुली जब उसका फ़ोन बजा. तब तक शाम के 6 बज चुके थे. मैंने उसे यहाँ आने को बोला और फटाफट नहाने के लिए चला गया. जैसे ही मैं नहा कर बाहर निकला तो मैंने देखा कि हिना बेड पे बैठी है. दरअसल मैंने गलती से दरवाजा खुला ही छोड़ दिया था.
अब वो भी मुझे देख कर हैरान हो गई. क्योंकि मैंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था और टावल कंधे पे डाल कर मैं बाल पोंछता हुआ बाहर आ गया. दरअसल मेरे अंडरवियर और बनियान भी बेड पर ही थे.
उसने देखते ही सीधा मुंडी नीचे कि तरफ़ की और बोली- हाय हाय … इतना बड़ा!
मैंने फटाफट टावल लेकर नीचे बांधा और बोला- तुम्हें नोक करके आना चाहिए था!
उसने कहा- तुम्हें दरवाज़ा बंद करके रखना चाहिए था.
अब मेरे कपड़े और अंडर गारमेंट्स उसके पास थे, मैंने उससे मांगे तो उसने नहीं दिए. इतने पर मेरा कीड़ा भी जाग चुका था और मैं उसे चोदने के मूड में आ गया था, मैंने कहा- देखो या तो प्यार से दे दो वरना फ़िर तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा अगर कुछ हो गया तो!
उसने कहा- जो होगा सो देखा जाएगा … पर मैं तो आपके कपड़े देने वाली नही.
मैं समझ गया कि भाई हरी झंडी मिल रही है, मैंने उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ लिया और इसी खींच तान के बीच उसके लिप्स पर स्मूच जड़ दिया.
पहले कुछ सेकंड्स तो जैसे वो विरोध कर रही थी लेकिन उसके बाद तो बस ज़बरदस्त सहयोग मिला और हमने दस मिनट तक होंठ अलग नहीं किए. बल्कि इस बीच एक दुसरे को कस के पकड़ लिया.
उसने जींस और टॉप पहनी थी और उसकी टॉप में आगे जिप लगी हुई थी. मैंने उसकी जिप को खोल दिया और उसने अपने हाथों से टॉप को अलग कर दिया अब मेरे हाथ उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को प्रेस करने लगे. मैंने झटके से हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोल दिया.
उसने कहा- लगता है बड़ी आदत है ब्रा खोलने की?
मैंने बोला- सपनों में तुम्हारी ब्रा रोज़ खोलता हूँ इसीलिए मेरी जान.
और वो हंसने लगी और मेरी गर्दन पर और छाती पर चुम्बन की बरसात करती रही उसके मस्त कसे हुए बूब्स और एकदम तने हुए निप्प्ल देख कर तो मैं फ्लैट ही हो गया था.
मैंने खूब उसके चूचे चूसे और फ़िर उसकी जींस का हुक खोल दिया.
वो तो जैसे तैयार ही थी इसके लिए और उसने झट से अपनी जींस ख़ुद ही नीचे करके उतार दी और अपने जिस्म से अलग कर दी.
मेरा टावल कब मेरी कमर से खुल चुका था मुझे नहीं पता था. और मैंने उसकी ब्लैक कलर कि सेक्सी पैंटी भी उतार दी.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने फटाफट उसे चाटना शुरू किया और वो कराहने लगी.
वो अभी तक वर्जिन थी और उसकी चूत बहुत टाइट थी जिसका अंदाजा मुझे तब लगा जब मैं उसकी चूत में उंगली डाल रहा था और वो मारे दर्द के रोने लगी.
तभी मैंने 69 की पोसिशन में आकर अपना लंड उसके मुंह में दे दिया वो न न करने लगी और कहने लगी- नहीं ऐसा नहीं करो, मुझे उलटी आ जायेगी.
वगैरह वगैरह!
मगर मैंने उसे समझाया- हिना अगर सेक्स का मज़ा लेना चाहती हो तो सकिंग करो, तुम्हें बहुत मज़ा आएगा.
और वो मान गई उसके बाद तो मैं उसे नीचे से गरम करता गया और उसकी नशीली चूत चाटता रहा और वो मेरा लंड चूसती रही.
फ़िर अचानक लंड छोड़ कर बोली- बस करो रोहित अब और नहीं रहा जाता.
मेरे लंड का साइज़ सात इंच और तीन इंच मोटा है. जैसे ही मैं लंड डालने लगा, वो बोलने लगी- नहीं रहने दो, ये बहुत मोटा है, मेरी चूत फट जायेगी.
मैंने कहा- मेरी जान, चिंता नहीं करो और थोड़ा सा सब्र रखो. मैं तुम्हें बिल्कुल दर्द नहीं होने दूंगा और कुछ नहीं होगा.
मैंने धीरे धीरे घुसाना शुरू किया और उसने चिल्लाना भी शुरू कर दिया. पर मैंने उसकी चीख को इग्नोर कर दिया और लगा रहा अपने काम में. बस मज़ा आ गया. दो मिनट के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो चीखना बंद करके नीचे से कमर हिलाने लगी.
मैं समझ गया मैंने स्पीड बढ़ा दी और लंड को और ज़ोर ज़ोर से धक्का मारने लगा अब लंड पूरा अन्दर जा चुका था और उसे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसे 15 मिनट तक लगातार चोदा और इस बीच वो 3 बार झाड़ चुकी थी. जैसे ही मेरा माल टपकने वाला था उसने कहा- प्लीज़ अन्दर मत डालना.
मैंने फटाफट लंड बाहर निकला और अपना सारा माल उसके पेट और चूत के बाहर गिरा दिया.
इसके बाद हमने कई बार चुदाई का खेल खेला और हम रात को होटल में ही रुक गए और सारी रात खूब मज़ा करके नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह छह उठे और फटाफट ऑफिस दिल्ली के लिए निकले. हम आधे दिन के बाद ऑफिस पहुंचे पर मैंने अप्रोच लगा कर उसे बचा लिया और उसके बाद उसके साथ कई बार सेक्स किया. Antarvasna
मैं अपने घर में एकलौती लड़की Hindi Sex Stories हूँ। लाड़ प्यार ने मुझे जिद्दी बना दिया था। बोलने में भी मैं लाड़ के कारण तुतलाती थी। मैं सेक्स के बारे में कम ही जानती थी। पर हां कॉलेज तक आते आते मुझे चूत और लण्ड के बारे में थोड़ा बहुत मालूम हो गया था। मेरी माहवारी के कारण मुझे थोड़ा बहुत चूत के बारे में पता था पर कभी सेक्स की भावना मन में आई ही नहीं। लड़को से भी मैं बातें बेहिचक किया करती थी। पर एक दिन तो मुझे सब मालूम पड़ना ही था।
आज रात को जैसे ही मैंने अपना टीवी बन्द किया, मुझे मम्मी पापा के कमरे से एक अनोखी सी आवाज आई। मैंने बाहर निकल कर अपने से लगे कमरे की तरफ़ देखा तो लाईट जल रही थी पर कमर सब तरफ़ से बन्द था। मैं अपने कमरे में वापस आ गई। मुझे फिर वही आवाज आई। मेरी नजर मेरे कमरे से लगे हुये दरवाजे पर टिक गई। मैंने परदा हटाया तो बन्द दरवाजे में एक छेद नजर आया, जो नीचे था। मैंने झुक के कमरे में देखने की कोशिश की। एक ही नजर में मुझे मम्मी पापा दिख गये। वे नंगे थे और कुछ कर रहे थे।
मैंने तुरन्त कमरे की लाईट बन्द की और फिर उसमें से झांकने लगी। पापा के चमकदार गोल गोल चूतड़ साफ़ नजर आ रहे थे। सामने बड़ी सी उनकी सू सू तनी हुई दिख रही थी। पापा के चूतड़ कितने सुन्दर थे, उनका नंगा शरीर बिल्कुल किसी हीरो … नहीं ही-मैन … नहीं सुपरमैन… की तरह था। मैं तो पहली नजर में ही पापा पर मुग्ध हो गई। पापा की सू सू मम्मी के चूतड़ो में घुसी हुई सी नजर आ रही थी। पापा बार बार मम्मी के बोबे दबा रहे थे, मसल रहे थे। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया। झुक कर बस देखती रही… हां, मम्मी को इसमें आनन्द आ रहा था और पापा को भी बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर तक तो मैं देखती रही फिर मैं बिस्तर पर आ कर लेट गई। सुना तो था कि सू सू तो लड़कियों की सू सू में जाती है… ये तो चूतड़ों के बीच में थी। असमन्जस की स्थिति में मैं सो गई।
दूसरे दिन मेरा चचेरा भाई चीकू आ गया। मेरी ही उम्र का था। उसका पलंग मेरे ही कमरे में दूसरी तरफ़ लगा दिया था। सेक्स के मामले में मैं नासमझ थी। पर चीकू सब समझता था। रात को हम दोनों मोबाईल से खेल रहे थे… कि फिर से वही आवाज मुझे सुनाई दी। चीकू किसी काम से बाहर चला गया था। मैंने भाग कर परदा हटा कर छेद में आंख लगा दी। पापा मम्मी के ऊपर चढ़े हुए थे और अपने चूतड़ को आगे पीछे कर के रगड़ रहे थे। इतने में चीकू आ गया…
“क्या कर रही है गौरी… ?” चीकू ने धीरे से पूछा।
“श श … चुप… आजा ये देख… अन्दर मम्मी पापा क्या कर रहे हैं?” मैंने मासूमियत से कहा।
“हट तो जरा … देखूँ तो !” और चीकू ने छेद पर अपनी आंख लगा दी। उसे बहुत ही मजा आने लगा था।
“गौरी, ये तो मजे कर रहे हैं … !” चीकू उत्सुकता से बोला।
पजामे में भी चीकू के चूतड़ भी पापा जैसे ही दिख रहे थे। अनजाने में ही मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर पहुंच गये और सहलाने लगे।
“अरे हट, ये क्या कर रही है… ?” उसने बिना मुड़े छेद में देखते हुये मेरे हाथ को हटाते हुये कहा।
“ये बिल्कुल पापा की तरह गोल गोल मस्त हैं ना… !” मैंने फिर से उसके चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा। मैंने अब हाथ नीचे ले जाते हुये पजामें में से उसका लण्ड पकड़ लिया… वो तो बहुत कड़ा था और तना हुआ था… !
“चीकू ये तो पापा की सू सू की तरह सीधा है… !”
वो एक दम उछल सा पड़ा…
“तू ये क्या करने लगी है … चल हट यहां से… !” उसने मुझे झिड़कते हुये कहा।
पर उसका लण्ड तम्बू की तरह उठा हुआ था। मैंने फिर से भोलेपन में उसका लण्ड पकड़ लिया…
“पापा का भी ऐसा ही है ना मस्त… ?” मैंने जाने किस धुन में कहा। इस बार वो मुस्करा उठा।
“तुझे ये अच्छा लगता है…? ” चीकू का मन भी डोलने लगा था।
“आप तो पापा की तरह सुपरमैन हैं ना… ! देखा नहीं पापा क्या कर रहे थे… मम्मी को कितना मजा आ रहा था… ऐसे करने से मजा आता है क्या… ” मेरा भोलापन देख कर उसका लण्ड और कड़क गया।
“आजा , वहाँ बिस्तर पर चल… एक एक करके सब बताता हूँ !” चीकू ने लुफ़्त उठाने की गरज से कहा। हम दोनों बिस्तर पर बैठ गये… उसका लण्ड तना हुआ था।
“इसे पकड़ कर सहला… !” उसने लण्ड की तरफ़ इशारा किया। मैंने बड़ी आसक्ति से उसे देखा और उसका लण्ड एक बार और पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी। उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी।
“मजा आ रहा है भैया… ?”
उसने सिसकारी भरते हुये हां में सर हिलाया,”आ अब मैं तेरे ये सहलाता हूँ… देख तुझे भी मजा आयेगा… !” उसने मेरी चूंचियों की तरफ़ इशारा किया।
मैंने अपना सीना बाहर उभार दिया। मेरी छोटी छोटी दोनों चूंचियां और निपल बाहर से ही दिखने लगे।
उसने धीरे से अपना हाथ मेरी चूंचियों पर रखा और दबा दिया। मेरे शरीर में एक लहर सी उठी। अब उसके हाथ मेरी पूरी चूंचियों को दबा रहे थे, मसल रहे थे। मेरे शरीर में वासना भरी गुदगुदी भरने लगी। लग रहा था कि बस दबाते ही रहे। ज्योंही उसने मेरे निपल हल्के से घुमाये, मेरे मुँह से आनन्द भरी सीत्कार निकल गई।
“भैया, इसमें तो बड़ा मजा आता है… !”
“तो मम्मी पापा यूँ ही थोड़े ही कर रहे हैं… ? मजा आयेगा तभी तो करेंगे ना… ?”
“पर पापा मम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे ना… उसमें भी क्या… ?”
“अरे बहुत मजा आता है … रुक जा… अभी अपन भी करेंगे… देख कैसा मजा आता है !”
“देखो तो पापा ने अपनी सू सू मेरे में नहीं घुसाई… बड़े खराब हैं … !”
“ओह हो… चुप हो जा… पापा तेरे साथ ये सब नहीं कर सकते हैं … हां मैं हूँ ना !”
“क्या… तुझे आता है ये सब… ? फिर ठीक है… !”
“अब मेरे लण्ड को पजामे के अन्दर से पकड़ और फिर जोर से हिला… “
“क्या लण्ड … ये तो सू सू है ना… लण्ड तो गाली होती है ना ?”
“नहीं गाली नहीं … सू सू का नाम लण्ड है… और तेरी सू सू को चूत कहते हैं !”
मैं हंस पड़ी ऐसे अजीब नामों को सुनकर। मैंने उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया और पजामा नीचे करके उसका तन्नाया हुआ लण्ड पकड़ लिया और कस कर दबा लिया।
“ऊपर नीचे कर … आह हां … ऐसे ही… जरा जोर से कर… !”
मैं लण्ड उसके कहे अनुसार मसलती रही… और मुठ मारती रही।
“गौरी, मुझे अपने होंठो पर चूमने दे… !”
उसने अपना चेहरा मेरे होंठो से सटा दिया और बेतहाशा चूमने लगा। उसने मेरा पजामा भी नाड़ा खोल कर ढीला कर दिया… और हाथ अन्दर घुसा दिया। उसका हाथ मेरी चूत पर आ गया। मेरा सारा जिस्म पत्ते की तरह कांपने लगा था। सारा शरीर एक अद्भुत मिठास से भर गया था। ऐसा महसूस हो रहा था कि अब मेरे साथ कुछ करे। मेरे में समां जाये… … शायद पापा की तरह लण्ड घुसा दे… ।
उसने जोश में मुझे बिस्तर पर धक्का दे कर लेटा दिया और मेरे शरीर को बुरी तरह से दबाने लगा था। पर मैंने अभी तक उसका लण्ड नहीं छोड़ा था। अब मेरा पजामा भी उतर चुका था। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी। पर मस्ती में मुझे यह नहीं मालूम था कि चूत चुदने के लिये तैयार हो चुकी थी। मेरा शरीर लण्ड लेने के लिये मचल रहा था।
अचानक चीकू ने मेरे दोनों हाथ दोनों तरफ़ फ़ैला कर पकड़ लिये और बोला,”गौरी, मस्ती लेनी हो तो अपनी टांगें फ़ैला दे… !”
मुझे तो स्वर्ग जैसा मजा आ रहा था। मैंने अपनी दोनों टांगें खोल दी… उससे चूत खुल गई। चीकू मेरे ऊपर झुक गया और मेरे अधरों को अपने अधर से दबा लिया… उसका लण्ड चूत के द्वार पर ठोकरें मार रहा था। उसके चूतड़ों ने जोर लगाया और लण्ड मेरी चूत के द्वार पर ही अटक कर फ़ंस गया। मेरे मुख से चीख सी निकली पर दब गई। उसने और जोर लगाया और लण्ड करीब चार इंच अन्दर घुस गया। मेरा मुख उसके होंठो से दबा हुआ था। उसने मुझे और जोर से दबा लिया और लण्ड का एक बार फिर से जोर लगा कर धक्का मारा … लण्ड सब कुछ चीरता हुआ, झिल्ली को फ़ाड़ता हुआ… अन्दर बैठ गया।
मैं तड़प उठी। आंखों से आंसू निकल पड़े। उसने बिना देरी किये अपना लण्ड चलाना आरम्भ कर दिया। मैं नीचे दबी कसमसाती रही और चुदती रही। कुछ ही देर में चुदते चुदते दर्द कम होने लगा और मीठी मीठी सी कसक शरीर में भरने लगी। चीकू को चोदते चोदते पसीना आ गया था। पर जोश जबरदस्त था। दोनों जवानी के दहलीज़ पर आये ही थे। अब उसके धक्के चलने से मुझे आनन्द आने लगा था। चूत गजब की चिकनी हो उठी थी। अब उसने मेरे हाथ छोड़ दिये थे … और सिसकारियाँ भर रहा था।
मेरा शरीर भी वासना से भर कर चुदासा हो उठा था। एक एक अंग मसले जाने को बेताब होने लगा था। मुझे मालूम हो गया था कि मम्मी पापा यही आनन्द उठाते हैं। पर पापा यह आनन्द मुझे क्यों नहीं देते। मुझे भी इस तरह से लण्ड को घुसा घुसा कर मस्त कर दें … । कुछ देर में चीकू मुझसे चिपक गया और उसका वीर्य छूट गया। उसने तेजी से लण्ड बाहर निकाला और चूत के पास दबा दिया। उसका लण्ड अजीब तरीके से सफ़ेद सफ़ेद कुछ निकाल रहा था। मेरा यह पहला अनुभव था। पर मैं उस समय तक नहीं झड़ी थी। मेरी उत्तेजना बरकरार थी।
“कैसा लगा गौरी…? मजा आता है ना चुदने में…? “
“भैया लगती बहुत है… ! आआआआ… ये क्या…?” बिस्तर पर खून पड़ा था।
“ये तो पहली चुदाई का खून है… अब खून नहीं निकलेगा… बस मजा आयेगा… !”
मैं भाग कर गई और अपनी चूत पानी से धो ली… चादर को पानी में भिगो दी। वो अपने बिस्तर में जाकर सो गया पर मेरे मन में आग लगी रही। वासना की गर्मी मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई। रात को मैं उसके बिस्तर पर जाकर उस पर चढ़ गई। उसकी नींद खुल गई…
“भैया मुझे अभी और चोदो… पापा जैसे जोर से चोदो… !”
“मतलब गाण्ड मरवाना है… !”
“छीः भैया, गन्दी बात मत बोलो … चलो… मैंने अपना पजामा फिर से उतार दिया और मम्मी जैसे गाण्ड चौड़ी करके खड़े हो गई। चीकू उठा और तुरंत क्रीम ले कर आया और मेरी गाण्ड में लगा दी।
“गौरी, गाण्ड को खोलने की कोशिश करना … नहीं तो लग जायेगी… ” मैंने हाँ कर दी।
उसने लण्ड को मेरी गाण्ड के छेद पर लगाया और कहा,”गाण्ड भींचना मत … ढीली छोड़ देना… ” और जोर लगाया।
एक बार तो मेरी गाण्ड कस गई, फिर ढीली हो गई। लण्ड जोर लगाने से अन्दर घुस पड़ा। मुझे हल्का सा दर्द हुआ… उसने फिर जोर लगा कर लण्ड को और अन्दर घुसेड़ा। चिकनाई से मुझे आराम था। लण्ड अन्दर बैठता गया।
“हाय… पूरा घुस गया ना, पापा की तरह… ?” मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
“हां गौरी … पूरा घुस गया… अब धक्के मारता हूँ… मजा आयेगा अब… !”
उसने धक्के मारने शुरू कर दिये, मुझे दर्द सा हुआ पर चुदने लायक थी। कुछ देर तक तो वो गाण्ड में लण्ड चलाता रहा। मुझे कुछ खास नहीं लगा, पर ये सब कुछ मुझे रोमांचित कर रहा था। पर वासना के मारे मेरी चूत चू रही थी।
“चीकू, मुझे जाने कैसा कैसा लग रहा है… मेरी चूत चोद दे यार… !”
चीकू को मेरी टाईट गाण्ड में मजा आ रहा था। पर मेरी बात मान कर उसने लण्ड मेरी चूत में टिका दिया और इस बार मेरी चूत ने लण्ड का प्यार से स्वागत किया। चिकनी चूत में लण्ड उतरता गया। इस बार कोई दर्द नहीं हुआ पर मजा खूब आया। तेज मीठा मीठा सा कसक भारा अनुभव। अब लगा कि वो मुझे जम कर चोदे। मम्मी इतना मजा लेती हैं और मुझे बताती भी नहीं हैं … सब स्वार्थी होते हैं … सब चुपके चुपके मजे लेते रहते हैं … । मैंने बिस्तर अपने हाथ रख दिये और चूत और उभार दी। अब मैं पीछे से मस्ती से चुद रही थी। मेरी चूत पानी से लबरेज थी। मेरे चूतड़ अपने आप ही उछल उछल कर चुदवाने लगे थे। उसका लण्ड सटासट चल रहा था… और … और… मेरी मां… ये क्या हुआ… चूत में मस्ती भरी उत्तेजना सी आग भरने लगी और फिर मैं उसे सहन नहीं कर पाई… मेरी चूत मचक उठी… और पानी छोड़ने लगी… झड़ना भी बहुत आनन्द दायक था।
तभी चीकू के लण्ड ने भी फ़ुहार छोड़ दी… और उसका वीर्य उछल पड़ा। लण्ड बाहर निकाल कर वो मेरे साथ साथ ही झड़ता रहा। मुझे एक अजीब सा सुकून मिला। हम दोनों शान्त हो चुके थे।
“चीकू… मजा आ गया यार… अब तो रोज ही ऐसा ही करेंगे … !” मैंने अपने दिल की बात कह दी।
“गौरी, मेरी मासूम सी गौरी … कितना मजा आयेगा ना… अपन भी अब ऐसे ही मजे करेंगे… पर किसी को बताना नहीं… वर्ना ये सब बंद तो हो ही जायेगा… पिटाई अलग होगी…!”
“चीकू … तुम भी मत बताना … मजा कितना आता है ना, अपन रोज ही मस्ती मारेंगे… “
हम दोनों ही अब आगे का कार्यक्रम बनाने लगे। Hindi Sex Stories
The user agrees to follow our Terms and Conditions and gives us feedback about our website and our services. These ads in TOTTAA were put there by the advertiser on his own and are solely their responsibility. Publishing these kinds of ads doesn’t have to be checked out by ourselves first.
We are not responsible for the ethics, morality, protection of intellectual property rights, or possible violations of public or moral values in the profiles created by the advertisers. TOTTAA lets you publish free online ads and find your way around the websites. It’s not up to us to act as a dealer between the customer and the advertiser.