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Massage Girl in Damoh: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Damoh who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Damoh that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Damoh massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Damoh who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Damoh massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Damoh massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Damoh who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Damoh employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Damoh helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Damoh

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Damoh at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Sex Stories

हाय दोस्तों मैं यानि संदीप एक Hindi Sex Stories कॉल बॉय फिर आपको अपनी कहानी पढ़ने के लिए प्रेरित करता हूँ …

मेरा कद ६.१ इंच का है और बॉडी भी ठीक है … लण्ड का साइज़ ६.५ है …

मुझे लड़कियों की चोदाई में बहुत ही मज़ा आता है …

जैसा कि पहले भी मैंने अपने बारे में बताया था कि मैं दक्षिणी दिल्ली में साकेत पीवीआर एरिया में रहता हूँ … मुझे मेरी पहली कहानी ( मैं एक कॉल बॉय हूँ ) का बहुत ही अच्छा रेस्पोंस मिला …

अब मुझे अपनी कहानी लिखनी चाहिए …

बात ऐसी है कि एक दिन मैं अपने किसी काम की वजह से जा रहा था। मैंने बस पकड़ी रूट नम्बर ४६३ मेहरौली से ओखला की। साली बस तो कम थी क़यामत ज्यादा थी। जब मैं उस बस में चढ़ा तो मैंने देखा कि बस में इतनी भीड़ थी की पूछो मत। मैंने बड़ी मु्श्किल के एक कोना पकड़ा और उसे पकड़ कर खड़ा रहा कि कब यह सब भोसड़ी के उतरेंगे और मुझे थोड़ा आराम मिलेगा … साली रंडी की बीज बस भी तो बहुत ही धीरे चल रही थी।

तभी अचानक बस रुकी और स्टाप पे से बिहारी और मजदूर लोग चढ़ने लगे। उन में कुछ औरतें भी थीं। उन औरतों में एक औरत ऐसी थी कि देख कर किसी का भी टल्ली हो जाए .. मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। फिर अचानक बस खानपुर वाले स्टाप पर रुकी और और भरने लगी तभी उन मजदूर लोगों में से एक बूढ़ी औरत ने उस औरत को मेरे पास खड़े होने को कहा। मुझे अचानक कुछ महसूस होने लगा तो वो उसकी चिकनी गांड का कमाल था। उस औरत ने शायद लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी। मैंने अपनी जांघ उसकी गांड से टकरा दी। एक बार तो मैं डर ही गया कि कहीं बस वाले मुझ देख न लें … लेकिन ऐसा हुआ नही !

फिर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड का मज़ा लेना शुरू कर दिया। क्या गांड थी उसकी। मैं यह बात ज्यादा सोच रहा था कि वो महिला मुझे रोक क्यूँ नहीं रही थी। भोसड़ी की पूरा मजा दे रही थी और ले भी रही थी। फिर क्या था मैंने धीरे से अपने आप को संभाल कर सीधा किया और उसकी गांड का छेद ढूँढने लगा। जैसे ही मैं सीधा हुआ उन सभी लोगों ने मेरी तरफ़ देखा। तो मैं डर गया और वापस अपने पुरानी वाली पोसिशन में आ गया। लेकिन उस औरत को यह बात पसंद नही आई और ख़ुद ही इस पोसिशन में हो गई कि मुझे उसकी गांड का छेद आसानी से दिख जाए। मैंने धीरे धीरे से उसकी गांड की तरफ़ हाथ बढ़ाया और मजा लेने लगा। फिर उसे क्या हुआ उसने अपनी गांड को इतनी जोर से पीछे किया कि मेरे लण्ड पर उसकी वार हुआ।

फिर क्या था मैंने बस में ही उसकी गांड मारनी शुरू कर दी … यारो क्या मजा था उस बस का। मेरा लण्ड धीरे धीरे उसकी गांड में उसकी पैंटी को चीरता हुआ जाने लगा था और वोह औरत धीरे धीरे मजा ले रही थी। जब मेरा झड़ने को आया तो मैंने उसकी गांड मारनी बंद कर दी। ऐसा होता देख उस औरत ने मेरी तरफ़ अजीब सी नजरों से देखा लेकिन मैंने उसे कहा कि मेरा स्टाप आ गया है और मुझे अब उतरना है। तो उस औरत ने मुझे एक प्यारी सी मुस्कान दी। और उसके बाद उसने मुझे अपने इशारों में ही कह दिया था कि उसका मज़ा भी अब पूरा हो गया था यानि की वो बस में ही झड़ गई थी।

मैं अब भी उस जैसी औरत की प्यास बुझाने के लिए उस नम्बर की बस में सफर कर लेता हूँ …

तो दोस्तों यह कैसी लगी मेरी कहानी ? … भगवान् आपका भला करेगा … हा हा हा Hindi Sex Stories

Hindi Porn Stories

मेरा नाम राहुल है. मेरी उमर 24 साल है Hindi Porn Stories और मेरी शादी अभी नहीं हुई है. मैं आगरा में नौकरी करता हूँ. मैंने ऑफ़िस के पास ही एक कमरा किराये पर ले रखा है. मेरा कमरा ऊपर वाली मंजिल पर था. इस घर में नीचे बस एक परिवार रहता था. उसमें एक 18 साल की लड़की सोनम, उसकी मम्मी सोनू और पापा कमल रहते थे.

सोनम बहुत शरारती थी… कभी कभी वो सेक्स सम्बंधी सवाल भी कर देती थी.
आज भी सवेरे सोनम चाय ले कर आई और मुझसे पूछने लगी- ‘अंकल… मम्मी पापा हमेशा साथ सोते है पर रात को वो लड़ते भी है…’
‘अरे नहीं… लड़ेगे क्यूँ… क्या वो एक दूसरे को बुरा भला कहते है…?’
‘नहीं, पापा मम्मी के ऊपर चढ़ कर…उनकी छातियों पर हाथ से मारते हैं…मम्मी नीचे हाय-हाय करके रोती हैं!’

‘अरे…अरे… चुप… ऐसे नहीं कहते…वो तो खेलते हैं, तुमने और क्या देखा?’ मेरी उत्सुकता बढ़ गई.
‘और बताऊँ… पापा मम्मी का पेटीकोट उतार देते है और खुद भी पायजामा उतार देते है, फिर और भी लड़ते हैं…मम्मी बहुत रोती है और हाय-हाय करती है!’

मैं ये सुन कर उत्तेजित होने लगा. कि ये इतनी बड़ी लड़की हो कर भी अन्जान है या जान करके मुझे छेड़ रही है.

‘अरे तुम्हारी मम्मी रोती नहीं है सोनम… वो एक खेल है जिसमें मजा आता है… तुम नहीं समझोगी…!’
‘अच्छा अंकल इसमें मजा आता है? आपको आता है ये खेल…?’
‘हाँ…हाँ… आता है…!’ मैं सोनम की बातों से से हैरान हो गया… क्या ये सच में अनजान है?

‘अंकल चलो न फिर हम भी खेलें…?’
‘अरे… चुप… ये बड़े लोगों का खेल है… जैसे तुम्हारी मम्मी जितनी बड़ी… तुम भी खेलना मगर शादी के बाद!’ मैंने भी असमंजस में था पर उसे इशारा दे दिया.
‘अंकल मैं भी 18 साल की हो गई हूँ अभी पिछले महीने… खेलो ना मेरे साथ…’ मैंने सोचा अब ये मस्ती कर रही है… चलो थोड़ा सा मजा कर लेते हैं…!
‘अच्छा बताओ कि पापा सबसे पहले क्या करते है…?’

‘वो तो पता नहीं पर वो चुम्मा लेते हैं…’ उसके बताने पर मैं हंस पड़ा और रोमांचित भी हो गया.
‘तो फिर आओ… हम भी यही करते हैं…’

मैंने सोनम को पास बैठा कर उसके होठो को चूम लिया. वो शरमा गई… मैं समझ गया था उसका बहाना.
‘अंकल ऐसे तो अच्छा लगता है… और करो!’

मुझे मजा आने लगा था… सोनम की मन्शा मैं समझ गया था. मैंने उसकी कमर पकड़ कर उसके नरम नरम होन्ठों पर अपने होंठ रख दिये… सोनम के होन्ठ कांप रहे थे… मैंने अपने हाथों को उसकी छोटे छोटे निम्बू जैसे उरोज पर रख दिये… और सहलाने लगा… सोनम मेरे से और लिपटने लगी… उसकी धड़कन बढ़ गई थी… सांसे तेज हो चली थी.
‘अंकल ये तो और ज्यादा मजा आ रहा है…’ वो कुछ कुछ लड़खड़ाती जबान से बोली… मेरी आंखो में वासना के डोरे उभरने लगे थे.

अब मेरे हाथ सोनम की नरम नरम जांघो पर फ़िसल रहे थे… नया ताजा माल मिल रहा था… सारा बदन अनछुआ लग रहा था. मैंने अपने हाथ उसकी चूत तक पहुंचा दिये…. मेरे हाथ सोनम की चूत पर आ चुके थे… मैंने चूत सहलाते हुये उसे दबा दिया…सोनम ने भी अपनी चूत और खोल दी.

‘अंकल मुझे कुछ हो रहा है…ये नीचे कड़ा कड़ा क्या है ‘ सोनम ने पज़ामे के उपर से मेरा लण्ड कस के पकड़ लिया.
‘बेबी हाय… पकड़ लो इसे…! देखो जोर से दबा कर पकड़ना…!’ मेरे मुँह से सिसकारी निकल पड़ी. सोनम ने पज़ामे के ऊपर से मेरा तना हुआ कठोर लण्ड पकड़ कर मसल दिया.
‘पापा के भी ऐसा है,…मम्मी इसे चूसती भी है… मुझे भी इसे चूसने दो..’
‘जोर से मसल दे बेबी… फिर तुझे चूसने भी दूंगा…’

मैं तो मस्ती में बेहाल हो रहा था… खेल खेल में ये क्या हो गया हो गया. मैंने अपना लण्ड पाज़ामे में से बाहर निकाल लिया. लाल सुपाड़ा… चिकना फ़ूला हुआ…एक दम कड़क…
सोनम कहने लगी- अंकल ये तो बहुत बड़ा है… ये तो कैसे चूसूंगी…?

इतने में नीचे से सोनम की मम्मी ने आवाज लगाई.

‘बेबी थोड़ा सा चूस तो ले फिर चली जाना!’
सोनम जाते हुये और हंसते हुए बोली- अंकल बड़ा मजा आ रहा है, मैं अभी वापस आती हूं…

मैंने एक गहरी सांस भरी. मैंने सोचा ये तो अब गई. सोनम के जाने बाद मैं अपने रोज़ के कामों में लग गया और नहाने बाथ रूम में चला गया. नहाने के बाद मैं तौलिया लपेट कर जैसे ही बाहर आया तो सोनम की मम्मी सोनू कमरे में बैठी थी. मुझे वो गहरी नजरों देखने लगी.
‘आप खाना खा कर जाना… मैंने बना दिया है…’
‘जी… भाभी जी…’

‘हाँ सोनम को आपने कौन सा खेल सिखा दिया है…’ मैं एकदम से घबरा गया… मेरा मुँह सूख गया. मेरी हालत देख कर सोनू बोली- सोनम बहुत खुश नज़र आ रही थी?
‘न… न… नहीं… ऐसा कुछ नहीं ‘ मैंने बचने की कोशिश करने लगा.
‘मुझे भी सिखा दो ना…’
‘जी…जी… भाभी वो तो… खुद ही…’
‘बस बस… सोनम बता रही थी कि… आपने मुझे बुलाया है… ‘ वो और पास आ गई. उसकी मतलबी निगाहें मुझे कह रही थी.
‘नहीं भाभी… मैंने तो ये कहा था कि…ये खेल बड़ों का है… जैसे कि मम्मी…’

‘हाय… राहुल… मैं मम्मी ही तो हूं… सिखा दो ना…’ उसकी आवाज सेक्सी होती जा रही थी. मुझे लगा इन्हे सब पता है…वो सीधे ही लाईन मार रही थी और…मैंने भी ये जान कर अब वार किया
‘सोनू जी… आप तो रोज़ ही खेलती है… क्या आप…’
‘हाँ राहुल जी… अपनी कहो…खेलोगे…’

मेरे से रहा नहीं नहीं गया. मैंने सोनू को अपनी ओर धीरे से खींचा.
‘आपकी आज्ञा हो तो…श्री गणेश करूँ…?’ इतना सुनते ही वो मेरी छाती से ऐसे लिपट गई जैसे वो यही चाह रही हो…

अब उसकी आंखे मुझे चुदाई का निमन्त्रण दे रही थी. मैंने भी उसकी आंखों झांका…वासना के डोरे आंखों में थे. वो और मेरे पास आ गई और अपनी चूत को मेरे लण्ड से सटा दिया. मेरा तौलिया जाने कब नीचे फ़िसल गया, मुझे कुछ होश ही नहीं रहा…मैं नंगा खड़ा था… मुझे लगा किसी ने मेरा लण्ड पकड़ लिया है…
मैंने देखा सोनम थी.

‘मम्मी ये देखो… कितना मोटा है… पापा से भी लम्बा है..’
‘अरे सोनम ये क्या कह रही है… पापा का लण्ड…?’ मैं फिर से हैरान रह गया.

तभी सोनू बोल उठी…’हम जब चुदाई करते हैं…तो ये रोज़ सोने का बहाना करके हमें देखती है… इसे सब पता है…!’
‘पर ये तो कह रही थी कि…’
‘नहीं… बस करो ना…अब भी नहीं समझे, मैंने इसे सिखा कर आपके पास भेजा था.. कि लाईन साफ़ हो तो मैं फिर…’

मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया…’अच्छा जी… सब समझ में आ रहा है… आपकी इज़ाज़त हो तो आगे बढ़ें?’

सोनू के कपड़े भी एक एक करके कम होते जा रहे थे. सोनम को तो मेरा कड़क लण्ड मसलने में आनन्द आ रहा था. मुझे भी उसके नरम हाथों का आनन्द आ रहा था.
मैंने सोनम के उरोज दबाते हुये कहा- शैतान मुझे बेवकूफ़ बनाया तूने…!
‘अंकल…मुझे तो मम्मी ने कहा था… और मसलो ना अंकल!’
‘नहीं…बस अभी नहीं… पहले मम्मी… पहले वो चुदेंगी… ‘ मैंने मम्मी की तरफ़ इशारा किया.
‘राहुल… पहले इसे हाथ से कर दो… पर देखो इसे चोदना नहीं…’ सोनू ने सोनम की तड़प देख ली थी.

सोनम ने तुरन्त अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये… उसकी उभरती जवानी… वाह… मैं तो देखता रह गया…उभरी हुई चूत उसकी झीनी पेंटी से झांक रही थी…क्या चीज़ छुपा रखी थी उसने अपनी गुलाबी पेंटी में!

पेंटी के हटते ही पाव रोटी की तरह फ़ूली हुई चूत मेरे सामने थी बिल्कुल गोरी चिट्टी,
झाँटों के नाम पर हल्के हल्के से रौएँ ही थे,
चूत की फ़ांकें संतरे की फ़ांकों जैसी रस भरी,
अन्दर के होंठ हल्के गुलाबी और कॉफ़ी रंग के आपस में जुड़े हुए,
चूत कोई चार इन्च की गहरी पतली खाई जैसे,
चूत का दाना बड़ा सुर्ख लाल बिल्कुल अनार के दाने जैसा,
गोरी जांघें संगमरमर की तरह चिकनी, उरोज छोटे छोटे मगर सीधे तने हुए… अनछुए…

मेरा लण्ड बैचेन हो उठा मैंने उसे अपनी गोदी में बैठा लिया. दोनों नंगे बदन आपस में चिपक गये. धीरे धीरे उसके निम्बू जैसे स्तनों को सहलाने लगा…

‘देखो वो अभी जवान हुई है… उसे बहुत मजा आता है ऐसे करने में… वो सब जानती है… करते रहो…पर रगड़ कर!’ सोनू मुझे बताती जा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी… उसने अपनी चूत में अंगुली डाल ली थी.

मैंने सोनम की चूत को भी सहलाना चालू कर दिया था. सोनम तड़प उठी थी… वो मेरे लण्ड को खींचने लगी थी… मेरे लण्ड के मुँह पर चिकनाई आने लगी थी. उसकी चूत भीग उठी थी. सोनम ने मम्मी की तरफ़ देखा. वो चूत में अंगुली डाले अन्दर बाहर करने में व्यस्त थी. सोनम ने मेरा तना लण्ड अपनी चूत पर रख दिया और अपनी चूत को लण्ड पर दबाने लगी.

मेरे से रहा नहीं गया. मैंने भी धीरे से जोर लगा कर सुपाड़ा उसकी चूत में घुसा दिया. सोनम के मुख से सिसकारी निकल पड़ी. इसी सिसकारी ने सोनू की तन्मयता को तोड़ दिया.

वो चौंक गई ‘अरे… ये नहीं… हटो… हटो…’ सोनू ने जल्दी से उठ कर सोनम की चूत से मेरा लण्ड निकाल दिया…
‘मम्मी… करने दो ना…’ सोनम तड़प उठी…
सोनू ने सोनम को प्यार किया और बोली- अभी नहीं… सोनम… देख झिल्ली फ़ट जायेगी…! बस बहुत मजे ले लिये…! अब हट जा..!’

सोनम सब समझती थी… उसे सोनू ने बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे इशारा किया… मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी और सोनू उसके चूचुक मसलने लगी… कुछ ही देर सोनम का पानी निकल गया… पर वो मुझे ही निहार रही थी…
‘राहुल… मैं हूँ ना… अब मेरी बारी है.. प्लीज़ मुझे चोदो ना!’ और मुझसे लिपट गई. मुझे बिस्तर पर धक्का मार कर लेटा दिया.

मेरा लण्ड तो पहले ही चूत के लिये तरस रहा था. जैसे ही वो मेरे ऊपर चढ़ी, मैंने उसे अपने ऊपर लेटा लिया. उसकी चूत पर मेरा लण्ड ठोकर मारने लगा था. कुछ ही देर में मेरे लण्ड को चूत का छेद मिल ही गया. मैंने धीरे से लण्ड अन्दर ठेल दिया.

सोनू के मुख से एक प्यारी सी सिसकारी निकल पड़ी. लण्ड अपना काम कर चुका था, और उसकी चूत की गहराईयों में उतरता जा रहा था. लगा कि अन्दर नरम सी चूत के अन्तिम छोर को छू गया था.

वो मेरे लण्ड पर अब बैठ गई थी. सोनू ने अपने चूतड़ ऊपर किए ओर अच्छी तरह से एक धक्का नीचे मार दिया. लण्ड पूरा जड़ तक गड़ गया. सोनू के दोनों बोबे सोनम ने दबा के मसलने चालू कर दिये. अब सोनू इत्मिनान से धीरे धीरे अपने चूतड़ हिला हिला कर चुदाई कर रही थी और आनन्द ले रही थी.

सोनम ने अपनी एक अंगुली सोनू की गाण्ड में डाल दी और घुमाने लगी. सोनू मस्ती में सिसकारियाँ भर रही थी और मस्ती में कुछ बोल भी रही थी. सोनू के कोमल धक्के बरकरार थे, वो ज्यादा देर तक मजा लेना चाहती थी पर मैं तो प्यासा था.. मुझसे रहा नहीं गया… मैंने सोनू को अपने से चिपका लिया और एक पलटी मार कर उसे अपने नीचे दबोच लिया.

वो फ़ड़फ़ड़ा उठी… मैंने अपना सीना ऊपर उठा कर, अपने दोनों हाथ बिस्तर पर जमा कर चूतड़ का जोर उसकी चूत पर डाल दिया. लन्ड उसकी चूत में अन्दर सरकता चला गया.

सोनू आनन्द से सिसक उठी और उसने अपनी चूत लण्ड से भिड़ा दी… उसका जिस्म मचल रहा था… उसके तन का तनाव… कसमसाना… शरीर की ऐंठन… उसकी उत्तेजना दर्शा रही थी….मुझे स्वर्ग जैसा आनन्द आने लगा. मेरे धक्के अब तेज होने लगे थे.

‘हाय रे मेरी रानी कितनी तंग चूत है…रगड़ के जा रहा है…कितना मजा आ रहा है..!’
‘हाय चोद दो मेरे राजा… मोटे लण्ड का स्वाद अच्छा लग रहा है हाय रे…!’
‘हाय… आहऽऽऽ… ओहऽऽऽ चुद ले मेरी रानी… हाय ले… और ले…’ मैं उत्तेजना में धक्के लगाये जा रहा था. चूत का पानी फ़च फ़च की आवाज कर रहा था.
‘मेरे राजा… ईऽऽऽह्ह… और जोर से… और भी…’

वो अपनी चूत उछाल रही थी और मेरे चूतड़ भी दनादन चल रहे थे…मीठी मीठी सी गुदगुदी तन में भरती जा रही थी. सोनू मुझे बार बार भींच रही थी.
‘मेरे बोबे दबा डालो राजा… मचका दो इसे… चूंचियाँ खींच डालो मेरे राजा…’

मैंने उसके उरोजो को बुरी तरह से भींचने चालू कर दिये, मुझे आनन्द की चरमसीमा नजर आने लगी थी… सोनू निहाल हो उठी थी- आऽऽऽह ओऽऽऽह मेरे राजा… चोद डालो… हाऽऽऽय… जोर से…!’

वो मुझे जकड़े जा रही थी… मुझे लगा कि अब सोनू झड़ने वाली है…मैंने उसकी चूंचियों से हाथ हटा दिया…
‘क्या कर रहे हो…! मसल डालो ना… जल्दी… आऽऽऽह… मैं गई… आह रे…! मेरा निकला…! मैं गई…राजा… मुझे कस लो…’
‘हाँ रानी… निकाल दो अपना पानी… आऽऽऽह…!’
‘मैं मर गई… राजा… हाय रे… ओऽऽऽह ऊऊऽऽऽह्ह्ह… गईऽऽऽ… झड़ गई रे… हाय… हाय…!’

वो अब झड़ने लगी थी… सिसकारियाँ भरती जा रही थी.. तेज सांस चल रही थी…आंखे बंद थी…

उसकी चूत की दीवारें लण्ड को जकड़ रही थी… उसका झड़ना मुझे महसूस होने लगा था…और फिर मेरा बान्ध भी टूटने लगा… मैंने तुरन्त लण्ड बाहर निकाल लिया… मैं लण्ड पकड़ कर मुठ मारने लगा… कुछ ही पलों में सोनू का चेहरा मेरे वीर्य की पिचकारियों से भर उठा. पिचकारी निकलती रही… उसने अपनी आंखे बन्द कर ली.

मैं शान्त हो चुका था…सोनू मेरे वीर्य को चेहरे पर क्रीम की तरह मल लिया. अब वो मुस्कुरा उठी और मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया. सारा वीर्य चूस कर मेरे ढीले लण्ड को छोड़ दिया. सोनम ने कुर्सी पर बैठे बैठे ही मेरा गीला तौलिया हमारी तरफ़ उछाल दिया. सोनू ने अपना चेहरा साफ़ किया…और मेरा झूलता हुआ लण्ड भी रगड़ कर पोंछ डाला.

अब मैं और सोनू साथ साथ ही नंगे बिस्तर पर लेट गये थे सोनम भी नंगी ही मेरे साथ चिपक कर लेट गई… मुझे अपनी किस्मत पर नाज़ हो रहा था… भले ही वो मां बेटी हो…पर आज दो दो हसीनाएँ मेरी दोनों बगल में लेटी थी…

‘अंकल मेरी मम्मी अच्छी है ना…’
‘हाँ सोनम बहुत अच्छी… और तुम भी प्यारी प्यारी हो…’
‘अंकल अब दूसरा खेल सिखाओ ना…’
‘चुप शैतान…!!!’

हम तीनो ही हंस पड़े… पर सोनम उसका हाथ मेरे लण्ड पर बार बार जा रहा था… मैं सब समझ रहा था उसकी बेचैनी… वो तो मेरे लौड़े का आनन्द पाने को बेकरार हो रही थी… उसकी चूत की गर्मी मुझ तक आ रही थी… मैं भी एक हाथ से सोनू का नंगा बदन सहला रहा था.

वो आंखे बन्द किये सुस्ता रही थी और दूसरी और मेरे दूसरे हाथ की एक अंगुली सोनम की चूत में घुस चुकी थी और मैं उसका योनि-पटल अपनी उंगली से टकराता हुआ महसूस कर रहा था और मेरा मन सोनम की कुंवारी चूत का उदघाटन करने के लिए मचल रहा था.

सोनम का हाथ मेरे लण्ड पर चल रहा था, उसकी मनोदशा भी मुझ से छिपी नहीं थी.
सोनम और मेरी आंखों में इशारे हो चुके थे. यानि चुपके से शाम को…सोनम की एक नई शुरूआत… और मेरे लिए एक नई अनछुई सौगात…Hindi Porn Stories

हॉट साली सेक्स कहानी मेरी अविवाहित साली की चूत चुदाई की है. मैंने अपने ससुराल में रात भर साली के साथ सेक्स किया. सर्दियों की रात में मेरा बहुत बढ़िया जुगाड़ चला.

मेरा नाम आर्यन (बदला हुआ नाम) है.
मेरी उम्र इस समय 23 साल है और मैं जयपुर में हॉस्टल में रहकर चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर रहा हूँ पर मैं शादीशुदा हूं।

अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली सेक्स कहानी है।
हॉट साली सेक्स कहानी के पात्रों के नाम, प्राइवेसी और सुरक्षा कारणों के कारण बदल दिए गए हैं।

यह घटना मेरे साथ दिसंबर 2020 में घटित हुई जो आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ.

मेरे मामा के लड़के की शादी थी तो एग्जाम खत्म होने के दूसरे दिन ही में शादी के लिए निकल गया.

वहीं पास के ही गांव में मेरा ससुराल था और बीवी की प्रेगनेंसी का नौवां महीना चल रहा था तो मेरी बीवी अपने मायके आई हुई थी.
एग्जाम की वजह से 3 महीने से मेरी पत्नी से मिलना हो नहीं पाया था.
इस कारण मामा के घर से मैंने सीधा ससुराल चला गया।

मेरे ससुराल वाले अपने खेत वाले घर में रहते हैं.

ससुराल में मेरे सास ससुर, मेरे दो साले और मेरी एक साली है.
दोनों साले पास के शहर में रहते हैं.

इस कारण अभी घर पर मेरे सास ससुर, मेरी पत्नी और मेरी साली ही थे.

थोड़ी देर तक औपचारिक बातें हुई।
रात को सबके साथ खाना खाने के बाद तकरीबन 10 बजे मैं दूसरे रूम में सोने के लिए चला गया.
अन्य लोग दूसरे कमरे में सोने चले गए थे.

मेरा बिस्तर वहीं चरपाई पर ही लगा हुआ था. वहीं पास में जमीन पर मेरी साली भी सोई हुई थी।

उसका सरदर्द हो रहा था तो मैंने उसे बोला- तुम चारपाई पर सो जाओ।
तो वह चारपाई पर आ गयी.
मैंने नीचे लेट गया.

इस समय तक मेरे मन में मेरी साली साहिबा जिसका नाम रूबिया (बदला हुआ) के लिए कोई गलत ख्याल नहीं आया था।
मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं अपना फोन चलाने लग गया.

रूबिया के सर में दर्द हो रहा था तो वो उठकर अपने सर पे विक्स लगाने लगी.
लेकिन उसका सरदर्द कम नहीं हो रहा था तो मैंने उसे बोला- मैं मालिश कर देता हूँ.
तो वह चारपाई से उतरकर नीचे आ गई।

सर्दी का समय था तो वह अपना सर मेरी गोदी में रखकर सो गई और मैं मालिश करने लगा.

मालिश करते करते मेरा लन्ड भी खड़ा होने लगा. जिसका उसे भी पता लग गया लेकिन वो ऐसे ही लेटे रही और मेरे लन्ड का जायजा लेने लगी.
थोड़ी देर मालिश करवाने के बाद वह वापस चारपाई पे लेट गई।

अब मेरे मन में भी उसे चोदने का विचार आने लगा.
लेकिन मैं पहल भी नहीं करना चाह रहा था तो मैं ऐसे ही लेटे लेटे फोन चलाने लगा और रूबिया भी चारपाई पर लेटी हुई मेरी ओर देख रही थी।

अब उसकी भी चूत में खुजली होने लगी तो वापस चारपाई से उतरकर मेरी रजाई में घुस गई और अपनी गान्ड को लन्ड से लगा दिया।

मुझे अब रूबिया की ओर से संकेत मिल चुका था तो मैंने भी उसके बूब्स को मसलना और उसकी गर्दन पे किस करना शुरू कर दिया.
और इसके साथ ही उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी।

अब मेरे हाथ उसके बूब्स को मसलते मसलते उसके सलवार तक पहुंच चुके थे.
मैंने सलवार का नाड़ा खोलकर उसे घुटनों तक कर दिया।

नीचे उसने पैंटी पहन रखी थी तो मैंने पैंटी के अंदर से ही चूत सहलाना शुरू कर दिया।
उसकी चूत पहले से ही गीली हो रही थी.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, उंगली चूत में जाते ही उसकी सिसकारियां और तेज हो गई इसके साथ ही मैंने उसकी पैंटी भी नीचे कर दी।

तब मैंने अपनी लोअर को भी नीचे घुटनों तक कर दिया. अब मेरा छ: इंच लंबा और 3 इंच मोटा लन्ड पीछे से ही उसकी चूत से रगड़ने लगा।

अब रूबिया की चूत में भी आग लग चुकी थी और वह कहने लगी- जीजू, अब और मत तड़पाओ अब डाल भी दो मेरी चूत में अपना लन्ड!
उसके इतना कहते ही मैं उसके ऊपर आ गया और लन्ड का सुपारा उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया.

तब उसको मैंने बोला- लन्ड डाल दूँ अंदर?
तो उसने हां में अपना सर हिला दिया।

हॉट साली सेक्स के लिए तैयार थी, यह इशारा मिलते मैंने एक हल्का सा झटका दिया तो आधा लन्ड चूत में चला गया और उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई.
लेकिन समय रहते मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए.

अब मैंने दूसरा झटका दिया तो पूरा लन्ड उसकी चूत में जा चुका था.

साली की चूत में मेरा लन्ड जाते ही मुझे पता चल गया था कि साली की चूत चुदी चुदाई है.

मैंने उससे उसकी चुदाई के बारे में पूछा तो पहले तो पूछने पर उसने मना कर दिया.
लेकिन मेरे दोबारा पूछने पर बताया उसने कि दो बार पहले भी वह चुद चुकी है.

अब वह धीरे धीरे आहें भर रही थी.

धीरे धीरे अब मैंने लन्ड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
करीब दस मिनट तक चोदने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और गर्म गर्म फव्वारा मुझे अपने लन्ड पे महसूस होने लगा.

हालांकि मेरा अभी तक हुआ नहीं था तो मैंने उसके बाद पांच मिनट तक ऐसे ही उसकी चूत को चोदना जारी रखा.

फिर मैं पीछे से उसके साइड में आ गया और साईड से उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और पीछे से उसकी चूत को पेलना शुरू कर दिया.

करीब 10 मिनट तक पीछे से चोदने के बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मेरे धक्के और तेज हो गए और 20-25 धक्कों के साथ ही मैंने अपना लन्ड बाहर निकाला और सारा माल उसकी गांड पे गिरा दिया।

उस रात मैंने उसकी एक बार और चूत मारी.
और अब सुबह हम दोनों अपने अपने बिस्तर पे जाकर सो गए क्योंकि गांव में सभी लोग सुबह जल्दी उठ जाते हैं।

उसके बाद मैं एक रात और वहाँ पर रुका और मैंने जमकर साली की चुदाई की।

उसके बाद मैं वापस जयपुर आ गया.

प्रेषक : अमित Antarvasna

पिछले भाग की कुछ Antarvasna अन्तिम पंक्तियाँ : लल्लू लाल कहाँ रुकने वाले थे, 5 मिनट बाद उन्होंने अपने पूरा चिकना लण्ड बहू की चूत में पेल ही दिया, अब सिर्फ़ आँड बाहर रह गये। जैसे ही सुषमा का दर्द थोड़ा कम हुआ और वो सामान्य हुई, उन्होने लण्ड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। लल्लू लाल बहू की चूत के खून से रंगा लण्ड अंदर-बाहर करते रहे, सुषमा की चीखे सुनाई देती रहीं।

बेटा तू बापू की गाण्ड चाट ! मैं आँड चाटती हूँ, नहीं तो ये बहू को चोद चोद कर मार डालेंगे ! रुक्मणि बोली।

सुषमा ने देखा कि उसका पति उसके ससुर की गाण्ड चाट रहा था और सास ससुर के मोटे काले अंडकोष चाट रही थी। लल्लू लाल जी उत्तेजना के शिखर पर थे- बहू, भर दूँ तुम्हारी कुँवारी चूत अपने ताक़तवर वीर्य से? उन्होने पूछा।

सुषमा ने कुछ बोलना चाहा ही था कि वो गर्र-गर्र करते हुए झड़ गये।

ओह ! ओह ! आपने तो कोई आधा कप पानी बहू की चूत में छोड़ दिया है, बच्चा होकर रहेगा ! रुक्मणि बोली।

अब आगे :

ससुर जी ऊपर से हट कर बिस्तर के कोने पर बैठ गये और सुषमा को सहलाने लगे। उधर सुरेश नीचे जाकर रुक्मणि की चूत चाट रहा था।

चाट मेरे लाल, चाट ! मेरे बेटे तेरी जीभ तो लण्ड से भी ज़्यादा मज़ा देती है ! रुक्मणि बोल रही थी। उधर लल्लू लाल जी भी नीचे पहुँच गये, उन्होंने सुरेश की गाण्ड में तेल लगा कर उसको उंगली से चोदना शुरू कर दिया।

हाँ बापू ! फ़ाड़ो मेरी गाण्ड ! सुरेश गाण्ड नचाते हुए बोल रहा था।

ससुर ने सुषमा को नीचे खींचा और उसका मुँह से अपने लण्ड को अड़ा दिया- इसको चूस चूस कर बड़ा कर बहूरानी ! ताकि मैं तेरे पति की सेवा कर सकूँ ! उन्होने कहा।

सुषमा ने उनके मोटे काले लण्ड को कस के पकड़ा और जीभ फेरने लगी। धीरे धीरे लल्लू लाल जी का सुपारा चीकू जितना बड़ा हो गया और लण्ड एकदम हथोड़े जैसा !

ससुरजी ने बहू को धन्यवाद दिया और वापस से सुरेश की गाण्ड पर अपना हथियार तान दिया। किसी मंजे हुए खिलाड़ी की तरह सुरेश ने गाण्ड को हिलाया और एक ही झटके में लल्लू लाल जी का आधा लण्ड उसकी गाण्ड में चला गया।

सुरेश ज़ोर से चीखा- मर गया बापू ! अभी पूरा कहाँ मरा है? अभी तो आधा ही मारा है ! लल्लू लाल जी बोले और पूरा लण्ड पेल दिया। सुषमा सोचने लगी कि सुरेश की गाण्ड क्या उतनी बड़ी है?

उधर सुरेश अपनी माँ की चूत चाटे जा रहा था।

रुक्मणि उछल रही थी- बेटा। मैं झड़ने वाली हूँ, पूरी जीभ डाल दे अपनी माँ के भोसड़े में ! वो बोली।

और दो मिनट में हांफ़ते हुए अपना पानी छोड़ दिया। उधर लल्लू लाल जी की रफ़्तार बढ़ गई थी।

रुक्मणि पीछे आ गई, मेरे बेटे की गाण्ड फाड़ दोगे क्या ? अब रहम करो ! वो बोली और सुरेश के नीचे लेट गई। सुषमा ने देखा कि रुक्मणि सुरेश की लुल्ली को चूस रही थी और अपने हाथों से ससुरजी के बड़े बड़े अण्डकोषों को मसल रही थी।

अब अपने बेटे की गाण्ड अपने पानी से भर दो ! रुक्मणि बोली। यह सुनते ही लल्लू लाल जी तेज़ हो गये और बोले- हाँ जान। ये ले तेरे बेटे की गाण्ड में अपना पानी डालता हूँ ! कहकर वो झड़ गये। सुषमा थक कर सो गई।

सुषमा को पता चल गया था कि उसके ससुर उसकी सास को तो माँ नही बना सके मगर ये कसर अब उसके साथ ज़रूर पूरी करेंगे।

सुबह जब उसकी आँख खुली तो ससुर और पति दोनों काम पर जा चुके थे मगर सास नहीं गई थी।

रुक्मणि बोली- आज तेरी सेवा करूँगी बहू !

खून से भरी चादर धुल गई थी और रुक्मणि ने सुषमा से कहा- नहाने से पहले मैं तेरी तेल मालिश करूँगी।

रुक्मणि ने सुषमा के पूरे कपड़े खोल दिए और उसके पूरे बदन पर मालिश करने लगी। फिर उसने रेज़र लेकर सुषमा की झांट साफ की और बोली- बेटा यहाँ हमेशा सफाई रखनी चाहिए। मैं, तुम्हारे ससुर और सुरेश के झांट भी साफ करती हूँ हमेशा !

सफाई के बाद रुक्मणि ने तेल लेकर उसकी चूत पेर लगाया और उंगली से सुषमा की चूत चोदने लगी।

बेटी, इससे तेरा छेद बड़ा हो जाएगा ताकि आज रात तू आसानी से ससुर का लण्ड ले सके ! वो बोली।

उंगली की चुदाई में सुषमा को बहुत मज़ा आ रहा था और वो सास के साथ साथ अपनी गाण्ड हिलाने लगी। कोई पाँच मिनट बाद सास की तीन उंगलियाँ अंदर थी और सुषमा झड़ गई। उसे पहली बार चरमसुख मिला था। सास उसको रात के लिए तैयार कर रही थी।

रात होते ही सुषमा वापस ससुर के कमरे में गई। ससुरजी वैसे ही नंगे लेटे हुए थे, पास जाते ही उन्होंने सुषमा को अपने पास खींच लिया और चूमने लगे। एक ही पल में उन्होंने सुषमा को नंगा कर दिया और उसकी चूत चाटने लगे। कोई पाँच मिनट बाद सुषमा अपने ससुर की जीभ पर झड़ गई। उधर सुरेश अपने पिता का लण्ड कुत्तों की तरह चाट रहा था। सुषमा के झड़ते ही लल्लू लाल जी ने अपना लण्ड उसकी चूत से भिड़ाया और एक ही शॉट में भीतर पेल दिया। सुषमा चीखी मगर उसे आनंद भी आया। अब ससुरजी धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करने लगे। उसको अच्छा लग रहा था, उसने अपने हाथों से ससुरजी की गाण्ड कस कर पकड़ ली और उन्हें अपने ऊपर दबाने लगी।

लल्लू लाल जी ने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से सुषमा को चोदने लगे। उधर सुरेश अपने पिताजी के अमरूद समान आण्डों को तेल लगा कर मसल रहा था और कह रहा था- बापू इन आण्डों का पूरा रस डाल दो इस रांड की चूत में, ताकि इसको आपका बच्चा हो !

हाँ बेटा, पूरा वीर्य खाली कर दूँगा ! लल्लू लाल जी बोले और एक चीख के साथ वो झड़ गये। सुषमा का भी पानी निकल गया। सुषमा को पहली बार चुदाई का मज़ा आया था।

अगले दिन रुक्मणि बोली- बेटी, हालाँकि तेरे ससुर का लण्ड शानदार है लेकिन तू मुझे कहेगी कि मैंने तुझे जवान लण्ड का मज़ा नहीं दिया, इसलिए आज एक जवान लण्ड के लिए तैयार रहना ! वो आँख मारते हुए बोली।

सुषमा कुछ समझती उससे पहले यासीन वहाँ आ गया। यह वही लड़का था जिसको उसने अपने पति सुरेश की गाण्ड मारते हुए देखा था। सुरेश उसको कमरे में लाया और अंदर से बंद कर दिया। सुरेश ने एक मिनट में सुषमा के कपड़े उतार दिये और यासीन को नंगा कर उसका लण्ड चूसने लगा। सुषमा ने देखा कि यासीन का लण्ड भी बहुत बड़ा था हालाँकि वो उसके ससुर के लण्ड से छोटा था मगर मोटाई अच्छी थी और ससुर की तरह उसके लण्ड के आगे चमड़ी नहीं थी।

यासीन तुरंत सुषमा के पास आया और उसके 38 इंच के स्तन दबाने लगा। उधर सुरेश नीचे सुषमा की चूत और यासीन का लण्ड चाट रहा था। यासीन कामोत्तेजना में पागल हो रहा था और उसने झटके से अपने लण्ड का गुलाबी सुपारा सुषमा की चूत में पेल दिया। सुषमा के मुँह से हल्की सी चीख निकली। चीख सुनते ही यासीन ने पूरा सात इंच का लण्ड अंदर घुसा दिया सुषमा की साँस ऊपर चढ़ गई। सुरेश यासीन की गाण्ड चाट रहा था और यासीन गालियाँ बक रहा था- भेन की लौड़ी, आज तेरे हिजड़े पति के सामने तेरी चूत फाड़ दूँगा।

सुषमा को उसके मज़बूत झटको से आनंद आ रहा था। यासीन ज़्यादा देर तक चल नहीं पाया, दो मिनट में उसका फव्वारा सुषमा की चूत में छुट गया। मगर सुरेश कम नहीं था, उसने यासीन का गीला लण्ड बाहर निकाला और उसको चाटने और चूसने लगा। दो मिनट में यासीन फिर तैयार था, उसने सुषमा की गीली चूत में ही अपना लौड़ा पेल दिया।

चोदो मुझे ज़ोर से ! सुषमा बोली।

इस बार कोई 5 मिनट चोदने के बाद यासीन और सुषमा एक साथ झड़ गये। यासीन के जाने के बाद रुक्मणि अंदर आई और बोली- मैने ही इस लड़के को सुरेश की गाण्ड मारने की आदत डलवाई है। इसका चाचा और बाप दोनों मुझे चोद चुके हैं, रात को उन दोनों को बुलाऊंगी ! यह कह कर वो चली गई।

रात में सुषमा ने देखा कि दो बुड्ढे घर आए, दोनो साठ के आसपास होंगे। एक की दाढ़ी थी। उनकी उमर देख कर लग नहीं रहा था कि उनका लण्ड काम भी करता होगा। एक तो हाथ में लाठी लिए हुआ था।

कोई दस बजे रुक्मणि सुषमा को कमरे में ले गई।

बेटा ये यूसुफ चाचा हैं और ये अकरम चाचा ! दोनों तेरे ससुर के दोस्त हैं ! वो बोली।

दोनों आदमी एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। उधर रुक्मणि एकदम नंगी हो गई और सुषमा को भी नंगा कर दिया। यह देख कर लल्लू लाल जी भी नंगे हो गये। सुषमा ने देखा कि दोनों बुड्ढों के औज़ार लटके हुए थे और आंड नीचे झूल रहे थे। दोनों बुड्ढे रुक्मणि के आगे खड़े हो गये और रुक्मणि उनके लौड़े एक एक करके चूसने लगी।

भाभी लण्ड चूसने में तुम्हारा मुक़ाबला नहीं ! बुड्ढों को भी जवानी चढ़ जाए ! यह कह कर अकरम हंसे।

उधर लल्लू लाल जी ने सुषमा के मुँह में अपना मोटा सुपारा ठूंस दिया। सुषमा मज़े से चूसने लगी। सुषमा ने देखा कि कोई 5 मिनट की चूसाई के बाद दोनों बुड्ढों के लण्ड तन गये थे। उसने देखा कि एक बुड्ढे का लण्ड तो 6 इंच था मगर मोटाई उसकी कलाई जितनी थी, दूसरे का पतला था मगर लंबाई पूरी नौ इंच थी।

अब देखो तुम्हारे लण्ड तैयार हैं मेरी बहू की चुदाई की लिए ! रुक्मणि बोली।

सुषमा को लल्लू लाल जी ने बिस्तर पर लिटाया और उसके मुँह मे अपना लण्ड डाल दिया। उधर अकरम ने सुषमा की टाँगें चौड़ी की और अपना मोटा लण्ड भीतर डाल कर सुषमा को चुदाई के मज़े देने लगा। सुषमा को मज़ा आ रहा था। ससुर उसके मुँह की चुदाई कर रहे थे और अकरम चूत की।

उधर सुषमा ने देखा कि यूसुफ ने रुक्मणि को घोड़ी बनाया हुआ था। रुक्मणि जितनी बड़ी गाण्ड सुषमा ने ज़िंदगी में नहीं देखी थी। ऐसा लगता था कि जैसे दो बड़े बड़े मटके हों।

यूसुफ रुक्मणि की गाण्ड को उंगली से चोद रहा था, साथ ही थूक भी लगा रहा था।

सुषमा को अब समझ में आया कि उसकी सास पतले और लंबे लण्ड कहां लेती है।

भाभीजान, आपकी गाण्ड है या घड़ा? युसुफ बोले और अपने लण्ड को घुसाने लगे। रुक्मणि दर्द में चिल्ला रही थी- मेरी मटकी आज फोड़ ही दो ! यह कह कर वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी। युसुफ धीरे-धीरे रुक्मणि को चोदने लगे। उधर अकरम ने रफ़्तार बढ़ा दी थी।

चाचा इतना जोर से नहीं ! सुषमा बोली।

लल्लू लाल जी ने अपना लण्ड सुषमा के मुँह से निकाला और युसुफ के पीछे पहुँच गये। दो चम्मच तेल उन्होंने युसुफ की गाण्ड में लगाया और एक ही झटके में अपने तगड़ा लण्ड यूसुफ की गाण्ड में पेल दिया। यूसुफ दोनों तरफ से मज़े ले रहा था।

भाभी मैं झड़ने वाला हूँ ! कह कर उन्होंने रुक्मणि की चूत अपने वीर्य से भर दी। उधर लल्लू लाल जी ने स्पीड बढ़ा दी थी और उन्होंने अपनी टंकी यूसुफ की गाण्ड में खाली कर दी।

इधर अकरम का पानी निकलने वाला था। सुषमा दो बार चरमसीमा पर पहुँच चुकी थी और अकरम का गरम फव्वारा उसके अंदर छुट गया।

चुदाई के बाद दोनों बुड्ढे बोले- भाभी, एक बार बहू को हमारे घर लाओ !

रात भर वहाँ जम कर चुदाई चली। दो महीनों बाद सुषमा को उल्टियाँ आने लगी।

लल्लू लाल जी, रुक्मणि, सुरेश भी सभी खुश थे। Antarvasna

हाय दोस्तों यह एक सच सच्ची च**** की कहानी है मैं‌ बिहार बिजली विभाग में क्लर्क हूं मेरी नियुक्ति ग्राम में है सारी नौकरी होने के कारण मेरी शादी शहर की एक लड़की से हो गई मेरी बीवी एकदम सुंदर और मैडम है उसकी गांड बड़ी-बड़ी है च अभी बड़ी है उसके बाल सिल्की है की पूरी है एकदम सुंदर हीरोइन जैसी लेकिन मेरी सरकारी नौकरी की वजह से उसकी शादी हो गई मुझसे। उसका गांव में मन नहीं लगता है धीरे-धीरे बातों बातों में मैं उसको छोड़ते छोड़ते उतना नहीं छोड़ पाता हूं जितना चाहिए। एक दिन वह बोली कि आप अच्छे से नहीं छोड़ रहे हैं चलिए कहीं बाहर ले चल के चुटिया क्या बताऊं दोस्तों तो मुझे एहसास हुआ कि अच्छा बीवी को बाहर ले जाकर छोड़ने में बहुत मजा आता है एक बार मैं उसको बनारस ले जाकर चोदा। वह बहुत खुलकर च**** और बहुत मजा मुझे भी आया है तब मुझे एहसास हुआ की च**** का असली मजा तो बाहर ही च**** करने में है इसलिए चोदते समय वह पोर्न दिखा दिखा कर चोदने की बात करती है। ऐसे चोदते कुछ साल हो गए हैं और मेरे पैसे भी नहीं कि मैं उसको टूर पर ले जाकर चोदू।एक समय ऐसा आया जब उसे चोदने ले जाने में असमर्थ हो गया है तब उसने एक आईडिया दिया कि आपका एक दोस्त इंजीनियर है उसकी बीवी गांव की है और वह बाहर घूमने उसको पसंद नहीं है लेकिन इंजीनियर साहब को बाहर घूमना बहुत पसंद है। यह बात यह बात मैं अपनी बीवी को बताया कि मेरे इंजीनियर साहब घूमने की बहुत शौकीन है लेकिन उनकी बीवी घूमने की शौकीन नहीं है और हम लोगों का तुम घूमने की शौकीन हो मैं शौकीन नहीं हूं उनको तो इंजीनियर साहब जैसा पति चाहिए और मुझको उसकी जैसी पत्नी चाहिए। तब मेरी बीवी बोली उन्हीं के साथ भेज दीजिए कहीं चार-पांच दिन घूम के आएंगे। तो मेरा माथा ठनका का क्यों मेरी बीवी तुमसे भी चूदा ले ।लेंगे कोई अगर टूर पर ले जाने वाला रहे तीन-चार दिन ले जाकर पहले उसको चोदे तो उसको बहुत मजा आएगा। तभी से ख्याल मेरी बीवी के मन में और मेरे मन में आने वालों की जीनियस आपको पटाखे किसी तौर पर ले जाया जाए जहां दोनों मिलकर बड़ी-बड़ी से मेरी बीवी को छोड़ेंगे मेरी बीवी ने प्लान बनाया।धीरे-धीरे इंजीनियर साहब के नंबर से बात करना शुरू किया बात करते-करते इंजीनियर साहब इतने एक्साइटेड हो गए की मात्रा 7 दिन के अंदर उन्होंने केरल का ट्रिप बुक कर लिया है वहां एक रिजाट बुक किया एक टिकट बुक किया हम लोग पटना जंक्शन से सीधा चल दिए केरल के लिए एर्नाकुलम जंक्शन पर उतरे वहां होटल बुक किया और सीधे चलिए होटल में क्या बताऊं दोस्तों ट्रेन में भी इंजीनियर साहब ने कोई मौका नहीं छोड़ छोड़ने का मेरी बीवी को अब मैं एकदम खुल गया था मेरी बीवी भी खुल गई थी खुलकर चुदवा रहे थे ट्रेन की पहली च**** यादगार रही है और होटल की भी च**** याद कर रहे इंजीनियर साहब का उतना लैंड बड़ा तो नहीं था लेकिन च** चाट के मेरी बीवी को इतना चोदा कि मेरी बीवी उसके दीवाने हो गई और इस तरह से मेरी बीवी की यात्रा पूरी होगी हर साल इंजीनियर साहब के साथ टूर जाती है और मुझे भी ले जाते हैं। और हम उनको देखते हैं मेरी बीवी को चोदते हैं ।कहानीलिखते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है कि इस तरह से अगर कोई आकर मिल रहा है किसी पाठक को उसका लाभ तुरंत उठाया अगर कोई ऐसा दोस्त है जो बीवी क‌ ओ चोदना चाहता है तो टूर ले जाए ।आप दोनों मिलकर चोदे यह कहानी बिल्कुल सही है पढ़कर इंजॉय करिए और अपनी बीवी को खुला छोड़ दीजिए। ताकि वह चुदा सके अपनी बीवी की चुदासी की‌ इच्छा पूरी करिए पैसा बहुत बड़ी चीज है इसलिए दोस्तों कोई ऐसा दोस्त बनाया जो पैसे वाला हो समझदार हो उसके साथ ट्रिप करिए खूब चुदवा लिजिए। जवानी फिर नहीं आने वाली

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