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Massage Girl in Yamuna Nagar: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Yamuna Nagar who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Yamuna Nagar that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Yamuna Nagar massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Yamuna Nagar who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Yamuna Nagar massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Yamuna Nagar massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Yamuna Nagar who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Yamuna Nagar employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Yamuna Nagar helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Yamuna Nagar

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Yamuna Nagar at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

आज मैं आपको अपनी ज़िन्दगी Antarvasna की वो दास्ताँ सुनाने जा रही हूँ जिसे अगर गलती से भी मेरे पति ने पढ़ लिया तो वो अपने ऑफिस के
हर मर्द को बारी बारी से बुलाकर मेरी मुलायम बिना झांटों वाली गुलाबी बुर को चुदवा चुदवा के भोसड़ी वाला कुआँ बनवा देगा।

मेरा मर्द बहुत बड़ा वाला चुदक्कड़ है। साला चोदता कम और चिल्लाता ज्यादा है।

खैर पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता दूं। मेरा जन्म एक छोटे कस्बे में हुआ।

हम पांच बहनें हैं। माताजी को पांचवी के जन्म के बाद ही पिताजी ने घर से निकाल दिया। मेरी बड़ी बहन ने बहुत कोशिश की पर

पिताजी नहीं माने।

असल में पिताजी की नजर पड़ोस वाले कस्बे के किसी बनिए की विधवा बहू पर पड़ गई थी। माँ के जाते ही पिताजी उसे घर ले आये।

क्यूंकि पिताजी का रुतबा बहुत था उन दिनों तो किसी ने कोई आवाज़ नहीं उठाई।

खैर मैं इन सब दुनियादारी वाली बातों से अनजान अपने तरीके से बड़ी हो रही थी, क्यूंकि अपनी माँ की वो पांचवी बेटी मैं ही थी, तो

सारी बहने मुझे ही जिम्मेदार समझ कर मुझसे बातचीत नहीं करती थी।

पिताजी पर तो उस छम्मक छल्लो ने ऐसा जादू किया कि पिताजी दिन भर उसके कमरे में ही घुसे रहते।

इस तरह मैं बड़ी हो गई। पिताजी ने मुझे पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया। हम सभी बहनें घर पर रह कर ही पढ़ाई करती रही।
परीक्षा देने स्कूल जाना पड़ता था।

जब दसवीं बोर्ड की परीक्षा आई तो पिताजी ने मुझे पढ़ने के लिए एक मास्टर का इंतजाम कर दिया। वो मास्टर रोज मुझे दिन में दो

बजे पढाने आता था। मास्टर जी की उम्र पैंतालीस थी और वो जोर से बोल नहीं पाते थे शायद किसी बीमारी की वजह से।

तो कहानी कुछ इस तरह है।

एक रात मुझे मेरी बड़ी बहन ने बहुत मारा। मुझे लगा शायद फिर वोही माँ की याद आ रही होगी। मेरी सभी बहनें माँ को याद करती

तो मेरी ही पिटाई करती।

पर उस दिन मुझे बहुत बुरा लगा। मैं चुपचाप अपने कमरे में आकर रोने लगी। तभी मुझे कुछ अजीब सी आवाज आई। मैंने इधर उधर

देखा तो लगा कि आवाज पिताजी के कमरे से आ रही है। मैं दबे पाँव उनके कमरे की तरफ जाकर खिड़की से झाँकने लगी।

अन्दर का नजारा देख कर मैं दंग रह गई। अन्दर मेरी सौतेली माँ हमारे नौकर श्याम के होंठ चूम रही थी। श्याम का एक हाथ मेरी माँ

की गांड पर था और दूसरे हाथ से वो माँ की चूची मीस रहा था।

नजारा देखकर मेरे दिमाग में करंट सा लगा। तभी मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी। मेरा तो सर घूमने लगा।

मैंने देखा मेरे पिताजी पूरे नंगे बिस्तर पर लेट कर अपने लुल्ले को हिला रहे थे।
मुझे थोड़ा धक्का सा लगा। मैंने कभी किसी के लुल्ले को इतना बड़ा नहीं देखा था। मेरी दोनों टांगों के बीच गुदगुदी सी होने लगी।

फिर माँ ने श्याम के होठों से होंठ चिपकाये हुए उसकी धोती खींचनी शुरू कर दी। श्याम भी मेरी माँ के ब्लाउज को जोर से खींचने

लगा।

मेरे पिताजी ने कहा- और जोर से खींच! फाड़ डाल!

इतना सुनते ही श्याम ने मेरी माँ का ब्लाउज बीच से फाड़ दिया। ब्लाउज के फटते ही मेरी माँ की चुचियाँ खुल के बाहर आ गई। श्याम

भूखे कुत्ते की तरह मेरी माँ की चूचियाँ चूसने लगा।

मेरी माँ भी बहुत ही जोर जोर से सिसकरियाँ ले रही थी। पिताजी का लुल्ला किसी डंडे की तरह खड़ा था।

मेरी माँ ने इस बार श्याम की धोती एक झटके में खींच दी। धोती खुलते ही श्याम का लुल्ला भी किसी सांप की तरह फनफनाता हुआ

ऊपर नीचे होने लगा।

मेरे तो होश उड़ गए थे। मेरी माँ ने तभी श्याम के लुल्ले को अपने हाथो से पकड़ लिया और सहलाने लगी। श्याम भी माँ की चुचियों

को हौले हौले दबा रहा था। फिर माँ ने पिताजी की तरफ देखा।

पिताजी ने कहा- चूस ले रांड! आज इस लंड को चूस ले!

तब मुझे पहली बार पता चला कि बड़े वाले लुल्ले को लंड कहते हैं।

फिर माँ श्याम के लंड को अपने मुँह में ले कर आइसक्रीम की तरह उसे चुम्लाते हुए चूसने लगी।

श्याम माँ के मुँह में धक्का लगा रहा था। तभी मैंने देखा कि माँ पिताजी के लंड को अपने हाथों में भींचकर तेजी से आगे पीछे करने

लगी। पिताजी हाय हाय करने लगे।

कुछ ही देर में पिताजी के लंड से एक पिचकारी निकली और पिताजी हाँफते हुए पीछे लुढ़क गए। फिर माँ ने श्याम को अपने ऊपर लेटने

कहा। श्याम माँ के ऊपर लेट गया और जोर जोर से उछलते हुए गाली बकने लगा। माँ उफ़ हाय! चोदो जोर से… कहते हुए नीचे से

धक्के लगा रही थी।

मेरी चड्डी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने देखना जारी रखा। कुछ देर बाद श्याम आया आया… कहते हुए माँ के ऊपर कस के लेट गया।

माँ भी आजा मेरे राजा कहती हुई कस के श्याम से लिपट गई।

तभी मेरी बड़ी बहन की आवाज सुनकर मैं वापस अपने कमरे की ओर भागी और कमरे में आकर रजाई में घुस गई।

मेरी चड्डी पूरी भीग चुकी थी और साँसे गर्म हो गई थी। पूरे बदन में चीटियाँ चल रही थी। मैंने किसी तरह चड्डी बदली और वापस लेट

गई।

पर नींद तो आँखों से बहुत दूर थी। मेरा हाथ अपने आप मेरी बुर में चला गया।

मैं श्याम के लंड के बारे में सोचते हुए अपनी बुर को सहलाने लगी। मेरी साँसे तेज चलने लगी। मेरे बदन में एक अजीब सी गर्मी चढ़

गई थी।

मैं हाय श्याम! हाय श्याम! कहती हुई अपनी बुर में हाथ फिराती रही।
तभी मुझे लगा कि मैं हवा में उड़ रही हूँ।
मैंने अपना हाथ तेजी से अपनी बुर में चलाना चालू किया।
कुछ पलों बाद मेरी बुर से एक पतली धार बहने लगी और मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं बता नहीं सकती।

कुछ देर तक मैं वैसे ही पड़ी रही फिर मुझे नींद आ गई। उस रात मैंने पहली बार जाना कि जवानी किसे कहते हैं और फिर मैंने जवानी

के मदमस्त जीवन में कदम रखा।

अब मेरी शादी हो चुकी है पर शादी तक पहुँचने से पहले मैंने कितने प्यासे लोगों को पानी पिलाया यह मैं आपको गुरूजी के माध्यम से

बताती रहूंगी।

क्यों गुरूजी! आप मेरी कहानियाँ सब तक पहुँचाओगे न?

आपकी अंतरा
दोस्तो कैसी लगी मेरी कहानी! Antarvasna

Sex Stories

मैं अन्तरवासना की कहानियों को कई दिनो से पढ़ Sex Stories रहा हूं, मुझे पता नहीं ये कहानियां सच्ची हैं या नहीं, फ़िर भी मैं अपने बारे में लिख रहा हूं, मैं रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला हूं, मेरा नाम राहुल है, मैं एक मैकेनिकल इंजीनियर हूं।

मेरी उमर 23 साल है, ये आज से 2 साल पहले की बात है कि मैं एक लड़की को रोज़ देखता था उस लड़की का नाम आरती था, वो रोहतक की रहने वाली थी, वो गर्ल्स कोलेज में पढ़ती थी, देखने में उसका फ़ीगर इतना मस्त नहीं लगता था।

एक दिन की बात है वो मुझे देखकर मुस्करा कर चली गई, कई दिन ऐसे ही चलता रहा। हम धीरे धीरे मिलने लगे

एक दिन उसने कहा कि मेरे घर पर कोई नहीं है आप आज आ जाओ, मुझ अकेली को डर लगता है।

रात 11 बजे मैं उसके घर गया और उसने अपना दरवाजा खोला, कुछ देर हम दोनो एकदम चुपचाप बाते रनहे, इधर उधर की बात करते – २ हम दोनो नजदीक आ गई थे।

मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था, मैं जल्दी से उसको किस की और कपड़े उतारने लग गया।

वो मना नहीं कर रही थी, मैने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिये और हम दोनो बेड पर लेट गये, मैने अपनी १ उंगली उसकी चूत में डाल दी, धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, थोड़ी देर में उसको सेक्स चढ़ गया उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बार बार कहने लगी मेरे अंदर अपना डालो, मैं उसको और तड़पाना चाहता था।

थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया, फ़िर मैने उसको अपना लंड चूसने को कहा, वो मना करती रही बाद में मान गई।

मेरा कुछ देर में पानी निकल गया और वो सारा पानी पी गई, थोड़ी देर हम ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे, कुछ देर बाद मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया, मैने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा धक्का लगाया वो चिल्लाने लगी, मैं थोड़ी देर उसकी चूचियों को दबाता रहा और वो शांत हो गई।

मुझसे रुका नहीं जा रहा था मैने दोबारा जोर लगाया लंड थोड़ा और अंदर चला गया, वो फ़िर से चिल्लाने लगी, मैं अब उसके मुँह पर हाथ रख कर २–३ झटकों में सारा लंड अंदर कर दिया और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया और चूचियों को मसलता रहा।

मैने उसकी आंखों की तरफ़ देखा तो उसकी आंखों से आँसू आ रहे थे, थोड़ी देर ऐसे ही रहने से उसका दर्द कम हो गया और मैं थोड़ा-२ हिलना शुरु कर दिया कुछ देर बाद उसको मज़ा आने लगा, उसके मुँह से स्सस की आवाज आ रही थी और बार – २ आई लव यू कह रही थी, १० – १५ मिनट बाद मैं झड़ गया।

उस दौरान वो भी मेरे साथ ही झड़ गई, उसके बाद हम दोनो बात करते रहे, बाद में वो बोली की मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूं, मेरा सारा बदन दुख रहा है, कुछ देर बाद हम सो गये।

सुबह ३ बजे का टाइम हुआ था कि मैं सो रहा था कि मुझे लगा कि मेरा लंड कोई चूस रहा है, मैने आंख खोल कर देखा तो वो बड़ी जल्दी मुँह के अंदर बाहर कर रही थी।

वो बोली कि मुझे दोबारा चुदाई करवानी है प्लीज़ करो, मैने दोबारा पोज़िशन बदल कर के उसकी चूत में लंड डाल दिया और दोबारा चुदाई करने लगे, २५ मिनट बाद मैं झड़ गया उस दौरान वो २ बार ड़ चुकी थी, मैने पूरी रात इसी तरह ४ बार चुदाई की और एक बार उसकी गांड भी मारी. Sex Stories

वासना की आग में झुलसता परिवार - (भाग 1) नमस्कार दोस्तों। आप सभी पाठकों का अंतर्वासना वेबसाइट पर स्वागत है । ये सीरीज का पहला भाग है जिसमें में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरे और मेरी को एक दूसरे के प्रति वासना की आग भड़की । मेरा नाम सूरज है और यू.पी से हूं , में 21 वर्ष का बी.ए का छात्र हूं । मेरा कद 6 फीट 2 इंच और त्वचा सांवली है । मेरे परिवार बस पापा , मम्मी और एक बड़ी बहन है । दीदी का नाम चंदा है और वे 24 वर्ष की बी.एस.सी छात्र है ( फिगर 28-26-30 ) और मेरे से थोड़ी गोरी है , पापा का आयु 46 है जो कि खुद का डेयरी शॉप संभालते है , मम्मी का आयु 44 हैं ( फिगर 32-30-34) और उनका दिन गृहस्थी में गुजरता है । घर में 3 रूम है जिनमें से एक में मम्मी पापा सोते है , दूसरे में हम दोनों जमीन पर सोते है , एक किचेन है और उसमें डेयरी के कुछ बर्तन भी रखे रहते हैं । कहने को तो हम भाई बहन हैं पर रहते दोस्त जैसे रहते हैं , कॉलेज साथ जाते , साथ आते और हमेशा साथ रहने के वजह से दोनों को एक दूसरे की सब बात पता रहता और दीदी इतने खुले विचार की जब भी उसे पीरियड्स होते तो वो मेरे से पैड मंगवाती और वही इस्तमाल किया हुआ पैड मुझे ही देती बाहर फेकने के लिए या फिर कभी नहाते वक़्त अपना पैंटी और ब्रा ले जाना भूल जाती तो मुझसे मांग लेती है । वैसे तो में पोर्न में सिर्फ भाई बहन के सेक्स वीडियो देखता था पर कभी अपनी दीदी के बारे में गलत नहीं सोचा न ही कभी उसे हवस की नजर से देखा । एक रात जब में टॉयलेट जाने के लिए उठा तो देखा दीदी का फोन चालू था पर दीदी सो रही थी , मुझे लगा की वो फोन चलते-चलते सो गई किंतु जब में फोन बंद करने के लिए लिया तो देखा कि व्हाट्सएप पे किसी का चैट चालू था वो नंबर काजल नाम से सेव था पर जब में वो पढ़ा तो जैसे मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई , में सोच भी नहीं सकता था दीदी की कोई ऐसी बात होगी जो मुझे नहीं पता होगी , उस समय मुझे गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर मैंने खुद को संत करते हुए पहले के चैट पढ़ने लगा जिसमें मैने पाया कि वो उसका ब्वॉयफ्रेंड था और वो उससे न्यूड मांगा रहा था और दीदी के माना करने पर वो और जिद करने लगा जिसके बाद दीदी अपने ब्रा और चूची का फोटो भेजती है । मैने सब स्क्रीनशॉट लेके अपने व्हाट्सएप पर भेज दिया लेकिन जल्दबाजी में मैने अपना चैट डिलीट करना भूल गया और टॉयलेट करके सो गया । अगले दिन जब दोनों कॉलेज जा रहे थे तब दीदी का हाव-भाव बदला लग रहा था , वो मेरे से नजर भी नहीं मिला रही थी और में भी उससे गुस्सा था इसलिए में भी कुछ नहीं पूछा । कैसे-तैसे दिन बीता फिर हम दोनों घर आ गए , हाथ मुंह धोए और खाना खा के अपने रूम में पढ़ने चले गए । रूम में घुसते ही दीदी मेरे पांव पकड़ के विनती करने लगी स्क्रीनशॉट डिलीट करदो , मम्मी पापा को कुछ मत बताना । मुझे उससे बात नहीं करना था जिस वजह से मैने अपना फोन उसके पास फेक दिया और वो फोन उठा कर डिलीट करदी । फिर वो उठ कर मुझे गले लगाने जा रही थी पर में उसे बिना कुछ बोले दूर हट गया और उसका मुंह रोने जैसा बन गया । उस रात मुझे काफी देर तक नींद नहीं आई तो में पानी पीने के लिए उठा तब दीदी जग रही थी और उसी से चैट कर रही थी , वो भी मुझे देख ली और तुरंत फोन बंद करने लगी तो में उसको शर्मिंदा करने के लिए बोला " लगी रहो , बंद क्यों कर रही हो " और किचेन में पानी पीने चला गया , आया तो देखा वो दूसरी तरफ मुंह करके सो गई । मुझे काफी बुरा लग क्योंकि दीदी ने कभी मेरे से कोई बात नहीं छुपाया और मुझे कही न कही जलन भी हो रहा था तभी मुझे खयाल आया क्यों न में दोनों का ब्रेक अप करवा दूं । अगले दिन रविवार था तो कॉलेज की छुट्टी थी , मैने एक नया नंबर खरीदा और दीदी को उसके ब्वॉयफ्रेंड का दोस्त बनकर मैसेज किया और उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में झूठी बातें बता कर उसको भड़काने लगा की वो तुमपे चीट कर रहा और तुम्हारे न्यूड अपने दोस्तों को भी दिखाता है । ये सब सुनकर दीदी का दिल टूट गया उसने तुरंत उसको ब्लॉक कर दिया । 1 हफ्ते तक हम दोनों के बीच कुछ बात नहीं हुई , ऐसा हमारे बीच कभी नहीं हुआ जिस वजह से मम्मी को शक होने लगा और वो एक दिन जब हम नाश्ता कर रहे थे तब वो पूछती है तुम दोनों का झगड़ा हुआ है क्या ? दीदी को अब भी डर था कि कही में सब बात न दूं तो वो फट से जवाब देती हैं "नहीं तो आपको ऐसा क्यों लग रहा ?" फिर मम्मी बोली "तो तुम दोनों बात क्यों नहीं कर रहे ?" इसपर में बोलता हूं "कुछ नहीं मम्मी कॉलेज के एग्जाम आने वाले है इसलिए मन लगा कर पढ़ाई पर ध्यान दे रहे दोनों।" मेरे मुंह से ये बात सुनकर दीदी थोड़ा खुश हो गई कि भले ही में बात नहीं कर रहा पर अब भी मुझे उसकी चिंता है । मेरे जवाब से मम्मी को भी तसल्ली हो गई और दोनों के सर पे हाथ रख कर आशीर्वाद देती हैं तब तक हमारा नाश्ता भी हो गया और हम कॉलेज के लिए निकल गए । घर पे आते ही में मुंह हाथ धोया , खाना खाया फिर अपने रूम में चला गया ,दीदी कुछ देर मम्मी के पास बैठी रही थोड़ा बात की फिर वो भी रूम में आ गई और दरवाजा बंद की ली फिर मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही वो मुझसे लिपट कर रोते हुए कहती है "जिस वजह से तुम मुझसे नाराज हो अब तो उसको भी मैने निकल दिया आपने जिंदगी से , अब तो मुझे माफ करदो और बात करो मुझसे" में बोला "जब बात करती थी तब नहीं बताई तो अब तुम्हारे बात का कैसे विश्वास करूं में"। उसने तुरंत फोन निकला और ब्लॉक लिस्ट में उसका नंबर दिखाया , मैने वजह पूछा तो वो बोलती है "तुमसे ज्यादा मुझे कोई प्यार नहीं है और शायद ही तुमरे सिवा कोई मेरा बेवजह ध्यान रखेगा।" इतना सुनते ही मैने उसको कस के अपने सीने से लगा लिया और बोला "मुझे भी माफ कर देना दीदी , मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लग था कि आप मेरे से इतना सब बात छुपाई" तो वो कहती है "अब कोई बात नहीं छिपाऊंगी , बस कभी नाराज मत होना मुझसे।" तो में बोला "अपनी जान से नाराज होके किसके पास जाऊंगा" इसपर वो कहती है "तभी अपनी जान की जान निकल रखे थे इतने दिन से" फिर में उसके सर पे किस करके "लव यू जान" कहता हु और इसके जवाब में वो भी "लव यू तो सूरज" कहके कस के पकड़ लेती है और उसके कोमल चूची मेरे सिने से जब लगा तब में इतना मदहोश हो गया कि मेरे हाथ कब उसके पीठ से गांड़ पर चला गया पता नहीं चला और जब एहसास हुआ तब में उसको सॉरी बोला , लेकिन उसको एहसास नहीं हुआ मेरा हाथ उसके गांड़ पे है तो वो पूछी "किस लिए " फिर में उसका गांड़ दबाते हुए बोला "इसलिए"। तब जाकर उसे एहसास हुआ और फिर वो आंख मर कर बोलती है "कोई बात नहीं सूरज तुम्हारा ही है सब" बस उसी वक्त मेरे और दीदी के बीच में वासना की चिंगारी लगी । तभी अचानक से मम्मी आवाज लगाई "चंदा! पापा आ गए , खाना निकल दो उनको" सुनते ही दीदी दौड़ कर गई , पापा को खाना दी और 40 मिनिट बाद बर्तन धो कर आई । संयोग से उस दिन मम्मी दीदी का बिस्तर धोई थी जो कि सुख नहीं था , तो हम दोनों को एक ही बिस्तर पे सोना था । दीदी सोने से पहले मिनी स्कर्ट और टीशर्ट पहन कर कमरे में आती है जिसे देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह जाती है , उसके लेटने के कुछ देर बाद वो मेरी तरफ पीठ कर लेती हैं और में उसके कमर पर हाथ रख देता हूं , दीदी को जब एहसास होता है तो वो मेरा हाथ अपने पेट पे खींच कर ले आती हैं और में उसको पूरा अपने तरफ खींच लिया जिससे मेरा लंड उसकी गांड़ के दरार में लगा , आपके जानकारी के लिए बता दूं मेरा लंड 6 इंच का है। जो अब में दीदी के गांड़ की दरार में घिसने लगा ,दीदी को जब लंड महसूस हुआ तो वो हल्की सी सिसकी ली और जोर जोर से गांड़ मेरे लंड पे रगड़ने लगी , कुछ ही देर में हम दोनों इतने गरम हो गए कि चलते पंखे के नीचे भी दोनों को पसीना हो रहा था। में तुरंत दीदी का स्कर्ट उठा कर पैंटी पर हाथ रखता हु तो पता चलता है कि दीदी की चूत इतनी गीली हो गई थी कि पैंटी भी भीग चुका था फिर में अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल देता हूं जिससे उसकी रेशम जैसे चूत के बाल महसूस हुए फिर में दीदी का चूत सहलाने लगता हूं और दीदी आहे भरने लगती है। कुछ ही देर में दीदी झड़ जाती हैं और उनके गरम पानी मेरे सारे उंगलियों पे लग गया जिसे में सुंघा तो फूलों से भी सुगंधित पाया , अब दीदी मेरे तरफ मुंह कर लेती है और हम दोनों पहले एक दूसरे से नजर मिलाए फिर लिप किस करने लगे। में अपने हवस के चरम सीमा पे पहुंच गया और अब मुझे दीदी का चूत चाटना था , जैसे ही में उठा और दीदी के टांगे फैलाया तो दीदी कहती है "आज नहीं" , में पूछा "तो फिर कब?" दीदी कहती हैं "कल" , में पूछा "आज क्यों नहीं ?" , दीदी कहती हैं "कल पता चल जाएगा" इतना कहते ही दीदी ने मुझे ऊपर खींच लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर सो गए । सुबह उठते ही मैने दीदी के माथे पर किस करते हुए "गुड मॉर्निंग जान" कहा और नहाने चला गया फिर आकर नाश्ता किया और दोनों तैयार होकर कॉलेज चले गए । घर आते ही दीदी पैसे दी और विट और वी-वॉश लाने को कहती है जो में कुछ देर में लाकर दे देता हूं , लेते वक्त दीदी थोड़ा मुस्कुराती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं । कुछ देर बाद वो निकलती है हम दोनों साथ में बैठ कर खाना खाते हैं फिर अपने रूम में चले जाते हैं , पापा भी कुछ देर बाद घर आ गए , दीदी पापा मम्मी के लिए खाना निकली और बर्तन धो कर वापस कमरे में आई फिर दरवाजा बंद कर लिया । सोने से पहले उसने शॉर्ट और टीशर्ट पहन ली ,उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और में उसके पास जाके सीने से लगा दिया । मेरा लंड खड़ा होने के वजह से दीदी के चूत से टकरा रहा था , दीदी को लंड महसूस हुआ तो वो एक नजर देखी और बोलती है "कुछ सरप्राइज़ है तुमरे लिए" मैने पूछा "क्या" फिर दीदी कहती है "खुद ही ढूंढ लो" । मुझे समझ आ गया कि दीदी चूत का बाल साफ की हैं उसी की बात कर रही । अब में दीदी को लिप किस करने करता हूं और हम दोनों एक दूसरे के जीभ को लॉलीपॉप के तरह चूसने लगते है , कुछ देर बाद दोनों अलग होते है और में दीदी को कहता हूं उल्टा लेट जाओ । दीदी उल्टा लेट गई फिर में दीदी के टांगे के बीच में बैठ के उनका गांड़ ऊपर से सहलाने लगता हूं , कुछ देर बाद में उसका शॉर्ट उतारा तो देखा दीदी नीले रंग का पैंटी पहनी है । पैंटी के ऊपर से ही में दीदी का गांड़ का छेद सूंघता हूं और पैंटी उतर के गांड़ के छेद को चाटने लगता हूं। मेरा जीभ जब दीदी को अपने गेंद के छेद में महसूस हुआ तो वो आहे भरने लगती है और दीदी अपने हाथों से गांड़ चौड़ा कर लेती है जिसके वजह से उसकी गांड़ का छेद थोड़ा खुल जाता है और में अपना जीभ दीदी गांड़ के छेद में डालकर चाटने लगा , कुछ देर चाटने के बाद दीदी का चूत बहने लगा और फिर में उसे सीधा होने बोला । दीदी सीधा हुई और अपने टांगे फैला ली फिर में पूरा पैंटी उतर दिया और जैसे ही में दीदी के चूत पे जीभ रखा , दीदी अपने हाथों से मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी और में उसका चूत ऐसा चाटने लगा जैसे जन्मों का भूखा हूं , दीदी भी धीरे-धीरे आहे भरती हैं । कुछ देर चाटने के बाद उसके चूत से गरम पानी निकलने लगा और में सब चाट लिया , अब दीदी भी हवस की चरम सीमा पर दी और चुदाना चाहती थी । तो दीदी कहती है "अब मेरी बारी" में समझ गया दीदी क्या चाहती है और में अपना 6 इंच का लंड निकल लिया , दीदी इतना बड़ा लंड देख के कहती है "बाप रे ये अजगर इतने छोटे बिल में कैसे जाएगा" में हस्ते हुए कहता हूं "बिल फाड़ के जाएगा"। दीदी मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ी और में ले ली , मेरा लंड बड़ा और मोटा होने के वजह से बस आधा ही ले पाई लेकिन मैने उसका सर पकड़ के पूरा लंड दे दिया जो उसके गले तक चला गया , कुछ देर चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल जो में दीदी के मुंह में ही गिरा दिया और दीदी वीर्य पी ली । फिर में दीदी के ऊपर आ गया और उनके टांगे उठा के चूत पे लंड घिसने लगा , और अचानक से आधा लंड दीदी के चूत में डाल दिया जिससे उनको काफी दर्द हुआ और वो चीखती है तो में उनको लिप किस कर लेता हु जिससे उनकी आवाज जोर से नहीं निकला । में उनका चेहरा देखा तो पाया कि उनके आंखों से आशु निकल रहे थे जिस वजह से में थोड़ी तक लंड न अंदर डाला न बाहर निकला और उनको आराम देने के लिए उनके चूची चूसने लगा , कुछ देर बाद दीदी को आराम हुआ और में पूरा लंड दीदी के चूत में दे दिया जिससे उनके सील टूट गया फिर चूत से खून बहने लगा , उनको इतना दर्द हुआ कि वो छटपटाने लगी और में उनको सहला के आराम देने लगा थोड़ी देर बाद वो संत हो गई और में उनकी चूची चूसते हुए चूदाई शुरू कर दिया । अब दीदी को भी मजा आने लगा तो वो कहती है "आह सूरज आज तो तूने मेरी जान ही लेली" और सिसकियां लेते हुए अपनी चूत सहलाने लगी । मेंने अपनी चोदने की रफ्तार बढ़ाई जिससे दीदी और तेज सिसकियां लेने लगी , काफी देर चोदने के बाद अब में झड़ने वाला था और दीदी भी , झड़ते वक्त में दीदी के चूत में ही सारा वीर्य निकल दिया और दोनों निढाल होके पड़े रहे । थोड़ी देर बाद देखा तो दीदी के चूत से खून और वीर्य दोनों निकल रहा था और उनकी चूत में काफी जलन हो रहा था , में कपड़े से उनका चूत साफ किया और उनको आराम देने के लिए उनका चूत वापस चाटने लगा । उस रात में 3 बार दीदी का गांड़ और चूत चटा फिर दोनों लिपट कर सो गए । पिछली रात की चोदाई के वजह से अगले दिन दीदी चल नहीं पा रही थी , मम्मी ने वजह पूछा तो दीदी ने बताया पैर में मोच आ गया और उस दिन में अकेले कॉलेज गया । हम दोनों रोज देर रात तक सेक्स करते और दीदी को मेरे से अपना चूत और गांड़ चटवाने में बहुत मजा आता था । मुझे भी दीदी के चूत का पानी किसी चासनी से कम नहीं लगता है । एक रात सेक्स करते वक्त दोनों इतना मदहोश हो गए कि कब सुबह के 5 बज गए पता नहीं चल और पापा 5 बजे सुबह उठते है डेयरी जाने के लिए , तो उन्होंने हमें चूदाई करते हुए देख लिया । इसके आगे में आपको अगले भाग में बताऊंगा कि कैसे हम दोनों की वासना की आग में पूरा परिवार झुलस गया । कहानी का पहला भाग आपको कैसा लगा आप मुझे मेल करके जरूर बताना । मेरा ईमेल आईडी:- sabbybhaiya@gmail.com

Hindi Sex Stories

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम विकाश है। मैं देहरादून से Hindi Sex Stories हूँ लेकिन अभी बॅंगलुर में एक सॉफ्टवेर कंपनी में काम कर रहा हूँ। ये घटना दो महीने पुरानी है। मैने एक साइट पर पॉर्न स्टोरी लिखी थी ओर साथ मैं अपनी ई-मेल आई भी लिखी थी, जिसे पढ़ कर एक लड़की ने मुझे मेल किया और पूछा कि क्या मैं उससे मिल सकता हूँ। वो मुझसे शायद सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसे अपना फोन नंबर मेल कर दिया। अगले दिन मैं ऑफीस से घर आ रहा था तो रास्ते मैं उसका फोन आया। उसने अपना नाम शिवानी बताया। वो हरिद्वार, जो कि देहरादून के पास जगह है, की रहने वाली थी। उसने बताया कि वो एक सॉफ्टवेर कंपनी में एच आर है। उसके बाद रोज रात को उसका फ़ोन आने लगा। धीरे धीरे वो मुझसे खुल गयी। उसने बताया कि वो अपनी कंपनी के एक लड़के से बहुत प्यार करती है, लेकिन कुछ दिन पहले उसे पता चला कि वो लड़का उसे धोखा दे रहा है। उसके ऑफीस की ही किसी दूसरी लड़की से संबंध है। मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स किया है तो वो बोली की नहीं उसने बस एक बार मेरे बूबस दबाए थे लेकिन मैं बुरा मान गयी तो उसने मुझे छोड़ दिया। लेकिन जब से मुझे उसके बारे में पता चला है। मैं चाहती हूँ कि मैं भी किसी और लड़के से सम्बन्ध बनाऊँ।

मैं तो बस यही चाहता था। मैंने उसे बोल दिया कि ठीक है मैं तुम्हें बहुत अच्छे से चोदूँगा। चूँकि अगले दिन दोनो का ऑफीस था तो हमने ये डिसाइड किया कि दोनो छुट्टी ले लेंगे। अगले दिन जब मेरे दोनो रूम मेट्स ऑफीस चले गये तो मैं शिवानी को अपने फ्लेट में ले आया। यकीन मानो दोस्तो मैंने उसकी आवाज़ सुन कर उसके बारे में जो सोचा था वो उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी थी। उसकी हाईट ५’५”थी और फ़ीगर ३४-२८-३५ वो बहुत शर्मा रही थी। मैं उसकी झिझक दूर करने के लिए उसे किचन में ले गया और उसके साथ मिल कर ओम्लेट और चाय बनाई। ब्रेकफ़ास्ट करने के बाद वो मुझसे काफ़ी घुल मिल गयी थी और मेरे काफ़ी करीब भी बैठ गयी। उसके शरीर से प्यारी सी खुशबू आ रही थी। मैंने उसके बालों पे धीरे से हाथ फेरा तो उसने शर्म से मुँह छुपा लिया।

मैंने उसके कान पे किस करनी शुरू किया तो उसकी आँखों में पहली बार सेक्स अपील देखी। फिर मैने उसे फ्रेंच किस की तो वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसे बोला कि उसे जो कुछ भी कहना हो कह सकती है। उसने कहा कि वो मेरा लॅंड देखना चाहती है। मैंने बिना देर किए अपनी शॉर्ट उतारी और उसे अपने ८ इंच लंबे लॅंड के दर्शन कराए। उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी। वो बोली कि इतना बड़ा लॅंड उसकी चूत में कैसे फिट होगा। मैंने उसे बोला अभी घबराओ नहीं ये बहुत आराम से तुम्हारी चूत में जाएगा और ये कह कर मैंने उसे के वाय -जेल्ली की ट्यूब दिखाई। उसने पूछा कि ये क्या है तो मैंने बताया कि इसे लूब्रिकॅंट कहते हैं और इसे लॅंड पे लगाने से लॅंड आराम से तुम्हारी चूत में घुसेगा। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा। वो ये सुन कर बहुत ही एक्साइटेड हो गयी। मैंने उसकी चूत पर बाहर से हाथ रखा तो वो काफ़ी गरम हो गयी थी। उसने मेरे लॅंड पे अपना हाथ रखा और उसे प्यार से सहलाने लगी।

मैने उसकी टोप उतारी। उसने सफेद रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने जल्दी से ब्रा उतारी और उसके दोनों बूब्स के साथ खेलने लगा। वो मेरे लॅंड को सहलाने में मस्त थी। वो मस्ती में आ..ह सी…सी.. … की आवाज़ निकल रही थी। अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा था। मैंने झट से उसकी जीन्स और सफेद रंग की पेंटी भी उतार दी। उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी। उसकी चूत के रस से उसकी पेंटी गीली हो रखी थी। मैंने जल्दी से एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो सर्र से अंदर घुस गयी। मैं उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल कर ‘ कम हेयर’ स्टाइल में उंगली हिलाने लगा ताकि उसका जी – स्पॉट प्रेस कर सकूँ। वो मारे खुशी की पागल हो उठी और कहने लगी कि प्लीज़ उंगली बाहर निकालो और जल्दी से अपना मोटा सा लॅंड मेरी चूत में डाल दो। मैंने के वाय -जेल्ली की ट्यूब लॅंड के ऊपर रखी और ५-६ बूंदे उसपे टपका दी। मैंने उसे पीठ के सहारे लेटने को बोला और उसकी टांगे फैला दी। फिर अपने लॅंड उसकी चूत पे रख कर उसे क्लाइटॉरिस पे रगड़ने लगा। वो तो मानो पागल हो उठी। उसने मेरे बॉल खींच लिए और ज़ोर से बोली प्लीज़ मुझे और मत तड़पाओ, और जल्दी से अपना लॅंड अंदर कर दो। मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया तो लॅंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे जा कर अटक गया। और वो दर्द से चिल्लाने लगी. आ…ह… उ…ई… बाहर निकालो प्लीज़। उसकी आँखों में आंशु आ टपके। लेकिन मैं तो पूरे जोश में था। मैंने उसे अपने बाजुओं में कस कर पकड़ा और धीरे से प्रेशर देने लगा। फिर मैं रुक गया क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाइट थी और मुझे भी फील हो रहा था। मैं बस उतना सा ही घुसा कर उसकी बूब्स को चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वो खुद ही अपनी गांड धीरे से उचकाने लगी। मैं समझ गया कि अब उसका दर्द ख़त्म हो गया है और वो अब पूरा लॅंड अपनी चूत के अंदर चाहती है। मैंने कुछ सोचा और थोड़ा सा लॅंड बाहर निकाल कर ज़ोर से धक्का मारा। फ़च्छ … की आवाज़ के साथ पूरा का पूरा लॅंड उसकी चूत में चला गया था। और शिवानी ने ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया। मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से ज़ोर से बंद किया और कहा कि अगर वो ज़ोर से चिल्लाएगी तो पड़ोसी आ जाएँगे और सारा मज़ा किरकिरा हो जाएगा। उसकी आँखो से आंशु छलक पड़े, लेकिन उसने आवाज़ निकालनी कम कर दी।

मैंने लॅंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। वो अब मस्ती से कराहने लगी. आ…ह , उम्म…ह…, हाँ… ऐसे ही ठीक है…

मैं लॅंड की अंदर बाहर करने की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाने लगा। उसे अब मज़ा आने लगा था। वो भी अब पूरा सपोर्ट कर रही थी अपनी गांड हिला हिला कर। मैंने स्पीड और बढ़ा दी। १० मिनट के बाद उसका ऑर्गेज़्म हो गया था। मैं उसकी चूत में वाइब्रेशन्स फील कर सकता था। उसकी चूत का पानी निकल कर पूरी बेड शीट पर फैल गया था। मैंने उसकी टाँगे और फैला ली और लंबे लंबे धक्के लगाने लगा। वो आँखें बंद करके कराह रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी चूत के अंदर ही ढेर सारा वीर्य छोड़ दिया। हम दोनो इसी तरह आधे घंटे तक लेटे रहे। फिर मैंने धीरे से अपना लॅंड उसकी चूत से निकाला। वो काफ़ी टाइट से अटका था। फक्क की आवाज़ के साथ पूरा लॅंड बाहर आया तो उस पर मेरा वीर्य और थोड़ा खून भी लगा था। मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। वहां गरम शावर के नीचे थोड़ी देर दोनो बैठे रहे। मैंने उसकी चूत को ठीक से साफ किया। इस दौरान मेरा लॅंड फिर से खड़ा हो गया था। उसकी चूत भी फिर से गीली होने लगी थी। मैने बाथरूम में ही फिर से उसकी चुदाई की। इस बार उसने पूरा सपोर्ट किया और हम दोनो एक साथ आधे घंटे बाद झड़े।

फिर हमने तौलिए से एक दूसरे को अच्छे से पोंछा। फिर हम वापस बेड रूम में आ गये और थोड़ी देर बातें की। उस दिन मैंने उसे शाम ५ बजे तक ६ बार चोदा। शाम को इससे पहले कि मेरे रूम मेट्स वापस आते, मैं उसे उसके हॉस्टिल तक छोड़ आया। उसके बाद से अब तक मैं उसे ५ बार चोद चुका हूँ। Hindi Sex Stories

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मेरा नाम आर्यन गुप्ता है। मैं Hindi Porn Stories अब अकेला हूँ। मेरी उम्र अभी ५९ वर्ष की है। मेरे दो लड़के हैं जो कनाडा में रहते हैं और वहीं नौकरी करते हैं। मेरी पत्नी का निधन, जब वो ४८ वर्ष की थी, एक दुर्घटना में हो गया था। तब से मैं अकेला हूँ और अपना छोटा सा बिजनेस सम्भालता हूँ।

मेरी पत्नी जब जीवित थी तभी से मेरी सेक्स में रूचि कम हो गई थी। मेरे लण्ड में तनाव भी कम हो गया था और उस समय भी मैं अपनी पत्नी को सन्तुष्ट नहीं कर पाता था। मेरी चोदने की इच्छा तो बहुत होती थी पर शायद मेरे में उम्र के हिसाब से लण्ड में मामूली सा कड़ापन आता था, पर मैं चुदाई नहीं कर पाता था।

धीरे धीरे मेरी पत्नी भी मुझसे दूर रहने लगी। शारीरिक तौर पर भी स्तन दबाना, मसलना, चूतड़ दबाना और मस्ती करने का सुख भी मेरे हाथ से जाता रहा। चूत चाटने का और अंगुली से उसे सन्तुष्ट करने का सुख भी जाता रहा। धीरे धीरे मैं इस अवसाद में ही घिर गया। मैंने हार कर अकेले ही रहने की आदत डाल दी। कभी कभी मुठ भी मार लेता था, वह भी जब मुझे लगता था कि ये जरूरी है।
फिर मेरी पत्नी एक दुर्घटना में चल बसी तो मैं बिल्कुल ही अकेला हो गया और अन्दर से टूट गया। अब मैं अपना मन सिर्फ़ काम में लगाने लग गया था, इससे मुझे फ़ायदा तो बहुत होने लगा पर मन में यही आता कि इन पैसो का क्या करूंगा। तब मैं एक अनाथों की संस्था में से दो बच्चों को पालने का खर्च उठाने लगा। उन्हें पढ़ाना, लिखाना, कपड़े यानि सभी जरूरतें पूरा करने लगा। लोगों ने भी मेरे इस कार्य को सराहा।

कुछ दिनों पहले मेरे एक दोस्त की लड़की को इस शहर में एक कॉलेज में दाखिला करवाया। वो एम ए कर रही थी। मेरा घर चूंकि बहुत बड़ा था सो मैंने उसे अपने ही घर में एक कमरा दे दिया। उसका नाम सोनिया था। देखने में सुन्दर थी और उसका फ़िगर भी बहुत अच्छा था। वह बहुत समझदार भी थी। उसे जब कम्प्यूटर का काम करना होता था तब वो मेरे कमरे में आ जाती थी। मेरी अनुपस्थिति में वो अक्सर कम्प्यूटर इस्तेमाल करती थी। तभी एक प्यारी सी घटना घट गई। सोनिया ने मेरी दिल की मुराद पूरी कर दी।

मैं शाम को घर आया, नौकर खाना बना कर जा चुका था। मैंने हमेशा की तरह अपनी व्हिस्की की बोतल खोल कर बैठ गया। मैंने कम्प्यूटर ऑन किया। जैसे ही मैंने गूगल लोड किया, सोनिया की साईट खुल कर सामने आ गई। शायद उसने जल्दी में लोग-ओफ़ नहीं किया होगा या जाने कैसे ये हो गया।

मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पाया और उसके मेल देखने लगा। अधिकतर मेल अश्लील थे। मेरी अनुपस्थिति में वो ये खेल खेलती थी। तभी मैंने देखा कि उसकी और भी अलग नामों से आई डी भी थी जिनके एड्रेस और पास वर्ड भी अपने ही मेल में लिखे थे। मैं उन्हें भी खोल कर देखने लगा। उन सेक्सी मेल पढ़ कर कर मेरे मन में वासना जागृत हो गई।

उसमें बहुत सारे नंगी और चुदाई करते हुए तस्वीरें भी थी। उसमे कुछ लिंक चुदाई के वीडियो के भी थे। और एक वीडियो तो सोनिया ने अपने मोबाईल से खुद की चुदाई का भी लिया था। मैं उसे ध्यान से देखने लगा। वीडियो साफ़ तो नहीं था पर सोनिया का नंगा शरीर उसमें अवश्य नजर आ रहा था।
सोनिया मुझे सेक्सी लड़की लगने लग गई। मैंने अपनी ड्रिन्क समाप्त की और भोजन करने लगा। पीसी अभी भी ओन ही था। मैंने सोनिया कि जो आईडी उसके मेल में थी मैंने नोट कर ली। मैं अब रोज रात को उसके सेक्सी मेल पढ़ता था और कभी कभी मुठ मार लेता था। शायद सोनिया को अब कुछ शक होने लगा था।

एक रात मैं ड्रिन्क्स ले रहा था और सोनिया की साईट का आनन्द ले रहा था, कि सोनिया कमरे में आ गई और उसने मुझे रंगे हाथ पकड़ लिया। वो लपक कर आई और साईट बन्द कर दी।
“अंकल ये क्या कर रहे हो?” उसने जोर से कहा। मैं वास्तव में घबरा गया। मेरे मुख से घबराहट में कुछ भी ना निकल पाया। मुझे अपने बड़े होने पर और ऐसा काम करने पर शायद पहली बार शर्मिन्दगी हुई।

पर इतने में सोनिया सम्भल गई- “सॉरी अंकल, आपने तो मेरी सारी मेल पढ़ ली, प्लीज इसे अपने तक ही रखना !” मेरी सांस में सांस में आई।
“नहीं सोनिया, माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिये, मुझे ये सब नहीं करना चाहिये था, पर तुम्हारी साईट एक दिन अचानक ही अपने आप खुल गई थी। कुछ सेक्सी बातों पर बाहर से नजर पड़ी तो मुझसे रहा नहीं गया।”
“अंकल ये तो बस हम अपने मनोरंजन के लिये करते हैं, ये सब सच तो नहीं है ना।”

“पर वो राहुल, विक्की, और जय उन्हें तो तुम पसन्द करती हो ना, तुम्हारी तो एक इसमे वीडियो भी है !” मैंने उसे भी बांधने की कोशिश की जिससे उसे लगे कि उसके भी कुछ रहस्यो को मैं जान गया हूँ।
“अंकल प्लीज किसी को बताना मत, मैं बदनाम हो जाऊंगी !” उसका सिर नीचे झुक गया।
“अरे कैसी बात करती है, मैं इन सब बातों को समझता नहीं हूँ क्या ? जवानी में मस्ती तो करनी ही चाहिये ना, हमने भी खूब मस्ती की थी।” मैंने उसे उत्साहित करते हुए कहा।
“अंकल, ये तीनों मेरे व्यक्तिगत दोस्त हैं, आप तो जान ही गये हैं, बस पापा को मत बताना !”

“तू जानती है ना, मैं भी सालों से अकेला हूँ, मेरे दिल में भी इच्छाएँ होती हैं, पर मैं तो अब ६० साल का होने जा रहा हूँ, देखो मैं अपनी दबी इच्छाएँ किसी को नहीं बताता हूँ, मैं इन सब बातों को समझता हूँ।”
“हाय अंकल, इस उमर में भी आपकी इच्छा होती है, फिर क्या करते आप?” उसे आश्चर्य हुआ।
“कुछ नहीं, बस मन मार कर रह जाता हूँ, हमें कौन समझ पाता है !” मेरे चेहरे पर निराशा उभर आई। सोनिया मुझे देखती रह गई। मुझे लगा उसके मन में मेरे प्रति सहानुभूति उभर आई थी।

“अंकल किसी आण्टी से दोस्ती कर लो, मैं मदद करूँ इसमें?” वो मेरे पास आकर हाथों में मेरा हाथ ले कर बोली।
“नहीं मैं अब ये सब नहीं कर सकता हूँ, सच !” मेरे मुँह से अचानक सच्चाई निकल आई।
“तो क्या हुआ, और तो सब काम तो कर सकते हो ना !” उसके चेहरे पर अब शरारत मचलने लगी थी। मुझे उसकी ये शरारतें मोहक लग रही थी।

“अब तू चुप हो जा, मेरी इच्छाएँ जाग जायेंगी, तुझे क्या है, हाल तो मेरा खराब हो जायेगा ना !” मैंने अंधेरे में तीर छोड़ा, मुझे लगा कि वो मुझे बुरा भला कहेगी। पर हुआ उल्टा ही।
“अंकल, एक बात कहूँ, मुझ पर भरोसा हो तो मुझे अपना राजदार बना लो, मैं आपकी अधूरी इच्छा पूरी कर दूंगी…. पर देखो, पापा को इंटरनेट के बारे में मत बताना, प्रोमिस?” वो इठला कर बोली। मेरे शरीर में सनसनाहट होने लगी। सोनिया मेरे साथ…. पर मुझसे तो होता ही नहीं है।

“तेरे पापा को? कैसी बाते करती है, उन्हें मुझ पर भरोसा है, और सुन ले ये ठीक नहीं है, तू तो मेरी बेटी जैसी है और फिर मैं तो कुछ कर ही नहीं पाता हूँ।” मैं असमंजस में था।
“मैं तो कर पाती हूँ ना !” वो धीरे से मेरे पास आ गई और मेरे गाल चूम लिया। मुझे इतने में ही असीम आनन्द आ गया। दूसरे ही पल उसने मेरे गालों को हाथ से थाम लिया और मेरे होंठ चूमने लगी।

“अंकल मैं जय, विक्की और राहुल को एक एक करके बुलाऊं तो आप उन्हें यहा आने देंगे ना?” उसने मुझे ब्लैक मेल करने की कोशिश की। मुझे हंसी आ गई। मुझे क्या फ़रक पड़ता था भला। मुझे समझ में आने लगा था कि वो मुझे पटा कर अपना राज गुप्त रखना चाहती थी और साथ ही अपने दोस्तों के लिये इस घर का रास्ता भी खोलना चाहती थी। जवान लड़की थी, उसे भी जवान लण्ड चाहिये था, उसे भी अपने जिस्म की प्यास बुझानी थी। मैंने दिल ही दिल में अपने आप से समझौता किया कि तन का सुख चाहिये तो ये सब करना ही पड़ेगा, फिर इस उम्र में मुझे कौन घास डालेगा।

“हां… हां… जरूर, पर मेरी उपस्थिति में, ताकि कोई गड़बड़ हो तो मैं सम्भाल लूँ !” सोनिया मेरे से चिपक गई और मेरे सोते हुए लटके लन्ड को सहलाने लगी।
“आप क्या मुझे उनके साथ सोता हुआ देखना चाहते हैं, मजा लेना चाहते हैं ?”
“अरे नहीं, तुम एन्जोय करो, पर यदि तुम चाहो तो मैं भी चुपके से देख लूं?”

उसने मुझे तिरछी निगाहो से देखा,“अच्छा जी, अब आप मुझे ऐसे भी देखना चाहेंगे, कोई बात नहीं, देख लेना, पर चुपके से !”
“सोनिया, तुम क्या जानो इस उम्र के लोगों की तड़प….”
“माफ़ करना अंकल, मुझसे आपकी तड़प देखी नहीं जाती, मैं ये अहसास समझ सकती हूँ।” सोनिया ने मुझे प्यार करते हुए कहा।
“मैं तुम्हारा अहसानमन्द रहूंगा सोनिया, तुमने मुझे दिल से समझा है।” मैंने उसे प्यार से लिपटा लिया।

“आज से आप मुझे बेटी कहना छोड़ दीजिये अब मैं आपकी दोस्त बन गई हूँ, और जो मैं दोस्तों के साथ करती हूँ आपके साथ भी वही करूंगी।” उसके हाथ का दबाव मेरे लण्ड पर बढ गया और मेरे लण्ड का साईज़ नापने लगा। मुझे उसके हाथ लगाने से जोश आने लगा। मेरे खून का दौरा बढ़ गया। मेरी सांसें तेज हो गई।

“अंकल अब शरम छोड़ दीजिये, ये 21वीं सदी है, आपसे तो हम ही ठीक हैं।” सोनिया ने मेरे झेंपू स्वभाव को परख लिया था।
“क्या इरादा है, मेरे साथ ब्लात्कार करोगी क्या, मुझसे तो कुछ नहीं होगा !” मैंने लगभग हांफ़ते हुए कहा।
“आप तो यूं ही शरमा रहे हैं, उतारो ये कपड़े और फ़्री हो जाओ, देखो फिर कैसा मजा आता है इस उम्र में भी !”

मैंने अपने कपड़े उतार दिये। अब शर्म करने से कोई फ़ायदा नहीं था। मेरा दुबला बदन और सूखा लण्ड देख कर वो मुस्करा उठी। मेरा लण्ड इन सब बातों से खड़ा हो गया था और थोड़ा फूल गया था। सुपाड़ा भी लाल हो कर कुप्पा हो गया था। सोनिया भी अब अपने जिस्म को दिखाने लगी।
“बदन हो तो ऐसा…. ये देखो !” सोनिया ने अपने कपड़े अदाओं के साथ उतारना आरम्भ कर दिया।
उसका एक एक अंग तराशा हुआ था। सेक्स की गुड़िया लग लग रही थी वो। उसके उरोज बड़े और भारी थे, कमर पतली और उसके चूतड़ और गोलाइयाँ मटके जैसी थी। उसने अपनी गाण्ड को मेरी तरफ़ घुमाया और नीचे झुक कर अपनी चूतड़ो की गहराईयाँ दिखाने लगी।

चिकनी गांड चमकती हुई, और बीच में एक प्यारा सा छेद। गुलाबी गीली चूत और उस पर काली काली बड़ी झांटे, उसके बदन को निहारते हुए जाने मेरा लण्ड कब खड़ा हो गया। इस तरह से अपने बदन को मेरी पत्नी ने भी कभी नहीं दिखाया था। उसने एक भरपूर अंगड़ाई ली और नंगे बदन को मेरे नंगे बदन से चिपका लिया। मेरा लण्ड उसकी चूत में ठोकर मारने लगा। उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी।

उसने अपनी एक टांग उठा कर मेरी कमर से लिपटा दी और खड़े खड़े ही अपने योनि-द्वार से मेरे लण्ड को सटा दिया। मेरे हाथ स्वयंमेव उसकी भरी भरी चूंचियों पर आ गये और उन्हें मसलने लगे। उसने अपनी चूत का दबाव मेरे लण्ड पर डाल दिया। पर मेरा लण्ड एक ओर फ़िसल गया। उसने अपना हाथ नीचे लिया और मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी गीली चूत में डाल दिया। चूत की गर्माहट मेरे लण्ड को मिली। वो अन्दर सरकता चला गया।

सोनिया ने अपनी कमर हिलानी शुरु कर दी, लण्ड पहले अन्दर बाहर होता रहा पर, मैं अथाह आनन्द में डूबने लगा। लण्ड में प्यारी सी सरसराहट, गुलाबी सा मीठा मीठा सा मजा, मैंने अपने चूतड़ो का पूरा जोर उसकी चूत पर लगा दिया, हल्के से धक्के लग रहे थे, पर आह्….कुछ ही देर में वो ढीला पड़ने लगा और अब तो लण्ड बिलकुल ही ढीला हो कर लचलचा हो गया, और धीरे धीरे बाहर निकल आया। मैं फिर से निराशा में डूबने लगा।

“हाय अंकल, आपने तो दो मिनट में कितना मजा ले लिया, लण्ड तो आपका लम्बा है।” उसने अपनी टांगें नीचे कर ली और मेरा ढीला लण्ड उठा कर अपने मुँह में डाल लिया।
“अब देखो, आपका मस्त लण्ड कैसे मजे लेता है !”

मुझे लण्ड चूसने से बहुत मजा आने लग गया था। मेरा सुपाड़ा यूँ तो चूसने से फ़ूल गया था और तीखा सा और मीठा सा आनन्द आने लगा था। लण्ड की जोरदार चुसाई से मेरा लण्ड एक बार फिर से खड़ा हो गया, सोनिया ने लण्ड खड़ा देख कर अपने हाथ में लेकर उसे मुठ मारना आरम्भ कर दिया।

मेरे बदन में मुठ मारने से आग लग लग गई। लण्ड की जोरदार रगड़ाई हो रही थी। वो मुह से थूक लगा कर लण्ड को चिकना और गीला कर रही थी फिर दुगने जोश से मुठ मारने लगती थी। मुठ मारते मारते मेरा हाल बुरा हो गया और लगा कि बस अब माल निकल ही जायेगा। मेरे मुख से सिसकारियाँ निकलने लग गई।

“अंकल मजा आ रहा है ना….ये ….ये…. माल निकलने वाला है अब !!!”
“आह हाँ हाँ, मार , मुठ मार …. निकाल दे मेरा पानी !!” मैं भी अब जोश के मारे चूतड़ हिला हिला कर मुठ मरवा रहा था। लग रहा था कि कभी भी मेरा माल निकल पड़ेगा।

“ये….ये….फ़ड़क रहा है अंकल, टाईट हो गया है….आपका माल आया….हाय रे ….ये आया !”
“सोनिया, मेरा निकला, आह, ये ऊहऽऽ आया !”
“निकाल दो अंकल, निकालो हाय रे…. आ गया….”

मेरी धार छूट पड़ी, पिचकारी तेजी से बाहर आई और सोनिया के चेहरे पर गिरी, और झटके मार के निकलती ही गई। इतना वीर्य निकला कि उसका चेहरा पूरा भीग गया और नीचे पानी की तरह बह निकला। वो मेरे लण्ड को अब धीरे धीरे मसल रही थी। दूध दुहने की तरह मेरा वीर्य निकाल रही थी, बूंद बूंद करके सारा वीर्य बाहर निकाल लिया। फिर जीभ निकाल कर मुँह पर लगा वीर्य चखा और मेरी चादर से अपना मुँह साफ़ कर लिया।

“हाय इतनी सारा रस, कहां से आ रहा है ये….?” सोनिया हैरानी से देखने लगी।
“मेरा लण्ड खड़ा नहीं होता है इसका ये मतलब नहीं है कि मेरी इच्छा ही नहीं होती है।”
“पर इतना माल ?”
“मैं बहुत दिनो बाद दिल से सन्तुष्ट हुआ हूँ, मुझे इतना सारा रस निकाल कर बहुत सुकून मिला है।”

मैंने सोनिया के नंगे बदन को अपने से चिपका कर खूब प्यार किया। मैं इतने से थक गया था और कमजोरी सी आ गई थी। हम दोनों ने कपड़े पहने और कमरे से बाहर आ गये। सोनिया ने डिनर गर्म किया और हम दोनों मेज पर बैठ गये।
“सोनिया, आज तो तुम्हारा अह्सान रहेगा मुझ पर, आज तुमने मुझे बहुत सुख दिया और मेरी कमजोरी का मजाक नहीं उड़ाया।”
“अरे मजाक क्यूँ…. ये तो सभी के साथ होता होगा। पर इस बात को समझने वाली होना चाहिये, वर्ना तो इस उमर में मर्द अपनी इच्छा को मार कर कहा जायेगा?”

“तुम्हें इतनी समझ कैसे आई, मेरी पत्नी ने भी ये नहीं समझा, फिर तुम तो इतनी सी उमर में इतना जान गई हो !”
”अंकल, ये मह्सूस करने के लिये दिल होना चाहिये, उसने फ़ीलिंगस होनी चाहिये, अरे छोड़ो ना अब, आपका ध्यान आज से मैं रखूंगी। पर एक्स्क्यूज मी….मेर ध्यान भी आप रखना….मेरे तीन तीन आशिक है और जोरदार चुदाई करते हैं…. आपको याद है न….?”

मैं और सोनिया जोर से हंस पड़े और मैं आज की याद लिये बेडरूम की तरफ़ बढ़ गया। सोनिया भी शुभ-रात्रि कह कर अपने कमरे में चली गई। सोनिया की समझदारी की बातें मेरे दिल में घर कर गई थी। मैं पूर्ण रूप से सन्तुष्ट हो कर बिस्तर पर लेट गया। Hindi Porn Stories

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