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मैं पहले तीन साल तो कॉलेज ट्रिप पर नहीं गया क्योंकि मैं मेरे पापा के दोस्त की कम्पनी में काम सीख रहा था.
कॉलेज खत्म होते ही एक अच्छी पोस्ट मिलने की लालच में मैं ज्यादा छुट्टियां भी नहीं लेता था.
पर मैंने लास्ट ईयर में कॉलेज ट्रिप जाने की सोची और साथ चलने के लिए सारे कॉलेज फ्रेंड्स को भी मना लिया.
कॉलेज के प्रिंसिपल सर मेरे पड़ोसी हैं और मेरे पापा के अच्छे दोस्त भी हैं.
तो मैंने उन्हें बाली ले जाने का आईडिया दिया और वह मान गए.
अब मैंने प्रिंसिपल सर और कॉलेज मैंनेजर ने बाली जाने का, वहां रहने और घूमने की पूरी तैयारी कर ली.
कॉलेज में अनाउंस भी करवा दिया.
मैं और मेरे सारे दोस्त तो पहले से ही तैयार थे … और भी बहुत से छात्र थे, पर सबके सब फ्रेशर थे.
हमें मिला कर कुछ ही सीनियर थे.
ट्रिप पर जाने से एक दिन पहले मैनेजर सर का एक्सीडेंट हो गया और वे अब हमारे साथ नहीं चल सकते थे.
प्रिंसिपल सर ने ट्रिप कैंसल करने की सोची, पर मेरे बहुत मनाने पर मान गए.
अब इस ट्रिप का नया लीडर और गाइड मैं हो गया था.
मेरे साथ प्रिंसिपल सर ने एक सर और दो मैडम को भी ट्रिप पर भेज दिया, जिनमें से एक का नाम सरोज है.
सरोज मैडम की हाईट 5 फीट है, रंग सांवला और शरीर भी थोड़ा मोटा है उनकी उम्र 50 साल होगी. वे दिखने में भी ठीक ठाक हैं.
हमारी दूसरी मैडम प्रिया कातिल फिगर की मालकिन हैं.
पूरा कॉलेज उन पर मरता है.
मैडम की उम्र 35 साल, रंग गोरा, हाईट 5.5 फीट और फिगर 36-30-38 का.
प्रिया मैडम के फिगर को देख कर ही लगता है कि वे रोज जिम जाती होंगी.
अब हम सब हवाई जहाज में बैठ गए.
मैं विंडो सीट पर बैठा था.
मेरे पास में प्रिया मैडम और उनके पास में सरोज मैडम बैठी थीं.
आज मैंने मौका देख कर प्रिया मैडम के साथ बहुत खुल कर बातचीत की.
वे भी बहुत ही फ्रैंक होकर मुझसे बात कर रही थीं.
हम सभी शाम को अपने रिज़ॉर्ट में पहुंच गए थे.
मैंने लड़कों के रूम्स का अलग और लड़कियों के रूम्स का अलग फ्लोर लिया था.
मेरा रूम लड़कियों के फ्लोर पर था जो मैंने जानबूझ कर प्रिया मैडम के रूम से लगा हुआ लिया था.
अब सब सुबह पूल में पहुंच गए.
पूल भी लेडीज का अलग था.
मैं लेडीज पूल में था.
प्रिया मैडम पूल के किनारे बैठी हुई थीं.
मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पास स्विमिंग ड्रेस नहीं है.
तो मैंने उनके लिए स्विमिंग कॉस्ट्यूम अरेंज करवा कर दिया.
पर उनकी टी-शर्ट ज्यादा ढीली थी और निक्कर थोड़ी टाइट.
उन्होंने वह ड्रेस ले ली और जैसे ही वह उस ड्रेस को पहन कर आयी तो क्या कातिल लग रही थीं.
वह जैसे ही पूल में उतरीं, उनकी टी-शर्ट उनके बूब्स से चिपक गयी.
आह क्या नजारा था.
चौड़ी गांड, मोटे मोटे बूब्स देख कर तो मेरा लंड ही खड़ा हो गया.
मैडम को स्विमिंग नहीं आती थी तो वे पानी से थोड़ा डर रही थीं.
मैंने उन्हें दिलासा दी कि मैं आपको स्विमिंग सिखा देता हूँ.
थोड़ा समझाने के बाद वह मान गईं.
अब मैं उनको स्विमिंग सिखाने लगा.
मेरा एक हाथ उनके पेट पर और एक हाथ उनके पैरों को पकड़े हुए था.
वे पानी में पैर हिला रही थीं.
बीच बीच में मेरा हाथ उनके बूब्स पर टच हो रहा था पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
अब मैंने धीरे धीरे अपना हाथ पैरों से जांघ पर शिफ्ट कर दिया और बैलेंस बनाने के नाम पर उनकी जांघों को बार बार मसलने लगा.
उन्होंने अब भी कुछ नहीं कहा.
अब मेरा दूसरा हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स को टच करने लगा और मेरी उंगलियां उनके बूब्स को मसलने लगीं.
मुझे लगा कि मैडम को भी मजा आ रहा था.
मैं अभी कुछ और कर पाता, पर तभी हमें पूल से निकलना पड़ा क्योंकि हमें घूमने जाना था.
पूरा दिन मैडम मुझे एक हल्की सी शरारत वाली स्माइल दे रही थीं.
शाम को रिज़ॉर्ट में लौट कर सब फिर से पूल में चले गए.
इस बार मैडम ने मुझे खुद से स्विमिंग सिखाने को बोल दिया.
अब मैं वापिस वही हरकतें करने लगा, धीरे धीरे मैं उनके बूब्स दबाने लगा, उनकी जांघों को मसलने लगा और एक दो बार मैंने उनकी गांड भी मसल दी.
कुछ देर बाद मैडम ने मुझे रोक दिया.
सब लोग पूल से निकल कर अपने अपने रूम में चले गए.
मैं बार बार बस मैडम को ही याद कर रहा था.
काफी रात गहरा गई थी.
तभी मेरे रूम की घंटी बजी.
मैंने जैसे ही रूम खोला, सामने प्रिया मैडम थीं.
वे एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया.
हम दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे.
तभी मैडम ने कहा- मेरे कंधे बहुत दुख रहे हैं, क्या तुम थोड़े दबा दोगे?
मैं उनके कंधे दबाने लगा.
इससे मैडम बहुत ही रिलेक्स फील कर रही थीं.
तभी मैडम मुझसे पूछने लगीं कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मैडम को मना कर दिया.
तो मैडम ने कहा- तुम झूठ बोल रहे हो.
मैंने मैडम से कहा- अभी नहीं है, पर पहले थी.
मैडम ने पूछा- तो उसके साथ सेक्स भी किया होगा?
मैं यह सुन कर दंग रह गया.
मैंने कहा- थोड़ा बहुत किया है.
मैडम ने कहा- ऐसा क्यों?
मैंने मैडम को बताया कि उसे ये सब ज्यादा पसंद नहीं था.
मैडम हंस पड़ीं और बोलीं- सेक्स किसको पसंद नहीं होता!
अब मैंने मौका देखते हुए मैडम से कहा- अगर आपका शरीर ज्यादा थक गया हो, तो मैं आपके पैरों की भी मसाज कर दूँ?
कुछ पल सोचने के बाद वह मान गईं और बोलीं- पर आराम से करना.
मैंने उनके कहने के अंदाज से यही समझा कि ये चुदाई आराम से करने की कह रही हैं.
वे बेड पर उल्टा लेट गईं.
अब मैं उनके पैरों की उंगलियां दबाने लगा.
मैडम को मजा आने लगा.
मैं धीरे धीरे पैर दबाते दबाते उनकी जांघ तक पहुंच गया और जांघों को मसलने लगा.
अब मैडम थोड़ी थोड़ी कामुक आवाज निकालने लगीं.
मैं उनकी जांघ के अन्दरूनी हिस्से को भी मसलने लगा और धीरे धीरे मेरा हाथ उनकी चूत के करीब पहुंच गया, पर मैंने चूत को टच नहीं किया.
मैंने मैडम से कहा- अगर आपको मसाज पसंद आयी हो, तो मैं आपकी पीठ की ऑयल मसाज भी कर सकता हूँ.
मैडम ने थोड़ा झिझक कर हां कह दिया पर कहा कि किसी को बताना मत!
मैंने हामी भरी और बाथरूम से मसाज ऑयल लेकर आ गया.
तब तक वे भी टी-शर्ट उतार कर पीठ के बल बेड पर लेट गईं.
उन्होंने लाल कलर की डिजाइनर ब्रा पहन रखी थी.
उनके बूब्स ब्रा के साइड से बाहर आ रहे थे.
यह देख कर मेरा लंड उफान मारने लगा.
मैंने अपने को काबू किया और उनकी लोवर बैक की मसाज करने लगा.
धीरे धीरे मैं उनकी पूरी की पूरी पीठ को मसलने लगा.
मैडम को भी मजा आने लगा.
वे बहुत ज्यादा कामुक होकर मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मुझे ब्रा की स्ट्रेप की वजह से मसाज करने में दिक्कत हो रही थी, तो मैंने मैडम को ब्रा स्ट्रिप को खोलने को कहा.
वे वासना में इतनी ज्यादा डूब चुकी थीं कि उन्होंने ब्रा की स्ट्रिप खोल दी.
अब मुझे उनके गोरे बूब्स साइड से साफ दिख रहे थे.
बिल्कुल दूध से सफेद.
मैं उनकी रगड़ कर मालिश करने लगा और मैडम जोर जोर से आह आह की कामुक आवाजें निकालने लगीं.
मैं हल्के हाथों से उनके बूब्स को साइड से सहलाने लगा.
मैडम और भी ज्यादा प्यार भरी आवाजें निकालने लगीं.
यहां मेरा लंड पैंट में दर्द करने लगा.
मैंने मौका पाकर मैडम से पेट की मालिश के लिए पूछ लिया.
पहले तो मैडम ने मना कर दिया, फिर तुरंत ही हां भी बोल दिया.
पर मुझसे आंखें बंद करके मालिश करने को कहा.
मैं मान गया और मैडम के आदेश को फॉलो करते हुए अपनी आंखें बंद करके उनके पेट पर धीरे से बैठ गया और उनकी मालिश करने लगा.
मेरा हाथ जैसे ही बूब्स के करीब पहुंचा, तो मैडम ने टोक दिया और नीचे नीचे मालिश करने को कहा.
मैंने भी डर के मारे आंखों को बंद रखा और मालिश जारी रखी.
थोड़ी देर में ही मैडम की कामुक आवाज फिर से शुरू हो गयी.
मैंने हिम्मत करके थोड़ी सी आंख खोली तो मैडम आंखें बंद करके मादक आवाजें निकाल रही थीं.
मैं अब आंख खोल कर मालिश करने लगा.
उनके बूब्स ब्रा से ढके हुए थे पर बहुत ही मस्त लग रहे थे.
मैं धीरे धीरे हाथ ऊपर की ओर बढ़ाने लगा तो मैडम अपनी ब्रा धीरे धीरे खिसकाने लगीं.
उन्होंने अपनी ब्रा पूरी तरह से साइड में कर दी.
क्या तो बूब्स थे उनके … मैं तो देखते ही पागल हो गया.
मैं धीरे धीरे उनके बूब्स को नीचे से टच करने लगा.
मैडम ने कुछ नहीं कहा.
मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और आंखें बंद करके धीरे धीरे मालिश करने लगा.
मैडम ने अब भी कुछ नहीं कहा.
मैं मैडम के बूब्स मसलने लगा.
मैडम कराहने लगीं.
मैंने मालिश करते हुए अपने होंठ मैडम के होंठों पर रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
मैडम भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.
हॉट मैम पागलों की तरह मेरे होंठों को चूसे जा रही थीं और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
कुछ देर बाद मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा तो वे मचल उठीं.
पर उनकी आंखें अब भी बंद थीं.
मैं उन्हें चूमते हुए नीचे आया और उनके बूब्स को चूसने लगा.
बूब्स चूसते चूसते मैंने मेरा एक हाथ उनके शॉर्ट के अन्दर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उनकी चूत मसलने लगा.
उनकी चूत पूरी गीली थी.
मेरी इस हरकत से वह जल बिन मछली की तरह तड़पने लगीं.
अब मैंने उनके शॉर्ट को खोल दिया और पैंटी उतार कर Xxx मैम की चूत को देखने लगा.
बिल्कुल क्लीन शेव, किसी कुंवारी लड़की की चूत की तरह लग रही थी.
मैं उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को चाटने लगा.
उन्होंने अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया और मेरे सर को चूत की तरफ दबाने लगीं.
साथ ही वे जोर जोर से उह आह आह हो आह की आवाजें निकालने लगीं.
उनकी ये कामुक आवाजें सुन कर मैं और जोर से उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद उन्होंने छटपटाते हुए सारा पानी निकाल दिया और खुद बेसुध हो कर लेटी रहीं.
मैं उनका सारा पानी पी गया.
क्या स्वाद और क्या खुशबू थी.
अब मैंने फटाफट अपने सारे कपड़े उतारे और उनके बूब्स पर बैठ गया.
मैंने मैडम को आंखें खोलने को कहा. उन्होंने जैसे ही आंखें खोलीं, मेरा बड़ा लंड ठीक उनके मुँह के ऊपर था.
वे मेरा लंड देख कर चौंक गयी और शर्म के मारे आंखें चुराने लगीं.
मैंने एक हाथ से उनकी गर्दन को ऊपर उठाया और लंड उनके मुँह में दे दिया.
वे भी बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगीं.
लंड चूसने में वे पक्की खिलाड़ी थीं.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें पेट के बल पलंग के किनारे लेटने को कहा और मैं पलंग के किनारे खड़ा हो गया.
मैंने उन्हें फिर से लंड चूसने को कहा, वह मेरा लंड पूरा अन्दर गले तक उतार कर चूसने लगीं.
मेरा लंड उनके मुँह में ठीक से आ भी नहीं रहा था, फिर भी उन्होंने वह पूरा अन्दर तक लेकर चूस लिया.
मैंने उनके बाल पकड़े और उनके मुँह को चोदने लगा.
उनकी सांस फूलने लगी पर वे बराबर अपना मुँह चुदवाने लगीं और मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया.
मैंने अपना पूरा सारा वीर्य उनके मुँह में खाली कर दिया और उनके पास में लेट गया.
वे मेरा सारा वीर्य चूस गईं और मेरे पास में लेट कर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं, मेरे लंड को सहलाने लगीं.
कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से चार्ज हो गया.
उन्होंने मुझसे कहा- आकाश, चोद दे अब मुझे … मुझसे बर्दाश्त नहीं होता, कब से बड़े लंड के लिए तरस रही थी.
मैंने भी देर न करते हुए उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और एक जोर का धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया.
वे जोर से चीख पड़ीं, मैं रुक गया.
मैंने थोड़ा इंतजार किया और एक और जोर का धक्का दिया.
अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया.
उनकी आंखों से आंसू आ गए.
चूत लंड के हिसाब से थोड़ी टाइट थी.
मैं थोड़ा रुक कर उनके होंठों को चूसने लगा.
वे जैसे ही नॉर्मल हुईं, मैं धीरे धीरे उन्हें चोदने लगा और उनके होंठ चूसने लगा.
कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड हिलाने लगीं तो मैंने अपने हाथों को पलंग पर रख कर पकड़ बनाई और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाते हुए उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.
वे जोर जोर से चिल्ला रही थीं- आह और जोर से … और तेज आकाश फाड़ दे मेरी चूत … भोसड़ा बना दे इसका.
मैं उन्हें और जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें बिस्तर से उठाया और बालकनी में ले आया.
उधर मैंने मैडम से बालकनी की रेलिंग पकड़ कर झुकने को कहा और पीछे से एक जोर का झटका दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड एक बार में अन्दर चला गया.
वे जोर से चीखने लगीं.
मैंने Xxx मैम को चोदना जारी रखा और पूरी रफ्तार से चोदने लगा.
वे जोर जोर से चिल्लाती हुई ‘उह आह ओह … यस लाइक दैट …’ कहने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य उनकी पीठ पर निकाल दिया और हम दोनों जकुजी में जाकर आराम से बैठ गए.
बाद में बाहर आकर मैंने हॉट मैम को काउगर्ल और मिशनरी स्टाइल में चोदा.
उस पूरी रात में मैंने मैडम को चार बार चोदा.
अगली सुबह मैडम जल्दी अपने कमरे में जाकर सो गईं.
अगले पूरे दिन मैडम से ठीक से चला नहीं जा रहा था.
उस दिन के बाद मैडम और मुझे जब भी मौका मिलता, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.
वैसे हम दोनों को बालकनी में चुदाई करते हुए स्वाति और राधिका ने देख लिया था.
मेरी Antarvasna कहानी बरसात की रात आप लोगों को कैसे लगी? क्योंकि अभी तक मुझे कोई मेल नहीं मिला है खैर जल्दी से पढ़ कर मुझे मेल करें.
और जिन लोगों ने बरसात की रात के दोनों भाग पढ़े हैं वो लोग जानते ही होनगे कि जिस आंटी को मैंने चोदा था उसकी एक लड़की भी थी जिसका नाम संगीता था.
अब मैं अपनी कहानी शुरु करता हूं जब करीब हफ़्ता भर मैंने आंटी को कायदे से चोद लिया तब मेरा मन उनसे भी उकता गया और जैसा कि मैं पहले कह चुका हूं कि उनकी 18 साल की बेटी संगीता पर मेरे लंड का दिल आ गया था लिहाजा अब किसी भी तरह से उसकी सील तोड़ना चाहता था मैं, पर आंटी को बुरा न लगे ये भी ख्याल था.
तब एक दिन मैं दिन में दो बजे आंटी के घर गया. इत्तेफ़ाक से आंटी घर में नहीं थी, सिर्फ संगीता ही थी और अब तो वो भी मुझसे अच्छी तरह परिचित हो चुकी थी. हेलो हाय होने के बाद जब मैंने उससे पूछा कि आंटी कहां है?
तब उसने कहा कि वो मार्केट गई है और शाम तक आयेंगी.
यह कह कर वो मेरे लिये चाय बनाने चली गई क्योंकि राजू भी नहीं था.
आज वो बहुत ही छोटी सी फ़्रोक पहने थी उसे देख कर मेरी तमन्नायें जाग उठी थी उसकी गोरी गोरी टांगें मुझे बहकाने के लिये काफ़ी थी.
जब वो चाय बना कर लाई तब वहीं सामने सोफ़े पर बैठ गई और हम दोनो चाय पीने लगे.
अभी वो बहुत नादान थी, उसे फ़्रोक पहन कर किस तरह बैठा जाता है, ये भी शायद नहीं पता था, जब वो सोफ़े पर बैठी तब उसकी पिंक पैंटी मेरी आंखों में गड़ गई और मैं उसकी पैंटी के अंदर कुंवारी टाइट बुर के बारे में सोच कर ही टन्ना गया.
वो बहुत आराम से चाय पी रही थी और मैं उसकी चड्डी का नज़ारा देखते हुए उसको चोदने की प्लानिंग कर रहा था.
तब मैंने कहा- संगीता, चलो कोई सी डी ही देखी जाए?
वो बोली- मुझे कोई ऐतराज़ नहीं, आपका घर है, जो जी में आये करिये!
उसकी बात सुन कर मैंने तुरंत टी.वी. ओन किया और एक गर्म सेक्सी मूवी लगा दी.
उसमें जब रोमांटिक सीन आया तब मैंने देखा कि संगीता कुछ सकपका रही है और नज़रें नीचे किये हुए ज़मीन की तरफ़ देख रही थी जब कि टी.वी. पर बहुत ही उत्तेजक शोट चल रहा था.
तब मैंने उससे कहा- जब तुमको पिक्चर नहीं देखनी थी तब किस लिये लगवाई है पिक्चर?
वो बोली- राज, ऐसी बात नहीं है, ये सीन बहुत गंदा है, मुझे शरम आ रही है, प्लीज, इसे फ़ोरवर्ड कर दो.
तब मैंने कहा- अरे पगली, इसमें शरम किस लिये… ये सब तो देखा ही जाता है. और अगर देखा न जाता होता तो ये मूवी बनती ही क्यों?
तब वो बोली- राज, ये अडल्ट मूवी है जब कि मैं अभी छोटी ही हूं, अभी मैं सिर्फ़ 18 साल की ही हूं, अगर मम्मी को पता लगा तो बहुत डाटेंगी प्लीज़!
उसकी बात सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने उसकी ठोड़ी पर हाथ लगा कर कहा- देखो, ये लड़की जो मूवी में है वो भी कितनी छोटी है करीब तुम्हारी ही उमर की होगी, ध्यान से देखो!
और वो गौर से टी.वी. पर देखने लगी जिसमें एक बहुत ही छोटी लड़की को एक हट्टा कट्टा आदमी अपनी बाहों में भरे हुए था और उसकी छोटी छोटी चूचियों को उसकी फ़्रोक के उपर से ही मसल रहा था.
संगीता ने मुझसे पूछा- राज, ये आदमी क्या कर रहा है?
मैंने कहा- इस लड़की की चूची दबा रहा है.
तब उसने कहा- क्या लड़की को दर्द नहीं हो रहा होगा? देखो ये कैसे सिसिया रही है?
मैंने कहा- धत्त, दर्द नहीं बल्कि लड़की को बहुत मज़ा आ रहा होगा.
और तब ही उस आदमी ने उसकी फ़्रोक की ज़िप खोल कर झट से उस लड़की को नंगी कर दिया. अब वो लड़की पूरी तरह से नंगी थी, सिरफ एक छोटी सी पैंटी पहने थे.
ये शोट देख कर संगीता ने सर झुका लिया उसका चेहरा लाल हो गया था.
मैंने उससे कहा- अभी आगे देखो, यही लड़की जो अभी सिसिया रही है कैसे मादक सिसकियां निकालेगी.
और फ़िर उस आदमी ने अपने सारे कपड़े उतार दिये.
तब संगीता ने कहा- हाय राज, कितनी गंदी पिक्चर है अब तो आदमी भी पूरा नंगा हो गया है.
तब मैंने कहा- अभी पूरा नंगा कहां हुआ है अभी तो ये अपनी अंडरवीयर भी उतारेगा, देखो उसकी निक्कर कितनी तनी हुई है.
तब संगीता ने कहा- हां राज, इसकी निक्कर इतनी तनी हुई क्यों है?
मैंने कहा- अभी देखती जाओ, सब समझ में आ जायेगा.
और तभी उस आदमी ने अपनी निक्कर भी उतार दी जिससे उसका लंड पूरी तरह फ़न्नाया हुआ था.
उसे देखते ही संगीता ने अपना चेहरा झुका लिया और अपनी आंखों पर हाथ रख लिया.
तब मैंने उसका हाथ हटाते हुए कहा- देखो, आज सब सीख लो कि कैसे लड़कियां जवानी के मज़े लेती हैं आज मौका भी अच्छा है मम्मी भी नहीं है तुम्हारी, इस लड़की की उमर भी तुम्हारी ही तरह है ऐसे शरमाओगी तो कुछ भी नहीं सीख पाओगी क्योंकि तुम्हारी मम्मी तुमको अभी बच्ची समझती है और 5-6 साल बाद ही तुम्हारी शादी करवायेंगी क्योंकि उनको तो अभी अभी खुद ही ये सब करने से फ़ुरसत नहीं मिलती.
तब संगीता बोली- हां, मैं जानती हूं कि मम्मी अकसर तुम्हारे साथ सोती हैं.
तब मैंने कहा- सिर्फ़ सोती ही नहीं रानी, वो जम कर चुदवाती है.
जब मैंने ये कहा तो संगीता बोली- धत्त, कितनी गंदी बातें करते हो तुम? राज तुम तो ज़रा भी नहीं शरमाते!
तब मैंने कहा- तुम्हारी मम्मी ने मुझे बिल्कुल चुदक्कड़ बना डाला है. अरे यार ये तो कुछ भी नहीं, जब रात को वो मुझसे चुदवाती है तब उसकी बातें अगर तुम सुन लो तो जान जाओगी कि तुम्हारी मम्मी कितनी चुदक्कड़ हैं।
और फ़िर हम लोग मूवी देखने लगे. उसमें उस आदमी ने अपनी निक्कर उतारने के बाद लड़की की कच्छी भी उतार दी और उसकी चिकनी चूत पर हाथ फ़ेरने लगा और उसकी चूची के निप्पलों को मुंह में डाल कर चुबलाने लगा.
ये सब देख कर जहां मेरा लौड़ा पैंट में अकड़ रहा था, वहीं संगीता का चेहरा भी शर्म से लाल हुआ जा रहा था मगर अब वो बहुत गौर से मूवी देख रही थी.
मैं भी सोच रहा था कि आज अगर इस पर हाथ भी फ़ेर दिया तो लड़की झट से चूत चुदवाने को राज़ी हो जायेगी मगर एक दिक्कत ये थी कि मैं चूत के चक्कर में उसकी माँ की बम भोसड़ा चूत नहीं कुर्बान कर सकता था.
तो मैंने सोच लिया था कि आज रात को आंटी को चोदते वक्त संगीता को चोदने की बात कर ही लेता हूं क्योंकि बता कर चोदना सही रहता है और मेरा तजुर्बा भी कहता था कि बुढ़िया फ़ौरन चुदवा देगी अपनी लड़की को क्योंकि उसको अपनी प्यास भी तो बुझवानी थी.
तब ही एक जोरदार आवाज़ ने मेरा ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया, आवाज़ टीवी से लड़की के चीखने की आई थी जिसकी छोटी सी चूत को उस आदमी ने अपना लम्बा सा औजार एक ही बार में डाल दिया था.
लड़की ‘आआययईई आआहह्ह आआअहह ऊऊओहह गोड’ कर रही थी, बहुत ही दर्द भरी चीखें निकाल रही थी, उसकी आंख से भी आंसू बह रहे थे मगर वो पहलवान बिना किसी बात की परवाह करे बगैर उसकी कुंवारी टाइट चूत में पूरा पूरा लंड घुसाए हुए दना दन धक्के लगा रहा था और थोड़ी ही देर में उस लड़की की दर्द भरी कराह की जगह आनन्द भरी आवाज़ निकलने लगी.
तब संगीता ने कहा- राज, अभी तो ये लड़की नो नो कर रही थी, रो भी रही थी, और अब तो मोर मोर कर रही है ये क्या चक्कर है?
मैंने कहा- संगीता, ये चुदाई का चक्कर ऐसा ही होता है, पहले तो लड़की चुदवाती नहीं और जब चुदवाती है, तब एक लंड भी कम पड़ जाता है.
और फ़िर थोड़ी ही देर बाद वो आदमी अपने लंड का रस उस लड़की की चूत में उड़ेलने के बाद अपने रस से भरे लंड को उस लड़की के मुंह में डालने लगा.
तब संगीता ने कहा- हाय राम राज, ये लड़की तो इसका लंड मुंह में ले रही है छी, कितनी गंदी लड़की है.
मैंने कहा- यार, रात को आज तुम अपनी मम्मी की करतूत देख ही लेना, जब अपनी आंख से देखोगी तब यकीन मानोगी कि तुम्हारी मां भी ऐसे ही मेरा लंड चूसती है.
और फ़िर मैंने धीरे से उसकी फ़्रोक के उपर से उसकी चूची पर हाथ रख कर सहला दिया.
वो सिहर गई और पीछे हट गई.
मैं जानता था कि साली चुदासी तो हो ही चुकी है अगर अभी पटक कर चढ़ जाऊँ तो कुछ ज्यादा बोलेगी नहीं मगर मैं अभी इसको सिर्फ़ ऊपरी मज़ा देकर छोड़ देना चाहता था क्योंकि काफ़ी वक्त हो चुका था और आंटी के आने का भी वक्त हो चुका था.
तब मैंने संगीता को गोद में खींच लिया और उसकी छोटी छोटी चूची को बहुत प्यार से सहलाने लगा, वो मेरी बाहों में कसमसा रही थी और हल्का सा विरोध भी कर रही थी.
तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी चिकनी चिकनी जांघों से फ़िराते हुए नीचे उसकी चड्डी के पास ले गया.
अब तो उसने अपनी दोनों टांगें एकदम भींच ली और मेरी तरफ़ बहुत दयनीय नज़रों से देखने लगी. मगर मैं तो आज उसको पूरा जवानी का पाठ पढ़ा ही देना चाहता था, मैंने उसकी चड्डी के ऊपर से उसकी बुर कुरेदनी शुरु कर दी.
अब संगीता को थोड़ी मस्ती चढ़नी शुरु हो गई, उसने धीरे से अपनी टांगें खोल दी और मैंने उसकी चड्डी उतार दी. अब वो सिर्फ़ ऊपर से फ़्रोक पहने हुए थी और मैं फ़्रोक के ऊपर से ही उसके निप्पलों को होंठ में भर कर दूसरे हाथ से उसकी बुर को कुरेदने लगा और फ़िर अपनी एक उंगली गैप से उसकी कोरी कोरी बुर में घुसा दी.
वो आआह्ह से चिल्ला उठी और मैं धीरे धीरे उसकी कुंवारी बुर में अपनी उंगली आगे पीछे करने लगा.
संगीता के चेहरे पर दर्द की लकीर साफ़ नज़र आ रही थी और वो अपने होंठों को दांतों से दबा रही थी. तभी मैंने उसकी बुर के और अंदर तक अपनी उंगली घुसा दी अब तो वो बकायदा रोने ही लगी थी ‘आआहह आआईईई प्लीज़्ज़ राआज्ज… आअईई बहुत दर्द कर रही है… निकाल लो प्लीज़ आआहह ऊऊफ़्फ़्फ़ प्लीज़्ज़ राज निकाल लो अपनी उंगली… बहुत दर्द कर रही है आआह्हह देखो अगर तुम नहीं मानोगे तो मैं मम्मी से कह दूंगी प्लीज़ राज!’
अब तो मेरी हवा खराब हो गई, मैंने सोचा कहीं बना बनाया खेल ना बिगड़ जाये और ये बुढ़िया से न कह दे, तब मैंने अपनी थोड़ी सी उंगली उसकी बुर के बाहर निकाल ली और उसके बूब्स को फ़्रोक के ऊपर से बहुत आराम से दबाने लगा.
अब उसे कुछ राहत मिल रही थी और थोड़ी ही देर बाद वो अपने चूतड़ को नीचे से उचकाने लगी.
जब मैंने देखा कि अब इसको थोड़ा मज़ा आने लगा है तो मैंने अपनी उंगली उसकी बुर से निकाल ली अब वो मेरी शक्ल देखने लगी और जब उससे रहा नहीं गया तो खुद ही कहने लगी- अब जब मुझे मज़ा आने लगा तो तुमने उंगली बाहर निकाल ली? प्लीज़ डालो न उंगली इसमें… बहुत अच्छा लग रहा था.
तब मैंने कहा- अभी तो नखरे कर रही थी?
संगीता ने कहा- नहीं नखरे वाली कोई बात नहीं, जब तकलीफ़ हो रही थी तब ही तुमसे निकालने को कह रही थी, अब डालने को भी तो कह रही हूं प्लीज़ डाल दो न उंगली!
तब मैंने कहा- आज बहुत देर हो गई है, अभी तुम्हारी मम्मी आने ही वाली है, तुम ऐसा करना आज रात को पहले खूब अच्छी तरह से अपनी मम्मी की चुदाई देख कर सीख लेना कि कैसे चुदवाया जाता है, तब कल मैं तुम्हें चोदूँगा!
ओ के!
मगर संगीता तो पूरी तरह चुदासी हो चुकी थी, फ़िर मैंने उस वक्त अपनी उंगली से ही उसका एक पानी झाड़ा और फ़िर उसको चड्डी पहनने को बोला और बताया कि आज रात को मैं जब तुम्हारी मम्मी की चुदाई करुंगा तब एक खिड़की खोल दूंगा ताकि तुम आसानी से सब नज़ारा देख सको.
और उसके बाद मैंने उस रात आंटी की दो बार गांड मारी और एक बार चूत!
और उसके बाद संगीता की कोरी कोरी बुर कैसे फ़ैलाई, इसका जिक्र अगली कहानी में करुंगा.
तो दोस्तो, आप सबकी दुआ आखिर रंग ले ही आई और संगीता को मैंने कैसे जवान और बालिग किया..
Antarvasna
दोस्तों मेरा नाम श्याम है। मैंने अन्तर्वासना Indian Sex Stories में पहले भी अपनी एक चुदाई के बारे में लिखा था।
मुझे बचपन से ही लड़कियों का साथ पसंद था, लड़को में कम बैठता था। मैं बहुत चिकना हूं और मेरे शरीर पर बाल नहीं हैं, मेरी गोल मोल गाण्ड है गुलाबी होंठ ! लड़की से ज्यादा मटक के चलता हूँ।
अब पिछ्ले भाग से आगे :
अगले दिन मम्मी पापा दिल्ली गए थे, घर मैं दादा-दादी और छोटी बहन थी।
मैंने कहा- आज मैं प्रीत के घर नोट्स बनाऊंगा, कल सुबह आ जाऊंगा।
मैं उसके बताये समय के मुताबिक जब मोची निकल गया तो मैं अंदर घुस गया तो अन्दर वो दूसरा बंदा था, उसने मुझे पकड़ कर खींच लिया, मैं डर सा गया।
वो बोला- डरता क्यूँ है? मैं ही हूँ !
उसने अपना पाजामा उतार फेंका और सिर्फ़ कच्छे और शर्ट में उसने झट से मेरी पैन्ट खोल कर घुटनों तक सरका दी और मेरा कच्छा भी उतार दिया और हाथ मेरी गोल गाण्ड पे फेरता हुआ बोला- क्या मस्त गाण्ड है ! क्या चिकनी जांघें हैं !
मैंने कहा- मुझे जाने दो !
वो बोला- साले एक बार मजा ले ! फ़िर तू ख़ुद मरवाने आया करेगा !
मैंने कहा- नहीं !
उसने मुझे नीचे पड़े कम्बल पिर पटक दिया मेरे पास आ कर मेरी शर्ट उतार कर मेरे मम्मों को दबाने लगा। मेरी छाती मर्द नहीं औरत जैसे कूली-फ़ूली है।
प्लीज़ छोड़ दो !
उसने अपना कच्छा उतार दिया, उसका काला लण्ड देख मेरी फट गई। उसका ख़ुद का रंग भी काला ही था, बिहारी था, पंजाब में काम करने आया था।
उसने सर से दबाते हुए मेरे मुहं में अपना लण्ड ठूंस दिया। मैं भी चूसने लगा। उसका लण्ड मोटा कम लंबा ज्यादा था इस लिए मुझे चूसने में आसानी लगी।
वो मेरी गाण्ड के छेद को चाटने लगा और उसमें ऊँगलीबाज़ी करने लगा, थूक लगा के उसने मेरी गाण्ड खुली की।
तब मैंने सोचा- श्याम ! आज चुदा ही ले !
मैंने ख़ुद को डीला छोड़ विरोध करना छोड़ दिया।
उसके बाद उसने मुझे सीधा ही लिटा के बीच में बैठ तकिया मेरे कूल्हों के नीचे रख उसने अपना लण्ड मेरी गाण्ड पे रख दिया और मेरे निपल चूसने लगा, कभी होंठ चूसता !
उसने एक धक्का मारा और लण्ड का सुपाड़ा मेरी गाण्ड में घुस गया। मेरी तो जान ही निकाल दी उसने !
मैं बोला- छोड़ !
वो बोला- कोई नहीं सुनेगा !
उसने मुझे पहले ही कस लिया था, दूसरे झटके में आधा लण्ड घुस गया, मैं रोने लगा उसको दया न आई और उसने २ धक्के और मार अन्दर तक पेल डाला। मेरी गाण्ड फट गई।
उसने एकदम सारा लण्ड निकाल लिया और कपड़े से खून साफ़ करके पास पड़ा सरसों का तेल लगा फ़िर घुसा दिया। अब उसने दो मिनट रुकते हुए धक्के मारने चालू किए। उसकी रगड़ से मुझे मस्ती मिलने लगी और ख़ुद उकसाने लगा। तेल की वजह से उसने अब मुझे जन्नत दिखा दी, उसकी हर रगड़ से मुझे लगता कि मैं हवा में उड़ रहा हूँ।
साथ मैं वो मेरे निपल चुटकी से मसल देता !
हाय ! चोद मुझे और चोद ! फाड़ दे बाकी बची गाण्ड !
हाय ! साला गाण्डू ! इतने दिन से तड़फा रहा था ! इतनी मस्त चीज़ निकलेगा, पता होता तो कब से चोद देता तु्झे ले खा लण्ड खा लण्ड !
हाय डालता जा !
वो बोला- रांड खाती जा !
फाड़ डाल हां !
बोला- घोड़ी बन जा, असली मुद्रा में डालता हूँ !
पीछे से डालते हुए वो सुपर फास्ट ट्रेन की तरह पेलने लगा।
अचानक से उसने स्पीड और तेज कर दी। स्पीड तेज करते ही वो ढीला सा पड़ गया, उसका माल- गरम माल मेरी गाण्ड में गिरता साफ़ पता चल रहा था। सारा दर्द-खुजली उसने मिटा डाली। हम एक दूसरे की बाँहों में लेट गए।
कुछ देर में मैंने ख़ुद उसका लण्ड मुँह में ले खड़ा कर दिया और खूब चूसने के बाद मैं घोड़ी बन गया। उसने डाल दिया और अब वो जल्दी झड़ने वाला कहाँ था मैं उसके ऊपर बैठ उछलने लगा, चुदने लगा।
पूरी रात अलग अलग तरीकों से चोदता गया। उसने ४ बार मेरी गाण्ड में पानी छोड़ा, गाण्ड का भुरता बना डाला लेकिन इतना मजा आया।
उसकी बात सच निकली कि एक बार गाण्ड मरवा ! ख़ुद कहेगा !
सुबह होने को थी, वो बोला- अब न सो गाण्डू ! आंख लग गई तो लेट हो जाएगा साले !
मैं रौशनी होने की इन्तज़ार करता हुआ उसके लण्ड को लुंगी से निकाल उसकी जांघों पे सर रख चूसने लगा।
उसका लण्ड फ़िर से ऐंठने लगा तो वो बोला- मत जगा इसको ! वरना तेरी सूजी गाण्ड मैं फ़िर डाल दूंगा !
मैं न रुका और चूसता रहा। उसके सुपाड़े को होंठों में अटका कर मजे लेने लगा। मस्ती में उसने थोड़ी गाण्ड नंगी कर छेद पे रखा, फ़िर पेल दिया। कपड़े पहने ही उसने मुझे १० मिनट की चुदाई दी। उसका झड़ा नहीं। मैं ख़ुद हट गया और चलने लगा।
उसने कहा- अब कब आयेगा?
मैंने कहा- शाम को !
वो बोला- आज शाम को उसका एक साथी भी होगा, उसकी शिफ्ट बदल रही है !
मैंने उसकी यह बात सुनी नहीं, निकल आया और किसी कारण शाम को मैं नहीं जा पाया।
उसके बाद एक हफ्ता मैं उस से नहीं मिला।
एक दिन मैं वापिस आते उसके कमरे में चला गया। मैं सीधा अन्दर गया। वहाँ उसका दोस्त भी था तो मैं वापिस चलने लगा।
तभी उसने दोस्त से कहा- यह गाण्डू है, मरवाता है, चूसता भी बहुत है !
दोनों ने मुझे रोक लिया और फ़िर क्या हुआ अगली बार लिखूंगा किस तरह मैं गाण्डू बन गया। अब तक मैं आठ मर्दों के लण्ड ले चुका हूँ।
अगर मेरी चुदाई अन्तर्वासना ने छाप दी तो मैं आपको अपने लिए हर लण्ड के बारे में लिखूंगा।
प्लीज़ ! मेरी विनती है कि मेरी चुदाई ज़रूर छाप देना। बड़ी मेहनत से टाइप करनी पड़ती है। Indian Sex Stories
हाय! दोस्तो मैं फिर वापस आ गया हूं अपनी Sex stories अधूरी कहानी लेकर आप, लोगों ने मेरी कहानी को काफी पसंद किया और बहुत सारा मेल भी, इसके लिये धन्यवाद।
तो पिछली कहानी में मैं अपनी मामी जी की चूची फिल्म देखते हुये प्यार से दबा रहा था और मामी जी कुछ नहीं बोली आगे इसी तरह चूची दबाते हुये पूरी फ़िल्म देख ली। इस बीच हम लोगों में कोई बात नहीं हुई और हम लोग घर चले आये आने के बाद पता चला कि मामा जी भारत जा रहे हैं और कल आयेंगे मामा जी ने मुझे अच्छी तरह समझाकर चले गये मामा जी और मामी जी एक रूम में सोते थे, नानी जी और मामी जी की लड़कियां एक रूम में सोते थे और मैं कुछ नौकरों को लेकर एक जगह सोता था
पर आज रात मुझे नींद कहाँ आ रही थी करीब १२ बजे उठा और दबे पाँव मामी जी के कमरे की ओर चल पड़ा जाकर जैसे ही मैने दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया दरवाजा खुल गया मुझे समझते देर नहीं लगी कि मामी जी मेरे लिये ही दरवाजा खुला छोड़ रखी है फिर मैं मामी जी के पास आहिस्ते से दरवाजा बंद करके पहुँचा और पहुँच कर उनके बगल में लेट गया और लेट कर उनकी चूची को फिर से दबाने लगा ५ बच्चे की माँ होने के बावजूद उनकी चूची काफी टाइट हो गई मैं करीब ५ मिनट तक चूची को दबाता रहा उसके बाद मैने आहिस्ते से हाथ उनकी चूत पर रखा कर कपड़े के ऊपर से ही सहलाने लगा इस के बावजूद जब कुछ नही बोली तब मैने उनको खींच कर सीधा किया और साड़ी पेटीकोट को उठा कर सीधा चूत को चाटना शुरु कर दिया करीब २ मिनट के बाद ही उनके मुख से काफी मादक और उत्तेजक सिसकारियां निकलनी शुरु सो गयी और मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी मामी जी इतनी गंदी गाली भी दे सकती हैं
वो उन्माद में पागल हो कर बकने लगी आआआआ मेरे राजाआआआअ चाट लो काट कर खाआआआअजाओ मेरी चूत को अबे रंडी का बच्चा मादर चोद सुबह से चूची दबा दबा कर पागल कर रखा है तेरी मा की चूची था किया मादर चोद चूची तू दबाये चूत किया तेरा माँ का भतार दबाये जा या मेरी चूची दबाने के बाद अपनी माँ की चूत में लंड डाले जाअ बोल बोलना बे भोसड़ी बाला आआआआआ सीईईइ आआआऔऊऊऊऊऊऊउआआ आआआ उसकी गाली सुनकर मुझे काफी गुस्सा आ गाया और मैं चूत चाटना छोड़ कर उठा और अपना कपड़ा खोला और उसकी दोनो टांग उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और लंड उसके चूत पर रख कर इतनी जोर का धक्का दिया कि उसकी चूत गीली होने के बावजूद उसके मुख से चीख निकल पड़ी फिर क्या था वो हमें गाली पे गाली देती रही और मैं धक्के पे धक्का देता रहा करीब दस मिनट के बाद मैं शांत हुआ इस बीच वो तीन बार झड़ी….. बस दोस्तों आज ये कहानी फिर अधूरा छोड़ रहा हूं लेकिन इस वादे के साथ कि हम फिर मिलेंगे Sex stories
अन्तर्वासना के पाठकों को Hindi Sex Stories पुलकित झा का नमस्कार। घरेलू कहानियों के शौकीन पाठकों के लिए हाज़िर है एक और मस्त कहानी…
जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मेरी कहानियाँ मेरी कल्पनाओं पर आधारित हैं, परन्तु पाठकों ने इन्हें इतना पसन्द किया कि मैं फिर एक नई कहानी पेश कर रहा हूँ।
मेरे पिताजी का तबादला हो गया और हम एक नए शहर में आ गए और एक साधारण से मुहल्ले में किराए पर रहने लगे। मुझे अपने से बड़ों से दोस्ती करने का शौक था सो मेरी दोस्ती राजन और रमेश से हो गई। वे दोनों दीदी के कॉलेज में ही पढ़ते थे और बिगड़े हुए रईसज़ादे थे। दीदी बस से कॉलेज जाती थी। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा फिर एक लड़का दीदी के पीछे पड़ गया और उसने दीदी को छेड़ना शुरु कर दिया।
दीदी बहुत परेशान रहने लगी, फिर एक दिन मुझे बता दिया। मैंने राजन से इस बारे में बात की तो उन्होंने उस लड़के को पीट दिया, और कुछ दिन तक दीदी के आने-जाने पर भी नज़र रखी। कॉलेज में भी वे उसका ध्यान रखने लगे। इधर मेरी दोस्ती भी उनके साथ बढ़ने लगी। मैं जब भी उनके साथ होता था तो अक्सर सेक्स की, विशेष रुप से घरेलू सेक्स की बातें करते थे। मुझे बहुत मज़ा आता था।
उनकी बातों से प्रेरित होकर मैंने दीदी के लिए ताक-झाँक करनी शुरु कर दी, और फिर एक दिन बाथरूम में उसे नंगी नहाते हुए देखा। पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा… आआआहहहह्हहहह… नंगी तस्वीरें तो बहुत देखी थीं, पर वास्तविक लड़की… आआहह्हह। फिर मैंने बार-बार झाँकना शुरु कर दिया। मुझे यह हज़म नहीं हो रहा था। अब जब भी राजन और रमेश बातें करते थे, उसकी चूत-गाँड-चूचियाँ मेरी आँखों के सामने तैरने लगती थीं। राजन और रमेश ने इसे ताड़ लिया। अब वे मुझे अपनी बातों में अधिक शामिल करने लगे और मैं भी खुल गया और बातों ही बातों में उन्हें बता दिया।</p
“अरे वाह, तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला…! ” राजन ने मेरी पाठ पर एक धौल जमाते हुए कहा।
“तुम लोग ऐसी बातें करते हो, तो मेरा मन फिसल गया…”
“अरे बहुत बढ़िया किया… हाय… कुँवारी चूत को आँखों से चोद रहा है….” रमेश बोला।
“यार कुछ भी कहो… तेरी बहन है माल… शरीर पर बाल हैं या चिकनी-चिकनी एक दम…”
“तू कहे तो चोद लें…”
“बात करना अलग बात है… ऐसी लड़की नहीं है वो…” मैंने कहा, तो वे दोनों मुस्कुराए।
“अब जब बात खुल ही गई है, तो तुझे बता दें कि पटा तो हमने लिया है उसे… पर तेरा लिहाज़ था सो हमने बात बढ़ाई नहीं है…” राजन ने कहा।
“वरना, वो तो कब से टाँगें फैलाए लेटी है हमारे लिए…” रमेश हँसते हुए बोला।
“शट अप… वो ऐसी नहीं है… मैं नहीं मानता…”
“तू अगर शर्त लगाए तो तेरे सामने चोद के दिखा दें…”
“शर्त मतलब…?”
“हम जीते तो तू हमें अपना जीजा मान लेना।”
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“और फिर हम तेरे घर में आकर ही उसे चोदा करेंगे!!!!” राजन ने कहा।
मुझे उनकी बातें बुरी नहीं लग रहीं थीं, पर बनावटी नराज़गी दिखाते हुए मैंने उनकी शर्त मान ली। फिर कुछ दिनों तक हमारे बीच कोई बात नहीं हुई। फिर एक दिन शाम को सात बजे राजन का फोन आया और उसने मुझे साढ़े आठ बजे कॉलेज की कैन्टीन में आने को कहा। दरअसल उस दिन कॉलेज का वार्षिक महोत्सव था। दीदी शाम छः बजे ही चली गई थी और दस बजे तक आने की कह गई थी। राजन के फोन का मतलब तो मेरी समझ में नहीं आया पर मैं आठ बजकर बीस मिनट पर वहाँ पहुँच गया। राजन बाहर ही खड़ा मिला और मुझे देखते ही अँधेरे कोने में ले गया…
“क्या बात है, मुझे क्यों बुलाया…”
“चुप आवाज़ मत कर… आज हम शर्त जीतने वाले हैं… राजन लेने गया है…” वह कुटिलता से हँसते हुए बोल…।
“किसे…” मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा…।
“तेरी बहन को… साले… आज तुझे अपना साला बनाएँगे…”
“मैं जा रहा हूँ… मुझे अजीब सा लग रहा है…”
“पागल है… आज सीधा प्रसारण देख… और फिर तूने वायदा किया है कि तू हमें सपोर्ट करेगा…”
मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा। तभी राजन दीदी को लाते हुए दिखा। रमेश ने मुझे एक ऐसी जगह छुपा दिया, जहाँ एक खिड़की थी। कमरे में एक बिस्तर था। तभी राजन दीदी को लेकर कमरे में आया। दीदी कुछ सहमी सी तो थी, पर आई अपनी मर्ज़ी से थी। रमेश भी वहाँ पहुँच गया और उसने दरवाज़ा बन्द कर लिया।
“ये कहाँ ले आए हो… कोई आ गया तो मैं बदनाम हो जाऊँगी…” दीदी ने कुछ सहमते हुए कहा तो रमेश ने उसे बाँहों में भींचते हुए कहा…
“चिन्ता मत कर रानी… यहाँ कोई डर नहीं है…”
“नहीं.. यहाँ… नहीं…”
“अब नखरे मत कर… इतने दिनों से मौक़ा तलाश कर रहे थे…” और फिर रमेश ने उसे नंगा करना शुरु किया तो वह कुछ विरोध करने लगी, पर उन्होंने उसकी परवाह नहीं की। राजन भी वहाँ आ गया। रमेश ने उसकी शर्ट उतारी तो राजने ने उसकी जीन्स खोल दी और कुछ ही पल में वह ब्रा और पैन्टी में थी।
मेरी साँसें फूलने लगीं। राजने ने ब्रा भी खोल दी, तो दीदी नीचे बैठ गई। फिर वे भी नंगे हो गए। उनके लंड तने हुए थे। उन्होंने दीदी को उठाया और सीधे बिस्तर पर ले गए और फिर दोनों ओर से लिपट गए। वह ना-ना करती रही और वे उसके अंगों से खेलते रहे। उसे पता भी नहीं चला कि कब उसकी ब्रा-पैन्टी उसका साथ छोड़ गई। थोड़ी देर में वह भी गरम हो गई और फिर उनका साथ देने लगी, तो उन्होंने उसे सीधा किया और फिर पहले राजने ने नम्बर लिया। वह टाँगों के बीच में आया और उसकी टाँग उठा कर अपना लंड उसकी चूत की छेद पर टिका दिया। रमेश इस बीच चूचियों को सँभाल रहा था और दीदी उसके लंड से खेल रही थी कि राजन ने एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया… दीदी की चीख निकलने को हुई कि रमेश ने उसका मुँह अपने होंठों से बन्द कर दिया और फिर राजन पिल पड़ा… वह कराह रही थी, पर वह पूरी ताक़त से चोदे जा रहा था। दो सौ से भी अधिक चोट मारने के बाद वह चूत में झड़ गया। दीदी निढाल सी हो गई। उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था। रमेश ने उसकी चूत कपड़े से पौंछी तो वह उठ बैठी…
“अब नहीं…”
“अच्छा… अब मेरा नम्बर आया तो नहीं कर रही है…?” चूत पौंछ कर वह बगल में लेट गया।
“थोड़ा रुक कर, कर लेंगे…”
“चिन्ता मत कर, मैं उस राजन की तरह गँवार नहीं हूँ… प्यार से चोदूँगा।”
और फिर वह उसे चूमने-चाटने लगा। जब वह थोड़ी सामान्य हुई, तो वह ऊपर लेट गया और लंड चूत की दरार में रगड़ने लगा। दीदी की चूत फिर गरम होने लगी तो रमेश ने धीरे से लंड चूत में उतार दिया और फिर पहले धीरे-धीरे चोदने लगा। जब वह पूरी तरह से मज़े लेने लगी तो उसने गति बढ़ा दी। वह आह्ह्हह… आह्हहह करने लगी, पर रमेश ने भी पूरी ताक़त से उसकी चूत ठोंकी। वह निढाल हो चुकी थी। वे दोनों भी उसकी बगल में लेट गए तो मैं भाग आया।
दूसरे दिन फिर शर्त के अनुसार मैंने दोनों को जीजाजी कहा। Hindi Sex Stories
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